Our site can help you find a professional massage girl in Thrissur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Thrissur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Thrissur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Thrissur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Thrissur massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Thrissur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Thrissur who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Thrissur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Thrissur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Thrissur
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Thrissur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
आप लोगों के आशीर्वाद और मुस्कान Antarvasna भाभी की दया और प्यार से मैं चोदना सीख गया, पर अभी तक सिर्फ तीन उंगली से उसकी बुर को और लंड से उसकी मुँह को चोदा था। पर दूसरे दिन उसने बुर की चुदाई सिखानी थी। दूसरे दिन उसने मुझे सारा काम जल्दी निपटाने को कहा और अपनी बेटी को भी जल्दी पढ़ा लेने को कहा, क्योंकि मुझे महसूस हो चुका था कि वो साली भोंसड़ी कल से ही गरमाई हुई थी और उस छिनाल की चूत में शायद ज़ोरों की खुज़ली हो रही ती। अतः वह मेरे लंड से चुदवाने को आतुर थी। मैंने भी अपना सारा काम जल्दी कर लिया। शाम में जल्दी उसकी बेटी को पढ़ाया पर लौटते वक्त उसने धीरे से कहा- जल्दी आईएगा, मैं दरवाजा खुला रखूँगी।’
मैं रात में जब उसके घर गया तो वह अपने कमरे में सिर्फ ब्लाउज़ तथा पेटीकोट में लेटी थी। मेरे भीतर जाते ही दरवाजा बन्द कर लिया। मुझे खींच कर अपने बिस्तर पर अपने साथ लिटा लिया और मेरे कपड़े उतारने लगी।
तब मैंने कहा- क्यों भाभी जान, इतनी जल्दी क्यों? क्या बुर में ज़ोरों की खुजली हो रही है क्या? पर पहले तो मैं तेरी चूचियों को दबा-दबा कर फुलाऊँगा और तेरा दूध पीऊँगा। फिर तुम चुदवाना।
पर उसने कहा- पर मेरे प्यारे देवर राजा, देखो ना इस साली बुर को, कैसे तेरे लंड को देखते ही हर-हर करके पानी छोड़ रही है।
इतना कहकर उसने मेरे एक हाथ अपनी पेटीकोट ऊपर करके अपनी बुर पर रख दिया। मैंने देखा, आज उसकी बुर काफी चिकनी लग रही थी। उस पर झाँटें भी नहीं थीं, बुर पूरी गीली थी। मैंने भी अपनी 2 उंगली बुर के भीतर ठेल दिया और एक हाथ से उसकी चूचियाँ ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। वह आह मेरे राजा… ज़ोर से… और ज़ोर से… इस बुर में उंगली घुसाओ… आहहहह्! ओहह्ह! आआआस्स सस्सस करने लगी। अब देर मत करो, आओ, मुझे चोदो। प्लीज़ मुझे चोदो।
पर मैं उसे थोड़ा तड़पाना चाहता था और यह जानता था कि चुदाई के समय गन्दी बातें कहने से औरत की काम-वासना और तीव्र हो जाती है; अतः मैंने कहा- भोंसड़ी, साली रंडी, छिनाल, अभी भी तुझे ही अपनी बुर चुदवाने का मन करता है? पर अब तो तेरी बेटी की चुदवाने की उमर है। कभी देखी है गौर से उसकी चूचियाँ, ओह, क्या मस्त है गोल-गोल उसकी चूचियाँ! उसकी बुर भी काफ़ी मस्त होंगी। मेरे लण्ड का दिल तो तेरी बेटी की बुर पर आ गया है। साली छिनाल, पहले वादा करो कि अगली बार अपने साथ अपनी बेटी को भी मुझसे चुदवाओगी, तभी मैं तुम्हें पेलूँगा।
