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Massage Girl in Mandla: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Mandla who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Mandla that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Mandla massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Mandla who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Mandla massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Mandla massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Mandla who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Mandla employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Mandla helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Mandla

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Mandla at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

संजय और मैं बीच एग्जाम में फ़ोन से सेक्सी चैट करते थे.
वह अपनी नंगी तस्वीरें भेजता था, इधर से मैं भेजती थी.

संजय रोल प्ले करवाता था कि मुझे कैसे चोदना है.

इसी तरह सारे पेपर खत्म हो गए और अब मुझे व छवि दोनों को एग्जाम के बाद घर जाना था.

पर संजय चाहता था कि मैं रुकी रहूँ क्योंकि घर जाने से पहले उसको मुझे चोदने की इच्छा थी.
इसलिए मैंने अपने घर पर दो दिन बाद का बोला था कि एग्जाम अभी दो दिन बाद खत्म होंगे.

पर हॉस्टल तो खाली करना ही था, उस कारण से मेरे और छवि के रुकने की समस्या थी.

संजय ने कहा कि उसने राहुल से बात कर ली है, उसके फ्लैट में हम दोनों सहेलियां जितना चाहें, उतने दिन रुक सकती हैं.
राहुल ने भी छवि के लिए हां बोल दिया था.

संजय को अभी छवि, मेरे और राहुल के सेक्स के बारे में कुछ नहीं मालूम था.

उसने हमारे लिए कैब बुक कर दी और छवि और मैं दोनों हॉस्टल में से घर का बोल कर सारा सामान लेकर राहुल के फ्लैट पर जाने के लिए तैयार थी.
हम दोनों फ्लैट पर पहुंच गईं.

वहां संजय हमारा इन्तजार कर रहा था.
जब हम दोनों फ्लैट पर पहुंची तो राहुल भी उसी वक़्त आ गया था.

मैंने कहा- संजय, हमारे पास आज पूरा दिन और कल का दिन है. घर कल शाम तक किसी भी हालत में पहुंचना ही है.
उसने कहा- बिल्कुल, अपने पास बहुत समय है. पहले हम सब कुछ खा पी लेते हैं.

संजय ने खाना आर्डर कर दिया.

हम सभी आपस में बातें कर रहे थे; हंसी मजाक भी कर रहे थे.
थोड़ी देर बाद ही खाना आ गया.

संजय और राहुल दोनों ने कहा- तुम लोग खाना खा लो, हम लोग अभी आते हैं.
हमने पूछा भी कि किधर जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने हमें नहीं बताया.

वे दोनों गाड़ी से निकल गए.
तब तक हम दोनों ने खाना खा लिया और कुछ ही देर बाद दोनों आ गए.

वे बीयर लेकर आये और उन्होंने पहले थोड़ी-थोड़ी बीयर पी.
उन्होंने हमें भी बियर पीने को कहा पर हम दोनों ने मना कर दिया.

फिर कुछ देर बाद दोनों ने खाना खाया.

खाना खाने के बाद संजय ने मुझे इशारा कर दिया.
हम दोनों अन्दर आ गए.

मैंने जींस और स्लीवलेस टॉप पहनी थी, नेट की ब्रा और जॉकी की पैंटी पहनी थी जिसमें मेरी आधी गांड ही कवर हो.
ये जींस में भी कम्फर्ट देती है.

उसने पहले मेरे होंठों को चूमा और दोनों हाथों से मेरे दूध दबाने लगा.
उसने मेरे बालों को पूरा खोल दिया.

हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, होंठों में होंठों को डालकर एक दूसरे को चाटने लगे.

उसके दोनों हाथ मेरी कमर पर आ गए और वह मेरी कमर को मसलता हुआ च्यूँटी काटने लगा.

फिर उसने कमर से मेरे टॉप के अन्दर हाथ डाल कर मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए.
मुझे डर था कि कहीं ये टॉप को फाड़ न दे.

मैंने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए ताकि वह मेरे टॉप को उतार दे.
उसने ऐसा ही किया.

फिर वह अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया.
उसका लंड अभी खड़ा नहीं हुआ था.
मैंने अपने दोनों हाथ से उसके लंड को पकड़ा और खड़ा करने की कोशिश करने लगी.

इसी बीच वह मेरी गर्दन और गालों को चूमने लगा.
उसके इस तरह से चाटने के कारण मैं भी गर्म होने लगी थी.

भले ही मैं ब्रा में थी लेकिन वह मेरे क्लीवेज़ देखते हुए उनके बीच वह अपनी जीभ से मुझे मदहोश करने लगा था.

इस तरह से वह मेरा तापमान बढ़ा रहा था.
उसकी इन हरकतों से उसका लंड खड़ा हो गया था.

उसने मेरे बालों को पकड़ कर नीचे झुकने का इशारा किया तो मैं समझ गयी कि लंड को लॉलीपॉप समझ कर चूसना है.

मैंने सोचा कि क्यों न लंड का पानी निकाल दूँ … जिससे ये ठीक से दोबारा खड़ा होने में समय ले.

यह सोचते ही मैं पूरी शिद्दत के साथ लंड पर टूट पड़ी.
मैं अब उसके लंड के सुपारे को ऐसे चूसने लगी जैसे वह लॉलीपॉप ही हो.

जल्द ही उसका लंड गुलाबी रंग का हो गया था.

मैंने उसकी बॉल्स को भी मुँह में लिया और पूरे लंड को अपने थूक से चाट चाट कर गीला कर दिया था.

पूरा लंड मेरे मुँह में नहीं आ रहा था तो जितना हो सकता … उतना मुँह के अन्दर लेती और अन्दर जीभ से लंड के ऊपर घुमा देती.

संजय इससे एकदम से कामुक होने लगा और वह मेरे मुँह में ही झड़ गया.

उसका सारा वीर्य मेरे मुँह में था.
मैं बाथरूम में गयी और मुँह धोकर आ गयी.
क्योंकि मुझे उसके वीर्य को निगलना अच्छा नहीं लगता था.

वह वहीं लेट गया था.
उसने कहा- आज तो मजा ही आ गया. अनु, तुम तो लंड चूसने में उस्ताद हो गयी हो.

मैंने भी हंस कर कहा- हां, ये सब तुम्हारी सोहबत का कमाल है.
उसने कहा- अभी थोड़ी देर से करते हैं. पहले बाहर चलते हैं.

उसने कपड़े पहने और बाहर गया.
उसने देखा कि राहुल और छवि दोनों चुम्मा चाटी कर रहे हैं.

संजय देखकर दंग ही रह गया.
उसने अन्दर आकर मेरा हाथ पकड़ा और मुझे तुरंत अन्दर से बाहर ले आया.

उसने कहा- यह देखो, क्या कर रहे हैं ये लोग?

उन दोनों ने हमारी तरफ देखा और फिर से वे दोनों एक दूसरे को निसंकोच किस करने लगे थे.

मैं ब्रा और जींस में ही उनके सामने खड़ी थी.
संजय मुझे ब्रा में देख कर जरा हैरान था.
मुझे भी लगा कि मुझसे चूक हो गई है.

मैं वापस अन्दर जाने लगी तो संजय ने रोक दिया कि ऐसे ही ठीक है.

फिर राहुल ने कहा- साले संजय, तू तो भी तो मजे ले रहा था. मैं क्या यहां पर अपनी गाड़ी हाथ से चलाऊं. मुझे भी तो चूत चाहिए ना! तो मैंने भी आज से छवि को सैट कर लिया. क्यों मेरी जान छवि!
छवि ने भी कहा- हां क्यों नहीं.

फिर वे दोनों अन्दर चले गए और हम बाहर थे.

संजय को थोड़ा अजीब लगा.
पर मैंने उसे सब समझा दिया- ठीक है. क्या प्रॉब्लम है. छवि को राहुल पसंद है.

वह भी मान गया.

जल्द ही अन्दर से चुदाई की आवाजें आने लगीं.

वे दोनों करीब 25 मिनट के बाद बाहर आने को हुए.

पहले राहुल आया.
वह तो सिर्फ अंडरवियर में ही बाहर आया था.

थोड़ी देर बाद छवि कपड़े पहन कर बाहर आ गई.
हम सब वहीं बैठे थे.

राहुल ने मुझे इशारा करते हुए पूछा.
मैंने भी उसे इशारे से कहा- सब ठीक है.

वह भी निश्चिन्त हो गया.
फिर माहौल ठीक करने के लिए राहुल ने बात शुरू की.

