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Massage Girl in Bankura: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Bankura who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Bankura that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Bankura massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Bankura who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Bankura massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Bankura massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Bankura who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Bankura employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Bankura helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Bankura

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Bankura at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna

मैंमनीष आज़ आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा Antarvasnaरहा हूं।

मेरी एक छोटी बहन है जिसका नाम रेखा है। उसकी उमर १८ साल की है मेरी उमर २० साल की है।

मेरी बहन की चूची काफ़ी सुडौल है, मेरी नज़र जब भी उसकी चूची पर जाती है तो उसे दबाने की इच्छा होती है। किन्तु मैं मां-बाप के डर के कारण कुछ नहीं कर सकता हूं।

एक दिन घर में बहुत से मेहमान आ गये जिसके कारण सोने के जगह की कमी होने लगी। किसी तरह एडजस्टमेंट किया गया। मैं और मेरी बहन जमीन पर सो गये।

रात में ठंड के कारण मेरी बहन मेरे से सट गयी, मैने भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए उसकी चूची पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा, उसकी चूची काफ़ी हार्ड थी। चूची छूने के कारण मेरा लंड खड़ा हो गया।

अचानक मेरी बहन की आंख खुल गयी और वो हमसे दूर हो गयी, दूसरे दिन सभी लोग मेहमान को घुमाने बाहर गये।

मेरी बहन नहीं जा सकी क्योंकि उसका दूसरे दिन एक्साम था। मैं भी घर में ही रह गया।

दोपहर में खाने के बाद वो सो गयी, घर में सिर्फ़ मैं ही दोनो थे। उसको सोता देख कर उसकी बुर चोदने की इच्छा होने लगी किन्तु डर के कारण हिम्मत नहीं हो रही थी। मैं साइंस का स्टुडेंट हूं और प्रैक्टिकल के लिये क्लोरोफोर्म लाया था।

मैने क्लोरोफोर्म को अपने रुमाल में डाल कर उसके नाक के पास ले गया, चूंकि वो गहरी नींद में थी इसलिये वो बेहोश हो गयी।

मैने जल्दी से उसके कपड़े के ऊपर से ही उसकी चूची दबाने लगा।

चूची दबाते दबाते मैं काफ़ी उत्तेजित हो गया और उसके टोप को ऊपर कर उसके बरा को बाहर निकाल दिया उसकी दोनो खूबसूरत चूचियां मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी मैने उसको जोर जोर से दबाने लगा और उसका स्कर्ट ऊपर कर पैंटी भी निकाल दिया।

अब मेरे सामने उसकी बुर एकदम नंगी थी। उसके उठे हुए बुर को देख कर बरदाश्त नहीं हुआ।

और मैने अपने सारे कपड़े उतार कर उसकी बुर पर अपना लंड रगड़ने लगा, बुर पर अपना लंड रगड़ने के बाद मैं अपना सुपाड़ा उसकी बुर के छेद पर रख कर हल्का सा झटका दिया। सुपाड़ा बुर में थोड़ा सा घुस गया।

रेखा बेहोशी के बाद भी कराह उठी।

काफ़ी कोशिश के बाद भी मेरा लंड बुर में घुस नहीं रहा था।

ये सब करीब एक घंटे तक चलता रहा। क्ल्रोरोफोर्म का असर भी अब धीरे धीरे कम हो रहा था।

मैने उसके बुर में एक झटका और दिया। उसके बुर से खून निकलने लगा और वो दर्द से कराह उठी, दर्द के कारण उसकी बेहोशी टूट चुकी थी।

वो अपने आप को नंगा देख कर और बुर में लंड पा कर डर और घबरा गयी और रोने लगी और बोली भैया ये आप क्या कर रहे है, उसको जगा देख कर मैं भी घबरा गया किन्तु अब कुछ नही हो सकता था इसलिये उससे बोला।

रेखा मेरी प्यारी बहन तुमको सोते देख कर और तुम्हारी चूची को देख कर मैं अपना होश खो बैठा और तुम्हारे साथ ये सब करने लगा।

वो बोली मुझे छोड़ दो मैं सब मम्मी और पापा को बताउंगी।

मैने काफ़ी मन्नत की किन्तु वो नहीं मानी और छुड़ाकर भागने की कोशिश करने लगी।

मैं भी अपने आप को फंसता देख कर उसके बुर में एक जबरदस्त झटका दिया और मेरा चौथाई लंड उसकी बुर में घुस गया वो चिल्लाने लगी और लंड निकालने के लिये प्रार्थना करने लगी तो मैं बोला मैं लंड तभी निकालूँगा जब तुम किसी से नहीं कहने का वादा करोगी।

वो नहीं मानी तो मैने एक झटका और दिया और मेरा थोड़ा लंड और उसके बुर के अंदर चला गया।

वो दर्द से रोने लगी और मैं अपनी शर्त मनवाने पर तुला था। दर्द उसको बरदास्त नहीं हो रहा था इसलिये वो प्रोमिस की कि किसी से नहीं बतायेगी।

तब जाकर मैने अपना लंड उसके बुर से निकाला।

वो बैठ कर रोने लगी और अपने दोनो हाथों से अपनी चूची छुपाने लगी।

मैं उसके पास जाकर बोला अब तो तुम्हारी बुर में मेरा लंड जा ही चुका है तो तुम क्यों शरमा रही हो, बो बोली ये ठीक नहीं है।

मैं बोला जवानी में सब ठीक होता है। शादी के बाद तुम तो किसी से चुदवाओगी ही तो आज़ क्यों नहीं और उसकी चूची को हल्के हल्के सहलाने लगा, धीरे धीरे उसको भी मज़ा आने लगा और चुप चाप चूची सहलवाती रही।

मैने अपने लंड को उसके हाथों में दे दिया किन्तु उसने अपना हाथ हटा लिया और बोली ये मैं नहीं कर सकती हूं ये सब मैं सिर्फ़ अपने पति के साथ ही कर सकती हूं,

तो मैं बोला चलो मैं ही तुम्हारा पति बन जाता हूं और मैने सिन्दूर उसकी मांग में जबरदस्ती भर दिया, उसने कहा भैया आपने ये क्या कर दिया, मैं बोला अब मैं तुम्हारा भाई नहीं तुम्हारा पति हूं, वो चुप रही तो मैने उसको अपनी गोद में उठा लिया और उसके चूची को चूसने लगा उसके बाद बेड पर लिटा कर उसकी बुर में धीरे धीरे अपना लंड डालने लगा अब वो विरोध नहीं कर रही थी, मैने उसको कहा अब मैं तुम्हारा पति हूं तुम मेरे लंड को चूसो वो मेरे लंड को चूसने लगी धीरे धीरे वो भी उत्तेजित हो गयी तो मैने अपने लंड को काफ़ी कोशिश के बाद पूरा डाल दिया और करीब आधा घंटे तक चोदता रहा और अपना पानी भी उसके बुर में छोड़ दिया।

उस दिन के बाद वो मुझे ही अपना पति मानती है और जब भी मौका मिलता है खूब चुदवाती है।

एक दिन उसने बताया कि वो मां बनने वाली है।

मैं घबरा गया और एक दिन प्लान बना कर उसको ले कर एक दूसरे शहर में आ गया। अब वो मेरी पत्नी की तरह रहती है और मेरे एक बेटे की मां है। Antarvasna

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मैं आमिर Hindi Porn Stories अलाहाबाद से हूँ, उम्र चौबीस साल है, मेरा लंड सात इन्च लम्बा है तीन इन्च मोटा है।

यह जो कहानी लिखने जा रहा हूँ वो कल की ही बात है। मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती है उसकी कहानी है। मुझे यह आंटी बहुत अच्छी लगती थी। क्या माल था। उसकी फ़ीगर 38-30-38 है। बड़े-2 चूतड़ और इतनी सेक्सी गाँड थी कि मेरा लंड उसको देख कर तन जाता था। गाँड का पूछो मत, मोटी मोटी गाँड ! जब जब वो चलती थी तो गाँड हिलती रहती। जब जब मैंने आंटी की गाँड देखा करता था मेरा लंड जोश में आ जता। आंटी बहुत ही सेक्सी थी। बेचारी आंटी अंकल के काम की वजह से एंजोय भी नहीं करती थी। उसके पति आर्मी ओफ़िसर थे, अक्सर बाहर ही रहते थे।

एक दिन मैं उनके घर गया, सोनिया आंटी अकेली थी। मैंने आंटी से पूछा कि सब लोग कहाँ है?

