Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Wayanad: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Wayanad who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Wayanad that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Wayanad massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Wayanad who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Wayanad massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Wayanad massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Wayanad who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Wayanad employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Wayanad helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Wayanad

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Wayanad at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

आज मैं आपको अपनी ज़िन्दगी Antarvasna की वो दास्ताँ सुनाने जा रही हूँ जिसे अगर गलती से भी मेरे पति ने पढ़ लिया तो वो अपने ऑफिस के
हर मर्द को बारी बारी से बुलाकर मेरी मुलायम बिना झांटों वाली गुलाबी बुर को चुदवा चुदवा के भोसड़ी वाला कुआँ बनवा देगा।

मेरा मर्द बहुत बड़ा वाला चुदक्कड़ है। साला चोदता कम और चिल्लाता ज्यादा है।

खैर पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ बता दूं। मेरा जन्म एक छोटे कस्बे में हुआ।

हम पांच बहनें हैं। माताजी को पांचवी के जन्म के बाद ही पिताजी ने घर से निकाल दिया। मेरी बड़ी बहन ने बहुत कोशिश की पर

पिताजी नहीं माने।

असल में पिताजी की नजर पड़ोस वाले कस्बे के किसी बनिए की विधवा बहू पर पड़ गई थी। माँ के जाते ही पिताजी उसे घर ले आये।

क्यूंकि पिताजी का रुतबा बहुत था उन दिनों तो किसी ने कोई आवाज़ नहीं उठाई।

खैर मैं इन सब दुनियादारी वाली बातों से अनजान अपने तरीके से बड़ी हो रही थी, क्यूंकि अपनी माँ की वो पांचवी बेटी मैं ही थी, तो

सारी बहने मुझे ही जिम्मेदार समझ कर मुझसे बातचीत नहीं करती थी।

पिताजी पर तो उस छम्मक छल्लो ने ऐसा जादू किया कि पिताजी दिन भर उसके कमरे में ही घुसे रहते।

इस तरह मैं बड़ी हो गई। पिताजी ने मुझे पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया। हम सभी बहनें घर पर रह कर ही पढ़ाई करती रही।
परीक्षा देने स्कूल जाना पड़ता था।

जब दसवीं बोर्ड की परीक्षा आई तो पिताजी ने मुझे पढ़ने के लिए एक मास्टर का इंतजाम कर दिया। वो मास्टर रोज मुझे दिन में दो

बजे पढाने आता था। मास्टर जी की उम्र पैंतालीस थी और वो जोर से बोल नहीं पाते थे शायद किसी बीमारी की वजह से।

तो कहानी कुछ इस तरह है।

एक रात मुझे मेरी बड़ी बहन ने बहुत मारा। मुझे लगा शायद फिर वोही माँ की याद आ रही होगी। मेरी सभी बहनें माँ को याद करती

तो मेरी ही पिटाई करती।

पर उस दिन मुझे बहुत बुरा लगा। मैं चुपचाप अपने कमरे में आकर रोने लगी। तभी मुझे कुछ अजीब सी आवाज आई। मैंने इधर उधर

देखा तो लगा कि आवाज पिताजी के कमरे से आ रही है। मैं दबे पाँव उनके कमरे की तरफ जाकर खिड़की से झाँकने लगी।

अन्दर का नजारा देख कर मैं दंग रह गई। अन्दर मेरी सौतेली माँ हमारे नौकर श्याम के होंठ चूम रही थी। श्याम का एक हाथ मेरी माँ

की गांड पर था और दूसरे हाथ से वो माँ की चूची मीस रहा था।

नजारा देखकर मेरे दिमाग में करंट सा लगा। तभी मेरी नजर बिस्तर पर पड़ी। मेरा तो सर घूमने लगा।

मैंने देखा मेरे पिताजी पूरे नंगे बिस्तर पर लेट कर अपने लुल्ले को हिला रहे थे।
मुझे थोड़ा धक्का सा लगा। मैंने कभी किसी के लुल्ले को इतना बड़ा नहीं देखा था। मेरी दोनों टांगों के बीच गुदगुदी सी होने लगी।

फिर माँ ने श्याम के होठों से होंठ चिपकाये हुए उसकी धोती खींचनी शुरू कर दी। श्याम भी मेरी माँ के ब्लाउज को जोर से खींचने

लगा।

मेरे पिताजी ने कहा- और जोर से खींच! फाड़ डाल!

इतना सुनते ही श्याम ने मेरी माँ का ब्लाउज बीच से फाड़ दिया। ब्लाउज के फटते ही मेरी माँ की चुचियाँ खुल के बाहर आ गई। श्याम

भूखे कुत्ते की तरह मेरी माँ की चूचियाँ चूसने लगा।

मेरी माँ भी बहुत ही जोर जोर से सिसकरियाँ ले रही थी। पिताजी का लुल्ला किसी डंडे की तरह खड़ा था।

मेरी माँ ने इस बार श्याम की धोती एक झटके में खींच दी। धोती खुलते ही श्याम का लुल्ला भी किसी सांप की तरह फनफनाता हुआ

ऊपर नीचे होने लगा।

मेरे तो होश उड़ गए थे। मेरी माँ ने तभी श्याम के लुल्ले को अपने हाथो से पकड़ लिया और सहलाने लगी। श्याम भी माँ की चुचियों

को हौले हौले दबा रहा था। फिर माँ ने पिताजी की तरफ देखा।

पिताजी ने कहा- चूस ले रांड! आज इस लंड को चूस ले!

तब मुझे पहली बार पता चला कि बड़े वाले लुल्ले को लंड कहते हैं।

फिर माँ श्याम के लंड को अपने मुँह में ले कर आइसक्रीम की तरह उसे चुम्लाते हुए चूसने लगी।

श्याम माँ के मुँह में धक्का लगा रहा था। तभी मैंने देखा कि माँ पिताजी के लंड को अपने हाथों में भींचकर तेजी से आगे पीछे करने

लगी। पिताजी हाय हाय करने लगे।

कुछ ही देर में पिताजी के लंड से एक पिचकारी निकली और पिताजी हाँफते हुए पीछे लुढ़क गए। फिर माँ ने श्याम को अपने ऊपर लेटने

कहा। श्याम माँ के ऊपर लेट गया और जोर जोर से उछलते हुए गाली बकने लगा। माँ उफ़ हाय! चोदो जोर से… कहते हुए नीचे से

धक्के लगा रही थी।

मेरी चड्डी पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने देखना जारी रखा। कुछ देर बाद श्याम आया आया… कहते हुए माँ के ऊपर कस के लेट गया।

माँ भी आजा मेरे राजा कहती हुई कस के श्याम से लिपट गई।

तभी मेरी बड़ी बहन की आवाज सुनकर मैं वापस अपने कमरे की ओर भागी और कमरे में आकर रजाई में घुस गई।

मेरी चड्डी पूरी भीग चुकी थी और साँसे गर्म हो गई थी। पूरे बदन में चीटियाँ चल रही थी। मैंने किसी तरह चड्डी बदली और वापस लेट