“हाँ मेरे राजा, उस हरामज़ादी की बुर को भी तेरी ही लंड की रंडी बनाऊँगी। अगली बार हम माँ-बेटी दोनों एक साथ तेरे लण्ड से चुदवाएँगी, पर पहले मुझसे ट्रेनिंग लेकर अपने लंड को घोड़े जैसा तो बना लो।”
“आज तेरी चूत तो चोदूँगा ही पर तेरी गांड भी मारूँगा और अपना वीर्य तेरी गांड में ही गिराऊँगा। सुना है कि गांड मरवाने में औरतों को अधिक आनन्द आता है।”
“हाँ मेरे राजा, तुझे जो-जो मन करके करना, पर पहले अपने लंड को मेरी बुर में घुसाओ, अब मत तड़पा, अब सहा नहीं जाता।” यह कहकर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और जल्दी से मेरे खड़े लंड को अपने बुर की छेद पर लगा कर धक्का दिया।
धक्का देते ही मेरा पूरा लंड एक ही बार में उसकी बुर की जड़ तक चला गया। उसने अपनी बुर को सिकोड़ने के लिए पाँव पर पाँव चढ़ा लिया- वाह…!!! आहह्ह… ओहहह! आहहह! आसस्ससस! अब चोदो मेरे राजा, अब देखूँ, कुँवारे लंड में कितनी ताक़त है। मुझे ज़ोर-ज़ोर से हुमच्च-हुमच्च कर चोदो और मेरे बुर का छेद बड़ा कर दो।’ आहहहह! ओहहहह मेरे प्यारे देवर राजा, अपने भर्तार से चुदवा-चुदवा कर इस चूत से 6 को पैदा किया, पर इतना मजा कभी नहीं आया रे, ओहहहह! सचमुच तेरे लंड ने मेरे बुर को धन्य कर दिया। अब तुम पढ़ाई के साथ चुदाई में भी दक्ष हो गए। आह, मेरे राजा, मैं तो झड़ने वाली हूँ। और ज़ोर से उछल-उछल कर चोदो।
मैं चोदने लगा और उसने मुझे ज़ोर से जकड़ लिया और कहा- राजा, मैं तो गईईईईई।
वो कुछ देर में शान्त पड़ गई पर मेरा जोश कम नहीं हुआ था- साली, रण्डी, भोंसड़ी, अब मैं तुझे कुतिया बनाकर तेरी गांड मारूँगा। चल मेरी प्यारी रंडी चुदक्कड़ भाभी, जल्दी से अब तुम कुतिया बन जाओ।
फिर मैं उसे पीछे घुमाकर उसकी गांड में और अपने लंड पर तेल लगाकर, उसकी गांड में घुसा दिया, पर वह चीख़ पड़ी- उईईई आआआआ, धीरे, आज पहली बार गांड मरवा रही हूँ।
पर मैंने यह सुनकर और भी ज़ोरों का झटका देकर पूरा लंड उसकी गांड में ठोंक दिया। वह चीखने लगी, पर उसका मुझ पर कोई असर न हुआ। मैंने उसका मुँह अपने हाथ से बन्द कर चोदना जारी रखा। पर कुछ ही देर में वह मस्ती में आ गई, और अपनी गांड आगे-पीछे करने लगी।
वह बोली कि गांड तो ज्यादा मजा देता है। फाड़ कर मेरी गांड को मेरी चूत से भी बड़ी कर दो।
पर कुछ देर में मेरा भी वीर्य निकलने वाला था, मैंने कहा- भाभीजान, मेरा भी माल निकलने वाला है, इसे तेरी गांड में ही डाल देता हूँ।
मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गांड में ही डाल दिया। अब हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे को जकड़े रहे। फिर उसने पानी से मेरा लंड, अपनी बुर, और गांड साफ कर दिया।
वह बोली- राजा, अभी जाने नहीं दूँगी। अभी मन नहीं भरा है।
“रानी, मैं अभी नहीं जाऊँगा।”
और मैंने सारी रात उसे चोदा। Antarvasna
चाय पीकर जीजाजी Sex Stories नहाने चले गए। बाथरूम से ही उन्होंने मुझे आवाज़ दी- राकेश आओ, तुम भी नहा लो।
मैं समझ गया कि उनका इरादा क्या है। पूरे दिन बाहर रहने के कारण वह दिन में एक बार भी मेरी गाण्ड नहीं मार सके थे।
मैं बाथरूम में आ गया। उन्होंने ही मेरे सारे कपड़े उतारे और बिना देर किए मेरे पोण्ड पर साबुन मलने लगे। उनका लण्ड पहले ही तन्नाया हुआ था, उन्होंने मेरा मुँह पकड़ कर लण्ड के पास कर दिया तथा कहा- इसे चूसो !
