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Massage Girl in Guna: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Guna who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Guna that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Guna massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Guna who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Guna massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Guna massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Guna who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Guna employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Guna helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Guna

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Guna at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Sex Stories

मेरा नाम रेखा है और मैं दिल्ली में रहती Sex Stories हूं अपने पति अनिल के साथ। मेरी कहानी बहुत ही अजीब है पर है सच्ची।

बात तीन साल पहले की है, तब मैं अट्ठारह साल की थी। मैंने बंगलौर में स्नातिकी की शिक्षा लेना बस शुरू ही किया था। मेरे ताऊ का एक लड़का था जिसका नाम अनिल है। वैसे मेरे खानदान में पापा तीन भाई हैं और अगली पीढ़ी में मैं सबसे छोटी हूं।

हम कुल आठ भाई बहिन हैं और अनिल भइया दूसरे नम्बर पर और मैं आखरी। मेरा कद 5’2′ है और काफी खूबसूरत भी और शायद मैं वाकई में हूँ भी।

वैसे मेरी दो कजन बहनें भी काफी खूबसूरत हैं। पर मैं अपनी ही धुन में रहती थी। मेरा फिगर 34 -24 -34 है।

हम भाई बहिन आपस में काफी घुले मिले हैं इसलिए अक्सर चुहल बजी चलती थी। कभी कभी तो ये भी आपस में बातें होती थी कि यार तुम आजकल बहुत सेक्सी हो गई हो या हो गए हो।

अनिल भइया करीब 25 साल के थे उस वक्त। उनकी हाईट काफी थी 5’10′ और उनका व्यक्तित्व भी काफी अच्छा था।
कभी कभी लगता कि वो मुझे या मेरी एक और कजन के बदन को निहारते हैं, पर मैंने कभी उतना ध्यान नहीं दिया।
वैसे मुझे वो अच्छे तो लगते थे पर मैंने उस तरह कभी सोचा नहीं।

भैया दिल्ली में नौकरी करते थे और उनका टूर लगता रहता था।
एक बार उनका टूर बंगलौर का लगा और वो मुझसे मिलने मेरे कालेज़ आ गए।
मैं भी खुश हो गई कि चलो कोई घर से मुझसे मिलने आया तो.

वो मेरे हॉस्टल आ गए और हम दोनों गले मिले प्यार से और उन्होंने मुझे गाल पर एक हलकी सी पप्पी दी तो मेरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई. मुझे अच्छा लगा पर दूसरे सेंस में नहीं. वो मेरे दोस्तों से मिले और ये कह कर चले गए कि शाम को आऊँगा मिलने. मैं भी खुश थी कि भइया आए तो सही.

भइया शाम को 5 बजे आ गए और कहा कि चलो 3-4 दिन मेरे साथ रहो कंपनी के होटल में और घूमना मजे करना।

मैं भी चहक उठी और वैसे भी उन दिनों छुट्टियाँ थी 5 -6 दिनों की तो मैं तैयार हो गई और 1-2 ड्रेस ले कर जैसे ही चलने लगी तो उन्होंने कहा कि मैं खरीद दूँगा तो मैं और खुशी से झूम उठी. हम दोनों उनके ऑफिस की कार से उनके होटल में गए.

हम लोगों ने कुछ खाया पिया और घूमने चले गए और रात में 9 बजे के करीब होटल लौटे. मैं काफी थक गई थी इसलिए बिस्तर पर आ कर धम से पसर गई.
मैंने उस वक्त टाइट जींस और टॉप पहना हुआ था और इस वजह से मेरे टाइट हाफ सर्कल बूब्स तने हुए थे. वैसे भी मेरे बूब्स काफी टाइट थे.

भइया आए और सीधे बाथरूम में घुस गए और फिर निकल कर आते ही मेरे बगल में वो भी धम से लेट गए।

5 मिनट बाद भइया ने मेरी तरफ़ करवट ली और बोले ‘क्या बात है बहुत सेक्सी और सुंदर लग रही हो,’ और ये कहते हुए उन्होंने मेरे माथे पर किस किया और उनका एक हाथ ठीक मेरी नाभि के ऊपर था.

मैं भी मुस्कुरा दी. मैंने अभी तक भइया को कभी उस तरह से नहीं देखा था.

मैंने कहा,’यह तो सब बोलते रहते हैं।’

उन्होंने कहा ‘अरे सच्ची! वाकई में तुम बहुत कमाल की लग रही हो।’

मैं शरमाते हुए भइया से लिपट गई. भइया ने मुझे तब अपनी बाँहों में भर लिया और अपने सीने से चिपका लिया. उस वक्त मेरे बूब्स भिंचे हुए थे.

मेरे पूरे बदन में सिहरन दौड़ गई जब भइया ने प्यार से भींच कर मेरी गर्दन पर किस किया. फिर मैं उठ कर बाथरूम में चली गई नहाने. पर नहाने के बीच में याद आया कि मैंने नाईटी नहीं ली है तो मैंने भइया को आवाज़ दी कि भइया कोई दूसरा तौलिया दे दीजिये.

बाथरूम में शटर लगा हुआ था शावर केबिन में और कोई लाक नहीं था। बस अलग अलग केबिन थे, इसलिए भैया अन्दर आ गए।

मैंने शटर ज़रा सा सरका कर तौलिया ले लिया।
मैंने ध्यान नहीं दिया पर शायद वो भी तौलिया लपेटे थे क्योंकि उन्होंने भी नहाना था। वो शीशे के सामने अपना चेहरा धोने लगे।

मैं शटर से जैसे ही बाहर निकली और वो जैसे ही मुड़े तो हम दोनों टकरा गए और मेरा तौलिया खुल गया।
मैं घबरा गई और तुरन्त अपने दोनों हाथ अपने स्तनों पर रख लिए क्योंकि अब मैं पूरी तरह से नंगी थी।
मेरा योनि-क्षेत्र पूरी तरह से बाल- रहित किया हुआ था।

भैया ने मुझ पर ऊपर से नीचे तक नज़र डाली, उनके तौलिये के अन्दर भी कुछ उभार सा आ रहा था, पर उस वक्त मैं समझ नहीं पाई. मेरी आंखों में आँसू थे।

भैया ने तुरन्त तौलिया उठाया। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझने क मौका ही नहीं मिला।

मैं भी सन्न चुपचाप सर झुकाए खड़ी थी। भैया ने तौलिया मेरे कन्धे पर डाला और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैं भी उनसे चिपक गई और रोने लगी।

मैंने यह भी ध्यान नहीं दिया कि मैं अभी भी नंगी हूँ। मेरे बूब्स उनके सीने से चिपके हुए थे। उनका भी शायद तौलिया खुल चुका था और उनका औज़ार यानि लिंग करीब 8-9′ लम्बा और 2′ मोटा मेरी कुँवारी योनि पर टिका हुआ था।
पर उस वक्त मेरा इन सब बातों पर ध्यान ही नहीं गया।

भैया मुझे चुप कराते हुए बोले- अरे पगली मनु!(प्यार से वो मुझे मनु कहते हैं) सिर्फ़ मैं ही तो हूँ! क्या हुआ?’
ये कहते कहते उन्होंने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और कमरे में ले गये और बिजली बंद करके मद्धम रोशनी कर दी ताकि मेरी शर्म दूर हो जाए।

ये सब 3-4 मिनट में हो गया था। उन्होंने मुझे दीवार से सटा दिया और मेरे माथे को किस किया और कहा- चिन्ता मत करो।

मैंने उन्हें चिपका लिया और उन्होंने मुझे। उनका लम्बा मोटा लिंग मेरी कुँवारी योनि पर रगड़ खा रहा था पर इस बात पर काफ़ी देर बाद मेरा ध्यान गया।

भैया ने मेरे चेहरे को अपने हाथों में के कर होठों को किस किया तो मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई। मैंने कहा- भैया! यह सब ठीक नहीं है।

मैं यह कहना चाहती थी कि भैया मुझे होठों पर किस करने लगे। फ़िर रुक कर मेरे बालों को हटा कर मेरी गरदन पर किस किया तो मैं उनसे कस कर लिपट गई।
वो फ़िर मुझे बिस्तर पर ले गए और लिटा कर मेरे ऊपर लेट गए।

हम दोनों के नंगे बदन एक दूसरे से कस कर चिपके हुए थे और हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे।
वो मेरे होठों को और मेरी जीभ को चूस रहे थे, मैं अपने होश खोती जा रही थी।
उनका लण्ड मेरी अनचुदी चूत पर रगड़ खा रहा था जिससे मैं पागल हुई जा रही थी।

फ़िर भैया मेरी एक चूची को जोर से दबाने लगे और दूसरी के निप्पल को चूसने लगे जिससे मैं और पगला गई।
अचानक मैं ज़रा होश में आई तो कहा- भैया ये सब ठीक नहीं है, अगर किसी को पता चला तो मैं तो मर ही जाऊँगी।

वो बोले- मनु जान! क्या तुम मुझे ज़रा भी नहीं चाहती! मैं तुम्हारे लिए इतने दिनों से तड़प रहा था और आज तुम्हें पूरी तरह से अपना बनाना चाहता हूँ।

मैंने कहा- भैया…ऽऽऽ…!
और मेरे आगे कुछ कहने से पहले उन्होंने अपने होठों को मेरे होठों पर रखा, फ़िर कहा- आज से मैं भैया नहीं, तुम्हारा पति और जान हूँ, अगर ज़रा भी तुम्हारे दिल में मेरे लिए कोई जगह है तो बोलो।

मैंने कहा- मैं आपको चाह्ती तो हूँ पर…!

मेरे आगे बोलने से पहले उन्होंने मेरे होठों पर ऊँगली रख दी और कहा- बस हम आज से पति-पत्नी हैं और आज हमारी सुहागरात है।

मैंने कहा- लोग क्या कहेंगे?