आंटी ने जवाब दिया कि अंकल का तो तुमको पता ही है और सभी बच्चे मामा के घर गये हैं। आज रात को नहीं आयेंगे।

फिर मैंने आंटी को कहा- ओके आंटी, मैं चलता हूँ।

आंटी ने मुझे रोक लिया और कहा- अभी रुक जाओ, मुझे नहाना है, तब तक तुम मेरे घर का ख्याल रखना। मैं अभी नहा कर आती हूँ।

आंटी नाइटी में थी, पिंक नाइटी में उनके वक्ष बड़े सेक्सी लग रहे थे, बोली- तू मेरा पीसी भी ठीक करके जाना ! खराब है !

मुझे नहीं पता था कि आंटी भी पीसी चलाना जानती हैं। मैं रुक गया आंटी नहाने चली गई।

मैं इनके बेडरूम में आंटी का इन्तज़ार कर रहा था कि अचानक मेरी नज़र बेड पर पड़ी, बेड पर तौलिया, पैंटी और ब्रा पड़ा था। ब्रा और पैंटी बहुत बड़ी थी। तकरीबन 15 मिनट बाद आंटी ने आवाज़ दी और कहा- तौलिया दे दो मुझे।

मैंने आंटी को तौलिया दिया फिर आंटी ने कहा- प्लीज़ मेरी पैंटी और ब्रा भी दे दो।

मैंने आंटी को पैंटी और ब्रा भी दे दी। अब आंटी नहा कर निकली। आंटी ने सफ़ेद रंग का सूट पहना हुआ था। आंटी की काली ब्रा नज़र आ रही थी।

अब मैंने आंटी को कहा- आंटी अब मैं चलता हूँ।

आंटी ने कहा- तुम्हें कुछ काम से जाना है क्या?

मैंने जवाब दिया- नहीं !

फिर आंटी ने मुझे कहा- रुक जाओ ! मैं अकेली बोर हो जाऊंगी। कुछ बातें वगैरह करते हैं।

मैं बैठ गया और आंटी अपनी लाइफ़ के बारे में बता रही थी। अब आंटी कुछ खुल कर बातें करने लगी। मेरे से पूछने लगी- तुम्हारी गर्लफ़्रेंड्स हैं या नहीं, कभी सेक्स किया है या नहीं।

मैं ऐसी बात सुन कर हैरान हो गया।

अब मैं भी खुल गया था। मैंने आंटी से पूछा- आंटी, आप को सेक्स पसंद है?

आंटी ने जवाब दिया- सेक्स हर किसी को पसंद होता है पागल।

क्या तुम्हें पसंद नहीं है आंटी ने कहा?

मैंने जवाब दिया- कभी किया ही नहीं है।

आंटी ने कहा- झूठ मत बोलो, मुझे मालूम है, तुम बहुत बुरे हो ! तुमने अपनी काम वाली को चोदा है और नेहा को भी, मुझे सब पता है और तुमने उन पर कहानी भी लिखी, मैंने भी तुम्हारी कहानी कल रात को पढ़ी थी और मेरी चूत गीली हो गई थी, जी करता था कि तुमको रात को ही अपने घर बुलाकर अपनी प्यास बुझा लूँ, लेकिन बच्चे घर पर थे। झूठ बोलता है, तूने अपना मोबाइल नम्बर भी दे रखा है, लेकिन मैंने सोचा जब घर आओगे तब ही बात करूंगी तुमसे। तेरी माँ को बोलना पड़ेगा कि तेरा विवाह कर दे।

मैं अचानक डर गया।

आंटी ने कहा- डरो मत, मैं कुछ नहीं कहूँगी ! मैंने तो तुमको नंगा भी देखा है।

मैंने आंटी से पूछा- कब देखा आप ने मुझे नंगा?

आंटी ने जवाब दिया- जब तुम मेरे घर के बाथरूम में पेशाब कर रहे थे। मैंने कुछ नहीं कहा। मेरी भी चूत प्यासी है क्या अपनी आंटी की प्यास नहीं बुझाओगे? कहानी में तो लिख रखा है गुलाम हाज़िर है, अब चुप क्यों बैठे हो? बोलो, अब तुम्हारा लंड प्यास बुझायेगा मेरी चूत की प्यास को?

मैं सोनिया आंटी की बातों से मन ही मन खुश हो रहा था, सोचा नहीं था कभी कि आंटी खुद तैयार हो जायेगी। मैं उनसे डरता भी था क्योंकि वो बहुत गुस्सेवाली है।

आंटी ने अब अपना हाथ मेरे लंड पर रखा तो मुझे तब बहुत अच्छा लगा। मेरी आंटी बहुत प्यासी थी वो बिल्कुल गोरी थी। उनकी उमर 38 की थी लेकिन अभी भी बिल्कुल जवान लगती थी। ज़िंदगी में आज पहली बार 38 साल की औरत के साथ सेक्स करने जा रहा था।

अब आंटी ने मुझसे कहा- अपनी पैंट उतारो ! मैं भी देखूँ तुम्हारा प्यारा सा लंड।

मैंने अपनी पैंट उतार दी। मैंने उस दन अंडरवियर नहीं पहना हुआ था। मैं अब नीचे से नंगा था।

आंटी मेरे पास आई और मेरी शर्ट भी उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया। आंटी को मेरा लंड बहुत अच्छा लगा। आंटी ने मेरा हाथ अपने वक्ष पर रखा और कहा दबाते रहो प्लीज़।

मैंने खूब दबाये आंटी के स्तन। आंटी को मज़ा आ रहा था। फिर आंटी ने अपनी कमीज़ उतारी फिर सलवार उतारी। फिर मेरे लंड को चूसने लगी। फिर मैं आंटी की ब्रा खोलने की कोशिश कर रहा था तो आंटी मुस्करा कर बोली- बेटा, मैं खोल देती हूँ।

फिर आंटी ने ब्रा खोल दी और पैंटी भी उतार दी। अब आंटी का गोरा गोरा जिस्म मेरे सामने पूरा नंगा था।

आंटी ने अपने बड़े बड़े स्तन मेरे लंड पर रख दिये और अपने वक्ष से मुझे चुदाई का मज़ा दे रही थी। कुछ देर बाद मैं आंटी की चूत को चाटने लगा। आंटी की सेक्सी सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी आआआआह्हहह्हह्ह ऊऊऊह्ह्हह बेटा आआआह्हह्हह्हह्हह ज़ोर से बेटा आआआह्हह्हह्हह्ह तेरी आंटी प्यासी है मेरी प्यास बुझा दे बेटा। आआआअह्हह्हह्ह।

आंटी ने कहा- अब अपना लंड मेरी चूत में डालो ! प्यासी है मेरी चूत, प्यास बुझाओ जल्दी।

मैंने आंटी की दोनों टांगों को अपने हाथों से अपने कंधों पर रखा और चूत पर लंड रखा। आंटी की चूत टाइट हो रही थी। मैंने हल्का सा धक्का दिया तो आंटी की चीख निकल गई और आंटी ने कहा- आराम से डालो ! क्या जल्दी है तुमको?

मैंने कहा- आंटी, अब आराम से डालूँगा।

फिर मैंने हल्के हल्के झटके लगाने शुरु कर दिये। मेरे धक्कों से आंटी को मज़ा आ रहा था। आंटी की आवाज़ें निकल रही थी- ऊओह्हह्ह्ह ऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ हाआआ। और डालो और डाल आज मेरी चूत को मज़ा दे दो प्लीज़। तेज़ करो।

मैंने तेज़ कर दिया।

आंटी ने मुझे बेड पे मुझे सीधा लिटा दिया और मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत रख दी और ज़ोर-2 से हिलने लगी और चिल्लाने लगी- आह्हह्हह्हह्हह बेटा बेटा आआआआह्हह्हह्हह्हह्ह मज़ा आ गया तुम्हारा लंड अब मेरी प्यास बुझा देगा !