मैं थोड़ा हिचका, पर उन्होंने अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरे मुंह में घुसा ही दिया। उनका लण्ड बहुत लम्बा और मोटा था। मैं और कोई चारा ना देख उनके लण्ड को लोलीपोप सा चूसने लगा, वह मेरे पोण्ड के छेद में उंगली करते रहे।
थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे अपनी गोदी में बिठा कर अपना पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसा दिया। इस बार उन्होंने साबुन भी नहीं लगाया था। मैं तड़प कर रह गया। उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे पोण्ड के नीचे लगा रखे थे और उनसे मुझे उठाकर ऊपर नीचे कर रहे थे। ऐसा करने से उनका पूरा लण्ड मेर गाण्ड में समा जाता था। १०-१५ मिनट तक लण्ड मेरी गाण्ड में अन्दर बाहर होने के बाद उन्होंने अपना रस मेरी गाण्ड में ही भर दिया। फिर नहा कर हम बाहर आ गए तो जीजाजी बोले- ‘सारा दिन बेकार हो गया योगी, रात में मैं पूरी कसर निकालूँगा, तैयार रहना !’
तैयार तो मैं था ही क्योंकि मुझे पता था की जीजाजी मुझे छोड़ने वाले नहीं हैं।
रात को खाने के आधे घंटे बाद ही जीजाजी ने मेरी पहली बार गाण्ड मारी। उन्होंने उस रात कुल चार बार तरह तरह से मेरी गाण्ड मारी। अपना लण्ड चूसाया, कभी उल्टा कर गाण्ड में लण्ड घुसाया तो कभी अपने ऊपर बैठा कर मेरी गाण्ड में लण्ड डाला तो कभी मुझे हाथों में ऊपर उठाकर नीचे से मेरी गाण्ड मारी। सुबह तक मैं सो ही नहीं पाया। उस दिन में मैं सात-आठ बार गाण्ड मरवा चुका था। मेरी गाण्ड काफी फूल गई तथा मुझे काफी दर्द भी महसूस होने लगा।
सुबह उठाने पर जीजाजी ने बताया- ‘ डी. एफ. ओ. साहब कल की घटना की जाँच के लिए आ रहे हैं। तुम उन्हें खुश कर दोगे तो मैं निलंबित होने से बच जाऊँगा तथा वह अपनी रिपोर्ट मेरे हक़ में दे देंगे !’
लगभग ११ बजे डी. एफ. ओ. साहब आ गए। जीजाजी ने उनसे मेरा परिचय कराया- ‘ ये मेरे छोटे भाई का साला है, काफी समझदार है, दिन में यह आपकी पूरी सेवा करेगा !’
दोपहर के खाने के बाद जीजाजी जंगल की ओर चले गए तथा मुझे डी. एफ. ओ. की सेवा करने को कह गए। डी. एफ. ओ. साहब लेट कर आराम कर रहे थे। जब मैं उनके कमरे में पहुँचा, मेरी आहट पाकर मुझसे बोले- दरवाजा बंद कर दो। सेवा का मतलब वह अच्छी तरह समझते थे।
डी. एफ. ओ. साब काले कलूटे लेकिन तंदरुस्त इन्सान थे। दरवाजा बंद कर जैसे ही मैं मुड़ा तो मैंने देखा वह पूरी तरह नंगे लेटे हुए हैं। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपना मोटा लण्ड मेरे हाथ में दे दिया तथा उसे चूसने का हुकुम दिया। उनका काला लण्ड बड़ा ही भयानक लग रहा था।
मैं थोड़ा झिझका तो वह चिल्लाये – जल्दी कर !
मैं उनका लण्ड अपनी ऑंखें बंद कर चूसने लगा। उन्होंने बिना देर किए मेरे सारे कपड़े उतार दिए। कुछ देर बाद मुझे अपने ऊपर ६९ की अवस्था में लिटा लिया। अब उनका लण्ड मेरे मुंह में था तथा मेरा लण्ड उनके मुंह के पास था। पर उन्होंने मेरे लण्ड को अपने मुंह में नहीं लिया बल्कि मेरी गाण्ड के छेद को चाटने लगे।
थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद उन्होंने मेरी गाण्ड के छेद को चिकना कर दिया और मुझे उल्टा लिटा दिया। इसके बाद उन्होंने मेरे दोनों पोंड फैला कर गाण्ड का छेद थोड़ा बड़ा कर लिया और एक जोर का धक्का लगा कर एक ही झटके में अपना पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसा दिया। मेरी तो जान ही निकल गई। मैं चिल्ला दिया – मर गया …!
