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Massage Girl in Pushkar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Pushkar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Pushkar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Pushkar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Pushkar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Pushkar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Pushkar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Pushkar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Pushkar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Pushkar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Pushkar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Pushkar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

दोस्तो ! मैं सेक्सी कहानियाँ सात महीनों Antarvasna से पढ़ रहा हूँ। मैं २५ साल का शादीशुदा मिडल परिवार का राजस्थान के एक छोटे से कसबे का सेक्सी लडका हूँ। मैं कम्प्यूटर इन्जीनियर हूं। मैं मेरी शादी को दो साल हो गये है।

आपने मेरी कहानी “कुंवारी सलहज को प्रेगनेंट किया” पढ़ी और बस एक मेल ही आया। दोसतो ये कहानी आपको लगता है पसंद नही आई। दोस्तो ! मैने वो पहली बार कहानी लिखी थी।

अब एक बार फिर हाज़िर हूँ अपने दोस्तो के लिए एक मसाले से भरी कहानी लेकर !

२००४ के दिसम्बर की छुट्टियों में मेरे मामा की लडकी हमारे घर १०-१५ दिन के लिए आई। वो २४ साल की थी. बहुत सुंदर है, उसका फिगर २८-२४-२८, ऊंचाई ५’३”, वो बहुत सेक्सी है. जब भी मैं उसके बारे मे सोचता तो उसको जमकर चोदने का मन करता लेकिन मैं कुछ नही कर पाता,वो मुझे तिरछी नजर से देखती थी।

बस तो सरदियों के दिन थे। सब लोग {परिवार वाले} रजाई ओढ़ के रात को बातें करते थे। वो मेरी वाली साईड में बैठ गयी। मैने धीरे से उसकी टांग पे हाथ फ़ेरना शुरु किया। वो मेरी तरफ़ देख के मुस्करायी तो मुझे ग्रीन सिगनल मिल गया। मैने उसके बुबस दबाने शुरु किये वो मस्त हो रही थी। वो कहने लगी- मुझे कम्प्यूटर सिखाओ !

मैने कहा क्लास लगेगी, वो भी रात के ९ बजे के बाद !

वो कहने लगी ठीक है। मैं डिनर करके आपके कमरे में आ जाऊगी। वो रात को मेरे कमरे में आयी। गांव में सब ८:३० बजे तक सब सो जाते है। हमारा घर बहुत बड़ा था। मैने उसे कम्प्यूटर ओन करके दिया। उसको गाने चलाना, ओफ़ीस ,सीडी चलाना बताने लगा। मैं उसको बताते हुए छू रहा था। उसे अजीब सी मस्ती चढ़ रही थी। उसका ध्यान मेरी ओर हो गया। धीरे से मैं सेक्सी फ़िल्म पर क्लिक करके सोने का नाटक करने लगा। उसने वो फ़िल्म एक दम डर के बंद कर दी और फ़िर कुछ देर तक वो कम्प्यूटर चलाने के बाद सोने को जाने लगी। लेकिन उसका मन उस फ़िल्म को देखने का था तो वो उठ कर मेरी ओर देखा तो मैं सोने का नाटक करने लगा। वो इत्मिनान से फ़िल्म देखने लगी।

फ़िल्म देखने के बाद वो गरम हो गई। वो अपने बूबस को मसलने लगी। मैने धीरे से उसको किस किया तो वो चोंक गयी। मैं उसे अपने बैड पर उठा लाया तो वो बोली- भैईया यह क्या कर रहे हो?

मैने कहा जो तुम्हें चाहिए वो दे रहा हूं। मैं उसके बूबस दबाने लगा वो मस्त होती जा रही थी। और मैं होठ किस भी करने लगा। वो बोली ये नीचे मेरे से एक डंडा सा क्या है इतने में उसने मेरे लंड पे हाथ फ़ेरना शुरु किया। मुझे भी मस्ती चढ़ रही थी। मैने धीरे से उसकी सलवार को खोल दिया अब मैं सलवार को पैर से उतारने लगा वो बोली किसी को पता चल गया तो?

मैने कहा तुम बताओगी?

वो बोली- नहीं। मैने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिये। हम दोनो एकदम नंगे थे। मैं उसे बेसबरी से चूम रहा था। वो भी मुझे ‘चूमते रहो’ कह रही थी, इतने दिन पहले क्यों नहीं मिले। मेरा ९” का लंड एकदम खडा था। वो बेसबरी से उसे देखने लगी ओर बोली- इतना बडा पहली बार देखा है।

वो एकदम नंगी मस्त दिख रही थी उसकी छोटी छोटी चूचियाँ पूरी कसी हुई थी। मैने पहली बार उसे नँगी देखा था। मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो मस्त हो कर तडफ़ रही थी। मैं उसके पूरे शरीर को चूमता हुआ उसकी चूत को चूसने लगा। बाद में हम लोग ६९ पोजीसन में आ गये। वो मेरे लण्ड को चूस रही थी,मैं उसकी गोरी साफ़ चूत को जीभ से चूस रहा था।

‘चूसो मेरी चूत को……आ.आ..आआया.आआआआआअ..आआआ..उ.ऊउऊ.ऊ.ईई.ऊई..ऊई आह आआह्ह्छ’ वो मस्त हो रही थी। अब मैं झड़ने वाला था वो भी इस दौरान दो बार झड़ गई थी। मैं उसका नमकीन रस पीता रहा। मेरा रस उसके मुँह में झड़ गया। वो सारा रस मस्ती से पी गई।अब मैं फ़िर उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो बहुत खुश थी। मैने एक उँगली उसकी चूत में डाली। वो मेरे लँड को फ़िर चूसने लगी और मेरा ९” का लँड खडा हो गया।

अब वो बोली कि मुझे कुछ हो रहा है जल्दी करो, मेरी प्यास बुझाओ।

मैने कहा- इतनी भी जल्दी क्या है? मैने कहा दर्द बहुत होगा ! झेल लोगी?

वो बोली- चाहे मेरी चूत फ़ट जाये, मैं चाहे जितना भी चिल्लाऊँ, छोडना मत, बस अब जल्दी करो, चोद डालो, फ़ाड डालो मेरी चूत, जल्दी करो।

मैने ९” के लंड पर तेल लगाया और थोड़ा सा उसकी चूत पर लगा के, चूत पर लंड रखा और धक्का दिया तो लंड २” अंदर ही गया था कि वो चिल्लाने लगी- छोड दो, बस करो, मर जाऊगी।

मैं रुक गया और फिर वो शाँत हो गयी। मैने एक जोर से झटका मारा और चूत की सील तोड़ते हुए अँदर घुस गया। वो चिल्लाती रही, मैं रुक गया और उसके बूब्स चूसने लगा। वो मस्त हो रही थी। थोड़ी देर में मैंने झटके लगाने शुरु किये। वो भी मेरा साथ देने लगी थी। वो चूतड़ उठा उठा के चुद रही थी। २००-२५० झटके लगाने के बाद मैं झड़ गया, इस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी।

वो रात ३१ दिसम्बर २००४ की रात थी, मैने उसे नये साल के जश्न में पूरी रात में लगभग १५ बार चोदा। वो अब पूरी तरह से टूट चुकी थी। उससे उठना ही मुश्किल हो गया था। सुबह के ६ बज चुके थे। वो उठ के अपने कमरे में चली गयी। ये सिलसिला १० दिन तक चलता रहा। वो पूरी पूरी रात मस्त होकर चुदवाती थी। १० दिन बाद वो अपने घर चली गयी। पर जब भी मौका मिलता था वो चुदने को तैयार रहती थी।

आपको कहानी कैसी लगी ? Antarvasna

मुझे लिखें !

hindi Sex Stories

अन्तर्वासना के सभी hindi Sex Stories पाठकों को मेरा नमस्कार ! मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और मैं भी सभी को अपनी जिन्दगी की वो बातें बताना चाहता हूँ जिनको पढ़ कर सभी को मज़ा आए !

दोस्तों यह वो घटना है जिसने पहली बार मेरा परिचय एक लड़की के जिस्म से करवाया ! सच बताऊँ तो इससे पहले मैंने सिर्फ इसके बारे में सुना था पर देखा नहीं था! मन करता था कि कब मुझे असली चूत के दर्शन होगे! यही सोच सोच कर मैं सिर्फ मुठ मार कर अपनी प्यास बुझा लेता था! यह सिलसिला बहुत समय तक चला!

बात उस समय की है जब मैं पढ़ता था! एक दिन मैंने अपनी क्लास की एक लड़की की एक कॉपी में एक चित्र देखा जो किसी ने पेन्सिल से बनाया था! उस में एक लड़का मूत रहा था और एक लड़की नीचे बैठ कर उसको पी रही थी! मैं घबरा गया और मैंने जल्दी से वो कॉपी बंद कर दी, पर मेरा मन बार बार उसी चित्र पर जा रहा था और सोच रहा था कि काश मुझको भी ऐसा मौका मिलता! यही सोचते सोचते मैं घर आ गया! फिर खाना खा कर शाम को अपना होमवर्क करने लगा पर मेरा मन नहीं लग रहा था।

उस समय घर पर कोई नहीं था! तभी हमारे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की जिसका नाम मोना था, वो हमारे घर आई। हम लोग हम-उम्र थे और साथ साथ खेलते थे! वो जब मेरे पास आई और मुझसे खालेने के लिए कहने लगी पर मैंने मना कर दिया!

उसने पूछा- क्या बात है?

मेरा मन कर रहा था कि यह बात मैं किसी को बताऊँ पर उससे मुझको शर्म भी आ रही थी और डर भी लग रहा था कि कहीं उसने किसी से मेरी शिकायत कर दी तो?

पर उसने बार बार मुझसे पूछा तो मैंने उसको अपनी कसम दे कर कहा- तुम यह बात किसी को नहीं बताओगी !

उसने कहा- ठीक है !

फिर मैंने उससे वो बताया कि मैंने आज क्या देखा तो वो शरमा गई! शर्म तो मुझको भी आ रही थी पर अब तो बात खुल चुकी थी, तो मैंने उसको कहा- यह बात किसी को मत बताना !

उसने कहा- ठीक है, पर मैं भी तुमको एक बात बताऊँ?

मैंने कहा- बताओ !

वो बोली- मैं और मेरा चचेरा भाई कई बार मम्मी पापा का खेल खेलते हैं!

मैंने पूछा- कैसे?

तो उसने बोला- हम लोग स्टोर में अकेले में अपने कपड़े उतार कर सेक्स करते हैं।

मैं एक दम चौंक गया और उसकी तरफ देखने लगा। वो बोलती रही और मैं सुनता रहा। फिर उसने मुझको देखा पर मुझे उसका देखना कुछ अलग लगा। वो आज मुझको कुछ अलग लगने लगी थी। कहीं आज मेरी इच्छा तो पूरी नहीं होने वाली थी !

मैंने सोचा कि जब हम लोगों में इतनी खुल कर बातें हो गयी हैं तो एक बार कोशिश करने में क्या है ! हो सकता है आज मुझको कुछ मिल जाए !

तो मैंने हिम्मत करके उसको कहा- मेरा भी बहुत मन करता है यह सब करने का ! और अगर तुम बुरा न मानो तो हम लोग यह मज़ा ले सकते है !

उसने तुंरत बोला- किसी को पता चल गया तो क्या होगा?