गई।

पर नींद तो आँखों से बहुत दूर थी। मेरा हाथ अपने आप मेरी बुर में चला गया।

मैं श्याम के लंड के बारे में सोचते हुए अपनी बुर को सहलाने लगी। मेरी साँसे तेज चलने लगी। मेरे बदन में एक अजीब सी गर्मी चढ़

गई थी।

मैं हाय श्याम! हाय श्याम! कहती हुई अपनी बुर में हाथ फिराती रही।
तभी मुझे लगा कि मैं हवा में उड़ रही हूँ।
मैंने अपना हाथ तेजी से अपनी बुर में चलाना चालू किया।
कुछ पलों बाद मेरी बुर से एक पतली धार बहने लगी और मुझे इतना मजा आने लगा कि मैं बता नहीं सकती।

कुछ देर तक मैं वैसे ही पड़ी रही फिर मुझे नींद आ गई। उस रात मैंने पहली बार जाना कि जवानी किसे कहते हैं और फिर मैंने जवानी

के मदमस्त जीवन में कदम रखा।

अब मेरी शादी हो चुकी है पर शादी तक पहुँचने से पहले मैंने कितने प्यासे लोगों को पानी पिलाया यह मैं आपको गुरूजी के माध्यम से

बताती रहूंगी।

क्यों गुरूजी! आप मेरी कहानियाँ सब तक पहुँचाओगे न?

आपकी अंतरा
दोस्तो कैसी लगी मेरी कहानी! Antarvasna

हेल्लो दोस्तो! Antarvasna Sex Stories

मैं साक्षी एक बार फिर से हाजिर हूँ Antarvasna Sex Stories अपनी नई कहानी लेकर! सबसे पहले तो मैं आप सब लोगों का तहे-दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ कि आप लोगों ने मेरी कहानी कली से फूल बनूँ‘ को इतना सराहा और इतने ईमेल भेजे।

अब मैं अपना एक सन्देश उनको देना चाहती हूँ जो पहली बार सेक्स करते हैं।

कृपया सेक्स में जल्दी न मचायें और पहले जी भर के प्यार करें एक दूसरे को और अच्छे से यौन-पूर्व-क्रीड़ा करें फिर आगे बढ़ें!

मैं एक बात और लड़कियों को बताना चाहती हूँ कि आप लोग अगर सेक्स का मौका यह सोच कर छोड़ देती हैं कि आपके पति को शायद पता चल जायेगा!

तो बेफिक्र होकर सेक्स करिए क्योंकि किसी भी हालत में उन्हें नहीं पता चलने वाला!

तो शुरु करते हैं-

उन्हीं दिनों मेरी एक सहेली थी नीतू नाम की। हम दोनों लगभग सारी बातें एक दूसरे को बता देते थे। वो भी मेरी ही उम्र की थी और मेरी जैसी ही सुन्दर और उसका फिगर भी लगभग मेरे जैसा ही था।

एक दिन मैं घर पर अकेली थी और नीतू रात के लगभग 10 बजे मेरे घर पर आई। वो मेरे घर के बाजू वाले घर में ही रहती थी इसलिए रात को कभी कभी आ जाती थी। फिर हम दोनों साथ में टीवी देखती थी।

उसके आने के थोड़ी देर पहले ही मैंने रोहित की दी हुई एक व्यस्क मूवी देखी थी इसलिए थोड़ा उत्तेजित हो रही थी। मुझे रोहित की कमी महसूस हो रही थी। नीतू ने नाईट-सूट पहना था और मैंने ट्रांसपरेंट सी नाईटी पहनी थी जिसमें से मेरी ब्रा और पैंटी भी दिख रही थी।

नीतू- साक्षी आज तो तुम क़यामत लग रही हो।
साक्षी- क्यों ऐसी क्या बात है मेरी जान?
नीतू- तुमने तो गजब की नाईटी पहन रखी है!

फिर मैंने नीतू को अपनी बाँहों में भर लिया और चूम लिया।

नीतू- यह क्या कर रही हो? मैं तुम्हारी बॉय-फ्रेंड नहीं हूँ!
“तो क्या हुआ मेरी जान तुम रोहित से कम भी तो नहीं हो!”

और फिर मैंने नीतू के स्तनों को हल्के से दबाया, नीतू ने थोड़ी प्रतिक्रिया की पर फिर मना नहीं किया। शायद वो भी मूड में थी।

मैं उसको लेकर बिस्तर पर पहुँच गई और हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे की बाँहों में आ गए।
हम दोनों एक दूसरे के होंठों को कस के चूसने लगे। मैं नीतू के स्तन भी हल्के हल्के दबा रही थी।

फिर मैंने नीतू के नाईट-सूट के टॉप के बटनों को खोला और उसे ऊपर करके उतार दिया। नीतू ने पीले रंग की ब्रा पहनी थी और उसके स्तन उसमें से बाहर आने को बेचैन थे।

नीतू ने भी मेरी नाईटी की गांठ खोल दी और मैंने अपनी नाईटी उतार दी।

फिर मैंने नीतू की लोअर धीरे धीरे उतार दी। अब हम दोनों ही सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। मैंने गुलाबी रंग की ब्रा और पैंटी पहनी थी। हम दोनों एक दूसरे को बाँहों में कस के जकड़ कर प्यार करने लगे और दोनों एक दूसरे से स्तन मसलने लगे।

फिर मैं नीतू के ऊपर आ गई और उसकी ब्रा को ऊपर कर दिया, उसके दोनों बड़े बड़े चुचे उछल कर बाहर आ गए और मैंने दोनों को कस के बारी बारी से चूसा।

आआअह्ह ह्ह्ह सवीईईऽऽ! क्या कर्रऽऽ रही हओ!

कुछ नहीं मेरी जान कब से तुम प्यार करना चाहती थी, आज तो मैं जी भर के तुम्हें प्यार करुंगी।

फिर मैं उसके दोनों स्तन मसलने लगी और चूसने लगी। उसने भी मेरी ब्रा नीचे कर दी तो मेरे दोनों चुचे बाहर आ गए। मैं थोड़ा ऊपर गई और अपने चुचे उसके मुँह के ऊपर ले गई।

उसने भी उछल कर मेरी चुचियों को मुँह में दबाया और कस के चूसने लगी।

फिर थोड़ी देर बाद मैं उसके पेट को चूमते हुए नीचे आई और उसके पैंटी के ऊपर से किस किया। उसकी भी पैंटी गीली हो गई थी। फिर मैं उसकी पैंटी नीचे करने लगी तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।

नीतू- बस साक्षी इससे ज्यादा ठीक नहीं है!

साक्षी- पगली, मैं ही तो कर रही हूँ, मैं तुम्हें गर्भवती थोड़ा न कर दूंगी! तुम तो बस मजे लेती जाओ!

फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी, उसने अपने हाथों से अपनी चूत को ढक लिया। मैंने उसके हाथ हटाये और फिर उसकी जांघों के आस पास किस करते हुए जैसे ही उसकी गीली चूत को किस किया-

आऽऽह आऽऽ साआअवीईई!

वो पागल हो उठी, शायद उसको इतना मजा कभी नहीं आया था!