पर वह तो मस्ती में धक्के पे धक्का पेले जा रहे थे। थोड़ी देर बाद मुझे अच्छा तो लगा पर उनके रूप रंग के कारण मुझे बड़ी ही घिन आ रही थी। उस दोपहर उन्होंने तीन बार मेरी गाण्ड मारी। मैं दर्द से बिलबिलाता रहा पर उन्होंने जरा भी परवाह नहीं की। मेरी गाण्ड का छेद कई जगह से कट गया।
शाम को वह चले गए तथा जीजाजी को उनके हक़ में रिपोर्ट भेजने का कह गए। जीजाजी बहुत खुश हुए।
रात में उन्होंने मुझे कुछ ज्यादा ही प्यार किया। मेरी गाण्ड की हालत देख कर अफ़सोस तो जताया पर इसके बाद भी उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा। गाण्ड के छेद में तेल भर कर उन्होंने उस रात मेरी तीन बार गाण्ड मारी। जब मेरी गाण्ड से ज्यादा खून निकलने लगा तो उन्होंने शिव को कमरे में बुला लिया। मेरे ही सामने उन्होंने शिव की भी दो बार और गाण्ड मारी। शिव तो काफी अभयस्त था इसलिए वह काफी मस्ती में गाण्ड मरवाता रहा।
उन दोनों को देख कर मेरा भी लण्ड फाड़ फड़ने लगा पर जीजाजी के सामने मैं कुछ कह नहीं सकता था। चुपचाप लेटे लेटे अपना लण्ड मसलता रहा। जीजाजी ने यह सब देख लिया तो उन्होंने मथारू को बुला लिया तथा मुझसे मथारू की गाण्ड मारने को कहा। मथारू आदिवासी था तथा वह भी काफी सीखा हुआ था। उसने मेरे लण्ड को चाटा, चूसा, अपने पोंड के छेद में मुझसे ऊँगली घुसवाई तथा बाद में मुझसे गाण्ड में लण्ड पेलने को कहा।
मुझे यह सब करके बड़ा आनंद मिला। मैं अपनी गाण्ड का दर्द भूल गया। मथारू की गाण्ड मारने के बाद जीजाजी ने मुझसे शिव की भी गाण्ड मारने को कहा। जब मैं शिव की गाण्ड मार रहा था तभी मथारू ने अपना लण्ड पीछे से मेरी गाण्ड में भी घुसा दिया। जीजाजी मथारू की गाण्ड में अपना लण्ड पेल रहे थे। यानि की एक बार में ही तीन लोगों की गाण्ड मारी जा रही थी।
हम लगभग एक सप्ताह जंगल में रहे। जीजाजी ने इस बीच इतनी बार मेरी गाण्ड मारी कि मैं गिनती करना ही भूल गया। मेरी गाण्ड का छेद अब तक काफी खुल गया था तथा जीजाजी का मोटा लण्ड भी अब आसानी से मेरी गाण्ड में चला जाता था।
जंगल से लौटने के एक सप्ताह तक जीजाजी को फिर मेरी गाण्ड मारने का अवसर नहीं मिला।
जब उन्हें अवसर मिला तो क्या हुआ पढ़िये अगली कहानी में ….. Sex Stories
मेरा नाम रौनक Antarvasna शर्मा है! मैं 20 साल का गोरा-चिट्टा नौजवान हूँ और इंदौर में रहता हूँ.
घर पर मैं अपने मोम डैड के साथ रहता हूँ.
आज मैं आप सबको मेरी पहली कहानी बताता हूँ.
मई का महीना था. मेरी मम्मी पापा उस दिन भोपाल गए हुए थे.
तभी हमारी काम वाली आ गई!
वह बहुत ही सुन्दर है और उसका फिगर ३४ २८ ३४ का है.
