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Massage Girl in Ernakulam: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Ernakulam who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Ernakulam that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Ernakulam massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Ernakulam who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Ernakulam massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Ernakulam massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Ernakulam who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Ernakulam employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Ernakulam helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Ernakulam

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Ernakulam at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

सवेरे मैं सुस्ती में उठी… अलसाई Antarvasna सी बाहर बरामदे में आ गई और कसमसाते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए अपने बोबे को पूरा बाहर उभारते हुए अंगड़ाई ली… कि पीछे से एक सिसकारी सुनाई दी- रोशन जी… ऐसी अंगड़ाई से तो मेरे दिल के टांके टूट जायेंगे…! गुड मॉर्निंग…!’ साहिल मुसकराता हुआ बोला.

‘हाय रे… आप यहाँ…?’ मैं शरमा गई… दोनों हाथों से अपनी चूचियों को छिपाने लगी… पर रात की बातें मुझे याद आ रही थी। अब मैं भी कुछ करना चाहती थी… साहिल का सामना करना चाहती थी… शायद आज वो मेरे साथ जोर जबरदस्ती करे… पर इसके विपरीत मैं उसे रिझाना चाहती थी… पर मुझमें इतना साहस नहीं था… पर साहिल बेशरम था… एक के बाद एक मुझ पर तीर मारता गया… मुझे काम भी बनता नजर आने लगा… मैं मन मजबूत करके वहीं खड़ी रही.

‘ज़रा हाथ नीचे करो ना… आपके वक्ष बहुत सुन्दर हैं… और सुन्दरता दिखाई जाती है… छुपाई नहीं जाती…!’ मेरी चूचियों को निहारते हुए उसने कहा।
‘हाय साहिल जी… ऐसे ना कहो… मुझे शरम लगती है…’ मैंने अपने सीने से हाथ हटा कर चेहरा छुपा लिया।

वो मेरे पास आ गया और मेरे चेहरे को ऊपर उठा दिया…
‘इस खूबसूरत चेहरे पर पर्दा न करो… ये बड़ी बड़ी आंखें… गोरा रंग… गुलाबी गाल… ये इकहरा बलखाता बदन… गजब की सुन्दरता… खुदा ने सारी खूबियाँ आप में डाल दी हैं…’
‘हाय मैं मर जाऊँगी…’ मैं सिमटती हुई बोली। उसकी बातें मुझे शहद से ज्यादा मीठी और सुहानी लग रही थी। मैं इस बात से बेखबर थी कि कमला अपने कमरे के बाहर खड़ी सुन कर मुस्करा रही थी.

‘हाय… कश्मीर की वादियाँ भी इतनी सुन्दर नहीं होंगी जितनी सुडौल ये पहाड़ियाँ है… ये तराशा हुआ बदन… ये कमर… कही कोई अप्सरा उतर आई हो जैसे…’ मैंने अपनी आखें बन्द किये ही अपने हाथ नीचे कर लिये… मेरे उभार अब उसके सामने थे। साहिल मेरे बहुत नज़दीक आ गया था… अब मुझसे सहन नहीं हो रहा था… मैं घबरा उठी।

‘हाय राम जी…!’ मैं कहती हुई मुड़ी और भागने के ज्यों ही कदम बढ़ाया मैं कमला से टकरा गई।
‘हाय राम… मां जी… आप…?’
‘जरा सम्हल कर रोशन… गिर जायेगी…! सुन मैं ज़रा काम से बाज़ार जा रही हूँ… साहिल को चाय नाश्ता और खाना खिला देना… देखना कुछ कमी न हो… एक बजे तक आ जाऊँगी…’ मुस्कुराती हुई आगे बढ़ गई।

साहिल ने फिर एक तीर छोड़ा- भरी जवानी… जवान जिस्म… तड़पती अदायें… किसके लिये हैं…’
मैंने देखा कमला जा चुकी थी। अब हम दोनों घर में अकेले थे… और कमला ने जब साहिल को छूट दे दी थी तो मुझे भी उसका फ़ायदा उठा लेना था।

‘कहाँ से सीखा… ये सब…’
‘जब से आप जैसी सुन्दरी देखी… दिल की बात जबान पर आ गई…’ मैं अब चलती हुई अपने कमरे में आ गई… साहिल भी अन्दर आ गया… मैंने चुन्नी उठाई और सीने पर डालने ही वाली थी कि उसने चुन्नी खींच ली… इसे अभी दूर ही रहने दो… और दो कदम आगे बढ़ कर मेरा हाथ पकड़ लिया…
‘ये क्या कर रहे है आप… छोड़ दीजिये ना…’ मैं सिमटने लगी… हाथ छुड़ाने की असफ़ल कोशिश करने लगी।

‘रोशन… प्लीज… आप बहुत अच्छी हैं… बस एक बार मुझे किस करने दो… फिर चला जाऊँगा…’ उसने अब मेरी कमर में हाथ डाल दिया। नीचे से उसका पजामा तम्बू बन चुका था… मेरी चूत भी गीली होने लगी थी। मैं बल खा गई और कसमसाने लगी… शर्म से मैं लाल हो उठी थी। मेरा बदन भी आग हो रहा था।

‘साहिल… देख… ना कर… मैं मर जाऊँगी…’ मैंने नखरे दिखाते हुए, बल खा कर उसके बदन से अपना बदन सहलाने लगी… और उसे धकेलने लगी
‘रोशन… देख तेरे सूखे हुए होंठ… तड़पता हुआ बदन… आजा मेरे पास आजा… तेरे जिस्म में तरावट आ जायेगी…’
‘साहिल… मैं पराई हूँ… मैं शादीशुदा हूँ… ये पाप है…’ उसे नखरे दिखाते हुए मैं शरम से दोहरी होने लगी…

‘रोशन तेरे सारे पाप मेरे ऊपर… तुझे पराई से अपना ही तो बना रहा हूँ…’ उसने अपना लण्ड मेरे चूतड़ो पर गड़ा दिया…
‘साहिल सम्हालो अपने आप को… दूर रखो अपने को…’ अब तो वस्तव में मुझे पसीना लगा था। मेरा बदन सिहर उठा था। कमला की रात वाली चुदाई मेरी आंखो के सामने घूमने लगती थी। मुझे लगा कि ये अपना लण्ड मेरी चूत में अब तो घुसेड़ ही देगा। मेरी चूतड़ो की दरार में उसका लण्ड फ़ंसता सा लगा। लण्ड का साईज़ तक मुझे महसूस होने लगी थी। मैंने घूम कर साहिल के चेहरे की तरफ़ देखा। उसके चेहरे पर मधुरता थी… मिठास थी… मुस्कुराहट थी… लगता था कि वो मुझ पर किस कदर मर चुका था।

मैं शरम के मारे मरी जा रही थी। मुझे उसने प्यार से चूम लिया। मैंने उसकी बाहों में अपने आप को ढीला छोड़ दिया… चूतड़ो को भी ढीला कर दिया। उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया… मेरे साथ उसका पजामा भी नीचे आ गिरा… उसने मेरा ब्लाऊज धीरे से खोल कर उतार दिया… मेरी छोटी छोटी पर कड़ी चूंचिया कठोर हो गई… उसने मेरे दोनों कबूतर पकड़ लिये… हम दोनों अब पूरे नंगे थे।

मैं उसकी बाहों में कसमसा उठी। मैं सामने बिस्तर पर हाथ रख कर दोहरी होती गई और सिमटती गई… पर झुकने से मेरी गांड खुल गई और उसका लण्ड मेरी दरारो में समाता चला गया… यहाँ तक कि अन्दर के फूल को भी गुदगुदा दिया।