और ज़ोर-2 से ऊपर नीचे होने लगी, ऐसे में मेरे लंड को भी दर्द हो रहा था। आंटी और मैं दोनों पागल हो गये और मैंने आंटी को उठा लिया और नीचे लिटा कर उनकी टांगें खोल दी और फिर से चुदाई शुरु कर दी, आंटी झड़ने वाली थी। हमको 15-20 मिनट हो गये थे और मेरा भी पानी निकलने वाला था।

आंटी ने कहा- अंदर नहीं निकालना।

मैंने कहा- ठीक है आंटी।

अब मैंने अपना लंड निकाल लिया और आंटी के स्तनों पर पानी निकाल दिया। फिर आंटी ने मेरा लंड चूसा और पानी पी गई। 15 मिनट तक हम नंगे ही बेड पर लेटे रहे।

फिर मैंने आंटी से कहा- आंटी। मुझे आप की गाँड मारनी है।

आंटी ने जवाब दिया- आज से सब कुछ तुम्हारा है बेटा ! यह गाँड भी तुम्हारी है ! जब बोलोगे, दे दूंगी।

मैंने कहा- अभी मिल सकती है?

आंटी ने कहा- अभी क्यों नहीं।

आंटी ने फिर मेरे लंड को चूसना शुरु किया, 5 मिनट के बाद मैं आंटी की मोटी मोटी गाँड पर अपनी ज़बान फेरने लगा।

आंटी ने कहा- यह क्या कर रहे हो? आज तक किसी ने मेरी गाँड पर ज़बान नहीं फेरी !

मैंने जवाब दिया- आंटी एक ब्लू मूवी में मैंने देखा था।

आंटी ने कहा- तुमको तो बहुत कुछ पता है सेक्स के बारे में। अब आंटी कुतिया स्टाइल में थी और मेरा लंड बेचैन था मोटी गोरी गोरी मोटी मोटी गाँड में जाने के लिये।

आंटी ने कहा- आराम आराम से डालना ! यह चूत नहीं है गाँड है। बहुत दर्द होता है।

मैंने कहा- आंटी, आप फ़िक्र नहीं करें, मैं आराम से करूंगा।

मैंने अब आंटी की गाँड में हल्का सा झटका दिया, आंटी को दर्द हुआ, चीख निकल गई- आआआह्हह्ह हरामी बाहर निकाल ! फट जायेगी ! रहम कर आआआह्हह नो बेटा प्लीज़्ज़ अह्हह्ह ऊऊऊईईए माआ मम्मी आअह्हह्ह बाहर निकाल।

फिर मैंने अपनी स्पीड हल्की कर दी। अब हल्के हल्के मेरा पूरा लंड आंटी की गाँड में जा चुका था और आंटी को भी मज़ा आ रहा था। आंटी को भी बहुत मज़ा आया गाँड में लंड ले कर। मैंने आंटी को कहा- आंटी, पानी निकलने वाला है !

आंटी ने कहा- निकाल लो।

फिर आंटी ने सारा पानी फिर से पिया और लंड को चूसने लगी।

अब जब भी मौका मिलता है मैं आंटी की प्यास बुझाता हूँ।

इसे कहानी मत समझना ! यह हकीकत है ! Hindi Porn Stories

दोस्तो ! मैं हंस ! एक कालबोय दिल्ली से !Antaravsna

दोस्तो ! मैं हंस ! एक कालबोय दिल्ली से !

आपने मेरे पिछले अनुभव पढ़े होंगे।मेरे Antaravsna लण्ड का आकार ७.५ इन्च है। जिन लड़कियों, आंटियों, भाभियों को मैंने अभी तक चोदा है वो ही समझ सकती हैं मेरे लण्ड की महिमा। मैं ज़िगालो हूं और मेरा काम अच्छा चल रहा है। पूरे दिल्ली से मुझे काल आते हैं और पिछले हफ़्ते मुझे एक २९ साल की अविवाहित लड़की की मेल आई। उसने बताया कि वो एक प्राइवेट नौकरी करती है और उसे मेरी सेवाएं चाहिएं।

मैंने हां कर दी। उसने मुझे तारीख बताई और अपना मोबाइल नम्बर दिया कि इस दिन शाम को आठ बजे के बाद आप मुझे फ़ोन करना, मैं बता दूंगी कि कहां आना है। उसने अपने घर का पता नहीं बताया।

मैंने कहा- ठीक है।

मैं उसकी बताई तारीख पर शाम को तरोताज़ा होकर ८:३० पर मैंने उसको काल किया तो उसने मुझे एक शादी-स्थल पर बुलाया और कहा कि वहां बाहर से ही तुम मुझे फ़िर काल करना।

मैं आटो से वहां पहुंचा, बाहर से काल किया और अपना हुलिया बताया तो उसने मुझे बाहर ही रुकने को बोला। बाहर बहुत भीड़ थी, बहुत गाड़ियाँ खड़ी हुई थी, किसी पैसे वाले की शादी थी।

कुछ देर बाद एक बेहद खूबसूरत २८-३० साल की लड़की साड़ी पहने, बालों में फ़ूल लगाए हुए एकसम सज़ी-धज़ी गेट से बाहर आई। वो अपने कान से मोबाइल लगाए हुए किसी को खिज़ रही थी कि तभी मेरे मोबाइल की घण्टी बज़ी। अब तक वो मेरे पास पहुंच चुकी थी, मेरे मोबाइल की घण्टी उसे भी सुनाई दे गई थी। मैं अपनी जेब से मोबाइल निकाल भी नहीं पाया था कि मेरे मोबाइल की घण्टी बंद हो गई। मैं भी उसे देख रहा था।

उसने मेरे बगल में खड़े होकर फ़िर रि-डायल किया तो मेरा मोबाइल बजने लगा। वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी, मैं भी मुस्कुराने लगा। फ़िर उसने मोबाइल बंद किया और मुझसे पूछा- क्या तुम हंस हो?

मैंने कहा- जी हाँ ! मैं ही हंस हूँ।

हम दोनों ने हाथ मिलाया। उसने बताया कि यहाँ उसकी सहेली की शादी है, बस कुछ देर में कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा, आओ तुम मेरे साथ खाना ख लो।

मैंने कहा- ठीक है।

मैं मन ही मन हँस रहा था- बेगानी शादि में अब्दुल्ला दीवाना !

मैं अन्दर गया और भीड़ में शामिल हो गया। वो स्टेज़ पर चली गई। मैं खाना खाने लगा पर वो वो मुझे स्टेज़ से लगातार देखे जा रही थी, मैं भी उसे देख रहा था। वो २९-३० साल की परिपक्व लडकी थी। उसका जिस्म बहुत ही सेक्सी लग रहा था बिल्कुल प्रियंका चोपड़ा की तरह।

मैं खाना खा चुका था और एक कुर्सी पर बैठ कर कोफ़ी पीने लगा। तभी देखा कि दुल्हा-दुल्हन और सब लोग स्टेज़ से उतर कर खाना खाने जा रहे हैं इतने में वो उन लोगों को छोड़ कर मेरे पास आई और कोफ़ी लेकर मेरे पास बैठ गई। भीड़ से अलग हम दोनों कोफ़ी पीते हुए बातें करने लगे। उसने पूछा- आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई?

मैंने कहा- नहीं।

उसने बताया- यह मेरे बोस की बेटी की शादी है और वो मेरी सहेली भी है। मेरे बोस बहुत बड़े और अमीर आदमी हैं।

मैंने कहा- इन्तजाम देखने से ही पता चलता है।

वो बहुत बड़ी जगह थी। उसने बताया कि ये जो आजू-बाजू दो कोठियाँ दिख रही हैं, इनमें एक में लड़की वाले रुके हुए हैं और दूसरी में लड़के वाले। हम सभी को अलग अलग कमरे दिए हुए हैं। मेरा कमरा फ़ेरों वाली जगह के पास ही है। जहाँ इतनी भीड़ है कि कोई किसी के बारे में नहीं सोच रहा है कि कौन लड़की वाला है और कौन लड़के वाला।

मैं उसकी बातें सुन रहा था, बोलते बोलते उसकी सांस फ़ूल रही थी। मैं उसकी स्थिति समझ रहा था।

फ़िर उसने बताया कि मंगलीक होने की वजह से उसकी शादी कहीं तय नहीं हो पा रही है जबकि उसके साथ की सब लड़कियों की शादी हो चुकी है और कई माँ भी बन चुकी हैं। इस उम्र में सेक्स को लेकर मेरा क्या हाल हो रहा है, तुम समझ सकते हो। इसीलिए मैंने तुमसे सम्पर्क किया, पर हंस यह हमारी पहली और आखिरी मुलाकात होगी।

मैं उसकी सब बातें सुनने के बाद बोला- अगर कभी आप बाज़ार जाते हैं और आपकी जूस पीने की इच्छा होती है तो आप दुकान पर जाकर जूस पीते हैं और पैसे देकर घर आ जाते हैं ना ?

