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Massage Girl in Golaghat: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Golaghat who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Golaghat that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Golaghat massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Golaghat who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Golaghat massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Golaghat massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Golaghat who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Golaghat employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Golaghat helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Golaghat

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Golaghat at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

हाय दोस्तो! मैं राजू फ़िर कोलकाता से. Antarvasnaमेरी पिछली दो कहानियाँ
‘एक सच्ची कहानी’
और
‘पति के सामने बीवी की चुदाई‘
आप लोंगों ने जरूर पढ़ी होगी. ये दोनों कहानियाँ मेरे सच्चे अनुभव पर आधारित थीं.

इन दोनों कहानियों को पढ़़कर बहुत से लोगों ने मुझे मेल किया. उनमे से एक जिसका नाम मनु था उसने लिखा कि वो भी इस तरह का सेक्स करना चाहता है. उसकी उम्र 32 वर्ष और उसकी बीवी नीतू की 28 वर्ष है. मनु ने मुझसे कहा कि नीतू एक समय में दो- तीन मर्दों के साथ सेक्स करना चाहती है. ये लोग भी कोलकाता के रहने वाले हैं. लेकिन मनु की इच्छा स्वैपिंग की थी. मनु ने मुझसे कहा कि पहले तुम और मैं मिलकर नीतू को चोदेंगे फ़िर बाद में पूजा(मेरी बीवी को). लेकिन पूजा तैयार नहीं थी. इसलिए मैंने उनका परिचय सोनाली और सिया से करा दिया. जो लोग सोनाली और सिया के बारे में नहीं जानते उन्हें थोड़ा परिचय करा दूँ.
सोनाली- उम्र- 30, गोरा, लंबा
सिया- उम्र- 27, सुंदर, 34-25-32

ये दोनों पति- पत्नी हैं कोलकाता से ही. ये लोग तो वैसे पार्टनर बदल कर सेक्स करने के एक्सपर्ट हैं. लेकिन मैंने और सोनाली ने मिलकर एक दिन सिया को चोदा था. सिया बहुत ही हॉट और सेक्सी है. इसके बाद दोनों ने बताया की उन्होंने पार्टनर बदलकर सेक्स किया और उन्हें खूब मजा आया.

मेरी मुलाक़ात अभी तक नीतू और मनु से नहीं हुई थी. फ़ोन पर सोनाली और मनु ने मुझे सब बताया अपनी चुदाई के बारे में.

ये सब सुनकर मेरी भी इच्छा हो रही थी लेकिन मैं मजबूर था. क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं हो रही थी.

कुछ दिनों के बाद एक दिन सोनाली ने मुझे फ़ोन किया कि तुम एक दिन का समय सकते हो? मैंने पूछा कि क्यों? तो सोनाली ने बताया कि सिया और मैंने तुम्हारी चुदाई की तारीफ मनु और नीतू के सामने की है और मैं और मनु चाहते हैं की एक ग्रुप का प्रोग्राम बनाया जाए.

ये सुनकर मैंने कहा की ठीक है लेकिन मैं अकेले ही शामिल हो पाऊँगा क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं होगी. सोनाली ने कहा कि ठीक है हम प्रोग्राम बना रहे हैं. इसके कुछ दिन के बाद सोनाली का फ़ोन आया की शुक्रवार को चलना है. कोलकाता से करीब 100 किलोमीटर दूर एक रिसॉर्ट है वहीँ पर चलना है सुबह 7 बजे घर से निकलना है. मैंने कहा ठीक है. मैंने इसके लिए अपनी बीवी को एक दिन पहले ही मायके भेज दिया.

शुक्रवार को सोनाली ने सुबह 6 बजे फ़ोन किया और कहा कि तुम कहाँ पर रहोगे? मैंने एक जगह का नाम बताया. सोनाली के पास कार थी. ठीक जगह पर पहुँच मैं उन लोगों से मिला. मनु और नीतू से पहली बार मिला. सोनाली गाड़ी चला रहा था. बगल में मनु बैठा था. मैं पीछे नीतू और सिया के साथ बैठ गया. फ़िर मैंने नीतू को ध्यान से देखा. क्या माल थी यार? बूब्स- 36”, कमर- 34” और रंग गोरा, आँखें नशीली, देख कर जैसे चुदाई की भूख कभी शांत ही नहीं होती है.

फ़िर मैंने सिया को देखा करीब 6 महीने के बाद. वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगी. फ़िर सोनाली ने मनु और नीतू से मेरा परिचय कराया. सिया कार में बांये यानि मनु के ठीक पीछे बैठी थी. नीतू बीच में और मैं दाहिनी तरफ़. मनु पहले सिया को चोद चुका था इसलिए वो दोनों खुलकर बातें कर रहे थे. करीब दो घंटे के बाद हम रिसॉर्ट में पहुंचे. इस बीच रास्ते में अच्छी तरह से बाते हुई. नीतू मुझसे खुलकर बातें करने लगी. रिसॉर्ट के बगल में एक पर्यटन स्थल था इसलिए वहाँ कमरा मिलना मुश्किल था लेकिन सोनाली ने पहले से ही एक डीलक्स रूम, डबल बेड का बुक करा लिया था. हम रूम में पहुँच कर पहले बारी- बारी से फ्रेश हुए .फ़िर नाश्ते का आर्डर दिए.

नाश्ता करने के बाद हम सभी बेड पर बैठ कर बातें करने लगे. फ़िर मनु और सोनाली ने अपनी चुदाई की कहानी चालू की. कैसे मनु ने सिया को चोदा और कैसे सोनाली ने नीतू को. इसे सुनकर हम सभी धीरे-धीरे उत्तेजित हो रहे थे. मनु ने कहा कि तुम और सोनाली मिलकर पहले नीतू को चोदों मैं और सिया बैठकर देखेंगे. मेरी बहुत दिन से इच्छा है कि नीतू को दो लोग मिलकर मेरे सामने चोदे. नीतू ने उस समय साडी पहनी थी. मनु सिया के साथ बेड से उठकर सोफे पर चले गए.

मैंने नीतू का हाथ पकड़ कर खड़ा किया और उसके पीछे जाकर लो कट ब्लोउज से निकली हुई नंगी पीठ को चूमने लगा. उसकी ऊँचाई मुझसे थोडी ही कम थी. उसके साथ उसकी दोनों चूचियों को भी हाथ से पकड़ कर दबाने लगा. क्या चूची थी! एक दम कठोर. फ़िर सामने से सोनाली आकर उसके होठों को चूसने लगा. फ़िर मैंने नीतू का मुंह थोड़ा सा तिरछा कर उसके होठों को चूसने लगा सोनाली उस समय उसकी चूचियाँदबा रहा था फ़िर मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर उसके बड़ी गांड को ऊपर से सहलाने लगा.

इस बीच मनु उठकर आया और नीतू की साडी उतार दी और कहा कि जल्दी से चोदों इसको. फ़िर वो वापस चला गया सिया के पास. सिया के भी कुछ कपडे उतर गए थे. लेकिन हम लोगों के पास उधर देखने कि फुर्सत नहीं थी. फ़िर मैंने नीतू के ब्लोउज के हुक खोलकर उतार दिया. भीतर उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी जिस्मी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ आधी बाहर निकली थी. सोनाली ने उसके पेटीकोट का नाडा धीरे से खोल दिया और पेटीकोट को उसकी बड़ी गांड से उतार दिया. भीतर उसने काली पेंटी पहनी थी. उसकी बुर के पास भीगा हुआ था जो की पेंटी के ऊपर से ही दिखाई दे रहा था.इसके बाद हमने पोजीशन बदल ली. मैं नीचे की ओर गया और पेंटी से झनकती हुई गांड पर जीभ फिराने लगा. सोनाली ने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके पूरी तरह तने हुए निप्पल को एक -एक कर चूसने लगा.

नीतू की आँखें उस समय बंद थी और वो पूरी तरह उत्तेजित हो गई थी. फ़िर मैंने उसके पेट, नाभि, जांघों को चूमते हुए उसकी पेंटी उतारनी शुरू की. क्या मस्त बुर थी उसकी! एक दम साफ़ जैसे चुदाई के लिए तैयार की गई हो! मैंने बुर के ऊपर जीभ फिराना चालू किया तो वो बेड पर बैठ गयी. मैंने जमीन पर बैठ कर ही उसके टांगो को चौडा किया और उसकी बुर को चूसना शुरू किया. वो अपनी बुर को जैसे मुझे पूरा खिला देगी वैसे कर रही थी.

ऊपर सोनाली बेड पर बैठ उसकी चूचियाँ, होंठ, निप्पल बारी-बारी से दबा/ चूस रहा था. नीतू उत्तेजना के मारे धीरे-धीरे बड़बड़ाने लगी… या…आ…ई ईई… मजा… आ रहा है. वो पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी थी. मैंने अपने पूरी जीभ उसकी बुर के भीतर तक घुसा दी थी. और एक अंगुली से उसकी क्लिट को रगड़ रहा था. वो बोलने लगी- हाँ… ऐसे… ही… आई…आ…जीभ चोदते रहो… सोनाली… तुम… मेरी चूचियों को और जोर से… और जोर से… दबाओ…

मनु अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था वो भी पूरी तरह से नंगा था.वो नीतू के पास आया और उसकी चूचियों को दबाने लगा. तब तक सोनाली ने अपने कपड़े उतार कर नीतू को अपना तना हुआ लंड पकड़ा दिया था. वो उसे जोर से सहला रही थी.

मैंने भी अपने कपडे उतारे और अपने लिंग पर एक कंडोम चढाया. और नीतू को डौगी स्टाइल में बेड पर औंधे लिटा दिया. यानि कमर के ऊपर का हिस्सा बेड के ऊपर. मैंने उसके पीछे से आकर उसकी रिसती हुई बुर में एक ही धक्का में अपना पूरा लंड घुसा दिया और जोर-जोर से चोदने लगा. बेड पर नीतू की मुंह की तरफ़ सोनाली बैठा था और उसका लंड नीतू मुंह में लेकर चूस रही थी. मैं जितना जोर से धक्का मारता वो उतना ही सोनाली का लंड अपने मुंह में भर लेती.

मनु पास में ही बैठ कर हमें और जोर से चोदने के लिए उसका रहा था. सिया भी पूरी तरह से नंगी होकर पास में ही बैठी थी मैंने कुछ देर तक उसे चोदा और झड़ गया. फ़िर सोनाली ने उसे बेड पर लिटाकर नोर्मल स्टाइल में चोदा. झड़ने के बाद वो भी बगल में आकर लेट गया.

शेष कहानी यानि हम पाँचों की एक साथ चुदाई अगले भाग में.

यह ग्रुप सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी जरूर बताना. Antarvasna

कैम गर्ल सेक्स स्टोरी में मैंने अपनी एचआर मेनेजर लड़की को डेल्ही सेक्स चैट वाली लड़की के सामने चोदा. वह मुझसे एक बार पहले भी चुदाई करवा चुकी थी।

दोस्तो, मैं सलमान अपनी सेक्स स्टोरी
ऑफिस में एचआर की चूत चोदी
का अगला भाग लेकर आया हूं।

पिछले भाग में मैंने आपको बताया था कि कैसे मैंने अपने ऑफिस में एचआर जैनब को चूत में उंगली करते देख लिया था।
मैंने उसको ओवरटाइम बंद करवाने के लिए ब्लैकमेल भी किया लेकिन वो नहीं मानी।

मगर फिर बदले में मुझे उसके साथ सेक्स करने का मौका मिला।

अब मैं आगे की कैम गर्ल सेक्स स्टोरी आपको बताने जा रहा हूं।

उसके कुछ दिन बाद, मैं अपने डेस्क पर बैठा हुआ काम कर रहा था।
मुझे हमेशा की तरह देर तक काम करना था।

लेकिन अब इसमें एक चीज और भी जुड़ गई थी जिसमें मुझे बड़ा मजा आता था।

मैंने तुरंत अपनी एचआर के पास मैसेज किया- मैं आज फिर देर रात तक रुकने वाला हूं!

