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Massage Girl in Kamrup: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kamrup who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kamrup that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kamrup massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kamrup who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kamrup massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kamrup massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kamrup who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kamrup employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kamrup helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kamrup

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kamrup at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

प्रेषक : रोहित  Sex Stories

दोस्तो, आपके बहुत सारे Sex Stories मेल मिले ! मुझे ख़ुशी हुई कि सबको मेरी कहानी पसंद आई … गुरूजी को धन्यवाद जिन्होंने मेरी कहानी आप लोगों तक पहुँचाई ….

आपका रोहित फिर से अपनी मस्त सी भाभी और उसकी बहन को एक साथ चोदने वाली कहानी अन्तर्वासना के माध्यम से लेकर आया है।

भाभी की डिलीवरी के कुछ दिन बाद उसकी बहन मीनाक्षी अपने घर चली गई।

फिर कुछ दिनों बाद मैं फिर से भाभी को चोदने लगा। मैंने भाभी को अब नए ढंग से चोदना शुरु किया, मैं रोज़ नई-नई ब्लू फिल्म लाता, जिसमें अलग-अलग स्टाइल से चुदाई होती। हम उन्हीं नए-नए स्टाइल से सेक्स किया करते …

मैंने भाभी को घोड़ी बना कर गांड मारी, उसे गोद में उठाकर फास्ट स्पीड में चुदाई की ….

एक बार मैं शहद लाया और उसे भाभी के वक्ष, गांड और चूत में लगा कर स्तनों को चूसा, चूत में जीभ डाल कर खूब मस्ती की ! इससे सेक्स का मजा दोगुना हो गया।

भाभी ने भी मेरे लंड पर बहुत सारा शहद लगा कर २० मिनट तक मुँह में लिया। क्या तो मजा आया दोस्तो ! आप भी ऐसे करके देखें ! बड़ा मजा आएगा।

जब मैं भाभी को चोदता, तब मीनाक्षी (भाभी की बहन) के बारे में सोचता क्योंकि वो बहुत मस्त थी और भाभी को चोदता-चोदता बोर हो गया था, जैसे शादीशुदा लोग अपनी बीवी से बोर हो जाते हैं …

मैं भाभी से पूछता- मीनाक्षी कब आएगी?

तो बोलती- मैं तो कभी नहीं बुलाऊँगी ! उसने मेरा रोहित मुझसे छीन लिया … तुम सिर्फ मुझे ही चोदेंगे…

मुझे बड़ा गुस्सा आया और मैं बोला- अब मैं तुझे तब ही चोदूँगा जब तू अपनी बहन को बुलाएगी…

कुछ दिन चूत में लंड नहीं डालने पर वो बहुत परेशान हो गई …

कुछ दिन बाद मेरे घर आ कर बोली- देख रोहित ! मैं मीनाक्षी को बुला दूंगी पर उसे यह कभी पता नहीं चलना चाहिए कि तुम मुझे भी चोदते हो …

मैं बोला- वादा करता हूँ ! मैं तो कभी नहीं बताऊँगा।

फिर चलो अभी मुझे चोदो ..

मैं बोला- अभी घर में मम्मी है ….

तो बोली- दस मिनट में मेरे घर आ जाना !

मैं बोला- ठीक है ! आ जाउगा…

फिर दस मिनट बाद मैं भाभी के घर पंहुचा और खूब चुदाई की …

काफी दिन बाद सेक्स कर रहा था ना इसलिए बहुत शक्ति के साथ चोदा … मुस्कान (भाभी) ने भी अच्छा साथ दिया … मजा आ गया दोस्तो …

भाभी ने फ़ोन करके अपनी बहन को बुला लिया …

मैं बहुत खुश हुआ…

मैंने आते ही उसे गले लगा लिया …. और चूमना शुरु कर दिया …

बड़ा मजा आया ..

फिर हमने बातें करना शुरू कर दिया ..

मैंने बाते करते हुए उसके हाथ में मोबाइल देखा और बोला- मोबाइल भी ले लिया और नंबर भी नहीं दिया…?

बोली- सॉरी यार …

अब तो दो नंबर…

बोली नोट करो- 98********

अब तो हम रोज़ मोबाइल पर भी बात किया करेंगे ….

दो दिन बाद हमारे घर पर कोई नहीं था, हमने चुदाई की योजना बनाई …

वो उस दिन कपड़ों के अन्दर बिना पैंटी-ब्रा के आई …

उसे देखते ही लंड खड़ा हो गया …

फिर हमने चूमा-चाटी करना शुरू किया…

मैंने चूमते-चूमते ही उसकी जींस खोल दी …

और पैंटी नहीं होने से चूत में ऊँगली डाल कर घुमाने लगा … चुम्बन के साथ चूत में ऊँगली होने से मीनाक्षी सीसकारने लगी- अऽऽ आहऽऽ रोहितऽऽ बड़ा मजा आ रहा है ! ऐसे ही करो…

फिर मैंने उसकी गांड पर हाथ लगा कर हाथों में उठा लिया, नंगी गांड को मसलने लगा, उसकी नंगी चूत मेरे जींस के अन्दर खड़े लंड से अड़ रही थी, बड़ा मजा आ रहा था …. जब उसकी चूत से छू जाता ….

अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था… मैं बोला- यार, अब चुचियों को भी मुँह में लेने दो…

बोली- जानू ! मैंने कब मना किया ! मेरा पूरा शरीर अब तुम्हारा ही तो है ! जैसा चाहो, वैसा करो ! मैं नहीं रोकूँगी…

मैंने कहा- अच्छी बात है ..

फिर मैंने उसे पूरा नंगा किया और स्तनों को दबाने लगा, वो आहे भरने लगी- अह्ह्ह अह्ह्ह ! मजा आ गया रोहित ! यार, तुम्हारे हाथों में सच में कुछ जादू है… मैंने तीन लड़कों से चुदाई की लेकिन तुम ही सबसे मस्त लगे…

मैं बोला- जान, अभी देखना ! पिछली बार से भी ज्यादा मजा आएगा … बस तुम मेरा साथ दो !

फिर मैं रसोई में गया और शहद लेकर आया, जिस तरह मैंने भाभी के वक्ष, गांड और चूत पर लगा कर चाटा था, वैसे ही इसके साथ किया….

इसके साथ तो भाभी से भी ज्यादा मजा आया …

मैंने बारी-बारी से पहले स्तनों पर शहद लगा कर चूसा, फिर चूत में ढेर सारा शहद डाला और अपने मुँह से चाटने लगा। क्या मजा आया दोस्तो ! वाह … मीठी मीठी चूत का स्वाद ही अलग लगता है… तुम भी करके देखना…

फिर उसने मेरे लंड पर शहद लगाया और चाटने लगी। क्या तो मस्त लग रहा था…

मीनाक्षी बोली- यार तुम तो नए-नए तरीकों से सेक्स करते हो ! बड़ा मजा आ रहा है …

फिर मैंने उसकी चूत में अपना 7.5 इंच लम्बा लंड बड़ी तेजी से घुसाया …

उसने एक बार आह किया …. फिर सामान्य हो गई… फिर मैंने स्पीड से उसे चोदना शुरू कर दिया वो भी मेरा साथ दे रही थी…. अपनी गांड को हिला-हिला कर चुदाई को और मस्त कर रही थी …

मैं बीच बीच में उसके स्तनों को दबा देता, मुँह में ले लेता….साथ में चूमा-चाटी भी कर रहा था …

चोदते हुए चुम्बन में बड़ा मजा आया … सच में लग रहा थे जैसे जन्नत में पहुँच गया हूँ …

हमने उस दिन जी भर चुदाई की…

हर नये स्टाइल से चोदा उसे …

दो घंटे में तीन बार चुदाई करने के बाद हम कपड़े पहन कर लॉन्ग-ड्राइव पर निकल गए …

फिर हमने कई बार चुदाई की…

भाभी को भी चुदाने का मन करता … लेकिन मीनाक्षी हमेशा घर में रहती, जिस कारण वो नहीं चुदा पाती थी ….