उन्होंने कहा- मैं किसी की परवाह नहीं करता और अब हम तुम पति-पत्नी बन कर एक दूसरे को सुखी रखेंगे… मैं तुम्हें प्यार करता हूँ मनु जान!

मैंने कहा- मैं भी तुम्हें प्यार करती हूँ… भैया!

भैया कहते ही उन्होंने मुझे कहा- आज से मैं तुम्हारा भाई नहीं पति हूँ और अब तुम मुझे कुछ और कहा करो!
मैंने कहा- क्या!

वो बोले- कुछ भी … जैसे जान या कुछ भी!
मैंने कहा- ठीक है भैया.. ओह सोरी… जान… आई लव यू!

हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे से कस के चिपके हुए थे। भैया ने फ़िर मुझे किस किया और मेरी जांघों के बीच में आ गए।
मैंने अपनी टांगें उनके पैरों पर रख ली थी। उन्होंने अपने एक हाथ को मेरे सर के नीचे रख कर किस किया और दूसरे से मेरी अनचुदी कुँवारी चूत में उँगली की तो मेरे मुंह से सिसकारी सी निकली- आऽऽऽऽऽऽह!

भैया ने कहा- जान अपने पति के लण्ड को अपनी कुँवारी चूत पर रखना जरा!

मैंने कहा- क्या होगा जान …!
कहते हुए उनके लण्ड को अपनी चूत पर रखा।

हम दोनों अब एक दूसरे का साथ देने लगे थे। भैया पहले धीरे धीरे मेरे अन्दर अपना डालने लगे। मैं सिसकारी लेने लगी थी। एक इन्च जाते ही मुझे दर्द का अनुभव हुआ तो मैंने कहा- आऽऽऽऽह्ह्ह … अब बस … जान, अब बस भी करो, दर्द हो रहा है …!

वो बोले- चिन्ता मत करो, आज सब कुछ होगा … दर्द, मज़ा और हमारी सुहागरात … आऽऽह!
कहते हुए उन्होंने एक झटका दिया कस के

आऽ… अऽऽऽऽअऽ ह्ह्हहाऽ आऽऽऽ ऊईऽऽऽ माँ मर गई मैं! प्लीज़ भैया अब निकाल लो अब और दर्द नहीं सहा जा रहा है! मैं रोते हुए बोली।

उन्होंने कहा- भैया बोलोगी? यह कहते हुए एक और झटका मारा, लण्ड शायद 5′ अन्दर जा चुका था।
मैंने कहा- सोरी जान …. लेकिन बहुत दर्द हो रहा है!

वो बोले- जान चिन्ता मत कर, थोड़ी देर में सब सही हो जाएगा। वो फ़िर मेरे बूब्स चूसने लगे। थोड़ी देर में मुझे कुछ आराम मिला तो उन्होंने फ़िर 3-4 जोरदार झटके मारे तो मेरी हालत ही बिगड़ गई और चीख निकल गई- आऽऽऽऽह… मर गई… … माँअऽऽऽऽऽ …!

मेरी आंखों में आँसू थे। मैं उनसे चिपक गई और अपनी टांगों को उनकी कमर पर जकड़ लिया।

वो मुझे किस करने लगे और हम दोनों एक दूसरे के मुंह में जीभ डाल कर चूमने लगे।

थोड़ी देर में मैं सामान्य होने लगी। तब भैया ने मेरे बूब्स को पकड़ा और अपने लण्ड को अन्दर बाहर करने लगे।

मुझे तकलीफ़ हो रही थी पर थोड़ा मज़ा भी था कुछ अलग तरह का- आऽऽऽऽह्ह्ह… जान… आऽऽह्ह्ह्हाअ … आज पूरी तरह से अपनी बना लो जानऽऽऽ … आऽऽऽअऽऽऽह्ह मैंने कहा

तो भैया ने भी कहा- ओहऽऽ… जान …!
कमरे में हमारी आवाज़ें गूंज़ रही थी। मेरी सिसकारियाँ ज्यादा ही थी क्योंकि उनका 8-9 इन्च लम्बा लण्ड मुझसे झेला नहीं जा रहा था।
5 मिनट तक वो मुझे लगातार रौंदते रहे, फ़िर मैं चीखी-जान आऽऽऽऽअऽऽ आऽऽह्ह मुझे कुछ हो रहा है, पता नहीं क्या हो रहा है, मज़ाऽऽ आ रहा है आऽअ अऽ आऽऽऽह!

‘ओऽऽह जान तू चरम पर है और मैं भी ऽऽऽ जान! मैं गया ऽऽ मेरा झड़ रहा है अआ…’ उन्होंने लगातार 6-7 झटके मारे और हम दोनों एक साथ आनन्द के शिखर तक पहुँच गए।

भैया मेरे ऊपर ही पसर गए और हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़ लिया। कमरे में ए सी चल रहा था पर हम दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे से लिपटे हुए किस कर रहे थे।

थोड़ी देर बाद हम अलग हुए और स्नानघर में जाने लगे तो देखा बिस्तर खून से भरा हुआ था। मैं घबरा गई और बोली,’ ये क्या… अब क्या होगा?’

भैया बोले,’ इसमें डर कुछ नहीं, पहले पहले यही होता है’

मेरी कमर में दर्द होने लगा था। हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाने गए तो एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया।
मेरी चूत अब कुँवारी नहीं रही थी।

भैया ने रगड़ कर मेरी चूत को धोया और मैंने उनके लण्ड को, जिससे हम दोनों गर्म हो गए।

मैं थोड़ा शरमाई पर काफ़ी झिझक निकल चुकी थी। हम दोनों फ़व्वारे के नीचे खड़े थे। भैया नीचे बैठे तो मैंने कहा,’ये क्या करने जा रहे हो जान!’

‘मैं तो अपने होठों की मुहर लगाने जा रहा हूँ … और अब तुम भी लगाना’
वो मेरी चूत में उँगली करने लगे थे और जीभ भी फ़िराने लगे।

मैं पागल हो उठी। मैं अपने एक स्तन को मसलने लगी और भैया हाथ बढ़ा कर दूसरे को।

भैया मेरी हालत समझ गए और फ़र्श पर ही लिटा लिया। मेरी चूत में उनकी जीभ तैर रही थी और मेरे हाथ उनके सर को पकड़ कर मेरी चूत को दबा रहे थे। मैं अपने होठों को काट रही थी और लम्बी लम्बी सिसकारियाँ ले रही थी। मेरी टांगें उनकी गरदन में लिपट गई थी।

फ़िर वो मेरे ऊपर आ गए और मैंने अपनी टांगें उनकी कमर पे लपेट ली। मेरे दोनों हाथ उनकी गरदन में लिपट गए।

उन्होंने फ़िर जोर का झटका मारा तो आऽऽऽह्ह ऽऽआ… अ…अह… जैसे मेरी जान ही निकल गई।

फ़िर भैया मेरे बूब्स को दबाते और झटके मारते जाते। वो वहशी होते चले गए, मेरे बूब्स को निर्दयता से मसल रहे थे और दांतों से काट रहे थे, मेरी गरदन पर भी प्यार से काटा। वो जहाँ जहाँ अपने दाँत गड़ाते वहाँ खून सा जम जाता।

मैं भी पागल हो जाती तो बदले में अपने नाखून उनकी पीठ में गड़ा देती और उनकी गरदन पर काट लेती। जंगलीपने से बाथरूम में मेरी प्यार भरी चीखें गूंज रही थी, जिससे भैया का जोश बढ़ता ही जा रहा था।

यह सिलसिला आधे घण्टे तक चला और उतनी देर में मैं दो बार झड़ चुकी थी और भैया रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। फ़िर जब हम शांत हुए तो मैं तीसरी बार झड़ी थी। हम फ़्रेश हो कर कमरे में चले गए और थोड़ा आराम करके खाना खाया। फ़िर हम नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर बातें करने लगे।

मैंने कहा,’भैया … ओह सोरी … जान, अब मेरा क्या होगा, मैं क्या करूँ और अब आगे का क्या प्लान है, मेरा मतलब भविष्य का, क्योंकि अब मुझे घबराहट हो रही है, मैं आपके बिना नहीं रह सकती।’
वो बोले ‘चिंता मत करो जान मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, हम दोनों दिल्ली जा कर शादी कर लेंगे पर अभी किसी को नहीं बताएँगे.’

मैंने कहा ‘ठीक है जान, चलिए अब सो जाते हैं क्योंकि कल आपको ऑफिस भी जाना है’
वो बोले ‘चिंता क्यों करती हो जान, मैं तुम्हें तड़पता नहीं छोड़ सकता। आज ही हम एक हुए और क्या तुम मुझे तड़पता छोड़ दोगी जान?’
मैंने कहा ‘नहीं जान… प्लीज़ ऐसा मत बोलो। आज हम नहीं सोयेंगे। आज हम एक दूसरे को पूरा सुख देंगे। आप मेरे साथ जी भर कर और जम कर करो और अपनी बीवी को रौंद डालो जान.’

फिर भइया ने मुझे रात में तीन बार और जम कर चोदा और वो भी आधे आधे घंटे तक।
और तब तक मैं बेहोशी की हालत में आ चुकी थी।
हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए।

सुबह जब मैं उठी तो भइया ऑफिस चले गए थे और फिर 10 .30 बजे फ़ोन भी कर दिया कि मैं 2-3 बजे तक आ जाऊँगा।

मैं बहुत थकी हुई थी और मेरा बदन भी काफी दर्द कर रहा था खास कर से मेरी कमर।
मैंने फ्रेश हो कर नाश्ता किया और फिर सो गई।

मैं सीधे 3 बजे के करीब उठी तो काफी ठीक महसूस भी कर रही थी और देखा कि भइया मेरे सर को अपनी गोद में लिए हुए थे।

ये थी मेरी कहानी! आगे का मैं अब बाद में ही लिखूंगी! Sex Stories

Antarvasna

मेरी बुर उमा की Antarvasna चुदाई देखकर बुरी तरह गरम हो गई थी। मैं वापस आकर लेट गई कुछ देर और चुदवाने के बाद उमा भी वापस आकर सो गई।

सुबह हम दोनों 12 बजे उठे। उमा बिल्कुल तरो-ताज़ा दिख रही थी। दिन में मुझसे उमा बोली- चुदना हो तो बता दियो! मेरे यारों की संख्या अभी कम नहीं हुई है!