उसके कुछ मिनट बाद उसका रिप्लाई आ गया।
उसने एक GIF बनाकर भेजी थी।
इसमें उसने शर्ट के बटन खोलकर चूचियों को हाथों से ऊपर उठाते हुए अपनी जीभ बाहर निकाली हुई थी।
इसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।

लेकिन ऑफिस में अभी कई लोग मौजूद थे।
मैं चुपचाप अपना काम करता रहा और सबके जाने का इंतजार करने लगा।

जब सब लोग चले गए तो मैं एचआर जैनब के केबिन की तरफ चला।

पहुंचा तो जैनब मुझे देखते ही मुस्करा दी और उसने अपनी शर्ट के बाकी बटन भी खोल दिए।

जैनब- काफी देर लग गई तुम्हें?
मैं- मुझे तुम्हें इंतजार करवाने में मजा आता है।

जैनब- और ऐसा क्यों?
मैं- क्योंकि अब भी मुझसे ज्यादा काम करवाया जाता है।
जैनब- श्श्श … लाओ मैं तुम्हें रिलेक्स करती हूं।

वो उठी और मुझे किस करने लगी।
मैंने उसके बाल खींच कर पीछे कर दिया और उसकी गर्दन चूमने लगा। मैंने उसकी गर्दन पर काट लिया जिससे उसकी आहह … करके सिसकारी निकल गई।

फिर मैंने उसको घुमा लिया।
वो अपने डेस्क पर झुक गई और मैं उसके पीछे झुक गया।

हम दोनों के हाथों की उंगलियां आपस में फंसने लगीं और इसी दौरान मेरा लंड उसकी गांड पर फिरने लगा।

मैं- इस डेस्क की लकड़ी बहुत सख्त है, है ना?
जैनब- हम्म, लेकिन अभी तो मैं किसी और लकड़ी के बारे में सोच रही हूं!
कहकर उसने आंख मार दी.

जैनब घूमी और उसने मेरी पैंट को नीचे खींच दिया।

घुटनों पर आते हुए उसने मेरे तन चुके लौड़े के टोपे पर एक किस कर दी।
अगले ही पल हल्के झटके के साथ मेरा लंड उसके मुंह में था।

उम्म … करते हुए उसने पूरा लंड मुंह में समा लिया और अपना प्यार और लार उस पर लुटाने लगी।
मेरा लंड बड़े मजे से चूसते हुए उसने पूरा गीला कर दिया।

मैंने उसके बाल खींचे और पूरा लंड गले में धकेल दिया।
वो गूं-गूं करने लगी।

मैं- मुझे रूमी (कैम गर्ल) को भी कॉल करना चाहिए, इससे पहले कि मैं तुम्हारे चेहरे को अपने माल से नहला दूं।
जैनब लंड निकालकर हांफते हुए- हम्म … अच्छा रहेगा शायद, बाद में फिर मैं रुक भी नहीं पाऊंगी।

कहकर वो जोर जोर से लंड को चूसने लगी।
मैं उसके डेस्क पर बैठ गया और मैंने dscgirls.live वेबसाइट को खोल लिया।

किस्मत से उस वक्त रूमी भी फ्री थी।
वह भी हम दोनों को जॉइन करने के लिए उत्साहित लग रही थी।

इंडियन सेक्स कैम मॉडल रूमी
जैनब मेरी टांगों के बीच में लंड को चूसने में लगी हुई थी.
इसी बीच उसने अपने पर्स में से मुझे अपना डेबिट कार्ड निकाल कर दे दिया।
मैंने कार्ड के माध्यम से क्रेडिट खरीद लिए।

फिर मैंने रूमी को नंगी होने के लिए कह दिया।

मैंने अब फिर से जैनब के बालों को कस कर पकड़ लिया।
अब मेरे लंड से उसकी लार बहकर नीचे जाने लगी थी।

मेरे लंड के टोपे पर उसके गले का निचला भाग महसूस हो जाता था।
लेकिन मैं धक्का देकर लंड को उससे भी नीचे तक धकेल देता था जिससे उसका गला बिल्कुल रुक जाता था।
वो उल्काते हुए मेरी तरफ हैरानी से देखने लगती थी और उसके मुंह से लार नीचे बहती दिख रही थी।

जैनब- तुमने तो मुझे पागल कर दिया, मजा आया!

उसने फिर से अपना मुंह खोल लिया।
मैंने फिर से उसका सिर पकड़ा और लंड को मुंह में देकर धकेलने लगा।
उसको बार बार मैंने उल्काई के लिए मजबूर किया।

इस दौरान रूमी की वीडियो कॉल कनेक्ट हो चुकी थी।

वह अपनी चूत में धीरे-धीरे उंगली चला रही थी।
लेकिन उसने जैनब को इस तरह से लंड से बेहाल होते देख लिया था।

इसलिए रूमी भी अब तेजी से चूत को रगड़ने लगी।
रूमी ने मुझसे नजरें मिलाईं और इतने में ही जैनब के मुंह की पकड़ मेरे लंड पर बढ़ गई और मैं आनंद में गर्रा … उठा।

मेरा अब छूटने ही वाला था।
मैंने जैनब के मुंह को पकड़ लिया और लंड को जोर से अंदर धकेलने लगा।
जैनब की आंखें बाहर आने लगीं, जैसे वो लंड को बाहर निकालने की मिन्नत कर रही हो।

लेकिन एक्सएक्सएक्स कैम गर्ल रूमी को जोर से चूत रगड़ते देख मैंने उसके मुंह में वीर्य की पिचकारी मारना शुरू कर दिया जो उसके गले में गिरने लगी।

रूमी भी मेरी तरफ देखते हुए सिसकारने लगी।
मैंने अपने लंड को फिर बाहर निकाल लिया।

बाहर निकाला तो मेरे लंड के टोपे और जैनब के होंठों के बीच चिपचिपे वीर्य की एक लाइन बंध गई। उधर रूमी का बदन अकड़ने लगा था।

मैंने जैनब को लंड के और पास कर लिया।
वो मेरे आंड चाटने लगी।
यह देख रूमी की भी आह्ह निकल गई।

वह बोली- आह्ह फक! तुम तो सच में बड़े कमीने हो! बहुत हॉट! आह्ह … मेरा छूट रहा है … आह्ह!

इतने में ही रूमी का बदन जोर से कांपने लगा।
वह पीछे की ओर लेट गई और जैनब उसे देखते हुए मेरे आंडों को चाटती रही।

उसकी सिसकारियां सुन सुनकर जैनब और जोर से मेरे आंड चूसती जा रही थी।
मुझे भी जैनब की जीभ का मेरे आंडों पर पूरा मजा मिल रहा था।

रूमी हम दोनों को देख रही थी।
वह मेरी तरफ रंडी की तरह देख रही थी और अपने होंठों पर जीभ फिरा रही थी।

उसकी दो उंगलियां उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रही थीं।

अब मैं धीरे से उठा और जैनब को फर्श से उठा लिया।
मैं उसे किस करने लगा।

जैनब को मैंने अब डेस्क पर बैठा लिया।
उसकी टांगें खोलकर मैंने उसकी जांघों को थाम लिया और फिर लैपटॉप में देखा।

उधर रूमी ने भी अपनी टांगें खोल लीं और इतने में ही जोर से मैंने धक्का दे दिया।
लंड अंदर घुसते ही जैनब की जोर की आह्ह निकली जो बहुत गहरी थी।

उसके चेहरे को देख कर लग रहा था कि वो अपने ही डेस्क पर ऐसे बेरहमी से चुदने का कितना मजा ले रही है।

मैं धक्के लगाते हुए- कल जब तुम यहां काम कर रही होगी … तुम इस डेस्क पर बैठोगी … (धक्के लगाते हुए) अपनी गीली चूत के बारे में सोचोगी … कि कैसे ये मेरे मोटे और गीले लंड से चुदी थी।
रूमी- ओह फक! आह्ह … हां, ऐसे ही चोदते रहो उसे!

मैं- मुझसे चुदना अच्छा लग रहा है तुम्हें? तुम चाहती हो कि मैं यहां ओवरटाइम करता रहूं ताकि ऐसे ही तुम्हें पेल सकूं?
मैं जोर से धक्के लगाते जा रहा था.

जैनब- ओ माय गॉड! प्लीज रुको नहीं, करते रहो … आह्ह आहह।
अब उसकी चूत से पच-पच की आवाज होने लगी थी।
उसकी चूत से सफेद पानी निकलने लगा था।

वह मेरे लंड की कठोर, लेकिन आनंद देने वाली अनुभूति का मजा ले रही थी।

उधर रूमी कैम गर्ल सेक्स का पूरा आनंद ले रही थी।

मेरा लंड जैनब की चूत में अंदर तक पहुंच रहा था और वह अपने होंठों को काट रही थी।
उसकी चूत का गीलापन बढ़ने से अब मैं भी गुर्राते हुए चोदने लगा था।

मैंने उसे घुमा लिया और उसके कंधों को पकड़ लिया।
अब उसने डेस्क को कस कर पकड़ लिया और गहरी सांसें भरने लगी।

वह कैमरा में देख रही थी और उसकी टांगें चौड़ी खुली थीं।
रूमी हम दोनों को देखते हुए तेजी से अपनी चूत को रगड़ रही थी।

मैं- तुम्हें मजा आ रहा है रूमी?
रूमी- ओह फक! फक!

उसकी टांगें उसके हाथ पर लिपटी हुई थीं और उसकी आँखें कसकर बंद थीं और वो जोर से सिसकार रही थी।

तभी जैनब बोली- फक … चोदो मुझे … कसकर!
मैं पूरे जोश में जैनब को चोदने लगा।
अब उसकी सिसकारियां और तेज हो गईं।

वह खुद को कैमरा में चुदते देख रही थी और लगातार आहें भर रही थी।
उसका मुंह खुल गया था और बदन दोहरा होने लगा था।

मैं रुक नहीं रहा था।
मैंने उसके चूतड़ों को थाम लिया और लंड को पूरा जड़ तक घुसाने लगा।
उसकी कमर को दोनों ओर से थामकर मैं जोर से लंड को पेल रहा था।

जैनब जोर से चिल्लाते हुए अपने होंठों को काट रही थी।
अब उसकी आंखें पलटने लगीं।
देखते ही देखते वो टेबल पर ढेर हो गई।

फिर उसने अपनी टांगें पूरी खोलकर ढीली फैला दीं।
वह लेट गई और मैंने लंड को बाहर खींच लिया।

जैनब- नहीं, इसे मेरे अंदर ही रखो, प्लीज!
फिर मैं उस पर लेट गया।
मैंने उसको पलटाया और उसके होंठों पर किस करने लगा।

मेरा लंड उसकी बच्चेदानी तक पहुंच रहा था।
वह मुझे डीप किस कर रही थी।

जैनब- मुझे ऐसे ही अंदर तक खोदते रहो!
मैं भी अब लंड को पूरा अंदर तक धकेल रहा था।
मेरा पसीना उसके बदन को भिगो रहा था।

मैं तेजी से धक्के देने लगा और जैनब की चूत की पकड़ मेरे लंड पर बढ़ने लगी।

उसकी टांगें मेरे चारों ओर आकर कस गईं।
मैंने रूमी की तरफ देखा तो वह हम दोनों को देखकर अपने होंठ काटते हुए अपने बदन को सहला रही थी।

मैं भी आहें भरने लगा।
मेरा बदन अकड़ने लगा लेकिन मैं लंड को अपनी एचआर की गर्म और टाइट चूत से बाहर नहीं निकालना चाह रहा था।

मैं इसे अंदर ही रखना चाह रहा था।
जैनब- मत निकालो बेबी, मुझे भर दो!

