Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Vidisha: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Vidisha who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Vidisha that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Vidisha massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Vidisha who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Vidisha massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Vidisha massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Vidisha who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Vidisha employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Vidisha helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Vidisha

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Vidisha at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

ऑफिस गर्ल चुदाई का मजा मुझे दिया मेरी एक नयी आई सहकर्मी ने! उससे मेरी दोस्ती हो गयी थी तो उसने मुझे अपने जन्मदिन पर घर बुलाया.

मेरा नाम राजवीर है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ.
मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है और मेरी बॉडी भी ठीक-ठाक ही है. मेरे लंड का साइज सामान्य से बड़ा है जो किसी भी औरत के बच्चेदानी तक आराम से पहुंच जाता है.

मैं एक होटल में काम करता हूँ और वहीं की एक लड़की को मैंने चोदा था.
वह सब कैसे हुआ, उसी Xxx ऑफिस गर्ल चुदाई कहानी को आज मैं आप सभी से साझा कर रहा हूँ.

उस लड़की का नाम मनीषा था.
वह मेरी होटल में जॉब के लिए आई और मेरे बॉस ने उसको काम पर रख लिया.

अब वह मेरे साथ काम करने लगी.
जब वह आई, तो मैं उसके पास नहीं बैठता था, उससे दूर ही रहता था.

धीरे धीरे मनीषा मुझे बात करने लगी.
फिर ऑफिस के काम की वजह से उसने मेरा नंबर भी ले लिया और हमारी बात होने लगी.

मैं अब भी मनीषा के पास नहीं बैठता था तो वह मुझे व्हाट्सैप पर मैसेज करती कि क्या हुआ, मेरे पास क्यों नहीं बैठ रहे हो, मुझसे दूर क्यों बैठे हो!

तो मैं उससे कह देता- मुझे अच्छा नहीं लगता, इसलिए दूर रहता हूँ.
मनीषा- अच्छा, मैं आपको अच्छी नहीं लगती?
मैं- नहीं, ऐसी बात नहीं है.
मनीषा- फिर कैसी बात है?
मैं- बस ऐसे ही.

वह मुझसे देर तक बात करना चाहती थी.
लेकिन मैं ही न जाने क्यों उससे अपने आपको दूर रखने की कोशिश करता था.

तब भी उसकी लगातार कोशिशों से धीरे धीरे हमारी बातें होने लगीं और मुझे वह काफी अच्छी लगने लगी.

उसकी आत्मीयता भरी बातें मुझे उसके करीब खींचती ले गईं और हम दोनों काफी अंतरंग होने लगे.
अब हमारा रोज मिलना भी होने लगा.

हालांकि अब तक हम दोनों के बीच प्यार जैसा कुछ भी इजहार नहीं हुआ था.
तब भी हमारे बीच दोस्ती कुछ ऐसी हो गई थी कि देखने वाला यही समझे कि हम दोनों लव कपल हैं.

कभी मनीषा मुझसे कहती कि चाय पिलाओ तो मैं उससे हंस कर कह देता कि नहीं आज तुम पिलाओ.

हम दोनों हंसी मजाक करते हुए एकदम बचपन के दोस्तों की तरह लड़ने लगते.

कभी वह मुझसे कहती कि आज यहां जाना है … आप मेरे साथ चलो.
मैं पहले मना कर देता कि मैं नहीं जा रहा हूँ. मेरे पास टाइम नहीं है.
तो वह मुझसे लड़ कर हक से चलने की कहने लगती.
फिर बस मैं उसको लेकर निकल जाता था.

इसी तरह वह मेरी जरूरत जैसी बन गई थी.

एक दिन उसने कहा- मेरा जन्मदिन है और मैंने पार्टी रखी है. आपको जरूर आना है.

मैं शाम को तैयार होकर उसकी पार्टी में गया.
लेकिन उधर पार्टी में कोई था ही नहीं!

मैंने उससे पूछा- बाकी सब लोग कहां हैं?
उसने कहा- कोई भी नहीं है, बस मैंने आपको ही बुलाया है.

मैंने उससे पूछा- केवल मुझे क्यों?
तो उसने कहा- मेरा यहां कोई नहीं है. मेरी फैमिली वाले सभी बाहर रहते हैं.
मैंने कहा- चलो, कोई बात नहीं. पार्टी करते हैं.

उसने केक के अलावा खाने में और भी बहुत कुछ बनाया था.

हम दोनों ने केक कटिंग की और मैंने उसको गिफ्ट दिया.
उसके बाद खाना खाया और मैं जाने की सोचने लगा.

मैंने उससे कहा- बहुत समय हो गया है, अब मैं चलता हूँ.
उसने कहा- आज यहीं रुक जाओ न!

मैंने कहा- नहीं, कल ऑफिस भी जाना है … और काम भी है.

फिर पता नहीं क्या हुआ, उसने मुझसे कहा- राजवीर, मैं आपसे आज कुछ मांग सकती हूँ … मेरा जन्मदिन है!
मैंने कहा- हां मांगो. मेरे बस में हुआ तो जरूर दूंगा.

उसने कहा- मैं आपको पसंद करती हूँ. इसलिए आज आप मेरे पास यहीं रुक जाओ!

मैंने उसकी आंखों में झाँकते हुए कहा- ठीक है, लेकिन अब से तुम मुझे आप नहीं कहोगी.
वह मेरे गले से लग गई और उसने मुझे किस किया.

मैं भी जवान लड़का हूँ, मुझसे कंट्रोल ही नहीं हुआ और मैंने भी उसको किस कर लिया.

वह मेरे चुंबन के जवाब में चुंबन देने लगी.
हम दोनों एक दूसरे के साथ दो बिछुड़े प्रेमियों की तरह से प्यार करने लगे.

उस दिन उसने मुझसे कहा- तुम कुछ कहना भूल नहीं रहे हो?
मैंने कहा- क्या?
वह हंस दी और बोली- मैं क्यों बताऊं?

मैं उसकी आंखों में झाँकने लगा और वह भी मेरी आंखों में कुछ खोजने लगी.

कुछ ही देर तक उसकी आंखों में झाँकने से मैं एकदम से सिहर सा उठा और मुझे मानो उसकी आंखों ने ही वह बता दिया था कि मैंने अब तक मनीषा से अपने प्यार का इजहार नहीं किया है.
अगले ही पल मैं अपने घुटनों के बल बैठ गया और मैंने उसके हाथ को अपने होंठों से लगा कर चूमते हुए उससे पूछा- मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूँ मनीषा, क्या तुम मेरे प्यार को कुबूल करोगी!

उसने मुझे खींच कर उठाया और मेरे सीने से लिपट गई.
हम दोनों एक दूसरे में खोने लगे थे.

धीरे धीरे मैंने उसके और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
उसका बदन देखने लायक था.
तने हुए 34 इंच के दूध और 28 इंच की पतली कमर और 36 इंच की उठी हुई गांड देख कर मेरा दिल खुश हो गया था.

मैंने मन में सोचा कि आज यहां रुकना सफल हो गया. Xxx ऑफिस गर्ल चुदाई का मजा मिलेगा.

हम दोनों ने खूब चूमाचाटी की और बहुत देर देर तक एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ डालकर स्मूच किया.
मैं एक हाथ से उसके मम्मों को धीरे धीरे दबा रहा था और दूसरा हाथ उसकी चूत पर चल रहा था.

उसका भी एक हाथ मेरे बालों में था, जिससे वह मुझे अपनी ओर खींचे हुई थी और दूसरे हाथ से मेरे लंड की मालिश कर रही थी.

हम दोनों बिस्तर पर आ गए और हम दोनों ने 69 की पोजीशन ले ली.
वह मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था.

दस मिनट की चुसाई के बाद मेरा पानी उसके मुँह में गिर गया और उसका पानी मैंने चाट कर साफ कर दिया.
हम दोनों ऐसे ही बिस्तर पर लेटे रहे.