वो बोली- हाँ !

तो मैंने कहा- एक बात बताओ आप वो गिलास क्यों नहीं लाती साथ में जिसमें आपने जूस पिया?

तो वो बोली- गिलास नहीं खरीदा था, उसमें रखा हुआ जूस ही खरीदा था।

मैंने कहा- हाँ ऐसे ही आपने मेरी सेवाएँ खरीदी हैं, मुझे नहीं। आज के बाद मुझे आप से कोई मतलब नहीं रहेगा, आप निश्चिंत रहें।

वो मुस्कुराने लगी। हम काफ़ी देर बातें करते रहे। इसी बीच दुल्हा-दुल्हन उस कोठी की तरफ़ जाने लगे जहाँ मण्डप बना हुआ था और उधर ही उसका कमरा था, वो बोली- उठो ! साथ में चलो, हम भी दुल्हा-दुल्हन की भीड़ में शामिल हो गए। कोठी अन्दर से बहुत शानदार थी, बिल्कुल टीवी सीरियल के सेट की तरह।

दुल्हा-दुल्हन और कुछ लोग, लड़के, लड़कियाँ मण्डप के पास बैठ गए और कुछ अपने अपने कमरे में जाने लगे। प्रिया ने मुझे इशारा किया और मैं भी सामान्य होकर प्रिया के पीछे पीछे मगर कुछ दूरी से हो लिया। उसने कमरे का दरवाज़ा खोला और अन्दर हो गई, मैं भी मौका देख कर कुछ पल बाद कमरे के अन्दर हो गया।

एक पाँच सितारा होटल की तरह का कमरा था। बड़ा बेड, टीवी, फ़ोन वगैरह और कमरा महक भी रहा था। उसने ऐ सी चला दिया। बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था। मैंने झांक कर देखा तो बहुत बड़ा और सुन्दर बाथरूम था।

उसने कमरे का दरवाज़ा अन्दर से बंद कर लिया। मैं जूते निकाल कर बेड पर दीवार से पीठ लगा कर लेट गया। मैंने टीवी चला लिया। प्रिया बेड के पास खड़ी मुझे देखे जा रही थी। उसके सांस लेने के कारण उसके स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे। मैंने उसकी तरफ़ हाथ बढ़ाया। कुछ देर बाद उसने मेरा हाथ पकड़ा तो मैंने उसे बेड पर खींच लिया।

वो बड़ी अदा से मेरे सीने पर गिर पड़ी। हम दोनों अधलेटे थे। उसका सर मेरे सीने पर था। एक हाथ से मैं उसे थामे हुए था और एक हाथ से मैंने उसके गालों को छुआ। उसने आँखें बंद कर ली। वो दुल्हन की तरह सज़ी हुई थी। परफ़्यूम की मदहोश कर देने वाली उसकी महक से मैं दीवाना हो गया। मैंने उसके माथे को चूमा।

आज़ मैं भी सुहागरात मनाने के मूड में था। प्रिया एक अविवाहित लड़की थी, मैं अच्छी तरह से जानता था उसे क्या चाहिए। मेरा मतलब है कि एक अच्छा और पूरी सन्तुष्टि देने वाली यौन-क्रिया प्यार और ध्यान के साथ।

फ़िर मैंने उसकी बंद आँखों को चूमा और एक हाथ उसके बालों में फ़िराने लगा। वो किसी नई दुल्हन की तरह शरमा रही थी। उसका एक हाथ मुझे अपने घेरे में लिए हुए था। फ़िर मैं उस के ऊपर कुछ झुका और मैंने आपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए वो कांप गयी और जोर से मुझे अपनी बाहों में भर लिया।

मैं उसके होंठ चूस रहा था, वो भी मेरे होंठ चूस रही थी। कुछ देर होंठ चूसते हुए वो इतनी बेचैन हो गई कि उसने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों गाल पकड़े और जोर जोर से सर घुमा घुमा कर मेरे होंठ चूसने लगी, बेतहाशा मेरे होंठ चूमती रही, एक समय तो मैं भी छटपटाने लगा था। वो इतनी गरम हो चुकी थी कि भूखी शेरनी हो गयी थी।

इस समय उसके बड़े बड़े स्तन मेरे सीने पर दब रहे थे। फ़िर मैं भी अपना एक हाथ उसके सर के पीछे डाल कर उसका सर पकड़ कर पूरे जोर से उसके होंठ चूसने लगा। करीब २० मिनट तक हम बस किस करते रहे।

ये फॉर प्ले का पहला भाग था।

फ़िर कुछ देर बाद हम अलग हुए, दोनों ही बुरी तरह हांफ रहे थे। हम दोनों बिस्तर पर अलग अलग लेटे हुए थे। कुछ देर बाद जब हम सामान्य हुए तो मैं उसकी तरफ़ पलटा, वो आँख बंद किए हुए लेटी थी। मैं उसे गर्दन पर चूमते हुए उसके स्तनों पर चूमने लगा साड़ी का पल्लू उसके सीने पर से अलग करते ही मैं हैरान रह गया, क्या मस्त बड़े बड़े स्तन थे यार ! गोरे ! गोल !

मैं मचल उठा। मैंने अपने दोनों हाथ उसके दोनों बूब्स पर रख दिए और सहलाने लगा उसकी साँसे तेज़ चलने लगी और वो मेरी तरफ़ देखने लगी। मैंने बूब्स सहलाते हुए अपना मुंह उसके ब्लाउज में घुसा दिया। वो मचल उठी और मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर बूब्स पर दबा दिया। मैं अपने होंठ उसके बूब्स पर फेरे जा रहा था।

फ़िर मैंने एक हाथ से उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए। वो गुलाबी रंग की रूपा की ब्रा पहने हुए थी। क्या सेक्सी ब्रा थी ! मजा आ गया। फ़िर मैं कुछ देर ब्रा के ऊपर से ही बूब्स दबाता रहा और अपने होंठ फिराता रहा। फिर मैं बूब्स से नीचे होते हुए उसके पेट और नाभि पर आया, उसकी कमर को खूब चूसा। उसकी हालत बहुत ख़राब हो चुकी थी।

फ़िर मैं एक झटके से बिल्कुल नीचे उसके पैर के पास पहुँच गया। उसके पैर चूमते हुए उसकी साड़ी ऊपर करते हुए जाँघों तक आ गया।

क्या खूबसूरत सेक्सी जांघें थी !

मैं दोनों जाँघों पर अपने होंठ रगड़ रहा था। वो मदहोश हो रही थी और अपना सर जोर जोर से आजू-बाजू घुमा रही थी, अपने होंठ दांतों से चबा रही थी। मैंने अपने दोनों हाथ उसकी दोनों जाँघों पर से सरकाते हुए उसकी पेंटी को पकड़ा और नीचे खींच दिया। मेरी इस हरकत से वो चिंहुक गयी और सिस्कारने लगी।

बहुत ही शानदार चूत थी वो ! बिल्कुल मलाई की तरह और ब्रेड की तरह फूली हुई, बिल्कुल साफ़ ! एक भी बाल नहीं था और महक भी रही थी।

मैंने अपना काम शुरू कर दिया अपने दोनों हाथों से उसके नितम्ब सहलाते हुए उसकी चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाली तो वो अपनी कमर जोर जोर से ऊपर उछालने लगी और सी ,सी की आवाज़ निकालने लगी करीब १५ मिनट तक ऐसा करने पर उसने एक बार अपना पानी छोड़ा उसे बहुत आनंद आ रहा था।

फ़िर मैं अलग हुआ तो वो भी बैठ गयी और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी मैंने पैंट खोलना शुरू किया। उसने शर्ट उतारने के बाद मेरे सीने पर बहुत प्यार से हाथ फेरा, अपने होंठ मेरे सीने से लगा दिए और जोर जोर से मेरे सीने पर होंठ फिरने लगी।

मैं पैंट उतार चुका था। फ़िर मैंने उसकी ब्रा अलग की तो उसके बूब्स बाहर आ गये इतने बड़े और शानदार दूध देख कर मैं भी बेकाबू हो गया और मैंने उसे अपने सीने से चिपका लिया जिससे उसके बूब्स मेरे सीने से दब जाएँ। इससे उसे और मुझे भी अच्छा लगा।

