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Massage Girl in Kathua: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kathua who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kathua that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kathua massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kathua who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kathua massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kathua massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kathua who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kathua employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kathua helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kathua

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kathua at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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कहानी का पहला भाग: हम पाँच : बहनों की अदला बदली-1Antarvasna

मैं कुछ कहूँ इससे पहले वो मेरी गोद से सरक कर ज़मीन Antarvasna पर आ गयी मेरे पाजामा के आर पार उसने लंड टटोला. मैंने नाड़ा खोल दिया. आठ इंच का कड़ा लंड निकर में से वो निकाल ना सकी. मैंने निकर भी उतार दी और लंड आज़ाद किया. फ़ौरन उसने लंड पकड़ लिया. मुठ मारने लगी लंड और ज़्यादा तन गया. टोपी हटाकर उसने लंड का मत्था खुला किया और तुरंत अपने मुँह में ले लिया. मत्थे को जीभ और तालु के बीच दबाए रखकर वो स्थिर हो गयी दो मिनट तक वो हिली नहीं. मुझे बहुत अच्छा लगता था. लंड में हलके हलके ठुमके होते थे. बाद में उसने लंड का मत्था चूसना शुरू किया, जैसे बच्चा लॉलिपोप चूसता है वैसे. चूसते चूसते जीभ से चाटा और मुट्ठी में पकड़े हुए लंड के हिस्से पर मुठ मारने लगी मेरे हिप्स हिलने लगे. लंड ने भरपूर कामरस बहाया.

मेरा मोटा लंड लेने के लिए सपना को अपना मुँह पूरा चौड़ा करना पड़ा था. लंड के पानी के साथ मुँह का थूक मिलकर सारे लंड को गीला कर दिया था. मैंने उसका सिर पकड़ कर धक्के देना शुरू किया. गीला मोटा लंड उसका मुँह को पूच्च पूच्च आवाज़ से चोदने लगा. मेरी उत्तेजना तेज़ी से बढ़ गयी लंड और कड़ा हो गया और ठुमके लगाने लगा. सपना ने जब जीभ से मत्थे के नीचे छुआ तब मुझे लगा कि मैं उसके मुँह में ही झड़ जाऊँगा. मैंने झट से लंड निकाल दिया. सपना को फिर गोद में बिठाकर मैं फ़्रेंच किस करने लगा. उसके थूक के साथ मेरे लंड का पानी भी मेरे मुँह में आ गया.

अभिनव और उषा अपनी मस्ती में खोए हुए थे. अभिनव चित लेटा था. उषा उस पर औंधी पड़ी थी. अभिनव का सिर उषा की चौड़ी की हुई जांघें बीच था और मेरे ख़याल से वो उषा की पीकी को चुस रहा था. दूसरी ओर उषा अभिनव का तना हुआ लंड अपने मुँह में लिए चुस रही थी.

सपना को बाहों में भरकर मैं पलंग पर ले गया. उसे चित लेटा कर मैं बगल में लेट गया. मैंने उसके सीने पर जगह जगह पर चुंबन किए. ऐसे करते करते मैंने दोनों स्तनों भी चूम लिए. अंत में मैंने निप्पल मुँह में ले लिये. मैंने जीभ से निप्पल टटोले, बाद में चूसा. मुँह खोल कर मैंने एरोला साथ थोड़ा सा स्तन मुँह में लिया और चूसने लगा. सपना के नितंब हिलने लगे. मेरा हाथ पेट पर फिसल रहा था, उसका हाथ मेरे बालों में रेंग रहा था.

निप्पल चूसते चूसते मैंने मेरा हाथ भोस की ओर बढ़ाया. मैंने घाघरे के नाड़े को छुआ तो सपना ने मेरी कलाई पकड़ ली. मैंने ज़ोर लगाया लेकिन वो मानी नहीं. उसने टाँगें सीधी रखी थी. एक ओर मैं स्तन छोड़कर उसके पेट पर किस करने लगा और दूसरी ओर घाघरे के आरपार भोस सहलाने लगा. भोस ने भरपूर काम रस बहाया था. जिस तरह घाघरा गीला हुआ था इससे मालूम होता था कि सपना ने पेंटी पहनी नहीं थी.

मैं पेट पर किस करते करते भोस की ओर चला. मैंने जब उसकी नाभि पर होंठ लगाए तब गुदगुदी से वो तड़प उठी. मैंने उसे छोड़ा नहीं. मैंने जीभ से उसकी नाभि टटोली. सपना खिल खिल कर हँस पड़ी और उसकी जांघें ऊपर उठ गयी
फिर क्या कहना था? रेशमी घाघरा सरक कर कमर तक चढ़ गया मेरे कुछ किए बिना सपना की भोस खुली हो गयी उसने टांगे लंबी करने का प्रयत्न किया लेकिन मेरा हाथ जाँघ के पीछे लगा हुआ था, मैंने जांघें उठी हुई पकड़ रखी थी.

सपना जांघें सिकोड़ दे इससे पहले मैंने अपने हाथ से भोस ढक दी. मैं अब बैठ गया. होले से उसकी जांघें चौड़ी कर दी. सपना ने आँखें बंद कर दी. दोनों हाथ से मैंने जांघें सहलाई और चौड़ी पकड़ रखी.

सपना की जांघें सुडोल चिकनी और भारी भारी थी. जब पाँव लंबा रखती थी तब घुटनों से भोस तक दोनों जांघें आपस में सटी हुई रहती थी. दो भारी जांघें और उँची मोन्स ये तीनो बीच खड्डा सा बन जाता था जिसके तल में थी सपना की भोस. अलबत्ता इस पोजिशन में भोस का थोड़ा सा हिस्सा ही दिखाई दे सकता था.

ऊपर उठी हुई जांघें जब चौड़ी की गयी तब सपना की भोस ठीक से दिखाई दी.
उसके स्तन की तरह उसकी भोस भी छोटी थी, बारह साल की लड़की की हो वैसी. फ़र्क इतना था कि सपना की भोस पर झांट निकल आए हुए थे. बड़े होंठ मोटे और भरावदार थे, उस वक़्त सूजकर गुलाबी हो गये थे. तीन इंच की दरार में से छोटे होंठ सूजकर बाहर निकल आए थे. एक इंच लंबी और मोटी क्लाइटोरिस लंड की तरह खड़ी हो कर बाहर झाँख रही थी. दरार के पिछले कोने में था चूत का मुँह. इस वक़्त मुँह बंद था. सारी पीकी अपने पानी से गीली गीली हो गयी थी.

