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Massage Girl in Dima Hasao (North Cachar Hills: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Dima Hasao (North Cachar Hills who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Dima Hasao (North Cachar Hills that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Dima Hasao (North Cachar Hills massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Dima Hasao (North Cachar Hills who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Dima Hasao (North Cachar Hills massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Dima Hasao (North Cachar Hills massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Dima Hasao (North Cachar Hills who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Dima Hasao (North Cachar Hills employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Dima Hasao (North Cachar Hills helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Dima Hasao (North Cachar Hills

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Dima Hasao (North Cachar Hills at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Antarvasna stories

हाय, मेरा नाम नितेश है। मैं आपको एक सच्ची Antarvasna story पढ़ा रहा हूँ। मैं एक स्टुडेंट हूँ और अब मैं पटना (बिहार) में मेल एस्कोर्ट का काम भी कर रहा हूँ। मैं मेल एस्कोर्ट (प्ले ब्योय) कैसे बना वो मैं लिख रहा हूँ। एक बार मैं एक फ़्रेंड के रिसेप्शन में गया था। मेरा फ़्रेंड काफी पैसे वाला है तो उसके यहाँ गेस्ट भी पैसे वाले ही आये हुए थे। मैं मिडिल क्लास से सम्बंध रहता हूँ। मैं और मेरा फ़्रेंड एक ही कोलेज में पढ़ते हैं इस लिये मुझे भी रिसेप्शन में बुलाया था, मैं एक स्पोर्ट्स मैन भी हूँ तो मेरा शरीर एथेलेटिक टाइप का है। मैंने टाइट टी-शर्ट और जीन्स पहना हुआ था। उस पार्टी में एक औरत करीब २८ साल की शादी शुदा मुझे कभी कभी गौर से देख रही थी जब मेरी नज़र उन पर पड़ती तो वो मुस्कुराने लगती। मैं भी मुस्कुरा देता। पार्टी खत्म हुई तो मैंने अपने दोस्त को विश कर कहा “अब मैं चलता हूँ, काफी रात हो रही है” करीब १२:०० बज गये थे। मैं बाहर जाने लगा तभी वो औरत मुझे गेट पर इन्तज़ार करते हुए मिली। शायद मेरा ही इन्तज़ार कर रही थी। उसने मुझे हैलो कहा तो जवाब में मैंने भी हाय कहा।

मैं आगे बढ़ने लगा तो वो बोली “आप कहाँ जा रहे हैं?”

मैं “घर”

वो “आप किधर से जाइयेगा”

मैं “बोरिंग रोड हो कर”

वो “आप अकेले रहते हैं”

मैं “हाँ, मैं यहाँ पढ़ाई कर रहा हूँ, फ़ैमिली घर पर रहती है, मैं यहाँ रेंट पर रहता हूँ”

वो “मैं भी पाटलिपुत्र में रहती हूँ, मेरे पति बाहर गये हैं, अकेले घर जाने में डर लग रहा है, क्या मैं आप के साथ चलुं”

मैंने थोड़ी देर सोचा फिर कहा “ठीक है चलिये”

उसके घर पहुँचा तो बोली “मेरी शादी अभी ६ महीने पहले हुई है, मैं आज तक कभी अकेली घर पर नहीं रही, मेरे पति भी मीटिंग में बाहर गये हैं, अगर आपको बुरा न लगे तो क्या आप आज रात में यहाँ रह सकते हैं”

मैंने सोचा घर पर भी तो मैं अकेले सोउंगा, यहीं सो जाता हूँ, इन्हें डर भी नहीं लगेगा और सुबह मैं घर चला जाउंगा मेरा भी तो घर यहीं पर है। मैंने बोला “ठीक है” और हम दोनों घर में चले गये करीब १:०० बज चुके थे। उसने अपने पति का नाइट शोट मुझे दिया और खुद नाइटी पहन कर मेरे पास आ गयी। उसने कहा “मैं बगल वाले कमरे में जा कर सो जाती हूँ वैसे मैं आपके साथ ही सोना चाहती थी क्योंकि मुझे अकेले डर लगेगा”

मैंने कहा “ठीक है आप बेड पर सो जाइये मैं सोफे पर सो जाता हूँ”

वो “आप बुरा मत मानिये हम साथ सो सकते हैं। मैं “मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है”

और फिर हम दोनो एक ही बेड पर सो गये। करीब ३:०० बजे मुझे ऐसा महसूस हुआ कि उसका हाथ मेरे लंड पर है। मैंने आँखें खोली देखा वो सो रही है। तभी मेरी नज़र उसकी चूचियों पर गया। उसकी चूची आधी से ज्यादा बाहर थी। ये देख कर मेरा लंड तन गया। उसे शायद महसूस हो गया कि मेरा लंड टाइट हो गया है तो उसने मेरी तरफ़ करवट ली। ऐसा करने से उसकी चूची का निप्पल मुझे दिखने लगा। मैंने भी करवट ली तो महसूस हुआ उसकी साँसें तेज़ चल रही हैं। मैं समझ गया ये जागी हुई है और सेक्स चाहती है। मैंने अपना हाथ उसकी चूची पर रखा और धीरे २ दबाने लगा। उसने अपनी आँखें खोली और अपने लिप्स को मेरे लिप्स पर रख कर किस करने लगी। मैं भी उसकी चूची को जोर से दबने लगा। जब हम दोनो गरम हो गये तो एक दूसरे का कपड़े खोल दिये। हम दोनो बिल्कुल नंगे थे। उसके नग्न शरीर को मैं देखता ही रह गया, गोरा रंग, टाइट निप्पल, नारंगी के समान चूची, स्लिम, पावरोटी की तरह बुर, मक्खन जैसे लिप्स। मैं लिख नहीं सकता कि उस वक्त मेरी क्या हालत थी।

उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और बोली “प्लीज़ फ़क मी हार्ड” । मैंने उसके दोनो पैरों को साइड करके उसकी बुर के पास मुँह ले गया और
उसकी बुर को चाटने लगा। उसके बाद उसने मेरे लंड को चूसा, फिर बोली “फ़क मी” और उसने बेड पर लेट कर अपने पैर मेरे कंधों पर रख दिये। मैं अपना लंड उसके बुर के पास ले जाकर बुर की फ़ाँकों के बीच में रगड़ने लगा, वो लम्बी २ साँसें लेने लगी और अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर बुर में घुसाने लगी, मैं समझ गया ये चुदवाना चाहती है। मैंने भी जोर से धक्का दिया और मेरा लंड उसकी बुर में आधा चला गया वो चीखी “प्लीज़ प्यार से चोदो”।

तब मैं दोनो हाथों से उसकी चूचियों को मसलने लगा और लिप्स किस करने लगा साथ में धीरे धीरे कमर भी हिला रहा था थोड़ी देर बाद उसने कहा “प्लीज़ फ़ास्ट चोदो” मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी। पूरे कमरे मे चुदाई की आवाज गूँज रही थी। थोड़ी देर बाद उसने कहा “प्लीज़ और तेज़ करो मैं झड़ने वाली हूँ” मैं ज़ोर २ से लंड से उसकी बुर चोदने लगा। थोड़ी देर बाद वो झड़ गई मेरा भी झड़ने वाला था और मैंने अपना सारा वीर्य उसकी मुँह में डाल दिया उसने
मेरा लंड चूस २ कर सारा वीर्य पी गयी। और मुस्कुराते हुए मेरे लिप्स पर किस किया तब तक सुबह हो चुकी थी। मैं अपने कपड़े पहनने लगा। वो नंगी ही थी। वो उठी और अलमारी से पर्स निकाल कर २५०० /- रुपये मुझे
दी, कहा “लो तुम्हारे वीर्य की कीमत” और लिप्स किस की। Antarvasna