मैंने अनजान बन कर पूछा- उमा, शादी के बाद भी औरों से चुदवाती है क्या?

उमा मुस्करा कर बोली- कुतिया, जो एक से ज्यादा लंडों का मजा ले ले, वो फिर लंड की भूखी हो जाती है! मेरी जान नए नए लंडों से चुदने में जो मजा आता है वो एक मर्द के लंड में कहाँ है! मुझे गांड मरवाने में भी मजा आता है लेकिन मेरे पति गांड कभी नहीं मारते! अपने यारों से मरवानी पड़ती है, ऊपर से कमाई और हो जाती है। चुदना कम कर दिया है लेकिन महीने में दो तीन का डलवा ही लेती हूँ, जब यह टूर पर होते हैं तो एक महीने में 10-10 12-12 से भी चुदवा लेती हूँ।

उमा बोली- तू सो रही थी तो एक कुत्ते से तो कल ही चुदवाया है! परसों खुजली ज्यादा हो रही थी और किसी से सेटिंग नहीं हो पाई तो दूध वाले को बुलाकर लाई और उससे चुदवाया था! असली मजा तो चूत के अंदर है! मेरी रानी चुदवाओ और मस्ती करो! यही जिन्दगी है! जिसने लंड का मजा लेना सीख लिया उसे किसी और मज़े में मजा नहीं आता है!

मैं धीरे से बोली- अगर किसी को पता चल गया तो?

मेरी चूची दबाते हुए उमा बोली- एक गुप्त बात बताऊँ! तेरी भाभी को 10-12 बार चुदवा चुकी हूँ। दो साल पहले पहली बार चुदवाया था। अब तो महीने में कम से कम एक बार तो तेरी भाभी भी बाहर के लंड से चुदती हैं और उनकी चूत के लिए लंड की जुगाड़ तो मैं ही करती हूँ। तू भी एक बार चुदवा तो! किसी को पता भी नहीं चलेगा और मजा भी बहुत आएगा! और जिन जिन औरतों को मैंने चुदवाया है, उनके पति भी बहुत खुश रहते हैं क्योंकि वो जान जाती हैं कि चुदवाया कैसे जाता है।

मेरे मुँह से निकल गया- ठीक है! लेकिन किसी को पता नहीं चले!

उमा बोली- यह मेरा वादा है! चल फिर तैयार हो जा! आज रात के लिए तुझे काल गर्ल बनाती हूँ! मैं और तू दोनों साथ धंधा करेंगे!

उमा ने 3-4 जगह फ़ोन मिलाये और फिर मुस्कराती हुई बोली- दो कुत्ते आ रहें हैं! एक तो बड़ी राजनैतिक पार्टी का युवा अध्यक्ष है, दूसरा शहर का एक बड़ा ठेकेदार है! ठेकेदार से मैं और तेरी भाभी दोनों दो-दो बार चुद चुकी हैं! साले का आठ इंच लम्बा लंड है। आज तुझे चुसवाती हूँ!

मैं झेंपते हुए बोली- नहीं, लंड नहीं चूसूंगी! बस चूत में डलवा लूंगी!

उमा मेरी घुंडियों पर चुटकी काटते हुए बोली- वो तू उन पर छोड़ दे!

मैं कुछ रोमांचित महसूस कर रही थी, रात की चुदाई के बारे में और सोच सोच कर और मेरी चूत गीली होने लगी थी।

शाम के छः बजे उमा ने ब्लू फिल्म चला दी। नई-नई गोरी-गोरी दो भारतीय लड़कियों की चूत फिल्म में तीन अंग्रेज़ चोद रहे थे। सब के लंड 8-9 इंच से कम नहीं थे। चुदने के मस्त मस्त सीन थे, उमा बीयर का ग्लास ले आई और बोली- इसे पी, पीने के बाद चुदवाने में बहुत मजा आएगा।

थोड़ी न नुकर के बाद एक ग्लास बीयर का मैंने पी लिया। अब मैं पूरी गर्म हो रही थी, मेरी चूत खुजिया रही थी चुदवाने के लिए। उमा मुझे ग्राहकों से बात करने के तरीके बताने लगी। आठ बजे करीब हम दोनों ने पारदर्शी मैक्सी पहन ली। मेरे दोनों संतरे मैक्सी में से बिल्कुल साफ़ दिख रहे थे। बीयर में कामोत्तेजक दवाई मिली हुई थी, इसलिए मेरी चूत की खुजली काफी बढ़ी हुई थी और मैं चुदने के लिए पगला रही थी।

नौ बजे दरवाज़े की घंटी बजी। राजू और अनिल नाम के दो आदमी जिनकी उम्र पैन्तीस साल के करीब थी, अंदर आये। उन्होंने अंदर घुसते ही हमारी कमर में हाथ डाल दिया। राजू मेरी कमर में हाथ डाले हुए था, जिसे थोड़ी देर बाद उसने पीछे से मेरी चूचियों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगा। अनिल उमा को पहले भी दो बार चोद चुका था। उमा की तरफ देखते हुए बोला- उमा जी, मजा आ गया! क्या खूबसूरत हसीना है तेरी फ्रेंड!

और उसने मेरी चूचियाँ आगे से कस कस कर मसल दीं और बोला- कुतिया, जरा अपना नाम तो बता दे!

मैं मुस्कराते हुए बोली- आपको जो पसंद हो वो बुला लेना!

राजू बोला- हमें तो तू मालगाड़ी लग रही है! चल तेरा नाम मालगाड़ी रख देते हैं।

उमा बोली- राजा मालगाड़ी के बदले माल तो निकाल!

अनिल ने एक 500 की गद्दी उमा की तरफ बढ़ा दी और बोला- ले मेरी कुतिया आज तू जितना सोची होगी उससे ज्यादा लाया हूँ।

नोट की गद्दी उमा ने अलमारी में रख दी और बोली- हजूर! अब हम लौंडियाऐं तुम्हारी गुलाम हैं।

हम दोनों को राजू और अनिल ने गोद में उठा लिया और पीछे वाले कमरे में ले आए। राजू ने अपने होंठ मेरे होटों से चिपका दिए और मेरे होटों का रस चूसने लगा। साथ ही साथ मेरे संतरों का जूस भी निकल रहा था। उमा को अनिल ने पूरा नंगा कर दिया था और उसके ऊपर लेटकर उसके होंठ चूसे जा रहा था। उमा उसका लंड पकड़े हुए थी। थोड़ी देर में उमा ने अनिल को हटा दिया और दो पैग बनाने लगी। मेरी मैक्सी भी जो अब नाममात्र की शरीर पर रह गई थी, राजू ने उसे भी हटा दिया। अनिल और राजू ने भी अपने कपड़े उतार दिए थे।

जब तक उमा पेग बना रही थी तब तक दोनों साइड में मुझसे चिपक कर मेरे संतरों से खेल रहे थे और अपनी जांघें मेरी जांघों से सटा कर रगड़ रहे थे। मेरी चूत गरम भट्टी की तरह दहक रही थी। उमा थोड़ी देर बाद चार पेग बना लाई। हम लोगों ने चीयर्स करी और फिर हम दोनों को राजू और अनिल ने पलंग पर आधे लेटे हुए अपनी गोद में लौड़े के ऊपर बैठा लिया। दोनों के लंड मेरी और उमा की चूत से टकरा रहे थे और दोनों हमारे मुँह तिरछा कर के होंठ चूस रहे थे और चूचियाँ मसल रहे थे।

अनिल बोला- उमा डार्लिंग! जरा लौड़ा चूसो! साला तुम्हारे प्यार के लिए तड़प रहा है!

राजू भी मुझसे लौड़ा चुसवाने के लिए बोला लेकिन मेरा लौड़ा चूसने का मन नहीं कर रहा था।

उमा बोली- पहली बार गैर आदमी से चुद रही है, इसलिए शरमा रही है!

उमा ने मेरे चूचुकों पर चुटकी काटी और बोली- जरा लौड़ा पकड़ के तो देख! कितना मस्त लौड़ा है! बिल्कुल लोहे की रॉड की तरह है! बहुत मस्त चोदते हैं राजू साहब!

और उमा ने मेरा हाथ उठाकर उसके लंड पर रख दिया किसी तरह चोर नज़रों से मैंने राजू का लौड़ा मुट्ठी में पकड़ लिया। लौड़ा बिल्कुल कठोर और गर्म हो रहा था। मेरे को नशा हो रहा था और मेरी चूत बुरी तरह गर्म हो रही थी इसलिए मैं लौड़ा मसलने लगी और राजू से चिपक गई। उमा का भी यही हाल था। मेरी चूत पूरी गीली हो रही थी और पानी छोड़ रही थी।

थोड़ी देर बाद अनिल और राजू एक साथ उठे और बोले- रानी चलो एक एक राऊँड तुम्हारी चुदाई का हो जाए!

