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Massage Girl in Kamrup Metropolitan: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kamrup Metropolitan who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kamrup Metropolitan that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kamrup Metropolitan massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kamrup Metropolitan who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kamrup Metropolitan massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kamrup Metropolitan massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kamrup Metropolitan who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kamrup Metropolitan employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kamrup Metropolitan helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kamrup Metropolitan

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kamrup Metropolitan at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna

मैं राहुल, 32 साल, मैंने Antarvasna अंतर्वासना की लगभग सारी कहानियाँ पढ़ी हैं. खास कर मुझे अगम्यागमन कहानियाँ ज्यादा अच्छी लगती हैं. वैसे नेहा जी भी अच्छी लिखती हैं. अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ.

मैं जब छोटा था, तब दीदी मुझसे पीठ खुजलाने के लिए बोला करती थी. हम एक ही कमरे में एक ही बिस्तर पर सोया करते थे. फिर कुछ दिनों बाद दीदी मेर हाथ अपने चुच्ची की तरफ आगे बढ़ाने लगी और बोली- यहाँ खुजलाओ!

मुझे थोड़ा अजीब लगा पर मैं दीदी को मना नहीं कर पाता था क्योंकि दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी. फिर दूसरे दिन रात को दीदी बोली- आज नीचे खुजला दे!
तो मैंने पूछा- कहाँ दीदी?

दीदी ने अपनी पेंटी उतार दी और अपनी बुर की ओर इशारा करके बोली- यहाँ!
मैं बोला- दीदी, यहाँ से तो सु-सु करते हैं!
दीदी बोली- हाँ यहीं बहुत खुजली हो रही है.
फिर मैं दीदी की बुर खुजलाने लगा.

फिर दीदी बोली- उसके अंदर जहाँ से सु-सु आता है ना, वहाँ उंगली डाल के खुजला ना!
मैं दीदी की बुर में उंगली डाल के खुजलाने लगा.

फिर इसी तरह कुछ दिन चलता रहा और फिर कुछ दिनों बाद दीदी मामा के घर आगे की पढ़ाई के लिये चली गई.

हम कई बार बीच बीच में मिलते रहे, मामा के घर तो कभी हमारे घर, लेकिन कभी मौका नहीं मिला हमें वैसा मस्ती करने के लिये.

फिर दीदी अपनी पढाई पूरी करके लौटी तो दीदी 24 की हो गई थी.

कुछ दिनों बाद दीदी ने एक दिन मुझ से पूछा- बचपन की बातें याद हैं?
मैंने सर हिला के हाँ कहा, फिर दीदी बहुत खुश हो गई और मेरे गालों को चूम लिया.

अब भी हम लोगों का कमरा एक ही था लेकिन पलंग अलग अलग था. और फिर जब रात को मैं अपने बिस्तर में बरमु्डा पहने गहरी नीन्द में सोया हुआ था तो दीदी ना जाने कब मेरे बिस्तर आ गई और मेरा लण्ड निकाल के सहलाने लगी, मुझे पता ही नहीं चला. मेरा लौड़ा अकड़ के जम के खड़ा हो गया था.

अचानक मेरा नीन्द खुली, देखा कि दीदी के हाथों में मेरा लौड़ा है और वो उसे कभी प्यार से देखती है, कभी सहलाती है और कभी मेरे झाटों से खेल रही है.

तो मैं दीदी से अचानक बोला- दीदी, ये क्या कर रही हो?
दीदी बिल्कुल ही नहीं डरी और बोली- क्यों? तुझे अच्छा नहीं लग रहा है क्या?

फिर मैं क्या बोलता, मुझे तो मजा ही आ रहा था, मैं यूं ही लेटा रहा, फिर मैंने दीदी को बोला- दीदी, इसे मुँह में ले लो ना!

दीदी बोली- क्यों? अभी तो तुझे बुरा लग रहा था! अब कैसे मुँह में लेने के लिए बोल रहा है?
मैं बोला- दीदी प्लीज़ ले लो ना! नाटक क्यों कर रही हो!
दीदी बोली- मुँह में क्या, सब जगह ले लूंगी, लेकिन पहले मेरे पूरे कपड़े खोल के जम के गरम तो करो!

फिर दीदी ने मेरा बरमुडा निकाल के अलग कर दिया, मैंने दीदी को बेड पे ही खड़ा कर दिया और दीदी का टी-शर्ट निकाला, फिर जीन्स!

अब दीदी ब्रा और पेंटी में थी. दीदी पेंटी-ब्रा में क्या गज़ब की मस्त लग रही थी क्योंकि दीदी का फ़िगर 36 28 36 था, बड़े बड़े स्तन और गांड बड़ी बड़ी थी.

दीदी को नंगी देख मैं बहुत खुश हो रहा था और सोच रहा था कि आज तो दीदी मस्त चुदाई करुंगा क्योंकि ये सब मैं जिन्दगी में पहली बार देख रहा था और इन सब चीज़ों के लिये कब से तड़प रहा था.

मैंने दीदी दे स्तनों को ब्रा के ऊपर से खूब दबाया. फिर मैंने दीदी की पेंटी नीचे खिसका दी.

दीदी की बुर तो देखते ही बनती थी क्योंकि दीदी की बुर बिल्कुल साफ़ और डबलरोटी की तरह फूली हुई थी.

फिर मैंने दीदी की बुर की फांकों को खोल के देखा- क्या बुर थी दीदी की, बिल्कुल गुलाबी-गुलाबी! ऐसा लग रहा था जैसे किसी राजा के महल में गुलाबी परदे लगे हों!

मैं अब बिल्कुल रोमांच से भर गया था और ऐसा लग रहा था कि कहीं मैं कोई सपना तो नहीं देख रहा हूँ. मैंने दीदी से बोला- अब तो मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लो!

दीदी भी बिल्कुल गरम हो चुकी थी, दीदी ने मुझसे बेड पे लेटने के लिये कहा और खुद मेरे टांगों के बीच में आ के बैठ गई.

मेरा लण्ड बिल्कुल छत की ओर ऐसे खड़ा था जैसे कोइ झंडे का डंडा खड़ा हो.

दीदी बड़े प्यार से मेरे लण्ड को फिर से सहलाने लगी और अंडे को चाटने लगी.

मैंने पहले कभी मुठ नहीं मारा था इसीलिये मेरे सील टूटी नहीं थी और ना ही मैंने कभी झांट साफ किये थे इसलिये मेरे बड़े बड़े झांट भी थे.

मेरे अंडों को चाटते हुए दीदी लण्ड की ओर बढ़ने लगी और फिर लण्ड की जड़ के चारों ओर चाटने और हल्का हल्का काटने लगी.
मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था और इंतज़ार कर रहा था कि कब दीदी मेरे लण्ड को अपने मुँह में भरेगी!

दीदी से स्तन मेरी जांघों में रगड़ खा रहे थे, मैं तो बिल्कुल सातवें आसमान में था.

मेरे लण्ड के चारों ओर से काटते, चाटते हुए दीदी सुपाड़े की तरफ धीरे धीरे बढ़ रही थी.
ऐसा लग रहा था कि दीदी मुझे जानबूझ के तड़पा रही हो.

फिर दीदी ने मेरे सुपाड़े के छेद में जीभ लगाई और धीरे धीरे जीभ से चाटने लगी और फिर थोड़ी देर बाद आखिर दीदी ने मेरे सुपाड़े को अपने मुँह में भर ही लिया.
और जैसे दीदी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में भरा, मेरा पूरा शरिर ही झनझना गया, ऐसा लगा कि मेरा बरसों का इंतज़ार खत्म हुआ और बरसों की तमन्ना पूरी हुई.

फिर दीदी लगी जम के लण्ड चुसाई करने.

थोड़ी देर बाद मुझे पेशाब लगी, मैं बोला- दीदी एक मिनट रुको! मैं सु-सु करके आता हूँ!
दीदी बोली- नहीं यहीं करो सु-सु!
मैं बोला- दीदी यहाँ कहाँ करुँ सु-सु?
दीदी बोली- मेरे मुँह में!

मैं बोला- दीदी मुझे बड़ी जोर से सु-सु लगी है और एक बार जो सु-सु करना शुरु होगा तो मैं बीच में नहीं रोक सकूंगा और फिर बिस्तर भी गीला हो जायेगा.
दीदी बोली- मैं नीचे बैठ जाती हूँ, मुझे एक बर थोड़ा सा स्वाद चखना है और अगर अच्छा लगा तो पूरा पी जाऊँगी!