अब संजय भी नार्मल हो गया.
कुछ देर के बाद राहुल का फ़ोन आया तो उसने कहा कि उसे कुछ काम से 15-20 मिनट के लिए बाहर जाना पड़ेगा.

संजय और मैं चुप रहे.

राहुल ने छवि से कहा- छवि तुम भी चलो, घूम कर आते हैं.

वे दोनों तैयार होकर निकल गए.

संजय ने कहा- अनु, चलो तैयार हो जाओ.
मैंने कहा- मैं तो कब से तैयार हूँ.

अब संजय भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया.
उसका लंड अभी खड़ा नहीं था तो उसने मुझे इशारा किया.
मैं समझ गयी कि मुझे क्या करना है.

वह वहीं कुर्सी पर बैठ गया और मुझे घुटनों पर बैठ कर उसके लंड को चूस कर खड़ा करना था.
मैं शुरू हो गई.

मैंने उसका लंड चूसना शुरू किया.

लंड को चूसते हुए मैं उसे धीरे-धीरे खड़ा करने लगी.
लंड धीरे धीरे बड़ा होने लगा था.

इस बीच उसने मेरे बालों को पड़कर मुझे ऊपर उठाया और मुझे किस करने लगा.
मैं भी उसे किस करने लगी.

वह मुझे चूमते हुए गालों तक आया और मेरी गर्दन को चूमने लगा.
गर्दन को चूमते हुए वह मेरे बूब्स पर आ गया और मेरे बूब्स को दोनों हाथों से ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, मसलने लगा.

अब उसने मुझे वहीं खड़ा किया और मेरे पीछे आकर पीछे से चूमने लगा.

उसका एक हाथ मेरी चूत को जींस के ऊपर से ही मसल रहा था और दूसरा हाथ मेरी कमर को लॉक किए हुए था.

उसने पीछे से ही मेरी जींस का हुक और चैन खोली और उसे उतारते हुए धीरे-धीरे मेरे घुटनों के नीचे कर दिया.
फिर पीछे से ही उसने मेरी गांड को पैंटी के ऊपर से ही चाटना चूमना शुरू कर दिया.
वह एक हाथ से मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही मसलने लगा.

मेरी चूत अब तक गीली हो चुकी थी और लंड की मांग कर रही थी.
वह अभी भी मेरी गांड पर अपने होंठों से किस कर रहा था.

फिर उसने मुझे सोफे पर वहीं पर बिठा दिया और मेरी जींस को पैरों से पूरी तरीके से निकाल कर वहीं पर फेंक दिया.
अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.

संजय ने मेरी तरफ देख कर कहा कि आज कुछ नए तरीके से करते हैं.
मैंने ज्यादा कुछ न सोचते हुए मुस्कुराते हुए कहा- हां क्यों नहीं.

उसने मुझे खड़ा किया और सोफे पर झुका दिया.
फिर मुझसे कहा- अपनी दोनों टांगें फैला लो और बस ऐसे ही रहना.
मैं हो गई.

उसने अपने एक हाथ से मेरी पैंटी को चूत से साइड में खिसका दिया और अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में धीरे धीरे पेलते हुए अन्दर बाहर करने लगा.

मैं सीधी खड़ी होने लगी तो उसने मुझे रोकते हुए कहा- न न … वैसी ही रहो जैसी हो.
तो मैं वापस उसी पोजीशन में हो गई.

मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
बस मैं पागल सी होने लगी थी.
मेरी चूत गीली थी ही!

फिर उसने मेरी पैंटी को चूत के पास से ही फाड़ दिया और पैंटी को ऊपर कमर की ओर खिसका दिया.

मैंने कहा- बाबू, कंडोम तो पहन लो, भूल जाओगे.
उसने कहा- जान तुम ही पहना दो.

मैंने उसके लंड को चूमा और अपने हाथों से कंडोम पहना दिया.

अब उसने मुझे सोफे पर इस तरह से झुकाया कि जहां पर कोने की ओर हाथ रखते हैं, वहां पर मेरी कमर हो ताकि चूत को वह खड़े खड़े ही निशाना लगा सके.

मेरी कमर से ऊपर का हिस्से सोफे पर था.
इस वजह से मेरी चूत उसे साफ साफ दिख रही थी.

वह मेरी चूत को मुँह से चाटने लगा और अपनी जीभ से ही मुझे चोदने लगा.

मेरी चूत और ज्यादा गीली हो चुकी थी.
अब उसने अपना लंड मेरी चूत पर घिसना चालू कर दिया. उसके दोनों हाथ मेरी कमर को पकड़े हुए थे.

मैंने उस पर झुक कर अपनी दोनों टांगों को फैला दिया और अपनी दोनों टांगों को फर्श पर रख दिया.
साथ ही मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को फैला लिया.

संजय ने मेरी पीठ के निचले हिस्से पर हाथ रखा.
मैंने कहा- जान अब कितनी देर और तड़पाओगे?

उसने कहा- ऐसी बात है तो ये लो.
उसने एक झटके में अपने लंड को मेरी चूत के अन्दर डाल दिया.

मेरी आह निकल गई.

उसने लंड को दबाते हुए कहा- अब ठीक है न!
मैंने भी ‘ह्म्म्म …’ कहा.

वह शुरू हो गया.
धपाधप गीली चूत में आराम से लंड अन्दर बाहर होते हुए आवाज़ कर रहा था.

उसकी दोनों टांगें मेरी दोनों टांगों के बीच में थीं.
वह भी जानबूझ कर रुक रुक कर तेज धक्के लगाता.

मुझे मजा आने लगा था.

कुछ ही मिनट ऐसे ही चोदते हुए उसने मेरे दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों से पकड़ किया.

अब मेरे बूब्स हवा में थे और वह आराम से मेरी चुदाई कर रहा था.

तभी अचानक से दरवाजा खुला और राहुल और छवि अन्दर आ गए.

मुझे थोड़ी शर्म आयी लेकिन संजय को पता नहीं क्यों, उसे कुछ फर्क नहीं पड़ा.

वह उन्हें देखकर कुछ सेकंड रुका, फिर वापस शुरू हो गया.

यह देख कर दोनों नंगी गर्ल Xxx चुदाई के मजे लेने लगे.
मेरी चूचियां गजब हिल रही थीं.

राहुल सामने आकर बैठ गया और बोला- वाह क्या चूचियां हैं, मजा आ जाएगा ऐसी चूचियां पीने में तो … ओए होए होए होए!

छवि भी सामने बैठकर मुस्कुरा रही थी और संजय रुकने का नाम नहीं ले रहा था.
वह धपाधप मेरी चूत मारे जा रहा था.

फिर राहुल मेरे पास आकर मेरी चूचियों को दोनों हाथों से दबाने लगा और मुझे चूमने लगा.
इधर संजय ने कहा- राहुल!

राहुल ने कहा- क्या हो जाएगा यार … यदि मैं उसकी चूचियों को थोड़ा सा दबा लूँ तो? ले तो तू ही रहा है न … अगर तू मुझे पेलने दे तो कुछ बात हो!

संजय कुछ नहीं बोला.
राहुल मुझे किस करके अलग सामने आकर बैठ गया.
संजय मुझे चोदता रहा.

कुछ देर के बाद मैंने कहा- संजय, मेरा होने वाला है.
उसने कहा- बहुत अच्छा … निकल जाओ.

मैं झड़ गयी.
मेरी जांघों तक पानी आ गया था.

संजय ने मुझे कुछ देर चोदने के बाद पोजीशन से चेंज करके अपने गले से लगाया और कहा- जान मैं अपना पानी निकालने वाला हूं, कहां निकालूँ?

मैंने उसके लंड से कंडोम को निकाला और कहा- मेरे ऊपर ही निकाल दो.
उसने अपना सारा पानी मेरे बूब्स के ऊपर निकाल दिया.
ज्यादा पानी नहीं निकला था.

फिर हम दोनों नंगे ही वहीं सोफे पर बैठ गए.

अब तो मुझे शर्म भी नहीं आ रही थी क्योंकि राहुल मुझे छवि के सामने चोद चुका था इसलिए शर्म खत्म हो गई थी.

मैंने अपनी फटी हुई पैंटी को कमर से निकाला और बस फिर कुछ देर बाद बाथरूम जाकर एक नयी पैंटी और ब्रा को पहन लिया.
अपने कपड़े पहन कर वापस आ गई.

राहुल और संजय दोनों का एक दूसरे के ऊपर से गुस्सा शांत हो गया था.
उन दोनों में सुलह हो गई थी.