एक दिन मीनाक्षी किसी काम से बाहर गई तो मैंने भाभी की बीस दिन की सेक्स की भूख शांत की…

बड़ा मजा आया बीस दिन बाद भाभी को चोदने में..

फिर कुछ दिन बाद भाभी को फिर चुदवाने की इच्छा होने लगी..

मैंने मना कर दिया- मीनाक्षी घर पर है….

शाम को जब मीनाक्षी रसोई में खाना बना रही थी, तब भाभी मुझे अपने बेडरूम में ले गई और बोली- रोहित, यार आज तो चोदो मुझे ..

.

मैं बोला- मीनाक्षी ?

बोली- वो तो रसोई में है ! 20-25 मिनट में आयेगी, तब तक हमारा काम हो जायेगा …

भाभी ने दरवाज़े की कुण्डी लगाई और मेरे ऊपर लिपट गई …

मैंने चूमना शुरू किया तो बोली- रंडवे, पहले मेरी चूत की प्यास बुझा ! बाकी काम बाद में करना…

मैंने सीधे भाभी की साड़ी को उतारा और पेटीकोट को ऊपर करके अपना लंड चूत में घुसाने लगा … मेरा लंड उसकी चूत में आसानी से जा घुसा … बहुत फास्ट स्पीड में चुदाई कर रहा था कि अचानक गेट पर मीनाक्षी की आवाज आई- दीदी क्या कर रही हो…? और रोहित कहाँ गया बिना बताये …? हम दोनों डर गए ..

मैं बोला- अब हमे इसे सब कुछ बता देना चाहिए …

भाभी कुछ देर सोच कर बोली- ठीक है ! इस तरह मैं कभी भी चुदा तो सकूँगी…

फिर हम दोनों चूत में लंड डाले ही गेट खोलने चल पड़े…

गेट खोलते ही मीनाक्षी चौंक पड़ी, बोली- रोहित ! दीदी ! तुम दोनों एक साथ चुदाई करते हो…?

मैं बोला- मैं तो तुम्हारी दीदी को शादी के बाद से ही चोद रहा हूँ क्योंकि तेरा जीजा को नामर्द है…

वो बोली- क्या जीजू ने आज तक तुम्हें नहीं चोदा ? और ये बच्चा भी रोहित, तुम्हारा है…?

भाभी बोली- हाँ, यह रोहित का ही बच्चा है…

मीनाक्षी बोली- तुम धोखेबाज़ हो…

भाभी बोली- नहीं रे ! ये तो मेरे कहने पर ही मुझे चोदता है … मेरी भी तो चुदाने की इच्छा होती है ना…

वो बोली- ठीक है ! लेकिन ये अब हम दोनों को एक साथ चोदेगा…

मैं बोला- तब तो बड़ा मजा आयेगा ! दो दो चूत के साथ ..

फिर मैं मीनाक्षी को चूमने लगा और भाभी मेरा लंड मुँह में लेने लगी … मैंने मीनाक्षी के पूरे कपड़े उतार दिए। अब हम तीनों नंगे थे, मैं मीनाक्षी की चूत चाट रहा था, मीनाक्षी भाभी की चूत चाट रही थी और भाभी के मुँह में मेरा लंड था …

बड़ा मजा आ रहा था इस तरह करने में !

फिर हमने जगह बदल ली ! मैं भाभी की चूत चाटने लगा ! भाभी मीनाक्षी की चूत और … मीनाक्षी ने मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया..

दस मिनट बाद भाभी मेरे मुँह में झड़ गई ..मुझे भाभी की चूत का पानी बड़ा मस्त लगा….

फिर मैंने पहले मीनाक्षी को चोदना शुरू किया….

जब मैं चोद रहा था, तब भाभी मीनाक्षी को चुचूक चूस रही थी और मैं भाभी के चूसने लगा …

मीनाक्षी बोली- आज तो बड़ा मजा आ गया जान .. तुम स्पीड और तेज़ करो !

फिर मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी…

करीब बीस मिनट बाद मीनाक्षी झड़ गई…

लेकिन मैं नहीं झड़ा। फिर मैंने भाभी की चूत में अपना 7.5 इंच लम्बा लौड़ा डाल दिया … क्या मजा आया दोस्तो ! दोनों को एक साथ चोदने में…

जब मैं भाभी को चोद रहा था तो मीनाक्षी मुझे किस करने लगी..

15 मिनट बाद मैं झड़ गया तो दोनों लड़ने लगी कि मेरे मुँह में पानी डालो… मैंने पहले मीनाक्षी के मुँह में लंड डाल कर पानी डाला … भाभी अब भी उत्तेजित थी, बोली- रोहित यार चोदो ना …

मैं बोला- पाँच मिनट रुको ..

तब तक तुम दोनों आपस में मस्ती करो…

फिर दोनों बहनें आपस में एक दूसरे की चूत में हाथ डालने लगी…

मैं पाँच मिनट बाद फिर से चोदने आ गया … फिर भाभी को झड़वा कर मीनाक्षी को मस्त चुदाई की.. उस दिन चुदाई में जितना मजा आया उतना फिर कभी नहीं आया … हमने कई बार साथ चुदाई की …. कई बार अलग अलग …

मुझे मेल करके जरुर बताएँ कि आप लोगों को मेरी कहानी कैसी लगी ! मैं इन्तज़ार करुँगा … Sex Stories

Sex Stories

इसे आप मनघड़ंत स्टोरी कहे या और Sex Stories कुछ पर सच बात तो ये है कि सेक्स मतलब सेक्स है वो किसी से भी किया जा सकता है या हो जाता है।

अब मैं 24 साल का हूँ और अपनी ऐम.ई. की पढ़़ाई कर रहा हूँ दिल्ली में अपनी फॅमिली से दूर।

पता नहीं वो सब कैसे क्या हुआ सब एक सेक्स कहानी की तरह लगता है पर ये कोई कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है जो मैं अन्तर्वासना के मध्यम से आपके सामने रख रहा हूँ।

बात उस वक्त की है जब मैं 18 साल का था।
एक दिन हम किसी बर्थडे पार्टी में जा रहे थे, मेरी माँ को तैयार होने में काफी वक्त लगता था इसलिए पापा हमेशा ही गुस्सा हुआ करते थे, उस दिन पापा गुस्से में अकेले ही चले गए, माँ आज बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, माँ ने सिल्क की साडी पहनी थी और बाल स्टेप कट किए हुए थे, होंटो पे ब्राउन लिपस्टिक, और क्या कहूँ ऐसा लग रहा था जैसे मानो वो किसी मूवी की एक्ट्रेस हो. बस वो थोडी मोटी थी बाकी फिगुर तो 36-30-36 है।

ड्रेसिंग रूम से आवाज़ आई बेटे ज़रा इधर तो आना, मैं रूम में गया तो माँ आइने के सामने खड़ी हाथ पीछे कर के ब्रा का हूक लगा रही थी, मुझसे कहा ये हूक तो लगा दे, मैंने हूक लगाया तब पहली बार मैंने मेरी माँ को ब्रा में देखा था. आइने में माँ के 36 साइज़ के बूब्स साफ़ दिखाई दे रहे थे .फिर मैं और माँ दोनों पार्टी के लिए निकल पड़े.