What did you thin

Hindi Sex Stories

मैं आज अपने मायके आ Hindi Sex Stories गई, सोचा कि कुछ समय अपने भाई और माता पिता के साथ गुजार लूँ। मेरी माँ और पिता एक सरकरी विभाग में काम करते हैं, भैया कॉलेज में पढ़ता है। आप जानते हैं ना चुदाई एक ऐसी चीज़ है जिसके बिना हम लड़कियाँ तो बिल्कुल नहीं रह पाती। यहां मायके में भी यही हाल हुआ। ये चूत है कि लण्ड मांगे मोर…। बोबे भी फ़ड़क उठते हैं… गांड भी लण्ड दिखते ही लचकदार होकर अदाएँ दिखाने लगती है… चाल ही बदल जाती है। देखने वाला भी समझ जाता है कि अब ये लण्ड की भूखी है। बाहर से हम चाहे जितनी भी गम्भीर लगें, सोबर लगें पर हमारी नजरें तो पैन्ट के अन्दर लण्ड तक उतर जाती हैं। लड़कों का खड़ा लण्ड नजर आने लगता है।

मैं खिड़की पर खड़ी सब्जी काट रही थी की भैया आया और बिना इधर उधर देखे बाहर ही दीवार पर अपना लण्ड निकाल कर पेशाब करने लगा। मेरा दिल धक से रह गया। इतना बड़ा और मोटा लण्ड… भैया ने पेशाब किया और लण्ड को झटका और पेण्ट में घुसा लिया। मैं तुरन्त एक तरफ़ हो गयी। भैया अन्दर आ गया और मुझे रसोई में देख कर थोड़ा विचलित हो गया … उसे लगा को शायद मैने उसे पेशाब करते हुये देख लिया है।

“ये खिड़की क्या खुली हुई थी…”

“हां क्यो, क्या बात है…”

“नहीं यू ही बस …।”

“हां… तुम वहा पेशाब कर रहे थे न…” मैं मुस्कराई और उसकी पेन्ट की तरफ़ देखा

भैया शर्मा गया।

“धत्त , तुझे शरम नही मुझे देखते हुये”

“शरम कैसी… ये तो सबके होता है ना, बस तेरा थोड़ा सा बड़ा है…”

“दीदी…” वो शरमा कर बाहर चला गया। मुझे हंसी आ गयी। हां, मेरा दिल जरूर मचल गया हा। पर भैया भी चालू निकला, वो जब भी खिड़की खुली देखता तो वहा पेशाब करने खड़ा हो जाता था… और मुझे अब वो जान करके अपना लण्ड दिखाता था। मेरा मन विचलित होता गया। एक बार मैने उससे कह ही दिया…

“बबलू… तू रोज़ ही वहा पेशाब क्यो करता है रे…”

“मुझे अच्छा लगता है वहां”

“… या मुझे दिखाता है…अपना वो…”

“दीदी, आप भी तो देखती हो ना… फिर ये तो सबका एक सा होता है ना…”

” जा रे… तू दिखायेगा तो मैं देखूंगी ही ना… फिर…” मैं शर्मा सी उठी

“दीदी… तेरी तो शादी हो गई है…तुझे क्या…”

“अच्छा छोड़, मैं स्टूल पर चढ कर वो समान उतारती हू, तू मेरा ध्यान रखना…मैं कही गिर ना जाऊ”

मैं स्टूल पर चढी, और कहा “बबलू… मेरी कमर थाम ले…और ध्यान रखना…”

समान उतार कर मैं ज्योही स्टूल पर से उतरी बबलू ने मुझे उतरते हुये अपनी तरफ़ खींच लिया।

“धीरे धीरे दीदी…”और उसने मुझे ऐसे उतारना चालू किया कि मेरे बोबे तक दबा डाले धीरे धीरे सरकते हुए वो मुझे नीचे उतारने लगा और मेरे चूतड़ उससे चिपकते हुए उसके लण्ड तक पहुंच गये। अब हाल ये था की मेरे दोनो बोबे उसके कब्जे में थे और उसका लण्ड मेरे पटीकोट को दबाते हुए गाण्ड में घुस गया था। उसके मोटे लण्ड का स्पर्श मैं अपने दोनो चुतड़ो के बीच महसूस कर रही थी। मैने उसे देखा तो उसकी आंखे बंद थी… और मुझे वो कस कर जकड़ा था। शायद उसे मजा आ रहा था। मुझे बहुत ही मजा आने लगा था। पर शराफ़त का तकाजा था कि एक बार तो कह ही दू…”अरे छोड़ ना…क्या कर रहा है…”

“ओह दीदी… मुझे ना क्या हो गया था… सॉरी…”

“बड़े प्यार से सॉरी कह दिया… “मैने उसकी हिम्मत बढाई।

“दीदी क्या करू बस आपको देख कर प्यार उमड़ पड़ता है…”

“और वो जो खड़ा हो जाता है… उसका क्या”

“दीदी… वो तो पता नही , बस हो गया था” और मुस्कराता हुआ बाहर चला गया।

रात को सब सो गये तब मन में वासना जाग उठी। भैया के अन्दर का शैतान जाग उठा और मेरी अन्तर्वासना जाग उठी। जवान जिस्मो को अब खेल चाहिये था। दोनो के तन बदन में आग लगी हुई थी। कैसे शैतान ने काम किया कि हम दोनो को एक दूसरे की जरुरत महसूस होने लगी । हम दोनो लेटे हुये एक दूसरे को देख रहे थे… आंखो ही आंखो में वासना भरे इशारे हो रहे थे। भैया ने तो अपना लण्ड ही दबाना शुरू कर दिया, मैने भी उसे देख कर अपने होंठ दांतो से काट लिये। मैने उसे अपने बोबे अपना ब्लाऊज नीचे खींच कर दिखा दिये और दबा भी दिये। अब मैने चादर के अन्दर ही अपनी पेण्टी उतार दी और ब्रा खींच कर खोल दी। पेटीकोट को ऊपर उठा लिया… और अपनी चूत सहलाने लगी। ऊपर साफ़ दिख रहा था मेरा चूत का मसलना…

“दीदी, आप यही क्यो नही आ जाती , अपन बाते करेंगे”

“क्या बात करेंगे… मुझे पता है… तुझे भी पता है…आजा मेरे भैया…”

हम दोनो बिस्तर से उतर कर खड़े हो गये। धीरे धीरे एक दूसरे के समीप आ गये और फिर हम दोनो आपस में लिपट पड़े। मेरा अस्त व्यस्त ब्लाऊज और पेटीकोट धीले हो कर जाने कब नीचे खिसक गये, उसका पजामा भी नीचे उतर गया। हम नंगे खड़े थे। हम दोनो अब एक दूसरे को चूमने लगे। उसका लण्ड मेरी नगी चूत पर ठोकरे मारने लगा।

मैं भी निशाना लगा कर लण्ड को लपकने की कोशिश करने लगी कि उसे अन्दर ले लूं। हम दोनो के नगे और चिकने जिस्म रगड़ खाने लगे। जाने हम दोनो के होंठ कब एक दूसरे से चिपक गये। बबलू ने खुद को नीचे करते हुए मेरी गीली चूत में लण्ड घुसाने कोशिश करने लगा। उसका लण्ड मुझे यहा वहा रगड़ खा कर मस्ती दे रहा था। मेरी चूत अब लप लप करने लगी थी। तभी लगा की लण्ड ने चूत में प्रवेश कर लिया है। मैने अपनी एक टांग कुर्सी पर रख ली और चूत का द्वार और खोल दिया। लण्ड अन्दर घुस पड़ा। मीठा मीठा सा मजा आने लगा … मैने भी अपनी चूत उसके लण्ड पर दबा दी , उसका लण्ड पूरा अन्दर तक उतर गया।

अब मैने अपनी टांग नीचे कर ली। और भैया को जकड़ लिया। हम एक दूसरे से चिपके हुये कमर को हौले हौले चलाने लग गये। गीली और चिकनी चूत में लण्ड अन्दर बाहर फ़िसलने लगा। मुझे चुदाई का नशा सा आने लगा। बबलू का मोटा लण्ड मुझे भरपूर मजा दे रहा था। हम काफ़ी देर तक यू ही वासना की कसक भरी मस्ती लेते रहे। वो धीरे धीरे मुझे चोदता रहा… अब मुझे लगा कि कही मैं झड़ ना जाऊ… पर देर हो चुकी थी…मेरी चूत में पानी उतरने लगा था, सब्र टूट रहा था… मेरी सांसे जोर से चलने लगी और मेरा पानी छूट पड़ा। पर मैं उससे चिपकी रही। भैया मुझे हौले हौले चोदता ही रहा। धीरे धीरे मुझे फिर से चुदने का मजा आने लगा। मैं फिर से उसे पकड़ कर चिपट गयी। वो मेरे बोबे दबाता रहा और चोदता रहा, उसमें दम था…

“दीदी … अब उल्टी हो जाओ दूसरा मजा भी लू क्या ?”

