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Massage Girl in Baran: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Baran who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Baran that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Baran massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Baran who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Baran massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Baran massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Baran who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Baran employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Baran helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Baran

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Baran at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna

हाय ! मै गुजरात से सुनील २१ साल Antarvasna का हूं। आज मै आपको अपनी गर्ल फ़्रेंड सीमा जो २० साल की है, की एक सच्ची घटना बता रहा हूं।

हमारी दोस्ती को हुए १.५ साल हो गया था पर मैने उसे अब तक छुआ तक नहीं था। एक दिन जब हम रोक गार्डन गये हुए थे तो मैं उसे सिर्फ़ किस ही किया और जब मैं उसके बूब्स पर हाथ लगाने लगा तो वो गुस्सा कर गई और कम से कम एक महीने मुझसे बात नहीं की, आखिर मैने भी उसे एक दिन मना ही लिया और उसको कहा के ये सब तो चलता रहता है तो वो बोली के मेरे को ये सब अच्छा नहीं लगता तो मैने कहा के अच्छा नहीं लगता तो नहीं करूंगा, उस दिन के बाद हम दोनो मिलते तो थे पर किस तक ही सीमित थे, पर अब मेरे से सब्र नहीं होता था और मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा।

फिर एक बार जब मैं गरमियों में उससे मिलने गया तो वो बोली कि आज तुम ओफ़िस से छुट्टी कर लो आज बैठ के बातें करेंगे, तो मैने ओफ़िस फोन कर के बोल दिया के आज मैं नहीं आउंगा, उसके बाद हम दोनो कुछ देर उसके कोलेज में ही बैठे रहे। फिर मैने उससे पूछा कि कहीं चलते हैं तो वो भी मान गयी पर उस टाइम १२.४० बज रहे थे उस टाइम न तो हमें फ़िल्म का टिकट मिलना था न ही हम किसी गार्डन में जा सकते थे क्योंकि दिल्ली में अधिकांश १२:३० तक सारे सिनेमा में शो स्टार्ट हो जाते हैं और गार्डन में इसलिये नहीं जा सकते हैं क्योंकि वहां पर गर्मी बहुत होती है।

फिर मैने कहा के मेरे रूम पर चलते हैं पर वो मना कर रही थी कह रही थी कि मुझे डर लगता है कि कही कुछ हो गया तो, पर मैने उसे तसल्ली दी और कहा कि अगर तुम्हे मुझ से प्यार है और अगर तुम मुझ पर भरोसा करती हो तो चल सकती। इस पर वो बोली कि तुम मेरी कसम खाओ के तुम ऐसा वैसा कुछ नहीं करोगे मैने उसकी कसम खा ली और वो तैयार हो गई। रास्ते में सोचता रहा के कसम तो खा ली पर उसको चोदुंगा कैसे।

फिर जब मैं और वो मेरे रूम पर पहुंचे तो मैने दरवाजा बंद करने लगा, तो वो बोल पड़ी के दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो मैने कहा कि अगर कोई देख लेगा तो क्या कहेगा कि कौन है और मैने दरवाजा बंद कर दिया। उसके बाद मैं बेड पर उसके साथ बैठ गया और बातें करने लगे, बातें करते करते मैने उसके कंधे पर हाथ रखा और उसके लिप्स पर किस करने लगा पर ये किस १५ मिनट तक चलता रहा और मैं उसकी छाती पर हाथ फिराना शुरु कर दिया उसने विरोध नहीं किया और धीरे धीरे मैं उसकी वेली से होता हुआ उसकी चूत को सलवार के ऊपर से हाथ सहलाने लगा। अब मेरे लिप्स उसके लिप्स से किस कर रहे थे और एक हाथ उसके बूब्स पर और एक हाथ उसकी चूत पर था। अब मैं धीरे धीरे उसकी गर्दन और उसके बाद उसके बूब्स को कमीज के ऊपर से चूसने करने लगा तो उसके मुंह से अजीब से आवाजें आने लगी तो मैं समझ गया कि अब वो गरम हो चुकी है उसके बाद मैने धीरे धीरे एक हाथ कमीज के अन्दर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को दबाने लगा।

बाद में मैने उसकी कमीज उतार दिया वो कुछ नहीं बोली क्योंकि वो पूरी तरह गरम हो चुकी थी। उसने सेक्सी लेस काली ब्रा पहन रखी थी और वो अपने बूब्स अपने दोनो हाथों से छुपाने लगी, मैं समय न गंवाते हुए उसे दोबारा किस करना शुरु कर दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से बूब्स को सहलाता रहा फिर उसकी पीठ पर हाथ ले जा के उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिये। अब वो मेरे सामने बिल्कुल टोपलेस थी। मैने उसे बेड पर लिटाया और उसके बूब्स चूसने लगा। २० मिनट तक उसके बूब्स चूसने के बाद मैने उसकी सलवार की तरफ़ हाथ बढ़ाया और उसका नाड़ा खोल दिया और उसके बूब्स को चूसना चालू रखा। उसके मुंह से अजीब अजीब से आवाजें आ रही थी, मैने सोचा कि कहीं पड़ोसी सुन लेंगे तो प्रोब्लम हो जायेगी इसलिये मैने उसके बूब्स चूसते हुए सीडी का बटन ओन कर दिया अब म्युज़िक जोर से बजने लगा और किसी को कुछ सुनाई देने का तो नाम ही नहीं था। अब मैने उसकी सलवार धीरे धीरे उतारनी शुरु कर दी। उसकी सलवार उतारने के बाद मैं उसकी चूत को उसकी काली पैंटी के ऊपर से चूमने लगा। तो वो और जोर से सिसकियां लेने लगी। धीरे धीरे मैने उसकी पैंटी को भी उतार दिया और उसकी चूत को चूमने लगा।

अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी और कुछ बोल भी नहीं रही थी। मैं लगभग १० मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा और जैसे ही उसकी चूत झड़ने वाली थी मैने चाटना छोड़ दिया तो वो बिना पानी की मछली की तरह तड़ओ उठी और खुद ही अपनी उंगली चूत में डालने लगी मैं उसके दोनो हाथ कस के पकड़ लिया तो वो मेरे आगे गिड़गिड़ाने लगी कि प्लीज़ मेरी चूत को चूसो तो मैने कहा सालि पहले तो बहुत अकड़ती थी आज क्यों नहीं अकड़ रही है, तो वो दोबारा गिड़गिड़ाने लगी। मैने उससे कहा कि मैने तुम्हारी चूत एक शर्त पर चूसुंगा पहले तुम्हे मेरा लंड चूसना होगा वो मान गयी.