फिर मैं उसकी चूत को कस के चूसने लगी

ऊऊओह्ह ह्ह्ह्ह म्म्म्माआह!

नीतू कस के बिस्तर पकड़ कर चिल्ला रही थी।

फिर करीब 15 मिनट तक मैं उसकी चूत को चूसती रही, फिर ऊपर गई और उसके मुँह के पास बैठ गई।

नीतू मेरा इशारा समझ गई, उसने मेरी पैंटी को किनारे किया और मेरी चूत में अपनी जीभ घुसेड़ दी।

अब मैं मजे ले रही थी- मैं अपने हाथों से अपनी चुचियों को हल्के हल्के मसल रही थी।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने भी अपनी पैंटी नीतू के सामने बगैर शरमाते हुए उतार दी। हम दोनों एक दूसरे के सामने पूरी नंगी थी। फिर हम दोनों ने एक दूसरे को बाँहों में भर लिया और होठों को चूसने लगे और एक दूसरे की चुचियों को मसलने लगी।

नीतू- यार मेरी हालत तो तुमने ख़राब कर दी है, अब पूरा सेक्स कैसे होगा?

अब कोई हो तो बुलाओ!

शायद नीतू की आवाज रोहित ने सुन ली, मैं दरवाजा अन्दर से बंद करना भूल गई थी और यह भी कि मैंने रोहित को घर 10 बजे बुलाया था।

पर वो 10.30 बजे आया, दरवाजा खुला पा कर वो ड्राइंग रूम से होते हुए सीधे मेरे बेडरूम में आ गया, जहाँ हम दोनों गुथमगुथा थी।

उसकी तो बाछें खिल गई!

हम दोनों ही मना करने लायक हालत में नहीं थी और बिस्तर में एक दूसरे की बाँहों में सिमटे हुई थी।

पहले तो नीतू ने ही रोहित को देखा और वो ऊपर से नीचे तक कांप गई।

मैं तो उसकी चुचियों को नीचे जाकर चूस रही थी और उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल के उसकी चूत को फैला रही थी।

उसने मुझे झझकोरा, मैंने रोहित के तरफ देखा और कहा- अरे रोहित तुम कब आये?

अब सब अकबका रहे थे।

फिर रोहित ने अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया और हमारे सामने ही अपनी टी शर्ट उतारी और फिर जीन्स भी उतार दी।

उसका लंड एक साथ दो दो नंगी लड़कियों को देख कर पागल हुआ जा रहा था। उसके अंडरवियर से ही उसका लंड फनफना रहा था। फिर उसको अपना अंडरवियर भी उतारना पड़ा क्योंकि उसका लंड उसमें से बाहर आने को मचल रहा था।

मैंने रोहित को पहले नीतू की जवानी तारने के लिए इशारा किया क्योंकि वो मुझसे ज्यादा तड़प रही थी।

फिर मैं नीतू से अलग हो गई और रोहित ने नीतू को अपनी बाँहों में भर लिया, नीतू भी रोहित से चिपक गई और रोहित नीतू के स्तन दबाते हुए उसको रसीले होठों को चूसने लगा।

मैं रोहित को देख रही थी और मेरी हालत और ख़राब होती जा रही थी। रोहित जी भर के नया स्वाद चख रहा था।

फिर रोहित नीचे आ कर नीतू की चुचियों को मुँह में ले कर चूसने लगा और कस के मसलने लगा।

नीतू ये सब पहले ही करवा चुकी थी इसलिए उससे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था, वो बहुत जोर से तड़प रही थी।

फिर रोहित ने नीतू की चुचियों को अच्छे से चूसा और दबाया, फिर उसका पेट और नाभि चूमते हुए वो नीचे आने लगा। नीतू की चूत तो जबरदस्त गीली थी क्योंकि मैं भी उसे कस के चूस चुकी थी।

फिर रोहित ने नीतू की चूत को फैला कर अपनी जीभ अन्दर डाल दी और उसकी दोनों चुचियों को दबाते हुए उसकी चूत को चूसने लगा।

15 मिनट तक रोहित ने नीतू की चूत को कस के चूसा और फिर वो ऊपर आया और अपना लंड नीतू के मुँह के ऊपर रख दिया, नीतू की आँख बंद थी इसलिए जैसे ही उसने आँख खोली रोहित का लंड अपने मुँह के ऊपर देख कर वो एकदम से घबरा गई।

उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसको रोहित का लंड मुँह में लेने का इशारा किया।
फिर वो रोहित का मोटा और लम्बा लंड मुँह में ले कर चूसने लगी।
रोहित आहें भर रहे था।

मैं रोहित के पास आ कर बैठ गई तो रोहित मेरी चुचियों को मसलने लगा।
नीतू रोहित का लंड इतने जोर जोर से चूस रही थी कि रोहित नीतू के मुँह में ही स्खलित हो गया।
नीतू ने भी उसका वीर्य पूरा पी लिया और तब तक लंड मुँह में ले कर रखा जब तक वो दोबारा खड़ा नहीं हो गया।

फिर रोहित ने अपना लंड नीतू के मुँह से निकाला और फिर उसके ऊपर लेट गया।
रोहित ने अपना लंड नीतू के चूत में रखा और कस के धक्का मारा।
“आऽऽऽह आऽऽ म्म्म म्मर गईइऽऽऽ!” नीतू गला फाड़ कर चिल्लाई।

मैंने एकदम से नीतू के मुँह में अपना हाथ रख दिया और अपनी चूत को नीतू के मुँह में लाकर उसके ऊपर बैठ गई।

नीतू ने अपनी जीभ मेरी चूत में डाल दी और उधर रोहित पूरी ताकत से नीतू के चूत में अपना लंड घुसाने लगा।

मैंने रोहित को बोला- आराम से डालना जानू! नहीं तो कुंवारी लड़की मर जायेगी।

पर रोहित कहाँ रुकने वाला था, उसने तो बस पूरी ताकत से अपना लंड नीतू की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुसेड़ दिया।

नीतू इतना जोर का धक्का बर्दाश्त नहीं कर पाई और बेहोश हो गई।

रोहित ने पास पड़ा तौलिया उठाया और नीतू की चूत से निकल रहे खून के आस पास तौलिया लगा दिया।

मैं उठी और फिर पानी लाकर नीतू के चहेरे में एक दो बूँद पानी के छींटे मारे।

नीतू होश में आई तो रोने लगी। फिर मैंने उसे समझाया कि पहली बार तो ऐसा होता ही है क्योंकि मेरे साथ भी हुआ था।

अब तक नीतू भी कुछ सामान्य हो गई तो रोहित उसे धीरे धीरे चोदने लगा।

शुरु शुरु में कुछ धक्कों तक तो नीतू चिल्लाती रही फिर धीरे धीरे उसकी चीखें उसकी आहों में बदल गई- आआह्हह साआआवीईईई…

नीतू ने कहा- ये तुम्हारा प्रेमी तो बिल्कुल एक्सपर्ट है चुदाई का!

