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Massage Girl in Bharatpur: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Bharatpur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Bharatpur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Bharatpur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Bharatpur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Bharatpur massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Bharatpur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Bharatpur who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Bharatpur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Bharatpur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Bharatpur

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Bharatpur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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सुनील शर्मा Hindi Porn Stories

दोस्तों मेरे नाम सुनील है, मैं एक Hindi Porn Stories प्रोफेशनल एकाउंटेंट हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं।

मेरे मन में भी विचार उत्पन्न हुआ कि क्यों न मैं भी अपनी कहानी लिखूं कि किस तरह मैंने जीवन में पहली बार सेक्स सम्बन्ध बनाए।

यह बात उन दिनों की है जब मैं 20 वर्ष का था। हमारा घर दो मंजिल का बना हुआ है, जिसमें ऊपर की मंजिल में मैं, मेरे मम्मी-पापा और मेरा छोटा भाई रहते थे और नीचे की मंजिल पर आगे के दो कमरों को गोदाम के रूप में किराये पर दे रखा था और पीछे के दो कमरों में मेरे दूर के रिश्ते के मामा-मामी रहते थे। मेरे पापा और मामा एक ही कंपनी में काम करते थे जिसकी पूरे देश में कई शाखाएँ थी, इस कारण वे लोग ज्यादातर टूर पर ही रहते थे।

मेरी मम्मी एक कुशल गृहणी होने के साथ-साथ एक कुशल समाज-सेविका भी हैं। घर के काम-काज निबटाकर वे सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक समाज-सेवा में व्यस्त रहती हैं, छोटा भाई नेवी में कोस्ट-गार्ड की ट्रेनिंग के लिए विशाखापत्तनम गया हुआ था और में कॉलेज में बी.कॉम. अन्तिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था।

एक दिन सुबह ८ बजे मैं कॉलेज जाने के लिए निकला और बस पकड़ी, आधे रास्ते में याद आया कि लायब्ररी की किताब तो मामी ने पढ़ने के लिए ली थी, आज वापिस करने की आखिरी तारीख है। घर जाकर किताब लेकर वापिस समय पर कॉलेज पहुँच सकता हूँ, यह सोचकर रास्ते में बस छोड़ दी और वापसी की बस पकड़कर घर आ गया।

दहलीज पार करके जैसे ही मामी के कमरे के पास पहुंचा तो मुझे कुछ खुसफ़ुसाने की आवाजें सुनाई दी। मैं ठिठककर रुक गया और ध्यान लगाकर सुनने लगा।

मामी किसी से कह रही थी- अभी तुम परसों ही तो आये थे, इतनी जल्दी कैसे?

किसी आदमी की आवाज सुनाई दी- मेरी जान, आज तो तुम्हारे पिताजी यानि मेरे ताऊजी ने भेजा है ये सामान लेकर, और सच कहूँ ! मेरे मन भी बहुत कर रहा था। कल शाम जब से ताऊजी ने बोला कि श्याम कल ये सामान उर्मिला को दे आना। तब से बस यही मन कर रहा था कि कब सवेरा हो और मैं उड़ कर तुम्हारे पास पहुंचूं और तुम्हारी गुद्देदार चूचियों को मुंह में लेकर चूसूँ और अपनी प्यास बुझाऊँ।

मामी बोली- अभी परसों ही तो चोद कर गए हो, इतनी जल्दी फिर !

श्याम बोला- अरे जालिम ! तेरी चूत है ही इतनी प्यारी ! अगर मेरा बस चले तो मैं तो अपना लंड हर वक्त इसी में डाले पड़ा रहूँ !

मामी और श्याम की बातें सुनकर मैंने अंदाजा लगा लिया था कि घर में कोई न होने सबसे ज्यादा फायदा इन लोगों ने ही उठाया है।

मैं कुछ और सोचता, इससे पहले मामी की आवाज सुनाई दी- सुनो श्याम, आज जरा चूसा-चासी न करके जल्दी करना, जीजी आज जल्दी वापिस घर आएँगी क्योंकि जीजाजी और ये (मामा) टूर से आज वापिस आने वाले हैं।

श्याम बोला- मेरी रानी तुम हुक्म तो करो, तुम जैसे चाहोगी वैसे ही चुदाई का कार्यक्रम बना दिया जायेगा।

मैंने मन में ठान ली कि आज तो ब्लू फिल्म का लाइव टेलीकास्ट देख कर ही मानूंगा। मैं बिना कोई आहट किये बगल वाली खिड़की के पास चला गया, वह थोड़ी सी खुली हुई थी, शायद उन लोगो को इस बात का एहसास भी नहीं होगा कि कोई भी घर पर आ सकता है, उस जगह से अन्दर का सब साफ़ दिखाई पड़ रहा था।

मामी काले रंग के ब्लाउज पेटीकोट में थी, सिर पर तौलिया लपेटा हुआ शायद अभी नहाकर आई थी, तभी यह श्याम आ गया होगा। श्याम खड़े-खड़े ही दोनों हाथों से मामी की चूचियों से खेल रहा था।

धीरे-धीरे उसने मामी के ब्लाउज के हुक खोलकर उसे शरीर से अलग कर दिया, मामी अन्दर ब्रा भी काले रंग की पहन रखी थी उसने उसे भी उतार दिया।
इस बीच वह मामी के शरीर को चूमता भी जा रहा था। फिर उसने पेटीकोट भी उतार दिया, मामी उसके सामने बिलकुल निर्वस्त्र खड़ी थी।

मामी का मांसल शरीर ३८-२६-३८ का था। श्याम ने उन्हें पकड़कर धीरे से पलंग पर लिटाया और फ़टाफ़ट से अपने सारे कपड़े उतार दिए। फिर उसने मामी की टांगों को चौड़ा किया, टाँगें चौड़ी होते ही उसके मुंह से निकला, “क्या बात है जानेमन ! आज तो तुमने बड़ी सफाई कर रखी है? परसों तो यहाँ पर जंगल उगा हुआ था।

मामी बोली- आज ये आने वाले है न इसीलिए अभी-अभी साफ़ करके आई हूँ, कर कुछ नहीं पाते पर सफाई पूरी चाहिए।

श्याम बोला- कोई बात नहीं मेरी जान ! हम तो है न तुम्हारी सेवा में ! अभी तुम्हारी खुजली मिटाते हैं !

कहते हुए अपना मुंह चूत पर ले गया और जीभ से मामी की चूत की फांको का रस चूसने लगा। इस चुसाई से मामी मस्त होने लगी और कमर को धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लगी।
श्याम उठा और अपने अध-खड़े लंड को मामी की चूत पर घिसने लगा जिससे उसका लंड एकदम से टाइट हो कर खड़ा हो गया। उसने जल्दी से उसे चूत के मुहाने पर लगा धक्का मारा। एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड मामी की चूत में समां गया।

मामी ने हलकी सी सित्कारी भरी, धीरे-धीरे वो भी श्याम के धक्कों का जवाब धक्कों से देने लगी।

15-20 धक्कों के बाद ही श्याम बोला- मेरी रानी, अब मैं झड़ने वाला हूँ, संभालो !

मामी बोली- आजा मेरे राजा ! एक बूँद भी बाहर नहीं निकलने दूँगी !

इतने में श्याम ने आखरी झटका मारा और पस्त होकर मामी के ऊपर ही लेट गया। फिल्म की समाप्ति होते-होते मेरा हथियार भी पैन्ट में तन कर खड़ा हो गया था। मन तो कर रहा था कि अभी अन्दर जाऊँ और श्याम को हटाकर मैं भी जुट जाऊं पर मैंने वहां से निकल लेने में ही भलाई समझी।

घर से निकल कर कॉलेज गया पर वहाँ पर मन नहीं लगा। आँखों के सामने वही सीन घूम रहा था। अंत में मैं घर वापिस आया, देखा कि मामी ने कपड़े बदल लिए थे। अब वो हरे रंग की साड़ी पहने हुए थी, मम्मी भी घर में ही थी।

मैं चुपचाप ऊपर चढ़ा और अपने कमरे की ओर चल दिया। मम्मी रसोई में कुछ बना रही थी, एकदम पलटी तो मुझे देखकर बोली- अरे संजू क्या हुआ ? तू जल्दी कैसे आ गया, अभी तो २ ही बजे हैं?

मैं बोला- कुछ नहीं मम्मी ! एक तो प्रोफ़ेसर नहीं आये थे और मुझे भी कुछ कमजोरी सी महसूस हो रही थी। रात को देर तक पढ़ा था ना, मैं तेरे लिए चाय बनाकर लाती हूँ।

चाय पीकर मैं लेट गया, आँखे बंद करते ही फिर वही सीन मेरी आँखों के आगे तैरने लगे। आँख लगने ही जा रही थी कि मम्मी की आवाज सुनाई दी- उर्मिला !(मेरी मम्मी मामा से काफी बढ़ी थी इसी कारण वो मामी को उनके नाम से ही बुलाती थी) मैं जरा बाहर जा रही हूँ, ५ बजे तक आ जाउंगी, संजू की तबियत ठीक नहीं है तुम जरा उसके पास ही बैठना।

मामी बोली- अच्छा जीजी।

यह सब सुनते ही मेरे मन का शैतान जग उठा। यही मौका है मामी को सेट करने का।

मैंने फ़ौरन कपडे उतारे, सिर्फ लुंगी बनियान में पलंग पर लेट गया। थोड़ी देर में मामी आ गई, बोली- क्या हुआ संजू?

