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Massage Girl in Singrauli: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Singrauli who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Singrauli that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Singrauli massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Singrauli who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Singrauli massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Singrauli massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Singrauli who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Singrauli employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Singrauli helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Singrauli

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Singrauli at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ.
मेरा नाम हार्दिक है और मैं 20 साल का थोड़ा सीधा और थोड़ा टेड़ा किस का लड़का हूँ.
मैं उत्तर प्रदेश में रहने वाली एक मिडल क्लास फैमिली से हूँ.

मेरा रंग हल्का सांवला सा है और मेरी हाइट 5 फीट 11 इंच है. लड़कियों को खास तौर पर बताना चाहता हूँ कि मेरे लंड का साइज़ सामान्य से बड़ा है.
बनाने वाले का मैं बस इसी चीज़ के लिए शुक्रिया करता हूँ कि उन्होंने मुझे एक अच्छा ख़ासा लंड दिया है.

मैं बी.कॉम. के अंतिम वर्ष का छात्र हूँ. मैं रोजाना जिम जाता हूँ तो मेरी बॉडी भी फिट है और मुझ पर एक दो लड़कियां भी मरती हैं, पर मैं फिर भी सबको यही बताता हूँ कि मैं सिंगल हूँ.

यह टीचर लव की कहानी की घटना उस साल की है जब मैं अपने स्नातक के दूसरे साल में था.

जब मैंने कॉलेज में बी.कॉम. में एड्मिशन लिया था तो उस समय कॉलेज में मेरा एक भी दोस्त नहीं था.

फिर मेरा कॉलेज शुरू हुआ, तो मैं पहले दिन क्लास में गया.
हमारे लेक्चर शुरू हुए.

मेरी क्लास में कुछ स्टूडेंट्स से बात भी हुई. उस दिन अपने आखिरी लेक्चर से मुझे कॉलेज से प्यार सा हो गया.

वो हमारा अकाउंट्स का लेक्चर था और हम सब सोच रहे थे कि पता नहीं अब कौन सा खड़ूस टीचर आएगा.
लेकिन जब लेक्चर शुरू हुआ तो हमारी क्लास में एक सुंदर, गोरी चिट्टी, नैन नक्स … एकदम झकास माल जैसी एक लेडी आईं … या यूं बोलूँ कि लड़की आई.

वे हसीन लड़की हमारी अकाउंट्स की टीचर थीं, जिनको देख कर मैं तो हक्का-बक्का रह गया क्योंकि इतना मस्त माल मैंने शायद ही कभी देखा था.
एक तो वो बिल्कुल दूध सी गोरी चिट्टी, ऊपर से उनके नैन नक्श इतने मस्त कि क्या ही खून.

उनकी उम्र भी 28 साल की थी, जो मुझे बाद में पता लगी थी.
मेम का 34-30-36 का साइज़ एकदम पर्फेक्ट था.
उनके तने हुए दूध और उठी हुई गांड देखते ही बन रही थी.

जब मैम क्लास में चल रही थीं तो उनकी हाई हील के कारण उनके मम्मे और चूतड़ कहर ढा रहे थे.

उस दिन उन्होंने क्रीम कलर की साड़ी एकदम चुस्त सी बांधी हुई थी जिसमें उनके बूब्स की झलक और कमर साफ दिख रही थी.

जब वो क्लास में आईं तो उन्हें देख कर मेरा तो मुँह खुला ही रह गया था.
फिर वो अन्दर आईं और ये नसीब की बात थी कि उनकी पहली नजर मेरे ऊपर ही पड़ी और उन्होंने मेरे खुले हुए मुँह और पथराई हुई आंखों को देख कर एक बहुत ही छिपी हुई कातिलाना मुस्कान दी और सामान्य हो गईं.

मैंने उनको आफ्टरनून विश किया.
उनका नाम पल्लवी था.

उन्होंने लेक्चर लिया और चली गईं, पर मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आया.
मुझे क्या, पूरी क्लास के लड़कों को कुछ समझ नहीं आया.
क्योंकि किसी का ध्यान उनके रूप सौन्दर्य से हटा ही नहीं. सबके लौड़े अकड़े हुए थे.

अब हालत ये हो गई थी कि पल्लवी नामक उस शै का सारी क्लास को इंतजार रहने लगा था.

ऐसे ही कुछ दिन निकल गए और एक दिन हमारी फ्रेशर पार्टी हुई, जिसमें मुझे कुछ टैलेंट दिखाने या कुछ करने को बोला गया.
मैंने अपनी बॉडी शो की, क्योंकि जिम जाने का भी तो कुछ फायदा उठना चाहिए ना!

मेरे बॉडी शो पर काफ़ी लड़कियों को मैं पसंद आया और मुझे मिस्टर फ्रेशर बना दिया गया.

उस दिन से कॉलेज में लड़कियों के झुंडों में मेरी बातें होने लगीं.
खैर … मेरा दिल तो मैम पर आ गया था या ये कहूँ कि मुझे उनको चोदना था.

मेरी लड़कियों से ज़्यादा टाइम तक नहीं बनती थी क्योंकि मैं उन पर पैसे खर्च नहीं कर सकता था … और मुझे कोई ऐसी मिली नहीं, जो कि मुझे समझे.

फ्रेशर पार्टी के अगले दिन मैम क्लास में आईं और वो लेक्चर लेने लगीं.
उस दिन उनसे मेरी थोड़ी बातें हुईं, कुछ पढ़ाई से संबंधित थीं और थोड़ी सी ऐसे ही मज़ाक वाली.

उन्होंने भी मेरे बॉडी शो को लेकर मुझसे एक दो बातें कहीं.
उन बातों से मैं सीधा सा ये मतलब निकाल सकता था कि उनके दिल ओ दिमाग में मेरी बॉडी बस गई थी.

अब उन्होंने बॉडी के किस पार्ट को ज्यादा तवज्जो दी, यह अभी कहना जल्दबाजी होगी.

ऐसे ही दिन निकलते गए और मेरी मैम से बातें होने लगीं.
मैं रात को अक्सर टीचर लव के कारण उनके नाम की मुट्ठ मार कर सोने लगा था.

एक दिन एक लड़के ने लेक्चर के बाद मैम से उनका नंबर मांगा, पर मैम ने बहाना बना कर कि कॉलेज वाला नंबर तो है तो पर्सनल नंबर का क्या करना, उसे मना कर दिया.

वैसे एक बात बताऊं कि हमारे कॉलेज में जो स्थायी प्रोफेसर्स हैं, उन सभी को एक नंबर दिया गया है, जो वो अपने स्टूडेंट्स को दे देते थे.
लेकिन वे उस पर रेस्पॉन्स बहुत कम करते थे, तो स्टूडेंट्स उन फोन्स पर बात ही नहीं करते थे.

फिर ऐसे ही कुछ दिनों बाद मुझे भी कुछ प्राब्लम थी.
मैंने अपनी समस्या को लेकर पहले भी मैम को काफ़ी बार मैसेज किया, लेकिन उन्होंने कभी तो रिप्लाई किया, कभी नहीं.

अब मैंने थोड़ी हिम्मत की.
मेम के लेक्चर के बाद जब सब चले गए, उस वक्त मैंने मैम से उनका नंबर मांगा.

उन्होंने कहा कि नंबर है तो तुम्हारे पास!
मैंने कहा- मेम, आप उस नंबर पर रेस्पॉन्स तो बहुत कम करती हैं … इसलिए अगर आप गलत न समझें तो …

तभी उन्होंने मेरी बात काटी और हंस कर कहा- हां तुम्हारी ये बात सही है. लो ये मेरा पर्सनल नंबर.

उन्होंने अपना नंबर मुझे दे दिया और कहा- प्लीज़ किसी और को नंबर मत देना, मुझे पसंद नहीं है कि कोई मुझे बिना मतलब के पर्सनली फोन करे.
मैंने उनको ओके बोला और साथ ही थैंक्स भी कहा और अपने घर आ गया.

मैंने उनको एक दो दिन बाद एक सवाल पूछने के लिए मैसेज किया.
उन्होंने तुरंत जबाव दिया.

उसके बाद से मैम से मेरी लगातार बात होने लगी.

अब तो क्लास में भी मेरी उनसे थोड़ी ज़्यादा बातें होने लगी थीं और वो क्लास में मेरे अलावा किसी ओर से इतनी बातें नहीं करती थीं.
मैं तो उनकी क्लास में अब कभी कभी फोन भी चला लेता था, पर वो मुझे कुछ नहीं बोलती थीं.

ऐसे ही मैंने उनको एक दिन व्हाट्सैप पर कुछ जोक सेंड किए.
तभी उनका मैसेज आया- थोड़ा पढ़ लो हार्दिक … ये नंबर मैंने तुम्हें क्वेस्चन पूछने के लिए दिया था और ये सब क्या है?

मैंने उनको सॉरी लिखा.
उन्होंने रिप्लाई किया- अरे बुद्धू, मज़ाक कर रही हूँ.

अब मेरी उनसे पढ़ाई से अलग भी बातें होने लगीं.

एक दिन उन्होंने मुझे कुछ काम बताया.
मैंने उसी समय उनका वो काम कर दिया.
उनको मुझ पर थोड़ा ज़्यादा ट्रस्ट हो गया था.

कुछ दिनों बाद हमारे एग्जाम आ गए.
इंटर्नल एग्जाम तो हो गए थे, अब फर्स्ट ईयर के फाइनल एग्जाम थे.

वैसे मैं पढ़ाई में एक सामान्य स्टूडेंट वर्ग से ही हूँ, जिनके 65-70% ही नंबर आते हैं.
फिर मेरे एग्जाम खत्म हुए और कॉलेज की भी छुट्टियां हो गईं.

उस वक्त बड़ा कठिन हो गया.
अब मेरा मन घर पर तो लगता नहीं था इसलिए मैं बाहर ही घूमता फिरता रहता या अपने रूम में सोता रहता.

जब तब मैं पल्लवी मैम से भी मैसेज पर बात कर लिया करता.

मैंने अब तक उनसे एक दो बार ही कॉल पर भी बात की थी, वो भी ये बहाना बना कर कि मुझे थोड़ी रिज़ल्ट की टेंशन हो रही है.
उन्होंने मुझे थोड़ा समझाया.