फिर दीदी नीचे बैठ गई, मैं दीदी के मुँह में लण्ड डाल लगा मूतने जोरों से!
दीदी दो चार घूंट पी गई लेकिन पूरा मुँह भर जाने के कारण पी नहीं सकी और फिर अपने चेहरे पर, वक्ष पर, बुर में गिराने लगी.

मैंने पूछा- दीदी, कैसा लगा स्वाद?
दीदी बोली- बहुत ही मजा आ रहा था, लेकिन थोड़ा धीरे धीरे करते तो मैं पूरा पी जाती!
मैं बोला- ठीक है, अगली बार धीरे धीरे करुंगा!

फिर दीदी ने कमरे में पोंछा लगाया और बोली- अब तुम थोड़ा स्वाद ले के देखो सु-सु का!
मैं बोला- नहीं मुझे नहीं करना है टेस्ट! दीदी बोली- बिल्कुल थोड़ा सा ही करुंगी, अगर अच्छा नहीं लगा तो दुबारा नहीं बोलूंगी!

फिर मैं नीचे लेट गया और दीदी मेरे मुँह में बुर लगा के ऐसे बैठ गई जैसे बाथरुम में सु-सु करते हैं और लगी जोर लगाने सु-सु करने को.
लेकिन दीदी को तो सु-सु लगी ही नहीं थी इसलिये बहुत जोर लगाने से 4-5 बून्द सु-सु ही कर पाई मेरे मुँह में.

दीदी ने पूछा- कैस लगा टेस्ट?
मैं बोला- बहुत ही नमकीन, खटटा और थोड़ी बदबू भी!
दीदी बोली- मुझे तो अच्छा लगा!

मैं बोला- लेकिन दीदी आपकी बुर चाटने मजा आ रहा था!
तो दीदी बोली- तो फिर जम बुर ही चाट दो!

फिर हम बिस्तर में आ गये और मैं दीदी के होंटो पे चुम्बन करने और चूसने लगा.

दीदी के होंटो को चूसते, चाटते हुए दीदी के कान पे जीभ फिराने लगा. दीदी बहुत ही गरम हो गई थी, कान को चाटते गले से होते हुए वक्ष को चाटने लगा लेकिन दीदी के चुचूकों के पास जा कर चुचूक को मुँह में लिये बगैर ही दूर हो जाता था. दीदी चुचूक चुसवाने के लिये तड़पने लगी और जबर्दस्ती मेरे मुँह में अपने चुचूक पकड़ के ठूंस दिए.

मैं दीदी का एक चुचूक चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने सहलाने लगा.

फिर धीरे धीरे मैं दीदी की बुर की ओर बढ़ने लगा और बुर के चारों ओर चूस-चूस दीदी की बुर लाल कर दी.
दीदी बुर चटवाने के लिये छटपटाने लगी और मेरा सर पकड़ के जबर्दस्ती अपने बुर में धंसा दिया. मैं लगा दीदी की बुर और बुर के दाने चूसने-चाटने!

फिर थोड़ी देर में हम फिर 69 करने लगे. दीदी फिर से मेरा लण्ड जम चूसने लगी.

मैं बेड पे खड़ा हो गया और दीदी घुटनों के बल बैठ गई, मैंने दीदी का सर पकड़ के लौड़ा घुसा दिया.

दीदी ओ-ओ करने लगी और दीदी की आंख से आंसू आ गये.
मैं दीदी के मुँह को बड़े प्यार चोदने लगा.

दीदी ने एक हाथ से मेरी गांड को सहलाते हुए मेरे गाण्ड के छेद में एक उंगली घुसेड़ दी.

अब मुझे डबल मजा आने लगा. फिर दीदी दूसरे हाथ मेरे लण्ड को हिलाते हुए चूसने लगी.
मेरे लण्ड में हल्का हल्का दर्द होने लगा. दीदी बड़े जोरों से मेरे लण्ड हिलाने और चूसने लगी और दूसरे हाथ की दो ऊँगलियाँ मेरी गांड में घुसेड़ के अंदर-बाहर करने लगी.

मुझे बहुत मजा आने लगा और पूरा शरीर अकड़ने लगा और मैं दीदी के मुँह में ही झड़ गया.

दीदी मेरा पूरा लण्ड का रस चूस-चूस के पी गई.

मेरा लण्ड खड़ा तो था लेकिन थोड़ा ढीला पड़ गया था और दर्द भी होने लगा था.
दीदी तो लौड़े का रस पी के बिल्कुल गरम हो चुकी थी और बोली- भाई, अब मुझे जम के चोद दो!

मैं बोला- दीदी लण्ड तो खड़ा है लेकिन इसमें दर्द बहुत हो रहा है मैं चोद नहीं सकूंगा!
दीदी बोली- कोई बात नहीं, जब तुम्हारा लण्ड सही हो जायेगा तब चोद देना! लेकिन अभी तो इसे चूस-चाट के झड़ा दो!
मैं बोला- दीदी, हाँ! मैं ये कर सकता हूँ!

फिर दीदी टांग फैला के लेट गई और मैं दीदी की चूत चाटने लगा. दीदी मेरा सर पकड़ के जोर जोर से चटवा रही थी. फिर दीदी मेरे मुँह पे ही झड़ गई.

इसी तरह रात भर में 5-6 बार मेरे मुँह में झड़ी और मैं दीदी का सारा माल चाट-चाट कर पी गया और जब घड़ी देखी तो सुबह के पांच बज रहे थे.

हम दोनों थक के चूर हो गये थे और फिर हम लुढ़क के चिपक के सो गये.

और आगे कहानी सुनने के लिये मुझे मेल करें और बताएं कि मेरी कहानी कैसी लगी. Antarvasna

हेल्लो रीडर्स! Sex Stories

मैं लक्ष्य हूँ दिल्ली से ! आई ऍम Sex Stories अ काल बॉय. मैं फ़िर आपको अपना नया अनुभव सुनाने आया हूं।

मेरी पिछली कहानी पढने के बाद कई लोगों ने मुझे ई-मेल भेजे, जिनमें एक दिल्ली की ही एक लड़की का था। उसने अपना फ़ोन नम्बर दिया हुआ था। मैंने उसे फ़ोन किया ओर बताया तो उसने कहा कि वो देहरादून की रहने वाली है और नोयडा में जोब करती है और लक्ष्मीनगर में रहती है।

तो मैंने उसे बताया कि मैं भी नजदीक ही मयूर विहार में रहता हूँ जब भी उसे सर्विस चाहिए तो मुझे मेल कर बुला सकती है तो उसने मुझे सन्डे को अपने फ्लैट पर आने के लिए कहा.

मैंने सन्डे को सुबह ११ बजे उसके फ्लैट के पास पहुँच कर फोन किया तो वो गेट पर मुझे लेने आ गई. फ़िर मैं उसके फ्लैट पर गया तो देखा कि वो २ रूम्स का फ्लैट था तब उसने बताया कि उसकी फ्रेंड्स भी उसके साथ रहती हैं और वो जॉब पर गई हुई हैं.

फ़िर हम दोनों बातें करने लगे तो उसने बताया कि उसने मेरी कहानी पढी, वो उसे अच्छी लगी और वो भी कोई साथी चाहती है गुप्त सेक्स के लिए. तो मैंने उसे आश्वस्त किया कि मेरा काम इसी पर निर्भर है कि बात छिपी रहे.

तभी वो उठी और बियर कि बोतल फ्रीज में से निकल लायी और बोली- मैंने कहानी में पढा था कि आपको पीने के बाद करना पसंद है. फ़िर हमने बियर पीनी शुरू की। धीरे -२ वो मेरे नजदीक आ गई और उसने मुझे गाल पर किस किया और मैंने भी कस कर गले लगा लिया और बेतहाशा किस उसके गले और लिप्स पर करने लगा. क्या रसभरे होंठ थे उसके. फ़िर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी, उसने मेरी शर्ट. हम एक -दूसरे को किस करते रहे और नंगे होते रहे.

