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Massage Girl in Balaghat: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Balaghat who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Balaghat that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Balaghat massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Balaghat who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Balaghat massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Balaghat massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Balaghat who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Balaghat employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Balaghat helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Balaghat

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Balaghat at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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अखिल नमस्ते दोस्तो, Sex Stories

मेरा नाम अखिल है। मैं मुम्बई Sex Stories का रहने वाला हूँ और मेरे बड़े भाई बंगलौर में एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में कार्यरत हैं। भैया की शादी आज से क़रीब २ वर्ष पूर्व हुई थी।

मुम्बई में मैं अकेला रहता था। अचानक मुझे बंगलौर जाना पड़ा क्योंकि मेरी नौकरी वहाँ लग गई थी। वहाँ पर भैया थे तो मैं उनके घर पर ही रहता था। मेरी भाभी को मैंने सिर्फ़ ३ बार देखा था। इसलिए हमारी दोस्ती कमज़ोर थी।

एक दिन भैया को विदेश जाना पड़ा। भैया मुझे कहकर गए- तुम भाभी का ध्यान रखना। घर में सिर्फ़ तुम दोनों ही हो।
मैंने कहा- ठीक है भैया।
मैं सुबह सुबह भैया को एयरपोर्ट पर छोड़ने गया।

जब आया तो भाभी नहाने चली गई थी। मैंने ज़ोरों से कई बार घण्टी बजाई, तो काफी देर बाद दरवाज़ा खुला। भाभी केवल तौलिए में थी। यह नज़ारा देखकर मेरा दिमाग़ ख़राब हो गया। मेरे मन में ख्याल आया कि मैं भाभी की प्यास बुझा दूँ। मैं अन्दर गया तो भाभी ने नाश्ता बना रखा था। नाश्ते के बाद हम ऑफिस के लिए निकल गए। जाते समय भाभी ने कहा- आज रात का खाना होटल में खाएँगे।
मैंने कहा- ठीक है।

रात को जब हम दोनों होटल जा रहे थे। मेरे पास बाईक थी। उस पर सिर्फ हम दोनों बैठे थे। भाभी की चूचियाँ मेरी पीठ से छू रहीं थीं। होटल में भाभी ने ऑर्डर दिया।
खाना खाने के बाद हम घर आए, तो भाभी अपने कमरे में चली गई। मैं टीवी देखने लग गया।
इतने में भाभी आई, बोली- तुम्हें नींद नहीं आ रही है क्या?
मैंने कहा- हाँ।
मुझे भी नहीं आ रही है।

अचानक टीवी पर ब्लू-फिल्म आने लग गई। मैंने उसी वक्त टीवी बन्द कर दिया। भाभी ने मुझे देखा और मुस्कुराई। मेरे पसीने छूट गए।
भाभी बोली- इतनी ठंडी में तुम्हारे पसीने क्यों छूट रहे हैं?
भाभी ने कहा- तुमने कभी ब्लू-फिल्म नहीं देखी क्या?

मेरी बोलती बन्द हो गई थी। भाभी मेरे पास आकर बैठ गई। मुझ पर हाथ फेरने लगी। मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था। भाभी की नज़र मेरे लिंग पर ही थी, कहा – ये तो तुम्हारे भैया से भी मोटा और लम्बा मालूम होता है।
भाभी ने कहा- तुमने तो मुम्बई में बहुत सी लड़कियों की ली होगी ना?
मैंने कहा- नहीं भाभी।
भाभी ने कहा- तुम मेरी प्यास बुझाओगे क्या?
मैंने कहा- भैया को मालूम हो गया तो?
वह खड़ी हो गई और कहा- तुम मुझे कमरे में लेकर जाओ।

मैं उन्हें कमरे में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया। भाभी ने उनका साड़ी और ब्लाऊज़ निकाल दी। उन्होंने काले रंग की ब्रा और पैन्टी भी पहन रखी थी। भाभी की फिग़र ३६-२४-३२ का है। चूचियाँ तो गोल-गोल और कठोर थे कि हाथ में नहीं आ पा रहे थे। चूत पर एक भी बाल नहीं था।

मैंने मेरी पैन्ट खोली तो मेरा लण्ड बाहर आ गया। भाभी ने लण्ड मुँह में लिया और चूसने लग गई। भाभी मेरा लंड लॉलीपॉल की तरह चूस रही थी। मैंने भाभी की चूत पर अपनी जीभ रख दी। वो मदहोश होती जा रही थी। भाभी की आँखों में अजीब सा नशा था।
भाभी बोली- अपने लंड से आज मेरी इतनी चुदाई करो, इतनी चुदाई करो कि मेरी सालों की प्यास बुझ जाए।
मैंने भाभी को लिटा कर कहा- भाभी अब आप सिर्फ आँखें बन्द कर के मज़े लो।

भाभी की चूत एकदम लाल थी। मैंने अपना मोटा लंड भाभी की चूत पर रख दिया और अन्दर डालने लगा। भाभी ने अपने होंठों को दाँतों से दबा रखा था। उनको बहुत मज़ा आ रहा था। भाभी की चूत इतनी गरम थी कि मेरा लण्ड अन्दर की गर्मी पा कर और भी मोटा हो गया था। अब मैंने पूरा लंड भाभी की चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा। भाभी अपनी कमर ऊपर उठा रही थी, और मेरा साथ दे रही थी।
लगभग ४० मिनट तक मैं भाभी को चोदता रहा।

भाभी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और बोली- मेरा माल आने वाला है। मैं धक्का मार ही रहा था। मैंने सोचा कि भाभी झड़ने वाली है। मैं भी साथ में झड़ जाऊँ।
मगर वो बोली- बस करो।
वह हाँफ रही थी।
मैंने कहा- मैं अभी नहीं झड़ा हूँ !
तो जल्दी करो।

मैंने गति तेज़ कर दी और थोड़ी देर बाद मेरे लंड का रस भी भाभी की चूत में गिर रहा था। मुझे बहुत मज़ा आया।

थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे फिर दोनों अलग-अलग हुए। जैसे ही भाभी की चूत से मैंने अपना लंड निकाला, ढेर सारा वीर्य उनकी चूत से बाहर निकलने लगा। चूत से सफ़ेद-सफ़ेद रस बाहर निकलते पहली बार देख रहा था।

मैं और भाभी थक गए थे। वो उठी और मुझे चूम लिया फिर मेरे लंड को चूम कर बोली- थैंक्स अखिल, प्लीज़ मुझे ऐसे ही चोदते रहना, इसके लिए तुम जो भी कहोगे, मैं वो करूँगी।
आपको मेरी यह सच्ची कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें। Sex Stories

प्रेषक : रवि गुप्ता Sex Stories

मेरा नाम राहुल, मेरी Sex Stories उम्र 24 है। मैं एक सरकारी नौकरी करता हूँ। मेरी पत्नी का नाम सुनयना है। उसकी उम्र भी 23 साल है। वह एक निजी कम्पनी में काम करती है। उसने एम बी ए कर रखी है। वो बहुत सुन्दर है। उसकी फ़िगर 32-28-32 और उसका कद 5’4″ है। उसके चुची गोल गोल और गोरी गोरी है। हमारी लव मैरिज हुई थी। पर हम दोनों काम के कारण दूर-दूर रहते हैं। उसे मुझसे चुदना बहुत पसन्द है। जब भी हम मिलते हैं तो वो रात भर चुदती है। मैं कई बार झड़ ज़ाता हूँ पर वो एक बार भी नहीं झड़ती। वो काफी गरम है।

यह उस समय की बात है जब मैं उससे मिलने गया। उसके फ़्लैट की एक चाबी मेरे पास रहती है। मैं घर के अन्दर चला गया। सुनयना वहां नहीं थी। मैं उसे सरप्राइज़ देना चाहता था। पर मुझे क्या पता था मुझे सरप्राइज़ मिलेगा।

