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Massage Girl in Anantnag: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Anantnag who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Anantnag that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Anantnag massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Anantnag who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Anantnag massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Anantnag massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Anantnag who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Anantnag employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Anantnag helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Anantnag

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Anantnag at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Sex Stories

मेरा नाम अमन है। जब मेरी Hindi Sex Stories नौकरी लगी थी तब मैं एक कसरती लड़का था। मेरा पहला पदस्थापन धार जिले में हुआ था। मैं वहां भी कसरत करता था। खाना पकाने के लिये मैंने एक १८ वर्ष का लड़का रख लिया था। वो मेरे सामने वाले घर में भी काम करता था। वो सुबह और शाम काम पर आता था। उसका नाम सन्नी था। ज्यादातर शाम का खाना मेरे यहां ही खा लेता था। मैं रोज़ अपने बदन पर तेल की मालिश करवाता था। मेरी मालिश भी वही कर देता था। शाम को मैं ओफ़िस से आने के बाद मालिश करवाता था।

सन्नी सामने वाले घर से काम करके शाम को ७ बजे मेरे कमरे में आ जाता था। सामने वाले घर की मालकिन रीता मुझे कभी कभी शाम का खाना भी भेज देती थी। आज भी वो खाना लेकर आ गई थी।

“अमन ….. आज मैंने स्पेशल सब्जी बनाई है…. बताना कि कैसी है..”

मैंने उसे धन्यवाद कहा। थोड़ी देर बैठने के बाद वो चली गई। सन्नी ने मेरी पेन्ट और बनियान उतार दी। मैं नीचे दरी बिछा कर उल्टा लेट गया। उसने तेल की मालिश करना चालू कर दिया। वो अच्छी मालिश करता था। मालिश करवाते समय मैं मात्र एक वी आई पी की अंडरवियर पहनता था। फिर मैं सीधा लेट जाता था, तब वो मेरे सीने की इत्यादि की मालिश भी कर देता था। उसके हाथ में मालिश की कला थी।

मुझे अचानक लगा कि जैसे किसी ने दरवाजा खोला और बंद कर दिया। मैंने पूछा,” सन्नी, कौन था ?”

“कोई नहीं… ” सन्नी मुस्कराता हुआ बोला।

मालिश करवाने के बाद मैं नहाने चला जाता था।

दो तीन दिनो से मैं महसूस कर रहा था कि सन्नी मालिश करते समय मेरे गुप्त अंगो को भी हाथ लगा देता था। उससे मुझे उत्तेजना महसूस होने लगती थी। आज भी मैं मालिश करवा रहा था। सन्नी के हाथ मेरे बदन पर पर तेजी से चल रहे थे। कभी कभी उसके हाथ मेरे अंडर वियर के अन्दर भी घुस जाते थे और चूतड़ों की भी मालिश कर देते थे। मैं उत्तेजित हो जाता था उसके ऐसा करने से मुझे बड़ा आनंद आता था। वो सब समझता था।

वो बोला -“अंकल, अंडरवियर थोड़ा नीचे कर लो… मैं चूतड़ों की मालिश भी कर देता हूँ !”

“अरे नहीं….कोई देख लेगा..”

“आप तो मर्द है फिर क्यों शरमाते हो…” उसने मेरी अंडरवियर नीचे सरका दी। उसने मेरे कसे हुये दोनो चूतड़ों पर तेल लगाया और उन्हे मलने लगा। मैं बहुत ही उत्तेजित हो गया। उसने मेरी चूतड़ों के बीच दरारो में भी तेल डाल दिया था और दरारों के अंदर गाण्ड के छेद में भी तेल मल कर मालिश करने लगा।

मेरे मुख से सिसकारी निकल पड़ी। उसने कहा – “साब…. अब सीधे हो जाओ…”

मैं जैसे ही सीधा हुआ, मेरा लण्ड सीधा तना हुआ खड़ा हो गया था। मेरी अन्डर वियर तो आधी उतरी हुई थी….

सन्नी हंसने लगा – “अंडरवियर तो ऊपर कर लो….ये देखो कैसा हो गया है…….”

“चल बदमाश…” मैं भी शरमा गया। मैंने अंडरवियर ऊपर खींच लिया। उसने सामने मालिश शुरु कर दी। उसने मेरी अंडर वियर सरका कर लण्ड पर तेल मल दिया। मैं एकबारगी तो कंपकंपा गया। पर मुझे लगा कि वो मेरे लण्ड को और मसल दे और मसलता ही रहे। मैं चुपचाप मलवाता रहा….पर अन्त में एक सिसकारी तो निकल ही गई।

वो धीरे धीरे तेल मलता रहा। मैं बेसुध सा हो गया। तभी मुझे महसूस हुआ कि दरवाजा किसी ने खोला…. मैंने आंखे खोली तो दरवाजे पर कोई नजर नहीं आया। सन्नी ने मलना बन्द कर दिया और तेल एक तरफ़ रख दिया।

“साब…. नहला दूं क्या ?.”

“हां यार…. नहला दे अब……”

मैंने नहाते हुए कहा – ” सन्नी तू तो एक्स्पर्ट है मालिश करने में…”

“जी हां…. मैं मालिश भी तो करता हूँ…. रीता आंटी की मालिश भी मैं ही करता हूं”

मैं चौक गया – क्या …. आंटी की…. कैसे ..”

“पांव और पीठ की…. वो इसके लिये मुझे २० रुपिये देती है…”

मैंने भी उसे २० रुपये देने का वादा कर दिया। मैं तौलिया लपेट कर बैठ गया था और खाने की तैयारी करने लगे। खाने के बीच में मैंने रीता के बारे में पूछा। तो उसने बताया की रीता भी आपके बारे में पूछती रहती है। मुझे लगा कि वो मुझमें दिलचस्पी रखती है।

बाहर मौसम अच्छा नहीं था…. बरसात के आसार थे। लग रहा था बरसात जल्दी ही शुरु हो जायेगी। बिजली रह रह कर चमक रही थी। बादल भी गरज रहे थे। कुछ ही देर में बरसात शुरु हो गई। जैसा कि यहा आम बात थी कि बरसात शुरु होते ही बिजली चली जाती थी। वही हुआ, बिजली गुल हो गई।

काफ़ी देर हो गई…. बरसात रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी….मैं बिस्तर पर लेट गया। सन्नी भी वहां आ गया। मैं कब सो गया मुझे पता ही नहीं चला। बन्टी भी मेरी बगल में आकर सो गया। रात को मेरी नींद खुल गई। मैंने तौलिया उतारा और अंडरवियर में सन्नी की पीठ से चिपक कर सो गया।

बरसात अपनी तेजी पर थी। मुझे लगा सन्नी से चिपकने के कारण मेरे लण्ड में कड़ापन आने लग गया था। मेरा लण्ड उसके शरीर से स्पर्श होने के कारण खड़ा हो गया था। वो सन्नी के चूतड़ों पर लग रहा था। मैंने अपने को उससे अलग किया, लेकिन सन्नी ने जानकर अपने चूतड़ पीछे सरका कर मेरे लण्ड से सटा दिया, लण्ड फिर से एक बार और उसकी चूतड़ों की दरार में घुस गया। मेरे शरीर में तेज सिरहन दौड़ गई। मैं वैसे ही पड़ा रहा पर लण्ड दरारों में घुसा हुआ फूलने लगा। और कड़ा हो गया। उसने सिर्फ़ चड्डी पहन रखी थी।

मुझे कड़क लण्ड होने से बहुत तकलीफ़ होने लगी थी। मैंने अंडरवियर से लण्ड को बाहर निकाल कर आज़ाद कर लिया। मेरा लण्ड अब नंगा था और खुला हुआ था। मुझे लगा कि सन्नी ने जानकर अपनी गान्ड और पीछे सरका कर मेरे लन्ड को गाण्ड से चिपका रहा था। अब मुझसे भी मेरा धैर्य छूट रहा था। मैंने अब अपना लण्ड उसकी गाण्ड की दरारो में घुसा दिया और बाहर से ऐसे ही रगड़ने लगा।

जब उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने उसकी चड्डी का नाड़ा खोल दिया और चड्डी नीचे सरका दी। अब सन्नी ने अपने चूतड़ ढीले कर दिये और लण्ड को छेद तक जाने का रास्ता दे दिया। मैंने अपना लण्ड उसके चूतड़ों की दरार में घुसा डाला और छेद तक पहुंचा दिया।

वो सोया नहीं था और उसे मजा आ रहा था। मुझे लगा कि छेद बहुत टाईट है, मैंने अपना थूक उस पर लगा दिया। मैं लण्ड धीरे धीरे गाण्ड के छेद पर दबाने लगा..और मेरे लण्ड की चमड़ी ऊपर तक सरक गई और लाल सुपाड़ा निकल आया और छेद में घुस गया। सन्नी ये जताने लगा कि वो नींद में है।

सुपाड़े के अन्दर जाते ही वो बोल उठा,” आह…. धीरे धीरे डालना …. मजा आ रहा है….”