फ़िर मैं उसे गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया. तब मैंने गौर से उसे देखा क्या सुंदर साइज़ था उसका ३४ -२८ -३२. मैं उसके बूब्स को चूसने लगा उसके मुंह से आवाजें निकल रही थी- आ आ आया आ अ -औ ऊ ओऊ ओह ह्ह्ह हह जोर से —ओ ऊ ऊह ह्ह्छ हह उसके हाथ मेरे बालों और मेरी कमर पर घूम रहे थे. फ़िर वो उठ कर नीचे बैठ गई और मेरे ७ इंच के मोटे लंड को किस करने लगी, फ़िर धीरे से उसे अपने नरम होठों में दबाकर चूसने लगी। मैं तो जैसे स्वर्ग की सैर कर रहा था.

तभी मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल कर अन्दर बाहर करना शुरू किया तो वो बोली धीरे करो दर्द हो रहा है, यह मेरा पहली बार है. काफी देर फोरप्ले के बाद जब मैंने देखा कि वो भी उत्तेजित हो गई है तो मैंने उसकी टाँगें फैलाकर अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और एक झटका दिया तो वो रोने लगी कि दर्द हो रहा है तो मैंने उसे क्रीम लेन के लिए कहा वो क्रीम लेकर आई और मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई, फ़िर मैंने झटका दिया तो मेरा लंड ३ इंच अन्दर चला गया वो चिल्लाई ईई आया आ आ आह हह माँ आया आया अ आ आ मर गई ई ई

पर मैं लगातार धक्के लगाता रहा थोड़ी देर बाद दर्द कम होने पर वो कमर हिलाकर सहयोग देने लगी. फ़िर मैंने उसे कुतिया स्टाइल में चोदना शुरू किया करीब २५ मिनट उसे चोदने के बाद जिसमे वो ३ बार डिसचार्ज हो चुकी थी. मैंने उसे कहा कि मैं डिसचार्ज होने वाला हूँ तो उसने कहा कि अन्दर मत करो। तो जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला तो उसने अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी तभी मेरे लंड ने बारिश शुरू की और ६ -७ तेज़ धार सीधे उसके मुंह में उडेल दी.

वो भी थक कर वहीँ बेड पर लेट गई. ½ घंटे के बाद मैंने कपड़े पहने और जाने लगा तो उसने मुझे मेरी फीस के ३००० रुपए दिए और किस करके कहा कि मैं जल्दी ही तुम्हे अपनी फ्रेंड्स की सर्विस के लिए भी बुलाऊंगी. Sex Stories

Hindi Sex Stories

मेरा प्लैन है कि एम-डी महेश की Hindi Sex Stories बेटी मीना को उसकी आँखों के सामने चोदें”, प्रीती ने सिगरेट सुलगाते हुए कहा।

“क्या तुम्हें लगता है कि एम-डी अपने खास दोस्त की बेटी को चोदेगा?” मैंने कुछ सोचते हुए पूछा।

“एम-डी इतना हरामी है कि अगर मौका मिले तो वो अपनी बहन और बेटी को भी चोदने से बाज़ नहीं आयेगा, तुम इस बात की परवाह मत करो, सब मुझपर छोड़ दो”, प्रीती ने हँसते हुए कहा।

“तुम मीना को कैसे तैयार करोगी?”

“कुछ महीने पहले की बात है, मैं मीना से उसके ग्रैजुयेशन के बाद मिली थी और पूछा था कि वो आगे क्या करना चाहती है। तब उसने ‘एम-ए करना है’, कहा था। लेकिन अब वो नौकरी ढूँढ रही है। उसने मुझे तुमसे बात करने के लिये भी कहा है। जबसे महेश ने अपना सब कुछ गंवा दिया है, वो नौकरी कर के पैसा कमाना चाहती है”, प्रीती ने जवाब दिया।

“इस बात को तुम महेश से कैसे छुपाओगी?”

“मुझे छुपाने की कोई जरूरत नहीं है, मीना ही इस बात को छुपाएगी। क्योंकि जब मैंने उस से कहा कि तुम खुद अपने पिताजी से बात क्यों नहीं करती तो उसने मुँह बनाते हुए कहा कि वो नहीं चाहते कि मैं नौकरी करूँ”, प्रीती ने हँसते हुए कहा।
“लगता है तुमने काफी सोच कर ये प्लैन बनाया है, लेकिन तुम ऐसा क्या करोगी कि महेश अपनी बेटी को चुदवाते देखता रहे और कुछ ना कर पाये?” मैंने पूछा।

“उसी तरह जिस तरह तुम खड़े-खड़े अपनी बहनों को चुदवाते देखते रहे और कुछ नहीं कर पाये”, प्रीती ने जवाब दिया।

“ठीक है! फिर मीना का चुदाई दिवस कौन सा है?”

“पाँच दिन के बाद, इस महीने की १९ तारीख को”, उसने जवाब दिया।

“कुछ खास वजह ये दिन तय करने का?”

“हाँ मेरे सुनीला! वो दिन तुम्हारे एम-डी का जन्मदिन है और मीना की कुँवारी चूत एम-डी को महेश की तरफ से जन्मदिन का तोहफ़ा होगी”, प्रीती जोर से हँसते हुए बोली।

१९ तारीख की सुबह मुझे ऑफिस में प्रीती का फोन आया, “सुनील! तुम साढ़े तीन बजे तक घर पहुँच जाना। मैंने मीना को यहाँ बुलाया है, वो चाहती है कि हम उसके साथ एम-डी के सूईट में जायें। मैंने एम-डी को बोल दिया है कि हम चार बजे पहुँच जायेंगे इंटरव्यू के लिये।”

मैं ठीक साढ़े तीन घर पहुँचा तो प्रीती और मीना को कोक पीते हुए देखा। मीना को मुँह बनाते देख मैंने पूछा, “तुम क्या पी रही हो मीना?”

“मीना जब यहाँ आयी तो कुछ नर्वस लग रही थी, इसलिये मैंने इसे कोक पीने को दे दिया जिससे ये कुछ शाँत हो जाये और इंटरव्यू देने में आसानी हो”, प्रीती ने शरारती मुस्कान के साथ कहा।

“तुमने ठीक किया, इससे जरूर आसानी हो जायेगी”, मैंने कहा।

“आपको ऐसा लगता है सर?” मीना ने पूछा।

“अब हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है, मीना तुम अपना कोक फिनिश कर के चलने के लिये तैयार हो जाओ, हमें देर हो रही है?” प्रीती ने बात को बदलते हुए मीना से कहा।

जब हम ठीक चार बजे एम-डी के सूईट में दाखिल हुए तो उसे हमारा इंतज़ार करते पाया, “महेश कहाँ है?”

“महेश रास्ते में हैं और थोड़ी देर में यहाँ पहुँच जायेंगे, तब तक आपको इंटरव्यू स्टार्ट कर देना चाहिये।”

इतने में मीना ने अपना सिर पकड़ते हुए कहा, “प्रीती दीदी मुझे पता नहीं क्यों चक्कर आ रहे हैं।”

प्रीती ने एम-डी को आँख मारते हुए कहा, “सर! आप इसे सोफ़े पर क्यों नहीं लिटा देते।”

एम-डी ने मीना को कंधों से पकड़ कर सोफ़े पर लिटा दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा। अब वो उसकी चूत कपड़ों के ऊपर से ही सहला रहा था। जब मीना को इस बात का एहसास हुआ तो एम-डी का हाथ झटकते हुए बोली, “सर ये आप क्या कर रहे हैं?”

“तेरी कुँवारी चूत का इंटरव्यू लेने की तैयारी कर रहे हैं!” प्रीती ने हँसते हुए कहा।

“तो क्या एम-डी मुझे चोदेंगे?” मीना ने घबराते हुए पूछा।

“हाँ मीना! पहले ये तेरी कुँवारी चूत चोदेंगे और बाद में तेरी गाँड मारेंगे”, प्रीती बोली।

“क्या ये सब जरूरी है?”