मुझे एकाएक फूल पर ठंडा सा लगा… साहिल ने अपने थूक को मेरे गाण्ड के फ़ूल पर भर दिया था। लगा कि चिकना सुपाड़ा फ़ूल के अन्दर घुस चुका था। मेरे मुख से आह निकल गई… मेरी दुबली पतली काया… गोरी गोरी सुन्दर सी गोल गोल गाण्ड… मेरी प्यासी जवानी अब चुदने वाली थी।

‘हाय रे रोशन… कितनी चिकनी है रे… ये गया…’ लण्ड मेरी गाण्ड के अन्दर सरकता चला गया… मेरे दिल में चैन आ गया… चुदाई के साथ सथ ही मेरे शरीर में चुदाई की झुरझुरी भी आने लगी थी कि आखिर चुदाई शुरू हो ही गई।

उसके हाथ मेरी पीठ को सहलाते हुये बोबे तक पहुंच गये थे… और अब… हाय रे… उसने मेरी छाती मसल डाली… मैं शरम से सिकुड़ सी गई… मैं धीरे धीरे बिस्तर पर पसर गई… मैंने अब हिम्मत करके शरम छोड़ दी।

अब मैंने मेरी दोनों टांगे खोल दी… पूरी चौड़ा दी… उसे मेरी गाण्ड मारने में पूरी सहूलियत दे दी… अब मेरे चूतड़ो को मसलता… थपथपाता… नोचता… खींचता हुआ गाण्ड चोद रहा था… मुझे मस्ती चढती जा रही थी। अपनी मुठ्ठियो में तकिये को भींच रही थी। दांतो से अपने होंठो को काट रही थी… और पलंग़ धक्को के साथ हिल रहा था।

अब वो मेरे पर लेट गया था… उसका पूरा भार मेरी पीठ पर था… और कमर हिला हिला कर धक्के मार रहा था। मेरी गाण्ड चुदी जा रही थी। मेरे मुख से बार बार आहें निकल पड़ती थी।

‘मेरी जानू… अब बस… अब तेरी चूत की बारी है…’ और अपना लण्ड गाण्ड से धीरे से निकाला और चूत का निशाना साध लिया। मुझे एकाएक अपनी चूत पर चिकने सुपाड़े की गुदगुदी हुई और मेरी चूत ने लण्ड के स्वागत में अपने दोनों पट खोल दिये… और लण्ड अकड़ता हुआ तीर की तरह अन्दर बढ चला।

‘मां रीऽऽऽऽ आऽऽऽह… चल… घुस जा… राम जी रे…’ मेरा मन और आत्मा तक को शांति मिलने लगी… लण्ड चूत की गहराई तक घुसता चला गया… और जड़ तक को छू लिया। दर्द उठने लगा… पर मजा बहुत आ रहा था। चूत को फ़ाड़ता हुआ दूसरे धक्के ने मेरे मुख से जबरदस्त चीख निकाल दी… मेरी चूत से खून बह निकला…

‘हाय… साहिल देख बहुत दर्द हो रहा है… धीरे कर ना…’
‘हाय रे मेरी बच्ची को मार देगा क्या…’ कमला की पीछे से आवाज आई… मैं घबरा उठी… ये कहाँ से आ गई…
‘नहीं वो धक्का जोर से लग गया गया था… बस…’

‘रोशन… मेरी बच्ची… मैं हूँ यहाँ… आराम से चुदवा ले…’ कमला ने हम दोनों को ठीक से लेटाया और तौलिए से खून साफ़ किया और मेरी चूत पर क्रीम लगाई…

‘अरे… गाण्ड भी मार दी क्या…’ मेरे पांव उपर करके गान्ड में भी चिकनाई लगा दी।
‘अब ठीक है… चलो शुरु हो जाओ…’ अब साहिल मेरे दोनों पांवो के बीच में आ गया और लण्ड को चूत में उतार दिया… चिकनी चूत में लण्ड मानो फ़िसलता हुआ… आराम से पूरा बैठ गया। मुझे बड़ा सुकून मिला। अब चुदाई बहुत प्यारी लग रही थी।

कमला भी अब मेरे बोबे सहला रही थी। रह रह कर वो साहिल की गाण्ड भी सहला देती थी थी और अपना थूक लगा कर अंगुलि को उसकी गाण्ड में डाल देती थी। इस प्रक्रिया से साहिल बहुत उत्तेजित हो जाता था।

अब कमला ने साहिल की गाण्ड को अंगुली से चोदना चालू कर दिया था। उसके धक्के भी बढ़ गये थे… मेरी चुदाई मन माफ़िक हो रही थी मेरा जिस्म बिजली से भर उठा था… बदन कसावट में आ चुका था, सारी दुनिया मुझे चूत में सिमटती नजर आ रही थी। लगा कि सारी तेजी… सारी बिजलियाँ… सारा खून मेरी चूत के रास्ते बाहर आ जायेगा… और… और…
‘मां री ऽऽऽऽऽ… हाऽऽऽऽय रे… मर गई…’

‘बस… बस… बेटी… हो गया… निकाल दे… झड़ जा…’ कमला प्यार से मेरे उरोजो को सहलाते हुए झड़ने में मदद करने लगी…
‘मम्मी… मैं गई… ईईऽऽऽऽऽऽऽ… आईईईइऽऽऽऽ… मेरे राम जी…’ और मैं जोर से झड़ गई…

‘अरे धीरे चोद ना… देख वो झड़ रही है…’ उसकी चुदाई धीमी हो गई… ऐसे में झड़ना बहुत सुहाना लग रहा था… पर साहिल जोर लगाने की कोशिश कर रहा था।

कमला ने उसकी कमर थाम रखी थी कही वो झटका ना मार दे। मैंने साहिल का लण्ड बाहर निकाल दिया और करवट ले कर लेट गई। कमला ने उसका लण्ड हाथ में भरा और जोर से रगड़ कर मुठ मारा और ‘ओ मां की चुदी… मैं मर गया… हाय निकाल दिया रे भोसड़ी की…’ और पिचकारी छोड़ दी…

‘देख इस मां के लौड़े को… पिचकारी देख…’ मैंने अपना मुख दोनों हाथो से छुपा लिया। वो झड़ता रहा… और एक तरफ़ बैठ गया।
मैंने जल्दी से पेटीकोट उठाया… पर कमला ने छीन लिया…

‘अभी और चुद ले… अपने पिया तो परदेस में है… सैंया से ठुकवा ले… अभी उनके आने में बहुत महीने हैं…’
‘मांऽऽऽ… तुम बहुत… बहुत… बहुत अच्छी हो’… प्यार से मैं मां के गले लग गई।

मन में आया कि पिया भले ही परदेस में हो… हम माँ बेटी तो साहिल के जिस्म से अपनी चूत की आग तो शांत ही कर सकती है ना…
साहिल एक बार और मेरे पर चढ़ गया… मैंने भी अपने पांव चौड़ा दिये… उसका कठोर लण्ड एक बार फिर से मेरी नरम नरम चूत को चोदने लग गया, लगा मेरी महीनों की प्यास बुझा देगा।

‘बेटी मैं तो जवानी से ही ऐसे काम चला रही हूँ… खाड़ी के देश गये हैं… इस खड्डे को तो फिर पड़ोसी ही चोदेंगे ना…’
‘मां अब चुप हो जा… चुदने दे ना…’ मुझे उनका बोलना अच्छा नहीं लग रहा था… रफ़्तार तेज हो उठी थी… सिसकियों से कमरा गूंज उठा… Antarvasna

Antarvasna

हेलो फ्रेंड्स आपने मेरी कहानी Antarvasna अंतरवासना पर पढ़ी, अब मैं आप लोगों को उसके बाद क्या हुआ उसका हाल सुनाउँगा।

जब मैं भाभी की गांड में ऊँगली कर रहा था तभी उसकी छोटी बहन कॉलेज से वहाँ आ गई और उसने हमको देख लिया और वो बेडरूम के बाहर चली गई।

और फिर थोड़ी देर बाद मैं और भाभी बेडरूम के बाहर आए तो वो सोफा पर बैठी हुई थी उसने हमको देख कर कहा- तुम क्या कर रहे थे?