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू किया और उसने मेरे लंड को उपर नीचे, जिससे मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया.

मैंने उसको नीचे लिटाया और उसकी चूत पर अपना लंड रख कर अन्दर डालने लगा.
लेकिन मेरा लंड उसकी चूत में गया ही नहीं.
उसकी चूत एकदम कसी हुई थी.

मैंने उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगाया और अब लंड लगा कर दबाव डाला तो इस बार मेरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.
वह आह आह करती हुई दर्द से कराहने लगी.
पर मैं लगा रहा और उसके मुँह से ज्यादा तेज आवाज न निकले इसलिए मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए थे.

अब मैंने पोजीशन सैट करते हुए एक और जोरदार धक्का लगाया तो इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में धँसता चला गया और सीधा बच्चेदानी के मुँह पर जा लगा.
अब चुदाई का खेल शुरू हो गया था.

पहले तो मैं कुछ देर तक ऐसे ही रुका रहा और उसके मम्मों को सहलाता रहा, उसके मुँह में जीभ डाल कर उसकी लार को पीता रहा.

इससे उसकी पीड़ा खत्म हो गई और उसकी चूत ने लंड से हार मान कर उसे अपनी गहराई में समा लिया.

लंड ने अपनी जगह हासिल कर ली थी तो मेरी कमर ने हिल कर लौड़े को सही से चूत में स्थापित कर दिया था.

कुछ पल बाद मैंने फिर से धक्के देना शुरू किये और उसको ताबड़तोड़ चोदने लगा.
कुछ ही देर में मैं पूरी ताकत से जोर जोर धक्के लगाना लगा.
अब उसको भी मजा आने लगा था और वह भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मेरे धक्कों का जवाब देने लगी थी.

कुछ बीस मिनट की घमासान चुदाई के बाद मैंने उससे घोड़ी बनने को कहा.
वह बन भी गई.

मैं उसकी सवारी करने लगा.

पूरे आधा घंटा की चुदाई के बाद मेरा लंड फूलने लगा और उसकी चूत में टाइट चलने लगा.
वह भी समझ गई थी कि मेरे लंड से लावा फूटने वाला है, तो वह भी जोर जोर से धक्के खाने लगी थी.

कुछ ही पल बाद मैंने उसकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया.
बाद में उसने बताया कि वह पूरी चुदाई के दौरान तीन बार झड़ चुकी थी.

फिर मैंने टाइम देखा, तो रात के 12 बज गए थे.
कुछ देर आराम करने के बाद मैंने उसको एक बार और चोदा.

फिर हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.

सुबह मेरी आंख 5 बजे खुली, तो वह मेरी बांहों में दबी हुई नंगी सो रही थी.
मैंने उसके पैर फैला दिए और उसकी चूत में एक बार फिर से लंड पेल दिया.

वह भी जाग गई और लंड से लोहा लेने लगी.
मैंने उसको बहुत देर तक खूब तेज तेज चोदा और उसकी चूत में ही अपना वीर्य टपका दिया.

उसके बाद मैं तैयार होकर ऑफिस चला गया और कुछ देर बाद वह भी ऑफिस आ गई.
हम दोनों का ऑफिस का काम पूरे दिन चला.

शाम को 6 बजे बॉस को जानकारी हुई कि मनीषा का जन्मदिन कल निकल गया है तो उन्होंने उसके लिए केक मंगवाया और उसने केक कटिंग की और सबको खिलाया.
फिर सब अपने अपने घर चले गए.

वह वहीं थी.

मैंने उससे कहा- अब तुम भी जाओ और मैं भी निकलता हूँ.
उसने कहा- नहीं अभी रुको.

वह मुझे अपने साथ कमरे में ले गई और बोली- मैंने आपको सही से केक नहीं खिलाया है.

मैंने कहा- कोई बात नहीं, कल पार्टी दी थी न तुमने, तो बस हो गया.
लेकिन वह नहीं मानी.

उसने रूम का दरवाजा बंद करके अपने कपड़े उतार दिए और उसने अपने हाथों से अपने होंठों पर, अपने बूब्स पर और अपनी चूत पर केक लगा कर कहा- मैं तुमको ऐसे केक खिलाना चाहती थी.
मैंने उसको किस किया और उसके होंठों को चाटते हुए केक को खाया.

उसके बाद उसके बूब्स का केक खाया, फिर उसकी चूत का केक खाया.
अब मैंने उससे कहा कि मैं भी तुमको केक खिलाना चाहता हूँ.

वह भी समझ गई थी.
मैंने भी अपने लौड़े पर केक लगा कर उसके मुँह में दे दिया और उसके मुँह को चोदने लगा.

कुछ मिनट की लंड चुसाई के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया.
वापस कुछ मिनट की चुसाई के बाद मैंने उसको होटल के कमरे में चोदा और हमारी यह चुदाई 25 मिनट तक चली.

उसके बाद हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाए और मैंने उसको वहां पुनः चोदा.
उसके बाद हम दोनों कपड़े पहन कर बाहर आ गए.

इसके बाद मैंने उसको बहुत बार चोदा. कभी होटल में, तो कभी उसके रूम पर.

एक दिन मुझे पता चला कि वह अपने मामा से चुदाई करवाती है.
इसलिए मैंने उसको छोड़ दिया.

उसके बाद से मैंने अभी किसी को चोदा नहीं, मेरा लंड आज भी चूत के लिए प्यासा है.

Antarvasna Sex Stories

अंतर्वासना के प्रिय Antarvasna Sex Stories पाठकों को मेरा नमस्कार ! मेरा नाम राज है (बदला हुआ नाम ) और मैं दिल्ली के पास के शहर मेरठ से हूँ। आज सोचा कि क्यूँ ना अपनी भी कहानी यहाँ लिखी जाये !

तो दोस्तो आप मेरी कहानी पढ़ो और मजे लो !

वैसे तो मै इक्कीस साल का एक साधारण सा युवक हूँ पर थोड़े दिन पहले तक काम के सुख से वंचित था ! दूसरे लोगों की तरह मेरे दिल में भी कामवासना के लिये बहुत तड़प थी और चाह कर भी मैं इस तड़प को कम नहीं कर पा रहा था क्यूँकि ना तो मेरे पास कोई पार्टनर थी और मुझे डर भी लगा रहता था कि कहीं किसी जानने वाले को पता चल गया तो !

यही बात मेरे कॉलेज के दो दोस्तों को भी पता थी कि मुझे काम-क्रिया करनी तो है पर कोई मौका नही मिल रहा ! उन्होंने मुझे सुझाव दिया कि किसी काल-गर्ल को बुला ले। पर बदनामी और पकड़े जाने के डर से मेरी हिम्मत ना हुई और मैने मन ही मन फैसला किया कि मुझे किसी पचड़े में नहीं फंसना और जब भी मौका लगेगा तब हाथ आजमा लेंगे !

फिर अचानक एक दिन मेरी किस्मत ने जोर मारा। छुट्टी का समय था और मैं कॉलेज के गेट पर खड़ा था कि तभी मेरी ही क्लास की एक लड़की अदिति (बदला हुअ नाम) मेरे पास आई और बोली- मुझे तुमसे बात करनी है !

मुझे लगा कि इसे कोई काम ही होगा और मैं लेट भी हो रहा था सो मैंने उसकी बात पर ज्यादा गौर नहीं किया। पहले आप लोगो को अदिति के बारे में थोड़ा बता दूँ… क्या कहूँ बिल्कुल साधारण लड़की थी, औरों के लिए तो ठीक-ठाक एक सामान्य लड़की पर मेरे लिए तीखे नयन नक्शों वाली एक हूर की परी…..

उसने बात शुरू की- मैं और तुम एक ही नाव में हैं !

मुझे कुछ समझ नहीं आया, मैंने जोर से बोल दिया- अबे क्या कह रही है?

वो थोड़ा डर सी गई..

