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Massage Girl in Hanumangarh: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Hanumangarh who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Hanumangarh that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Hanumangarh massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Hanumangarh who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Hanumangarh massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Hanumangarh massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Hanumangarh who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Hanumangarh employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Hanumangarh helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Hanumangarh

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Hanumangarh at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

हेलो दोस्तों क्या है आप सब आशा करते हैं आप सब ठीक होंगे! मैं आपका दोस्त सोनू हाजिर हूं एक और कहानी लेके ये कहानी नवंबर 2023 की है मेरी शादी को 5 साल हो चुके हैं और मेरी एक बेटी और एक बेटा है इसके बाद भी मेरा एक अफेयर जो कि मेरी शादी से पहले का था लगतार चल रहा था! तो चलिए आते हैं अब अपनी कहानी पर मेरी गर्लफ्रेंड या यूं कहें रखेल का नाम भावना है उसे मेरी शादी और बच्चे के बारे में बताएं जब भी मैंने गर्लफ्रेंड के साथ कहा, इस वर्ड का इस्तेमल किया ये बात 2023 की है मुझे मेरी और उसकी एक करीबी दोस्त ने बताया कि उसका कहीं चक्कर चल रहा है तो मैंने खोजा चालू की जो सच निकली तो मैंने भी थान लिया कि अब इसके साथ "जेसे को तेसा" करना है! यहाँ भावना के बारे में थोड़ा सा बता दू उसकी हाइट लगभग 5"3 बिल्कुल पतली लेकिन स्तन और गांड निकले हुए हैं जो किसी को भी पागल कर दे उसे कहा कहा तक है मैं आँखे बंद करके भी बता सकता हूँ! नवंबर में मेरी बेटी के जन्मदिन के बारे में मैंने सोचा कि अब इसको सबक सिखाया जाएगा तो मेने जान भुजकर डेली इसके साथ ऐसा बिहेव क्रना चालू क्र दिया कि मैं इसे अलग होना चाहता हूं इसने मुझे 23 नवंबर की रात को मैसेज किया है कि मुझे कल मिलना है तो मैंने सोचा चलो मिल गया मौका माई अगले दिन घर में काम का बहाना क्रके निकल गया और भावना को पीरागढ़ी से पिक क्रके रोहिणी सेक्टर 16 के ओयो में ले गया मुझे उस दिन जानबूझ कर अपनी और इसकी ओरिजिनल आईडी वाह दी! हम रूम में आ गए लग्भाग 11 बजे थे उस समय तो मैंने बात चालू की और इधर उधर की बाते होने के बाद में 12 बजे भावना को बोला कि मुझे नींद आ गई दोस्तो याहा एक बात बता दू हमारे ओयो आने के बाद हमेशा 10-15 मिनट बाद में उसे किस करना चाहिए चालू कर देता था भावना को इसलिए इस बार भावना को थोड़ा अजीब लगा तो भावना ने कहा मुझे कुछ जरूरी बात करनी है तुमसे उठ कर बेथो मैं उठ कर बैठ गया तो उसने कहा कितना प्यार करते हो मुझसे मैंने कहा बहुत तो बोली कि अगर मैं कोई ऐसी गलती कर दूं जो तुमने सोची भी ना हो तो क्या तुम मुझे माफ कर दोगे मैंने कहा निर्भर करता है कि तुम्हें गलती का पछतावा है या नहीं तो उसने कहा जाओ वोदका लेके आओ हम हमेशा सेक्स करने से पहले वोदका पीते थे तो मैंने कहा मुझे नहीं पीनी तो उसने कहा मुझे पीनी है क्योंकि बिना पिये मैं वो बात नहीं बता सकती (दोस्तों हकीकत मुझे पहले से ही पता थी) तो मैं गया और वोदका का हाफ लिम्का और कुछ स्नैक्स ले आया वैपिस आके मैंने जनबूझकर अपना 30 और उसका 60+ का पेग बनाया 2-2 पेग के बाद मैं तो सामान्य था लेकिन उसे नशा हो गया और वो रोकर बोलने लगी प्लीज मुझे माफ कर दो मैंने जंबुझकर नहीं किया गलती हो गई तो मैंने कहा कि बात तो बता क्या हुआ क्यों रो रही है तो आन्हे भारत भरते जेसे ही बोलने वाली थी तो मैंने उसे रोका हुआ बोला कि सुन मैं बटाता हूं क्या हुआ है- तू पिछले 5 महीने से रिलेशनशिप में है मेरी बेटी के जन्मदिन के दिन तू उसके साथ उसके फ्लैट पर भी गई थी यही बताना चाहती है ना? दोस्तो उसका तो ये नशा ही उतर गया और चेहरा पीला पड़ गया मैंने उसकी तरफ शुद्ध गुस्से में देखा और कहा कि मुझे पिछले 2 महीने से सब पता था मैं बीएस देख रहा था कि तू किस हद तक जाती है मैंने बची हुई वोदका से वापसी के साथ वही पेग बनाया और वो अब फुल नशे में हो गई थोड़ी देर बाद मैंने टाइम देखा तो 1 बजे चुका था तो मैंने भावना को कहा कि 2 बजे मैं चला जाऊंगा तो उसने कहा ठीक है। दोस्तो इसके बुरे 2 बजते ही मैंने उसे उठाया और कहा चलो मुझे घर जाना है तेरे लिए मैंने कैब बुक कर दी है उसमें चली जाओ तो वो मुझसे लिपट कर रोने लगी और मुझसे माफ़ी मांगने लगी मुझे इस्तेमाल करने के लिए ढाका देने लगा इसी बीच हम दोनों बेड पे गिर गए मैं नीचे और वो मेरे ऊपर मुझे पगलो की तरह किस करने लगी मेरी शर्ट के बटन, उसने एक बार में खींच कर छोड़ दिया और मुझे मेरे शरीर पर हर जगह किस करने लगी तो मेरी भी अन्तर्वासना जग गई आगे जो हुआ वो आप हिंदी सेक्स कहानी पर पैड रह रहे हैं मैंने भावना को पकड़ कर अपनी जगह गिरा दी और उसकी कमीज उतार दी और उसको जीन्स के बटन खोलने लगा पैंट पे वो जींस या सलवार उतारने में ड्रामा कृति है लेकिन आज बिना कुछ बोले उतरने लगी अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके स्तन पीने लगा और वो पगलो की तरह मेरे बालों पर उंगली