हम चारों ने फिर से बातचीत शुरू कर दी.

फिर प्लान बना कि मूवी देखने चलते हैं.
हम लोग चारों मूवी देखने गए.

Indian Sex Stories

मेरी क्लास में गीता नाम Indian Sex Stories की एक लड़की थी, मैं उससे बहुत प्यार करता था। हमारी जान पहचान इस प्रकार हुई :

एक दिन जब हम ट्यूशन पढ़ रहे थे तो उस दिन सर जी नहीं आएगे यह बात सब को पता थी लेकिन गीता का घर दूर होने के कारण उसे किसी ने नहीं बताया। गीता के आने का समय हो गया तो मैंने नंगी तस्वीर वाली किताब को इंग्लिश की कापी में छुपा दिया। तभी वह आ गई।

गीता ने पूछा,”आज सर जी नहीं आए ?”

मैंने कहा,”नहीं !”

मैंने कहा- मुझे इंग्लिश के कुछ ट्रांसलेशन नहीं आ रहे हैं, उसे बता देना।

गीता ने इंग्लिश की कापी खोली और तस्वीर को कुछ क्षण देखा और मुझ पर भड़क उठी, कहने लगी “तुम आखिर अपने आप को समझते क्या हो !”

किताब मेरे मुँह पर फेंक कर चली गई।

मैं डर गया कि कहीं उसने सारी बातें सर को बता दी तो ?

इस ख्याल से मैं रात भर सो नहीं पाया।

अगले दिन उसने ट्यूशन में तो कुछ नहीं कहा लेकिन ट्यूशन के बाद में मिलने को कहा।

सर के जाने के बाद उसने मुझे २०-३० नंगी तस्वीर वाली किताब दिखाई और कहा- सिर्फ तुम्हारे अन्दर ही आग नहीं धधक रही है। एक छोटी सी चिंगारी मेरे अन्दर फुलझड़ी की तरह तेज होती रहती है।

इस प्रकार हमारी मुलाकात हुई।

तभी एक दिन हमें कमरा खाली मिला तो हम दोनों में जीवविज्ञान के प्रेक्टिकल करने की इच्छा हुई।

मैंने दोपहर के १२ बजे उसे घर पर बुला लिया और कमरा बंद कर लिया। मैंने कहा- जीव विज्ञान में किस जंतु के बारे में जानना है?

उसने कहा,”होमोसपियंस के बारे में !”

अब मैंने पढ़ाना शुरु कर दिया- देखो मैं सबसे पहले इनके जननांगों के बारे में बताउंगा- मेल व फिमेल दो प्रकार के होते हैं मेल का जननांग ३ से ४ इंच लंबा तथा १ से २.५ इंच मोटा हो सकता है जिसे लिंग, लण्ड, केला, मुसड़, पेलन यंत्र आदि नामों से जानते हैं।

गीता ने पूछा- क्या इसकी कोई निश्चित लम्बाई नहीं होती?

मैंने कहा,”नहीं !”

यह देखने में कैसा होता है?

यह सुन मैं हंस पड़ा।

गीता ने कहा- मैंने छोटे बच्चो का और केवल तस्वीर में ही देखा है।

मैंने अपने पैंट की ज़िप को नीचे कर अपना लिंग निकाल कर उसके हाथों में थमा दिया।

गीता ने कहा- अरे ! अरे ! देखो यह भाग रहा है !

मैंने कहा- यह दौड़ नहीं सकता !

इस पर गीता ने कहा- देखो मेरे हथेली इसके भार से नीचे को झुक रही है ! और यह क्या? इसका आकार किसी दैत्य की तरह बढ़ता जा रहा है।

फिर उसने कहा- ऐसे नहीं ! पूरे कपड़े उतारो और समझाओ !

मैंने कहा- इसके लिए तुम्हें भी नंगा होना होगा !

वो तो मानो इस बात के लिए तैयार बैठी थी। उसने झट से मेरे और अपने कपड़े उतार फेंके।

अब हम दोनों नंगे बैठे थे।

मैंने कहा- अब तेरी बारी !

गीता ने बताया- लड़कियों में कुल तीन छेद होते हैं- १. मल-द्वार २. योनि ३.मूत्रद्वार

तथा दो चूचक भी होते हैं।

मैंने कहा- दो चूचक तो मुझे दिख रहे हैं लेकिन तीन छेद की बात तो हजम नहीं हो रही है।

गीता ने कहा- लगता है तुम्हें प्रेक्टिकल करना ही पड़ेगा। इसके लिए तुम मेरे पास आओ मेरे चूचक को दबाना शुरु करो।

मैंने कहा- इससे क्या होगा?

तो गीता ने जबाब दिया- इससे तेरे लिंग में कड़कपन आने से ही प्रेक्टिकल शुरु होगा।

अब धीरे धीरे कड़कपन आ गया।

गीता ने कहा- देखता क्या है, ठोक दे मेरे योनि को ! मजा चखा दे ! बहुत दिनों से उबल रही है !

मैंने कहा- पर योनि है किधर ?

उसने फिर चट से मेरा लिंग पकड़ा और योनि में टेक लगा बोली- पेल दे इसे !

मैंने पेलना शुरू किया- १ २ ३…. मार गप्पा गप पेलता ही गया !

इस प्रकार गीता ने एक एक चीज के बारे में खुल के समझाया।

धन्यवाद गीता ! मैं तुझे याद हमेशा रखूंगा। Indian Sex Stories

Antarvasna

दोस्तो! मैंने अन्तर्वासना को पहले Antarvasna भी एक कहानी
बरसात में चाची की चुदाई
भेजी है। जिस कहानी को आप लोगों ने बहुत अच्छा रिस्पोंस दिया है।

तो दोस्तो, उसी रिस्पोंस के बदले आपका सेक्सी सावन फ़िर से आपके सामने हाजिर है अपनी एक नई कहानी लेकर!

उन दिनों मैं अपने मामा के घर पर गया हुआ था.
वही पर मेरी एक मौसी की लड़की भी अपनी सर्दियों की छुट्टियों में आई हुई थी।

उस वक्त मेरी उमर 21 साल थी और मौसी की लड़की जिसका नाम अनिता था उसकी उम्र कोई 19 साल के आसपास होगी.

हम दोनों अपनी पूरी जवानी की मस्ती में थे.

उसके बदन के उभरे हुए अंगों की गोलाई उसकी जवानी में चार चाँद लगा रही थी।
उसकी तारीफ मैं क्या करू खूबसूरती में कैटरीना कैफ जैसी थी।
लेकिन चूचियां उससे भी ज्यादा लगती थी उसे देख कर मेरी रातों की नींद गायब होने लगी.

एक रात में ख़ुद को रोक नहीं पाया और चुपके से जाकर मैंने उसकी रजाई हटा दी तो देखा कि उसकी चुन्नी चुचियों से इस तरह लिपटी हुई थी मानो कि काला नाग किसी खजाने की पहरेदारी कर रहा हो.

इससे पहले कि मैं उस जवानी के खजाने को छू पाता, सर्दी लगने की वजह से अनिता की आँख खुल गई।
आँख खुलते ही उसने मुझे देखा.

इससे पहले वो कुछ बोलती मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और चुपचाप चला गया.
लेकिन मैं डरा हुआ था की शायद वो किसी से कुछ कह न दे.
और फ़ैसला कर लिया कि अनिता का ख्याल छोड़ कर आज ही घर चला जाऊंगा.

स्टेशन से पहले ही अनिता का फ़ोन आया और वो बोली- आग लगा कर जाना अच्छी बात नहीं होती.
और फ़ोन काट दिया।

इतना सुनते ही मेरी हसरतें जवान होने लगी और वहीं से वापसी के लिए टैक्सी पकड़ी और एक घंटे मैं अपनी अनिता के पास पहुँच गया।

सभी ने पूछा- वापिस क्यों आ गया?
मैंने बहाना बनाया और कह दिया कि मेरे किसी दोस्त ने पापा की आवाज निकाल कर मजाक किया था.

अब तो मैं बेचैनी से रात होने का इंतज़ार करने लगा.

जैसे ही रात को सब सोने चले गए तो अनिता भी मामी के साथ उनके कमरे में चली गई.

मैं सब के सोने का इंतज़ार कर रहा था.

मैंने देखा सब सो गए है तो में चुपके से मामी के रूम में गया और जाकर अनिता को देखा तो मालूम हुआ वो भी नहीं सोयी थी।

मैंने पूछा- सोयी क्यों नहीं?
तो कहने लगी कि जब तन बदन में कोई आग लगा दे तो भला नींद कैसे आएगी.