“मेरे प्यारे भैया … हाय रे गान्ड चोदेगा क्या…” उसने हां में सर हिलाया। मैं उसकी तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गयी। उसने मुझे घोड़ी जैसा झुकाया और झुक कर देखा, पास में पड़ी शीशी से क्रीम निकाली और गाण्ड में भर दी।

“क्रीम मत लगा, मेरी गाण्ड तो वैसे ही खुली हुई है… खूब लण्ड खा लेती है…” मैने उसे बताया पर तब तक उसका लौड़ा मेरी गाण्ड में घुस चुका था। लण्ड गाण्ड में कसता हुआ जा रहा था पर दर्द नही हुआ। बस एक मीठी सी सुरसुरी होने लगी। उसका लौड़ा मेरी गाण्ड में पूरा अन्दर तक बैठ गया था।

मैने फ़्री स्टाईल में कमर हिलानी शुरू कर दी पर भैया को मजा चाहिये था, सो उसने मुझे सीधा खड़ा कर दिया और और मेरी पीठ अपने से चिपका ली । मेरे बड़े बड़े बोबे थाम कर उसे मसलना चालू कर दिया और लण्ड को हौले हौले गाण्ड में चलाने लगा। लण्ड का पूरा मजा आ रहा था। उसका साईज़ मेरे चूतड़ो तक को महसूस हो रहा था मुझे अब थोड़ी सी इस पोज में तकलीफ़ होने लगी थी सो मैं अब झुकने लगी और घोड़ी बनने लगी चुदते चुदते ही मैने अपने अपने हाथ कुर्सी पर टिका दिये और अपने पांव खोल दिये। उसका लण्ड अब अच्छी तरह से तेज चलने लगा। मैने भी चूतड़ो कि ताल में हिला कर गाण्ड मरवाने लगी। अब मुझे भी मस्ती आने लगी थी। भैया गाण्ड मारने में माहिर था। अब तो मेरी चूत भी फिर से तैयार थी, भैया ने मेरा इशारा समझा और लण्ड को गाण्ड में से निकाल कर फिर से चूत में पिरो दिया। मेरी चूत में मजे की तरावट आ गयी। खूब गुदगुदी भरी मिठास उठने लगी।

मैने भी चूत को गाण्ड के साथ नचाना शुरू कर दिया और मजा तेजआने लगा। चूत के पानी का चिकनापन से चोदते समय फ़च फ़च की आवाज आने लगी थी। सारी दुनिया मेरी चूत में सिमट कर रह गई थी। मस्ती सर पर चढ चुकी थी। चुदाई जोरो पर थी। भैया तूफ़ानी गति से कस कर धक्के मार रहा था। मेरी चूत बेहाल हो उठी थी। अब लग रहा था कि मेरा माल निकलने वाला है… उत्तेजना चरम दौर पर थी… चूत पर लण्ड की चोट मुझे मस्त किये दे रही थी। अचानक भैया ने लण्ड मेरी चूत में दबा दिया और मेरी कमर कस कर भींच दी ।

“दीदी… दीदी… हाय… आह्ह्ह … मेरा लण्ड गया… दीदी… मेरा निकला…ऊईईईईई…ऐह्ह्ह्ह्ह्ह्…”

तभी मेरी भी सारी नसे जैसे खिंच उठी और मैं तड़प उठी। मेरा भी पानी जैसे अन्दर से उबल पड़ा और मैं झड़ने लगी। तभी भैया के लण्ड ने भी पिचकारी छोड़ दी। लण्ड बाहर निकाल कर सारा वीर्य छोड़ दिया। उसका लण्ड रह रह कर रस बरसा रहा था। मेरी गाण्ड पूरी वीर्य से तर हो चुकी थी। वो लगता था थक गया था। उसने पास पड़े कपड़े से मेरे चूतड़ साफ़ कर दिये और अपना लण्ड भी पोंछ डाला। हम दोनो फिर से आपस में लिपट गये और प्यार करने लगे।

अब हम एक ही बिस्तर में लेटे थे और एक दूसरे के साथ खेल खेलने लगे थे। मुझे तो उसे फिर से उत्तेजित करना था। मेरा तो रात भर का कार्यक्रम था… कुछ देर में भैया फिर से तैयार था … उसका लण्ड कड़क हो चुका था… मैं भी चुदने को तैयार थी… उसने मेरे ऊपर चढ कर मुझे दबा डाला… और उसका लण्ड एक बार फिर से मेरी चूत में घुसता चला गया… मेरी सिसकारिया मुख से फ़ूट उठी… लण्ड और चूत का घमासान युद्ध होने लगा… Hindi Sex Stories

Antarvasna

सोनू सो चुकी थी। श्याम Antarvasna के सात बज चुके थे। मेरे दोस्त के आने का भी समय हो चुका था। मैंने अपने दोस्त को फ़ोन करके सब बता दिया था। वो ठीक सात बजे आ गया। सोनू नंगी ही सो रही थी।

मेरे दोस्त राहुल ने आकर उसे निहारा और उसे उठा दिया। हमने उसे बाथरूम मैं जा कर फ्रेश होने को कहा। वो फ्रेश हो कर आई और मेरे दोस्त राहुल से अपनी नंगे बदन को छुपाने लगी। हमने उसके कपड़े छुपा दिये थे। वो नंगी ही घूम रही थी। हमने उसको अपने पास बैठाया और बातें करते हुए सब चाय पीने लगे। मेरे दोस्त ने उसका मम्मा पकड़ते हुए कहा- बहुत सेक्सी हो ! अब तुम हम दोनों से चुदोगी !

वो डर गई।

मैंने कहा- घर फ़ोन कर दो कि आज रात तुम अपनी सहेली के यहाँ रुक रही हो।

वो कहने लगी- मुझे घर जाने दो ! मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ !

मैंने कहा- साली ! तुम्हारे कपडे तो हमारे पास हैं नंगी जाना हैं तो जा !

मैंने सोनू की सोते वक्त नंगी फोटो निकाल ली थी। मैंने जब उसकी फोटो दिखाई तो वो डर गई और रात भर हमारे साथ सोने तैयार हो गई। उसने अपनी बहन सुनयना को फ़ोन कर दिया कि वो रात को घर नहीं आएगी, अपनी सहेली के यहाँ रुक कर टेस्ट की तैयारी करेगी।

जब वो सुनयना को फ़ोन कर रही थी तो मैंने अपने दोस्त को कहा कि सोनू के बाद इसकी बहन सुनयना को चोदना है।

मेरे दोस्त ने कहा- पहले इसे तो ठंडा कर दे, फिर इसकी बहन को भी देख लेंगे और हम हँस पड़े। मेरे दोस्त ने सोनू की ओर देखा और लण्ड पर हाथ लगाया और उसको आंख मारी। वो शरमा गई और चेहरा नीचे कर लिया।

मेरे दोस्त ने उसको पकड़ा और बेड पर लेटा दिया। मैं भी उसके साथ लेट गया। हम दोनों ने उसका एक एक मम्मा संभाल लिया और चूसने लगे।

वो सिसकियाँ ले रही थी और बोल रही थी- सोरी ! थैंक्यू ! मुझे माफ़ कर दो ! शाबाश ! स्स्स्स् !

