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Massage Girl in Pulwama: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Pulwama who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Pulwama that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Pulwama massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Pulwama who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Pulwama massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Pulwama massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Pulwama who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Pulwama employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Pulwama helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Pulwama

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Pulwama at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

रीना अपने घर चली गई। Antarvasna

फिर मैंने रात को Antarvasna रीना के नाम पर दो बार मुठ मारी, बहुत मजा आया… मैं उसी के बारे में सोचता सोचता सो गया… सुबह उठा तो मुझे कमजोरी महसूस हुई जो मुठ मारने के कारण हुई थी..
फिर मैंने अपने सवेरे के सारे काम किये और पढ़ाई करने लगा…

मुझे आज का दिन कैसे भी करके निकलना था क्योंकि कल मुझे रीना को अपने ही घर में चोदना था…
आज शाम को मुझे छोड़ कर घर के बाकी सभी लोग मौसी के घर तीन दिनों के लिए जा रहे थे…

जब सब लोग चले गए तो… मैंने रीना को फ़ोन लगाया और बोला- जान, अभी आ जाओ… अभी मस्ती करेंगे !
बोली- धीरे बोलो ! बॉस पास ही है… हम रात को बात करते हैं..
मैं बोला- ठीक है…
फिर रात को मैंने उसे फ़ोन किया तो पता चला रीना के घर पर सब लोग सो गए, मैंने सोचा तब तो मस्त वाली सेक्सी बातें करुंगा।
फिर मैं बोला- जान, घर पर कोई नहीं है… तुम मेरी रात की पार्टनर बन कर आ जाओ, खूब मस्ती करेंगे…

रीना- जानेमन, तुम आज कल बहुत शैतान हो गए हो… कल तुम्हें बताती हूँ, पार्टनर बन कर दिखाऊँगी… मेरी तो चूत कल से तड़प रही है जबसे तुमने इसे फाड़ा है… कई बार पानी छोड़ चुकी है।
मैं बोला- जानू, मेरा लौड़ा है ही बड़ा मस्त.. तू देखती जा कल क्या मजे आते हैं !

और भी बहुत सारी बाते हुई जो मैं आप लोगों को नहीं बताउंगा… अंत में मैंने पूछा- कल कितने बजे आओगी?
बोली- ऑफिस टाइम दस बजे !
मैं बोला- यार, घर पर यह बोल कर आना कि सहेली के घर जाना है…आठ- साढ़े आठ तक आ जाओ ना ! मैं लेने आ जाउंगा…
रीना- ठीक है आ जाउंगी… बाय !

रात भर मैं रीना के बड़े बड़े स्तनों और उसकी गांड के बारे में सोचता रहा, सोचते सोचते नींद आ गई…
सुबह हुई, मैं जल्दी से तैयार हो गया और रीना को फ़ोन लगाया, उसने फ़ोन नहीं उठाया।
मैंने सोचा कि शायद कोई आस पास होगा…

फिर 15 मिनट बाद फ़ोन आया- 5 मिनट में निकल रही हूँ ! आ जाओ…
मैं उसे लेने चला गया…
हम दोनों घर आ गये घर को मैंने लॉक किया और रीना को उठा कर बेडरूम में ले गया !
वहाँ उसे लेटा कर एक मस्त सा जोरदार चुम्बन लिया..
वो बहुत टाइट जींस और टॉप पहन कर आई थी.. बहुत सेक्सी लग रही थी…

मैंने जल्दी से उसके स्तनों को उसके टॉप और ब्रा से आजाद कर दिया..
फिर उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगा…
उसे बड़ा मजा आ रहा था, बोली- करते रहो जान…
मैं बोला- ये ले मेरी जानेमन, तुझे अभी बहुत मजे करवाने हैं !

करीब दस मिनट इस तरह करने पर मैंने उसकी जींस खोल दी, मैंने देखा कि उसकी पैंटी गीली थी…मैं समझ गया कि रीना झड़ चुकी है…
फिर मैं उसकी गीली पैंटी से ही उसकी चूत के छेद में हाथ डालने लगा।
वो बोली- यार, बड़ा मजा आ रहा है…अह आः ओह्ह्ह ऐसी आवाजें आने लगी..

मैं बीच-बीच में उसे चूमने लगा ..
थोड़ी देर बाद वो उठी और उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया।
वो मेरा सीना चाटने लगी…
बहुत मजा आ रहा था…

फिर उसने मेरा पूरे आकार में खड़ा हुआ लंड हाथ में लिया और बोली- जान यह तो बड़ा मस्त लग रहा है ! बड़ा मजा आने वाला है !
फिर उसने मेरा लंड अपने हाथ में लेकर उसे मुँह में लिया, फिर वो मुँह में लेकर उसे ऊपर नीचे करने लगी।
थोड़ी देर बाद बोली- यार तेरा कितना बड़ा है ! मेरे मुँह में ही नहीं आ रहा है..

मैं बोला- जान, अभी तेरी चूत को इस बड़े लंड से ही मजे आने वाले हैं…
वो फिर से लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी…

बहुत मजा आ रहा था.. मैं उसके स्तन दबा देता, उसकी चूत में ऊँगली भी डाल रहा था…
15 मिनट बाद रीना बोली- तेरा लंड है या कुछ और? मैं कितनी देर से तेरे पानी का इंतजार कर रही हूँ लेकिन ये है कि निकलता ही नहीं..
मैं बोला- यह मर्द का लंड है ! इतनी जल्दी हार नहीं मानेगा..

करीब दस मिनट बाद मैं झड़ गया और उसने मेरा पानी चाट लिया।
मैं बोला- अब खुश…?
बोली- हाँ ..
फिर मैं बोला- अब तेरी चूत की बारी है…
वो बोली- कब से मैं इसका इंतजार कर रही हूँ ! चलो शुरू हो जाओ…

फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड एक झटके में डाल दिया, वो चिल्लाई- आई माँ ! मर गई ऽऽऽ
मैं बोला- क्या हुआ?
बोली- इतनी तेज़ नहीं घुसाना चाहिए था ! तेरा है भी कितना मोटा और बड़ा…
फिर मैंने बहुत तेज़ गति में उसे चोदना शुरू कर दिया…
वो बोली- बहुत अच्छा लग रहा है !

फिर मैं अपनी गति में उसे चोदने लगा…उसके स्तन भी एक साथ दबाने लगा..
थोड़ी देर बाद वो झड़ गई, बोली- तुम चालू रखो…
करीब बीस मिनट बाद मैं भी झड़ गया।
आगे की कहानी बाद सुनाउंगा..
मुझे मेल करते रहें… Antarvasna

प्रेषक : रमेश Sex Stories

मैं रमेश हरियाणा फ़िर Sex Stories से हाज़िर हूँ आपके लिए एक रोमांच और सेक्स से भरपूर कहानी ले कर !

सभी मर्द अपने लंड को हाथ में दबा के और लड़कियाँ और औरतें अपने स्तनों को दबा के और अपनी चूत में ऊँगली दे कर बैठें …………

आज अपनी कहानी शुरू करने से पहले मैं पाठकों को बता दूँ कि मेरी कहानी कोई झूठी या मन से बनाई हुई नहीं है, यह उतनी ही सच्ची है जितनी कि सेक्स की जरुरत……

और एक बात ! प्लीज़, कोई भी पाठक ग़लत नाम से मुझे मेल ना भेजे !

मेरी पिछली कहानी को पढ़ के कुछ लड़कों ने लड़कियों के नाम से मुझे मेल भी भेजी, सिर्फ़ यही जानने के लिए कि मैं सच बोल रहा हूँ या झूठ?