“हाँ मीना, एम-डी का इंटरव्यू लेने का यही तरीका है। अब ये तुम पर निर्भर करता है। अगर तुम्हें नौकरी चाहिये तो एम-डी से चुदवाना होगा, क्या तुम्हें नौकरी नहीं चाहिये?” प्रीती बोली।

“प्रीती दीदी! मुझे नौकरी की सख्त जरूरत है”, मीना अपनी चूत को सहलाते हुए बोली। कोक ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था।

“तो क्या तुम सहयोग देने को तैयार हो?” प्रीती ने पूछा।

“हाँ दीदी! मैं वो सब करूँगी जो मुझसे करने को कहा जायेगा”, मीना खुले आम अपनी चूत खुजलाते हुए बोली।

“सर! आप मीना को बेडरूम में ले जाइये।” प्रीती ने एम-डी से कहा, “और हाँ सर! जरा संभल कर करना, ये मेरी छोटी बहन की तरह है।” एम-डी ने सिर हिलाया और मीना को बेडरूम में ले गया।

उनके जाते ही प्रीती मुझसे बोली, “सुनील! जल्दी से महेश को फोन करके बोलो कि वो दस मिनट में यहाँ पहुँच जाये नहीं तो बहुत देर हो जायेगी। मैं चाहती हूँ कि वो अपनी आँखों से एम-डी को मीना की कुँवारी चूत चोदते देखे।”

मैंने महेश को फोन लगाया, “सर! सुनील बोल रहा हूँ!”
“कहाँ हो तुम, मैं तुम्हें एक घंटे से ढूँढ रहा हूँ।”

मैंने उसकी बात काटते हुए कहा, “सर! मैं एम-डी के साथ उनके सूईट में हूँ। उनके साथ एक कुँवारी चूत भी है, आपको जल्दी से पहुँचने के लिये कहा है।”

“मुझे पहले क्यों नहीं बताया? एम-डी से कहना मैं दस मिनट में पहुँच जाऊँगा और मेरे आने से पहले वो शुरुआत ना करें”, कहकर महेश ने फोन पटक दिया।

“वो यहाँ दस मिनट में पहुँच जायेगा, और वो चाहता है कि एम-डी उसके आने से पहले शुरुआत नहीं करें”, मैंने कहा।
“ठीक है, आने दो उसे। आओ सुनील! हम देखते हैं कि एम-डी क्या कर रहा है”, प्रीती ने टीवी ऑन करते हुए कहा।

हमने टीवी पर देखा कि एम-डी मीना को नंगा कर चुका था और उसे बिस्तर पर लिटा कर उसकी छातियाँ चूस रहा था। “एम-डी ने अब तक उसकी चूत क्यों नहीं फाड़ी?” मैंने पूछा।

“पता नहीं क्यों? वरना तो उसे एक मिनट का भी सब्र नहीं है।”

अब एम-डी मीना की चूत चाट रहा था। उसकी दोनों टाँगें हव में उठी हुई थी, और उसकी चूत का छेद साफ दिखायी दे रहा था। इतने में महेश सूईट में दाखिल हुआ, “एम-डी कहाँ है?”

“लो तुम खुद अपनी आँखों से देख लो?” प्रीती ने टीवी की ओर इशारा करते हुए कहा। टीवी की और देखते हुए महेश ने कहा, “मैं सोच रहा हूँ कि मैं भी बेडरूम में चला जाऊँ।”

“नहीं महेश! तुम अंदर नहीं जा सकते, एम-डी बहुत नाराज़ थे तुम्हारे देर से आने पर, इसलिये खास तौर पर बोले कि जब तक मैं ना बोलूँ, कोई अंदर नहीं आयेगा। आओ यहाँ बैठो और व्हिस्की पियो”, प्रीती ने महेश को व्हिस्की का ग्लास पकड़ाते हुए कहा। हम दोनों तो पहले से ही व्हिस्की पी रहे थे।

“मेरा नसीब! सुनील तुमने मुझे पहले क्यों नहीं फोन किया?” महेश झल्लाते हुए बोला।

“सर! मुझे जैसे ही कहा गया, मैंने आपको फोन किया।”

“महेश वो देखो! इस लड़की की चूत का छेद कितना छोटा है!” प्रीती ने टीवी की और इशारा करते हुए कहा।

“हाँ काफी छोटा है, पर मैं जानता हूँ ये छेद ज्यादा देर तक छोटा नहीं रहेगा”, महेश ने हँसते हुए ग्लास में से बड़ा घूँट लिया।

एम-डी अब मीना के ऊपर लेटा हुआ था और उसकी कुँवारी चूत को फाड़ने को तैयार था। “तुम्हें थोड़ा दर्द होगा संभाल लोगी ना?” एम-डी की आवाज़ आयी।

“सर! प्लीज़ धीरे-धीरे करना, मेरी चूत अभी भी कुँवारी है”, मीना ने जवाब दिया।

“ये… ये आवाज़…… ये आवाज़ किसकी है, मुझे कुछ जानी पहचानी लग रही है”, महेश सोफ़े पर से उछलते हुए बोला। टीवी पर अपनी नज़रें गड़ाते हुए वो जोर से चींखा, “ओह गॉड! ये तो मेरी बेटी मीना है, मुझे अभी और इसी वक्त एम-डी को रोकना होगा”, और एक ही साँस में अपना ग्लास खाली कर दिया। उसी वक्त एम-डी ने जोर से अपना लंड मीना की चूत में डाल दिया।

“ओहहह माँ… आँ मर गयी, वो जोर से चिल्लायी, बहुत दर्द हो रहा सर।”

“क्या रोकोगे?” प्रीती जोर से हँसते हुए बोली, “एम-डी का लंड मीना की चूत में घुस चुका है। महेश, अब मीना कुँवारी नहीं रही, बेहतर होगा कि चुपचाप बैठ कर देखो और व्हिस्की पियो। अपना सब कुछ तो गंवा चुके हो… अब नौकरी से भी हाथ धो बैठोगे।” प्रिती ने कहते हुए उत्तेजना में अपना व्हिस्की का ग्लास एक साँस में पी लिया।

महेश सोफ़े पर ढेर होते हुए बोला, “हे भगवान! ये क्या हो गया! अब मैं क्या करूँ! ये कैसे हो गया।”

प्रीती मजे लेते हुए महेश को और जलाने लगी, “देखो महेश! कैसे एम-डी जोर-जोर से मीना की चूत में अपना लंड डाल रहा है। तुमने देखा सुनील! कैसे एम-डी ने मीना की कुँवारी चूत फाड़ दी? सुनील! महेश को एक ग्लास व्हिस्की का और बना के दो, लगता है इसे इसकी जरूरत है”, प्रीती ने हँसते हुए कहा।

मैंने महेश को ग्लास बनाकर दिया। ग्लास लेते हुए महेश गुस्से में बोला, “साली कुत्तिया! मुझे मत सिखा कुँवारी चूत कैसे चोदी जाती है, मुझे मालूम है, पहले ये बता मीना यहाँ कैसे पहुँची।”

“अच्छा वो! मैं उसे नौकरी के लिये इंटरव्यू दिलवाने यहाँ लायी थी।”

“मगर एम-डी ने तो मीना को पहचान लिया होगा और उसके बावजूद एम-डी ने ये सब किया”, महेश थोड़ा शाँत होते हुए बोला।

“तो क्या हुआ? तुम्हें तो मालूम है कि हमारी कंपनी में नौकरी देने का रूल क्या है। मीना तुम्हारी बेटी है तो क्या एम-डी कंपनी के रुल बदल देते? माना एम-डी ने मीना को पहचान लिया था लेकिन कुँवारी चूत चोदने के खयाल ने ही उन्हें इतना बेचैन कर दिया कि वो तुम्हारे बिना ही शुरू हो गये”, प्रीती खिल खिलाते हुए बोली। वो शराब के नशे और खुशी से सातवें आसमान पर थी।

“ओह गॉड! मैं क्या करूँ? उसकी माँ को मैं क्या जवाब दूँगा?” महेश ने अपना सिर दोनों हाथों से पकड़ लिया।

“अब तुम्हें सब याद आ रहा है! जब तुम्हारा कोई अपना तुम्हारे इस गंदे खेल में फँस गया।”
“इसका मतलब तुमने ये सब जानबूझ कर किया?” महेश ने पूछा।
“हाँ! तुम क्या समझते हो?” प्रीती ने जवाब दिया।
“पर क्यों? प्रीती! मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था जो तुमने मुझे ऐसी सज़ा दी?” महेश की आँखों से आँसू बह रह थे।

“कितने हरामी आदमी हो तुम। कितनी जल्दी सब भूल जाते हो। क्या तुम्हें याद नहीं कि किस तरह तुमने मेरे पति को ब्लैकमेल किया, रिशवत का लालच दिया, जिससे तुम मुझे चोद सको? हाँ महेश! ये मेरा बदला था तुम्हारे साथ। तुम्हारी वजह से मैं एक पतिव्रता औरत से एक ऐय्याश, सिगरेट-शराब पीने वाली वेश्या बन गयी”, प्रीती ने जवाब दिया।