मैं समझ गया कि यह तैयार तो है पर डर रही है, मैंने तुंरत उसको अपनी बाहों में लिया और उसके होठों पर चूम कर कहा- मेरी जान, पता तो तब चले न जब कोई बताएगा ! और वैसे भी हम लोग अकेले में करेगे !

तो उसने कुछ नहीं कहा!

मैंने उसको पकड़ कर भी दो चार चुम्बन जड़ दिए तो उसने भी मुझको जवाब दिया! मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि जिस चीज़ को मैं बाहर देख रहा था वो तो मेरे पास ही थी! हम लोग बहुत देर तक एक दूसरे को चूमते रहे! उसको देख कर पता चल रहा था कि उसको इस बात अच्छा अनुभव है!

धीरे धीरे उसने मेरे सारे जिस्म को चूमना शुरु कर दिया तो मैं समझ गया कि वो गरम हो गई है! मेरा हाथ भी उसके टॉप में जा चुका था और मैं उसके छोटे छोटे स्तनों को सहला रहा था! मैं बता नहीं सकता कि उस वक़्त मुझको कैसा लग रहा था! पहली बार किसी लड़की के स्तन दबाने का मज़ा तो आप लोगों को पता ही होगा! फिर मैंने जल्दी से उसको टॉप उतार कर फेंक दिया! मेरे सामने रोज़ मेरे साथ खेलने वाली लड़की सिर्फ स्कर्ट और ब्रा में खड़ी थी और उसकी सफेद ब्रा में उसके छोटे वक्ष साफ़ दिख रहे थे! अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने उसकी ब्रा अलग कर दी और उसके स्तन को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा! वो भी जोर जोर से आहें भरने लगी!

मैंने उससे पूछा- मज़ा आ रहा है?

तो वो बोली- जरा जल्दी जल्दी करो!

उसका हाथ मेरे लण्ड तक पहुँच गया! वो उसको सहलाने लगी और जल्दी से मुझको अलग करके नीचे बैठ गई और मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी! मेरी सालों की इच्छा पूरी हो रही थी! वो बहुत देर तक यही करती रही और मैं मज़े लेता रहा!

फिर मैंने उसका स्कर्ट और पैंटी उतार दी और उसकी चूत को अपने मुँह में ले के चूसने लगा! उसकी चूत पर थोड़े भूरे-भूरे बाल थे पर मुझको बहुत मज़ा रहा था! वो जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी! नीचे मेरा लण्ड भी टाइट हो गया था, उसने कहा- अब इंतजार नहीं होता ! आज मुझको चौद डालो!

यह सुनकर मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया!

यह मेरा पहला अनुभव था तो मुझको पता नहीं था कि लण्ड कहाँ डालते हैं! फिर भी कोशिश करके मैंने उसकी चूत के छेद पे अपना लण्ड लगा ही दिया और जोर लगाने लगा!

पर मेरा लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था। तो उसने अपनी टाँगे फ़ैला ली और बोली- अब करो!

मुझको थोड़ा जोर लगाना पड़ा और दर्द भी हो रहा था पर थोड़ी सी कोशिश से मेरा लण्ड उसकी चूत में अंदर गया!

उसको भी दर्द हो रहा था तो मैंने कहा- मैं अपना लण्ड निकालूँ?

तो वो बोली- नहीं साले ! और अंदर डाल !

मैंने पूरा जोर लगाया और मेरा पूरा लण्ड अंदर चला गया ! फिर मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और अब हम दोनों को बहुत मज़ा आने लगा था!

दस पन्दरह मिनट में ही हम दोनों झड़ गए! फिर हम एक दूसरे से चिपके रहे! थोड़ी देर बाद हम लोगों को फिर जोश आया और हम लोगो ने एक और ट्रिप ली! फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और एक दूसरे को चूमने लगे!

उस दिन के बाद हम लोगों को जब भी मौका मिलता, हम सेक्स के मज़े लेते! अब हम लोग साथ तो नहीं हैं।

तो यह थी मेरी कहानी !

आप लोगो को कैसी लगी, कृपया मुझे मेल करके बतायें। hindi Sex Stories

Antarvasna

मेरा नाम आर्यन है, मैं मोरादाबाद Antarvasna में रहता हूँ। मेरी कहानी एक सच्ची कहानी है। मेरी कहानी सुनकर लड़कों को मुठ ज़रूर मारना पड़ेगा और लड़कियों को अपनी चूत में उंगली करे बगैर चैन नहीं मिल पायेगा।

मैं इंजीनियरिंग का छात्र हूँ और मैं कमरा लेकर रह रहा हूँ। मेरे साथ मेरा दोस्त भी रहता है, हम दोनों एक साथ पढ़ते हैं। हम दोनों की गर्लफ्रेंड भी हैं, मेरी गर्लफ्रेंड का नाम श्वेता है और मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड का नाम हनी है।

एक दिन हम हनी के घर गए थे। वहाँ उसकी मामी की लड़की निकली वो अपनी जवानी की देहलीज़ को पार कर रही थी, उसकी उम्र करीब 18 वर्ष की होगी। उसकी चूचियों को देखकर तो हम दोनों के होश उड़ गए और हम दोनों का लंड सांप के फन की तरह फनफना के खड़ा हो गया। उसी दिन जब हम लौट रहे थे तो हमने उसे चोदने की योजना बनाई और योजना के मुताबिक जब उसके घर में कोई नहीं था, तब हम गए और घण्टी बजाई, वो बाहर निकली।

हमने अनजान बनकर पूछा- हनी है?
तो उसने कहा- नहीं है!
हमने कहा- अन्दर आकर थोड़ा इन्तज़ार कर लेते हैं।
तो उसने कहा- ठीक है, आओ!
जब हम अन्दर गए तो उसने कहा- मैं चाय लेकर आती हूँ!

जब वो चाय लेने जा रही थी तो उसके चूतड़ों की चाल को देखकर मेरे दोस्त का लंड खड़ा हो गया और वो सोफे पड़ी उसकी ब्रा को लेकर उसके कमरे में मुठ मारने चला गया जहाँ पहले से ब्लू फिल्म की सीडी लगी हुई थी। तो वो उसको देखने में मस्त हो गया और मैं आगे जाकर बैठ गया। वो आई तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसका एक चुम्बन ले लिया तो वो हंसकर बोली- तुम बहुत शैतान हो!मैं समझ गया कि रास्ता साफ़ है। तो मैंने कहा- यार, तुम तो बड़ी सेक्सी हो! आज से पहले कभी चुदवाया है?

तो उसने कहा- नहीं, कभी तुम्हारे जैसा चोदू मिला ही नहीं!
मैंने उसकी एक चूची को कसकर पकड़ लिया, उसकी सिसकी निकल गई।

मैंने कहा- आज तुमको तो चोदकर रहूँगा!
उसने कहा- कोई आ जायेगा!
मैंने कहा- तब की तब देखेंगे!
और मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी, उसकी चूचियों को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।
उसने कहा- मैं तुम्हारे लंड के दर्शन करना चाहती हूँ!

मैंने अपने कपड़े उतार दिए। मेरे लंड को देखकर वो बोली- मेरी चूत में पसीना आ रहा है! अब मुझे चोदो!
तो मैंने कहा- इतनी भी क्या जल्दी है, अभी तो सिर्फ पसीना ही निकला है! बाद में तो रसमलाई भी निकलेगी, जिसको खाए बगैर मैं तुमको नहीं चोदूंगा।
इतना कहकर मैं उसकी दोनों चूचियों को पकड़कर कस के मसलने लगा।

तब उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी- अह्ह्ह्ह ह्ह्हह अओउच प्लीस बस करो! मैं मर जाऊँगी!
फिर मैं उसकी जींस के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा। फिर वो अपने आप ही अपनी जींस उतारने लगी। मैं उसकी चिकनी और कुंवारी चूत को देखकर बोला- क्या मस्त चूत है! देख मैं कैसे इसे रौंदता हूँ!
उसने कहा- प्लीज़ जल्दी डालो! मुझसे रहा नहीं जा रहा है!
मैंने कहा- पहले मेरे लंड को मुँह में लेकर इसे मजा दो!
उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया तो कहा- यह तो बहुत गरम है!
और वो अन्दर-बाहर करने लगी।

मैंने कहा- यह अब तैयार है।फिर मैंने उसकी टांगों को उठा कर उसकी चूत पर ढेर सारा थूक डाला और अपना लंड उसकी चूत पर रखकर जोर से धक्का मारा तो उसके मुँह से जोर से आवाज निकली- मर ग़ाय़ीईईई ईई ईईई अह्ह्ह् श्र्श्रीईईईई बस करो!
मैंने कहा- अभी तो बस आधा ही गया है।
उसने कहा- रहने दो, मेरी चूत फटी जा रही है और बहुत दर्द हो रहा है।

लेकिन मैंने उसकी टांगों को कस के पकड़कर फिर से एक जोर का धक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
वो फिर से चिल्लाई- आआआआ ईईईईई! आर्यन तुम तो बहुत बेदर्द हो।
मैंने कहा- जान, इसी दर्द के बाद ही तो स्वर्ग का मजा आएगा।

उसने अपना सर उठा कर नीचे देखा तो पूरी चादर खून से लथपथ थी, वो डरकर बोली- यह क्या है?
मैंने कहा- यह तो मजा आने की निशानी है।

और फिर मैंने उसकी चूचियों को चूसना चालू कर दिया जिससे वो अपने दर्द को भूलकर मजा लेकर मस्ती के साथ आआह्ह आआआआआह्ह्ह्हह्ह करने लगी और बोली- मेरी इस चूत को चोदो! यह तो चुदवाने के लिए फ़ैल चुकी है।

फिर मैंने जोर-जोर से धक्के मारना चालू कर दिया, उसे मजा आने लगा और मुझे भी मजा आने लगा। थोड़ी देर बाद वो मुझसे कस के चिपक गई और झड़ गई। फिर मैं भी दो चार धक्के मारने के बाद झड़ने लगा। मेरा गरम वीर्य उसकी चूत में प्रवेश करने लगा।
उसने कहा- बड़ा अच्छा लगा!

फिर मैंने उसी दिन बहुत सारे आसनों से उसे चोदा। फिर हमें जब भी मौका मिलता है तो हम चुदाई करते हैं।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी प्लीज़ मुझे बताये। Antarvasna

Sex Stories

मेरा नाम रौनक है, मैं दिल्ली Sex Stories का रहने वाला हूँ। मैं आपको तीन साल पुरानी अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, कृपा कर इसे पढ़ें, मेरा दावा है कि इस कहानी को पढ़ते समय भाइयों के लंड और भाभियों की चूत गीली हो जायेगी और यदि भाइयों के पास चूत का जुगाड़ है तो वो चूत मारने पर विवश हो जायेंगे यदि नहीं है तो मुठ मारेंगे। लड़कियों और औरतों के पास लंड का जुगाड़ है तो वो चुदवाने पर विवश हो जाएँगी यदि नहीं है तो वो उंगली-मैथुन या अपनी चूत में बेंगन जैसी लम्बी चीज़ से मुठ मारेंगी।
मैं आपका ज्यादा समय बर्बाद न करके सीधा पॉइंट पर आता हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं ग्रेजुऐशन कर रहा था। मेरे दूसरे साल के पेपर चल रहे थे। हमारे घर में एक किरायेदार आया, जिसकी बीवी का नाम सुमन था। सुमन दिखने में कुछ ज्यादा सुंदर नहीं थी पर उसके स्तन बहुत बड़े थे जो हमेशा ब्लाउज से बाहर आने की कोशिश करते थे। ऐसा लगता था मानो अभी ब्लाउज से बाहर आ जायेंगे। जिनको देख कर मेरा मन मचल उठा और उसकी गांड के तो क्या कहने!