मेरा गोरा गरम बदन और ऊपर से पहली बार दारू के नशे ने मेरी सेक्स मस्ती को बढ़ा दिया था। राजू का लौड़ा मैं जोर जोर से सहला रही थी, तभी राजू ने मुझे नीचे लेटा दिया और मेरे संतरे अपने हाथों से मसलते हुए मेरे ऊपर सवार हो गया। उसने मेरी चूत पर एक जोर का झटका लौड़े से मारा। मेरे मुँह से- ऊई! मजा आ गया! घुसा साले! अंदर घुसा! की आवाज़ निकल गई। राजू नशे में था, अपने लौड़े को सही जगह फिट नहीं कर पा रहा था। दूसरी तरफ उमा की चूत में अनिल ने लौड़ा घुसा दिया था। बिल्कुल ब्लू फिल्म की तरह उमा चुद रही थी। उमा की चूत मेरे मुँह की तरफ थी और मेरी उमा के मुँह की तरफ थी। उमा की ऊह आह की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं जो मुझे चुदने को पगला रही थीं। राजू नशे के कारण मेरी चूत में लंड नहीं घुसा पा रहा था, मेरे से रहा नहीं गया, मैंने राजू का लंड अपने हाथ में पकड़ कर अपनी चूत में थोड़ा सा घुसा लिया और सिसकारियाँ लेती हुई बोली- घुसा! चोद कुत्ते चोद!

राजू ने एक जोर का झटका मारा, अब उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस चुका था। मेरी जोर से उन्मादी चीख निकल गई।

मेरी चूत की चुदाई शुरू हो गई थी, कमरे में मेरी और उमा की ऊह- आह- आह- मर गई! मर गई! और चोद! बड़ा मजा आ रहा है! थोड़ा जोर से! आहा- आहा- उई- उई- आह की आवाजें गूँज रही थीं। मैं और उमा ऊह- ऊह- ओह्ह- मर गई! मर गई! फट गई की आवाजों से चिल्लाती हुई चुदने का पूरा मजा ले रही थीं। अनिल और राजू हमें जमकर चोद रहे थे और चिल्ला रहे थे।

राजू बोल रहा था- साली, क्या चूत है! हरामी, रंडी, मजा आ गया तेरी सुरंग में घुसने में!

राजू मेरी चूचियाँ कस कस कर मसल रहा था। थोड़ी देर में उसने अपना पानी छोड़ दिया और उसका लंड मुरझा कर बाहर आ गया। उसने कंडोम निकाल कर लंड मेरे मुंह पर रख दिया और बोला- चूस!

लेकिन मैंने लंड चूसने से मना कर दिया। अनिल मेरी चूत पर हाथ मारते हुए बोला- राजू तू इस कुतिया को छोड़! मैं चोदता हूँ साली को! क्या मस्त चूत है इसकी! तू अपना लंड उमा रानी को पिला!

अनिल अब मेरे ऊपर चढ़ गया था। अनिल का लंड बहुत मोटा था। मेरी चुचियों को दबाते हुए बोला- रानी चुदने में नखरे क्यों करती हो? हम रस नहीं पियेंगे तो कौन पिएगा? पूरे पच्चीस हज़ार तेरे नाम के हैं!

अनिल ने मेरी एक टांग काफी ऊपर उठा दी थी और अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसाने लगा था। अभी तक शादी के बाद 3-4 बार ही चुदी थी इसलिए मेरी चूत बहुत कसी हुई थी। उसका लंड फिसल गया। अब उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत में घुसाई और मेरी चूत को चौड़ा करने लगा और अपने दूसरे हाथ से लंड पकड़ कर थोड़ा सा उसमें घुसा दिया। लंड हल्का सा मेरी चूत में घुस गया था। इसके बाद मेरे ऊपर लेट कर मेरी एक चूची उसने मुंह में चूसी और दूसरी नोचते हुए जोर से धक्का मारा। अनिल का पूरा लंड बहुत तेजी से मेरी चूत में घुसा, उसका लंड राजू से बहुत मोटा था, मेरे मुँह से जोर से- ऊई मर गई! मर गई! की चीख निकल गई।

अनिल बोला- साली बड़ी कसी हुई है तेरी! लगता है सील टूटने के बाद चुदी नहीं है! वाह, मजा आ गया! अभी तो आधा ही घुसा है मेरी जान! आधा बाकी है! जरा तेरे गुलाबी होंठ तो चूस लूं! अनिल ने मेरे होंटों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा। बुरी तरह से होंटों को चूसते हुए उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया। मेरी चूत दर्द से कराह उठी। अनिल मेरे दोनों संतरे कस कस कर दबाते हुए रस निकालने लगा और साथ ही साथ बोल रहा था- वाह! मजा आ गया साली! क्या तेरी गुफा है! बहन की लोड़ी इतनी मस्त चूत तो आज तक नहीं चोदी। साली, तुझे तो आज पूरी रात बजाऊँगा!

मुझे शुरू में बहुत दर्द हो रहा था लेकिन अब चुदने में मजा आने लगा। मैं चुदाई का मजा लेते हुए सिसकारियाँ भर रही थी। राजू का लंड चूसने के बाद उमा भी उमा भी मेरे बगल में चुद रही थी।

राजू झड़ चुका था और साइड में लेट गया। अनिल बोला- अबे साले गोली खा ले! ये जो नई रंडी है बड़ी मस्त है! आज इसे अभी और बजाएंगे।

थोड़ी देर में अनिल ने भी अपनी पिचकारी छोड़ दी। इसके बाद उसने अपना कंडोम फ़ेंक दिया और बोला- ले जरा लौड़ा चूस!

लेकिन मैंने अपना मुँह बंद कर लिया।

अनिल बोला- साली रंडी! बहुत नखरे करती है? आज तुझे लौड़ा चुसवा कर ही छोड़ेंगे।

इसके बाद उमा बोली- डार्लिंग, इतने गुस्सा क्यों करते हो, चलो एक एक ड्रिंक और हो जाए!

इसके बाद उमा ने दो हॉट ड्रिंक बनाईं। राजू और अनिल ने ड्रिंक अपने हाथ में ले लीं और हमें अपने से चिपका लिया। दोनों ड्रिंक सिप करने लगे साथ ही साथ एक एक गोली भी उन्होंने खा ली। थोड़ी देर बाद उनके लंड फिर खड़े हो गए।

उन्होंने मेरे और उमा के हाथ अपने लंड पर रख दिए। मैंने और उमा ने अपने हाथों में उनके लंड पकड़ लिए। उनके साथ साथ हम भी हॉट ड्रिंक के सिप ले रहे थे।

अनिल उमा की गांड पर चुटकी काटते हुआ बोला- उमा जी, जरा तुम्हारी गांड मार ली जाय! बहुत सुंदर लग रही है और बहुत दिन से किसी लोंडिया की गांड भी नहीं मारी है! चलो रानी, जरा कुतिया बन जाओ!