मैं बोला- कुछ नहीं मामी, सिर बड़ा दर्द कर रहा है और शरीर भी टूट रहा है।

मामी सिरहाने पर बैठती हुई बोली- आ मैं तेरा सिर दबा देती हूँ।

कहते हुए उन्होंने मेरा सिर अपनी गोदी में रख लिया और सहराने लगी कुछ देर बाद ही मैंने धीरे से एक हाथ उठाकर उनकी गर्दन पर रख दिया। मेरी कोहनी उनकी चूचियों से टकरा रही थी, उन्होंने कुछ नहीं कहा, मेरी हिम्मत बढ़ी, मैंने हाथ धीरे-धीरे सरका कर उनकी चूचियों पर टिका दिया और अंदाजे से उनके निप्पल को मसल दिया।

वो शायद सोते से जागी, मेरा हाथ हटाते हुए बोली- क्या कर रहे हो संजू? बहुत बदतमीज हो गए हो आने दो तुम्हारी मम्मी को उन्हें बताउंगी।

एक बार तो मैं डर गया, लेकिन एकदम से हिम्मत करके बोला- तुम क्या बताओगी आज तो मैं ही तुम्हारे और श्याम के बीच में पकने वाली खिचड़ी का पर्दाफाश कर दूंगा, मैंने सुबह सब देखा और सुना थ।

यह सुनकर मामी के होश उड़ गए, वो धम से पलंग पर बैठ गई। मैंने अपना तीर निशाने पर लगता देखा, पास जाकर बोला- यदि तुम मुझे खुश कर दोगी तो मैं मम्मी को या किसी और को कुछ नहीं बताऊंगा!

मामी मेरी बात पता नहीं सुन रही थी या नहीं, वो तो एकदम से निर्जीव होकर बैठी हुई थी, मेरे सिर पर तो शैतान सवार था, मैंने उस बात को मौन स्वीकृति समझ उनकी चुचियों से खेलना शुरू कर दिया, ब्लाउज के हुक खोलकर ब्रा ऊपर उठाकर मैंने चूचियों को चूसना शुरू कर दिया। फिर धीरे से मैंने उनके शरीर से सारे कपड़े उतार दिए, उन्होंने कपड़े उतारने में मेरा साथ साथ दिया एक चाबी वाली गुडिया की तरह।

मैंने उन्हें सीधा लिटा दिया और श्याम की तरह उनकी चूत चाटने लगा। शुरू में तो बड़ा अजीब लगा पर धीरे-धीरे स्वाद आने लगा। इस बीच मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था। मैंने लंड को उनकी चूत पर टिकाया और धक्का मार दिया।

मेरा लंड श्याम की अपेक्षा ज्यादा मोटा और लम्बा था, एक बार में आधा ही जा पाया। मामी सीत्कार उठी पर चुपचाप लेटी रही। मैं अपनी धुन में धक्के लगाता रहा, पहली बार सेक्स का मजा लूट रहा था, वो भी एकतरफा।

20-25 धक्को में ही मैं झड़ गया और लंड को अन्दर डाले हुए ही लेटा रहा। पांच मिनट बाद उठा और बाथरूम में जाकर सफाई करने लगा। बाहर आया तो देखा मामी चुपचाप कपड़े पहन रही थी, मैं पलंग पर जाकर लेट गया। मामी कपड़े पहन कर वहीं पलंग पर बैठ गई। मैं काफी थक चुका था मेरी आँख लग गई।

शाम को ६ बजे मेरी आँख खुली, मम्मी आ चुकी थी मुझे देख कर बोली- अब कैसी तबियत है?

मैं बोला- अब ठीक है !

रात को ९ बजे पापा और मामा टूर से लौट आये। अगले दिन रविवार था, सब घर पर ही थे। मैं नीचे गया तो मामा बाहर बैठे अखबार पढ़ रहे थे और मामी रसोई में कुछ बना रही थी।

आज वो बहुत खुश दिखाई दे रही थी। मैंने पास जाकर धीरे से उनकी चूचियों को मसल दिया, वो कुछ नहीं बोली, बस चुपचाप अपने काम में लगी रही। उस दिन के बाद मुझे जब मौका मिलता- मैं कभी उनकी चूचियों को, कभी गालों को मसल देता था पर वो कुछ भी नहीं कहती थी।

हफ्ते भर बाद शनिवार को सुबह मम्मी-पापा को एटा एक शादी में जाना था, मामा एक दिन पहले ही टूर पर चले गए थे। मैं कॉलेज गया और दोपहर को 2 बजे घर लौटा। घर आकर देखा मामी ने फिरोजी रंग की साड़ी पहन रखी थी, हल्का सा मेक-अप भी कर रखा था, मुझे देखते ही बोली- आ गए संजू ! चलो हाथ मुंह धोलो, साथ बैठकर खाना खायेंगे।

मैं उनके बदले हुए रूप को देख कर चकित रह गया क्योंकि जबसे मैंने उनकी चुदाई की थी तबसे वो मुझसे बात नहीं करती थी। मैं फ्रेश हो कर नीचे आया तो देखा कि खाना भी मेरी पसंद का था।

हमने खाना शुरू किया, मामी बोली- देखो संजू बुरा मत मानना ! तुम्हारे मामा मुझे तृप्त नहीं कर पाते इसीलिए मैं श्याम से चुदाई करवाती थी पर उस दिन चाहे तुमने मुझे जबरदस्ती चोदा पर मुझे तुम्हारा लम्बा और मोटा लंड बहुत पसंद आया और उस दिन के बाद तुम जब मर्जी मुझे छेड़कर चले जाते थे, मैं तड़फ कर रह जाती थी, अब दो दिन तक मैं तुम्हारी हूँ तुम चाहे जैसे मर्जी मुझे चोद सकते हो !

इस बीच खाना पूरा हो चुका, मैं उठते हुए बोला- फिर देर किस बात की? चलो एक शिफ्ट तो अभी लगा लेते हैं !

मामी बोली ठीक है, तुम बाहर वाले दरवाजे का कुंडा लगा कर आओ, मैं भी ये साफ़ करके आती हूँ।

मैं फ़टाफ़ट कुंडा लगा कर कमरे में आ गया, इतने में मामी भी आ गई। देखते ही मैंने उनको अपनी बाँहों में जकड़ लिया, वो भी मुझसे लिपट गई। धीरे-धीरे मैंने उनके और उन्होंने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए। उसके बाद मैं लेकर पलंग पर आ गया, हम लोग 69 की अवस्था में लेट गए।

मैं उनकी चूत को खीर की कटोरी समझ कर चाटने लगा। उन्होंने मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूसना शुरू कर दिया। मामी मेरे लंड को चूसती जा रही थी और कहती जा रही थी “चूसो जोर से चूसो, खा जाओ”

काफी देर तक यही चलता रहा। मामी की चूत ने पानी छोड़ दिया जिसे मैं चाट गया। इतने में मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ जब तक कुछ कहता मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया। मामी सारे रस को शहद समझ कर चाट गई।

उसके बाद हमने दो दिनों तक 8 से 10 बार चुदाई की। उसके बाद भी जब मौका लगता हम लोग अपनी प्यास बुझा लेते थे।

दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है और जो असलियत है वो इस कहानी में लिखा है।
आपको यह कहानी कैसी लगी? जरूर बताएँ। Hindi Porn Stories

आप ने पढ़ा

मैं डरा हुआ था.. मैं सोबिया की तरफ देख रहा था ऑर मुझे नही पता था कि अंबर खाला मेरी तरफ देख रही है.. मैने सोबिया की तरफ देखते हुए अपनी पॉकेट के उपर हाथ रखा ऑर उसका ब्रा पॉकेट के अंदर फील कर ने लगा..
मेरी ये हरकत अंबर खाला ने नोट कर ली..

अभी वो कुछ बात करने ही लगी थी कि सोबिया का मोबाइल फोन पर रिंग आ गई… सोबिया ने मोबाइल देखा तो उसके घर से कॉल आ रही थी..

सोबिया ने कॉल रिसीव की ऑर: हेलो

अब आगे…

सोबिया को घर से न्यूज़ मिली कि उसके रिलेटिव्स मे किसी की डेथ हो गई है ऑर सब को वहाँ जाना है..
सोबिया परेशान हो गई.. ऑर अपने घर वालो को कहा कि """"ठीक है, मैं आ रही हूँ""""..

ये कह कर कॉल बंद कर दी.. सोबिया ने अंबार खाला की तरफ देखा तो अंबर खाला ने कहा कि कोई बात नही तू चली जा..

कुछ देर बाद मेन डोर पर दस्तक हुई मैने डोर ओपन किया तो सोबिया का भाई आया था उसको लेने के लिए..

सोबिया अपने भाई के साथ चली गई.. ऑर उसकी ब्रा मेरी पॉकेट मे ही रह गई.. मेरी पॉकेट उभरी हुई थी उसकी ब्रा की वजह से..

मैं डोर लॉक कर के आया तो खाला ने मुझे कहा: अयान, जब तुम रूम मे आए थे तो सोबिया का शोप्पर कहाँ पड़ा हुआ था.

मैं: यहाँ ही बेड पर पड़ा हुआ था….. क्यू???

अंबार खाला: हाँ वो, उसकी ब्रा नही मिल रही थी..

मैं: खाला ये ब्रा क्या होती है..

खाला मुस्कुरा पड़ी ऑर बोली: बताती हूँ

मैं रूम के डोर के पास खड़ा था… खाला मेरी तरफ आने लगी… मैं समझा कि खाला रूम से बाहर जा रही हैं..

खाला डोर की तरफ गई ऑर एक दम से वो हरकत की जिसकी मुझे ख्वाब ओ ख़याल मे भी तवक़्क़ो नही थी..

खाला ने एक दम से मेरी पॉकेट मे हाथ डाला ऑर सोबिया की ब्रा निकाल कर मुझे दिखाई ऑर बोली:

"""""ये होती है ब्रा""""""

खाला ने अचानक ही ये काम कर दिया था. जिसकी वजह से मैं एक दम डर गया. ऑर पीछे हो गया.

खाला ने मुझे गुस्से से कहा: तुम,,,, तुम ने ये ब्रा चोरी की थी सोबिया के शोप्पर से.

मैं खामोश रहा क्यू कि मेरी तो फट गई थी.

खाला: तुम इतने बड़े होगये हो कि अब तुम्हे गर्ल्स की ब्रा वग़ैरह की ज़रूरत भी पड़ने लगी.
ये तुम्हारी पॉकेट मे क्या कर रही थी
तुम इतने बड़े हो गये हो कि अब तुम्हे गर्ल्स के जिस्म की तलब होने लग गई है.

मैं: वो,, खाला आइ आम सॉरी.