इस वक्त मुझे कुछ समझ में नहीं आता था पर ये जान चुका था कि मेरी माँ बहुत सेक्सी है. तबसे मैं कभी कभी माँ की ब्रा और पैंटी पहन कर देखता था. 2 -3 सालों बाद पापा का प्रमोशन हो गया.
अब पापा हमेशा ऑफिस के काम से वीकली बाहर गांव जाते थे, तब घर में हम 4 लोग होते थे छोटा भाई, बहन, मैं (सबसे बड़ा) और हमारी खूबसूरत माँ जिसे सजना- संवरना काफी पसंद था और कुछ हद तक बेशरम भी थी.

जब भी घर में कोई नहीं होता तब माँ हमेशा सिर्फ़ ब्रा और निक्कर में ही बाथरूम से बाहर आती और अपनी साड़ी पहनती. माँ की उमर 36 साल होते हुए भी वो बहुत ही नशीली लगती थी, मैंने कई बार माँ को ब्रा और पैंटी में देखा था कपड़े पहनते हुए, कई बार तो नहाते हुए भी देखा था पर छुप छुप के, जब भी दरवाजा खुला छोड़ नहाती थी.

तब मेरी हालत कैसी होती होगी आप महसूस कर सकते हो.

वो गर्मी के दिन थे. घर में कूलर था पर बिजली कभी भी जाती थी आती थी रात को कभी कभी तो 1 -2 घंटे आती ही नहीं थी. उस रात से तो मेरी जिंदगी ही बदल गई। उस रात मैं और मेरी माँ पास में ही सोये हुए थे भाई और बहन बाजू में थे।

रात के करीब 11 बजे बिजली चली गई मेरी भी नींद खुल गई।
मैंने देखा की माँ मोमबत्ती लगा रही है मुझे नींद नहीं आ रही थी गर्मी भी काफी हो रही थी.थोडी ही देर में देखा तो माँ अपना ब्लाउज उतार रही है, माँ ने काली ब्रा पहनी थी इसलिए उन्हें ज्यादा गर्मी लग रही थी, ब्रा भी जालीदार थी इसलिए उनके नीपल साफ नजर आ रहे थे. ब्रा के ऊपर से उनके बड़े बड़े बूब्स आधे से भी ज्यादा नजर आ रहे थे.

मैं तो देखता ही रह गया. वैसे तो मैंने कई बार माँ को इस हालत में देखा था, पर आज करीब से देखने का मौका मिला था. मैंने कभी सोच भी नहीं था कि मेरी माँ इतनी खूबसूरत है.

अब मैं काफी समझदार हो गया था। माँ ने फिर अपने बालों को उपर करके बाँध दिया। तब मैंने माँ की ब्रा के हूक को देखा लगा कि खोल दूँ इसे। थोडी ही देर में बिजली आ गई और कूलर शुरू हो गया। माँ बिना ब्लाउज के ही सो गई.

मुझे नींद नहीं आ रही थी मैं सोच रहा था कि काश मुझे आज रात को माँ को चोदने का मौका मिलता!!!

पर किस्मत ने साथ नहीं दिया…

कब सुबह हुई पता ही नहीं चला. अब मैं हमेशा माँ को चोदने की नज़र से ही देखता रहता। आज मैं स्कूल नहीं गया था. माँ जैसे ही नहाने गई मैं चेंजिंग रूम जाकर सोने का नाटक करने लगा. माँ आई आज वो सिर्फ़ तौलिया ही ओढे थी फिर उन्होंने वो भी हटा दिया माँ सिर्फ़ ब्रा और पैंटी

ही पहने थी, माँ की जांघें बहुत ही चिकनी और गोरी थी और पैंटी से उनकी गांड उभर कर आई थी और ब्रा के अंदर से बड़े बड़े और काले निप्पल के बूब्स तो मानो बाहर निकलने को बेकरार थे .. मैं माँ की खूबसूरती देखते ही झड़ गया ..

फिर माँ आईने में अपनी बगलों के बालों को निहार रही थी. माँ ने पापा का रेजर निकला और बालों को निकालना शुरू किया. मैं सोच रहा था काश

मेरी शादी मेरी माँ से हुई होती…!!!!

आज फिर रात हो हो गई .. सोचा आज तो किस्मत साथ दे दे। मैं सेक्स में ये भी भूल गया था कि वो मेरी माँ है। हम सोने की तय्यारी कर रहे थे .

भाई बहन सो चुके थे, पापा भी घर में नहीं थे. माँ ने मेरे सामने ही अपना ब्लाउज उतारा और अपनी पीठ खुजाने लगी. माँ ने आज सफेद ब्रा पहनी थी, धीमी रोशनी की वजह से माँ और भी सेक्सी लग रही थी, मैंने कहा क्या हुआ?

माँ बोली- कुछ नहीं! खुजली हो रही है जरा गर्मी का पाउडर तो ले आ!

मैं पाउडर लाया.
माँ ने कहा अब लगा भी दे.
मैं माँ के पीठ पर पाउडर लगाने लगा पर ब्रा का बेल्ट उँगलियों में फँस जाता था.
माँ ने कहा जरा बगल में भी लगा दे माँ ने हाथ उपर उठाया मैंने देखा कि आज सुबह जो माँ ने बाल निकाले थे वो जगह काफी चिकनी हो चुकी थी
मैंने कहा ये हूक निकाल दूँ तो माँ बोली क्यों?

मैंने कहा ताकि पूरी पीठ को पाउडर लगा सकूँ.

माँ ने कहा ठीक है पर पूरी ब्रा मत निकालना.
फिर मैंने माँ की ब्रा का हूक खोला। माँ की चिकनी पीठ काफी सुंदर लग रही थी. मैं कभी कभी अपना हाथ आगे की और भी ले जा रहा था जिससे मैं माँ के बूब्स को टच कर सकूँ.

फिर माँ ने ख़ुद ही अपनी ब्रा उतार दी और कहा जरा इधर भी पाउडर लगा दे .मैं माँ के बूब्स सहलाने लगा. माँ के बूब्स काफी बड़े और नर्म थे, माँ के बूब्स इतने टाइट थे कि ब्रा की जरुरत नहीं थी।

मैं माँ के नीपल को दबाने लगा तभी माँ ने कहा क्या करते हो .. माँ की धड़कने बढ़ रही थी .. फिर माँ ने कहा तेरा भाई उठ जाएगा .. हम चेंजिंग रूम में चलते हैं। माँ के बूब्स चलते हुए हिल रहे थे।

फिर मैंने कहा अब तुम मुझे पाउडर लगा दो.
माँ ने कहा क्यों तुझे भी खुजली हो रही है?
मैंने कहा हाँ.
माँ ने कहा ठीक है. मैं शर्ट और बनियान निकाल बेड पर लेट गया. माँ मेरे पीठ पर पाउडर लगा रही थी।

अब माँ ने मुझे पलट जाने को कहा ताकि वो मेरे सीने पर भी पाउडर लगा सके मैं अब पीठ के बल लेट गया और माँ मेरे बाजु में थी माँ जब मुझे पाउडर लगाती मैं उनके बूब्स की और देखता था।
वो बहुत ही रसीले लग रहे थे मैं बड़ी हिम्मत से माँ के बूब्स को हाथ लगाया माँ ने कुछ नहीं कहा

फिर मैंने उन्हें दबाना शुरू किया, मैं उन्हें धीरे धीरे दबा रहा था।

माँ ने कहा जरा देख तो लो तेरे भाई बहन सोये कि नहीं?

मैं देख आया दोनों सोये हुए थे .. माँ को बताया।

माँ ने कहा हम इधर ही सो जाते हैं .. मैं भी मान गया माँ ने अपनी साड़ी उतारनी शुरू की।

मैंने कहा साड़ी क्यों निकाल रही हो,
तब माँ ने कहा आज मैं तेरे साथ रात गुजारना चाहती हूँ और माँ ने अपनी साड़ी उतार दी अब वो सिर्फ़ पैंटी में थी, माँ की चूत के बाल जालीदार पैंटी से साफ नज़र आ रहे थे.