मैने उसे मेरे कपड़े उतारने को कहा तो वो जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतार दिये और मेरे ७ इंच और ३.५ इंच मोटे लंड को देख कर बोली कि ये मेरे मुंह में कैसे आयेगा तो मैने कहा कि साली मैं बताता हूं और मैने अपना लंड उसके मुंह मैने थोड़ा सा डाल दिया उसके बाद धीरे धीरे वो खुद ही बढ़ाती गयी और मेरे पूरे लंड को मुंह में डाल के चूसने लगी। उसका एक हाथ मेरे बाल्स के साथ खेल रहा था। और मैं उसके बूब्स के साथ खेल रहा था। थोड़ी देर चूसने के बाद वो वोली कि अब तुम मेरी चूत चूसो तो मैने कहा कि चलो ६९ की पोजिशन में हो जाओ तो वो बोली के वो क्या होता है तो मैने उसे बताया कि ६९ क्या होता है और इस तरह हम दोनो ६९ की पोजिशन में आ गये और एक दूसरे को चूसने लगे। बीच बीच में उसकी चूत में उंगली भी डाल रहा था तो वो कह रही के दर्द होता है। और १० मिनट के बाद वो झड़ गयी और मैं उसका जूस पी गया। मुझे अच्छा लगा और मैं उसकी चूत को चूसता रहा, उसके बाद वो दोबारा गरम हो गई और जैसे ही मैने चूसना बंद किया तो वो दोबारा गिड़गिड़ाने लगी कि चूसो।

तो मैने कहा के अब मैं नहि चूसुंगा बल्कि तुम्हारी चूत में लंड डालुंगा तो वो कहने लगी कि इतना बड़ा मेरी चूत में कैसे जायेगा, मुझे तो तुम्हारी उंगली से भी दर्द होता है तो ये कैसे सहन करूंगी तो मैने उसे कहा कि तुम्हे डरने की जरूरत नहीं है थोड़ी देर दर्द होगा बाद में तुम भी एंजोय करोगी और मैने कहा कि ये औरतों की चूत का होल बहुत बड़ा होता है क्योंकि यहां से इतना बड़ा बच्चा निकल जाता है तो मेरा लंड तो आराम से आयेगा।

उसके बाद मैने तेल लेके थोड़ा से अपने लंड पर और बाकी उसकी चूत के लिप्स को हटा कर वहां पर लगा दिया। और अपना लंड उसकी चूत में अंदर डालने की बजाय लिप्स पर ही रगड़ने लगा तो वो थोड़ी देर में ही चिल्ला उठी प्लीज़ अंदर करो। उसके बाद मैने थोड़ा सा अन्दर किया तो वो दर्द से चिल्लाने लगी, तो मैने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और अपने लंड को वहीं पर रख कर थोड़ा सा हिलाने लगा जब वो एंजोय करने लगी तो मैने एक जोर से झटका दिया और मेरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो दर्द से तड़पने लगी।

पर मेरे सब्र का बांध टूट चुका था और मैने उसकि परवाह न करता हुए अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा। वो थोड़ी देर दर्द महसूस करती रही पर बाद में वो भी एंजोय करने लगी और उसके मुंह से आवाजें आने लगी “आअह्हह्हह ओर जोर से चोदो सुनील और जोर से और अन्दर करो” तो मैने कहा क्यों ये सब तो तेरे को अच्छा नही लगता था साली अब लंड का स्वाद आ रहा है न। तेरी तो आज मैं पूरी फाड़ दूंगा। और लगभग १५ मिनट की चुदाई के बाद मेरा छूटने वाला था (इस बीच वो दो बार छुट चुकी थी)।

मैने उसको कहा कि मैं झड़ने वाला है और उससे पूछा कि अन्दर छोड़ु कि बाहर, तो उसने बोला के बाहर ही छोड़ना मैं प्रिगनेंट नहीं होना चाहती है और मैने उसकी चूत से लंड निकाल कर उसके मुंह में डाल दिया और चुदाई करने लगा। थोड़ी देर में मैं झड़ गया। उसका मुंह मेरे वीर्य से भर गया। कुछ तो उसने निगल लिया और बाकी बाहर उसके चेहरे से होता हुआ उसकी गरदन पर गिर गया। उसके बाद मैं थोड़ी देर उसके ऊपर लेट गया और उसको किस करता रहा और अपने माल को उसके बूब्स पे मलता रहा। लगभग १५ मिनट रेस्ट करने के बाद हम दोनो उठे और अब शाम होने लगी थी और उसने घर भी जाना था तो हम दोनो ने अपने आप को फ़्रेश किया। और उसको घर के पास छोड़ कर आ गया। आके मैने उसके खून और हम दोनो के रज से खराब हुई बेडशीट को साफ़ किया। Antarvasna

Antarvasna Sex Stories

रूपा और रीना दोनों Antarvasna Sex Stories ही एक साथ आशू से कैसे चुदी- यह आप पहले भाग भाग में पढ़ चुके हैं !

राजेश ने रूपा को चोदा- यह आपने इस कहानी के दूसरे भाग में पढ़ा, अब तीसरा और अंतिम भाग :

मन ही मन में वो रूपा और राजेश की चुदाई के बारे में सोच रही थी। रीना के मन में मौसा जी का लण्ड भी घूम रहा था। मौसा जी ने आज शाम को इतना घुमाया-फ़िराया और खिलाया-पिलाया पर ना तो चूतड़ों पर हाथ फ़ेरा और ना ही चूंचियों को सहलाया। क्या मौसा जी उसे प्यार करना नहीं चाहते? यही द्वंद्व रीना के मन में चल रहा था !

उसका गाऊन जांघों से ऊपर उठा हुआ था, वो एक करवट ले कर दूसरी ओर घूम गई। तभी उसे लगा कि उसके कमरे में कोई अन्दर आया है। कदमों की आहट से उसे लगा कि मौसा जी हैं। उसके मन में तरंगें लहराने लगी- रात के ग्यारह बजे मौसा जी जरूर उसे चोदने आये हैं। कदमों की आहट उसके पलंग के पास आकर रुक गई। मौसा जी ने धीरे से गाऊन और ऊपर खिसका दिया। रीना के चूतड नंगे हो गये, रीना ने अपनी आंखे बंद किये हुये कहा,”आओ रूपा मौसी, नींद नहीं आ रही है क्या?”

दूसरी तरफ़ से कोई जवाब नहीं आया। दो हाथ रीना की जांघ सहलाने लगे थे।

“मौसी क्या कर रही हो ! हाय ! मत करो ना … शरम लग रही है, अन्दर हाथ मत घुसाओ ना !” वो कसमसा कर बोली।

मौसा जी ने उसके चूतड़ दबा दिये और दरार को सहलाने लगे। ऐसा करते हुये मौसा जी का लण्ड तन्ना उठा। उन्होंने गाऊन के भीतर से ही हाथ बढ़ा कर रीना के स्तन दबा दिये। रीना जानबूझ कर मौसा जी को मौसि कह रही थी।

“लगता है आज आपका मन बहक रहा है… बस अब ! मुझे बहुत शरम लग रही है !”

मौसा जी का लण्ड ये सुन कर और फ़ूल गया और रीना को चोदने के लिये बेताब हो उठा। उन्होने रीना को उल्टा किया और उसके दोनों पांव चौड़ा दिये… उसकी गाण्ड का फ़ूल सामने दिखने लगा। रीना आनन्द के मारे सिहर गई। मौसा जी से जब नहीं रहा गया तो उन्होंने अपना पजामा उतारा और अपने फ़ूले हुये कड़क लण्ड के साथ रीना की पीठ पर चढ़ गये और अपने तन्नाये हुये लण्ड को गाण्ड के गुलाब पर रख दिया और रीना को जकड़ लिया।

“हाय रे कौन… मौसा जी… ये क्या कर रहे हैं आप?” रीना ने अब उन्हें पहचानने का नाटक किया।

“रीना, अब नहीं रहा जाता… प्लीज करने दो…!”

