Our site can help you find a professional massage girl in Palakkad who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Palakkad that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Palakkad massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Palakkad who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Palakkad massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Palakkad massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Palakkad who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Palakkad employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Palakkad helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Palakkad
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Palakkad at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
यह एक सच्ची कहानी Antarvasna है। मैं पेंटिंग की क्लास अपने घर पर लेता था, मेरी क्लास में ज्यादातर लड़कियाँ ही सीखने आती थीं।
एक दिन एक नई लड़की प्रवेश लेने आई। वह इतनी सुन्दर थी कि मैं देखता रह गया। छरहरा बदन, औसत ऊँचाई, गोरी-चिट्टी, सेक्सी नाक नक्शा। पहली नजर में मेरे बदन में सनसनाहट पैदा हो गई। उसने अपना नाम रिंकी बताया, क्लास 12 की विद्यार्थी थी, उम्र 18-19 साल होगी।
वह रोज क्लास में आने लगी। कुछ दिन बाद वह अपनी ही क्लास की एक सहेली को ले कर आई। मैं जानबूझकर उसे अपने सामने बैठाता था और उसके रूप को निहारते रहता था। वह झुक कर जब पेंटिंग बनाती थी तब उसकी आधी चूची मैं देखकर पागल हो जाता था। मेरा लंड खड़ा हो जाता था। जब भी उससे नजर मिलती, मैं पैंट के ऊपर से ही अपने खड़े लंड को अपने हाथ से उसे दिखाते हुए दबा देता था।
वह धीरे धीरे मेरी नियत समझ गई, अब वह भी बार बार मुझे देखने लगी, मैं समझ गया कि उसे भी मजा आने लग गया था।
कुछ दिन के बाद मैं उसे अपने बगल में बैठाने लगा। अब उसे ड्राइंग सिखाने के बहाने उसके बदन को छूने लगा। ऐसा करने से उसके बदन में उत्तेजना होने लगती थी और वो कसमसा जाती थी। मैं धीरे धीरे उसकी चुचियों को कपड़ों के ऊपर से ही छूने लगा। ऐसा करने से वह चिंहुक जाती थी।
अब वह जानबूझ कर मुझसे ज्यादा सट कर बैठने लगी। मैं समझ गया कि उसे भी वही चाहिए जो मुझे!
एक दिन मैंने उसके दुपट्टे के अन्दर हाथ डालकर उसकी चूची को जोर से दबा दिया तो वह काँप उठी। अब वह बिना ब्रा पहने आने लगी। जब झुकती थी तो उसकी चुचियों के निप्पल भी दिख जाते थे। अब सबकी नजर बचाकर उसके कुरते के गले में हाथ डालकर उसकी चुचियों को मसल देता था। वह मस्त हो जाती थी। अब वह क्लास में समय से पहले आने लगी और आकर मेरे बगल में चिपक कर बैठ कर मुझसे चुचियों को मसलवाने का मजा लेने लगी।
एक दिन अकेले में मैं उसे अपने हाथों से जकड़कर अपने बदन में समाकर उसके होंठों को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा तो उसने भी कस कर मुझे अपने हाथों से बांध लिया। अब मैं उसके टॉप में हाथ डाल क़र उसकी चुचियों को मसलने लगा। मेरी पैंट से मेरा लंड खड़ा होकर उसके बदन से टकराने लगा। वह मेरे चूतड़ पकड़कर खींचने लगी जिससे मेरा लंड उसकी उसकी बुर से ऊपर से चिपकने लगा।
मैं उसकी चुचियों से हाथ हटाने लगा तो वह मेरा हाथ पकड़ कर बोली- सर, और मसलिये! खूब जोर जोर से मसलिये सर! कुछ कीजिये सर!
मैंने उससे कहा- अभी इतना ही! क्योंकि बाकी लड़कियाँ अब आने वाली हैं, कल स्कूल न जाकर चुपचाप मेरे पास आ जाना! मैं सुबह तुम्हारा इन्तजार करूँगा।
उसने कहा- कैसे आऊँगी सर! रूमा भी मेरे साथ स्कूल जाती है।
रूमा भी मेरे क्लास में ड्राइंग सीखने आती थी। मैंने उससे कहा- वह तो तुम्हारी पक्की दोस्त है। उसे तो कुछ कुछ पता ही होगा तुम्हारे और मेरे सम्बन्ध के बारे में!
रिंकी ने कहा- सर, वह सब जानती है और मुझसे पूछती है कि कैसा लगता है जब सर तुम्हारी चूची मसलते हैं। मैं उसे कहा कि मसलवाओगी तब पता चलेगा कि कितना मजा आता है।
तब मैं रिंकी से बोला- आज थोड़ा मजा उसे भी दे देंगे। उसे आज मेरे दूसरे बगल में बैठने को कहना। मैं उसे भी उत्तेजित कर दूंगा। कल उसे भी अपने साथ ले आना। वह आ भी जायेगी और किसी को बोलेगी भी नहीं!