चलाने लगी और मुझे गालो पे किस करने लगी मैंने धीरे-धीरे आला की आते हुए उसकी नाभि पे किस क्रना चालू किआ और उसकी पैंटी भी उतार दी अब मैंने अपने लंड पर उसे भीख मांगी मैंने कोल्ड क्रीम को लगाया और लंड का टोपा उसकी चूत पे लगाया और उसकी तरफ जाने लगा और मेरा टोपा जेसे ही अंदर गया उसने अपने नाखुन मेरी पीठ में गाड़ दिए और मुझे बेरामो की तरह नोचने लगी और मुझे चूमने लगी और कहने लगी आई लव यू सॉरी प्लीज मुझे चोर कर मत जाना प्लीज मैंने मौका देखते हुए एक और करारा सा झटका मारा और पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और भावना इतनी जोर से चिल्लाई की बगल के कमरे वाला बंदा मेरे गेट पे आ गया मैंने किसी तरह उसे भेजा और वापस ले लिया, आके फिर से भावना को चोदने लगा भावना के स्तनों पर काले तक मैं जानभुकार पीने लगा ताकि वाहा लव बाइट बन जाए और उसकी गर्दन पे 3 लव बाइट डोनो जगह बना दिए मुख्य उपयोग तबरतोड़ चोद रहा था और उसकी मुहं से आअहह उफ्फ्फ मम्मी अइइइइइइइ की आवाज, मेरा जोश और बड़ा रही थी अब मैंने झटके तेज किये एई ई आ ऊही माँ शशशशश मैंने उसके निप्पलों को दबाते हुए चूस चूस कर उसे थोड़ा नार्मल कियाउर वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी और 20 मिनट की चुदाई के बाद में भी उसकी चूत में झड़ गया और उसके ऊपर ही गिर गया दोस्तों फिर मैंने और भावना ने खाना खाया और जब टीके 3 बजे थे तो मैंने उसकी तरफ देखते हुए कहा एक राउंड और प्लीज तो उसने थोड़ा सा ड्रामा किया मैं और फिर वो हुए मन गई में फिर से उसके ऊपर आ गया और उसकी गर्दन पे किस करने लगा क्यूकी उसकी गरदन और उसकी नाभि के नीचे वाला हिस्सा बहुत संवेदनशील है जिसका बुरा वो बहुत गरम हो जाती है मैंने उसके होठों पर किस करते हुए प्यार काट लिया (लव बाइट्स देना और लिप्स पर काटना सब योजना का हिस्सा ) और उसके मुंह आह की आवाज आई मैंने उसकी चूत पर वापस लंड तो टिकाया और हल्का सा दबाया और मेरा टोपा हल्का सा अंदर जाते ही उसकी कामुक आवाज और सिस्कारियां फिर से चालू हो गई मैंने 2-4 झटके के बाद एक झटके से पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया तो भावना के मुँह से आहह सोनू, प्लीज स्लो स्लो … उहह उम्मह ओहह सोनू … दर्द हो रहा है. एक दो झटकों में ही लंड ने रफ्तार पकड़ ली और मैं पूरे जोश के साथ धक्का लगा कर भावना की चुत चुदाई करने लगा. भावना जोरों से सीत्कार कर रही थी और कमरे में फच फच फच की आवाज़ सुनाई दे रही थी. भावना- आहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओहह सोनू सो हार्ड … आहह ओह यस यह. मैं- ओह भावना आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो … आज तो मैं तेरी चूत की धज्जियां उड़ा डालूंगा. भावना- आंह … चोद कमीने … उहह ओहह चोद यस फक फक मी. कुछ देर बाद मैंने कुछ देर बाद मैंने भावना की चुत से लंड निकाल कर उसे घोड़ी बना दिया और भावना गांड हिलाते हुए लंड का इन्तजार करने लगी. इस समय उसने कुछ बोला नहीं था कि गांड में लंड मत डालना. मैंने भी बिना देर किए उसकी चिकनी गांड पर चपत मारकर कमर को पकड़कर लंड घुसा दिया. गांड में लंड घुसते ही भावना जोरों से आवाज़ निकालने लगी- ओहह उहह sonu … धीमे चोद … मैं तेरी रांड नहीं हूँ और ना ही तेरी बीवी हूँ. कमीने धीमे चोद न … मैं कहीं भागे नहीं जा रही हूँ. मैंने भावना की गांड पर चपत लगाकर लंड अन्दर ठेला और कहा- चुप रह साली … वरना तेरी गांड फाड़ दूंगा … आज तो तुम पूरी तरह से रांड लग रही हो. 5मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे अपने ऊपर आकर चोदने को बोला उसने आसन बनाया और टप से मेरे लंड को पकड़ के चूत पे रख कर बैठ गई. लंड लीलते ही वो तेज़ तेज़ गांड हिलाने लगी. मैं उसके मम्मों के साथ खेलने का मज़ा ले रहा था. दोस्तों मेरा अपना अनुभव है, जो मज़ा एक नई लड़की नहीं देती, वहीं चुदी चुदाई चूत देती है. उसके जैसा सुख कोई चुत नहीं दे सकती. तभी मैंने अपना लंड भावना के हाथ में पकड़ा दिया और बोला- भावना, इसको शांत कर दो तो मैं जाऊं! और भावना ना चाहते हुए भी बोलने लगी- कर लो जो करना है और बक्श दो मुझे! मैंने भावना को घोड़ी बनाया और पूरा लंड भाभी की चुत में घुसा दिया. भावना की चीख निकल गयी और भावना चिल्लाने लगी- धीरे धीरे … रुक जाओ. आह प्लीज … आह अहो हई … दर्द हो रहा है. धीरे आह आह! और मैंने धके तेज़ कर दिए 10 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ गया और भावना भी पानी पानी हो गयी। भावना के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी. वह बोली- आज जीवन में पहली बार चुदाई में इतना मजा आया है. लव यू. तो मैंने भी कहा, तो मैंने भी कहा, लव यू टू.. दोस्तो इसके बाद में हम युही पड़े रहे 5 बजे मैंने उसे कहा कि अब निकलते हैं प्लीज तू यहीं से निकल जा मुझे देर हो रही है इसके बाद मैंने घर जाते ही भावना को हर जगह से ब्लॉक किआ और सीधा उसके यार अभी को कॉल किया कि अपनी मैडम से पूछ ले कोन सी ड्यूटी करके आ रही है या 7 बजे इसकी छुट्टी के टाइम पीरागढ़ी चला जाइयो और गर्दन पर ड्यूटी का निसान देख लिओ। अगले दिन भावना के 10 कॉल आये लेकिन मैंने ब्लॉक कर दिया था तो सिर्फ नोटिफिकेशन आया था एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया अब खुश हो गया ना धन्यवाद। दोस्तो ये थी मेरी कहानी "जेसे को तेसा" आपको कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं Rahuluid391@gmail.com