इतने में ही मेरा माल जैनब की टपकती चूत में गिरने लगा।
वह जोर से सिसकारी और पीछे की ओर झुक गई।

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा।

कैम गर्ल रूमी हंसी और अपनी चूत को कैमरा के पास ले आई।
हमने देखा कि उसकी चूत किस कदर गीली हो गई थी।

मैंने जैनब को किस किया और हम दोनों रूमी की तरफ देखकर मुस्करा दिए।

मैं जैनब की चूत में कुछ देर उंगली करता रहा तब तक रूमी ने भी सेशन बंद कर दिया।

दोस्तो, अभी भी हम रूमी के साथ खूब सारी मस्ती करते हैं।
वह हमारी पसंदीदा मॉडल है और हमें चुदाई करते हुए देखकर खूब मजा लेती है।

अगर आप लोगों को मेरी कैम गर्ल सेक्स स्टोरी पसंद आ रही है तो मैं इस कहानी का तीसरा भाग भी आपके लिए लिखूंगा।
और अगर आप जानना चाहते हैं कि जैनब, मेरे और रूमी के बीच आगे किस तरह गर्म डर्टी सेक्स हुआ, तो मुझे जरूर लिखें।

Hindi Sex Stories

प्रीती की बात सुनकर मुझे उस Hindi Sex Stories पर नाज़ हो गया। ठीक है जो ज़िंदगी में गुजरा वो कुछ अजीबो गरीब था लेकिन वो सही में मुझसे प्यार करती थी।

रवि भी नाश्ते के लिये हमारे साथ हो गया, “क्यों सुनील! आबिदा और सलमा के साथ कैसा रहा?”

“रवि! तुम्हारे सुझाव के लिये शुक्रिया”, मैं हँसते हुए बोला, “सही में इतना आनंद मुझे कभी नहीं आया, उन दोनों का जवाब नहीं।”

दिन इसी तरह गुज़ार गया। चुदाई की छूट थी, जिसकी मरज़ी में जो आता उसे रूम में ले जाकर उसकी जम कर चुदाई करता। हम सब शाम को ड्रिंक्स पीने बैठे ही थे कि दरवाजे पर घंटी बजी। “आप सब रुकिये, मैं देखती हूँ”, आबिदा ने उठते हुए कहा।

“मैडम! आर्यन बाबा आये हैं!” आबिदा ने दरवाजा खोलते हुए कहा।

“ये इस समय यहाँ क्या कर रहा है”, रूही अपनी सीट से उठती हुई बोली।

“हाय मम्मी”, इतने मैं एक अट्ठारह साल का गबरू लड़का हॉल में दाखिल हुआ।

“तुम यहाँ क्या कर रहे हो?” रूही ने उसे बाँहों में भरते हुए कहा, “तुम्हें तो बोर्डिंग में होना चाहिये था।”

“मम्मी! स्कूल की छुट्टियाँ जल्दी शुरू हो गयी, इसी लिये मैं यहाँ आ गया”, आर्यन ने जवाब दिया।

“अच्छा हुआ तुम आ गये, अपने मेहमानों से मिलो!” रूही ने उसका माथा चूमते हुए कहा।

“आप सब इससे मिलें, ये मेरा बेटा आर्यन है”, रूही ने बारी-बारी हमारा परिचय कराया।

रवि को देख कर वो उनसे हाथ मिलाते हुए बोला, “अरे रवि अंकल! आप कब आये और कैसे हैं?”

रवि ने उससे हाथ मिलाते हुए कहा, “आर्यन तुमसे मिलकर खुशी हुई, आओ बैठो यहाँ। और बताओ कैसी गुजर रही है स्कूल में। तुम सही में सुंदर और जवान हो गये हो, स्कूल की लड़कियाँ तुम पर मरती होंगी।”

“नहीं अंकल! ऐसे नसीब कहाँ हैं हमारे।”

“इसका मतलब तुमने आज तक किसी लड़की की चूत नहीं चोदी है?” रवि ने कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“नहीं अंकल! कोई लड़की तैयार ही नहीं हुई।”

“ममम… मेरा बच्चा! कोई बात नहीं आज तुम्हारा कुँवारापन जरूर लुटेगा, ये मेरा वादा है”, रवि ने कहा।

“वो ठीक है अंकल! पर क्या मम्मी मानेगी इस बात को?” आर्यन ने पूछा।

“तुम उसकी चिंता मत करो! मैं सब संभाल लूँगा!” रवि ने जवाब दिया।

रात को खाने की टेबल पर रवि ने सब से पूछा, “लड़कियों! क्या तुम ये बर्दाश्त कर सकती हो कि हमारे बीच कोई कुँवारा बैठा हो?”

“नहीं!!!!” सबने जवाब दिया।

“तुम किसकी बात कर रहे हो?” रूही ने पूछा।

“किसकी क्या? मैं तुम्हारे बेटे आर्यन की बात कर रहा हूँ”, रवि ने कहा।

“तो तुम सब में से कौन इसका कुँवारापन भंग करना चाहेगा?” रवि ने पूछा।

“मैं!! मैं!!! नहीं मैं!!!!” चारों तरफ से आवाज़ आ रही थी।

“सब शाँत हो जाओ!” रूही ने अपना हाथ उठाया, “अगर आर्यन का कुँवारापन ही भंग करना है तो मैं तय करूँगी कि वो किसके साथ रात गुज़ारे…. आर्यन! तुम अपने कमरे में जाओ और इंतज़ार करो।”

आर्यन के जाने बाद सबने मिलकर पूछा, “वो नसीबदार कौन है?”

“प्रीती! क्या तुम आर्यन का कुँवारापन लेना चाहोगी?”

“आपने मुझे ही क्यों चुना?” प्रीती ने पूछा।

“वैसे तो तजुर्बे के हिसाब से मैं ही जाती, लेकिन मैं उसकी माँ हूँ, और तजुर्बे के हिसाब से मेरे बाद तुम ही आती हो!” रूही ने जवाब दिया।

“ठीक है! अगर ये बात है तो मुझे मंजूर है”, प्रीती ने कहा।

“आँटी मैं बीच में कुछ कहूँ?” अंजू बोली। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“कुछ कहने की जरूरत नहीं है, मैं जानती हूँ तुम्हारी चूत क्या माँग रही है”, रूही हँसते हुए बोली, “आज रात रवि तुम्हें और तुम्हारी बहन को चोदेगा, जाओ और मज़े लो।”

“थैंक यू आँटी, मगर आपको कैसे पता चला कि हम रवि से चुदवाना चाहते हैं?” मंजू बोली।

“मैं समझ सकती हूँ कि जब सुनील इस चीज़ में यकीन रखता है कि चुदाई में खून के रिश्तों कि इज्जत करनी चाहिये, तो इसका मतलब है कि तुम्हें सुनील ने नहीं चोदा है और तुम लंबे और मोटे लंड से चुदवाने को मरी जा रही हो”, रूही ने जवाब दिया।

रूही ने फ़िर फैसला किया कि कौन किस के साथ सोयेगा, उसने मुझे अपने लिये बचा के रखा। कुछ देर और शराब का दौर चला और फिर सब अपने-अपने कमरे में चुदाई करने चले गये।

रूही भी ऊँची पेंसिल हील के सैंडल पहने नशे में लड़खड़ाती मेरे साथ अपने बेडरूम में आ गयी। बिस्तर में नंगी कुछ ज्यादा ही हसीन लग रही थी। मैं उसे चूम रहा था और उसके बदन को सहला रहा था, उसकी सिसकरियाँ इस बात की गवाह थी कि उसको भी मज़ा आ रहा था। उसकी चूचियाँ और निप्पल चूसने के बाद मैंने उसके पैरों की तरफ बढ़ा। उसके गोरे सुंदर पैर ब्लैक कलर के हाई हील सैंडलों में बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे और मैं उन्हें चूमने से खुद को रोक नहीं सका। उसके बाद जैसे ही मैंने अपनी ज़ुबान उसकी बिना बालों की चूत पर रखी तो रूही सिसकते हुए बोली, “ओहहहह सुनील!!! तुम्हारी ज़ुबान कितनी अच्छी लग रही है!!!! हाँ….आआआआ इसी तरह मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदते रहो!!!!” मैं उसके ऊपर लेट कर अपने लंड को उसकी चूत पर जोर से रगड़ने लगा तो वो नशे भरे स्वर में बोली “ओहहहह सुनील अब और मत तरसाओ!!!! प्लीज़ अपने लंड को मेरी चूत में डाल दो ना!!! प्लीज़ज़ज़!!!”

मैंने अपने लंड को उसकी चूत पे रख कर एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक डाल दिया। “हाँ ऐसे ही….. मज़ा आ गया!!! अब चोदो और फाड़ दो मेरी चूत को!!!” रूही फिर नशे में मस्ती से बड़बड़ायी।

अब मैं तेजी से धक्के लगा रहा था। मैंने उसके दोनों मम्मों को अपने हाथों से भींच रहा था। उसकी टाँगें मेरी कमर पे लिपटी हुए थी और वो मेरे धक्कों का जवाब धक्कों से दे रही थी। हम दोनों का शरीर एक लय और एक ताल में उछल रहा था।

“ओहहहहह सुनील!!!! हाँ चोदो….. हाय!!!! ऊईईईईईईईईईईई अल्लाह….. मेरा तो गया…आआआ”, और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो जोर-जोर से साँसें लेने लगी।

मैंने कसके उसे अपनी बाँहों में भींचा और मेरे लंड ने भी उसकी चूत में पानी छोड़ दिया।

“सुनील! मज़ा आ गया, इतनी कस के मुझे आज तक किसी ने नहीं चोदा”, कहकर रूही ने एक सिगरेट सुलगा ली और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसती हुई बीच-बीच में सिगरेट के कश लेने लगी। एक बार फिर मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया।

मैंने रूही को घोड़ी बनने को कहा और उसके पीछे आ अपना लंड उसकी चूत पर घिसने लगा।

“सुनील! मैं चाहती हूँ कि अब तुम मेरी गाँड में अपना लंड डाल कर चोदो”, रूही धीरे से बोली।

“खुशी से मेरी जान!” ये कहकर मैंने अपना लंड पहले उसकी गीली चूत में डाला और फिर बाहर निकाल कर उसकी गाँड के छेद पे रख के थोड़ा सा दबाया।

“ऊऊऊईईईई हाय अल्लाह!!!!” रूही जोर से सिसकी, “सुनील! थोड़ा प्यार से करो…… तुम्हारा लंड कितना मोटा है।अल्लाह

अब मैं उसकी गाँड में धक्के मार रहा था और साथ ही साथ उसकी चूत में अपनी अँगुली डाल अंदर बाहर कर रहा था।

“ऊऊ.ऊऊ..ओओहहहह सुनील!!!! कितना अच्छा लग रहा है, रुको मत करते जाओ…… ओहहहहह मेरा छूटने वाला है!” इसके साथ ही मैंने भी अपना वीर्य उसकी गाँड में छोड़ दिया।

थोड़ी देर बाद हमने एक और बार चुदाई की और एक दूसरे को बाँहों में लेकर सो गये।

दूसरे दिन जब हम सब नाश्ते के लिये जमा हुए तो मैंने देखा कि आर्यन का कहीं अता-पता नहीं था। रूही ने मेरी बहनों से पूछा, “तुम लोगों की रात कैसी गयी, क्या रवि के लंड में मज़ा आया?”