मैंने दरवाजा खोला और वापस जाकर अपने बेड पर लेट गया.
इतनी देर में मैंने देखा कि वो अपना ब्लाउज़ खोल के हवा खा रही थी.
मुझे देख के वो एकदम सहम गई और मैं वहां से उठ के चला गया और न्यूज़ पेपर पढ़ने लगा.
तभी वह मेरे पास आई और बोली- आपने कुछ देखा तो नहीं?
मैंने उसे कहा- कुछ तो शर्म किया करो, ऐसे कहीं भी कपड़े खोल के खड़ी हो जाती हो.
तो वो बोली- बहुत गर्मी हो रही है भैय्या! क्या करूँ?
मैंने कहा- अब कभी ऐसा मत करना!
तो वह ‘ठीक है’ बोल के चली गई.
लेकिन मेरे दिमाग में तो वही मोटे मोटे गोल गोल बोबे दिख रहे थे.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसे जाकर पूछा- तुम अपने घर पर क्या बिना कपड़ों के घूमती हो इतनी गर्मी में?
तो वो शरमाई और बोली- हाँ, मेरा मरद तो मुझे मना नहीं करता नंगी घूमने के लिए!
तो मैंने कहा- जब इतने मस्त बोबे देखने को मिलेंगे तो कौन मना करेगा.
इस पर वह शरमा के वहां से चली गई.
फिर मैं नहाने चला गया लेकिन मैंने दरवाजा खुला छोड़ दिया.
थोड़ी देर में कमला मेरे कमरे में आई तो उसने मुझे नहाते हुए देखा.
और मेरी चाल काम कर गई.
वो मेरा लम्बा लंड देख कर खुद को रोक नहीं पाई और बोली- इतना लम्बाऽ !!?
तो मैंने पूछा- तुझे चाहिए ये?
वह मेरे पास आई और मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए.
अब हम दोनों नंगे थे.
हम दोनों साथ में नहाये.
फिर मैं उसे अपने बेडरूम में ले गया!
उसे बेड पर पटका कर अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया, वो भी मजे से चूसने लगी.
15 मिनट तक चुसवाने के बाद मैंने सारा माल उसके मुँह में ही डाल दिया और वो भी चाट चाट के पी गई.
5 मिनट तक और लंड चुसवाने के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
फिर मैंने उसे घुटनों पर बिठा के पीछे से अपना लंड उसकी चूत पे रखा और 3 धक्कों में पूरा का पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
और वो जोर से चिल्लाई- ऊऊईई ईईई … आह आह आह आह आह मर गई!
उसके बाद मैंने धक्का मारना शुरू किया … पहले धीरे धीरे धक्के मारे और फिर जोर जोर से!
पूरा कमरा पचक-पचक की आवाज़ से भर गया.
कमला भी लगातार चिल्ला रही थी- ऊऊऊ ऊउई ईईए ऊऊऊउईई उए उए आह आह आह आह अहह ह्ह्ह!
20 मिनट में वो 2-3 बार झड़ चुकी थी!
लेकिन मेरे लौड़े में बहुत जान बाकी थी और वो अन्दर बाहर लगा हुआ था!
फिर मैंने अपने लौड़ा निकाल के उसकी गांड पे रख दिया और वो बोलने लगी- साहब, गांड मत मारो! मैंने कभी नहीं मरवाई!
लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी और पूरा लंड उसकी गांड में पेल दिया.
वो अब बहुत जोर से चिल्लाई आहआह आह आआअ ह्ह्ह आआ आह्ह्ह!
फिर मैंने झटके देना शुरू किया और वो दर्द से चिल्लाई- आआह्ह ऊऊई ईए …
और 10 मिनट तक चोदने के बाद मैंने सारा माल उसके अन्दर डाल दिया!
उसे चोद के मैं जैसे ही पीछे मुड़ा तो मैंने देखा कि हमारे घर के सामने रहने वाली शीतल भाभी वहां खड़ी थी.
कमला ने बाहर का दरवाजा खुला छोड़ दिया था.
भाभी को देख कर कमला ने जल्दी से कपड़े पहने और चली गई और मैंने भी जल्दी से तौलिया उठा के लपेट लिया.