तो भाभी ने कहा- तुम्हारे जीजू जो नहीं करते वो मैंने इसके पास करवाया।
उसने कहा- मैं जीजू को बोल दूँगी।
पर भाभी घबराये बगैर कहने लगी- कोई बात नहीं, मैं भी तुम्हारी सारी बातें जानती हूँ।
तो वो बोली- कैसी बातें?
कहने लगी- तुम बाथरूम में रोज क्या करती हो, अपनी पुसी को रब करके उसमे उंगली रोज करती हो कि नहीं?

यह सुनकर वो घबरा गई, तो फिर भाभी कॉनफिडेंस में आ गई और कहने लगी- तुम चाहो तो तुम भी मज़े ले सकती हो, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है।

यह सुनकर मैं खुश हो गया कि चलो एक साथ दोनों बहनों को चोदने को मिलेगा और एक तो वरजिन है।

फिर भाभी उसके पास जाकर बैठ गई और का स्कर्ट बहुत छोटा था, उठा दिया।

तो मैं देख कर हैरान हो गया कि उसकी पेंटी एक दम भीगी हुई थी।

भाभी ने कहा- अभी तुम क्या कर रही थी हमको देख देख कर अपनी पुसी रब कर रही थी ना?
और कहा- चलो, आज तुम भी पूरा मज़ा ले लो।

और उसकी पुसी को रब करने लगी।

यह देख कर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया और मैं सोफा के पीछे खड़े होकर उसके बड़े बड़े टाइट बूब को दबाने लगा।

अब वो भी मस्ती में आने लगी एक तरफ भाभी उसकी पुसी को सक कर रही थी और दूसरी तरफ मैं बूब्स को दबा रहा था, उसके बूब बहुत ही टाइट और मोटे थे।

फिर वो बोली- प्लीज़, मेरे बूब्स को सक करो।

मैं सोफा पर आकर बैठ गया और उसका शर्ट उतार दिया और उसके बूब को सक करने लगा।

उसके बूब को सक कर कर एकदम रेड हो गया और उसकी पुसी ने भी पानी छोड़ दिया था।
अब वो एकदम हॉट हो चुकी थी।
मैं उसके सारे बदन को सक कर रहा था।

फिर मैंने अपना पेंट उतारा और मेरा मोटा और लंबा लंड उसके मुँह में देने की कोशिश करने लगा तो वो मना करने लगी।

पर मैंने कहा कि जब तक तुम इसको सक नहीं करोगी यह तुम्हारी पुसी में जाने से इनकार करेगा सो प्लीस इसको सक करो।

फिर वो मेरे लंड को सक करने लगी और मुझे बहुत मज़ा आने लगा।

अब मैं उसकी पुसी को सक करने लगा फिर एक बार उसकी पुसी ने पानी छोड़ दिया।

भाभी ने कहा- समीर जल्दी करो वरना कोई आ जाएगा, अब यह एकदम तैयार है अपना कॉक इसकी पुसी में डालो।

अब भाभी भी पूरी तरह न्यूड थी और वो भी अपनी पुसी में फिंगरिंग कर रही थी और अपनी सिस्टर को बोल रही थी- चाटो मेरी पुसी को… तुम्हारे जीजू तो इसको छूते ही नहीं है यह मुझे बहुत परेशान करती है।

तो मैंने भाभी को कहा कि तुम्हें जब भी अपनी पुसी और सारे बदन को चटवाना हो तो मुझे याद कर लेना मैं आपके सारे बदन को मसाज और चाटूँगा।

तो बोली- हाँ ज़रूर, मैं अब तुमसे ही अपने बदन की मालिश और सक करवाउंगी। तुम इस काम में बहुत एक्सपर्ट हो।
और कहा- चलो अब इसकी पुसी की प्यास बुझा दो। यह भी बाथरूम में जा जा कर अपनी पुसी को रब करती और फिंगरिंग करती है।

तो वो बोली- दीदी, मैं तो जीजू और आपको रात को करते देख कर ही यह सब सीखी हूँ और मेरी पुसी में फिंगरिंग डालती हूँ। अब मुझसे इसकी खुज़ली बरदास्त नहीं होती, दीदी आप कुछ करो न।

तो भाभी ने कहा- समीर जल्दी करो।

फिर मैंने उसको सोफा पर ही लिटा दिया और उसके हिप्स के नीचे भाभी ने एक पिलो रखा क्यूंकि वो अभी वर्जिन थी।

और मुझे कहा- चलो!

और वो उसके मुँह के पास जाकर अपनी पुसी उसके मुँह पर रख दी और कहने लगी- तुम इसको सक करो।

मैं अपना लंड उसकी पुसी के सामने रखा और अंदर करने लगा पर उसकी पुसी बहुत ही टाइट थी वो अंदर नहीं जा रहा था।

यह देख कर भाभी ने कहा- थोड़ा ज़ोर लगाओ।

मैंने ज़ोर लगाया पर वो अंदर नहीं गया तो भाभी ने कहा- तुम्हारा बहुत मोटा है मैंने आज तक इतना मोटा लंड xxx मूवी में भी नहीं देखा है।

और वो वहाँ से खड़ी हुई और बेडरूम में से क्रीम लेकर आई और थोड़ा मेरा लंड पर लगाया और थोड़ा अपनी सिस्टर की पुसी पर रब किया और फिर कहा- अब अपना कॉक डालो।

मैंने फिर ट्राइ किया और मेरा थोड़ा कॉक उसकी पुसी में गया तो वो रोने लगी कि मुझे दर्द हो रहा है।

तो भाभी ने कहा- कुछ नहीं होगा और उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और मुझे इशारा किया कि अब डालो।

तो मैंने एक ज़ोरदार धक्का दिया और सारा लंड उसकी वर्जिन पुसी में डाल दिया।

वो चीख पड़ी पर भाभी के लिप्स होने से उसकी आवाज़ नहीं निकली पर उसके आंशु निकल गये वो रोने लगी।

तो भाभी ने कहा कि कुछ देर तुम यूँ ही रहो, इसकी चूत छोटी और टाइट है इसलिए।

फिर मैं करीब 5 मिनट यूँ ही रहा और फिर मूव होने लगा अब उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी रेस्पोन्स देने लगी।

और कहने लगी कि ज़ोर से और ज़ोर से कई दिनों से मैं किसी के पास जाकर चुदवाने की सोच रही थी पर कोई मुझे मिला ही नहीं एक बार मैंने अपने लिफ़्टमैन के सामने भी अपने बूब्स दबाये थे कि यह देख कर वो मुझे छेड़े और सेक्स करे पर उसकी वाइफ वहाँ आ गई।

मैंने अपने बॉय फ्रेंड को भी कहा था पर उसका लंड तो बहुत छोटा था तुम्हारा रियली में बहुत सेक्सी और मोटा लंड है अब मैं इससे ही चुदवाउंगी।

फिर मैं 15 मिनट स्ट्रोक लगाने के बाद पानी छोड़ने वाला था तो भाभी ने कहा- रोनू बाहर पानी निकलना !

तो मैंने फॉरन अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में पानी छोड़ दिया और उससे कहा कि तुम्हारी पहली चुदाई का जूस है तुम पी जाओ।
वो सारा मेरा पानी पी गई और कहा- बहुत टेस्टी है।

सो फ्रेंड कैसी लगी मेरी यह कहानी। Antarvasna

Antarvasna

हाय मैं सीमा, आप लोगो को मेरी पहली कहानी Antarvasnaअच्छी लगी जानकर खुशी हुई.