Sex Stories

नमस्ते दोस्तो! मेरा नाम Sex Stories नयन है, अब मेरी उम्र 31 साल है पर बात तब की है जब मैं अट्ठारह साल का था. मैं बारहवी में पढ़ रहा था.

मेरे बाजू वाले घर में वीणा रहती थी. हमारा उनके यहाँ आना जाना तो था, थोड़ी मस्ती भी करता था पर गलत इरादे न उसके थे न मेरे थे.

मुझे मेरे मामा के घर जाना था. गाँव का नाम बताना यहाँ ठीक नहीं होगा लेकिन रात भर का सफ़र था, वीणा को भी गाँव जाना था, उनके बच्चे छुट्टियों में गाँव गए थे उनको वापस मुंबई लाना था. उनका गाँव मेर मामा से गांव से नजदीक था तो वो भी मेरे साथ आने को निकल पड़ी. अब उनको भी अकेले जाने से अच्छा था कि मेरे साथ जाये!

बस में भरी भीड़ थी छुट्टियाँ जो थी. हमें मुश्किल से पीछे वाली दो सीट मिली, सामान रखने की भी जगह नहीं थी. तो वीणा ने अपनी सूटकेस अपने पाँव के नीचे रख लिया. मैं खिड़की के साथ में बैठा था. बस निकल पड़ी अपने मुकाम की तरफ.

रात के 10 बजे होंगे जब हम निकले. टिकट कटवाने के बाद बस की लाइट बंद हो गई और कब नींद आई पता ही नहीं चला.

नींद में ही मेरे हाथ साथ में बैठी वीणा को लगा और मेरी नींद खुल गई. वीणा की साड़ी कमर तक ऊपर आ गई थी. मैंने ध्यान से देखा तो पता चला कि सूटकेस रखने की जगह नहीं होने के कारण उन्होंने जो सूटकेस अपने पैरों के नीचे रखा था उस वजह से उनके पैर ऊपर हो गए थे और साड़ी फिसल के कमर तक आ गई थी. अब मेरी हालत देखने लायक थी. क्या करूँ समझ में नहीं आ रहा था.

तो मैंने भी नींद में होने का नाटक किया और धीरे धीरे मैं उनको हाथ लगाने की कोशिश करने लगा. डर तो बहुत लग रहा था कि कहीं उनकी नींद न खुल जाए. लेकिन जो आग मेरे अन्दर भड़कने लगी थी वो मुझे शांत कहाँ बैठने दे रही थी, तो मैंने भी नींद का नाटक कर के अपना हाथ चलाना चालू रखा. अब मेरा हाथ धीरे धीरे उनकी पेंटी को छूने लगा था. मेरी नजर हमेशा यही देख रही थी कि कहीं वो नींद से न जग जाय.

बस में काफी अँधेरा था और मैं एक नई रोशनी ढूंढ रहा था. मेरा हाथ अब उनकी जांघों पे फिसल रहा था. इतने में उन्होंने अपना सर मेरे कंधे पे रख दिया. मेरी तो डर के मारे जान ही निकल गई. मुझे लगा कि वो जग गई लेकिन वो तो गहरी नींद में थी. अब मैं थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा.

लेकिन इस चक्कर में हम दोनों में जो दूरी थी वो और कम हो गई और इसको मैंने ऊपर वाले की मेहरबानी समझा. अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी और मेरा हाथ अब थोड़ी और सफाई से चलने लगा था लेकिन फिर भी सम्भाल के जांघों पे हाथ फेरने के बाद अब मैंने धीरे से उनकी पेंटी में हाथ घुसाया. बाल तो एकदम साफ किये हुए थे. अब मैं उनकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा लेकिन एकदम संभल के.

थोड़ी ही देर में उनके बदन से अजीब सी खुशबू आने लगी थी और मेरी उंगली गीली हो गई थी, उनकी चूत अब पानी छोड़ने लगी थी. अब मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि वो सच में सोई है या उनकी नींद खुल गई है. लेकिन एक बात तो ध्यान में आ गई थी कि कोई भी औरत इतना सब करने के बाद भी सो नहीं सकती. अब मेरी हिम्मत तो बढ़ गई थी लेकिन मन में डर अब भी था. कही ओ सच में सोई हुई तो नहीं. लेकिन अब रुकना मेरे बस में नहीं था सो मिने भी सोचा जब उठ जायेगी तब देख लेंगे. वासना पे किसी का जोर नहीं चलता.