खाला: क्या… सॉरी…??? क्या तुम समझते हो कि तुम्हारी ये हरकत सॉरी से ख़तम हो सकती है.
मैं तुम पर कितना ऐतबार करती थी ऑर तुम ने ऐसा किया. तुम ने मेरा ऐतबार ज़ाया कर दिया..

मैं खामोश रहा तो खाला एक बार फिर गुस्से से बोली….. बोलो, जवाब दो. खामोश क्यू हो.. हाआंणन्न्

मैं: खाला प्लेज मुझे माफ़ कर दो. मैं आइन्दा ऐसा नही करूँगा.

खाला ने ब्रा हाथ मे पकड़ी हुई थी. उनको ब्रा मे कुछ नमी नमी सी लगी.. उन्हो ने ब्रा को खोल कर देखा तो वो थोड़ी सी गीली हो रही थी.. गीली तो ब्रा ने होना ही था.. क्यू कि उस पर मेरे लंड का पानी जो गिर चुका था…

खाला: ये गीली केसे हो रही है….????

मैं: वो,,, वो मेरे हाथ से गिर गई थी… वॉशरूम मे..

खाला ने ब्रा को स्मेल कर के देखा ऑर हैरान हो गई..

खाला ने फिर मुझे गुस्से से बोला: अयान तुम,,,,, तुम ऐसी हरकत केसे कर सकते हो..

मैं: खाला मुझे माफ़ कर दो.

खाला: ये गीली केसे हो रही है.. क्या किया है तुम ने????

मैं: वो खाला मुझसे वॉशरूम मे गिर गई थी..

खाला: मेरे क़रीब आ कर गुस्से से…. तुम मुझसे एक ऑर झूट बोल रहे हो… ये वॉशरूम मे गिरी नही है.. इस पर तुम्हारे लंड का पानी निकला हुआ है..

तुम ने इस ब्रा पर मूठ मारी है..,,,

मैं दिल ही दिल मे हैरान हुआ कि खाला को लंड के पानी का पता है… मगर मैं कुछ ना बोला. क्यू कि उस टाइम खाला बहुत गुस्से मे थी.. मैं कुछ नही बोला.. बस खामोश रहा..

खाला मेरे क़रीब आई ऑर मेरा फेस उपर कर के मुझसे बोली: अयान तुम्हे ऐसी क्या ज़रूरत पड़ गई कि तुम ने ऐसी हरकत की…

मैं खामोश रहा… ऑर खाला गुस्से मे बाहर चली गई.. मैं वहाँ ही रूम मे ही खड़ा हुआ था अपनी जगह पर.. मैं बहुत शर्मिंदा था.. क्यू कि खाला ने मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया था…..

मुझ मे हिम्मत नही हो रही थी कि जा कर खाला से बात करूँ……. मैं जा कर रूम मे बैठ गया…

कुछ देर बाद मैने फ़ैसला कर लिया कि मैं जा कर खाला से बात करूँ ऑर उन से सॉरी बोलूं..

मैं रूम से बाहर निकला तो देखा कि खाला किचन मे थी…. मैं किचन मे गया.. मेरे क़दमो की आहट से खाला ने एक नज़र मूड कर मेरी तरफ देखा ऑर फिर से अपने काम मे लग गई….. मैं जा कर खाला के पास खड़ा हो गया.. मगर खाला ने मुझ पर नज़र नही डाली ऑर मैं भी सिर झुकाए खड़ा रहा..

मैने हिम्मत कर के खाला का एक हाथ पकड़ लिया मगर मुँह से कुछ ना बोला.. खाला ने मेरी तरफ देखे बिना ही मेरे हाथ को झटक दिया ऑर मेरा हाथ पीछे कर दिया.. अभी तक हम दोनो के दरमियाँ कुछ बात चीत नही हुई थी……

खाला ने जब मेरा हाथ झटक दिया तो मेरी आँखो मे आँसू आ गये.. क्यू कि मैं भी खाला से बहुत प्यार करता था…… मैं बचपन से उसी के पास रहा था ऑर मुझे अहसास था कि मेरी इस हरकत से वो हर्ट हुई होगी..

मैने एक बार फिर से खाला का हाथ पकड़ा ऑर खाला ने फिर मेरे हाथ से अपना हाथ छुड़ा लिया… मैं एक दम नीचे बैठ कर खाला के पाँव पकड़ लिए..

मैं: खाला प्लीज़ मुझे मारो. बहुत पिटाई करो मेरी…. मगर मुझसे नाराज़ ना हो.. मगर खाला ने मुझे उठा कर पीछे कर दिया.. वो सच मे मुझसे नाराज़ हो रही थी…. क्यू कि अगर वो भी मुझसे सेक्स करना चाहती थी. मगर वो भी बर्दाश्त नही कर सकती थी कि मैं किसी ऑर लड़की की तरफ जाऊ…

मुझे रोना आ गया.. ऑर मैं रो पड़ा… खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे नरम लहजे मे कहा कि अयान यहाँ पर गर्मी है.. तुम रूम मे जा कर लेटो.. मैं आती हूँ. वहाँ ही बात करेंगे…. लेकिन खाला के लहजे से सॉफ पता लग रहा था कि वो गुस्से मे है ऑर मुझसे नाराज़ है…..

मेरी आँखो मे अभी भी आँसू थे… मैं खामोश सा किचन से बाहर निकलने लगा.. खाला मूड कर मेरी तरफ ही देख रही थी…

मैं रूम की तरफ जाने की बजाए मैं डोर की तरफ जाने लगा…

खाला ने मुझे पीछे से आवाज़ दी ऑर बोली: आयाआअन्न्न्न्न,, कहाँ जा रहे हो.. मगर मैने पीछे मूड कर नही देखा ऑर ना ही खाला की बात का कोई जवाब दिया..

मैं मेन डोर तक पहुँचने ही वाला था कि खाला मेरे पीछे पीछे भागती हुई आई ओर मुझे पकड़ लिया… ऑर पूछा:

खाला: बाहर कहाँ जा रहे हो??

मैं: खामोश रहा.. ऑर मेरी आँखों मे आँसू थे..

मेरी आँखों मे आँसू देख कर खाला ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे ज़बरदस्ती रूम मे ला कर बिठा दिया.. ऑर मेरे साथ ही बेड पर बैठ गई… ऑर मुझे देखने लगी.. मगर मैने अपना सिर झुकाया हुआ था….

खाला: गुस्से से.. ये क्या बात हुई कि ग़लती भी तुम ने ही की है.. ऑर ये बताओ कि तुम घर से बाहर कहाँ जा रहे थे..

मैं: मैं अपने घर जा रहा था..

खाला: क्यू जा रहे थे तुम अपने घर हाआआआआअन्न्णेणन्….

तुम ने ग़लती की है. अब मैं तुमसे नाराज़ भी नही हो सकती क्या???

मैं : रोते हुए.. खाला आप बेशक मेरी पिटाई कर लो.. मुझे थप्पड़ मारो.. मगर मुझसे नाराज़ ना हो प्लीज़.. मैं आपकी नाराज़गी बर्दाश्त नही कर सकता…………प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़….

मैने खाला के सामने हाथ जोड़ दिए.. खाला की आँखों मे भी आँसू आ गये.. ऑर उन्हो ने मुझे एक दम से अपने सीने से लगा लिया….

खाला: अयान तुम्हे पता है ना कि मैं तुमसे कितना प्यार करती हूँ..

मैं: खाला के सीने से लगा हुआ था मगर खामोश था…

खाला: मैं नही चाहती कि तुम किसी ऑर लड़की के पास जाओ..

जब खाला ने ये बात की तो मैने सिर उठा कर खाला की तरफ देखा.. उनकी आँखों मे भी आँसू थे…

मैं: खाला मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ… आप मुझसे नाराज़ नही हो ना…

मैने खाला के आँसू सॉफ किए.. क्यू कि ये तो सच था कि मैं उसकी आँखों मे आँसू नही देख सकता था…

मैने जब खाला के आँसू सॉफ किए तो खाला ने मेरे गाल पर किस की.. ऑर फिर दूसरे गाल पर किस की… ऑर बोली:

अच्छा अब नाराज़गी ख़तम हो गई है. अब ये बात डीस्कस्स नही होगी… ऐसे बिहेव करना है कि जेसे कुछ हुआ ही नही..

मैने खुशी से खाला के गाल पर किस कर दी… खाला भी मुस्कुराने लगी.. ऑर कहा कि तुम ने बदला पूरा नही किया..

मैं: कॉन सा बदला

खाला: मैने तुम्हे 2 किस की थी ऑर तुम ने मुझे सिर्फ़ 1 ही किस की…..

मैने कहा कि चलो मैं बदला पूरा कर देता हूँ..

मैं आगे हुआ ऑर खाला के एक गाल पर किस की ऑर फिर दूसरे गाल पर किस की…

उसके बाद मैने वैसे ही खाला के माथे पर भी किस की…

मैने प्यार भरे अंदाज़ मे खाला के माथे पर किस की तो खाला बहुत खुश हो गई…..

फिर वो मेरे बालों मे फिंगर्स मूव कर के मुझे बोली::: अच्छा थोड़ा सा काम रह गया है.. मैं काम ख़तम कर के आती हूँ….

खाला रूम से बाहर जाने लगी तो मैं भी उनके पीछे पीछे आया ऑर खाला का हाथ पकड़ लिया ऑर उनके साथ ही किचन मे आ गया..
किचन मे आ कर खाला आटा गूंधने की तैयारी करने लगी… किचन मे ऐसी जगह भी थी कि खाला खड़े हो कर आटा गूँथ सकती थी.. मगर खाला ने मुनासिब समझा के फ्लोर पर बैठ कर आटा गूँथने लगी..

उस वक़्त खाला ने दुपट्टा नही लिया हुआ था… खाला जब बैठी थी तो उस टाइम मैं खाला के साथ ही खड़ा हुआ था…

खाला के बैठ ने की वजह से मुझे उसके मम्मे नज़र आने लगे थे… खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर कहा: तुम भी बैठ जाओ..

मीयन: नही मैं ऐसे ही ठीक हूँ..