यह सुनकर रोहित फुला नहीं समाया और फिर वो नीतू को जोर जोर से चोदने लगा, पूरा कमरा नीतू के आहों से गूंजने लगा- आहऽऽअ ऊओह्ह ह्ह्ह!

रोहित नीतू को थोड़ी देर तक जोर जोर से चोदता रहा फिर पता नहीं उसको मेरे पर भी तरस आ गया। उसने अपना लंड नीतू की चूत से निकाला और पूरा नीतू की चूत का रस लगा गीला लंड मेरे मुँह में दे दिया।

मैंने उसका लंड अपने मुँह में पूरा अन्दर ले लिया और उसके मोटे और लम्बे लंड को जोर जोर से चूसने लगी।

नीतू की चूत का रस मुझे बहुत भा रहा था।

नीतू अपनी चूत में ऊँगली डाल के ऊँगली अपने मुँह में डाल रही थी।

फिर रोहित ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और मुझे अपने गोद में बिठा लिया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।

फिर मेरी गांड को ऊपर उठा के मुझे चोदने लगा और मेरी चुचियों को अपने मुँह में भर के चूसने और दबाने लगा।

क्या रात थी वो!

और रोहित की तो जैसे किस्मत खुल गई थी! दो दो लड़कियों के मजे ले रहा था वो!

थोड़ी देर बाद उसने मुझे कुतिया स्टाइल में किया और पीछे से चोदने लगा।

मैंने नीतू की चूत को अपने मुँह के पास किया और उसकी चूत को चाटने और चूसने लगी।

फिर करीब 2 घंटे तक वो हम दोनों को बारी बारी से चोदता रहा और हम दोनों लड़कियों की रात उसके पहलू में गुजरी।

मैं बता और लिख नहीं सकती की क्या क़यामत की रात थी वो!

सवेरे जब मैं जागी तो रोहित जा चुका था, नीतू मेरी बाँहों में कस के जकड़ के सो रही थी।

मैंने नीतू को अलग करने की कोशिश करी तो वो ऊँघते हुए उठी।

मैंने नीतू की तरफ देखा तो नीतू थोड़ा शरमा सी रही थी। मैंने पूछा- क्या हुआ मेरी जान?

तो नीतू ने कहा- मैंने बहुत अच्छा सपना देखा कि मैं तुम और तुम्हारा प्रेमी रोहित एक साथ हैं और वो सब मेरे साथ भी हो गया जो कुछ दिन पहले तुम्हारे साथ हुआ था।

मैंने नीतू के तरफ मुस्कुरा के देखा।

नीतू ने फिर अपने आप को देखा और उसकी नज़र जैसे ही चूत पर पड़ी वो समझ गई कि कल रात को उसने सपना नहीं देखा बल्कि वो सब कुछ सचमुच हो गया।

उसने बिस्तर पर लगा हुआ उसकी चूत से निकला हुआ खून भी देखा। उसकी चूत मेरे से भी ज्यादा बुरी हालत में थी और बहुत फटी हुई थी।
फिर वो मुझसे लिपट गई और बोली- क्या ये सब ठीक हुआ?
मैंने उसको ढांढस बंधाया कि सब भूल जाये और इसे एक खुशनुमा सपना समझ कर कभी कभी याद कर ले।

फिर हम दोनों साथ साथ नहाई और वो अपने घर चली गई।

तो दोस्तो, कैसी लगी यह नई कहानी! मैं जल्द ही अगली कहानी लेकर फिर से हाज़िर होऊँगी।
आज के लिए विदा दोस्तो! Antarvasna Sex Stories

Hindi Sex Stories

सभी अन्तर्वासना पढ़ने वाले Hindi Sex Stories पाठकों को पम्मी पंजाबन का खुली योनि के साथ कोटि-कोटि प्रणाम। मेरा नाम पम्मी है। मैं पंजाब की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र २२ वर्ष है। मेरी शादी आज से ठीक २ वर्ष पहले हुई थी। शादी के पहले मैंने अपने हर आशिक के साथ जिस्मानी ताल्लुक़ात बनाए।

एक बार मम्मी ने मुझे रात को अपने घर की छत पर अपने पड़ोसी से चुदवाते हुए पकड़ लिया। यहाँ मैं जिक़्र करना चाहती हूँ कि पापा के पीछे से मैंने अपनी माँ को बहुत से गैर मर्दों के साथ हम-बिस्तर होते देखा और मेरी बड़ी बहन २ बार लड़कों के साथ भाग गई। दूसरे नम्बर वाली बहन अपने आशिक़ के साथ शादी करके चली गई। एक भाई है जिसे मम्मी ने हॉस्टल में रखा है। जिस बेटी ने बचपन से अपनी माँ को ग़ैर मर्दों की बाँहों में झूलते देखा हो वो लड़की बड़ी होकर वही सब करेगी ही।

जिस दिन मेरी माँ ने मुझे पकड़ा, वो कुछ कहती, उसके पहले मैंने कहा- तुम कौन सी दूध की धुली हो?

चलो दोस्तों, इसी वज़ह से मेरी शादी कर दी गई प्रदीप शर्मा के साथ। पहली रात वो दारू के नशे में धुत्त होकर आया। उसने मुझे कुछ ही पलों में नंगी करके अपना लौड़ा मेरे हाथ में दे दिया। लौड़ा देखकर मैं भी गरम हो गई। वो भी जल्दी मुझ पर सवार हो गया। उसका लंड सामान्य आकार का था।

मेरे जैसी लड़की जिसने शादी के पहले मन-मर्ज़ी के हट्ठे-कट्ठे लड़कों के साथ चुदाई के मज़े लिए हों, उसके लिए छोटा ही था। उसके नशे ने मेरी पोल नहीं खुलने दी। मैंने झूठ-मूठ दर्द का नाटक किया और अपनी चूत को साँस खींच कस सा लिया। सुहागरात के बाद भी वो बिस्तर में दारू पी कर आता।

मेरी ननद पेट से है, और सासू माँ उसका ख़्याल रखती है, और मुझे बाँझ कह कर ताने मारती। ननद की वज़ह से ननदोई जी भी रोज़ रात को अपने कार्यालय से इधर ही आते, क्योंकि वो अकेले डिनर कहाँ से करते। उनका हमारे यहाँ आना मुझे बहुत भाता। उनकी नज़र भी शुरु से ही मेरे प्रति ख़राब थी। इसी बीच मेरे पति का आबूधाबी का वीज़ा आ गया। पापा ने उसको वहाँ काम दिलवा दिया और मुझे जल्दी साथ ले जाने को कह वो दुबई चले गए।

दोस्तों चाहे वो लण्ड छोटा था, लेकिन लण्ड तो लण्ड ही है, इसके बिना औरत शान्त नहीं होती। मैं भी प्यासी रहने लगी, बिस्तर पर करवट बदलती रहती। तभी एक रोज़ सासू-माँ ननद का चेकअप करवाने के लिए ले गई। ननदोई जी को ऊपर वाला हिस्सा दिया हुआ था। जब तक उनके बच्चा नहीं होता, दीदी ऊपर नहीं जाती थी।