जब सभी लड़कियाँ आईं तो रिंकी ने रूमा को मेरे दायें बगल में बैठा दिया और खुद बांये बगल बैठ गई। मैं मौका देख कर कपड़े के ऊपर से ही रूमा की चुचियों को दबा देता। वह कसमसा जाती और मुझसे और सटने लगी। रिंकी तिरछी नजरों से सब देख रही थी। जब क्लास ख़त्म हो गई तो मैंने रिंकी और रूमा को किनारे बुलाकर कहा- कल तुम दोनों स्कूल जाने के बहाने मेरे पास चली आना। बहुत अच्छा पेंटिंग सिखाऊँगा।
रिंकी तो पहले से तैयार थी, बोली- मैं आ जाऊँगी पर रूमा आएगी तब न!
मैंने रूमा से पूछा- क्या तुम मेरा कहना नहीं मानोगी?
रूमा ने कहा- ठीक है सर! आ जाऊँगी।
मैंने दोनों को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा- ठीक है! मैं इंतजार करूँगा।
दूसरे दिन सही समय पर दोनों आकर मुझे अभिवादन कर मेरे दोनों बगल बैठ गई। मैं दोनों की चुचियों को दबाने लगा दोनों बिना ब्रा पहने ही आई थी। रिंकी तो कहने लगी ‘सर अन्दर हाथ डालकर खूब जोर से दबाइए।
मैं दोनों के टॉप में हाथ डालकर मसलने लगा, उन्हें मजा आने लगा।
मेरा लंड एकदम टाइट होकर खड़ा हो गया। रिकी से नहीं रहा गया, वह अपनी हथेली को मेरे लंड के उभार पर रखकर दबाने लगी।
कुछ देर के बाद मैं रिंकी के टॉप के बटन खोल कर उसकी एक एक कर दोनों चुचियों को निकलकर अपने मुंह में भर कर चूसने लगा। रिंकी सी-सी करने लगी।
फिर मैं उसके टॉप को अलग कर के उसके निप्पल को मसलने लगा साथ साथ दूसरे हाथ से उसके बदन के सभी भाग को सहलाते हुए स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी बुर को दबाने लगा, रिंकी चिहुंक कर मुझसे जोर से चिपक गई और एक हाथ बढ़ाकर मेरे लंड को ऊपर से ही दबाने लगी, बोलने लगी- सर प्लीज कुछ कीजिये, अब नहीं रहा जा रहा है। मैंने कहा- ठीक है! जरा रुको! रूमा को भी कुछ मजा दे दूं!
कह कर मैंने रूमा को आगोश में भर लिया उसके एक-एक अंग से खेलने लगा। फिर उसके कान में कहा- रिंकी बहुत गर्म हो गई है उसे अब चुदवाने का मन कर रहा है। तुम यहीं रुको। पहले उसे पहली चुदाई का मजा दे दूँ। जब मैं उसको चोदूंगा तो तुम दरवाजे पर आकर सब कुछ अपनी आँखों से देखना। देखना कैसे उसकी पहली सील टूटती है।
फिर मैंने रूमा को छोड़ रिंकी को बाँहों में भर कर उसके होठों को कस कर चूमा, फिर उससे कहा- देखो रानी, अब तुम चुदवाने के लिए तैयार हो, लेकिन एक बात बता देता हूँ कि पहली बार मेरे लम्बे और मोटे लंड को तुम्हारी छोटी सी अनचुदी बुर में घुसाने में शुरु में बहुत तकलीफ होगी। तुमको शुरू में तकलीफ बर्दाश्त करनी होगी। लेकिन धीरे धीरे तुमको जन्नत का मजा आने लगेगा।
उसने कहा- बाप रे! इतना लम्बा लंड मेरी बुर में कैसे घुसेगा? जाने दीजिये, फट जाने दीजिये मेरी बुर को। इसने मुझे बहुत तड़पाया है। चलिए मैं तैयार हूँ! जल्दी चोदिये मुझे!
कह कर वह मेरे पैंट की ज़िप खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल कर हाथ से रगड़ने लगी। फिर उचक कर स्कर्ट उठाकर अपनी बुर के ऊपर मेरे सख्त लंड को रगड़ने लगी।
मैंने रूमा को देखा कि वह अपने स्कर्ट के अन्दर हाथ डाल कर अपनी बुर से खेल कर रही थी।
अब मैं रिंकी के पेंटी के अन्दर हथेली डाल कर उसकी बुर में उंगली घुसा दिया तो वह आह आह करने लगी, कहने लगी- और अन्दर घुसाइए सर, एक नहीं दो-तीन उंगली डालिए प्लीज! आह सर, बहुत अच्छा लग रहा है। और, और अन्दर डालिए आह सर, अब मुझे जल्दी चोदिये! मुझे असली मजा दीजिये सर! मेरे बुर में पेल दीजिये इस लंड को। हाय, अब नहीं रुक सकती!