“मौसी आ जायेगी तो मैं तो मर ही जाऊंगी !”

“उसकी तबियत ठीक नहीं है, उसने नींद की गोली खा ली है और वो गहरी नींद में है।” मौसा जी का लण्ड गाण्ड के छेद में उतर कर फ़ंस चुका था। पर रीना अभी गाण्ड नहीं मरवाना चाह रही थी। उसे तो बस चुदना था, सो वो बल खा कर पलट गई और लण्ड गाण्ड से निकल गया। अब रीना मौसा जी के नीचे थी और सीधी हो चुकी थी। मौसा जी ने भी उसे आराम से पलट जाने दिया और उसके ऊपर चढ़ गये।

“हाय मौसा जी, प्लीज, मत करो, मुझे लाज आती है…!”

“बस ऐसे ही मस्ती करेंगे… मेरा मन तुझ पर आ गया है।”

“मौसा जी, आज … आह मत करो ना…!” उसने मौसा जी हाथ अपने वक्ष पर से हटाते हुये कहा।

“तुझे अच्छा लगा ना?”

“मौसा जी, बस ना, मुझे शरम आती है, हटो ना…..”

वो उस शो-रूम में तुम्हें वो ब्रा-पैन्टी का सेट अच्छा लगा था ना?

मौसा जी ने नीचे से हाथ डाल कर पेण्टी और ब्रा दिखाई…”यही थी ना … ये लो…”

“हाय मौसा जी, आप कितने अच्छे हैं…” तभी मौसा जी के लण्ड का सुपाडा फ़क से चूत में घुस गया। रीना के मुख से आह निकल गई।

“मौसा जी, आपने तो नीचे कमाल कर दिया…मैं तो शरम से मर जाऊंगी !”

“हाय रे तेरा ये शरमाना, मुझे तो पागल कर देगी तू …” मौसा जी का लण्ड रीना की अदा पर फ़ूलता जा रहा था। उनका मोटा लण्ड चूत में उतरने लगा।

” हाय ना करो ना मौसा जी … सच में आप में बड़े वो हैं !”

“आय हाय रे मेरी रीना, चुदे जा रही है फिर भी ये शरमाना… ये ले दबा के लण्ड ले मेरा !”

“हाय रे, मेरी फ़ाड दोगे क्या, … मैं मर गई !” रीना की आंखें चुदाई के नशे में बंद हो रही थी। मौसा जी का भारी लण्ड उसे मस्त किये दे रहा था।

” हांऽऽ आ आज तो तेरी चूत फ़ाड ही दूंगा… हाय कितनी प्यारी सी है ये तेरी फ़ुद्दी !”

“यह फ़ुद्दी क्या होता है जी…?” रीना ने चुदते हुये फ़ुद्दी के बारे में पूछ लिया।

“ओह्ह, मैं मर जाऊं… तेरी तो … मां कसम… चोद के रख दूंगा ! तुझे भी तेरी मां को भी !” मौसा जी उसकी अदाओं पर मर ही गये। जोश में उनकी कमर तेजी से चलने लगी। रीना मस्त हो कर भोली बनी हुई चुदती रही, उसका शरीर मीठी कसक से भरा जा रहा था। काम-वासना बढ़ती जा रही थी। रीना जोश में मौसा जी के चूतड़ पकड़कर अपनी चूत पर मार रही थी। उसके मुख से वासना भरी चीखें निकल रही थी। मौसा जी ने रीना के दोनों हाथ दबा लिये थे और कस कस के शॉट पर शॉट मारे जा रहे थे। उनका मोटा लण्ड रीना की चूत को जम कर चोद रहा था। रीना ने भी ऐसे मोटे लण्ड से चुदाई पहली बार कराई थी। चूत गहराई तक चुदी जा रही थी। रीना के बदन का एक एक अंग हिल गया था। पर स्वर्गिक आनन्द की अनुभूति बढ़ती ही जा रही थी।

रीना का अंग अंग मीठी टीस से भर गया और वो अब समूची दुनिया को अपनी चूत में समेटने जा रही थी। उसे लग गया था कि उसक सभी कुछ सिमट कर चूत के रास्ते बाहर आना चाहता है। उसके मुख से आह निकल पड़ी और उसका बदन एक बारगी ऐंठने लगा और चूत को मौसा जी के लण्ड पर दबा दिया और अपना दिव्य-रस बाहर छोड़ दिया। वो स्खलित होने लग़ी थी। मौसा जी ने भी अपना लण्ड रीना के झड़ने तक चूत में ही रहने दिया, फिर बाहर निकाल कर दबा कर मुठ मारने लगे और अपना वीर्य रीना के शरीर पर उछाल दिया। कुछ बूंदे तो उछल कर रीना के चेहरे पर जा पड़ी। मौसाजी ने अपना लण्ड जोर से हिला कर उसमें से एक एक बूंद बाहर निकाल दी।

दोनों अब बिस्तर पर निढाल पड़े थे !

रूपा ने जानबूझ कर के यह सुनहारा मौका उन दोनों को दिया था।

दोनों एक बार फिर से लिपट पड़े और प्यार करने लगे।

“रीना, तू शरमाती बहुत है … पर उससे मेरी वासना और बढ़ जाती है…”

“मौसाजी, ऐसे काम में शरम तो आती ही है ना”

“हाय रे… शर्माती जाओ और चुदती जाओ… लण्ड तो ऐसे माहौल में खूब फ़ूल जाता है, और शर्माती को चोदने में मस्ती आती है…!”

“धत्त… मौसा जी… ऐसा मत बोलो… मुझे फिर से चुदने की इच्छा होने लगेगी…!”

रीना ने एक बार और चुदने की इच्छा बता दी।

“तू कह तो एक बार ! अभी चोद देता हूं !”

“अरे ना जी ना… बस करो… हाय ना करो… मर गई रे… हाय चुद जाऊंगी मौसा जी…!”