मैं अब ऐसे औंधा लेट गया जिससे मेरा सिर उसकी जांघें बीच आ जाये. अब सपना ने ख़ुद जांघें चौड़ी कर दीं. भोस से मादक सुगंध आ रही थी जिसे सूंघकर मेरा लंड ज़्यादा तन गया. लंड मेरे पेट से दबा हुआ था और कामरस उगल रहा था.

पहले मैंने ऊँगलिओं से भोस सहलाई. आगे से पीछे और पीछे से आगे सब जगह ऊँगलियाँ फिराई. एक उंगली पर चूत का पानी लेकर क्लाइटोरिस पर लगाया और उसे मसली. दो अंगूठे से बड़े होंठ चौड़े कर जीभ से छोटे होंठ चाटे. क्लाइटोरिस को मेरे होठों बीच ले कर चूसा. उसी वक़्त मैंने दो ऊँगलियाँ चूत में डाली और जी स्पोट का मर्दन किया. क्लाइटोरिस चूसते चूससते मैंने ऊँगलियाँ अंदर बाहर करके चूत को चोदा. सपना के नितंब डोलने लगे. उस से सहा नहीं गया. उसे पहला ओर्गाज़्म हो गया.

सपना का सारा बदन अकड़ गया और आँखे मिंच गयी भोस ने कामरस का फ़व्वारा छोड़ दिया. सिकुड़ कर उसकी जांघों ने मेरा सर भोस से दबा रखा चूत में फटाके हुए और सारे बदन पर रोएँ खड़े हो गये जब उसका ओर्गाज़्म शांत हुआ तब में उठा और उसकी जांघों के बीच आ गया. उसने ख़ुद लंड पकड़ कर भोस की ओर खींच लिया. मुझ से रहा नहीं गया. लंड का मत्था क्लाइटोरिस से घिसा, चूत के मुँह पर धरा और एक ही धक्के से सारा लंड चूत में पेल दिया. सपना के मुँह से आह निकल गयी.
चूत में लंड दबा के मैं रुका. लंड झटके पे झटका देने लगा जिसका जवाब चूत ने संकोचन करके दिया. मैंने लंड निकाला तो सपना ने मेरे चूतड़ पर हाथ रख कर मुझे अपनी ओर खींच लिया. लंड फिर से चूत की गहराई में उतर गया. ऐसे धीरे धक्के से मैं सपना को चोदने लगा.

उधर अभिनव अब पलंग पर लेटा था. उषा उसकी जांघें पर बैठी थी. अभिनव का लंड उषा की चूत में फसा था. अपने चूतड़ उठा गिरा के उषा लंड को चूत से अंदर बाहर किए जाती थी. कभी कभी अभिनव भी धक्का दे कर उषा को चोदता था. अभिनव के दोनों हाथ उषा के स्तनों पर लगे हुए थे. अभिनव का पूरा लंड बाहर निकल कर फिर चूत में घुसता हम दोनों देख सकते थे

हमें देख कर अभिनव बोला :यश, डरना मत. सपना दिखती है इतनी नाज़ुक नहीं है ज़ोर से चोदना, वरना उसे संतोष नहीं होगा. क्यूं, सपना?

जवाब में सपना ने चूत सिकोड़ी और लंड दबाया. मैंने कहा : उषा भी लंड ले सकती है तू भी उसे ज़ोर से चोदना.

अभिनव के कहने पर भी मैंने धीरे धक्के से ही सपना को चोदना चालू रखा. मैंने सपना से कान में पूछा: अभिनव सच कहता है क्या? चुदवाना है तेज़ धक्के से?
वो कुछ बोली नहीं, सिर हिलाकर न कही.
मैंने फिर पूछा: धीरे धक्के मीठे लगते हैं. हैं न?
बोले बिना ही फटाफट चूत से लंड दबा कर उसने जवाब दिया.
मैं: मोटा लगता है मेरा लंड? दर्द तो नहीं होता न?
वो बोली नहीं सिर हिला कर न कही.
मैं: कुछ तो बोल. जवाब दे, कैसा लगता है मेरा लंड? नहीं बोलोगी तो मैं उतर जाऊँगा.
उसने अपने पाँव मेरी कमर से लिपटाये और धीरे से बोली: बहुत मीठा लगता है.

प्यार से मैंने चार पाँच धक्के लगा कर सपना को चोदा. वो फिर बोली: आप ऐसा करते हें तब बहुत मीठी मीठी गुदगुदी होती है वहाँ
मैं: वहाँ मायने कहाँ?
सपना: आपका वो घुसा है वहाँ!
मैं: मेरा क्या कहाँ घुसा है? साफ़ साफ़ बोल तो.
सपना: मुझे शर्म आती है!
मैं: मुझ से शर्म? अब? एक बार बोल ज़रा, क्या कहाँ घुसा है तेरे मुँह से सुनना चाहता हूँ.
अपना मुँह मेरे कान से लगा कर वो बोली: आपका लंड घुसा है वहाँ से, मेरी चूत में गुदगुदी होती है.
सुन कर मेरा लंड और तन गया, मेरे कूल्हे हिल पड़े, कमर ने और धक्के लगा दिए.

धीरे चुदाई की वजह थी. एक तो ये कि सपना अभी उमर में कम थी और नयी नयी लंड ले रही थी. उसकी चूत बहुत सिकुड़ी थी. प्रमाण से मेरा लंड बहुत मोटा था. चूत में कहीं घाव न लग जाय इस लिए मैं सावधानी से लंड डालता था. चूत और लंड काफ़ी गीले थे फिर भी अंदर जाते समय लंड की टोपी उपर चढ़ जाती थी और नंगा मत्था चूत की दीवारों साथ घिस पाता था. जब लंड बाहर निकलता था तब टोपी उतर कर मत्थे को ढक देती थी. हाथ से मुठ मारते वक़्त ऐसा ही होता है न? मानो सपना की चूत मुठ मार रही थी मेरे लंड पर.