जब वो चलती थी तो उसका एक कूल्हा आगे और एक कूल्हा पीछे होता था, जिसे देख कर मेरा लंड खंभे का रूप धारण कर लेता था। उसे देख कर मेरा मन भटकने लगता और मेरा मन पढ़ाई में न लगता। जब मैं उसे देखता, उसके बड़े स्तन और उठी हुई गांड का दृश्य मेरे सामने आने लगता और मैं उसके बारे में सोच कर मुठ मारता। मुठ मारने के बाद मैं शांत हो जाता और पढ़ाई में मन लगाता लेकिन मन फिर भी नहीं लग पाता।

असली दिक्कत तो रात को होती थी जब सुमन का पति आता था और रात को उसको चोदता था। उसके चीखने की आवाज़ मेरे कमरे तक आती थी, क्योंकि मेरा कमरा उसके कमरे से चिपका था। जब उसका पति उसे चोदता था तो वो सिसकारियाँ लेती थी। उसकी आवाजें मेरे कानों में गूंजती थी और मैं आँखों में उसकी तस्वीर ले आता और उसका नाम लेकर मुठ मारता था।
एक दिन सुमन आंटी ने मुझसे कहा कि मैं उनके केबल कनेक्शन लगवा दूँ।

तो मैंने उनसे कहा- आंटी, नए डिश कनेक्शन के लिए आपको 200 रुपये एडवांस केबल वाले को देने पड़ेंगे और 150 रुपये महीना देना होगा।
आंटी बोली- यह तो बहुत मंहगा है!
मैंने कहा- आंटी, मैं अपने केबल कनेक्शन में से आपका केबल लगा देता हूँ।
वो बोली- आप कितने पैसे लोगे?
मैंने कहा- जो आपकी इच्छा हो, दे देना…
उसने कहा- लगा दो।

आंटी के टीवी में कनेक्शन करने के लिए मार्केट से केबल की तार खरीद कर लाया और मैं अपनी टीवी से कनेक्शन ले कर तार उनके टीवी तक ले जाने लगा, लेकिन तार छोटी पड़ गई।।
मैंने कहा- आंटी। तार छोटी पड़ गई।
तो आंटी ने कहा- कुछ जुगाड़ कर के लगा दो?
मैंने कहा- आंटी, आपका कमरा और मेरा कमरा चिपका हुआ है, अगर मैं दीवार में छेद कर दूँ तो बहुत कम तार लगेगी।
वो बोली- कर लो न…

मैं ड्रिल मशीन लाया और ऐसी जगह छेद किया जहाँ से सुमन आंटी की चुदाई के दर्शन साफ़ तरीके से हो सके और मैंने दीवार का छेद काफी बड़ा किया जिससे मुझे आंटी की चुदाई की रासलीला का भरपूर आनन्द प्राप्त हो सके और आंटी की केबल लगा दी और मैं रात का इंतज़ार करने लगा।

रात हुई। मैं खाना खा ही रहा था कि अंकल ने अचानक अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर लिया। मैं समझ गया कि आंटी की चुदाई का कार्यक्रम शुरू होने वाला है। मैंने जल्दी से खाना खाया और अपने कमरे में चला आया और केबल के तार के लिए किये गए छेद पर आंखें लगाईं।
और अचानक आंटी के कमरे में देख कर मेरे कान खड़े हो गए।

मैंने देखा अंकल ने टीवी पर ब्लू फिल्म लगा रखी थी, अंकल आंटी के गुदगुदी कर रहे थे और आंटी हंस रही थी। उस समय आंटी पेटीकोट, ब्लाउज में थी। अचानक अंकल ने आंटी के पैरों से चूमना शुरू किया। पेटीकोट उठाते हुए ऊपर चूत की ओर चूमते हुए आने लगे और धीरे धीरे पेटीकोट चूत से उपर हो गया। अंकल आंटी की जांघों को चूमते हुए आंटी की चूत में जीभ देकर कुत्ते की तरह आंटी की चूत चाटने लगे। आंटी सिसकारियाँ ले रही थी।

पहली बार मैंने सुमन आंटी की नंगी चूत देखी जिसे देख कर मेरा लंड काबू में न रहा और नाग की तरह फुंकार मारने लगा। अचानक अंकल पूरे नंगे हो गए और आंटी को भी पूरी नंगी कर दिया और आंटी की चूत में अपना लंड डाल दिया। मैंने देखा कि अंकल का लंड 5 से 6 इंच का है। अंकल आंटी पर चढ़ कर जोरदार धक्के मारने लगे।
मैंने देखा कि आंटी को छोटे लंड के कारण चुदने में कम मजा आ रहा था। इस चुदाई के सीन को देख कर मैं आंटी का ध्यान लाकर मुठ मारने लगा।

अचानक अंकल झड़ गए लेकिन अभी तक आंटी नहीं झड़ पाई थी। अंकल निढाल होकर आंटी के उपर से हट गए और सोने लगे। आंटी अंकल को अपनी ओर खींच रही थी। अभी आंटी प्यासी थी लेकिन अंकल आंटी से हाथ छुड़ा कर सो गए। अंकल के सोने के बाद सुमन आंटी रोने लगी और अपनी चूत को मसलने और उसमें उंगली करने लगी। यह देख कर मैं खुश हो गया कि अब मेरी दाल गल सकती है और मैंने अपना लंड झाड़ दिया। आंटी भी उंगली मैथुन से झड़ गई और सो गई।

सुबह मैं नहा रहा था। आंटी मेरे सामने बैठ कर अपने घर के बर्तन धोने लगी। मैंने सोचा यह अच्छा मौका है आंटी को अपने 9 इंच के लंड के दर्शन कराने का।

आंटी सामने बर्तन धो रही थी। मैं साबुन लगा रहा था, मैंने अपने कच्छे में हाथ डालकर अपने लंड पर साबुन लगाना शुरू किया और लंड खडा हो गया।
ये सब आंटी देख रही थी, आंटी कच्छे में से मेरे लंड की लम्बाई भांप चुकी थी, आंटी के चेहरे पर ख़ुशी थी।
मैं समझ गया कि आंटी लंड देखना और अपनी भोसड़ी में लेना चाहती है।

मैंने नहाने के बाद तौलिया पहन अपना कच्छा नीचे उतारा। लंड खड़ा था इसलिए तौलिया भी उठा हुआ था और मैं बैठ कर अपना कच्छा धोने लगा। आंटी बिल्कुल मेरे सामने थी इसलिए उनकी नज़र मेरी टांगों पर थी। मुझे महसूस हुआ कि उनकी नज़र मेरे लंड को देखने के लिए बेताब है। तभी मैंने अपनी दोनों टांगें चौड़ी कर ली, मेरा लंड तौलिये से बाहर निकलने लगा।

यह देख कर आंटी ने अपनी आँखें नीचे कर ली और बोली- रौनक, तुम्हारा तौलिया छोटा है।
मैंने कहा- आंटी, ऐसा क्यों कहा?
उसने कहा- तुम्हारा बाहर निकल रहा है।
मैंने जानबूझ के पूछा- क्या??

आंटी ने लंड की ओर इशारा किया, मैंने देखा लंड तौलिये से बिल्कुल बाहर था।
मैंने कहा- आंटी जी, तौलिया छोटा नहीं, मेरा बड़ा है।
आंटी बोली- वही मैं सोच रही हूँ… तुम्हारा कितना बड़ा है।
मैंने कहा- आंटी, आपने पूरा देख लिया?
उसने कहा- नहीं, थोड़ा सा…

मैंने आंटी के सामने अपना तौलिया खोल दिया, मेरे 9 इंच के खड़े लंड देख आंटी की आंखें चौंधिया गई, मैंने कहा- लो आंटी, पूरा देख लो।
वो हैरान थी।
मैंने आंटी का हाथ पकड़ा और अपना लंड उनके हाथ में दे दिया, वो मेरा लंड हिलाने लगी।
मैंने कहा- आंटी, मेरी ही सारी बड़ी चीज़ देखोगी? या अपनी भी कुछ बड़ी चीज़ दिखाओगी?

यह कह कर मैंने उसे गोद में उठा लिया और उसके कमरे में बेड पर लिटा कर उसके स्तन दबाने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी और देखते ही देखते मैंने उसे नंगी कर दिया। आंटी की चूत बिल्कुल चिकनी थी।
मैंने उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया जिससे वो तड़फ उठी और बोली- रौनक, अब सब्र नहीं हो रहा है। प्लीज़ मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोद दो।

मैंने उसकी दोनों टांगें चौड़ी की और उसकी चूत पर अपना लंड रख कर तेज धक्का दिया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो चीख उठी क्योंकि उसने इतना लंड पहली बार अपनी चूत में लिया था।
मैंने दूसरा धक्का मारा और लंड उसकी चूत में समा गया। उसकी चूत से खून आने लगा और लंड भी काफी टाइट घुस रहा था।

मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू कर दिया और उसे मजा आने लगा। उसने मुझे अपनी बाँहों में कसना शुरू कर दिया। मैं समझ गया कि उसे अत्यंत आनन्द आ रहा है, उसकी पकड़ और भी टाइट होती जा रही थी और मेरे धक्के भी।

अचानक आंटी बोलने लगी- रौनक, चोद डालो मुझे। मेरी भोसड़ी को भोसड़ा बना दो!
और गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी।

आंटी की सिसकारियों से पता चल रहा था कि वो अब झड़ने वाली है, इसलिए मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। वो झड़ गई और उसके साथ मैं भी झड़ गया।

उसके बाद मैं सुमन आंटी को अपनी लुगाई की तरह जब चाहता चोद लेता।
वो हमेशा कहती- रौनक, तुमने मेरी भोसड़ी को भोसड़ा बना दिया।

यह सिलसिला 6 महीने तक चला। उसके बाद वो हमारा कमरा खाली करके चले गए।

दोस्तो, मुझे बर्दाश्त करने के लिए धन्यवाद। Sex Stories

Antarvasna stories

Antarvasna stories...निशा अपने मां बाप की एकलौती लड़की है, दिल्ली में रहती है। निशा के पिताजी राजू शर्मा दिल्ली में ही एल आई सी में ऑफ़िसर थे और चार साल पहले स्वर्गवासी हो गये थे.
निशा की मां श्रीमती रजनी हाऊस वाईफ़ है। निशा के और दो भाई भी है और उनकी शादी भी हो गई है।

निशा ने पिछले साल ही एम ए इंगलिश में पास किया है। निशा का रंग बहुत ही गोरा है और उसका फ़िगर 36-25-38 है। वो जब चलती है तो उसके कमार एक अजीब सी बल खाती है और चलते समय उसके चूतड़ बहुत हिलते हैं।
उसके हिलते हुए चूतड़ को देख कर पड़ोस के कई नौजवान, और बूढे आदमियों का दिल मचल जाता है और उनके लंड खड़े हो जाते है। पड़ोस के कई लड़कों ने काफ़ी कोशिश की लेकिन निशा उनके हाथ नहीं आई।
निशा अपनी पढ़ाई और युनिवरसिटी के संगी साथी में ही व्यस्त रहती थी।