आज मैं जो कहानी आप लोगो को सुनाने जा रही हूं वो 2-3 साल पहले की घटना है. तब मैं एक फ़्लैट में रहती थी. और मेरे बगल वाले फ़्लैट में एक बंगाली फ़ैमिली रहती थी. उनकी फ़ैमिली में चार मेम्बर थे. हस्बेंड, वाइफ़ उनकी एक 14 साल का लड़का सुनील और 18 साल की एक लड़कीसीता. मैं उन दोनों को भैया भाभी बुलाती थी. भैया और भाभी दोनों ही काम करते थे.

भाभी दिखने में बहुत खूबसूरत थी. 36सी साइज़ का बूब्स सुराहीदार गर्दन. ऊपर से उन्होंने अपनी नाभि को छिदवा कर उसमें एक रिंग पहना करती थी. मैंने कई बार उनकी साथ लेस्बियन सेक्स करनी की बात सोची थी. मैंने कई बार भाभी के बूब्स को उनकी नाइटी के ऊपर से देखा है. वो घर में कोई ब्रा नहीं पहनती थी और उनकी नाइट ड्रेस भी बहुत पारदर्शी है जिसमें से उनकी भूरे निप्पल टाइट बूब्स दिखाई देते थे. मैंने कई बार भाभी से बात करते हुए उनके मुलायम पेट को छुआ भी है.

एक बार भैया और भाभी किसी रिश्तेदार को दिखने के लिये बाहर जा रहे थे और मेरे पास आके बोले कि ‘नमिता और सुनील एक दिन के लिये अपने पास रखना सीमा’.
मैंने कहा ‘कोई बात नहीं.
वो लोग शाम कोसीता और सुनील को मेरे पास छोड़ कर निकल गये.

मेरे फ़्लैट में दो कमरे हैं एक में मैं सोती हूं. दूसरे कमरे में मैंनेसीता और सुनील का सोने का इन्तेजाम कर दिया. घर में मैं सिर्फ़ शोर्ट्स और एक टी-शर्ट पहनती हूं, खास करके गर्मियों में.

रात का खाना खाने के बाद हम तीनो टीवी देखने बैठे.सीता मेरी बगल में बैथी थी, थोड़ी देर बाद वो मेरी गोद में सर रख के सो गयी. मेरी टी-शर्ट थोड़ी ऊपर की तरफ़ उठ गयी थी और मेरा पेट उसे साफ़ नजर आ रहा था.
नमिता ने अचानक मुझसे पूछी- आंटी आप मम्मी की तरह नाभि में छल्ला क्यों नहीं पहनती, आपको बहुत सूट करेगी. आपकी नाभि कितनी सुन्दर है.
उसने फिर मुझसे पूछि क्या मैं आपकी नाभि में एक किस कर सकती हूं.
मैंने कहा- ठीक है.
उसने मेरी नाभि में एक किस किया.

फिर उसने मेरा हाथ अपने पेट के ऊपर रख दिया. उसने एक पिंक कलर का टोप और नीला शोर्ट स्कर्ट पहना हुआ था. मेरा हाथ उसके पेट के ऊपर रखते ही उसने अपना तोप थोड़ा और ऊपर उठा लिया.
मैंने अपना हाथ उसके पेट पे फिराते हुए उसको बोली ‘तुम्हारी नाभि भी तो बहुत अच्छी है तुम क्यों कोई रिंग नहीं पहनती’.
उसने कहा ‘मम्मी ने कहा है अगले साल मेरी नाभि छिदवा देंगी फिर मैं उसमे रिंग पहनुंगी’.

थोड़ी देर बाद मुझे ख्याल आया सुनील क्या कर रहा. मैं मुड़ के सोफ़े पे देखा तो देखा कि सुनील गहरी नींद में है. मैं उठी और सुनील को गोद में उठा दूसरे कमरे में बेड पर लिटा दिया. और वापस आ गयीसीता के पास जो कि तब भी टीवी देख रही थी. मैं जब उसके पास आयी तो देखा के उसने इतने में अपनी स्कर्ट उतार कर सिर्फ़ पेंटी पहन के बैठी थी. पिंक रंग की टोप और पिंक रंग की पेंटी में बहुत सुन्दर लग रही थी. मेरे बैठते ही उसने फिर से मेरी गोद पे सर रख कर सो गयी.

थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा- आंटी आप मेरे बदन पे थोड़ा सा हाथ फिरा देंगी?
मैंने कहा- क्यों नहीं.
तो उसने उठ कर अपनी टोप भी उतार दी. उसने अन्दर और कुछ नहीं पहना था. उसके स्तन (बूब्स) निम्बु जैसे थे और निप्पल हल्के गुलाबी रंग के थे.

मैं उसके बदन पर आहिस्ता आहिस्ता हाथ फिराने लगी. उसने अचानक मुझसे पूछा ‘आंटी क्या आप ऐसे ही सोती हैं मतलब पूरे कपड़े पहन कर.
मैंने कहा- क्यों तुम कैसे सोती हो?
उसने कहा मैं तो सिर्फ़ पेंटी पहन के कभी कभी तो ज्यादा गर्मी में बिल्कुल नंगी सोती हूं.
मैंने कहा तुम अपने भाई के साथ नंगी सो जाती हो.
उसने कहा तो क्या वो भी तो नंगा ही सोता है. और वैसे भी बचपन से हम कितनी बार एक दूसरे को नंगे देख चुके हैं.
मैंने कहा बचपन की बात अलग है, लेकिन आब तुम बड़ी हो गयी हो. क्या भैया भाभी कुछ नहीं कहते.

नमिता ने कहा नहीं वैसे भी वो लोग खुद अपने कमरे में नंगे ही सोते है. मैंने दो तीन बार देखा है. और आप भी तो घर में कभी कभी नंगी ही रहती हैं.
मैंने कहा तुम कैसे जानती हो.
उसने कहा एकबार मैं घर में सुबह दूध के बारे में पूछने आयी थी. आपका दरवाज़ा बंद नहीं था अन्दर आके देखा तो आप नंगे ही किचन में नाश्ता बना रही थीं.
मैंने कहा तुमने मुझे आवाज क्यों नहीं दि.
उसने कहा तब मैंने सोचा के आप मुझे डातोगी.
मैंने कहा क्यों डातुंगी क्या तुमने कोई गुनाह किया था.
नमिता ने कहा अगर आप नाराज़ न हों तो क्या आप मुझे अपने स्तनो दिखाएंगी.

मैं हंस पड़ी अपनी छोटी लेस्बियन को देख कर. और अपनी टी-शर्ट और शोर्ट उतार कर बिल्कुल नंगी होकर बैठ गयी. उसने भी अपनी पेंटी उतार दी उसकी बिना बालों वाली चूत एकदम चमक रही थी. मेरी चूत भी एकदम साफ़ थी.

उसने मेरी चूत पे एक प्यारी सी किस की. मेरे बदन में करेंट सा दौर रहा था, वो जैसे रियेक्ट कर रही थी मुझे लग रहा था वो इस तरह का सेक्स पहले कर चुकी है.
मैंने उससे पूछा क्या तुम ऐसे प्यार के बारे में जानती हो.
उसने कहा हाँ इसे लेस्बियन सेक्स कहते हैं.