आगे क्या हुआ, यह अगले भाग में! Antarvasna

हेलो दोस्तों क्या है आप सब आशा करते हैं आप सब ठीक होंगे! मैं आपका दोस्त सोनू हाजिर हूं एक और कहानी लेके ये कहानी नवंबर 2023 की है मेरी शादी को 5 साल हो चुके हैं और मेरी एक बेटी और एक बेटा है इसके बाद भी मेरा एक अफेयर जो कि मेरी शादी से पहले का था लगतार चल रहा था! तो चलिए आते हैं अब अपनी कहानी पर मेरी गर्लफ्रेंड या यूं कहें रखेल का नाम भावना है उसे मेरी शादी और बच्चे के बारे में बताएं जब भी मैंने गर्लफ्रेंड के साथ कहा, इस वर्ड का इस्तेमल किया ये बात 2023 की है मुझे मेरी और उसकी एक करीबी दोस्त ने बताया कि उसका कहीं चक्कर चल रहा है तो मैंने खोजा चालू की जो सच निकली तो मैंने भी थान लिया कि अब इसके साथ "जेसे को तेसा" करना है! यहाँ भावना के बारे में थोड़ा सा बता दू उसकी हाइट लगभग 5"3 बिल्कुल पतली लेकिन स्तन और गांड निकले हुए हैं जो किसी को भी पागल कर दे उसे कहा कहा तक है मैं आँखे बंद करके भी बता सकता हूँ! नवंबर में मेरी बेटी के जन्मदिन के बारे में मैंने सोचा कि अब इसको सबक सिखाया जाएगा तो मेने जान भुजकर डेली इसके साथ ऐसा बिहेव क्रना चालू क्र दिया कि मैं इसे अलग होना चाहता हूं इसने मुझे 23 नवंबर की रात को मैसेज किया है कि मुझे कल मिलना है तो मैंने सोचा चलो मिल गया मौका माई अगले दिन घर में काम का बहाना क्रके निकल गया और भावना को पीरागढ़ी से पिक क्रके रोहिणी सेक्टर 16 के ओयो में ले गया मुझे उस दिन जानबूझ कर अपनी और इसकी ओरिजिनल आईडी वाह दी! हम रूम में आ गए लग्भाग 11 बजे थे उस समय तो मैंने बात चालू की और इधर उधर की बाते होने के बाद में 12 बजे भावना को बोला कि मुझे नींद आ गई दोस्तो याहा एक बात बता दू हमारे ओयो आने के बाद हमेशा 10-15 मिनट बाद में उसे किस करना चाहिए चालू कर देता था भावना को इसलिए इस बार भावना को थोड़ा अजीब लगा तो भावना ने कहा मुझे कुछ जरूरी बात करनी है तुमसे उठ कर बेथो मैं उठ कर बैठ गया तो उसने कहा कितना प्यार करते हो मुझसे मैंने कहा बहुत तो बोली कि अगर मैं कोई ऐसी गलती कर दूं जो तुमने सोची भी ना हो तो क्या तुम मुझे माफ कर दोगे मैंने कहा निर्भर करता है कि तुम्हें गलती का पछतावा है या नहीं तो उसने कहा जाओ वोदका लेके आओ हम हमेशा सेक्स करने से पहले वोदका पीते थे तो मैंने कहा मुझे नहीं पीनी तो उसने कहा मुझे पीनी है क्योंकि बिना पिये मैं वो बात नहीं बता सकती (दोस्तों हकीकत मुझे पहले से ही पता थी) तो मैं गया और वोदका का हाफ लिम्का और कुछ स्नैक्स ले आया वैपिस आके मैंने जनबूझकर अपना 30 और उसका 60+ का पेग बनाया 2-2 पेग के बाद मैं तो सामान्य था लेकिन उसे नशा हो गया और वो रोकर बोलने लगी प्लीज मुझे माफ कर दो मैंने जंबुझकर नहीं किया गलती हो गई तो मैंने कहा कि बात तो बता क्या हुआ क्यों रो रही है तो आन्हे भारत भरते जेसे ही बोलने वाली थी तो मैंने उसे रोका हुआ बोला कि सुन मैं बटाता हूं क्या हुआ है- तू पिछले 5 महीने से रिलेशनशिप में है मेरी बेटी के जन्मदिन के दिन तू उसके साथ उसके फ्लैट पर भी गई थी यही बताना चाहती है ना? दोस्तो उसका तो ये नशा ही उतर गया और चेहरा पीला पड़ गया मैंने उसकी तरफ शुद्ध गुस्से में देखा और कहा कि मुझे पिछले 2 महीने से सब पता था मैं बीएस देख रहा था कि तू किस हद तक जाती है मैंने बची हुई वोदका से वापसी के साथ वही पेग बनाया और वो अब फुल नशे में हो गई थोड़ी देर बाद मैंने टाइम देखा तो 1 बजे चुका था तो मैंने भावना को कहा कि 2 बजे मैं चला जाऊंगा तो उसने कहा ठीक है। दोस्तो इसके बुरे 2 बजते ही मैंने उसे उठाया और कहा चलो मुझे घर जाना है तेरे लिए मैंने कैब बुक कर दी है उसमें चली जाओ तो वो मुझसे लिपट कर रोने लगी और मुझसे माफ़ी मांगने लगी मुझे इस्तेमाल करने के लिए ढाका देने लगा इसी बीच हम दोनों बेड पे गिर गए मैं नीचे और वो मेरे ऊपर मुझे पगलो की तरह किस करने लगी मेरी शर्ट के बटन, उसने एक बार में खींच कर छोड़ दिया और मुझे मेरे शरीर पर हर जगह किस करने लगी तो मेरी भी अन्तर्वासना जग गई आगे जो हुआ वो आप हिंदी सेक्स कहानी पर पैड रह रहे हैं मैंने भावना को पकड़ कर अपनी जगह गिरा दी और उसकी कमीज उतार दी और उसको जीन्स के बटन खोलने लगा पैंट पे वो जींस या सलवार उतारने में ड्रामा कृति है लेकिन आज बिना कुछ बोले उतरने लगी अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके स्तन पीने लगा और वो पगलो की तरह मेरे बालों पर उंगली चलाने लगी और मुझे गालो पे किस करने लगी मैंने धीरे-धीरे आला की आते हुए उसकी नाभि पे किस क्रना चालू किआ और उसकी पैंटी भी उतार दी अब मैंने अपने लंड पर उसे भीख मांगी मैंने कोल्ड क्रीम को लगाया और लंड का टोपा उसकी चूत पे लगाया और उसकी तरफ जाने लगा और मेरा टोपा जेसे ही अंदर गया उसने अपने नाखुन मेरी पीठ में गाड़ दिए और मुझे बेरामो की तरह नोचने लगी और मुझे चूमने लगी और कहने लगी आई लव यू सॉरी प्लीज मुझे चोर कर मत जाना प्लीज मैंने मौका देखते हुए एक और करारा सा झटका मारा और पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और भावना इतनी जोर से चिल्लाई की बगल के कमरे वाला बंदा मेरे गेट पे आ गया मैंने किसी तरह उसे भेजा और वापस ले लिया, आके फिर से भावना को चोदने लगा भावना के स्तनों पर काले तक मैं जानभुकार पीने लगा ताकि वाहा लव बाइट बन जाए और उसकी गर्दन पे 3 लव बाइट डोनो जगह बना दिए मुख्य उपयोग तबरतोड़ चोद रहा था और उसकी मुहं से आअहह उफ्फ्फ मम्मी अइइइइइइइ की आवाज, मेरा जोश और बड़ा रही थी अब मैंने झटके तेज किये एई ई आ ऊही माँ शशशशश मैंने उसके निप्पलों को दबाते हुए चूस चूस कर उसे थोड़ा नार्मल कियाउर वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी और 20 मिनट की चुदाई के बाद में भी उसकी चूत में झड़ गया और उसके ऊपर ही गिर गया दोस्तों फिर मैंने और भावना ने खाना खाया और जब टीके 3 बजे थे तो मैंने उसकी तरफ देखते हुए कहा एक राउंड और प्लीज तो उसने थोड़ा सा ड्रामा किया मैं और फिर वो हुए मन गई में फिर से उसके ऊपर आ गया और उसकी गर्दन पे किस करने लगा क्यूकी उसकी गरदन और उसकी नाभि के नीचे वाला हिस्सा बहुत संवेदनशील है जिसका बुरा वो बहुत गरम हो जाती है मैंने उसके होठों पर किस करते हुए प्यार काट लिया (लव बाइट्स देना और लिप्स पर काटना सब योजना का हिस्सा ) और उसके मुंह आह की आवाज आई मैंने उसकी चूत पर वापस लंड तो टिकाया और हल्का सा दबाया और मेरा टोपा हल्का सा अंदर जाते ही उसकी कामुक आवाज और सिस्कारियां फिर से चालू हो गई मैंने 2-4 झटके के बाद एक झटके से पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया तो भावना के मुँह से आहह सोनू, प्लीज स्लो स्लो … उहह उम्मह ओहह सोनू … दर्द हो रहा है. एक दो झटकों में ही लंड ने रफ्तार पकड़ ली और मैं पूरे जोश के साथ धक्का लगा कर भावना की चुत चुदाई करने लगा. भावना जोरों से सीत्कार कर रही थी और कमरे में फच फच फच की आवाज़ सुनाई दे रही थी. भावना- आहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओहह सोनू सो हार्ड … आहह ओह यस यह. मैं- ओह भावना आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो … आज तो मैं तेरी चूत की धज्जियां उड़ा डालूंगा. भावना- आंह … चोद कमीने … उहह ओहह चोद यस फक फक मी. कुछ देर बाद मैंने कुछ देर बाद मैंने भावना की चुत से लंड निकाल कर उसे घोड़ी बना दिया और भावना गांड हिलाते हुए लंड का इन्तजार करने लगी. इस समय उसने कुछ बोला नहीं था कि गांड में लंड मत डालना. मैंने भी बिना देर किए उसकी चिकनी गांड पर चपत मारकर कमर को पकड़कर लंड घुसा दिया. गांड में लंड घुसते ही भावना जोरों से आवाज़ निकालने लगी- ओहह उहह sonu … धीमे चोद … मैं तेरी रांड नहीं हूँ और ना ही तेरी बीवी हूँ. कमीने धीमे चोद न … मैं कहीं भागे नहीं जा रही हूँ. मैंने भावना की गांड पर चपत लगाकर लंड अन्दर ठेला और कहा- चुप रह साली … वरना तेरी गांड फाड़ दूंगा … आज तो तुम पूरी तरह से रांड लग रही हो. 5मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे अपने ऊपर आकर चोदने को बोला उसने आसन बनाया और टप से मेरे लंड को पकड़ के चूत पे रख कर बैठ गई. लंड लीलते ही वो तेज़ तेज़ गांड हिलाने लगी. मैं उसके मम्मों के साथ खेलने का मज़ा ले रहा था. दोस्तों मेरा अपना अनुभव है, जो मज़ा एक नई लड़की नहीं देती, वहीं चुदी चुदाई चूत देती है. उसके जैसा सुख कोई चुत नहीं दे सकती. तभी मैंने अपना लंड भावना के हाथ में पकड़ा दिया और बोला- भावना, इसको शांत कर दो तो मैं जाऊं! और भावना ना चाहते हुए भी बोलने लगी- कर लो जो करना है और बक्श दो मुझे! मैंने भावना को घोड़ी बनाया और पूरा लंड भाभी की चुत में घुसा दिया. भावना की चीख निकल गयी और भावना चिल्लाने लगी- धीरे धीरे … रुक जाओ. आह प्लीज … आह अहो हई … दर्द हो रहा है. धीरे आह आह! और मैंने धके तेज़ कर दिए 10 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ गया और भावना भी पानी पानी हो गयी। भावना के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी. वह बोली- आज जीवन में पहली बार चुदाई में इतना मजा आया है. लव यू. तो मैंने भी कहा, तो मैंने भी कहा, लव यू टू.. दोस्तो इसके बाद में हम युही पड़े रहे 5 बजे मैंने उसे कहा कि अब निकलते हैं प्लीज तू यहीं से निकल जा मुझे देर हो रही है इसके बाद मैंने घर जाते ही भावना को हर जगह से ब्लॉक किआ और सीधा उसके यार अभी को कॉल किया कि अपनी मैडम से पूछ ले कोन सी ड्यूटी करके आ रही है या 7 बजे इसकी छुट्टी के टाइम पीरागढ़ी चला जाइयो और गर्दन पर ड्यूटी का निसान देख लिओ। अगले दिन भावना के 10 कॉल आये लेकिन मैंने ब्लॉक कर दिया था तो सिर्फ नोटिफिकेशन आया था एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया अब खुश हो गया ना धन्यवाद। दोस्तो ये थी मेरी कहानी "जेसे को तेसा" आपको कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं Rahuluid391@gmail.com

Antarvasna

हाय. आय ऍम सोना. इससे पहले कि Antarvasna आप ये स्टोरी पढ़ें, आपको इसका भाग १ पढ़ना जरूरी है। ये स्टोरी जहां रुकी थी मैं वहीं से शुरु करती हूं।