वहाँ पर मैंने जो देखा उसे देख कर मैं दंग रह गया। वहाँ पर शराब की बोतलें थी हर जगह। जब मैंने उसकी अलमारी खोली तो वहाँ ब्लू फ़िल्म की सीडी और काफ़ी कन्डोम थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब सामान यहाँ क्यों है।

मैं सुनयना पर बड़ा विश्वास करता था। पर मुझे गड़बड़ लगी। मैं सुनयना का इन्तज़ार करने लगा। तभी बाहर गाड़ी की आवाज सुनाई दी। मैंने सोचा कि सुनयना आ गई। जब मैंने शीशे से बाहर देखा तो मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। उसके साथ काई आदमी था, 45 साल का होगा। मैं तुरंत परदे के पीछे छिप गया। तभी दोनों अन्दर आ गये।

सुनयना ने सफ़ेद रंग की कमीज़ और काले रंग की स्कर्ट पहनी थी। उसके बाल खुले थे। सुनयना और उसका बॉस दोनों बातें करने लगे। सुनयना 4 गिलास और शराब की बोतल ले आई। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करुँ। मैं सोचने लगा कि सुनयना ऐसा कैसे कर सकती है। सुनयना ने 4 ग्लास ड्रिन्क बना दिये। तभी बेल बजी, सुनयना ने दरवाज़ा खोला तो दो और आदमी अन्दर आ अये। सभी उसके बॉस लग रहे थे। एक ने अन्दर आते ही उसे चूम लिया और उसे उठा के ले आया। सभी ने ड्रिन्क उठा ली। उस समय मुझे इतना गुस्सा आ रहा था कि उसे मार दूँ। मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया मेरे प्यार ने।

तब उसके एक बॉस उसके पास जा के बैठ गया और उसके वक्ष पे हाथ फ़ेरने लगा। उसने सुनयना की शर्ट उतार दी, उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। तब सभी उसके पास आ गये और उसकी शरीर पे हाथ फ़ेरने लगे। वो अब गर्म होने लगी थी। एक बॉस ने उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और उसे उठा के बेड पे ले गए। उन्होंने उसकी स्कर्ट उतार दी, उसने काले रंग की पैन्टी पहनी थी। एक ने उसकी ब्रा उतार दी और पैन्टी भी।

वो अब बिल्कुल नंगी होकर एक रन्डी की तरह बेड पड़ी थी। एक बॉस उसके स्तन दबा रहा था और एक उसकी चूत में उन्गली डाल रहा था और एक उसको देख कर मुठ मार रहा था। वो इस सब का काफी मज़ा ले रही थी। मैंने देखा कि मेरा लन्ड भी खड़ा हो गया है। मैं भी उसे देख कर मुठ मारने लगा। तब एक ने सुनयना के मुँह में लण्ड डाल दिया। वह भी पूरा लण्ड मज़े से चूसने लगी। उसने कभी इस तरह मेरा लण्ड नहीं चूसा होगा। एक उसके स्तनों को जोर जोर से दबा रहा था, उसके मुँह से अहऽऽ अहऽ अहऽऽऽ की आवाज निकल रही थी। तभी एक ने उसकी चूत में पूरा लण्ड डाल दिया। वो पूरे मजे में चुद रही थी। तब एक ने उसकी गाण्ड में लण्ड डाल दिया। वो मेरे आँखों के सामने दो लण्ड ले रही थी और एक का लौड़ा अपने मुँह में ले रखा था। क्या दृश्य था ! मेरे सामने ब्लू फ़िल्म लगी थी जैसे।

फ़िर एक बॉस का पूरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और अन्दर-बाहर करते हुए अपने मुँह की चुदाई कराने लगी।

सर, मुझे लण्ड चूसने में मज़ा आ रहा है !

“आह…ये…या. यस…वाह…मेरी…जान…चूस…चूस ले..ले… और अन्दर … और अंदर ले … भोसड़ी … की.. और जोर .. से.. ले..और ले.. ले… वाह…” अब उसने सुनयना के मुँह में धक्के मारना चालू कर दिया था।

लेकिन अचानक बॉस ने सुनयना के मुँह में धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और सर पकड़ कर पूरा लण्ड मुँह में अन्दर बाहर करते हुए ज़ोर से चिल्लाने लगा “आ…..ह…. .ह…. आ…ले… कॉम…ओं…न ….मेरी…जान…ले..पीले…पूरा.. पी..ले.. माँ..चोद. चूस.. चूस… पी…ले..पी..”

अचानक उसके मुँह में पिचकारी चल गई। एक बॉस सुनयना के मुँह में अपना पानी डाल चुका था और उसने उसका पूरा रस पी लिया। सुनयना ने उसका लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया, शायद उसके रस का स्वाद अच्छा था..

झड़ने के बाद उसने अपने लण्ड बाहर निकाल लिया और हंसने लगा।

उधर शायद दूसरा बॉस भी चूत चोद कर थक गया था इसलिए वो भी उठ कर खड़ा हो गया और सुनयना के मुँह के पास लण्ड ला कर बोला,”प्लीज़ जान मेरा भी तो चूसो..”

उसने हँसते हुए उससे कहा,”तुम तीनों अगर मेरे मुँह में ही उलटी करके चले जाओगे तो मैं क्या करूंगी..!”

“नहीं मेरी जान, मैं तो तुम्हारी चूत में ही पानी डालूँगा चिंता मत करो !” एक बॉस ने जवाब दिया।

सुनयना ने एक बॉस का लण्ड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी देर तक उसका लण्ड चूसने के बाद उसने अपना लण्ड मेरे मुँह में से निकाल लिया और उससे बोला,”चल.. मेरी रानी.. अब कुतिया बन जा… आज तेरी चूत का बाजा बजाऊंगा !” उसने फ़ौरन उसका आदेश माना और उलटी होकर चूत को उसकी तरफ़ कर दिया। उसने भी आसन लगा कर चूत की छेद पर लण्ड लगाया और एक करारा धक्का दिया।

“आ.इ.ई.गई….आ..आ गया…आ. गया..मेरे राजा..पूरा..अन्दर..आ..गया..” सुनयना चिल्लाने लगी।

फिर तीनों ने उसे बारी बारी चोदा। कोई उसकी चूत मारता तो कोई गाण्ड तो कोई उसके स्तन चूसता। मैं अब भी पर्दे के पिछे छिपा था। अपनी सुनयना की इस चुदाई को देख मुझे रोना आ रहा था कि मेरे प्यार ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा। वो सब अब थक चुके थे अब वे सुनयना के स्तन और चूत को ही चूसे जा रहे थे।

तभी मैंने सुनयना को मोबाइल से संदेश भेजा कि वह क्या कर रही है।

मैं उसका उत्तर देखना चाहता था।

उसने लिखा- जान मैं नंगी हो कर बेड पे लेटी हूँ और तुम्हें सपने में प्यार कर रही हूँ।

वो सव साथ में सो गए। सुनयना रन्डी की तरह उनके बीच लेटी थी। उसका एक बॉस अभी भी उसकी चूत चूस रहा था और स्तन दबा रहा था। बाकी सब सो चुके थे और वो अभी भी उसे चूस रहा था।

उसके सभी बॉस उससे लगभग दस साल बड़े होंगे। तब मुझे लगा कि मैं उसे कभी सेक्स का मज़ा नहीं दे पाया। तब मुझे लगा कि प्यार से ज्यादा सेक्स की भूख होती है जो मैंने अपनी सुनयना में देखी।

इस कहानी से मैं आपकी मदद चाहता हूँ कि मैं क्या करुँ।

मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा। Sex Stories

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम दिशा है और मैं कोरबा छत्तीसगढ़ की रहने वाली हूं.
मेरे परिवार में मेरी बड़ी बहन पूजा है. इस साल वह फाइनल ईयर में है.
मेरी बड़ी बहन के अलावा मेरे घर में मेरा एक छोटा भाई और मम्मी पापा भी हैं.
इस तरह से घर में हम पांच लोग रहते हैं.