थोड़े दिनो के बाद निशा की शादी उसी शहर के रहने वाले एक पुलिस ऑफ़िसर से तय हो गई।
उस लड़के के नाम मुकेश था और उसके पिताजी का नाम गोविन्द था और सब उनको गोविन्दजी कहकर बुलाते थे। गोविन्द जी कि पत्नी का नाम स्नेहलता है और वो एक लेखिका है। अब तब गिरिजा जी ने करीब 8-10 किताबे लिख चुकी है।

गोविन्द जी अपनी जवानी के दिनो में और अपनी शादी के बाद भी हर औरत को अपनी नज़र से चोदते थे और जब कभी मौका मिलता था तो उनको अपनी लौड़े से भी चोदते थे।
गोविन्द जी बहुत चोदू है और अब तक वो अपने घर में कई लड़कियों और औरतों को चोद चुके थे और अब जब कि उनकी काफ़ी उमर हो गई थी मौका पाते ही कोई ना कोई औरत को पटा कर अपना बिस्तर गर्म कराते थे।

गोविंदजी का लंड की लम्बाई करीब साढे आठ इन्च लम्बा और मोटाई करीब साढे तीन इन्च है और वो जब कोई औरत की चूत में अपना लंड डालते थे तो 25-30 मिनट के पहले वो झड़ते नहीं है। इसलिये जो औरत उनसे अपनी चूत चुदवा लेती है फिर दोबारा मौका पाते ही उनका लंड अपनी चूत में पिलवा लेती है।

आज निशा का सुहागरात है। परसों ही उसकी शादी मुकेश के साथ हुई थी। निशा इस समय अपने कमरे में सज धज कर बैठी अपनी पति का इन्तज़ार कर रही है। उसकी पति कैसे उसके साथ पेश आयेगा, ये सोच सोच कर निशा का दिल जोर जोर से धड़क रहा है। सुहागरात में क्या क्या होता है, यह उसको उसकी भाभी और सहेलियों ने सब बता दिया था।

निशा को मालूम है कि आज रात को उसके पति कमरे में आ कर उसको चूमेगा, उसकी चुची को दबायेगा, मसलेगा और फिर उसके कपड़ों को उतार कर उसको नंगी करेगा। फिर खुद अपने कपड़े उतर कर नंगा हो जायेगा। इसके बाद, उसका पति अपने खड़े लंड से उसकी चूत की चटनी बनते हुए उसको चोदेगा।

वैसे तो निशा को चुदवाने का तजुरबा शादी के पहले से ही है। निशा अपने कॉलेज के दिनो में अपने क्लास के कई लड़कों का लंड अपने चूत में उतरवा चुकी है। एक लड़के ने तो निशा को उसकी सहेली के घर ले जा कर सहेली के सामने ही चोदा था और फिर सहेली कि गांड भी मारी थी।

एक बार तो निशा अपने एक सहेली के घर पर शादी में गई हुई थी। वहाँ उस सहेली के भाई, सुरेश, ने उसको अकेले में छेड़ दिया था और निशा की चुची दबा दिया। निशा ने तो सिर्फ़ मुसकुरा दिया था। फिर सहेली के भाई ने आगे बढ कर निशा को पकड़ लिया और चूम लिया। तब निशा ने भी बढ कर सहेली के भाई को चूम लिया।

तब सुरेश ने निशा के ब्लाऊज के अन्दर हाथ डाल उसकी चुची मसलने लगा और निशा भी गर्म हो कर अपनी चुची मसलवाने लगी और एक हाथ से उसके पेण्ट के ऊपर से उसके लंड पर रख दिया। तब सुरेश ने निशा को पकड़ कर छत पर ले गया। छत पर कोई नहीं था, क्योंकि सारे घर के लोग नीचे शादी में व्यस्त थे।

छत पर जा कर सुरेश ने निशा को छत कि दीवार के सहारे खड़े कर दिया और निशा से लिपट गया। सुरेश एक हाथ से निशा कि चुची दबा रहा था और दूसरा हाथ साड़ी के अन्दर डाल कर उसकी बुर को सहला रहा था। थोड़ी देर में ही निशा गर्मा गई और उसके मुंह से तरह तरह कि आवाज निकलने लगी।

फिर जब सुरेश ने निशा कि साड़ी उतरना चाहा तो निशा ने मना कर दिया और बोली- नहीं सुरेश हमको एकदम से नंगी मत करो। तुम मेरी साड़ी उठा कर, पीछे से अपना गधे जैसा लंड मेरी चूत में पेल कर मुझे चोद दो।’
लेकिन सुरेश ना माना और उसने निशा को पूरी तरह नंगी करके उसको छत के मुंडेर से खड़े करके उसके पीछे जा कर अपना लंड उसकी चूत में पेल कर उसको खूब रगड़ रगड़ कर चोदा। चोदते समय सुरेश अपने हाथो से निशा कि चुची को भी मसल रहा था। निशा अपनी चूत कि चुदाई का बहुत मजा ले रही थी और सुरेश के हर धक्के के साथ साथ अपनी कमार हिला हिला कर सुरेश का लंड अपनी चूत में खा रही थी।

थोड़ी देर के बाद सुरेश निशा कि चूत चोदते चोदते झड़ गया। सुरेश के झड़ते ही निशा ने अपनी चूत से सुरेश का लंड निकल दिया और खुद सुरेश के सामने बैठ कर उसका लंड अपने मुंह में ले कर चाट चाट कर साफ़ कर दिया। थोड़ी देर के बाद निशा और सुरेश दोनों छत से नीचे आ गये।

आज निशा अपनी सुहागरात कि सेज पर अपनी कई बार की चुदी हुई चूत लेकर अपने पति के लिये बैठी थी। उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था क्योंकि निशा को डर था कि कहीं उसके पति को यह ना पता चल जाये कि निशा पहले ही चुदाई का आनन्द ले चुकी है। थोड़ी देर के बाद कमरे का दरवाजा खुला। निशा ने अपनी आंख तिरछी करके देखा कि उसके ससुरजी, गोविन्द जी, कमरे में आये हुए है। निशा का माथा ठनका, कि सुहागरात के दिन ससुरजी को क्या काम आ गया है।

खैर निशा चुपचप अपने आप को सिकोड़े हुये बैठी रही। थोड़ी देर के बाद गोविन्द जी सुहाग की सेज के पास आये और निशा के तरफ़ देख कर बोला- बेटी मैं जानता हूं कि तुम अपने पति के लिये इनतजार कर रही हो। आज के सब लड़के अपने पति का इन्तजार कराती है। इस दिन के लिये सब लड़कियों का बहुत दिनो से इन्तजार रहता है। लेकिन तुम्हारा पति, मुकेश, आज तुमसे सुहागरात मनाने नहीं आ पायेगा। अभी अभी थाने से फोन आया था और वह अपनी यूनिफ़ार्म पहन कर थाने चला गया। जाते जाते, मुकेश यह कह गया कि शहर के कई भाग में डकैती पड़ी है और वोह उसकी छानबीन करने जा रहा है। लेकिन बेटी तू बिल्कुल चिन्ता मत करना। मैं तेरी सुहागरात खाली नहीं जाने दूंगा।’

निशा अपने ससुरजी की बात सुन तो लिया पर अपने ससुर कि बात उसके दिमाग में नहीं घुसी, और निशा अपना चेहरा उठा कर अपने ससुर को देखाने लगी। गोविन्द जी ने आगे बढ कर निशा को पलंग पर से उठा लिया और जमीन पर खड़े कर दिया।

तब गोविन्द जी मुसकुरा कर निशा से बोले- घबराना नहीं, मैं तुम्हारा सुहागरात बेकार जाने नहीं दूंगा, कोई बात नहीं, मुकेश नहीं तो क्या हुआ मैं तो हूं।’
इतना कह कर गोविन्द जी आगे बढ कर निशा को अपने बाहों में भर कर उसकी होठों पर चूम्मा दे दिया।

जैसे ही गोविन्द जी ने निशा के होठों पर चूम्मा दिया, निशा चौंक गई और अपने ससुरजी से बोली- यह आप क्या कर रहे है। मैं तो आपके बेटे कि पत्नी हूं और उस लिहाज से मैं आप कि बेटी लगती हूं और आप मुझको चूम रहे है?’
गोविन्द जी ने तब निशा से कह- पागल लड़की, अरे मैं तो तुम्हारी सुहागरात बेकार ना जाये इसालीये तुमको चूमा। अरे लड़कियाँ जब शादी के पहले जब शिव लिंग पर पानी चढाते है तब वो क्या मांगती है? वो मांगती है कि शादी के बाद उसका पति उसको सुहागरात में खूब रगड़े। समझी?

निशा ने अपना चेहरा नीचे करके पूछा- मैं तो सब समझ गई, लेकिन सुहागरात और रगड़ने वाली बात नहीं समझी।’ गोविन्द जी मुसकुरा कर बोले- अरे बेटी इसमे ना समझने कि क्या बात है? तू क्या नहीं जानती कि सुहागरात में पति और पत्नी क्या क्या करते है? क्या तुझे यह नहीं मालूम कि सुहागरात में पति अपने पत्नी को कैसे रगड़ता है?’
निशा अपनी सिर को नीचे रखती हुइ बोली- हाँ, मालूम तो है कि पहली रात को पति और पत्नी क्या क्या करते और करवाते हैं। लेकिन, आप ऐसा क्यों कह रहे है?

तब गोविन्द जी ने आगे बढ कर निशा को अपनी बांहो में भर लिया और उसके होठों को चूमते हुए बोले- अरे बहू, तेरा सुहागरात खाली ना जाये, इसलीये मैं तेरे साथ वो सब काम करुंगा जो एक आदमी और औरत सुहागरात में कराते हैं।

निशा अपनी ससुर के मुंह से उनकी बात सुन कर शर्मा गई और अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया और अपने ससुर से बोली- यह बात आप कह रहे है। मैं आपके बेटे कि पत्नी हूं और इस नाते से मैं अपकी बेटी समान हूं और मुझसे आप ये क्या कह रहे है?
तब गोविन्द जी अपने हाथो से निशा कि चुची को पकड़ कर दबाते हुए बोले- हाँ, मैं जानता हूं कि तू मेरी बेटी के समान है। लेकिन मैं तुझे अपने सुहागरात में तड़पते नहीं देख सकता और इसलिये मैं तेरे पास आया हूं।

तब निशा अपने चेहेरे से अपना हाथ हटा कर बोली- ठीक है बाबूजी, आप मेरे से उमर में बड़े है। आप जो ही कह रहे है, ठीक ही कह रहे है। लेकिन घर में आप और मेरे सिवा और भी तो लोग है।
निशा का इशारा अपने सासू मां के लिये था।

तब गोविन्द जी ने निशा कि चुची को अपने हाथो से ब्लाऊज के उपर से मलते हुए कह- निशा तुम चिंता मत करो। तुम्हारी सासू मां को सोने से पहले दूध पीने कि आदत है, और आज मैंने उनको दूध में दो नींद की गोली मिला कर उनको पिला दिया है। अब रात भर वो आरम से सोती रहेंगी।

तब निशा ने अपने हाथो से अपने ससुरजी की कमर पकड़ते हुए बोली- अब आप जो भी करना है कीजिए, मैं मना नहीं करुंगी।