बाहर से हंसने की और बातचीत की आवाजें आ रही थी। मुझे चिंता हो रही थी। पूजा मेरे साथ ही थी। मैं चाय की ट्रे लेकर बाहर आ गयी। सब बातचीत बंद हो गई। मैने अपनी गर्दन कहने के अनुसार नीचे की हुई थी। मैने लड़के को और उसकी बुआ को कप दे दिये। किसी ने सन्नाटा तोड़ते हुए फीर से बोलना शुरु किया बुआ मेरी और देख के बोली “कितनी सुन्दर है हमारी होने वाली बहु” मैं ये सुनकर अन्दर चली गयी। सब देखने लगे पर फिर से बातें, हंसना शुरु हो गया। पूजा की मां ने मुझे कहा “पूजा दुल्हा नहीं देखोगी”? मैने कहा “मुझे किसी से बात नहीं करनी” इतने में पीछे से आवाज आई “लेकिन मुझे पूजा जी से अकेले में कुछ बात करनी है” मैने पलट कर देखा तो वो पूजा का होने वाला पति था। वो लड़का अनाथ था उसकी परवरिश उसकी बुआ ने की थी। वो अच्छे स्वभाव और संस्कार का था। वो यूके में पढ़ाई करके वापस आया था और उसका शिपिंग कम्पनी का बिजिनेस था। उसने कहा कि मैं पूजा से अकेले में कुछ बातें करना चहता हूं। पूजा की मां ने कहा “जरूर मिलना” कहके हम दोनो को मकान के पीछे के गार्डन में जाने को कहा। मेरा काम बस उसे हां कहना था।

हम दोनो गार्डन में चले गये। वो गार्डन बड़ा और जंगल की तरह घना था। हम दोनो एक जगह खड़े हो गये। वहां से मकान के लोग हमें पहली मन्ज़िल से भी नहीं देख सकते थे। हम बेंच पर बैठ गये। मैं चुप थी। उस लड़के का नाम लोकेश था। लोकेश ने मुझे कहा कि “मैं तुम्हारी फोटो देखकर ही तुम्हारा दीवाना हो गया था। तुम जिसकी दुल्हन बनोगी वो सबसे खुशनसीब होगा तुम्हे पाकर मैं वो खुसनसीब बनना चाहता हूं”। लोकेश ने मुझसे पूछा “क्या तुम इस शादी से खुश हो”? मैने हां कहा। मैं उस वक्त डरी हुई थी पूजा की मां ने मुझे साड़ी टाइट पहनाई हुई थी इसलिये मेरे चूतड़ बड़े सेक्सी लग रहे थे।

मेरे हां कहते ही उसने मेरे गाल पर किस किया। मैं चौंक गई। तो वो बोला “अब तुम मेरी बीवी बनोगी तो इससे क्यों शरमाना” मेरे जिस्म में एक सनसनी फ़ैल गयी। वो सुन्दर था हाइट लगभग ६ फ़ीट होगी। मेरी हाइट ५’३” थी। मैं खड़ी हो कर वापस जाने लगी लेकिन लोकेश ने मेरा पल्लू पकड़ लिया तो वो मेरे सीने से सरक गया। अब मेरे बूब्स और नंगे पेट उसके सामने थे उसने पल्लु खींचकर अपनी और ले लिया वो बेंच पर बैठा था मैं खड़ी थी। लोकेश ने मेरी कमर में अपने दोनो मजबूत हाथों से पकड़ लिया और मेरे पेट पर हल्के से किस किया ये मुझे भी अच्छा लगा।

इतने में पूजा की मां की आवाज आई और मैने साड़ी ठीक की। हम वापस चले गये। इस बात ने मेरे अन्दर आग लगा दी थी। लेकिन मैं शादी शुदा थी पर मुझे लोकेश की आवाज और उसका किस याद आ रहा था। वो मेरे लिये पागल सा हो गया था। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करुं। अगले दिन लोकेश की बुआ ने मैसेज भेजा कि “दूसरे दिन ही शादी करनी होगी लोकेश यही चाहता है” शादी की तैयारी पहले ही पूरी हो गई थी। मैं डर गई कि लोकेश को पता चला कि मैं पूजा नहीं हूं तो वो क्या कर लेगा। उस रात मैने पूजा की मां की डेयरी से लोकेश का फोन चुरा लिया और उसे फोन पर ही सारी बात बता दी। उसने कहा कि “अगर तुम उस नरक से निकलना चाहती हो तो इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा। तुम मुझसे ही शादी कर लो मैं तुम्हे हमेशा खुश रखूँगा तुम भी कभी यही चाहती थी” मैने हां कर दी।

अगले दिन शादी के मंडप में हम आ गये। रूपा और मैने एक ही रंग की साड़ी पहनी थी। मुझे शादी के जेवर पहनाये गये थे। सब लोग आ चुके थे शादी की सब तैयारी हो चुकी थी। मुझे और रूपा को ड्रेसिंग रूम में लया गया। मेरे जेवरात उतार कर उसे पहनाये गये। उसका चेहरा पल्लु से ढका गया तभी बूढ़ी बुआ अपने कुछ नौकरानियों के साथ अन्दर आ गयी। सब चुप हो गये मैं रूम के एक अंधेरे कोने में खड़ी थी। बुआ ने दुल्हन का चेहरा देखने के लिये घुंघट उठाया तो वो चौंक गई। और कुरसी पर बैठ गई। इतने में लोकेश आ गया सब डर गये थे। रूपा के पिता ने कहा कि” बेटा हमे माफ़ करो हमसे गलती हो गई” लोकेश ने मुझे सामने बुलाया और कहा कि” अगर आप लोगो ने मेरी शादी इससे कर दी तो मैं आपको माफ़ कर सकता हूं। तो वो बोले कि ये शादी शुदा है तो लोकेश बोला कि आपने इसे ही मेरे सामने पेश किया था तब आपने ये क्यों नहीं सोचा अगर आप मेरी शादी इससे नहीं कराओगे तो मैं पुलिस को बुलाकर तुम्हे जेल भेजूंगा और कोर्ट में भी घसीटुंगा। रूपा के पिताजी ने मेरी सास और शराबी पति की और देखा तो वो उनसे बोले अगर आप हमे इसके बदले में लाख रुपये दोगे तब ये शादी हो सकती है। उन लोगों ने मेरा सौदा कर लिया था पर मैं इससे खुश थी क्योंकि मैं उनके चंगुल से छूट गई थी। पर मैने ये एहसास किसी को होने नहीं दिया। मुझे लोकेश के लाये हुए जेवर पहनाये गये और फिर मंडप में ले जाकर मेरी शादी हो गई।

बाद में मैं लोकेश की शानदार कार से उसके घर पर आ गई। साथ में बुआजी भी थी। मैने उसका घर देखा तो वो एक महल जैसा शानदार मकान था। हम अन्दर आ गये। शाम होने को आयी थी। लोकेश ने मुझे बाहों में भर कर किस किया तो बुआजी बोली “उसे छोड़ो और रात का इन्तज़ार करो आज से वो तेरी है” लोकेश अपने बेडरूम में चला गया। बुआजी ने अपनी दो बूढ़ी नौकरानियों को बुलवाया और कहा कि मेरी बहु को आज की सुहागरात के लिये तैयार करो” वो मुझे लेकर दूसरे कमरे में आ गयीं। लोकेश के घर में सारे काम वो दोनो ही करती थी। लोकेश के घर में वो दोनो, लोकेश और बुआजी के अलावा कोई नहीं था।

कमरे में आने के बाद उन्होनें दरवाजा बंद कर लिया और मेरे जेवरात उतारने लाग गईं। उसके बाद उन्होनें मेरी साड़ी उतारी मैने कहा “साड़ी क्यों उतार रही हो” तो वो बोली कि अब तुम्हे नहा कर मालिक के लिये तैयार होना है। उन्होनें मेरे सारे कपड़े उतार दिये। मैं उनके सामने नंगी हो गई। वो मुझे बाथरूम ले गईं और नहलाने लगी। वो ७५ साल की थी पर बड़ी होट बातें कर रही थी वो मुझे कुछ सेक्सी लग रही थी। नहाने के बाद उन दोनो ने मेरा बदन पोंछा। उसमे से एक ने मुझे पैंटी पहनाई। मुझे कुछ भी करने की जरूरत नहीं थी। दूसरि ने एक पेटीकोट पहनाया। मैने साड़ी देखी तो वो हरे रंग की और पारदर्शी थी। ब्लाउज़ भी हरा और पतले कपड़े का डीप लो कट था। मैने कहा कि मैं इतने हल्के कपड़े नहीं पहनूंगी मेरे पहले वाले कपड़े लाओ। वो हंस पड़ी बोली के ऐसे वक्त यही कपड़े पहनते हैं। वो मेरी कमर पर साडी लपेटने लगी। दूसरि ब्लाउज़ पहनाने लगी मैने कहा ब्रा तो दो वो फिर हंसी कहा कि तुम्हारा बदन तो कसा हुआ है तुम्हे उसकी क्या जरूरत? ब्लाउज़ पहनाकर हुक्स भी लगा दिये। ब्लाउज़ डीप नेक का था। वो टाइट और छोटा पर मखमली कपड़े का था। उसमें से मेरे बूब्स उभर कर दिख रहे थे। मुझे कुछ गहने चूड़ियां पहनाकर लाल लिपस्टिक लगाई फ़ेस पर हल्का सा मेकअप भी किया।

बाद में मुझे शीशे के सामने ले आई। मैने एक नज़र अपने आपको देखा। मेरी साड़ी नाभि के नीचे बांधी गयी थी मेरे चूतड़ उभरे लग रहे थे। ब्लाउज़ में मेरे सेक्सी बूब्स थोड़ी सक्ति से भर गये थे क्लीवेज में से बड़े बूब्स का नज़ारा दिख रहा था। मेरे निप्पले भी झलक रहे थे। और मंगलसूत्रा बूब्स के खुले हिस्से पर था। दोनो में से एक ने कहा वाह! क्या गठीला बदन है इसका और ये कसी छाती(बूब्स) मालिक तो इसे चूस ही डालेंगे। दूसरी ने मेरा पल्लू रख दिया। साड़ी बहुत ही ट्रास्पेरेंट थी उसमें से मेरी नाभि और खुला हुआ पेट साफ़ दिख रहा था।