रीना के इन्कार में इकरार था, अपनी तमन्नाओं का इज़हार था।

मौसाजी ने रीना को कमर पकड़ कर उसकी पीठ को अपने से चिपका ली। मौसा जी का भारी लण्ड उसके चूतड़ों में घुसने लगा। रीना अपने आप आगे को झुकने लगी और लण्ड चूतड़ों की दरार में घुसता चला गया। लण्ड के सुपाड़े ने जैसे ही गाण्ड के फ़ूल पर नरम स्पर्श दिया, फ़ूल खिल उठा और अन्दर बाहर होने लगा। मौसा जी का लण्ड फ़क की आवाज करता हुआ छेद में धंस गया और फिर से वासना का मधुर खेल आरम्भ हो गया।

रीना की गाण्ड चुदी जा रही थी, साथ में वो बला की अदायें बिखेरती जा रही थी। मौसा जी उसकी मासूम सी नकली अदाओं पर बिछे जा रहे थे … खिड़की के पट थोड़े से खुले हुये थे और रूपा उन दोनों की चुदाई का नजारा देख रही थी… Antarvasna Sex Stories

(Meri Sexy Maa Ki Chut Chudai) चुदाई की कहानी


ये हिंदी में चुदाई की कहानी उस समय की है.. जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। उस वक्त मेरी उम्र 20 साल की थी जबकि मेरी सौतेली माँ 35 साल की थीं।

मेरी मॉम एक बहुत ही सेक्सी महिला थीं.. उनके जिस्म का एक-एक हिस्सा बिल्कुल तराशा हुआ था और अंग-अंग से मादकता टपकती थी। मैं कई बार उन्हें बाथरूम में सम्पूर्ण नग्नावस्था में देख चुका था। एक बार तो पापा उन्हें पूरा नंगा करके चोद रहे थे, तब भी उनकी मचलती जवानी को देखा था। जिस दिन पापा मॉम को चोद रहे थे, उसी दिन मेरा मन मॉम को चोदने के लिए मचल उठा था।

एक रात पापा शहर से बाहर गए हुए थे, मैं अपने बेडरूम में था। लेकिन मन में उत्तेजना के कारण मुझे नींद नहीं आ रही थी, सो मैंने मॉम की चूचियों को याद करते हुए मुठ मारनी चालू कर दी। कुछ ही देर में मेरी उत्तेजना और अधिक बढ़ गई तो मैंने गोल तकिया को अपनी टांगों में फंसा लिया और उसे ही मॉम समझ कर चोदना शुरू कर दिया।

उसी समय मेरी मॉम ने मेरे बेडरूम का दरवाजा खोला और मेरे कमरे में आ गईं।

दरवाजा खुलने की आवाज़ से मैं घबराकर रुक गया लेकिन मैं तकिए के ऊपर था। फिर मैंने मॉम को देखा तो मैं तकिए के बगल में लेट गया।

मॉम ने पूछा- क्या हुआ.. क्या कर रहे थे?
मैंने कहा- नींद नहीं आ रही है, कुछ बेचैनी सी है।
फिर मैंने मॉम से पूछा- क्या आपको भी नींद नहीं आ रही है?
वो बोलीं- हाँ मुझे भी नींद नहीं आ रही है।
मैंने कहा- आप भी यहीं लेट जाओ न।

फिर वो मेरे पास बैठ गईं।

मैंने फिर कहा- यहीं सो जाओ ना, मेरे पास।
वो सीधी लेट गईं। कुछ देर बाद मैंने पूछा- नींद नहीं आ रही है.. तो कोई कहानी पढ़ लेते हैं।

उन्होंने सर हिला कर हामी भरी तो मैंने पापा की किताब की रेक से एक सेक्सी कहानी की बुक निकाली और कहा- इसको पढ़ते हैं।
मॉम बोलीं- ये कौन सी किताब है?
मैंने कहा- कहानी की किताब है, इसकी कहानी पढ़ने में बहुत मजा आएगा, इसको पढ़ने से बहुत गुदगुदी भी होती है।

फिर मैंने किताब को हम दोनों के बीच में रखकर पढ़ने लगा। ऐसे में मॉम को पढ़ने में जरा दिक्कत हो रही थी तो मैंने कहा- चलो मैं पढ़कर सुनाता हूँ..

मैं उनको सेक्सी कहानी पढ़कर सुनाने लगा। इसमें एक लड़की का दूसरे मर्द के साथ सेक्स का किस्सा था। ये सेक्स स्टोरी बहुत डिटेल में थी।

मॉम बोलीं- ये सब क्या है?
मैंने कहा- अल्मारी में रखी थी।
वो बोलीं- इसमें बड़ों की गन्दी बातें लिखी हैं। तुमको इसे नहीं पढ़ना चाहिए।
मैंने कहा- फिर आपकी और डैड की अल्मारी में क्यों रखी है? एक बार पढ़ते हैं, सुनो ना!

फिर मॉम को भी मज़ा आने लगा। वो भी गरम होने लगीं। मॉम बीच-बीच में अपनी बुर खुजला रही थीं।

मैंने कहा- कहो गुदगुदी हो रही है ना।

मॉम ने स्माइल दे दी।

मैंने अपने लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- मेरे भी इसमें और सारे बदन में बहुत गुदगुदी हो रही।
फिर मैंने कहा- अब आप पढ़िए।

अब वो पढ़ने लगीं.. वो बहुत गरम हो गई थीं। तभी मॉम ने किताब बंद करके रख दी और बिस्तर पर अपने पैर पसार कर चित्त लेट गईं।

मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वो बोलीं- बहुत बेचैनी हो रही है, नीचे बदन में कुछ खुजली भी हो रही है।
मैंने पूछा- शायद पावडर बदन पर लगाने से आराम मिल जाएगा।
वो बोलीं- हाँ ठीक है.. तुम पावडर ही लगा दो।

मैं बगल वाले रूम से पावडर लेकर आया।

मैंने देखा कि मॉम पेट के बल लेट गई थीं।

मॉम बोलीं- कमर में लगा दो।

मैंने देखा उन्होंने अपने ब्लाउज के बटन खोले हुए थे और ब्रा भी खोल दी थी।

मैं पावडर कमर पर लगाते हुए ब्लाउज के अन्दर हाथ डालकर मलने लगा। उनका कोई विरोध नहीं हुआ तो फिर मैं आहिस्ता-आहिस्ता पूरी कमर पर पावडर मलते हुए सीधे ही उनके मम्मों को मसलने लगा। मॉम को मम्मे मिंजवाने में मजा आ रहा था। वे मजा लेने लगीं तो मैंने सीधे ही उनके मम्मों पर पावडर लगाया और मम्मों को मसलने लगा।

अब उनको मजा आ रहा था।
फिर मैंने कहा- मॉम जरा आपकी गर्दन के पास भी पाउडर लगा देता हूँ।
वो घूमीं तो ब्लाउज के बटन खुले हुए थे और बूबस- पूरे नंगे दिखने लगे थे।
मॉम के बड़े-बड़े चूचे बहुत सेक्सी लग रहे थे।

मैंने उनकी गर्दन पर पावडर लगाने लगा। अब तो मैं सामने से मॉम के मम्मों को मसल रहा था और वो कुछ नहीं बोल रही थीं।

फिर मैंने मम्मे मसलते हुए हाथ नीचे पेट पर फिराया और नाभि को मसला। मॉम की आह निकली तो मैंने धीरे से उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और अपना हाथ अन्दर डालकर जांघ पर फेरते हुए उनकी बुर पर भी पावडर लगाने लगा।

वो कामुक आवाज में बोलीं- उह.. ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- ठीक से लगा देता हूँ.. फिर नींद भी ठीक से आ जाएगी।

मॉम कुछ नहीं बोलीं तो मैं अपने हाथ को उनके गोल-गोल चूतड़ों पर फेरने लगा। सच में बड़ा मज़ा आ रहा था।