“ओह रूही आंटी!!!! मैं तो स्वर्ग में पहुँच गयी थी….. ऐसा लगा!” अंजू ने जवाब दिया।

“और मुझे तो ऐसा लगा कि एक बार फिर से मैं कुँवारी बन गयी हूँ, रवि का लंड वाकय में जानदार है”, मंजू बोली।

“मुझे खुशी हुई कि तुम दोनों को मज़ा आया”, रूही खुशी से बोली। “प्रीती तुम्हारी रात मेरे शैतान आर्यन के साथ कैसी रही?”

“बहुत अच्छी!!! आर्यन बहुत समझदार है, जल्दी ही चुदाई के सारे गुण सीख जायेगा….” प्रीती हँसते हुए बोली।

“ऐसे नहीं! हम सब को पूरा किस्सा सुनाओ?” रूही बोली। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

प्रीती की ज़ुबानी:

जैसा आप सबको मालूम है कि मैंने कल काफी ड्रिंक कर रखी थी। मैं जब सिर्फ हाई-हिल के सैंडल पहने नशे में गिरती-पढ़ती कमरे में पहुँची तो देखा कि आर्यन बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। वो नंगा हो अपने खड़े लंड को हाथों में पकड़े हुए था।

“तो तुम वो मेरी पहली चूत हो जिसकी मैं चुदाई करने वाला हूँ”, उसने मुझे बाँहों में भरकर संभालते हुए कहा। फिर मुझे जोरों से चूमते हुए उसने मुझे बिस्तर पर ढकेल दिया।

“आराम से आर्यन”, मैंने कहा, “मैं यहाँ चुदवाने ही आयी हूँ, कहीं भाग नहीं जाऊँगी, मुझे पहले कपड़े तो उतार लेने दो।”

“सॉरी प्रीती”, शरमाते हुए उसने मुझे छोड़ दिया।

वो मुझे देख रहा था और मैं खड़ी होकर नशे में डगमगाती हुई अपने कपड़े उतार रही थी। वो एक टक मेरे नंगे बदन को निहार रहा था, “क्या पहली बार किसी लड़की की चूत देख रहे हो?” मैंने पूछा

“न…. हाँ…” उसने जोर की साँस लेते हुए कहा।

मैं नंगी होकर, सिर्फ अपने ऊँची हील के सैंडल पहने फिर बिस्तर पर पसर गयी और अपनी टाँगें चौड़ी करके बाँहें फैला कर उससे कहा, “मेरी चूत को बाद में ठीक तरह देख लेना, अब आओ और मुझे चोदो।”

वो मेरे ऊपर गिर पड़ा और अपना लंड मेरी चूत में डाल कर तेजी से धक्के लगाने लगा। वो पहली बार किसी लड़की को चोद रहा था इसलिये मैंने उससे कुछ नहीं कहा। थोड़ी ही देर में वो अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ कर गहरी साँसें ले रहा था।

मुझे पहले तो बहुत गुस्सा आया पर मैंने ज़ाहिर नहीं किया। आखिर ये उसका पहली बार चुदाई का अनुभव था। मैंने उसे अपने ऊपर से हटाना चाहा तो वो गिड़गिड़ाते हुए बोला, “प्रीती प्लीज़! मुझे एक बार और चोद लेने दो, मेरा लंड थोड़ी देर में ही फिर खड़ा हो जायेगा।”

“वो तो खड़ा हो जायेगा….. मुझे मालूम है, लेकिन चुदाई से पहले मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ?”

वो मेरे ऊपर से उठ कर मेरी बगल में बैठ गया। “क्या तुम्हें अपनी पहली चुदाई में मज़ा आया?” मैंने पूछा।

“प्रीती! पूछो मत….. इतना मज़ा तो मुझे आज तक मुठ मार कर भी नहीं मिला”, उसने जवाब दिया।

“लेकिन मुझे मज़ा नहीं आया”, मैंने कहा।

“तुम्हें मज़ा क्यों नहीं आया? मैंने तो सुना है कि चुदाई में लड़की को भी बराबर का मज़ा आता है।”

“हाँ! मज़ा आता है…. अगर उसकी चुदाई थोड़े प्यार और आराम सी की जाये। तुमने बड़ी जल्दी में चुदाई की और लड़कियों को झड़ने में थोड़ा वक्त लगता है”, मैंने कहा, “अब आओ और मुझे प्यार से और धीरे-धीरे चोदो।”

वो मेरे ऊपर आकर मुझे धीरे-धीरे चोदने लगा। “हाँ! ऐसे ही चोदते जाओ, हाँ! अपने धक्कों का अंदाज़ भी साथ-साथ बदलते रहो, कभी जोर से कभी प्यार से”, मैंने उसे चूमते हुए कहा।

अब वो मुझे अलग अलग-अंदाज़ में धक्के मारता हुआ चोद रहा था। मेरी नसों में खून का उबाल बढ़ने लगा। मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैं अपने कुल्हों को उठा कर उसके धक्कों का साथ देने लगी। “आर्यन तुम सही जा रहे हो!!!! ऐसे ही चोदो अब….. और तेजी से हाँ..आआआ ओहहहहह जोर से…… आआआआहहहह मेरा छूटा।” दो चार धक्के और लगा कर उसने भी अपना पानी छोड़ दिया।

“अब कैसा लगा चुदाई करना?” मैंने उससे पूछा।

“पहली बार से बहुत ज्यादा अच्छा!” उसने जवाब दिया।

“एक बात का खयाल रखना आर्यन! कि हर लड़की मेरी तरह चुदाने को तैयार नहीं आयेगी। तुम्हें उसे चुदवाने कि लिये उक्साना पड़ेगा। तुम्हें उससे प्यार करना होगा, इस अंदाज़ में को वो खुद अपनी टाँगें फैला कर तुम्हें चोदने को कहे”, मैंने उसे बताया।

वो मेरी चूचियों से खेलने लगा, मेरे निप्पल को मुँह में ले कर बड़े प्यार से उसने चूसा। मेरी टाँगें, जाँघें और यहाँ तक कि मेरे पैर और सैंडल तक उसने बड़े जोश से चाटे। फिर उसने मेरी चूत भी बड़े प्यार से चाटी और अपनी जीभ से काफी देर तक चोदी।

आर्यन जल्द ही सब कुछ सीखता जा रहा था। हम लोगों ने एक बार फिर चुदाई की।

“एक लड़की अपनी गाँड में किसी मर्द का लंड ले कर भी उसे मज़ा दे सकती है!” मैंने उसे बताया।

“क्या लंड और गाँड में?” उसने चौंकते हुए कहा।

“हाँ गाँड में! तुम सुनील और रवि से पूछ सकते हो, गाँड मारने में कितना मज़ा आता है, लेकिन हाँ गाँड पे थोड़ा तेल या क्रीम लगाना नहीं भूलना क्योंकि गाँड का छेद छोटा होता है और इससे दर्द ज्यादा होता है”, मैंने कहा।

फिर उसने मेरी गाँड मारी और हम सो गये। सुबह मैं सो कर उठी तो आर्यन गहरी नींद में सोया हुआ था। मैं नहाने चली गयी और जब लौटी तो देखती हूँ कि आर्यन अपने खड़े लंड को पकड़े बैठा था।

मुझे देख कर वो बिस्तर से उठा और मुझे बाँहों में भर कर बिस्तर की ओर घसीटने लगा। “नहीं आर्यन! अभी नहीं! अब मैं नहा चुकी हूँ!” मैंने कहा।

“प्लीज़ प्रीती!! देखो ना मेरा लंड कैसे खड़ा है, इसका तो खयाल करो”, उसने मुझे और जोरों से भींचते हुए कहा।

इसका खयाल मैं दूसरे तरीके से कर देती हूँ, कहकर मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। थोड़ी ही देर में उसके लंड ने पानी छोड़ दिया।

वो मुझे फिर भी चोदने की ज़िद करने लगा। जब मैंने मना किया तो वो गुस्से में कमरे से बाहर चला गया और मुझे नहीं पता अब वो कहाँ है।

प्रीती ने अपनी बात पूरी की।

“थैंक यू प्रीती! मैं जानती थी तुम आर्यन को सही रास्ता दिखाओगी! मैं संभाल लूँगी उस शैतान लड़के को”, रूही बोली, “आबिदा क्या तुमने आर्यन को देखा है?”

“हाँ मैडम!!! जब वो सलमा को चोद रहे थे”, आबिदा थोड़ा मुस्कुराते हुए बोली।

थोड़ी देर में आर्यन सलमा को अपनी बगल में दबाये हॉल में दाखिल हुआ।

“कुतिया!!! जा मेरे लिये नाश्ता ला!!!” आर्यन ने आबिदा से कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“आर्यन मुझे बदतमिज़ी पसंद नहीं है जरा भी!!! समझे???” रूही ने उसे डाँटते हुए कहा, “फौरन उससे माफी माँगो।”

“रहने दें मैडम! मुझे बुरा नहीं लगा”, आबिदा टेबल पर नाश्ता लगाते हुए बोली, “ये मुझे हमेशा ऐसे ही बुलाते हैं, पहले तो बुरा लगता था पर अब शायद मैं आदी हो गयी हूँ।”

“आबिदा! मुझे सच-सच बताओ कि ये सब कब से चल रहा है और क्यों चल रहा है”, रूही थोड़ा गुस्से में बोली।

“मैडम! दो साल से! जब आप घर में नहीं होती थी तो आर्यन बाबा मुझे अकेले में पकड़ लेते थे। वो मुझे चोदना चाहते थे पर मैंने उन्हें कभी चोदने नहीं दिया। हाँ मैं उन्हें अपनी चूचियों से और चूत से खेलने जरूर देती थी।”

“मेरा भी मन करता था चुदवाने को पर मैं अपने आप पर काबू रखती थी, और मैंने सलमा से भी कह दिया था कि वो आर्यन से ना चुदवाये। बस आर्यन बाबा हमारी चूचियों पर अपना लंड रगड़ कर झड़ जाते थे”, आबिदा बोली।

“हाँ मैडम! आबिदा ठीक कह रही है”, सलमा बोली, “आज भी मैं इन्हें चोदने नहीं दे रही थी पर इन्होंने कहा कि आज से इन्हें इजाज़त है।”

“नहीं! इसने इजाज़त नहीं ली थी”, रूही हँसते हुए बोली, “हाँ माँगता तो मैं जरूर दे देती। आर्यन आज से तुम आबिदा को भी जब जी चाहे चोद सकते हो।”

“मैं और इस कुतिया को चोदूँगा? कभी नहीं!” आर्यन गुस्से में बोला।

“कोई बात नहीं! समय इसका जवाब देगा”, रूही बोली।

आर्यन, आयेशा के पास जाकर बोला, “चलो कमरे में चुदाई करते हैं।”