कह कर मेरे लंड को मुंह में भरकर होठों और जीभ से चूसने लगी। मैं पलट कर रूमा को देखा तो अपने बुर में उंगली डाल रही थी। मुझे देख कर वह शर्म से अपना मुंह छिपाने लगी।
मैंने अब रिंकी को अपने गोद में उठा कर दूसरे कमरे में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसके सारे कपड़े एक एक कर उतार दिए, अब वह सिफ पैंटी में थी। मैं उस पर चढ़ कर उसकी चुचियों को मसलते हुए उसके होंठों को चूसने लगा। फिर उसकी बुर में उंगली डालकर आगे पीछे करता रहा।
अब रिंकी मेरा लंड पकड़ कर रगड़ने लगी। मैंने उठकर 69 के पोजीशन में आकर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और मैं अपने जीभ से रिंकी की बुर को चाटने लगा। वह उम्-उम् कर मजा लेने लगी।
कुछ देर बाद वह बोल उठी- सर, अब अपना लंड मेरी बुर में डालिए! सर जल्दी डालिए, आहा अब चोदो सर, चोदो न प्लीज!
अब मैं उठकर बैठ गया तो वह अपनी टांगों को फैला कर बोली- लीजिये डाल दीजिये इसमें अपना लंड!
मैंने अपने लंड की सुपारी उसकी बुर के मुँह पर रख दी तो वह शी-शी करने लगी, मेरा लंड पकड़ कर अपनी बुर के छेद पर ले आई और कहने लगी- जल्दी घुसाओ सर!
मैंने उसकी कमर पकड़ कर हल्का सा धक्का दिया तो मेरा लंड उसकी बुर में नहीं घुसा, उसका बुर इतना टाइट था कि लंड घुस नहीं पा रहा था। मैं उठ कर खड़ा हो गया तो वह मेरा हाथ पकड़कर खीचते हुए बोली- क्या हुआ? चोदो न सर!
मैं बोला- तुम्हारी बुर बहुत कसी हुई है। ऐसे नहीं घुसेगा! थोड़ा तेल लगाना पड़ेगा, मैं तेल लेकर आ रहा हूँ।
मैं कमरे से निकलने लगा तो देखा कि रुमा दरवाजे में खड़ी होकर सब देख रही थी। मैं रुमा की चूची पकड़ का खींचते हुए किचन में ले गया और उसकी बुर में उंगली डाल कर रगड़ने लगा। फिर उससे कहा- तुम रिंकी की पूरी चुदाई दरवाजे से देखती रहना!
मैंने तेल की शीशी उठाकर रुमा की बुर पर हाथ रखते हुए उसे दरवाजा पर खड़ा कर दिया और कमरे में घुसा तो देखा कि रिंकी आँख बंद कर अपनी बुर में उंगली कर रही थी। मैं फिर उसकी टांगें फैलाकर बीच में बैठ गया और तेल निकाल कर उसकी बुर के छेद में डाला और उंगली से तेल उसकी बुर के अन्दर करने लगा, दो उंगली ड़ाल कर उसकी बुर को तेल से चुपड़ दिया।
रिंकी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर छटपटाने लगी। फिर मैंने थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाकर मालिश कर दिया। मैंने रुमा की ओर देखा तो वह अपनी बुर में उंगली कर रही थी और सबकुछ गौर से देख रही थी। रिंकी को कुछ पता नहीं था कि रुमा देख रही है।
अब मैं अपने लंड को रिंकी की बुर के छेद पर रख कर कमर से एक धक्का दिया तो मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी बुर में फंस चुका था।
रिंकी चिल्लाई- नहीं सर, मत डालिए! बहुत दर्द हो रहा है! छोड़ दीजिये प्लीज! अभी नहीं बाद में! हाय मैं मर गई! निकालिए!’
मैंने उसी हालत में रहते हुए उसे समझाया- थोड़ा दर्द बर्दाश्त करो! बस थोड़ा दर्द सह लो, आखिर कभी भी तो चुदवाओगी ही! और तब भी दर्द करेगा! तो आज ही बर्दाश्त कर लो!’
कह कर उसे खूब प्यार से पुचकारने लगा तो वह मान गई और बोली- ठीक कीजिये जो करना है, पर जरा धीरे-धीरे! नहीं तो मैं मर जाऊँगी, फिर आप किसको चोदेंगे!’