मैंने हिम्मत की और एक हाथ से उनकी चुत में उंगली करना चालू रखा और दूसरा हाथ उनकी चूची की तरफ बढ़ाया और धीरे से उन्हें मसलना चालू किया. मेरी जिंदगी का यह पहला अनुभव था और इतनी आसानी से मौका मिलेगा ये मैंने सोचा भी नहीं था. उनकी हलचल तो बढ़ गई थी लेकिन वो आँखें खोलने को तैयार नहीं थी. शायद अब उनका पानी निकलने को था. तो मैंने भी मेरी उंगली की रफ्तार बढाई और उन्होंने मेरी उंगली को अपनी चुत की फांकों से दबा कर रखा. शायद वो शांत हो गई थी. लेकिन मेरा तो लंड एकदम तना हुआ था. क्या करू समझ में नहीं आ रहा था. मैंने उनका हाथ उठाया और मेरी चैन खोल के लंड को बाहर निकला और उनके हाथ में दे दिया. लेकिन वो कुछ भी करने को तैयार नहीं थी.
तो मैंने फिर से उनकी चूची को दबाना चालू किया, चुत में उंगली भी डालना चालू रखा पर कुछ फायदा नहीं हुआ.

पूरी रात निकल गई जाने कितने बार ओ झड़ गई थी पर मेरे लंड से पानी नहीं निकला था. अब मेरे लंड में दर्द शुरू हो गया था. तो मैंने अपने हाथ से ही धीरे धीरे लंड हिलाना चालू किया 3-4 बार ही हिलाया था के मेरा भी पानी निकल गया. फिर नींद कब लग गई पता ही नहीं चला.

सुबह 8 बजे गाड़ी हमारे गांव में पहुँच गई. वीणा ने मुझे उठाया और हम बस से उतर गए.
यहाँ से हमारे रस्ते अलग होने थे. मुझे बड़ा दुःख हो रहा था कि जिंदगी का पहला सेक्स अनुभव और वो भी अधूरा ही रह गया. मैं देख रहा था कि उनके चहरे पे कोई भाव नहीं था. मैंने रात को उन के साथ कुछ किया हो ऐसा कुछ भी नहीं जता रही थी. जैसे कुछ हुआ ही नहीं… मैं उदास था कि अब मुझे अपने मामा के यहाँ जाना था और वो अपने बच्चो को ले कर वापस मुंबई जायेगी.

लेकिन एक बात तय थी कि वो सोई नहीं थी, सोने का नाटक कर रही थी. और मुझे इस बात की ख़ुशी थी कि आज भले ही मैं कुछ नहीं कर सका लेकिन मैं जब वापस मुंबई जाऊँगा तो शायद मेरा काम बन जाये… और मैं जिंदगी का पहला सेक्स वीणा के साथ ही करूँगा.

आगे की कहानी किसी दूसरे दिन बताऊँगा. अगर आप को मेरी आगे की कहानी जाननी है तो मुझे लिखे कि आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी. Sex Stories

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हाय मेरा नाम विक्की है, मैं 26 साल Hindi Porn Stories का हूँ और मैं दिल्ली में रहता हूँ।
मैंने इस साईट की सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं भी अपना एक अनुभव आपसे बताना चाहता हूँ।

यह बात आज से लगभग दो-ढाई साल पहले की है, हमारे घर में एक किरायेदार रहने आए। उनमें तीन लोग ही थे पति पत्नी और उनका छोटा भाई। मैं उनको भाई भाभी बोलता था। दोनों भाई ऑटो चलाते थे, दिन में बड़ा भाई और रात को छोटा भाई ऑटो चलाते थे।

एक रविवार, मेरी ऑफिस की छुट्टी थी तो मैं अपने दोस्तों से मिलने निकल गया। शाम को जब में घर आया तो देखा कि एक लड़की मेरे घर के आँगन में मेरी मम्मी और बहन के साथ बैठ कर बात कर रही है।
मैंने सोचा कि बहन की कोई फ्रेंड होगी तो मैं सीधा बाथरूम में जाकर अपने हाथ मुँह धोकर आया। मैंने महसूस किया कि वो लड़की मुझे घूर घूर कर देख रही थी। मैं मम्मी की वजह से उसको नहीं देख रहा था। फ़िर वो उठ कर चली गई तो मैंने मम्मी से पूछा कि यह लड़की कौन है?

मम्मी ने बताया कि यह उन भइया की बहन संजू है।

यारों क्या मस्त माल थी वो ! लम्बाई 5.4′ भरा भरा बदन सांवला रंग एक दम ब्लैक ब्यूटी थी वो ! 2-3 दिन ऐसे ही निकल गए मैं कही भी जाता थो वोह मुझे घूर घूर कर देखती। उसकी आँखों में मुझे वासना दिखाई दी।

ऐसे ही एक हफ्ता निकल गया और फ़िर से रविवार आ गया। उस दिन मेरी बहन कुछ चादर पर कुछ फूल पत्ती बना रही थी। मम्मी भी उसका साथ दे रही थी और वो लड़की संजू, वो चारपाई पर बैठी थी और मेरी बहन नीचे जमीन पर, मम्मी भी उसके साथ चारपाई पर ही बैठी थी।

मैं बाहर से घूम कर आया तो देखा कि सब बैठे हैं, मैं भी बैठ गया कुर्सी पर और मैंने अपने पांव चारपाई पर फैला दिए। तो चादर मेरे पांव के नीचे दब गई। मेरी बहन गुस्सा हो कर बोली कि चादर पांव के ऊपर कर ले नहीं तो गन्दी हो जायेगी।