ननदोई जी को मैं सुबह में कॉफी दे कर आती थी। ननदोई जी का आकर्षण मेरी ओर बढ़ता जा रहा था, जिसकी वज़ह मैं भी थी और वो भी। दोनों एक-दूसरे की आँखों में कुछ-ना-कुछ तलाश से करते रहते। वासना की आग बराबर लगी ती। मैं भी अब ननदोई जी की हरक़तों को रोकती नहीं। जानबूझ कर गहरे गले की कमीज़ पहन उनको पानी वगैरह देती, और देते वक्त सामने झुक जाती। वो भी मुझे दिखाकर पैन्ट के ऊपर से ही लंड को खुजलाते। एक-दो बार रसोई में निकलते हुए मेरी चूचियाँ भी उन्होंने दबाईं।

एक शाम मम्मी ननद को चेक करवाने अस्पताल गईं थीं। इधर मैं अकेली थी। तभी ननदोई जी आए, मैं जानबूझ कर अपने बिस्तर पर लेट गई। अपनी कुर्ती को इस तरह सरका दिया, और ब्रा भी खोल दी जिससे मेरी क़हर ढाती प्यासी जवानी दिखने लगी। मेरे दोनों मम्मे साफ़ दिख रहे थे। तभी दरवाज़ा खुला और आवाज़ आई, “मम्मी !”
जब किसी ने उत्तर न दिया तो वो मेरे कमरे में पहुँचे और देखकर आवाज़ दी। मैंने सोने की ऐक्टिंग की।

वो कुण्डी चढ़ा कर मेरे बिस्तर पर बैठ गए, फिर आवाज़ दी। मैं चुप ही रही। वो आहिस्ते से मेरे पैरों की तरफ बैठ अपना हाथ मेरी जाँघों पर फेरने लगे। साथ में एक हाथ से मेरा मम्मा दबोच लिया और निप्पलों को चूसने लगे। सीईईईईई मैंने आँखें खोलीं और उनको अपने ऊपर गिरा लिया। अचानक से यह देख वो हैरान रह गए।

मैंने उनकी शर्ट उतार कर उनकी घने बालों से भरी छाती पर हाथ फेरते हुए काट लिया। वो मेरे होंठों को चूसने लगे। नीचे से ऊँगली से योनि के दाने को मसलने लगा। मैं पूरी तरह गरम पड़ी हुई थी। मैंने जल्दी से पैन्ट के ऊपर से लंड पकड़ लिया। उन्होंने तुरन्त पैंट और अण्डरवियार उतार दिया।

बाप-रे-बाप, ९ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा साँवले रंग का लंड पकड़ते ही मेरी योनी में खुज़ली होने लगी। मैंने झट से उसका लंड बाहर निकाल और मुँह में भर कर चपड़-चपड़ करते हुए चूसने लगी। वो सीधे लेटे हुए अपने पाँव के अँगूठे से मेरी योनि मसलने लगे। फिर उन्होंने 69 में आकार बना कर अपनी पूरी ज़ुबान अन्दर डाल दी, बोले, “भाभी जी बहुत तड़पाया है आपने, आज मसल दूँगा आपके कोमल बदन को।”

मैंने कहा, “आपने भी कम नहीं तड़पाया है, दूर से इस लंड को खुज़लाते थे, वो भी इतना सॉलिड लम्ड। कितने दिनों से मेरे अन्दर कोई लण्ड नहीं गया है।”

मेरी कसी हुई गीली योनि को देख कर वह स्वयं को रोक नहीं पाए और बीच में बैठ लंड मेरी योनि पर रखते हुए धक्का मारा। थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन मैंने भी दाँतों को भींचते हुए सब सह लिया, क्योंकि मैं एक खेली-खाई लड़की थी। पता था कि मज़ा तो मोटा लंड ही देता है। एक बार दर्द के बाद जो मज़े देगा, वह मैं अच्छी तरह से जानती थी। फिर उनका पूरा लंड योनि में डलवा लिया।

आह्ह्ह ह्हहह ! दोस्तों ! इतना मोटा लौड़ा मैंने शादी से पहले नहीं लिया था। वेबसाईटों पर देखा था, क्या मर्द था वो, असली देसी घी खा-खा कर उसका सारा शरीर ही शक्तिशाली हो गया था। उनकी जाँघों में क्या दम था कि ज़ोर-ज़ोर से मुझे रौंदने लगे। दनादन मेरे मुँह से अचानक गन्दी बातें निकलने लगीं।

मैं जब चुदती थी शादी से पहले, तब इन्हीं गन्दी बातों से मुझे और गर्मी मिलती। ओह… यस्स्स बहनचोद… मार हरामी… मार हरामी… तेरी औरत पेट से है ना। मुझे अपनी रंडी समझ… आह्ह्हहह उह्ह्ह्हहह उसने लौड़ा निकाल लिया। मुँह में डाल दिया। गीला लौड़ा मैंने चाट-चाट साफ़ कर दिया और लॉलीपॉप की तरह चूस के बिल्कुल एक नंगी कुतिया बन गई।

बहुत दिनों से लौड़े की भूखी थी, भूल गई कि हमारा रिश्ता क्या है। बस दोनों के सिर पर चुदाई का भूत सवार था। थोड़ा चूसने के बाद जब मेरी योनि में लौड़े की प्यास बढ़ने लगी तो ननदोई जी को समझ में आ गया कि अब घोड़ी की तरह चुदने के लिए तैयार है।

मैं उनके सामने घुटने टेक घोड़ी बन गई और वो पीछे से मेरी योनि को फटाफट चोदने लगे। आहा… ननदोई जी फाड़ डालो आज इसको… कसम से मैं आपकी दीवानी थी। और मेरी बातें सुन-सुन कर वो और तेज़ी से लौड़ा आगे-पीछे करने लगे। वाह क्या लौड़ा था। माँ क़सम मान गई.. कई लड़कों ने मुझे चोदा था लेकिन ननदोई जी के तेज़ धक्कों से मैं पिघल चुकी थी, और मैं झड़ गई।

लेकिन ननदोई जी असली मर्द थे, उन्होंने मुझे फिर से सीधा लिटा कर दोनों टांगों के बीच आसन लगा लिया। मेरी योनि उनके लौड़े की रगड़ सहन नहीं कर पाई, पर अभी उनका काम अभी कहाँ बना था,। उन्होंने मेरी दोनों टाँगें अपने कंधों पर रख कर मेरी गांड के छेद पर थूक लगा कर अपना लंड पेल दिया। ईईईईईई… कमीने यह क्या किया मररररर गई… उईईईई माँआआआआ.. पूरा लौड़ा अन्दर गया और फिर तेज़ धक्कों से अब मुझे मज़ा आने लगा, और मैं नीचे से गांड उठा-उठा कर चुदवाने लगी और वो भी मेरी इस हरक़त से झड़ने के क़रीब आए तो लंड योनि में डाल दिया और फिर उनके लौड़े ने मेरी कोख में पिचकारी मारी। उसके पानी से मैं दूसरी बार झड़ गई।