मैंने पूछा- मॉम क्या मज़ा आ रहा है.. आराम मिल रहा है?
अब मैं मॉम के चूतड़ों पर हाथ फेरते-फेरते उनके ऊपर चढ़ गया और बोला- इससे आपका बदन भी दब जाएगा।

मॉम भी मेरे मजे लेने लगीं।

मैंने कमर के नीचे से मॉम के चूचे पकड़ कर जोर-जोर से दबाने लगा।
अब तो मॉम पूरी तरह से चुदास से तड़फ रही थीं।

मैंने कहा- किताब वाला सीन करते हैं।
मेरे बदन में जोर-जोर से गुदगुदी हो रही है।

फिर अचानक से मॉम को कुछ याद आया और वे बोलीं- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- दरवाजा बंद है, किसी को पता नहीं चलेगा, मैं भी किसी से नहीं कहूँगा, तुम्हारी कसम मॉम आपको मज़ा भी आ जाएगा, प्लीज़ मना मत करो।

मॉम ने कुछ नहीं कहा।

मैंने फिर से उनसे कहा- कहानी की तरह मज़ा करते हैं मॉम।

मैंने अपना पजामा खोल दिया और उनकी जाँघों पर बैठ गया।

अब मॉम ने मेरा लंड पकड़ कर लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- मुझसे वादा करो कि तुम किसी से कभी भी नहीं कहोगे।
मैंने कहा- वादा।

और फिर क्या था.. उन्होंने अपने सारे कपड़े बदन से अलग कर दिए।

मैंने कहा- आप जैसे बोलेंगी.. मैं वैसे ही करूँगा।
उन्होंने कहा- हाँ जैसा कहानी में पढ़ा था.. वैसे ही करते रहो। मैंने उनके एक चुचे को चूसना शुरू किया.. दूसरे चूचे को दबा भी रहा था।

फिर वो भी मेरे लंड पर हाथ फेरने लगीं। मैंने भी एक हाथ की उंगली से मॉम की बुर को दबाने लगा और उंगली चुत के अन्दर कर दी।

फिर वो मुँह से ‘शह्ह.. उह्हह..’ आवाज निकालने लगीं।

मैंने उनसे किताब के सीन की तरह उनसे डॉगी स्टाइल में बैठने को कहा। जैसे ही मेरी मॉम कुतिया के जैसे बनीं मैंने अपने लंड को पीछे से उनकी बुर के छेद के पास ले जाकर सुपारे को फेरने लगा। साथ ही मैं दोनों हाथों से मम्मों भी दबा रहा था। सच में बड़ा मज़ा आ रहा था।

अचानक ही लंड फिसला और झटके के साथ बुर में घुस गया, क्योंकि उनकी बुर का छेद चुदवाते चुदवाते कुछ तो बड़ा हो गया था।

उनके मुँह से भी और मेरे मुँह से भी जोर की ‘शह्हह.. आह..’ की आवाज निकलने लगी।

मैंने अब धक्का लगाना शुरू किया, धीरे-धीरे धक्के की स्पीड भी बढ़ा रहा था। सच में क्या मस्त मज़ा आ रहा था।
मॉम भी बोलीं- और जोर से चोद.. और जोर से पेल.. आह मजा आ रहा है।
मैंने मॉम के मम्मों को जोर से दबाकर निप्पलों को खींचा और धक्के लगाने लगा।

‘अह.. उह.. ओह.. सुपरब.. श्शश.. और और जोर से.. क्या बात है और झटका दूँ मॉम?’
‘हाँ पेलता रह..’

मैंने अपना लंड बाहर निकाला और वो बेड पर सीधी लेट गईं।

मैंने धीरे-धीरे उनके कामुक बदन पर हाथ फेरा, फिर बुर में उंगली घुसेड़ कर भीतर के पॉइंट को सहलाने लगा।

ये उनका जी-स्पॉटस था, वो बहुत जोर से हिल गईं और उनकी जोर से ‘आअ.. आअ.. श्शश.. उह..’ की आवाज निकल गई।

मैंने अब लंड को उनके मम्मों पर फिराना शुरू किया और ऊपर से नीचे की तरफ़ लंड लाने लगा। फिर उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह के पास खींचकर जोर से किस किया। मैं भी जोर-जोर से किस करने लगा और अपनी जीभ भी उनके मुँह पर फेरने लगा। उनकी जीभ को चूसने में मज़ा आ रहा था। वो साथ-साथ मेरे लंड को एक हाथ से जोर-जोर से सहला रही थीं।

मैं भी बोला- बहुत मज़ा दे रही हो।

फिर उन्होंने मेरे को जोर से अपनी तरफ़ खींचकर बांहों में जकड़ लिया। मैंने भी उनको भींच लिया, उनके चूचे मेरी छाती से चिपक कर दब रहे थे।

आह क्या रगड़ सुख मिल रहा था।

फिर उन्होंने अपनी जांघें फैलाईं और कहा- अब जल्दी-जल्दी जोर से यहाँ लंड ले आओ।

मैंने लंड को उनकी बुर में घुसेड़कर धीरे-धीरे हिलने लगा।

फिर वो बोलीं- आअह ऐसे नहीं चलेगा.. जोर-जोर से झटके लगाओ।

मैंने जोर से चोदना शुरू कर दिया।

क्या मस्त चुदाई का आनन्द आ रहा था। मॉम भी चुदाई का मजा ले रही थीं- शह.. शह आ.. क्या बात है आह.. आ.. शह.. अह्हह.. ओह्हह.. और जोर जोर से धक्के लगाओ.. बहुत मज़ा आ रहा है।

मैं भी पूरी ताकत से लंड को भीतर तक ठोकने लगा। चुदाई पूरी स्पीड पर थी और अब मैं झड़ने लगा था। मेरा रस झड़ने लगा और मैं ढीला होकर उनके नंगे बदन से जोर से लिपट गया। मॉम के गुदगुदे बदन पर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

फिर वो बोलीं- चलो हटो.. बहुत देर हो गई है.. अब सोते हैं।
वो अपने कपड़े पहनने लगीं। फिर बोलीं- ये राज ही रखना, किसी से कभी मत कहना।

मैंने हाँ कहते हुए उनके मम्मों को दबाकर किस कर लिया और बुर को दबाते हुए कहा- फिर कभी गुदगुदी होगी तो..?
वो हंसने लगीं.. मैं भी समझ गया।
मॉम बोलीं- बदमाश हो गए हो, चलो अब सो जाओ।

वो अपने कमरे में सोने चली गईं।

मैं अपनी मॉम के साथ चुदाई की इस कहानी को कभी नहीं लिखना चाहता था.. पर अब मुझे अच्छा लग रहा है।

इस चुदाई की कहानी पर आपके कमेंट्स का इन्तजार है।

Sex Stories

हैलो ! मेरा नाम सोनू है और Sex Stories मैं जालंधर का रहने वाला हूँ और मैं 30 साल का हूँ। आज मैं आपको अपनी सच्ची लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहा हूँ।