मैंने ऐसा ही किया तो मेरा पाँव अचानक संजू के हाथ पर लगा। मैंने अपना पांव हटा लिया तो वो मेरी तरफ़ देखने लगी जैसे कह रही हो कि क्योँ हटा लिया। मैं मुस्करा दिया और दूसरी तरफ़ देखने लगा कि कहीं किसी का ध्यान मेरी तरफ़ तो नहीं, पर किसी ने नहीं देखा।

मुझे मजा आने लगा, मै धीरे से उसके कमर की साइड में अपनी पांव से सहलाने लगा। चादर पांव के ऊपर होने से किसी को कुछ पता नहीं चला और उसने भी कुछ नहीं कहा। मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं पांव की उँगलियों से उसकी बाजू पर और पेट पर चिकोटी काटने लगा उसने कुछ नहीं कहा।

तभी मेरे पापा आ गए और सब लोग उठ गए। फ़िर तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं जब उसको अकेले देखता तो कभी उसकी चूची दबा देता कभी उसकी गांड में ऊँगली करता और वोह कुछ नहीं कहती।

एक दिन मैं घर पर ही था और वो भी अकेली थी। मेरी मम्मी मार्केट गई थी। मुझे मौका मिल गया। मैं उसके कमरे में गया और उसको पकड़ लिया और जल्दी से उसके कपड़े उतार दिए और अपने भी। वो कुछ नहीं बोली। फ़िर मैंने उसको किस करना चालू कर दिया। वो भी साथ देने लगी, मुझे मजा आने लगा। मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था, मैं तो पागल ही हो गया।

उसकी कठोर चूचियों को देख कर मैंने उनको खूब चूसा और दबाया।

वो बोली- जल्दी करो अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता।

मैं उसकी चूत में ऊँगली डालकर चोदने लगा। उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, उसको बहुत मजा आ रहा था। उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी और मजा ले रही थी अपनी कमर को उठा उठा कर। तभी जोर से चिल्लाई और झड़ गई। मैंने उसका सारा रस चाट कर साफ़ किया और फ़िर अपना 6′ लंबा और 3.5′ मोटा लंड उसकी चूत में डालने लगा तो वो चिल्लाने लगी। मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और उसके होटों को चूसने लगा। फ़िर उसको मजा आने लगा और वो अपनी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी।

मैं समझ गया कि अब उसको मजा आने लगा है। मैंने अपनी धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और उसको तेज तेज चोदने लगा। 10 मिनट बाद वो मुझसे लिपट गई और मुझे नोचने लगी। मैं समझ गया कि इसका पानी निकलने वाला है। मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी और 5 मिनट बाद ही हम दोनों ने अपना रस छोड़ दिया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया, उसकी आंखे बंद थी, उसके चहरे से पता लग रहा था कि वो पूरी तरह संतुष्ट हो चुकी है।

तभी डोरबेल बज उठी। मैं जल्दी से उठा और अपना लोअर पहन कर दरवाजा खोला, तो मम्मी थी। उस दिन तो बच गए। उसके बाद वो अपने गाँव वापस चली गई। फ़िर उसके बाद उसके भाई ने भी घर खाली कर दिया और मेरा उसके साथ कोई लिंक नहीं रहा।

तो दोस्तो, यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव. मैं आजकल अकेला हूँ, Hindi Porn Stories

हेलो दोस्तो !Antarvasna

उम्मीद है आप सभी को Antarvasna मेरी पहली कहानी ‘अतृप्त पड़ोसन की तृप्ति’ पसन्द आई होगी।

सबसे पहले तो मैं गुरूजी का शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने ना सिर्फ़ मेरी कहानी को आपके सामने पेश किया, बल्कि उसे एक अच्छा नाम भी दिया।

मुझे इस कहानी के लिए बहुत से पत्र आए जिनसे मेरा काफ़ी उत्साहवर्धन हुआ। मैं आप सभी का तहेदिल से शुक्रगुज़ार हूँ।

जैसा कि मैंने वादा किया था, मैं आपके सामने इस कहानी का अगला भाग पेश कर रहा हूँ।

उस दिन के बाद जब भी हमें मौका मिलता, हम उसका पूरा पूरा फ़ायदा उठाते। मैंने उसे उसके घर में हर जगह और हर ढंग से चोदा, बेडरूम, रसोई, बाथरूम, सीढ़ियाँ जहाँ मौका मिला हमने अपनी वासना शांत की।

कई दिनों तक उसकी चूत चोदने के बाद मुझे उसकी उभरी गाण्ड में लण्ड डालने की जबरदस्त इच्छा होने लगी। पर जब भी मैं उसकी गाण्ड में लण्ड डालने की बात करता, वो मुझे मना कर देती कि इसमें बहुत दर्द होगा। पर मैं भी कहाँ मानने वाला था।

एक दिन जब उसके घर पे कोई नहीं था तो मैं वहाँ गया। वो रसोई में काम कर रही थी। मैंने उसे पीछे से बाहों में भर लिया और उसकी गर्दन पर प्यार करने लगा। साथ ही उसकी मैक्सी पीछे से उठा दी और गाण्ड पे हाथ फ़ेरने लगा।

वो उस वक्त रिफ़ाईण्ड तेल को पैकेट से डिब्बे में डाल रही थी। मेरे पकड़ने से उससे थोड़ा सा तेल स्लैब पर गिर गया। उसने पैकेट को डिब्बे पे रखा और घूम कर मेरे बालों में हाथ फिराने लगी। मेरे हाथ अभी भी उसकी कोमल गांड पर फिसल रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया। कभी मेरी जीभ उसकी होठों से होती हुई उसके मुंह में घूम कर आती कभी उसकी जीभ मेरे मुंह का स्वाद लेती।

उसकी गांड से खेलने में एक अलग ही मज़ा आ रहा था। अचानक मेरी नज़र स्लैब पर गिरे तेल पर पड़ी। मैंने उससे अपनी हथेलियों पर लगा लिया और गांड पर मलने लगा। वो बोली यह क्या कर रहे हो?