खाला मुस्कुराने लगी… ऑर आटा गूँथने लगी….

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खाला आटा गूँथ रही थी ऑर मैं उसके मम्मे देख रहा था.. उनके हाथ जब जब हिलते तो उनके मम्मो को भी हल्का हल्का झटका लगता..

मुझे उस टाइम खाला के मम्मे बहुत अच्छे लग रहे थे…… आटा गूँथते हुए खाला के बाल उनके फेस पर आने लगे

खाला अपने हाथ की बॅक साइड से बाल पीछे कर देती.. क्योंकि उनके हाथ पर आटा लगा हुआ था…

2,, 3 बार उनके बाल उनके फेस पर आए जिन्हे खाला ने पीछे कर दिया…

ऐसे ही बाल पीछे करते हुए खाला के हाथ पर लगा हुआ आटा उनके माथे (फोर्हेड) पर लग गया… ऑर कुछ आटा एक दम से उनके मम्मों पर गिर गया… ऑर उस मे थोड़ा सा आटा उनके मम्मो की दरमियानी लकीर (क्लीवेज) मे चला गया…

खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर बोला कि: अयान,,,, मेरे हाथों मे आटा लगा हुआ है… प्लीज़ ज़रा इधर आओ ऑर ये माथे पर से आटा सॉफ कर दो…

मैं आगे बढ़ा ऑर खाला के माथे पर से आटा सॉफ कर दिया… खाला ने अपने मम्मो की तरफ देखते हुए कहा…

प्लीज़ ज़रा ये भी सॉफ कर दो..

मैने खाला की आँखे मे देखा तो खाला बोली: अरे जल्दी से साफ करो ना ता कि मैं जल्दी फ्री हो जाऊ….

मैं आगे बढ़ा ऑर खाला के मम्मों के ऊपर से आटा सॉफ किया.. मेरा हाथ जब खाला के मम्मों पर टच हुआ तो मेरे लंड मे हरकत हुई….

जिसे शायद खाला ने महसूस कर लिया..

जब मैने खाला के मम्मो के उपर से आटा सॉफ कर लिया तो खाला थोड़ा सा हिलने लगी….

मैं: क्या हुआ…???

खाला: अरे यार एक तो क्या करूँ इस का???

मैं: हुआ क्या.. ये तो बताएँ…

खाला: यार ये थोड़ा सा आटा मेरी कमीज़ के अंदर चला गया है.. अयान प्लीज़ हेल्प मी.. ज़रा बाहर तो निकाल दो ये आटा..

मैं: एम्म्म,,, मैं,,,, मैं कैसे निकालूं…

खाला: अरे यार तुम देख तो रहे हो कि मेरे हाथ आटे के हो रहे हैं… हेल्प करो…

मैं: मगर…………..

खाला: अगर मगर क्या कर रहे हो.. मैं तुम्हारी खाला भी हूँ ऑर दोस्त भी

मैं झिझकते हुए खाला के ऑर भी क़रीब हो गया.. ऑर उनकी क्लीवेज मे उंगली मारी.. मगर आटा तो शायद थोड़ा नीचे हो गया था..

मैने जैसे ही खाला की क्लीवेज मे उंगली मारी तो खाला के जिस्म मे हल्की सी हरकत हुई..ऑर इधर मेरा लंड खड़ा हो गया…

पोज़िशन कुछ यूँ थी कि खाला नीचे फ्लोर पर बैठी हुई थी ऑर मैं उनके उपर झुक कर खड़ा हुआ था.. ऑर मेरा हाथ उनकी क्लीवेज मे था… ऑर मेरा लंड खाला के फेस के क़रीब था ऑर उस मे हल्की हल्की हरकत हो रही थी.. जिसे खाला बखूबी देख रही थी..

मैं उंगली से आटा निकालने की कोशिश कर रहा था तो खाला ने कहा के:::: यार शरमाओ नही.. जल्दी से हाथ डाल कर आटा सॉफ कर दो…

देखो पहले ही इतनी गर्मी है.. मैं तंग हो रही हूँ आटे से…

मैने खाला के क्लीवेज मे हाथ डाला…. उनके मम्मे इतने नरम नरम थे जैसे कि रूई… मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. ऑर शायद खाला भी एंजाय कर रही थी.. क्योंकि उनके फेस पर स्माइल थी…

आटा तो थोड़ा सा था.. मगर वो खाला के हरकत की वजह से उनके मम्मो पर लग चुका था… अब मैने खाला के एक मम्मे की साइड को हाथ मे लिया ऑर सॉफ करने लगा था..

खाला ने ब्रस्सिएर नही पहना था… मैं पहली बार किसी लड़की के मम्मो को हाथ लगा रहा था.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. ऑर मेरा लंड अब पूरी तरफ तैयार हो चुका था..

मैं खाला के मम्मो को रगड़ रहा था… आटा तो बहाना था.. मैं अब खाला के मम्मो से खेल रहा था..

खाला: अरे मेरे ख़याल मे दूसरी तरफ लगा हुआ है आटा तो मैं खाला के राइट माममे पर अपने हाथ मूव करने लगा.. इस तरह मेरा हाथ खाला के निपल पर भी लगा तो खाला को एक दम से झटका लगा ऑर उनकी साँसे तेज होने लगी….

मैं खाला के मम्मो से अच्छी तरफ खेलने लगा.. जब मुझे लगा कि अब बर्दाश्त नही होगा तो मैने अपना हाथ बाहर निकाल लिया..
जैसे ही मैने हाथ बाहर निकाला तो खाला ने कहा कि शायद आटा सीने पर से होता हुआ पेट (टमी) तक पहुँच गया है..

अयान ज़रा प्लीज़ मेरी कमीज़ उपर करना… मैने खाला की कमीज़ थोड़ी सी उपर की तो मुझे उनकी टमी नज़र आने लगी..

खाला ने खारिश करने के बहाने अपने टमी पर हाथ लगाया तो हाथों मे लगा हुआ आटा उनके टमी पर भी लग गया…

खाला: लो,,,,, पहले वाला सॉफ नही हुआ ऑर अब ये भी लग गया.. अयान प्लीज़ सॉफ कर दो जानू

मैं खाला की टमी पर से आटा सॉफ करने लगा… मुझे उनकी टमी पर भी हाथ फेरने मे बहुत मज़ा आ रहा था ऑर मेरा लंड भी बार बार झटके मार रहा था…

मुझसे बर्दाश्त नही हुआ तो मैने जल्दी से पेट सॉफ किया ऑर कमीज़ नीचे कर दिया… क्योंकि एक वर्जिन लड़के के लिए इतना सब भी बहुत ज़्यादा होता है..

मैं जैसे ही सीधा खड़ा हुआ तो खाला ने मेरे लंड की तरफ देखा तो हंस पड़ी.. ऑर मुझे बोली

खाला:: लगता है कि तुम बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो गये थे..

मैं: नही,,, नही तो..

खाला ने मेरे लंड की तरफ इशारा किया,,, तो फिर ये क्या है…

मैने अपने खड़े हुए लंड की तरफ देखा तो शरम के मारे मुझे कुछ समझ नही आया ऑर मैं भी मुस्कुरा कर किचन से बाहर जाने लगा तो मुझे अपने पीछे खाला की हँसी की आवाज़ सुनाई दी…

खाला ने आवाज़ लगाई.. मैं आ रही हूँ.. फिर तुम्हे पूछती हूँ अच्छाआआआआआअ….

मैने पीछे मूड कर देखा तो खाला ने मुझे एक आँख मारी ऑर मैं भी हंस पड़ा…

मैं किचन से निकल कर सीधा टी.वी लाउंज मे आया टी.वी ऑन कर लिया… मगर मुझे टी.वी देखने मे मज़ा नही आ रहा था.. मैं अभी तक अपने हॅंड्ज़ पर खाला के मम्मो की नर्मी फील कर रहा था.. खाला के माममे बहुत नरम नरम थे.. मेरा लंड उस टाइम खड़ा हुआ था.. मैने बहुत कोशिश की कि किसी तरह मेरा लंड बैठ जाए मगर ये साहिब तो बैठ ने का नाम ही नही ले रहे थे.. दरअसल मेरे लंड की भी तो कोई ग़लती नही थी ना….. क्योंकि खाला का जिस्म था ही इतना सॉफ्ट कि अगर मर्द जितना भी शरीफ हो.. बस एक बार मेरी खाला को बिना दुपट्टे के देख ले तो उसकी सारी शराफ़त ख़तम हो जाएगी.

अब मैं सोच रहा था कि खाला को कैसे चोदा जाए.. क्योंकि मुझे तो सेक्स करना भी नही आ ता था.. मैने पॉर्न मूवीस देखी हुई थी मगर रियल मे तो कभी नही किया था किसी के साथ..

मेरी नज़रें तो टी.वी की तरफ थी मगर मेरा माइंड खाला की तरफ ही था.. मैने अपना हाथ लंड पर रखा ऑर आहिस्ता आहिस्ता लंड को मसल्ने लगा… मैने अपनी आँखे बंद की ऑर अपनी शलवार के उपर से ही मूठ मारने लगा… मेरी आँखे बंद थी ऑर मेरी ख़याल मे खाला का नंगा जिस्म घूम रहा था…. मेरी साँसे तेज होने लगी थी ऑर मुझे पसीना आने लगा था.. मैं चाहता था कि जल्दी से मेरे लंड का पानी निकले ऑर मेरे जिस्म को सकून मिले.. मगर लंड साहिब तो आज कुछ ज़्यादा ही जवानी दिखा रहे थे….. मैं तेज तेज मूठ मार रहा था… जब मुझे लगा कि मैं डिसचार्ज होने वाला हूँ तो मैने मूठ मारने की स्पीड तेज कर दी… ऑर मेरे मुँह से एक दम से ही निकला…. उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ खााआआआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआआआआआआआअ तुम्हाआआआअरर्र्रृिईई चूऊऊऊवटतत्टटतत्त माअरर्र्ररुउुउउन्न्ञणन्……………..