“पहले मुझे नाश्ता तो खत्म करने दो”, आयेशा नाश्ता करते हुए बोली।

“क्या ये घटिया सा नाश्ता… इस नाश्ते से अच्छा है?” आर्यन अपना गाऊन उठा कर अपने खड़े लंड को दिखाते हुए बोला।

“हाय अल्लाह! क्या खूबसूरत लंड है तुम्हारा!” आयेशा लड़खड़ाते कदमों से उठी और उसके लंड को पकड़ कर बाहर जाने लगी, “सॉरी आँटी! मैं अपना नाश्ता बाद में कर लूँगी।”

आर्यन का लंड भी लंबा और मोटा था, एकदम राम के लंड के जैसा। दरवाजे की और घसीटने के चक्कर में आयेशा हाई-हील सैंडलों में संतुलन नहीं रख पायी और लड़खड़ा कर वहीं कार्पेट पर गिर पड़ी। शायद उसका पिछली रात का नशा पूरा उतरा नहीं था। आर्यन ने थोड़ा भी इंतज़ार किये बिना आयेशा का गाऊन उठा कर अपना लंड उसकी चूत में वहीं सबके सामने डाल दिया।

“शाबाश आर्यन! और जोर से!” जय बोला। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“हाँ… जोर से चोदो उसे!” राम ज़ुबैदा को ज़मीन पर लिटाते हुए बोला। सब लड़कियाँ ताली बज़ा कर आर्यन को उक्सा रही थीं। थोड़ी देर में तो माहोल ऐसा गर्मा गया कि जिसे जो मिला उसे ले वहीं चुदाई शुरू कर दी।

“तुम सब जितना चाहे मज़े लो, मैं अपने कमरे में जा रही हूँ”, रूही टेबल से उठती हुई बोली।

मैं भी रूही के पीछे उठा तो देखा कि अंजू और मंजू रवि के लंड से खेल रही थी।

मैंने रूही को दरवाजे पर ही पकड़ कर कहा, “रूही, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।”

“क्यों नहीं! आओ मेरे कमरे में”, वो बोली।

“कमरे में नहीं! यहीं जमीन पर!” कहकर मैंने रूही को कार्पेट पर लिटाया और उसे चोदने लगा।

जब मैं उसे दो बार चोदकर तीसरी बार चोदने की तैयारी कर रहा था तो विजय अपना लंड सहलाते हुए बोला, “साले सहाब! ये अच्छी बात नहीं है कि आप किसी को अपनी जागीर बना लें।”

सारा दिन यही सब चलता रहा। सबसे ज्यादा आर्यन ने चुदाई की। उसने हर लड़की की चुदाई की, किसी-किसी को तो दो बार चोदा। सबसे ज्यादा वो ही थक गया था और अपने कमरे में सोने चला गया।

रूही ने आबिदा और सलमा को इशारा किया तो दोनों उठीं और अपने हाथों में गरम तेल लेकर आर्यन के कमरे की ओर बढ़ गयी। मैं समझ गया कि आज आर्यन की मालिश होगी और आर्यन खुद आबिदा को चोदने की भीख आबिदा से माँगेगा।

मैंने देखा कि आयेशा रवि की गोद में बैठी थी और उसका लंड अपनी चूत में घुसा रही थी।

थोड़ी देर में फिर सब चुदाई में जुट गये। “ज़ुबैदा! तुम मेरे साथ आओ, मैं तुम्हारी गाँड चेक करना चाहता हूँ”, श्याम बोला।

“श्याम, थोड़ी देर में चलते हैं ना!”

“ज़ुबैदा डार्लिंग! इस घर में कोई चुदवाने को मना नहीं करता”, रूही बोली, “श्याम एक काम करो इसकी गाँड हमारे सामने ही मारो।”

“ज़रा धीरे-धीरे करो ना!” ज़ुबैदा सिसक कर बोली जैसे ही श्याम ने अपना लंड उसकी गाँड में पेल दिया।

जय, रूही की ओर बढ़ कर उसके मम्मे दबा रहा था। मैंने भी फातिमा को अपनी गोद में खींच लिया था। अब सब चुदाई में मस्त हो रहे थे। चारों तरफ चुदाई का माहोल था। जब सब थक गये तो अपने अपने कमरे में जाकर सो गये।

शाम को नाश्ते की टेबल पर सबने आबिदा और सलमा से पूछा कि दोपहर को क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि किस तरह मालिश के दौरान आर्यन इतना उत्तेजित हो गया कि वो अपने आपको आबिदा को चोदने की चाह से रोक ना पाया। जब आबिदा ने मना किया तो उसने वादा किया कि वो आबिदा को कुतिया कभी नहीं बुलायेगा और दोपहर भर वो फ़िर आबिदा और सलमा को चोदता रहा।

अब जबकि आर्यन और आबिदा में सुलह गो गयी थी, माहोल और खुशनुमा हो गया था। रात का खाने खाने के बाद हम सब ड्रिंक्स पीते हुए टीवी पर एक ब्लू फिल्म देखने लगे।

फिल्म काफी सैक्सी थी। वो फिल्म एक कुँवारी लड़की की पहली चुदाई की कहानी थी, सब लोग शराब का मज़ा लेते हुए वो फिल्म देख रहे थे।

“वाह क्या पिक्चर है! काश मैं उस लड़के की जगह होता और चूत को फाड़ रहा होता!” राम अपने खड़े लंड को सहलाते हुए बोला।

“हाँ सही कह रहे हो…… देखो तो उसकी चूत का छेद कितना छोटा है!” शाम भी बोला।

“काश हमें भी कोई कुँवारी लड़की की चूत मिल जाती, हमारी बीवियाँ तो पहले इन साले राम और श्याम से चुदवा चुकी थीं, इसलिये ये मौका हमारे हाथ से जाता रहा”, जय और विजय दोनों साथ-साथ बोले।

“तुम सब लोग कुँवारी चूत की बात कर रहे हो, कुँवारी चूत में ऐसा क्या है?” आर्यन ने पूछा।

“आर्यन! तुम्हें नहीं पता कि कुँवारी चूत को चोदने में कितना मज़ा आता है”, राम ने कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“यार! तुम्हें नहीं मालूम जब एक मस्ताना लंड किसी कुँवारी चूत में घुसता है तो उस कुँवारी चूत की झिल्ली उस लंड को अंदर जाने से रोक देती है। तब तुम्हें अंदर बाहर करके उस झिल्ली को फाड़ने के लिये जोर लगाना पड़ता है। और जब जोर लगाते हुए वो लंड चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ और उस झिल्ली को फाड़ता हुआ जड़ तक समाता है तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है”, श्याम ने कहा।

“डियर! ये मज़ा ज़ुबान से बयान नहीं किया जा सकता, इसके लिये तो तुम्हें कुँवारी चूत का अनुभव करना होगा”, राम ने फिर जवाब दिया।

“मेरे प्यारे भाई! चिंता मत करो, एक दिन तुम्हें भी कुँवारी चूत चोदने का मौका मिलेगा”, फातिमा ने उसकी पीठ थपाते हुए कहा, “आप क्या कहती हैं मम्मी?” उसने रूही की ओर देखा।

“मैं अभी से कुछ नहीं कह सकती”, रूही ने आबिदा की ओर देख कर कहा, “आबिदा! सायरा के साथ तुम कहाँ तक बढ़ी हो?”

“मैडम! कुछ खास नहीं, हालांकि वो मुझे अपने मम्मे दबाने देती है और चुम्मा भी लेने देती है मगर अपनी चूत को हाथ लगाने नहीं देती”, आबिदा ने जवाब दिया।

“तो इसका मतलब है कि उसके भरोसे नहीं रहा जा सकता?” रूही ने कहा।

“हाँ मैडम! फिलहाल तो नहीं…. लेकिन वो रास्ते पे जरूर आ जायेगी, उसकी चूत बहुत गरम है”, आबिदा ने कहा।

“मम्मी! आप भी कमाल की हो! आपको पहले से ही मालूम था कि एक दिन हालात ऐसे हो जायेंगे और आपने आर्यन के लिये कुँवारी चूत पहले से ही सोची हुई थी?” फातिमा ने कहा।

“सायरा कौन? अपने माली की लड़की?” आर्यन ने चौंकते हुए पूछा।

“हाँ वही!” आबिदा ने आर्यन की बात की पुश्टी की।

“काश उसकी कुँवारी चूत मुझे चोदने को मिल जाती”, आर्यन ने हताश होते हुए कहा।

“आर्यन इतने निराश मत हो! हो सकता है वो अब भी तुम्हें मिल जाये। आबिदा! ये बताओ कि उसकी उम्र कितनी है?” प्रीती ने पूछा।

“मैडम! वो कोई बच्ची नहीं है, और जहाँ तक मेरा अंदाज़ है उसकी उम्र अपने आर्यन बाबा जितनी ही होगी”, आबिदा ने जवाब दिया।

“ठीक है! आबिदा क्या वाकय में वो बहुत गरम मिजाज़ लड़की है?” प्रीती ने पूछा।

“हाँ मैडम! वो मुझे अपने मम्मे चूसने देती है, और मेरे मम्मे भी बड़े सैक्सी अंदाज़ में चूसती है, लेकिन वो समाज की बंदिशों से शायद डरती है और इसी लिये इससे आगे नहीं बढ़ती”, आबिदा ने जवाब दिया।

“तब तो ठीक है! रूही आंटी कल आप सायरा को घर पर बुलाओ और मैं देखती हूँ कि वो अपनी चूत में लंड के लिये भीख कैसे नहीं माँगती”, प्रीती मुस्कुराते हुए बोली।

“पर ये सब कैसे होगा?” रूही ने उत्सुक्ता से पूछा।

तब प्रीती ने रूही को स्पेशल दवाई की कहानी सुनाई कि कैसे ये सब हासिल हो सकता है। पर उसने खुद को और मेरी बहनों को पर्दे में ही रहने दिया।

“इसका मतलब है तुम वो दवाई अपने साथ लायी हो?” रूही बोली।

“हाँ! ले के तो आयी थी कि पता नहीं कब इस्तमाल करने की जरूरत पड़े, पर लगता है कि आज उसकी जरूरत पड़ ही गयी”, प्रीती मुस्कुराते हुए बोली।

“तब तो ठीक है”, रूही ने कहा, “आबिदा एक काम करो! तुम उसके घर जाओ और उसके घर वालों को कहो कि मेहमान आये हैं और उसे शाम को कुछ देर भी हो सकती है काम पर से वापस आने में। लेकिन उन्हें इस बात का यकीन दिला देना कि कोई भी उसे घर तक छोड़ के जायेगा।”

आबिदा रात के खाने के थोड़ी देर बाद ही आकर बोली, “मैडम! वो सुबह नौ बजे पहुँच जायेगी।”

सुबह नाश्ते के बाद हम सब सायरा के आने का इंतज़ार कर रहे थे। “प्रीती! तुमने आबिदा को सब कुछ समझा दिया है ना?” रूही ने पूछा।

“हाँ! मैंने उसे वो स्पेशल दवाई मिले कोक कि बॉटल भी दे दी है…. और उसे कहा है कि संभल कर यूज़ करे…. ताकि सायरा को शक ना हो”, प्रीती ने कहा।

आर्यन ख्यालों में कहीं खोया हुआ था। “तुम्हें इतना चिंतित होने की जरूरत नहीं है”, प्रीती ने कहा।