मैं अपनी जीभ से उसके मम्मे की डोडी चूस रहा था। एक हाथ से मैंने मम्मा पकड़ा था तो दूसरे हाथ से उसका पेट सहला रहा था।

मेरे दोस्त ने भी एक हाथ से उसका मम्मा पकडा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत सहला रहा था। वो आहें भरती जा रही थी। आधा घंटा हम उसका जिस्म सहलाते रहे। बाद में मेरा दोस्त उठा और हमने अपने कपडे उतार दिये। हमने अपने अंडरवियर उतारे और अपने कड़क लोडों से उसको सलामी दी। फिर हमने उसका कसा हुआ बदन हाथो में लिया और सहलाने लगे।

मैं उसकी चूत चाटने लगा और मेरा दोस्त उसे चूमने लगा। वो बुरी तरह तड़प रही थी और पागल हो रही थी। मेरा दोस्त कभी अपनी जीभ उसके मुंह में डाल देता तो कभी उसकी जीभ मुँह में लेकर चूसता। मैं उसकी जांघों पेट पर हाथ और मुँह फिरा रहा था।

अब वो कहने लगी- प्लीज़ ! मुझे और न तड़पाओ और मुझे चोदो।

हम हँस पडे और उसको छोड़ दिया और चल पड़े।

वो कहने लगी- कहाँ जा रहे हो?

मैंने कहा- सोने जा रहे है !!

वो चिल्ला रही थी- मुझे अधूरा मत छोड़ो !

हमने ध्यान नहीं दिया। वो रो रही थी और हमसे लंड की भीख मांग रही थी।

मैंने कहा- एक शर्त पर तुझे चोदेगे ! तू हमारे लौड़े चूसेगी और उनका पानी भी पीयेगी ! और आज तुझे ब्लू फ़िल्म भी बनवानी पड़ेगी।

वो पहले तो नहीं मानी पर बाद में लंड की प्यास ने उससे हां करवा ली। हम अपनी कामयाबी पर खुश थे।

मैंने दोस्त का डिज़ी-कैम सेट किया। उसको दोबारा कपड़े पहनाए और सेक्स शुरू किया। मैंने और मेरे दोस्त ने फिर वो सब किया जो पहले किया था। अब वो नग्न थी और हम भी नग्न थे। वो लंड को भू्खी शेरनी की तरह तरस रही थी। मेरे दोस्त ने अपना लौड़ा उसके मुँह में डाल दिया। वो पन्दरह मिनट उसे चूसती रही। कभी सुपारा मुंह में डालती तो कभी पूरा लंड लॉलीपोप की तरह चूसती।

मेरे दोस्त ने कहा- बस कर मेरी कुतिया ! अब साली ! रण्डी ! मादरचोद ! तेरे को चोदेगे।

वो कहने लगी- गालियाँ मत दो मुझे !

मेरे दोस्त ने कहा- और क्या तेरी पूजा करें रांड ! साली रंडी बन कर तू ही हमारे से चुदवाने आई थी और उसे बेड पर पटक दिया। मेरे दोस्त ने मुझे इशारा किया और मैं उसके मुँह की तरफ़ जा कर बैठ गया। मेरे दोस्त ने उसकी चूत पर हाथ फेरा और अपना लंड उसकी चूत पर लगाया। उसका लंड मेरे से भी कही ज्यादा लंबा और मोटा था।

उसने जैसे ही लंड उसकी चूत में डाला, वो चिल्लाई जैसे ही उसका मुँह खुला मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसकी छाती पर बैठ गया। मैं उसके मुंह को चोद रहा था और दोस्त उसकी चूत ठोक रहा था। मुँह में लंड होने की वज़ह से वो चिल्ला नहीं पा रही थी, केवल गु गु ही कर रही थी।

१५ मिनट बाद मेरा उसके मुँह में ही छुट गया। वो सारा जब तक उसके गले में नहीं उतर गया तब तक मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला। अब मैं जैसे ही नीचे उतरा, वो चिल्लाने लगी- मुझे माफ़ कर दो ! मुझे छोड़ दो ! जाने दो।

मेरा दोस्त बोला- रांड ! चुप अभी तो शुरूआत है ! पूरी रात तेरे को चोदेंगे ! मुश्किल से इतना गोरा और सेक्सी माल हाथ लगा है !

मेरा दोस्त आधे घंटे बाद शान्त हुआ।

अब मैं फ़िर तैयार हो गया।

वो माफ़ी मांग रही थी और सोना चाहती थी। मैंने कहा- रांड ! कुतिया ! तेरे को सोने के लिए नहीं रखा है ! चल अभी तो तेरी गांड भी मारनी है ! फिर हमने उसे बारी बारी ५-५ बार चोदा। सुबह चार बजे हमने कुछ आराम किया, फिर हम गांड मारने को तेयार हो गए। वो थक चुकी थी, पर हम कहाँ मानने वाले थे।

मेरे दोस्त ने उसे घोड़ी बनाया और अपना लंड तेल लगा कर उसकी गाण्ड के अन्दर डालना चालू किया। सोनू चिल्ला रही थी और नहीं ! नही ! बोल रही थी। दोस्त दनादन चोद रहा था और बोल रहा था- चल मेरी रांड ! लम्बी रेस की घोड़ी !

बाद में मैंने उसकी गांड मारी। ६ बजे हम सो गए।

९ बजे हम सब उठ कर नहाए धोए। फ़िर सोनू को उसकी फ़िल्म दिखायी। बहुत ही बढ़िया मूवी बनी थी। मेरे दोस्त ने कहा- अब तू है हमारी ! हम जब भी तेरे को बुलाएँगे, चुप करके आ जाना ! नहीं तो सारे मुहल्ले में तेरी फ़िल्म दिखा देंगे और अगली बार अपनी बहन सुनयना को भी लेकर आना, उसे भी अपनी रांड बनाएँगे ! नहीं तो हम से बुरा कोई नहीं होगा।

वो हमारी मिन्नतें करने लगी और अगली बार बहन और ख़ुद हमेशा आने का वादा करके इजाजत मांगने लगी। हमने उसे बारी बारी चूम, चाट, भींच, दबा कर उसे भेज दिया।

सुनयना की पिटाई और चुदाई और सोनू की चाचा जी से चुदाई और समूह में दोनों बहनों की चुदाई दोस्तों अगली बार लिखूँगा।

मेरी कहानी कैसी लगी ? Antarvasna

Hindi Sex Stories

मैं और प्रीती मेरे फ्लैट में Hindi Sex Stories दाखिल हुए और मैंने पूछा, “प्रीती फ्लैट कैसा लगा?”

“छोटा है, लेकिन अपना है, यही खुशी है”, मुझे उसने जवाब दिया।

“ठीक है! तुम आराम करो… मैं तब तक सबज़ियाँ और सामान लेकर आता हूँ”, ये कहकर मैं सामान लेने बाज़ार चला गया।

मैं वापस आया तो देखा प्रीती किचन में काम कर रही थी। “ये क्या कर रही हो?” मैंने पूछा।

“कुछ नहीं खाने की तैयारी कर रही हूँ, क्यों खाना नहीं खाना है?” उसने पूछा।

“जब इतना अच्छा खाना सामने हो तो ये खाना किसको खाने का दिल करेगा”, मैंने उसकी चूचियों को दबाते हुए कहा।

“इसके लिये रात बाकी है, पहले ये खाना खाकर अपने में ताकत लाओ, फिर इस खाने को खाना।”

“ठीक है मेरी जान! जैसा तुम कहो…” मैंने जवाब दिया।

वो खाना बनाने में लग गयी। अचानक मैंने पूछा, “प्रीती! क्या तुम कुछ पीना पसंद करोगी, मेरा मतलब कुछ बीयर या रम?”