मैने अपनी शलवार के अंदर ही अपने लंड का पानी छोड़ दिया था.. ऑर मेरा जिस्म कुछ हल्का सा हो गया..

मैं सोफे पर बैठा हुआ था.. सोफे की बॅक साइड पे दीवार थी मगर दीवार और सोफे के बीच मे तक़रीबन 3 फीट का गॅप था..

जब मेरी शलवार मे ही लंड का पानी निकल गया ऑर मेरा जिस्म हल्का हल्का सा हो गया… मेरी सिक्स्त सेन्स ने कहा कि शायद रूम मे मेरे अलावा भी कोई ओर है… मैने ऐसे ही आँखे खोली.. मगर मेरे सामने तो मुझे कुछ नज़र ना आया… मैं सोफे पर से उठ कर खड़ा हो गया ऑर वॉशरूम की तरफ जाने लगा….

मैं जैसे ही सोफे पर से उठा.. मैने ज़रा सा पीछे घूम कर देखा तो सोफे की बॅक साइड पर खाला दीवार से लग कर खड़ी हुई थी.. उनकी आँखे लाल हो रही थी.. ऑर वो मुझे ही देख रही थी….

पोज़िशन कुछ यूँ थी कि मैं अपना लंड हाथ मे लिए हुए खड़ा था.. ऑर खाला मुझे ही देख रही थी….

मैं एक बार फिर डर गया… ऑर अब मैने सोचा कि "अयान बेटा अब तो बचने के कुछ चान्स नही है…. क्योंकि सुबह से ये 3र्ड टाइम हो गया था… जब मेरी ग़लत हरकत पकड़ी गई थी…

ऑर सब से बड़ी बात तो ये थी कि मैं डिसचार्ज होते हुए जो बकवास कर चुका था.. क खाला तुम्हारी चूत मारू अब मुझे उन वर्ड्स का रिज़ल्ट का पता लग रहा था.. क्योंकि सॉफ ज़ाहिर था कि खाला ने मेरे मुँह से वो वर्ड्स सुन लिए हों गे…

खाला ने मुझे कुछ ना कहा ऑर खाला के मुँह से भी आवाज़ नही निकल रही थी…

खाला ने मुझे कुछ देर तक देखा ऑर मैं खाला को देख रहा था.
फिर खाला बोली:

वो वो,,, वो मैं तुम्हे खाने पर बुलाने के लाइ आई थी…. तुम जा कर चेंज कर लो.. ऑर नहा लो.. मैं खाना लगाती हूँ. फिर खाना खाते हैं…

मैं हैरान रह गया कि खाला ने मुझे कुछ कहा क्यू नही….. ऑर खाला ऐसे बिहेव कर रही थी कि जैसे उनकी चोरी पकड़ी गई हो… मगर फिर मेरे माइंड मे ख़याल आया कि क्या खाला मुझे मूठ मारते हुए देख रही थी?????? क्या खाला मेरे पीछे खड़ी हो कर खुद भी उंगली कर रही थी?????????

फिर मेरे फेस पर एक स्माइल आ गई ऑर मेरा 2न्ड ख़याल मुझे ठीक लगने लगा… ऑर शायद खाला मेरे पीछे खड़े हो कर उंगली ही कर रही थी… जब मैने एक दम से पीछे देखा था तो खाला घबरा गई थी..

मैं यही सब कुछ सोचते सोचते वॉशरूम की तरफ चल पड़ा… ऑर वहाँ से अपना ट्राउज़र पहन कर किचन मे खाला के पास चला गया…. खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर एक स्माइल पास की… ऑर मुझे कहा कि "अयान प्लीज़ हेल्प करो मेरी खाना लगाने मे…

मैने उनके हाथ से कुछ बर्तन लिए ऑर डाइनिंग टेबल पर ले जा कर रख दिए… खाला भी आ गई ऑर फिर खाला ने एक ही प्लेट मे सालन डाला.. ऑर पहला लुक़मा खाला ने खुद ही मेरे मुँह मे डाला.. मैं खुश हो गया..

खाला मेरी तरफ प्यार भरी नज़रो से देख रही थी ऑर मैं भी दिल ही दिल मे खुश हो रहा था कि खाला ने मेरी इस हरकत का बुरा नही माना था… फिर मैने भी खाला को एक लुक़मा खिला दिया… इसी तरह एक लुक़मा वो मुझे खिलाती ऑर मैं एक लुक़मा खिलाता… हम ने खाना ख़तम किया….

खाला किचन मे बर्तन वाघेरा रख कर आई तो मुझे टी.वी लाउंज मे पाया…

खाला: अयान मैं तो थक गई हूँ. मैं सोने जा रही हूँ.. अगर तुम्हे भी सोना हो तो फिर आ जाना..

ये कह कर खाला अपने रूम मे चली गई जो मेरा ऑर उनका कंबाइन रूम था…

मैने भी टी.वी ऑफ किया ऑर खाला के पीछे पीछे कमरे मे आ गया… जब मैं कमरे मे आया तो खाला अपने कपड़े निकाल रही थी अपनी कपबोर्ड मे से…

खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर कहा……. तुम्हारा ये ट्राउज़र तो शायद गंदा था… मैं तुम्हे दूसरे कपड़े निकाल कर दे दूं????

मैं: मगर मैं तो अपने घर से ज़्यादा कपड़े लाया ही नही था…

खाला: देखो गर्मी है.. अगर तुम गंदे कपड़ों मे रहो गे तो तुम्हे अलेर्जी हो जाए गी.. एक काम करो.. तुम ये ट्राउज़र भी उतार दो.. ऑर कोई टोवल या चादर लपेट लो.. मैं तुम्हारे ये कपड़े धो कर डाल देती हूँ.. शाम तक सूख जाएँ गे…

मैं: मगर टवल कैसे लपेट लूँ..

फिर खाला ने मुझे अपना एक दुपट्टा दिया ऑर बोली: लो ये लपेट लो.. टोवल भी गरम होता है.. तुम्हे गर्मी लगे गी उस मे…

मैने खाला से दुपट्टा लिया ऑर दूसरे रूम मे जा कर ट्राउज़र उतार दिया ऑर दुपट्टा लपेट लिए… ऑर अपना ट्राउज़र भी खाला को ला कर दे दिया..

खाला ने मुझसे ट्राउज़र लिया ऑर बोली…. एक तो तुम ये बार बार कपड़े बहुत गंदे कर देते हो ऑर स्माइल मारी…

मैं कुछ ना बोला… मैं एक दुपट्टे मे था.. मैं सोच रहा था कि मेरा लंड तो बार बार खड़ा हो जाता है… अगर इस दुपट्टे मे ये खड़ा हो गया तो फिर तो साफ साफ नज़र आएगा…

खाला मेरे कपड़े वाघेरा सर्फ मे भिगो कर वापस रूम मे आ गई थी.. खाला ने अपने कपड़े निकाले ऑर रूम से बाहर चली गई.. मैने रूम के दरवाज़े के पास आ कर देखा तो खाला वॉशरूम मे एंटर हो रही थी.. मैं समझ गया कि खाला नहाने गई है..

मैं वापस आ कर बेड पे लेट गया ऑर खाला के बारे मे ही सोचने लगा… मैं सोच रहा था कि मैं खाला से कितना प्यार करता हूँ.. ऑर खाला भी मुझसे कितना प्यार करती हैं..

मैं इन्ही सोचो मे गुम था कि खाला कुछ देर बाद रूम मे एंटर हुई… मैने जब खाला की तरफ देखा तो देखता ही रह गया.. .क्योंकि खाला जो लग रही थी ना.. कमाल लग रही थी. खाला ने वाइट कपड़े पहने हुए थे.. रेशमी कपड़े थे ट्रॅन्स्परेंट टाइप के.. खाला का ब्रा भी सॉफ ऑर क्लियर नज़र आ रहा.. ब्रा तो छोड़ो मुझे खाला का पूरा जिस्म सॉफ नज़र आ रहा था.. ऑर उपर से खाला का गीला जिस्म…. वो रेशमी कपड़े भी खाला के जिस्म से चिपके हुए थे….

मेरी नज़रें तो जैसे खाला से चिपक गई थी.. खाला ने मेरी नज़रो को समझा तो खाला बोली.. अयान,,,,,, क्या देख रहे हो..

Antarvasna

मैं एक पंजाबन लड़की हूँ Antarvasna और इंग्लैंड में एक साल का स्टडी और साथ दो साल के वर्क परमिट वीसा पर इंग्लैंड आई थी। दो साल के बाद मैंने अपना वीसा एक्सटेंड करवा लिया था। कुल मिला कर तीन साल से इंग्लैंड में हूँ। पहले तो सपने में भी इन्टरनेट पर बैठने की नहीं सोची, यहाँ किसी के पास फालतू समय नहीं, मैं भारत में बहुत इन्टरनेट सर्फिंग करती थी, इसके ज़रिये दो यार बना लिए थे और फिर उनके साथ खूब मस्ती की। वैसे भी कॉलेज में मेरे कई लड़कों से चक्कर थे और मैं एक चालू और जुगाड़ टाइप की लड़की कहलाती थी। लड़कों के साथ पकड़े जाने पर मैं दो बार कॉलेज से सस्पेंड हुई थी- एक बार तो केमिस्ट्री लेब में और दूसरी बार क्लास रूम में आधी छुट्टी टाइम !