तभी भाभी बाहर गई और दरवाजा लगा दिया!
मैंने सोचा कि आज तो मैं गया!
तभी भाभी आई और बोली- तुम तो बहुत अच्छी चुदाई करते हो … मुझे चोदोगे?
यह सुन कर मैं तो हैरान ही रह गया!
वो बहुत ही सुंदर है! 34- 28- 36 की भरी पूरी माल!
मैंने भी बिना देर किये भाभी को पूरा नंगा कर दिया और भाभी ने भी मेरा तौलिया हटा दिया और मेरा लंड चूसने लगी.
5 मिनट में मेरा लंड पूरा कड़क हो गया तो वो बोली- जल्दी चोद दो मुझे! मेरे पास ज्यादा टाइम नहीं है, तुम्हारे भईया आने वाले हैं!
तभी मैंने भाभी को बेड पे लिटाया और पूरा लंड चूत में पेल दिया.
वो चिल्लाई- आह आह ऊऊऊ ऊउईई ई ईए…
और फिर खुद भी गांड हिला-हिला कर मेरा साथ देने लगी.
पचक पचक की आवाजें आने लगी और मैंने धक्के तेज़ कर दिए.
20 मिनट तक चोदने के बाद मैंने सारा माल भाभी की चूत के अंदर डाल दिया.
तभी वो मुझसे यह वादा करके चली गई कि मैं मौका देख के फिर चुदाई करवाऊंगी.
इस तरह से उस दिन मैंने दो औरतों को चोदा.
कुछ दिन बाद पता चला कि भाभी माँ बनने वाली हैं.
उसके अगले दिन वो हमारे घर पर आई और मुझे बताया कि यह उस दिन की चुदाई का ही नतीजा है.
और वे बहुत खुश थी क्योंकि उनकी शादी के 5 साल बाद भी भैय्या उन्हें बच्चा नहीं दे पाए थे! Antarvasna
हाय ! मेरा नाम मुकेश है। मैं 22 साल 5’8 ” का लड़का हूं। मेरे Sex Stories उसका साईज़ 7″ है। आज मैं आपको अपनी एक ट्यूशन वाली स्टूडेन्ट की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूं। मैं कंप्यूटर साइंस स्टुडेंट हूँ, मैं पार्ट टाइम के लिए टूशन पढाता हूँ। 2 साल पहले की बात है उस समय मेरी एक स्टुडेंट थी सिया, साली बहुत सेक्सी थी, कहने को 10वी में थी मगर बूब्स का साइज़ देख कर लगता था कि पूरी जवान है, चलती थी तो कयामत ढा देती थी, वैसे ये बात मेरे दोस्त बोलते थे मैंने उसे ऐसी नज़र से कभी नहीं देखा था
एक दिन उसे मैथ्स में प्रॉब्लम आ गया, बेचारी ने सारी रात सोल्व करने कि कोशिश कि मगर झांट सोल्व नहीं कर पाई, उसने दूसरे दिन मुझसे वोह प्रॉब्लम पूछा मैंने एक ही बार में सोल्व कर दिया वोह पूरी इम्प्रेस हो गई, उसको हाव भाव बदलने लगे, वैसे मैं अपने स्टूडेंट्स से क्लो्ज रहता हूँ पर वोह कुछ ज्यादा ही क्लोज हो रही थी.
एक दिन उसने मुझसे कहा- सर मुझे आपसे कुछ कहना है.
मैंने कहा- बोलो सिया क्या बात है?
उसने कहा- सर अकेले में बात करनी है.
मैंने कहा- ठीक है छुट्टी के बाद रुक जाना.
उसकी आँखे चमक गई, मेरे और भी स्टूडेंट्स थे पर उनमे सबसे बड़ी सिया ही थी. सबके जाने के बाद सिया ने मुझसे कहा सर अगर मैं आपसे कुछ कहूं तो आप बुरा तो नहीं मानेगे, मैंने कहा पहले कहो तो, उसने कहा पहले प्रोमिस करिए कि बुरा नहीं मानेंगे मैंने कहा अच्छा बाबा नहीं मानूगा अब बोलो उसने कहा सर आप… आप .मुझे…अच्छे लगते है.