“मैं शराब नहीं पीती, और मुझे नहीं मालूम था कि ये गंदी आदत आपको भी है”, उसने कहा।

“जान मेरी! मुझे सब गंदी आदत है, जैसे शराब पीना, सिगरेट पीना, और तीसरी गंदी आदत का तो तुम्हें मालूम ही है”, मैंने हँसते हुए कहा।

“हाँ! मुझे अपनी पहली रात को ही पता चल गया था”, उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

हम दोनों खाना खाकर सोने की तैयारी करने लगे। मैं बिस्तर पर लेट चुका था, प्रीती बाथरूम में थी। थोड़ी देर बाद वो बाथरूम से बाहर आयी, एक पारदर्शी नाइटी पहने हुए। उसका गोरा बदन पूरा झलक रहा था। उसके बदन को देखते ही मेरा लंड तन गया।

“नहीं मेरी जान! तुम ये कपड़े पहन कर नहीं सो सकती, चलो जल्दी से अपनी नाइटी उतारो और नंगी होकर आ जाओ, मेरी तरह … साथ ही अपने वो सैक्सी हाई हील के गोल्डन कलर के सैंडल पहन लो जो तुमने शादी के दिन पहने थे”, ये कहकर मैंने चादर हटा कर उसे अपना तना लंड दिखाया। उसका चेहरा शरम के मारे खिल उठा और उसने अपनी नाइटी उतार दी और खुश्किस्मती से उसने बिना कुछ सवाल पूछे अपने सैंडल भी पहन लिये।

उसे अपने बाँहों में भरते हुए मैंने बिस्तर पर लिटा दिया और कहा, “डार्लिंग! ये हमारे फ्लैट पर पहली रात है, आओ खूब चुदाई करें और मज़े लें।”

मेरे हाथ उसके शरीर को सहला रहे थे। मेरे होंठ उसके होंठों पे थे और मेरी जीभ उसके मुँह में उसकी जीभ के साथ खेल रही थी। मैंने अपना मुँह उसकी छातियों के बीच छुपा दिया और उसके मम्मे चूसने लगा। एक हाथ से उसके मम्मों को जोर से भींचता तो उसके मुँह से सिस्करी निकल पड़ती, “ओहहह सुनील!!”

उसके मम्मे चूसते हुए मैं नीचे की तरफ बढ़ा और अपना मुँह उसकी गोरी और बिना बालों वाली चूत पर रख दिया। अब मैं धीरे से उसकी चूत को चाट रहा था।

उसके घुटनों को मोड़ मैंने उसकी छाती पर कर दिये जिससे उसकी चूत ऊपर को उठ गयी और मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा।

“ओह राज बहुत अच्छा लगा रह है, आआहहह … किये जाओ”, कहकर वो अपनी गाँड ऊपर को उठा देती।

मैं और तेजी से उसकी चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था।
“ओहहह डार्लिंग किये जाओ … औऔऔर जोर से, मज़ाआआआ आ रहा है, हाँआँआँ ऐसे ही किये जाओ”, कहते हुए उसकी चूत ने मेरे मुँह में पानी छोड़ दिया।

उसकी चींखने की और जोरदार सिसकरियों को सुन कर मैं सकते में आ गया, पर मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रख कर एक जोर का धक्का लगाया। मेरा लंड एक ही झटके में उसकी चूत में जा घुसा। “आआआ आआहह मर गयी”, वो चिल्लायी।

अब मैं धीरे-धीरे अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा। जैसे-जैसे मैं रफ़्तार बढ़ाने लगा, उसकी साँसें तेज होने लगी, उसके बदन में अकड़ाव सा आने लगा।

ये देख मैं अब जोर जोर से अपने लंड को उसकी चूत में डाल रहा था। प्रीती सिसकरियाँ भर रही थी, “ओहहह राज औऔऔर जोररर से!!! आहहह हाँआंआंआंआं ऐसे ही कियो जाओ!!!! हाँ राजाआआआ आज फाड़ दो मेरी चूत को।”

मेरे लंड के पानी में भी उबाल आ रहा था और वो छूटने को तैयार था। मैंने उसे चोदने की रफ़्तार और बढ़ा दी। वो भी अपनी जाँघें उठा मेरे थाप से थाप मिला रही थी, “ओओओहहहह … येसस… ऊऊऊहहह राज और जोर से… मेरा छूटने वाला है हाआआआआ, मैं… ऐंऐंऐं तो गयी।”

जैसे ही उसकी चूत ने पानी छोड़ा, मैंने भी दो चार करारे धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया। दोनों का शरीर पसीने में चूर था, फिर भी हम एक दूसरे को उन्माद के मारे चूम रहे थे और सहला रहे थे।

उसकी पीठ को सहलाते हुए मैंने कहा, “प्रीती तुम तो कमाल की हो।”

“क्यों क्या हुआ, मैंने ऐसा क्या किया?” उसने जवाब दिया।

“तुमने किया कुछ नहीं, पर मैंने आज से पहले तुम्हें इस तरह चिल्लाते, सिसकरियाँ भरते नहीं सुना, मुझे लगा कि तुम्हें चुदाई में मज़ा नहीं आता है”, मैंने कहा।

“राज मुझे तो इतना मज़ा आता है कि मैं उस वक्त भी जोर-जोर से चिल्लाना चाहती थी जब तुमने मेरी चूत का उदघाटन किया था, पर मैंने अपने आप को रोक लिया।”

“ऐसा क्यों किया तुमने?” मैंने पूछा।

“ये सोच कर कि घर में सबको पता लग जायेगा कि उनका लड़का अपनी नयी बहू को जोरों से चोद रहा है”, उसने जवाब दिया।

“हाँ ये तुमने ठीक किया… मैंने तो ऐसा सोचा ही नहीं था”, उसकी गाँड को सहलाते हुए मैंने कहा, “प्रीती चलो अब तुम्हारे दूसरे छेद का उदघाटन करना है।”

“दूसरे छेद का…? मैं समझी नहीं?” वो चौंकी, पर जब उसने मेरी अंगुलियों को अपनी गाँड में घुसते महसूस किया तो वो बोली, “कहीं तुम मेरी गाँड तो नहीं मारना चाहते?”

“तुम सही कह रही हो मेरी जान! यही तो वो दूसरा छेद है जिसे मैं चोदना चाहता हूँ”, मैंने और जोरों से अपनी अँगुली उसकी गाँड में घुसाते हुए कहा।

“नहीं राज! गाँड में नहीं, बहुत दर्द होगा”, उसने रिक्वेस्ट करते हुए कहा।

“अब चुपचाप घुटनों के बल हो जाओ”, मैंने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा, “आज तुम्हारी गाँड को चुदवाने से कोई नहीं रोक सकता।”

मेरी बात मानते हुए वो घुटनों के बल हो गयी। मैंने उसके सिर और कंधों को तकिये पर दबाते हुए उसे अपनी गाँड को चौड़ा करने को कहा। उसने अपने दोनों हाथों से अपनी गाँड को चौड़ा कर दिया। अब मुझे उसकी गुलाबी गाँड का नज़ारा साफ दिखायी दे रहा था, साथ ही उसकी चूत भी ऊपर को उठी हुई थी। मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा और अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी।

अपनी एक अँगुली पर वेसलीन लगा कर मैं उसकी गाँड के छेद को अच्छी तरह चिकना करने लगा। जैसे ही उसकी चूत चाटते हुए मैंने अपनी अँगुली उसकी गाँड के अंदर डाली तो उसके मुँह से मीठी सी सिसकरी निकल पड़ी। “लगता है तुम्हें अब मज़ा आ रहा है”, मैंने हँसते हुए कहा।