दोस्तों, उसके बाद मेरे और ननदोई जी मैं अवैध सम्बन्ध बन गए। वो जितने दिन रुके, जब भी माँ ननद के चेकअप या किसी काम से सासू-माँ अकेली जाती लेकिन ननद का पेट अधिक निकल आया, तो वह अपने कमरे में रहती, मैं और ननदोई मज़े लेते। और दोस्तों ठीक हफ़्ता पहले मेरे पैर भी भारी हो गए। सासु माँ खुश हैं। पति को फ़ोन पर उसने बताया, वह भी खुश है। लेकिन मैं और ननदोई जी जानते हैं कि बच्चा हम दोनों का है।

मेरी यह सच्ची कहानी कैसी लगी, बताना मत भूलना। मैं जल्दी अपनी चुदाई के अन्य किस्से आपके साथ बाँटूँगी, क्योंकि मुझे अपने बिस्तर की बातें लोगों तक ले जाने से अजीब सी गर्मी मिलती है।
नमस्कार Hindi Sex Stories

Hindi Porn Stories

जून 2006 की बात है जब Hindi Porn Stories मैं क्लास 12वीं में दिल्ली में पढ़ता था और दोस्तों से ढेर सारे किस्से सुनता था। कुछ दोस्तों की गर्ल-फ्रेंड थी और वो उनके मुम्मे दबाते थे या उनकी किस लिया करते थे। मुझे भी यह सब सुन कर बहुत ज़रुरत महसूस होती थी कि मैं भी किसी लड़की के साथ वो सब करूं। मैं मुठ तो मारता ही था तो शरीर की ज़रूरत तो पूरी हो जाती थी पर हमेशा एक जिज्ञासा बनी रही कि किसी लड़की के साथ वो सब करके कैसा लगेगा।

मेरे एक चाचा हैं जिनकी लड़की सीमा मेरी हम उम्र है और लड़का सोनू मुझ से 4 साल छोटा है। वो लोग जींद में रहते थे और अक्सर छुट्टियों में हम उनके घर जाते थे या फिर वो सब लोग हमारे घर आ जाते थे। गर्मियों की छुट्टियों में भी ऐसा ही होता था। चाचा ज्यादातर 2-3 दिन रूककर वापिस चले जाते थे और चाची, सोनू और सीमा हमारे साथ 3-4 हफ्ते बिताते थे। ऐसा काफी सालों से चल रहा था और हम सब आपस में बहुत घुल मिल गए थे।

यह बात 2006 की जून की हे। चाची विथ फॅमिली हमारे घर आई हुई थी। मैं सीमा से पूरे 2 साल के बाद मिल रहा था। मैंने नोटिस किया की वोह अब बड़ी हो गयी थी और उसके मम्मे भी बड़े साइज़ के हो गए थे। लेकिन मेरे मन में कोई बुरा विचार नहीं था। फिर भी मैं थोडा हैरान था कि 2 साल में उसके मम्मे कहाँ से आ गए।

पहले 2-3 दिन तो हम सब खेलते रहे- मोनोपोली, ताश, लूडो, लुका-छिपी वगैरह। हमारे घर के सामने कुछ नए गवर्नमेंट मकान बन रहे थे। लुका छिपी खेलते हुए हम लोग अक्सर उन्हीं मकानों में छुप जाते थे। वहाँ कुछ घर पूरे बन गए थे और कुछ आधे! किसी भी कमरे में दरवाज़े नहीं लगे थे तो खेलना आसान था। तो हम लोग कभी किसी स्टोर-रूम में, तो कभी किसी टंकी के पीछे, तो कभी दीवारें टाप कर खुद तो आउट होने से बचाते थे।

ऐसे ही एक दिन शाम को हम सब कालोनी के बच्चे लुका-छिपी खेल रहे थे। सीमा और मैं योजना बना कर के खेलते थे ताकि हम पकड़े न जाएँ। वो और मैं एक छोटे स्टोर रूम में छुप गए। वो स्टोर रूम एल आकार का था और हम उसके छोटे वाले कोने में थे। अचानक मैंने देखा कि जिस लड़के की बारी थी वो हमारी ही तरफ आ रहा था। मैं छुपने के लिए और साइड पे हो गया। मैंने इशारे से सीमा को बता दिया कि वो इसी तरफ आ रहा था। वो भी सांस खींच कर अन्दर को हो गई। मैं भी और पीछे होने लगा और अब मेरी कोहनी और हाथ उसकी साइड बॉडी से छू रहा था। मेरी बाजू को कुछ नर्म नर्म सा लगा और मुझे जानते हुए समय नहीं लगा कि उसके मम्मे मेरे हाथ से दब रहे हैं। उसने कुछ नहीं कहा और मैं भी ऐसे ही खड़ा रहा। वो लड़का कोई दो मिनट आस पास घूम कर चला गया पर उसे हम नहीं दिखे।

वो तो चला गया लेकिन मैंने अपनी जगह नहीं बदली। मैं उसके साथ ही चिपका रहा। मेरा दिमाग सुन्न हो गया था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। कुछ 5 मिनट के बाद मैंने कहा- लगता है कि अब वोह लड़का चला गया है। यह कह कर मैं बाहर आ गया। मैं सीमा से नज़र नहीं मिला रहा था क्योंकि मुझे लगा कि कहीं वो मेरी हालत समझ न जाए।

रात को मुझे नींद नहीं आई। बार बार वही नर्म-नर्म स्पर्श का ख्याल आ रहा था। बिलकुल अजीब सा अहसास था।

2-3 दिन ऐसे ही निकल गए और कुछ ख़ास नहीं हुआ। फिर एक रोज़ सीमा नहा रही थी और मेरी मेरी मम्मी और चाची बोली- हम ज़रा मार्केट जा रहे हैं।

सोनू जिद करने लगा कि मैं भी साथ जाऊँगा तो चाची ने उसे भी ले लिया। वो तीन घंटे से पहले नहीं आने वाले थे। अब मैं घर पे अकेला ही था और सीमा बाथरूम में नहा रही थी। उसे नहाने में पूरा एक घंटा लगता है। मैं बोर हो रहा था तो मैंने सीमा को बोला- मैं ज़रा अपने दोस्त के घर जा रहा हूँ और एक घंटे तक आऊँगा। बाहर से ताला लगा दूंगा। सीमा बाथरूम से ही चिल्ला कर बोली- ठीक है।

मैं अपने पड़ोस के दोस्त के घर गया पर उनके यहाँ ताला लगा हुआ था। मैं वापिस आ गया और कमरे में आकर लेट गया। सीमा दूसरे कमरे के बाथरूम में नहा रही थी और उस कमरे का दरवाजा खुला था। मेरे कमरे से ऐसा एंगल था कि मैं बाथरूम से निकलते हुए सीमा को देख सकता था। मैंने चादर ले रखी थी और आँखें आधी बंद थी तो ऐसा ही लगता था कि मैं सो रहा हूँ।