“मैं चिंतित नहीं हूँ, बुस अपनी उत्तेजना को संभाल नहीं पा रहा हूँ”, आर्यन ने जवाब दिया।

“सिर्फ़ वैसे ही करना जैसा मैंने तुम्हें समझाया है, कहीं जोश में अपना लंड एक ही झटके में उसकी चूत में ना घुसेड़ देना, वर्ना वो दर्द में चिल्ला पड़ेगी और तुम्हें भी मज़ा नहीं आयेगा।”

“पहले उसे खूब प्यार करके उत्तेजित करना। और अगर वो अपने टाँगें जकड़ी रखे तो अपने लंड को प्यार से उसकी चूत पे इतना रगड़ना कि वो खुद-ब-खुद अपनी टाँगें फैला दे। फिर धीरे से अपना लंड उसकी चूत में डालना और धीरे से धक्के मारते हुए उसकी झिल्ली को फाड़ना, इससे तुम्हें भी मज़ा आयेगा और उसकी भी पहली चुदाई यादगार बन जायेगी”, प्रीती ने उसे समझाते हुए कहा।

इतने में आबिदा ने बताया कि सायरा आ गयी है और वो उसे किचन में लेकर जा रही है जहाँ सलमा उनका इंतज़ार कर रही है।

जैसे ही वो हम लोगों की नज़रों के आगे से गुज़र कर किचन की ओर बढ़ी तो मैंने देखा कि वो देखने में कोई बहुत सुंदर नहीं थी पर उसके शरीर की बनावट बहुत ही जानदार थी। उसकी छातियाँ बहुत ही बड़ी और भरी-भरी थी।

“आर्यन तुम सही में नसीब वाले हो”, जय ने कहा।

“सही में! उसकी चूत में लंड डालने में मुझे तो बहुत ही मज़ा आयेगा”, श्याम ने कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

“तुम्हें किसकी चूत में लंड डालने से मज़ा नहीं आता?” अंजू बोली।

किचन में पहुँच कर सायरा बोली, “हाय अल्लाह! इतने कपड़े धोने के लिये हैं, अभी कुछ दिन पहले ही तो मैं सब कपड़े धोकर गयी थी।”

“वो क्या है कि मैडम के कुछ मेहमान आये हैं, इसलिये कपड़े कुछ ज्यादा हो गये हैं, ऐसा करो कुछ चाय नाश्ता कर लेते हैं फिर हम साथ में सब कपड़े धो देंगे”, आबिदा ने उससे कहा।

“हाँ ये ठीक रहेगा”, सायरा ने कहा।

“क्या लेना पसंद करोगी, चाय या कोक?” आबिदा ने पूछा।

“आज मुझे कोक ही दे दो, गर्मी कुछ ज्यादा है”, सायरा ने कहा।

आबिदा ने उसे कोक कि बॉटल पकड़ाई। “तुम्हें पता है कि आज मैं इस घर में दूसरी बार कोक पी रही हूँ”, सायरा ने कहा।

“दूसरी बार? लेकिन हमने तो तुझे हमेशा ही चाय पीते देखा है, पहली बार कोक कब पिया था?” सलमा ने पूछा।

“ठीक है… मैं बताती हूँ लेकिन किसी से कहना नहीं”, सायरा ने कोक का सिप भरते हुए कहा, “पिछले साल जब आर्यन सहाब छुटियों में घर आये थे तो मैं उनके कमरे में उनके कपड़े रखने गयी तो उन्होंने मुझसे अच्छी तरह बात की और कहा कि सायरा आज गर्मी कुछ ज्यादा ही है, क्या तुम कोक पीना पसंद करोगी?”

“मैंने हाँ कर दी और उन्होंने मुझे कोक की बॉटल पकड़ा दी, फिर उन्होंने मुझे बाँहों में भरके चूमने की कोशिश की लेकिन मैं वहाँ से भाग आयी, मुझे लगा कि वो मुझे तभी चोद देंगे। मैं उसके बाद उनके कमरे में कभी नहीं गयी”, सायरा ने कहा।

“तुझे वहाँ रुकना चाहिये था, आर्यन बाबा का लंड सही में जानदार है”, आबिदा ने कहा।

“क्या कह रही हो तुम? इसका मतलब है तुम ने आर्यन से चुदवाया है”, सायरा ने चौंकते हुए पूछा।

“हाँ!!! हम दोनों चुदवा चुकी हैं और सही में बहुत मज़ा आता है”, सलमा बोली, “क्या तुम्हें चुदवाने का दिल नहीं करता?”

“करता है पर डर लगता है! मैंने पढ़ा है कि चुदवाने में बहुत दर्द होता है”, सायरा बोली।

“तुमने गलत पढ़ा है, पहली बार हल्का सा दर्द होता है पर बाद में मज़ा ही मज़ा है”, आबिदा ने उसके मम्मे दबाते हुए कहा।

“पता नहीं मुझे क्या हो रहा है, ऐसा लग रहा है कि चूत में कीड़ियाँ रेंग रही हैं”, सायरा ने अपनी चूत खुजलाते हुए कहा।

हम समझ गये कि कोक ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

“लाओ…. मैं देखती हूँ तुम्हें क्या हुआ है”, कहकर सलमा ने सायरा के ब्लाऊज़ के बटन खोलने शुरू किये।

“तू एक बार चुदवा के देख ले, फिर तुझे सब समझ आ जायेगा”, आबिदा ने उसे बिस्तर पर लिटाते हुए कहा।

आबिदा ने उसकी कमीज़ खोल कर उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके मम्मे सहलाने लगी।

“ओहहहह आबिदा तुमने तो मेरी हालत और खराब कर दी है”, सायरा बोली।

“एक काम करो! सलमा को बताओ तुम्हें कहाँ तकलीफ हो रही है, वो तुम्हारी मदद करेगी”, आबिदा ने कहा।

“मुझे नीचे की ओर तकलीफ हो रही है”, सायरा अपनी चूत को और जोरों से रगड़ती हुई बोली।

“इसका मतलब तुम्हारी चूत में खुजली हो रही है?” सलमा ने उसकी चूत पे हाथ फिराते हुए कहा।

“हाँ!!! यहीं खुजली हो रही है…” सायरा अपनी चूत को और रगड़ती हुई बोली।

सलमा ने फिर उसकी सलवार भी निकाल दी और पैंटी भी उतर दी और इस तरह सायरा पूरी नंगी हो गयी।

सायरा को बिस्तर पर लिटा कर आबिदा ने उसकी चूत को चूम लिया और उसकी चूत पर अपनी ज़ुबान फ़िराने लगी।

“ओहहहहहहह तुम ये क्या कर रही हो, अच्छा लग रहा है!!! हाँआआआ, आआआ ऊँऊँऊँआआआआ…..” सायरा सिसकी।

आबिदा अब उसकी चूत को जोरों से चाटने लगी और अपनी ज़ुबान उसकी चूत में डालने लगी।

“हाँ और डाल दो!!!! यहीं खुजली हो रही है”, सायरा ने आबिदा के सिर को दबाते हुए कहा।

“पर मैं इसके आगे नहीं जा सकती! मेरी जीभ ज्यादा अंदर तक नहीं जायेगी”, आबिदा बोली।

“पर खुजली तो अंदर हो रही है, वो कैसे शाँत होगी? प्लीज़!!!! अंदर तक घुसाओ ना!” सायरा तड़पते हुए बोली।

“फिर तो कोई मोटा और लंबा लौड़ा ही तुम्हारी खुजली को शाँत कर सकता है”, आबिदा उसकी चूत को जोरों से चाटती हुई बोली।

कुछ देर सन्नाटा छाया रहा। “ठीक है लौड़ा ही सही…. पर लौड़ा कहाँ से लेकर आयें?” सायरा छटपटाते हुए बोली।

“आर्यन बाबा कैसे रहेंगे? वैसे भी वो तुझे पसंद है!” आबिदा अपनी जीभ उसकी चूत में और अंदर घुसाते हुए बोली।

“क्या आर्यन बाबा यहीं हैं!” सायरा बोली।

बिना उसकी बात का जवाब दिये, आबिदा सलमा से बोली, “सलमा! जाओ और आर्यन को बुला लाओ और बोलो कि सायरा चाहती है कि आप उसकी चूत आज फाड़ दें?”

जैसे ही सलमा ने आर्यन को आकर ये कहा, आर्यन आबिदा के रूम की तरफ भागा और बीच में अपने कपड़े भी खोलता गया। आर्यन कमरे में पहुँचा और सायरा को नंगी देख कर अपने लंड को सहला रहा था।

“इसका लंड तो बहुत ही लंबा और मोटा है, ये मेरी छोटी सी चूत में कैसे घुसेगा?” सायरा ने डर के आबिदा से पूछा।

आर्यन उसके बगल में लेट गया और उसे बाँहों में भरते हुए कहा, “डरो मत मेरी जान! मैं इतने प्यार से अपना लौड़ा तुम्हारी कुँवारी चूत में घुसाऊँगा कि तुम्हें पता भी नहीं चलेगा।”

आर्यन सायरा के ऊपर लेट कर उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। सायरा ने अपनी दोनों टाँगें सिकोड़ रखी थी। आर्यन प्रीती की बातों को खयाल में रख कर जोर से अपने लंड को रगड़ता जा रहा था।

आर्यन के लंड ने सायरा के शरीर में गर्मी भर दी। उसकी टाँगें अब धीरे-धीरे फ़ैलने लग रही थी। “मेरी जान! अपनी टाँगें और फ़ैलाओ ना!” आर्यन ने उसके होंठों को अपने होंठों में लेते हुए कहा।

आर्यन ने अपनी टाँगें उसकी टाँगों में फंसा कर उसकी टाँगों को और फैला दिया। फिर उसने अपना लंड उसकी चूत के छेद पे रख कर धीरे से अंदर दबाया। “ओहहहह मर गय़ीईई!!!!” सायरा सिसकी।

आर्यन ने अब अपने लंड का दबाव बढ़ाते हुए धीरे से एक और धक्का मारा, “ओहहहहह बहुत दर्द हो रहा है!!!! आर्यान बाबा….. प्लीज़ निकाल लीजिये, ओहहह आहहह… आबिदा इन्हें मुझ पर से हटाओ ना!!!! नहीं सहा जा रहा है”, सायरा दर्द से चिल्ला पड़ी।

आर्यन ने उसकी बातों को अनसुना करके उसके कंधे पकड़े और एक कसके धक्का मारा। “ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईई अल्लाहआआआ मर गयीईईई”, वो जोर से चींखी, और आर्यन का लंड उसकी झिल्ली को फाड़ते हुए उसकी चूत में जड़ तक समा गया।

आर्यन अपनी खुशी को रोक ना पाया कि वो भी आज एक कुँवारी चूत को चोद रहा है, वो रुक कर आबिदा की ओर मुस्करा कर देखने लगा। “बहुत अच्छे आर्यन बाबा! अब सायरा को प्यार से चोदो”, आबिदा ने आँख मारते हुए कहा। इस कहानी के लेखक सुनील अग्रवाल है!