“हां सन्नी…….तुझे अच्छा लग रहा है…”

“आऽऽऽऽऽऽह …. हां…. और डालो ना…”

मैंने अब अपने आप को सेट किया और जोर लगा कर कर अन्दर घुसाने लगा। उसकी गान्ड का छेद मुलायम था…..मुझे घुसाते हुये बड़ा आनन्द आ रहा था। मैंने भी अपना हाथ बढा कर उसका लण्ड पकड़ लिया। उसका लण्ड भी मोटा और लम्बा था…. अभी खूब तन्ना रहा था। मैंने उसका लण्ड जोर से पकड़ कर कर अपने लण्ड को गाण्ड में पूरा घुसेड़ दिया।

अब मैं उसके लण्ड को मुठ मारने लगा और उसकी गाण्ड चुदाई करने लगा। सन्नी अब मस्त हो उठा था। मुझे भी भरपूर मजा आ रहा था। हम दोनों सिसकारियां भर रहे थे। सन्नी ने एक हाथ पीछे करके मेरे चूतड़ भींच लिये थे। और अपनी ओर खींचने लगा। अब मुझे भी धक्के मारने में सहुलियत हो रही थी। मेरी कमर अब मंथर गति से हिल रही थी और लण्ड आराम से सटासट आ जा रहा था।

मुझे भी असीम आनन्द आने लगा था। उसके लण्ड को मुठ भी मार रहा था…. वो आनन्द से अपने शरीर को हिला रहा था। मैं सन्नी की गाण्ड से और चिपकता जा रहा था। और अब धक्के भी जम कर लगा रहा था। मेरी सिसकारियां भी बढ गई थी।

सन्नी भी सिसकारियां भर रहा था-” हाऽऽऽऽय …. लण्ड जोर से मसल दो ना…….. और जोर से रगड़ो….जोर से मुठ मारो”

मेरे तन में आग लगी हुई थी….वो भी तड़प रहा था …. बेहाल हो रहा था …. अचानक ही उसके लण्ड ने वीर्य छोड़ दिया । उसकी तेज पिचकारी निकल पड़ी। उसका वीर्य मेरे हाथों को गीला कर रहा था। उसकी गाण्ड भी इसके साथ भिंच गई। मैंने उसे उल्टा लेटा दिया और उसकी गाण्ड पर चढ गया। अब एक बार फिर से लण्ड गाण्ड में घुसा कर पूरे जोर से उसकी गाण्ड चोदने लगा। चूंकी वो झड़ चुका था इसलिये उसकी गाण्ड भी ढीली हो गई थी लण्ड तेजी से आ जा रहा रहा था और अब मेरा भी लण्ड जवाब देने लगा था….और ….और मेरे लण्ड ने भी वीर्य छोड़ दिया।

मैं जोर लगा कर अपना वीर्य उसकी गाण्ड में भरने लगा। धीरे धीरे सारा वीर्य निकल गया….. मैं वैसे ही उसके ऊपर लेट गया। शान्त होने पर मैं एक तरफ़ लुढक गया। मुझे अब होश आया। और लम्बी लम्बी सांसे लेने लगा। बाहर बरसात अब भी अच्छी खासी हो रही थी। कुछ ही देर में मैं सो गया।

सुबह आंख खुली तो बरसात थम चुकी थी। पर ये क्या ? मैं चौंक कर खड़ा हो गया। मैं नंगा ही था…. सन्नी भी नंगा ही था। उसके चूतड़ों पर वीर्य लगा हुआ था…. टेबल पर चाय और नाश्ता लगा हुआ था। मैं घबरा गया…. यहां कोई आया था…. सन्नी सो रहा था। मैंने तुरन्त तौलिया लपेटा और देखा तो दरवाजा में अन्दर से कुण्डी नहीं लगी थी।

मैंने बाहर झांका तो रीता अपने घर के बाहर की सफ़ाई कर रही थी। मुझे देख कर वो मुस्कुराई। सफ़ाई बंद करके वो मेरी तरफ़ आने लगी…. मैंने पास पड़ी कमीज पहन ली। वो दरवाजा खोल कर अन्दर आ गई।

” अमन जी…. दरवाजा तो बन्द कर लिया करो….”

“आप कब आई थी….रीता जी”

“मैं बस जी….बिल्कुल सही समय पर आई थी…. तुम्हें जी भर कर देख लिया…. लगता है मौसम ने रात को गड़बड़ी कर दी…”

“ना….नहीं…. वो तो ऐसे ही ना….रात को तौलिया खुल गया था…”

“फिर भी…. बिना अंडरवियर के …. और बेचारा सन्नी…. अपना दम उस पर निकाल दिया….” और हंस पड़ी।

“रीता जी…. बस करो ना..”

” ओह हां सॉरी …. पर ….” रीता ने मुस्करा कर मेरे लण्ड की तरफ़ देखा।

“पर क्या……..”

“मजा आया रात को….”

” रीता जी….वो लड़की थोड़ी है…. वो तो….”

“पर मैं तो लड़की हू ना….। उसके स्वर में सेक्स भरा अनुरोध था।

रीता के मन में हलचल हो रही थी।

“रीता जी ….मुझे शरम आ रही है….मेरा मजाक मत बनाओ….रात को मेरी वजह से सब गड़बड़ हो गई थी….”

“क्या गड़बड़ हुआ मुझे क्या सन्नी से पूछना पड़ेगा” वो आगे बढती ही जा रही थी। साफ़ जाहिर था कि उसे मालूम था कि मैंने आज सन्नी की गाण्ड चुदाई की है। मैंने भी सीधे ही कहा -“रीता जी ….! एक बात पूछूं….?”

” हां….पूछो…..”

“आपके दिल में कुछ हलचल है ना….”

उसने मुझे वासना की नजर से देखा – ” अमन !!!……”

मैंने धीरे से दोनो हाथों से उसका चेहरा थाम लिया । उसने अपनी आंखें बंद कर ली। मेरे होंठ उसके होंठो की तरफ़ झुकने लगे। हमारे होंठ आपस में मिल गये। मेरे हाथ उसके उरोजों से चिपक गये। मैंने रीता उरोजों को मसलना चालू कर दिया। उसके मुख से सिसकारी निकल पड़ी।

“उफ़्फ़ बस करो….क्या कर रहे हो….”

मैंने उसके हाथ पकड़े और बाथरूम में ले आया…. और उससे लिपट गया…. उसके अंगों को बेतहाशा मसलने लगा।

” छोड़ो ना….ये क्या कर रहे हो….” उसने मुझसे और चिपकते हुये कहा। फिर एकएक दूर हटते हुए मुझ पर तिरछी नज़र डालते हुए शरमा कर भाग गई।

मैंने सन्नी को उठाया। उसने उठ कर कपड़े पहने और नाश्ता किया और चला गया। सारा काम निपटा कर मैं बाथ रूम में नहाने चला गया। सन्नी के जाने के बाद रीता वापस आ गई।

उसने मुझे धीरे से आवाज दी। मैंने कहा,” यहीं आ जाओ…. बाथ रूम में !”

“उसने मुझे बाथ रूम में अन्दर झांका। और मुझे देखती ही रह गई। मैं नंगा नहा रहा था। मेरा लण्ड तो वैसे ही खड़ा था। मुझे देख कर उसने अपना मुंह हाथों में छिपा लिया। मैंने उसने हाथो को हटा कर उसे चूम लिया और उसके हाथ को अपने लण्ड पर रख दिया-“रीता….प्लीज पकड़ लो इसे….”