कुछ 20 मिनट बाद मैंने देखा कि सीमा ने बाथरूम का दरवाजा खोला। उनसे केवल ब्रा और पैंटी ही पहन रखी थी। उसने सोचा होगा कि कोई घर पर हैं नहीं तो सूट बाहर आकर पहन लेती हूँ। उसको ऐसा देख कर मेरा तो दिमाग हिल गया। मैं उसी पोजिशन में लेटा रहा ताकि उसे शक न जो जाए। सीमा ने मुझे लेटा देखा तो अचानक सकपका गई पर जब उसने देखा कि मैं सो रहा हूँ तो उसने दरवाजा बंद किया और अपना सूट पहन लिया। मैंने ज़िन्दगी में पहली बार किसी लड़की को इस रूप में देखा था।

उस रात फिर मुझे नींद नहीं आई और मैंने रात को उठ कर दो बार मुठ मारी। मेरे ख्याल में सीमा की नंगी काया ही थी। अगले पूरे दिन उसकी लम्बी टांगें और गोल-गोल मम्मे मेरी आँखों में घूम रहे थे। मैं सीमा को देख रहा था और उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके मम्मे और टांगों का नज़ारा ले रहा था।

शनिवार को हमारे घर मेरे मामा अपनी पूरी फॅमिली के साथ आ गए। उनके 3 बच्चे थे जो तक़रीबन हमारी ही उम्र के थे। मामा सपरिवार सिंगापुर जा रहे थे और उन्हें सोमवार को जाना था। वो दो रात को हमारे ही घर रुकने वाले थे। सोने के लिए यह फ़ैसला हुआ कि सब बच्चे ड्राइंग रूम में ही सोयेंगे। ड्राइंग रूम में एक बड़ा कूलर लगा हुआ था। हम सब बच्चे रात को 12 बजे तक खेल कर सो गए।

सीमा बिल्कुल कूलर के पास में सोई थी और मैं उसके साथ, फिर सोनू और फिर 3 बच्चे। लेटते साथ ही सभी को नींद आ गई क्योंकि हमने पूरे दिन बहुत मस्ती की थी। रात को मैं बाथरूम करने के लिए गया। कमरे में बाहर से थोड़ी रौशनी आ रही थी और अन्दर की चीज़ें साफ़ दिख रही थी। मैंने लाइट नहीं जलाई और वैसे ही बाथरूम हो आया। जब मैं वापिस आया तो मैंने देखा कि सीमा की चादर एक साइड से पूरी उठी हुई थी। उसकी स्कर्ट भी ऊपर उठ गई थी और उसकी एक टांग पूरी नंगी थी। यह देख कर मेरा एक दम खड़ा हो गया। मैं उस के साइड पर लेट गया पर आँखों में नींद नहीं थी। मैं बार बार आँख खोल कर उसकी टांग देख रहा था। थोडी देर में मैंने लेटे ही लेटे हिम्मत कर के उसकी स्कर्ट और ऊपर कर दी और चुपचाप फिर आँख बंद कर ली। दो मिनट के बाद आँख खोली तो देखा कि स्कर्ट उठी हुई ही है और उसकी पैंटी दिख रही है। मैंने 4-5 मिनट तक यह नज़ारा लिया। आँखों से नींद कोसों दूर थी। अब मैं सोच रहा था कि और क्या कर सकता हूँ कि पकड़ा न जाऊँ और कुछ और दिख भी जाए।

मैं फिर लेट गया और धीरे से उसकी चादर ऊपर से भी हटाने लगा। मैं सोच रहा था कि अगर सीमा जाग गई तो मैं बिलकुल पत्थर की तरह लेटा रहूँगा और उसे लगेगा कि चादर खुद ही ऊपर हो गई। कुछ 5 मिनट में उसकी चादर पूरी उतर गई थी। सीमा की स्कर्ट पैंटी तक ऊपर थी और उसने बटन वाला टॉप डाल रखा था। मैं पूरा नज़ारा लेने के लिए चुपचाप उठा और बाथरूम की तरफ जा कर खड़ा हो गया।

सीमा की नंगी टांगें और पैंटी देख कर मेरी हालत ख़राब हो रही थी। मैंने मुठ मारी और कर वापिस लेट गया। आधे घंटे तक तो मन शांत रहा पर फिर सीमा के साथ कुछ करने की इच्छा हुई। मैंने देखा कि वो अभी भी उसी हालत में है- चादर उतरी हुई और स्कर्ट ऊपर चढ़ी हुई। मुझे इत्मिनान हुआ की सीमा बहुत पक्की नींद में है। मेरी हिम्मत और बढ़ गई। मैंने उसकी बटन वाली टॉप को देखा और उसका एक बटन खोल दिया। उसमे से उसके मम्मे की झलक दिखने लगी। मैंने हिम्मत कर के एक और बटन खोला और शर्ट साइड पर की, उसने ब्रा पहन रखी थी। अब पूरा एक मम्मा दिख रहा था। मेरा मन मम्मे को छूने का कर रहा था।

मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी। मैंने एक और प्लान सोचा। मैंने उसका एक बटन बंद किया और लेट गया। फिर मैंने इस करवट लेते हुए अपना हाथ उसके मम्मे पे रख दिया, ताकि अगर सीमा की नींद खुले तो उसे लगे कि यह नींद में ही हुआ। मेरा हाथ उसके मम्मे पे था और ऐसा एहसास कि मानो जन्नत! मैं उस हालत में कुछ 30 मिनट पड़ा रहा। मैं हिल भी नहीं रहा था कि कहीं उसकी नींद न खुल जाए।

कुछ देर के बाद सीमा हिली। मैंने अपनी आँखें बंद कर रखी थी कि जैसे मैं सो रहा हूँ। सीमा ने मेरा हाथ अपने ऊपर से उठाया और करवट ले कर सो गई। मुझे डर लगा और मैं सो गया। कुछ 1 घंटे बाद मैंने फिर वही प्लान आजमाया और करवट लेते हुए अपना हाथ उसके मम्मे पे रख दिया। अब की बार उधर से कोई हरकत नहीं हुई और मैंने खुद ही लगभग एक घंटे बाद हाथ हटा लिया क्योंकि सवेरा होने को था।

सुबह मैं सबसे लेट उठा और मैंने देखा कि सब उठ चुके हैं। मैं सीमा से बच रहा था और काफी डरा भी हुआ था कि रात वाली बात का कोई उल्टा असर न हो। नाश्ते की टेबल पे वो आमने सामने हो गई और बोली- तुम इतने चुप चुप क्यों हो।

मैं- ऐसे ही! बोल के उठ गया।

नहाते हुए मैं सोचने लगा कि शायद सीमा जाग रही हो और चुपचाप सोने का नाटक कर रही हो। खैर पूरा दिन हम सब बच्चे मस्ती करते रहे और रात को फिर सोने की बारी आई। सीमा बोली कि चलो सब लोग अपनी अपनी कल वाली पोजिशन पर सो जाओ। मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे। इसका मतलब कल रात जो भी हुआ उसमें सीमा को भी मज़ा आया।

मैं चुपचाप आ कर लेट गया और सब के सोने का इंतज़ार करने लगा। एक एक मिनट एक घंटे के सामान लग रहा था। आखिर आधे घंटे बाद मैंने करवट ली और हाथ सीमा के मम्मे पे।