“हे भगवान! मैंने अपने आप को किस मुसीबत में फँसा लिया है।”

“महेश देखो! मीना के चूतड़ कैसे उछल-उछल कर साथ दे रहे हैं, लगता है उसे अपनी पहली चुदाई में कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा है”, प्रीती ने टीवी की तरफ इशारा करते हुए कहा। बदले में महेश ने व्हिस्की की बॉटल उठा ली और नीट पे नीट पीने लगा।

“ओहहह सर! अच्छा लग रहा है”, मीना सिसकरी भर रही थी, “हाँ सर! ऐसे ही करते जाइये, और तेजी से ओहहह आआआहहह हाँ!!! और तेजी से सर! मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है।”

“चूत में खुजली हो रही है? तुमने इस लड़की के साथ क्या किया?” महेश जोर से चिल्लाया।

“वही जो तुमने मेरे साथ किया था”, प्रीती ने जवाब दिया, “मैंने तुम्हारा वो स्पेशल दवाई मिला हुआ कोक इसे इतना पिला दिया है कि ये सारी रात दस-दस मर्दों से भी चुदवा लेगी तो इसकी चूत की खुजली नहीं मिटेगी।”

इससे पहले कि महेश कुछ कहता मीना जोर से चिल्लायी, “ओह सर!!!! जोर से, हाँ और जोर से हाँआंआंआंआं इसी तरह करते रहो… ऊऊऊऊईई माँआंआंआं! हाँआंआं सर!! लगता है मेरा छूट रहा है।”

महेश ने दोनों हाथों से अपने कान बंद कर लिये। प्रीती जोरों से हँस रही थी। इतने में ही एम-डी भी चिल्लाया “हाआआआ ये ले… और ले…” और अपना पानी मीना की कुँवारी चूत में छोड़ दिया। अब दोनों अपनी साँसें संभालने में लगे थे।

कमरे में एक दम खामोशी छायी हुई थी। महेश ड्रिंक पर ड्रिंक ले रहा था। प्रीती भी ड्रिंक पीते हुए ना जाने किस सोच में डूबी हुई थी कि इतने में एम-डी की आवाज़ सुनाई दी, “मीना! अब तुम घोड़ी बन जाओ! मैं तुम्हारी गाँड में अपना लंड डालुँगा।” मीना एम-डी की बात मानते हुए घोड़ी बन गयी।

महेश ने चौंक कर टीवी स्क्रीन की ओर देखा और जोर से चिल्लाया, “नहीं!!! अब ये उसकी गाँड भी मारेगा?”

“मीना तुम्हें पता है? महेश हमेशा मुझसे कहता था कि सर आपको कुँवारी गाँड मारना नहीं आता, आज मैं उसकी बेटी की कुँवारी गाँड मार कर सिखाऊँगा, क्या कहती हो?” कहकर एम-डी ने अपना खड़ा लंड उसकी गाँड के छेद पर रख दिया।

“आप जैसा कहें सर! मेरा जिस्म आपके हवाले है”, मीना ना जवाब दिया।

“नहीं सर प्लीज़ नहीं! मेरी बेटी के साथ ऐसा ना करें… ओह सुनील! तुम कुछ करो ना प्लीज़!!” महेश मुझसे गिड़गिड़ाते हुए बोला।

“क्यों अब क्या हो गया? याद है, तुमने मुझे बताया था कि गाँड कैसे मारी जाती है। क्या तुम मेरी बहन मंजू को भूल गये… जब उसने धीरे से डालने को कहा था! तब तुमने एक ही धक्के में अपना लंड उसकी गाँड में डाल कर उसकी गाँड फाड़ दी थी। अब तुम्हारी बेटी की बारी आयी तो चिल्ला रहे हो।”

“सुनील तुम भी मेरे खिलाफ़ हो रहे हो?” महेश रोते हुए बोला।

उसी समय एम-डी ने जोर से अपना लंड मीना की गाँड में घुसा दिया और मीना के मुँह जोर से दर्द भरी चींख निकल गयी, “ऊऊऊईईई माँ मर गयीईईईई, निकालो अपना लौड़ा मेरी गाँड में से.. निकालो! मेरी गाँड फट रही है… बहुत दर्द हो रहा है।”

उसकी चींखों की परवाह ना करते हुए एम-डी अब और तेजी से अपने लंड को उसकी गाँड के अंदर बाहर कर रहा था और मीना रो रही थी। “ओह गॉड! मेरी ”, महेश अब और तेजी से ड्रिंक कर रहा था।

मैं और प्रीती महेश को तड़पता हुआ देख रहे थे। उसी समय एम-डी नंगा ही कमरे में आ गया। प्रीती ने जल्दी से टीवी ऑफ कर दिया।

“गुड प्रीती, मज़ा आ गया!” उसने कहा और जब महेश को देखा तो बोला, “महेश! मेरे दोस्त! तुम शानदार दोस्त हो। मीना कमाल की लड़की है। उसकी चूत इतनी टाइट है कि मैं क्या कहूँ! ठीक उस कॉलेज की लड़की की चूत की तरह जिसे हमने कल चोदा था। मुझे नहीं मालूम था कि तुम मेरा इतना खयाल रखते हो।”

“म…म… म…मैं”, महेश ने हकलाते हुए कहा।

“तुम्हें कुछ कहने की जरूरत नहीं है! मुझे प्रीती ने सब बता दिया है”, एम-डी ने कहा।

“क्या प्रीती ने सब बता दिया?” महेश ने चौंकते हुए स्वर में कहा।

“हाँ मेरे दोस्त! उसने मुझे बताया कि किस तरह तुम कई दिनों से किसी कोरी चूत की तलाश में थे जिसे तुम मेरे जन्मदिन पर तोहफ़ा दे सको और जब तुम्हें कोई नहीं मिला तो अपनी ही बेटी को ये कहकर भेज दिया कि उसका इंटरव्यू है। तुम बहुत समझदार हो महेश”, एम-डी ने कहा, “महेश! उठो, मीना तुम्हारा इंतज़ार कर रही है, जाओ और मजे लो।”

“प्लीज़ सर! महेश को ऐसा करने को कह कर शर्मिंदा ना करें, आखिर में वो इसकी बेटी है”, मैंने धीरे से एम-डी से कहा।

“तुम नहीं जानते सुनील! महेश के लिये चूत, चूत है! वो चाहे जिसकी हो। हाँ, एक आम आदमी मेरी और तुम्हारी तरह शायद शर्म से मर जाये, पर महेश नहीं! इसने मुझे एक बार बताया था कि किस तरह इसने अपनी दो बहनों को चोदा था और तब तक चोदता रहा जब तक उनकी शादी नहीं हो गयी।” एम-डी ने हँसते हुए कहा और महेश से बोला, “उठो महेश! क्या सोच रहो हो? एक बहुत ही कसी और शानदार चूत तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।”

“अभी नहीं! शायद बाद में”, महेश बड़बड़ाया।

“सुनील! जाके देखो तो मीना क्या कर रही है?”

मैं मीना को देखने बेडरूम में गया और थोड़ी देर बाद उसे साथ ले कर कमरे में आया। अपने पिताजी को देख कर मीना अपना नंगा बदन ढाँपने लगी और मेरे पीछे छुप कर अपनी चूत छुपानी चाही।

“मीना! तुम्हें अपनी चूत अपने डैडी से छुपाने की जरूरत नहीं है। अगर ये तुम्हें चोदना नहीं चाहता तो कम से कम इसे तुम्हारी चूत तो देखने दो”, एम-डी ने उसे अपने पास खींचते हुए कहा, “क्या अब भी तुम्हारी चूत में खुजली हो रही है?”

“हाँ सर! बहुत जोरों से हो रही है”, मीना ने कहा।

“शायद ये दूर कर दे”, कहकर एम-डी ने सोफ़े पर बैठ कर मीना का अपनी गोद में बिठा लिया और अपना लंड नीचे से उसकी चूत में घुसा दिया।

“अब तुम ऊपर नीचे हो और चोदो”, एम-डी ने मीना से कहा।

मीना उछल-उछल कर एम-डी के लंड पर धक्के मारने लगी।

“सुनील! तुम वहाँ अपना खड़ा लंड लिये क्या कर रहे हो? यहाँ आओ और अपना लंड इसे चूसने को दे दो।” मैंने अपने कपड़े उतार कर अपना लंड मीना के मुँह में दे दिया। महेश चुपचाप सब देखता रहा और, और ज्यादा व्हिस्की पीने लगा। प्रीती भी काफी उतीजित हो गयी थी और दूसरे सोफ़े पर बैठी, अपनी साड़ी ऊपर उठा कर अपनी चूत रगड़ रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी।

कमरे में हम चारों कि सिसकरियाँ सुनाई दे रही थी। मीना को भी खूब मज़ा आ रहा था और वो और तेजी से उछल रही थी। “और जोर से उछलो”, एम-डी ने कहा, “हाँ ऐसे ही अच्छा लग रहा, शायद मेरा छूटने वाला है, तुम्हारा क्या हाल है सुनील?”