बात 5 साल पहले की है जब मैं एक कंपनी से दूसरी कंपनी में काम करने के लिए आया। नए ऑफिस में दो लड़कियां पहले से ही काम कर रही थी। दोनों गजब की स्मार्ट और सेक्सी थी। एक की उमर 33 साल की थी, नाम शरण था और मुझे लाइन भी दे रही थी। वो मुझे बहुत सेक्सी और पटने वाली लगी। धीरे धीरे मैंने उस से दोस्ती कर ली।

तीन महीने के बाद मैंने उस से पूछा कि क्या उसको मुझसे प्यार है। वो घबरा गयी और कुछ नही बोली। उसके मुम्मे घबराहट से बड़े हो गए और होंठ सूख गए। दूसरे दिन वो ऑफिस में मेरे पास वाली सीट पे बैठी थी।

मैंने उस से किस मांगी। पर उसने इनकार कर दिया। फ़िर मैं धीरे से उसके पास गया और हाथ पकड़ के किस करने की कोशिश की। उसने मुझे नहीं रोका और मैंने पहली बार किसी लड़की के होंठ चूसे। उसके हाथ और चेहरा बहुत गर्म हो गया। फ़िर कुछ देर बाद उसने मुझे पीछे कर दिया। और इस तरह पहले चुम्बन से सिलसिला शुरू हो गया।

फ़िर मैंने उसे बाहर मिलने के लिए जोर डाला। पर शरण नहीं मानी। फ़िर कुछ दिन बाद मेरे ऑफिस के दूसरे लड़के की रात की शादी थी। उसने सब को शादी में बुलाया। मेरे मन में आया कि मैं शरण को इस शादी की रात चोदूंगा और ऐसा ही हुआ।

शादी में शरण भी आ गयी। वो बहुत सेक्सी लग रही थी और सलवार कमीज में थी कमीज का गला बड़ा था और उसके मुम्मों की बीच की लाइन साफ़ नज़र आ रही थी। मैंने उससे बोला कि शादी के बाद मैं उससे अपनी कार में घर छोड़ दूंगा और वो मान गयी। सो, शादी में कुछ देर एन्जॉय करने के बाद मैं शरण को कार में लेके निकल पड़ा। थोड़ा दूर जा के मैंने कार साइड में लगा दी और शरण से किस मांगी। उसने इंकार नहीं किया। मैंने उसे कार में ही किस करना शुरू किया।

पहले ऊपर का होंठ खूब चूसा, फ़िर नीचे वाला चूस के लाल कर दिया, फ़िर मैंने उसकी कमीज में हाथ डाल दिया और पेट को सहलाते हुए मुम्मे तक पहुँच गया, साथ में लिप किस भी हो रही थी। फ़िर मैंने उसकी कमीज ऊपर की और ब्रा के ऊपर से उसके मुम्मों को खूब रगड़ा। शरण पूरी गरम हो गयी थी। फ़िर मैंने पीछे से उसकी ब्रा की हूक खोली और उसके दोनों मुम्मों में अपना मुँह दे दिया। अब तो मेरा लंड खूब फर्राटे मार रहा था।

फ़िर मैंने धीरे से उसकी सलवार का नाला खोल दिया और झट से अपना हाथ बीच में डाल कर उसकी चूत पकड़ ली। उसने पैंटी नहीं पहनी थी। वो एकदम से घबरा गयी और जान गयी की आज वो ज़रूर चुद जायेगी। उसने मुझे रोकने की कोशिश की पर मैं नहीं रुका। उसकी चूत पे थोड़े से ही बाल थे। मैंने उसकी चूत में खूब ऊँगली दी। उसकी चूत पूरी लाल और गीली हो गयी थी। फ़िर मैंने उसकी सलवार उतार दी, उसकी चूत के बाहर के हिस्से को खूब रगड़ा। मेरा लंड उसकी चूत का स्वाद चखने को तैयार था। उसकी चूत में से पानी निकल के कार की सीट पे जा रहा था।

फ़िर मैंने अपनी पैंट उतारी और शरण के ऊपर चढ़ गया। मैंने अपना लंड उसकी चूत की मोरी पे रख दिया पर अंदर धक्का नहीं दिया। शरण तड़प उठी और बोली कि अब अपना लंड अंदर डाल दो। फ़िर मैंने एक ही झटके में अपना पूरा बड़ा लंड उसकी चूत में दे दिया और जोर से झटके मारने लगा।

उसको पहले दर्द हुआ फ़िर मज़ा आने लगा। उसने भी अपनी गांड ऊपर उठा के झटके देने शुरू कर दिए। मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया और जोर से अपना लंड उसकी बच्चेदानी तक ले गया। वो फिस फिस करने लगी। फ़िर मैंने झटके के साथ साथ शरण के मुम्मों को दबोचा, किस किया, काटा, निप्पल को चूसा।

फ़िर मैंने अपना लंड उसकी चूत में से निकाल के उसे उल्टा करके पीछे से उसकी चूत को पकड़ के फ़िर चूत में डाल दिया। उसकी गांड पे झटके लग रहे थे। मैंने उसकी गांड पकड़ के पूरी चौड़ी कर दी और फ़िर गांड की मोरी में अपनी उंगली दे दी। इसी बीच वो डिस्चार्ज हो गयी और बाद में मेरा लंड भी उसकी चूत में डिस्चार्ज हो गया। और इस तरह से लगभग आधा घंटा मैंने उसके साथ सेक्स का मज़ा लिया। शरण ने भी खूब चुदने का मज़ा लिया।

उस रात के बाद मैंने कई बार उसको सेक्स के लिए बुलाया पर वो नहीं आयी। अब भी हम दोनों एक ही ऑफिस में हैं। मैं कभी कभी उसको पकड़ के किस करता हूँ तो वो एकदम बहुत गरम हो जाती है। यारो अब पाँच साल के बाद फ़िर मेरा दिल शरण को चोदने को कर रहा है पर वो नहीं मान रही। वो बोलती है किस कर लो, मुम्मे चूस लो और जो मर्ज़ी कर लो पर चूत मारने को नहीं दूँगी। अब मैं उसको कैसे अपनी गिरफ्त में लूँ, अपने सुझाव मुझे लिख भेजो : Sex Stories

Indian Sex Stories

हेलो! मेरा नाम निक है और मैं मुंबई के Indian Sex Stories बांद्रा में रहता हूँ। यह मेरी पहली कहानी है जो कि एक हकीक़त भी है। मैं मुंबई में पिछले 3 साल से रह रहा हूँ। मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ यहाँ काम की तलाश में आया था। ( सुनने में शायद यह थोड़ा फ़िल्मी लगता है) लेकिन यह सच है।

मुझे मुंबई आये अभी कुछ दिन ही हुए थे कि मुझे मेरे एक स्थानीय मित्र ने बताया कि मुंबई में कई लड़के “ज़िगोलो” या पुरुष-वेश्या बन कर अपनी ज़िन्दगी गुजार रहे हैं। पहले तो मुझे उसकी बात पर कोई विश्वास नहीं हुआ लेकिन एक दिन ” मुंबई मिरर “(एक पत्रिका) में ज़िगोलो’ज़ पर एक लेख पढ़ कर मुझे यकीन हो गया कि यह एक हकीक़त है।