तो दोस्तो, मैं आपको अपनी कहानी बता रहा हूँ तो इसका ग़लत मतलब नहीं निकालें …………

और सभी पाठकों को धन्यवाद !

तो कहानी ऐसे है :

अभी कुछ दिन पहले जब मेरी कहानी ‘पड़ोस की कुवांरी छोकरी’ अन्तर्वासना पर आई तो कुछ दिन बाद मुझे एक मेल आई……… मेल एक लड़की ने भेजी थी, लड़की का नाम था जसमीत कौर जो कि एक पंजाबी परिवार से थी। उसने अपनी मेल में कहा कि वो एक घरेलू लड़की है और कॉलेज में पढ़ती है। उसने मेरी कहानी पढ़ी और उसे सेक्स करने की इच्छा हुई !

यह उसका पहली बार था…..वो अपने घर वालों से भी डरती है लेकिन सब कुछ करना भी चाहती है… इस तरह हमने २-३ दिन मेल से ही बात की। उसने मुझसे मेरा सेल नम्बर लिया और फ़िर मुझे एक दिन काल किया.. उसकी आवाज में क्या जादू था दोस्तों…… मैं तो दीवाना हो गया उसकी आवाज का ही…… उसने मुझे अपने बारे में सब कुछ बताया और कहा कि उसके पास कोई जगह नहीं है और वो करना भी चाहती है। लेकिन उसकी एक शर्त थी कि सब कुछ गुप्त और सुरक्षित होना चाहिए।

तो फ़िर क्या था जैसे कि मेरे नियम है हि कि सब कुछ गुप्त और सुरक्षित होगा।

मैंने उसे विश्वास दिलाया और फ़िर उसने मुझे अपने शहर का नाम बताया, वो जालंधर सिटी की रहने वाली थी।

उसने मुझसे अगले ही दिन आने को कहा।

मैं भी उसके कहे अनुसार सुबह ६ बजे ही वहाँ पहुँच गया और पहुँच कर मैंने एक होटल में कमरा बुक किया, उसे फ़ोन से सम्पर्क किया।

उसने मुझे कहा कि वो कॉलेज टाइम में मेरे पास आएगी। उसने मुझे १० बजे का टाइम दिया, मैं फ्रेश हुआ और कुछ देर आराम किया।

उसने मुझे १० बजे कॉल की और एक पार्क में आने को कहा। मैं उसके बताये हुए स्थान पर गया। वो एक पार्क में एक बेंच पर अकेली बैठी थी, उसने जींस और टॉप पहना हुआ था, उसका कद ५’४” होगा और उसके बाल बहुत लंबे और काले नागिन की तरह, आँखे काली काली और बड़ी बड़ी, गाल कश्मीर के सेब की तरह लाल लाल, लिप्स गुलाब की पंखुडियों की तरह पिंक पिंक और उसके बूब्स पुरे भरे हुए टॉप फाड़ कर बहार आने को थे……..अगर ठीक से कहू तो उसका फिगर कुछ ३६-३०-३६ रहा होगा…..

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मैं तो देखते ही उसे फ्लैट हो गया और काफी देर तक उसे देखता ही रहा……. फ़िर मैं उसके पास गया, बैठ कर हमने कुछ देर बात की और उसके बाद हम दोनों होटल की तरफ़ चल दिए। होटल पहुँच कर हम दोनों कमरे में गए। वहाँ हमने कुछ देर बात की और धीरे धीरे मैं उसकी आँखों में मदहोश हो गया। फ़िर मैंने उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए और काफी देर तक उसे समूच किया।

इसी दौरान मेरे हाथ उसके बड़े बड़े और नर्म नर्म स्तनों पर चले गए। मैं उसके वक्ष बड़ी ही आराम से दबा रहा था और उसकी आँखों में मदहोशी साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी। मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाला और उसके कबूतरों को ब्रा की कैद से आजाद कर दिया। अब मेरे हाथ उसके आजाद कबूतरों को बड़ी ही जोरों से दबा रहे थे। फ़िर मैंने देर ना करते हुए उसके टॉप को उतार दिया……व्वाऊऊ ऽऽ ऊऊऊ उसके स्तन जितने कोमल थे उतने ही तने हुए भी थे और उसके चुचूक भी कड़े और हल्के गुलाबी थे।

फ़िर मैंने उसके एक वक्ष को मुँह में लिया और छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। वो बहुत ही मदहोश हो चुकी थी और सेक्सी सेक्सी आवाजें निकाल रही थी …….ऊऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह् म्म्म्म्म्म्म्म्म्मूऊऊउस्स्स्स् !

इतने में मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ, उसका हाथ मेरे लंड को टटोल रहा था। मैंने अपनी जींस उतार दी और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया। फ़िर उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और नीचे झुक कर मेरे लंड को चूम लिया और उसे मुँह में ले लिया। वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई छोटा बच्चा लॉलीपॉप को चूसता है।

मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।

काफी देर तक उसने मेरा लंड चूसा, जब तक मेरा वीर्य नहीं निकल गया।

उसके बाद मेरी बारी आई, मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी जींस को उतारा। उसने अपने पूरे बदन की वैक्सिंग की हुई थी, शायद आज के दिन के लिए खासतौर से !

उसने अन्दर एक काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी, मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया। वाह क्या सेक्सी और मधुर चूत थी ! उसकी चूत को देखते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसके चूत के लब भी गुलाबी थे। मैंने जैसे ही उसकी चूत को छुआ, वो एक दम से सिसक उठी। मैंने धीरे से उसकी चूत में ऊँगली डाली और उसके लबों को रगड़ा, उसकी चूत तो बहुत टाइट थी, वो सही थी कि वो अभी तक कुंवारी है।

फ़िर मैंने उसकी चूत को चूम लिया, मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसकी चूत को चूसने लगा।

वो पागलों की तरह आवाजें निकालने लगी, पूरा कमरा सेक्सी आवाजों से गूंज रहा था कुछ इस तरह- ऊऊऊऊऊह्ह्ह्हह्ह आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़ मम्मम्म्म्म्स्स्स्स्स प्ल्ज्ज्ज्ज्जज्ज्ज्ज़ धिरेऽऽए !

फ़िर हम दोनों ६९ की पोसिशन में हो गए और एक दूसरे को चूस रहे थे। वो २ बार झड़ चुकी थी…..फ़िर उसने मुझसे कहा- रमेश प्लीज़, अब बर्दाश्त नहीं होता ! मुझे चोद दो जोर से ……… अपना लंड मेरी प्यासी चूत में घुसा दो …….. !

अब मेरा लंड उसकी चूत में घुसने के लिए तैयार था। मैंने एक तकिया उठा कर उसकी गांड के नीचे रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर लगा कर जोर से धक्का दिया। मेरा लंड अभी थोड़ा सी ही अन्दर गया था कि वो चिल्लाने लगी।

मैंने उसके अधरों को अपने लबों में दबा लिया और फ़िर से एक धक्का दिया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चुका था। उसकी चूत में से शायद खून निकल रहा था, वो चिल्ला नहीं पा रही थी। थोड़ी देर तक मैं उसके बूब्स के साथ खेलता रहा, कुछ देर में वो शांत हुई तो मैं फ़िर एक जोर से धक्का दिया और पूरा लंड उसकी चूत में। था इस बार वो थोड़ा सा तड़पी लेकिन सब कुछ ठीक ही था। फ़िर मैंने अपना खेल शुरू किया …… मेरे लंड के धक्को से पूरे कमरे में फ़्फ़्फ़्फ़्कक्क्क्क्कह्ह फ़्फ़्फ़्फ़्क्क्क्क्क्कक्क्ह्ह्ह्ह् की आवाजें आ रहे थी और वो अपनी गांड उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी, साथ में कह रही थी- रमेश डार्लिंग ! चोदो ! मेरी चूत की प्यास बुझा दो …….. जोर लगा कर चोदो मुझे !