तो मैंने जवाब दिया कि मालिश कर रहा हूँ।

वो हंसने लगी और हम फिर अपने चूमा चाटी के खेल में मशगूल हो गए। मैं तेल अच्छी तरह से उसकी गांड और गांड के छेद पर मलने लगा। उसे भी मज़ा आने लगा। वो समझ गई कि आज मैं मानने वाला नहीं हूँ पर उसने कुछ कहा नहीं। फिर मैंने उसे बाहों में भर लिया और उठाकर सोफे पे लिटा दिया। फिर मैंने उसकी मैक्सी को उसके बदन से अलग कर दिया। फिर उसे घुमाकर पीठ को चूमते और चाटते हुए मैंने उसकी ब्रा को दांतों से खोल दिया।

अब मैं उसके रसीले मोम्मों को मसलने लगा और उसके गर्दन का किस भी करने लगा। फिर उससे रहा नहीं गया और उसने मेरी शर्ट और पैंट को उतार दिया। अब मेरा हथियार उसके हाथों में था और वो उससे खेलने लगी। फिर वो नीचे बैठ गई और मेरा अंडरवियर उतारकर मेरे लंड को चूसने लगी। जैसा कि मैं अपनी पहली कहानी में जिक्र कर चुका हूँ कि उसके चूसने का तरीका बहुत अच्छा था और मुझे बड़ा आनन्द मिलता था।

फिर मैंने उसे उठाकर उसकी पैंटी भी अलग कर दी और उससे सोफे पे लिटाकर उसके चूत में अपना लंड दे दिया। पहले झटके से उसके सिसकारी निकल गई। मैं कुछ देर रुका और धीरे धीरे धक्के मारने लगा। अब हमारा खेल पूरी रफ्तार से आगे बढ़ने लगा। मैं उसे चोदते चोदते कभी उसकी चूचियां मसल देता था और कभी उसे किस करने लग जाता था। मेरे हर एक्शन को उसका पूरा साथ मिल रहा था।

मैंने उसे कुतिया की तरह किया। जैसा कि मैं आप सभी को बता चुका हूँ कि कुतिया की तरह बना कर भी मैं उसकी पीछे से चूत ही मारता था। उसकी चूत मारते मारते गांड पे हाथ फेरने लगा। जैसे ही उसने अपनी गांड को ढीला छोड़ा और चुदाई का मज़ा लेने लगी, मैंने एक ऊँगली उसकी गांड में डाल दी।

मेरी उंगली वैसे ही चिकनी हो रखी थी और उसकी गांड भी, सो उंगली आसानी से उसकी गांड में चली गई। वो कराह उठी और उसने अपना सर पीछे फ़ेंक दिया। पर चूंकि चुदाई बहुत तेज़ हो रही थी और एक ऊँगली जाने से ज्यादा दर्द भी नहीं हो रहा था सो उसने कुछ बोला नहीं।

अब मैं चूत मारने के साथ साथ धीरे धीरे गांड में ऊँगली भी कर रहा था तो उसे बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे पूरी उम्मीद थी की आज तो मैं इसकी मोटी गांड की भी चुदाई कर सकूँगा।

उसने पूछा- आज इरादे नेक नहीं लगते जनाब के !

तो मैंने कहा कि जब इरादों का पता चल ही गया है तो मज़ा उठाओ। इतनी मस्त गांड होने के बावाजूद अगर मरवाई नहीं तो ग़ाण्ड जलन के मारे हड़ताल कर देगी !

तो वो हँसने लगी और बोली कि मैं अपना बदन तुम्हारे नाम कर चुकी हूँ पर जो भी करना आराम से करना ! मुझे बहुत दर्द होगा!

तो मैंने कहा कि चिंता न करो जानेमन, दर्द तुम्हें होता है तो आँख मेरी भर आती है। यह सुनकर वोह मेरी और भी दीवानी हो गई। और उधर मैंने अपना काम जारी रखा। फिर धीरे से मैंने अपनी दूसरी ऊँगली भी उसकी गांड में डाल दी। उसे थोड़ा दर्द और हुआ पर वो सह गई। तभी मैंने अपनी चुदाई तेज़ कर दी और दूसरे हाथ से उसकी चूत दबाने लगा और वो झड़ गई।

मैंने उसे घोड़ी बनाए रखा, और अपने लंड को गांड के छेद पे रखकर एक तेज़ धक्का मारा। मेरा लंड डर्बी रेस के घोड़े की तरह उसकी गांड में समां गया। और वो दर्द से तड़प उठी। मैं रुक गया और उसकी चूचियां मसलनी शुरू कर दी और धीरे धीरे उसे मज़ा आने लगा। फिर मैं धीरे धीरे अपना लंड उसकी गांड में अन्दर बाहर करने लगा और वो मजे से सिसकारियां लेने लगी।

उसकी मादक सिस्कारियों से मेरा लंड मचलने लगा और मैंने अपने धक्के तेज़ कर दिए। अब वो भी मेरे धक्कों के साथ अपनी गांड आगे पीछे करने लगी। पूरे कमरे में हमारी सिसकारियां और बदन के आपस में टकराने की मदमस्त आवाज़ गूंजने लगी। इस सबसे वो समां बहुत ही उत्तेज़क हो चला था। हम दोनों को पहली बार गांड मारने और मरवाने का आनंद आ रहा था। थोडी देर में मैं उसकी मस्त गांड में झड़ गया और वोह मेरे गरम गरम लावे को अपनी गांड के अंदर महसूस करने लगी।