दूसरे, जब पूरा लंड अंदर घुस जाता था तब लंड का मूल जो ज़्यादा मोटा है वो चूत के मुँह में बैठ कर चूत को चौड़ा कर देता था. वैसे भी भोस की दरार लंड से चौड़ी होकर गोल बन गयी थी. लंड का मूल क्लाइटोरिस को छू लेता था. इसी वक़्त लंड का मत्था गर्भाशय का मुख धकेल देता था. बाहर निकलते वक़्त गर्भाशय वापस अपनी जगह पर आ जाता था. अब गर्भाशय की ये हलन चलन से आनन्द का फ़व्वारा छूट जाता था सपना की भोस में और पेडू में. वो अपने हिप्स हिलने से रोक नहीं पाती थी.

मुझे भी धीमी चुदाई से बहुत मजा आ रहा था. अंदर घुसे हुए लंड को जब सपना की योनी भींच लेती थी तब मेरे सारे लंड से रस झड़ता हो ऐसा महसूस होता था. योनी की करकरी दीवाल साथ घिसने से लंड में से इलेक्ट्रिक करंट निकल कर मेरे सारे बदन में फैल जाता था.
ऐसी मजेदार चुदाई को जल्दी से कौन ख़तम कर दे? लेकिन, अफ़सोस, सब चीज़ का अंत तो होता ही है चाहे वो चुदाई हो या और कुछ. क़रीबन दस मिनट तक आराम से मैंने सपना को चोदा होगा. हमारी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी थी. मेरा लंड इतना सेंसीटिव हो गया था कि अब वो चूत सहन नहीं कर पाता था अंदर घुसते ही ठुमक ठुमक करने लगता था. बार बार पूरा बाहर निकाल कर उसे हवा देनी पड़ती थी. सपना का बदन पसीने से छा गया था, चहेरा लाल लाल हो गया था, निप्पल्स खड़ी की खड़ी रहती थी. मेरा दिमाग़ सिर से निकल कर लंड के मत्थे में जा बैठा था और मेरी सुनता नहीं था.

मैंने लाख चाहा फिर भी धक्के की रफ़्तार अपने आप बढ़ने लगी सपना के कूल्हे भी ज़ोरों से हिलने लगे. मैंने सोचा कि पोजिशन बदलने से चुदाई लंबी चल सकेगी. मैंने कहा: तू ऊपर आ जा.

उसे बाहों में भरकर मैं पलटा और नीचे आ गया. तुरंत सपना धक्के लगाने लगी आगे पीछे सीधे गोल ऐसे सब तरह से उसने नितंब घुमा कर लंड से अपनी क्लाइटोरिस रगड़ दी. ओर्गाज़्म के क़रीब होने पर भी ओर्गाज़्म पा नहीं सकती थी. हमारे पेट बीच हाथ डाल कर जैसे मैंने क्लाइटोरिस को उंगली से छुआ कि तुरंत सपना को ओर्गाज़्म हो गया.

उसके धक्के बंद हो गये योनी फट फटा कर लंड को चुसने लगी सपना को बाहों में भर कर मैं फिर पलट गया और ऊपर आ गया. मैं स्थिर रहा, बड़ी मुश्किल से अपने आप को झड़ने से रोक सका. तीस सेकंड चले ओर्गाज़्म से सपना बेहोश सी हो गयी.

जब वो होश में आई तब बोली: ये क्या हो गया मुझे?
उसके सूजे हुए होंठों को चूम कर मैंने कहा: इसे ओर्गेज़्म कहते हें, प्यारी.
वो इतनी थक गयी थी कि मेरे गले में बाहें डालने सिवा और कुछ कर न सकी. उसकी आँख में आँसू आ गये और वो धीरे से बोली: मैंने सही सुना? आपने मुझे प्यारी कहा?
चुम्बन करते करते मैंने कहा: हाँ, प्यारी, तूने सही सुना. प्यारी प्यारी, हज़ार बार प्यारी.
ख़ुशी से वो रो पड़ी. मेरे चेहरे पर हाथ फिराकर बोली: मुझे आप कितने प्यारे लगते हें? आपको हुआ वो… वो ओर्गाज़्म?
मेरा लंड अभी उसकी योनी में था और कड़ा ही था. मैंने कहा: नहीं हुआ, अब होगा. तू थक गयी हो तो उतर जाऊँ, बाद में फिर चोदेंगे.
उसने मुझे हाथ पाँव से जकड़ लिया और बोली: न, अभी ही कर लीजिए जो चाहे सो, मेरी फिकर मत कीजिए.

अब आप ही कही ये मैं क्या करता? मैंने लंड निकाला. फिर डालने में ज़रा देर लगी क्योंकि वो थोड़ा सा नर्म पड़ गया था. नर्म लंड भी योनी के मुलायम स्पर्श से तन गया. ओर्गाज़्म से सपना की चूत काफ़ी खुल गयी थी. अब उसे लग जाने का डर नहीं था. थोड़ी देर में जब लंड पूरा अकड़ गया तब मैं घचा घच्छ, घचा घच्छ धक्के से चोदने लगा. सपना भी नितंब उछाल उछाल कर लंड लेने लगी दो पाँच मिनट की ऐसी घमासान चुदाई बाद मैं ज़ोर से झड़ा. सपना को मैंने बाहों में जकड़ लिया. लंड से वीर्य की न जाने कितनी पिचकारियाँ छूटी. छोटी सी चूत में जगह कहाँ थी, लंड जो भरा था? ढेर सारे वीर्य से चूत छलक गयी सपना भी मेरे साथ एक बार फिर झड़ी.

शाम ढल चुकी थी. उधर अभिनव और उषा ने अपनी चुदाई पूरी कर ली थी.
अभिनव बोला : चल घर चलें, वरना माताज़ी को शक पड़ेगा.
मैं: मुझे नहीं आना. नींद आ रही है कह देना सेहत अच्छी नहीं होने से सो गया हूँ
वो तीनो स्वस्थ हो कर चले गये मैं गहरी नींद में सो गया.

दूसरे दिन सुबह आँख खुली तब सपना मुझे जगा रही थी: उठिये न. साढ़े नौ बज गये हें. सब आपका इंतेज़ार कर रहे हैं चाय पर अभी माताज़ी मंदिर से लौटेगी और यहाँ आ जाएगी.

मैंने उसे बाहों में भर लिया और किस करने लगा. ज़ोर लगा कर वो छूट गयी और हँसने लगी तब मुझे पता चला कि मैं नंगा था.