कुछ देर तक चोदने क बाद वो एक झटके क साथ मेरे से चिपक गई, शायद वो झड़ चुकी थी और ४-५ झटकों के बाद मैं भी झड़ गया। फ़िर हम कुछ देर तक बेड पर एक दूसरे के साथ चिपक कर लेटे रहे। उसके बाद उसने मुझे एक जोर से किस किया और कहा- आज मैं बहुत खुश हूँ …. लेकिन अभी कुछ और करो…..!

फ़िर मैं उसे अपने गोद में उठा के बाथरूम में ले गया और वहाँ शॉवर के नीचे हमने एक बार और यौनानन्द लिया।

उस दिन हमने ३ बार चुदाई की। शाम को जब वो जाने लगी तो मेरे को कस के लिपट कर के बोली- रमेश डार्लिंग ! यू आर सो स्वीट… ! टुडे आई ऍम वैरी हैप्पी…. ! मैं तो वैसे ही डरती थी………इसमें तो बहुत मजा आया….. !

उसने मेरी फीस मुझे दी और अपने घर चली गई। मैं भी कुछ देर आराम कर के अपने घर के लिए निकल लिया।

तो दोस्तों यह थी मेरी जालंधर सिटी की दास्ताँ.. ! अब आप इसे सच समझे या झूठ ! यह तो आप पर है …… लेकिन मेरे एक एक लफ्ज में सच्चाई है …….. Sex Stories

प्रेषक : राहुल गुप्ता Antarvasna

चतुर्थ भाग से आगे : लंच के Antarvasna बाद विशाल भैया अपने किसी दोस्त से मिलने चले गए और मैं मम्मी के साथ घर के काम में लग गई।

शाम को विशाल भैया अपने दोस्त प्रदीप के साथ आये जो यहीं लखनऊ में रहते थे। वह भी बीबीडी से बी टेक कर रहे थे और साथ ही प्रईवेट फर्म में नौकरी करते थे। वह बहुत स्मार्ट थे, गोरा रंग,
सुगठित बदन खिलाड़ियों जैसा, कद 5’7″ कुल मिलाकर वह बिल्कुल मॉडल लगते थे। हम लोग उनसे पहले भी कई बार मिल चुके थे हम लोगों में शिष्टाचार का अदान प्रदान हुआ। फिर मम्मी ने प्रदीप से शिकायत भरे अन्दाज़ में कहा- जब विशाल आता है, तभी तुम भी आते हो, ऐसे भी कभी-2 आ जाया करो…।

प्रदीप भैया ने तिरछी नज़र से मेरी तरफ देखा और सेक्सी मुस्कराहट के साथ बड़े नाटकीय ढंग से मम्मी को सम्बोधित किया- आज के बाद आप को शिकायत का मौका नहीं मिलेगा आंटी जी ! जब भी मुझे छुट्टी मिलेगी, मैं आप लोगों से मिलने अवश्य आऊंगा।

इस पर सभी लोग ठहाका लगाते हुए ड्राइंग रूम में बैठ गए और इधर उधर की बातें करने लगे। मैं उठ कर सबके लिए चाय बनाने किचन चली गई। जब मैं चाय ले कर वापस ड्राइंग रूम आई, वहाँ पर सब लोग शांत बैठे थे और प्रदीप भैया गौर से मुझे देखने लगे।

मैं समझ गई कि इस बीच मम्मी और विशाल भैया ने मेरे बारे में सब कुछ प्रदीप भैया को बता दिया होगा। और शायद मुझे वीर्य पिलाने के लिए प्रदीप भैया से आग्रह किया हो। इसीलिए प्रदीप भैया मेरी अविकसित चूचियों की तरफ बड़े गौर से देख रहे थे।

खैर मैंने सबको चाय एवं नाश्ता दिया।

प्रदीप भैया चाय पीते हुए बोले- यार रश्मि, तुम चाय बहुत बढ़िया बनाती हो !

इस पर मम्मी बोली- यह खाना भी बहुत अछा बनाती है ! आज तुम रश्मि के हाथ का बना खाना खा कर ही जाना…!

बीच में विशाल भैया बोले- हाँ यार ! चलो मुर्गा ले कर आते हैं ! बहुत दिनों से घर का बना मुर्गा नहीं खाया है।

मम्मी बोली- हाँ ठीक है ! जाओ, तुम लोग मुर्गा ले कर आओ, हम लोग खाने की तैयारी करते हैं।

भैया लोग मार्केट चले गए, थोड़ी ही देर में मुर्गा ले कर आ गए। मैं और मम्मी खाना बनाने में लग गए और भैया लोग ड्राईंग रूम में बैठ कर गप्प लड़ाने लगे।

थोड़ी ही देर में फूफा जी भी आ गए, फ़ूफा जी अक्सर शाम को ड्रिंक किया करते थे। इसलिए वो अपने साथ एक बोतल व्हिस्की भी ले आए और मुझे आवाज दे कर पुकारा- रश्मि… जरा तीन ग्लास और कुछ नम्कीन ले आना।

मैं समझ गई कि आज भैया लोगों को भी फूफा जी पिलायेंगे।

खैर मैं तीन ग्लास, नमकीन और पानी का जग ले कर ड्राइंग रूम पहुचीं। वहाँ पर फ़ूफा जी बोतल खोल रहे थे और भाइयों से बोल रहे थे- तुम लोग अब बड़े हो गए हो, शरमाना छोड़ो और हमारे साथ पियो।

जी फूफा जी… !

भाइयों को जैसे उनकी मन की मुराद पूरी हो गई।

इसके बाद ये सब लोग ड्रिंक करते रहे और हम लोग खाना बनाने में लगे रहे।

थोड़ी ही देर बाद जब खान तैयार हो गया, मम्मी ने किचान से ही आवाज लगाई- आप लोगों की ड्रिंक अगर खत्म हो गई हो तो खाना लगाया जाये…?

जवाब में फ़ूफा जी की आवाज आई- हाँ भाई… खाना लगाओ … बहुत भूख लगी है।

फिर सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठ गए। मैंने सबको खाना परोसा।

प्रदीप भैया पहला कौर खाते ही बोले- तुमने मुर्गा बहुत अछा बनाया है !

फिर सभी लोग खाने की तारीफ करने लगे।

खाना खाने के बाद प्रदीप भैया बोले- यार विशाल मैं चल रहा हूँ ! वरना मकान मालिक दरवाजा नहीं खोलेगा।

विशाल भैया बोले- यार आज तुम यहीं रुक जाओ, कल सुबह यहीं से कॉलेज चले जाना।

इस पर मम्मी बोली- हाँ ! यहीं रुक जाओ, इतनी रात में कहां जाओगे?

प्रदीप भैया कुछ रुक कर बोले- ठीक है आँटी !