पापा की नौकरी है और मम्मी हाउसवाइफ हैं.

मैं अभी कॉलेज के दूसरे वर्ष में पढ़ाई कर रही हूं.

दोस्तो, मैं एकदम चुदासी किस्म की लड़की हूं. दिन भर मेरा दिमाग चोदने चुदाने की कहानी में ही खोया रहता है.
जब भी मुझे मोबाइल मिलता है, मैं चुपके से उसमें ब्लू फिल्में देखने लग जाती या हिंदी सेक्सी कहानियां पढ़ने लग जाती हूं.

अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी वाली साइट की मैं नियमित पाठिका हूं.

शुरू में तो मैं ब्लू फिल्म अकेली देखा करती थी लेकिन एक बार मेरी दीदी ने मुझे ब्लू फिल्म देखते पकड़ लिया था.
तब से हम दोनों अब साथ में मिल कर चुदाई की वीडियो देखते हैं.

ये सब देखना रोज का काम हो गया था लेकिन असली वाली चुदाई कभी नहीं देखने को मिली थी.

Xxx लाइव सेक्स शो की बात मेरे फर्स्ट ईयर यानि पिछले साल की है.

मेरी मम्मी भले ही तीन बच्चों की मां हो गई हैं लेकिन वे किसी जवान ताज़ी लड़की की तरह माल लगती हैं.
उनके बड़े बड़े दूध देख कर किसी का भी मन उनको चोदने को करने लगेगा.

हमारा घर तीन कमरों का है.
जिनमें से एक में हम तीनों भाई बहन और एक में मम्मी पापा सोते हैं.

एक कमरे में कुछ सामान रखा हुआ है और वह कमरा मेहमान के लिए है.

मैं कभी कभी मम्मी के साथ सोने की जिद करने लग जाती हूं.
इसलिए मम्मी पापा के साथ मैं उनके वाले कमरे में सो जाया करती थी.

एक रात जब हम तीनों सोए हुए थे तो मैंने सुना कि कुछ आवाजें आ रही थीं.
‘आह थोड़ा इधर … इधर डालो … आह यार उधर नहीं फाड़ोगे क्या … इधर पेलो न … ये है छेद.’

ये आवाजें मेरी मम्मी की थीं.

मैंने चुपके से आंख खोल कर देखा तो मम्मी पापा को बोल रही थी कि वे लंड ठीक से डालें.

पापा हड़बड़ी में गड़बड़ी कर रहे थे.
मम्मी अपनी साड़ी उठा कर चुदाई करवा रही थीं और पापा बेचारे अपनी बेटी के बगल में अपनी बीवी को चोदने में लगे हुए थे.

मुझे ये सब देख और सुन कर मजा आने लगा.
मैं सोने का नाटक करके उनका पूरा चुदाई का कार्यक्रम देखती रही.

पापा लगभग रोज ही मम्मी की चुदाई करते थे.
लेकिन अब मैं उनके पास रोज सोने की कोशिश करने लगी.
पर अधिकतर बार मम्मी मुझे अपने रूम भेज देती थीं.

मैंने इसका भी तोड़ निकाल लिया.
एक रात पूजा और भाई के सोने के बाद मैं मम्मी पापा की चुदाई देखने के लिए खिड़की से झांकने लगी.

मैंने देखा कि पापा ने मम्मी को उल्टा किया हुआ था और उन्हें घोड़ी बना कर पीछे से घपा घप पेल रहे थे.
मम्मी अपनी साड़ी की कमर तक उठा कर बेड के किनारे घोड़ी बनकर पोज बनाई हुई थीं और पापा उनकी कमर को पकड़ कर उन्हें कस कस कर चोदे जा रहे थे.

ये सब देख कर मेरी चूत की नदी बहने लगी.
चूत से रस की धार रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी.

मैं अपने रूम में गई और मोबाइल में ही ब्लू फिल्म चालू करके अपने उंगली से चूत में अन्दर बाहर करने लगी.
कुछ देर में मेरी बहन जाग गई और वह भी मेरे साथ अपनी बुर में उंगली करने लगी.

अब मैं और मेरी दीदी दोनों साथ में सेक्स वीडियो देखती हुई अपनी अपनी बुर सहलाने में लगी थीं.
बहुत मजा आने लगा था.
दोनों साथ में चूत सहला रही थीं और गंदी मूवी देख कर आह आह कर रही थीं.
कुछ देर के बाद हम दोनों झड़ गईं और सो गईं.

इसके बाद ये खेल गाहे बगाहे चलने लगा.
अब मेरे साथ मेरी बहन भी पापा मम्मी की चुदाई देखने का मजा लेने लगी थी.

सुबह मैं जब पापा के कमरे की सफाई करने जाती तो वहां पर बेड के नीचे सफेद रस से भरे कंडोम पड़े रहते थे.
उन्हें मैं उठा कर देखा करती.

कभी मम्मी देख लेतीं तो बहुत डांट पड़ती थी.

फिर मम्मी खुद ही कंडोम को कचरे के डिब्बे में डाल कर बाहर सारा कचरा फेंक कर आती थीं.

अब मम्मी और पापा की रोज चुदाई देख कर मुझे भी चुदवाने का मन करने लगा था.
मैं रोज अपने चूत में उंगली डालकर अन्दर बाहर करने लगती थी और चुदाई के लिए लंड की चाहत को बलवती करती रहती थी.

लेकिन लंड मिलेगा कैसे?
यह एक बड़ा सवाल था.

फिर इस सबके लिए एक मौका मिला.

मेरे मामा के यहां कार्यक्रम में सबका जाना हुआ.
वहां मेरी दो बड़ी मामियां और मौसी सभी लोग आई हुई थीं.

मेरी बड़ी मामी की बेटी तनिषा जो मेरी दीदी पूजा जितनी बड़ी थी यानि मेरे से एक या दो साल बड़ी थी, वह भी आई हुई थी.

वह बहुत ही सेक्सी लड़की थी.
मैंने सुना था कि स्कूल के टाइम से ही लड़कों से उसके चक्कर थे और वह कई बार चुदवाती हुई भी पकड़ी गई थी.

यहां भी वह व्हाट्सप्प पर दिन भर किसी न किसी से चैटिंग करती रहती थी.
उसके सब घर वाले यहीं थे, फिर भी वह ढीठ थी.

देखने में वह गोरी चिकनी और भरे हुए बूब्स वाली थी.
उसके चूतड़ अजीब से उभरे हुए थे.
ऐसा लगता था कि वह पीछे से ही ज्यादा ही मरवाती थी.

मैंने सुना था कि लड़कियों की गांड ज्यादा चोदने पर उनके चूतड़ बड़े होने लगते हैं.
मेरे चूतड़ अभी पतले और दबे हुए से हैं.
मेरी दीदी के थोड़े निकले हैं.
मम्मी का पिछवाड़ा तो चलने पर पूरा हिलने लगता है.

इसका मतलब आप खुद समझ जाओ.

कार्यक्रम के बाद सब मेहमान वापस जाने लगे.

बड़ी मामी ने और मेरी बड़ी बहन और मुझे उनके यहां जाने के लिए मम्मी से बात कर ली.

मैं और पूजा बड़ी मामी के यहां चले गए.
उनके गांव में बड़ी मामी बड़े मामा, उनकी बेटी तनिषा और भाई राहुल रहते थे.

राहुल अभी बारहवीं की पढ़ाई कर रहा है.
देखने में वह भी स्मार्ट और हैंडसम है.
उसके हाव भाव से साफ समझ आता था कि इसकी भी कुछ गर्लफ्रेंड होंगी.

उनका घर काफी बड़ा था. पांच बेडरूम, हॉल, किचन सब था.

तनिषा, मैं और पूजा एक कमरे में सोने लगे.
राहुल एक कमरे में सोता था.