रीता ने शरमाते हुए मेरा लण्ड पकड़ लिया और झट से मुझसे लिपट गई। मैंने उसे झरने के नीचे खींच लिया। वो भीगने लगी। वो सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाऊज में थी। उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। भीगते ही उसके चूंचियां ब्लाऊज में से दिखने लगी।

मैंने उसके बोबे पर अपना हाथ रख दिया और होले होले दबाने दबाने लगा। उसका पेटीकोट का नाड़ा मैंने खोल दिया। पेटीकोट नीचे पांवो के पास गिर पड़ा। दूसरे ही पल मैंने उसका ब्लाऊज उतार दिया। उसकी आंखे बन्द थी। उसने अपने आप को पूरा समर्पित कर दिया था।

झरने के नीचे मेरा लण्ड उसकी चूत से रगड़ खाने लगा था। वो भी अपनी चूत को मेरे लण्ड से चिपका रही थी। मैंने उसे घुमा दिया और उसकी पीठ से चिपक गया। मुझे उसकी गोल गोल गाण्ड बहुत प्यारी लगती थी। मैंने अपना लण्ड उसकी चूतड़ों में घुसा दिया। उसने अपनी गाण्ड ढीली छोड़ दी। पानी हमारे शरीर पर गिर रहा था। मैंने उसकी गीली गाण्ड में अपना लण्ड दबा दिया। लण्ड उसकी गाण्ड के छेद में घुसता चला गया। वो सिसक उठी। जरा सा और जोर लगा कर लण्ड को पूरा अन्दर तक बैठा दिया।

मेरा लण्ड मीठी गुदगुदी से भर गया। मैंने उसके बोबे पकड़ कर उसका शरीर अपने से चिपटा लिया। उसकी आंखे अभी भी बन्द थी। अपनी गाण्ड में वो लण्ड का पूरा आनन्द ले रही थी। मैंने पीछे से धक्के मारना जारी रखा। मैंने अब एक हाथ छोड़ कर उसकी चूत पकड़ ली और दबा दी।

“इसे छोड़ो अमन…. वरना मैं झड़ जाऊंगी……..”

मुझे लगा वो उत्तेजित तो पहले ही से थी। कहीं सच ही में ना झड़ जाये। मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड से निकाला और उसे अपनी बाहों में उठा कर बिस्तर पर ले आया। उसे सीधा लेटा कर मैं उस पर चढ गया। और उसके शरीर पर अपना बोझ डाल दिया। उसने भी मुझे अपने दोनो हाथों से कस लिया। उसके होंठो पर मैंने अपने होंठ रख दिये। और कमर उठा कर लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। उसके मुख से एक प्यारी सी सिसकारी निकल पड़ी,”मेरे राजा…. हाय…. इसी का इंतज़ार था…. हाय मेरी चूत को अब शांति मिली….”

मेरा लण्ड बुरी तरह से उतावला हो रहा था। मैंने भी अब बेरहमी से उसे चोदना चालू कर दिया। दोनों की कमर तेजी से चल रही थी। लग रहा था कि जनम जनम से प्यासी हो। दोनों के मुख से सुख भरी चीखें निकल रही थी। अब रीता की बारी थी उसने कोशिश की कि वो मेरे ऊपर आ जाये।

मैंने उसका इशारा समझ लिया और एक पलटी मार कर उसे अपने ऊपर चढा लिया। रीता ने अपनी चूत में सट से लण्ड वापस डाल लिया और और पांव सीधे करके मेरे पर लेट गई। उसकी कमर धीरे धीरे चल रही थी। उसने पांव पास करके अपनी चूत तंग कर ली थी। अच्छी तेज रगड़ लग रही थी। मेरा सुपाड़ा घर्षण से तेज उत्तेजना दे रहा था।

रीता बोली,” राजा…. मेरी चूंचियां मसल दो…. निपल खींचो…. हाय जल्दी करो….”

मैं अब निर्दयता से उसके बोबे मसकने लगा…. निपल खींच खींच कर मलने लगा। वो निहाल हो गई। मस्ती में उसकी कमर तेज चलने लगी।

“हाय…. और जोर से…. मेरे राजा…. चोद दो मुझे………… सारा निकाल दो मेरा कस बल….”

“मेरी रानी…. लगा…. जरा जोर से धक्का लगा…. देख मेरा लण्ड तेरी चूत का कैसा प्यासा हो रहा है….”

“हाय रे….अमन…. मुझे कैसा कैसा लग रहा है…. मैया री…. चुद गई रे मैं तो….”

मुझे लगने लगा कि रीता चरमसीमा पर पहुंच चुकी है। चूत काफ़ी पानी छोड़ रही थी। फ़च फ़च की आवाजें तेज हो चली थी। उसकी मेरे शरीर पर पकड़ तेज होने लगी थी।

“येएएहऽऽ…. मेरे राजा…. ईईईईह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्…. चुद गई….चुद गई…. हाय्…. ओऽऽऽऽह …. माई रेऽऽऽऽऽ…….. गई मैं तो…. अमन॥…. निकल गई…. हाय…….. ये निकला….निकला….हाआईईईई रे….”

लगभग चीखती सी रीता झड़ने लगी…. मैंने भी अपने लन्ड को उसकी चूत में गड़ा कर झड़ने की कोशिश करने लगा…. पर नहीं निकला। वो झड़ती रही और मेरे शरीर पर निढाल सी पड़ गई। मैंने पलटी मार कर उसे फिर से नीचे ले लिया और उसकी जांघों पर बैठ गया…….. और मुठ मारने लगा। तेज पिचकारी के साथ मेरा वीर्य छूट पड़ा तो उछल कर रीता के उरोजों पर जा गिरा। उसने हाथ से वीर्य अपने बोबे पर फ़ैला दिया। मेरा लण्ड झटके दे दे कर वीर्य छोड़ रहा था। अन्त में रीता ने मेरा लौड़ा पकड़ कर बचा खुचा वीर्य भी निचोड़ लिया। मैं उसके ऊपर से हट गया और बिस्तर से नीचे आ गया। रीता भी कुछ देर बाद बिस्तर पर बैठ गई

“अमन…. तुम तो कमाल के हो…. मेरी तो पूरी जान ही निकाल दी….”

“नहीं रीता…. तुमने तो मुझे आज निचोड़ डाला…. मेरी तो आज जिन्दगी सफ़ल हो गई….”

रीता हंसने लगी। मैंने कहा – “आओ अब नहा लेते हैं…..”

हम दोनो शावर के नीचे जा कर खड़े हो गये…. और नहाने लगे…. जाने कब हम फिए होश खो बैठे…. और हमारे शरीर फिर से चिपकने लगे…. लण्ड खडा हो गया…. रीता मेरी बाहों में कसने लगी…. लन्ड एक बार फिर रीता की कोमल चूत में घुस पड़ा…….. और ….और….दोनों फिर से सिसकारियां भरने लगे…….. Hindi Sex Stories

Antarvasna

राज का मन बार बार Antarvasna रूपल को सोच सोच कर तड़प जाता था। जाने रूपल में क्या ऐसी कशिश थी कि उसका दिल उसकी ओर खिंचा जाता था। साहिल की तकदीर अच्छी थी कि उसे ऐसी रूपमती बीवी मिली थी। आज भी राज का लण्ड उसके बारे में सोच सोच कर तन्ना उठा था। अंजलि राज की पत्नी थी, पर कहते हैं ना दूसरो की चीज़ हमेशा अच्छी लगती है, शायद राज का यही सोचना था। उधर अंजलि भी साहिल पर शायद मरती थी। ऐसा नहीं था था रूपल और साहिल भी राज और अंजलि की तरफ़ आकर्षित नहीं थे, उनका भी यही हाल था।

आज सवेरे भी ऑफ़िस जाने से पहले राज साहिल के घर की ओर मुड़ गया। उसे कोई काम नहीं था, बस उसे रूपल से मिलने की चाह थी। आशा के मुताबिक रूपल घर में ही थी और घर का काम कर रही थी। रूपल ने ज्योंही राज को देखा, उसका दिल खिल उठा। राज किचन में आ गया और बातों बातों में रूपल को हमेशा की तरह छूने लगा।

हमेशा की तरह रुपल ने भी कोई विरोध नहीं किया, बल्कि उसे तो और अच्छा लग रहा था। आज राज ने थोड़ी और हिम्मत की और धीरे से रूपल के गाण्ड के गोलों पर अपना हाथ फ़ेर दिया। रूपल के बदन में सनसनी सी फ़ैल गई। जब राज ने कोई प्रतिक्रिया नहीं देखी तो उसने फिर से नीचे हाथ ले जा कर उसके एक चूतड़ के गोले को दबा दिया। उसके नरम से चूतड़ का स्पर्श राज के मन में बस से गये।