क्यों आज क्या तू पहली बार मुझे नंगी देख रहा है ..

मैंने कहा मैं कुछ समझा नहीं.

मुझे सब पता है तू रोज़ मुझे नंगी देखता है जब मैं नहा कर आती हूँ, क्यों सच है न?????

मैं एकदम ही डर गया, डर मत माँ ने कहा देख मैं ये बात तेरे पापा को नहीं बताऊँगी पर एक शर्त है.

मैंने कहा कौन सी शर्त? माँ ने कहा तुझे मेरे साथ नंगा सोना पड़ेगा.

मैं डर के मारे तैयार हो गया ..मैंने अपने कपड़े उतार दिए। फिर हम दोनों बेड पर आ गए. माँ सिर्फ़ अपनी पैंटी में ही थी और मैं अंडरवियर में. माँ मुझसे लिपट गई और चूमने लगी, मैंने कहा ये सब ठीक नहीं और बेड से उठ गया ..

तब माँ ने गुस्से में कहा जो तू करता है क्या वो ठीक है अपनी माँ को नहाते हुए देखता है!

माँ ने मुझे समझाया बेटे ये कोई ग़लत बात नहीं है ..तू भी अब जवान हो गया है और मेरी भी कुछ इच्छाएं हैं जो तेरे पापा समय की वजह पूरी नहीं कर सकते, तब तू मेरी इच्छाएं पूरी करे तो इसमे ग़लत क्या है? आह्किर मैं तेरी माँ हूँ .. और बेटा ही माँ को समझ सकता है ..

मैंने कहा अगर पापा को पता चला तो…

माँ बोली यह बात हम दोनों के बीच ही रहेगी… टॉप सीक्रेट… और जब कि तूने मेरे बूब्स को दबाया और सहला भी दिया है तो फ़िर अब चोदने में क्यों घबराते हो? बात सिर्फ़ आज रात की तो है ..

तब मैं मान गया , आख़िर मैं भी तो यही चाहता था. माँ ने कहा चलो बेटे आज हम सुहागरात मानते हैं , आज की रात तुम ही मेरे पति हो ..

फिर माँ ने मुझे अपनी बाँहों में कस के पकड़ लिया और मुझे चूमने लगी मैंने भी माँ को चूमना शुरू किया, माँ मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहला रही थी, मैं भी माँ की चूत को पैंटी के ऊपर से सहला रहा था।

फिर माँ ने मेरी अंडरवियर उतार दी और मेरे लौडे को हाथ से सहलाने लगी ताकि वो और बड़ा और टाइट हो जाए।फिर माँ ने अपनी कच्छी उतारी और मेरे लौडे को अपनी चूत में डाल दिया अब हमने खड़े खड़े ही चोदना शुरू कर दिया था।

मैंने अपना दायाँ पैर बेड पर रखा और जोरों से धक्के दे रहा था ..माँ के मुंह से आह ..!! आह ..!! आह ..!! आवाज़ निकाल रही थी ..माँ ने भी मुझे जोरों से अपनी बाहों में पकड रखा था।

फिर हम बेड पर आ गए और मैं माँ के नीपल को मुंह में लिए चूस रहा था, माँ एक हाथ से मेरे लौडे को सहला रही थी। फिर मैंने माँ को बेड पर पीठ के बल लेटाया और माँ की चूत को चूमने लगा। माँ सेक्स के मारे पागल हो रही थी, फिर माँ ने मेरे लौडे को चूमना शुरू किया,वो उसे मुंह में ले रही थी।

फिर माँ ने मेरा लौड़ा अपने हाथों से अपनी चूत में डाला और कहा- ले अब छोड़ अंदर तक ले जा… माँ ने अह्ह्ह… भरी, कहा ऐसे ही करते रह, मैं भी माँ की जांघों को पकड़ पकड़ कर चोदता रहा…

बहुत अच्छा लग रहा था. मेरा गिरने ही वाला था माँ ने कहा अंदर मत गिरा फिर माँ ने मुझे बेड से दूर कर के नीचे गिराने को कहा।

हमने फ़िर एक दूसरे को चूमना शुरू किया और उत्तेजित हो गए। मां बिस्तर पर लेट गई और मुझे कहा कि मेरी गाण्ड में लौड़ा डाल दे। मैंने मां की गाण्ड मारना शुरू किया।

फ़िर हम सीधे हो कर एक दूसरे को चोदते रहे। रात भर हम सब कुछ भूल कर बस चोदते ही रहे। मां को कई तरह से चुदवाना आता था। उन्होंने मुझसे 10-12 अलग अलग तरीकों से चुदवाया।

मां का बदन काफ़ि नर्म और खूशबूदार था। मैंने मां को पूरी तरह से सन्तुष्ट कर दिया।

इस बीच मैं दो बार झड़ गया। रात के तीन बजे हम कपड़े पहन कर सोने चले गए। मां खुश लग रही थी। सुबह जब मैं नाश्ते के किए बैठा तब मेरी मां से बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थ

मां ने कहा- क्या हुआ? मैंने कहा है ना तुमसे कि यह बात सिर्फ़ हम दोनों के बीच रहेगी। और फ़िर भी तुम्हें शरम आती है तो मुझे अपनी वाईफ़ समझ सकते हो, वैसे भी हम सुहागरात तो मना ही चुके हैं

मां ने हंसते हुए मेरे होंठो को चूमा। मैं भी मां को अपनी बाहों में लेकर चूमता रहा।

फ़िर उस दिन से जब भी हमारा मूड होता और पापा घर में नहीं होते, हर रात हम सुहागरात मनाते रहे। कभी कभी तो दिन में भी बिना कपड़ों के साथ रहते।

एक दिन तो मैंने मां के नीचे वाले बालों की शेव कर दि थी और मां ने मेरी। अब चुदाई में बहुत मज़ा आता था। कभी कभी हम ब्लू फ़िल्म देख कर वैसे ही चुदाई करते थे।

मैं अब मां को नाम से पुकारता था। अब हम ऐसे रहते थे जैसे कि मानो हम सच में पति-पत्नी हों। ड्रेसिंग रूम को ही हमने अपना बेड-रूम बना लिया था। भाई और बहन दूसरे कमरे में सोते थे और हम पूरी रात बिना कपड़ों के साथ में सोते थे।

मां को अभी भी मेक-अप का शौंक था। वो मेरे लिए ही अब सजती संवरती थी। मैं कभी कभी स्कूल नहीं जाता और पूरा दिन मां के साथ चुदाई करता। जब भी मैं मां को किसी शादी, पार्टी में ले जाता तो लोग भी हमें पति-पत्नी समझते थे।

एक दो बार तो पापा घर में होते हुए भी मैंने मां को चोदा। मां तब नहा रही थी और पापा टी वी देख रहे थे।

मैंने बाथरूम के पास जाकर मां को आवाज़ दी, मां ने कहा- अभी नहीं, अभी तेरे पापा घर में हैं, जब मैं नहीं माना तो मां ने मुझे बाथरूम में बुला लिया और हमने चुदाई कर ली।

बहन ने एक दिन पापा को बताया कि मां हमारे साथ नहीं सोती, भैया के साथ सोती है तब मां ने गुस्से से कहा- कुछ भी कहती है नालायक, तेरे भैया को पढ़ाते हुए कभी कभी नींद आ जाती है तब वहीं सो जाती हूं।

पापा ने कुछ नहीं कहा क्योंकि पापा तो हमारे इस रिश्ते से बिल्कुल ही अनजान थे ना…॥ Sex Stories

प्रेषक : राहुल Antarvasna

प्यारे दोस्तो, मैं राहुल कोटा Antarvasna से एक बार फिर से आया हूँ एक मजेदार सच्ची कहानी लेकर। आशा है कि कोटा की सभी लड़कियों को पसंद आएगी ! तो इसी आशा के साथ मैं अपनी सच्ची कहानी शुरू करता हूँ।