बड़ी मामी और मामा एक अलग कमरे में सोते थे.

मामी भी काफी सेक्सी थीं, लगता था कि वह भी रोज चुदाई कराती थीं.

बड़े मामा उनकी आए पीछे दोनों तरफ से जम कर लेते होंगे, ऐसा साफ समझ आ रहा था.

एक रात तनिषा बाथरूम गई हुई थी, उसका मोबाइल चार्ज पर लगा हुआ था.
उसमें व्हाट्सप्प मैसेज आने लगे.
मैंने उसके मोबाईल को खोल कर देख लिया और सारे मैसेज पढ़ लिए.

उसका बॉयफ्रेंड उसको दिन भर मैसेज करता था.
उस वक्त भी वही था और वह रात के टाइम अपने लंड का फोटो भेज रहा था.

उसने लंड की फ़ोटो को भेजा था और लिखा था- चुदाई किए बहुत दिन हो गए जानेमन, जल्दी मिलना है.
ये सब मैंने पूजा दीदी को भी दिखा दिया.

उसके बॉयफ्रेंड के लंड का साइज लंबा और मोटा था.
उसको देख कर हम दोनों बहनों की चूत में अजीब सी गुदगुदी होने लगी थी.

उसके वापस आने पर हमने उसको सब बता दिया और पूजा दीदी ये बोल कर उसको डराने लगी कि घर में सबको बता देंगी.

वह डरी ही नहीं, उल्टा हमें ही फंसाने की बात बोलने लगी.
वह बोली- तुम लोग ही अपने बॉयफ्रेंड से बात करने के बहाने यहां आई हो, ऐसा बोल कर मैं तुमको फंसा दूंगी. ये बॉयफ्रेंड भी तुम्हारा ही है और तुमने मेरे मोबाईल पर उससे चैट करके उसे लंड की फ़ोटो भेजने की बात कही.

जब उसने ये सब कहा तो हमारी फट गई.
लेकिन उसके बॉयफ्रेंड का लंड बहुत बड़ा था और गुलाबी टोपे वाला था.
उसको अपनी चूत में लेने का लालच हम दोनों बहनों को अन्दर तक घुस गया था.

उसका मूसल लंड देख कर मेरी चूत से तो रस बहने लगा था.
किसी तरह से तनिषा से बात सुलटी.

मैं सोने लगी और अपनी चूत और चूची सहलाने लगी.
पूजा भी अपने दूध मसलने लगी थी.

फिर हम सब सो गए.

सोने के एक मिनट बाद ही तनिषा ने हम दोनों के मम्मों को जोर से दबा दिए और हंसने लगी.

उसकी इस हरकत से हम दोनों बहनों की मुस्कान खिल उठी और हम सब मिलके मस्ती करते हुए हंसने खिलखिलाने लगे.

सुबह मैंने तनिषा को दीदी कहकर प्यार से बुलाया और उससे बात करने लगी.
वह भी अच्छे से बात करने लगी.

फिर मैं उससे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछने लगी.
उसने बताया कि वह उसका पड़ोसी है, उन दोनों का चक्कर बहुत सालों से चल रहा है.

जब घर वाले नहीं रहते, तो वह मिलने घर आ जाता है और जम कर चुदाई करके जाता है.

ये सब सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश होने लगी.

वह बोली- तुम लोगों के बारे में उसको पता है कि तुम आई हुई हो. मम्मी पापा घर पर नहीं रहेंगे तो वह मिलने आएगा. तब मैं तुम लोगों से बात करवा दूंगी. यदि मेरा मन किया तो आगे भी कुछ करवा दूंगी.
यह बोलकर वह हंसने लगी.

मैं बोली- ठीक है दीदी. आपकी राजी में ही हम दोनों राजी हैं.

बड़े मामा दुकान चलाते थे और भाई गांव में ही स्कूल पढ़ने जाता था.
मामा तो सुबह चले जाते थे और सीधे रात में आते थे.
घर में मामी ही अकेली रहती थीं.

तीसरे दिन मामी की तबियत खराब हो गई.
बड़ी मामी को एलर्जी की परेशानी है.

उनको लेकर बड़े मामा डॉक्टर के यहां शहर गए तो घर में कोई नहीं रह गया.
उस दिन तो समझी हमारी लॉटरी ही खुल गई थी.

हमने आज तनिषा दीदी और उसके बॉयफ्रेंड से मिलने मिलाने का प्लान बनाया.
मैंने सोचा कि इनका कुछ देखने को मिल जाएगा, जिससे कुछ सीख लेंगे.

दीदी का हीरो छत से कूद कर मिलने आ गया.
वह आकर सबसे नॉर्मल बात करने लगा.

घर में हम तीनों बहनें और वह अकेला लड़का था.
वह देखने में स्मार्ट, लंबा, हट्टा-कट्टा और हल्की दाढ़ी में गजब दिख रहा था.

उसने मुझसे मेरा नाम पूछा और कितने में पढ़ती हो, कहां पढ़ती हो. ये सब पूछने लगा.
उसने पूजा से भी यही सब पूछा और तनिषा दीदी से बातें करने लगा.

फिर कुछ देर बाद दोनों उठ कर कमरे में जाने लगे. हम दोनों बहनें टीवी रूम में रूक गईं.

उन दोनों का चूमना चाटना शुरू होने लगा और हम दोनों मचलने लगीं.

मैंने पूजा से कहा- चल खिड़की से झांक कर देखती हैं.
वह बोली- हां चल, मजा आएगा.

हमने देखा कि हीरो बेड पर लेट गया और दीदी के ऊपर चढ़ कर उसको चूम रहा है.
वह कभी दीदी के दूध को दबाता, कभी उसकी जांघ के पास मसलता, कभी उसके पेट को चूमता, तो कभी नीचे चूत की तरफ चाटने लगता.

तनिषा दीदी ‘आह आह मेरा हीरो … मेरी जान …’ बोल बोल कर सिसकार रही थी और खिड़की की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.

ऐसा लग रहा था कि वे दोनों हमें दिखा दिखा कर चुदाई करने वाले थे.
तभी तो उन्होंने खिड़की खोल रखी थी कि हम दोनों आकर सब देखें और मज़े लें.

यह सब देख कर हम दोनों की चूत गीली होने लगी थी.
हम दोनों खिड़की से ही सारे मज़े लेने लगी थीं.

वह लड़का उठा और अपने कपड़े निकालने लगा.
उसने अपने सारे कपड़े निकाल कर एक तरफ रख दिए.

फिर उसने पैंट की जेब से कंडोम का पैकेट निकाल लिया.

मैंने सोचा कि ये एक पैकेट का क्या करेगा; इसमें तो शायद दस कंडोम होंगे; क्या ये आज दिन भर तनिषा दीदी को चोदेगा.

उसने तनिषा दीदी के कपड़े निकालने शुरू कर दिए.
दीदी लाल ब्रा में थी और उसके पर्पल लेगिंग्स में वह गजब सेक्सी लग रही थी.

उसने तनिषा दीदी की लेगिंग्स को खींच कर निकाल दिया और अब दीदी ब्लू रंग की पैंटी और लाल रंग की ब्रा में थी.

इसके बाद उसने एक एक करके तनिषा दीदी की पैंटी और ब्रा दोनों को निकाल दिया.

फिर दीदी और वह लड़का पूरे नंगे होकर अन्दर थे.

दीदी लपक कर उसका खड़ा लंबा लंड चूसने लगी.
वह बिल्कुल ब्लू फिल्मों की तरह लंड चूस रही थी.

उस लड़के ने अपने लंड का मुँह हमारी तरफ किया और हमें दिखाते हुए तनिषा दीदी से लंड चुसवाने लगा.

उसका लंड चूसने पर और लंबा और कड़ा होता जा रहा था.
तनिषा दीदी जोर जोर से उसका लंड चूसने लगती तो लड़का दीदी के बालों को पकड़ कर और जोर से उसके मुँह को दबाने लगता था.