मैंने उसे अपनी बाँहों में उठा लिया जैसे उसका फूल सा बदन मेरे बदन से छुआ तो मानो मेरे तन में बिजली सी लग गई हो.

ऊपर एक रूम हमेशा खाली रहता था, वो गेस्ट रूम था मैं अनिता को वहीं ले गया।

मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके मदमाते बदन को एकटक देखने लगा.
अनिता बोली- तुम्हारी बेशरम निगाहें मेरे बदन को और ज्यादा बेकरार कर रही हैं।

मैंने एक एक करके अनिता के सारे कपड़े उतर दिए उसके तन पर सिर्फ़ ब्लैक कलर की चोली (ब्रा ) और कच्छी (पैंटी ) थी.

उसने उठकर मेरे कपड़े उतार दिए.

अब मैं उसे मस्त अहसास से किस करने लग गया।
मैंने उसके अंग अंग पर अपने गरम होंठों से बहुत देर तक किस की.

अपने मुंह से मैंने अनिता की पैंटी को हटाया जो कि चूत के पानी से बिल्कुल गीली हो चुकी थी।
मगर उस पैंटी से अनिता की जवानी की खुशबू आ रही थी।

अब अनिता की वो मस्त और मोटी चूत मेरे सामने थी जिसे मैं सिर्फ़ अपने ख्यालों में ही सोचा करता था.

मैंने अनिता की ब्रा उतार दी तो उसकी बिंदास चूचियां अब मेरे होठों की गिरफ्त मैं आ गई थी।

मैंने जी भर के उन्हें चूसा तो अनिता तड़पने लगी.
अनिता के मुंह से मस्त मस्त आवाजें आ रही थी- अआया अ … ह्ह्ह … ऊऊ ऊ ऊफ. ईई ऊईई … श्सस सश्स … अह्ह्ह. उह … मेरे सावन … अब और न तड़पाओ. अब और न तड़पाओ मुझे.

मैं चूचियों को चूसता हुआ उसके तन को चूमने लगा

चूमते चूमते मैं अपने होंठों को अनिता की मस्त और सेक्सी चूत के पास ले आया.

अनिता और ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी इसलिए उसने मेरे लम्बे और मोटे लन्ड को अपने नरम नाजुक और गरम होंठों के बीच कैद कर लिया और बिंदास होकर चूसने लगी.

साथ ही साथ मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से सहला रहा था.
10 मिनट तक हम दोनों इसी तरह करते रहे.

तभी अनिता की जवानी का रस उसकी चूत से निकल कर बाहर आ गया और मैंने उस रस की एक एक बूँद को अपने होंठों पर ले लिया.

सचमुच उस रस को पीकर तो कोई भी वासना का प्रेम पुजारी हो जाए.

तभी मेरे लन्ड के वीर्य ने अनिता की जवानी को भी भिगो दिया.
अनिता ने भी मेरे लंड के रस की एक एक बूँद का स्वाद चखा.

हम दोनों एक दूसरे को कस के पकड़े हुए थे, साथ साथ एक दूसरे के लन्ड और चूत को सहला रहे थे.

कुछ देर बाद हम दोनों फ़िर से तैयार थे.

मैंने बिना कोई देर किये अनिता को अपने नीचे कर लिया.

अब अनिता मेरे लन्ड को अपनी चूत में लेने के लिए बेकरार थी.
उसकी चूचियां और ज्यादा मोटी और टाइट हो गई थी और चूत की भी चमक इतनी बढ़ गई कि लन्ड चूत को देखकर उसमें समाने के लिए बेकरार हो रहा था.

हम दोनों में अब और इन्तज़ार का होसला नहीं था इसलिए मैंने लन्ड को चूत के दरवाजे पर टिका दिया और जोर से झटका लगाया.
इस झटके के साथ ही अनिता की चीख निकल गई.
लेकिन मैंने उसकी आवाज अपने होंठों से वही कैद कर दी.

मैंने बहुत सी लड़कियां चोदी हैं लेकिन जितनी टाइट चूत अनिता की थी उतनी शायद किसी की नहीं थी।

चार पांच बार कोशिश करने पर भी लन्ड चूत में समा नहीं पाया.

मुझे डर था कि इस तरह तो अनिता को बहुत परेशानी होगी. हो सकता है कि अनिता बेहोश भी हो जाए.

इसलिए मैं नीचे से कोल्ड क्रीम और एक पानी की बोतल ले आया.

अनिता को काफी दर्द हो रहा था.
मैंने कोल्ड क्रीम अनिता की चूत और अपने लन्ड पर लगा दी.
फिर लन्ड को चूत पर रख कर धीरे धीरे अंदर डालने लगा.

लन्ड जितना अंदर जाता, अनिता उतनी ही दर्द से कराह कर मुझसे लिपट जाती.

मैंने एकदम ज़ोर से झटका लगाया और पूरा लन्ड चट की आवाज के साथ चूत के अंदर चला गया।

अनिता की चीख निकल गई और खून चूत से बाहर आने लगा.
दर्द के कारण अनिता सह नहीं पाई और बेहोश हो गई।

मैंने अपना लन्ड चूत में ही रखा और ठंडे पानी के छींटे अनिता के मुंह पर मारे.
तब अनिता ने आँखें खोली.

अनिता मेरी तरफ़ देख रही थी कि मैंने तभी अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा.

धीरे से मैंने अपने लन्ड को हिलाया तो चूत कुछ नर्म लगने लगी.
और अब अनिता के कराहने की आवाज आई- अह अआया … आह्ह सस … ईईश …. ऊफ़ ओह … सावन चोदो … मर गई मैं!

अब अनिता की चूत अपने वासना के जादू से मेरे लन्ड को अपने भीतर पागल कर रही थी.

मेरा लन्ड भी अनिता की चूत को जी भर कर चोद रहा था.

वास्तव में अनिता की चूत को चोदकर मैं स्वर्ग की किसी अप्सरा को चोदने का अहसास कर रहा था.

हम दोनों चूत लन्ड के इस खेल को आधे घंटे तक खेलते रहे.

तभी अनिता की पकड़ मुझ पर और ज्यादा हो गई और मैं समझ गया कि अनिता का सेक्स पूरा हो गया है।
उसकी चूत का गर्म पानी मुझे अपने लन्ड पर महसूस हुआ.

अब मेरे लिए भी ख़ुद को ज्यादा देर रोक पाना आसान नहीं था और मैंने भी अपनी वासना के बादलों को अनिता की चूत की प्यासी धरती पर बरसा दिया।

और इसके बाद हम दोनों एक दूसरे पर काफी देर तक लेटे रहे.

अनिता बोली- सावन, ये आज मेरी पहली सुहागरात है. आज रात मुझे जी भर के चोदो और लगा दो अपनी अनिता पर सावन की मोहर!

उस रात मैंने अपनी अनिता को चार बार चोदा.

लेकिन उस दिन अनिता की चूत पर बहुत सूजन आ गई.
साथ ही मेरे लन्ड में भी दर्द का अहसास हो रहा था क्योंकि चूत ज्यादा टाइट थी।

अनिता से चला नहीं जा रहा था.
मैंने उसे अपनी बांहों में उठाया और उसके बिस्तर पर लिटाया और उसे एक चुम्बन करके चला आया.

उस दिन के बाद जब तक मैं मामा के घर पर रहा, हम दोनों की सारी रात उसी गेस्ट रूम में गुजरती थी अकेले तन्हा एक दूसरे के आगोश में.

सचमुच चुदाई का मज़ा लेने के बाद कुछ ही दिनों में अनिता के चेहरे की चमक अपने आप बढ़ने लगी, वो और ज्यादा ख़ूबसूरत और सेक्सी हो गई।

तो दोस्तो, कभी अपने इस सेक्सी सावन को भी अपनी प्यास बुझाने के लिए याद कीजिये Antarvasna

हेलो दोस्तों ! Indian Sex Stories

सेक्स की दुनिया में आपका Indian Sex Stories स्वागत है। मैं आज आपको अपनी सेक्सी और सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।

तो मेरी ये कहानी पढ़ने वाले और वाली सभी लौड़ों और चूतों को मेरा बार बार सलाम !