मुझे और उन दोनों लड़कों की भी निकाल दिया। उसके बाद मैंने प्राइवेट स्कूल जगन ज्योति पब्लिक स्कूल से मैं हीला वसीला करके पास हुई। मैं बोर्ड की क्लास में थी कामर्स ग्रुप में।

सुपरिटेंडेन्ट लग कर आये सर को अपने हुस्न के जाल में फंसाया। वैसे तो बहुत नक़ल चल रही थी लेकिन सर मुझे अलग बिठा देते और बुक्स, नोट्स दे देते ! पेपर के बाद मुझे सर ही घर छोड़ते थे। पहला पेपर ख़त्म हुआ, उन्होंने कह दिया था कि मेरे साथ चलना ! मैं ही घर छोड़ दूंगा।

मैंने घर में कहा कि पेपर के बाद अगले पेपर की तैयारी के लिए मुझे ट्यूशन पढ़नी पड़ रही है।

किसी ने कुछ नहीं कहा। उसने कार में ही छेड़छाड़ शुरू कर दी। पूरे रास्ते में उसका हाथ में पकड़ सहलाती आई और वो भी बीच बीच में मेरे मम्मे दबाते आये।

मेरे पास समय कम था, मैं उनके घर जाते ही उनसे लिपट गई और वो मुझे बेडरूम में ले गए। जाते ही मैंने अपनी शर्ट उतार दी और फिर स्कर्ट भी उतार दी। मुझे नंगी देख उसका लौड़ा कच्छे को फाड़ने को आ रहा था तो मैंने एक पल में उतार दिया। उनका लौड़ा इतना भयंकर होगा, सोचा नहीं था।

मैं वहीं पाँव के बल बैठ गई और मुहं में ले लिया।

और फिर उन्होंने मुझे एक घंटे में दो बार चोदा। इस तरह मैंने बारहवीं के पेपर दिए और मेरे ७५% नंबर आये।

मेरी एक बहन शादी के बाद अपने पति के साथ बंगलौर चली गई और वो हमें उनके घर की साफ़ सफाई के लिए चाभी दे गई। एक दिन मैंने घर से चोरी छिपे चाभी उठाई और अपने बॉयफ्रेंड को वहीं बुला लिया।

अभी हम पहला राउंड लगा कर साँसे ले रहे थे कि कोई आ गया, झट से कपड़े पहने, दरवाज़ा खोला तो देखा- माँ थीं ! ज़बरदस्त थप्पड़ लगा ! यह तेरा स्कूल है हरामजादी?

उस मुहल्ले में भी मेरी बदनामी देख मेरी इंग्लैंड की फाइल लगा दी गई और कर-करवा कर एक यूनीवर्सिटी में दाखिल करवाया। दो साल का वर्क परमिट मिला और उड़ कर चली गई इंगलैंड।

अपने सारे आशिकों के बारे सोच-सोच मेरा मन सा भर आता ! वहाँ मेरा कोई रिश्तेदार नहीं था। यूनीवर्सिटी में क्लास ज्वाइन कर ली और हॉस्टल में रहने लगी।

एक-दो महीनों में वहां मेरा एक भारतीय लड़के से चक्कर शुरु हो गया।

उसने मुझे कहा- हॉस्टल छोड़ दे और मेरे साथ रेंट पर रह ले ! अपने हिस्से के पैसे देती रहना ! हॉस्टल से कम खर्चा है और साथ में बहुत बढ़िया काम पार्ट-टाइम मिलेगा !

वो जहाँ रहता था उसमें तीन कमरे थे रसोई, आलीशान बाथरूम, वूडन फ्लोर्स, दो कमरों में छः लड़के रहते थे और एक में तीन लड़कियाँ ! एक भारतीय, एक पाकिस्तानी और एक नाइजीरियन।

कमरे बहुत खुले थे। मैंने सोच-विचार करके हॉस्टल छोड़ दिया और मैंने रवि से कहा- आज कॉलेज बंक करके मेरा सामान मेरे साथ शिफ्ट तो करवा दे !

उसने मेरी मदद की, सभी कॉलेज गए हुए थे, हम दोनों अकेले थे, उसको अकेला देख मेरी प्यास जाग उठी। दो महीने से ज्यादा मुझे लौड़ा लिए हो चुके थे।

उसने मुझे हल्के से चूमा और बोला- आई लव यूं रूही !

मैं उठी और उसके सामने खड़ी होकर उसके होंठ चूसने लगी और बोली- आई लव यू टू रवि ! आई लव यू सो सो मच !

कहते-कहते उसके पाँव पर खड़ी हुई और उसके साथ लिपट गई। मेरी चूचियाँ बहुत शानदार हैं, कसी हुई है और मेरे चुचूक बहुत बड़े और लड़के के खींचने के लिए काफी बढ़िया हैं। जानबूझ कर मैं अपने मम्मे उसकी छाती से लगा दबाव दे रही थी, उसका कण्ट्रोल खोने लगा था। मैं उसके लौड़े में आ रहे कसाव को महसूस कर रही थी। बस वो थोड़ा सा डर रहा था कि मैं नाराज़ न हो जाऊँ !

मैंने अपना टॉप खुद उतार फेंका और नीचे से हाथ उसके लौड़े पर फेरने लगी। अब वो खुलने लगा, मैंने उसकी शर्ट उतार दी और अपने मम्मे उसकी घने बालों वाली मर्दानी छाती से घिसने लगी। मैंने अपनी स्कर्ट की साइड जिप खोल दी और बटन भी, जिससे स्कर्ट नीचे घिर गई।

मेरी गोरी जांघें देख वो आपे से बाहर होने लगा। उसके होंठ चूसते हुए साथ-साथ मैंने उसकी बेल्ट खोली, फिर उसका बटन खोला और उसकी जींस उतार फेंकी और नीचे झुकते हुए उसके अंडरवियर से उसका लौड़ा निकाल मुँह में ले लिया। उसका लौड़ा सामान्य आकार का ही था, लेकिन था बहुत दिल खींचने वाला !

उसको कुछ करने का मैंने मौका ही नहीं दिया था, पहल खुद की थी और उसको अपनी मर्ज़ी से आगे बढ़ा भी रही थी। वो हैरान भी था लेकिन खुश भी ! ओह बेबी सक ! सक इट डार्लिंग !

उसका सात इंच का लौड़ा बहुत मज़ेदार था। उसने मुझे बिस्तर पर लेजाकर टांगें खोल पैंटी उतार दी और अपने होंठ मेरी गर्म हो रही चूत पर रख दिए, लगा चाटने !

अह उह अह उह ! मेरे मुँह से अब मस्ती की आवाजें आने लगी थी। मैंने अपनी टांगें उसके कन्धों पर टिका दीं और उसने अपना लौड़ा मेरी चूत में उतार दिया, चूत कसी थी क्यूंकि दो महीनों से भी ज्यादा से उसमे ऊँगली के इलावा कुछ नहीं घुसा था। उसने स्पीड बढ़ा दी। उसका स्टेमिना देख में बहुत खुश थी। फिर दो घंटे अलग अलग मुद्राओं में हमने चुदाई का मजा लिया।

मुझे एक स्टोर में काम मिल गया और मैं पढ़ाई भी करती थी। मेरा रवि के साथ चक्कर था, यह पूरे घर में मालूम था। लेकिन रवि के पक्के दोस्त पंजाब से थे मुझे पर लाइन मारते थे। मैं भी उनको उलझा कर मजे ले रही थी।

रवि मुझसे शादी करना चाहता था, तभी उसकी बहन की शादी पक्की हो गई थी और वो भारत चला गया। उसकी गैर मौजूदगी में मैं उन दोनों के साथ सहमत हो गई। दोनों टैक्सी चलाते थे, मैंने उन्हें कहा कि मेरा लाइसेंस बनवा दो।

इसमें चोखी कमाई थी !

चुदाई के बदले दोनों ने मुझसे लाइसेंस के लिए ड्राइविंग लर्निंग टेस्ट के लिए अप्लाई करवा दिया उसकी फीस खुद भरी। जैसे ही मेरा यह काम करवाया, मैंने उनके साथ किया वादा निभा दिया।

यह वादा कैसे निभा?

यह जानने के लिए अन्तर्वासना के साथ दिल से जुड़ जाओ क्यूंकि मेरा सफ़र कुछ लम्बा है ! एक बार में नहीं समाएगा !

मेरा इन्तज़ार करो ! Antarvasna

बिग लंड पड़ोसी का देख कर एक मॉडर्न भाभी के दिल में उस लंड का मजा लेने की तमन्ना जाग गयी. वैसे भी वह रेगुलर सेक्स से बोर हो चुकी थी और कुछ नया करना चाहती थी.

कैसे हैं दोस्तो,

मेरी पिछली कहानी
दोस्त से बीवी को गर्भवती कराया
आपने पढ़ी और पसंद की.
धन्यवाद.

आज की कहानी सारिका और गौरव की है.
दोनों की लव मैरिज हुई है.
शादी को दो साल हो गये, अभी बच्चे की कोई प्लानिंग नहीं है.

गौरव और सारिका शादी से पहले ही सारिका की पहल पर हमबिस्तर होने लगे थे.

सारिका की मां को खबर लग गयी थी, उसने बखेड़ा खड़ा कर दिया.
तो गौरव के पेरेंट्स ने हथियार डाल दिए और दोनों की शादी करवा दी.

गौरव गुरुग्राम में किसी कंपनी में जॉब करता था.
कम्पनी के प्रोजेक्ट्स बाहर चलते थे तो गौरव की पोस्टिंग कहीं भी हो जाती एक दो साल के लिए.

अकेले रहने से वह सारिका के साथ में हर समय सेक्स की ही सोचता.
सारिका उसका भरपूर साथ देती.

सेक्सी सारिका ने कॉपर टी लगवा रखी है.
सारिका गजब की सुंदर, स्मार्ट और कामदेवी है.

उसने गौरव को सेक्स का और अपना इतना दीवाना बना दिया है कि शादी के दो साल बाद भी गौरव रोज चुदाई न करे तो सारिका उसे ऑफिस न जाने दे.

सारिका कभी सेक्स से थकती नहीं और हरदम कुछ नया ट्राई करना चाहती है.
उसे यह बर्दाश्त नहीं कि कोई उसके आगे किसी और औरत की तारीफ करे.

सारिका हर पार्टी की जान होती क्योंकि वह इतने खुले और आधुनिक कपड़े पहनती कि मर्द हर समय उसके आगे पीछे घूमते.

औरतों को भी उससे ऐतराज़ नहीं था क्योंकि वह फुलझड़ी की तरह सबके बीच हंसी मजाक के फूल बिखेरती और मुंहंफट होने से कोई मर्द उसकी मर्जी के बिना उसके ज्यादा नजदीक नहीं जा पता था.

सारिका फ़्लर्ट करने में पक्की थी.
पता नहीं कितने मर्द उसका ख्याल करके अपनी बीबियों को चोदते थे और कितने मुठ मारते थे.