फटाफट कपड़े पहन कर मैंने फिर सपना को पकड़ लिया. मैंने कहा: जाने से पहले एक बात बता. मुझसे शादी करोगी, प्यारी?

पल भर के लिए वो आश्चर्य से अवाक हो गयी फिर मुझसे लिपट गयी फिर रो पड़ी. मेरे चहेरे पर प्यार से हाथ फिरा कर बोली: एक बार नहीं, हज़ार बार करूंगी. आप मुझे इतने अच्छे क्यों लगते हैं?
किस करके मैंने कहा : चल चलें, उन लोगो को बता दें हमारा इरादा.

उषा और अभिनव चाय पर हमारा इंतज़ार कर रहे थे. सुमन भी आ गयी थी. अभिनव बोला : चलो, चलो, अभी माताज़ी आ जाएंगी तो उसे शक पड़ जाएगा.

मुझे हँसी आ गयी और सपना शरमा गयी देखकर उषा ने पूछा : कितनी बार चोदा कल रात?
मैं: पहले तू बता.
अभिनव : हमने कुछ बाक़ी रखा है सुहाग रात के लिए
मैं: ओह हो. क्या मैं शाहनाईयाँ सुन रहा हूँ शादी की?
अभिनव: हाँ, हमने शादी का फ़ैसला कर लिया है आशा है कि माताज़ी और पिताजी मंज़ूर दे देंगे. मैं माताज़ी से पूछ लूंगा.

इस वक़्त सपना धीरे से बोली: भैया, साथ साथ हमारी भी पूछ लेना.

दो मिनट के लिए सन्नाटा छा गया. बाद में सब ख़ुशी से झूम उठे. उषा और सपना लिपट गये मुझे गले लगाते हुए अभिनव ने कहा: वाह मेरे छुपे रुसतम आख़िर तूने मेरी गुड़िया ले ही ली. सपना, कैसा जादू चलाया है इस बेवकूफ़ के लंड ने जिससे तू अपना दिल दे चुकी हो?

अब देखी ये दोस्तो, प्यार से की गयी चुदाई कैसे शर्म के परदे तोड़ डालती है कल की शरमिली सपना आज अपने भैया से बिँदास कहने लगी: वो ही जादू भैया जो आपके लंड ने उषा भाभी की चूत पर चलाया है

सुनकर उषा बोली: अरे वाह रे मेरी सपना भाभी, देखो न, लंड की कुंजी लगती है चूत में और खुल जाता है ताला ज़ुबान का.

इतने में माताज़ी आ गयी अभिनव ने हमारा इरादा सुना दिया. पहले तो वो घबरा गयी उन्हें किसी तरह तसल्ली हो गयी कि हम चारों ने चुदाई कर ली थी. लेकिन अब शादी की मंज़ूरी सबसे उत्तम रास्ता था. ख़ुश हो के उसने हा कह दी. हम चारों ने उन के चरण छुए. तब उन्होंने धमाका किया.
वो बोली: मैं तेरे पिताजी से बात करूंगी. हम यश और उषा के माताज़ी पिताजी को बूलवा लेंगे बाद में ये रिश्ता जाहिर करेंगे अगले हफ़्ते. यश, उषा बेटा, तुम लोग रह सकोगे न इतने दिन?
मैं: हाँ जी
माताज़ी: तब तो अच्छा. और सपना, उषा को लेकर घर आ जा अभी. आज से तुम दोनों घर पर सोओगी हमारी साथ.

आगे की कुछ कहे इससे पहले माताज़ी चली गयी हम चारों एक दूजे के मुँह देखते रह गये उषा बोली: चल सपना, माताज़ी को मदद करें,

जाते जाते दोनों दरवाज़े में खड़ी हो गयी दोनों ने अपनी चोली खोल कर चुचियाँ दिखाई. सपना बोली: शाब, मुझे यहाँ बहुत दर्द होता है ज़रा मालिश कर देंगे आप?

हम दोनों उनको पकड़ने गये लेकिन ठेंगा दिखाकर वो भाग गयी उस रात के बाद चुदाई का फिर चांस न मिला, माताज़ी ने कड़ा पहरा जो लगाया था. इन दौरान दोनों लड़कियों ने हम पर जो सितम गुज़ारे. कभी चुचियाँ दिखाकर कभी जांघें नंगी करके, कभी दूर से फ़्लाइंग किस करके तो कभी अंगड़ाई ले कर वो हमें लुभाती रही लेकिन कभी पकड़ी गयी नहीं. हमें उन दिनों अपना हाथ जगन्नाथ करना पड़ा.

अब आप ये बताईये, दोस्तों, सुहागरात पर उन दोनों से कैसा व्यवहार किया जाय? Antarvasna

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मैं पेशे से एक Antarvasna Sex Stories फ़ोटोग्राफ़र हूँ, मुम्बई में रहता हूँ। मेरा अकसर शूटिंग के लिये बाहर जाना होता रहता है। ऐसे ही एक शूटिंग के लिये मैं एक बार गोवा गया था। मेरे लिये यह एक बहुत ही मजेदार अनुभव था। अपनी शूटिंग के बाद कुछ दिन के लिये मैं अकेला गोवा में रूक गया था। मैंने रेलगाड़ी से आने का फ़ैसला किया। मैंने ए सी कम्पार्टमेंट में अपने लिये एक सीट रिजर्व कराया। यह गोवा का ऑफ़ सीजन था इसलिए रेलगाड़ी में बिलकुल भी भीड़ नहीं थी। मुझे बहुत आसानी से रेलगाड़ी का टिकट मिल गया। शाम को 6 बजे मेरी रेलगाड़ी मडगाँव स्टेशन से छूटी। मेरे कम्पार्टमेंट में मुझे सिर्फ़ दो लोग दिखे लेकिन उनकी भी सीट डिब्बे के दूसरे कोने में थी। रेलगाड़ी वहाँ से चली और कुछ देर में ही कोई स्टेशन आया। जहाँ पर एक लड़की जो कि बहुत ही मॉर्डन कपड़ो में थी मेरे कम्पार्टमेंट में आई और मेरे भाग्य से उसकी सीट मेरे सीट की बगल में थी। उसने मेरे केबिन में प्रवेश किया। वह मुस्कराई और उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया।

हाय ! मैं आलीन !