लेकिन यह बात वहीं आई गई हो गई और मैं फिर से नौकरी की तलाश में जुट गया।

कुछ दिन बाद की बात है, मैं रात घर पर बिस्तर में लेटा था। मेरे कमरे में मेरे सभी साथी सो रहे थे, रात का शायद 1 बजा होगा, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैंने सोचा- थोड़ा घूम कर आता हूँ, शायद अच्छा लगे।

यही सोच कर मैंने कपड़े पहने और स्टेशन की ओर निकल गया। स्टेशन रात के समय कुछ अजीब सा लग रहा था। कुछ सेक्स-वर्कर लड़कियां, कुछ नशेड़ी और बहुत सारे अपराधी किस्म के लोग वहां थे। मेरे मन में झिजक पैदा हुई, लेकिन मैंने सीधा जाकर चर्चगेट की टिकट ले ली। मैं जल्दी जल्दी प्लेटफ़ार्म पर पहुंचा और मैं चर्चगेट जाने वाली ट्रेन में चढ़ गया।

कुछ 20-25 मिनट में मैं चर्चगेट स्टेशन पहुँच गया। वहां काफी चहल-पहल थी। जिसे देख कर मेरा डर थोड़ा कम हुआ, आखिर एक 23 साल का लड़का जो कि शहर में नया और अनजान हो, रात में अकेलेपन से डरता ही है।

फ़िर भी मैं पता नहीं क्यूँ वहाँ आस-पास घूमता रहा, यह सोच कर कि कोई मुझे ज़िगोलो समझ कर अपने साथ ही ले जाए, क्योंकि मैं दिखने में काफ़ी अच्छा हूँ और कई लड़कियों ने मुझे अपना साथ भी दिया है।

बहरहाल, घूमते घूमते अभी कुछ मिनट ही हुए थे कि मैंने देखा कि कहीं से बहुत सारी कारें आ रही थी, शायद किसी डिस्को में पार्टी खत्म हुई थी। मैं उस तरफ़ से मुड़ गया और फ़िर से स्टेशन की तरफ़ चलने लगा। तभी मैंने देखा कि मुझे कोई कार में से इशारे कर रहा है। मैं बहुत घबरा गया क्योंकि वो औरत नहीं मर्द था। मुझे लगा कोई समलिंगी पुरुष होगा, इसलिए मैं तेज़ी से आगे बढ़ गया।

लेकिन इस बार उसने मुझे “हैलो सफ़ेद कमीज़!” कह कर आवाज़ लगाई। मैंने हिम्मत जुटा कर उसकी तरफ़ देखा, उसने मुझे कार के पास बुलाया और मैं डरते हुए कार के पास गया।

वहाँ मैंने देखा कि वो एक ड्राईवर था। मुझे लगा कि वो कोई जगह पूछेगा, लेकिन उसने कहा- मैडम ने बात करनी है, कार में बैठो!

यह सुनते ही मैं हक्का-बक्का रह गया। रात के ढाई बज़े एक “ब्लैक कैमरी” में सफ़र करने वाली औरत मुझसे कर में बात करना चाहती है। मैं कुछ समझ पाता, इससे पहले वो गाड़ी आगे बढ़ने लगी। पता नहीं मुझे क्या हुआ और मैं जल्दी से कार में बैठ गया।

कार में बैठते ही मेरी खुशी को जैसे पर लग गए, एक 30-32 साल की औरत जिसकी सूरत देख कर यूँ लगे मानो कोई सिनेमा की हिरोईन हो, मेरे पास बैठी थी। वो काले रंग के ईवनिंग गाऊन में यूँ लग रही थी जैसे स्ट्राबेरी को चॉकलेट में डूबो कर रखा हो।

मेरे मुँह से छोटे से ‘हाय’ के अलावा कुछ नहीं निकला। इतने में गाड़ी चलने लगी और मैं थोड़ा सम्भल कर बैठ गया। 2-3 मिनट तक कोई बात नहीं हुई, ड्राईवर की नज़र पीछे देखने वाले शीशे में से मेरे ऊपर ही थी। शायद उसके लिए यह रोज़ की बात थी। थोड़ी देर में उस औरत ने मुझे बोला- हाय! मेरा नाम हिया है।

मैंने भी अपना नाम बताया। मेरा नाम सुनकर वो मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी। ऐसा लग रहा था मानो वो रात के पौने तीन बज़े मेरा इन्टरव्यू ले रही हो। मैं तोते की तरह जवाब देता गया। बातों बातों में मैंने उसका फ़ीगर देखना शुरू किया। उसका फ़ीगर इतना अच्छा नहीं था , उसके स्तन छोटे थे और पेट भी बाहर था लेकिन फ़िर भी उसके चेहरे ने सभी कमियाँ छुपा ली थी। उसकी नज़र शायद मेरे चेहरे पर थी और एक पल बाद उसका हाथ मेरी कमर पर। जैसे ही उसने मुझे छुआ यूँ लगा जैसे 440 वाट का करंट लगा हो, क्योंकि पहली बार किसी नारी ने पहल की थी मेरे साथ। खैर, हिया ने ड्राईवर से कहा कि गाड़ी रोक कर वो उतर जाये और टैक्सी लेकर घर चला जाये और उसे कुछ पैकेट दिए, जिसे लेकर वो बिना पीछे देखे चला गया। अब हम दोनों गाड़ी में अकेले थे, उसने मुझसे पूछा “क्या तुम गाड़ी चलाओगे?”

हाँ में सर हिला दिया मैंने। तब उसने मुझे अपनी गाड़ी की चाबी दी और बोली- चलो!

मैं पागल हो रहा था कि एक अनजान औरत बिना कुछ जाने मुझे अपने साथ रात में ले जाने को तैयार है, क्या मेरी किस्मत इतनी अच्छी है?

लेकिन शायद किस्मत नाम ही है अप्रत्याशित का!

मैं ड्राईवर सीट पर आ गया और वो अगली सीट पर! मैं कार चलने लगा, उसने मेरे बालों में हाथ डाला और कहने लगी,”काफी घबराए हुए लग रहे हो!”

मैंने डर के कहा- नहीं तो! मैं ठीक हूँ!
तो हंसते हुए बोली- ठीक है! चिन्ता मत करो मैं तुम्हें खा नहीं जाऊँगी!
मैंने सर हिला दिया और वो मुझे रास्ता बताने लगी।

एक घण्टे चलने के बाद हम मुम्बई के मड आईलैण्ड इलाके में थे, वहाँ पहुंचते ही मैं समझ गया कि हिया किसी बड़े उद्योगपति की पत्नी है क्यूंकि या तो वहाँ ऐसे बंगले हैं जहाँ फ़िल्मों की शूटिंग होती है या धनकुबेरों के फ़ार्म हाऊस!