“हाँ! अच्छा लग रहा है”, उसने कहा।

एक, दो, फिर तीन, इस तरह मैंने अपनी चारों अँगुलियाँ उसकी गाँड में डाल दी। “ओह राज निकाल लो… दर्द हो रहा है, वो दर्द के मारे छटपटायी।” मगर उसकी बात ना सुनते हुए मैंने अपनी अँगुलियाँ अंदर बाहर करनी शुरू कर दी।

अब उसे भी मज़ा आने लगा था, “हाँ राज! किये जाओ अब अच्छा लग रहा है”, वो सिसकरी भरते हुए बोली।

जैसे ही मैंने अपनी अँगुली उसकी गाँड के फ़ैले हुए छेद से बाहर निकाली तो वो तड़प के बोली, “तुम रुक क्यों गये, किये जाओ ना … बहुत मज़ा आ रहा था।”

“थोड़ा सब्र से काम लो प्रीती डार्लिंग! अब मैं अँगुली से भी ज्यादा अच्छी चीज़ तुम्हारी गाँड में डालुँगा”, ये कहकर मैं अपने लौड़े पर भी अच्छी तरह वेसलीन लगाने लगा।

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी गाँड के छेद पर रखा, वो बोली, “राज! क्या तुम्हारा इतना मोटा लंड मेरी गाँड में डालना जरूरी है, मुझे डर लग रहा है कि कहीं ये मेरी गाँड ही ना फाड़ दे और मैं दर्द के मारे मर जाऊँ।”

“डार्लिंग! किसी ना किसी दिन तो डालना ही है तो… आज ही क्यों नहीं? हाँ शुरू में थोड़ा दर्द होगा पर बाद में मज़ा ही मज़ा आयेगा”, ये कहकर मैंने अपने लंड का दबाव धीरे से बढ़ाया। जैसे ही मेरा लंड उसकी गाँड में घुसा वो दर्द के मरे चिल्ला पड़ी, “राज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है।”

उसकी चिल्लाहट पर ध्यान ना देते हुए मैं अपने लंड को उसकी गाँड में घुसाने लगा। जैसे-जैसे मेरा लंड उसकी गाँड में घुसता, मुझे अपने लंड में एक अजीब सा तनाव महसूस होता।

“राज!!! प्लीज़ निकाल लो!!! प्लीईईज़ निकाल लो!!! बहुत दर्द हो रहा है”, वो छटपता रही थी।

मैंने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक जोर का धक्का दिया और मेरा लंड उसकी गाँड की दीवारों को चीरता हुआ जड़ तक समा गया।

“आआआ गयीईईईईई मर गयी!!” वो जोर से चिल्लायी और रोने लगी। उसकी आँखों में आँसू आ गये।

“शशशशश डार्लिंग, रोते नहीं, जो दर्द होना था, हो गया, अब मज़ा ही आयेगा”, कहकर मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा।

उसकी गाँड बहुत ही टाइट थी जिससे मुझे धक्के लगाने में तकलीफ हो रही थी। मैं उसकी गाँड में धक्के लगा रहा था और साथ ही साथ उसकी चूत को अँगुली से चोद रहा था।

“ओह प्रीती! तुम्हारी गाँड कितनी टाइट है, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है”, कहकर मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी। कुछ जवाब दिये बिना वो दर्द में छटपता रही थी। करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसे भी मज़ा आने लगा “ओहहह राज!!! अब अच्छा लग रहा है।”

मैं जोर-जोर से उसकी गाँड मार रहा था और अपनी अँगुली से उसकी चूत को चोद रहा था। मेरा पानी छूटने वाला था और उसके बदन की कंपन देख कर मुझे लगा कि वो भी अब छूटने वाली है। अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ाते हुए मैंने अपना पानी उसकी गाँड में छोड़ दिया। उसका भी शरीर कंपकंपाया और उसकी चूत ने मेरे हाथों पर पानी छोड़ दिया।

मैंने अपना लंड उसकी गाँड में से निकाले बगैर पूछा, “क्यों प्रीती डार्लिंग! अपनी गाँड की पहली चुदाई कैसी लगी?”

“कुछ अच्छी नहीं, बहुत दर्द हो रहा है! अच्छा अब अपना लौड़ा मेरी गाँड से बाहर निकालो”, उसने अपनी आँखों से आँसू पौंछते हुए कहा।

“अभी नहीं मेरी जान! मैं एक बार और तुम्हारी गाँड मारना चाहता हूँ”, मैंने अपने लंड को फिर उसकी गाँड में अंदर तक घुसा दिया।

“क्या राज!!! ये करना जरूरी है क्या? मुझे तुम्हारा लंड मेरी गाँड में घुसते ही कुछ ज्यादा मोटा और लंबा होता लग रहा है”, वो छटपटायी। मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। उसकी गाँड में मेरा पानी होने से इस बार इतनी तकलीफ नहीं हो रही थी और मेरा लंड आराम से उसकी गाँड की जड़ तक समा जाता।

मैं जोर-जोर से उसकी गाँड मारने लगा और अपनी अंगुलियों से फिर उसकी चूत को चोद रहा था। उसे भी मज़ा आने लगा और वो बोल पड़ी, “हाँ राज!!! जोर-जोर से… मज़ा आ रहा है।”

जब हम दोनों का पानी छूट गया तो मैंने उसे बाँहों में भरते हुए पूछा, “क्यों अबकी बार कैसा लगा?”

“पहली बार से अच्छा था”, उसने जवाब दिया।

“जैसे-जैसे चुदवाओगी… तुम्हें और मज़ा आने लगेगा। याद है तुम मेरा वीर्य पीना नहीं चाहती थी और अब तुम एक बूँद छोड़ती नहीं हो”, ये कहकर मैं उसे बाँहों में भर कर सो गया।

दूसरे दिन अपनी मोटर-साइकल पर ऑफिस जाते हुए मैं सोच रहा था कि ऑफिस में मेरी तीनों असिसटेंट और रजनी मेरी शादी की बात सुनकर क्या कहेंगी… क्या सोचेंगी।

मेरे केबिन में पहुँचते ही तीनों ने मुझे घेर लिया, “थैंक गॉड! राज तुम आ गये”, शबनम ने मुझे गले लगाते हुए कहा।

“समीना मुझे स्टोर रूम की चाबी दो, मैं तो एक सैकेंड भी अब इंतज़ार नहीं कर सकती”, गौरी ने कहा।

“नहीं!! राज से पहले मैं चुदवाऊँगी, मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है”, समीना ने अपनी चूत को सहलाते हुए कहा।

“रुको! तुम तीनों रुको! पहले मेरी बात सुनो, मेरे पास तुम लोगों के लिये एक खबर है”, उनका रियेक्शन देखने के लिये मैं थोड़ी देर रुका फिर बोला, “मैंने शादी कर ली है।”

“ओह नहीं!!” तीनों एक साथ बोली।

उनके चेहरे पर दुख देख कर मैं बोला, “सुनो हम लोगों के रिश्ते में कोई फ़र्क नहीं आने वाला। मैं तुम तीनों का यहाँ ऑफिस में ख्याल रखुँगा और अपनी बीवी का घर पर… समझी! चलो सब अपने काम पर जाओ और मुझे भी सब समझने दो, शाम को स्टोर रूम में मिलेंगे।”

वो तीनों खुश होकर चली गयी पर असली शामत तो रजनी से आने वाली थी। पता नहीं मेरी शादी की बात सुनकर वो क्या कहेगी, क्या करेगी। जो होगा देखा जायेगा।

समय गुजर रहा था। मैं अपने लंड से तीनों एसिस्टेंट्स को ऑफिस में और प्रीती को घर पर मज़े देता था।

हमारी कंपनी हर साल एक बहुत बड़ी पार्टी रखती थी जिसमें हर स्टाफ को उसके परिवार के साथ बुलाया जाता था।

इस बार की पार्टी शहर के सबसे बड़े क्लब, नेशनल क्लब में रखी गयी थी। मैं और प्रीती तैयार होकर क्लब पहुँचे। क्लब में घुसते हुए मैंने प्रीती से कहा, “प्रीती! ये इस शहर का सबसे बड़ा क्लब है और मैं एक दिन इसका मेंबर बनना चाहता हूँ, क्यों सुंदर है ना?”