इसी बीच फूफा जी मम्मी के बेडरूम में सोने चाले गए क्योंकि उनको कुछ ज्यादा ही चढ़ गई थी। वो जब भी आते थे वहीं मम्मी के साथ सोते थे।

फिर विशाल भैया बोले- ऐसा है कि हम लोग ड्राइंग रूम में सो जाते हैं…।

मम्मी बोली- नहीं ! तुम तीनों रश्मि के कमरे में सो जाओ… यहां ड्राइंग रूम में परेशानी होगी।

मम्मी यह कहते हुए अपने बेडरूम की तरफ बढ़ गई।

मम्मी की बात सुन कर मैं बहुत उत्साहित हो गई और सोचने लगी कि आज तो प्रदीप भैया का भी लंड देखने को मिलेगा।

खैर मैं विकास भैया से बोली- आप लोग मेरे कमरे में चलिए, मैं मेन-गेट लॉक करके आती हूँ।

मैंने बाहर के सारे दरवाजे बन्द किए और फिर मम्मी के बेडरूम की तरफ से अपने कमरे जाने लगी। इतने में मम्मी के कमरे से कुछ अजीब सी, पर जानी पहचानी आवाजें आने लगी। मैंने खिड़की से झांक कर देखा- फूफा जी बेड पर सीधे नंगे लेटे हुए थे और मम्मी की चूत चाट रहे थे और मम्मी फूफा जी का लंड को लॉलीपाप की तरह चूस रही थी। दोनों 69 पोजीशन में थे और दुनिया से बेखबर सेक्स का पूरा मजा ले रहे थे।

यह देखकर मेरा हाथ अनायास ही बुर को सहलाने लगा, थोड़ी देर तक मैं उन लोगों की चुदाई देखती रही, मेरी बुर पानी छोड़ने लगी जिससे मेरी सलवार भीगने लगी। फिर मुझसे रहा नहीं गया और भाग कर अपने कमरे में आ गई जहाँ पहले से ही भैया लोग बिस्तर पर लेटे थे।

मुझे देखकर विशाल भैया बोले- कोई लुंगी हो तो प्रदीप को दे दो ताकि वह अपने कपड़े बदल सके। कल फिर यही पहन लेगा।

मैंने कहा- लुंगी तो नहीं है ! आप चाहें तो मेरा लॉन्ग स्कर्ट पहन लें, वो भी लुंगी ही जैसी है !

यह कह कर मैं हंस दी…

इस पर विशाल भैया बोले- हाँ यार ! पहन ले ! मजा आयेगा।

मैंने उनको स्कर्ट दी, फिर प्रदीप ने मुझसे कहा- तुम बाहर जाओ, मैं कपड़े बदल लूँ… !

इस पर विशाल भैया बोले- यार रश्मि से क्या परदा ।

अभी हम सब लोग नंगे हो जायेंगे ! यह कहते हुए विशाल भैया खुद अपना स्लीपिंग सूट उतारने लगे और मुझसे बोले- रश्मि… तुम भी अपने कपड़े उतारो… नहीं तो प्रदीप शरमाएगा।

मैं तो यही चाहती थी, मैंने तुरन्त अपनी सलवार और कुर्ता उतार दिया। अब मैं बिल्कुल नंगी थी, विशाल भैया भी नंगे हो चुके थे और अपने खड़े लंड से खेल रहे थे। यह देख कर प्रदीप भी अपने सारे कपड़े उतारने लगे। पहले उन्होंने अपनी शर्ट और बनियान उतारी फिर पैन्ट उतारी, जैसे ही प्रदीप ने अपनी चड्ढी उतारने के लिए हाथ बढ़ाया, वैसे ही विशाल भैया बोले- रुको प्रदीप, तुम्हारी चड्ढी रश्मि उतारेगी !

फिर मुझसे बोले- चलो, इसकी इसकी चड्ढी उतारो !

मैं प्रदीप भैया के पास पहुंची और उनकी चड्ढी नीचे सरका दी, उनका लंड पूरी तरह खड़ा था, सुपाड़े की त्वचा नीचे थी, गुलाबी रंग का सुपारा चमक रहा था, उनका लंड फूफा जी के लंड से भी बड़ा था लगभग 8″ लम्बा और 4″ मोटा ! बिल्कुल घोड़े के लंड की तरह था।

इसको देखते ही मेरे मुँह से अनायास निकल गया- ओह माई गॉडऽऽ ! आपका तो लंड बहुत मोटा और लम्बा है… प्रदीप भय्य्य्या…!

इस पर विशाल भैया मुझसे बोले- यार रश्मि… हम लोगों को ‘भैया’ मत कहा करो। सेक्सी फीलिंग की ऐसी की तैसी हो जाती है।

इस पर प्रदीप भी बोले- हाँ ‘भैया’ ना बोला करो, कम से कम चुदाई के माहौल में तो बिल्कुल नहीं !

मैंने कहा- ठीक है ! मैं नहीं कहूँगी, लेकिन बाहर सबके सामने तो कहना ही पड़ेगा।

इस पर विशाल बोले- हाँ, सबके सामने तुम कह सकती हो।

इसके बाद प्रदीप और विशाल दोनों हंसते हुए कहने लगे- हम लोग अब बहनचोद नहीं कहलाएंगे और रश्मि… तुम, भैया चोद नहीं कहलाओगी।

इस पर हम सब हंसने लगे।

फिर विशाल बोले- ऐसा है कि आज हम लोग तुमको एक साथ चोदेंगे।

मैंने पूछा- वो कैसे?

विशाल बोले- अभी बताता हूँ… ऐसा करो प्रदीप ! तुम लेट जाओ। रश्मि… तुम प्रदीप की टांगों के बीच में डॉगी स्टाइल से प्रदीप का हलब्बी लंड चूसो और मैं तुम्हारी चूत को चोदता हूँ ! इस तरह से तुम्हारी चूत रँवा हो जाएगी और जब प्रदीप तुम्हें चोदेगा तो तुमको कोई परेशानी नहीं होगी। ठीक है?

मैंने कहा- ठीक है।

फिर प्रदीप लेट गए, मैं कुतिया की तरह पोजीशन बना कर प्रदीप का लंड अपने मुँह में लेने की कोशिश की, लेकिन उसका सुपाड़ा इतना बड़ा था कि मेरे मुँह में पूरा घुस ही नहीं रहा था। फिर मैंने सुपारे को कोन-आइस्क्रीम की तरह चाटना शुरू किया। प्रदीप का लंड और टाइट हो गया। प्रदीप के मुँह से अह्ह्ह्…ओह्ह्ह निकलने लगा। मैं उनका लंड लगातार चूसे जा रही थी। इधर विशाल फर्श पर खड़े हो कर मेरी चूत में दो उंगलियाँ डाल कर अन्दर बाहर करने लगे।

तकरीबन एक मिनट के बाद वो तीन उंगलियाँ डाल कर अन्दर बाहर करने लगे। मेरी चूत बहुत टाइट थी, सिर्फ एक बार की चुदी थी, वो भी विशाल के पतले लंड से। शायद इसीलिए विशाल अपनी उंगलियों से चोद कर मेरी चूत को प्रदीप के लंड के काबिल बना रहे थे लेकिन मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

फिर अचानक विशाल अपनी चार उंगलियों को चूत में डाल कर अन्दर-बाहर करने लगे। मुझे दर्द होने लगा।

मैंने चीखते हुए विशाल से कहा- दर्द हो रहा है, क्या मेरी चूत आज ही फाड़ डालोगे ?