फिर वो चली गई। मैं बेड पर बैठ कर लोकेश का इन्तज़ार करने लगी। थोड़ी देर बाद लोकेश आया। आते ही उसने मुझे बाहों मे भरकर किस किया। मैं उस से दूर हो गई और बेड के दूसरी तरफ़ जाने लगी। तो लोकेश ने बेड पर बैठ कर पिछली बार की तरह पल्लू खींचा। मेरा गठीला बदन और बूब्स वो पहली बार देख रहा था वो मेरी तरफ़ कामुकता से देखने लगा। मैं उससे शरमाकर दूर जाने की कोशिश करने लगी पर उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया। वो मेरे पेट, नाभि पर हाथ फिराने लगा। वो मेरी गर्दन, पीठ को किस कर रहा था। अब वो हाथ मेरे बूब पर ले गया और धीरे से गोल गोल फिराने लगा।

मैं गरम होने लगी थी, उसने मुझे अपनी तरफ़ करके बेड पर लिटा दिया। अब मेरे टाइट बूब्स ब्लाउज़ के ऊपर से चूमने और चूसने लगा वो मेरी क्लीवेज को भी किस कर रहा था। अब उसने अपने सारे कपड़े उतारे मेरे भी उतारने लगा। ब्लाउज़ के उतरते ही वो बूब्स चूसने लगा। वो मेरे निप्पले मुंह में लेकर बारी बारी चूस रहा था। उसने अपना मोंस्टर टूल मेरी चूत में घुसा दिया और तेज़ी से झटके देने लगा थोड़ी देर बाद उसने अपना सारा माल मेरी चूत में छोड़ दिया वो शान्त हो गया मैं भी थक गई थी हम दोनो सो गये। सुबह मैं उठी तो वो सो रहा था मैने वापस सब कपड़े पहन लिये तभी मेरी नज़र उसके लंड पर पड़ी मैने उसे हाथ में लेकर आगे पीछे किया अब लोकेश जग गया था और मुझे देखकेर उसका लंड चार्ज हो गया। मैं उसे अपने मुंह में लेकर चूसने लगी। लंड से निकला हुआ वीर्य मैने चूस लिया। बाद में लोकेश उठकर नहाने चला गया आने के बाद उसने मुझे पकड़ लिया और ब्लाउज़ में से मेरे बूब्स चूमने लगा। ये सब अब तो हमेशा होने वाला था। सो इस तरह मेरा सेक्सी सपना सच हो गया। Antarvasna

Sex Stories

इसे आप मनघड़ंत स्टोरी कहे या और Sex Stories कुछ पर सच बात तो ये है कि सेक्स मतलब सेक्स है वो किसी से भी किया जा सकता है या हो जाता है।

अब मैं 24 साल का हूँ और अपनी ऐम.ई. की पढ़़ाई कर रहा हूँ दिल्ली में अपनी फॅमिली से दूर।

पता नहीं वो सब कैसे क्या हुआ सब एक सेक्स कहानी की तरह लगता है पर ये कोई कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है जो मैं अन्तर्वासना के मध्यम से आपके सामने रख रहा हूँ।

बात उस वक्त की है जब मैं 18 साल का था।
एक दिन हम किसी बर्थडे पार्टी में जा रहे थे, मेरी माँ को तैयार होने में काफी वक्त लगता था इसलिए पापा हमेशा ही गुस्सा हुआ करते थे, उस दिन पापा गुस्से में अकेले ही चले गए, माँ आज बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, माँ ने सिल्क की साडी पहनी थी और बाल स्टेप कट किए हुए थे, होंटो पे ब्राउन लिपस्टिक, और क्या कहूँ ऐसा लग रहा था जैसे मानो वो किसी मूवी की एक्ट्रेस हो. बस वो थोडी मोटी थी बाकी फिगुर तो 36-30-36 है।

ड्रेसिंग रूम से आवाज़ आई बेटे ज़रा इधर तो आना, मैं रूम में गया तो माँ आइने के सामने खड़ी हाथ पीछे कर के ब्रा का हूक लगा रही थी, मुझसे कहा ये हूक तो लगा दे, मैंने हूक लगाया तब पहली बार मैंने मेरी माँ को ब्रा में देखा था. आइने में माँ के 36 साइज़ के बूब्स साफ़ दिखाई दे रहे थे .फिर मैं और माँ दोनों पार्टी के लिए निकल पड़े.

इस वक्त मुझे कुछ समझ में नहीं आता था पर ये जान चुका था कि मेरी माँ बहुत सेक्सी है. तबसे मैं कभी कभी माँ की ब्रा और पैंटी पहन कर देखता था. 2 -3 सालों बाद पापा का प्रमोशन हो गया.
अब पापा हमेशा ऑफिस के काम से वीकली बाहर गांव जाते थे, तब घर में हम 4 लोग होते थे छोटा भाई, बहन, मैं (सबसे बड़ा) और हमारी खूबसूरत माँ जिसे सजना- संवरना काफी पसंद था और कुछ हद तक बेशरम भी थी.

जब भी घर में कोई नहीं होता तब माँ हमेशा सिर्फ़ ब्रा और निक्कर में ही बाथरूम से बाहर आती और अपनी साड़ी पहनती. माँ की उमर 36 साल होते हुए भी वो बहुत ही नशीली लगती थी, मैंने कई बार माँ को ब्रा और पैंटी में देखा था कपड़े पहनते हुए, कई बार तो नहाते हुए भी देखा था पर छुप छुप के, जब भी दरवाजा खुला छोड़ नहाती थी.

तब मेरी हालत कैसी होती होगी आप महसूस कर सकते हो.

वो गर्मी के दिन थे. घर में कूलर था पर बिजली कभी भी जाती थी आती थी रात को कभी कभी तो 1 -2 घंटे आती ही नहीं थी. उस रात से तो मेरी जिंदगी ही बदल गई। उस रात मैं और मेरी माँ पास में ही सोये हुए थे भाई और बहन बाजू में थे।

रात के करीब 11 बजे बिजली चली गई मेरी भी नींद खुल गई।
मैंने देखा की माँ मोमबत्ती लगा रही है मुझे नींद नहीं आ रही थी गर्मी भी काफी हो रही थी.थोडी ही देर में देखा तो माँ अपना ब्लाउज उतार रही है, माँ ने काली ब्रा पहनी थी इसलिए उन्हें ज्यादा गर्मी लग रही थी, ब्रा भी जालीदार थी इसलिए उनके नीपल साफ नजर आ रहे थे. ब्रा के ऊपर से उनके बड़े बड़े बूब्स आधे से भी ज्यादा नजर आ रहे थे.

मैं तो देखता ही रह गया. वैसे तो मैंने कई बार माँ को इस हालत में देखा था, पर आज करीब से देखने का मौका मिला था. मैंने कभी सोच भी नहीं था कि मेरी माँ इतनी खूबसूरत है.

अब मैं काफी समझदार हो गया था। माँ ने फिर अपने बालों को उपर करके बाँध दिया। तब मैंने माँ की ब्रा के हूक को देखा लगा कि खोल दूँ इसे। थोडी ही देर में बिजली आ गई और कूलर शुरू हो गया। माँ बिना ब्लाउज के ही सो गई.

मुझे नींद नहीं आ रही थी मैं सोच रहा था कि काश मुझे आज रात को माँ को चोदने का मौका मिलता!!!

पर किस्मत ने साथ नहीं दिया…

कब सुबह हुई पता ही नहीं चला. अब मैं हमेशा माँ को चोदने की नज़र से ही देखता रहता। आज मैं स्कूल नहीं गया था. माँ जैसे ही नहाने गई मैं चेंजिंग रूम जाकर सोने का नाटक करने लगा. माँ आई आज वो सिर्फ़ तौलिया ही ओढे थी फिर उन्होंने वो भी हटा दिया माँ सिर्फ़ ब्रा और पैंटी

ही पहने थी, माँ की जांघें बहुत ही चिकनी और गोरी थी और पैंटी से उनकी गांड उभर कर आई थी और ब्रा के अंदर से बड़े बड़े और काले निप्पल के बूब्स तो मानो बाहर निकलने को बेकरार थे .. मैं माँ की खूबसूरती देखते ही झड़ गया ..

फिर माँ आईने में अपनी बगलों के बालों को निहार रही थी. माँ ने पापा का रेजर निकला और बालों को निकालना शुरू किया. मैं सोच रहा था काश

मेरी शादी मेरी माँ से हुई होती…!!!!

आज फिर रात हो हो गई .. सोचा आज तो किस्मत साथ दे दे। मैं सेक्स में ये भी भूल गया था कि वो मेरी माँ है। हम सोने की तय्यारी कर रहे थे .

भाई बहन सो चुके थे, पापा भी घर में नहीं थे. माँ ने मेरे सामने ही अपना ब्लाउज उतारा और अपनी पीठ खुजाने लगी. माँ ने आज सफेद ब्रा पहनी थी, धीमी रोशनी की वजह से माँ और भी सेक्सी लग रही थी, मैंने कहा क्या हुआ?

माँ बोली- कुछ नहीं! खुजली हो रही है जरा गर्मी का पाउडर तो ले आ!

मैं पाउडर लाया.
माँ ने कहा अब लगा भी दे.
मैं माँ के पीठ पर पाउडर लगाने लगा पर ब्रा का बेल्ट उँगलियों में फँस जाता था.
माँ ने कहा जरा बगल में भी लगा दे माँ ने हाथ उपर उठाया मैंने देखा कि आज सुबह जो माँ ने बाल निकाले थे वो जगह काफी चिकनी हो चुकी थी
मैंने कहा ये हूक निकाल दूँ तो माँ बोली क्यों?

मैंने कहा ताकि पूरी पीठ को पाउडर लगा सकूँ.