मैंने समझाया कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि तू क्या कहना चाहती है…

वो सहमी सी खड़ी रही।

मैंने तब उससे कहा- डर मत ! बोल जो बोलना है !

उसने कहा- मुझे पता चला है कि तुम्हें एक पार्टनर की जरुरत है !

अब मैं समझ गया कि वो कहाँ बोल रही थी !

मैंने कहा- हाँ है तो पर तुझे कैसे पता चला?

फिर वो बोली- मेरी दोस्त से !

जो कि मेरे उन दोनों दोस्तों में से ही एक की गर्लफ्रेंड थी!

वो आगे बोली- मैं तुम्हारी पार्टनर बन सकती हूँ पर मुझे डर है कहीं किसी को पता न चल जाये !

मैंने उसका डर दूर किया और कहा- यह डर मुझे भी है तभी तो आज तक कुछ नहीं किया !

बस फिर क्या था, बात आगे बढ़ी और अगले दिन का कार्यक्रम तय हुआ…

मैं अपना जोर जोर से धड़कता हुआ दिल हाथ में लेकर किसी तरह घर पंहुचा पर दिमाग में तो उसकी बातें ही घूम रही थी। घर जाते ही अपने कमरे में गया और खाना भी नहीं खाया…

वही बातें दिमाग में घूमने लगी और तब अहसास हुआ कि उसने अभी तक सेक्स तो किया ही नहीं है। मतलब साफ़ था कि चूत एक दम टाइट होगी और उसे दर्द भी होगा…

बस फिर तो सारा दिन उसको चोदने के तरीके सोचने लगा … पहले ये करूँगा.. फिर वो … लेकिन एक बात दिमाग में थी कि उसे पूरी तरह गत्म करने के बाद ही कुछ शुरू करूँगा और उसके दर्द का भी ध्यान रखूँगा.. क्योंकि मुझे पता था कि अगर लड़की को दर्द ज्यादा हो तो ना वो खुद मजा ले पाती है और न तुम्हें दे पाती है…

बस देर रात तक यही सोचता रहा कि किसी भी तरह उसे अपने से पहले चरम-सुख दे सकूँ .. और उसे आनंद की चरम सीमा से भी परे ले जा सकूँ … ताकि उसका पहला सेक्स अनुभव यादगार बन जाये और वो मेरी दीवानी हो जाये !

खैर अगला दिन आया… सुबह दस बजे हम मिले और ऑटो पकड़ कर चल दिए होटल की ओर ….

वहाँ पहले अन्दर वो गई, कमरा बुक कराया दूसरे नाम से…. और कमरे में चली गई …

फिर कमरे में से मुझे कॉल किया कि रूम नंबर इतना है…

मैं होटल के बाहर ही खड़ा था तब तक ! ताकि किसी को शक न हो….

मैं सीधे होटल में गया.. किसी की तरफ नहीं देखा और सीधे कमरे की तरफ बढ़ गया ताकि अगर कोई देख भी रहा हो तो उसे लगे कि इसका कमरा पहले से बुक्ड है…

खैर कमरे तक पहुंच कर दरवाज़ा खटखटाया…

उसने दरवाज़ा खोला और मुस्कुरा दी। मैं कमरे के अन्दर आया और सबसे पहले उसे मेरा पार्टनर बनने के लिए धन्यवाद दिया ! इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती, मैंने उसे अपनी बाहों में जोर से जकड़ लिया और बोला- इस दिन के लिए कब से तड़प रहा था..

और अपने होंठ उसके होंठों से सटा दिए! अब मैं जोश से भर चुका था और जोर जोर से उसके होंठों को चूसे जा रहा था..

वो गर्म होने लगी- वो भी अपनी जीभ मेरे मुँह के अन्दर डाल कर मुझे आनंद दे रही थी। इसके साथ ही उसने अपने हाथों से मेरे हाथ अपने वक्ष पर रख लिए .. मैंने भी झट से उसके स्तन दबाने शरू कर दिए…

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था सो मैं उसे जोर से चूसने लगा और उसके स्तन इस तरह दबाने लगा कि वो तड़पने लगी…

फिर मैं कुछ देर बाद उससे अलग हुआ और एक ही झटके में उसके सारे कपड़े उतार दिए… अभी भी मैं उसके स्तन सहला रहा था… और वो आवाजें निकाल रही थी कि तभी मैंने पाया की उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी है..

मैंने उसके रुमाल से उसकी चिकनाई साफ़ की और थोड़ी सी वेसलीन अपनी बीच वाली ऊँगली पर लगा कर अन्दर दे दी !

अब मैं पूरे हरामी मूड में आ चुका था सो मैंने अपनी ऊँगली गोल गोल घुमानी शरू कर दी और अब तो वो मचलने लगी और जोर जोर से आवाजे निकाल कर कह रही थी- और जोर से करो और जोर से !

मैं तो अपने होश खो बैठा और लगा उसकी चूत मसलने…

वो मजे से उछलने लगी..

मुझे बस इतना पता था कि उसे चरम-सुख पहले देना है बस चाहे जो हो जाये..

उसकी चूत एक दम गीली हो गई। मैंने दोबारा से चूत साफ़ की और अपना मुँह उस पर लगा दिया। जीभ अन्दर डाली और उसकी चूत को कुरेदने लगा, उसकी मदहोश करने वाली आवाजें आने लगी…

उसने अपने दोनों हाथ मेरे सर के पीछे किये और मेरा मुँह अपनी चूत में दबा लिया! मैं जंगली भूत की तरह उसकी चूत कुरेदने लगा और तभी उसकी अपनी टांगें बंद करनी शरू कर दी और उसका शरीर ऐंठने लगा… और फिर उसकी चूत से पानी का फव्वारा छूटा और इसके साथ ही उसका शरीर ढीला पड़ने लगा पर मैं नहीं रुका, मैं लगातार उसके स्तन मसलता रहा और थोड़ी देर बाद उसने कहा- अब नहीं रहा जा रहा ! अब डाल दो !

मैंने भी देर न करते हुए अपना लण्ड निकाल लिया, मुझे पता था कि पहली पहली बार तो आदमी ज्यादा देर टिकता ही नहीं पर मैं तो उसे ओर्गास्म दे ही चुका, अब जल्दी झड़ भी गया तोशर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा। पर फिर भी अभी तो चरम-सीमा आनी बाकी थी।

मेरा लण्ड देखकर उसने कहा- इतना बड़ा मैं कैसे लूंगी ?

पर मैंने उसे समझाया तो मान गई। बस फिर क्या था, मैंने रखा उसकी चूत पर और थोड़ा सा डाल कर ही अन्दर बाहर करने लगा और फिर धीरे धीरे शरू हुई रफ़्तार !

जिसके साथ ही बढ़ता गया आनंद !

टूटी उसकी सील, निकला उसका खून पर दोनों ही थे नशे में चूर !

अब वो लगी चिल्लाने ! मैंने भी पूरा अन्दर देकर कराया मिलन बच्चेदानी से ! रफ़्तार पे रफ़्तार, रफ़्तार पे रफ़्तार, रफ़्तार पे रफ़्तार और आखिर फिर फूट पड़ा उसका ज्वार ! मैं तो अब भी नहीं छूटा था….

तो चला एक दौर और ! इस बार थी मेरी साँसों और शरीर में गज़ब की गर्मी, चेहरा था लाल, साँस रही थी फूल ! पर फिर भी दम लगा कर था मैं मशगूल !

बस अब मेरा समय था.. मैंने उसे कहा तो बोली कि मैं भी आ रही हूँ ! दोनों साथ में होंगे…. और थोड़ी ही देर में हो गया ऐसा धमाका कि बस मत पूछो कि क्या साला हिरोशिमा पे बम गिरा होगा !!

खैर थोड़ी देर तो यूँ ही पड़े रहे, फिर पहने अपने अपने कपड़े …

अब हुए हम चलने को तो मैडम ने पास बुलाया सर पर चूमा और कहा- तुम्हारा दिया प्यार हमेशा याद रहेगा !