मैं चौंक गयी और पूछा तुम्हे कैसे पता.
उसने कहा मेरी एक दोस्त है शालिनी एकबार मैं जब उसके घर गयी थी तब उसकी बड़ी दीदी, शालिनी और मैं हम तीनो ने ऐसे किया था. तब उसकी दीदी ने मुझे बताया था. और एकबार शालिनी जब हमारे घर में आयी थी तब भी हमने ऐसे सेक्स किया था और वो भी रजा के सामने.
मैंने कहा मतलब सुनील भी तुम्हारे इस सेक्स के बारे में जानता है.
हाँ लेकिन आंटी सुनील सेक्स के बारे में कुछ नहीं जानता. अच्छा आंटी सुनील तो सेक्स के बारे में अभी कुछ नहीं जानता फिर भी जब भी मैं जब भी उसके लंड के साथ खेलती हूं तो उसका लंड एकदम टाइट और खड़ा हो जाता है.

मैंने पूछा क्या तुम सुनील के लंड के साथ खेलती हो?
उसने कहा हाँ रात में सोते वक्त कभी कभी मैं उसके लंड को और वो मेरी चूत को सहलाता है. और उसके लंड से कभी कभी कुछ चिपचिपा सा लिक्विड निकल आता है.
मैंने उससे कहा ये लड़कों के लंड का धर्म है. और वो चिपचिपा सा जो निकल आता है उसे सीमेन कहा जाता है.

मैन एक टीनऐज लड़की की बातें सुनकर हैरान भी हो रही थी और खुश भी हो रही थी एक टीनऐज लेस्बियन पार्टनर पा कर.

रात भी बहुत हो चुकी थी मैंनेसीता से कहासीता अब चलो सो जाओ कल मेरी छुट्टी है कल सुबह हम बात करेंगे.
उसने कहा आंटी आप भी हमारे साथ सो जाइये न.
मैंने कहा ठीक है.
हम तीनो एक ही कमरे में सो गये.

सुबह मैं जब उठी तबसीता और सुनील सो रहे थे. दिन के उजाले मेंसीता के गोरे नंगे बदन एकदम एंजल की तरह लग रही थी.
मैं फ़्रेश हो कर नाश्ता बनायी, इतने में सुनील औरसीता भी जग गये थे. मैं एक टी-शर्ट और पेंटी पहनी हुई थी.
मैंनेसीता से कहा ‘तुम भी फ़्रेश हो कर कुछ कपड़े पहन लो.
तो उसने कहा क्यों यहाँ कौन आने वाला है, मैन आज नंगी ही रहूंगी. और आप भी. मुझे आपका नंगा बदन बहुत अच्छा लगता है.

तब सुनील ने कहा दीदी आज क्या तुम और आंटी वैसा खेल खेलोगी जैसे शालिनी दीदी के साथ खेलती थी.
नमिता ने कहा हाँ.
सुनील ने कहा तब तो बड़ा मजा आयेगा. लेकिन दीदी आज मैं भी तुम लोगों के साथ खेलूंगा.
नमिता ने कहा ठीक है.

मैं भीसीता के साथ लेस्बियन सेक्स के लिये तड़प रही थी. हम तीनो नंगे हो कर मेरे बेडरूम चले गये. मैंनेसीता से कहा तुम अपनी टांग फैला कर बिस्तर में बैठो और सुनील का लंड को चूसो. मैं अपना मुंहसीता की चूत पे लगा कर उसे चाट चाट कर गीली की और दोनों हाथों से उसकी छोटी छोटी बूब्स को मसलती रही. फिर अपने एक हाथ से उसकी चूत को और फैलाई और दूसरे हाथ की दो ऊँगलियाँ उसकी चूत के अंदर धीरे धीरे घुसाने लगी.

शुरु शुरु में उसकी चूत टाइट होने के कारण घुसाने में तकलीफ़ हुई वो मुंह से आवाज़ भी निकल रही थी बाद में मैंने अपनी उंगली उसकी चूत के अन्दर बाहर करने लगी और वो जोर जोर से सुनील के लंड को चूसने लगी. थोड़ी ही देर में उसकी चूत से पानी निकलने लगा. मैंने अपना मुंह उसकी चूत पे लगा कर उसे चाटना शुरु कर दिया.

इधर सुनील के लंड से भी सीमेन निकलना शुरु हो गया था वो अपनी दीदी के मुंह में ही अपना पूरा सीमेन झड़ दिया. अब मैंनेसीता सा कहा तुम अब मेरी चूत को इसी तरह सहलाओ. उसने मेरी चूत में अपनी उंगली घुसा कर अन्दर बाहर करने लगी. बीच बीच में अपना मुंह मेरी चूत पे लगा कर चाटने भी लगी. कुछ समय बाद मेरी चूत से भी पानी निकलना शुरु हो गया तोसीता और सुनील दोनों ने मिलकर मेरी चूत को चाट कर साफ़ करने लगा.

हुम तीनो थक कर लेट गये.सीता ने कहा आंटी आज हम लोगों ने जो मजा किया वो जिंदगी भर नहीं भूलेंगे.

उस दिन पूरा समय हम तीनो नंगे रहे. जब तक भैया भाभी आकरसीता और सुनील को घर न ले गये. उस दिन के बाद जब कभी भीसीता मेरे पास आती थी तब हम ऐसे सेक्स करते थे.

एक बार शालिनी भी उसके साथ अयी थी. वो दूसरि घटना है जो मैं आप लोगों को बाद में बताऊँगी. Antarvasna

Hindi Sex Stories

इस वक्त मेरी उम्र पच्चीस Hindi Sex Stories साल है, मैं विवाहित और एक बच्चे की माँ हूँ। मेरे पति एक फेक्ट्री में सुपरवाइजर हैं।

जब मेरी शादी हुई तब मेरी उम्र बीस साल थी, मैं यह शादी नहीं करना चाहती थी क्योंकि उस समय अपने एक दोस्त के साथ मेरा लव अफेयर चल रहा था, वो बहुत रोमांटिक और दिलफेंक युवक था, कभी कभी तो उसकी इस आदत का मुझ पर गहरा असर पड़ता, जहां भी किसी लड़की को अपने करीब पाता उसे वो अपनी मीठी मीठी बातों से फंसाने की कोशिश करता।

बस मैं उसकी इसी बात का बुरा मान जाती, कई कई दिन तक मैं उससे बात नहीं करती थी, वो तरह तरह से मुझे मनाने की कोशिश करता तो मैं मान भी जाती थी।

उसका और मेरा प्यार अभी तक शारीरिक सम्बंधों के बन्धन से दूर था, ऐसा नहीं था कि उसने अपनी इच्छा जाहिर नहीं की थी, वो कई बार मुझे चोदने की कोशिश कर चुका था, उसने कई बार मुझे सहला सहला कर गर्म भी कर दिया था, चूचियाँ दबा दबा कर उनमें आग भी भर दी थी मगर मैं अपनी मर्यादाओं की सीमा नहीं लांघना चाहती थी, मेरा इस बात पर अटूट विश्वास था कि चूत की सील सिर्फ पति तोड़ सकता है क्योंकि उस पर उसी का हक होता है।

ऐसा भी नहीं था कि मेरा प्रेमी मुझसे शादी नहीं करना चाहता था, सब कुछ ठीक था मगर मैं शादी से पहले चुदवा कर सुहागरात का मजा फीका नहीं करना चाहती थी, मेरा प्रेमी कई बार गुस्से से कहता कि मैं उससे प्यार नहीं करती। उसने शादी का वादा किया, कसमें खाई, मगर मेरा एक ही जवाब था कि अगर कुछ होगा तो शादी के बाद ही होगा। मैंने उसे साफ साफ जवाब दे दिया कि मैं शादी से पहले वो चीज हरगिज नहीं दे सकती जिसकी वो जिद कर रहा है।

मगर वो चालू था, उसने कई बार चाहा कि मैं बहक जाऊं और बहक कर उसकी बात मान लूँ।

एक दिन वो मुझे एकांत में ले गया, वहाँ ले जाकर उसने मुझे सहलाना शुरू कर दिया, वो ऐसा कई बार कर चुका था इसलिए इस ओर मैंने कोई ज्यादा ध्यान नहीं दिया। वो जब भी ऐसा करता तो मैं काफी गर्म हो जाती थी मगर संयम का दामन मेरे हाथ से नहीं छूटता था, मगर उस दिन मैं अपने आप को नहीं रोक सकी।

वो मेरी दोनों चूचियों पर हथेली चला रहा था और मैं हमेशा की तरह आँखें मूंदे उसकी इस हरकत का मजा ले रही थी। तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने खड़े लंड को मेरे हाथ में पकड़ा दिया।
उसका लंड काफी लंबा और मोटा था, इतना ही नहीं, वो आग की तरह जल भी रहा था। जब मैंने आँखें खोल कर अपने हाथ की तरफ देखा तो मैं चौंक पड़ी,” उफ क्या है यह?”