ये सब देख कर हमारा हाल बेहाल होने लगा.
हमें तो ऐसा लगने लगा था कि कमरे के अन्दर जाकर उस मर्द का लंड अपने मुँह में लेकर चुसाई करने लगें.
हमारा खुद पर कंट्रोल नहीं रहा था.

हम दोनों अपनी चूत व दूध मसलने लगी थीं.
कभी मैं पूजा के दूध दबा देती, कभी वह मेरी चूत मसल देती.

दस मिनट तक लंड चुसाई चलने के बाद उस लड़के ने दीदी को उठाया और बेड पर पटकते हुए सीधा लिटा दिया.
फिर एक कंडोम निकाल कर अपने लंड पर लगाने लगा.

लंड ने पोशाक पहन ली तो वह मर्द का बच्चा दीदी के ऊपर चढ़ गया और उसके एक दूध को जोर जोर से चूसने लगा.
वह उसके दूध को मुँह में लेकर चूसे जा रहा था.

दीदी की कामुक सिसकारियां पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं.

चूचियों की चुसाई के साथ साथ वह उसकी चूत को रगड़ रहा था.
Xxx लाइव सेक्स शो देख कर हमारी जान निकली जा रही थी.

फिर उस लड़के ने अपना लंड दबाया और दीदी की चूत में डालने लगा.

लंड अन्दर डालने से पहले वह दीदी को खींच कर बेड के किनारे पर ले आया और नीचे खड़े होकर उसने दीदी की जांघों को पूरा फैला दिया. दीदी की चूत फटा हुआ भोसड़ा सा दिखने लगी थी.
उस लड़के ने जोर लगा कर दीदी की चूत में लंड फंसाया और अन्दर डालने लगा.

दीदी की आह निकलना शुरू हो गई और उसने अपना लंड दीदी की चूत में डाल दिया.
तब दीदी ‘आह मम्मी … मर गई मम्मी.’ करने लगी.

कुछ देर में दर्द खत्म हुआ और चूत में लंड पेलने का मस्ती भरा खेल शुरू हो गया.

धीरे धीरे लड़के ने रफ्तार बढ़ा दी और अब वह ताबड़तोड़ लंड पेले जा रहा था.
कभी वह दीदी की जांघों को दोनों हाथों से पकड़ कर धक्का देता, तो कभी सीधे लंड से ही धक्के लगाते रहता.

उसकी चुदाई के तरीके से लगता था कि वह चोदने के मामले में काफी अनुभवी है.

दीदी ‘आह मेरी जान … और अन्दर और अन्दर …’ कहे जा रही थी.

वह कभी झटके से चोदने लगता, कभी धीरे से … कभी कमर पकड़ कर चूत में धक्का देता, तो कभी उसकी जांघों को अपने कंधों पर रख कर प्यार से चोदने लगता.
कभी वह बेड पर चढ़ कर दीदी को अपनी बांहों में भरके घप घप की आवाजों वाली चुदाई करने लगता था.

इन आवाजों को सुन कर बहुत मजा आ रहा था.

दीदी ऐसा करते करते काफी देर तक चुदी.

आखिर में उनकी चुदाई की रफ्तार अचानक बहुत तेज हो गई और वह लड़का दीदी को जमकर चोदने लगा.

दीदी ने भी उसको अपनी बांहों से कसके जकड़ लिया.
लड़का पेलता रहा और दीदी चुदाती रही.

उन दोनों की चुदाई पूरी होने के बाद वह दोनों नंगे ही कमरे में एक दूसरे के ऊपर कुछ समय तक लेटे रहे.

फिर दीदी लड़के का लंड मुँह में लेकर चाटने लगी.

हम दोनों भी झड़ गई थीं तो अपने कमरे में आ गईं

हल्लो, मैं श्याम … आप सब को मेरा नमस्कार ! Hindi Sex Stories

मेरी मौसी (दूर की) की लड़की Hindi Sex Stories प्राची (सालगिरह की अनोखी भेंट) के साथ मेरे सेक्स की कहानी आप ने पढ़ी होगी … इस बार मैं आप को प्राची की बड़ी बहन किरण और मेरी सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

किरण दिखने में तो सेक्सी थी लेकिन थोड़ी गुस्से वाली और जब देखो तब सबके ऊपर हुक्म चलाती थी, इस लिए मेरी उससे ज्यादा पटती नहीं थी, कालेज में भी कोई उसका करीबी दोस्त नहीं थे।

छुट्टियों के दिन थे। एक दिन हम सब पिकनिक पर गए हुए थे। अचानक किरण ने कहा- चलो सब नदी में नहाते हैं।
लेकिन सब ने मना कर दिया क्योंकि मेरे अलावा किसी को तैरना नहीं आता था।
तो वो रूठ गई और कहने लगी- आप सब को आना है तो चलो, वरना मैं अकेली ही जाती हूँ।
थोड़ी देर बाद मौसी ने कहा- श्याम जा देख किरण ठीक तो है और हो सके तो उसको मनाकर साथ ले आ।

नदी सिर्फ़ 3-4 मिनट ही दूर थी। मैंने वहाँ जाकर देखा, तो वो घुटनों तक पानी में बैठ कर खेल रही थी। मुझे ताने कसने का मौका मिल गया, मैंने कहा- मुझे तो लगा तुम तैरती हुई दूर निकल गई होगी!
तो उसने कहा- जानती हूँ, तुम बहुत स्मार्ट बनते हो … मुझे तैरना सिखाओ …
मैंने कहा- उसके लिए गहरे पानी में जाना पड़ेगा।
“तो ठीक है …”
मैंने कहा- मौसी ने मुझे यहाँ तैरना सिखाने नहीं, तुम्हें बुलाने भेजा है …
तो वो बोली- ठीक है मैं आती हूँ लेकिन मुझे एक बार उधर गहरे पानी में ले चलो …
मैंने पूछा- तुम डरोगी तो नहीं?
वो बोली नहीं …

मैंने उसका हाथ पकड़ा और गहरे पानी में ले गया। जब पानी गले तक आ गया तो मैंने कहा- चलो अब वापस चलते हैं …
किरण मना करने लगी और बोली- प्लीज़, मुझे तैरना सिखाओ …
मैंने कहा- आज नहीं, फ़िर कभी, लेकिन वो नहीं मानी।

मैंने कहा- ठीक है … मैं तुम्हें कमर से पकड़ता हूँ, तुम धीरे-धीरे अपने पैर और हाथ हिलाओ … लेकिन वो नहीं कर पा रही थी।
तो मैंने कहा- कमर भर पानी में चलते हैं, मैं तुम्हें मेरे दोनों हाथ पर उल्टा लेटाता हूँ ताकि तुम्हें हाथ-पैर हिलाने में आसानी हो सके …

अभी उसके कमर के नीचे का भाग मेरे दांए हाथ में था और छाती के नीचे का भाग बांए हाथ में था। वो हाथ-पैर हिलाने लगी … लेकिन मेरा हाल ख़राब होने लगा, क्योंकि मेरे हाथों में एक भीगी-सेक्सी लड़की थी, पानी में होते हुए भी मैं उसके शरीर की गर्मी को महसूस कर रहा था, मुझे शरारत सूझी, मैंने उसे पानी में छोड़ दिया, वो डर गई और इधर उधर हाथ मारने लगी … पानी इतना गहरा नहीं था इस लिए मैंने उसे खड़ा कर दिया … लेकिन वो डरी हुई थी इसलिए मुझसे लिपट गई.

मुझे और क्या चाहिए था … मैं भी उसे चिपक गया। मैंने उसके निप्पलों को अपनी छाती पर महसूस किया। उसकी भारी-भारी साँसों ने मुझे मदहोश कर दिया … मेरे हाथों ने उसे और कस लिया, मेरा लंड भी खड़ा हो गया … मदहोशी में कब मेरा हाथ उसके गांड पे चला गया पता ही नहीं चला … उसे भी शायद मज़ा आ रहा था.