रूपल का बदन कांप सा गया। रास्ता साफ़ था… वो एक कदम और आगे बढ़ गया और उसकी गाण्ड में अपनी अंगुली दबा दी। रूपल ने भी मामला साफ़ करने की गरज से पहले तो उसकी अंगुली को अपने चूतड़ों के बीच दबा लिया, फिर धीरे से पीछे उसके सीने पर अपना सर रख दिया।

राज का मन बाग बाग हो गया। उसने धीरे से रूपल के उभरे हुये स्तन पर अपना हाथ रख दिया। राज को उसके दिल की धड़कन साफ़ महसूस होने लगी थी। रूपल के स्तन दब गये और वातावरण में एक सिसकारी गूंज गई। राज का लण्ड तन्ना उठा और उसके चूतड़ो की दरार में घुसने को इधर उधर ठोकरें मारने लगा। राज का चेहरा रूपल के चेहरे पर झुक गया और उसके अधर अपने अधरों से दबा दिये। रूपल का चेहरा तमतमा उठा, उस पर ललाई फ़ैल गई।

‘राज, अह्ह्ह्ह प्लीज…’ रूपल उसके मोहक स्पर्श से थरथरा उठी। उसके कोमल होंठ फ़ड़फ़ड़ाने लगे थे। तभी मोबाईल बज उठा। वो जैसे मदहोशी से जाग गई। शरमा कर वो भाग खड़ी हुई और मोबाईल उठा लिया।

साहिल का फोन था वो एक घण्टे के बाद घर आने वाला था। राज ने रूपल को फिर से दबाने की कोशिश की, पर रूपल ने उसे मना कर दिया।

‘देखो साहिल आने वाला है, फिर कभी…’और वो एक बार फिर शरमा गई।

‘बस एक बार! फिर मैं जाता हूँ…’ उसने अपना सर झुका लिया। राज ने उसे खींच कर अपने से चिपका लिया और उसके अधर चूसने लगा। उसके हाथों ने उसकी चूत दबा दी। वो थोड़ा सा कसमसाई और अपने आप को छुड़ा लिया।

अपने होंठों को पोंछती हुई वो मुसकराई।

राज का दिल अब ऑफ़िस जाने को नहीं कर रहा था, सो वह घर की ओर मुड़ गया। रास्ते से उसने मिठाई का डब्बा भी पैक करा लिया था। उसने कार पार्क की और सीढ़ियाँ चढता हुआ अपने फ़्लैट तक आ गया। दरवाजा अन्दर से बन्द था। अन्दर से बातें करने की आवाजें आ रही थी। उत्सुकतावश वो बगल की खिड़की पर गया और एक टूटे हुये शीशे में से उसने झांक कर देखा।

साहिल ने अंजलि को अपनी गोदी में बैठा रखा था और अंजलि बेशर्मी से उसके गले में बाहें डाल कर उसे चूमे जा रही थी। साहिल उसकी चूचियों को सहला रहा था। राज जलन के मारे भड़क उठा।

उसके हाथों की मुठ्ठियाँ कसने लगी। जैसे तैसे उसने अपने आप को काबू किया और सीढ़ियाँ उतर कर नीचे आ गया। उसने नीचे जा कर अंजलि को फोन किया।

अंजलि ने बताया कि साहिल भैया भी आये हुये हैं। साहिल ने अपने आपको ठीक किया और जल्दी से जाकर दरवाजा खोल दिया। फिर वापस आकर शरीफ़ों की तरह सोफ़े पर बैठ गया। राज शान्त हो कर अन्दर आ गया।

‘लो मिठाई खाओ… आज बहुत शुभ दिन है…!’ राज ने जले हुये अन्दाज से कहा।
‘क्या बात है… हमें भी तो बताओ?’ साहिल ने पूछा।
‘भई, आज मुझे मेरा एक पुराना साथी मिल गया, बड़ी खुशी हुई मुझे!’

मन में गुस्सा तो भरा था पर उसने साहिल की बीवी रूपल को आज खूब दबाया था, यही मन में तसल्ली थी। अंजलि को भी राज ने साहिल को दबाते हुये देख लिया था, फिर बात बराबर सी हो गई थी। साहिल की बीवी के स्तन, चूतड़ों को मसलने पर उसके पति को मिठाई खिलाना उसके मन को तसल्ली दे रहा था।

दूसरे दिन राज रूपल के फोन पर जल्दी बुलाने से वो उसके यहाँ फ़टाफ़ट पहुँच गया। राज़ जल्दी से अन्दर लेकर रूपल ने उसे चूम लिया।

‘जानती हो कल मैंने साहिल को मिठाई खिलाई!’
‘अच्छा, कोई खास बात थी क्या?’
‘तुमसे मजे जो किए थे… पर एक बात बात कांटे की तरह मुझे तड़पा रही है।’
‘धत्त… ये भी कोई बात हुई… वैसे क्या बात तड़पा रही है?’ रूपल ने हंसते हुये कहा।
‘बुरा ना मानो तो बताऊँ…?’
‘मुझे पता है… पर तुम बताओ…!’
राज ने उसकी तरफ़ आश्चर्य से देखा और कहा- तुम्हें कुछ नहीं मालूम रूपल! साहिल अंजलि से लगा हुआ है मैंने कल खुद देखा है।’
‘तो क्या हुआ, तुम मेरे से लग जाओ…वैसे मुझे यह सब पता है।’ रूपल ने हंसते हुये कहा।
‘क्या कह रही हो? तुमने साहिल को मना नहीं किया?’

रूपल राज के समीप आ गई और उसे मीठी नजरों से देखने लगी।

‘कैसे कहती? उसने भी तो मुझे तुमसे मिलने को कह दिया है ना!’ रूपल ने सर झुका कर बताया।
‘ओह्ह्ह… तो क्या अंजलि भी जान गई है?’ राज का दिल धड़क उठा।

‘हाँ, कल मैंने साहिल को बताया था कि तुमने मुझे कैसे प्यार से दबाया था, उसने आज अंजलि को बता दिया होगा।’

राज ने रूपल को अपनी बाहों के घेरे में ले लिया और उसे चूमने लगा।

‘राज, आज अपन सब मिल कर एक पार्टी रखते है… और फिर तुम मुझे और साहिल अंजलि को… बोलो चलेगा ना?’ रूपल ने कुछ संकोच से कहा।

‘अंजलि क्या कहेगी…?’ राज का लण्ड यह सुन कर खड़ा हो गया। उसे यह सब विश्वस्नीय नहीं लग रहा था। पर ये सब कितना उत्तेजक होगा… अंजलि अपने पति के सामने चुदेगी और रूपल उसके सामने…

‘यह उसी का सुझाव है, मजा आयेगा, एक बार खुल जायेंगे तो कभी भी आकर मुझे…’

रूपल वासना में डूबी जा रही थी। राज का लण्ड रूपल को चोदने को बेताब होने लगा था। और अब यह इतनी रोमान्चक बात… कैसे होगा ये सब… एक दूसरे के सामने… शरम नहीं आयेगी… राज ने अपना सर झटक दिया, उसने सोचा ये औरतें इतनी बेशरम हो सकती है तो फिर मैं तो मर्द हूँ… काहे की शरम करूँ!!!

उसने रूपल को अपनी बाहों में उठा लिया और बिस्तर के पास ले आया।

‘बस करो, अभी नहीं, शाम को करना… बड़ा मजा आयेगा!’
‘पर मेरा मन तो तुम्हें पाने को बेताब हो रहा है!’
‘देखो कितना मजा आयेगा, जब हम चारों ही शरम टूटेगी, मैं तो शरम के मारे मर ही जाऊँगी, जब अंजलि और साहिल के सामने… हाय राम!!!’

राज ने उसे बिस्तर के ऊपर ही उसे हवा में छोड़ दिया और वो धम्म से बिस्तर पर आ गिरी। रूपल उठी और राज को वो लगभग धकेलते हुये बाहर ले आई। फिर एक चुम्मा दे कर मुस्करा दी।

‘शाम को!’