तब गोविन्द जी निशा को अपने बाहों में भींच लिया और उसके मुंह को बेतहाशा चूमने लगे और अपने दोनों हाथों से उसकी चुची को पकड़ कर दबाने लगे। निशा भी चुप नहीं थी। वो अपने हाथो से अपने ससुर का लंड उनके कपड़े के ऊपर से पकड़ कर मुठ मार रही थी।
गोविन्द जी अब रुकने के मूड में नहीं थे, उन्होंने निशा को अपने से अलग किया और उसकी साड़ी का पल्लू को कंधे से नीचे गिरा दिया। पल्लू को नीचे गिराते ही निशा की दो बड़ी बड़ी चुची उसके ब्लाऊज के ऊपर से गोल गोल दिखाने लगी। उन चुची को देखते ही गोविन्द जी उन पर टूट पड़े और अपना मुंह उस पर रगड़ने लगे।

निशा कि मुंह से ओह! ओह! अह! क्या कर रहे हो की आवाजे आने लगी।

थोड़ी देर के बाद गोविन्द जी ने निशा कि साड़ी उतार दिया और तब निशा अपने पेटीकोट पहने ही दौड़ कर कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। लेकिन जब निशा कमरे कि लाईट बुझाना चाहा तो गोविन्द जी ने मना कर दिया और बोले- नहीं बत्ती मत बंद करो। पहले दिन रोशनी में तुम्हारी चूत चोदने में बहुत मजा आयेगा।’

निशा शर्मा कर बोली- ठीक है मैं बत्ती बंद नहीं करती, लेकिन आप भी मुझको बिल्कुल नंगी मत कीजियेगा।’

‘अरे जब थोड़ी देर के बाद तुम मेरा लंड अपनी चूत में पिलवाओगी तब नंगी होने में शरम कैसी। चलो इधर मेरे पास आओ, मैं अभी तुमको नंगी कर देता हूं।’ निशा चुपचाप अपना सर नीचे किये अपने ससुर के पास चली आई।

जैसे ही निशा नज़दीक आई, गोविन्द जी ने उसको पकड़ लिया और उसके ब्लाऊज के बटन खोलने लगे। बटन खुलते ही निशा कि बड़ी बड़ी गोल गोल चुची उसके ब्रा के उपर से दिखाने लगी। गोविन्द जी अब अपना हाथ निशा के पीछे ले जकर निशा कि ब्रा का हुक भी खोल दिया। हुक खुलते ही निशा कि चुची बाहर गोविन्द जी के मुंह के सामने झूलने लगी। गोविन्द जी ने तुरंत उन चुची को अपने मुंह में भर लिया और उनको चूसने लगे। निशा कि चुची को चूसते चूसते वो निशा कि पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया और पेटीकोट निशा के नितम्बों से सरकते हुए निशा के पैर के पास जा गिरा। अब निशा अपने ससुर के समने सिर्फ़ अपने पेण्टी पहने खड़ी थी। गोविन्द जी ने झट से निशा कि पेण्टी भी उतर दी और निशा बिल्कुल नंगी हो गई। नंगी होते ही निशा ने अपनी चूत अपने हाथो से छुपा लिया और शरमा कर अपने ससुर को कनखियों से देखाने लगी। गोविन्द जी नंगी निशा के सामने जमीन पर बैठ गये और निशा कि चूत पर अपना मुंह लगा दिया। पहले गोविन्द जी अपने बहू कि चूत को खूब सूंघा। निशा कि चूत से निकलती सौंधी सौंधी खुशबु गोविन्द जी के नाक में भर गई। वो बड़े चाव से निशा कि चूत को सूंघने लगे। थोड़ी देर के बाद उन्होंने अपना जीव निकल कर निशा कि चूत को चाटना शुरु कर दिया। जैसे ही उनका जीव निशा कि चूत में घुसा, तो निशा जो कि पलंग के सहारे खड़ी थी, पलंग पर अपनी चूतड़ टिका दिया और अपने पैर फ़ैला कर अपनी चूत अपनी ससुर से चटवाने लगी। थोड़ी देर तक निशा कि चूत चाटने के बाद गोविन्द जी अपना जीव निशा कि चूत के अन्दर डाल दिया और अपनी जीव को घुमा घुमा कर चूत को चूसने लगे। अपनी चूत चाटने से निशा बहुत गर्म हो गई और उसने अपने हाथो से अपनी ससुर का सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी और उसके मुंह से सी सी की आवाजे निकलने लगी।

अब गोविन्द जी उठ कर निशा को पलंग पर पीठ के बल लेटा दिया। जैसे ही निशा पलंग पर लेटी, गोविन्द जी झपट कर निशा पर चढ कर बैठ गये और अपने दोनों हाथो से निशा कि चुची को पकड़ कर मसलने लगे। गोविन्द जी अपने हाथों से निशा कि चुची को मसाल रहे थे और मुंह से बोल रहे थे- मुझे मालूम था कि तेरी चुची इतनी मस्त होगी। मैं जब पहली बार तुझको देखाने गया था तो मेरा नज़र तेरी चुची पर ही थी और मैंने उसी दिन सोच लिया था इन चुची पर मैं एक ना एक दिन जरूर अपना हाथ रखूंगा और इनको रगड़ रगड़ कर दबाऊँगा। ‘हाय! अह! ओह! यह आप क्या कह रहे है? एक बाप होकर अपने लड़के के लिये लड़की देखते वक्त आप उसकी सिरफ़ चुची को घूर रहे थे। छीः कितने गन्दे है आप’ निशा मचलती हुई बोली। तब गोविन्द जी निशा को चूमते हुए बोले- अरे मैं तो गन्दा हूं ही, लेकिन तू क्या कम गन्दी है? अपने ससुर के सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई है और अपनी चुची को ससुर से मसलवा रही है? अब बाता कौन ज्यादा गन्दा है, मैं या तू?’ फिर गोविन्द जी ने निशा से पूछा- अच्छा यह बाता कि चुची मसलने से तेरा क्या हाल हो रहा है?’ निशा अपने ससुर से लिपट कर बोली- ‘ऊऊह्हह्हह और जोर से हाँ, ससुरजी और जोर से दबाओ बड़ा मजा आ रहा है मुझे, अपका हाथ औरतों की चुची से खेलने में बहुत ही माहीर है। आपको पता है कि औरतों की चुची कैसे दबाया जाता है। और जोर से दबाईये, मुझे बहुत मजा आ रहा है।

फिर निशा अपने ससुर को अपने हाथों से बांधते हुए बोली- अब बहुत हो गया है चुची से खेलना। आपको इसके आगे जो भी करने वाले हैन जल्दी कीजिये, कहीं मुकेश ना आ जाये और मेरी भी चूत में खुजली हो रही है।’ ‘अभी लो, मैं अभी तुझको अपने इस मोटे लंड से चोदता हूं। आज तुझको मैं ऐसा चोदुंगा कि तु जिंदगी भर याद रखेगी’ इतना कह कर गोविन्द जी उठकर निशा के पैरों के बीच उकड़ू हो कर बैठ गये।

ससुर जी को अपने ऊपर से उठते ही निशा ने अपनी दोनों टांगों को फ़ैला कर ऊपर उठा लिया और उनको घुटने से मोड़ कर अपना घुटना अपने चुची पर लगा लिया। इसासे निशा कि चूत पूरी तरह से खुल कर ऊपर आ गई और अपने ससुर के लंड अपनी चूत को खिलाने के लिये तैयार हो गई। गोविन्द जी भी उठ कर अपना धोiति उतार, चड्डी, कुरता और बनियान उतार कर नंगे हो गये और फिर से निशा के खुले हुए पैरो के बीच में आकर बैठ गये। तब निशा उठ कर अपने ससुर का तनतनाया हुअ लंड अपने नाज़ुक हाथों से पकड़ लिया और बोली- ऊओह्हह्हह ससुरजी कितना मोटा और सख्त है अपका यह।’ गोविन्द जी तब निशा के कान से अपना मुंह लगा कर बोले- मेरा क्या? बोल ना निशा, बोल’ गोविन्द जी अपने हाथों से निशा कि गदराई हुई चुची को अपने दोनों हाथों से मसाल रहे थी और निशा अपने ससुर का लंड पकड़ कर मुट्ठी में बांधते हुए बोली- आआअह्ह ऊओफ़्फ़फ़ ऊईईइम्म म्ममाआ ऊऊह्हह्ह ऊऊउह्ह! आपका यह पेनिस स्सास्सह्ह ऊऊम्माआह।’ गोविन्द जी फिर से निशा के कान पर धीरे से बोले- निशा हिन्दी में बोलो ना इसका नाम प्लीज’। निशा ससुर के लंड को अपने हाथों में भर कर अपनी नज़र नीची कर के अपने ससुर से बोली- मैं नहीं जानती, आप ही बोलीए ना, हिन्दी में इसको क्या कहते हैं।’ गोविन्द जी ने हंस कर निशा कि चुची को चूसते हुए बोले- अरे ससुर के सामने नंगी बैठी है और यह नहीं जानती कि अपने हाथ में क्या पकड़ रखी है? बोल बेटी बोल इसको हिन्दी में क्या कहते और इसासे अभी हम तेरे साथ क्या करेंगे।’

तब निशा ने शर्मा कर अपने ससुर के नगी छती में मुंह छुपाते हुए बोली- ससुर जी मैं अपने हाथों से आपका खड़ा हुआ मोटा लंड पकड़ रखा है, और थोड़ी देर के बाद आप इस लंड को मेरी चूत के अन्दर डाल कर मेरी चुदाई करेंगे। बस अब तो खुश है न आप। अब मैं बिल्कुल बेशरम होकर आपसे बात करुंगी।

इतना सुन कर गोविन्द जी ने तब निशा को फिर से पलंग पर पीठ के बल लेटा दिया और अपने बहू की टांगो को अपने हाथों से खोल कर खुद उन खुली टांगो के बीच बैठ गये। बैठने के बाद उन्होंने झुक कर निशा कि चूत पर दो तीन चूम्मा दिया और फिर अपना लंड अपने हाथों से पकड़ कर अपनी बहू कि चूत के दरवाजे पर रख दिया।

चूत पर लंड रखते ही निशा अपनी कमार उठा उठा कर अपनी ससुर के लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी। निशा कि बेताबी देख कर गोविन्द जी अपने बहू से बोले- रुक छिनाल रुक, चूत के सामने लंड आते ही अपनी कमार उचका रही है। मैं अभी तेरे चूत कि खुजली दूर करता हूं।

निशा तब अपने ससुर के छाती पर हाथ रख कर उनकी निप्पले के अपने अंगुलियों से मसलते हुए बोली- ऊऊह्हह ससुरजी बहुत हो गया है। अब बार्दाश्त नहीं हो रहा है आओ ना ऊऊओह्हह प्लीज ससुरजी, आओ ना, आओ और जल्दी से मुझको चोदो। अब देर मत करो अब मुझे चोदो ना और कितनी देर करेंगे ससुरजी। ससुर जी जल्दी से अपना यह मोटा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दीजिये। मैं अपनी चूत कि खुजली से पागल हुए जा रही हूं। जल्दी से मुझे अपने लंड से चोदिये। अह! ओह! क्या मस्त लंड है आपका।

गोविन्द जी अपना लंड अपने बहू कि चूत में ठेलते हुए बोले- वाह रे मेरी छिनाल बहू, तू तो बड़ी चुद्दकड़ है। अपने मुंह से ही अपने ससुर के लंड की तारीफ़ कर रही है और अपनी चूत को मेरा लंड खिलाने के लिये अपनी कमार उचका रही है। देख मैं आज रात को तेरे चूत कि क्या हालत बनाता हूं। साली तुझको चोद चोद कर तेरी चूत को भोसड़ा बना दूंगा!