कुछ देर बाद मैंने उसके नाभि के नीचे साड़ी के अंदर हाथ डाल दिया। वो मुझे देखने लगी कि मैं क्या कर रहा हूँ। मैं मुस्कुराया और मैंने अन्दर से उसकी साड़ी की तह किया हुआ भाग पकड़ा और हाथ बाहर खींच लिया जिससे एक ही झटके में साड़ी बिकुल खुल गई। वो हँसने लगी। मैंने साड़ी अलग की।

अब वो पेटीकोट में थी। पेटीकोट में से ही उसके चूतड़ों का आकार देख कर मैं पागल हो गया। उसकी गांड बहुत गोल और ऊपर उठी हुई थी और बड़ी थी। मुझे साड़ी में चूतड़ देखना बहुत पसंद है। राह चलती औरतों में सबसे ज्यादा उनकी गांड देखता हूँ क्योंकि मेरा मानना है कि अगर औरत के चूतड (गांड) अच्छे आकार में न हों तो उसे देख कर सेक्स की बिल्कुल भी इच्छा नहीं होती और अगर कोई साड़ी पहने हुए अच्छे बड़े गोल चूतड़ दिख जाएँ तो लंड तभी झटके से खड़ा हो जाता है।

ऐसे चूतड थे प्रिया के जिसे देख कर मेरा लंड और कठोर हो गया। मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी। मैंने उसकी गांड को खूब प्यार किया सहलाया चूमा अब उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया। मैं अभी भी अंडरवियर में था वो ऊपर से ही मेरे लंड को दबा रही थी फ़िर अचानक उसने मेरे अंडरवियर को नीचे खींच दिया।

वो बोली- अब कब तक तड़फाओगे? जल्दी अन्दर डाल लो न प्लीज़ !

मैंने भी उसके दोनों पैर अपनी कमर पर रखे और चूत पर अपना लंड रख दिया। उसने आँखे बंद कर ली। पहले मैंने अपना लंड उसकी कुंवारी चूत पर रगडा, फ़िर धीरे से अंदर डाला। वो छटपटा उठी।

अभी मेरा थोड़ा सा ही लंड अन्दर गया था पर वो बेकाबू होने लगी। अभी उसे दर्द का अहसास नहीं था क्यूँकि मैंने अभी थोड़ा सा लंड चूत के अन्दर किया था पर वो इतनी मचल रही थी। अचानक उसने अपने दोनों पैर से मुझे जम कर जकड़ लिया और अपने दोनों हाथ बिस्तर पर टिका कर अपनी कमर में जोर दार झटका देकर मेरे लंड पर भरपूर वार कर दिया मेरा लंड पूरा चूत में घुस गया मेरे लंड की चमड़ी ऊपर चढ़ गयी थी। मुझे बहुत दर्द हुआ। मैं चीख पड़ा, मेरे साथ वो भी चीख पड़ी क्यूंकि उसे भी बहुत दर्द हो रहा था। उसकी चूत पर मेरे लंड छूते ही वो इतनी उत्तेजित हो गयी थी कि ऐसा कर दिया।

हम कुछ देर रुक गये। मेरा लंड उसकी चूत में था। कुछ देर बाद दर्द कम होने पर मैं आगे पीछे हुआ। अब कुछ अच्छा लगने लगा था उसे, फिर मैंने धीरे धीरे अपनी स्पीड बढाई। उसे भी मज़ा आने लगा वो भी अपनी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ दे रही थी। करीब ४५ मिनट तक मैंने कई तरीकों से उसकी चुदाई की। इतने समय में न जाने वो कितनी बार झड़ चुकी थी।

फ़िर वो बोली- अब बस करो हंस ! तुम अपनी शूट कर दो, मुझे सहन नहीं हो रहा है, तुमने मुझे जीते जी स्वर्ग की सैर करा दी। मेरी आत्मा ना जाने कब से प्यासी थी। हाँ ! मैं तुम्हारी बहुत अहसानमंद हूँ हंस !

ये कहकर उसने मुझे बाँहों में भर लिया। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। करीब १० मिनट और करने के बाद भी मैंने शूट नहीं की तो वो बोली कि शूट क्यूँ नहीं कर रहे हो हंस ! प्लीज़ ! अब मेरी कमर दर्द कर रही है।

मैं मुस्कुराया क्यूंकि मैं उसको तो संतुष्ट तो कर चुका था पर मैं भी संतुष्ट होना चाहता था। मैंने कहा- ओके ! अच्छा तुम मेरे ऊपर आओ।

वो बोली- ठीक है पर जल्दी कर देना !

मैंने कहा- ठीक है !

वो मेरे ऊपर आई, मैंने उसकी चूत में लंड डाला और उसने अपनी चूत का पूरा भार मेरे लंड पर रख दिया वो कुछ आगे पीछे हुई, मुझे अच्छा लगने लगा। फ़िर मैंने अचानक उसकी कमर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उसे कुछ ऊपर उठा दिया जिस से अब उसका भार उसके ही दोनों घुटनों पर था।

अब मैंने अपने दोनों पैर बिस्तर पर टिका कर अपनी गांड ऊपर उठा दी और जोर जोर से उसकी चूत पर अपने लंड से प्रहार करने लगा।

मुझे कुछ परेशानी हुई तो मैं रुका और अपने सर के नीचे एक तकिया रख लिया और फ़िर शुरू हो गया। मैं १०० की स्पीड से उसे चोद रहा था वो भी मथानी की तरह हिल रही थी।

करीब १५ मिनट तक लगातार छोड़ने के बाद मैंने उसकी चूत में सारा पानी छोड़ दिया अब मैं शांत पड़ गया वो मेरे ऊपर लेट गयी १० मिनट तक हम यूँ ही लेटे रहे। फ़िर हम अलग हुए दोनों बाथरूम गये, हमने अपने आपको साफ़ किया। हम दोनों ही नंगे थे, शरीर पसीने से लथपथ हो रहा था तो मैंने शावर खोल दिया। हम दोनों उसके नीचे खड़े थे उसका गीला बदन देख कर मैं फ़िर जोश में आ गया। हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये और हमारे ऊपर पानी लगातार गिरे जा रहा था।

हम १५ मिनट तक एक दूसरे के शरीर से खेलते रहे। फ़िर मैं उसके पीछे आया और उसे आगे की तरफ़ झुका दिया और अपना लंड लेकर पीछे से उसकी गांड में डालना चाहा तो उसने मना कर दिया। मैं भी मान गया। फ़िर मैंने अपना लंड उसी तरह उसे और आगे झुका कर उसकी चूत में घुसा दिया। वो झुकी हुयी थी और दोनों हाथों से नल पकड़े हुए थी।

मैंने आगे पीछे होना शुरू किया। उसे भी मज़ा आने लगा वो भी अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढाई मेरे दोनों हाथ उसके चूतड को जम कर पकड़े हुए थे। १५ मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद वो बोली कि मेरी कमर दर्द कर रही है, प्लीज़ हंस ! अब शूट कर दो !

मैंने अपनी स्पीड बढाई और जोर जोर से धक्के मार कर उसकी चूत में पानी छोड़ दिया। पानी हमारे ऊपर लगातार गिरे जा रहा था। गिरते पानी में चुदाई का क्या आनंद आता है ये वो ही समझ सकता है जिसने ऐसा किया हो।

फ़िर हम दोनों अलग हुए और एक दूसरे को बाँहों में भर कर खूब प्यार किया।

रात के ३ बज रहे थे और हम बाथरूम में नहा रहे थे। नहा कर हम लोग बाहर आए तो प्रिया बहुत खुश थी। हमने अपने अपने कपड़े पहने और निकलने के लिए तैयार हो गये। प्रिया ने अपने पर्स में से रूपये निकाल कर मुझे दिए और बोली- थैंक्स ! तुम न होते तो जीवन के इस सुख से ना जाने कब तक मैं महरूम रहती !

ये कहकर वो फ़िर मुझसे लिपट गयी, बोली- तुम्हें जाने देने को मेरा बिल्कुल मन नहीं कर रहा है।

मैंने उसे चूमा और कहा कि अगर फ़िर मेरी याद आए तो मुझे कॉल कर देना। ओ के ! लेकिन अब ये कोशिश करना कि मेरी जरूरत ना पड़े तुम्हें। अपना ख्याल रखना !

ठीक है अब हम चलते हैं !

वो बोली- रुको ! पहले मैं बाहर देखती हूँ कोई है तो नहीं ?