मैंने साहस कर इस बार उसके मुंह पर हाथ कर एक करारा झटका दिया तो मेरा आधा लंड घुस चुका था, रिंकी छटपटाने लगी उसकी आँखों से आंसू निकल पड़े, पर मैं उसे दबोचे रहा और धीरे आधे लंड को आगे-पीछे करने लगा।
धीरे-धीरे उसका छटपटाना बंद हुआ, अब मौका देख कर मैंने एक और जोर का धक्का लगा दिया और पूरा लंड उसकी बुर में घुस चुका था।
रिंकी मुझे धक्का देकर अलग करना चाहती थी पर मैं उसे उसी पोज़ीशन में जकड़े रहा और कहा- बस रानी! अब दर्द नहीं करेगा! अब तुम जन्नत का मजा लोगी! बस मेरा साथ देती रहो’
और मैंने धीरे से थोड़ा सा अपने लंड को पीछे खिंचा और फिर उसी तरह जड़ तक घुसा दिया। तीन चार बार ऐसा किया तो वह आह आह करने लगी। मैं समझ गया कि अब उसे मजा आने लगा है। अब मैं स्पीड बढ़ाने लगा। कुछ देर बाद मैं महसूस किया कि रिंकी भी नीचे से धक्का देने लगी है।
फिर क्या था मैं सटासट, जोर से आगे-पीछे धक्का देने लगा।
अब वह बोलने लगी- हाँ सर, इसी तरह, हाय मेरे राजा कितना अच्छा, हाय घुसाओ जोर जोर से चोदो सर, खूब चोदो सर, फाड़ दो राजा, भरता बना दो मेरी बुर का! हाँ, ऐसे ही चोदो, चोदो, खूब चोदो, आह चोदते रहो सर, मैं आपकी हो गई सर, खूब मजा दे रहे हो, हाय आह-आह आह! मेरे सोना सर कितना अच्छा है.. सर अब मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हो गई। मेरी बुर का चिथड़ा निकाल दो, हाय जोर से, और जोर से, करो, करो हाय, चोदो जोर से चोदो, मारो धक्का, लो मैं भी धक्का देती हूँ चोदो, और जोर से और..जो र से च ओ दो चो दो हाय मैं गई! मैं गई राजा! हाय गई!
और वह झड़ गई।
मैं फिर भी उसे जोर जोर से धक्का लगाकर चोदता रहा। और मैं बोलने लगा- रिंकी रानी कैसा लगा, हाय मजा आया न, मैं बोला था न, जन्नत का सैर करा दूंगा। लो अब मैं भी गया, रानी हाय आ..अ..आ.’
और मेरा सारा वीर्य रिंकी की बुर में झड़ गया। मैं पांच मिनट तक रिंकी की बुर में लंड डाले रहा और उस पर लेटे रहा। फिर उठ कर लंड बाहर कर लिया। मैंने देखा कि रिंकी आँखे बंद कर सुध-बुध खोकर एक नशे में डूबी हुई है।
मैं उसे उसी अवस्था में छोड़कर रूमा, जो दरवाजे पर खड़ी थी, के पास जाकर उसे कस कर चूम लिया और कहा- कैसा लगा चुदाई का खेल?
तो वह शर्म से लाल हो गई।
मैं उसकी चूची पकड़कर क्लास वाले कमरे में ले गया और उसकी बुर में उंगली डाल कर तैयार करने लगा। वह भी मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी, मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा।
मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और वह उसे लॉलीपॉप जैसा चूसने लगी। इतने में रिंकी उस कमरे में आ गई। रूमा के साथ यह सब करते देख वह गुस्से में लाल हो गई और रूमा को एक चपत लगा कर धकेल दिया और बोली- रूमा तुमको सर के साथ इतना करने की इजाजत मैं नहीं दूंगी। सर सिर्फ मुझे चोदेंगे। सिर्फ मुझे। बस मैं तुम्हें सर से सिर्फ ऊपर तक की ही इजाजत दे सकती हूँ। खबरदार, जो इससे आगे बढ़ी। सर सिर्फ मेरे हैं!’
फिर दोनों ने ठीक से अपना अपना स्कूल ड्रेस पहना और आइने की मदद से बाल वगैरह ठीक किए। रिंकी ने मुझसे जोर से चिपक कर मुझे जबरदस्त चुम्बन दिया और बोली- सर, मैं तो डर गई थी, पर अब पता चला कि आपके लंड को लेकर मैं जन्नत पहुँच गई। मैं अभी भी उसी में खोई हुई हूँ। सर अब जब चाहें मुझे चोद सकते हैं। मैं तो दिन रात आप से चुदवाते रहती! पर मजबूरी है। जाना तो पड़ेगा ही, फिर मिलेगे, फिर चुदाई का खेल खेलेंगे। मुझे तो लग रहा है कि मैं आपके लंड को अपनी बुर में रख कर के ले जा रही हूँ, हाय सर, है आपका लंड!