फिर रिज़ल्ट भी आ गया और मेरे 70% नंबर आए.
मेरी फैमिली मुझसे पढ़ाई को लेकर नाराज़ रहती थी कि तू कुछ पढ़ ले और अच्छा आदमी बन जा, जिससे हमारी कंडीशन जैसी है … तेरी तो ना रहे.

मैं भी काफ़ी कोशिश करता लेकिन मेरा मन पढ़ाई में ज़्यादा नहीं लगता था क्योंकि मुझे इंजीनियरिंग करनी थी लेकिन पैसों की वजह से मेरा एड्मिशन नहीं हुआ था तो मैंने बी.कॉम कर ली.
जबकि मुझे अकाउंट्स कुछ ख़ास पसंद नहीं है.
मैं तो बस मैम की वजह से अकाउंट्स के लेक्चर अटेंड करता था.

अब हमारी दोबारा क्लास शुरू हुई और मैंने फिर से कॉलेज जाना शुरू किया.
पल्लवी मैम अब हमारा दूसरा लेक्चर लेती थीं.

अब यह हो गया था कि क्लास में मैं मैम से मज़ाक कर लेता था और वे भी मुझसे मज़ाक कर लिया करती थीं.
वे मुझे कभी भी अपने काम से भेज दिया करती थीं.

एक दिन मैम ने सुबह सुबह मुझे कॉल किया और उन्होंने कहा- हार्दिक अगर तुमको कोई प्राब्लम ना हो, तो तुम मुझे घर से पिक कर सकते हो. वो आज मेरी स्कूटी खराब हो गई है.
मैंने उनको झट से कहा- ओके मैम, मैं आ जाता हूँ.

उन्होंने मुझे घर की लोकेशन भेजी और मैं वहां चला गया.

उनका घर एक बड़ी सोसाइटी में था जहां से रिक्शे मिलने मुश्किल रहते थे और उनकी कार भी काफ़ी दिनों से बंद पड़ी थी.

जब मैं उनके घर पहुंचा, तो देखा कि उनका घर बाहर से काफ़ी अच्छा और सुंदर है. उससे ये पता चल रहा था कि वो काफ़ी धनी हैं.

हों भी क्यों ना यार … आखिर वो एक प्रोफेसर हैं. उनकी सैलरी अच्छी खासी है.

मैंने उनको कॉल की.
वे बाहर आईं.
आज उन्होंने कुर्ती पहनी हुई थी.

वे मेरे पीछे बैठ गईं.
यहां से कॉलेज भी अच्छा ख़ासा दूर था.

तभी मैंने उनसे बातें करनी शुरू कर दीं.
बातों ही बातों में मैंने कहा- मैम आप तो काफ़ी रिच हैं!

वो बोलीं- अच्छा जी … तुमको ऐसा क्यों लगता है?
मैंने कहा- सब दिखता है मेम, आपका इतना बड़ा घर है … और आप प्रोफेसर हो, तो आपकी सेलरी भी अच्छी ख़ासी आती होगी!

उन्होंने कहा- हां, बात तो तुम्हारी सही है.
मैंने पूछा कि मैम आप बुरा ना माने, तो एक बात पूछ सकता हूँ?

वो बोलीं- हां जी बोलिए.
मैंने पूछा कि आपकी सेलरी कितनी है?

उन्होंने पूछा- क्यों, इसका क्या मतलब है?
मैंने कहा- मुझे बिना मतलब की बातें पूछना अच्छा लगता है. मुझे ये जानना है कि प्रोफेसर्स कितना कमाते हैं.

वो बोलीं- ओके मुझे लगभग 2 लाख रूपए महीने मिलते हैं.
मैं सोच में पड़ गया कि वाउ ये कितना ज्यादा कमाती हैं.

मैंने कहा- मगर मैम आप तो बिल्कुल सिंपल रहती हैं.
उन्होंने कहा- हां तो क्या हुआ हार्दिक, मुझे सिंपल रहना पसंद है … और वैसे भी सिंपल रहने में कोई बुराई थोड़े ही है.

मैंने उनसे पूछा- मैम और आपके हज़्बेंड मेरा मतलब सर क्या करते हैं?
वो बोलीं- वे एक कंपनी में जॉब करते हैं और उधर वे काफ़ी अच्छी पोस्ट पर हैं.

मैं बोला- मैम, आपकी लाइफ इतनी अच्छी है. आप इतनी रिच हो.
इस पर उन्होंने कहा कि रिच होना ही सब कुछ नहीं होता … तुम मेरा दुख नहीं समझोगे.
ये कह कर वो थोड़ा दुखी हो गईं.

उनका मूड ऑफ हो गया और उनकी आंखों में पानी आ गया था.

मैं अभी कुछ और बोलता कि तब तक हमारा कॉलेज आ गया और वे चुपचाप बाइक से उतर कर अन्दर चली गईं.
और मैं भी अपनी क्लास में चला गया.

मैं यही सोचता रहा कि मेरी वजह से मैम दुखी हो गईं.
मगर ऐसी क्या बात है, जिससे उन्हें दुख है.
मैं सोचता रहा और कुछ भी न जान सका.

फिर मैंने मैम का लेक्चर अटेंड किया.
उस वक्त वे कुछ ठीक लग रही थीं. उनका मूड भी सही था.

लेक्चर खत्म होने के बाद उन्होंने मुझसे कहा- हार्दिक, तुम चले जाना, मैं खुद चली जाऊँगी, मुझको थोड़ा टाइम लगेगा.
मैंने कहा- तो क्या हुआ मेम, मैं वेट कर लूँगा आपका.

वो बोलीं- मुझे आधा घंटा लगेगा!
मैंने कहा- हां कोई दिक्कत नहीं है मेम, मैं बाहर आपका वेट कर रहा हूँ. आप मुझे कॉल कर देना.

उन्होंने हम्म कह कर सर हिला दिया और मैं क्लास के अपने दोस्तों के साथ बाहर आ गया.

मैं पार्किंग एरिया में रुक गया और मेरे दोस्त चले गए.

करीब चालीस मिनट बाद मैम की कॉल आई कि वे बाहर आ रही हैं.
मैंने पार्किंग से बाइक निकाली और उनको पिक किया.

उन्होंने मुझसे कहा- थोड़ा ज्यादा देरी हो गई … सॉरी.
मैंने उनसे कहा- तो क्या हुआ मेम. वैसे तो सॉरी मुझे बोलना चाहिए आपको.

वो बोलीं- क्यों?
मैंने कहा कि मैम आपका सुबह मेरी वजह से मूड ऑफ हो गया था, उसके लिए सॉरी!

वो बोलीं- नहीं कोई बात नहीं, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है.
मैं फिर से बोला- अगर आपको बुरा ना लगे, तो आप मुझसे अपनी बात शेयर कर सकती हैं. वैसे आपका मूड एकदम से क्यों ऑफ हो गया था?

उन्होंने मुझे बताया कि तुम सुबह बोल रहे थे ना कि मैं रिच हूँ. चलो तुमको बताती हूँ.
मैं उनकी बात सुनने के लिए कान उनकी तरफ लगाने लगा.

वे बोलीं- केवल रिच होने से कुछ नहीं होता. मैं एक प्रोफेसर हूँ और अभी तो 28 साल की हूँ. अभी तो पूरी लाइफ सामने पड़ी है. सोचो मैं कितने रुपए कमा सकती हूँ. मेरी अभी की सेलरी ही 2 लाख+ है … और साथ ही मैंने काफ़ी सारी इनवेस्टमेंट कर रखी है, जिससे मेरी हर महीने की टोटल इनकम मतलब सेलरी और इनवेस्टमेंट आदि मिला कर 3 लाख से ज़्यादा हो जाती है.

मैम बोली- और तुम सर के बारे में पूछ रहे थे ना. मैंने तुमको बताया था कि वे एक कंपनी में काम करते हैं. वे यहां से काफ़ी दूर रहते हैं … मुंबई में! और उनकी सेलरी ही 7-8 लाख रुपए महीने की है, जिसमें से वो 2 लाख रुपए हर महीने मुझे भेजते हैं. उनको लगता है कि मैं अकेली लाइफ में कुछ नहीं कर सकती हूँ. इसीलिए मैंने उनको नहीं बताया कि मैं प्रोफेसर बन गई हूँ. इसी बात को लेकर हमारी काफ़ी लड़ाई भी हुई क्योंकि उनको मेरा जॉब करना पसंद नहीं आया है. उनको उनकी बॉस मुझसे ज़्यादा पसंद हैं और यह बात मुझे पता लग गई थी. तभी मुझे तुम्हारे कॉलेज से ऑफर आया था तो मैं यहां शिफ्ट हो गई.

वे आगे बोलती रही- अब तुम ही बताओ कि मेरे पास हर महीने 5 लाख रुपए हो जाते हैं … पर मैं उन रुपयों का क्या करूँ! रहती तो अकेली ही हूँ ना, यहां तो कोई नहीं है मेरा … और अब तो मेरा उनके पास जाने का भी मन नहीं करता. पहले सोचा था कि वहीं शिफ्ट हो जाऊँ, पर फिर पता चला कि उनका उनकी बॉस से भी कुछ चक्कर है और उनको हमेशा यही लगता है कि मैं कुछ नहीं कर सकती, तो मैं वहां नहीं गई. मैंने उनको पैसे भेजने को भी मना कर दिया था कि मैं अपना खुद खर्चा उठा सकती हूँ. तभी वो बोले कि मैं सक्षम के लिए (उनका 5 साल का बेटा) के लिए भेज रहा हूँ. इनको रख लो. अब तुम ही बताओ कि इतने पैसों का मैं क्या करूँ … जब खुशी ही ना हो.

ये सब बता कर मैम फिर से अपसैट हो गईं.
मैंने उनसे कहा- सॉरी मैम मुझे ये सब नहीं पता था … लेकिन आप टेंशन मत लो, मैं हूँ ना. आपको कभी भी कुछ भी काम हो, मुझको याद करना, मैं फट से वैसे हाजिर हो जाऊंगा, जैसे चिराग से जिन निकलता है.

वे मेरी इस बात पर हंस पड़ीं.