मैं अलवर में रहता हूँ। जब मैं १८ साल का लड़का था तब मेरे घर पे टीवी नही था तो मैं शुक्र और शनिवार को मेरी पड़ोसन के घर पे टीवी देखने जाता था। मेरी पड़ोसन एक २३ साल की कुंवारी लड़की थी।

एक दिन की बात है जब मैं उसके घर सोफ़े पे बैठ के टीवी देख रहा था तब वो मेरी पड़ोसन आ कर मेरे पास में सोफे पे लेट गई।

हमने साथ बैठ के काफी सारी पिक्चर देखी होंगी, पर उस दिन वो नाइटगाऊन में काफी खूबसूरत लग रही थी. मैंने उसकी ओर देखा तो उसने मेरी ओर ताका। फिर उसके हाथ से अपने कपड़े को सही करके बैठ गई। मैं उसकी और ताकता ही रहा गया क्योंकि उसके कपड़े में से उसका आधा शरीर दिख रहा था और उसकी चूची काफी सुंदर से लग रही थी।

तभी मेरे दिमाग में ख्याल आया- काश ! इसकी चूची मुझे दबाने मिल जाए !

तभी मैंने देखा कि उसने मेरी ओर देख के मुझे एक सेक्सी स्माइल दी। तो मैं उसकी और देखता ही रह गया क्योकि उसने अपने हाथ से अपना कपड़ा थोड़ा हटाया ताकि मैं उसकी चूची देख सकूँ।फिर वापिस हम दोनों पिक्चर देखने लगे तभी पिक्चर में एक ऐसा सीन आया कि उसमें हिरोइन अपनी जांघ हीरो को दिखाती है।

बस उसी तरह वो मुझे अपनी जांघ दिखाने लगी. मैं भी उसकी जांघ को देखता रहा।

फिर पिक्चर में एक किस का सीन आया तो उसने मेरे सामने देख के वापिस सेक्सी स्माइल दी। फिर मैं अपने आप पे कंट्रोल नहीं कर पा रहा था क्योकि उसका मुंह मेरे लंड के काफी करीब था और वो बार बार मेरे लंड के साथ अपना सर टकरा रही थी. इतने में ही टीवी में फ़िर किस का सीन आया तो उसने मुझे देख के मुझे बोला- पिक्चर काफी अच्छी है।

तो मैंने बोला- क्यों ऐसे सीन बहुत अच्छे लगते हैं?

तो वो बोली- तुम तो कैसी गन्दी बाते कर रहे हो !

मैंने बोला- सॉरी ! बस अब ऐसी बात नही करूँगा।

फिर वो पिक्चर देख रही थी। अब उसकी चूची मुझे काफी साफ दिख रई थी और अब मैं उसको दबाने का ही सोच रहा था कि उसको ऐसा लगा कि उसकी ब्रा में कुछ घुस गया है।

उसने मुझे कहा- देखो तो ! तुम्हें कुछ दिख रहा है?

मैंने देखा कि उसके एकदम सफ़ेद से बुबले मुझे दिख रहे थे और उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी।

वो मैंने देखी और मैं बोला- हाँ दिख तो रहा है पर ख्याल नहीँ आता कि क्या है !

वो बोली- तो क्या करूँ?

फिर मैं बोला- तुम अपनी ड्रेस निकाल दो तो मैं देख पाऊँ !

वो बोली- कोई देख लेगा !

तो मैं बोला- कोई नहीं देख पायेगा क्योंकि हम लाइट बंद कर देंगे।

फिर वो बोली- तो दिखाई कैसे देगा?

मैं बोला- मेरे को देखना है कि तेरे को?

तो वो मुझे बोली- तेरे को !

तो मैंने कहा- वैसे करो ! मज़ा आयेगा !

फिर उसने पहले लाइट बंद कर दी और बाद में अपना ड्रेस निकाल कर बोली- कहाँ है? ज़रा ज़ल्दी देख लो !

मैं अपने दोनों हाथ उसकी ब्रा में डाल के उसके चुचे दबा रहा था। तो वो बोली- ज़ल्दी करो वरना कोई आ जायेगा !

मैं बोला- मिलने तो दो !

फिर हम दोनों एक सोफे पे लेट गए। वो बोली मुझे एक मर्द जैसे भी लड़की को खुश कर सकता हो, वैसा करो ! मैं तुम्हारे लिए तुम जो कहोंगे वो करुँगी पर एक शर्त पर कि तुम हर शुक्र और शनि को हमारे घर पे टीवी देखने ज़रूर आओगे।

मैंने बोला- अच्छा! फ़िर मैंने उसको किस किया, वो भी उसके लिप्स पे ! तो उसको थोड़ा सा मज़ा आया और मुझे भी अच्छा महसूस हो रहा था तभी मैंने उसको उसके मुँह पे और उसके पूरे बदन को मेरी किसो से नहला दिया। उससे उसको काफी मज़ा आया और वो बोली- तुम्हें कैसा लग रहा है? मैंने बोला- तुम सोच नही सकोगी कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ !

और मैं उसको काफी सारी किस करने के बाद में उसके पायजामा का नाड़ा खोलने लगा तो वो शरमा कर मेरे सामने देखने की बजाए अपनी चूची पे देखने लगी क्योंकि उसकी चूची को मैं काफी देर से दबा रहा था और उसकी चुचियाँ काफी कड़क हो गई थी।

मैंने उसका पायजामा निकाल दिया था तब मैंने देखा तो उसने गुलाबी रंग की पैन्टी पहनी थी। फ़िर मैंने काफी देर तक उसकी चुचियाँ दबाई। फ़िर मैंने देखा तो उसकी पैन्टी थोड़ी सी भीगी लग रही थी तब मुझे पता चला कि वो झड़ गई थी।

फिर मैं उसको उठा के उसके बेडरूम में ले गया और वहाँ पे जा के उसको उसके बेड पे लेटा दिया और उसकी पैन्टी निकाल कर उसकी चूत चाटने लगा।

तब वो भी थोड़ी सी गरम हो रही थी और वो मेरा लण्ड मेरे पैंट के बाहर से ही पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने भी तब गरम होकर अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और हम दोनों ६९ की पोजीशन में आ गए और हमने करीब १५ मिनट तक एक दूसरे की चुसाई की। फ़िर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मैं केवल अंडरवियर में आ गया और उसने अपने हाथ से मुझे इशारा किया कि अब और मत तड़पाओ ! ज़ल्दी से मेरी चूत में अपना लण्ड डालो !

मैं समझ गया। तब मैंने अपने लंड की सुपारी उसकी चूत के ऊपरी हिस्से में रख दी और अहिस्ते से उसे रगड़ने लगा। फिर उसने मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत का रास्ता बताते हुए कहा कि यहाँ डालो !

तब मैंने उसको एक जोरदार झटका दिया, वो चिल्ला उठी और बोली- अहिस्ते से करो !

पर मेरा लण्ड उसकी चुत में समाने के लिए काफी उतावला हो रहा था। मैंने उसके मुँह पे अपना मुँह रख कर उसको किस करता रहा और बढ़िया से झटके देता रहा्। तब मैंने देखा तो उसकी आँखों से आंसू निकाल गए थे।

फिर मैंने मेरी स्पीड थोड़ी सी कम कर दी। पर बाद में मैंने देखा कि वो भी मेरे झटके के साथ में अपने चूतड़ उठा कर साथ दे रही थी। फिर मैं भी उसकी जम कर चुदाई करने लगा। पर तब मैंने देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था। मैं समझ गया और मैंने उसको बोला कि पहली बार थी तो बोलना चाहिये ना ! मैं थोड़ा आराम से करता !

वो बोली- मुझे अहिस्ते से नहीं चाहिए, इसलिए नहीं बताया।

तो मैंने बोला- फ़िर आंख से आंसू क्यों निकल रहे थे?

वो बोली- तुम्हारा इतना बड़ा लंड लेकर मेरी बुर फट गई थी इस लिए ! और वो बोली- अब थोड़ा और ज़ोर से चोदो ! मैं बस अब झड़ने वाली हूँ !

फ़िर मैंने उसको झटका देना चालू किया उसको काफी सारा मज़ा आया और वो बोली- और ज़ोर से बस ऐसे ही चोदो ! आज मेरी चूत को फाड़ डालो और डाल दो अपना लंड मेरी चूत में !

फ़िर मैंने उसकी जम कर चुदाई की।

वो बोली- मैं झड़ने वाली हूँ !

मैं बोला- रुको !

फिर मैंने उसका पूरा चूत-रस अपने मुँह में भर लिया।

वो बोली- तुम कब झड़ने वाले हो?

मैं बोला- एक बढ़िया सा झटका मार लेने दो !