कुछ पल के बाद उसने उसका हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और मेरी तरफ़ मुँह उठाया और मुझे देखने लगी … मैं भी उसे देखता ही रहा और उसके ऊपर झुकने लगा … और … हल्के से उसके नरम गीले होठों को मेरे होठों ने छुआ … दोनों के शरीर में जैसे बिजली दौड़ गई … एक दूसरे से और ज़ोर से लिपट गए और किस करने लगे। उसके हाथ मेरे बालों में और मेरे हाथ उसकी पीठ और गाँड पर चल रहे थे।

अब मैं एक हाथ उसकी कमर से होते हुए उसकी जांघों को सहलाने लगा और धीरे से उसकी चूत को कपड़े के उपर से ही सहलाने लगा … उसे यह बहुत अच्छा लग रहा था इसलिए कोई विरोध नहीं किया … हम दोनों एक दूसरे को जम के किस कर रहे थे और सहला रहे थे.
लेकिन अचानक उसने मुझे पानी में धकेल दिया और बोली- जल्दी चलो देर हो गई है और कोई भी आ सकता है …
हालात को समझते हुए हम दोनों वहाँ से निकल लिए और रात को मेरे रूम में मिलने की योजना बनाई।

शाम को करीब 6 बजे घर पहुंचे। मौसी, प्राची, किरण ने मिलकर खाना बनाया। खाना खाने के बाद सब टीवी देखने बैठ गए। साढ़े दस के बाद सब सोने चले गए। मैं भी ऊपर अपने कमरे में आ गया। कपड़े निकाले और हर रोज़ की तरह नंगा ही सो गया।

तक़रीबन साढ़े बारह बजे मेरी रूम का दरवाजा खुला … किरण ही थी … मैं झट उठा दरवाजे को लॉक किया और एक दूसरे की बाँहों में समा गए … जम कर चुम्मा-चाटी हुई। दस मिनट बाद मैं धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाने लगा … किरण मचल उठी … धीरे से मैंने उसका नाईट गाउन उतार दिया … उसने नीचे कुछ भी पहना हुआ नहीं था … अब हम दोनों नंगे थे। वो अपने आप को मेरे सामने नंगा देख थोड़ी शरमा गई। क्योंकि किरण पहली बार किसी मर्द के सामने नंगी खड़ी थी … हमेशा उखड़ी-उखड़ी रहने वाली किरण आज कोमल सेक्सी और खुश दिख रही थी।

अब मैं उसने कान और गर्दन को चूमने लगा और उसके स्तनों को बारी-बारी से मसलने लगा … उसके चूचुक एकदम कड़क थे … उसके साथ खेलने का मज़ा आ रहा था … उसके मुँह से आह्ह्ह्ह … ऊऊउम्म्म जैसी सिसकारियाँ निकल रहीं थीं।

अब मैं उसके निप्पलों को चाटने लगा और एक हाथ उसकी जाँघ पर घुमाने लगा। किरण भी मेरे लण्ड को सहला रही थी … अब किरण एकदम गर्म हो गई थी और मेरे बालों को हल्के से खींच रही थी। मैं निप्पल और बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और उसी समय मेरी बीच वाली उंगली से उसकी चूत को सहलाने लगा और आखिर में उंगली को घुसा ही दिया उसकी गर्म चूत में और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा.

उसको मज़ा आ रहा था … उसकी सिसकारियाँ बढ़ने लगीं थीं … एकदम से उसका सारा शरीर कड़क हो गया … शायद वो झड़ने वाली थी … मैंने झट से अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया ताकि मैं उसका पहला पानी पी सकूँ, और जीभ से चाटने लगा … जैसे ही मैंने मेरी जीभ उसकी कुँवारी चूत में डाली, उसने अपना पानी छोड़ दिया …

अब मेरा लण्ड उसकी चूत के लिए बेक़रार था … मैंने पूछा- लण्ड को चूत में लेने के लिए तैयार हो?
उसने सिर हिलाकर हामी भर दी … मैं उसके पैरों के बीच खड़ा हो गया और लण्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा …
तो वह बोली- श्याम ज़ल्दी करो अब नहीं रहा जाता …

मैंने लण्ड को किरण की चूत के छेद पर सेट किया … साथ ही उसके होठों को चूमने लगा … और एक हल्का सा झटका मारा … पूरा सुपाड़ा उसकी बुर में घुस गया, उसके मुँह से ज़ोर की आह निकल पड़ी- दुखता है …
मैंने कहा- सिर्फ़ कुछ पल की बात है … और मैं सिर्फ़ सुपाड़े को ही बाहर निकाले बिना अन्दर हिलाने लगा …

किरण को भी अच्छा लग रहा था तो मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और लौड़े को थोड़ा आगे-पीछे किया और ज़ोरदार झटका मारा … उसकी चीख मेरे मुँह में ही घुटकर रह गई … मैंने मौक़ा देखते ही दूसरा झटका मारा, इस बार सात इंच तक लण्ड अन्दर घुस गया … किरण छटपटाने लगी, आँखों से पानी बहने लगा … दर्द के मारे वो काँप रही थी, मैं ऐसे ही पड़ा रहा और एक हाथ से उसके बूब्स को सहलाने लगा।

2-3 मिनट बाद उसका शरीर थोड़ा ढीला पड़ गया … अब मैंने उसके मुँह से अपना मुँह हटा लिया ताकि वो आराम से साँस ले सके, मैंने उसके एक बूब पर अपनी जीभ फेरनी चालू कर दी और दूसरे को मसलने लगा … कुछ ही पलों में उसने भी साथ देना चालू कर दिया। उसकी गांड धीरे-धीरे हिलने लगी … अब मेरा रास्ता आसान था, मैंने भी मेरी गांड हिलानी चालू कर दी … मेरा लण्ड किरण की बुर में अन्दर-बाहर होने लगा … और मैंने उसकी बुर के अन्दर अपना पूरा लण्ड डाल दिया …

उसके मुँह से सिसकारियों का सिलसिला निकल रहा था … जो मुझे और भी अधिक कामुक बना रहा था। अब मैंने मेरे पिस्टन की गति बढ़ा दी। अब किरण भी मुझे गाँड़ उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी … 4-5 मिनट बाद उसका शरीर अकड़ गया … उसने पानी छोड़ दिया.

लेकिन मैंने अपना काम चालू ही रखा। धीरे-धीरे मेरे लण्ड की गति बढ़ती जा रही थी … मेरा लण्ड उसकी चूत में काफी द्रुत गति से अन्दर-बाहर हो रहा था। आखिर मेरे झड़ने का वक्त आ ही गया, मेरी साँसें तेज़ होने लगी … पूरा शरीर पसीने से तर था … किरण भी चौथी बार झड़ रही थी … और मैं भी झड़ गया। मैंने अपना सारा वीर्य किरण की चूत में डाल दिया … हम-दोनों एक-दूसरे से चिपक कर ऐसे ही दस मिनट तक लेटे रहे।

उस रात हम भाई बहन ने एक बार और जमकर चुदाई की और सो गए।

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी … प्लीज़ आपकी टिप्पणी अवश्य भेजें। Hindi Sex Stories

सौम्या उनकी इकलौती बेटी है.
वह बचपन से ही थोड़ी समझदार टाइप की थी.
बचपन में मेरी मां कह देती थीं कि तुम दोनों शादी कर लेना.
हम दोनों ही झेंप जाते.
पर शायद उसे मैं हमेशा से पसंद था.

फिर मैं इंजीनियरिंग करने बाहर चला गया.
वह भी चली गई.

यह बात लॉकडॉउन की है.

मैं घर पर था.
मेरी गर्लफ्रेंड ने भी मुझसे ब्रेकअप कर लिया था.