कमरे से एक एक करके निकले, फिर साथ खाना खाया …..

एक बार फिर जरुरत पड़ी उन्हें आश्वस्त करने की कि किसी को कभी नहीं बताऊंगा….

और चल दिए अपनी अपनी मंजिल की ओर….

मेरी सभी प्रिय पाठकों को स्नेह, धन्यवाद !! Antarvasna Sex Stories

Antarvasna

यह एक सच्ची कहानी Antarvasna है। मैं पेंटिंग की क्लास अपने घर पर लेता था, मेरी क्लास में ज्यादातर लड़कियाँ ही सीखने आती थीं।

एक दिन एक नई लड़की प्रवेश लेने आई। वह इतनी सुन्दर थी कि मैं देखता रह गया। छरहरा बदन, औसत ऊँचाई, गोरी-चिट्टी, सेक्सी नाक नक्शा। पहली नजर में मेरे बदन में सनसनाहट पैदा हो गई। उसने अपना नाम रिंकी बताया, क्लास 12 की विद्यार्थी थी, उम्र 18-19 साल होगी।

वह रोज क्लास में आने लगी। कुछ दिन बाद वह अपनी ही क्लास की एक सहेली को ले कर आई। मैं जानबूझकर उसे अपने सामने बैठाता था और उसके रूप को निहारते रहता था। वह झुक कर जब पेंटिंग बनाती थी तब उसकी आधी चूची मैं देखकर पागल हो जाता था। मेरा लंड खड़ा हो जाता था। जब भी उससे नजर मिलती, मैं पैंट के ऊपर से ही अपने खड़े लंड को अपने हाथ से उसे दिखाते हुए दबा देता था।

वह धीरे धीरे मेरी नियत समझ गई, अब वह भी बार बार मुझे देखने लगी, मैं समझ गया कि उसे भी मजा आने लग गया था।

कुछ दिन के बाद मैं उसे अपने बगल में बैठाने लगा। अब उसे ड्राइंग सिखाने के बहाने उसके बदन को छूने लगा। ऐसा करने से उसके बदन में उत्तेजना होने लगती थी और वो कसमसा जाती थी। मैं धीरे धीरे उसकी चुचियों को कपड़ों के ऊपर से ही छूने लगा। ऐसा करने से वह चिंहुक जाती थी।

अब वह जानबूझ कर मुझसे ज्यादा सट कर बैठने लगी। मैं समझ गया कि उसे भी वही चाहिए जो मुझे!

एक दिन मैंने उसके दुपट्टे के अन्दर हाथ डालकर उसकी चूची को जोर से दबा दिया तो वह काँप उठी। अब वह बिना ब्रा पहने आने लगी। जब झुकती थी तो उसकी चुचियों के निप्पल भी दिख जाते थे। अब सबकी नजर बचाकर उसके कुरते के गले में हाथ डालकर उसकी चुचियों को मसल देता था। वह मस्त हो जाती थी। अब वह क्लास में समय से पहले आने लगी और आकर मेरे बगल में चिपक कर बैठ कर मुझसे चुचियों को मसलवाने का मजा लेने लगी।

एक दिन अकेले में मैं उसे अपने हाथों से जकड़कर अपने बदन में समाकर उसके होंठों को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा तो उसने भी कस कर मुझे अपने हाथों से बांध लिया। अब मैं उसके टॉप में हाथ डाल क़र उसकी चुचियों को मसलने लगा। मेरी पैंट से मेरा लंड खड़ा होकर उसके बदन से टकराने लगा। वह मेरे चूतड़ पकड़कर खींचने लगी जिससे मेरा लंड उसकी उसकी बुर से ऊपर से चिपकने लगा।

मैं उसकी चुचियों से हाथ हटाने लगा तो वह मेरा हाथ पकड़ कर बोली- सर, और मसलिये! खूब जोर जोर से मसलिये सर! कुछ कीजिये सर!

मैंने उससे कहा- अभी इतना ही! क्योंकि बाकी लड़कियाँ अब आने वाली हैं, कल स्कूल न जाकर चुपचाप मेरे पास आ जाना! मैं सुबह तुम्हारा इन्तजार करूँगा।

उसने कहा- कैसे आऊँगी सर! रूमा भी मेरे साथ स्कूल जाती है।

रूमा भी मेरे क्लास में ड्राइंग सीखने आती थी। मैंने उससे कहा- वह तो तुम्हारी पक्की दोस्त है। उसे तो कुछ कुछ पता ही होगा तुम्हारे और मेरे सम्बन्ध के बारे में!

रिंकी ने कहा- सर, वह सब जानती है और मुझसे पूछती है कि कैसा लगता है जब सर तुम्हारी चूची मसलते हैं। मैं उसे कहा कि मसलवाओगी तब पता चलेगा कि कितना मजा आता है।

तब मैं रिंकी से बोला- आज थोड़ा मजा उसे भी दे देंगे। उसे आज मेरे दूसरे बगल में बैठने को कहना। मैं उसे भी उत्तेजित कर दूंगा। कल उसे भी अपने साथ ले आना। वह आ भी जायेगी और किसी को बोलेगी भी नहीं!

जब सभी लड़कियाँ आईं तो रिंकी ने रूमा को मेरे दायें बगल में बैठा दिया और खुद बांये बगल बैठ गई। मैं मौका देख कर कपड़े के ऊपर से ही रूमा की चुचियों को दबा देता। वह कसमसा जाती और मुझसे और सटने लगी। रिंकी तिरछी नजरों से सब देख रही थी। जब क्लास ख़त्म हो गई तो मैंने रिंकी और रूमा को किनारे बुलाकर कहा- कल तुम दोनों स्कूल जाने के बहाने मेरे पास चली आना। बहुत अच्छा पेंटिंग सिखाऊँगा।

रिंकी तो पहले से तैयार थी, बोली- मैं आ जाऊँगी पर रूमा आएगी तब न!
मैंने रूमा से पूछा- क्या तुम मेरा कहना नहीं मानोगी?
रूमा ने कहा- ठीक है सर! आ जाऊँगी।
मैंने दोनों को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा- ठीक है! मैं इंतजार करूँगा।

दूसरे दिन सही समय पर दोनों आकर मुझे अभिवादन कर मेरे दोनों बगल बैठ गई। मैं दोनों की चुचियों को दबाने लगा दोनों बिना ब्रा पहने ही आई थी। रिंकी तो कहने लगी ‘सर अन्दर हाथ डालकर खूब जोर से दबाइए।

मैं दोनों के टॉप में हाथ डालकर मसलने लगा, उन्हें मजा आने लगा।
मेरा लंड एकदम टाइट होकर खड़ा हो गया। रिकी से नहीं रहा गया, वह अपनी हथेली को मेरे लंड के उभार पर रखकर दबाने लगी।

कुछ देर के बाद मैं रिंकी के टॉप के बटन खोल कर उसकी एक एक कर दोनों चुचियों को निकलकर अपने मुंह में भर कर चूसने लगा। रिंकी सी-सी करने लगी।

फिर मैं उसके टॉप को अलग कर के उसके निप्पल को मसलने लगा साथ साथ दूसरे हाथ से उसके बदन के सभी भाग को सहलाते हुए स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी बुर को दबाने लगा, रिंकी चिहुंक कर मुझसे जोर से चिपक गई और एक हाथ बढ़ाकर मेरे लंड को ऊपर से ही दबाने लगी, बोलने लगी- सर प्लीज कुछ कीजिये, अब नहीं रहा जा रहा है। मैंने कहा- ठीक है! जरा रुको! रूमा को भी कुछ मजा दे दूं!