“हाँ! काफी सुंदर है”, उसने जवाब दिया।

हम लोग लॉन में पहुँचे तो मैंने देखा कि काफी लोग आ चुके थे। “आओ प्रीती! मैं तुम्हें अपने साथियों और दोस्तों से मिलाता हूँ”, मैंने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा।

जब हम मेरे दोस्तों के बीच पहुँचे तो एक ने कहा, “आओ राज! अरे ये क्या, तुम्हारे हाथ में ड्रिंक नहीं है?”

“मैं अभी तो आया हूँ, जल्दी क्या है आ जायेगी”, मैंने जवाब दिया।

“अरे ये वेटर सब आलसी हैं, जाओ… तुम खुद बार पर से ड्रिंक क्यों नहीं ले आते”, उसने जवाब दिया।

मैं प्रीती को वहीं छोड़ कर बार की तरफ ड्रिंक लेने के लिये बढ़ा तो देखा कि रजनी सेल्स मैनेजर से बात कर रही थी। उससे नज़रें बचाते हुए मैं अपनी ड्रिंक ले कर एक भीड़ में जा कर खड़ा हो गया जिससे वो कोई तमाशा ना खड़ा कर सके।

अचानक मैंने अपने कंधों पर किसी का हाथ महसूस किया। पलट कर देखा तो रजनी खड़ी थी। “हाय राज! कैसे हो?” उसकी आवज़ में दर्द था।

“हाय रजनी! मैं ठीक हूँ, तुम कैसी हो?” मैंने जवाब दिया।

“मुबारक हो”, शबनम कह रही थी कि, “तुमने शादी कर ली”, उसने अपने हाथों से अपने आँसू पौंछते हुए कहा।

“ऑय एम सॉरी रजनी! प्लीज़ शाँत हो जाओ, अपने आप को संभालो”, मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा।

“डरो मत! मैं कोई तमाशा नहीं खड़ा करूँगी। क्या तुम अपनी पत्नी से नहीं मिलवाओगे?” उसने हँसते हुए अपने रूमाल से अपने आँसू पौंछे।

“मेरा विश्वास करो रजनी! मैं लाचार था, पिताजी ने शादी पक्की कर दी और मैं उन्हें ना नहीं कर सका”, मैंने कहा।

“मैं समझती हूँ! शायद यही तकदीर को मंजूर था”, उसने जवाब दिया।

मैं रजनी को लेकर प्रीती के पास आ गया।

“प्रीती इनसे मिलो! ये रजनी है, अपने एम-डी की भतीजी!!”

“और रजनी ये प्रीती है, मेरी पत्नी।”

“मममम तुम्हारी बीवी काफी सुंदर है, इसलिये तुमने फटाफट शादी कर ली”, उसने हँसते हुए कहा। हम तीनों बातें करने लगे। थोड़ी देर बाद मैं बोला, “तुम लोग बातें करो, मैं एम-डी से मिलकर आता हूँ।”

मैं अपने एम-डी और मिस्टर महेश के पास पहुँचा तो देखा कि वो लोग कुछ डिसकशन कर रहे थे। इतने में एम-डी मुझसे बोले, “हे राज! वहाँ खड़े मत रहो, एक कुर्सी खींचो और यहाँ बैठ जाओ।”

मैं कुर्सी खींच कर बैठ गया।

“सर!! आपने उस औरत को देखा?” महेश ने एम-डी से पूछा।

“किसे??” एम-डी ने नज़रें घुमाते हुए कहा।

“वो जो सफ़ेद साड़ी और सफ़ेद सैंडल पहने खड़ी है, वो जिसका अंग-अंग मचल रहा है”, महेश ने अपने होंठों पर जीभ घोमाते हुए कहा।

“हाँ देखा! काफी सुंदर है!” एम-डी ने जवाब दिया।

“सर!! आपने उसके मम्मे देखे, उसके लो कट ब्लाऊज़ से ऐसा लगता है कि अभी बाहर उछाल कर गिर पड़ेंगे …” महेश ने ललचायी नज़रों से देखते हुए कहा।

“हाँ महेश!!! देख कर ही मेरे लंड से तो पानी छूट रहा है …” एम-डी ने कहा।

“सर! मेरा तो छूट चुका है और अंडरवीयर भी गीली हो चुकी है …” महेश ने कहा।

“महेश! क्या तुम जानते हो वो कौन है?” एम-डी ने पूछा।

“नहीं सर! मैं उसे आज पहली बार देख रहा हूँ”, महेश ने जवाब दिया।

“हमें पता लगाना होगा कि वो कौन है … राज! जरा पता तो लगाओ कि ये महिला कौन है और किसके साथ आयी है?” एम-डी ने कहा।

“किसका सर?” मैंने घूमते हुए पूछा।

“वो जो सफ़ेद साड़ी और सफ़ेद हाई-हील के सैंडल पहने खड़ी है … और मेरी भतीजी रजनी से बातें कर रही है।” एम-डी ने कहा।

“वो??? सर! वो मेरी वाइफ प्रीती है”, मैंने हँसते हुए जवाब दिया।

“तुमने हमें बताया नहीं कि तुम्हारी शादी हो चुकी है”, एम-डी ने शिकायत की।

“सर बस… मौका नहीं मिला”, मैंने जवाब दिया।

“क्या तुम हमारा उससे परिचय नहीं कराओगे?” एम-डी ने कहा।

“जरूर सर!” इतना कह मैं प्रीती को ले आया।

“प्रीती इनसे मिलो! ये हमारी कंपनी के एम-डी, मिस्टर रजनीश हैं और ये मिस्टर महेश हैं।”

“सर! ये मेरी वाइफ प्रीती है”, मैंने उनका परिचय कराया।

“नमस्ते!!!” प्रीती ने कहा।

“तुम बहुत सुंदर हो प्रीती! आओ यहाँ बैठो, हमारे पास…” एम-डी ने प्रीती को कहा।

“नहीं सर! मैं यहीं ठीक हूँ”, कहकर वो सामने की कुर्सी पर बैठ गयी।

थोड़ी देर में रजनी आ गयी, “चलो राज और प्रीती! खाना लग गया है।”

“एक्सक्यूज़ मी सर!!” ये कहते हुए मैं और प्रीती, रजनी के साथ चले गये।

रात को हम घर पहुँचे तो प्रीती ने कहा, “राज! तुम्हारे बॉस अच्छे लोग नहीं हैं, कैसे मुझे घूर रहे थे, लग रहा था कि मुझे नज़रों से ही चोद देंगे।”

“ऐसा कुछ नहीं है जान! तुम हो ही इतनी सुंदर कि जो भी तुम्हें देखे उसकी नियत डोल जायेगी.” मैंने उसे बाँहों में भरते हुए कहा।

अगले दिन जब मैं ऑफिस पहुँचा तो मुझे महेश ने कहा कि एम-डी ने मुझे रात आठ बजे होटल शेराटन में उनके सूईट में बुलाया है, कोई मीटिंग है।