विशाल बोले- अभी दर्द गायब हो जायेगा।

फिर वो उंगली अन्दर बाहर करने की स्पीड और बढ़ाते हुए मुझसे बोले- तुम्हारी चूत को आज हम लोग भोसड़ा बना देंगे ताकि तुम्हें आगे कोई परेशानी ना हो।

खैर ! जैसा कि विशाल ने कहा था वैसा ही हुआ।

थोड़ी ही देर में दर्द काफूर हो गया और अब मेरी चूत कस कर पानी छोड़ने लगी। फिर विशाल ने अपना लंड मेरी चूत में डाला और चोदना शुरू किया। उनका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुस रहा था जो कि काफी लम्बा था लेकिन पतला होने के कारण मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था। फिर भी मजा आ रहा था। इधर पूरी तरह से प्रदीप के लंड को चूसते चूसते मेरा मुँह भी ज्यादा खुलने लगा और अब मैं उसका पूरा सुपाड़ा अपने मुँह के अन्दर ले कर चूस रही थी। प्रदीप की हालत बिगड़ती जा रही थी और कमर उचका उचका कर मेरे मुँह को चोदने की कोशिश कर रहे थे। इतने में उनके मुँह से निकला- आह्ह्ह्… ! मैं तो खलास होने वाला हूँ ! रश्मि तुम लंड से मुँह मत हटाना…

और प्रदीप मेरे मुँह में झड़ने लगे। प्रदीप के लंड से इतना वीर्य निकला कि मेरा पूरा मुँह भर गया और थोड़ा सा बाहर भी बह कर निकलने लगा। मैं तुरन्त पूरा वीर्य पी गई और जो बह कर नीचे प्रदीप के लंड पर और उनकी झांटो पर गिर गया था उसको भी मैं चाट गई।

इधर विशाल मेरी चूत में लगातार धक्के मारे जा रहा था और ओह्ह्ह्… आह्ह्ह्ह्… की आवाजें निकाल रहा था, शायद वह भी झड़ने वाला था। फिर एक दम से अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मुझसे बोला- ले जल्दी से मेरे लंड को चूस ! माल निकलने वाला है !

मैं प्रदीप के लंड को छोड़ कर विशाल की तरफ घूमी और जल्दी से उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और लगी कस कर चूसने।

कोई 30-40 सेकेंड में विशाल भी झड़ने लगा। विशाल का वीर्य उतना नही निकला जितना प्रदीप का निकला था, लेकिन विशाल का वीर्य ज्यादा स्वादिष्ट था और मुझे अपनी चूत के रस का भी स्वाद मिल रहा था। इन दोनो का वीर्य पी कर मेरा तो पेट ही भर गया था।

जब मैंने पलट कर प्रदीप की तरफ मुँह किया तो देखा कि प्रदीप अपने लंड को फिर खड़ा करने में लगा था। मैं समझ गई कि प्रदीप भी मेरी चूत को चोदना चाहता है।

मैंने उनसे कहा- मैं अभी आ रही हूँ…

और मैं नंगी ही टॉयलेट की तरफ भागी क्योंकि मुझे बहुत तेज पेशाब लगी थी। जब मैं टॉयलेट से लौट रही थी तो मैंने सोचा कि मम्मी के बेडरूम में झांक कर देखा जाए कि यहाँ क्या चल रहा है !

क्रमश: …………….. Antarvasna

प्रेषक : सेक्सी बोय Sex Stories

दोस्तो ! मेरा नाम सन्नी है, मैं दिल्ली में Sex Stories रहता हूं। कुछ साल पहले की बात है मैं करोल बाग मार्केट में कुछ खरीददारी कर रहा था, किसी ने मुझे पीछे से आवाज़ दी। देखा तो अन्नु खड़ी थी। बहुत खूबसूरत एक नवविवाहिता जैसी लग रही थी – हाथों में चूड़ा, गले में मंगलसूत्र और माथे पर सिन्दूर लगाया हुआ था।

अन्नु मेरी गर्लफ़्रेन्ड थी। कुछ महीने पहले हमारा अलगाव हो गया था, अलगाव क्या बस उसकी शादी कहीं और हो गई थी। वो 24 साल की एक स्मार्ट और बोल्ड लड़की थी। करीब एक साल हमारा अफ़ेयर खूब चला… इस बीच किस तो आम सी बात हो गयी थी। हम लोग घंटो नेहरू पार्क मैं बैठे एक दूसरे को चूमते रहते। मैं उसकी शर्ट मैं हाथ डालकर उसके बूब्स दबाता रहता और वो मेरी पैंट की जिप खोलकर मेरे लंड से खेलती रहती।

हम लोग कभी पिक्चर भी देखने जाते तो यही होता था। कार्नर की सीट पर वो मुझसे सट कर बैठती और मैं उसके गले में से हाथ डालता हुआ उसकी शर्ट में हाथ डालकर पूरे तीन घंटे उसके बूब्स मसलता रहता और वो मेरी जैकेट को मेरी गोद में रखकर उसके नीचे से हाथ डालकर मेरी जिप खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल लेती और पूरे तीन घंटे उससे खेलती रहती .. मूवी तो हम नही देख पाते थे लेकिन इस सेक्स का खूब मज़ा लेते थे। मैं उसके बूब्स सहलाता और मसलता था तो उसे बहुत मज़ा आता था और मैं तो कई बार उसके हाथ में ही झड़ जाया करता था।

तो हमारे अलगाव तक हमने सिर्फ़ इतना ही सेक्स किया था चुदाई नहीं। फ़िर अचानक पता चला कि उसने कहीं और शादी कर ली है, बस वो कभी मेरा सामना नहीं कर पाई जो मेरे घर से करीब १ किलोमीटर की दूरी पर ही रहती थी….खैर तो ये थी हमारी छोटी सी कहानी …अब असली बात पर आते हैं

अन्नु को अपने सामने देखकर एक बार को तो काफ़ी गुस्सा आया मन करा कि खूब लडाई करूँ उससे कि उसने ऐसा क्यों किया। पर फ़िर मैंने अपने पर कंट्रोल रखते हुए उसका हाल चाल पूछा और उसने मेरा …बातों बातों में पता चला कि शादी के बाद वो यहीं पास में आनंद पर्वत में जॉब कर रही है और उसने मुझे अपना सेल नम्बर दिया और मेरा नम्बर भी ले लिया।

दो दिन बाद सोमवार को मुझे अन्नु का फोन आया कि बबलू क्या तुम मुझे आज मिल सकते हो तो मैंने हाँ कर दी. ११ बजे हम लोग एक रेस्तौरेंट में मिले तो उसने बताया कि वैसे तो उसकी सोमवार की छुटी होती है पर आज वो घर पर झूट बोलकर सिर्फ़ मुझे मिलने आयी है। मैंने कहा – ऐसी क्या जरूरी बात है?

तो उसने कहा कि यहाँ काफी शोर गुल है, कहीं अकेले में आराम से बैठकर बात करना चाहती हूँ। तो मैंने कहा कि ठीक है नेहरू पार्क चलकर बैठते हैं अपनी पुरानी जगह।

तो वो बोली – नहीं वहां कोई भी मुझे देख कर पहचान सकता है, तुम मुझे अपने घर ले चलो …वहां से हम दोनों घर आए … घर का ताला खोल कर हम अंदर आए और मैंने दरवाजा बंद कर लिया। …सर्दियों के दिन थे इसलिए मैंने रूम हीटर चला दिया। हम बाईक पर घर आए थे और उसे ठण्ड लग रही थी। रूम हीटर से उसे कुछ गर्माहट सी आई और वो अपनी शॉल उतार कर आराम से बैठ गयी।

काफी देर तक हम दोनों के बीच खामोशी रही और मैं तो सिर्फ़ उसे देखे ही जा रहा था, पंजाबी सुइट मैं काफी सेक्सी लग रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने ही खामोशी तोड़ी और बोला – बोलो क्या बात करनी है मुझसे?