उसी वक्त मैंने अचानक से बाइक रोकी, जिससे वो मेरी पीठ पर गिर गईं और उनका एक मम्मा मुझे मेरी पीठ पर अच्छे से रगड़ता हुआ सा महसूस हुआ.

मेरे दिल में उसी वक्त मैम के उस दूध को पकड़ कर मींजने का दिल किया मगर ये जल्दबाजी होती.

प्रेषक : सुनील Antarvasna

मैं आप लोगों को एक गर्म सच्ची कहानी Antarvasna बता रहा हूं अपने दोस्त की बीवी की चुदाई की !

मेरा एक बचपन का दोस्त है। हम दोनों एक साथ बड़े हुए और उसकी शादी हो गई। शादी के कुछ दिनों बाद वो हमेशा अपनी बीवी की चुदाई कैसे करता है, बताता रहता था। जिसे सुनकर मेरा मन भी चुदाई करने को करता था और मैं सोचता था कि वो कैसे भाभी को चोदता होगा और भाभी कैसे चुदवाती होगी।

एक दिन मैंने उसे कहा- यार ! मेर मन चुदाई के लिए करता है और मेरे पास कोई जुगाड़ भी नहीं है। उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन अगले दिन उसने मुझे कहा कि मैं उसकी बीवी को चोदना चाहूं तो चोद सकता हूं, उसे कोई परेशानी नहीं। मैंने कहा कि भाभी क्या चुदाई के लिए मान गई

तो उसने कहा- नहीं, लेकिन मान जाएगी क्योंकि उसे ग्रुप सेक्स की कहानियाँ सुनने में अच्छी लगती हैं और मैं उसे तुम्हारे बारे में कुछ नहीं बताऊंगा। आज रात को जब मैं उसे ग्रुप सेक्स की कहानी सुना कर उसकी आंखों पर पट्टी बांध कर चोदूंगा, तभी तुम भी चोद लेना। बाद में उसे बताएंगे कि तुमने भी उसकी चुदाई की है।

रात को मैं उसके कमरे में छुप गया। फ़िर भाभी आई और बोली कि तुम्हारा दोस्त गया क्या?

तो वो बोला- हाँ ! गया।

तो भाभी ने दरवाज़ा बंद कर लिया और बोली- कोई सेक्सी नग्न फ़िल्म दिखाओ ना !

मेरे दोस्त ने XXX फ़िल्म लगा दी। भाभी फ़िल्म देखते देखते गरम हो गयी और मेरे दोस्त के कपड़े उतारने लगी। फ़िर अपने कपड़े भी उतार दिए। मैं तो भाभी का जवानी से भरा बदन देख कर पागल हो गया- क्या फ़ीगर थी उनकी ३६-२६-३४ उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, उनकी इतनी खूबसूरत चूत छूने के लिए मेरा मन मचलने लगा। मेरे दोस्त ने भाभी की आंखों पर पट्टी बांध कर मुझे पास आने के लिए इशारा किया और भाभी के बदन से लिपट गया। सामने भाभी को नंगी देख कर मेरे लंड में तूफान आ गया।

फिर मेरा दोस्त भाभी की चूत घोड़ी बना कर लेने लगा थोड़ी देर में उसने अपना लंड निकाल लिया और मुझे इशारा किया कि मैं लंड डाल दूँ। मैंने तुंरत ही अपना लंड भाभी की चिकनी चूत में डाल दिया।

लंड जाते ही भाभी बोली- अचानक तुम्हारा लंड इतना मोटा क्यों लग रहा है? तो मेरे दोस्त ने उसकी आंखों पर से पट्टी खोल दी तो भाभी ने पलट कर मुझे देखा तो मुस्कराई और कहा कि मुझे अच्छा लग रहा है मैं भी यही चाहती थी कि मेरी चुदाई दो दो लंड से हो, मुझे आज खूब जोर जोर से चोदो।

फिर क्या था मैं तो भाभी को खूब मस्ती में चोदने लगा और भाभी आहें भरने लगी। मैं कभी भाभी की कमर पकड़ता तो कभी चूची। फिर थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकल लिया और भाभी को लेटा दिया और कहा कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो और भाभी की चूत को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा भाभी सिसकने लगी और मैं चूत को अपने होटों से जोर जोर से चूमने लगा। भाभी एक दम तड़पने लगी और कहा कि मेरी प्यासी चूत में अपना मोटा लंड डाल कर इसकी प्यास बुझा दो।

फिर मैंने भाभी के उप्पर चढ़ कर चूत में लंड डाल दिया और चूची मुंह में लेकर स्वर्ग का मजा लेने लगा उस समय मेरे दोस्त ने भाभी से कहा कि मैं तो पहले ही जानता था कि तुम चुदवा लोगी क्योकि ग्रुप सेक्स की कहानी सुन कर तुम बहुत जोशीली हो जाती थी। आज तुम्हें चुदते हुऐ देखने में बड़ा मज़ा आ रहा है, लेकिन तुम दोनों मेरे सामने ही चुदाई करना ! नहीं तो लोगों को शक हो सकता है।

तो भाभी ने कहा कि अगर किसी को न पता लगे तो हर औरत चुदवाना चाहती है और यहाँ तो आप मुझे चुदवा रहें हैं, अब तो मैं हर रात आप दोनों से चुदवाना चाहती हूँ।

फिर रात भर मैंने और मेरे दोस्त ने मिल कर भाभी को खूब चोदा उसके पूरे बदन को खूब प्यार किया फिर हर दो तीन दिन में हम तीनो साथ साथ चुदाई करने लगे। फिर एक दिन मेरे दोस्त की बदली पुणे हो गई और हम लोग अलग हो गए। आज कल मेरा मन चुदाई के लिए तड़पता है दिल करता है कि भाभी वापस आ जाए लेकिन ये हो नहीं सकता। Antarvasna

दोस्तो, Antarvasna

मैंने आपको बताया था कि Antarvasna मेरी शादी के बाद अपनी पत्नी के अलावा मेरा सबसे पहला सैक्स अनुभव मेरी साली रजनी “बेबो” के साथ हुआ, जिसके बारे में मैं अपनी पिछली कहानी
मैं नहाने जा रही हूँ
में बता ही चुका हूँ। आपने मेरी कहानी पढ़ी और उसे पसंद किया उसके लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूँ।

खैर अब आगे…

उस सैक्स अनुभव के बाद मैं और बेबो बहुत खुल गये थे। अब दिन में या रात को जब मेरी पत्नी छोटे बच्चे को दूध पिलाते-पिलाते सो जाती तो मैं कमरे का दरवाजा सावधानी से बंद कर देता ताकि मेरी पत्नी और बच्चे को नींद में बाधा ना हो। ऐसा मैं अकसर ही करता था क्योंकि दिन में जब मेरी पत्नी छोटे बच्चे को दूध पिलाते-पिलाते सो जाती तो मैं और बेबो लूडो या कैरम खेलते और रात को फिर जब मेरी पत्नी छोटे बच्चे को दूध पिलाते-पिलाते सो जाती तो मैं और बेबो देर रात तक बाते करते।
यह बात मेरी पत्नी जानती थी। चूंकि वो ये बात जानती और समझती थी इसलिये हम पर बिल्कुल शक नहीं करती थी और वो आराम से सोती थी। लेकिन उस सैक्स अनुभव के बाद लूडो या कैरम खेलना छोड़ कर हम दूसरा खेल खेलने लगे थे।

हम कमरे का दरवाजा सावधानी से बंद करके दोनो एक दूसरे से लिपट जाते और लिपट-चिपट कर किस करते। फिर एक दूसरे को बाँहों में भर कर किस करने से बात आगे बढ़ कर एक दूसरे के अंगों को छूना शुरु हो जाता। बेबो ज़्यादातर सलवार सूट पहनती थी। इसलिये मैं बेबो के कुरते के ऊपर से उसके स्तन दबाने और फिर उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत को दबाने और फिर सलवार के अन्दर हाथ डाल कर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ फिराने तक पहुँच जाता।

मैं ज़्यादातर टी-शर्ट और लोअर पहनता था। मैं अपने लोअर की जिप खोलकर उसे जरा सा नीचे सरका कर अपना लण्ड निकाल कर बेबो के हाथ में थमा देता। बेबो भी मेरे लण्ड को बिना झिझक के अपने हाथ में थाम लेती और हल्के-हल्के दबाती या मुठ्ठी में भर कर आगे-पीछे करती और जोर-जोर से हिलाती।
एक-दो दिन बाद तो वो खुद ही मेरे लोअर की ज़िप खोल कर मेरा लण्ड निकालने और दबाने तक पहुँच गई। यह सारा कार्यक्रम लगभग 10 से 15 मिनट तक चलता। हम दोनों बेहद गर्म हो जाते और मेरे लण्ड से और बेबो की चूत से कुछ चिकना सा द्रव्य निकलने लगता।
उसके बाद हमारा चुदाई कार्यक्रम शुरु हो जाता।

मैं और बेबो सोफे पर बैठ जाते। फिर मैं बेबो की सलवार और उसकी पैंटी को उतार कर नीचे उसके पैरों में गिरा देता, मगर पैरों से अलग नहीं करता। फिर कुछ देर मैं उसकी चूत के घने बालों पर हाथ फिराता। फिर बेबो की टांगें खोल कर उसकी टांगों के बीच में बैठ जाता और बेबो की चूत के बाल अपने मुँह में भर लेता। फिर अपनी जीभ से बेबो की चूत के जी-पॉइंट को रगड़ने और ऊपर-नीचे फिराने लगता।

बेबो गर्म होकर पागल हो जाती और मेरे बाल पकड़ लेती। हाँ, कहीं उसकी दीदी को ना सुन जाये इसलिये वो कोई आवाज़ तो नहीं करती, मगर फिर भी उसके मुँह से बहुत हल्की सी सिसकियाँ जरूर निकलने लगती। फिर वो मेरा सर पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत में घुसाने की नाकाम कोशिश करने लगती। मैं अपनी जीभ तेज-तेज उसकी चूत के जी-पॉइंट पर फिराने लगाता। जब उसकी चूत से कुछ चिकना-चिकना सा नमकीन पानी निकलने लगता तो मैं थोड़ा सा उसे टेस्ट करके बेबो से अलग हो जाता।