“बहुत अच्छा सर! मैं भी ज्यादा दूर नहीं हूँ”, कहकर मैंने मीना का सिर पकड़ कर अपने लंड को और उसके गले तक डाल दिया।

“मीना सुनील का पानी पीना मत भूलना! तुझे अच्छा लगेगा”, एम-डी ने कहा।

“ओहहहह मीना!! और तेजी से… मेरा छूटने वाला है”, कहकर एम-डी ने अपना सारा वीर्य मीना की चूत में उढ़ेल दिया।

मैं भी कस कर उसके मुँह को चोदने लगा। मीना तेजी से मेरे लंड को चूसे जा रही थी। “हाँआँआँ चूस… और जोर से चूस!” और मेरे लंड ने मीना के मुँह में पिचकारी छोड़ दी। मीना भी एक-एक बूँद पी गयी और अपने होंठों पे ज़ुबान फिरा कर मेरे लंड को चाटने लगी।

“मीना! कपड़े पहनो और चलो यहाँ से?” महेश ने नशीली आवाज़ में कहा।

“महेश सुनो! यहाँ रुको और मज़े लो, अगर मज़ा नहीं लेना है तो घर जाओ! मीना कहीं नहीं जायेगी, अभी मेरा दिल इसे चोदने से भरा नहीं है”, एम-डी ने कहा।

“हाँ पापा! आप घर जाइये! मैं यहीं रुकना चाहती हूँ, मेरी चूत में अभी भी खुजली हो रही है”, मीना ने एम-डी के मुर्झाये लंड को चूमते हुए कहा।

“सुनील! महेश अकेले जाने की स्तिथी में नहीं है। तुम इसे मेरी गाड़ी में बिठा कर आओ और ड्राईवर से कहना कि इसे घर छोड़ कर आये”, एम-डी ने कहा।

मैं महेश को सहारा देकर गाड़ी में बिठाने चला गया। जब वापस आया तो देखा कि एम-डी कस-कस कर मीना को चोद रहा था। प्रीती भी अब बिल्कुल नंगी थी और मीना के चेहरे पर अपनी चूत दबा कर बैठी थी और उससे अपनी चूत चटवा रही थी। उस रात हम दोनोंने कई बार मीना को चोदा और उसकी गाँड मारी। प्रीती ने भी एम-डी से एक-बार चुदवाया। रात को दो बजे मैं, मीना को उसके घर छोड़ते हुए नशे में चूर प्रीती को लेकर घर पहुँचा।

“सुनील उठो!” सुबह-सुबह प्रीती मुझे जोरों से हिलाते हुए बोली।
“प्लीज़ सोने दो! अभी बहुत सुबह है”, कहकर मैं करवट बदल कर सो गया।
“सुनील सुनो! मीना का फोन आया था, महेश रात से घर नहीं पहुँचा है, वो बहुत घबरायी हुई थी।” प्रीती मुझे फिर उठाते हुए बोली।

मैं भी घबराकर उठा, “ये कैसे हो सकता है, मैंने खुद उसे गाड़ी में बिठाया था।”

एक घंटे के बाद हमें खबर मिली कि महेश की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गयी है।

दूसरे दिन ऑफिस में हम सभी ने मिलकर महेश की मौत का शोक मनाया। सभी को इस बात का दुख था।

एम-डी ने मुझे अपने केबिन में बुलाकर कहा, “सुनील! तुम जानते हो कि महेश अब नहीं है, सो मैं चाहता हूँ कि आज से उसकी जगह तुम ले लो।”

“थैंक यू सर”, मैंने कहा।

“और हाँ सुनील! मैंने मीना को भी नौकरी दे दी है। कल से वो तुम्हें रिपोर्ट करेगी। सुनील! मैं चाहता हूँ कि तुम उसका खयाल रखो और उसे बड़े कामों के लिये तैयार करो। आखिर वो हमारे पुराने दोस्त की बेटी है। पर इसका मतलब ये नहीं है कि हम उसकी टाइट चूत का मज़ा नहीं लेंगे”, एम-डी ने हँसते हुए कहा।

“हाँ सर! पर आप उसकी कसी-कसी गाँड मत भूलियेगा”, मैंने भी हँसते हुए जवाब दिया।

रात को घर पहुँच कर मैंने प्रीती को सब बताया। मेरी तरक्की की बात सुन वो बहुत खुश हो गयी और हमने स्कॉच की नयी बोतल खोल कर सेलीब्रेट किया। फिर प्रीती मुझे बाँहों में पकड़ कर चूमने लगी। मैं भी उसे चूमने लगा और अपनी जीभ उसके मुँह में दे दी। मेरे दोनों हाथ उसके शरीर को सहला रहे थे।

मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिये। उसके मम्मों को देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया और मैं उसके निप्पल को मुँह में ले कर चूसने लगा।

प्रीती ने भी मेरे कपड़े उतार दिये और अपने हाथों से मेरे लंड को सहलाने लगी। मैंने उसे गोद में उठाया और बिस्तर पे लिटा कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

“ऊऊहहह सुनील!!!” उसने मुझे बाँहों में भींचते हुए कहा, “तुम्हें क्या पता तुम्हारे मोटे और लंबे लंड के बिना मैंने आज पूरा दिन कैसे गुज़ारा है।” कहकर वो भी कमर उछालने लग गयी। थोड़ी ही देर में हम दोनों झड़ गये।

दूसरे दिन मैं ऑफिस पहुँचा तो मीना को मेरा इंतज़ार करते हुए पाया, “आओ मीना! मैं तुम्हें तुम्हारा काम समझा दूँ”, मीना मेरे पीछे मेरे केबिन में आ गयी।

“मीना! तुम्हारा पहला और इंपोर्टेंट काम समझा दूँ! अपने कपड़े उतार कर सोफ़े पेर लेट जाओ।”
“पर सर! उस दिन तो आपने और एम-डी ने मेरा इंटरव्यू अच्छी तरह से लिया था”, मीना ने शर्माते हुए कहा।
“मेरी जान! वो तो शुरुआत थी! इस कंपनी में ये इंटरव्यू रोज़ लिया जाता है, चलो जल्दी करो, मेरे पास समय नहीं है”, मैंने कहा।

मीना शर्माते हुए अपने कपड़े उतारने लगी। मीना वाकय में बहुत सुंदर थी, उसके नंगे बदन दो देख कर मैंने कहा, “मीना! कल ऑफिस आओ तो तुम्हारी चूत पर एक भी बल नहीं होना चाहिये, एम-डी को भी बिना झाँटों की चूत अच्छी लगती है।” फिर मैंने उसके गोरे पैरों में ढाई-तीन इंच उँची हील के सैंडल देख कर कहा, “हाँ! और इस ऑफिस में काम करने वाली हर औरत को कम से कम चार इंच ऊँची हील के सैंडल पहनना जरूरी है और चुदाई के समय इन्हें कभी मत उतारना।” फिर अगले एक घंटे तक मैं उसके हर छेद का मज़ा लेता रहा।

उस दिन से एम-डी मीना को सुबह चोदता था और मैं शाम को मीना की चूत अपने पानी से भर देता था। मेरी तीनों एसिस्टेंट्स को ये अच्छा नहीं लगा और वो मीना को सताने लगी।

एक दिन मैंने उन तीनों को अपने केबिन में बुलाया और पूछा, “तुम लोग मीना को क्यों सताते हो?”

“जबसे वो आयी है, तुम हमें नज़र अंदाज़ कर रहे हो”, शबनम ने कहा।

“आज कल तुम ज्यादा समय उसके साथ गुजारते हो”, समीना ने शिकायत की।

“या तो उसे नौकरी से निकाल दो, या उसे किसी और डिपार्टमेंट में ट्राँसफर कर दो”, नीता ने कहा।

“तुम तीनों सुनो! ना तो मैं उसे ट्राँसफर करूँगा ना मैं उसे नौकरी से निकालूँगा, आया समझ में?”