मैंने पूछा कैसा लग रहा है तो वो बोली कि इसमें बहुत मज़ा आया। ऐसा मज़ा मुझे अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं मिला।

फिर वो मुझसे चूत के साथ साथ गांड भी मरवाने लगी।

इसके बाद हमारा खेल करीब तीन साल तक चला और हम दोनों ने एक दूसरे को भरपूर मज़ा दिया।

दोस्तो, जैसा कि मैंने आपसे वादा किया था यह मेरी कहानी का दूसरा भाग था। अपनी मेल मुझे भेजते रहिएगा। और मैं अपनी कहानी आपके सामने पेश करता रहूँगा। Antarvasna

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मैं बचपन से अच्छे माहौल में नहीं Indian Sex Stories रहा हूँ। मैं चोरी बहुत कुशलता से कर लेता हूँ। पर इसके लिये भाग्य का भी आपके साथ होना जरूरी है। शारीरिक सुडौलता एक आवश्यक गुण है। इसके लिये मैं हमेशा कठिन योग भी करता हूँ और जिम भी जाता हूँ। मेरा शरीर एक दम चुस्त और वी शेप का है। मैं सुबह सुबह मैदान के चार से पांच चक्कर लगाता हूँ। मेरी चोरी करने के कपड़े भी एकदम बदन से चिपके हुए होते हैं। तो आईये चलते हैं चोरी करने…

मेरे सामने एक मकान है। उसमें एक छोटा सा परिवार रहता है। सिर्फ़ मियां-बीवी और उनकी एक १८-१९ साल की लड़की वहां रहती है। पैसा अच्छा है… जो सामने वाले कमरे कि अल्मारी में रखा है। उसकी अलमारी की चाबी मालकिन के पास उसके तकिये के नीचे होती है। रात की शिफ़्ट में मालिक काम करता है। मालिक ड्यूटी पर जा चुका है। मैं मकान के पास, कभी पान की दुकान पर या पास की चाय की दुकान पर मंडरा रहा हूँ।

कमरे की लाईट अभी जल रही है… मैने समय देखा रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे। और अब लाईट बन्द हुई है। मैंने टहलते हुये उस घर का एक चक्कर लगाया… सभी कुछ शान्त था। १२ बज चुके हैं।… मैं घर के पिछ्वाड़े में गया और एक ही छलांग में चाहरदीवारी पार कर गया। बिना कोई आवाज किये बाल्कनी के नीचे आ गया। उछल कर बालकनी में आ गया। थोड़ी देर इन्तजार करके खिड़की को धीरे से धक्का दिया… मेरी आशा के अनुरूप खिड़की खुली मिली… मैने धीरे से कदम अन्दर बढ़ाया। कमरे मे पूरी शान्ति थी। सामने बिस्तर था। मैं दबे पांव वहां पहुँचा। वहां पर, जैसा मैंने सोचा था, घर की मालकिन सो रही थी। मै चाबी निकालने के लिये ज्यों ही झुका…

“मैने दरवाजा खुला रखा था… खिड़की से क्यों आये…” फ़ुसफ़ुसाते हुये मालकिन ने कहा।

मै घबरा गया। पर मेरा दिमाग कंट्रोल में था। …

“बाहर से कोई देख लेता तो…” मैंने हकलाते हुए कहा…

“लेट क्यो आये … इतनी देर कर दी…”

“लाईट जली थी…मैं समझा कि कोई है……” उसने मुझे अपने बिस्तर पर मुझे खींच लिया…

“तुम मनोज के दोस्त हो ना… क्या नाम है तुम्हारा…”

“जी… सोनू… है…”

“अरे… मनोज तो रवि को भेजने वाला था… तुम कौन हो…”

” जी… मैं रवि ही हूँ…सोनू तो मुझे प्यार से कहते हैं…”

“अरे सोनू हो या मोनू … तुम तो बस शुरू हो जाओ… ” उसने मुझे अपनी बांहों मे कस लिया।

मुझे अहसास हुआ वो बिलकुल नन्गी थी। मैं चोरी के बारे में भूल गया। मेरे शरीर मे गर्मी आने लगी। वो किसी का इन्तजार कर रही थी। शायद रवि का…

“दरवाजा खुला है क्या…?”

“अरे हां…” वो जल्दी से उठी और दरवाजा बन्द करके आ गई। मैने भी अपने कपड़े उतार लिये और नंगा हो गया।

“आपका नाम क्या है …” मैने उसका नाम पूछ ही लिया

“कामिनी… क्यों मनोज ने बताया नहीं क्या…”

मैने कुछ नहीं कहा … उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया… और बेशर्मी से अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिये। मेरे बदन में वासना भड़क उठी। उसका नंगा बदन मुझे रोमान्चित कर रहा था। मेरा लण्ड जाग चुका था। और अपने काम की चीज़ ढूंढ रहा था। फ़ड़फ़ड़ाती चिड़िया को कामिनी ने तुरन्त अपने कब्जे में ले लिया। मेरे लण्ड पर उसके हाथ कस चुके थे और अब उसे मसल रहे थे। मेरे मुख से आह निकल गई… मैंने उसे चूमना जारी रखा… तभी

“बहन के लौड़े… मेरी चूंचियां तो दबा … ” उखड़ती हुई सांस और एक गाली दी… मैं और उत्तेजित हो गया। उसके बोबे बड़े थे… दबा दिये और उन्हें मसलने लगा।

“मेरी जान… जल्दी क्या है … देख तेरी चूत को कैसा चोद कर भोंसड़ा बना दूंगा”

कामिनी मेरे लण्ड की खाल को ऊपर नीचे मुठ मारने जैसी चलाने लगी। मैने जोश में आकर उसके चूतड़ों को दबा डाला।

“हाय रे… मेरी गाण्ड मसल दी … बहन चोद… मेरी गाण्ड मारनी है क्या…” वो वासना में डूब चुकी थी।