उसने मुझे गाड़ी रोक कर पीछे बैठने को कहा और खुद गाड़ी चला कर बंगले के अन्दर ले गई।

मैं और हिया एक साथ जैसे ही कमरे में पहुंचे, उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख लिया और मैं आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसकी बात मानता रहा।

मैं उसके स्तनों से खेलता रहा और वो मेरे शर्ट के बटन खोलती रही. हम लोग यही करते करते उसके शयनकक्ष की ओर बढ़ने लगे और बीच में पड़े म्यूज़िक सिस्टम को उसने ओन कर दिया। मैं प्रफ़ुल्लित हो रहा था और मैं उसे चूमने लगा। तब तक मेरे हाथ उसकी ब्रा को अन्दर से खोल चुके थे और उसके हाथ मेरे शर्ट को।

अब हम एल आलीशान बंगले के शयनकक्ष में थे और वहाँ एक विशालाकार पलंग था। उसने मुझे वहाँ बैठने को कहा और चली गई। मुझे लगा शायद उसे लू जाना था।

दस मिनट बाद जब वो आई तो मैं हैरान था, उसने अर्ध-पारदर्शी अन्तःवस्त्र पहने थे जिसमें उसकी शेव की हुई चूत और प्यारे से स्तन साफ़ साफ़ दिख रहे थे, मैं तो पहले से ही अपने सारे कपड़े उतार कर कम्बल के अन्दर घुसा हुआ था। मेरे कपड़े ज़मीन पर देख कर वो हंसी और रोशनी कम करके वो मेरे पास आ कर बैठ गई।

अब तो मैं पागल हो चुका था इसलिए उस पर टूट पड़ा। मैं उसे एक कुत्ते की तरह चूसने चाटने लगा और वो मुझे बिल्ली की तरह नाखून मारने लगी। मैंने उसके होंटों पे अपने होंट ऐसे चिपका दिए जैसे फ़ैवीक्विक लगा हो। वो मुझे ले कर करवटें बदलती रही और र्मैं उसके पूरे शरीर का मानो नाप ले रहा था। थोड़ी देर में उसकी ब्रा और पैन्टी जमीन पर पड़े मेरे कपड़ों को चूम रही थी।

मेरे सामने थी एक उच्च वर्ग की तथाकथित आधुनिक महिला!
मैंने कम्बल को दूर फ़ेंका और उसे अपनी गोद में उठा कर खड़ा कर दिया।

मैं उसके नर्म नर्म स्तन दबाता रहा और वो मेरे बालों को खींचती रही। मैंने उसके सारे बदन पर अपने होंटों की निशानी लगा दी थी।

मेरा लण्ड आज पहली बार इतना उतावला था, शायद इसलिए कि अज उसे पहली बार एक आँटी मिलने वाली थी जो उससे कहीं ज्यादा अनुभवी थी। मेरा लौड़ा हाथ में ले कर वो बोली- थोड़ा छोटा है, पर प्यारा सा है, बहुत स्वादिष्ट लगता है!

मैंने उसकी बात काटी और बोला-अगर खाना चाहती हो तो चख कर देखो ना!

मेरा इतना बोलना ही था कि मेरा लण्ड उसके मुँह में था। मैं पागल हो रहा था और वो मुझे पागल कर रही थी। सुबह के पाँच बज रहे थे और मुझे लग रहा था कि यह सुबह कभी आए ही ना!

वो कभी मेरे लौड़े को चूसती तो कभी मेरे अण्डकोषों को! और अपनी उंगलियों से मेरे छोटे छोटे चूचुकों को मसल रही थी। मेरा पूरा बदन जल रहा था, मैंने उसे एक झटके में उठाया और पलंग पर लिटा दिया। अब मैं उसे चूमने लगा और उसकी प्यारी सी चूत तक पहुंच गया। मैं तो पागलों की तरह उसकी फ़ुद्दी चाटने और सहलाने लगा और वो मेरा मुँह उसमें घुसवाती रही।

काफ़ी देर ऐसा ही चलता रहा। फ़िर उसने मुझे कहा- हमें जल्दी करना पड़ेगा क्योंकि मुझे जाना भी है।
सुन कर मानो मेरे खड़े लण्ड पर चोट हो गई।
तब वो हंस के बोली- अरे मूर्ख! अभी भी मेरे पास एक घण्टा है, परेशान मत हो!

यह सुनते ही मैं उस पर कूद पड़ा क्योंकि मैं एक पल भी व्यर्थ गंवाना नहीं चाहता था। मैंने उसके दोनों पांव अपने कन्धे पर रखे और एक ही झटके में अपना छः इन्च ला लन्ड उसकी चूत में प्रविष्ट करा दिया। मुझे लगा वो चीखेगी, लेकिन वो तो सिर्फ़ यह बोली- बुरा नहीं है!

और मैं जोर जोर से उसे चोदने लगा, थोड़ी देर में मैं चरम सीमा पर पहुंचने लगा तो मैंने अपना लण्ड निकाल लिया और उसे कहा- मेरे ऊपर आ जाओ!

वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी सवारी करने लगी। दस मिनट में वो अपने चर्मोत्कर्ष पर थी और वो जंगली बिल्ली की तरह चीखी। मैं उसकी चीख सुनकर पागल हो गया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। दो मिनट बाद मैं भी अपने को रोकने में असमर्थ पा रहा था तो मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाला और उसके मुंह के पास ले गया। उसने मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और पालतू कुतिया की तरह चाट चाट कर मेरा सारा वीर्य ऐसे गटक गई मानो कोई स्वास्थ्य पेय हो।

मैंने उसके गालों को चूम लिया और उसे अपने बगल में लिटा लिया। उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया, मेरे सिकुड़ चुके लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगी।

थोड़ी देर में उसने मुझे कहा- मेरे ख्यल से अब हमें चलना चाहिए। यह कह कर वो बाथरूम में चली गई। मैंने भी उठ कर अपने कपड़े पहने और दरवज़े के पास उसका इन्तज़ार करने लगा।

वो एक आकर्षक शर्ट और जीन्स पहन कर बाहर आई और मुझसे कहा- चलो चलें! तुम्हें नींद भी आ रही होगी। चलो मैं तु्म्हें छोड़ आती हूँ।

बाहर आते हुए उसने मुझे 1000 रुपए के कुछ नोट देने चाहे लेकिन मैंने मना कर दिया उअर यह कह दिया कि मुझे आपका साथ अच्छा लगा! मैं वो नहीं हूँ जो आप सोच रही हैं!

यह सुन कर वो हंसने लगी और मेरी कमर पकड़ कर मुझे कार में बिठा कर बांद्रा तक छोड़ दिया, जाते जाते मुझे कहने लगी- मैं भी बांद्रा में रहती हूँ।

सुन कर मुझे झटका सा लगा और खुशी भी हुई। पर मुझे अचानक याद आया कि मैंने हिया का ना तो फ़ोन नम्बर लिय और ना ही कोई पता वगैरह। और अपने पर ही क्रोधित होने लगा।

घर जाकर अचानक मुझे लगा कि मेरी पैन्ट की जेब में कुछ है तो मैंने देखा कि उसमें 1000 के 5 नोट और हिया का कार्ड था।

मुझे नहीं पता कि कब उसने ये सब मेरी जेब में रखा! Indian Sex Stories

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