मैंने कहा- ठीक है !

उसने दरवाज़ा खोला और बाहर से लाक करके चली गई। वो २ मिनट में ही वापस आ गई, बोली कि सब कार्यक्रम हो चुके हैं अब विदाई हो रही है। सब लोग उधर ही हैं तुम निकल जाओ।

मैं उसके साथ बाहर आ गया। बरामदे में आने पर मैंने देखा कि उधर अभी लोग इकट्ठा थे। हम भी भीड़ में शामिल हो गये और अलग अलग हो गये मैं धीरे धीरे बाहर कि ओर बढने लगा।

प्रिया भी अपनी साहिलियों के साथ शामिल हो गई थी। वो मुझे लगातार देखे जा रही थी। मैंने मुड़ कर देखा तो प्रिया की आंखों में आंसू थे। मैंने उसे एक हलकी मुस्कान दी और तेज़ी से बाहर निकल गया किसी को कोई शक नहीं हुआ।Antaravsna

Antarvasna

मैं अपना लंड हाथ में पकड़ कर Antarvasna उसके होठों को छुआने लगा और जैसे ही वो कुछ बोलने लगी मैंने झट से उसका मुँह पकड़ कर लंड अंदर डाला और उसको बोला- प्लीज़ एक बार इसको चूसो!

और मैं निर्मला के बाल को पकड़ कर धक्का मारने लगा और मैं भी खुद आगे पीछे होने लगा. मैंने उसकी मुँह चुदाई चालू कर दी. करीब दस मिनट के बाद मैंने सारा लंडरस उसके मुँह में डाल दिया और उसके पास लेट गया.

करीब पाँच मिनट के बाद उसका एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख मैं खुद उसका हाथ पकड़ कर आगे पीछे करने लगा और उसकी चूत को मसलने और उंगली से चोदने लगा.

तो उसने कहा- भैया प्लीज़ मुझे जाने दो.
मैंने कहा- निर्मला, असली काम अब चालू होगा!
तो वो बोली- क्या?
हाँ, मैं तुझे अब चोदूँगा!
उसने कहा- नहीं आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते!

मैंने कहा- निर्मला, ऐसा हर लड़की और लड़का चोदते हैं और चुदवाते हैं जैसे कि तुम्हारी मम्मी पापा से चुदवाती है, तुम्हारी भाभी भैया से चुदवाती है, मेरी पत्नी मेरे से चुदवाती है, फिर तुम क्यों मना कर रही हो!

उसका हाथ मेरे लंड पर रखते ही मेरा लंड टाइट होने लगा था और वो भी गरम हो गई इन सब बातों से, और बोली- भैया मैंने पहले कभी भी नहीं किया है!

(दोस्तो, मैं उसकी शरम मिटाना चाहता था और मैंने कल की तरह उस टॉपिक छेड़ दिया)

मैंने उससे पूछा- कल तो तुमने इतना नाटक नहीं किया, आज अचानक इतना नाटक क्यों?
वो बोली- भैया, कल जो हुआ वो एक हादसे की तरह था!
मैंने कहा- ठीक है!
मैंने उससे पूछा- कल तुमने अपनी मम्मी-डैडी की चुदाई देखी या नहीं?
तो बोली- भैया, नहीं!
मैंने कहा- क्यों?
बोली- मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ!

मैंने उसको कहा- मैंने कब कहा कि तुम ऐसी लड़की हो! मैं तो तुझे बता रहा था कि तुम सिर्फ एक बार देखो और तुमको सीखने को भी मिलेगा! खैर कल नहीं देखी तो तुम आज देखना और मुझे बताना कि कैसी है! ठीक है? और मैंने चूत में उंगली आगे पीछे करना ज़ाऱी रखा और वो मेरे लंड को हिलाने लगी.

मैं अब उसके ऊपर आया और उसकी टाँगों को थोड़ा अलग किया और उसकी गीली चूत पर लंड को और मुँह पर मुँह को रख कर दोनों हाथों को उसकी गांड के नीचे रख कर एक ज़ोऱ का धक्का मारा, उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और लंड एक इन्च अंदर चला गया. मैं दोनों हाथों को नीचे से निकाल कर उसकी दोनों चूची के चूचुक मसलने लगा, साथ में चुम्बन भी कर रहा था. लंड अंदर रखा और धीरे धीरे उसको चोदने लगा.

थोड़ी देर के बाद मैंने फिर एक ज़ोऱ का झटका मारा और लंड 3 इंच अंदर घुस गया और वो मेरी पीठ पर मारने लगी क्योंकि उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और उसकी झिल्ली भी फट गई. वो एक दम कुंवारी थी, खून निकलने लगा और वो तड़पने लगी, मेरे बालों को खींचने लगी. मैंने मुँह को हटाया और बोला- क्या हुआ?

वो बोली- भैया! मुझे बहुत दर्द हो रहा है!
मैंने कहा- निर्मला, मुझे भैया मत कहो और मेरे नाम से ही पुकारो! ऐसा दर्द पहली बार करने से होता है, तुम घबराओ मत, मैं हूँ ना!

और मैंने लंड बाहर निकाला और उसके मुँह पर हाथ रखा और एक हाथ से लंड को पकड़ कर उसकी चूत पर रख और ज़ोऱ का झटका मारा, इसके साथ ही मेरा लंड 6 इंच उसकी चूत में चला गया.

मैंने उसके मुँह से हाथ हटाया और चूची मसलने लगा- निर्मला, तेरी चूत तो कमाल की है!
वो बोली- भैया, प्लीज़ आप बाहर निकालो, मुझे बहुत जलन हो रही है और दर्द भी बहुत हो रहा है!
मैंने कहा- क्या निकालूँ रानी?
भैया, आप इतने गंदे हो, इधर मैं मरी जा ऱही हूँ और आप मज़ाक के मूड में हो!
मैंने कहा- निर्मला, प्लीज़ एक बार कहो कि क्या निकालूँ!
वो बोली- प्लीज़ भैया! मैं नहीं कहूँगी, आप बाहर निकालो!
मैंने कहा- ठीक है, जब तक तुम नहीं कहोगी, मैं बाहर नहीं निकालूँगा!

और इसके साथ ही उसको धीरे धीरे चोदने लगा और उससे बोला- तुम कितनी अच्छी हो, तुम्हारे बूब्स कितने प्यारे हैं, तुम्हारी चूत का कोई जवाब नहीं!

इतना कहने के बाद मैं उसकी चूची चूसने लगा साथ में धीरे धीरे चोदने लगा. थोड़ी देर के बाद उसको मजा आने लगा तो बोली- भैया प्लीज़ आप और अंदर मत डालना! नहीं तो मैं मर जाऊँगी!

मैंने कहा- क्या अंदर नहीं डालूँ?

और मैंने लंड को बाहर निकाला और एक झटका मारा, मेरा फिर 6 इंच तक अंदर गया. निर्मला सिसकारी लेने लगी- ऊऊऊवीई ईईईई ईम्म्म्म् म्म्म्मा आआआ! मार डाला इस पागल ने! मैंने कहा था कि अंदर मत डालो! फिर डाल दिया!

मैंने कहा- क्या डाल दिया?
तो बोली- भैया, मैं सिर्फ एक बार ही कहूँगी!
मैंने कहा- ठीक है, बोलो!

इसके साथ ही मैं उसको धीरे धीरे चोदने लगा और वो भी पूरी गरम हो गई और बोली- भैया, आप भाभी के साथ भी ऐसे ही करते हैं?
मैंने कहा- नहीं!
तो मेरे साथ में ऐसा क्यों?
मैंने कहा- मेरी बीवी तो मेरे साथ खुलकर पेश आती है, तुम्हारे जैसे नहीं है, जब मैं चोदने के मूड में नहीं होता हूँ तो मेरे पास आकर बोलती- जी आप मुझे चोदिए ना! देखो मेरी चूत कितनी तड़प रही है तुम्हारे लंड के लिए!

भैया आप झूठ बोल रहे हैं!
मैंने कहा- तुम एक काम करो, मेरी पत्नी से कभी भी पूछ लेना!
भाभी को शरम नहीं आती?
मैंने कहा- तुमको कल ही बता दिया था- सब तेरी मम्मी ने ही सिखाया है, जब चुदाई करते हैं तो हम लोगों को गंदी भाषा बोलनी चाहिए, इससे प्रेम बढ़ता है और जीवन भर प्यार रहता है आपस में!