आर्यन बड़े प्यार से सायरा को चोदने में लग गया। उसके हर धक्के के साथ सायरा की आँख से आँसू बह रहे थे।

“मेरी चूत में भी बहुत जोरों की खुजली हो रही है”, आबिदा बोली।

“मुझसे से भी ये नज़ारा देखा नहीं जा रहा है”, सलमा अपने कपड़े खोल कर अपनी बाँहें फ़ैलाते हुए बोली, “आओ हम दोनों एक दूसरे की प्यास बुझाते हैं।”

थोड़ी देर में ही दोनों नंगी हो एक दूसरे की चूत चाटने लग गयी।

थोड़ी ही देर में सायरा को भी मज़ा आने लगा। अब उसकी चींखें सिसकियों में परिवर्तित हो गयी थीं। “अब दर्द कम हुआ और मुझे अच्छा भी लग रहा है”, सायरा ने आर्यन को चूमते हुए कहा।

आर्यन ने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी। “हाँ सुनीला चोदो!!! और जोर से चोदो!!! अब मज़ा आ रहा है”, सायरा अब उसके धक्कों का जवाब देती हुई बोली।

आर्यन अब पूरी ताकत लगा कर सायरा को चोद रहा था। हाँ और जोर से!!!! “ओहहहह आआआहहह चोदो सुनीला!!!!” सायरा भी अपने कुल्हे उछाल कर आर्यन की ताल से ताल मिला रही थी।

जैसे ही आर्यन ने अपनी रफ़्तार और बढ़ायी, सायरा का शरीर अकड़ने लगा। “ओहहहह और जोर से!!!! ओहहहह मेरा छूटाआआ”, कहकर सायरा ने पहली बार जीवन में झड़ने का मज़ा लिया। दो तीन धक्के और मार कर आर्यन के लंड ने भी अपनी पिचकारी सायरा की चूत में छोड़ दी।

दोनों का शरीर पसीने में लथपथ था और एक दूसरे को चूमे जा रहे थे। Hindi Sex Stories

Hindi porn stories

यह जो स्टोरी लिखने जा रहा हूँ वो कल की ही Hindi porn stories बात है, मेरे एक चाची है उसकी स्टोरी है.
मुझे चाची बहुत अच्छी लगती थी. क्या माल था. उसकी फ़ीगर 38-30-38 थी, बड़े 2 चूतड़ और इतनी सेक्सी गांड थी कि मेरा लंड उसको देख कर टाइट हो जाता था. गांड का पूछो मत मोटी मोटी गांड जब जब वो चलती थी तो गांड हिलती रहती. जब जब मैंने चाची की गांड देखा करता था मेरा लंड जोश में आ जता. चाची बहुत ही सेक्सी थी. बेचारी चाची अंकल के लंड से खुश नहीं थी .

एक दिन मैं उनके घर गया, मीनू चाची अकेली थी. मैंने चाची से पूछा कि सब लोग कहाँ हैं?
चाची ने जवाब दिया- अंकल का तो तुमको पता ही है, और सभी बच्चे मामा के घर गये हैं, आज रात को नहीं आयेंगे.
फिर मैंने चाची को कहा- ओके चाची, मैं चलता हूँ.
चाची ने मुझे रोक लिया और कहा- अभी रुक जाओ, मुझे नहाना है, तब तक तुम मेरे घर का ख्याल रखना, मैं अभी नहा कर आती हूँ.

चाची नाइटी में थी, पिंक नाइटी में उनके बूब्स बड़े सेक्सी लग रहे थे. मैं रुक गया चाची नहाने चली गयी.

मैं इनके बेडरूम में चाची का इन्तज़ार कर रहा था कि अचानक मेरी नज़र बेड पर पड़ी, बेड पर टोवल, पेंटी और ब्रा पड़ा था. ब्रा और पेंटी बहुत बड़ी थी.
चाची ने आवाज़ दी और कहा- टोवल दे दो मुझे.
मैं चाची को टोवेल दिया.
फिर चाची ने कहा- सैम, प्लीज़ मेरी पेंटी और ब्रा भी दे दो.
मैंने चाची को पेंटी और ब्रा भी दे दी.

अब चाची नहा कर निकली. चाची ने ब्लैक कोटन का सूट पहना हुआ था. चाची की सफ़ेद ब्रा नज़र आ रही थी.
अब मैंने चाची को कहा- चाची अब मैं चलता हूँ.
चाची ने कहा- तुम्हें कुछ काम से जाना है क्या?
मैंने जवाब दिया- नहीं.
फिर चाची ने मुझे कहा- रुक जाओ, मैं अकेली बोर हो जाऊँगी. कुछ बातें करते हैं.

मैं बैठ गया और चाची अपनी लाइफ़ के बारे में बता रही थी.
अब चाची कुछ खुल कर बातें करने लगी.

मेरे से पूछने लगी- तुम्हारी गर्लफ़्रेंड्स हैं या नहीं, कभी सेक्स किया है या नहीं?
मैं ऐसी बात सुन के हैरान हो गया. अब मैं भी खुल गया था. मैंने चाची से पूछा- चाची, आपको सेक्स पसंद है?
चाची ने जवाब दिया- सेक्स हर किसी को पसंद होता है पागल. क्या तुम्हें पसंद नहीं है?
मैंने जवाब दिया- कभी किया ही नहीं है.
चाची ने कहा- झूठ मत बोलो, मुझे मालूम है, तुम बहुत बुरे हो, तुमने अपनी काम वाली को चोदा है और नेहा को भी, मुझे सब पता है और तुमने उन पर स्टोरी भी लिखी, मैंने भी तुम्हारी स्टोरी कल रात को पढ़ी थी और मेरी चूत गीली हो गयी थी, जी करता था कि तुमको रात को ही अपने घर बुलाकर अपनी प्यास बुझा लूँ, लेकिन बच्चे घर पे थे, झूठ बोलता है, तूने अपना मोबाइल नम्बर भी दे रखा है, लेकिन मैंने सोचा जब घर आओगे तब ही बात करूंगी तुमसे. तेरी माँ को बोलना पड़ेगा कि तेरा विवाह कर दे.

मैं अचानक डर गया.

चाची ने कहा- डरो मत, मैं कुछ नहीं कहूँगी. मैंने तो तुमको नंगा भी देखा है.
मैंने चाची से पूछा- कब देखा आप ने मुझे नंगा?
चाची ने जवाब दिया- जब तुम मेरे घर के बाथरूम में पेशाब कर रहे थे.
मैंने कुछ नहीं कहा.

‘मेरी भी चूत प्यासी है क्या अपनी चाची की प्यास नहीं बुझाओगे? स्टोरी में तो लिख रखा है गुलाम हाज़िर है, अब चुप क्यों बैठे हो बोलो, अब तुम्हारा लंड प्यास बुझायेगा मेरी चूत की प्यास को?’
मैं सोनिया चाची की बातों से मन ही मन खुश हो रहा था, सोचा नहीं था कि कभी कि चाची खुद तैयार हो जायेगी. मैं उनसे डरता भी था, वो बहुत गुस्से वाली थी.

चाची ने अब अपना हाथ मेरे लंड पर रखा मुझे. तब बहुत अच्छा लगा. मेरी चाची बहुत प्यासी थी वो बिल्कुल गोरी थी. उनकी उमर 38 की थी लेकिन अभी भी बिल्कुल जवान लगती थी. ज़िंदगी में आज पहली बार 38 साल की औरत के साथ सेक्स करने जा रहा था.

अब चाची ने मुझसे कहा- अपनी पैंट उतारो. मैं भी देखूँ तुम्हारा प्यारा सा लंड.
मैंने अपनी पैंट उतार दी.
मैंने उस दिन अंडरवियर नहीं पहना हुआ था. मैं अब नीचे से नंगा था.

चाची मेरे पास आई और मेरी शर्ट भी उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया. चाची को मेरा लंड बहुत अच्छा लगा. चाची ने मेरा हाथ अपने बूब्स पर रखा और कहा- प्रेस करते रहो प्लीज़.
मैंने खूब प्रेस किये.
चाची को मजा आ रहा था.

फिर चाची ने अपनी कमीज़ उतारी फिर सलवार उतारी, फिर मेरे लंड को चूसने लगी.
मैं चाची की ब्रा खोलने की कोशिश कर रहा था. तो चाची मुस्करा कर बोली- बेटा, मैं खोल देती हूँ.
फिर चाची ने ब्रा खोल दी और पेंटी भी उतार दी. अब चाची का गोरा गोरा जिस्म मेरे सामने पूरा नंगा था.

चाची ने अपने बड़े बड़े बूब्स को मेरे लंड पर रख दिये और अपने बूब्स से मुझे चुदाई का मजा दे रही थी. कुछ देर बाद मैं चाची की चूत को चाटने लगा. चाची की सेक्सी सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी- आआहह ऊऊहह सैम बेटा आआहह ज़ोर से बेटा आआहह तेरी चाची प्यासी है मेरी प्यास बुझा दे बेटा. आआअहह.
चाची ने कहा- अब अपना लंड मेरी चूत में डालो, प्यासी है मेरी चूत, प्यास बुझाओ जल्दी.

मैंने चाची की दोनों टांगों को अपने हाथों से अपने कंधों पर रखा और चूत पर 8 इंच का लंड रखा, चाची की चूत टाइट हो रही थी, मैंने हल्का सा धक्का दिया तो चाची की चीख निकल गई और चाची ने कहा- आराम से डालो, क्या जल्दी है तुमको.
मैंने कहा- चाची नहीं अब आराम से डालूँगा.

फिर मैंने हल्के हल्के झटके लगाने शुरु कर दिये. मेरे धक्कों से चाची को मजा आ रहा था. चाची की आवाज़ें निकल रही थी- ऊओहह ऊफ़फ़्फ़ हाआआ. और डालो और डाल आज मेरी चूत को मजा दे दो प्लीज़. तेज़ करो.
मैंने तेज़ कर दिया.

चाची मुझे बेड पे ले गई और मुझे बेड पे धक्का दे दिया, बोली- आज तुझसे मैं चुदवाती हूँ.
और सोनिया चाची ने मेरे लंड की टोपी को किस किया और मुझे सीधा लिटा दिया और मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत रख दी और ज़ोर 2 से हिलने लगी और चिल्लाने लगी- आहह बेटा सैम, बेटा आआहह्ह मजा आ गया, तुम्हारा लंड अब मेरी प्यास बुझा देगा!
और ज़ोर 2 से ऊपर नीचे होने लगी, ऐसे मैं मेरे लंड को भी दर्द हो रहा था.

चाची और मैं दोनों पागल हो गये, मैंने चाची को उठा लिया और नीचे लिटा कर उनकी टांगें खोल दी और फिर से चुदाई शुरु कर दी.
चाची झड़ने वाली थी. हमको 15-20 मिनट हो गये थे और मेरा भी पानी निकलने वाला था, चाची ने कहा- अंदर नहीं निकालना.
मैंने कहा- ठीक है चाची.

अब मैंने अपना लंड निकाल लिया और चाची के बूब्स पर पानी निकाल दिया फिर चाची ने मेरा लंड चूसा और पानी पी गई.
15 मिनट तक हम नंगे ही बेड पर लेटे रहे.

फिर मैंने चाची से कहा- चाची मुझे आप की गांड मारनी है.
चाची ने जवाब दिया- आज से सब कुछ तुम्हारा है बेटा, ये गांड भी तुम्हारी है जब बोलोगे, दे दूंगी मेरे सेक्सी सैम.
मैंने कहा- अभी मिल सकती है?
चाची ने कहा- अभी क्यों नहीं.