मैंने उसका लंड हाथ से छोड़ दिया तो वो सांप के फन की तरह फुंफकार उठा, मेरा रोयाँ-रोयाँ खड़ा हो गया था उस समय। मैं अच्छी तरह जानती थी कि यह लंड है मगर मैंने हर लड़की की तरह मासूमियत दिखाते हुए यह सवाल पूछा था।

हाथ से छूटते ही लंड एक तोप की तरह उपर उठा और सीधा हो गया, मैं अपनी पलकें झपका झपका कर उसे देख रही थी। मेरी मासूमियत देख कर मेरे प्रेमी के होंठों की मुस्कान गहरी हो गई।

इसे नहीं जानती, क्या है यह? उसने अपना अकड़ता हुआ लंड अपने हाथ से पकड़ कर हिलाते हुए कहा।

नहीं … क्या है यह? मैंने कहा।

हाय तुम्हारी इसी मासूमियत पर तो हम फ़िदा हैं! वो फिर से मेरी चूचियाँ दबाता हुए बोला- खैर अब मैं ही बता देता हूँ कि यह क्या चीज है!

फिर वो अपने खड़े लंड को हाथ से इधर उधर घुमा कर देखता हुआ बोला- वैसे तो इसे कई नामों से पुकारा जाता है, मगर मैं इसे कुछ और ही समझता हूँ।

क्या समझते हो तुम इसे? उसके मोटे और लम्बे लंड का सम्मोहन मेरे दिलो-दिमाग पर छाता जा रहा था, उसने अपना लंड क्या दिखाया कि उस पर से मेरी नजर हट ही नहीं रही थी।

मैं यहाँ झूठ नहीं लिखूंगी, प्रेमी का कठोर विशाल, फुंफकारता लंड देख कर मेरी तबियत ऐसी फिसली कि मेरी चूत के मुँह में पानी भर आया, मेरी चूत पूरी गीली हो गई और लगा कि अन्दर चीटियाँ रेंग रही हैं। मेरी चूचियों में भी कुलबुलाहट शुरू हो गई थी, मेरा मन यही चाह रहा था कि वो मेरी चूचियों को हाथ से पकड़-पकड़ कर खूब मसले और दबाये।

उस समय मेरी मस्ती परवान चढ़ी हुई थी, मैंने आँखें मूंद ली थी और वो कपड़े के ऊपर से ही मेरी चूचियों को दबाये जा रहा था। उस समय सी … सी के सिवा मेरे मुँह से कुछ और नहीं निकल पा रहा था।

सच कहती हूँ, उस दिन मैं मर्यादाओं को भुला बैठी, मेरा सुहागरात वाला इरादा तो ताश के पतों की तरह बिखर गया। बस सब कुछ भूल कर दिल चाह रहा था कि लंड को अपने होंठों के बीच दबा कर खूब चूसूँ!

उसका लंड सचमुच मुझे बहुत अलबेला लग रहा था, जैसा वो खुद गोरा था वैसा ही गोरा उसका बमपिलाट हथियार भी था। ताज्जुब की बात तो यह थी कि ऐसा ना तो मैंने सोचा था और ना ही कभी किया था, हाँ मगर सुहागरात वाले सपने की यह एक कड़ी जरूर थी।

उस समय मैं पूरी तरह से पागल हो चुकी थी, लंड मेरी आँखों के सामने बार बार फुंफकार मार रहा था, तभी उसने मेरी बात का जवाब दिया तो मेरी चेतना लौटी।

इसे मैं अपना छोटा भाई समझता हूँ! वो अपना लंड बड़ी मस्ती और कामुकता से सहलाता हुआ बोला।

मेरी नजरें अब भी उसके उछलते लंड पर अटकी हुई थी।

तुम इसे बहुत गौर से देख रही हो? वो मुझे अपने लंड को देखता पाकर बोला।

हूँ! शायद इसलिए कि इसे मैंने पहली बार देखा है! मैंने अपने सूखे गले को थूक से तर करते हुए कहा।

इससे तो मैं तुम्हारी पहचान बहुत पहले ही करवा देता मगर तुम तैयार ही कहाँ होती थी? उसने अपनी चमकदार आँखों से मेरी तरफ देख कर कहा।

मैंने इसकी कोई खास जरूरत नहीं समझी थी- मैंने दिल की बात छुपाते हुए कहा।

तुम्हें कैसा दीखता है यह? उसने पूछा।

उसकी बात सुन कर मुझे मजाक सूझा तो मैंने कहा- हूँ … देख रही हूँ कि इसकी सूरत तुमसे बहुत मिल रही है इसमें कोई शक नहीं कि यह तुम्हारा छोटा भाई है!

मेरी बात सुन कर वो बड़ी जोर से हंसा, वो समझ गया कि मैं मजाक में लंड और उसकी सूरत में तालमेल बिठा रही हूँ।

इसका जादू निराला है। वो बोला और अपने हाथों से लंड को सहलाने लगा।

अच्छा तो क्या यह जादूगर भी है? मैंने हैरान होकर पूछा।

इसका जादू देखना चाहती हो? उसने पूछा।

हूँ! मगर उलटी सीधी बात नहीं होनी चाहिए।

नहीं तुम्हारी मरजी के बिना यह कोई भी उलटी सीधी बात नहीं करेगा।

ठीक है, तब तो मैं इसका जादू जरूर देखना चाहूंगी। अब मेरी चूत में बुरी तरह कुलबुलाहट होने लगी थी।

मेरे प्रेमी ने मचल कर मुझसे कहा- मधु, यह कमीज अपने बदन से उतार दो!

मोहन डीयर! तुम्हीं क्यों नहीं उतार देते? मैंने मचल कर कहा।

बटन खोलना है, तुम खोल दो फिर मैं ही उतार दूंगा। वो हंसते हुए बोला।

बस क्या था, मुझ पर तो अब वासना का भूत सवार हो चुका था, मैं धीरे धीरे मदहोश होती जा रही थी, चूत अन्दर से पूरी तरह रसीली हो गई थी, मैंने तुंरत अपनी कमीज के बटनों को एक एक कर खोल दिया और बोली- लो खोल दिए बटन! तुम इसे मेरे बदन से निकाल दो!

बांह में से तो तुम्हीं को निकालना है!

मैं बांह से निकाल दूंगी तो तुम क्या करोगे?