मैं चौंक गया, फिर सोचा मस्त माल मिल रही है छोड़ा क्यों जाए मैंने कहा वैसे मैं भी तुम्हे पसंद करता हूँ उसके बाद हमारी लव स्टोरी शुरू हुई (ऐसा वो समझती थी ), पर मुझे तो बस अपनी चूत की प्यास बुझानी थी एक दिन मैंने मौका देख कर उसे अकेले में अपने घर बुलाया, घर के सभी लोग बाहर गए थे, और 2 -3 घंटे तक उनके आने की उम्मीद नहीं थी, हम काफी करीब आ गए थे और मैंने उसे सेक्स करने के लिए मना लिया था आज अच्छा मौका था.
डोर बेल बजा मैंने दरवाजा खोला तो वो खड़ी थी जींस और टॉप में क़यामत लग रही थी, मैंने उसे अन्दर बुलाया और बोला आई लव यू सिया और उसे बाँहों में भर लिया और लिप किस करने लगा वोह भी मेरा पूरा साथ देने लगी मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और चूसने लगा, ये मेरा पहला सेक्स था,
उसके बाद मैंने उसके एक बूब को पकड़ कर दबाया, इतना मजा आया की क्या बोलूं, उसके बाद मैं अपना हाथ जींस के ऊपर ही उसके चूत पर फेरने लगा अब वोह गरम होने लगी, मैंने सबसे पहले उसका टॉप उतारा अन्दर ब्रा थी, उसके बाद जींस उतारी, फिर उठा कर बिस्तर पर ले गया वहाँ अपनी जींस और शर्ट उतार दी उसके बाद मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके मस्त गोरे गोरे टमाटर जैसे बूब्स को आजाद कर दिया.
उसके बाद मैं उसे दबाने लगा वोह सिसकियाँ ले रही थी अह ह्ह्ह्ह्ह्छ…ऊओअया अआः…
मुकेश बहुत मजा आ रहा है जान, फिर मैंने पैंटी उतारी और अपना अंडरवियर भी, वोह मेरा लंड देख कर खुश हो गई उसके बाद मैंने एक ऊँगली उसके बूर में डाल दी वोह बोली हाई…मैं मर गई उसके बाद मैं ऊँगली करने लगा, एक हाथ से ऊँगली कर रहा था और एक से उसकी बूब्स दबा रहा था.
अब वोह पूरी तरह गरम हो गई थी मैंने उसके बूर से ऊँगली निकली और खड़़ा हो गया वोह भी घुटनों के बल बैठ गई मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया फिर उसने थोडी देर तक मेरा लंड चूसा फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा, दोनों ही वर्जिन थे इसलिए किसी का गिरा नहीं फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया.
वोह चिल्लाई आआअह ह्ह्ह्ह्ह्छ ह्ह्ह। ..मुकेश… धीरे .
उसके बाद मैंने धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया फिर धीरे धीरे धक्के मारने लगा अब हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था उसके बाद मैं लेट गया और वोह अपनी चूत मेरे लंड पर सेट करके बैठ गई अब मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा जब मैं झड़ने वाला था तो रुक गया और उसे के बाद गोद में बिठा के फिर से मारने लगा करीब 1 घंटे तक हमने चोदा -चोदी का खेल खेला मेरी चूत की प्यास उस दिन ठंडी हो गई. उसके बाद हम दोनों झड़ गए।
उसके बाद जब कभी भी हमे मौका मिला तो हमने होनीमून मनाया, मेरे पढ़ाने के कारण उसे 10वी में 90% मार्क्स मिले और वोह अब एक मेडिकल कॉलेज में है जब भी छुट्टी में आती है तो हम पूरा एन्जॉय करते हैं। Sex Stories
आपको मेरी कहानी कैसी लगी?