अब मैंने लंड को पूरा बाहर निकाला और फिर जोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लंड चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया और मैं उसके ऊपर लेट गया.
निर्मला बोली- भैया प्लीज़ बाहर निकालो! बाहर निकालो!
मैंने कहा- जब तक तुम नहीं कहोगी मैं तुझे ऐसे ही चोदता रहूँगा और रगड़ता रहूंगा!
तो बोली- भैया, मुझे शरम आती है!
मैंने कहा- अपनी आंख बंद करके एक बार कहो- प्लीज़ लंड को बाहर निकालो!
तो बोली- भैया मैं नहीं कह पाऊँगी!
मैंने कहा- एक बार बोल लोगी तो टईक रहेगा, नहीं तो जिंदगी भर नहीं बोल पाओगी! और कुछ नहीं जल्दी से बोल दो!
तो बोली धीरे से- भैया प्लीज़ लंड को बाहर निकालो!
मैंने कहा- क्या निकालूँ?
तो बोली- लंड को!

मैंने लंड को बाहर निकाला और वापस ज़ोऱ से अंदर डाला और धीरे धीरे से चोदने लगा साथ में चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा.
मैंने उससे पूछा- कैसा लग रहा है?
तो बोली- प्लीज़ आप मुझे मत पूछो!
मैंने उससे कहा- निर्मला, तुमको आज मैंने एक बहन से पत्नी बना दिया है, तुम्हारी आज प्रमोशन हुई है, तुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा है, ऐसा मजा तो मुझे कभी नहीं आया!
मैं ऐसे ही उसे गरम करके चोद रहा था और वो भी मेरा खुल्लम-खुल्ला साथ देने लगी थी.

दोस्तो मुझे इसको चोदने में इतना मजा आया कि आपको नहीं बात सकता! आप समझ लीजिए कि मुझे जन्नत मिल गई थी!
मैं उसकी चूत से धीरे धीरे लंड बाहर निकालता और अंदर चूत में डाल कर चोद रहा था, बीच बीच में ज़ोऱ से शॉट भी लगाता था और वो हर शॉट के साथ वो सिहर उठती और मुझे बोलती -भैया, मुझे कुछ हो रहा है!
मैंने उसकी चूची को रगड़ते हुए पूछा- क्या हो रहा है रानी?
तो बोली- मैं नहीं बता सकती!

मैं अब उसे ज़ोऱ ज़ोऱ से चोदने लगा और दोनों हाथों से उसकी चूची को मसलते हुए बोला- ले मेरी रानी, मेरा लंड ले! और ले! अभी तेरी चूत को भी मजा आ रहा है! तू मुझे नहीं बताएगी तो तेरी चूत बताएगी!
मेरे हर शॉट का जवाब उसकी ओओ… आआईईई! जल्दी! प्लीज़ जल्दी करो! ओओ आआआ! में था.

मैं उसे ऐसे ही चोदने लगा और पूरे कमरे में पच पच और उसकी आवाज़ें गूंज रही थी. मैंने निर्मला को करीब़ 10 मिनट और चोदा!
वो कितनी बार झड़ी, मुझे नहीं मालूम! जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने पूछा- निर्मला, मैं अब झड़ने वाला हूं, कहाँ निकालूं मेरा प्रेम रस? तेरी चूत में या फिर तेरे मुँह में?
वो बोली- भैया चूत में मत डालना! आप बाहर ही निकाल लो!

मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और उसके मुँह के पास लेकर उसको बोला- रानी मुँह खोलो!
वो ना करने लगी और अपने मुँह पर हाथ रख लिया. मैंने उसका हाथ हटाया और लंड को मुँह में डालकर मुँह चोदने लगा और कुछ ही देर में मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ी और मैंने उसे प्रेम-रस पिला दिया. जब मेरा लंड सिकुड़ गया तो मैंने बाहर निकाला. निर्मला के मुँह से लंड निकालते ही वो बेड पर निढाल हो गई और मैंने बाथरूम ज़ाकऱ शॉवर लिया और बाहर निकल अपने कपड़े पहनने लगा, साथ में निर्मला को आवाज़ लगाई- निर्मला, उठो!

तो वो उठ नहीं पा रही थी, मैंने उसको सहारा दिया और बाथरूम ले गया और उसको मूतने के लिए बोला. वो बैठ कर मूतने लगी और मुझसे बोली- भैया तुम बाहर बैठो!
मैंने कहा- अब मेरे से शरम कैसी! अब तो हम पति-पत्नी की तरह हैं!

कैसी लगी मेरी कहानी, अपनी राय मुझे लिखें! Antarvasna

Sex Stories

एक शानदार वेबसाइट Sex Stories लॉन्च करने पर अन्तर्वासना के सभी कर्ता-धर्ता, समूचे स्टाफ व गुरु जी को सबसे ज्यादा प्यार और बधाई!

जबसे मेरी दीदी रेखा मेहरा के ज़रिये मुझे इस वेबसाइट का पता चला, मैंने उनकी बताई साईट खोली. जब कहानियाँ पढ़ी तो लोगों की बिस्तर की बातें इसमें देख मेरी तो चूत गीली हो गई थी. मैं भी अपनी जिन्दगी का पहला सेक्स आपके सामने लाकर शुरुआत करने जा रही हूँ, उम्मीद से दुनिया कायम है, मुझे आशा है कि मेरी यह चुदाई जल्द ही आप सबके सामने अन्तर्वासना के ज़रिये आपकी कंप्यूटर स्क्रीन पर होगी.

मेरा नाम सुलेखा, 5 फुट 5 इंच कद, गुन्दाज़ बदन, गोरे-चिट्टे मखमल जैसे वक्ष! मैं बारहवीं जमात की छात्रा हूँ. पहले हम एक संयुक्त परिवार में रहते थे, चाचू-चाची, बुआजी, ताया-ताई, घर इतना बड़ा नहीं था, इसलिए मैं चुदाई के लाइव सीन देख देख बड़ी हुई.

एक दिन चाचू-चाची अकेले थे. मैं तबीयत ठीक न होने की वजह से पहले घर आ गई. चाचू के कमरे से सिसकी की आवाज़ सुन मैं पिछली खिड़की की ओर बढ़ी. मैं जब मॉम-डैड के बीच सोती थी तो कई बार डैड को मॉम पर सवार होते देखा था, लेकिन अच्छी तरह से नहीं देख पाई. आज मौका था, अन्दर चाचू बेड के किनारे बैठे थे नंगे, चाची फर्श पर घुटनों के बल बैठी चाचू के लौड़े को मजे ले ले कर चूस रहीं थी. फिर चाची बिस्तर पर आई. नंगी चाची को चाचू ने लिटा अपना लौड़ा चाची की चूत में घुसा दिया. यह देख मेरी पेंटी भी गीली हो गई.

फिर डैड ने शहर में आकर अपना बढ़िया मकान बनाया और हम शहर आकर बस गए. गाँव में पंजाबी मीडियम से सातवीं जमात तक पढ़ी, वो एक कन्या-विद्यालय था. यहाँ आकर मैंने एक प्राइवेट और अंग्रेजी मीडियम लड़के-लड़कियों के स्कूल में मैंने आठवीं में दाखला लिया और मेरी सहेलियाँ भी बन गई. हमारा चार लड़कियों का ग्रुप बन गया. श्वेता, मरियम, नूरी और मैं!

उनका अभी से लड़कों में ध्यान था, नूरी का तो अफेअर भी चल निकला था. हमारे ग्रुप की चर्चा चालू लड़कियों में होती थी. अब मेरी जवानी भी अंगड़ाई लेने लगी. सबमें से मेरी जवानी की बातें लड़कों में ज्यादा होने लगी. सब जब घर से निकलती तो लड़कों की निगाहें मेरी छातियों पर रहने लगी. देख देख मुझे मजा आने लगा. तभी मुझे मेरे ही स्कूल में पढ़ने वाले अमृत नाम के एक लड़के ने मुझे परपोज़ किया. उसको मैंने कोई जवाब नहीं दिया.

जब मैं स्कूल से घर जाती तो मेरे पीछे होंडा सिटी कार में एक दूसरा लड़का आने लगा हर रोज़ सुबह और स्कूल के बाद! बहुत हैण्डसम था, बड़े घर का लड़का था. उसने मुझे एक दो बार कार पास लाकर अपना मोबाइल नंबर दिया, मेरे साथ नूरी भी रहती थी, उसने नंबर पकड़ के रख लिया और मुझे कहने लगी- पटा ले मेरी जान! और क्या चाहिए!