राज मुस्करा उठा और चला गया।

शाम को ऑफ़िस से सीधा घर पहुंचा। अंजलि ने उसे बहुत प्यार से स्वागत किया। कुछ ही देर में वो चाय और नाश्ता ले आई। अंजलि ने सर झुकाये मुझे तिरछी नजरों से देखा और कहा- आज शाम को रुपल के यहाँ पार्टी है… आठ बजे चलना है!’
राज उठा और अंजलि के पीछे जा कर उसके स्तन दबा दिये। अंजलि ने सर उठा कर उसे देखा और राज ने उसके होंठ चूम लिये।

‘तुम बहुत अच्छी हो, थेन्क्स जानू…!’
अंजलि की नजरें झुक गई।
‘सॉरी राज, मैंने तुम्हें साहिल के बारे में कुछ नहीं बताया।’
‘मैंने देख लिया था… बताने की क्या जरूरत थी… आई लव यू डार्लिंग!’
‘ओह्ह, मेरे राज, आई लव यू टू… तुम्हें यह सब देख कर गुस्सा नहीं आया?’ वो राज से लिपट गई।
‘मैं तुमसे बहुत प्यार करता हू, स्वीटी!!! तुम्हें जिससे भी, जैसा भी आनन्द मिले, मेरे दिल को शांति मिलती है… तुम साहिल से खूब मजे लो, पर मुझे अपने दिल में रखना।’ राज भावना में बह कर बोला। अंजलि राज से और चिपक गई।

शाम गहरी होते ही दोनों साहिल के घर पहुँच चुके थे। साहिल राज के पास आ कर बैठ गया और उनके शराब के जाम चलने लगे। रूपल और अंजलि भी धीरे धीरे बातें करने लगी थी।

‘क्या बातें हो रही है?’ साहिल ने पूछा।

दूसरे भाग में समाप्य! Antarvasna

Hindi Sex Stories

मैं आज अपने मायके आ Hindi Sex Stories गई, सोचा कि कुछ समय अपने भाई और माता पिता के साथ गुजार लूँ। मेरी माँ और पिता एक सरकरी विभाग में काम करते हैं, भैया कॉलेज में पढ़ता है। आप जानते हैं ना चुदाई एक ऐसी चीज़ है जिसके बिना हम लड़कियाँ तो बिल्कुल नहीं रह पाती। यहां मायके में भी यही हाल हुआ। ये चूत है कि लण्ड मांगे मोर…। बोबे भी फ़ड़क उठते हैं… गांड भी लण्ड दिखते ही लचकदार होकर अदाएँ दिखाने लगती है… चाल ही बदल जाती है। देखने वाला भी समझ जाता है कि अब ये लण्ड की भूखी है। बाहर से हम चाहे जितनी भी गम्भीर लगें, सोबर लगें पर हमारी नजरें तो पैन्ट के अन्दर लण्ड तक उतर जाती हैं। लड़कों का खड़ा लण्ड नजर आने लगता है।

मैं खिड़की पर खड़ी सब्जी काट रही थी की भैया आया और बिना इधर उधर देखे बाहर ही दीवार पर अपना लण्ड निकाल कर पेशाब करने लगा। मेरा दिल धक से रह गया। इतना बड़ा और मोटा लण्ड… भैया ने पेशाब किया और लण्ड को झटका और पेण्ट में घुसा लिया। मैं तुरन्त एक तरफ़ हो गयी। भैया अन्दर आ गया और मुझे रसोई में देख कर थोड़ा विचलित हो गया … उसे लगा को शायद मैने उसे पेशाब करते हुये देख लिया है।

“ये खिड़की क्या खुली हुई थी…”

“हां क्यो, क्या बात है…”

“नहीं यू ही बस …।”

“हां… तुम वहा पेशाब कर रहे थे न…” मैं मुस्कराई और उसकी पेन्ट की तरफ़ देखा

भैया शर्मा गया।

“धत्त , तुझे शरम नही मुझे देखते हुये”

“शरम कैसी… ये तो सबके होता है ना, बस तेरा थोड़ा सा बड़ा है…”

“दीदी…” वो शरमा कर बाहर चला गया। मुझे हंसी आ गयी। हां, मेरा दिल जरूर मचल गया हा। पर भैया भी चालू निकला, वो जब भी खिड़की खुली देखता तो वहा पेशाब करने खड़ा हो जाता था… और मुझे अब वो जान करके अपना लण्ड दिखाता था। मेरा मन विचलित होता गया। एक बार मैने उससे कह ही दिया…

“बबलू… तू रोज़ ही वहा पेशाब क्यो करता है रे…”

“मुझे अच्छा लगता है वहां”

“… या मुझे दिखाता है…अपना वो…”

“दीदी, आप भी तो देखती हो ना… फिर ये तो सबका एक सा होता है ना…”

” जा रे… तू दिखायेगा तो मैं देखूंगी ही ना… फिर…” मैं शर्मा सी उठी

“दीदी… तेरी तो शादी हो गई है…तुझे क्या…”

“अच्छा छोड़, मैं स्टूल पर चढ कर वो समान उतारती हू, तू मेरा ध्यान रखना…मैं कही गिर ना जाऊ”

मैं स्टूल पर चढी, और कहा “बबलू… मेरी कमर थाम ले…और ध्यान रखना…”

समान उतार कर मैं ज्योही स्टूल पर से उतरी बबलू ने मुझे उतरते हुये अपनी तरफ़ खींच लिया।

“धीरे धीरे दीदी…”और उसने मुझे ऐसे उतारना चालू किया कि मेरे बोबे तक दबा डाले धीरे धीरे सरकते हुए वो मुझे नीचे उतारने लगा और मेरे चूतड़ उससे चिपकते हुए उसके लण्ड तक पहुंच गये। अब हाल ये था की मेरे दोनो बोबे उसके कब्जे में थे और उसका लण्ड मेरे पटीकोट को दबाते हुए गाण्ड में घुस गया था। उसके मोटे लण्ड का स्पर्श मैं अपने दोनो चुतड़ो के बीच महसूस कर रही थी। मैने उसे देखा तो उसकी आंखे बंद थी… और मुझे वो कस कर जकड़ा था। शायद उसे मजा आ रहा था। मुझे बहुत ही मजा आने लगा था। पर शराफ़त का तकाजा था कि एक बार तो कह ही दू…”अरे छोड़ ना…क्या कर रहा है…”

“ओह दीदी… मुझे ना क्या हो गया था… सॉरी…”

“बड़े प्यार से सॉरी कह दिया… “मैने उसकी हिम्मत बढाई।

“दीदी क्या करू बस आपको देख कर प्यार उमड़ पड़ता है…”

“और वो जो खड़ा हो जाता है… उसका क्या”

“दीदी… वो तो पता नही , बस हो गया था” और मुस्कराता हुआ बाहर चला गया।

रात को सब सो गये तब मन में वासना जाग उठी। भैया के अन्दर का शैतान जाग उठा और मेरी अन्तर्वासना जाग उठी। जवान जिस्मो को अब खेल चाहिये था। दोनो के तन बदन में आग लगी हुई थी। कैसे शैतान ने काम किया कि हम दोनो को एक दूसरे की जरुरत महसूस होने लगी । हम दोनो लेटे हुये एक दूसरे को देख रहे थे… आंखो ही आंखो में वासना भरे इशारे हो रहे थे। भैया ने तो अपना लण्ड ही दबाना शुरू कर दिया, मैने भी उसे देख कर अपने होंठ दांतो से काट लिये। मैने उसे अपने बोबे अपना ब्लाऊज नीचे खींच कर दिखा दिये और दबा भी दिये। अब मैने चादर के अन्दर ही अपनी पेण्टी उतार दी और ब्रा खींच कर खोल दी। पेटीकोट को ऊपर उठा लिया… और अपनी चूत सहलाने लगी। ऊपर साफ़ दिख रहा था मेरा चूत का मसलना…

“दीदी, आप यही क्यो नही आ जाती , अपन बाते करेंगे”

“क्या बात करेंगे… मुझे पता है… तुझे भी पता है…आजा मेरे भैया…”

हम दोनो बिस्तर से उतर कर खड़े हो गये। धीरे धीरे एक दूसरे के समीप आ गये और फिर हम दोनो आपस में लिपट पड़े। मेरा अस्त व्यस्त ब्लाऊज और पेटीकोट धीले हो कर जाने कब नीचे खिसक गये, उसका पजामा भी नीचे उतर गया। हम नंगे खड़े थे। हम दोनो अब एक दूसरे को चूमने लगे। उसका लण्ड मेरी नगी चूत पर ठोकरे मारने लगा।