और उन्होंने एक ही झटके के साथ अपना लंड निशा कि चूत में डाल दिया।

चूत में अपने ससुर का लंड घुसते ही निशा कि मुंह से एक हलकी सी चीख निकल गई और उसने अपने हाथों से अपने ससुर को पकड़ उनका सर अपनी चुची से लगा दिया और बोलने लगी- वाह! वह ससुर जी क्या मस्त लंड है आपका। मेरी तो चूत पूरी तरह से भर गई। अब जोर जोर से धक्का मार कर मेरी चूत कि खुजली मिटा दो। चूत में बहुत खुजली हो रही है।’

‘अभी लो मेरे चिनल चुद्दकड़ बहू, अभी मैं तेरी चूत कि सारी कि सारी खुजली अपने लंड के धक्के के साथ मिटाता हूं’ गोविन्द जी कमार हिला कर झटके के साथ धक्का मारते हुए बोले।

निशा भी अपने ससुर के धक्के के साथ अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी चूत में अपने ससुर का लंड लेते बोली- ओह! अह! अह! ससुरजी मजा आ गया। मुझे तो तारे नज़र आ रहे हैं। आपको वाकई में औरत कि चूत चोदने कि कला आती है। चोदिए चोदिए अपने बहू कि मस्त चूत में अपना लंड डाल कर खूब चोदिए। बहुत मजा मिल रहा है। अब मैं तो आपसे रोज़ अपनी चूत चुदवाऊँगी। बोलीये चोदेंगे ना मेरी चूत?

गोविन्द जी अपनी बहू की बात सुन कर मुसकुरा दिये और अपना लंड उसकी चूत के अन्दर बाहर करना जारी रखा। निशा अपनी ससुर के लंड से अपनी चूत चुदवा कर बेहाल हो रही थी और बड़बड़ा रही थी- आआह्हह्हह ससुरजीईए जोरर सीई। हन्नन्न सासयरजीए जूर्रर्रर जूर्रर्र से धक्कक्काअ लगीईई, औरर जोर्रर सीई चोदिईईए अपनी बहू की चूत्त को। मुझीई बहुत्तत्त अस्सह्ह्हाअ लाअग्ग रह्हह्हाअ हैईइ, ऊऊओह्ह्ह और जोर से चोदो मुझे आआहह्ह सौऊउर्रर्रजीए और जोर से करो आआह्हह और अन्दर जोर से। ऊऊओह्हह्ह दीआर्रर ऊऊओह्हह ऊऊफ़्फ़ आआह्ह आआह्हह ऊउईई आअह्हहह ऊम्मम्माआह्ह्ह ऊऊह्ह।’

थोड़ी देर तक जोर जोर के धक्को से अपने बहू की चूत चोदने के बाद गोविन्द जी ने अपना धक्को की रफ़्तार धीमी कर दिया और निशा की चुची को फिर से अपने हाथों में पकड़ कर निशा से पूछा- बहू कैसा लग रहा है अपने ससुर का लंड अपनी चूत में पिलवा कर?
तब निशा अपनी कमर उठा उठा कर चूत में लंड की चोट लेती हुइ बोली- ससुरजी अपसे चूत चुदवा कर मैं और मेरी चूत दोनों का हाल ही बेहाल हो गया है। आप चूत चोदने में बहुत एक्सपर्ट है बड़ा मजा आ रहा है मुझे ससुरजी, ऊओह्हह्हह ससुरजी आप बहुत अच्छा चोदते है आआह्हह ऊऊह्हह। ऊऊओफ़्फ़ ससुरजी आप बहुत ही एक्सपर्ट है और आपको औरतों कि चूत चोद कर औरतों को सुख देना बहुत अच्छी तरह से आता है। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है यूं ही हाँ, ससुर जी यूं ही चोदो मुझे आप बहुत अच्छे हो बस यू ही चुदाई करो मेरी ऊओह्हह्ह खूब चोदो मुझे।

गोविन्द जी भी निशा की बातों को सुन कर बोले- ले रण्डी, छिनाल ले अपने चूत में अपने ससुर का लंड का ठोक कर ले। आज देखते है कि तू कितनी बड़ी छिनाल चुद्दकड़ है। आज मैं तेरी चूत को अपने हलवी लंड से चोद चोद कर भोसड़ा बना दूंगा। ले मेरी चुदक्कड़ बहू ले मेरा लंड अपनी चूत में खा।
गोविंद जी इतना कह कर फिर से निशा कि चूत में अपना लंड जोर जोर से पेलने लगे और थोड़ी देर के बाद अपना लंड जड़ तक ठूंस कर अपनी बहू कि चूत के अन्दर झड़ गये।

निशा भी अपने ससुर कि लंड को चूत को उठा कर अपनी चूत में खाती खाती झड़ गई। थोड़ी देर तक दोनों ससुर और बहू अपनी चुदाई से थक कर सुस्त पड़े रहे।

थोड़ी देर के बाद निशा ने अपनी आंखे खोली और अपने ससुर और खुद को नंगी देख कर शर्मा कर अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया। तब गोविन्द जी उठ कर पहले बाथरूम में जा कर अपना लंड धो कर साफ़ करने के बाद फिर से निशा के पास बैठ गये और उसके शरीर से खेलने लगे। गोविन्द जी ने अपने हाथों से निशा का हाथ उसके चेहरे से हटा कर अपने बहू से पूछा- क्यों, छिनाल चुद्दकड़ रण्डी निशा मजा आया अपने ससुर के लंड से अपनी चूत चुदवा कर? बोल कैसा लगा मेरा लंड और उसके धक्के?
निशा अपने हाथों से अपने ससुर को बांध कर उनको चूमते हुए बोली- बाबूजी अपका लंड बहुत शानदार है और इसको किसी भी औरत कि चूत को चोद कर मजा देने कि कला आती है। लेकिन, सबसे अच्छा मुझे आपका चोदते हुए गन्दी बात करना लगा। सच जब आप गन्दी बात कराते है और चोदते है तो बहुत अच्छा लगता है।

गोविन्द जी ने अपने हाथों से निशा कि चुची को पकड़ कर मसलते हुए बोले- अरे छिनाल, जब हम गन्दा कम कर रहे है तो गन्दी बात करने में क्या फ़रक पड़ता है और मुझको तो चुदाई के समय गाली बकने कि आदत है। अच्छा अब बोल तुझे मेरा चुदाई कैसी लगी? मजा आया कि नहीं, चूत कि खुजली मिटी कि नहीं?’ निशा ने तब अपने हाथों से अपने ससुर का लंड पकड़ कर सहलाते हुए बोली- ससुरजी आपका लंड बहुत ही शानदार है और मुझे अपसे अपनी चूत चुदवा कर बहुत मजा आया। लगता है कि आपके लंड को भी मेरी चूत बहुत पसंद आई। देखिये ना, आपका लंड फिर से खड़ा हो रहा है। क्या बात है एक बार और मेरी चूत में घुसना चहता है क्या?
गोविंदजी ने तब अपने हाथ निशा कि चूत पर फेराते हुए बोले- साली कुतिया, एक बार अपने ससुर का लंड खा कर तेरी चूत का मन नहीं भरा, फिर से मेरा लंड खाना चाहती है? ठीक है मैं तुझको अभी एक बार फिर से चोदता हूं।’

गोविन्द जी कि बात सुन कर निशा झट से उठ कर बैठ गई और अपने ससुर के समने झुक कर अपने हाथ और पैर के बल बैठ कर अपने ससुर से बोली- बाबू जी, अब मेरी चूत में पीछे से अपना लंड डाल कर चोदिये। मुझे पीछे से चूत में लंड डलवाने में बहुत मजा आता है।’ गोविन्द जी ने तब अपने सामने झुकी हुई निशा की चूतड़ पर हाथ फेराते हुए निशा से बोले- साली कुत्ती तुझको पीछे से लंड डलवाने में बहुत मजा आता है? ऐसा तो कुतिया चुदवाती है, क्या तू कुतिया है?’ निशा अपना सिर पीछे घुमा कर बोली- हाँ मेरे चोदू ससुरजी मैं कुतिया हूं और इस समय आप मुझे कुत्ता बन कर मेरी चूत चोदेंगे। अब जल्दी भी करिये और शुरु हो जाओ जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डालिये।’ गोविन्द जी अपने लंड पर थूक लगाते हुए बोले- ले मेरी रण्डी बहू ले, मैं अभी तेरी फुदकती चूत में अपना लंड डाल कर उसकी खबार लेता हूं। साली तू बहुत चुद्दकड़ है। पता नहीं मेरा बेटा तुझको शान्त कर पायेगा कि नहीं।’ और इतना कहकर गोविन्द जी अपने बहू के पीछे जाकर उसकी चूत अपने अंगुलियों से फैला कर उसमे अपना लंड डाल कर चोदने लगे। चोदते चोदते कभी कभी गोविन्द जी अपना अंगुली निशा कि गांड में घुसा रहे थे और निशा अपनी कमार हिला हिला अपनी चूत में ससुर के लंड को अन्दर भर कर करवा रही थी। थोड़ी देर के चोदने के बाद दोनों बहू और ससुर जी झड़ गये। तब निशा उठ कर बाथरूम में जाकर अपना चूत और जांघे धोकर अपने बिस्तर पर आकर लेट गई और गोविन्द जी भी अपने कमरे जाकर सो गये।

अगले हफ़्ते मुकेश और निशा अपने हनीमून मनाने अपने एक दोस्त, जो कि शिमला में रहता है, चले गये। जैसे ही मुकेश और निशा शिमला एयरपोर्ट से बाहर निकले तो देखा कि मुकेश का दोस्त, गौतम और उसकी बीवी सुमन दोनों बाहर अपनी कार के साथ उनका इन्तज़ार कर रहे है। मुकेश और गौतम आगे बढ कर एक दूसरे के गले लग गये। फिर दोनों ने अपनी अपनी बीवियों से परिचय करवा दिया और फिर कार में बैठ कर घर की तरफ़ चल पड़े। घर पहुंच कर मुकेश और गौतम बैठक में बैठ कर पुरानी बातो में मशगूल हो गय और निशा और सुमन दूसरे कमरे में बैठ कर बाते करने लगे। थोड़ी देर के बाद मुकेश और गौतम अपनी बीवियों को बुलाकर उनसे कहा कि खाना लगा दो बहुत जोर की भूख लगी है। सुमन ने फटाफ़ट खाना लगा दिया और चारों डाईनिंग टेबल पर बैठ कर खाने लगे। खाना खाते समय निशा देख रही थी कि मुकेश सुमन को घूर घूर कर देख रहा है और सुमन भी धीरे धीरे मुसकुरा रही है। निशा को दाल में कुछ काला नज़र आया। लेकिन वो कुछ नहीं बोली।