“इच्छा है तो कहो… आपका गुलाम हूँ… ” मैने उसकी चमचागिरी की।

“तो चल चोद दे पहले मेरी गाण्ड… फिर मेरा भोंसड़ा चोद देना…” उसकी भाषा … हाय रे… मुझे उत्तेजित कर रही थी। शायद वो बहुतों से चुदा चुकी थी … और उसकी गाली देने की आदत पड़ गई थी। मैंने उसके मस्त चूतड़ दबाने और मसलने चालू कर दिये। उसके मुख से सिसकियाँ निकलने लगी।

वो सीधी लेटी थी। मैंने उसकी चूतड़ों के नीचे तकिया लगाया और गाण्ड ऊंची कर दी। मैने उसकी गाण्ड पर अपना लण्ड टिका दिया और जोर लगाने लगा। मेरे दोनो हाथ फ़्री थे। मेरा लण्ड उसकी गाण्ड मे उतर गया… मैने उसके बोबे दबाये और और उसकी गाण्ड को चोदना चालू कर दिया। वो मस्त होने लगी। कुछ देर बोबे मसलने के बाद बोबे छोड़ कर उसकी चूत में अपनी अंगुली घुसा दी।

वो चिंहुक उठी। बोली -“हरामी ये तरीका किसने बताया रे…… मस्त स्टाईल है… अब तो चूत में भी मजा आ रहा है…।”

” कामिनी जी … आपकी चूत मस्त है…अगर इसकी मां चुद जाये तो आपको मजा आ जायेगा ना…”

“हाय मेरे सोनू…… तूने ये क्या कह दिया … मां चोद दे मेरी भोसड़ी की…हाय…सच में बहुत प्यासी है रे…”

मेरा लण्ड अब थोड़ा तेजी पर था। मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी, उसकी गाण्ड थोड़ी सी टाईट भी थी। मेरे धक्के उसकी गाण्ड में और उसकी चूत में मेरी अंगुलियां तेजी से चल रही थी। वो लगभग चीखती हुई सिसकारियां भर रही थी। उसे डबल मजा जो मिल रहा था। अब मेरा भी लण्ड फूल कर बहुत ही मस्त हो रहा था। मुझे लग रहा था कि ऐसे ही अगर गाण्ड चोदता रहा तो मैं झड़ जाऊंगा। मैने अपना लण्ड अब गाण्ड में से निकाला और उसकी चूत में फ़ंसा दिया। मेरा सुपाड़ा उसकी चूत में फ़क से फ़िट हो गया ।

“हाय्…री… गया अन्दर… चुद गई…रे……” वो मस्त होती हुई सिसकने लगी।

मुझे भी तेज आनन्द की अनुभूति हुई… उसे अपनी चूत में लण्ड उतराता हुआ मह्सूस हो रहा था। मेरे लण्ड की चमड़ी रगड़ खाती हुई तेज मजा दे रही थी। मैने अपने धक्के लगा कर चूत की गहराई तक अपना लण्ड गड़ा दिया। अब मै उसके ऊपर लेट गया और अपने हाथो से शरीर को ऊंचा उठा लिया। मुझे लण्ड और चूत को फ़्री करके तेजी से धक्के लगाना अच्छा लगता है। अब मेरी बारी थी तेजी दिखाने की। जैसे ही मैने अपना पिस्टन चलाना चालू किया वो भी बड़े जोश से उतनी ही तेजी से अपने चूतड़ों को उछाल उछाल कर साथ देने लगी।

“तू तो गजब का चोदता है रे… मुझे तू ही रोज़ चोद जाया कर…”

“मत बोलो कुछ भी…… मुझे बस चोदने दो… हाय रे…कितना मजा आ रहा है…”

“मादरचोद…रुक जा…झड़ना मत……वर्ना मेरी चूत को फिर कौन चोदेगा…”

“चुप रहो … छिनाल… अभी तो चुद ले… झड़े तेरी मां… कुतिया…”

मेरे धक्के बढ़ते गये। उसकी सिसकारियां भी बढ़ती गई…उसकी गालियां भी बढ़ती गई… अचानक ही गालियों की बौछार बढ़ गई………

“हरामी … चोद दे……मेरी भोसड़ी फ़ाड़ डाल…… मेरी बहन चोद दे… कुत्ते… मार लण्ड चूत पर… हाय रे मेरी मां…”

मैं समझ गया कि अब कामिनी चरमसीमा पर पहुंच रही है। मैंने भी अपने आप को अब फ़्री छोड़ दिया झड़ने के लिये।

“मर गई रे…… भोंसड़ी के… लगा… दे धक्के… निकाल दे मेरा पानी… मादरचोद रे…अरे…गई… निकला रे……हाऽऽऽऽय री मां…”

और वो झड़ने लगी। मैने भी लण्ड अब उसके भोंसड़े में जोर से गड़ा दिया। और जोर लगाता रहा…दबाव से मेरे लण्ड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी। मेरा लण्ड झटके मार मार कर वीर्य उसके चूत में छोड़ रहा था। कामिनी ने मुझे अपनी टांगों के बीच मुझे जकड़ लिया था। दोनो का रस एक साथ ही निकल रहा था। हम आपस में चिपके रहे। अब मैं बिस्तर से नीचे उतर गया था।

“बस कामिनी जी… आपने तो मेरा पूरा रस निकाल दिया…”

“……ये लो… कल दरवाजे से आना……” कामिनी ने मुझे ५०० का एक नोट दिया…”तुम बहुत अच्छा चोदते हो…अब मुझे किसी दूसरे की जरूरत नहीं है…”

मैने झिझकते हुए रुपये ले लिये और चुपचाप सर झुका कर दरवाजा खोला और बाहर निकल गया।Indian Sex Stories

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