हाय दोस्तों मैं यानि संदीप एक Hindi Sex Stories कॉल बॉय फिर आपको अपनी कहानी पढ़ने के लिए प्रेरित करता हूँ …
मेरा कद ६.१ इंच का है और बॉडी भी ठीक है … लण्ड का साइज़ ६.५ है …
मुझे लड़कियों की चोदाई में बहुत ही मज़ा आता है …
जैसा कि पहले भी मैंने अपने बारे में बताया था कि मैं दक्षिणी दिल्ली में साकेत पीवीआर एरिया में रहता हूँ … मुझे मेरी पहली कहानी ( मैं एक कॉल बॉय हूँ ) का बहुत ही अच्छा रेस्पोंस मिला …
अब मुझे अपनी कहानी लिखनी चाहिए …
बात ऐसी है कि एक दिन मैं अपने किसी काम की वजह से जा रहा था। मैंने बस पकड़ी रूट नम्बर ४६३ मेहरौली से ओखला की। साली बस तो कम थी क़यामत ज्यादा थी। जब मैं उस बस में चढ़ा तो मैंने देखा कि बस में इतनी भीड़ थी की पूछो मत। मैंने बड़ी मु्श्किल के एक कोना पकड़ा और उसे पकड़ कर खड़ा रहा कि कब यह सब भोसड़ी के उतरेंगे और मुझे थोड़ा आराम मिलेगा … साली रंडी की बीज बस भी तो बहुत ही धीरे चल रही थी।
तभी अचानक बस रुकी और स्टाप पे से बिहारी और मजदूर लोग चढ़ने लगे। उन में कुछ औरतें भी थीं। उन औरतों में एक औरत ऐसी थी कि देख कर किसी का भी टल्ली हो जाए .. मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया। फिर अचानक बस खानपुर वाले स्टाप पर रुकी और और भरने लगी तभी उन मजदूर लोगों में से एक बूढ़ी औरत ने उस औरत को मेरे पास खड़े होने को कहा। मुझे अचानक कुछ महसूस होने लगा तो वो उसकी चिकनी गांड का कमाल था। उस औरत ने शायद लाल रंग की पैंटी पहन रखी थी। मैंने अपनी जांघ उसकी गांड से टकरा दी। एक बार तो मैं डर ही गया कि कहीं बस वाले मुझ देख न लें … लेकिन ऐसा हुआ नही !
फिर मैंने धीरे धीरे उसकी गांड का मज़ा लेना शुरू कर दिया। क्या गांड थी उसकी। मैं यह बात ज्यादा सोच रहा था कि वो महिला मुझे रोक क्यूँ नहीं रही थी। भोसड़ी की पूरा मजा दे रही थी और ले भी रही थी। फिर क्या था मैंने धीरे से अपने आप को संभाल कर सीधा किया और उसकी गांड का छेद ढूँढने लगा। जैसे ही मैं सीधा हुआ उन सभी लोगों ने मेरी तरफ़ देखा। तो मैं डर गया और वापस अपने पुरानी वाली पोसिशन में आ गया। लेकिन उस औरत को यह बात पसंद नही आई और ख़ुद ही इस पोसिशन में हो गई कि मुझे उसकी गांड का छेद आसानी से दिख जाए। मैंने धीरे धीरे से उसकी गांड की तरफ़ हाथ बढ़ाया और मजा लेने लगा। फिर उसे क्या हुआ उसने अपनी गांड को इतनी जोर से पीछे किया कि मेरे लण्ड पर उसकी वार हुआ।
फिर क्या था मैंने बस में ही उसकी गांड मारनी शुरू कर दी … यारो क्या मजा था उस बस का। मेरा लण्ड धीरे धीरे उसकी गांड में उसकी पैंटी को चीरता हुआ जाने लगा था और वोह औरत धीरे धीरे मजा ले रही थी। जब मेरा झड़ने को आया तो मैंने उसकी गांड मारनी बंद कर दी। ऐसा होता देख उस औरत ने मेरी तरफ़ अजीब सी नजरों से देखा लेकिन मैंने उसे कहा कि मेरा स्टाप आ गया है और मुझे अब उतरना है। तो उस औरत ने मुझे एक प्यारी सी मुस्कान दी। और उसके बाद उसने मुझे अपने इशारों में ही कह दिया था कि उसका मज़ा भी अब पूरा हो गया था यानि की वो बस में ही झड़ गई थी।
मैं अब भी उस जैसी औरत की प्यास बुझाने के लिए उस नम्बर की बस में सफर कर लेता हूँ …
तो दोस्तों यह कैसी लगी मेरी कहानी ? … भगवान् आपका भला करेगा … हा हा हा Hindi Sex Stories
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.