फिर मैं बेबो के सामने खड़ा होकर अपना लोअर और जॉकी को उतार कर नीचे अपने पैरों में गिरा देता, मगर पैरों से अलग नहीं करता। बेबो सोफे पर ही बैठी होती। फिर मैं खड़े-खड़े अपना लण्ड बेबो के मुँह की तरफ करता। बेबो समझ जाती और मेरा लण्ड पकड़ कर अपने मुँह में भर लेती। फिर मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगती। बेबो के ऐसा करने से ना चाहते हुऐ भी मेरे मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकलने लगती। मेरी सिसकियाँ सुनकर बेबो जोर-जोर से और तेज-तेज मेरे लण्ड को चूसने लगती। बेबो लगभग 5 मिनट तक मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपोप की तरह चूसती रहती।

मेरे मुंह धीमे-धीमे से ‘ओह बेबो! आह्…ओह! अह! सीईईईईइ, सीस्सईईइ!’ की आवाजें निकलने लगती। थोड़ी देर बाद जब मुझे ऐसा लगता कि अगर बेबो इसी तरह से मेरे लण्ड को चूसती रही तो मैं इसके मुँह में ही डिस्चार्ज हो जाऊँगा, तब मैं अपना लण्ड बेबो के मुँह से बाहर खींच लेता। फिर मैं लोअर और जौकी को ऊपर उठा कर, हाथ से पकड़ कर, धीरे-धीरे अपनी पत्नी के कमरे के दरवाजे के पास जाता और दरवाज़े पे कान लगा कर अपनी पत्नी के हल्के खर्राटों को सुनने की कोशिश करता और जब ये इतमिनान हो जाता कि वो सो रही है, तब मैं वापस बेबो के पास आ जाता।

बेबो धीरे से पूछती “दीदी सो रही है क्या?”
मैं हाँ में सर हिला देता।

फिर मैं बेबो के पैर ऊपर करके उसे सोफा पर लिटा देता। मैं अपनी टी-शर्ट और बेबो अपना कुर्ता कभी नहीं उतारते थे। सेंटर टेबल पर लूडो बिछा होता था। फिर मैं उसकी सलवार और उसकी पैंटी को उसके एक पैर मे से उतार कर उसके दूसरे पैर में कर देता, मगर दूसरे पैर से अलग नहीं करता। फिर मैं भी अपना लोअर और जौकी अपने एक पैर से निकाल कर दूसरे पैर में फंसा देता, मगर दूसरे पैर से अलग नहीं करता, ताकि अगर मेरी पत्नी अचानक उठ भी जाये और दरवाजा खोलने के लिये कहे तो मैं और बेबो जल्दी से अलग होकर अपने-अपने लोअर और अन्डरवियर पहन सके और सेंटर टेबल पर लूडो बिछा देखकर उसे कोई शक ना हो।

फिर मैं बेबो की बगल में लेट कर उसे अपने साथ सटा कर लिटा लेता। हम दोनो सोफ़े पर चिपक कर लेट जाते। फिर कुछ देर तक मैं उसकी चूत के घने बालों पर हाथ फिराता। फिर मैं उसके नर्म-नर्म स्तनों को कुरते के ऊपर से दबाने लगता। फिर कुछ देर बाद मैं उसके कुरते के गले में हाथ डाल कर उसके सख़्त हो चुके दोनों बूब्स को एक-एक करके दबाने लगता। मेरा लण्ड तन कर बेबो की चिकनी टांगों से टकरा रहा होता था।

फिर मैं बेबो की चिकनी टांगों पर हाथ फिराने लगता। फिर उसकी पाव रोटी की तरह उभरी हुई उसकी चूत पर हाथ फेरने लगता। फिर मैं मौके की नज़ाकत को समझते हुए अपनी उँगलियॉ बेबो की चूत के अन्दर डाल देता। फिर अपनी उंगलियों से बेबो की चूत के फाँको को खोलने और बन्द करने लगता। फिर मैं बेबो की चूत के दाने को रगड़ने लगता।

बेबो के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगती; बेबो मस्त हो जाती। वो बहुत गरम हो जाती और जोर-जोर से, आवाज़ रोक कर सिसकारियाँ लेने लगती और अपने होंठ चूसने लगती। फिर वो मेरे बालों पर हाथ फेरने लगती। यह सिगनल होता कि वो चुदवाने के लिये तैयार है। फिर मैं उसे धीरे से सौफे पर सीधा लिटा देता और मैं बेबो के ऊपर आकर लेट जाता। बेबो का जिस्म मेरे जिस्म के नीचे दब जाता। मेरा लण्ड बेबो की जांघों के बीच में रगड़ खा रहा होता। बेबो बिना झिझके मेरा लण्ड अपने हाथ में थाम लेती। फिर वो मेरे लण्ड को अपने हाथ में दबाने लगती। मेरा लण्ड तन कर और भी सख्त हो जाता।

बेबो मेरे लण्ड को मुट्ठी में भर कर आगे-पीछे करने लगती। फिर वो मेरा तन कर लम्बे हो चुके लण्ड को पकड़ कर जोर-जोर से हिलाने लगती। तब तक मैं बेबो की चूत मारने को बेताब हो चुका होता। फिर मैं साली बेबो की टांगें खोल कर उसकी टांगों के बीच में अधलेटा होकर मैं अपने लण्ड को मुठ्ठी में भर कर बेबो की चूत के दाने के उपर-नीचे करके रगड़ने लगता। बेबो के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगती। कुछ देर बाद बेबो की चूत से फिर से कुछ चिकना-चिकना सा निकलने लगता था।

अब वो मदहोश होने लगती और उसकी आंखें बंद होने लगती। फिर साली मेरे कान के पास फुसफसा कर बोलती “ओह जीजू, प्लीज डालो ना। मेरे तो तन-बदन में आग सी लग रही हैं।”

यह सुन कर मैं अपने लण्ड का सुपाड़ा उसके चूत के गुलाबी छेद पर टिका कर एक जोरदार धक्का मारता जिससे मेरा पूरा का पूरा लण्ड एक ही झटके में बेबो की कुंवारी और चिकनी चूत में पूरा अन्दर चला जाता। मेरे लण्ड के अन्दर जाते ही बेबो के मुँह से हल्की सी सिसकी निकलती और वो मुझे अपनी बाँहों में कस लेती। मैं भी उसे कस कर पकड़ लेता और हम एक दूसरे में पूरे तरीके से समा जाते। फिर मैं अपने लण्ड को बेबो की चिकनी चूत के अन्दर पूरा डाले हुऐ रुक जाता और बेबो के होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगता।

कुछ देर तक हम दोनो ऐसे ही एक-दूसरे से चिपके रहते और एक-दूसरे के होंठों को चूसते रहते। मेरा पूरा लण्ड बेबो की चूत के अन्दर तक समाया होता। फिर कुछ देर बाद उसके होंठों को चूसते हुए मैं उसे चोदना शुरु कर देता। पहले मैं अपने लण्ड को उसकी चूत में धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लगता।
कुछ देर बाद बेबो भी जोश में आ जाती और अपनी कमर को धीरे-धीरे हिलाने लगती। मैं बेबो को अपनी बाँहों में भर लेता। बेबो भी मुझे अपनी बाँहों मे पूरी ताकत से कस लेती। शुरु-शुरु में कुछ देर तक मैं अपने लण्ड को धीरे-धीरे से ही बेबो की चूत के अन्दर-बाहर करता रहता। फिर कुछ देर बाद जब बेबो अपनी टांगें ऊपर की तरफ मोड़ कर मेरी कमर के दोनों तरफ लपेट लेती तो मेरी रफ़्तार बढ़ने लगती। फिर मैं अपने लण्ड को तेज-तेज बेबो की चूत के अन्दर-बाहर करता।

धीरे-धीरे मेरी रफ़्तार और भी बढ़ने लगती। अब मेरा लण्ड बेबो की चूत में तेजी से अन्दर-बाहर होने लगता और मैं बेबो की चूत में अपने लण्ड के तेज-तेज धक्के मारने लगता। जब मैं फुल स्पीड में बेबो को चोदता तो सोफे की वजह से चुदाई का मजा दुगना हो जाता। सोफे की फोम और फोम के नीचे स्प्रिन्गों की वजह से जब मैं बेबो की चूत में अपने लण्ड का धक्का लगाता तो सोफे के फोम और स्प्रिन्ग दब जाते और जैसे ही मैं अपना लण्ड बेबो की चूत से बाहर खींचता तो सोफे के फोम और स्प्रिन्ग बेबो के हिप्स को ऊपर धकेल देते। सच इस वजह से सोफे पर तो बेबो को चोदने में दुगना मजा आता।

थोड़ी देर बाद बेबो भी नीचे से अपनी कमर को उचका कर मेरे धक्कों का ज़वाब देने लगती और मज़े में धीरे-धीरे बोलने लगती “सी… सी… और जोर.. से जीजूजुजु… …येसस्स्स्स अरररऽऽ बहुत मज़ा आ रहा है और अन्दर डालो और जीजू और अन्दर येस्स्स्स जोर से करो। प्लीज जीजू तेज-तेज करो ना। बहुत अच्छा लग रहा है। बडा मज़ा आ रहा है।”

बेबो को सचमुच में मजा आने लगता था और वो अपने हाथ सोफे पर टिका कर जोर जोर से अपने हिप्स को ऊपर-नीचे करने लगती थी और मैं तेज़-तेज़ धक्के मारने लगता था। वो मेरे हर धक्के का स्वागत अपने हिप्स को ऊपर-नीचे करके करती। फिर वो मेरे हिप्स को अपने हाथों में थाम लेती। अब वो भी नीचे से मेरे धक्कों के साथ-साथ अपने हिप्स को तेज-तेज ऊपर-नीचे कर रही होती थी। जब मैं लण्ड उसकी चूत के अन्दर घुसाता तो वो अपने हिप्स को पीछे खींच लेती। जब मैं लण्ड उसकी चूत में से बाहर खींचता तो वो अपने हिप्स ऊपर उठा देती। इससे मैं तेज-तेज धक्के मार कर बेबो को चोदने लगता। फिर मैं सोफे पर हाथ रख कर बेबो के ऊपर झुक कर तेजी से उसकी चूत मारने लगता।

अब मेरा लण्ड बेबो की चिकनी चूत में आसानी और तेजी से आ-जा रहा होता था। बेबो भी अब चुदाई का भरपूर मजा ले रही होती थी। वो मदहोश हो रही होती थी। मैं रुक कर धीरे से बेबो के कान में कहता- बेबो अच्छा लग रहा है क्या?