चाची ने फिर मेरे लंड को चूसना शुरु किया, 5 मिनट के बाद मैं चाची की मोटी मोटी गांड पर अपनी जुबान फेरने लगा.
चाची ने कहा- ये क्या कर रहे हो. आज तक किसी ने मेरी गांड पर जुबान नहीं फेरी.
मैंने जवाब दिया- चाची, एक ब्लू मूवी मैंने देखी थी.

चाची ने कहा- सैम, तुमको तो बहुत कुछ पता है सेक्स के बारे में.

अब चाची डोगी स्टाइल में थी और मेरा लंड बेचैन था मोटी गोरी गोरी मोटी मोटी गांड में जाने के लिये. चाची ने कहा- आराम आराम से डालना, ये चूत नहीं है गांड है. बहुत दर्द होता है.
मैंने कहा- चाची आप फ़िक्र नहीं करें, मैं आराम से करूंगा.
मैंने अब चाची की गांड में हल्का सा झटका दिया, चाची को दर्द हुआ, उनकी चीख निकल गई- आआहह हरामी बाहर निकाल, फट जायेगी. रहम कर… आआहह्ह नो बेटा प्लीज़ अहह ऊऊईईए माआ मम्मयी आअहह बाहर निकाल.

फिर मैंने अपनी स्पीड हल्की कर दी. अब हल्के हल्के मेरा पूरा लंड चाची की गांड में जा चुका था और चाची को भी मजा आ रहा था. चाची को भी बहुत मजा आया गांड में लंड लेकर.
मैंने चाची को कहा- चाची पानी निकलने वाला है.
चाची ने कहा- निकाल लो.

फिर चाची ने सारा पानी फिर से पिया और लंड को चूसने लगी.

अब जब भी मौका मिलता है मैं चाची की प्यास बुझाता हूँ. Hindi porn stories

Antarvasna

मेरा नाम स्मिथ है। जो Antarvasna मैं कहानी आप को सुनाने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची है। मैं हिमाचल में रहता हूँ मनाली में ! अन्तर्वासना पढ़ने वालों को सभी को मालूम होगा मनाली की हसीन वादियों के बारे में !

मेरा मनाली में अपना साइबर कैफे था। अगर साइबर कैफे है तो वहाँ पर लड़के और लड़कियों का आना-जाना तो लगा ही रहता था। मैंने वो कैफ़े चार साल तक चलाया। उस समय मेरी उम्र 24 साल की थी।

मेरे कैफ़े में बहुत सी लड़कियाँ आती थी और मैं उन्हें देख कर बहुत खुश होता था। कभी वो मुझसे पूछती- स्मिथ बताओ न कि यह फाइल मैं कैसे सेंड करूँ? या ये फोटो मैं कैसे डाउनलोड करूँ ! तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता था। मैं उनके साथ केबिन में बैठ जाता और उन्हें बताने लगता और कभी कभी मैं अपनी बाजू उनके स्तन पर लगा देता। कुछ तो मुझे अनदेखा कर देती पर कुछ बोल देती- भैया, क्या कर रहे हो !

तो मैं जल्दी से उन्हें सॉरी बोल देता और वो भी इट्स ओके बोल कर मान जाती ! पर मैं था भी स्मार्ट 5.8 और मेरा पप्पू था छोटा तकरीबन 5 इंच !

तभी मेरे कैफे में एक लड़की जिसका नाम शालिनी था, उसने आना शुरू कर दिया था। वो बड़ी सेक्सी थी। शुरू में जब वो आती तो नेट पर थोड़ी देर ही बैठती थी और चली जाती थी। वो मुझे अच्छी लगती थी। फिर उनसे आना बंद कर दिया।

तकरीबन एक महीने बाद वो आई तो मैंने उससे पूछ लिया- शालिनी, बहुत दिनों के बाद आई हो !
तो उसने कहा- क्यूँ? मेरी याद आ रही थी क्या?
तो मैं भी मुस्कुरा कर बोला- हाँ, आ तो रही थी !
तो वो मुझे बताने लगी- मैं घर गई थी ! मेरा घर रेवाल्सर में है।
फिर वो रोज़ मेरे कैफे में आ जाती और 3-4 घंटे तक बैठी रहती।

एक दिन उसने मुझे बुलाया और कहा- मुझे आपकी मदद चाहिए ! मैं फाइल कैसे डाउनलोड करूँ?

मैं उसे बताने लगा और साथ में मैंने अपनी बाजू उसके स्तन पर रख दी और की-बोर्ड पर टाइप करते हुए मैं उसके वक्ष को छूने लगा, मेरा छोटा सा पप्पू 5 इंच का खड़ा हो गया। उसे भी अच्छा लग रहा था और उसने भी मुझे कुछ नहीं कहा।
तभी बाहर 1-2 ग्राहक आ गए तो मुझे उठ कर जाना पड़ा और मैं उसे छोड़ कर चला गया।

शालिनी अब रोज़ मेरे पास आ जाती और किसी न किसी बहाने से मुझे अपने पास बुला लेती। पर मुझे भी अच्छा लगता था और फिर वही मैं टाइप करते करते उसको छू लेता था और मेरा पप्पू सलामी देने लग जाता।

मैं दिन में 3 से 4 बजे तक लंच करने जाता था। वो एक दिन आ गई और कहने लगी- मुझे अभी नेट पर जरूरी काम है !
मैंने कहा- मैं तो अभी लंच करने जा रहा हूँ !
तो कहती- प्लीज़ ! थोड़ी देर !
फिर मैंने कहा- शालिनी, कोई और ग्राहक आ गया तो मैं उसे भी मना नहीं कर पाऊँगा !
तो मैंने उसे कहा- मैं शॉप बन्द कर देता हूँ और तुम अंदर बैठ जाओ !
तो उसने कहा- ठीक है, पर मुझे आपकी मदद भी तो लेनी है !
मैंने कहा- ठीक है !

और मैं शॉप बंद करके उसके साथ बैठ गया। खुश तो मैं आज बहुत था कि शायद कुछ बात बन जाये और मैं उसके साथ थोड़ा चिपक कर बैठ गया।

दोस्तो, आप को पता ही है कि मनाली में बर्फ गिरती है तो सर्दी भी बहुत थी। मैंने शालिनी को शालू कह कर बुलाया तो वो कहने लगी- मुझे बहुत अच्छा लगा आपने मुझे शालू कहा !

और हम बातचीत करने लग गए। तभी मैंने कहा- शालू आप को बुखार देखना आता है?
तो कहने लगी- हाँ !

मैंने अपनी बाजू उसके हाथ में दे दी और वो देखने लग गई, बहुत देर तक उसने मेरी बाजू को पकड़े रखा। जब उसने मेरी बाजू पकड़ी हुई थी तो मैंने आँखें बंद कर ली और मेरा छोटा पप्पू तन गया। मन में मैं सोच रहा था कि यह ऐसी ही मुझे पकड़ कर रखे ! अच्छा लग रहा था !

और तभी जब मेरी आँखें बंद थी तो शालू ने अपने पतले पतले होंठ मेरे होटों पर रख दिए।
मैंने कहा- शालू, यह क्या कर रही हो?
कहती- चुप रहो ! जैसे तुम्हें पता न हो !

मुझे अच्छा लग रहा था, मैं भी उसके होटों को बहुत देर तक चूमता रहा और मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। अब तो मानो ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ ! तभी मैंने धीरे धीरे अपने हाथ उसके स्तन पर रख दिए।

शालू ने नीली ज़ीन्स और गुलाबी स्वेटर पहनी थी। मैं उसके स्तनों को छू कर रहा था स्वेटर के ऊपर से ! तभी मैंने अपना हाथ उसके स्वेटर के अंदर से डाला और मैं अपना हाथ उसके पेट पर फ़ेरने लगा और धीरे धीरे उसकी ब्रा तक पहुँच गया।

वो भी गर्म हो रही थी, उसे भी अच्छा लग रहा था।
मैंने कहा- शालू, मेरी जान !
तो शालू बोलती- बोलो मेरी जान !
मेरा मन करता है कि मैं आप को ऐसी ही चूमता रहूँ !
शालू कहती- तो करो न ! मैंने कब आप को मना किया !

और शालू ने अब मेरा पप्पू मेरी जींस के ऊपर से पकड़ लिया। उस समय तो मैं पागल हुए जा रहा था। तभी मैंने शालू की स्वेटर उतार दी। वो सिर्फ़ ब्रा के ऊपर स्वेटर पहनी हुई थी। मैंने पहली बार किसी लड़की को ब्रा में देखा था।

मैं उसके स्तनों पर चुम्बन करने लग पड़ा। उसके मुँह से आः आआआआ ह़ा आःआआ की आवाज़ आने लगी।

तभी मैं उसकी ब्रा खोलने की कोशिश करने लगा पर मुझसे उसके हुक नहीं खुल रहे थे। 2-3 मिनट तक लगा रहा तो उसने कहा- ब्रा खोलनी नहीं आती है क्या?

तो मैंने कहा- पहली बार खोल रहा हूँ !

वो मुस्कुरा दी और खुद ही खोल दी। अब मैं उसके चुचूक को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था और वो भी मज़ा ले रही थी। मेरा तो मन कर रहा था कि उसको खा जाऊं पर उसकी चूचियाँ थोड़ी छोटी छोटी थी।

तभी शालू कहती- अपनी पैंट खोल दो न !
मैंने कहा- आप ही खुद खोल दो !

तो उसने मुझे खड़ा किया और मेरी पैंट खोल दी। उस दिन मैंने अण्डर्वीयर नहीं पहना था और शालू मेरे पप्पू को चूसने लगी। क्या बताऊँ जिन्दगी का पहला अनुभव था वो मेरा !
मैंने कहा- शालू, अपनी ज़ीन्स खोल दो !

तो उसने भी झट से खोल दी और मैं उसको पागलों की तरह जांघों पर चूमने लगा। उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था। तभी मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी फुद्दी में ऊँगली डाल दी।
वो चीख पड़ी, मुझे कहने लगी- स्मिथ अब करो न ! जल्दी अपना प्यारा सा पप्पू मेरे अंदर डाल दो !
मैंने कहा- मेरे पास कंडोम नहीं है !
तो कहती- कोई बात नहीं ! डाल दो न जल्दी से !

तो मैंने उसको अपनी गोद में बिठाया और अपना लण्ड उसकी फुद्दी में डालने लगा और वो चीखने लगी- धीरे धीरे करो न !

पर उस समय तो मुझे कुछ नहीं सुनाई दे रहा था और मैंने शालू की फुद्दी के अंदर अपना पप्पू डाल दिया और लगा मैं उसे अंदर-बाहर करने !

अब वो भी पूरा मज़ा ले रही थी और हम पागलों की तरह घुच-घुच कर रहे थे। लगभग दस मिनट तक सेक्स करने के बाद मैंने कहा- शालू, अब मैं अपना माल निकालने वाला हूँ, मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो पा रहा है !

तो वो बोली- निकालो न जल्दी से ! पर मेरी फुद्दी के अंदर मत निकालना !
पर मेरे से अपना पप्पू बाहर नहीं निकाला गया और मैंने अंदर ही छोड़ दिया।

मैं और शालू थोड़ी देर तक वैसे ही बैठे रहे। अब 4 बजने वाले थे और मुझे शॉप को खोलना था।
तो मैंने कहा- शालू, चलो अब चलते हैं !
तो वो भी मान गई। अब तो हम दोनों खुश थे। वो दिन में आ जाती और हम अब रोज़ सेक्स किया करते थे।
दोस्तो, कैसे लगी आपको मेरी कहानी? Antarvasna

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