कहानी जारी रहेगी. Hindi Sex Stories

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मैंने अन्तर्वासना की लगभग सारी Sex Stories कहानियाँ पढ़ी हैं। यह साईट मुझे बहुत पसन्द है, मुझे लगा कि मुझे भी अपनी कहानी भेजनी चाहिए। तो मैं यह कहानी भेज रहा हूँ, अगर आप लोगों को पसन्द आए तो आपलोग मुझे मेल करें- अच्छे-अच्छे और अगर पसन्द ना आए तो भी मेल करें- बुरे-बुरे, ताकि मैं अपनी लेखन-शैली में बदलाव करूँ और आप अगली कहानी पसन्द करें। ठीक है, अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।

मैं 28 वर्ष का विवाहित युवक हूँ। मेरा 2 साल का एक बच्चा भी है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। ये बात उन दिनों की है जब मेरी बीवी की डिलीवरी होने वाली थी और मेरी साली मेरे घर अपनी दीदी की देखभाल करने आई थी। यूँ तो मेरी बीवी बहुत सुंदर है, सेक्सी है, उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ हैं, पतली कमर है। गर्भवती होने से पहले मैं हर रात उसकी लेता था, पर फिर उसने देना बन्द कर दिया था। इसलिए मैं परेशान रहता था।

साली के आने से मैं खुश हो गया, मुझे लगा कि अब मेरे लंड की भूख शांत हो सकेगी। मेरी साली भी बहुत सेक्सी थी, उसकी छोटी-छोटी दो चूचियाँ और एकदम पतली कमर थी। पहले मेरी बीवी के भी ऐसे ही थे लेकिन मैंने दबा-दबा कर बड़े कर दिए थे। साली को देखकर मेरा लंड जाग गया और मैं उसे चोदने की योजना बनाने लग गया।

एक-दो दिन ऐसे ही निकल गए लेकिन अवसर नहीं मिला। पर जल्दी ही एक दिन मौक़ा हाथ लग गया। मेरी पत्नी को डॉक्टर के पास जाना था, तो मैंने उससे कहा कि तुम मम्मी के साथ चली जाओ (मम्मी यानि मेरी माँ)। मेरी बीवी अच्छी है, मेरे कहने से माँ के साथ चली गई।

मैंने साली को पटाने का यह मौक़ा अच्छा समझा, वैसे मैं उससे थोड़ी-बहुत छेड़खानी पत्नी के सामने भी कर लेता था, ऊपर ऊपर से ही, पर आज अन्दर से करने का मन था। माँ और पत्नी के जाने के बाद मैं घर के भीतर आ गया और द्वार बन्द कर लिया, क्योंकि मैं जानता था कि अब कोई नहीं आएगा। कामवाली चली गई थी, पिताजी भी जा चुके थे। घर पर मैं और मेरी साली ही थे।

मेरे अन्दर आते ही साली ने कहा कि जीजू मैं आपके लिए चाय बना लाती हूँ, आप चाय पीजिए। फिर मैं नहाने जाऊँगी। यह कह कर वह रसोईघर में चली गई। उसके जाने के बाद मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा। फिर मुझे एक विचार आया, मैंने बाथरूम में जाकर अपने कपड़े उतार लिए, और लुंगी-बनियान पहन कर कमरे में आ गया। थोड़ी देर में साली चाय लेकर आ गई, मैं कुर्सी पर बैठ गया। वो मुझे चाय देने लगी, मैंने धीरे से हाथ मार कर चाय ज़मीन पर गिरा दी।

वो पूछ बैठी- जीजू ये क्या हुआ?’
मैंने कहा- चाय गिर गई।’
तो वह कहने लगी- दीदी के जाने से आप इतने दुःखी हो गए!’
तो मैंने कहा- नहीं तुम इतनी सेक्सी हो, तुम्हें देखकर मैं स्वयं को सँभाल नहीं सका।’
यह सुनकर वो शरमा कर अन्दर वाले कमरे में चली गई।

मैं भी वहाँ पहुँच गया और उसे पकड़ कर पीछे से किस करने लगा। गर्दन के पास, कान के पीछे अपनी गरम साँसें देने लगा। ऐसा करने से वह गरम होने लगी। मेरा लंड भी खड़ा हो गया। फिर मैं अपने अपने एक हाथ से उसकी चूची दबाने लगा। ऊपर ही ऊपर उसे अच्छा लग रहा था, उसकी चूचियाँ कड़ी हो गईं थीं। मेरा 8 इन्च का लंड उसकी कमर से चिपका हुआ था। उसे मेरी लंड का अनुभव अपनी गाँड पर हो रहा था। वह कोई ऐतराज़ नहीं जता रही थी, मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिए और चूचियों को पहले की अपेक्षा कहीं जोरों से मसलने लगा।

जब मैंने देखा कि वह पूरी तरह से गरम हो गई है, तो उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसका कुरता उतार कर ब्रा के ऊपर से चूचियों को दबाने लगा, साथ अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर चूसने लगा। अब वह पूरी तरह से गरम हो चुकी थी, फिर मैंने उसकी सलवार भी उतार दी। वो सिर्फ ब्रा-पैंटी में थी, और बहुत सेक्सी लग रही थी- एकदम दूध की भाँति सफ़ेद। फिर मैं उसकी ब्रा खोल कर एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को हाथ से दबाने लगा।

10 मिनट तक ऐसा ही करते रहने के बाद मैंने अपनी लुंगी और बनियान भी उतार दी। वह मेरा लंड देखकर डर गई, बोली- धीरे-धीरे करना जीजू, किसी को बताना मत, दीदी से भी मत।’

‘तुम्हारी कसम, नहीं बताऊँगा।’- मैंने कहा।

मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया और सहलाने को कहा। वह लंड पकड़ कर उससे खेलने लगी। इसके बाद मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। अब हम दोनों एकदम नंगे थे। उसकी बुर एकदम चिकनी थी, जैसे दो-तीन दिनों पहले ही झाँटें साफ की गईं हों। मैंने पूछा, तो उसने बताया- मैं जानती थी जीजू कि आप मुझे चोदना चाहते हैं, लेकिन आपको चांस नहीं मिल पा रहा। लेकिन मैं जानती थी कि इस बार मैं आपके लंड से नहीं बच पाऊँगी, सो मैं तैयारी से आई थी।’

यह सुनते ही मेरा लंड और भी कड़ा हो गया, फिर मैंने उसे बुर खोलने को कहा, और मुँह से उसकी बुर चाटने लगा। उसके मुँह से आआाहहह… अहहहह.. आहहह… आआआ… अहहह की आवाज़ें आ रही थीं। फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा, वह सहमत हो गई। अब हम 69 की स्थिति में आ गए, मैं उसकी बुर चाटने लगा, वो मेरे लंड का टोपा चूसने लगी।

हम यह लगभग 25 मिनट तक करते रहे और दोनों 2 बार छूट भी गए। हमने एक दूसरे की मलाई चाट ली। अब मैं उसे चोदना चाहता था, मैंने उससे कहा- अब मैं तुम्हारी बुर में लंड डाल के बुर-लंड का मिलन करवाऊँगा।’
उसने कहा- ‘जीजू, इस समय नहीं, रात को जब दीदी सो जाएगी, तो मैं आपके पास आ जाऊँगी, तब चुदाई का कार्यक्रम करेंगे- पूरी रात। अभी दीदी आनेवाली होंगी।’

मैंने कहा- ठीक है, रात को तुम्हें ख़ूब चोदूँगा।’ उसके बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए, और अपने-अपने काम पर लग गए। रात होने का इन्तज़ार करने लगे। थोड़ी देर के बाद माँ और पत्नी दोनों आ गए।

फिर हम लोगों ने 120 दिनों तक ख़ूब चुदाई की। मेरा बेटा हुआ था। मेरी पत्नी को हम लोगों पर शक हुआ। पूरी कहानी आप लोगों की मेल आने के बाद बताऊँगा कि मैंने अपनी साली को 3 दोस्तों के साथ मिलकर कैसे चोदा। Sex Stories

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