बेबो धीरे से बोलती- हाँ जीजू, बहुत अच्छा लग रहा है। प्लीज जीजू रुकें मत। तेज-तेज करते रहो। ओह आहा… ह… प्लीज तेज-तेज करो। मैं डिस्चार्ज होने वाली हूँ। अब रुको मत। प्लीज तेज-तेज करते रहो।

बेबो के मुँह से ये सुन कर मैं फिर से बेबो को चोदना शुरु कर देता और अपनी रफ्तार को और भी बढ़ा देता। फिर मैं बेबो के पैर अपने कंधे पर रख कर उसके बडे-बडे हिप्स को अपने हाथों से जकड़ लेता और छोटे-छोटे मगर तेज-तेज शॉट मार कर बेबो को चोदने लगता। बेबो के मुँह से मस्ती में बहुत धीरे से “ओह्ह्ह होहहोह सिस्स्स स्सहह्ह हाहा ह्ह्हआ आआआ हा-हा करो-करो ऽअआह हाहअआ प्लीज जीजू तेज-तेज करो। ओह जीजू!” निकलने लगता।

मैं बेबो के होंठों को अपने होंठों से चूसते हुऐ उसे तेजी से चोदने लगता। मेरा लण्ड सटासट बेबो की चूत में तेजी से अन्दर-बाहर होने लगता था। मैं बेबो की चूत में अपने लण्ड के तेज-तेज धक्के मारता। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद जब हम दोनों झड़ने वाले होते तो हम दोनों एक साथ अकड़ से जाते और एक साथ जोर-जोर से धक्के मारने लगते।

फिर अचानक बेबो ने मुझे कस कर अपनी बाँहो में भर लेती और बोलती,”जीजू, मेरा तो काम होने वाला है। प्लीज जीजू! अब खूब जोर-जोर से करो। येस-येस अररर् और जोर से य…य…यस यससस… औह जीजू मैं तो हो गईईईईई! इसके साथ ही बेबो की चूत अपना पानी छोड़ देती। फिर वो एक धीमी सी आह भरती और फिर वो ढीली पड़ जाती।

मैं समझ जाता कि बेबो डिस्चार्ज हो गई है। मैं भी डिस्चार्ज होने वाला होता था, इसलिये मैं तेज-तेज धक्के मारने लगता और जोर-जोर से अपने लण्ड को बेबो की चूत में पेलने लगता। बेबो मुझे जल्दी से होने को और मेरे लण्ड को अपनी चूत में से बाहर निकालने के लिए बोलने लगती। लेकिन मैं उसकी बातों को अनसुना कर तेज-तेज धक्के लगाना जारी रखता। करीब 2-3 मिनट तक बेबो को तेज-तेज चोदने के बाद जब मैं डिस्चार्ज होने लगता तो मैंने अपना लण्ड साली की चूत से बाहर खींच लेता और अपने लण्ड के सुपाड़े को अपनी मुठ्ठी में भर लेता और अपनी मुठ्ठी में ही डिस्चार्ज हो जाता।

फिर मैं तुरन्त उठ कर, अपना लोअर और जौकी एक पैर में फँसाए हुए धीरे-धीरे चलता हुआ वाश-बेसिन के पास जा कर अपना लण्ड और हाथ धोता। फिर अपना लोअर पहन कर सोफे के पास आता और बेबो के ऊपर गिर जाता। बेबो अपनी सलवार पहन चुकी होती थी। फिर मैं कुछ देर उसके ऊपर लेट कर अपनी तेज-तेज चलती हुई सांसों को नार्मल होने का इन्तज़ार करता। फिर मैं बेबो की बगल में लेट जाता। बेबो भी मेरे साथ लेटी हुई अपनी सांसों को काबू में आने का इंतजार करती थी। कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद हम दोनों उठकर अपने कपड़े ठीक करते और फिर सोफे पर बैठकर आराम से नार्मल बातें करनी शुरु कर देते जैसे कुछ हुआ ही ना हो।

मैं धीरे से बेबो से पूछता कि कैसा लगा तो वो बोलती- जीजू! बहुत अच्छा लगा। बहुत मजा आया। सचमुच मैं तो आपकी दीवानी बन गई हूँ।
मैं उससे कहता कि चलो कल फिर करेंगे।
तो बेबो बोलती-अब आप जब चाहें ये सब कर सकते हैं। मुझे कोई एतराज नहीं होगा।

यह सुन कर मैं खींच कर उसे अपनी गोद में लिटा लेता। मैं सोफे के एक कोने पर बैठा होता और बेबो मेरी गोद में लेटी होती। फिर मैं अपने जलते हुऐ होंठ बेबो के होंठों पर रख देता। फिर मैं उसके नरम-नरम होंठों को अपने होंठों मे भर कर चूसने लगता। बेबो भी मुझ से लिपट सी जाती। फिर मैं बेबो को किस करते-करते उसके बालों में हाथ फिराने लगता। फिर मैं उसके गालों पर हाथ फिराने लगता। फिर मैं अपने हाथ को नीचे ले जाकर उसके कुरते के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगता। फिर मैं मजाक में उसके कान में कहता कि बेबो चलो एक बार फिर करते हैं।

यह सुनते ही वो एकदम छटक कर अलग हो जाती और बोलती- क्या जीजू! बड़े गन्दे हो आप। इतना सब कुछ हो गया। फिर भी चैन नहीं पड़ा है। अब सब्र रखो। दीदी उठने वाली होंगी। मैं चाय बना के लाती हूँ। फिर चलो लूडो खेलेंगे।

ये कह कर वो शरारत से अपना हाथ हिला कर बाय किया करती और फिर वो तेजी से किचन की ओर बढ़ जाती।

मैं सोफे पर बैठा-बैठा उसे जाते हुए देखता रहता। फिर मैं अपनी आँखें बंद करके मन ही मन यह सोच कर बहुत खुश होता था कि कैसे मैंने बेबो को अभी-अभी सोफे पर जम कर चोदा है। कुछ देर बाद बेबो चाय लाकर मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ जाती और हम चाय की चुस्की लेते-लेते बातें करना और लूडो खेलना शुरु कर देते।
इस तरह मैंने अलग-अलग दिन कुल 5 बार मैंने बेबो के साथ सोफे पर सैक्सपिरियंस किया। इसके बाद मौका मिलने पर लगभग दो साल में मैंने कुल 9 बार अपने घर में, 3 बार बेबो के घर में और एक ही रात में 3 बार होटल के कमरे में बेबो के साथ खुलकर सैक्स किया।

दो साल बाद बेबो की शादी हो गई और आज वो दो बच्चों की माँ हैं। बेबो और उसके परिवार से हर साल दो या तीन बार मुलाकात जरुर होती है। फोन पर तो अकसर बात होती रहती है। लेकिन हम भूल कर भी अपने पुराने सैक्स के बारे में बात नहीं करते है। बेबो की शादी के बाद हमने मौका मिलने पर भी कभी सैक्स नहीं किया और शायद यही वजह है कि हमारे दिल में एक दूसरे के लिये प्यार आज भी है। सच्चा प्यार मरता नहीं है!

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी साली की चूत चुदाई कहानी! मुझे मेल करना मत भूलना! Antarvasna