गौरव और सारिका कहीं भी सरेआम बेशर्मी से लिपटा-लिपटी और चूमाचाटी करते थे.
उनका बस चलता तो वो सरेआम सेक्स भी कर लेते.

सारिका की अदाओं के मारे कितने ही मर्द उसे व्हाट्सएप्प मेसेज भेजते और वो उन सभी का बेबाकी से जवाब देती.

पर सभी मर्द आपस में और अपनी बीवियों से ये बात छिपा कर रखते.
सारिका को मजा आता जब पार्टी में वो उन मर्दों के पैन्ट के उभार को देखती.

उनकी फॅमिली किटी के सदस्य लगभग एक ही उम्र के थे और सभी बाहर से आये नौकरीपेशा थे.

गौरव हॉस्टल में 5-6 साल रहा था तो पक्का खुराफाती बन चुका था.
उसका हॉस्टल का साथी रवि भी उसी की कॉलोनी में रहता था और उनकी फॅमिली किटी का मेम्बर भी था.

रवि किसी एमएनसी में सीनियर पोस्ट पर था और गौरव से ज्यादा अच्छा पैकेज ले रहा था.
पर दोनों की बीवियों को उनकी हॉस्टल लाइफ और वेतन की जानकारी नहीं थी.

यही हाल सारिका का भी रहा.
दिल्ली के नामी कॉलेज में वह हॉस्टल में रही.

सिगरेट, बियर और ब्लू फिल्म सबका लुत्फ़ उठाते उठाते वह लेस्बियन हो चली थी.
उसने बहुत सारी लड़कियों के साथ नंगी होकर समलिंगी सेक्स का मजा लिया; न जाने कितनी चूतें चाटी, कितनी चूचियां चूसी, ना जाने कितनी लड़कियों से उसने अपनी चूत और चूचियां चुसवाई.

हाँ सील उसने पैक रखी हुई थी अपने सपनों के राजकुमार के लिए!
और वह सपनों का राजकुमार एसा मिला कि बिना डोली उठे उसकी सील तोड़ बैठा.

गौरव के ऑफिस जाने के बाद सारिका घर के काम निबटा कर आराम ही करती और टीवी पर या मोबाइल में उलझी रहती.

उनका एक आलीशान दो बेडरूम का फ्लैट था तो सफाई का ज्यादा झंझट नहीं था.
सुबह दो-तीन घंटे को एक लड़की सुरभि आती, वह साफ़ सफाई से लेकर खाना बनाने का काम भी कर जाती.

हर दूसरे दिन सारिका उससे अपनी मालिश भी करवा लेती.
इस सबके बदले वो उस लड़की को बंधे वेतन के अलावा खाना और कपड़े और बचा हुआ मेकअप का सामान भरपूर देती.

सुरभि उससे खूब खुश रहती और उसके अलावा कहीं और काम पर नहीं जाती.
नयी उम्र की लड़की थी वो!

जब वो सारिका की मालिश करती तो सारिका बहुत कम कपड़ों में होती और सिगरेट के कश लगते हुए टी वी पर कोई हॉट फिल्म देख रही होती.
सुरभि भी सारिका के मखमली जिस्म और अंदरूनी अंगों की मालिश करते करते और हॉट फिल्म देखते देखते सारिका के रंग में रंग गयी थी और उसकी गुलाम सी हो गयी थी.

सारिका घर पर बहुत हल्के कपड़ों या सिर्फ फ्रॉक में ही रहती.
ये भी गौरव के आते ही उतर जाते.
दोनों काफी देर बाथटब में पड़े रहते.

गौरव उसे बाथटब में घोड़ी बनाकर चोदता.
ऊपर से पानी की फुहार पड़ती.

सारिका चुदते समय हल्ला बहुत मचाती.
उसे जोर जोर से आहें और सीत्कारें निकालने में बड़ा मजा आता.

और अब तो दोनों को आदत पड़ गयी थी इन आवाजों की!
वह जितना शोर करती, गौरव की चुदाई की स्पीड उतनी ही बढ़ जाती.

अब रुटीन सेक्स से दोनों बोर होने लगे थे और कुछ थ्रिल चाहते थे.

अभी दीपावली पर उनकी फॅमिली किटी पार्टी हुई तो उसमें कपल डांस भी था.

रोशनी बहुत धीमी करके सारे जोड़े चिपक कर डांस कर रहे थे.

गौरव और सारिका तो होंठ से होंठ भिड़ाये अपने में मस्त डांस करने में मशगूल थे.
बाकी जोड़े भी नजर बचा कर उन्हें ही देख रहे थे.

सारिका सबकी स्थिति को महसूस कर रही थी और मजे ले रही थी.

डांस के बाद वह पहले वाशरूम गयी और अपनी लिपस्टिक ठीक करके आई.

रात को घर पहुँचते ही गौरव उसे बेड पर खींचने लगा.
सारिका बोली- अरे कपड़े उतार कर मेकअप तो उतारने दो.

सारिका ने वाशरूम में अपना व्हाटसप्प चेक किया तो पार्टी में आये उसके दीवाने रवि का मेसेज था, उसकी सुन्दरता के कसीदे काढ़ रहा था.
तब सारिका ने जवाब दिया- अपनी बीवी को सुला कर आधा घंटे बाद फोन करना!

बाहर गौरव हल्ला मचा रहा था तो सारिका ने हबड़धबड़ में कपड़े उतारे और फेसवाश लेकर नंगी ही बेड में घुस गयी.
वहां चादर के नीचे गौरव नंगा अपना लंड सहला रहा था.

उसे देख के सारिका बोली- अगर ये भी तुम ही करोगे तो मैं क्या करुँगी? छोड़ो इसे!

सारिका ने गौरव का लंड मुंह में ले लिया और लगी लपर लपर चूसने!
पर चुदासी वह भी हो रही थी.
तो उसने अपनी टांगें गौरव की तरफ कर दीं.

अब गौरव ने भी उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी.
सारिका की चूत तो पहले से ही गीली थी.

गौरव ने जीभ के साथ एक उंगली भी सारिका की चूत में घुसा दी.
सारिका लगी मचलने!

गौरव ने ढेर सारा थूक उसकी चूत में डाला जो बह कर बाहर नीचे आ रहा था.
तब गौरव ने थूक से एक उंगली चिकनी की और सारिका की गांड में घुसा दी.

सारिका चिहुंकी और बोली- वहां नहीं, बाहर निकालो! तुम तो मेरी गुलाबो को चाटो बस!
गौरव ने उसकी टांगें और फैलायीं और पूरे दम खम के साथ उसकी चूत में जीभ और उंगली से चुभलाने लगा.

सारिका अब आवाजें निकाल रही थी.
उसे बहुत मजा आ रहा था.

गौरव उसके मम्मे भी मसल रहा था.

अब सारिका से बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने गौरव को नीचे लिटाया और चढ़ गयी उसके ऊपर और गौरव का लंड अपनी चूत में सेट करके लगी जोर जोर से उछलने!
वह जितना जोर से उछलती, उतनी ही जोर से आवाजें करतीं.
उसके मुख से लार बाहर निकल रही थी.

वह गौरव को निचोड़ देना चाहती दी.
पर गौरव दमदार था.
उसने सारिका को नीचे पलटा और चढ़ गया उसके ऊपर और पेल दिया अपना मूसल उसकी चूत में!

तभी गौरव ने स्पीड बढ़ा दी थी.
वह भी बोलने में कम नहीं था, कह रहा था- बड़ा नैन-मटक्का कर रही थी मीटिंग में रवि के साथ? बुला लूं उसे भी … दोनों मिलकर तेरी चूत का भोसड़ा बना देते हैं अभी!
सारिका बोली- तुम भी तो कामिनी की गांड पर हाथ फेर रहे थे. ज्यादा मन कर रहा था तो चोद देते उसे वहीं! अब बकवास कम करो और मेरी चुदाई पर ध्यान दो. तुमसे नहीं चुदाई हो रही तो मैं ही रवि को बुला लेती हूँ.

सुन कर गौरव का जोश और बढ़ गया और वह और जोर लगा कर चोदने लगा सारिका को!
वह बोला- अब जब भी कामिनी मायके जायेगी, मैं रवि को बुला लूंगा. रवि से चुदवाऊंगा तुझे! सब मालूम पड़ जाएगा जब दो दो मोटे लंड तेरी चूत फाड़ेंगे.

सारिका यह सुन कर और गर्म हो गयी और उछल-उछल कर गौरव का साथ देने लगी.
दोनों गुत्थम गुत्था हो रहे थे.

गौरव ने झटके बढाते हुए कहा- मेरा तो होने वाला है, मैं आने वाला हूँ.

सारिका ने अपने लम्बे नाख़ून गौरव की पीठ में गड़ा दिए और कस के भींच लिया उसे!
उसकी चूत की आग अभी भड़की हुई थी.

गौरव ने एक झटके में सारा माल सारिका की चूत में निकाल दिया और वहीं निढाल होकर पड़ गया.
सारिका ने उसे एक भद्दी गाली देते हुए कहा- इतना जल्दी कर दिया, अब मैं इसमें किसका लंड घुसाऊं?

गौरव थक कर मुंह ढक के सो गया हँसते हँसते ये कहते- किसी का भी घुसा ले, मैं क्या रोकता हूँ?

सारिका वाशरूम में फ्रेश होने गयी और एक फ्रॉक डाल कर फ्रिज से अपने लिए एक कोल्ड कॉफ़ी का केन निकाल लायी और सिगरेट जला कर दूसरे रूम में सोफे पर बैठ गयी.

तभी रवि का मेसेज आया- हाय!

सारिका ने बेबाकी से पूछ लिया- निबटा लिया कामिनी को?
रवि ने भी जवाब दिया- वह तो पार्टी से आते ही सो गयी और मैं तुम्हारे ख्वाबों में सोने की तैयारी में हूँ.
सारिका ने जवाब दिया- ज्यादा उड़ो नहीं, फोन बंद करो और सो जाओ. ख्वाबों में जो आये उससे अपना काम करवा लेना, मैं तो नहीं आने वाली!