फ़िर मैंने उसको कुतिया की स्टाइल में दस मिनट तक चोदा, उसे काफी अच्छा महसूस हुआ।

बस अब मैं झड़ने वाला हूँ !

वो बोली- तुम आज तुम्हारे लावा से मेरा मुँह भर दो !

तब मैंने मेरे वीर्य से उसका मुँह भर दिया। उसके बाद हम दोनों करीबन आधा घंटा साथ में नंगे सोते रहे।

फ़िर वो बोली- एक बार और !

मैं बोला- हर शुक्र और शनि तो करेंगे !

तो वो बोली- मज़ा आयेगा !

और तबसे लेके हमने एक भी शुक्र और शनि नही छोड़ा।

आज उसकी शादी हो गई है पर आज भी मैं ज़ब भी सूरत जाता हूँ या वो अलवर आती है, तब हम दोनों मिलते है और मैं उसकी जमकर चुदाई करता हूँ !

तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी ?

आप अपने मेल मुझे इस पर दो

एक बार फ़िर मिलेंगे यहाँ पर ही मेरी नई स्टोरी के साथ !

तब तक सभी लौड़ों और चूतो को मेरा सलाम ! Indian Sex Stories

मेरी कहानी में आपको रोमांच भरा सेक्स देखने को मिलेगा। मैं अपनी कार में जंगल से गुजर रहा था, बारिश हो रही थी और रात भी घिरने लगी थी. तभी सड़क पर कोई जानवर आया और मेरी कार खड्डे में उतर गयी.

मेरा नाम अरमान है. मैं राजस्थान के कोटा शहर का रहने वाला हूँ। मेरा कद 6 फीट और उम्र 22 साल है. अच्छी बॉडी वाला लड़का हूँ।
मैं दूसरों की तरह यह तो नहीं कहूंगा कि मेरा लण्ड 8 इंच का है, मगर यह जरूर कहूंगा कि मेरा लंड किसी भी औरत और लड़की को संतुष्ट कर सकता है।

वो बरसात के दिन थे. मुझे किसी काम से मेरे शहर से 200 किलोमीटर दूर जाना था। मैं शनिवार को आपनी कार से निकल पड़ा।

मौसम बहुत सुहाना था तो मैंने रास्ते में वाइन शॉप से एक बीयर ले ली और कार में ही उसे पीने लग गया और कार भी चला रहा था।

मैं अपने शहर से करीब 80 किलोमीटर दूर आ गया था. रास्ते में बरसात बहुत तेज हो गयी थी। बीयर भी अपना असर दिखा रही थी. हल्का नशा हो रहा था.

बरसात तेज होने के कारण मुझे रोड साफ़ दिखाई नहीं दे रहा था।

रास्ते में बहुत डरावना जंगल था. दूर-दूर तक सुनसान रास्ता था और रोड पर गाड़ियां भी बहुत कम चल रही थीं।

रात के करीब 8 बज चुके थे और मुझे भूख लग रही थी, मगर आस-पास दूर-दूर तक कुछ नहीं था।

तभी अचानक मेरे सामने जंगल में से भागता हुआ एक नीलगाय (हिरन जैसा जानवर) मेरी कार के सामने आ गया.
मैंने एकदम हड़बड़ा कर गाड़ी को साइड में घुमा दिया.

मेरी गाडी स्पीड में ही रोड से नीचे उतर कर झाड़ियों में घुस गयी और पीछे का टायर एक गड्ढे में फंस गया और गाड़ी बंद हो गयी।

मैंने मन ही मन ऊपरवाले को कोसा कि कैसे सुनसान रोड पर गाडी ख़राब करवा दी. अब आस-पास दूर-दूर तक इंसान तो दूर, कोई झोपड़ी भी नहीं दिख रही थी.

मैंने सोचा चलो जैसे तैसे रात कार में ही गुजारते हैं. सुबह किसी को ढूंढ कर निकलने का जरिया खोज लूंगा।

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

मेरे दिमाग में आया कि चलो रात यहाँ बिताने से अच्छा है कुछ दूर तक चला जाये. क्या पता कोई घर या झोपड़ी मिल जाये?

मैंने कार को लॉक किया और चल पड़ा जंगल की ओर.

फिर अचानक से बहुत तेज बिजली कड़की और मुझे एक पुरानी फिल्मों की तरह की एक हवेली नजर आई मैंने सोचा कि चलो रात तो बिताई जा सकती है।
मैं उस हवेली की तरफ बढ़ चला.

अंधेरा होने की वजह से मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.

मैं हवेली के पास पंहुचा और मैंने आवाज लगाई पर अंदर से कोई आवाज नहीं आई.
फिर मैंने जोर से दरवाज़े को बजाया मगर फिर भी कोई आवाज नहीं आई.

मैंने सोचा यहाँ कोई नहीं रहता, तो मैं जैसे ही वापस जाने के लिए मुड़ा, अचानक हवेली की लाइट जली और अंदर से आवाज आई- कौन है?

वो आवाज़ इतनी मधुर थी कि मैं उस औरत की सुंदरता को सिर्फ कल्पना कर रहा था कि इसकी आवाज इतनी सुन्दर है तो यह कितनी सुन्दर होगी?

तभी फिर से अंदर से आती आवाज ने मेरी कल्पना को तोड़ा- कौन है?
मैंने जवाब दिया- मेरी कार पास में ही ख़राब हो गयी है और रात भी बहुत हो गयी है इसलिये मैं आपके यहाँ रात गुजार सकता हूं क्या?
अंदर से आवाज आई- मैं तुम पर यकीन क्यों करूं?

मैंने फिर अपनी कार ख़राब होने की दास्तान सुनाई.

तभी हवेली का दरवाजा खुला और तभी अचानक जो मैंने देखा उसे मैं कभी नहीं भूल सकता.

काली साड़ी में मेरे सामने खुद काम की देवी खड़ी थी. वैसी सुंदरता मैंने मेरी जिंदगी में कहीं नहीं देखी थी. जैसे स्वर्ग की अप्सराएं भी इसके सामने फीकी पड़ जायें।

उसके जिस्म को शब्दों में बयां करना नामुमकिन सा था. कद 5 फीट 8 इंच.
चेहरा ऐसा जैसे कोई भी देखते ही मोहित हो जाये.
होंठ सेब की फ़ांकों की तरह लाल, जिस्म का आकार 34, 30, 34 था.

उस काम की देवी के पास से ऐसी खुशबू आ रही थी कि बस मैं उसके वश में होता जा रहा था.
ऐसी तराशी हुई हुस्न की मूरत थी कि खुदा ने अपनी सारी सोच इसे बनाने में ही लगा दी हो।
मैंने मन ही मन ऊपरवाले को शुक्रिया कहा कि ऐसी सुंदरी के दर्शन करवाए जिसे असल जिंदगी में देखना ही जिंदगी धन्य कर दे।

तभी उसकी आवाज ने फिर से मेरी कल्पना की दुनिया से मुझे जगाया- यहाँ ही खड़े रहना है या अंदर भी आओगे?
मेरे गले से धीमी सी आवाज निकली- हाँ जी.

उसे देखते ही सारे अरमान जाग गए. मैंने मन ही मन ऊपरवाले को धन्यवाद दिया।

मेरे मन में कुछ और सवाल भी थे कि इतने सुनसान जंगल में यह अकेली और यहाँ कोई नहीं?
अचानक मुझे गीले कपड़ों की वजह से छींकें आने लग गयीं तो उसने कहा- जाइये कपड़े बदल लीजिये.

मैंने कहा- मेरे पास कपड़े नहीं है. उसने कहा कि मेरे पति के कपड़े दे देती हूं मैं आपको. आप जाइये फ्रेश हो जाइये।

मैं जाकर फ्रेश हो कर आ गया और मैंने उसके पति का पायजामा और टी-शर्ट पहन ली.

फिर भी मेरे मन में बहुत से सवाल थे तो मुझसे रहा नहीं गया. मैंने उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम अक्षिता बताया और मैंने पूछा कि इस सुनसान जंगल में आप अकेली वो भी इतने बड़े घर में?

तो उन्होंने मुस्कुरा कर कहा- ये मेरे पति के पुरखों की हवेली है और वो एक वन विभाग में अफसर हैं उनकी पोस्टिंग इसी जंगल में हो गयी तो हम यहाँ आ गये.

उसने आगे बताया कि घर के नौकर अपने गांव गये हैं और मेरे पति मीटिंग करने कुछ दिनों के लिए बाहर गए हैं.