मैंने कहा- जो अमृत ने परपोज़ किया उसका क्या?
उसको स्कूल तक सीमित रख!
मैंने नूरी से नंबर लिया, दोनों पास की एस.टी.डी पर गई और कॉल की. उसने अपना नाम करण बताया और मुझे कहा- मैं आप पर फ़िदा हूँ प्लीज़!
मैंने उसको हाँ कर दी.
वो बोला- मैं इसी मार्केट में ही हूँ! चलिए मैं आपको घर छोड़ देता हूँ, प्लीज़ मना मत करना! मुड़ कर देखो!

मैंने केबिन से देखा, उसने हाथ हिलाया. नूरी का घर पास था, वो पैदल चली गई. मैं उसकी कार में बैठ गई. कुछ देर ऐसे ही घूमते रहे. उसने मेरा हाथ पकड़ा- आप बहुत सेक्सी हो, बहुत सुन्दर हो!
उसने हाथ पर किस किया- आई लव यू सो मच!
मैंने कहा- आई लव यू टू!

उसने पास खींचते हुए मेरे होंठों पे किस कर दी, मुझे करंट सा लगा. उसने कार साइड पर कर मेरे होंठ चूसने शुरु किये.
मैंने कहा- प्लीज़ छोड़ो न!
वो बोला- कितने दिन से आपके इन होंठों का रसपान करने का दिल था! आप कहती हैं छोड़ो!

मुझे भी कुछ होने सा लगा- मैं भी लिप-किस में उसका साथ देने लगी. पता ही नहीं चला कब उसका हाथ मेरी शर्ट में घुसता हुआ मेरे मम्मों तक पहुँच गया. उसने सीट पीछे कर दी और मेरे ऊपर बैठ गया. एक हाथ उसने मेरी स्कर्ट में डाल मेरी जांघें सहलाने लगा. मैं इतनी गरम हो गई कि सब भूल गई. बस दोनों जवानी के जोश में एक दूसरे में खोने लगे.उसने बटन खोल मेरा मम्मा ब्रा से निकाल लिया और उसको मसलने लगा. मुझे तब होश आया जब मैंने उसका हाथ अपनी पेंटी पर महसूस किया. एकदम से अलग होकर हाँफने लगी.

वो बोला- क्या हुआ?
“प्लीज़! हम सड़क पर हैं, कोई पकड़ लेगा तो आफत आ जायेगी!”
बोला- इसको तो छोड़ो!

एकदम से मैं चौंक गई, मेरा हाथ उसके लौड़े पर था. मैं शरमा सी गई.
उसने कहा- कोई नहीं आयेगा! इतनी कड़ी गर्मी में कौन आएगा!

फिर भी उसने मुझे घर छोड़ दिया. बाथरूम में जाकर अपनी पेंटी देखी जो गीली हो गई थी. अपने मम्मे पर जब उसके दांत का निशान देखा तो मुझे अजीब सी हलचल हुई. उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही कार में मिलते रहे. घूमने के बहाने चूमा-चाटी चलती रही.

एक रोज़ जब मैंने शाम को उसको कॉल किया. उसने कहा- आज ट्यूशन मिस कर दो, एअरपोर्ट रोड की तरफ घूमने जायेंगे. वहाँ सुनसान सी एक सड़क है.
मैंने कहा- ठीक है! मुझे पिक कर लो!

हम निकल पड़े. वहाँ एक रेस्तराँ था, बिल्कुल एअरपोर्ट के कार्नर पर था, वहाँ कई लोग अपनी अपनी कार में ही बैठे थे. आज वो अपनी बड़ी कार लाया था. उसने पार्किंग की बजाये वो साथ वाली खाली सड़क पर कार मोड़ ली और रेस्तराँ के पीछे ले गया. वहीं वेटर आया. उसने अपने लिए चिल्ड बियर ली, मैंने कोल्ड काफी आर्डर की.

उसने मुझे बाँहों में लिया. अब तो हम दोनों घुल मिल चुके थे, उसने फोर्ड एंडवर की सीट फ्लैट की. लग्ज़री कार किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं थी. मैंने उसका साथ देते हुए खुद ही उसके होंठ चूसने शुरु किये. वो मेरे मम्मों को बेरहमी से मगर मजा आने वाले अंदाज़ में मसल रहा था. मैं गरम होने लगी और उसने मेरा टॉप उतार दिया. मैंने अपनी ब्रा की स्ट्रिप खोल दी जिससे मेरे दोनों कबूतर आज़ाद हो गए. उसने उड़ते कबूतर पकड़ने में वक्त न लगाया और टूट पड़ा मुझे पर. मैं भी पूरी गर्म हो चुकी थी, मैं लगातार उसके लौड़े को मसल रही थी. उसने मेरी जींस खोल कर घुटनों तक सरका दी और आज खुल कर मेरी जांघें सहलाने लगा.

उसने स्पोर्ट्स ड्रेस डाली थी, मैंने भी लोअर खींच के नीचे करके उसके लौड़े को हाथ में पकड़ लिया, पहली बार इतना खुलकर पकड़ा था. मेरे हाथ लगते ही फनफ़ना उठा उसका लौड़ा! इतने में वेटर आया. उसने कहा- खुद पी ले और बिल ले जाना! वेटर बोला- जी साहिब!

स्टार्ट कार, ए.सी ओन किया हुआ था, फिल्मिंग वाले शीशे थे, उसने सीट पूरी फ्लैट कर दी, बिस्तर सा बन गया. खींच कर मेरी जींस उतार दी और अपना लौड़ा मेरे होंठों पर रगड़ने लगा. मैंने झट से उसके लौड़े को मुँह में डाल लिया और अच्छी तरह चूसने लगी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. उसने थोड़ा चुसवाने के बाद मुझे पीछे लिटाते हुए बीच में बैठ अपना लौड़ा मेरी सील बंद चूत पे रखा. एक बार सोचा कि पता नहीं कैसे यह घुसेगा?

कार के आस पास दूर तक कोई न दिख रहा था. उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया था खुद नीचे घुटनों तक!
मैंने सोचा- चल सुलेखा! आज तेरी लाडो रानी का उदघाटन समारोह कैसा रहेगा?!

उसने झटका दिया और लौड़े का सर मेरी चूत में फंस गया. उसको भी तकलीफ हो रही थी. मैंने कस के सीट के कपड़े को पकड़ रखा था. उसने दूसरे झटके में आधा लौड़ा अन्दर डाल दिया. मेरी जान निकल गई- निकाल लो प्लीज़! यहाँ अच्छे से नहीं होगा! जगह कम है, बहुत तकलीफ होगी! दोनों का ही पहली बार है. लेकिन उसने तीसरा ऐसा झटका मारा कि लौड़ा पूरा घुस गया. मेरी चीख निकल गई. खून टपकने लगा! आँखों में आंसू आ गए!

उसने मेरे होंठ अपने होंठो में ले रखे थे ताकि चीख न निकले. उसने फिर सारा निकाल के डाला ऐसे तीन चार बार जब किया तो दर्द की जगह मजे ने ले ली. आंखें खुद ब खुद बंद होने लगीं. उसके एक एक झटके का मुझे इतना मजा आया कि सिसकारी ले ले कर मैं चुदवाने लगी- हाय और करो! और करो!

अचानक मुझे अपने अन्दर से कुछ गरम गरम सा पानी महसूस हुआ, मैं झड़ गई और मेरी चूत की गर्मी में तीन चार मिनट बाद ही करण भी झड़ गया. दोनों हाँफने लगे. उसने कार में पड़ा एक कपड़ा मुझे दिया, जिससे मैंने अपनी चूत को साफ़ कर लिया, खून साफ़ किया!

दोनों ने कपड़े पहन लिए और सामान्य होकर एक दूसरे की बाँहों में लिपट गए. उसने मेरे होंठ चूमते हुए कहा- कैसा लगा?
बहुत अच्छा लगा!

सुबह उठने पर चूत पर सूजन सी थी, चलने में थोड़ी सी अजीब लग रही थी. नूरी इन कामों में से कई बार निकली थी, उसने मुझसे सब कुछ बकवा लिया. अन्तर्वासना पर इसके छपते ही मैं अपनी करण के अलावा किसी से चुदवाई लेकर सबके लौड़ों पर बैठने आऊँगी. Sex Stories

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