मैं भी निशाना लगा कर लण्ड को लपकने की कोशिश करने लगी कि उसे अन्दर ले लूं। हम दोनो के नगे और चिकने जिस्म रगड़ खाने लगे। जाने हम दोनो के होंठ कब एक दूसरे से चिपक गये। बबलू ने खुद को नीचे करते हुए मेरी गीली चूत में लण्ड घुसाने कोशिश करने लगा। उसका लण्ड मुझे यहा वहा रगड़ खा कर मस्ती दे रहा था। मेरी चूत अब लप लप करने लगी थी। तभी लगा की लण्ड ने चूत में प्रवेश कर लिया है। मैने अपनी एक टांग कुर्सी पर रख ली और चूत का द्वार और खोल दिया। लण्ड अन्दर घुस पड़ा। मीठा मीठा सा मजा आने लगा … मैने भी अपनी चूत उसके लण्ड पर दबा दी , उसका लण्ड पूरा अन्दर तक उतर गया।

अब मैने अपनी टांग नीचे कर ली। और भैया को जकड़ लिया। हम एक दूसरे से चिपके हुये कमर को हौले हौले चलाने लग गये। गीली और चिकनी चूत में लण्ड अन्दर बाहर फ़िसलने लगा। मुझे चुदाई का नशा सा आने लगा। बबलू का मोटा लण्ड मुझे भरपूर मजा दे रहा था। हम काफ़ी देर तक यू ही वासना की कसक भरी मस्ती लेते रहे। वो धीरे धीरे मुझे चोदता रहा… अब मुझे लगा कि कही मैं झड़ ना जाऊ… पर देर हो चुकी थी…मेरी चूत में पानी उतरने लगा था, सब्र टूट रहा था… मेरी सांसे जोर से चलने लगी और मेरा पानी छूट पड़ा। पर मैं उससे चिपकी रही। भैया मुझे हौले हौले चोदता ही रहा। धीरे धीरे मुझे फिर से चुदने का मजा आने लगा। मैं फिर से उसे पकड़ कर चिपट गयी। वो मेरे बोबे दबाता रहा और चोदता रहा, उसमें दम था…

“दीदी … अब उल्टी हो जाओ दूसरा मजा भी लू क्या ?”

“मेरे प्यारे भैया … हाय रे गान्ड चोदेगा क्या…” उसने हां में सर हिलाया। मैं उसकी तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गयी। उसने मुझे घोड़ी जैसा झुकाया और झुक कर देखा, पास में पड़ी शीशी से क्रीम निकाली और गाण्ड में भर दी।

“क्रीम मत लगा, मेरी गाण्ड तो वैसे ही खुली हुई है… खूब लण्ड खा लेती है…” मैने उसे बताया पर तब तक उसका लौड़ा मेरी गाण्ड में घुस चुका था। लण्ड गाण्ड में कसता हुआ जा रहा था पर दर्द नही हुआ। बस एक मीठी सी सुरसुरी होने लगी। उसका लौड़ा मेरी गाण्ड में पूरा अन्दर तक बैठ गया था।

मैने फ़्री स्टाईल में कमर हिलानी शुरू कर दी पर भैया को मजा चाहिये था, सो उसने मुझे सीधा खड़ा कर दिया और और मेरी पीठ अपने से चिपका ली । मेरे बड़े बड़े बोबे थाम कर उसे मसलना चालू कर दिया और लण्ड को हौले हौले गाण्ड में चलाने लगा। लण्ड का पूरा मजा आ रहा था। उसका साईज़ मेरे चूतड़ो तक को महसूस हो रहा था मुझे अब थोड़ी सी इस पोज में तकलीफ़ होने लगी थी सो मैं अब झुकने लगी और घोड़ी बनने लगी चुदते चुदते ही मैने अपने अपने हाथ कुर्सी पर टिका दिये और अपने पांव खोल दिये। उसका लण्ड अब अच्छी तरह से तेज चलने लगा। मैने भी चूतड़ो कि ताल में हिला कर गाण्ड मरवाने लगी। अब मुझे भी मस्ती आने लगी थी। भैया गाण्ड मारने में माहिर था। अब तो मेरी चूत भी फिर से तैयार थी, भैया ने मेरा इशारा समझा और लण्ड को गाण्ड में से निकाल कर फिर से चूत में पिरो दिया। मेरी चूत में मजे की तरावट आ गयी। खूब गुदगुदी भरी मिठास उठने लगी।

मैने भी चूत को गाण्ड के साथ नचाना शुरू कर दिया और मजा तेजआने लगा। चूत के पानी का चिकनापन से चोदते समय फ़च फ़च की आवाज आने लगी थी। सारी दुनिया मेरी चूत में सिमट कर रह गई थी। मस्ती सर पर चढ चुकी थी। चुदाई जोरो पर थी। भैया तूफ़ानी गति से कस कर धक्के मार रहा था। मेरी चूत बेहाल हो उठी थी। अब लग रहा था कि मेरा माल निकलने वाला है… उत्तेजना चरम दौर पर थी… चूत पर लण्ड की चोट मुझे मस्त किये दे रही थी। अचानक भैया ने लण्ड मेरी चूत में दबा दिया और मेरी कमर कस कर भींच दी ।

“दीदी… दीदी… हाय… आह्ह्ह … मेरा लण्ड गया… दीदी… मेरा निकला…ऊईईईईई…ऐह्ह्ह्ह्ह्ह्…”

तभी मेरी भी सारी नसे जैसे खिंच उठी और मैं तड़प उठी। मेरा भी पानी जैसे अन्दर से उबल पड़ा और मैं झड़ने लगी। तभी भैया के लण्ड ने भी पिचकारी छोड़ दी। लण्ड बाहर निकाल कर सारा वीर्य छोड़ दिया। उसका लण्ड रह रह कर रस बरसा रहा था। मेरी गाण्ड पूरी वीर्य से तर हो चुकी थी। वो लगता था थक गया था। उसने पास पड़े कपड़े से मेरे चूतड़ साफ़ कर दिये और अपना लण्ड भी पोंछ डाला। हम दोनो फिर से आपस में लिपट गये और प्यार करने लगे।

अब हम एक ही बिस्तर में लेटे थे और एक दूसरे के साथ खेल खेलने लगे थे। मुझे तो उसे फिर से उत्तेजित करना था। मेरा तो रात भर का कार्यक्रम था… कुछ देर में भैया फिर से तैयार था … उसका लण्ड कड़क हो चुका था… मैं भी चुदने को तैयार थी… उसने मेरे ऊपर चढ कर मुझे दबा डाला… और उसका लण्ड एक बार फिर से मेरी चूत में घुसता चला गया… मेरी सिसकारिया मुख से फ़ूट उठी… लण्ड और चूत का घमासान युद्ध होने लगा… Hindi Sex Stories

Antarvasna

हाय दोस्तो! मैं राजू फ़िर कोलकाता से. Antarvasnaमेरी पिछली दो कहानियाँ
‘एक सच्ची कहानी’
और
‘पति के सामने बीवी की चुदाई‘
आप लोंगों ने जरूर पढ़ी होगी. ये दोनों कहानियाँ मेरे सच्चे अनुभव पर आधारित थीं.

इन दोनों कहानियों को पढ़़कर बहुत से लोगों ने मुझे मेल किया. उनमे से एक जिसका नाम मनु था उसने लिखा कि वो भी इस तरह का सेक्स करना चाहता है. उसकी उम्र 32 वर्ष और उसकी बीवी नीतू की 28 वर्ष है. मनु ने मुझसे कहा कि नीतू एक समय में दो- तीन मर्दों के साथ सेक्स करना चाहती है. ये लोग भी कोलकाता के रहने वाले हैं. लेकिन मनु की इच्छा स्वैपिंग की थी. मनु ने मुझसे कहा कि पहले तुम और मैं मिलकर नीतू को चोदेंगे फ़िर बाद में पूजा(मेरी बीवी को). लेकिन पूजा तैयार नहीं थी. इसलिए मैंने उनका परिचय सोनाली और सिया से करा दिया. जो लोग सोनाली और सिया के बारे में नहीं जानते उन्हें थोड़ा परिचय करा दूँ.
सोनाली- उम्र- 30, गोरा, लंबा
सिया- उम्र- 27, सुंदर, 34-25-32

ये दोनों पति- पत्नी हैं कोलकाता से ही. ये लोग तो वैसे पार्टनर बदल कर सेक्स करने के एक्सपर्ट हैं. लेकिन मैंने और सोनाली ने मिलकर एक दिन सिया को चोदा था. सिया बहुत ही हॉट और सेक्सी है. इसके बाद दोनों ने बताया की उन्होंने पार्टनर बदलकर सेक्स किया और उन्हें खूब मजा आया.