वो अचानक उठी और मेरे गले लगकर रोने लगी और कहने लगी – सैंडी मुझे माफ़ कर दो, मैंने हम दोनों की लाइफ ख़राब कर दी। पता नहीं मुझे क्या हो गया था …करीब १५ मिनट तक खूब रोने के बाद मैंने उसे पानी पिलाया तो वो कुछ नोर्मल सी हुई। लेकिन इस बीच वो मुझसे लिपटी रही। काफी दिनों बाद उसका स्पर्श पाकर मुझे भी अच्छा लग रहा था।

फ़िर वो बोली- सैंडी मेरे एक ग़लत फैसले की वजह से तुमने काफी कुछ सहा होगा, मैं उसका हर्जाना भरना चाहती हूँ, मैं तुम्हे कुछ देना चाहती हूँ।

मैंने कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए तो वो अपना शॉल उठाकर बाथरूम चली गयी…और जब बाहर आयी तो उसने शॉल अपने शरीर पर लपेटा हुआ था … उसने कमरे मैं आकर लाईट बंद कर दी। यूँ तो दिन का समय था इसलिए थोड़ा थोड़ा नज़र तो आ ही रहा था।

मैंने उससे पूछा क्या हुआ तो उसने मेरे पास आकर शॉल हटा दी ……. मैं ये देखकर दंग रह गया कि उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और सिर्फ़
शॉल औढ कर आई थी। वो फ़िर मुझसे लिपट गई। आप लोग मेरी हालत का अन्दाज़ा लगा सकते होंगे कि एक पूर्ण नग्न लड़की मेरी बाहों में है तो मेरी हालत क्या रही होगी। उस वक्त दिमाग में कुछ नहीं आ रहा था कि सही क्या है और गलत क्या ?

इस तरह से तो वो मुझसे तब भी नहीं लिपटी थी जब हमारा अफ़ेयर चल रहा था।

उसने अपना चेहरा थोड़ा उठाया और मेरे चेहरे के पास आकर बोली – बबलू ! मैं आज पूरी तरह से वो करना चाहती हूं जो कभी हमारे बीच नहीं हुआ, मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूं और चाहती हूं कि तुम मुझे प्रेग्नेन्ट कर दो और मैं तुम्हारे बच्चे को जन्म दूं, यही मेरा हर्ज़ाना होगा, तभी मुझे सुकून मिल पाएगा।

बाकी सब कुछ मैं सम्भाल लूंगी, बस तुम मुझे चोद डालो। वो पूरी तरह से लिपटी हुई थी। मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था कि क्या करूं। फ़िर उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया। अभी भी उसके होंठ वैसे ही नर्म थे और उसका अन्दाज़ तो मेरे लिए पुराना ही था। मुझे अच्छी तरह से पता था उसे क्या पसन्द है। मैंने भी अपना मन बना लिया कि जब उसे कोई आपत्ति नहीं है तो मुझे क्यों हो, मैं भी उसका साथ देने लगा। किस करते करते उस्ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनो पूरे नंगे हो गए थे और पहली बार ही एक दूसरे को ऐसे देख रहे थे।

वो मेरा हाथ पकड़ कर बेड की तरफ़ ले गई, बेड पर लेट कर उसने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया। काफ़ी देर हम किस करते रहे और साथ में मैं उसके बूब्स दबाता रहा। वो पूरी तरह से गरम हो गई थी। फ़िर उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और बेड से साथ पीठ लगाकर बैठने को कहा। मैंने पूछा तो उसने कहा कि यह सब तो हम कर चुके हैं पहले, मैं आज वो करना चाहती हूं तुम्हारे साथ जो पहले कभी नहीं किया। फ़िर मैं बैठ गया और वो मेरी टांगों के बीच आकर पेट के बल उल्टी लेट गई और मेरे लण्ड को सहलाने लगी।

उसके सहलाने से मेरा लण्ड तन कर डण्डे की तरह हो चुका था। थोड़ी देर सहलाने के बाद उसने मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया। कसम से क्या मज़ा आ रहा था। पहली बार किसी ने मेरा लण्ड मुंह में लिया था। मैं ज़न्नत के मज़े ले रहा था। पहले तो उसने मेरा लण्ड खूब चूसा फ़िर लोलीपोप की तरह अन्दर बाहर करने लगी। मेरे मुंह से भी सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी- आह अन्नु मज़ा दिला दिया तुमने तो आज कसम से यह कहां से सीखा तुमने ! शऽऽऽ मैं …मेरा तो हो गया…और मैं उसके मुंह में ही झड़ गया।

फ़िर उसने मुंह से ही चूस चूस कर मेरा लण्ड साफ़ किया और बोली – सेक्स तो मेरा पति भी रोज़ ही करता है पर वो ये सब नहीं करता जो मैं चाहती हूं। मुझे लण्ड चूसना अच्छा लगता है और तुम्हारा मोटा लंड चूसकर आज मुझे शान्ति मिली है तुम वादा करो जब जब मेरा मन करेगा तुम मुझे अपना लंड चूसने दोगे प्लीज़

मैंने कहा ठीक है ….

फ़िर वो बोली मुझे एक और चीज़ पसंद है और वो बेड पर पीठ के बल लेट गयी और मुझे अपनी टांगों के बीच आने को कहा मेरे वहां आते ही उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूती को थोड़ा फैला दिया और बोली सैंडी असली मज़े लेने हैं सेक्स का तो इसे चाटो ….मैं भी शुरू हो गया और जीभ से खूब अच्छी तरह उसकी चूत की चटाई की वो तो सातवें आसमान मैं उड़ रही थी और आवाजें निकाल रही थी आह हह हह हा बबलू मुझे चोद डालो फाड़ डालो मेरी चूत को प्लीज़ मुझे प्रेग्नंट बना दो मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ प्लीज़ ओ ऊह हह चोदो.

२० मिनट अच्छी तरह चाटने के बाद वो झड़ गयी फ़िर हमने ५ मिनट का रेस्ट लिया उसके बाद उसने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गयी चुदने के लिए मैंने कहा अन्नु तुम नीचे आओ मैं तुम्हे चोदुंगा अच्छी तरह. वो बोली नहीं नीचे तो मैं रोज़ ही चुदती हूँ आज मैं चोदना चाहती हूँ प्लीज़ मुझे घुड़सवारी करने दो प्लीज़ यार ..