यही तो जादू है, देखना कैसा जादू करता हूँ।

और जैसे ही मैं अपनी कमीज को हाथ ऊपर कर निकालने लगी उसने तुंरत मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया, मेरी दोनों चूचियाँ नंगी हो गई, उसने अपने दोनों हाथों से मेरी नंगी चूचियों को पकड़ कर कस कर मसला तो मैं सिसकारने लगी।

जीवन में पहली बार किसी युवक ने मेरी नंगी चूचियों को हाथ में लिया था, मेरा गनगना उठना स्वाभाविक था, सारे बदन का रोम-रोम मरमरा उठा।

मेरी दोनों चूचियां हमेशा की तरह अपनी औकात से ज्यादा फ़ूल उठी थी, उस समय मेरी चूत भी गीली हो रही थी। ऐसा तभी होता था जब मोहन मेरी भावनाओं से खेलता था, वैसे सुबह सुबह भी चूचियाँ फ़ूल जाती थी, पहले तो उसने मेरी चूचियों को दबाना शुरू किया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और मुझसे बोला- जैसा दिल चाहे इस लंड के साथ वैसा ही व्यव्हार करो!

मैंने उसके बमापिलाट लंड को दबाना और सहलाना शरू कर दिया, शरीर में उसको छूने के कारण गुदगुदी हो रही थी।

जब मैंने उसका लंड पकड़ा तो मेरी चूत पहले से ज्यादा फ़ूल कर फुदफ़ुदाने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे वो परदे से बाहर निकल कर लंड से पहली मुलाक़ात कर लेना चाहती हो। सलवार के अन्दर वो पिंजरे में बन्द चिड़िया की तरह फुदकने लगी, मैं अपने प्रेमी मोहन का एकदम बमपिलाट कड़ा लंड उत्साह के साथ सहलाने लगी, मेरा सारा शरीर कसमसाने लगा।

फिर मेरा प्रेमी मेरी चूचियों के निप्पल को होंठों के बीच दबा कर चूसने लगा, उसकी इस नई हरकत से मेरा सारा शरीर मस्ती से काँपने लगा, मुझ पर वासना पूरी तरह सवार हो गई। उसने अपने होंठों के जादू से मेरी चूचियों के निप्पल नुकीले बना दिये।

कैसा लग रहा है? उसने पूछा।

सी … पता नहीं है … पता नहीं मुझे क्या हो रहा है … एक अजीब सा नशा मुझ पर छाता जा रहा है …

अभी मैं नया जादू शुरू करता हूँ … तुम नीचे अपने घुटनों पर खड़ी हो जाओ, इससे तुम्हें एक नया अनुभव मिलेगा! मोहन ने मुझसे कहा।

मैं नीचे घुटनों पर खड़ी हो गई, मोहन ने अपना लंड पकडा और मेरी चूचियों पर अपने लंड का सुपारा रगड़ना शुरू कर दिया, उसने सच कहा था कि उसके लंड में अजीब सा जादू भरा था, मेरा सारा शरीर झनझना उठा, पहली बार दिल में एक इच्छा जागी कि उसके लंड की छाँव तले सो जाऊं और सारी उम्र नहीं जागूँ। मैं एक अजीब सी दुनिया में खो चुकी थी जहां हर तरफ मस्ती और खुशी का बोल-बाला था।

अब कैसा लग रहा है? उसने एक बार फिर पूछा।

सी … कुछ ना कहो … कुछ ना पूछो … ! मैंने कसमसा कर कहा- बस इसे ऐसे ही मेरे दिल से रगड़ते रहो।

फिर उसने अपना लंड ठीक मेरी चूचियों के बीच में रख कर उन्हें आपस में सटा दिया, चूचियों के आपस में सट जाने से बीच में एक पतली सी गली बन गई थी, उसी गली में लंड फंसा था, बड़ा ही मजेदार नजारा था, मैंने उसे पूरा सहयोग करने का मन बना लिया था, फिर वो मेरी चूचियों पर धक्के लगाने लगा, उसके लंड के सुपारे से कोई चिकनी सी चीज रिस रही थी, जिसकी वजह से चूचियों के बीच बनी उस पतली गली का रास्ता चिकना हो गया था। मोहन अब उस पतली गली में आसानी से अपने लंड को घुमा रहा था, वो अपने लंड को ऊपर-नीचे कर धक्के लगा रहा था और उसका लंड चूचियों के बीच से अपनी मुंडी निकाल कर बार बार मुझे देख रहा था। उस समय मैं पूरी तरह बावली सी हो गई, इधर चूत के अन्दर गर्मी कुछ इस तरह बढ़ी कि मैंने हथियार डाल दिये।

सी … बस … बस … मैं हार गई! मैंने तड़प कर कहा- अब तुम इसका जादू यहाँ पर दिखाओ।

मैंने अपनी चूत की तरफ इशारा किया और उठ कर जल्दी से अपनी सलवार खोल डाली।

ठीक है! वो मेरी जाँघों के बिच देखते हुए बोला- यदि तुम्हारी यही इच्छा है तो अपना काम तो सेवा करना ही है।

मैं सलवार उतार कर लेट गई, उसने मेरी जांघें फैला दी और मुस्कुराता हुआ बड़े प्यार से मेरी चूत को सहलाने लगा, इससे मैं और भी ज्यादा खौल उठी।

सीऽऽ जल्दी आओ ना! मैंने अपने हाथ से अपनी चूत को रगड़ते हुए कहा- यहाँ … यहाँ … कोई चीज खौल रही है! सी … ई … हाय … माँ …

फिर वो थोड़ा सा झुका और एक लम्बा मस्त चुम्बन मेरी चूत पर धर दिया, चूत उसके होंठों का स्पर्श पा कर सरसरा उठी, फिर उसने ढेर सारा थूक मेरी चूत के ठीक बीच में टपका दिया और उसे अंगुली से अच्छी तरह रगड़ा और वहाँ अपना लंड सटा कर मेरी तरफ देखा और बोला- अब आ रहा है!

आऽऽ आने दो सइयां … मैंने कसमसा कर कहा- इतनी देर क्यों लगा रहे हो! बुद्धू इसे देख कर तो मैंने अपनी कसम तोड़ दी है!

इसका फायदा भी तुम्हें मिलेगा! इतना कह कर उसने मेरे दोनों संतरों को अपने हाथों में ले लिया। उसका फुंफकार मारता बमपीलाट लंड बहुत जबरदस्त और कठोर था और पूरी मुस्तैदी के साथ चूत की खास जगह से सटा हुआ था, मेरी चूत उसे इतना करीब पा कर बौखला रही थी, वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि जल्द से जल्द लंड से तालमेल बिठा कर उसे हजम कर जाना चाहती थी।

आ रहा है! मोहन ने एक जोरदार आवाज में कहा।

आने दो! मैं भी बुलंद आवाज में बोली।

बस फिर एक जोर का झटका मैंने अपनी चूत पर महसूस किया, ऐसा लगा कि मैंने बिजली का नंगा तार छू लिया हो, जैसे किसी ने एक चूहे को दुम से पकड़ कर जमीन पर एक जोरदार पटखनी लगाई हो। एक तीखी टीस सी पीड़ा चूत से उठी और सीधा मेरे दिमाग से टकराई, मेरे मुँह से चीख निकली- ऊई … माँ … ये सी … ये क्या हुआ? मैंने जल्दी से उठ कर अपनी चूत देखी तो उसका मुँह एक फटे हुए जूते की तरह खुला हुआ था और एक भारी भरकम पैर की तरह उसका लंड मेरी चूत में फंसा दिख रहा था।

ओफ्फो … क्या हुआ? मेरी चीख पर मेरे प्रेमी ने बौखला कर पूछा।

ऊं … हूँ … तुम्हें दिख नहीं रहा है क्या? मैंने उसे आँखों के इशारे से अपनी चूत दिखाई- देखो … सी … देखो तुम्हारा … सी … ई … छोटा भाई … छोटी सी जगह पर किस तरह फंसा पडा है, ऊई … ऊई माँ … मर … गई … आह … मुझे दर्द हो रहा है!