मैं भी मुस्कराया मन ही मन मुझे खुशी हो रही थी चलो अब मेरा रास्ता कम बोरिंग होगा। हम दोनों का वार्तालाप शुरू हुआ। वह काफ़ी बोल्ड किस्म की लड़की थी। उसका सेक्सी फ़िगर मुझे उसकी तरफ़ लगातार आकर्षित कर रहा था। बातों बातों में हम एक दूसरे के बारे में काफ़ी कुछ जान गये थे। वह मॉडलिंग के लिये मुम्बई आ रही थी। इसके पहले उसने एक दो विज्ञापन में काम किया था। मेरे बारे में जानने के बाद उसने मेरे में ज्यादा रुचि लेनी शुरु कर दी। मेरे केबिन की हलकी नीली लाइट जल रही थी। उसने केबिन का पर्दा खींच लिया जिससे हमें बाहर से कोई अवरोध न मिले। वह मेरे सीट पर बैठी थी हम दोनों कॉफ़ी पी रहे थे। हम दोनों की बातें और आगे बढ़ी और फिर फ़िल्म इण्डस्ट्री और उसके आकर्षक लाइफ़ के बारे में होने लगी।

रात काफ़ी हो चुकी थी। हमारे डिब्बे में जो भी दो चार लोग थे अपने केबिन में सो चुके थे। क्योंकि कहीं से कोई आवाज नहीं आ रही थी। हम दोनों अभी भी अपनी बातों में मशगूल थे। वह मेरे से काफ़ी सटकर बैठी थी जिससे हम रेलगाड़ी के झटकों से कभी कभी हलके से छू जाते थे। अचानक मैंने उसके हाथ को अपने हाथ पर पाया। मैंने उसकी तरफ़ देखा वह मुस्कराई, बस मुझे हरी झण्डी मिल गई।

मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और चूम लिया। उसके कंधों पर अपना हाथ रखकर उसे अपनी ओर खींच लिया। वह आसानी से मेरे ऊपर आ गिरी। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये। उसके होंठ बहुत ही मुलायम और गुदाज थे। उसकी सांसे काफ़ी गर्म थी। मैं उसके निचले होंठों को अपने दोनों होंठों के बीच रखकर उन्हें चूसने लगा। उसके हाथो की उंगलियाँ मेरे बालों में उलझी हुई थी। उसने मेरी जीभ को अपने मुँह में लिया और बहुत ही मजेदार ढंग से चूसने लगी। मेरा प्राइवेट अंग पैंट के भीतर उफ़ान मार रहा था।

मेरा हाथ उसकी पीठ पर घूमते हुये उसकी कमर के नीचे तक पहुँच गया। मैंने अपना हाथ उसकी टाइट टी-शर्ट में डाल दिया। धीमे धीमे मेरा हाथ उसकी दोनों गोलाइयों के नजदीक तक पहुँच गया। मेरे हाथ उसकी ब्रा को महसूस करने लगे। मैं उसकी दोनों गोलाइयों को अपने हाथों में लेने की कोशिश कर रहा था लेकिन वे इतनी बड़ी थी कि मेरे हाथो में नहीं आ रही थी। इस बीच हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना जारी रखा। उसकी हरकतें मुझे बहुत ही ज्यादा उत्साहित कर रही थी।

अचानक मैंने महसूस किया कि उसका हाथ मेरी पैंट पर पड़ा था। मेरा प्राइवेट अंग मेरे पैंट को फ़ाड़कर बाहर आने को तैयार था। वह मेरे सख्त हो चुके अंग को मेरे पैंट के ऊपर से रगड़ रही थी। उसने मेरी पैंट की जिप खोल दी और अपना हाथ मेरे पैंट के अन्दर डाल दिया और मेरे लण्ड को अण्डरवीअर के ऊपर से पकड़ लिया। मेरी हालत बहुत बुरी हो रही थी। उसने मेरी पैंट खोल दी और अण्डरवीअर को नीचे की तरफ़ सरकाकर मेरे जनानाँग को पकड़ लिया। मैं अपनी सीट पर ही बैठा था। वह अपनी जगह से उठी और मेरे लण्ड को उसने अपने मुँह में ले लिया। वह बहुत हॉट थी उसका यह सब करना मुझे और उत्तेजित कर रहा था। मुझे लगा कि अगर मैंने उसे अपने लण्ड से और खेलने दिया तो मेरा वीर्य बाहर आ जायेगा।

मैंने उसे उठाया और अपनी सीट पर वापस बैठाया। मैंने उसके टी-शर्ट को ऊपर करके उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। उसकी दोनों बड़ी बड़ी खूबसूरत गोलाइयाँ मेरे समाने बिलकुल आज़ाद होकर झूलने लगी। उसकी गोलाइयाँ एकदम टाइट थी। मैं उन्हें अपने हाथ में लेकर दबाने लगा। उसके चेहरे पर मैं बैचेनी का आलम देख रहा था। मैंने उसके एक निप्पल को अपनी उंगलियों में लेकर उसे धीमे से मसाला। उसके मुँह से एक आआआह्ह्ह्ह्ह की ध्वनि निकाल गई। मैं झुककर उसके दूसरे निप्पल को अपने मुँह में ले लिया और उसे अपनी जीभ से सहलाने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि उसके स्तन अब और बड़े हो गये थे।

अब मेरे हाथ उसकी जांघों से होते हुए उसके गुप्ताँग पर पहुँच गये। उसने शर्ट-पैंट पहन रखा था। मैंने कैसे भी उन्हें खोला और उसके पैंटी को नीचे किया। उसके गुप्ताँग पर एक भी बाल नहीं थे। मेरी उंगलियां उसके गुप्ताँग में समा गई। मैं अपनी उंगली को उसके गुप्ताँग में अन्दर बाहर करने लगा। मैं उठकर नीचे बैठ गया और उसके गुप्ताँग पर अपनी जीभ रख दी। उसकी मादकता बढ़ती जा रही थी। उसने मेरे बालों को पकड़कर मेरे सर को अपनी जांघों में फ़ंसा लिया। जैसे जैसे मेरी जीभ अपना काम कर रही थी, वह और भी उत्तेजित होती जा रही थी। मैंने अपने आपको उसकी मजबूत पकड़ से मुक्त किया और उसके कपड़ो को निकाल कर उसके पैरो को फ़ैलाया। उसकी सेक्सी चूत मेरे समाने थी जो कि मुझे आमंत्रित कर रही थी। मैंने एक पल की भी देरी किये बिना अपने लण्ड को उसके चूत पर रखा और उसके अन्दर प्रवेश कर गया।