माँ ने कहा ठीक है पर पूरी ब्रा मत निकालना.
फिर मैंने माँ की ब्रा का हूक खोला। माँ की चिकनी पीठ काफी सुंदर लग रही थी. मैं कभी कभी अपना हाथ आगे की और भी ले जा रहा था जिससे मैं माँ के बूब्स को टच कर सकूँ.

फिर माँ ने ख़ुद ही अपनी ब्रा उतार दी और कहा जरा इधर भी पाउडर लगा दे .मैं माँ के बूब्स सहलाने लगा. माँ के बूब्स काफी बड़े और नर्म थे, माँ के बूब्स इतने टाइट थे कि ब्रा की जरुरत नहीं थी।

मैं माँ के नीपल को दबाने लगा तभी माँ ने कहा क्या करते हो .. माँ की धड़कने बढ़ रही थी .. फिर माँ ने कहा तेरा भाई उठ जाएगा .. हम चेंजिंग रूम में चलते हैं। माँ के बूब्स चलते हुए हिल रहे थे।

फिर मैंने कहा अब तुम मुझे पाउडर लगा दो.
माँ ने कहा क्यों तुझे भी खुजली हो रही है?
मैंने कहा हाँ.
माँ ने कहा ठीक है. मैं शर्ट और बनियान निकाल बेड पर लेट गया. माँ मेरे पीठ पर पाउडर लगा रही थी।

अब माँ ने मुझे पलट जाने को कहा ताकि वो मेरे सीने पर भी पाउडर लगा सके मैं अब पीठ के बल लेट गया और माँ मेरे बाजु में थी माँ जब मुझे पाउडर लगाती मैं उनके बूब्स की और देखता था।
वो बहुत ही रसीले लग रहे थे मैं बड़ी हिम्मत से माँ के बूब्स को हाथ लगाया माँ ने कुछ नहीं कहा

फिर मैंने उन्हें दबाना शुरू किया, मैं उन्हें धीरे धीरे दबा रहा था।

माँ ने कहा जरा देख तो लो तेरे भाई बहन सोये कि नहीं?

मैं देख आया दोनों सोये हुए थे .. माँ को बताया।

माँ ने कहा हम इधर ही सो जाते हैं .. मैं भी मान गया माँ ने अपनी साड़ी उतारनी शुरू की।

मैंने कहा साड़ी क्यों निकाल रही हो,
तब माँ ने कहा आज मैं तेरे साथ रात गुजारना चाहती हूँ और माँ ने अपनी साड़ी उतार दी अब वो सिर्फ़ पैंटी में थी, माँ की चूत के बाल जालीदार पैंटी से साफ नज़र आ रहे थे.

क्यों आज क्या तू पहली बार मुझे नंगी देख रहा है ..

मैंने कहा मैं कुछ समझा नहीं.

मुझे सब पता है तू रोज़ मुझे नंगी देखता है जब मैं नहा कर आती हूँ, क्यों सच है न?????

मैं एकदम ही डर गया, डर मत माँ ने कहा देख मैं ये बात तेरे पापा को नहीं बताऊँगी पर एक शर्त है.

मैंने कहा कौन सी शर्त? माँ ने कहा तुझे मेरे साथ नंगा सोना पड़ेगा.

मैं डर के मारे तैयार हो गया ..मैंने अपने कपड़े उतार दिए। फिर हम दोनों बेड पर आ गए. माँ सिर्फ़ अपनी पैंटी में ही थी और मैं अंडरवियर में. माँ मुझसे लिपट गई और चूमने लगी, मैंने कहा ये सब ठीक नहीं और बेड से उठ गया ..

तब माँ ने गुस्से में कहा जो तू करता है क्या वो ठीक है अपनी माँ को नहाते हुए देखता है!

माँ ने मुझे समझाया बेटे ये कोई ग़लत बात नहीं है ..तू भी अब जवान हो गया है और मेरी भी कुछ इच्छाएं हैं जो तेरे पापा समय की वजह पूरी नहीं कर सकते, तब तू मेरी इच्छाएं पूरी करे तो इसमे ग़लत क्या है? आह्किर मैं तेरी माँ हूँ .. और बेटा ही माँ को समझ सकता है ..

मैंने कहा अगर पापा को पता चला तो…

माँ बोली यह बात हम दोनों के बीच ही रहेगी… टॉप सीक्रेट… और जब कि तूने मेरे बूब्स को दबाया और सहला भी दिया है तो फ़िर अब चोदने में क्यों घबराते हो? बात सिर्फ़ आज रात की तो है ..

तब मैं मान गया , आख़िर मैं भी तो यही चाहता था. माँ ने कहा चलो बेटे आज हम सुहागरात मानते हैं , आज की रात तुम ही मेरे पति हो ..

फिर माँ ने मुझे अपनी बाँहों में कस के पकड़ लिया और मुझे चूमने लगी मैंने भी माँ को चूमना शुरू किया, माँ मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहला रही थी, मैं भी माँ की चूत को पैंटी के ऊपर से सहला रहा था।

फिर माँ ने मेरी अंडरवियर उतार दी और मेरे लौडे को हाथ से सहलाने लगी ताकि वो और बड़ा और टाइट हो जाए।फिर माँ ने अपनी कच्छी उतारी और मेरे लौडे को अपनी चूत में डाल दिया अब हमने खड़े खड़े ही चोदना शुरू कर दिया था।

मैंने अपना दायाँ पैर बेड पर रखा और जोरों से धक्के दे रहा था ..माँ के मुंह से आह ..!! आह ..!! आह ..!! आवाज़ निकाल रही थी ..माँ ने भी मुझे जोरों से अपनी बाहों में पकड रखा था।

फिर हम बेड पर आ गए और मैं माँ के नीपल को मुंह में लिए चूस रहा था, माँ एक हाथ से मेरे लौडे को सहला रही थी। फिर मैंने माँ को बेड पर पीठ के बल लेटाया और माँ की चूत को चूमने लगा। माँ सेक्स के मारे पागल हो रही थी, फिर माँ ने मेरे लौडे को चूमना शुरू किया,वो उसे मुंह में ले रही थी।

फिर माँ ने मेरा लौड़ा अपने हाथों से अपनी चूत में डाला और कहा- ले अब छोड़ अंदर तक ले जा… माँ ने अह्ह्ह… भरी, कहा ऐसे ही करते रह, मैं भी माँ की जांघों को पकड़ पकड़ कर चोदता रहा…

बहुत अच्छा लग रहा था. मेरा गिरने ही वाला था माँ ने कहा अंदर मत गिरा फिर माँ ने मुझे बेड से दूर कर के नीचे गिराने को कहा।

हमने फ़िर एक दूसरे को चूमना शुरू किया और उत्तेजित हो गए। मां बिस्तर पर लेट गई और मुझे कहा कि मेरी गाण्ड में लौड़ा डाल दे। मैंने मां की गाण्ड मारना शुरू किया।

फ़िर हम सीधे हो कर एक दूसरे को चोदते रहे। रात भर हम सब कुछ भूल कर बस चोदते ही रहे। मां को कई तरह से चुदवाना आता था। उन्होंने मुझसे 10-12 अलग अलग तरीकों से चुदवाया।

मां का बदन काफ़ि नर्म और खूशबूदार था। मैंने मां को पूरी तरह से सन्तुष्ट कर दिया।

इस बीच मैं दो बार झड़ गया। रात के तीन बजे हम कपड़े पहन कर सोने चले गए। मां खुश लग रही थी। सुबह जब मैं नाश्ते के किए बैठा तब मेरी मां से बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थ

मां ने कहा- क्या हुआ? मैंने कहा है ना तुमसे कि यह बात सिर्फ़ हम दोनों के बीच रहेगी। और फ़िर भी तुम्हें शरम आती है तो मुझे अपनी वाईफ़ समझ सकते हो, वैसे भी हम सुहागरात तो मना ही चुके हैं

मां ने हंसते हुए मेरे होंठो को चूमा। मैं भी मां को अपनी बाहों में लेकर चूमता रहा।

फ़िर उस दिन से जब भी हमारा मूड होता और पापा घर में नहीं होते, हर रात हम सुहागरात मनाते रहे। कभी कभी तो दिन में भी बिना कपड़ों के साथ रहते।

एक दिन तो मैंने मां के नीचे वाले बालों की शेव कर दि थी और मां ने मेरी। अब चुदाई में बहुत मज़ा आता था। कभी कभी हम ब्लू फ़िल्म देख कर वैसे ही चुदाई करते थे।

मैं अब मां को नाम से पुकारता था। अब हम ऐसे रहते थे जैसे कि मानो हम सच में पति-पत्नी हों। ड्रेसिंग रूम को ही हमने अपना बेड-रूम बना लिया था। भाई और बहन दूसरे कमरे में सोते थे और हम पूरी रात बिना कपड़ों के साथ में सोते थे।

मां को अभी भी मेक-अप का शौंक था। वो मेरे लिए ही अब सजती संवरती थी। मैं कभी कभी स्कूल नहीं जाता और पूरा दिन मां के साथ चुदाई करता। जब भी मैं मां को किसी शादी, पार्टी में ले जाता तो लोग भी हमें पति-पत्नी समझते थे।

एक दो बार तो पापा घर में होते हुए भी मैंने मां को चोदा। मां तब नहा रही थी और पापा टी वी देख रहे थे।

मैंने बाथरूम के पास जाकर मां को आवाज़ दी, मां ने कहा- अभी नहीं, अभी तेरे पापा घर में हैं, जब मैं नहीं माना तो मां ने मुझे बाथरूम में बुला लिया और हमने चुदाई कर ली।

बहन ने एक दिन पापा को बताया कि मां हमारे साथ नहीं सोती, भैया के साथ सोती है तब मां ने गुस्से से कहा- कुछ भी कहती है नालायक, तेरे भैया को पढ़ाते हुए कभी कभी नींद आ जाती है तब वहीं सो जाती हूं।

पापा ने कुछ नहीं कहा क्योंकि पापा तो हमारे इस रिश्ते से बिल्कुल ही अनजान थे ना…॥ Sex Stories

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