अगले दिन सुबह गौतम नहा धो कर और नाश्ता करने के बाद अपने ऑफ़िस के लिये रवाना हो गया। घर पर निशा, मुकेश और सुमन पर बैठ कर नाश्ता करने के बाद गप लड़ा रहे थे। निशा ने आज सुबह भी ध्यान दिया कि मुकेश अभी भी सुमन को घूर रहा है और सुमन धीरे धीरे मुसकुरा रही है। थोड़ी देर के बाद निशा नहाने के लिये अपने कपड़े ले कर बाथरूम में गई। करीब आधे घण्टे के बाद जब निशा बाथरूम से नहा धो कर सिरफ़ एक तौलिया लपेट कर बथरूम से निकली तो उसने देखा कि सुमन सिरफ़ ब्लाऊज और पेटीकोट पहने टांगे फैला कर अपनी कुरसी पर फैली आधी लेटी और आधी बैठी हुई है और उसके ब्लाऊज के बटन सब के सब खुले हुए है मुकेश झुक कर सुमन की एक चुची अपने हाथों से पकड़ चूस रहा है और दूसरे हाथ से सुमन की दूसाड़ी चुची को दबा रहा है। निशा यह देख कर सन्न रह गई और अपनी जगह पर खड़ी कि खड़ी रह गई। तभी सुमन कि नज़र निशा पर पर गई तो उसने अपनी हाथ हिला कर निशा को अपने पास बुला लिया और अपनी एक चुची मुकेश से छुड़ा कर निशा की तरफ़ बढा कर बोली- लो निशा तुम भी मेरी चुची चूसो।’ मुकेश चुपचाप सुमन कि चुची चूसता रहा और उसने निशा कि तरफ़ देखा तक नहीं। सुमन ने फिर से निशा से बोली- लो निशा तुम भी मेरी चुची चूसो, मुझे चुची चुसवाने में बहुत मजा मिलता है तभी मैं मुकेश से अपनी चुची चुसवा रही हूं।’ निशा अब कुछ नहीं बोली और सुमन की दूसाड़ी चुची अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।

थोड़ी देर के बाद निशा ने देखा कि सुमन अपना हाथ आगे कर के मुकेश का लंड उसके पैजामे के ऊपर से पकड़ कर अपनी मुट्ठी में लेकर मारोड़ रही है और मुकेश सुमन कि एक चुची अपने मुंह में भर कर चूस रहा है। अब तक निशा भी गर्म हो गई थी। तभी सुमन ने मुकेश का पैजामे का नाड़ा खींच कर खोल दिया और मुकेश का पैजामा सरक कर नीचे गिर गया। पैजामा के नीचे गिरते ही मुकेश नंगा हो गया क्योंकि वो पैजामे के नीचे कुछ नहीं पहन रखा था। जैसे ही मुकेश मुकेश नंगा हो गया वैसे ही सुमन आगे बढ कर मुकेश का खड़े लंड को पकड़ लिया और उसका सुपारा को खोलने और बंद करने लगी और अपने होठों पर जीभ फेरने लगी। यह देख कर निशा ने अपने हाथों से पकड़ कर मुकेश का लंड सुमन के मुंह से लगा दिया और सुमन से बोली- लो सुमन, मेरे पति का लंड चूसो। लंड चूसने से तुम्हे बहुत मजा मिलेगा। मैं भी अपनी चूत मारवाने के पहले मुकेश का लंड चूसती हूं। फिर मुकेश भी मेरी चूत को अपने जीभ से चाटता है।’ जैसे ही निशा ने मुकेश का लंड सुमन के मुंह से लगाया वैसे ही सुमन ने अपनी मुंह खोल कर के मुकेश का लंड अपने मुख में भर लिया और उसको चूसने लगी। अब मुकेश अपनी कमार हिला हिला कर अपना लंड सुमन के मुंह के अन्दर बाहर करने लगा और अपने हाथों से सुमन कि दोनों चुची पकड़ कर मसलने लगा। तब निशा ने आगे बढ कर सुमन के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट का नाड़ा खुलते ही सुमन ने अपनी चूतड़ कुरसी पर से थोड़ा सा उठा दिया और निशा अपने हाथों से सुमन की पेटीकोट को खींच कर नीचे गिरा दिया। सुमन ने पेटीकोट के नीचे पेण्टी नहीं पहनी थी और इसालीये पेटीकोट खुलते ही सुमन भी मुकेश कि तरह बिल्कुल नंगी हो गई।

निशा ने सबसे पहले नंगी सुमन की जांघो को खोल दिया और उसकी चूत को देखाने लगी। सुमन की चूत पर झांटे बहुत ही करीने से हटाई गई थी और इस समय सुमन कि चूत बिल्कुल चमक रही थी। सुमन कि चूत से चुदाई के पहले निकलने वाला रस रिस रिस कर निकल रहा था। निशा झुक कर सुमन के सामने बैठ गई और सुमन कि चूत से अपनी मुंह लगा दिया। निशा का मुंह जैसे ही सुमन कि चूत पर लगा तो सुमन ने अपनी टांगे और फैला दिया और अपने हाथों से अपनी चूत को खोल दिया। अब निशा ने आगे बढ कर सुमन कि चूत को चाटना शुरु कर दिया। निशा अपनी जीभ को सुमन कि चूत के नीचे से लेकर चूत के ऊपर तक ला रही थी और सुमन मारे गर्मी के निशा का सर अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा रही थी। उधर मुकेश ने जैसे ही देखा कि निशा अपनी जीभ से सुमन कि चूत को चाट रही है तो उसने अपना लंड सुमन के मुंह से लगा कर एक हलका सा धक्का दिया और सुमन अपना मुंह खोल कर मुकेश का लंड अपने मुंह में भर लिया। नीचे निशा अपनी जीभ से सुमन कि चूत को चाट रही थी और कभी कभी सुमन के दाने को अपने दांतो से पकड़ कर हलके हलके से दबा रही थी।

थोड़ी देर तक सुमन कि चूत को चाटने और चूसने का बाद निशा उठ कर खड़ी हो गई और मुकेश का लंड पकड़ सुमन के मुंह से निकल दिया और सुमन से बोली- सुमन अब बहुत हो गया लंड चूसना और चूत चटवाना चलो अब अपने पैर कुरसी के हत्थो के ऊपर रखो और मुकेश का लंड अपने चूत में पिलवाओ। मुझे मालूम है कि अब तुम्हे मुकेश का लंड अपने मुंह में नहीं अपनी चूत के अन्दर चाहिये।’ और निशा ने अपने हाथों से अपने पति का खड़ा हुआ लंड सुमन कि गीली चूत कि ऊपर रख दिया। चूत पर लंड के रखते ही सुमन ने अपने हाथों से उसको अपनी चूत की छेद से भिड़ा दिया और मुकेश कि तरफ़ देख कर मुसकुरा कर बोली- लो अब तुम्हारी बीवी ने ही तुम्हारा लंड को मेरी चूत से भिड़ा दिया। अब देर किस बात का है। चलो चुदाई शुरु कर दो।’ इतना सुनते ही मुकेश ने अपना कमार हिला कर अपना तना हुआ लंड सुमन कि चूत के अन्दर उतार दिया। चूत के अन्दर लंड घुसते ही सुमन ने अपने पैर को कुरसी के हत्थों पर रख कर और फैला दिया और अपने हाथों से मुकेश का कमार पकड़ कर उसको अपनी तरफ़ खींच लिया। अब मुकेश अपने दोनों हाथों से सुमन कि दोनों चुची को पकड़ कर अपना कमार हिला हिला कर सुमन को चोदना शुरु कर दिया। सुमन अपनी चूत में मुकेश का लंड पिलवा कर बहुत खुश थी और वो मुड़ कर निशा से बोली,

‘निशा तेरे पति का लंड बहुत ही शानदार है, बहुत लम्बा और मोटा है। मुकेश का लंड मेरे बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है। तेरी ज़िन्दगी तो मुकेश से चुदवा कर बहुत आराम से कट रही होगी?’

निशा तब मुकेश का एक हाथ सुमन कि चुची पर से हटा कर सुमन कि चुची को मसलते हुए बोली- हाँ, मेरे पति का लंड बहुत ही शानदार है और मुझे मुकेश से चुदवाने में बहुत मजा मिलता है। मैं तो हर रोज़ तीन – चार बार मुकेश का लंड अपनी चूत में पिलवाती हूं। क्यों, गौतम तेरी चूत नहीं चोदता? कैसा है गौतम का लंड?’

सुमन बोली- गौतम का लंड भी अच्छा है और मैं हर रोज़ दो – तीन बार गौतम के लंड से अपनी चूत चुदवाती हूं। गौतम रोज़ रात को हमको रगड़ कर चोदता है और रात कि चुदाई के समय मैं कम से कम से चार-पांच बार चूत का पानी गिराती हूं। लेकिन मुकेश के लंड की बात ही कुछ और है। यह लंड तो मेरे बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है। असल में मुझे अपनी पति के अलावा दूसरे लंड से चुदवाने में बहुत मजा आता है और जब से मैंने मुकेश को देखा है, तभी से मैं मुकेश का लंड खाने के लिये लालायित थी। अब मेरी मन की मुराद पूरी हो गई है। अब शाम को जैसे ही गौतम ऑफ़िस से घर आयेगा उसका लंड मैं तेरी चूत में पिलवाऊँगी। तब देखना कि गौतम कैसे तुमको चोदता है। मुझे मालूम है कि गौतम के लंड को अपनी चूत से खाकर तुम बहुत खुश होगी।’ निशा चुपचाप सुमन कि बात सुनती रही और झुक कर मुकेश का लंड सुमन की चूत के अन्दर बाहर होना देखती रही। थोड़ी देर के बाद निशा झुक कर सुमन कि एक चुची अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी।

थोड़ी देर के बाद निशा को अहसास हुआ कि कोई उसके चूतड़ के ऊपर से उसकी तौलिया हटा कर उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़ने की कोशिश कर रहा है। निशा ने चौंक कर पीछे मुड़ कर देखा तो पाया कि उसकी चूत में लंड घुसेड़ने वला और कोई नहीं बल्कि गौतम है। हुआ यह कि गौतम के ऑफ़िस में किसी का देहान्त हो गया था और इसालीये ऑफ़िस में छुट्टी हो गई थी। इसलिये गौतम ऑफ़िस जाकर वापस आ गया था।

गौतम अब तक निशा कि बदन से उसकी तौलिया हटा कर अपना तन्नाया हुअ लंड निशा कि चूत में डाल चुका था और निशा की कमार को पकड़ के निशा की चूत में अपने लंड की ठोकर मारना शुरु हो गया था। गौतम जोर जोर से निशा कि चूत अपने लंड से चोद रहा था और अपने हाथों से निशा कि चुची को मसल रहा था। मुकेश इस समय सुमन को जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था और उसने अपना सिर घुमा कर जब निशा कि चुदाई गौतम के साथ होते देखा तो मुसकुरा दिया और गौतम से बोला- देख गौतम देख, मैं तेरे ही घर में और तेरे ही समने तेरी बीवी को चोद रहा हूं। तुझे तेरी बीवी कि चुदाई देख कर कैसा लग रहा है?’ गौतम ने तब निशा को चूमते और उसकी चुची को मलते हुए मुकेश से बोला- अबे मुकेश, तू क्या मेरी बीवी को चोद रहा है। अरे मेरी बीवी तो पुरानी हो गई है उसकी चूत मैं पिछले दो साल से रात दिन चोद रहा हूं। सुमन कि चूत तो अब काफ़ी फैल चुकी है। अबे तू देख मैं तेरे समने तेरी नई ब्याही बीवी को कुतिया कि तरह झुका कर उसकी टाईट चूत में अपना लंड डाल कर चोद रहा हूं। अब बोल किसे ज्यादा मजा मिल रहा है। सही में यार मुकेश, तेरी बीवी कि चूत बहुत ही टाईट है मगर तेरी बीवी बहुत चुद्दकड़ है, देख देख कैसे तेरी बीवी कि चूत ने मेरा लंड पकड़ रखा है।’ फिर गौतम निशा कि चुची को मसालते हुए निशा से बोला- ओह! ओह! मुझे निशा कि चूत चोदने में बहुत मजा मिल रहा है। अह! निशा रानी और जोर से अपनी गांड हिला कर मेरे लंड पर धक्का मार। मैं पीछे से तेरी चूत पर धक्का मार रहा हूं। निशा रानी बोल, बोल कैसा लग रहा मेरे लंड से अपनी चूत चुदवना। बोल मजा मिल रहा कि नहीं?’ तब निशा अपनी गांड को जोर जोर से हिला कर गौतम का लंड अपनी चूत को खिलाते हुए गौतम से बोली- चोदो मेरे राजा और जोर से चोदो। मुझे तुम्हारी चुदाई से बहुत मजा मिल रहा है। तुम्हारा लंड मेरे चूत की आखरी छोर तक घुस रहा है। ऐसा लग रहा कि तुम्हारा लंड का धक्का मेरी चूत से होकर मेरी मुंह से निकल पड़ेगा। और जोर से चोदो, और सुमन और मुकेश को दिखा दो कि चूत की चुदाई कैसे कि जाती है।’