और फिर एक दूसरे को धक्के देने का सिलसिला चालू हो गया। हम दोनों की स्पीड बढ़ती जा रही थी। उसके पैर हवा में खुले हुई थे जिससे मुझे उसके अन्दर तक समाने में आसानी हो रही थी। मेरा लण्ड तेजी से उसके अन्दर बाहर हो रहा था। मेरा लण्ड उसकी चूत की दीवारों पर एक जबरदस्त घर्षण उत्पन्न कर रहा था। हम दोनों आनन्द की एक दूसरी दुनिया में तैर रहे थे। उसकी चूत से गर्म पानी निकलने लगा जो कि लुब्रीकैंट का काम करने लगा। हम दोनों अपनी चरम सीमा के नजदीक पहुँच रहे थे। हमारे जननांगों से फच्च फच्च की आवाज आने लगी थी। आलीन ने मुझे कसकर पकड़ रखा था। हमारे अन्दर एक जबरदस्त तूफ़ान उबाल मार रहा था। मेरी स्पीड बढ़ती जा रही थी और थोड़ी देर में ही हम दोनों अपने चरम सीमा पर पहुँच गये। हम दोनों के अन्दर एक लावा था जो कि फूट पड़ा।

हम दोनों के शरीर शांत हो गये। हम थोड़ी देर तक एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे। यह मस्ती का दौर रात में फिर चला। यह मेरी सबसे यादगार रेल यात्रा थी। Antarvasna Sex Stories

अन्तर्वासना के सभी पाठको को मेरा नमस्कार ! Indian Sex Stories

मेरा नाम Indian Sex Storiesसुनील है और मैं हरियाणा के कुरूक्षेत्र का रहने वाला हूँ।

मैं अपनी कहानी पर आता हूँ!

सपना जिसकी उम्र १९ साल है उसके सेक्सी होंठ, कातिल जवानी, भरी हुई गांड और मोटे मोटे चुचे किसी भी लंड को खड़ा कर दें। सपना हमारे ही पड़ोस में ही रहती है और उसका हमारे घर आना जाना है।

एक दिन मैं घर में अकेला था और टी वी पर सेक्सी मूवी देख रहा था। तभी बेल बजी, मैंने जल्दी-जल्दी टीवी बंद किया और दरवाजा खोला तो सपना थी।

वो बोली- मेरे कंप्यूटर में कुछ प्रॉब्लम है, तुम ठीक कर दो!

तो मैं उसके साथ उसके घर चला गया। उसके घर पर कोई नहीं था। मैंने कंप्यूटर स्टार्ट किया तो देखा कि उसमें वाइरस की वजह से कुछ प्रॉब्लम थी। इतने में सपना मेरे लिए पानी लेकर आई।

मेरी नजर तो उसके चुचों पर थी। क्या बड़े बड़े चुचे थे ! देख कर किसी के भी मुँह में पानी आ जाये ! मैंने घर से विन्डोज़ की सी डी लाकर इन्सटाल करना शुरू कर दिया और उससे बातें करने लगा। मेरा ध्यान तो उसके चुचों और होठों पर था। थोड़ी देर बाद विन्डोज़ हो गई तो मैंने कंप्यूटर रिस्टार्ट किया और उसके कंप्यूटर पर फ़ाईलें चेक करने लगा तो मैंने देखा कि एक फोल्डर में कुछ हिडेन फ़ाइलें थी। जब मैंने उनको खोला तो देखा कि उसमें सेक्सी फिल्में और वाल-पेपर थे।

तभी सपना वहाँ आ गई।

कंप्यूटर पर चुदाई का सीन चल रहा था। तीन अंग्रेज एक लड़की तो चोद रहे थे। सपना कंप्यूटर बंद करने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और वहीं पर बिठा लिया अपने गोद में, उसके चुचे पकड़ लिए और मसलने लगा। कंप्यूटर पर चुदाई का सीन चल रहा था। पहले तो उसने विरोध किया पर बाद में वो भी गरम होने लगी और उसे भी मजा आने लगा। मैंने उसे पास में सोफे पर गिरा दिया और उसके होठों पर होंठ रख दिए। उसकी कमीज ऊपर कर दी और उसके फिर उसकी ब्रा भी खींच दी। उसके बड़े बड़े चूचों को आजाद कर दिया और मुँह में भर कर उसके तने हुए निप्पलों को चूसने लगा। उसके मुँह से आहें निकलने लगी।

मेरा लंड भी तन कर पैंट से बाहर आने को बेताब था और उसकी टांगों में चुभ रहा था। सपना पूरी तरह से तड़प उठी और उसने हाथ डाल कर मेरे लंड बाहर निकाल लिया।

६ इंच लम्बा लंड देख कर सपना बोली- हाय राम ! कितना बड़ा और मोटा है !

मैंने भी उसकी सलवार और पैन्टी उतार दी और उसको उठा कर बेड पर ले गया और उसकी फुदी को सहलाने लगा। उसकी फुदी पर हल्के हल्के बाल थे। क्या कसी चूत थी ! देख कर मुँह में पानी आ गया।

अब मैं उसके टांगों के बीच आ गया और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी। वो सीत्कार कर उठी। उसकी चूत पानी छोड़ रही थी और चुदने के लिए तैयार थी, पर मैं चाहता था कि वो तड़पे ! मैं उसकी चूत तो चाटने लगा तो उसके बदन में तो जैसे आग ही लग रही थी।

फिर मैंने उसके बाल पकड़े और अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया। पहले तो वो मना करने लगी पर बाद में उसे भी मजा आने लगा।

१५ मिनट के बाद मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया जिसे वो पी गई।

थोड़ी देर बाद फ़िर मैंने उसे 69 की पोजिशन में लिटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा और सपना मेरा लौड़ा मुँह में भर कर फिर से चाटने लगी। थोड़ी देर बाद लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैंने उसकी दोनों टाँगे उठा कर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक जोर दार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में फंस गया और वो चिल्लाने लगी। मैंने उसकी परवाह न करते हुए एक और जोर का धक्का मारा तो आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी और उसकी चूत से खून भी आने लगा।