फिर मैंने उसको अपना नाम बताया।
उन्होंने कहा- मैं अभी खाना लगाती हूं. आप खाने की टेबल पर चलिये.

फिर हमने साथ में खाना खाया. फिर अक्षिता ने बर्तन किचन में रखे.

जब वो चलती थी तो ऐसे लग रहा था कि कोई हिरणी अपनी सुंदरता पूरे जंगल में बिखेर कर जा रही हो।

मैं बार-बार ऊपरवाले को इस रात के लिये धन्यवाद दिये जा रहा था।

अक्षिता ने फिर मुझसे पूछा- आप कुछ पीएंगे?
मैंने अचानक ही कह दिया- मेरे काम की चीज़ अभी यहाँ नहीं मिलेगी.

तो वो मुस्कुरा दी और उनके पति की एक रम की बोतल ले आयी। जिसे देखते ही ऐसा लगा कि प्यासे को रेगिस्तान में शरबत मिल गया हो।

फिर कुछ देर के बाद वो कपड़े बदल कर आई तो मैं उसे देखता ही रह गया.

ब्लैक कलर की जालीदार नाईटी में वो किसी नामर्द का भी लण्ड खड़ा करवा दे. उसके सेंट की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी.
एक तो बरसात की रात … ऊपर से काम की देवी मेरे साथ में … बहुत मुश्किल से खुद पर काबू करके बैठा था मैं। वो 2 गिलास ले कर आई और कुछ आइस क्यूब भी साथ में ले आई.

मैंने पूछा- आप भी ड्रिंक लेती हैं?
तो उसने कहा- हां कभी-कभी ले लेती हूं.

मैं खुद की किस्मत पर यकीन नहीं कर पा रहा था। बस कामदेव से यही कह रहा था कि कोई प्यार का तीर इस पर भी चला दीजिये।

उसने टीवी चालू किया और मैंने 2 छोटे पेग बनाये। हम दोनों ने ड्रिंक खत्म की और टीवी पर कोई रोमांटिक मूवी चल रही थी. दोनों पर रम अपना असर दिखा रही थी.

तभी अचानक बहुत तेज बिजली की आवाज आई और वो डर कर मेरी बांहों में आ गयी.
डर से दुबक कर उसका मुंह मेरी छाती पर आ गया था. मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था।

मैं धीरे-धीरे उसकी कमर सहलाने लग गया और वो भी मेरे आगोश में आ रही थी। मेरी बढ़ी हुई धड़कन की आवाज बिल्कुल साफ़ सुनाई दे रही थी।

बड़े ही प्यार से मैंने उसे उठाया और उसके साथ खड़ा हो गया.

तभी अचानक फिर बिजली की आवाज हुई. वो फिर मुझसे चिपक गयी और मेरा लिंग महाराज, जो कि तन गया था, उसके बदन से सट गया था. वो भी उस पल का मजा ले रही थी।

मैंने उसके फूल जैसे कोमल चहरे को उठाया.
उसकी आँखों में कामवासना की झलक साफ दिख रही थी.

मैंने अपने होंठ उसके लाल होंठों पर धीरे से रखे और दोनों के होंठ एक दूसरे से रेस लगा रहे थे कि कौन किसे सबसे ज्यादा प्यार करता है!

मैं मन ही मन सोच रहा था कि बस ये समय यहीं रुक जाये और वो एक ऐसा सुखद अनुभव था जिसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता।

जैसे ही मैंने उसे खुद से अलग किया तो उसने एक सवाल वाली निगाह से मुझे देखा।

मैं उसकी नाइटी को धीरे-धीरे ऊपर करने लगा और मैं उसकी सुंदरता का गुलाम बनता जा रहा था.
मैंने उसकी नाइटी पूरी उतार दी.

वो अंदर लाल रंग की ब्रा और पेंटी में संगमरमर की मूरत के समान चमक रही थी।

मैं ऊपरवाले से मन ही मन कह रहा था कि मैं इस रात के लिए हमेशा तेरा गुलाम रहूँगा।

उसके वक्ष बिल्कुल सुडौल, गोल आकार के, सपाट पेट, गोल और गहरी नाभि. उसके तन पर कहीं भी अतिरिक्त मांस नहीं था. साक्षात प्रकृति की खूबसूरती का नमूना थी वो.

मैं सोच रहा था कि देवताओं के पास ऐसी ही अप्सराएं थीं जिनसे वो तपस्या में लीन मुनियों में भी कामवासना जगा देते थे। मैं सारी उम्र इसका गुलाम बन कर रहने को तैयार था.

कहने को शब्द नहीं हैं उसकी सुंदरता की तारीफ में … मैं सोच रहा था कि देवता भी इसे धरती पर भेज कर पछता रहे होंगे.

तभी उसकी आँखें मुझे फिर सवाल भरी निगाहों से देख रही थीं.

मैं फिर अपनी कल्पना से बाहर आया और धीरे से उसकी ओर बढ़ा. उसके पीछे जाकर उसके सुनहरे बालों को आगे कर दिया.

फिर मैंने एक किस उसकी गर्दन पर किया तो उसके मुँह से प्यारी सी आह्ह निकली।

मैंने फिर 3-4 किस उसके कंधों और गर्दन पर जड़ दिए. मैंने उसकी ब्रा की डोरी को धीरे से खोला और ब्रा को हटा दिया.

फिर मैं आगे की तरफ गया और उसके उरोजों को देखा तो बस मेरे मुँह से एक आह्ह निकली. बिल्कुल संगमरमर जैसे सफ़ेद गोल वक्ष थे. उन पर गुलाबी रंग के तने हुए निप्पल और उसका एलोरा भी गुलाबी कलर का. बस मन हुआ कि सारी उम्र इन्हें चूसता रहूं।

मैंने आगे बढ़ कर उन्हें अपने हाथों में पकड़ा.
इतने कोमल जैसे कोई स्पंज दबाया हो.

मैंने धीरे से उन्हें दबाया … अक्षिता के मुँह से एक आह्ह निकली।
अक्षिता ने मेरी टी-शर्ट उतार दी मैंने उसके एक उरोज के एलोरा पर अपनी जीभ फिराई तो अक्षिता के मुँह से फिर एक कामुक सिसकारी स्स्स … करके निकली. मैंने उसके निप्पल को होंठों में दबाया और एक छोटे बच्चे की तरह उसे चूसने लगा.

अक्षिता भी कामवासना के सागर में गोते लगाने लगी.
मैं जब उन्हें काटता तो अक्षिता के मुँह से सिसकारी निकल जाती.
अक्षिता भी जोर जोर से कह रही थी- जोर से चूसो … आह्ह …

मैंने चूस-चूस कर उसके दोनों उरोजों को लाल कर दिया था.
फिर मैं उसे उठा कर बेडरूम में ले आया. वहां मैंने उसे किसी फूल की तरह लेटाया और उसके ऊपर खुद भी लेट कर किस करने लग गया।

मैं किस करते-करते नीचे की ओर जाने लगा.

उसकी गर्दन पर किस किया. फिर दोनों उरोजों के बीच से उसके पेट को चाटते हुए उसकी गहरी नाभि पर पहुंचा. मैंने उसमें अपनी जीभ घुसा दी. अक्षिता ने फिर वही प्यारी सी सिसकारी भरी.
मैंने उसके पेट को चाट चाट कर गीला कर दिया।

अब मैं बेड से नीचे उतर कर खड़ा हो गया और उसके पैरों को हाथो में लेकर चाटने लगा.
वो लगातार वासना में बहती जा रही थी और सिसकारियां भर रही थी.

मैंने उसकी पैर की उंगलियों को चूसना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे उसकी टांगों को चाटते-चूमते उसकी जांघों पर पहुंचा.

वहाँ भी अपने प्यार की निशानियां दे रहा था. हम दोनों अपनी वासना में बहे जा रहे थे।

अब मैं धीरे से उसकी पैंटी की तरफ बढ़ा. उसे जैसे ही मैंने छुआ तो अक्षिता ने फिर एक आहहह … भरी.

उसकी पैंटी पूरी तरह से गीली हो गयी थी. उसके कामरस की बहुत ही मोहक गंध मुझे पागल किये जा रही थी।

फिर मैं धीरे धीरे उसकी पैंटी उतार रहा था और चूमता भी जा रहा था.

उसकी चूत के ऊपर की बालों वाली जगह बिलकुल क्लीन थी. वहाँ रोम छिद्रों के अलावा कोई निशान नहीं था.
मैंने उस जगह को चूमा.