कह कर जाते मेरे लंड पर किस कर ली और ‘बाई सर, बाई आपका लंड!’ कहते हुए मेरे लंड को मसल कर मुझे फिर किस देकर चली गई। Antarvasna
आज स्कूल में Antarvasna अचानक जल्दी छुट्टी हो गई तो मैं घर आ गया। जैसे ही दरवाजे के पास पहुँचा कि मैंने सुना:
आई … ई … मान जाओ न … यह दीदी की आवाज थी।
मैं चौंक पड़ा … मैंने दरवाजा खटखटाने का इरादा त्याग दिया और दबे पाँव दरवाजे तक पहुँच गया और सुनने लगा।
अन्दर दीदी और किसी मर्द की आवाज आ रही थी- उचक क्यों रही है … कोई पहली बार दबा रहा हूँ क्या … पुच्च पुच्च पुच्च!
“इतना जोर से क्यों दबाते हो? मुझे दर्द नहीं होता क्या?”
“इतने समय के बाद मिलेगी तो सब्र कैसे होगा!”
“आप ही तो एक साल के बाद आये हो!”
“आह्ह्ह … मेरी जान् … याद है … पिछली बार कैसे छत पर तेरी चूत चोदी थी! पुच्च पुच्च!”
“सब याद है … कुछ बिछाया भी नहीं था … पूरी छिल गई थी पीछे से!”
“सच … पुच्च् पुच्च … पर बहुत मजा आया था! सच पूछे तो तुझे चोदने बाद तेरी बहन को चोदने में बिल्कुल भी मजा नहीं आता! तुझे भी तो मजा आता है न?”
“हाँ … पर थोड़ा धीरे दबाओ … आईइ … लगती है!”
“चुदते समय तो नहीं होता दर्द तुझे?”
“उस समय तो मैं दूसरी दुनिया में होती हूँ!”
फ़िर कुछ देर शान्ति रही.
“चल अब बैडरूम में चलें!”
“अभी नहीं … भाई आने वाला होगा.”
“अभी तो दो ही बजे हैं … वो तो चार बजे आयेगा.”
“जल्दी भी आ सकता है … रात को सबके सोने के बाद आऊंगी.”
“ज्यादा नखरे मत कर!”
“मान जाओ … पूरी रात चोदना फिर!”
“तो एक जल्दी वाला राउंड कर लेते हैं … लंड भरा हुआ है … आह्ह आह्ह!”
“बीच में मत छोड़ देना मुझे!”
“आज तक छोड़ा है क्या … बहन की लौड़ी … हमेशा तेरी चूत खाली करके झड़ा है.”
फ़िर उनके जाने की आवाज आई तो मैं दौड़कर घर के पीछे पहुँच गया जहाँ की खिड़की से बैडरूम के अन्दर सब दिखता था।
दोनों एक दूसरे की कमर में हाथ डाले कमरे में आये।
ओह … ये तो समीर जीजाजी हैं … मामा की बेटी के पति … तो दीदी इनसे भी?
हे भगवान … इस लड़की ने कोई लंड छोड़ा भी है क्या!
और आते ही जीजाजी ने उसे बाँहों में भींच लिया और फ़िर उनके होठ चिपक गये।
वे हाथों से उसकी चूची, कमर व गांड को जोर जोर से भींच रहे थे।
वह बिलबिला रही थी- आह्ह्ह … ऐसे क्यों अकुला रहे हो … मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या?
दीदी हाँफ़ते हुए बोली।
और फ़िर जब जीजाजी ने उसे नंगी करना शुरू किया तो दीदी बोली- पूरे कपड़े नहीं … अभी तो ऐसे ही चोद लो … रात में चाहे जैसे चोदना!
“ज्यादा नखरे मत कर बहनचोद … अभी काफ़ी वक्त है!”
और फ़िर आनन फ़ानन दोनों नंगे हुए और कस कर फ़िर लिपट गये।
लिपटे लिपटे जीजू ने उसे पलंग पर पटक लिया और उसके ऊपर आ गये!
फ़िर रगड़ना शुरू कर दिया।
मेरी बहन भी बराबर सहयोग कर रही थी।
सात इंच का लंड चूत की गहराई नापने के लिये बेताब था तो चूत भी उसका घमंड तोड़ने के लिये आतुर थी।
“कैसे चुदवायेगी मेरी जान?”
“शुरूआत तो सीधे ही करो!”
और दीदी ने टांगें फ़ैला दी.
तो जीजू ने लंड चूत पर टिका दिया और फ़िर होठों पर होंठ जमाकर चूसना शुरू किया तो सीमा ने भी हाथ से लंड को पकड़ कर चूत पर सैट किया और चूतड़ उचकाए.