हाय मेरा नाम अरबाज है, मेरी उम्र 27 साल है में एक इंजिनियर हु मेरे लन्ड का साइज औसत 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है , ये मेरी ओर मेरे कजिन सिस्टर जस्मीन दीदी की चूत चुदाई की सच्ची कहानी है कैसे मैने उसको चोदा इस कहानी को पढ़के जानिए मे antarwasna. story.com का पुराना रीडर हु, मुझे जादा तर फैमिली सेक्स स्टोरी पसंद है, कहानी पड़ते हुवे में हमेशा सोचता था काश मुझे भी मौका मिले , एकदिन मेरी ये तमन्ना पुरी हो गई मैने अपनी फैमिली में सेक्स का मजा लिया अपने कजिन सिस्टर जस्मीन दीदी को चोदकर, कैसे मैने मेरी रण्डी जस्मीन दीदी को चोदा और उसको अपने लन्ड की गुलाम बनाया इस कहानी में डिटेल में बताया हु , मेरी एक सबको सजेशन हे अपने घर की बहनों को बाहर का कोई चोदे उसके पहले ही चोदो बहुत मजा आता हे जब अपनी बहने अपने भाई का लन्ड लेती हे चूत में तब , चलिए कहानी शुरू करने से पहले सब लड़के अपने लन्ड को बाहर निकाल के मूठ मारने ओर सब लड़कियां चूत में उंगलियों करने तैयार हो जाए आपको सबमें पहले मेरी रण्डी जस्मीन के बारे में बताता हु, ओ मेरी कजिन सिस्टर हे जस्मीन जो मुझसे काफी बड़ी हे उसकी शादी हो गई हे ,उसकी उम्र 36 साल की हे वह दो बच्चों की मां हैं ,वह जादा गोरी नहीं ना जादा काली हे दिखने में ठीक हे उसका फिगर साइज बहुत सेक्सी हे, 34 के सेक्सी बूब्स 32 की कमर ओर गान्ड तो 36 की इतनी मस्त हे कि देखते ही बुड्ढे का भी लन्ड खड़ा करदे , तो चलिए अब जादा बोर ना करते हुवे कहानी शुरू करते हे, कैसे मैने अपनी सेक्सी रण्डी जस्मीन दीदी की चूत चोदी ओ भी पूरे रात भर जैसे कि मैने बताया मेरी अभी अभी शादी होई शादी की अब तैयारी चालू थी ,सब रिश्तेदार को इनवाइट किया गया किस्मतसे सबमें पहले मेरी रण्डी जस्मीन ही सबसे पहले आ गई घर, शादी को अभी एक हफ्ता था ओ आई पहले दिन सब नॉर्मल था सब तैयारी ही चालू थी, आपको बताना भूल गया में बचपन से जस्मीन के साथ रहा था, तो मुझे उससे लगाव था, बढ़ती उम्र में सेक्स कहानियां पढ़ते हुवे में जादा तर जस्मीन को ही याद करके अपना लन्ड हिलाता था जबसे ओ आई थी तबसे में बस मौका ढूंढता था कब इसको नंगी देखने मिलेगा कब चोदने मिलेगा कब मेरे नीचे आएगी चूत चोदने बट डरता था तो कुछ किया नहीं बस उसको ताड़ने का मौका नहीं छोड़ता था, जब ओ झाड़ू लगाती थी उसके बूब्स जब ओ झुककर कोई काम करती थी तो उसकी गोल मटर गान्ड देखता था तो मेरा लन्ड अपने आप खड़ा होता था, में किसी न किसी बहानेसे उसकी गान्ड को टच करता उसको लन्ड रगड़ा करता ओ भी कुछ बोलती नहीं थी, में रोज दिन में कई बार उसको सोचकर हिलाता ओर पानी गिरता था जस्मीन दीदी ने भी नोटिस किया में उसकी गान्ड बूब्स को घूरता था ,उसको छुता लन्ड रगड़ता था, ऐसे ही दो तीन दिन निकल गए फिर ओर मेहमान आए तब भी में मौका नहीं छोड़ता था उसको देखने का छूने का फिर उसी रात सब मेहमान आने की वजहसे सोने की जगह कम गिरी में अकेला बेडरुम में सोता था, तो मेरी अम्मी ने जस्मीन दीदी को ओर उसके बच्चों को मेरे बेडरुम में सुलाया मेरी तो बिन मांगे मुराद पूरी हुई उस दिन सब सोए पहले जस्मीन दी उसके बाद उसके बच्चे उसके बाद में बट मुझे नींद ही नहीं आरी थी पास जस्मीन दी को देखे मेरी हालत खराब थी , उस रात उसने सलवार कमीज पहनी थी जो उसके जिस्म से पूरी चिपक गई थी ऐसे देखे मेरे लन्ड ने हलचल मची में जस्मीन दी को देखे बेकाबू हुआ और अपना लन्ड पजामे से निकल कर हिलाने लगा बट डर के मारे में ओर कुछ करने की नहीं सोची उस रात मैने उसको पास में देखे खूब जोर जोर से मूठ मारी मेरा बहुत पानी निकला मेरी कब आंख लग गई पता ही नहीं चला, दूसरे दिन सुबह में उठा जब जस्मीन दीदी किचन में काम कर रही थी, में उधर गया तो ओ बस सेक्सी स्माइल की तो में पूछा रात में नींद कैसे आई आपको तो मुझे बोली मुझे तो आई तुझे रात भर नींद नहीं आई होगी मेरे होते हुवे ,में बोला नहीं ऐसे कुछ भी नहीं तो बोली में जानती हु तू रातभर सोया नहीं मुझे ही देखते बैठा था और अपना लन्ड हिलारा था दो बार पानी निकाला ऐसे मत हिलाते जा कमजोर हो जाएगा शादी के पहले ही ओर हंसने लगी, मैने भी मौका देखकर जस्मीन दीदी को कहा तो क्या करु तुमको देखकर काबू नहीं रहा लन्ड पे ,तो ओ मुस्कान के साथ बोली इतना बेकाबू हुआ था तो डाल ही देता अंदर ओर भर देता अपने पनिसे मेरी चूत को, में बोला आप सबको बता ना दे इसलिए हिम्मत नहीं होई तो ओ पास आकर मेरे लन्ड को पैन्ट के ऊपर से मसलते हुवे बोली बेचारा हिम्मत करता तो जन्नत का सुख मिलता, ओर बाहर जाने लगी तो मैने उसको पीछे से पकड़ा और लन्ड गान्ड पे रगड़ते हुवे बूब्स को दबाया और कहा आज रेड्डी रहना आज हिम्मत करके दिखाऊंगा आपकी ये चूत में मेरा लन्ड डालकर आपको मेरी रण्डी बनाऊंगा, तो मेरी जस्मीन दी बोली में तो कबसे तैयार हु चुदाने बहुत आग लगी हे चूत में आज देखती हु कितना चोदता है तू ओर तेरा ये लन्ड, ओर पीछे मुड़के मेरे पेंट में अंदर हाथ डाल दिया और जोरसे मेरे लन्ड को पकड़ा मेरे मुझे आह आह की आवाज निकली तो वैसे ही पकड़े हुवे मुझे बोली तेरा लन्ड तो बहुत दमदार हे आज तो मजा आयेगा ओर मुझे एक होटों पे चुम्मी देते हुवे दूसरे रूम में गई , मेरा तो दिन भर बुरा हालता लन्ड बैठनेका नाम नहीं लेरा था, फिर रात में जस्मीन दीदी सोने आई उसके बच्चे आज एक कोने में सुलाई ओर मेरे पास आई में कम्बल में लेता था ,ओ आके मुझे किस करने लगी आह अरबाज आज पूरी रात तेरी रण्डी बनके चुदाऊंगी फिर में भी जोर जोर से उसके होंठ चूसने शुरू किया जस्मीन दीदी पागलों की तरह मुझे किस करने लगी , उसके बाद मैने उसके कपड़ो के ऊपरी हिस्से से बूब्स को जोर जोर से दबाना शुरू किया जस्मीन की सिसकारियां बढ़ती गई ओ बोलने लगी आह आह ऐसे ही रगड़ आह अरबाज आह ऐसे ही जोर जोर से दबा आज रण्डी दीदी का दूध निकाल आह अह्ह्हं करके सिस्कारिया निकालने लगी , उसके बाद मैने उसका कुर्ता उतारा अह्ह्हं पिंक ब्रा में जस्मिन के दूध एकदम मस्त लगरे थे, में ब्रा के उपरसे दुध चुसने लगा जस्मिन दीदी सिस्कारिया लेने लगी मेरा मु को पकडके अपने बुब्स पे जोर से दबाने लगी फिर में उसके बुब्स को दबाते हुवे उसे किस्स करने लगा उसके बाद गर्दन पे किस्स किया जस्मिन दीदी पुरी रान्ड के तरह मुझसे लिपट गई मुझे नीचे किया और मेरे शर्ट के बटन खोलने लगी उसके बाद मेरे सिने पे गर्दन पे अपने होठों से चूमने लगी गर्दन सीने से होते हुवे ओ नीचे गई मेरी पेंट के ऊपरसे लन्ड पे जीभ चलाने लगी फिर एकदम से मेरी पेंट नीचे की उसके बाद अंडरवीयर को अपने होठों में पकड़ा और नीचे खींचा जैसे ही अंडरवीयर नीचे आई लन्ड एकदम से उसके मु पे लगा आह क्या नजारा था मेरा लन्ड एकदम टाइट हुआ था उसके नीचे जस्मीन दीदी का चेहरा,,, जस्मीन दीदी ने मेरा लन्ड को होठों से अपने मु में पकड़ा और गप्प से मु में लिया ओर जोर जोर से चूसना चालू किया मेरा लन्ड उसके मु में पूरा नहीं जारा था फिर भी ओ पूरा गले तक ले लेकर चूस रही थी फिर मु से बाहर निकालकर जस्मीन दीदी मेरे पास देखते हुवे बोली आह अरबाज पहले पता होता इतना कड़क ओर मोटा लन्ड हे तेरा अबतक में कितने बार तेरे से चूद गई होती में बोला जस्मीन दीदी आज तेरी चूत को इतना चोदूंगा कि रण्डी की सुबह तुझे चलने दिक्कत होगी मेरी रण्डी दीदी तुझे तो चोद चोद के मेरी रण्डी बनाऊंगा और तेरी ये मोटी गांड़ को इतने बेहरमनीसे मारूंगा कि तुझे सुबह हांगने टाइम भी मेरी याद आयेगी इतना चोदूंगा आज मेरी प्यारी रण्डी जस्मीन दीदी इसके बाद कैसे मैने पूरी रात अपने रण्डी जस्मीन दीदी को चोदा उसकी गान्ड मारी ये आपको अगले कहानी में बताऊंगा जबतक सब इंतजार करो आपका अपना अरबाज कहानी कैसी लगी comment करके जरूर बताना