कह कर मैंने रूमा को आगोश में भर लिया उसके एक-एक अंग से खेलने लगा। फिर उसके कान में कहा- रिंकी बहुत गर्म हो गई है उसे अब चुदवाने का मन कर रहा है। तुम यहीं रुको। पहले उसे पहली चुदाई का मजा दे दूँ। जब मैं उसको चोदूंगा तो तुम दरवाजे पर आकर सब कुछ अपनी आँखों से देखना। देखना कैसे उसकी पहली सील टूटती है।

फिर मैंने रूमा को छोड़ रिंकी को बाँहों में भर कर उसके होठों को कस कर चूमा, फिर उससे कहा- देखो रानी, अब तुम चुदवाने के लिए तैयार हो, लेकिन एक बात बता देता हूँ कि पहली बार मेरे लम्बे और मोटे लंड को तुम्हारी छोटी सी अनचुदी बुर में घुसाने में शुरु में बहुत तकलीफ होगी। तुमको शुरू में तकलीफ बर्दाश्त करनी होगी। लेकिन धीरे धीरे तुमको जन्नत का मजा आने लगेगा।

उसने कहा- बाप रे! इतना लम्बा लंड मेरी बुर में कैसे घुसेगा? जाने दीजिये, फट जाने दीजिये मेरी बुर को। इसने मुझे बहुत तड़पाया है। चलिए मैं तैयार हूँ! जल्दी चोदिये मुझे!

कह कर वह मेरे पैंट की ज़िप खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल कर हाथ से रगड़ने लगी। फिर उचक कर स्कर्ट उठाकर अपनी बुर के ऊपर मेरे सख्त लंड को रगड़ने लगी।
मैंने रूमा को देखा कि वह अपने स्कर्ट के अन्दर हाथ डाल कर अपनी बुर से खेल कर रही थी।

अब मैं रिंकी के पेंटी के अन्दर हथेली डाल कर उसकी बुर में उंगली घुसा दिया तो वह आह आह करने लगी, कहने लगी- और अन्दर घुसाइए सर, एक नहीं दो-तीन उंगली डालिए प्लीज! आह सर, बहुत अच्छा लग रहा है। और, और अन्दर डालिए आह सर, अब मुझे जल्दी चोदिये! मुझे असली मजा दीजिये सर! मेरे बुर में पेल दीजिये इस लंड को। हाय, अब नहीं रुक सकती!

कह कर मेरे लंड को मुंह में भरकर होठों और जीभ से चूसने लगी। मैं पलट कर रूमा को देखा तो अपने बुर में उंगली डाल रही थी। मुझे देख कर वह शर्म से अपना मुंह छिपाने लगी।

मैंने अब रिंकी को अपने गोद में उठा कर दूसरे कमरे में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसके सारे कपड़े एक एक कर उतार दिए, अब वह सिफ पैंटी में थी। मैं उस पर चढ़ कर उसकी चुचियों को मसलते हुए उसके होंठों को चूसने लगा। फिर उसकी बुर में उंगली डालकर आगे पीछे करता रहा।

अब रिंकी मेरा लंड पकड़ कर रगड़ने लगी। मैंने उठकर 69 के पोजीशन में आकर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और मैं अपने जीभ से रिंकी की बुर को चाटने लगा। वह उम्-उम् कर मजा लेने लगी।

कुछ देर बाद वह बोल उठी- सर, अब अपना लंड मेरी बुर में डालिए! सर जल्दी डालिए, आहा अब चोदो सर, चोदो न प्लीज!

अब मैं उठकर बैठ गया तो वह अपनी टांगों को फैला कर बोली- लीजिये डाल दीजिये इसमें अपना लंड!

मैंने अपने लंड की सुपारी उसकी बुर के मुँह पर रख दी तो वह शी-शी करने लगी, मेरा लंड पकड़ कर अपनी बुर के छेद पर ले आई और कहने लगी- जल्दी घुसाओ सर!

मैंने उसकी कमर पकड़ कर हल्का सा धक्का दिया तो मेरा लंड उसकी बुर में नहीं घुसा, उसका बुर इतना टाइट था कि लंड घुस नहीं पा रहा था। मैं उठ कर खड़ा हो गया तो वह मेरा हाथ पकड़कर खीचते हुए बोली- क्या हुआ? चोदो न सर!

मैं बोला- तुम्हारी बुर बहुत कसी हुई है। ऐसे नहीं घुसेगा! थोड़ा तेल लगाना पड़ेगा, मैं तेल लेकर आ रहा हूँ।

मैं कमरे से निकलने लगा तो देखा कि रुमा दरवाजे में खड़ी होकर सब देख रही थी। मैं रुमा की चूची पकड़ का खींचते हुए किचन में ले गया और उसकी बुर में उंगली डाल कर रगड़ने लगा। फिर उससे कहा- तुम रिंकी की पूरी चुदाई दरवाजे से देखती रहना!

मैंने तेल की शीशी उठाकर रुमा की बुर पर हाथ रखते हुए उसे दरवाजा पर खड़ा कर दिया और कमरे में घुसा तो देखा कि रिंकी आँख बंद कर अपनी बुर में उंगली कर रही थी। मैं फिर उसकी टांगें फैलाकर बीच में बैठ गया और तेल निकाल कर उसकी बुर के छेद में डाला और उंगली से तेल उसकी बुर के अन्दर करने लगा, दो उंगली ड़ाल कर उसकी बुर को तेल से चुपड़ दिया।

रिंकी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर छटपटाने लगी। फिर मैंने थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाकर मालिश कर दिया। मैंने रुमा की ओर देखा तो वह अपनी बुर में उंगली कर रही थी और सबकुछ गौर से देख रही थी। रिंकी को कुछ पता नहीं था कि रुमा देख रही है।

अब मैं अपने लंड को रिंकी की बुर के छेद पर रख कर कमर से एक धक्का दिया तो मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी बुर में फंस चुका था।

रिंकी चिल्लाई- नहीं सर, मत डालिए! बहुत दर्द हो रहा है! छोड़ दीजिये प्लीज! अभी नहीं बाद में! हाय मैं मर गई! निकालिए!’

मैंने उसी हालत में रहते हुए उसे समझाया- थोड़ा दर्द बर्दाश्त करो! बस थोड़ा दर्द सह लो, आखिर कभी भी तो चुदवाओगी ही! और तब भी दर्द करेगा! तो आज ही बर्दाश्त कर लो!’

कह कर उसे खूब प्यार से पुचकारने लगा तो वह मान गई और बोली- ठीक कीजिये जो करना है, पर जरा धीरे-धीरे! नहीं तो मैं मर जाऊँगी, फिर आप किसको चोदेंगे!’

मैंने साहस कर इस बार उसके मुंह पर हाथ कर एक करारा झटका दिया तो मेरा आधा लंड घुस चुका था, रिंकी छटपटाने लगी उसकी आँखों से आंसू निकल पड़े, पर मैं उसे दबोचे रहा और धीरे आधे लंड को आगे-पीछे करने लगा।

धीरे-धीरे उसका छटपटाना बंद हुआ, अब मौका देख कर मैंने एक और जोर का धक्का लगा दिया और पूरा लंड उसकी बुर में घुस चुका था।
रिंकी मुझे धक्का देकर अलग करना चाहती थी पर मैं उसे उसी पोज़ीशन में जकड़े रहा और कहा- बस रानी! अब दर्द नहीं करेगा! अब तुम जन्नत का मजा लोगी! बस मेरा साथ देती रहो’

और मैंने धीरे से थोड़ा सा अपने लंड को पीछे खिंचा और फिर उसी तरह जड़ तक घुसा दिया। तीन चार बार ऐसा किया तो वह आह आह करने लगी। मैं समझ गया कि अब उसे मजा आने लगा है। अब मैं स्पीड बढ़ाने लगा। कुछ देर बाद मैं महसूस किया कि रिंकी भी नीचे से धक्का देने लगी है।

फिर क्या था मैं सटासट, जोर से आगे-पीछे धक्का देने लगा।

अब वह बोलने लगी- हाँ सर, इसी तरह, हाय मेरे राजा कितना अच्छा, हाय घुसाओ जोर जोर से चोदो सर, खूब चोदो सर, फाड़ दो राजा, भरता बना दो मेरी बुर का! हाँ, ऐसे ही चोदो, चोदो, खूब चोदो, आह चोदते रहो सर, मैं आपकी हो गई सर, खूब मजा दे रहे हो, हाय आह-आह आह! मेरे सोना सर कितना अच्छा है.. सर अब मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हो गई। मेरी बुर का चिथड़ा निकाल दो, हाय जोर से, और जोर से, करो, करो हाय, चोदो जोर से चोदो, मारो धक्का, लो मैं भी धक्का देती हूँ चोदो, और जोर से और..जो र से च ओ दो चो दो हाय मैं गई! मैं गई राजा! हाय गई!