यह घटना है पिंकी की जिसका एक और नाम पूजा भी है। पूजा हमारी ही जाति की है। आज से करीब चार साल पहले उसकी शादी हो चुकी है और अभी उसके दो बच्चे भी हैं। देखने में थोडी सांवली है पर नाक नक्श तो ऐसे तराशे हुए है जैसे पूरे जिस्म को सोच समझकर बनाया गया हो।

उसकी शादी से पहले मेरी और उसके रिश्ते की बात चली थी पर हम दोनों की कुंडली नहीं मिल पाने के कारण हमारी शादी नहीं हो पाई थी। उसकी शादी के बाद हम दोनों का बात करना और मिलना सब बंद हो गया था।

अभी लगभग पंद्रह दिन पहले की बात है, हमारे समाज में एक शादी थी, वो भी हमारे घर से कुछ ही दूरी पर। मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ, शाम को छ: बजे मैं घर पर आया तो मेरी मम्मी ने कहा कि मैं उनको शादी में छोड़ आऊं।

मम्मी को शादी में छोड़कर मैं सीधा घर पर आ गया। इस समय मेरे सिवा घर पर कोई भी नहीं था। मैं टीवी देखने लग गया। कुछ देर बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि सामने पूजा और मेरे मामा का लड़का खड़ा था। मैं उसको देखकर चौंक गया कि यह कैसे आ गई।

मैंने उनको बिठाया और पानी पिलाया। उसने मुझसे कहा कि उस शादी में वो भी आई है। उसने मम्मी से मेरे बारे में पूछा होगा तो मम्मी ने बताया कि वो घर पर ही है, और वो मुझसे मिलने घर पर आ गई। वो केवल पांच मिनट ही बैठी और जाने लगी। वो बाहर निकली ही थी कि वापस अन्दर आई और मुझसे मेरे मोबाइल नंबर देने को कहा तो मैंने दे दिया। तब उसने मुझे कॉल करने को कहा। उस दिन की वो बात ख़त्म हो गई।

दो तीन दिन बाद मेरे मोबाइल पर किसी नंबर से मिस कॉल आया। मैंने दुबारा उसी नंबर पर कॉल किया तो पता चला कि वो नंबर पूजा का है। बस उस दिन से हमारे बीच बातचीत फिर से शुरू हो गई। उस दिन से मेरे अन्दर का सेक्स भी उसके लिए जाग गया था।

कुछ दिन बाद उसका जन्मदिन था तो मैंने उसे कॉल करके विश किया और उससे पूछा कि बताइए आपको क्या चाहिए।

तो उसने कहा- जो आपका दिल हो दे देना !

तो मैंने कह दिया- फिर जो भी मैं देना चाहूँ, वो आपको लेना पड़ेगा !

तो उसने हाँ बोल दिया।

मैंने कहा- फिर मैं कब आ सकता हूँ आपके यहाँ?

पूजा ने कहा- सुबह आठ से लेकर शाम को सात बजे तक कोई भी नहीं होता है घर पर ! तो आप इस बीच किसी भी समय पर आ जाना। उसके इस तरह से कहने का मतलब शायद मैं समझ चुका था इसलिए एक दिन शनिवार को मैं घर से दस बजे निकलकर उसके घर पर चला गया।

उसने मुझे बिठाया और चाय पिलाई। वो थोड़े गरीब लोग थे और घर में छोटे छोटे केवल दो ही कमरे थे। एक कमरे में उसके बच्चे सोये हुए थे। कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि मुझे दूसरा कमरा भी देखना है तो वो मेरे साथ दूसरे कमरे में आ गई। वहाँ पर लाइट नहीं थी इसलिए अँधेरा था। उसने आगे होकर मुझसे पूछ लिया कि बताओ आप क्या देना चाहते थे मुझे !

तो मैंने बिना शर्म किये सीधे बोल दिया- मैं तुमको किस करना चाहता हूँ और मैं तुमको बहुत पसंद भी करता हूँ !

पहले तो उसने मना किया और जाने लगी पर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खींच लिया। उसने दूर होने की कोशिश नहीं की। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और किस करने लगा, वो भी मेरा साथ दे रही थी। तब मुझे लगा कि वो भी यही चाहती है। मैं उसे करीब दस मिनट तक किस करता रहा।

उसने साड़ी पहन रखी थी पर मैंने पहले उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्रा को भी उतार दिया। इसका उसने थोड़ा विरोध तो किया पर उसमें उसकी मर्जी भी शामिल थी। फिर मौका देखकर मैंने अपनी जींस खुद ही उतार दी और अंडरवियर भी। बहुत देर तक मैं उसके स्तनों को चूसता रहा। सही में दोस्तो, इतना दूध भरा था उनमें कि मैं तो मस्त हो गया। फिर मैंने उसको अपना लंड चूसने के लिए कहा तो उसने साफ़ साफ़ मना कर दिया।

मैंने कहा- लंड तो तुमको चूसना ही पड़ेगा !

उसने मुझे कहा कि लंड तो उसने आज तक उसके पति का भी नहीं चूसा। तो मैंने कहा कि मैं तुम्हारा पति नहीं हूँ ! लंड तो तुमको मुंह में लेना ही पड़ेगा !

बहुत देर के बाद वो केवल कुछ सेकंड के लिए मेरे लंड को मुंह में लेने को तैयार हुई। मैंने उसको अपने पैरों पर बिठाया और लंड को उसके होंठों से लगा दिया। जैसे ही उसने लंड को मुंह में लिया, मैंने पीछे से उसके सर को पकड़कर आगे के तरफ धक्का दिया जिससे पूरा लंड उसके मुंह में चला गया और लंड को कस कर उसके मुंह में डालकर रखा। उसने दूर हटने की बहुत कोशिश की पर मैंने उसके सर को कसकर पकड़ रखा था और उसके मुंह को चोद रहा था।

मैं करीब दस मिनट तक उसके मुंह को चोदता रहा और उसके मुंह में ही झड़ गया। मैंने उसका सर अभी भी अपने लंड से अलग नहीं होने दिया। इस कारण से उसको मेरा सारा वीर्य पीना पड़ा। उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे। फिर मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद जब मैं फिर से सेक्स के लिए तैयार हो चुका था तो मैंने उसे जमीन पर पटक कर चूमना शुरू किया और धीरे धीरे उसको उसकी साड़ी से आजाद कर दिया और पेंटी भी उतार दी।

पहले तो मैंने उससे ऐसे ही पूछा- नीचे तो डाल सकता हूँ न लंड को?

तो उसने तपाक से जवाब दिया कि उन्होंने (उसके पति ने) पहले ही इसको चौड़ा कर रखा है, अगर तुम डाल भी लोगे तो क्या हो जाएगा ! अब डाल भी दो, बहुत बेचैनी हो रही है।

मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखा और एक धक्का मारा तो वो सीधा चूत की गहराइयों में चला गया। सच में लंड के अन्दर जाने का तो मुझे एहसास ही नहीं हुआ। तब मुझे पता लगा कि साला उसका पति उसे कितना चोदता होगा। पर मुझे क्या ! मुझे तो केवल हल्का होना था। मैंने उसकी चूत में लंड के धक्के मारना शुरू कर दिया. करीब आधे घंटे तक मैं उसे चोदता रहा। फिर लंड को निकाल कर उसके वक्ष के बीच की दरार में रगड़ने लगा। दोस्तो, इसका भी एक अलग ही आनंद है। और फिर कुछ देर बाद मैंने अपना वीर्य उसके वक्ष पर छोड़ दिया। इस सारे प्रोग्राम के बाद वो कुछ ज्यादा ही खुश लग रही थी, पर जाने क्यूँ मुझे अच्छा नहीं लगा और वहां केवल पांच मिनट रुक कर वापस घर आ गया।