चूत ने लंड को अपने भीतर समा लिया.
फिर सीमा ने अपनी टांगों में जीजू को लपेट लिया … लंड जड़ तक समा गया।
थोड़ी देर प्यार करने के बाद जीजू ने पोजीशन ली और दनादन ठोकना शुरू कर दिया।
वह आह्ह्ह आह्ह्ह करती रही और चूत ठुकती रही.
बीच बीच में जीजू उसे चूम भी रहे थे।
दीदी भी अब गर्म हो चुकी थी।
फ़िर वे अलग हुए और उन्होंने दीदी को हाथ पकड़ कर खड़ा किया और पलंग की ओर मुँह करके झुका दिया।
दीदी ने हाथ पलंग पर जमा दिये।
उसकी चूत मेरी तरफ़ थी।
जीजाजी उसकी पैंटी से पहले चूत पौंछी और फ़िर अपने सात इंच के लंड को पीछे से चूत पर टिकाया और एक जोरदार धक्का दिया।
दीदी बिस्तर पर गिर गई.
“थोड़ा आराम से डालो ना जीजू राजा!”
उन्होंने उसे फ़िर उठाया और इस बार थोड़ा आराम से लंड चूत में घुसेड़ा और फ़िर चोदने लगे।
वह भी चूतड़ हिला हिला कर धक्के मार रही थी- आह्ह मेरे प्यारे जीजू … और जोर से!
“ले मेरी जान! तेरी मस्त चूत को फ़ाड डालूँगा आज!”
और इस तरह उसने पहले उसकी चूत पीछे से खूब ठोकी और फ़िर उसे सीधे लिटा कर खूब पटक पटक के चोदा।
काफ़ी देर बाद वे झड़े और फ़िर लंड डाले ही उसके ऊपर लेट गये।
मैं वापस लौट गया और फ़िर काफ़ी देर बाद आया। Antarvasna
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी छोटी बहन ने मुझे सेक्स के लिए बुलाया और नंगी होकर ओरल सेक्स का मजा लिया.
उसकी चूत बहुत टाइट थी, मुझे जीभ घुसाने में बहुत मजा आ रहा था.
अब आगे हॉट चूत फकिंग स्टोरी:
उसके हाथ मेरे सर पर थे और मैं लगातार उसकी चूत चुसाई किए जा रहा था.
नीचे से वह पूरे जोश में अपनी गांड उठा रही थी और गोल गोल घुमा रही थी.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
‘क्या चूसते हो भैया, मुझे पता ही नहीं था कि इतना मज़ा भी आएगा … और अन्दर पेलो … और जोर से चूसो अपनी छोटी बहन की छोटी सी चूत का सारा कामरस निचोड़ दो.’
वह और भी जाने क्या क्या बोले जा रही थी.
फिर उसने जोर से कस कर मेरा सर चूत पर दबाया और मेरे मुँह में झड़ गयी.
मैं उसके रस की हर बूंद को पी गया.
मुझे मेरी छोटी बहन पर बहुत प्यार आ रहा था, वह बिल्कुल शांत हो कर पड़ी थी.
मैं उसके ऊपर आ गया और होंठों पर किस करने लगा.
वह भी साथ देने लगी और वापस जोश में आ गयी.
थोड़ी देर किस करने के बाद लंड उसके मुँह के पास ले गया.
वह लेटी लेटी ही लंड को चूसने लगी.
मैंने उससे कहा- छोटी, इसको अपने मुँह की लार से पूरा चिकना कर दे और हॉट चूत फकिंग के लिए तैयार हो जा!
वह रुक कर लंड हाथ में पकड़ कर बोली- भैया, आपकी छोटी तो कब से तैयार है … आप करो, जो करना है!
वह फिर से लंड चूसने लगी.
उसने पूरे लंड को गीला और चिकना कर दिया था.
मैं नीचे आया और उसकी गांड के नीचे 2 तकिए लगा दिए.
उसने कहा- ये क्यों?
मैं बोला- जैसे जीभ पूरी चूत में ली … वैसे लंड नहीं लेना क्या?
तो वह कटीली स्माइल करती हुई धीरे से बोली- हां लेना है ना!
फिर खुद ही शर्मा गयी और अपने दोनों हाथों के बीच अपना चेहरा छुपा लिया.
मैंने दोनों हाथों को अलग करते हुए कहा- मेरी जान, अब करें!
उसने हां में सर हिलाया और मैंने लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया.
मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठ चूसने लगा.
दोनों हाथों से उसके कंधे की पकड़ बना कर उसके होंठों कर अपने होंठों का ऐसा शिकंजा बनाया कि उसकी आवाज बाहर ना निकले.