और वह झड़ गई।

मैं फिर भी उसे जोर जोर से धक्का लगाकर चोदता रहा। और मैं बोलने लगा- रिंकी रानी कैसा लगा, हाय मजा आया न, मैं बोला था न, जन्नत का सैर करा दूंगा। लो अब मैं भी गया, रानी हाय आ..अ..आ.’

और मेरा सारा वीर्य रिंकी की बुर में झड़ गया। मैं पांच मिनट तक रिंकी की बुर में लंड डाले रहा और उस पर लेटे रहा। फिर उठ कर लंड बाहर कर लिया। मैंने देखा कि रिंकी आँखे बंद कर सुध-बुध खोकर एक नशे में डूबी हुई है।

मैं उसे उसी अवस्था में छोड़कर रूमा, जो दरवाजे पर खड़ी थी, के पास जाकर उसे कस कर चूम लिया और कहा- कैसा लगा चुदाई का खेल?
तो वह शर्म से लाल हो गई।
मैं उसकी चूची पकड़कर क्लास वाले कमरे में ले गया और उसकी बुर में उंगली डाल कर तैयार करने लगा। वह भी मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी, मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा।

मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और वह उसे लॉलीपॉप जैसा चूसने लगी। इतने में रिंकी उस कमरे में आ गई। रूमा के साथ यह सब करते देख वह गुस्से में लाल हो गई और रूमा को एक चपत लगा कर धकेल दिया और बोली- रूमा तुमको सर के साथ इतना करने की इजाजत मैं नहीं दूंगी। सर सिर्फ मुझे चोदेंगे। सिर्फ मुझे। बस मैं तुम्हें सर से सिर्फ ऊपर तक की ही इजाजत दे सकती हूँ। खबरदार, जो इससे आगे बढ़ी। सर सिर्फ मेरे हैं!’

फिर दोनों ने ठीक से अपना अपना स्कूल ड्रेस पहना और आइने की मदद से बाल वगैरह ठीक किए। रिंकी ने मुझसे जोर से चिपक कर मुझे जबरदस्त चुम्बन दिया और बोली- सर, मैं तो डर गई थी, पर अब पता चला कि आपके लंड को लेकर मैं जन्नत पहुँच गई। मैं अभी भी उसी में खोई हुई हूँ। सर अब जब चाहें मुझे चोद सकते हैं। मैं तो दिन रात आप से चुदवाते रहती! पर मजबूरी है। जाना तो पड़ेगा ही, फिर मिलेगे, फिर चुदाई का खेल खेलेंगे। मुझे तो लग रहा है कि मैं आपके लंड को अपनी बुर में रख कर के ले जा रही हूँ, हाय सर, है आपका लंड!

कह कर जाते मेरे लंड पर किस कर ली और ‘बाई सर, बाई आपका लंड!’ कहते हुए मेरे लंड को मसल कर मुझे फिर किस देकर चली गई। Antarvasna

Antarvasna Sex Stories

रूपा और रीना दोनों Antarvasna Sex Stories ही एक साथ आशू से कैसे चुदी- यह आप पहले भाग भाग में पढ़ चुके हैं !

राजेश ने रूपा को चोदा- यह आपने इस कहानी के दूसरे भाग में पढ़ा, अब तीसरा और अंतिम भाग :

मन ही मन में वो रूपा और राजेश की चुदाई के बारे में सोच रही थी। रीना के मन में मौसा जी का लण्ड भी घूम रहा था। मौसा जी ने आज शाम को इतना घुमाया-फ़िराया और खिलाया-पिलाया पर ना तो चूतड़ों पर हाथ फ़ेरा और ना ही चूंचियों को सहलाया। क्या मौसा जी उसे प्यार करना नहीं चाहते? यही द्वंद्व रीना के मन में चल रहा था !

उसका गाऊन जांघों से ऊपर उठा हुआ था, वो एक करवट ले कर दूसरी ओर घूम गई। तभी उसे लगा कि उसके कमरे में कोई अन्दर आया है। कदमों की आहट से उसे लगा कि मौसा जी हैं। उसके मन में तरंगें लहराने लगी- रात के ग्यारह बजे मौसा जी जरूर उसे चोदने आये हैं। कदमों की आहट उसके पलंग के पास आकर रुक गई। मौसा जी ने धीरे से गाऊन और ऊपर खिसका दिया। रीना के चूतड नंगे हो गये, रीना ने अपनी आंखे बंद किये हुये कहा,”आओ रूपा मौसी, नींद नहीं आ रही है क्या?”

दूसरी तरफ़ से कोई जवाब नहीं आया। दो हाथ रीना की जांघ सहलाने लगे थे।

“मौसी क्या कर रही हो ! हाय ! मत करो ना … शरम लग रही है, अन्दर हाथ मत घुसाओ ना !” वो कसमसा कर बोली।

मौसा जी ने उसके चूतड़ दबा दिये और दरार को सहलाने लगे। ऐसा करते हुये मौसा जी का लण्ड तन्ना उठा। उन्होंने गाऊन के भीतर से ही हाथ बढ़ा कर रीना के स्तन दबा दिये। रीना जानबूझ कर मौसा जी को मौसि कह रही थी।

“लगता है आज आपका मन बहक रहा है… बस अब ! मुझे बहुत शरम लग रही है !”

मौसा जी का लण्ड ये सुन कर और फ़ूल गया और रीना को चोदने के लिये बेताब हो उठा। उन्होने रीना को उल्टा किया और उसके दोनों पांव चौड़ा दिये… उसकी गाण्ड का फ़ूल सामने दिखने लगा। रीना आनन्द के मारे सिहर गई। मौसा जी से जब नहीं रहा गया तो उन्होंने अपना पजामा उतारा और अपने फ़ूले हुये कड़क लण्ड के साथ रीना की पीठ पर चढ़ गये और अपने तन्नाये हुये लण्ड को गाण्ड के गुलाब पर रख दिया और रीना को जकड़ लिया।

“हाय रे कौन… मौसा जी… ये क्या कर रहे हैं आप?” रीना ने अब उन्हें पहचानने का नाटक किया।

“रीना, अब नहीं रहा जाता… प्लीज करने दो…!”

“मौसी आ जायेगी तो मैं तो मर ही जाऊंगी !”

“उसकी तबियत ठीक नहीं है, उसने नींद की गोली खा ली है और वो गहरी नींद में है।” मौसा जी का लण्ड गाण्ड के छेद में उतर कर फ़ंस चुका था। पर रीना अभी गाण्ड नहीं मरवाना चाह रही थी। उसे तो बस चुदना था, सो वो बल खा कर पलट गई और लण्ड गाण्ड से निकल गया। अब रीना मौसा जी के नीचे थी और सीधी हो चुकी थी। मौसा जी ने भी उसे आराम से पलट जाने दिया और उसके ऊपर चढ़ गये।

“हाय मौसा जी, प्लीज, मत करो, मुझे लाज आती है…!”

“बस ऐसे ही मस्ती करेंगे… मेरा मन तुझ पर आ गया है।”

“मौसा जी, आज … आह मत करो ना…!” उसने मौसा जी हाथ अपने वक्ष पर से हटाते हुये कहा।

“तुझे अच्छा लगा ना?”

“मौसा जी, बस ना, मुझे शरम आती है, हटो ना…..”