सौम्या मेरे घर में आती जाती रहती थी.
हम दोनों आपस में बातचीत भी करते थे.

घर पर भी लोग हमें देखने तक नहीं आते थे कि हम दोनों अकेले में क्या कर रहे हैं.
उनके विचारों में हमारे जवान होने के बाद भी किसी तरह का बदलाव नहीं आया था.

एक दिन की बात है. मैं सोया हुआ था और वह सुबह घर आई.

मम्मी ने उसे कहा- राज को जगा लो, दोनों चाय पी लेना.

वह चाय लेकर आई.
उसने चाय की ट्रे रखी और मुझे जगाने लगी.

मैं गहरी नींद में सोया हुआ था.
दो तीन बार जगाने पर भी जब मैं नहीं उठा, तो वह मेरा हाथ पकड़ कर खींचने लगी.

मैंने नींद में ही उसे अपने करीब खींच लिया और हग करके उसके होंठों पर किस कर दी.

दरअसल मैं नींद में उसे अपनी गर्लफ्रेंड समझ रहा था.
पर फिर अन्दर याद आया वह तो मुझे छोड़ कर जा चुकी है तो ये कौन है!

यह याद करते ही मेरी फटी और नींद खुल गई.
वह भी उठ कर बैठ गई.

मैंने देखा सौम्या कांप रही थी.
मैंने उससे सॉरी कहा और कहा मैंने तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड समझ लिया.

यह सुनकर वह उठी और चाय छोड़ कर चली गई.
मुझे लगा मेरी वजह से नाराज हो गई है.

वह तीन दिन तक घर नहीं आई.

फिर एक दिन शाम को आई.
मैंने कहा- सॉरी सौम्या, उस दिन मुझसे भारी भूल हो गई थी.

उसने हंस कर बात को टाल दिया.

फिर यूं ही हम दोनों में बातचीत होती रही.

एक दिन शाम को हम बात कर रहे थे.
तो उसने पूछा- तुम उस दिन किसके बारे में सोच रहे थे?

मैंने अनजान बनते हुए पूछा- क्या?
उसने कहा- मैं समझ गई कि तुमने सॉरी क्यों कहा.

मैंने पूछा- इतना गौर करती हो मेरी बातों पर?
उसने कहा- अब इतना तो हक है!

मैंने सब बता दिया.

उसने मेरी आंखों में देखते हुए कहा- तुम्हें भी कोई खोना चाहेगी क्या?
मैं समझा नहीं.
वह चली गई.

फिर दीवाली आई.
हम सब मिल कर घर पेंट कर रहे थे.
वह भी काम में हाथ बंटाती थी.

मेरे कमरे में पेंट की बारी आई, तो उसने रंग पसंद करके बताया. मैंने भी वही रंग सोचा था. मुझे सौम्या और ज्यादा अच्छी लगने लगी.

फिर वह कमरे में आई तो मैं पेंट कर रहा था.

वह मेरे लिए चाय लेकर आई थी.
मैं चाय पीने लगा तो वह खुद ब्रश उठा कर पेंट करने लगी थी.

उस वक्त मुझे उसको देखने में बड़ा सुखद लग रहा था, मुझे उस पर प्यार आ रहा था.

आज मैं उसका फिगर देखने लगा था.
उसकी काया मुझे बड़ी ही कमनीय लग रही थी.

मैं आपको भी उसकी फिगर बता दूँ.
वह 34-30-36 की थी.
उसकी आखें एकदम गहरी मानो कोई नेचर का पोर्ट्रेट देख रहे हों.

दूसरे दिन बाहर की ओर पेंट चल रहा था.
वह मुझे चाय देकर खुद सीढ़ी के ऊपर चढ़ कर पेंट कर रही थी.

मैं उसे देखते हुए चाय पीने लगा.
पेंट का ब्रश डिब्बे में डुबोने के चक्कर में वह एकदम से फिसल गई.

मैंने चाय का कप छोड़ा और उसे लपक लिया.
वह आह करती हुई मेरे एकदम करीब हो गई थी.
मैं उसकी आंखों में खो गया.

चाय का कप गिरने की आवाज हुई.
तो मम्मी की आवाज आई- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं … कप गिर गया मेरे हाथ से.

फिर वह संभली और मुझे देख कर स्माइल करके बोली- हमेशा बचाओगे क्या?
मैंने भी उस अहसास को पहली बार महसूस किया था.

मैंने पता नहीं कैसे बस कह दिया- हां.
वह मेरे पास आई और बोली- सच में?

मैंने उसकी आंखों में देखते हुए उसे अपने गले से लगा लिया और कहा- हां हमेशा.
वह भी मेरी बांहों में कटी हुई डाली की तरह गिर सी गई.

मैंने उसका चेहरा उठाया और कहा- आई लव यू.
उसने कुछ भी नहीं कहा और चली गई.

मैं फिर उसका इंतजार करने लगा.
दीवाली के दिन वह फिर से आई.

मैंने कहा- प्रपोज किया था, घर नहीं आने के लिए नहीं कहा था.
उसने कहा- अच्छा जी, मिस कर रहे थे अपनी मिसेज को!

मैंने उसकी आंखों में देखा तो वह शर्मा गई.
तो मैंने कोहनी मारते हुए कहा- हां, मिसेज राज.

उसने सर झुका लिया और मुस्कुरा दी.
फिर हम सब दीवाली मनाने लगे.

दीवाली के अगली सुबह वह सुबह सुबह आई और मम्मी और मेरे लिए चाय बना कर लाई.

मम्मी को देने के बाद वह मेरे कमरे में आई और मुझे उठाने लगी.

मैं उठ गया था पर मैंने जानबूझ कर उसे फिर से खींच लिया और किस कर दिया.

उसने मुझे धक्का दिया और कहा- बचपन से तुम्हें प्यार किया है. क्या तुम भी करते हो?
मैंने कहा- देख लो.
उसने कहा- ठीक है.

फिर उस दिन के बाद हम दोनों नहीं मिले.
मैं जॉब पर वापस आ गया और वह भी.

6 महीने बाद मैं अपने घर गया.
वह भी आई हुई थी या शायद उसे पता था कि मैं आऊंगा.

अगले दिन फिर से मेरी पत्नी की तरह चाय लेकर आ गई.
मैं जाग कर बैठा हुआ था.

वह देख कर ऐसे मुस्कुराई जैसे जानती हो कि मैं उसका इंतजार कर रहा था.

चाय लेते हुए मैंने एक सिप ली और उससे पूछा- पूरी लाइफ केयर करोगी?
उसने कहा- तुम्हें पता नहीं क्या?

फिर मैंने अपना कप उसकी तरफ बढ़ा दिया.
उसने बेहिचक मेरी जूठी चाय से एक सिप ले लिया और अपने हाथ से में खुद मुझे पिलाने के लिए आगे झुकी.
मैंने भी पी ली.

उसने मेरे सर पर हाथ फेरा और कहा- गुड ब्वॉय.
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने कहा- किस्सी चाहिए मेरे बाबू को!

यह कह कर वह मेरे चेहरे पर झुकी और एक जोरदार किस दे दिया.
फिर कहा- सो स्वीट.

मैंने उसकी आंखों में प्यार से देखा.
उसने कहा- ये रोजाना चाहिए है तो सोच लो.

मैंने कहा- सोच कर ही आया था.
उसने कहा- क्या?

मैंने कहा- अभी देख लेना.
वह चली गई.

मैं उसकी मम्मी के पास गया और अपने और उसके बारे में बात की.
उन्होंने कहा- वह मेरी बेटी है और खुद समझदार है. वह जॉब भी करती है, उसे ही अपना फैसला लेना है. हम उसके साथ हैं.

फिर ये बात हमारे घर वालों ने की और हमारी शादी हो गई.

पहली रात को वह पहले से ही कपड़े चेंज करके बैठी थी.
मैं अन्दर आया तो उसने कहा- आप भी चेंज कर लो पतिदेव.
यह सुन कर मुझे अच्छा लगा.