मेरी बात सुन तीनों सोच में पड़ गयीं। “तो फिर हमारा क्या होगा, हम तुम्हारे लंड के बिना कैसे रहें?” शबनम ने कहा।

“इसका एक उपाय है मेरे पास”, मैंने मीना को अपने केबिन में बुलाया।

“तुम तीनों इसके कपड़े उतारो! आज मैं तुम चारों को साथ में चोदूँगा, जिससे किसी को शिकायत ना हो।”

तीनों ने मिलकर मीना को नंगा कर दिया। मीना के नंगे बदन को देख शबनम बोली, “सुनील! मीना बेहद खूबसूरत है।”

“हाँ! इसके भरे भरे मम्मे तो देखो… और इसकी चिकनी चूत को! इसलिये सुनील इसकी चूत को ज्यादा चोदता है… हमें नहीं”, समीना बोली।

“तो क्या तुम इन तीनों को भी चोदते हो?” मीना ने सवाल किया।

“हाँ! सिर्फ तीनों को ही नहीं मेर जान! बल्कि इस कंपनी की हर लड़की या औरत को चोदता है”, कहकर नीता उसके बदन को सहलाने लगी।

चलो तुम सब अपने कपड़े उतारो और मीना का हमारे बीच स्वगत करो, मैंने चारों को साइड-बाय-साइड सोफ़े पर लिटा दिया और खुद भी कपड़े उतार कर नंगा हो गया। मैं अपने लंड से बारी-बारी चारों को चोदने लगा। तीन चार धक्के लगा कर दूसरी चूत में लंड डाल देता और फिर दूसरी चूत में। वो भी एक-दूसरे की चूचियाँ सहलाती और एक दूसरे के होंठ चूमती। इसी तरह मेरा लंड तीन बार झड़ा।

प्रीती बहुत खुश थी और वो अब एम-डी से बदला लेने का प्लैन बना रही थी। Hindi Sex Stories

दोस्तो! Hindi Porn Stories

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। Hindi Porn Stories मैंने भी सोचा कि मैं भी अपनी एक कहानी अन्तर्वासना को भेज ही दूँ !

मेरा नाम राज है और मैं सहारनपुर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र इस वक्त तीस साल है।

सहारनपुर से मेरा गांव चालीस किलोमीटर दूर पड़ता है।
मेरे गाँव की एक लड़की जिसका नाम है चंदा, मैं बहुत पहले से ही उसे चोदने की इच्छा रखता था लेकिन कभी मौका नहीं मिला।
फिर उसकी शादी हो गई और मेरा सपना सपना ही रह गया।

लेकिन दोस्तो, जब ऊपर वाला देता है तो छप्पर फाड़ के देता है.

एक दिन चंदा अपनी ससुराल से अकेली ही गाँव के लिए चली.
तो उसके ट्रेन किसी वजह से लेट हो गई और वो स्टेशन पर फँस गई क्योंकि गाँव के लिए बस से जाना पड़ता है और रात के 8 बजे कोई भी बस गाँव नहीं जाती थी।

इसलिए उसने अपने भाई से पता किया तो उसके भाई ने हमारे घर का एड्रेस और मेरा नंबर उसे दे दिया और बोला कि रात को वहां रुक जाओ।

वो एड्रेस पता करते करते हमारे घर तक आ गई।

इत्तफाक से मेरे सभी घरवाले गाँव में गए हुए थे। घर पे सिर्फ मैं ही अकेला था.

वो मेरे घर पे आ गई और सारी बात बताई।
मैंने कहा- कोई बात नहीं तुम सुबह घर चली जाना!

तो उसने रसोई पूछी और अपने और मेरे लिए खाना बनाया और हम दोनों ने खाना खाया।

थोड़ी देर मेरे साथ बैठ कर उसने टीवी देखा और मैंने उसे माँ वाला कमरा दिखा दिया, जो ड्राइंगरूम के बगल में ही था।
वो उसमें सोने के लिए चली गई।

लेकिन मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था, मैं आज किसी भी तरह से चंदा को चोदना चाहता था।

फिर मैंने जानबूझ कर एक ब्लू मूवी की सी डी लगा दी और आवाज थोड़ी सी तेज़ कर दी ताकि चंदा उन आवाजों को सुन सके।

फिल्म चलते हुए आधा घंटा ही बीता था कि चंदा आकर मुझ से लिपट गई और मेरे होंठ चूसने लगी।
मैं समझ गया कि वो बुरी तरह से चुदासी हो गई है फिल्म की आवाज को सुनकर।

तो मैंने भी उसकी मुंह में अपनी जीभ डाल दी, वो मज़े से चूसने लगी।
मैंने जल्दी से उसको नंगा किया, खुद भी नंगा हो गया और उसको उठाकर अपने बेडरूम में ले आया और बेड पे लिटा दिया.

मैं भी उसके मम्मो से खेलने लगा और वो मेरे लण्ड से खेलने लगी।
मन ही मन मैं बहुत खुश हो रहा था कि ये तो बहुत गरम निकली।

खैर अब उसने मेरा लौड़ा अपने मुंह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी।
वाह क्या सीन था!
मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था.

चूँकि मैं कई दिनों से रुका हुआ था इसलिए मेरे लण्ड से बहुत सारा पानी का धार छुट गया और चंदा का मुंह भर गया.
वो गटागट सारा का सारा रस पी गई.
फिर भी उसने मेरे लौड़े की चुसाई बंद नहीं की, वो चूसती ही जा रही थी।

दो तीन मिनट के बाद मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया.

अब मैंने उसे लिटाया और उसकी टांगों के बीच आ गया, उसकी गुलाबी चूत देख कर मेरा लण्ड और भी कड़क हो गया.

मैंने लण्ड उसके छेद पर रख कर पूरे जोर से धक्का मारा.
पहले ही झटके में मेरा लण्ड चंदा की चूत की गहराइयों में समां गया।

फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी।

इस बीच चंदा कहे जा रही थी- चोदो मुझे … और जोर से चोदो! और जोर से! अ आ आ आह ओह ह ह मैं आई! मैं आई!

अचानक ही उसकी चूत की दीवारें मेरे लण्ड से चिपक गई.

मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है.
लेकिन मैं तो अभी शुरू ही हुआ था, मैंने स्पीड और तेज़ कर दी.
एकदम से चंदा की बाहें मेरी कमर में कस गई.

मैं समझ गया कि वो झड़ गई है.

लेकिन दोस्तो, चूँकि मैं एक बार उसके मुंह में झड़ चुका था इसलिए मेरा अभी बहुत बाकी था।

मैंने झट से उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा।
मैं बहुत जोर जोर से उसे चोदने लगा.

वो फिर से गरम हो गई और अपनी गांड हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी और बोले भी जा रही थी- ओ मेरे राजा! बजा दे मेरा बाजा! वाह, क्या चूत मारते हो. कमाल हो गया! आज जैसे मज़े कभी नहीं आये ! मारो !और जोर से मारो !
और मैं उसे चोदे ही जा रहा था।

दोस्तो, इसके बाद मैंने उसे सीधा किया और उसकी टाँगें अपने कंधे पर रख कर उसे आधे घंटे और चोदा।
वो तीन बार और झड़ी, अब मेरे लण्ड ने भी अपना मुंह खोला और मैंने सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।

दोस्तो, उस रात मैंने उसकी कई आसन बदल बदल कर 6 बार उसकी चूत और गांड मारी.
और अब भी जब स्वाद बदलने की इच्छा होती है तो मैं उसे उसी की ससुराल में जाकर चोद आता हूँ।

आपको मेरी कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट्स जरूर करें, ताकि मैं आगे भी आपके लिए और सच्ची कहानियां लेकर आता रहूँ! Hindi Porn Stories

प्रेषक : रवि गुप्ता Sex Stories

मेरा नाम राहुल, मेरी Sex Stories उम्र 24 है। मैं एक सरकारी नौकरी करता हूँ। मेरी पत्नी का नाम सुनयना है। उसकी उम्र भी 23 साल है। वह एक निजी कम्पनी में काम करती है। उसने एम बी ए कर रखी है। वो बहुत सुन्दर है। उसकी फ़िगर 32-28-32 और उसका कद 5’4″ है। उसके चुची गोल गोल और गोरी गोरी है। हमारी लव मैरिज हुई थी। पर हम दोनों काम के कारण दूर-दूर रहते हैं। उसे मुझसे चुदना बहुत पसन्द है। जब भी हम मिलते हैं तो वो रात भर चुदती है। मैं कई बार झड़ ज़ाता हूँ पर वो एक बार भी नहीं झड़ती। वो काफी गरम है।