मैंने कहा ठीक है जो तुम्हारा मन करे और वो मेरे लंड के ठीक उप्पर आयी और मेरे लंड को हाथ मैं लेकर सहलाने लगी ..जब लंड फ़िर रोड की तरह तन गया तो अपने ही हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत का दरवाजा दिखाया और जैसे ही लंड चूत की दिवार से टकराया वो झटके से पूरी बैठ गयी और मैंने भी नीचे से धक्का लगाया …….एक ही झटके से लंड पूरा का पूरा उसकी चूत मैं जा घुसा वो थोडी देर शान्ति से बैठ गई। मैंने पूछा तो बोली रोज़ मेरा पति एक ही तरीके से चोदता है तो मज़ा नहीं आता था आज आया है असली मज़ा …फ़िर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो उसे घुड़सवारी शुरू की ….कसम से क्या सीन था वो ज़न्नत का मज़ा आ रहा था

वो मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से कूद रही थी और मैंने उसे उसके हिलते हुए बूब्स से पकड़ा हुआ था वो आँखें बंद किए मस्ती से चुदवा रही थी करीब २० मिनट चोदने के बाद उसकी स्पीड फुल हो गयी वो कह रही थी आ आह सैंडी मैं झड़ने वाली हूँ उई इ ई इ माँ मैं भी झड़ने वाला था उसने कहा सैंडी मेरे अन्दर ही झाड़ना लंड बाहर मत निकलना प्लीज़ मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ .हम दोनों की रफ्तार बढती जा रही थी शताब्दी एक्सप्रेस की तरह फ़िर हम दोनों ने एक दूसरे को कसकर पकड़ लिया और दोनों एक साथ ही झड़ गए …कसम से क्या आनंद था वो मेरी ये फीलिंग हर कोई चोदने वाला और चुदवाने वाली समझ सकती है

एक अजीब सी मस्ती होती है उस फीलिंग में …खैर

मैं उसके अन्दर ही झड़ गया और लंड उसकी चूत में ही डाले १५ मिनट ।तक हम लम्बी लम्बी साँसे लेते रहे। कहने को तो सर्दियाँ थी पर हम दोनों ही पसीने पसीने हो गए थे।

जब वो मिली थी तो कुछ परेशान दिख रही थी अब उसका चेहरा एक दम शांत था, एक तरह की संतुष्टि थी उसके चेहरे पर और वो मुस्कुरा रही थी

….कुछ देर मेरे ऊपर लेटे रहने के बाद वो बोली सैंडी मैंने तुम्हारे साथ वो किया है जो मैं अपने पति के साथ नहीं कर सकती। बस एक प्रोमिस करो तुम हमेशा ऐसे ही मेरी ज़रूरत पूरी करते रहोगे …मैंने उससे प्रोमिस किया फ़िर वो बोली सैंडी मैं तुम्हारे साथ नहाना चाहती हूँ एकदम नंगे।

मैंने कहा- तुम्हारे लिए मैं सब कर सकता हूँ मेरी गुड़िया। फ़िर हम नहाये और नहाने के बाद मैंने २ बार और उसे चोदा एक बार डोग्गी स्टाइल में और एक बार खड़ा करके हाय दोस्तों क्या दिन बीता था वो मेरी लाइफ का मज़ा आ गया था … फ़िर वो अपने घर चली गयी . Sex Stories

हाय मित्रो!Antarvasna

आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ। Antarvasna हमारे पड़ोस में रूपा आंटी रहने आई थी। वैसे तो वो हमारी दूर की रिश्तेदार थी इसलिए जान-पहचान बनाने की जरूरत नहीं थी।
उनकी लड़की थी गुड्डी, बड़े बड़े स्तनों वाली, जांघें भी गोरी गोरी और थोड़ी कामुक थी लेकिन सीधी होने का दिखावा करती थी। मैं थोड़ा इश्कबाज़ लड़का हूँ इसलिए मेरी उससे जमती थी।

एक बार गुड्डी मुझे सब्जी मण्डी में मिल गई, बोली- बिपिन मेरे पास बहुत वज़न है, मुझे अपनी मोटरसाईकिल पर बिठा लो!
मैंने कहा- चलो!

वो मेरे पीछे बैठ गई। बाज़ार में भीड़ के कारण मोटरसाईकिल चलाते समय मैंने बहुत बार ब्रेक लगाए तो वो मेरे ऊपर गिरती थी। दो तीन बार थोड़ा शरमाई पर बाद में वो सेट हो गई और बोली- एक बार तुम्हारे घर पर मिलते हैं।

दस दिन बाद वो दिन आ ही गया। मेरे घर पे कोई नहीं था। मैंने उसको सुबह ही इशारा कर दिया था। फ़िर गुड्डी सबह नौ बजे आई, बोली- स्कूल जाने के बहाने नज़र छुपा के निकली हूँ।
मैंने कहा- अन्दर आ जा! और उसे बेडरूम में छुपा दिया।

मैंने सारे दरवाज़े बंद कर लिए और बेडरूम में गया तो मेरे से रहा नहीं गया। मैंने उसको जोर से अपनी बाहों में ले लिया।
मैंने कहा- सलवार उतारो!
वो बोली- ऐसे नहीं!

इतना बोल कर वो घुटनों के बल बैठ गई और मेरी पैन्ट की ज़िप खोल कर मेरा लण्ड सहलाने लगी, फिर मुंह में ले लिया खूब रगड़ा उसने अपने मुंह से। और धीरे धीरे मेरे हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पे ले आई। मेरे से रहा नहीं गया। मैंने अपनी पैन्ट और टी-शर्ट उतार दी, मैं पूरी तरह नंगा हो गया और उसको भी नंगा कर दिया।
फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसे बहुत मजा आ रहा था ‘अह्ह्ह…अहह हह…अह हह…अह ह’ करने लगी और उसके नंगे बदन पे मेरे हाथ फिरने लगे।

फिर 69 पोसिशन में सेक्स करते रहे तो वो बोली- सोफे पर बैठ जाओ।
मैं बैठ गया तो वो फ़्रेंच स्टाईल में मेरा लण्ड चूसने लगी। उसके चूसने से मेरा लौड़ा लोहे जैसा हो गया।
फ़िर वो धीरे से मेरे कान में बोली-मुझे उठा कर बिस्तर पर पटक दे!

मैंने वैसा ही किया, उसके दोनों पैर मैंने फ़ैला लिए और चोदने लगा।
मेरे हर एक धक्के पर वो सिसकती थी।

फ़िर अचानक गुड्डी बोली- उतर जाओ!
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं!
और मैं उतर गया।

मेरे उतरने के बाद उसने अपनी गाण्ड मेरे लण्ड के सामने रख दी। मैं समझ गया और धीरे से उसकी गाण्ड में अपना लण्ड पिरो दिया।

शुरू में डालते हुए उसको दर्द हुआ और चिल्ला उठी- ओ… माँ .. ओह… धीरे यार!
बाद में पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में घुसा दिया और वो चिल्लाती हुई बोलती जा रही थी- बिपिन! फ़ाड़ दे मेरी गाण्ड को यार! बहुत मजा आ रहा है य्यार!

यह सारा कार्यक्रम दो बार चला। फिर मैंने घड़ी में देखा तो दोपहर के 2 बजने वाले थे, मैंने कहा कुछ खा लिया जाए. मैं रसोई में गया, गुड्डी भी मेरे पीछे पीछे आ गई फिर उसने बहुत सारा मक्खन, जैम और टोमाटो सॉस अपनी चूत और बूब्स पे लगाया वो सारा मैंने चाट लिया और जो मक्खन, जैम और टोमाटो सॉस मैंने अपने लण्ड पे लगाया वो उसने पूरा चूस लिया। फिर चद्दर बिछाके मैंने उसको रसोई में चोदा और चोदते समय बोली तू मुझे चोदते चोदते बिस्तर तक लेजा और मैंने वही किया मेरे लण्ड को उसकी चूत से अलग किए बिना चोदते चोदते बिस्तर तक ले गया और खूब चोदा।

तभी घर की घंटी बजी। मैंने देखा तो रूपा आंटी दरवाजे पे खड़ी थी।
मैंने जल्दी से गुड्डी को कपड़े रखने वाली अलमारी में छुपा दिया। दरवाजा खोला तो आंटी सामने खड़ी थी, बोली- बेटा! तेरी मम्मी कहाँ है?
मैंने कहा- सब जयपुर गए हुए हैं, मैं अकेला ही हूँ।
बोली- कल मैंने तुम्हारी मम्मी के कमरे में दो साड़ियाँ रखी थी, वो लेने आई हूँ।
मैंने कहा- ले लो!