मेरी मुलाक़ात अभी तक नीतू और मनु से नहीं हुई थी. फ़ोन पर सोनाली और मनु ने मुझे सब बताया अपनी चुदाई के बारे में.

ये सब सुनकर मेरी भी इच्छा हो रही थी लेकिन मैं मजबूर था. क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं हो रही थी.

कुछ दिनों के बाद एक दिन सोनाली ने मुझे फ़ोन किया कि तुम एक दिन का समय सकते हो? मैंने पूछा कि क्यों? तो सोनाली ने बताया कि सिया और मैंने तुम्हारी चुदाई की तारीफ मनु और नीतू के सामने की है और मैं और मनु चाहते हैं की एक ग्रुप का प्रोग्राम बनाया जाए.

ये सुनकर मैंने कहा की ठीक है लेकिन मैं अकेले ही शामिल हो पाऊँगा क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं होगी. सोनाली ने कहा कि ठीक है हम प्रोग्राम बना रहे हैं. इसके कुछ दिन के बाद सोनाली का फ़ोन आया की शुक्रवार को चलना है. कोलकाता से करीब 100 किलोमीटर दूर एक रिसॉर्ट है वहीँ पर चलना है सुबह 7 बजे घर से निकलना है. मैंने कहा ठीक है. मैंने इसके लिए अपनी बीवी को एक दिन पहले ही मायके भेज दिया.

शुक्रवार को सोनाली ने सुबह 6 बजे फ़ोन किया और कहा कि तुम कहाँ पर रहोगे? मैंने एक जगह का नाम बताया. सोनाली के पास कार थी. ठीक जगह पर पहुँच मैं उन लोगों से मिला. मनु और नीतू से पहली बार मिला. सोनाली गाड़ी चला रहा था. बगल में मनु बैठा था. मैं पीछे नीतू और सिया के साथ बैठ गया. फ़िर मैंने नीतू को ध्यान से देखा. क्या माल थी यार? बूब्स- 36”, कमर- 34” और रंग गोरा, आँखें नशीली, देख कर जैसे चुदाई की भूख कभी शांत ही नहीं होती है.

फ़िर मैंने सिया को देखा करीब 6 महीने के बाद. वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगी. फ़िर सोनाली ने मनु और नीतू से मेरा परिचय कराया. सिया कार में बांये यानि मनु के ठीक पीछे बैठी थी. नीतू बीच में और मैं दाहिनी तरफ़. मनु पहले सिया को चोद चुका था इसलिए वो दोनों खुलकर बातें कर रहे थे. करीब दो घंटे के बाद हम रिसॉर्ट में पहुंचे. इस बीच रास्ते में अच्छी तरह से बाते हुई. नीतू मुझसे खुलकर बातें करने लगी. रिसॉर्ट के बगल में एक पर्यटन स्थल था इसलिए वहाँ कमरा मिलना मुश्किल था लेकिन सोनाली ने पहले से ही एक डीलक्स रूम, डबल बेड का बुक करा लिया था. हम रूम में पहुँच कर पहले बारी- बारी से फ्रेश हुए .फ़िर नाश्ते का आर्डर दिए.

नाश्ता करने के बाद हम सभी बेड पर बैठ कर बातें करने लगे. फ़िर मनु और सोनाली ने अपनी चुदाई की कहानी चालू की. कैसे मनु ने सिया को चोदा और कैसे सोनाली ने नीतू को. इसे सुनकर हम सभी धीरे-धीरे उत्तेजित हो रहे थे. मनु ने कहा कि तुम और सोनाली मिलकर पहले नीतू को चोदों मैं और सिया बैठकर देखेंगे. मेरी बहुत दिन से इच्छा है कि नीतू को दो लोग मिलकर मेरे सामने चोदे. नीतू ने उस समय साडी पहनी थी. मनु सिया के साथ बेड से उठकर सोफे पर चले गए.

मैंने नीतू का हाथ पकड़ कर खड़ा किया और उसके पीछे जाकर लो कट ब्लोउज से निकली हुई नंगी पीठ को चूमने लगा. उसकी ऊँचाई मुझसे थोडी ही कम थी. उसके साथ उसकी दोनों चूचियों को भी हाथ से पकड़ कर दबाने लगा. क्या चूची थी! एक दम कठोर. फ़िर सामने से सोनाली आकर उसके होठों को चूसने लगा. फ़िर मैंने नीतू का मुंह थोड़ा सा तिरछा कर उसके होठों को चूसने लगा सोनाली उस समय उसकी चूचियाँदबा रहा था फ़िर मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर उसके बड़ी गांड को ऊपर से सहलाने लगा.

इस बीच मनु उठकर आया और नीतू की साडी उतार दी और कहा कि जल्दी से चोदों इसको. फ़िर वो वापस चला गया सिया के पास. सिया के भी कुछ कपडे उतर गए थे. लेकिन हम लोगों के पास उधर देखने कि फुर्सत नहीं थी. फ़िर मैंने नीतू के ब्लोउज के हुक खोलकर उतार दिया. भीतर उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी जिस्मी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ आधी बाहर निकली थी. सोनाली ने उसके पेटीकोट का नाडा धीरे से खोल दिया और पेटीकोट को उसकी बड़ी गांड से उतार दिया. भीतर उसने काली पेंटी पहनी थी. उसकी बुर के पास भीगा हुआ था जो की पेंटी के ऊपर से ही दिखाई दे रहा था.इसके बाद हमने पोजीशन बदल ली. मैं नीचे की ओर गया और पेंटी से झनकती हुई गांड पर जीभ फिराने लगा. सोनाली ने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके पूरी तरह तने हुए निप्पल को एक -एक कर चूसने लगा.

नीतू की आँखें उस समय बंद थी और वो पूरी तरह उत्तेजित हो गई थी. फ़िर मैंने उसके पेट, नाभि, जांघों को चूमते हुए उसकी पेंटी उतारनी शुरू की. क्या मस्त बुर थी उसकी! एक दम साफ़ जैसे चुदाई के लिए तैयार की गई हो! मैंने बुर के ऊपर जीभ फिराना चालू किया तो वो बेड पर बैठ गयी. मैंने जमीन पर बैठ कर ही उसके टांगो को चौडा किया और उसकी बुर को चूसना शुरू किया. वो अपनी बुर को जैसे मुझे पूरा खिला देगी वैसे कर रही थी.

ऊपर सोनाली बेड पर बैठ उसकी चूचियाँ, होंठ, निप्पल बारी-बारी से दबा/ चूस रहा था. नीतू उत्तेजना के मारे धीरे-धीरे बड़बड़ाने लगी… या…आ…ई ईई… मजा… आ रहा है. वो पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी थी. मैंने अपने पूरी जीभ उसकी बुर के भीतर तक घुसा दी थी. और एक अंगुली से उसकी क्लिट को रगड़ रहा था. वो बोलने लगी- हाँ… ऐसे… ही… आई…आ…जीभ चोदते रहो… सोनाली… तुम… मेरी चूचियों को और जोर से… और जोर से… दबाओ…

मनु अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था वो भी पूरी तरह से नंगा था.वो नीतू के पास आया और उसकी चूचियों को दबाने लगा. तब तक सोनाली ने अपने कपड़े उतार कर नीतू को अपना तना हुआ लंड पकड़ा दिया था. वो उसे जोर से सहला रही थी.

मैंने भी अपने कपडे उतारे और अपने लिंग पर एक कंडोम चढाया. और नीतू को डौगी स्टाइल में बेड पर औंधे लिटा दिया. यानि कमर के ऊपर का हिस्सा बेड के ऊपर. मैंने उसके पीछे से आकर उसकी रिसती हुई बुर में एक ही धक्का में अपना पूरा लंड घुसा दिया और जोर-जोर से चोदने लगा. बेड पर नीतू की मुंह की तरफ़ सोनाली बैठा था और उसका लंड नीतू मुंह में लेकर चूस रही थी. मैं जितना जोर से धक्का मारता वो उतना ही सोनाली का लंड अपने मुंह में भर लेती.