यह उस समय की बात है जब मैं उससे मिलने गया। उसके फ़्लैट की एक चाबी मेरे पास रहती है। मैं घर के अन्दर चला गया। सुनयना वहां नहीं थी। मैं उसे सरप्राइज़ देना चाहता था। पर मुझे क्या पता था मुझे सरप्राइज़ मिलेगा।

वहाँ पर मैंने जो देखा उसे देख कर मैं दंग रह गया। वहाँ पर शराब की बोतलें थी हर जगह। जब मैंने उसकी अलमारी खोली तो वहाँ ब्लू फ़िल्म की सीडी और काफ़ी कन्डोम थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब सामान यहाँ क्यों है।

मैं सुनयना पर बड़ा विश्वास करता था। पर मुझे गड़बड़ लगी। मैं सुनयना का इन्तज़ार करने लगा। तभी बाहर गाड़ी की आवाज सुनाई दी। मैंने सोचा कि सुनयना आ गई। जब मैंने शीशे से बाहर देखा तो मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। उसके साथ काई आदमी था, 45 साल का होगा। मैं तुरंत परदे के पीछे छिप गया। तभी दोनों अन्दर आ गये।

सुनयना ने सफ़ेद रंग की कमीज़ और काले रंग की स्कर्ट पहनी थी। उसके बाल खुले थे। सुनयना और उसका बॉस दोनों बातें करने लगे। सुनयना 4 गिलास और शराब की बोतल ले आई। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करुँ। मैं सोचने लगा कि सुनयना ऐसा कैसे कर सकती है। सुनयना ने 4 ग्लास ड्रिन्क बना दिये। तभी बेल बजी, सुनयना ने दरवाज़ा खोला तो दो और आदमी अन्दर आ अये। सभी उसके बॉस लग रहे थे। एक ने अन्दर आते ही उसे चूम लिया और उसे उठा के ले आया। सभी ने ड्रिन्क उठा ली। उस समय मुझे इतना गुस्सा आ रहा था कि उसे मार दूँ। मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया मेरे प्यार ने।

तब उसके एक बॉस उसके पास जा के बैठ गया और उसके वक्ष पे हाथ फ़ेरने लगा। उसने सुनयना की शर्ट उतार दी, उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। तब सभी उसके पास आ गये और उसकी शरीर पे हाथ फ़ेरने लगे। वो अब गर्म होने लगी थी। एक बॉस ने उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और उसे उठा के बेड पे ले गए। उन्होंने उसकी स्कर्ट उतार दी, उसने काले रंग की पैन्टी पहनी थी। एक ने उसकी ब्रा उतार दी और पैन्टी भी।

वो अब बिल्कुल नंगी होकर एक रन्डी की तरह बेड पड़ी थी। एक बॉस उसके स्तन दबा रहा था और एक उसकी चूत में उन्गली डाल रहा था और एक उसको देख कर मुठ मार रहा था। वो इस सब का काफी मज़ा ले रही थी। मैंने देखा कि मेरा लन्ड भी खड़ा हो गया है। मैं भी उसे देख कर मुठ मारने लगा। तब एक ने सुनयना के मुँह में लण्ड डाल दिया। वह भी पूरा लण्ड मज़े से चूसने लगी। उसने कभी इस तरह मेरा लण्ड नहीं चूसा होगा। एक उसके स्तनों को जोर जोर से दबा रहा था, उसके मुँह से अहऽऽ अहऽ अहऽऽऽ की आवाज निकल रही थी। तभी एक ने उसकी चूत में पूरा लण्ड डाल दिया। वो पूरे मजे में चुद रही थी। तब एक ने उसकी गाण्ड में लण्ड डाल दिया। वो मेरे आँखों के सामने दो लण्ड ले रही थी और एक का लौड़ा अपने मुँह में ले रखा था। क्या दृश्य था ! मेरे सामने ब्लू फ़िल्म लगी थी जैसे।

फ़िर एक बॉस का पूरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और अन्दर-बाहर करते हुए अपने मुँह की चुदाई कराने लगी।

सर, मुझे लण्ड चूसने में मज़ा आ रहा है !

“आह…ये…या. यस…वाह…मेरी…जान…चूस…चूस ले..ले… और अन्दर … और अंदर ले … भोसड़ी … की.. और जोर .. से.. ले..और ले.. ले… वाह…” अब उसने सुनयना के मुँह में धक्के मारना चालू कर दिया था।

लेकिन अचानक बॉस ने सुनयना के मुँह में धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और सर पकड़ कर पूरा लण्ड मुँह में अन्दर बाहर करते हुए ज़ोर से चिल्लाने लगा “आ…..ह…. .ह…. आ…ले… कॉम…ओं…न ….मेरी…जान…ले..पीले…पूरा.. पी..ले.. माँ..चोद. चूस.. चूस… पी…ले..पी..”

अचानक उसके मुँह में पिचकारी चल गई। एक बॉस सुनयना के मुँह में अपना पानी डाल चुका था और उसने उसका पूरा रस पी लिया। सुनयना ने उसका लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया, शायद उसके रस का स्वाद अच्छा था..

झड़ने के बाद उसने अपने लण्ड बाहर निकाल लिया और हंसने लगा।

उधर शायद दूसरा बॉस भी चूत चोद कर थक गया था इसलिए वो भी उठ कर खड़ा हो गया और सुनयना के मुँह के पास लण्ड ला कर बोला,”प्लीज़ जान मेरा भी तो चूसो..”

उसने हँसते हुए उससे कहा,”तुम तीनों अगर मेरे मुँह में ही उलटी करके चले जाओगे तो मैं क्या करूंगी..!”

“नहीं मेरी जान, मैं तो तुम्हारी चूत में ही पानी डालूँगा चिंता मत करो !” एक बॉस ने जवाब दिया।

सुनयना ने एक बॉस का लण्ड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी देर तक उसका लण्ड चूसने के बाद उसने अपना लण्ड मेरे मुँह में से निकाल लिया और उससे बोला,”चल.. मेरी रानी.. अब कुतिया बन जा… आज तेरी चूत का बाजा बजाऊंगा !” उसने फ़ौरन उसका आदेश माना और उलटी होकर चूत को उसकी तरफ़ कर दिया। उसने भी आसन लगा कर चूत की छेद पर लण्ड लगाया और एक करारा धक्का दिया।

“आ.इ.ई.गई….आ..आ गया…आ. गया..मेरे राजा..पूरा..अन्दर..आ..गया..” सुनयना चिल्लाने लगी।

फिर तीनों ने उसे बारी बारी चोदा। कोई उसकी चूत मारता तो कोई गाण्ड तो कोई उसके स्तन चूसता। मैं अब भी पर्दे के पिछे छिपा था। अपनी सुनयना की इस चुदाई को देख मुझे रोना आ रहा था कि मेरे प्यार ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा। वो सब अब थक चुके थे अब वे सुनयना के स्तन और चूत को ही चूसे जा रहे थे।

तभी मैंने सुनयना को मोबाइल से संदेश भेजा कि वह क्या कर रही है।

मैं उसका उत्तर देखना चाहता था।

उसने लिखा- जान मैं नंगी हो कर बेड पे लेटी हूँ और तुम्हें सपने में प्यार कर रही हूँ।

वो सव साथ में सो गए। सुनयना रन्डी की तरह उनके बीच लेटी थी। उसका एक बॉस अभी भी उसकी चूत चूस रहा था और स्तन दबा रहा था। बाकी सब सो चुके थे और वो अभी भी उसे चूस रहा था।

उसके सभी बॉस उससे लगभग दस साल बड़े होंगे। तब मुझे लगा कि मैं उसे कभी सेक्स का मज़ा नहीं दे पाया। तब मुझे लगा कि प्यार से ज्यादा सेक्स की भूख होती है जो मैंने अपनी सुनयना में देखी।

इस कहानी से मैं आपकी मदद चाहता हूँ कि मैं क्या करुँ।

मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा। Sex Stories

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