रवि ने तुरंत सॉरी बोला- अब तो तुमसे बात हो रही हैं तो नींद का सवाल ही नहीं!

तब रवि ने उसे पार्टी की सारिका की कुछ फ़ोटोज़ भेजीं जो उसने खींची थी.
सारिका बोली- मेरी फ़ोटोज़ डिलीट कर देना. वरना कामिनी ने देख लीं तो तुम्हारा टूल काट देगी!

रवि पीछे पड़ गया- वीडियो काल कर लो!
सारिका बोली- मैं तो रात को बिना कपड़ों के हूँ और तुम कपड़े पहने हो.
रवि बोला- मैं भी ऐसे ही हूँ, एक बार प्लीज़ काल करता हूँ, उठा लेना.
सारिका बोली- दिखाऊंगी कुछ नहीं.

रवि ने उसे वीडियो काल किया.
सारिका ने फोन का कैमरा अपनी चिकनी टांगों को दिखाते हुए उसे सीधे अपने चेहरे पर ले लिया.

रवि को एसा ही अहसास हुआ कि वह बिना कपड़ों के है.
तो रवि ने अपना मोबाइल अपने चेहरे पर करते हुए सीधे अपने औज़ार पर कर दिया.

“क्या मोटा लंड था उसका!”

बिग लंड देख सारिका के मुंह में पानी आ गया.
पर उसने झटके से फोन काट दिया और फोन स्विच ऑफ कर दिया.
उसे मालूम था कि अब रवि बार बार उसका फोन ट्राई करेगा और बाद में उसके नंगे जिस्म की कल्पना में मुठ मार कर सो जाएगा.

सारिका बेड में घुस गयी और गौरव से चिपट कर सो गयी.

परन्तु रवि का मोटा लंड उसके दिमाग से उतर नहीं रहा था.

मेरे प्यारे पाठको, पांच भागों में समाप्य यह कहानी आगे आगे आपको और मजा देगी.
अभी तक की बिग लंड कहानी कैसी लगी?

Antarvasna

सीमा को अलवर गए हुए Antarvasna एक हफ्ता बीत चुका था और इस एक हफ्ते में मैंने वो नजारे देखे थे जिनकी जीवन में कभी उम्मीद नहीं की थी। पायल जैसी हसीन और जवान लड़की मुझसे चुदवायेगी, मैंने सोचा न था।

खैर अगले दिन सुबह नाश्ता करके मैं बैंक चला गया और दोपहर को जब लंच करने आया तो पहले पायल की चूत मारी फिर खाना खाया और बैंक वापस चला गया। शाम को घर आया और कपड़े उतार कर सीधे नहाने के लिए बाथरूम घुस गया।

अभी नहाया ही था कि किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी, मैंने जल्दी से तौलिया लपेटा और दरवाजा खोलने आ गया। दरवाजा खुलते ही देखा कि मेरी सीमा डार्लिंग हाथ में मिठाई और फ्रूट से भरी थाली पकड़े खड़ी थी, जो वह अलवर से लाई थी और मेरा हिस्सा मुझे देने आई थी। मैं दरवाजा खुला छोड़कर अपने कमरे की तरफ चल दिया मेरे पीछे पीछे वो भी मेरे कमरे में आ गई, सीमा ने थाली को पलंग पर रखा और मेरे सीने से लगकर मुझे चूमने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को दबाया और उनका गाउन कमर तक उठाकर तौलिए में से अपना लंड निकला और पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत पर रखकर दबा दिया।

सीमा बोली- अभी जाने दो ! राजा रात को आऊंगी, दरवाजा खुला रखना।

मूल चंद और मैं जब रात को डिनर कर रहे थे तो सीमा बार बार गुनगुना रही थी- रस्ता हमारा तकना ! दरवाजा खुल्ला रखना !

इसका अर्थ सिर्फ मैं समझ पा रहा था। खाना खाकर अपने कमरे में आया तो तुरन्त नींद आ गई। जब से सीमा और पायल की पुंगी बजानी शुरू की थी, रात को नींद खूब आती थी। रात को लगभग १२ बजे मेरी नींद खुल गई, देखा सीमा मेरे बगल में लेटी है और मुझे सहला रही थी। मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया, नंगा किया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया, उसने पहले तो अपने हाथों से लंड को सहलाया, फिर अपने मुंह में ले लिया। थोड़ी देर चूसने के बाद जब लंड बहुत टाइट हो गया तो वह लेट गई, मैं उसकी टांगों के बीच आ गया, अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रगड़ने लगा तो बोली- राजा, देर न करो ! बहुत भूखी है यह ! अब डाल दो।

मैंने देर नहीं की, एक तकिया उसकी गांड के नीचे रखकर अपने लंड का सुपाड़ा उसकी बुर के मुंह पर रखा और एक झटके में पूरा लंड अन्दर कर दिया तो मुझे चूमने लगी। डेढ़ घंटे तक चुदवा कर वो अपने घर चली गई।

अगले दिन से पायल ने स्कूल जाना शुरू कर दिया तो लंच के समय सीमा को चोदने में कोई दिक्कत नहीं थी। अब दिक्कत थी तो सिर्फ इस बात की कि पायल नहीं चुद पा रही थी, जिस वजह से मैं तो परेशान था ही, पायल मुझसे ज्यादा परेशान थी। आप खुद सोचकर देखिये १८ साल की जवान लड़की जो ८ दिनों में ३० बार चुदी हो और अब ४ दिन से उसने लंड का दीदार भी ना किया हो, वो परेशान होगी या नहीं?

मैंने इसका भी एक रास्ता निकाला, रात को खाना खाते समय मैंने पूछा- पायल तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?

इससे पहले कि पायल कुछ जवाब दे, सीमा बोली- बाकी सब विषयों में तो ठीक है, लेकिन इसका गणित बहुत कमजोर है, डरती हूँ कहीं फ़ेल ना हो जाए।

मैंने कहा- आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है, मैं दो महीने पढ़ा दूंगा तो ८०% से ज्यादा नंबर लाएगी। बस समस्या समय की है, उसका भी कोई रास्ता निकल आएगा।

काफी देर के विचार विमर्श के बाद तय हुआ कि रात को खाना खाने के बाद १० से ११ बजे तक पायल मुझसे गणित पढ़ा करेगी और यह काम आज से ही चालू।

मैं खाना खाकर अपने कमरे में आ गया, करीब आधे घंटे बाद पायल आई और आते ही मुझसे लिपट गई। मैंने उसे अपने से दूर करते हुए कहा- एक दो दिन धैर्य रखो, अभी हो सकता है तुम्हारे घर वाले हम पर नज़र रख रहे हों !

मैंने उसे पढाना चालू किया, लगभग ११.३० बजे सीमा आई, दरवाजा खटखटाया, मैंने तुंरत खोला।

सीमा बोली- चलो बेटी ! बहुत देर हो गई, अब अंकल को सोने दो !

पायल ने कहा- बस ये सवाल कर लूं, फिर आती हूँ !

मैंने कहा- भाभी जी आप ५ मिनट रुकिए, इसका काम हो गया है।

दूसरे दिन रात के १२ बजे तक पायल पढ़ती रही तो सीमा आई और बोली- चलो बेटी, १२ बज गए, हमें सोना भी है।

तो पायल ने कहा- आप लोग सो जाओ। मैं यहीं दीवान पर सो जाऊंगी।

मैं तपाक से बोला- यहाँ कैसे सो जाओगी, यहाँ सोना है तो कल से सोना और अपना कम्बल लेकर आना, क्योंकि मेरे पास एक ही कम्बल है।

माँ बेटी दोनों हंस दीं और चली गईं।

अगले दिन शाम को मैं बैंक से लौटा तो चाय पीने सीमा के घर चला गया, कहने लगी- पायल पास तो हो जायेगी ना?

मैंने कहा- आप बिल्कुल फ़िक्र ना करें, अगर आप ना बुलाएं तो वो शायद २ बजे तक भी मुझे ना छोड़े, कहे पढ़ाते रहिये।

सीमा बोली- आज उसे एक कम्बल दे दूँगी, जब तक पढ़े, पढ़े, उसके बाद वहीं दीवान पर सो जायेगी।

रात को खाना खाकर पायल आई, अपना कम्बल दीवान पर रखते हुए उसने मुझे शरारती नज़रों से देखा तो मैंने कहा- १२ बजे तक पढ़ो, फिर देखेंगे।

ठीक १२ बजे पायल बोली- सर, १२ बज गए आज की कोचिंग खत्म। अब आप के फीस लेने का टाइम हो गया।

मैंने ड्राइंग रूम की लाइट बंद की और पायल को गोद में उठाकर अपने बेडरूम में ले आया। उसके कपड़े उतार कर नंगा कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगा तो बोली- मैं एक मिनट में सुसू कर के आ रही हूँ !

मैंने कहा- रुको, मैं भी चलूँगा, मुझे भी सुसू आई है !

कहने लगी- मैं आपके सामने सुसू नहीं करूंगी ! मुझे शर्म आएगी !

मैंने खुले शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा- जिस चूत में मेरा लंड लेते हुए शर्म नहीं आती उसमें से मेरे सामने सुसू करने में शर्म आती है?

मैंने उसका हाथ पकड़ा और दोनों बाथरूम में घुस गए, बाथरूम काफी बड़ा था। सुसू करने के बाद मैंने वहीं उसकी एक टांग उठाकर अपने हाथ में ली और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख दिया।

पायल कसमसाते हुए कहने लगी- जान बेड पर ले चलो।

मैंने लंड को चूत के अन्दर किया और उसी हालत में उसे बेड पर ले आया।

उस रात के बाद से मेरा टाइम टेबल सेट हो गया- दिन के १ बजे सीमा की चूत और रात के १ बजे पायल की चूत।

श्री श्री मूल चंद जी मनवानी जब पहली तारीख को किराया लेते हैं तो उन्हें मालूम ही नहीं होता कि इस किराये के बदले में मैं क्या क्या सुविधा ले रहा हूँ।

आशा है आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी। Antarvasna

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