फिर उसको किस करते हुए नीचे से एक जोरदार झटका दे दिया.
उसकी आंखें फट गईं, आंसू निकल आए.
दर्द उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था पर होंठों के लॉक होने की वजह से आवाज ही नहीं निकाल पाई.
नीचे मां और पापा सोए थे यदि उसकी आवाज निकलती तो वाट लग जाती.
कल रात को ऑफिस के रूम में मेरी बहन बहुत जोर से चिल्लाई थी.
यह आपने सेक्स कहानी के पिछले भाग में पढ़ा ही था.
मेरा लंड अभी भी 3 इंच बाहर था.
मैंने थोड़ा सा पीछे किया और फिर से एक बहुत ही जोरदार झटका दिया.
मेरा पूरा लंड उसकी छोटी सी चूत को चीरता हुआ अन्दर पहुंच गया.
रितिका दर्द के मारे तिलमिला उठी.
उसने मुझसे छूटने की बहुत कोशिश की परन्तु मैंने उसको पहले ही ऐसा पकड़ा हुआ था कि उसकी हर कोशिश नाकाम रही.
मुझे अपनी छोटी बहन पर बहुत तरस आ रहा था लेकिन अगर उसको अलग कर देता तो शायद ही वह वापस लंड को चूत में डालने देती.
क्योंकि पिछली रात को इस तरह से उसकी चुदाई नहीं की थी, परन्तु आज उसे बहुत दर्द सहन करना पड़ रहा था.
मैं वैसे ही उसके ऊपर कुछ मिनट तक लेटा रहा. मेरा लंड उसकी चूत में फुंफकार मार रहा था.
फिर उसको कुछ राहत मिली, तो वह थोड़ी सी ऊपर नीचे होने की कोशिश करने लगी.
मैंने उसको ढीला छोड़ दिया.
रितिका- अब क्यों ऊपर हो रहे हो, भैया जान ही ले ली मेरी … अपनी बहन को ऐसे कौन चोदता है यार!
मैं- सॉरी यार छोटी, तू है ही इतनी क्यूट और हॉट कि खुद पर कंट्रोल नहीं हुआ.
रितिका थोड़ी गुस्सा होती हुई बोली- तो मैं कहीं भागी नहीं जा रही थी. आपके पास ही हूँ, पर थोड़ा आराम से कर लेते.
मैं- सॉरी यार दिल से … और तुझे बुरा लग रहा है या ज्यादा दर्द हो रहा है, तो लंड को बाहर निकाल लेता हूं!
रितिका स्माइल करती हुई- मेरी छोटी सी मुनिया को फाड़ दी और अब निकाल कर क्या करोगे! अब तो मज़ा आ रहा है, कर लो अपने दिल की.
मैं- दिल की नहीं छोटी, अब तो लंड और चूत की होगी.
रितिका- तो करो ना … किसने रोका है, डालो और अन्दर तक!
मैं- तो ये ले छोटी.
और इसी के साथ मैंने 3-4 जोरदार झटके लगा दिए.
रितिका- आहहह … भैया!
मैं- क्या हुआ छोटी, अभी तो बोल रही थी कि डालो अन्दर तक … अब इतनी जोर से क्यों चिल्ला रही है. कोई सुन लेगा!
रितिका अपनी दोनों बांहें मेरे गले में डालती हुई और अपने होंठों से किस करती हुई बोली- भैया, यह आवाज अब सिर्फ आपको ही सुनाई देगी और मैं चाहे जितना भी मना करूँ, आज आप पूरे जोश से मेरी चुदाई करो.
यह कह कर वह पैर फैलाती हुई बोली- लो, लंड को जितना अन्दर डाल सकते हो, डाल दो भैया!
मैंने उस पर लेटे लेटे ही किस करते हुए चुदाई का संग्राम चालू कर दिया.
कभी मैं उसके बूब्स को पूरे जोश से दबाता, तो कभी होंठ काटते हुए चोदने लगता.
रितिका भी मेरे हर झटके का पूरा जवाब दे रही थी.
वह बहुत आनन्द के साथ अपनी चुदाई करवा रही थी.
मैंने अपनी बहन के ऊपर ही चढ़ कर करीब 20 मिनट तक उसकी चुदाई की, उसके बाद वह झड़ गयी.
उसके झड़ने 5 मिनट के बाद मुझे भी लगा कि मैं भी अब टिक नहीं पाऊंगा.
तो मैंने रितिका से कहा- छोटी, मेरा होने वाला है!
रितिका बोली- हां हो जाने दो भैया, आप अन्दर ही निकाल दो.
मैंने कहा- कुछ हुआ तो?
वह बोली- आप हो ना मेरे साथ … कुछ नहीं होगा. पर आज आपको अन्दर तक महसूस करना है.