वो उस शो-रूम में तुम्हें वो ब्रा-पैन्टी का सेट अच्छा लगा था ना?

मौसा जी ने नीचे से हाथ डाल कर पेण्टी और ब्रा दिखाई…”यही थी ना … ये लो…”

“हाय मौसा जी, आप कितने अच्छे हैं…” तभी मौसा जी के लण्ड का सुपाडा फ़क से चूत में घुस गया। रीना के मुख से आह निकल गई।

“मौसा जी, आपने तो नीचे कमाल कर दिया…मैं तो शरम से मर जाऊंगी !”

“हाय रे तेरा ये शरमाना, मुझे तो पागल कर देगी तू …” मौसा जी का लण्ड रीना की अदा पर फ़ूलता जा रहा था। उनका मोटा लण्ड चूत में उतरने लगा।

” हाय ना करो ना मौसा जी … सच में आप में बड़े वो हैं !”

“आय हाय रे मेरी रीना, चुदे जा रही है फिर भी ये शरमाना… ये ले दबा के लण्ड ले मेरा !”

“हाय रे, मेरी फ़ाड दोगे क्या, … मैं मर गई !” रीना की आंखें चुदाई के नशे में बंद हो रही थी। मौसा जी का भारी लण्ड उसे मस्त किये दे रहा था।

” हांऽऽ आ आज तो तेरी चूत फ़ाड ही दूंगा… हाय कितनी प्यारी सी है ये तेरी फ़ुद्दी !”

“यह फ़ुद्दी क्या होता है जी…?” रीना ने चुदते हुये फ़ुद्दी के बारे में पूछ लिया।

“ओह्ह, मैं मर जाऊं… तेरी तो … मां कसम… चोद के रख दूंगा ! तुझे भी तेरी मां को भी !” मौसा जी उसकी अदाओं पर मर ही गये। जोश में उनकी कमर तेजी से चलने लगी। रीना मस्त हो कर भोली बनी हुई चुदती रही, उसका शरीर मीठी कसक से भरा जा रहा था। काम-वासना बढ़ती जा रही थी। रीना जोश में मौसा जी के चूतड़ पकड़कर अपनी चूत पर मार रही थी। उसके मुख से वासना भरी चीखें निकल रही थी। मौसा जी ने रीना के दोनों हाथ दबा लिये थे और कस कस के शॉट पर शॉट मारे जा रहे थे। उनका मोटा लण्ड रीना की चूत को जम कर चोद रहा था। रीना ने भी ऐसे मोटे लण्ड से चुदाई पहली बार कराई थी। चूत गहराई तक चुदी जा रही थी। रीना के बदन का एक एक अंग हिल गया था। पर स्वर्गिक आनन्द की अनुभूति बढ़ती ही जा रही थी।

रीना का अंग अंग मीठी टीस से भर गया और वो अब समूची दुनिया को अपनी चूत में समेटने जा रही थी। उसे लग गया था कि उसक सभी कुछ सिमट कर चूत के रास्ते बाहर आना चाहता है। उसके मुख से आह निकल पड़ी और उसका बदन एक बारगी ऐंठने लगा और चूत को मौसा जी के लण्ड पर दबा दिया और अपना दिव्य-रस बाहर छोड़ दिया। वो स्खलित होने लग़ी थी। मौसा जी ने भी अपना लण्ड रीना के झड़ने तक चूत में ही रहने दिया, फिर बाहर निकाल कर दबा कर मुठ मारने लगे और अपना वीर्य रीना के शरीर पर उछाल दिया। कुछ बूंदे तो उछल कर रीना के चेहरे पर जा पड़ी। मौसाजी ने अपना लण्ड जोर से हिला कर उसमें से एक एक बूंद बाहर निकाल दी।

दोनों अब बिस्तर पर निढाल पड़े थे !

रूपा ने जानबूझ कर के यह सुनहारा मौका उन दोनों को दिया था।

दोनों एक बार फिर से लिपट पड़े और प्यार करने लगे।

“रीना, तू शरमाती बहुत है … पर उससे मेरी वासना और बढ़ जाती है…”

“मौसाजी, ऐसे काम में शरम तो आती ही है ना”

“हाय रे… शर्माती जाओ और चुदती जाओ… लण्ड तो ऐसे माहौल में खूब फ़ूल जाता है, और शर्माती को चोदने में मस्ती आती है…!”

“धत्त… मौसा जी… ऐसा मत बोलो… मुझे फिर से चुदने की इच्छा होने लगेगी…!”

रीना ने एक बार और चुदने की इच्छा बता दी।

“तू कह तो एक बार ! अभी चोद देता हूं !”

“अरे ना जी ना… बस करो… हाय ना करो… मर गई रे… हाय चुद जाऊंगी मौसा जी…!”

रीना के इन्कार में इकरार था, अपनी तमन्नाओं का इज़हार था।

मौसाजी ने रीना को कमर पकड़ कर उसकी पीठ को अपने से चिपका ली। मौसा जी का भारी लण्ड उसके चूतड़ों में घुसने लगा। रीना अपने आप आगे को झुकने लगी और लण्ड चूतड़ों की दरार में घुसता चला गया। लण्ड के सुपाड़े ने जैसे ही गाण्ड के फ़ूल पर नरम स्पर्श दिया, फ़ूल खिल उठा और अन्दर बाहर होने लगा। मौसा जी का लण्ड फ़क की आवाज करता हुआ छेद में धंस गया और फिर से वासना का मधुर खेल आरम्भ हो गया।

रीना की गाण्ड चुदी जा रही थी, साथ में वो बला की अदायें बिखेरती जा रही थी। मौसा जी उसकी मासूम सी नकली अदाओं पर बिछे जा रहे थे … खिड़की के पट थोड़े से खुले हुये थे और रूपा उन दोनों की चुदाई का नजारा देख रही थी… Antarvasna Sex Stories

प्रेषक :रेनू Hindi Porn Stories

दोस्तो, मेरी यह Hindi Porn Stories पहली और सच्ची कहानी है। मैंने इंटर कर लिया था और मेरा सेलेक्शन एयर फोर्स में हो गया था। मेरा सेलेक्शन १९९३ में हुआ था उसके बाद मैं दिल्ली में अपने मामा के घर रहता था। १९९४ में मुझे किसी कारणवश एयर-फोर्स से निकाल दिया क्योंकि दुबारा मेडिकल हुआ था और मैंने रिश्वत नहीं दी थी। एयर फोर्स वाले ऐडवांस में सेलेक्शन करते हैं और जैसे जैसे जरूरत होती हैं बुलाते रहते हैं।

एयरफोर्स से निकलने के बाद मेरा मूड काफी बिगड़ा हुआ था। मैं सुबह ५:३० पर नहा लेता था। फरवरी का महीना था।

मैं एक रोज सुबह नहा रहा था तो देखा कि एक लड़की जिसका नाम सपना था, वो अपनी छत पर खड़ी थी और मेरी तरफ इशारा कर रही थी। मैंने कोई खास ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैं इन चीजों की तरफ खास तवज्जो नहीं देता और मेरे मामा का काफी रुतबा है। मुझे वैसे भी उनसे डर लगता था। इसी वजह से मैंने उसे ठीक तरह से नहीं देखा और सोचा कि शायद मेरे मामा के किसी बच्चे की तरफ देख रही होगी। उस वक्त मेरी उम्र अट्ठारह के आस पास होगी और उसकी उम्र भी मुझसे किसी भी सूरत में ज्यादा नहीं होगी।

अगले दिन वह अपनी छत पर खड़ी थी और मैं नहा रहा था। मैंने देखा तो वह मेरी तरफ इशारा कर रही है। मैंने अपने पीछे देखा कि कोई बच्चा तो नहीं खड़ा है, जिसकी तरफ वह इशारा कर रही है। मेरे पीछे कोई बच्चा नहीं था। अब मुझे पक्का यकीन हो गया कि वो मेरी तरफ ही इशारा कर रही है।

दोपहर बाद सपना मुझे मिली तो मेरी उससे बात करने की हिम्मत नहीं हुई और मेरा दिल धड़कने लगा, मैं उससे नहीं बोला। वह शाम को मुझसे मिली और उस वक्त अँधेरा हो रहा था, कहने लगी- तुम तो बिलकुल बुद्धू हो और कहने लगी मेरे साथ चलो ! मैं भैसों के लिए खल लेने जा रही हूँ।

मैं पहले भी उनके घर जाता आता रहता था क्योंकि मैं उसकी माँ को मौसी बोलता था और सभी को पता था कि मैं एक शरीफ लड़का हूँ, मैं कोई शरारत भी नहीं करता था, मेरा चाल-चलन भी अच्छा था !