मेरे फैमिली मे मम्मी पापा मैं   और एक  भाई है।मेरी उम्र 13 साल है भाई की उम्र 15 साल । भाई बाहर होस्टल में पढ़ता है ।पापा लगभग 45 साल के है । मेरी मम्मी 36-37 की एक कसे हुए बदन की औरत है । मम्मी की हाइट साढ़े पांच फुट के आसपास है सांवला रंग गोल भरा हुआ चेहरा। मम्मी के कसे हुए तने चट्टान जैसे 36 साइज के बड़े-बड़े मम्मे   टाइट ब्रा और ब्लाउज  में हमेशा खड़े रहते हैं । मम्मी के बड़े खरबूजे जैसी छातियां गोल है और दोनों छातियों के बीच  बड़ी गहरी खाई है जिसमें  ब्लाउज  में  धंसे  मम्मे अलग ही दिखाई  देते हैं ।32 साइज की पतली और चिकनी कमर पर नाभी कमल के फूल की तरह नाभि चौड़े कूल्हे है और 36 साइज के पुष्ट नितम्ब। मम्मी कूल्हे के नीचे टाइट साड़ी पहनती हैं तो मम्मी के गुदांज नितम्ब और उभर आते हैं । मम्मी के चेहरे पर भरपूर नमक है जिसके कारण उनका सेक्सी बदन चमकता रहता है बिना मेकअप के भी मादकता चेहरे पर झलकती है। मम्मी 24-25  साल की कड़क माल लगती है इस उम्र में भी । मोहल्ले के जवान से लेकर बुड्ढ़े तक मम्मी की जवानी का आते जाते रसपान करने की फिराक में रहते हैं। मेरे पापा सरकारी नौकर है चार पांच महीने पहले पापा को सस्पेंड कर दिया । जिसकी वजह से घर में परेशानी थी । हमारा घर  एक गली मे था ।गली मे दोनो तरफ मकान थे। उस गली मे भी एक गली थी जिस्मे 2 मकान थे जिसमें 1 हमारा घर  और 1 दुसरे का था। जिस्मे एक 30-32 साल का एक लड़का  कमल  रहता था।कमल भैया देखने में हैंडसम और अच्छी कद-काठी के मर्द थे ।कमल भैया  के परिवार में कोई नहीं था वो अकेले रहते थे ।दो तीन साल पहले उनके मां बाप की डेथ हो गई ।कमल भैया की शादी भी नहीं हुई थी ।बो मम्मी पापा को चाचा चाची कहते।।कमल भैया से हमारे  घर जेसे संबंध थे।  नौकरी छुटने की बजह से मेरे पापा बड़े परेशान थे। घर पर पैसों की तंगी हो गई थी ।पापा ने कई यार दोस्तों से कर्जा लिया था।कमल भैया ने हमारी बड़ी मदद की थी। पापा और मम्मी  दोनों ही उनका बहुत अहसास मानते थे ।बुरे वक्त में कमल भैया हमारे साथ खड़े रहे ।कमल भैया पापा और मेरे स्कूल जाने के बाद भी घर आ जाते थे और  मम्मी से बाते करते थे। क्युकी मम्मी को बो चाची कहते थे तो उन पर किसी को कोई ऐसी  शक बाली बात भी नही था। कुछ दिन पहले पापा वापस बहाल हो गए और आर्थिक तंगी भी लगभग खत्म हो गई।कमल भैया अभी भी लगातार घर आते जाते रहते थे। मम्मी धीरे-धीरे कमल की तरफ आकर्षित होने लगी थी अब फोन पर भी पापा के नाम होने पर कमल से बात कर लेती थी ।कमल भैया भी मौका देखकर घर आ जाते और मम्मी की गर्म जवानी को आंखों से ताड़ते रहते थे । मम्मी भी समझ गई थी कि कमल उन्हें  चाहता है ।जब आदमी समस्या में होता है तब केवल उसे सुलझाने में लगा रहता है और जब कोई समस्या नहीं होती जीवन में  तो उसकी कामवासना भी जोर मारने लगती है । पापा की सेक्स की प्रति बेरुखी से भी मम्मी की  परेशान  थी पेट की भूख के साथ शरीर की भूख बुझना भी जरूरी है । अंदर ही अंदर  मम्मी का काम ज्वार उफन रहा था  । एक दिन  जब पापा किसी काम से शहर से बाहर गए हुए थे और केवल मैं और मम्मी ही घर पर थे। दोपहर का समय था ।  मैं उस समय हल्की नींद मे सोई थी।मेने देखा की मम्मी ने हल्का सा मेकअप किया हुआ था । गुंदाज नितम्बों  पर कसी गहरी लाल साड़ी   टाइट ब्लैक  ब्लाउज में खड़ी हुई सुडौल चूंचियां कमर तक नीचे पोनी टेल में कसे बाल  सुराहीदार गर्दन उफ्फ किसी भी मर्द को घायल करने के लिए काफी है । मम्मी बहुत सुंदर दिख रही थी। मम्मी ने हल्के से दरवाजा बंद किया  जिससे  आवाज ना हो और चली गई। पहले भी मम्मी काम से ऐसे ही दरवाजा बंद कर मुझे अकेला छोड़ जाती थी । गली के मोड़ पर कमल भैया खड़े थे और उनके मकान का गेट खुला था। मम्मी चुपचुप उनके गेट मे घुसकर उनके घर मे चली गई। कमल भैया ने इधर उधर देखा और  घर में घुस गए और गेट को अंदर से लॉक कर लिया ।मम्मी चुपचाप अंदर बिस्तर पर गर्दन झुकाये बेठी थी। उनकी सांस तेज चल रही थी जिसकी बजह से मम्मी के बड़े-बड़े  कठोर मम्मे  बड़े मादक तरीके से उपर नीचे हो रही थे । चेहरे पर घबराहट की बजह से पसीना आया हुआ था। साड़ी ब्लाउज मे बेठी मम्मी को देख कर कमल भैया ने स्माइल की। और पास आकर खड़े हो गये। मम्मी बहुत शर्मा रही थी। कमल भैया ने मम्मी के चेहरे को दोनो हाथो से पकड़ कर उपर किया। शर्म के मारे मम्मी का चेहरा लाल हो रहा था। कमल ने मम्मी के गाल पर किस किया और मम्मी से सटकर बैठ गया ।कमल भैया ने मम्मी की चिकनी कमर में हाथ डाल अपनी तरफ खींच लिया । मम्मी के कठोर मम्मे कमल के सीने में धंस गए ।कमल ने  अपने होंठ मम्मी के लरजते होंठों से चिपका दिए।। कमल ने मम्मी के होंठो को चूसना शुरू कर दिया। मम्मी ने भी अपने बाहों का हार कमल के गले में डाल दिया।कमल के होंठ मम्मी के होंठो के रस को पिये जा रहे थे। कमल मम्मी की रसीली जीभ को चूस रहा था ।कमल के हाथ  मम्मी के  गोल चुनचुनो पर  रेंगने लगे।कमल मम्मी के कठोर नारयिलों को हल्के हल्के दबा रहा था।  मम्मी हल्की हल्की सिसकारिया मार थी। लगातार होंठ चूसने की बजह से उनके होंठ लाल हो गये थे शायद कमल ने मम्मी के होंठो को काट लिया था। अब कमल भैया ने मम्मी को बेड पर लिटा दिया और अपनी  कमीज़ बनियान उतार कर मम्मी के उपर आ गया और मम्मी के रसीले होंठों को चूसने लगा।कमल भैया ने मम्मी के मम्मों को थाम रखा था और दोनो हाथो से उनकी हल्के हल्के उनकी मिसाई कर रहे  थे । मम्मी उत्तेजक सिसकारियां भर रही थी । आहहह आऊ। मम्मी बड़ी बेचैन हो रही थी। अब कमल ने मम्मी के ब्लाउज के बटन खोलने शुरू किये । मम्मी के ब्लैक ब्रा मे कसे  हुए  मम्मों  को देख कमल पागल हो गया ।कमल भैया ने मम्मी का टाइट ब्लाउज़  उतार दिया और  ब्रा के उपर से मम्मी के खरबूजों को मुंह में भरकर चूसने लगे । कमल ने मम्मी को पलटकर अपने से चिपका लिया । मम्मी की छातियां कमल के सीने में धंस गई  । दोनों की गर्म सांसें  निकल रही थी ।कमल फिर मम्मी के गुलाबी होंठों को चूसने लगा ।कमल ने अपने हाथ मम्मी के गुदाज नितंबों पर कस दिए और साड़ी के ऊपर से मम्मी के नितम्बों  को सहलाने लगा।कमल भैया  ने अपना हाथ मम्मी की साड़ी में सरका दिया और मम्मी की छोटी सी मुनिया को पेंटी के ऊपर से ही छेड़ने लगे । मम्मी आनंद भरी उत्तेजक सिसकारियां भरने लगी।  कमल भैया का पैंट में में कसा मोटा लन्ड मम्मी की मुनिया में धंसा जा रहा था ।कमल ने मम्मी को फिर  अपने ऊपर ले लिया और‌  उनके होंठों को चूसते हुए नितम्बों को सहलाने लगे। कमल एक हाथ से पेटीकोट के ऊपर से मम्मी की चूत को सहला रहा था। अब कमल भैया ने मम्मी का पेटिकोट उतार दिया । मम्मी की मांसल जांघें कटीदार नितम्ब टाइट लो वेस्ट पेंटी में उभरी मम्मी की चूत पानी छोड़ रही थी। कमल भैया मम्मी के अंगूठे से लेकर मम्मी की मांसल जांघों को चूमने लगे। कमल ने मम्मी के नितम्बों को उंचा कर भीगी पेंटी को निकाल फेंका। स्वर्ग का द्वार सामने थे । मम्मी की मुनिया के होंठ फड़फड़ा रहे थे । बाल रहित गुलाबी चूत पर कमल भैया ने एक चुंबन जड़ दिया। मम्मी की सिसकारी निकल गई।आह कमल भैया ने अपनी जीभ चूत के छेद में डाल दी । मम्मी ने उत्तेजना में कमल भैया का सिर पकड़ लिया और अपनी  चूत पर रगड़ने लगी। लंबी चुसाई से मम्मी आहें भर रही थी ।  कमल भैया मम्मी के  उपर चढ़ कर उनकी  कठोर चूचियों को मसलने लगे । मम्मी के  निपल कमल की मिसाई  से सुर्ख लाल हो चुके थे और अब कमल उत्तेजना  में मम्मी के पपीतों को ब्रा के उपर से  ही बेदर्दी से रगड़ रहा था। मम्मी के मुँह से दर्द भरी सिसकरिया निकल रही थी। एक बात थी कि दोनो मे कोई बात नही हुई थी। बस जैसे आंखों से एक दूसरे से बातें कर रहे थे कमल ने मम्मी  की चूत के दरवाजे को खुरेदते हुए चूत में एक उंगली डाली मम्मी  उछल पड़ी । उईईई मम्मी की चूत बहुत टाइट थी जिसमें कमल भैया की ऊंगली कसी कसी जा रही थी।दो  बच्चो की मां होने के बाबजूद मम्मी की चूत और  और छातियां गजब टाइट थी। मम्मी का पूरा बदन ही सुडौल और कसा हुआ था ।जिसकी बजह से कमल को ज्यादा मजा आ रहा था जेसे किसी कुवारी लड़की को चोदने जा रहा हो।