यही सब बातें करते करते ही पूरी ताकत के साथ मैं उसके अन्दर ही झड़ गया.
झड़ने के बाद बड़ी शिथिलता हो रही थी तो मैं कुछ मिनट तक उसके ऊपर ही लेटा रहा.
फिर उठ कर देखा तो उसकी नाजुक जांघें पूरी लाल हो चुकी थीं और हम दोनों का कामरस उसकी चूत से बाहर बह रहा था.
मैंने उसके माथे पर किस की और बोला- इतना प्यार करने के लिए थैंक्स छोटी.
उसने सेम टू यू बोला और हंस दी.
मैंने घड़ी में देखा तो 2.40 हो चुके थे.
हम दोनों को पता ही नहीं चला कि कब इतना समय हॉट चूत फकिंग में निकल गया.
मैंने उससे कहा- सुबह ऑफिस चलना है, सो जाते हैं.
उसने भी कहा- ठीक है, पर मुझे वाशरूम जाना है.
मैंने कहा- तो चली जा!
इस पर वह बोली- आप पागल हो क्या भैया?
मैंने कहा- क्यों?
वह बोली- आपके लंड से इतनी चुदाई के बाद मैं तो क्या, कोई भी लड़की थोड़ी देर तक अकेली उठ नहीं सकती. प्लीज आप ले चलो न!
मुझे उस पर प्यार आ गया और उसको उठा कर वाशरूम में ले गया.
उसने सुसु की.
फिर मैंने वापस उसको बेड पर सुलाया.
मैं जाने लगा तो उसने हाथ पकड़ा और मुझे रोक लिया.
तो मैंने कहा- सोने जाना है कमरे में!
वह बोली- यहीं सो जाओ, सुबह चले जाना या मुझे नींद आ जाए, तब चले जाना.
मैंने कहा- ठीक है, पर मम्मी के आने के पहले जाना पड़ेगा.
उसने कहा- हां तो चले जाना, पर अभी सो जाओ.
मैं कपड़े पहनने लगा तो भी उसने मना कर दिया- जब जाओ, तब पहन लेना, अभी नहीं.
मैं भी ‘ठीक है’ बोल कर सो गया.
उसने एसी की ठंडक बढ़ा दी और दोनों कम्बल में सो गए.
मुझे भी नींद लग गयी.
फिर अचानक नींद खुली तो 4.45 हो चुके थे.
पर जैसे ही उठा तो एसी की वजह से ठंडक लगी; मैं वापस कम्बल में घुस गया.
रितिका की वजह से कम्बल में गर्मी थी तो मैंने पहले रिमोट से एसी बन्द किया और कुछ देर बाद कम्बल हटा कर देखा.
उस वक्त छोटी सो रही थी और उसने कपड़े नहीं पहने थे.
मेरा लंड अपनी अकड़ में आ गया तो मैंने सोचा कि ठंड लग रही है.
इसी से लिपट कर इसके ऊपर सो जाता हूं.
पर जैसे ही मैंने रितिका को सीधा किया और पैर चौड़े करके ऊपर चढ़ा तो रितिका शायद इसी इंतजार में थी.
उसने मेरे लंड को हाथ से पकड़ा और अपनी चूत पर टिका दिया.
वह नींद में थी लेकिन लंड के प्रहार से उसकी नींद खुल गयी.
उसने लंड चुत में लेते हुए कहा- अहह … गुड मॉर्निंग उम्मम अहह … भैया आह … मेरी चुत बहुत दर्द कर रही है. इसका दर्द मिटा दो भैया … अब मेरी सुबह की शुरुआत रोज ऐसी ही करना.
मैंने धक्के देते हुए कहा- हां छोटी, तेरी चूत के लिए मेरा लंड हर पल खड़ा रहेगा.
छोटी बोली- भैया आज मैं ऑफिस में लांग गाउन पहनूँगी.
मैंने कहा- क्यों?
वह बोली- आज पैंटी नहीं पहनूँगी और वर्कर तो वैसे भी आज छुट्टी पर है तो मैं आज आपके पास नहीं बल्कि आपकी गोद में बैठूंगी.
ऐसी ही बातों के साथ हमारी मॉर्निंग की चुदाई खत्म हुई.
उसे किस करके मैं अपने कमरे में आकर सो गया.
फिर 8 बजे नींद खुली तो जल्दी से रेडी होकर माँ पापा के साथ नाश्ता किया.
फिर हम दोनों भाई बहन ऑफिस आ गए.
आगे की सेक्स कहानी में कैसे उसकी फ्रेंड के साथ सेक्स किया, वह भी बताऊंगा.
यह मैंने पिछली बार भी कहा था, पर सॉरी … कहानी लंबी खिंच जाने के कारण वह सब आपको अगली सेक्स कहानी में ही लिख पाऊंगा.
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.