उसकी चूत की झिल्ली फट चुकी थी और वो कलि से फ़ूल बन गई थी। मैंने एक जोर का धक्का और मारा तो सारा लंड उसकी चूत में चला गया। मैं उसको किस करने लगा और उसके चुचे रगड़ने लगा। कुछ देर में जब वो शांत हो गई तो मैंने फिर से धक्के मारने चालू कर दिया। अब उसका दर्द काफी कम हो गया था। उसे भी मजा आने लगा और वो नीचे से चूतड़ उठा उठा कर मजे लेने लगी।

मैंने भी जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिया। उसे बहुत मजा आ रहा था। १५ मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत खून से लाल हो चुकी थी। उसे काफी दर्द भी हो रहा था और उससे चला भी नहीं जा रहा था तो मैं उसे बाँहों में उठा कर बाथरूम में ले गया।

शॉवर चालू कर दिया मैंने और उसकी चूत पर साबुन लगा कर साफ़ कर दिया और फ़िर हम शॉवर का मजा लेने लगे।

वो फिर से गर्म हो गई और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। लंड खड़ा हो गया !

मैंने उसे डौगी स्टाइल में कर दिया, एक ही बार में अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और मैंने उसे जोर से चोदना शुरू कर दिया। 15 मिनट बाद उसने पानी छोड़ दिया पर मेरा लंड अभी भी खड़ा था।

मैंने कहा- अब मैं तुम्हारी गांड मारूंगा !

क्या मस्त गांड थी उसकी! पर वो मना कर रही थी। पर मैंने उसे मना लिया और उसकी गांड में काफी सारा तेल लगाया और अपना लंड उसकी गांड पर रख कर एक जोर कर धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया। वो चिल्लाने लगी!

मैंने कुछ देर रुक कर एक ही झटके में सारा लंड उसकी गांड में घुसेड़ दिया और 20 मिनट तक उसकी गांड मारने के बाद सारा वीर्य उसके मुँह और स्तनों पर डाल दिया।

इसके बाद तो मैंने उसे जब भी मौका मिला मैंने उसे और उसकी कई सहेलियों को भी चोदा।

पर वो सब अगली बार !

उम्मीद है कि आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आई होगी।

मुझे मेल कर सकते हैं ! Indian Sex Stories

हाय दोस्तों यह एक सच सच्ची च**** की कहानी है मैं‌ बिहार बिजली विभाग में क्लर्क हूं मेरी नियुक्ति ग्राम में है सारी नौकरी होने के कारण मेरी शादी शहर की एक लड़की से हो गई मेरी बीवी एकदम सुंदर और मैडम है उसकी गांड बड़ी-बड़ी है च अभी बड़ी है उसके बाल सिल्की है की पूरी है एकदम सुंदर हीरोइन जैसी लेकिन मेरी सरकारी नौकरी की वजह से उसकी शादी हो गई मुझसे। उसका गांव में मन नहीं लगता है धीरे-धीरे बातों बातों में मैं उसको छोड़ते छोड़ते उतना नहीं छोड़ पाता हूं जितना चाहिए। एक दिन वह बोली कि आप अच्छे से नहीं छोड़ रहे हैं चलिए कहीं बाहर ले चल के चुटिया क्या बताऊं दोस्तों तो मुझे एहसास हुआ कि अच्छा बीवी को बाहर ले जाकर छोड़ने में बहुत मजा आता है एक बार मैं उसको बनारस ले जाकर चोदा। वह बहुत खुलकर च**** और बहुत मजा मुझे भी आया है तब मुझे एहसास हुआ की च**** का असली मजा तो बाहर ही च**** करने में है इसलिए चोदते समय वह पोर्न दिखा दिखा कर चोदने की बात करती है। ऐसे चोदते कुछ साल हो गए हैं और मेरे पैसे भी नहीं कि मैं उसको टूर पर ले जाकर चोदू।एक समय ऐसा आया जब उसे चोदने ले जाने में असमर्थ हो गया है तब उसने एक आईडिया दिया कि आपका एक दोस्त इंजीनियर है उसकी बीवी गांव की है और वह बाहर घूमने उसको पसंद नहीं है लेकिन इंजीनियर साहब को बाहर घूमना बहुत पसंद है। यह बात यह बात मैं अपनी बीवी को बताया कि मेरे इंजीनियर साहब घूमने की बहुत शौकीन है लेकिन उनकी बीवी घूमने की शौकीन नहीं है और हम लोगों का तुम घूमने की शौकीन हो मैं शौकीन नहीं हूं उनको तो इंजीनियर साहब जैसा पति चाहिए और मुझको उसकी जैसी पत्नी चाहिए। तब मेरी बीवी बोली उन्हीं के साथ भेज दीजिए कहीं चार-पांच दिन घूम के आएंगे। तो मेरा माथा ठनका का क्यों मेरी बीवी तुमसे भी चूदा ले ।लेंगे कोई अगर टूर पर ले जाने वाला रहे तीन-चार दिन ले जाकर पहले उसको चोदे तो उसको बहुत मजा आएगा। तभी से ख्याल मेरी बीवी के मन में और मेरे मन में आने वालों की जीनियस आपको पटाखे किसी तौर पर ले जाया जाए जहां दोनों मिलकर बड़ी-बड़ी से मेरी बीवी को छोड़ेंगे मेरी बीवी ने प्लान बनाया।धीरे-धीरे इंजीनियर साहब के नंबर से बात करना शुरू किया बात करते-करते इंजीनियर साहब इतने एक्साइटेड हो गए की मात्रा 7 दिन के अंदर उन्होंने केरल का ट्रिप बुक कर लिया है वहां एक रिजाट बुक किया एक टिकट बुक किया हम लोग पटना जंक्शन से सीधा चल दिए केरल के लिए एर्नाकुलम जंक्शन पर उतरे वहां होटल बुक किया और सीधे चलिए होटल में क्या बताऊं दोस्तों ट्रेन में भी इंजीनियर साहब ने कोई मौका नहीं छोड़ छोड़ने का मेरी बीवी को अब मैं एकदम खुल गया था मेरी बीवी भी खुल गई थी खुलकर चुदवा रहे थे ट्रेन की पहली च**** यादगार रही है और होटल की भी च**** याद कर रहे इंजीनियर साहब का उतना लैंड बड़ा तो नहीं था लेकिन च** चाट के मेरी बीवी को इतना चोदा कि मेरी बीवी उसके दीवाने हो गई और इस तरह से मेरी बीवी की यात्रा पूरी होगी हर साल इंजीनियर साहब के साथ टूर जाती है और मुझे भी ले जाते हैं। और हम उनको देखते हैं मेरी बीवी को चोदते हैं ।कहानीलिखते हुए मुझे काफी खुशी हो रही है कि इस तरह से अगर कोई आकर मिल रहा है किसी पाठक को उसका लाभ तुरंत उठाया अगर कोई ऐसा दोस्त है जो बीवी क‌ ओ चोदना चाहता है तो टूर ले जाए ।आप दोनों मिलकर चोदे यह कहानी बिल्कुल सही है पढ़कर इंजॉय करिए और अपनी बीवी को खुला छोड़ दीजिए। ताकि वह चुदा सके अपनी बीवी की चुदासी की‌ इच्छा पूरी करिए पैसा बहुत बड़ी चीज है इसलिए दोस्तों कोई ऐसा दोस्त बनाया जो पैसे वाला हो समझदार हो उसके साथ ट्रिप करिए खूब चुदवा लिजिए। जवानी फिर नहीं आने वाली