अब वो मुझे रोज कॉल करती है, पर मैं सोचता हूँ कि हमारे बीच जो भी हुआ वो हम दोनों की गलती थी। पर मैं अब क्यूँ उसकी शादीशुदा जिन्दगी को बर्बाद करूँ। इसलिए मैं उसका फ़ोन रिसीव नहीं करता हूँ। हांलांकि मेरे ऑफिस और उसके घर के बीच में ज्यादा से ज्यादा दो किलोमीटर की दूरी होगी पर फिर भी मैं वहां नही जाना चाहता हूँ।

कई बार वो मुझे मैसेज भी करती है कि वो मुझसे लाइफ टाइम सेक्स चाहती है पर वो मेरी ही जाति की होने के कारण मुझे डर सा लगता है। इससे पहले मैं नहीं जानता था कि किसी लड़की में सेक्स को लेकर इतना क्रेज भी होता है।

तो दोस्तो, यह थी मेरी और पूजा की कहानी। इस कहानी में जैसा कि सब बताते है कि चोदते वक़्त लड़की के मुंह से जोर जोर से सिसकारियां निकलती रही, मैंने ऐसा कुछ नहीं बताया है। क्यूंकि उस समय ऐसा कुछ हुआ ही नहीं ! हाँ थोड़ा उसको दर्द जरुर हो रहा था पर इतना नहीं कि वो चिल्लाती रहे। मैंने उसको न तो घोड़ी बनाकर चोदा और ना ही कुतिया बनाकर !

ये कह सकते है कि वो केवल एक सधारण सेक्स था।

आपके संदेशों के इन्तजार में आतुर ! Antarvasna

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अंतर्वासना के नियमित पाठको Antarvasna फड़कती हुई चूतों और मोटे मोटे लंडो को मेरा सलाम !

मैं सुनील अलवर से फिर एक बार हाज़िर हूँ अपने दोस्तो के लिए एक मसाले से भरी कहानी लेकर !

पिछली कहानी के लिए मुझे बहुत सी मेल आई। मुझे बहुत अच्छा लगा।

शायद आपको कुछ बताने की ज़रूरत नहीं कि मैं एक स्मार्ट और क्यूट लड़का हूँ। जो कहानी मैं आप सबको बताने जा रहा हूँ यह एक विवाहित लेकिन असंतुष्ट पत्नी की जो अपने पति के लण्ड से अपनी चूत की प्यास ना बुझा पाई और उसने मुझे याद किया।

पिछले महीने मैं अपने कम्प्यूटर पर काम कर रहा था कि मुझे एक काल आई। वहाँ से एक औरत की आवाज़ आई उसने मुझसे मेरे बारे में पूछा ओर मुझे कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है. उस वक्त मैं व्यस्त था तो मैने उस से बाद में बात करने को कहा. उसी रात उसका फिर से फोन आया. तब उसने मुझे बताया कि उसकी शादी को ३ साल हो गये है लेकिन वो अपने पति से खुश नही है और वो मुझसे मिलना चाहती है. फिर हमने मिलने की जगह तय की और मैं २ दिन बाद उस से मिलने उसके घर पहुचा.

मैंने बेल बजाई तो एक काम वाली ने दरवाजा खोला. उसने मुझे ड्रॉयिंग रूम में बिठाया और अपनी मालकिन को बुलाने चली गयी। कुछ देर बाद मैंने देखा कि एक २५-२६ साल की औरत गुलाबी रंग की साड़ी में आ रही है. वो देखने में बला की खूबसूरत थी. उसका फिगर ३६-२६-३६ था. मैंने मन ही मन अपनी किस्मत पर गर्व किया कि इतनी खूबसूरत अप्सरा ने मुझे बुलाया है और कुछ ही देर में वो मेरी बाहों में होगी.

उसने आकर मुझसे हाथ मिलाया और अपना नाम रेखा बताया. वो मेरे पास बैठ गयी और हम दोनो बातें करने लगे. कुछ देर बाद उसकी काम वाली चली गयी. फिर वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी. वहाँ हम दोनो ने ड्रिंक्स ली और उसके बाद वो नहाने क लिए बाथरूम में चली गयी.

इतनी देर में तो मेरे लण्ड ने मेरे जीन्स को फ़ाड़ना शुरू कर दिया. वो तो बाहर निकलने को तैयार था. १५ मिनट के बाद जब वो बाथरूम से बाहर निकली तो मेरे होश ही उड़ गये. उसने एक हल्के गुलाबी रंग की पारदर्शी नाइटी पहनी थी और अंदर कुछ भी नहीं था. उसके मोटे मोटे बूब्स और गुलाबी निपल्स साफ दिखाई दे रहे थे. उसकी प्यारी सी चूत, जिस पर एक भी बाल नहीं था जैसे वो अभी साफ करके आई हो, दिखाई दे रही थी. वो मेरे पास आई, मुझे मेरे होठों पे हल्के से किस किया और मेरे पास बैठ गयी. मैने उसे अपनी बाहों में समेट लिया. ओर उसके गुलाबी होठों को अपने होठों में दबा लिया. उसके बाद मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी। वो भी पूरा सहयोग दे रही थी. वो बहुत ही गर्म लग रही थी जैसे काफ़ी समय से उसने सेक्स ना किया हो. फिर मैने उसकी नाईटी को उतार दिया और उसने मेरे कपड़ो को उतार दिया. उसके दोनो कबूतर अब मेरे हाथो में थे. जिन्हें मैं कस कस के दबा रहा था. कमरे में बड़ी ही सेक्सी आवाज़ें गूँज रही थी… वो मदहोश हो गयी थी.

मैने उसके एक चूचे को मुँह मे ले लिया और पीने लगा। वो ज़ोर ज़ोर से उउऊहह आआहह करने लगी. पूरा कमरा उसकी आवाज़ो से गूंजने लगा. अब मैंने जैसे ही उसकी चूत को छुआ, वो तड़प उठी और मुझसे ज़ोर से लिपट गयी. फिर उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया ओर उसे ज़ोर से चूसने लगी. थोड़ी देर बाद हम दोनों ६९ की पोज़िशन में थे ओर वो मेरे लण्ड को और मैं उसकी चूत को चूस रहा था. थोड़ी देर बार वो फ्री हो गयी ओर मैंने उसका सारा रस पी लिया और ५ मिनट बाद मैं भी फ्री हो गया, उसने भी मेरा सारा रस भी लिया।

अब मैं उसके बूब्स क साथ खेलने लगा। वो भी मेरे लण्ड के साथ खेल रही थी। कुछ देर बाद मैं फिर से तैयार हो गया। अब वो तड़प रही थी और मुझे भी नहीं बर्दाश्त हो रहा था। मैने अपने लण्ड उसकी चूत पे रखा और एक ही बार में पूरा का पूरा घुसा दिया. वो एक दम से चिल्ला पड़ी उसकी चूत बड़ी टाइट थी. फिर मैने ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने शुरू किया. उसने अपनी दोनो टांगें मेरी कमर के चारो तरफ लपेट ली एक नागिन की तरह. अब कमरे में फुउऊउउस्स्स् फुस स्स्स्स की आवाज़ें गूँज रही थी. कुछ देर में हम दोनों फ्री हो गये. ओर एक दूसरे क साथ लेट गये. फिर मैं उसे उठा के उसके बाथरूम में ले गया और शावर क नीचे हमने फिर से एक बार सेक्स किया उस दिन मैं उसके साथ पूरा दिन रहा और हमने ५-६ बार सेक्स किया. अलग अलग स्टाइल्स में. वो बहुत ही खुश हुई. उसके बाद मैं वापिस चला गया. कुछ दिनों बाद उसने मुझे फिर से बुलाया और इस बार उसकी एक फ्रेंड भी उसके साथ थी…

इस बारे में आपको अगली बार बताउंगा…

सो अलविदा दोस्तो और प्यारी प्यारी सेक्सी सेक्सी यौनियो !