रूपा आंटी बहुत ही हट्टी कट्टी थी जबकि अंकल दुबले और पतले से थे। मैं अपने कमरे में गया और गुड्डी को कहा- मैं अपना कमरा बाहर से बंद कर देता हूँ और आंटी जब जायेगी तब खोलूँगा।
गुड्डी बोली- ठीक है!

और मैं मेरी मम्मी के कमरे में गया जहाँ रूपा आंटी साड़ियाँ ढूंढ रही थी। साड़ियाँ मिलने पर आंटी मुझे कहने लगी- इनमें से मुझ पर कौन सी अच्छी लगेगी?
मैं तो इश्कबाज था ही, मैंने कहा- आंटी आप तो अप्सरा हैं, आप पर तो कोई भी साड़ी अच्छी लगेगी।
वो भी मेरे इशारे समझ गई, बोली- ठीक है मैं एक एक पहन के दिखाती हूँ! तू बता देना कौन सी अच्छी लगती है।
मैंने कहा- आंटी आज फ्री हो क्या?
हाँ, गुड्डी सुबह से स्कूल गई है और तुम्हारे अंकल ऑफिस के ऑडिट में हैं देर से आयेंगे! कहते हुए वो साड़ी बदलने गई। जैसे ही वो साड़ी बदल के बाहर निकली उसका पल्लू गिर गया और बड़े बड़े स्तन दिखने लगे। मेरा लण्ड खड़ा हो गया और नाईट सूट में से लण्ड बाहर उभर कर दिखने लगा।

आंटी समझ गई और वो शीशे के सामने खड़ी हो गई। मैंने पीछे से आंटी की कमर पकड़ी। वो कुछ नहीं बोली। बस इतना बोली- दरवाजा ठीक से बंद किया है न?
और मुझे लगा ग्रीन सिग्नल मिल गया है, मैं टूट पड़ा आंटी के ऊपर। बोली- धीरे धीरे चोद मुझे!

मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए। मैंने उनकी चूत में लण्ड डालना चाहा, वो बोली- रुक जा यार! और मेरा लण्ड पकड़ के मुंह में ले लिया खूब जोर से मुंह में अन्दर बाहर करने लगी। थोड़ी देर में बोली- मेरे से रहा नहीं जाता, प्लीज़, मुझे पलंग में पटक कर चोद!प्लीज़ चोद! बिपिन प्लीज़ चोद! यार चूत में बहुत खुजली हो रही है!

मैंने कहा- आंटी मैं भी सीधा लण्ड आपकी चूत में नहीं डालूँगा!
तो बोली- क्या करेगा?
मैंने कहा- आप पलंग के कोने पे पैर फैला के रखो, मुझे तुम्हारी चूत चाटनी है!
वो खुश हो गई- यार! पहली बार कोई मेरी चूत चाटेगा! चाट ले…जल्दी से चाट ….चाट!

करीब आधे घंटे तक मैंने उसकी चूत और उसने मेरा लण्ड चाटा। फ़िर बोली- तुम सामने सोफे पे बैठ जाओ। मैं सोफे पे बैठ गया और वो मेरे ऊपर इंग्लिश स्टाइल में बैठ गई और मेरा लण्ड अपनी चूत में डालकर पागलों की तरह गोद में कूद रही थी। मेरा ध्यान सामने लण्ड शेप में पड़ी हुई मोमबत्ती पर था और मेरी उंगली आंटी की गाण्ड में।
मुझे मोमबत्ती देखते हुए देख के बोली- जो तू सोच रहा है, वो कर दे!
और मैंने मोमबत्ती लेकर आंटी की गांड में घुसेड दी। आधे घंटे तक वो मेरे ऊपर सोफे में रही और मोमबत्ती उनकी गांड में।
फिर बोली- चलो बिस्तर पे चलते हैं!

और वो उसकी गांड मेरे लण्ड के सामने रख कर लेट गई। मैंने भी उनकी चूत में से हाथ डालकर चिकनाई को अपने लण्ड पे लगाया और उनकी गांड में घुसेड़ दिया। अब वो बहुत चिल्लाई- ओह माँ…ओह माँ…ओह…ओह…खूब मजा आ रहा है!
मेरा हाथ उसकी चूत में था और लण्ड उसकी गांड में!
तब वो बोली- मोमबत्ती कहाँ है?

मैं समझ गया, मैंने मोमबत्ती लेकर उनकी चूत में डाल दी और जोर से उनके बूब्स खींचने लगा। 2 घंटे तक उसको मैंने प्यार से चोदा।
बाद में बोली- अब मैं थक गई हूँ, तू अपना वीर्य मेरे मुंह में डाल दे!
और फिर मैंने लण्ड को आंटी के मुंह में डाल दिया लेकिन झड़ने का नम नहीं ले रहा था। मैंने आंटी से कहा- अपने बूब्स मेरे हाथ में दो, दूध निकलना है!
तो वो हंस के बोली- दूध निकलना तेरा काम नहीं!

हमने शर्त लगाई कि पहले मेरा वीर्य निकलता है या आंटी के बूब्स में से दूध (पानी)
फिर मैंने शुरू किया उनके स्तनों को मथना! 20 मिनट हुए और अ आ आ अआः…आ अ आ आह…अह हह ह्ह्छ मैं झड़ गया और साथ में ही आंटी के बूब्स में से पानी निकल गया। मैंने पूरा वीर्य आंटी के मुंह में डाल दिया।
अब वो भी थक गई और मैं भी थक गया।
आंटी बहुत खुश होते हुए मेरे लौड़े पे हाथ रखके बोली- कभी भी मेरी याद आए तो मुझे बुला लेना! मैं तुम्हारे साथ किया हुआ सेक्स कभी नहीं भूलूंगी।

वो अपने घर चली गई और मैं दरवाजा बंद करके अपने कमरे मैं आया तो देखा गुड्डी तो सो गई है, खर्राटे लेने लगी है। मैं रसोई में गया, 2 ग्लास दूध पीकर वापस आया। गुड्डी के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था और वो पैर फैलाये बिस्तर पे पड़ी थी।
मैं भी उसकी चूत को चाटने लगा और गुड्डी गरम हो गई। आधी नींद में ही कहने लगी- तुम कहाँ चले गए थे यार मुझे अकेली छोड़ कर!
मैं ये नहीं कह सका कि मैं तेरी माँ को चोद रहा था।

फिर वो पुराने रंग में आ गई और मेरा लण्ड चूसने लगी। बाद में बिस्तर पर लेट के दोनों पैर खोल दिए और मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड डाल दिया और बहुत चोदा।
फिर मैंने पूछा कि तेरे बूब्स में से दूध निकलेगा?
तो वो बोली- नहीं! अभी तो पानी निकलेगा!
और मैंने उसके बूब्स खींचना शुरू किया, वो मेरा लण्ड मुंह में ले रही थी। 20 मिनट तक ये चलता रहा और एक जोर से झटके ने मेरा सारा वीर्य गुड्डी के मुंह में डाल दिया और गुड्डी के स्तन से पानी निकल गया।

शाम के 6 बज चुके थे। गुड्डी ने मुझे किस करके कहा- आज का दिन मुझे पूरी जिन्दगी याद रहेगा।
मैंने हंसके गुड्डी से कहा- तुझे याद रहे न रहे पर मुझे आज का दिन सात जन्मों तक याद रहेगा!
पाठकों को मेरा ढेर सारा प्यार!
यह मेरी पहली असली कहानी है पसंद आई या नहीं, जवाब देना! Antarvasna

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