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मेरे प्यारे दोस्तों,इस कहानी को पढ़ने Hindi Sex Stories वाले सभी पाठको को मेरा प्यार!!!!!!मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ ! मेरी उमर २२ साल है ! यह कहानी तबकी हैं जब मैं १८ साल का था! जब हम किराए के मकान में रहते थे!

सर्दियों के दिन थे, मैं घर में अकेला था, जब मुझे सेक्स के बारे में कोई ज्ञान नहीं था। मैं बहुत शरमीला था खासकर कि लड़कियों और औरतो से।

सुबह का खाना तो आंटी दे गई थी। रात को उन्होंने अपने पास बुलाया खाना खाने के लिए। रात का खाना खा कर आंटी सो गई। आन्टी भी घर में अकेली थी। अंकल रात में खेत पर गए थे। मैं अपने कमरे में था। पर मुझे नींद नहीं आ रही थी।

मैं आंटी के कमरे में गया तो मैंने देखा कि आंटी लहंगा और ब्लाऊज़ में सो रही थी। उन्हें देख कर मेरे शरीर में कम्पन से होने लगी। मेरा धीरे धीरे आंटी की तरफ बढ़ने लगा। मैं अपने आप को आंटी की तरफ़ जाने से रोक नहीं पा रहा था। आंटी देखने में बिल्कुल मस्त थी। मेरा लण्ड आंटी को देखते ही खड़ा हो गया था।

मेरा एक हाथ आंटी की टांग पर गया और धीरे धीरे आंटी के चूतड़ों तक पहुच गया। मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया. इतने में ही आंटी जाग गई। जैसी ही आंटी जगी मैं वहाँ से भाग लिया और अपने कमरे में आ गया।

थोड़ी देर बाद आंटी मेरे कमरे में आई और आते ही मुझ पर चिल्लाई- तुम क्या कर रहे थे?

मैं एकदम डर गया, मेरा चेहरा लाल हो गया। मैं चुप रहा, आंटी मन ही मन खुश हो रही थी! मैंने हिम्मत करके कहा- आंटी आगे से ऐसा नहीं होगा !

आंटी बोली- क्या नहीं होगा ?

मैंने मुंह नीचे झुका लिया, आंटी बोली- अब शरमा रहा हैं ! जब शर्म नहीं आई जब कर रहा था !

मैंने आंटी से कहा- आंटी ! मैंने जान बूझ कर नहीं किया! मैं अपने आप को रोक नहीं पाया आपको लहंगा ब्लाऊज़ में देख कर !

मेरा लण्ड फिर तन गया था, आंटी ने एक नज़र से ही उसे देख लिया था! आंटी बोल अब तूने मुझे गरम कर दिया हैं तुझे मेरी प्यास बु्झानी होगी।

मैंने कहा- आंटी मुझे क्या करना हैं !

आंटी ने कहा- मेरे कपड़े उतार !

मैं डर गया, मैंने कहा- नहीं आंटी !

आंटी ने कहा- उतार ! नहीं तो तेरी ऐसी तैसी करवा दूंगी !

मैंने फिर डरते डरते ब्लाउज उतारी, और फिर लहंगा, आंटी ने अपनी चूची मेरे हाथों में थमा दी कहा- ले बेटा मज़े कर !

मैं आंटी की चुचियों से सहलाने लगा और मसलने लगा। मेरे शरीर में एक अलग सा अनुभव हो रहा था ! आंटी के मुँह से आहह उह्ह स स स स स की आवाज़ आ रही थी।

धीरे धीरे मैं आंटी के शरीर को चूमने लगा। मेरा लण्ड एकदम सख्त हो गया था, आंटी ने नीचे कुछ नहीं पहना था मेरा एक हाथ आंटी की चूत में जा रहा था, आंटी एकदम गरम हो गई थी, और गालियाँ दे रही थी- चोद साले ! चोद मुझे !

आंटी ने मेरा लण्ड हाथ में ले लिया और मेरे सारे कपड़े उतार दिए अब मैं और आंटी दोनों नंगे थे।

आंटी ने मुझसे पूछा कि तूने पहले कभी चुदाई की हैं?

मैंने कहा- नही !

तब आंटी ने कहा- अपना लण्ड मेरे नीचे वाले छेद में डालो !

मैंने पूरी कोशिश की लेकिन लण्ड चूत में नहीं घुस रहा था, तब आंटी ने अपनी गांड के नीचे तकिया लगाया, मुझे खड़ा करके लुंड घुसाने को कहा। इस बार लण्ड का सु्पाड़ा चूत में घुस गया, मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ !

उसके बाद एक झटके में ही लण्ड पूरा आंटी की चूत में घुस गया ! तीन चार झटको में ही मैं झड़ गया।

तब आंटी ने बताया कि पहली बार ऐसा ही होता हैं, तुम सच बोल रहे थे कि तुम ने पहले चुदाई नहीं की हैं।

उस रात आंटी की तीन बार चुदाई की, फिर तो जब भी मौका मिलता में आंटी को चोदता।

अब हम अपने मकान में आ गए हैं। मैं आंटी को बहुत मिस करता हूँ !

आपको मेरी कहानी कैसी लगी !

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