मैं चेंज करके आया तो उसने हमारे लिए वाइन के दो ग्लास तैयार करके रखे थे.
मैंने कहा- वाह दूध की जगह सोमरस!

उसने मुझे ताना मारते हुए कहा- पुराने ख्यालों की नहीं हूँ मैं!

मैं उसके पास गया और उसके बालों में पीछे से साथ डाल कर उसे अपने चेहरे के पास लाकर कहा- तुम बचपन से इंतजार कर सकती हो … और मैं तुम्हारे दिल की बात नहीं समझता तो फिर प्यार किस बात का?

वह मेरी आंखों में देखने लगी और फिर उसने कांपते होंठों से मुझे चूम लिया.
मैंने भी उसे चूम लिया.

हम दोनों अलग हुए और हमने वाइन का पैग लिया.
कुछ देर बात करते हुए हम दोनों बिना कुछ किए वैसे ही सो गए.

सुबह 4.30 पर आंख खुली.
हल्की हल्की रोशनी आ रही थी.

मैं उठने लगा तो उठ नहीं पाया.
उसने मुझे जकड़ रखा था.

मेरे हिलने से वह भी उठ गई.
उसने ऐसे ही मुझे अपनी ओर खींच लिया और एक लंबा किस हुआ.

उसके बाद उसने कहा- ये तो हुआ मेरे हक का … अब आप कुछ पियेंगे?

मैंने उसकी तरफ देखा.
वह मुस्कुरा रही थी.

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा.
वह घूम कर मेरी गोद में सीने से सीना लगा ऐसे बैठ गई जैसे चंदन से लिपटा सांप.

मैंने उसकी गर्दन पर एक छोटा सा किस किया.
उसने अपना हाथ पीछे करके मेरे बालों में अपनी उंगलियां फंसा लीं, फिर अपनी ओर खींच कर किस कर लिया.

मैंने पीछे से उसके गाउन का स्ट्रैप खोल दिया और दोनों हाथ आगे ले आया.

उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने एक मम्मे पर रख दिया.
मेरा दूसरा हाथ सरकते हुए उसके पेट और नाभि से खेलने लगा.

अब उसकी काम वासना से भरी हुई सिसकारी निकल गई.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके निप्पल को निचोड़ रहा था.

हमें दस मिनट हो चुके थे.
अब वह गोद से उतरी और मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे खाने लगी.

वह किस करते करते मेरी चड्डी तक पहुंच गई.
मैं उसकी चूचियों से खेल रहा था.

उसने सीधे ही मेरी चड्डी खींच दी.
मेरा 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसके सामने था.

उसने उसे अपने हाथों में भरा और लौड़े की मुठ मारती हुई बोली- बचपन से एक ही सपना था कि तुम्हारी होना है. मेरी सहेलियों ने मुझसे कहा भी कि मजे कर ले, पर मुझे तुम्हारी होना था. तुम तो कर चुके हो!
मैंने उसके मुँह पर हाथ डाला और उसे अपने पास खींचते हुए कहा- अब बस तुम्हारा ही तो हूँ.

उसने कहा- यदि भरोसा ऐसा था तो बचपन में कहते … एक बार भी तुम्हें छोड़ कर नहीं गई होती.
मैंने कहा- फिर तुमसे प्यार कैसे होता?
वह मुस्कुरा दी.

उसने मेरे लंड को पकड़ा और मुँह में भर कर चूसने लगी.

फिर जब मुझे लगा कि अब रुक पाना मुश्किल है, तो मैंने उसे सीधा उठाया और बेड पर गिरा दिया.

उसने मेरी तरफ देख कर मुझे उंगली से इशारा करके चूत का रास्ता दिखाया.

मैंने कहा- ऐसे नहीं.
उसने मेरी तरफ देखा.

मैंने उसे उठाया और उसके शरीर पर कसे हुए ब्रा पैंटी को उतार दिया.
फिर दीवार से चिपका कर उसके दूध पीने लगा.
मैं एक चूची मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसका गला दबा रखा था.

थोड़ी ही देर में वह मचलने लगी और मेरे लौड़े को हाथ में लेकर दबाने लगी.
उसने कहा- बस पतिदेव, अब चोद दीजिए ना!

मैंने कहा- ठीक है.

मैं भी खड़ा खड़ा थक गया था.
मैंने उसे बेड पर लिटाया और चूत चाटने लगा.

उसने कहा- कल भी यहीं रहूँगी और मेरी चूत भी … अभी पहले चोद दो ना प्लीज!

मुझे उसकी मासूमियत भरे चेहरे पर प्यार आ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर लगा दिया.

काफी गीली चूत थी.
थोड़ा इधर उधर करने पर लंड का सुपारा अन्दर फंस गया.

उसे हल्का सा दर्द हुआ.
वह उछली.

मैंने कहा- क्या हुआ?
उसने दर्द भरे भाव से कहा- कुछ भी नहीं … बस रुकना मत, डाल दो तुम.

मैंने एक ही बार में पूरा लंड जड़ तक पेल दिया.

उसकी बहुत जोर से चीख निकली, जिसे सुन कर उसकी चचेरी बहन मानसी जो दिल्ली में डॉक्टर थी और शादी में आई थी, वह हमारे ही बाजू वाले कमरे में रुकी हुई थी.
मानसी जाग गई और अपने कमरे से उठ कर आकर दरवाजा खटखटाने लगी.

पर मेरी बीवी जो अपने नाखून मेरे पीठ में चुभो चुकी थी, अब चुप थी.
फिर उसकी बहन चली गई.

इधर मैंने भी उसे प्यार से सहलाते सहलाते उसका दर्द कम किया.

उसने मेरी आंखों में ऐसे देखा मानो उसने मुझे जीत लिया हो.

अपने आंसू पौंछते हुए आंखों से ऑर्डर दिया- आगे बढ़ो.
मैंने उसकी आंखों में देखते हुए चोदना शुरू किया और 15 मिनट चोदने के बाद वह झड़ गई.

मैंने उसे अपनी गोद में ले लिया और उसकी चूत में लंड पेल दिया.
इस आसन में मेरा लौड़ा सीधा उसकी बच्चेदानी में ठोकर मारकर वापस आ गया.

वह चिहुंक उठी और उसने कराहते हुए कहा- पतिदेव मर गई.

मैं खड़ा हुआ और उसे दीवार से लगा दिया.
एक तरह से वह हवा में लटकी हुई थी.
मेरा लंड उसकी चुत में फंसा था.

मैं उसे चोदने लगा.
वह मेरी ताकत की कायल हो गई थी और चुदाई का मजा लेने लगी थी.

काफी देर बाद मैं थक गया तो मैं उसे वैसे ही लेकर लेट गया.

वह मेरे ऊपर आ गई और अपनी गांड उठा उठा कर चूत में लंड लेने लगी.

इधर मैं उसकी चूचियों को निचोड़ रहा था.
वह पागलों की तरह आह आह कर रही थी.

फिर हम दोनों एक साथ आह आह करते हुए झड़ गए.

मैं उसे उठा कर बाथरूम में लेकर जाने लगा तो उसने मेरे चेहरे को अपने चेहरे से ढक दिया और होंठ चूसने लगी.

लेकिन मुझे गेट बंद होने की आवाज आई.
मुझे लगा बाथकमरे में कोई है.

मेरा और मेरे बगल वाले कमरे का साझा बाथरूम है.
मैं रुक गया.

फिर मैं आगे बढ़ा.
दरवाजा हल्का सा खुला था.

पर उस टाइम मैंने गौर भी नहीं किया, बस बाथरूम में आ गया.

उधर भी साफ सफाई के बाद हमारी चुदाई होने लगी और बहुत देर तक हुई.

चुदाई की आवाज़ शायद मानसी ने सुनी ही होगी, जो उस टाइम हम दोनों के ध्यान में नहीं आई.

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