फिर से ये राहुल आपकी सेवा में हाज़िर होगा…

राहुल आपकी सेवा में तत्पर है…

आपका प्यार ही मुझे आपके पास लाया है. म्‍म्म्म मम्मूऊऊ उऊहहाआआ Antarvasna

Indian Sex Stories

हेलो! मेरा नाम निक है और मैं मुंबई के Indian Sex Stories बांद्रा में रहता हूँ। यह मेरी पहली कहानी है जो कि एक हकीक़त भी है। मैं मुंबई में पिछले 3 साल से रह रहा हूँ। मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ यहाँ काम की तलाश में आया था। ( सुनने में शायद यह थोड़ा फ़िल्मी लगता है) लेकिन यह सच है।

मुझे मुंबई आये अभी कुछ दिन ही हुए थे कि मुझे मेरे एक स्थानीय मित्र ने बताया कि मुंबई में कई लड़के “ज़िगोलो” या पुरुष-वेश्या बन कर अपनी ज़िन्दगी गुजार रहे हैं। पहले तो मुझे उसकी बात पर कोई विश्वास नहीं हुआ लेकिन एक दिन ” मुंबई मिरर “(एक पत्रिका) में ज़िगोलो’ज़ पर एक लेख पढ़ कर मुझे यकीन हो गया कि यह एक हकीक़त है।

लेकिन यह बात वहीं आई गई हो गई और मैं फिर से नौकरी की तलाश में जुट गया।

कुछ दिन बाद की बात है, मैं रात घर पर बिस्तर में लेटा था। मेरे कमरे में मेरे सभी साथी सो रहे थे, रात का शायद 1 बजा होगा, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैंने सोचा- थोड़ा घूम कर आता हूँ, शायद अच्छा लगे।

यही सोच कर मैंने कपड़े पहने और स्टेशन की ओर निकल गया। स्टेशन रात के समय कुछ अजीब सा लग रहा था। कुछ सेक्स-वर्कर लड़कियां, कुछ नशेड़ी और बहुत सारे अपराधी किस्म के लोग वहां थे। मेरे मन में झिजक पैदा हुई, लेकिन मैंने सीधा जाकर चर्चगेट की टिकट ले ली। मैं जल्दी जल्दी प्लेटफ़ार्म पर पहुंचा और मैं चर्चगेट जाने वाली ट्रेन में चढ़ गया।

कुछ 20-25 मिनट में मैं चर्चगेट स्टेशन पहुँच गया। वहां काफी चहल-पहल थी। जिसे देख कर मेरा डर थोड़ा कम हुआ, आखिर एक 23 साल का लड़का जो कि शहर में नया और अनजान हो, रात में अकेलेपन से डरता ही है।

फ़िर भी मैं पता नहीं क्यूँ वहाँ आस-पास घूमता रहा, यह सोच कर कि कोई मुझे ज़िगोलो समझ कर अपने साथ ही ले जाए, क्योंकि मैं दिखने में काफ़ी अच्छा हूँ और कई लड़कियों ने मुझे अपना साथ भी दिया है।

बहरहाल, घूमते घूमते अभी कुछ मिनट ही हुए थे कि मैंने देखा कि कहीं से बहुत सारी कारें आ रही थी, शायद किसी डिस्को में पार्टी खत्म हुई थी। मैं उस तरफ़ से मुड़ गया और फ़िर से स्टेशन की तरफ़ चलने लगा। तभी मैंने देखा कि मुझे कोई कार में से इशारे कर रहा है। मैं बहुत घबरा गया क्योंकि वो औरत नहीं मर्द था। मुझे लगा कोई समलिंगी पुरुष होगा, इसलिए मैं तेज़ी से आगे बढ़ गया।

लेकिन इस बार उसने मुझे “हैलो सफ़ेद कमीज़!” कह कर आवाज़ लगाई। मैंने हिम्मत जुटा कर उसकी तरफ़ देखा, उसने मुझे कार के पास बुलाया और मैं डरते हुए कार के पास गया।

वहाँ मैंने देखा कि वो एक ड्राईवर था। मुझे लगा कि वो कोई जगह पूछेगा, लेकिन उसने कहा- मैडम ने बात करनी है, कार में बैठो!

यह सुनते ही मैं हक्का-बक्का रह गया। रात के ढाई बज़े एक “ब्लैक कैमरी” में सफ़र करने वाली औरत मुझसे कर में बात करना चाहती है। मैं कुछ समझ पाता, इससे पहले वो गाड़ी आगे बढ़ने लगी। पता नहीं मुझे क्या हुआ और मैं जल्दी से कार में बैठ गया।

कार में बैठते ही मेरी खुशी को जैसे पर लग गए, एक 30-32 साल की औरत जिसकी सूरत देख कर यूँ लगे मानो कोई सिनेमा की हिरोईन हो, मेरे पास बैठी थी। वो काले रंग के ईवनिंग गाऊन में यूँ लग रही थी जैसे स्ट्राबेरी को चॉकलेट में डूबो कर रखा हो।

मेरे मुँह से छोटे से ‘हाय’ के अलावा कुछ नहीं निकला। इतने में गाड़ी चलने लगी और मैं थोड़ा सम्भल कर बैठ गया। 2-3 मिनट तक कोई बात नहीं हुई, ड्राईवर की नज़र पीछे देखने वाले शीशे में से मेरे ऊपर ही थी। शायद उसके लिए यह रोज़ की बात थी। थोड़ी देर में उस औरत ने मुझे बोला- हाय! मेरा नाम हिया है।

मैंने भी अपना नाम बताया। मेरा नाम सुनकर वो मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी। ऐसा लग रहा था मानो वो रात के पौने तीन बज़े मेरा इन्टरव्यू ले रही हो। मैं तोते की तरह जवाब देता गया। बातों बातों में मैंने उसका फ़ीगर देखना शुरू किया। उसका फ़ीगर इतना अच्छा नहीं था , उसके स्तन छोटे थे और पेट भी बाहर था लेकिन फ़िर भी उसके चेहरे ने सभी कमियाँ छुपा ली थी। उसकी नज़र शायद मेरे चेहरे पर थी और एक पल बाद उसका हाथ मेरी कमर पर। जैसे ही उसने मुझे छुआ यूँ लगा जैसे 440 वाट का करंट लगा हो, क्योंकि पहली बार किसी नारी ने पहल की थी मेरे साथ। खैर, हिया ने ड्राईवर से कहा कि गाड़ी रोक कर वो उतर जाये और टैक्सी लेकर घर चला जाये और उसे कुछ पैकेट दिए, जिसे लेकर वो बिना पीछे देखे चला गया। अब हम दोनों गाड़ी में अकेले थे, उसने मुझसे पूछा “क्या तुम गाड़ी चलाओगे?”

हाँ में सर हिला दिया मैंने। तब उसने मुझे अपनी गाड़ी की चाबी दी और बोली- चलो!

मैं पागल हो रहा था कि एक अनजान औरत बिना कुछ जाने मुझे अपने साथ रात में ले जाने को तैयार है, क्या मेरी किस्मत इतनी अच्छी है?

लेकिन शायद किस्मत नाम ही है अप्रत्याशित का!

मैं ड्राईवर सीट पर आ गया और वो अगली सीट पर! मैं कार चलने लगा, उसने मेरे बालों में हाथ डाला और कहने लगी,”काफी घबराए हुए लग रहे हो!”