मैं उसके हर हिस्से पर अपने प्यार की निशानी छोड़ रहा था।

फिर मैंने पूरी पेंटी उतार दी और उसकी चूत बिल्कुल छोटी सी, गुलाब की पंखुड़ियों की तरह लग रही थी.

उसकी फांकों को मैंने प्यार से किस किया और चुम्बनों की झड़ी लगा दी उसकी कोमल चूत पर.

अक्षिता मेरे इस प्यार से पागल होती जा रही थी।

मैंने अपनी उंगलियों से उसकी फ़ांकों को फैलाया. अंदर से ऐसी जैसे खून उतर आया हो.
बिल्कुल लाल थी उसकी चूत. ऐसी चूत मैंने कहीं नहीं देखी.

मैं धीरे से उसके पास गया और उसे चाटने लग गया.

अक्षिता जोर-जोर से आहें भर रही थी और अपने हाथ को मेरे सिर पर रख कर जोर से अपनी चूत पर दबा रही थी.

उसका दबाव मुझ पर बढ़ता जा रहा था. वो जोर-जोर से सिसकी भर रही थी.

वो झड़ने के करीब थी.
मैंने अपनी चाटने की स्पीड और बढ़ा दी और उसके क्लीट को भी चूसने लग गया.

उसकी सिसकारियां और तेज हो गयीं और उसने अपनी टांगों को मेरे सिर पर जोर से दबा दिया.

वह जोर से झड़ने लग गयी. उसकी चूत के अमृत रस से मेरा पूरा चहरा गीला हो गया।

वो अपनी सांसों पर काबू कर रही थी. मैं ऊपर जा कर उसे फिर किस करने लग गया।

अब उसने मुझे नीचे लेटाया और मुझे किस करने लग गयी. वह धीरे धीरे नीचे की ओर बढ़ रही थी. उसने मेरे पाजामे और अंडरवियर को एक साथ उतार दिया और मेरा लिंग महाराज पूरे जोश में उसे सलामी दे रहा था।

अक्षिता ने मेरे लिंग महाराज को एक प्यारी सी निगाह से निहारा. फिर उसने अपने कोमल से होंठों से किस किया. फिर मेरे लिंग महाराज को अपने मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लग गयी.
उसका यह प्यार मुझे दीवाना किये जा रहा था.

वो पूरा नीचे तक लिंग महाराज मुँह में लेती और फिर ऊपर आते वक्त मेरे लिंग के टोपे को जोर से चूसती.

उसकी इस अदा ने मुझे उसका गुलाम बना लिया. बस मैं मन ही मन कामदेव को धन्यवाद दे रहा था और कह रहा था कि अब मौत भी आ जाये तो कोई गम नहीं. ऐसी सुंदर काया वाली अप्सरा को पाकर मेरी जिंदगी तो धन्य हो गयी।

मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूं!
तो उसने मेरी बात को नजर अंदाज किया और वो और जोर-जोर से मेरे फटने को हो चुके लौड़े को चूसने लग गयी.

मेरी वासना का ज्वार भी एक तूफ़ान की तरह फूट पड़ा.
पहले एक धार, फिर दो, फिर तीन-चार-पांच और न जाने कितनी ही बार मेरे लिंग ने मेरा वीर्य को पिचकारी दर पिचकारी करके उसके मुंह में उड़ेल दिया.
वह उसको पी गई.
कुछ वीर्य उसको उरोजों पर गिर गया और कुछ उसके मुंह पर लग गया.

इतना वीर्य मेरे लिंग से पहले कभी नहीं निकला था.

मगर हैरानी की बात ये थी कि अब भी मेरा लिंग बैठने को राजी नहीं था.

अब मैंने अक्षिता को वापस अपने नीचे लेटा दिया. अब बारी थी लिंग महाराज के मिलन की. मैंने अक्षिता के होंठों पर किस किया.

जैसे उसे इस सुख के लिए धन्यवाद कह रहा हूं. उसने भी किस में पूरा साथ दिया। अब अक्षिता का भी सब्र जवाब दे रहा था. वो बोली- जान … अब डाल दो अपने लण्ड को मेरी चूत में … अब और नहीं सहा जा रहा।

मैंने भी रुकना उचित नहीं समझा. उसकी टांगें फैलाईं और अपने लिंग महाराज को उसकी चूत की गुलाबी फ़ांकों पर रख कर एक धक्का मारा.

तो लिंग का मुंड अंदर फंस गया और अक्षिता के मुँह से एक हल्की चीख निकली- उइई माँ … मैंने सोचा कि ये काम की देवी तो नाम की तरह ही अक्षत है.

मैंने फिर अपने लिंग को बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का मारा.
उसकी एक जोर की चीख निकली- आआईई … उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गयी।

फिर मैंने उसे प्यार से किस किया और धीरे-धीरे धक्के लगाने लग गया.

उसकी चूत किसी भट्टी की तरह गर्म थी और मेरे लण्ड को अंदर की ओर खींचे जा रही थी, जैसे मुझे पूरा ही अपने अंदर समा लेना चाहती हो. अब उसकी सिसकारियां बढ़ गयीं. मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार बढा दी.

वो जोर-जोर से ऊह्ह आह्ह … कर रही थी और बोल रही थी- और जोर से चोदो जान … बहुत मजा आ रहा है! और तेज … और तेज चोदो … और चोदो … आज मुझे अपनी बना लो. मैं भी तेज धक्के मार रहा था.

चुदाई का खेल अपनी पूरी रफ़्तार पर चल रहा था.
लेकिन मैं थक चुका था जिसे वो समझ गयी थी.

फिर मैं उसके नीचे आ गया और वो मेरे लिंग को हाथ में पकड़ कर उस पर कूदने लग गयी.
कुछ देर ऐसे ही रफ़्तार से चुदाई चलती रही. तभी उसकी आवाजें तेज हो गयीं और वो जोर से झड़ने लग गयी।

लेकिन मैं पहले लंड चुसाई से एक बार झड़ चुका था तो मेरा नहीं हुआ था. वो धम्म से मेरी छाती पर गिर गयी।

मैंने वापस अपना पोज़ बदला. मैं उसके ऊपर आ गया और वो भी एक कातिल निगाह से मेरी ओर देख कर मुस्करा दी.
उसका कहना था- तुम नहीं थके तो आ जाओ, मैं भी तैयार हूं जंग के लिये।

फिर मैंने अपना लिंग एक ही झटके में अंदर डाल दिया और अक्षिता के मुँह से फिर एक सिसकारी निकली.

हमने रफ़्तार पकड़ ली और दोनों एक दूसरे को बराबर टक्कर दे रहे थे. मेरा लिंग महाराज भी झड़ने को था तो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी.

अक्षिता भी जोर-जोर से धक्के मार कर बोल रही थी- जोर से चोदो जान … मैं झड़ने वाली हूं. तेज चोदो जान … और तेज!

मैं भी झड़ने वाला था और उसके हाथ मेरी कमर पर दबाव बनाये जा रहे थे.

फिर अचानक ही दोनों का शरीर अकड़ गया और दोनों की वासना का ज्वार उमड़ पड़ा.
मैं भी थक कर उसके ऊपर गिर गया. मेरी पूरी ताकत खत्म हो चुकी थी. मैं उसके ऊपर ही लेट गया.

जब सुबह मेरी आँख खुली तो मैं अपनी ही कार में था.

अचानक मुझे एक झटका लगा कि जो भी बीती रात मेरे साथ हुआ वो क्या कोई सपना था?

लेकिन मेरी कमर पर जलन महसूस हुई तो मैंने कार के मिरर में देखा तो मेरी कमर पर नाखूनों के कई निशान थे.

मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. मेरी कार भी सड़क किनारे सही सलामत खड़ी थी।

मुझे कुछ समझ नहीं आया कि ये कोई डरावना सपना था या हकीकत?

मैंने कार स्टार्ट की और अपनी मंजिल की ओर बढ़ चला. मगर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वहाँ ना कोई हवेली थी ना कोई मकान तो फिर मैं किस अक्षिता से मिला और कौन सी थी वो हवेली।

कैसी अजीब पहेली थी ये जो आज तक मेरे लिए एक सवाल बनी हुई है. आखिर उस रात मेरे साथ हुआ क्या था. मैं आज भी सोच कर सहम जाता हूँ.

तो दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी थी. अगर कोई गलती हुई हो तो माफ़ कीजियेगा. फिर जल्द ही लौटूंगा एक नई कहानी लेकर. मुझे कमेंट करके बतायें कि आपको कहानी कैसी लगी।

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