इसमें इतना रोने पीटने की जरूरत नहीं है! वो मेरी चरमराती चूत को सहलाते हुए बोला- यह जगह बनी ही इसके लिये है, यहाँ अब तुम्हें मेरा छोटा भाई फंसा दिख रहा है, इसमें हैरानी की क्या बात है, आज नहीं तो कल यहाँ किसी ना किसी का छोटा भाई फँसना ही था!

उफ … दर्द हो रहा है! मैंने दर्द से नाक सिकोड़ कर कहा- क्या अब यह बाहर नहीं निकल सकता? हूँ … मुझसे इसकी जलन बर्दास्त नहीं हो रही … सी … सी …

अब तो ये आगे जाएगा! इतना कह कर उसने एक और वैसा ही झटका आगे की ओर मारा, चूत से एक अजीब सी आवाज निकली, जैसा कपड़ा फटते समय निकलती है, फिर उसका लंड चूत में समाधी रमा बैठा, अब मैं उछल रही थी क्योंकि उसके लंड का सुपारा मेरे गर्भाशय के मुँह से टकरा रहा था, सुपारे की रगड़ से गर्भाशय के मुँह पर मीठी मीठी गुदगुदी हो रही थी- ऊई … अब तो … हाय … अब तो मैं उछल भी रही हूँ …

ऐसा ही होता है! वो मुस्कुरा कर बोला, वो मेरी चूचियों को दबाने लगा। एक बार फिर मैंने अपनी जाँघों के बीच देखा तो वहाँ गहरे लाल रंग का खून बूंद बूंद होकर टपक रहा था।

हाय … सी … वही हुआ … जो मैं सुहागरात से पहले नहीं चाहती थी, तुमने इसका खून कर ही दिया, हटो … तुम … बड़े वो हो … मैं तुमसे नहीं बोलती!

तुम्हें बोलने को कौन कह रहा है मेरी जान! वो मुझे चूम कर बोला- अब तो तुम देखती रहो … तुम्हें मैं कैसे कैसे जलवे दिखाता हूँ!

उसने चूत पर ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिये। मैं आह … ऊई … सी … के अलावा कुछ नहीं कर सकती थी, चूत की कच्ची दीवारें काँप रही थी, मुझे अच्छी तरह याद है की दसवां धक्का मेरी जवानी को ठंडा कर गया था.

फिर जब तक मेरी शादी नहीं हो गई वो इसी तरह मेरी चूत पर कहर ढाता रहा था, मुझे चुदाई से बहुत सुख मिलता था, इसलिए मैं बिना डोर उसकी ओर खिंची चली जाती थी, उसने चूत पर पूरा अधिकार जमा कर उसका नक्शा ही बदल डाला था, अब पेशाब करते समय चूत से तेज सीटी की आवाज निकलने लगी थी, किसी कारणवश उसका और मेरा जीवन भर का साथ नहीं हो सका था, यह बात बहुत लम्बी है, यहाँ लिख कर मैं आप सबका समय खराब नहीं करना चाहती। Hindi Sex Stories

Antarvasna

मेरा नाम राजेश है। मैं बड़ा सेक्सी ३० साल का लड़का हूं। मेरा Antarvasna लंड ८ इंच लम्बा है जो किसी भी चूत को फाड़ सकता है। मैं एक ओरिजिनल कहानी आपको बता रहा हूं। आज से दो साल पहले मेरे भाई के लड़के की शादी में मेरे मामा की लड़कीसोनम आयी थी। उसकी उम्र २६ साल थी, उसके एक बेटा था। देखने मेंसोनम की काफ़ी बड़ी बड़ी चूचियां थी। एक चूची इतनी बड़ी कि एक हाथ से पकड़ी न जाये। हर समय उसकी चूची उसके ब्लाउज़ से झांकती रहती थी। उसकी गांड का तो जवाब नहीं था, देखते ही मुँह में पानी आ जाए। साली को जब से देखा था मेरा लंड बेचैन हो गया था उसकी चूत मारने के लिये। उसकी चूत मेरे आँखों के सामने घुमती थी।

शादी सर्दियों की थी इस लिये एक कमरे में सब लोग सोते थे ज़मीन पर। मैने किसी तरह उसके पास सोने का इन्तजाम कर लिया। रात को मैने अपना एक हाथ उसकी चूची पर रख दिया और देखने लगा कि हरामजादी कुछ बोलती तो नहीं है। लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। मैं धीरे धीरे उसकी चूची को दबाने लगा, उसने फिर भी कुछ नहीं बोला। मेरी तो लोटरी खुल गयी। मैने उसके ब्लाउज़ का बटन खोल दिया और उसकी नंगी चूची को जोर जोर से दबाने लगा। वो पलट कर मेरी तरफ़ मुँह करके सो गयी। उसकी चूची मेरे मुँह के सामने थी। मैने उसकी चूची को चूसने लगा और उसका निप्पल टाइट होता गया। उसके मुँह से सिसकारी निकलने लगी। मैने उसके होंठों को चूसा। उसकी दोनो चूचियों का मर्दन करने लगा।

उसने जोर से मुझे पकड़ लिया, मैने उसकी साड़ी उठा दी कमर के ऊपर और अपना हाथ उसकी गरमागरम चूत पर रख दिया। उसकी चूत तो भट्टी की तरह गरम थी और गीली भी। मैने अपनी एक उंगली उसके चूत में घुसेड़ दी और अंदर बाहर करने लगा। वो पागलों की तरह मेरे को पकड़ ली और धीरे से बोली “राजा बहुत मजा आ रहा है, एक और उंगली डालो, एक से मेरा क्या होगा।” मैने उसकी चूत में अपनी चार उंगली डाल दी और चूत में उनको घुमाने लगा।सोनम सिहर उठी “अरे मेरे राजा जोर जोर से मेरी चूत को मारो, साले फाड़ दे इस चूत को, इसकी भूख खतम नहीं होती है। अ अ अ अ अ हा हा हा इस इस इस आ आ आ रे रे रे रे मीईएरीई राजा। मेरी चूत की चटनी बना दो। मैं मर जाउंगी। साले बोल मौका मिलेगा तो इस चूत को चोदेगा और इसकी भूख मिटायेगा। मादरचोद जोर जोर से कर”

उसने लुंगी के भीतर हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया। “अरे तेरा लंड है या कुतुबमिनार, ये तो मेरी चूत को तार तार कर देगा। राजा वादा करो इस कुतुबमिनार को मेरी चूत में डालोगे” मैने बोला “अरे रंडी मैं तो तेरी चूत और गांड दोनो फाड़ुंगा, मैं तो मौका ढूंढ रहा हूँ, तेरी चूत तो पूरा इंडिया गेट है और इसको कुतुबमिनार जैसे लंड से ही चोदना होगा”। उसकी चूत में मेरा हाथ तेजी से अंदर बाहर हो रहा था और वो पूरे जोर से झड़ गयी। उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर लोली पोप की तरह चाटने लगी और आखिर में मेरे लंड ने अंदर का सारा माल उसके मुँह में गिरा दिया और वो सारा पी गयी और बोली “राजा इसमें विटामिन होता है, इससे सारी बिमारियां दूर होती हैं। तुम समय देख कर मेरे चूत का विटामिन पीना, बड़ा मजा अयेगा” मेरी तो एक ही इच्छा है कि तेरा लोहे की तरह का लंड मेरी चूत को चोद चोद के उसकी चीथड़े कर दे, साली की भूख मिटती ही नहीं है”

दोस्तों शादी का घर था, ये अपना रोज रोज का प्रोग्राम हो गया था, मौका पा कर मैनेसोनम की चूत और गांड दोनो को मैने जी भर के मारा, जिसकी दास्तान आपको अगली बार बताउंगा। Antarvasna

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