कमल ने अभी पेंट नही उतारी थी। उसका लंड पेंट मे बेचैन हो रहा था। अब कमल ने पेंट  उतारनी शुरू की। अंडरवियर  में कुतुबमीनार की तरह खड़ा लन्ड अंडरवियर फाड़कर बाहर आने को आतुर था ।अंडरवियर उतराते ही कमल का  8 लंबा और मोटा  लन्ड हवा में फुंकारने लगा ।  लम्बे तगड़े  लंड को देख कर मम्मी ने  शर्म से अपनी  आंखें बंद कर ली। कमल ये देख कर मुस्कराया और बोला शीला मेरी जान आंखें खोलों ।  मम्मी ने लरजते हुए अपनी आंखें खोल दी । कमल भैया का लन्ड उत्तेजना  में ऊपर नीचे होकर मम्मी को सलामी दे रहा था ।कमल मम्मी के उपर आ गया।कमल का लंड मम्मी की चूत को टच कर रहा था। कमल दुबारा मम्मी के  आम रस चूसने लगा । कमल के हाथ और होंठ दोनो ही अपना कमल दिखा रहे थे। मम्मी के मुंह से सेक्सी सिसकरिया पुरे माहोल मे उत्तेजना भर रही थी।    कमल भैया ने मम्मी का सिर पकड़ अपने सुपाड़े पर रख दिया और मम्मी को चुसने को कहा । मम्मी ने अपने नाज़ुक होंठ कमल भैया के सुपाड़े पर चिपका दिए और हल्के हल्के चूसने लगी ।कमल भैया आनंद विभोर हो गए। थोड़ी देर की लन्ड चुसाई के बाद कमल भैया ने मम्मी को अपने नीचे ले लिया और मम्मी की ब्रा उतार दी । मम्मी के लकी कबूतर हवा में उड़ने लगे जिन्हें कमल भैया ने फौरन थाम लिया। कमल भैया मम्मी के गुलाबी निप्पलों को अंगूठे से मसल रहे थे ।कमल ने मम्मी के रसीले आमों को मुंह में भर लिया और बारी बारी से उनका रस चूसने लगा। कमल की चुसाई से मम्मी के निप्पल लाल हो गए ।  कमल के हाथ और होंठ दोनो ही अपना कमाल दिखा रहे थे। मम्मी के मुंह से सेक्सी सिसकरिया पुरे माहोल मे उत्तेजना भर रही थी। मम्मी कमल के फौलादी लौड़े को अपने नाज़ुक हाथों से सहला रही थी । उत्तेजना में कमल का लन्ड और लंबा मोटा हो गया जो मम्मी के हाथों में मुश्किल से समा रहा था।कमल का लौड़ा सांप की तरह फुंकारने लगा।अब कमल बेकाबू हो चुका था। कमल ने मम्मी को अपनी गोद में खींच कर चिपका लिया और मम्मी की गुलाबी पंखड़ियों को मुंह में भर लिया। मम्मी को कमल ने इतना कसकर बांहों में समेट रखा था जैसे दो बदन एक जान हो ।कमल का लन्ड मम्मी के गुदाज नितंबों के नीचे दबा अंगड़ाई ले रहा था और मम्मी की चूत में घुसने को बेताब था।मम्मी ने कमल के चौड़े सीने पर चुंबनों की बारिश कर दी । अब दोनों से बर्दाश्त से बाहर था मम्मी और कमल भैया फुल उत्तेजना में थे और अब दोनों शरीरों के मिलन का समय था। कमल ने मम्मी को बिस्तर पर सीधा लिटा । मम्मी की  मस्त चूचियां हवा में सीधे खड़ी थी ।नाभि कमल दमक रहा था ।पतली कमर चौड़े कूल्हे केलई जांघें जैसे बिस्तर पर खुद बिपाशा बसु लेटी हो। कमल ने मम्मी पर चढ़ कर मम्मी की दोनों छातियों को थाम लिया और अपना सुपाड़ा मम्मी की गहरी छातियों में सरका दिया। मम्मी के लिए ये नया अनुभव था । मम्मी की छातियों को भींचे भींचे कमल अपना लन्ड अन्दर बाहर कर रहा था। मम्मी सेक्सी आंहे भर रही थी। मम्मी ने कमल का सिर पकड़ अपने होंठों से चिपका दिए। मम्मी की चूत तपने लगी और कमल का लन्ड भी सुरख अंगारा हो रहा थी ।कमल ने मम्मी की गांड के नीचे तकिया लगा दिया । मम्मी की चुत उभर आई। चूत की दोनों खांपो की बीच लाल छेद कमल के लन्ड को आमंत्रण दे रहा था । अब कमल ने अपने लंड को मम्मी की चूत पर रगड़ना शुरु कर दिया और हल्के से चूत के मुंह पर ठोकर मारी । मम्मी गनगना उठी । आहहह आहहह कमल ने लंड को एक झटके से मम्मी की चूत में घुसेड दिया। मम्मी की चीख निकल गई।कमल ने मम्मी के रसभरे होंठों को अपने होंठों में कस लिया। मम्मी की चीख मुंह में दब गई। कमल हल्के हल्के धक्के मारकर मम्मी के चूत के दरवाजे को खोलने लगा।मम्मी दर्द से सिसयाने लगी जेसे कोई कुवारी लड़की पहली बार चुद रही हो। कमल ने  मम्मी के सुडौल पपीतों को मुंह मे भर लिया। कुछ देर में मम्मी का  दर्द कम हुआ  और उन्हें मजा आने  लगा।उतेजना मे मम्मी तड़प रही थी। कमल ने एक जोरदार झटके से अपना लंड मम्मी की चूत  मे पूरा  घुसेड़ दिया। मम्मी की मुंह से हल्की चीख निकल गई। लन्ड चूत की जड़ तक घुस गया।कमल ने फोरन उनके होंठो को अपने मुंह मे भर लिया ।अब कमल फूल स्पीड मे धक्के मार रहा था। मम्मी भी दर्द को भूल कर मजे मे आह्ह्ह उहहा करने लगी । पूरा माहौल मे मम्मी की मादक सिसकरिया गूंज रही थी। कमल धक्के पर धक्के लगा रहा। मम्मी बेहाल थी। तभी कमल ने अपना लंड निकल कर मम्मी को उल्टा कर दिया और मम्मी को घोड़ी  बना  मम्मी के  पीछे से उन पर चढ़ गया और मम्मी की चूत में लन्ड डाल जोर जोर धक्के मारने लगा। मम्मी की टाइट चुंचियो को दोनो हाथो मे पकड़ कमल मसल रहा था। मम्मी बेहाल हो रही थी ।बस बस अब नहीं प्लीज़  हौले हौले करो दर्द हो रहा है प्लीज़ आहहह नहीं न नहीं न ।मम्मी धीरे-धीरे पस्त पड़ रही  थी लेकिन कमल का लंड अभी भी पूर्ण उतेजना मे था।शायद उसने कोई मेडिसिन खाई थी। कमल‌ ने मम्मी को गोदी में ले अपने से सीधा चिपका लिया। मम्मी  की चट्टान जैसी छातियां कमल के सीने में धंस गई ।कमल ने  बिना देर किए अपने लन्ड पर मम्मी के नितम्बों को दबा कर लन्ड चूत में धकेल दिया । मम्मी की कराह निकल गई ।आआ मैं मर गई आहहह। कमल मम्मी के गोल नितम्बों को थाम उपर नीचे करने लगा ।  आहहह आहहह  उफ्फ आहहह उफ्फ मम्मी खुद ही कमल की गोद में ऊपर नीचे होकर धक्के मारने लगी ।कमल का लन्ड मम्मी की चूत की जड़ तक जा रहा था ।सडडड सडडड कमल ने मम्मी के पपीतों को मुंह में भर लिया। दो जिस्म एक जान हो गए।बस करो न ।एक घंटे की घनघोर  नॉन स्टॉप चुदाई के बाद कमल ने हिचली ली और अपना वीर्य मम्मी की चूत मे छोड़ दिया। मम्मी निढाल हो बिस्तर पर लुढ़क गई। कमल भी उन पर पसर गया। कमल ने मम्मी को बांहों मे भर लिया और उनके होंठो को धीरे-धीरे चूसने लगा। इतनी लम्बी चुदाई के बाद मम्मी को थोड़ी राहत मिली। दोनों एक दूसरे की बांहों में चिपके पड़े थे । थोड़ी देर बाद मम्मी  ने कपड़े पहने और बाल चेहरा सही किया  । कमल ने भी कपड़े पहन लिये पर बो मम्मी को छोड़ नही रहा था और उपर से चुंचियो को दवा रहा था। शायद उसका मन नही भरा था।  सेक्स की प्यास ही ऐसी है। मम्मी ने उसे मना किया।  लेकिन कमल ने मम्मी को खींच कर गोदी में बैठा लिया । और मम्मी को दबाने लगा। शीला आज रात को यहां ही रूक जाना चाचा तो कल आयेंगे मेरी बात हुई थी उनसे । आज सुहागरात भी मना लें । मम्मी ने शर्माते हुए कमल के होंठों पर किस किया । मम्मी  रूबी घर पर अकेली है रात में आना नहीं हो सकता है ।कमल तो मैं आ जाऊंगा मेरी जान।रुबी का इंतजाम है मेरे पास खाने के बाद उसे नींद की गोली खिला देना वो सुबह ही उठेगी । मम्मी ने मुस्कुरा कर कमल की छाती  चूम ली मामला सेट था।कमल ने जोश में मम्मी के होंठों को चूम लिया ।शीला आज रात हमारी सुहागरात है तो दुल्हन की तरह तैयार रहना मेरी  रानी आज पूरी रात तुझे कसकर मसलूंगा  सालों  से तेरा आशिक  हूं लेकिन तुमने भाव ही नहीं दिया। बड़ी  मुश्किल से तुम हाथ लगी हो अब छोडुंगा नहीं । मम्मी ने सेक्सी अंदाज में कहा ठीक है ।कमल कहो ठीक है मेरे राजा। मम्मी  शरमा कर कर बोली जी मेरे राजा और अपना मुखड़ा कमल की छाती में छुपा लिया। मम्मी गोद से उठी और चलने लगी  कमल ने गेट खोला और इधर उधर देखर लाइन क्लीयर होने पर मम्मी को बाहर आने का इशारा किया। मम्मी बाहर आ गई और दरवाजा खोल कर घर मे घुस गई। रात को बारह बजे कमल चुपके से घर आ गया । मम्मी लाल जोड़े में नवेली दुल्हन की तैयार थी ।कमल  रात 11 बजे हमारे घर आया और कमल ने घुसते ही मम्मी को दबोच गोद में उठा लिया और चूमते हुए बेडरूम में  ले आ । सेक्स का भयंकर तूफान रात भर चला । मम्मी का अंग अंग कमल की चुदाई से खिल उठा।  कमल ने मौका मिलने पर मम्मी को खूब चोदा यहा तक की एक बार मेरे सामने ही ये समझ कर की ये बच्ची है इसे कुछ नही पता  मम्मी को दबोचकर कमरे मे घुस कर चुदाई की। पापा और मेरे  जाने के बाद कमल अब  मम्मी की खूब चुदाई करता है । मम्मी पर हर वक्त मादकता छाई रहती है ।

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