मनु पास में ही बैठ कर हमें और जोर से चोदने के लिए उसका रहा था. सिया भी पूरी तरह से नंगी होकर पास में ही बैठी थी मैंने कुछ देर तक उसे चोदा और झड़ गया. फ़िर सोनाली ने उसे बेड पर लिटाकर नोर्मल स्टाइल में चोदा. झड़ने के बाद वो भी बगल में आकर लेट गया.

शेष कहानी यानि हम पाँचों की एक साथ चुदाई अगले भाग में.

यह ग्रुप सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी जरूर बताना. Antarvasna

(Meri Class Teacher Ki Chudai)-Hindi sex stories

दोस्तो Hindi sex stories, आज मैं तुम को नये साल के टाइम पर मेरी पहली चुदाई की बात बताता हूं। मैं १८ साल का था और मैं उस टाइम ६’ का था शरीर से लम्बा तगड़ा था।

मुझे १ टीचर उपासना पढ़ाती थी उस की उमर २७ – २८ साल थी पर उसको बच्चा नहीं था। उसका पति सरकारी नोकरी में था और वो काफ़ी टाइम टूर पर रहता था। उपासना का पति बाहर गया हुअ था और उसको एक नये मकान की जरुरत थी वो किराये पर रहती थी। हमारे पड़ोस में एक मकान नया बना था और काफ़ी खुला और हवादार था। जब उपासना ने पूछा तो मैंने उस मकान का बता दिया।

उसी दिन उपासना मेरे साथ घर अयी और वो मकान देखने मेरी मां के साथ चली गई। उपासना को मकान काफ़ी पसंद आया और किराया भी काफ़ी जायज था, सो उपासना ने मकान मालिक को अगले महीने की १ तारीख को आने के लिये कहा और एडवांस किराया दे दिया। अगस्त महीने की १ तारीख को उपासना अपने सामान के साथ उस मकान में शिफ़्ट कर गई।

दोस्तों यहां से असली बात शुरु होती है। उपासना ने हमारे पड़ोस में आने के बाद मेरी मां से दोस्ती कर ली और मुझे एक्स्ट्रा पढ़ाई करवाने की बात कर ली बिना कोई ट्यूशन फीस के। बस मेरी मां को क्या चहिये था। उपासना ने मुझे घर पर बुलाना शुरु कर दिया और अकेले में पढ़ाने लगी।

पहले ही दिन जब मैं उसके घर गया तो देखा कि उसने लूज़ कमीज और लंहगा पहन रखा था। उसने ब्रा नहीं पहनी थी और कमीज का गला भी खुला था।

उपासना ने मुझे पढ़ाना शुरु किया और बीच बीच मैं वो अपनी चूचियां अपने हाथ से दबा देती, उसकी बड़ी बड़ी चूचियों की गोलियां जैसे बाहर आने को हो जाती मैं उसकी इस हरकत को देख के मस्ती में भर जाता और मन कर रहा था कि मैं ही उसकी चूचियां दबा दूं पर हिम्मत नहीं हो रही थी।
मेरा कुंवारा लंड तन कर सख्त हो गया था और मेरी पैंट को फ़ाड़ के बाहर निकलने को तैयार था। पर मैं उपासना को कुछ कह नहीं पा रहा था।

कोई २ घंटे पढ़ाने के बाद उपासना ने मुझे कहा- रंजीत तुम अब घर जाओ और अपने परेंट्स से पूछ कर आना यहां सोने के लिये!
मैंने कहा- अच्छा मैडम!

जब मैं चलने लगा तो उपासना ने कहा- रंजीत तुम रहने दो, रुको यहीं पर… मैं ही पूछ आती हूं।
कह कर उपासना ने अपना कमीज मेरे सामने ही खोल दिया और बड़बड़ाने लगी- इतना करने के बाद भी कुछ नहीं किया, पता नहीं रात को क्या करेगा!
फ़िर उपासना ने अपनी ब्रा पहनी और मुझे हुक लगाने को कहा।
“आआआ आअ ह्हह् ह्हह आआआऐईई ईईइ” हुक लगते हुए मेरे मुंह से निकल ही गया।
“रंजीत अगर तुम मेरी मानोगे तो इससे भी ज्यादा मजा आयेगा तुम बस यहीं मेरा इन्तजार करो और बुक खोल के बैठ जाओ।

उपासना ने साड़ी पहनी और मेरे घर चली गई। कोई ३० मिनट के बाद वो वापस आयी और मेरा पजामा और कमीज साथ ले आयी।

“रंजीत तेरी मां तो सिर्फ़ पजामा दे रही थी, बोल रही थी कि रंजीत रात को पजामा और बनियान में सोता है पर मैं ही शर्ट भी ले आयी उनको शक नहीं होगा कि मैंने क्या किया है.”
फ़िर उपासना ने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज़ में हो गई.
मेरा लंड काफ़ी तन गया और मैंने उपासना को हिम्मत करके कह ही दिया- मैडम एक बात कहूं… आप जब मेरे सामने कपड़े बदलती हो तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं ही आपका आदमी हूं.

उसने कहा- रंजीत तो फ़िर तुम मेरे को औरत की तरह इस्तेमाल करो!
फ़िर मैंने हिम्मत कर ही ली और टीचर की चूचियां पीछे से पकड़ ली और मेरा सात इंच का लंड उसकी कमर पर लग रहा था।

मैंने उसकी गर्दन पर किस किया, उपासना ने सिसकारी भरी- ऊऊफ़ उफ़फ़्फ़ ऊऊऊऊ आआआह्हां आआआअ रंजीत प्लीज जोर से!
मैंने टीचर की चूचियां जोर से दबाई और उसने अपनी कमर का पूरा दबाव मेरे लंड पर डाल दिया। मैंने उपासना के ब्लाउज़ को ऊपर सरका कर उसकी नंगी चूचियों को दबाया और एक हाथ उसकी सफ़ाचट चूत पर ले गया।
चूत गीली थी मेरा लंड काफ़ी जोर मार रहा था।

टीचर ने मेरे से अलग हो कर मेरा लंड पैंट से बाहर निकाल लिया, बोली- ओईईईइ माआआआअ… ये तो गधे का लौड़ा है, मेरी चूत का तो बुरा हाल कर देगा!
बस फ़िर उसने आनन फ़ानन में मेरा लौड़ा मुंह में ले लिया।

क्योंकि अब तक मैंने न ही मुठ मारी थी और न ही कभी किसी को चोदा था तो मेरा लंड उसके मुंह में ही झड़ गया, जोर की एक पिचकारी उसके मुंह में गई। मैं सिसकार रहा था, वो भी पानी पी कर खिलखिला के हंसने लगी और अपना वीर्य से भरा मुंह मेरे होंठों पर रगड़ने लगी.

मेरा लंड आधा हो गया था लेकिन वो फ़िर से खड़ा होने लगा।

अब टीचर बिल्कुल नंगी हो गई और मेरे को भी एकदम नंगा कर लिया। फ़िर उपासना मेरे को बेड पर ले गई और मैं उसके गुलाम की तरह से उसका कहना मानने लगा। बेड पर वो मेरे को बूब्स चूसने कही और मेरे लंड पर मुठ मारने लगी.

दो ही मिनट में मेरा लंड खड़ा हो गया। उपासना ने मेरे को अपनी दोनों टांगें मेरे कंधे पर रखने को कहा और मेरा लंड अपनी गरम चूत में ले लिया। मेरा लंड उस की चूत में गया मेरे को ऐसा लगा कि किसी गरम भट्टी में मेरा लंड घुस गया है।
मेरे लंड के अंदर जाते ही वो चिहुंकी- आआआअह्ह हहह्ह ह्हाआआआ… रंजीत मजा आ रहा है… जोर से चोदो प्लीज!

मैं अपनी टीचर को चोदने लगा। क्योंकि मैं पहली बार ही चोद रहा था और मेरा लंड काफ़ी टाइट था. वो पसीने में भर गई और जोर से सिसकारी भरती रही।
मेरी एक चुदाई में वो दो बार झड़ गई और फ़िर मैं झड़ा।
मेरे झड़ते ही वो ढीली हो गई और वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी।

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इस तरह मैंने उसको रात में तीन बार चोदा. फ़िर मेरी नंगी टीचर मेरे नंगे बदन से लिपट कर सो गई।

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