वो कुछ नहीं बोली। मैंने हिम्मत करके उसके दो बटन खोले और हाथ अन्दर घुसा दिया। नंगे मम्मे का एहसास कुछ और ही था। मैं धीरे धीरे मम्मे दबाने लगा क्योंकि मुझे मालूम था की सीमा को कोई ऐतराज़ नहीं। थोड़ी देर बाद मैंने दूसरा हाथ उसकी टांग पे रख दिया। मैंने दोनों हाथ धीरे धीरे फेर रहा था। सीमा की साँसे तेज़ चल रही थी और मैं महसूस कर रहा था। मैंने थोड़ी और हिम्मत कर के अपने होंठ उसके गालों को छू दिए। सीमा की तरफ से कुछ नहीं हुआ।

मैं समझ गया कि कोई प्रॉब्लम नहीं। अब मैंने अपने होंठ उसके होंठ पे रख दिए- ऐसा लगा जैसे करंट लग गया हो। सीमा भी थोड़ा सा कसमसाई। मैं कुछ 2-3 मिनट उसके होठों से चिपका रहा। अब मन कुछ और भी करने को हो रहा था। मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया। उँगलियों से मैं पैंटी के अन्दर टटोलने लगा। मुझे कुछ अंदाजा नहीं था कि क्या होगा। मैं बस उँगलियों से इधर उधर टटोल रहा था। अचानक कुछ गीला गीला लगा। मैं उस जगह ही मसलता रहा। मैंने अपनी आँखें खोल रखी थी लेकिन सीमा की आँख बंद थी। वो अभी भी सोने का नाटक कर रही थी। मैंने एक हाथ में अपना पकड़ा और एक हाथ से उसकी पैंटी और मम्मे मसलता रहा। बीच बीच में किस भी कर लेता था। आखिर में मैं जोरदार तरीके से झड़ गया। और यह हमारी शुरुआत थी। Hindi Porn Stories

प्रेषक : श्रेया  Hindi Porn Stories

मेरा नाम तपन घोष है! मैं Hindi Porn Stories आसनसोल का रहने वाला हूँ ! आज मैं आपको ऐसी कथा बताने जा रहा हूँ जो सुनकर सब कहेंगे तपन बना बहन चोद !

मैं अपनी माँ का एकलौता बेटा हूँ! मेरी एक बड़ी बहन है छाया ! मुझसे उम्र में चार साल बड़ी है! जब मैं अपने यौवन का स्वाद चख ही रहा था तब मुझे पता चला कि मैं हरामी हूँ .. उनकी अपनी संतान नहीं हूँ ! मेरे फ्लैट-सोसाईटी वाले मुझे छेड़ते थे इस बात को लेकर ! पापा मम्मी अलग कमरे में सोते थे और मैं और दीदी बाजू वाले कमरे में सोते थे।

वो मेरा बहुत ध्यान रखती थी ! मैं नया नया मुठ मरना शुरू किया था ! स्कूल के दोस्त कहते थे अगर किसी लड़की मुठ से मरवाई जाए तो क्या कहना . मैं सोचता था कि छाया मेरी अपनी बहन तो है नहीं ! क्यूँ न इस पर ही कोशिश करूँ?

एक रात वह बिलकुल मदहोश होकर सो रही थी! मैं अपना लंड उसके मुलायम हाथ में रखा ! आह अहह कितनी नर्म हैं दीदी की उंगलियाँ ! मज़ा आ गया ! फिर मैंने उसकी हथेली में अपना वीर्य निकाल दिया!

सुबह मैंने देखा वो अपने हाथ धो रही थी …

दीदी क्या हुआ ??

अरे देखो ना क्या लग गया है सोते सोते ! साबुन जैसा चिकना है !!

दीदी कैसी खुशबू है उसकी ?

उसने सूंघा, अहह पता नहीं अजीब सी है !

बेचारी अब तक कुँवारी चूत लेकर फिर रही है … मैं तो बेकार में ही सुनीश के साथ शक करता था ?

सुनीश की पास में परचून की दुकान थी।

एक दिन मैं स्कूल से जल्दी आ गया, घर का दरवाज़ा खुला था ..

मैंने अन्दर जाकर देखा कि सुनीश दीदी को चोद रहा था।

दीदी की गोरी-गोरी टाँगें फैली हुई थी और सुनीश की काली काली गांड हवा में उछल उछल के घस्से मार रही थी।

दीदी की गोरी गांड देख कर जैसे मेरा खड़ा हुआ कि सुनीश मुझे देख वहाँ से रफूचक्कर हो गया …

तपन ! मम्मी को मत बताना ! मैं तुम्हारे सामने हाथ जोड़ती हूँ !!

मैं ज़रूर बताऊंगा दीदी … मैं नाराज़ होकर बोला।

ठीक है ! बता देना ! फिर पापा को मैं भी तुम्हारे बारे बता दूंगी कि तुम रात में मेरे हाथ में मुठ मारते हो। हरामी कहीं के…

मैं चुप हो गया … रात आई .. मुझे नींद नहीं आ रही थी …

मैंने दीदी को पकड़ लिया।

अहह ! तपन यह क्या कर रहे हो ?

अपनी टांगें मैं उसकी नायटी में फेरने लगा …

नायटी में हाथ डाल कर उसकी पैंटी को छुआ !

आह्ह ! नहीं ! मैं तुम्हारी दीदी हूँ !

कैसी दीदी? मैं तो हरामी हू ना ?

कहकर मैंने उसकी पैंटी खोल दी … उसकी जांघें ! मानो जन्नत ..

आओ ना ! जो कसर सुनीश ने छोड़ी है, मैं पूरा किये देता हूँ !

ओह! आ जा मेरे राजा ! चढ़ जा !

उसने अपने नायटी हटाई, मैं उसके मम्मों को चूसने लगा।

दूध नहीं निकलता क्या ? मैं निचोड़ते हुए बोला।

हट पागल ..

उसने मेरे लौड़े को अपने चूत में घुसाया !

अहह ! मज़ा आ गया छाया दी !

अहह अह !

मैं स्खलित हो गया।

बस बच्चे ! दो चार ही बार में ही?

सुनीश तो पचास बार कम से कम करता है ! चलो मैं तुम्हें सिखाती हूँ !

उसने मेरे लण्ड को चूसा, जब खड़ा हो गया तो उसने अपने प्रवेश द्वार पर डाला। मैंने धक्के मारने शुरू किये ..

बस छाया दी निकल जायेगा ..

उसने पूछा- बता 5 गुने 5 ?

मैं सोचने लगा और मैं इस बार स्खलित नहीं हुआ ..

वाह दीदी ! क्या आईडिया है ..

मैंने इस तरह बहुत बार उस रात छाया दी को चोदा।

मैंने मुठ उसके होंठो पर मारी …

ओह तपन कितना शरारती हो ?

मैंने उसे अपने माल से नहला दिया।

अगले दिन छुट्टी थी ..

हम दोनों साथ में नहाए..

मैं उसे रोज़ चोदता था..

वो कहती थी- तुम सुनीश से भी एक्सपर्ट हो गए हो..

आज उसकी शादी है ..

मेरे दीदी के शादी में जजूल आना। Hindi Porn Stories

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