मैं सपना के साथ बाज़ार चला गया! रास्ते में काफी प्लाट खाली पड़े थे। सपना मुझसे लिपटने लगी परन्तु मैं बहुत डर रहा था! फिर उसने मेरा लंड पकड़ लिया। वो तो एकदम से तोप की तरह सलामी दे रहा था। मैं सपना की चूचियाँ उसके सूट के ऊपर से ही दबाने लगा तो वह सिसकारी मारने लगी- आ आह ! और जोर से दबाओ ! इन्हें मसल डालो !

मैं और जोर से मसलने लगा क्योंकि मुझे कोई तजुर्बा नहीं था। अतः वह सिसकारी जोर जोर से भरने लगी। जाड़ा पड़ रहा था और जो घर पड़ोस में बने थे कभी उनमें आवाज न चली जाए इसलिए मैं काफी हद तक डर रहा था परन्तु वह नहीं डर रही थी। उसने अपनी सलवार और कमीज़ दोनों उतार दिए जिसके नीचे उसने कुछ भी नहीं पहन रखा था! मैं उसकी चूत पर हाथ फेर रहा था और वो मेरे लंड पर हाथ फेर रही थी क्योंकि मैंने लुंगी बांध रखी थी और उसके नीचे अंडरवीयर पहन रखा था। मैंने अपना अंडरवीयर नहीं उतारा। उसने कहा- मेरी चूत में अपना लंड बाड़ दो !

मैंने उसे नीचे लिटा लिया और उसके ऊपर लेट कर लंड उसकी फ़ुद्दी में घुसाने लगा पर वो तो अन्दर जा ही नहीं रहा था।

मैंने काफी कोशिश की परन्तु मैं इस काम के बारे में बिलकुल अनाड़ी था। मैंने उससे कहा- सपना, तुम खल लेकर आ जाओ, फ़िर दो घंटे बाद घर के बाहर मिलते हैं !

क्योंकि मुझे डर था कि मामा या मामी मुझे खाना खाने के लिए न ढूँढ रहे हो !

और ऐसा ही हुआ। मुझे घर जाकर पता लगा कि मेरे छोटे मामा जो बंगलौर में फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे हैं, वो आने वाले हैं !

छोटा मामा मुझसे केवल दो साल बड़ा है, मुझे बड़ी ख़ुशी हुई! जब मामा आ गया तो मैंने उससे सपना का जिक्र किया क्योंकि मैं और मामा आपस में एक दूसरे से कोई बात नहीं छुपाते और मित्रों जैसा बर्ताव करते हैं।

मामा एक नम्बर का चुदक्कड है, बचपन से ही यह बात मैं अच्छी तरह से जानता हूँ ! मामा सपना की बात सुनकर मुझे कुरेद कुरेद कर पूछ रहा था कि कहीं मैं झूठ तो नहीं बोल रहा हूँ।

मैंने उसे बताया और यकीन दिलाया। परन्तु सपना ने मुझसे कहा था कि यह बात मैं किसी को भी न बताऊँ, परंतु मुझे तो आग लगी थी और कुछ हो भी नहीं पाया था!

मामा ने अपने मकान की बाहर की तरफ किराये के लिए दो दुकानें बना रखी थी जिनमें एक दोतरफ़ा खुलती थी जिसमें कोई दरवाजा अथवा शटर नहीं था। जबकि दूसरी दुकान में दरवाजा बंद रहता था, जिसमे भैंसों के लिए खल पड़ी होती थी, क्योंकि मामा १०-१२ भैंसे रखते थे और दूध भी सप्लाई करते थे और सरकारी नौकरी भी थी। वे दिल्ली में एक स्कूल में टीचर हैं!

मैंने सपना को उस बंद दुकान में आने के लिए कह दिया और घर में मैंने और छोटे मामा ने दुकान में लेटने के लिए कह दिया। मामा योजना के अनुसार पहले दुकान में जाकर छिप गया। हमने दुकान की लाइट भी बंद कर दी थी। मैं सपना का बाहर ही इंतजार करता रहा, तब तक मामा दुकान में सो गया! कुछ देर बाद सपना आई तो मैंने उसे दुकान में अन्दर कर लिया और मामा के बराबर में ही उससे लिपट गया।

उसने पूछा- यह कौन है?

तो मैंने बताया- छोटा मामा है !

तो वह डर गई और जाने का लिए कहने लगी। मैंने कहा- यह तो सफ़र से आया है और थका होने का कारण सो गया है, यह नहीं जागेगा !

मैं सपना और अपने कपड़े उतार कर उसकी टांगो बीच आकर अपना लंड उसकी चूत पर लगा कर झटके मारने लगा। मेरे लंड का सुपाड़ा ही अन्दर जा पाया था। वह धक्का देने लगी और चिल्लाने लगी- मैं मर जाउंगी ! अपना लंड बाहर निकालो !

मैं भी डर गया, परन्तु मैंने चालाकी से मामा के पैर पर अपना घूँसा मार दिया जिससे मामा की नींद खुल गई। मामा जागते ही सारा किस्सा समझ गया और खुद सपना के ऊपर सवार हो गया और मुझसे कहा- इसका मुंह बंद करले नहीं तो रास्ता चल रहा है, हम मारे जायेंगे ! क्योंकि यह चिल्लाएगी, क्योंकि सपना की यह पहली चुदाई होने जा रही थी!

मामा ने जबरजस्ती उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया। फिर धीरे धीरे सपना शांत हो सकी और मस्ती लेने लगी और अपनी गांड उठा उठा कर नीचे से धक्के देने लगी। हमेशा से मैं और मामा एक साथ सोते थे! अब तो हमारी रोज की दिनचर्या बन गयी सपना रोज रात को १२ बजे के बाद आती और मैं और मामा उसे तबियत से चोदते !

यह सिलसिला हमारा लगभग एक साल तक चलता रहा। परन्तु उसके घर वालो को शक हो गया और हमने उससे मना कर दिया ताकि हमारी वहां बदनामी न हो सके, क्योंकि वो रात रात भर घर से गायब रहने लगी थी और शराब भी पीने लगी थी क्योंकि उसने कहीं और भी सम्बन्ध बना लिए थे।

हमारे बीच वाले मामा और बीच वाली मामी को पता लग गया था। मामा ने कहा कि कोई बात नहीं है, बच्चे हैं, इस उम्र में ऐसा होता है !

परन्तु हमारी बीच वाली मामी बोली कि तुम्हारी मम्मी और बड़ी मामी को बता देगी क्योंकि हमारी बड़ी मामी बड़ी कड़क और गुस्से वाली है। तो बड़े मामा को भी पता चलता और मेरे पापा को भी पता चलता ! परन्तु हम फिर भी मौका देखकर सपना के साथ सेक्स कर लेते थे।

उसके बाद उसकी शादी हो गई।

दोस्तों आपको मेरी कहानी कैसे लगी जरूर लिखियेगा। यह मेरी पहली कहानी है और मैं कोई लेखक नहीं हूँ. जैसे जैसे विचार आते रहे, मैं लिखता गया ! जल्दी ही आपसे रूबरू होता हूँ। आपके जवाब और विचार के इंतजार में !! Hindi Porn Stories

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