मैंने डर के कहा- नहीं तो! मैं ठीक हूँ!
तो हंसते हुए बोली- ठीक है! चिन्ता मत करो मैं तुम्हें खा नहीं जाऊँगी!
मैंने सर हिला दिया और वो मुझे रास्ता बताने लगी।

एक घण्टे चलने के बाद हम मुम्बई के मड आईलैण्ड इलाके में थे, वहाँ पहुंचते ही मैं समझ गया कि हिया किसी बड़े उद्योगपति की पत्नी है क्यूंकि या तो वहाँ ऐसे बंगले हैं जहाँ फ़िल्मों की शूटिंग होती है या धनकुबेरों के फ़ार्म हाऊस!

उसने मुझे गाड़ी रोक कर पीछे बैठने को कहा और खुद गाड़ी चला कर बंगले के अन्दर ले गई।

मैं और हिया एक साथ जैसे ही कमरे में पहुंचे, उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख लिया और मैं आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसकी बात मानता रहा।

मैं उसके स्तनों से खेलता रहा और वो मेरे शर्ट के बटन खोलती रही. हम लोग यही करते करते उसके शयनकक्ष की ओर बढ़ने लगे और बीच में पड़े म्यूज़िक सिस्टम को उसने ओन कर दिया। मैं प्रफ़ुल्लित हो रहा था और मैं उसे चूमने लगा। तब तक मेरे हाथ उसकी ब्रा को अन्दर से खोल चुके थे और उसके हाथ मेरे शर्ट को।

अब हम एल आलीशान बंगले के शयनकक्ष में थे और वहाँ एक विशालाकार पलंग था। उसने मुझे वहाँ बैठने को कहा और चली गई। मुझे लगा शायद उसे लू जाना था।

दस मिनट बाद जब वो आई तो मैं हैरान था, उसने अर्ध-पारदर्शी अन्तःवस्त्र पहने थे जिसमें उसकी शेव की हुई चूत और प्यारे से स्तन साफ़ साफ़ दिख रहे थे, मैं तो पहले से ही अपने सारे कपड़े उतार कर कम्बल के अन्दर घुसा हुआ था। मेरे कपड़े ज़मीन पर देख कर वो हंसी और रोशनी कम करके वो मेरे पास आ कर बैठ गई।

अब तो मैं पागल हो चुका था इसलिए उस पर टूट पड़ा। मैं उसे एक कुत्ते की तरह चूसने चाटने लगा और वो मुझे बिल्ली की तरह नाखून मारने लगी। मैंने उसके होंटों पे अपने होंट ऐसे चिपका दिए जैसे फ़ैवीक्विक लगा हो। वो मुझे ले कर करवटें बदलती रही और र्मैं उसके पूरे शरीर का मानो नाप ले रहा था। थोड़ी देर में उसकी ब्रा और पैन्टी जमीन पर पड़े मेरे कपड़ों को चूम रही थी।

मेरे सामने थी एक उच्च वर्ग की तथाकथित आधुनिक महिला!
मैंने कम्बल को दूर फ़ेंका और उसे अपनी गोद में उठा कर खड़ा कर दिया।

मैं उसके नर्म नर्म स्तन दबाता रहा और वो मेरे बालों को खींचती रही। मैंने उसके सारे बदन पर अपने होंटों की निशानी लगा दी थी।

मेरा लण्ड आज पहली बार इतना उतावला था, शायद इसलिए कि अज उसे पहली बार एक आँटी मिलने वाली थी जो उससे कहीं ज्यादा अनुभवी थी। मेरा लौड़ा हाथ में ले कर वो बोली- थोड़ा छोटा है, पर प्यारा सा है, बहुत स्वादिष्ट लगता है!

मैंने उसकी बात काटी और बोला-अगर खाना चाहती हो तो चख कर देखो ना!

मेरा इतना बोलना ही था कि मेरा लण्ड उसके मुँह में था। मैं पागल हो रहा था और वो मुझे पागल कर रही थी। सुबह के पाँच बज रहे थे और मुझे लग रहा था कि यह सुबह कभी आए ही ना!

वो कभी मेरे लौड़े को चूसती तो कभी मेरे अण्डकोषों को! और अपनी उंगलियों से मेरे छोटे छोटे चूचुकों को मसल रही थी। मेरा पूरा बदन जल रहा था, मैंने उसे एक झटके में उठाया और पलंग पर लिटा दिया। अब मैं उसे चूमने लगा और उसकी प्यारी सी चूत तक पहुंच गया। मैं तो पागलों की तरह उसकी फ़ुद्दी चाटने और सहलाने लगा और वो मेरा मुँह उसमें घुसवाती रही।

काफ़ी देर ऐसा ही चलता रहा। फ़िर उसने मुझे कहा- हमें जल्दी करना पड़ेगा क्योंकि मुझे जाना भी है।
सुन कर मानो मेरे खड़े लण्ड पर चोट हो गई।
तब वो हंस के बोली- अरे मूर्ख! अभी भी मेरे पास एक घण्टा है, परेशान मत हो!

यह सुनते ही मैं उस पर कूद पड़ा क्योंकि मैं एक पल भी व्यर्थ गंवाना नहीं चाहता था। मैंने उसके दोनों पांव अपने कन्धे पर रखे और एक ही झटके में अपना छः इन्च ला लन्ड उसकी चूत में प्रविष्ट करा दिया। मुझे लगा वो चीखेगी, लेकिन वो तो सिर्फ़ यह बोली- बुरा नहीं है!

और मैं जोर जोर से उसे चोदने लगा, थोड़ी देर में मैं चरम सीमा पर पहुंचने लगा तो मैंने अपना लण्ड निकाल लिया और उसे कहा- मेरे ऊपर आ जाओ!

वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी सवारी करने लगी। दस मिनट में वो अपने चर्मोत्कर्ष पर थी और वो जंगली बिल्ली की तरह चीखी। मैं उसकी चीख सुनकर पागल हो गया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। दो मिनट बाद मैं भी अपने को रोकने में असमर्थ पा रहा था तो मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाला और उसके मुंह के पास ले गया। उसने मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और पालतू कुतिया की तरह चाट चाट कर मेरा सारा वीर्य ऐसे गटक गई मानो कोई स्वास्थ्य पेय हो।

मैंने उसके गालों को चूम लिया और उसे अपने बगल में लिटा लिया। उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया, मेरे सिकुड़ चुके लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगी।

थोड़ी देर में उसने मुझे कहा- मेरे ख्यल से अब हमें चलना चाहिए। यह कह कर वो बाथरूम में चली गई। मैंने भी उठ कर अपने कपड़े पहने और दरवज़े के पास उसका इन्तज़ार करने लगा।

वो एक आकर्षक शर्ट और जीन्स पहन कर बाहर आई और मुझसे कहा- चलो चलें! तुम्हें नींद भी आ रही होगी। चलो मैं तु्म्हें छोड़ आती हूँ।

बाहर आते हुए उसने मुझे 1000 रुपए के कुछ नोट देने चाहे लेकिन मैंने मना कर दिया उअर यह कह दिया कि मुझे आपका साथ अच्छा लगा! मैं वो नहीं हूँ जो आप सोच रही हैं!

यह सुन कर वो हंसने लगी और मेरी कमर पकड़ कर मुझे कार में बिठा कर बांद्रा तक छोड़ दिया, जाते जाते मुझे कहने लगी- मैं भी बांद्रा में रहती हूँ।

सुन कर मुझे झटका सा लगा और खुशी भी हुई। पर मुझे अचानक याद आया कि मैंने हिया का ना तो फ़ोन नम्बर लिय और ना ही कोई पता वगैरह। और अपने पर ही क्रोधित होने लगा।

घर जाकर अचानक मुझे लगा कि मेरी पैन्ट की जेब में कुछ है तो मैंने देखा कि उसमें 1000 के 5 नोट और हिया का कार्ड था।

मुझे नहीं पता कि कब उसने ये सब मेरी जेब में रखा! Indian Sex Stories

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