गौतम और निशा कि चुदाई देखते हुए सुमन निशा से बोली- क्यों छिनाल निशा, गौतम का लंड पसन्द आया कि नहीं? मैं ना बोल रही थी कि गौतम का लंड बहुत ही शानदार है और गौतम बहुत अच्छी तरह से चोदता है? अब जी भर मस्त चुदवा ले अपनी चूत गौतम के लंड से। मैं भी अपनी चूत मुकेश से चुदवा रही हूं।’ मुकेश जोरदार धक्को के साथ सुमन को चोदते हुए बोला- यार गौतम, यह दोनों औरत बड़ी चुदासी है, चल आज दिन भर इनकी चूत चोद चोद कर इनकी चूतों को भोसड़ा बना देते हैं। तभी इनकी चूतों कि खुजली मिटेगी।’ इतना कह कर मुकेश सुमन कि चूत पर पिल पड़ा और दना दन चोदने लगा। गौतम भी पीछे नहीं था, वो अपना हाथों से निशा कि दोनों चुची पकड़ कर अपनी कमर के झटकों से निशा कि चूत चोदना चालू रखा। थोड़ी देर तक ऐसे ही चुदाई चलती रही और दोनों जोड़े अपने अपने साथियों की जम कर चुदाई चालू रखी और थोड़ी देर के बाद दोनों जोड़े साथ ही झड़ गये। जैसे ही मुकेश और गौतम सुमन और निशा कि चूत के अन्दर झड़ने के बाद अपना अपना लंड बाहर निकाला तो दोनों का लंड सफ़ेद सफ़ेद पानी से सना हुआ था और उधर सुमन और निशा कि चूतों से भी सफ़ेद सफ़ेद गाढा पानी निकल रहा था। झट से सुमन और निशा उठ कर अपने अपने पतियों का लंड अपने मुंह में भर कर चूस चूस कर सफ़ किया और फिर एक दूसरे की चूत में मुंह लगा कर अपने अपने पतियों का वीर्य चाट चाट कर साफ़ किया। थोड़ी देर के बाद मुकेश और गौतम का सांस नोरमल हुआ और उठ कर एक दूसरे के गले लग गये और बोले। ‘यार एक दूसरे की बीवीयों को चोदने का मजा ही कुछ अलग है। अब जब तक हमलोग एक साथ है बीवीयों को अदल बदल करके ही चोदेंगे।’

थोड़ी देर के बाद सुमन और निशा अपनी कुरसी से उठ कर खड़ी हो गई और तौलिया से अपनी चूत और जांघे पोंछ कर नंगी ही किचन कि तरफ़ चल पड़ी। उनको नंगी जाते देख कर मुकेश और गौतम का लंड खड़े होना शुरु कर दिया। थोड़ी देर के बाद सुमन और निशा नंगी ही किचन से चाय और नाश्ता ले कर कमरे में आई और कुर्सी पर बैठ गई। मुकेश और गौतम भी नंगे ही कुरसी पर बैठ गये। थोड़ी देर के बाद सुमन झुक कर प्याली में चाय पलटने लगी। सुमन के झुकने से उसकी चुची दोनों हवा ने झूलने लगे। यह देख कर मुकेश ने आगे बढ कर सुमन कि चुची को पकड़ लिया और उन्हे दबाने लगा। यह देख कर निशा अपनी कुरसी से उठ कर खड़ी हो गई और गौतम के नंगे गोद पर जा कर बैठ गई। जैसे ही निशा गोद में बैठी गौतम ने अपने हाथों से निशा को जकड़ लिया और उसकी चुची को दबाने लगा। निशा झुक कर गौतम के लंड को पकड़ कर सहलाने लगे और थोड़ी देर के गौतम के लंड को अपने मुंह में भर लिया। यह देख कर सुमन चाय बनना छोड़ कर मुकेश के पैरो के पस बैठ गई उसने भी मुकेश का लंड अपने मुंह में भर लिया। थोड़ी देर के बाद मुकेश ने अपने हाथों से सुमन को खड़े किया और उसको टेबल के सहारे झुका कर सुमन कि चूत में पीछे से जाकर अपना लंड घुसेड़ दिया। सुमन एक हल्की से सिसकरी भर कर अपने चूतड़ हिला हिला अपनी चूत में मुकेश का लंड पिलवती रही और वो खुद निशा और गौतम को देखने लगी। मुकेश और सुमन को फिर से चुदाई शुरु करते देख गौतम भी अपने आप को रोक नहीं पाया और उसने निशा को अपनी गोद से उठा कर फिर से उसके दोनों पैर अपने दोनों तरफ़ करके बैठा लिया। इस तरीके से निशा की चूत ठीक गौतम के लंड के सामने थी। निशा ने अपने हाथों से गौतम के लंड को पकड़ कर अपनी चूत से भिड़ा कर गौतम के गोद पर झटके साथ बैठ गई और गौतम का लंड निशा कि चूत के अन्दर चला गया। निशा अब गौतम के गोद पर बैठ कर अपनी चूतड़ उठा उठा कर गौतम के लंड का धक्का अपनी चूत पर लेने लगी। कमरे सिर्फ़ फस्सह, फस्सह का आवाज गूंज रही थी और उसके साथ साथ सुमन और निशा की सिसकियाँ।

मुकेश थोड़ी देर तक सुमन कि चूत पीछे से लंड डाल कर चोदता रहा। थोड़ी देर के बाद उसने अपनी एक अंगुली में थूक लग कर सुमन कि गांड में अंगुली करने लगा। अपनी गांड में मुकेश कि अंगुली घुसते ही सुमन ओह! ओह! है! कर उठी। उसने मुकेश से बोली- क्या बात है, अब मेरी गांड पर भी तुम्हारी नज़र पड़ गई है। अरे पहले मेरी चूत कि आग को शान्त करो फिर मेरी गांड कि तरफ़ देखना।’ लेकिन मुकेश अपनी अंगुली सुमन की गांड के छेद पर रख कर धीरे धीरे घुमाने लगा। थोड़ी देर के बाद मुकेश ने अपनी अंगुली सुमन कि गांड में घुसेड़ दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा। सुमन भी अपना हाथ नीचे ले जाकर अपनी चूत कि घुण्डी को सहलाने लगी। जब अपनी थूक और अंगुली से मुकेश ने सुमन कि गांड कि छेद काफ़ी गीली कर ली तब मुकेश ने अपने लंड पर थूक लगाकर सुमन कि गांड की छेद पर रखा। अपनी गांड में मुकेश का लंड छूते ही सुमन बोल पड़ी- अरे अरे क्या कर रहे हो। मुझे अपनी गांड नहीं चुदवाना है। मुझे मालूम है कि गांड मरवाने से बहुत तकलीफ़ होती है। हटो, मुकेश हटो अपना लंड मेरी गांड से हटा लो।’ लेकिन तब तक मुकेश ने अपना खड़े हुअ लंड सुमन कि गांड के छेद पर रख कर दबाने लगा था और थोड़ी से देर के बाद मुकेश का लंड का सुपारा सुमन कि गांड कि छेद में घुस गया। सुमन चिल्ला पड़ी- अर्रर्रीईए माआर्रर्र डालाआआ, ओह! ओह! रमेस्सास्सह्हह निकल्लल्लल्ल लूऊ अपनाआ म्मूस्सास्साअर्रर ज्जजाआईस्सास्साअ लंड्दद्दद म्ममीर्ररीई गाआनद्दद सीई। मैईई मार्रर्र जौनगीईए।’

लेकिन मुकेश कहना सुनने वाला था। वो अपना कमर घुमा कर के और अपना लंड को हाथ से पकड़ के एक धक्का मारा तो उसका आधा लंड सुमन कि गांड में घुस गया। सुमन छटपटाने लगी।

थोड़ी देर के बाद मुकेश थोड़ा रुक कर एक धक्का और मारा तो उसका पूरा का पूरा लंड सुमन कि गांड में घुस गया और वो झुक कर एक हाथ से सुमन की चुची सहलने लगा और दूसरे हाथ से सुमन की चूत में अंगुली करने लगा। लेकिन सुमन मारे दर्द के छटपटा रही थी और बोल रही थे- अबे साले भड़ुवे गौतम, देखो तुम्हारे सामने तुम्हारि बीवी कि गांड कैसे तुम्हारा दोस्त जबरदस्ती से मार रहा है। तुम कुछ करते क्यों नहीं। अब मेरी गांड आज फट जायेगी। लग रहा है आज इस चोदु मुकेश मेरी गांड मार मार कर मेरी गांड और बुर एक कर देगा। गौतम प्लीज तुम मुकेश से मुझे बचाओ।’ तब मुकेश अपने अंगुलियों से सुमन की चूत में अंगुली करते हुए सुमन से बोला- अरे सुमन रानी, बस थोड़ी देर तक सबर करो, फिर देखना आज गांड मरवाने ने तुम्हे कितना मजा मिलता है। आज मैं तुम्हारी गांड मार कर तुम्हारी चूत का पानी निकालूगा। बस तुम ऐसे ही झुक कर खड़ी रहो।’ मुकेश की बात सुन कर गौतम अपना लंड से निशा कि चूत चोदता हुअ सुमन से बोला- रानी, आज तुम मुकेश का मोटा लंड अपनी गांड डलवा कर खूब मज़े उड़ाओ, मैं भी अभी अपना लंड मुकेश की नई बीवी कि गांड में घुसेड़ता हूं और फिर निशा की गांड मारता हूं। मैं निशा की गांड मार कर तुम्हारी गांड मारने का बदला निकलता हूं।’ निशा जैसे ही गौतम की बात सुनी तो बोल पड़ी- अरे वाह क्या हिसाब है, मुकेश आज मौका पा कर सुमन कि गांड मार रहा है और उसकी कीमत मुझे अपनी गांड मारवा कर चुकनी पड़ेगी। नहीं मैं तो अपनी गांड में लंड नहीं पिलवती। गौतम तुम मेरी गांड के बजाय मुकेश कि गांड मार कर अपना बदला निकालो।’ गौतम तब निशा से बोला- नहीं मेरी चुद्दकड़ रानी, जिस तरह से मुकेश ने मेरी बीवी कि गांड में अपना लंड घुसेड़ कर मेरी बीवी की गांड मार रहा है, मैं भी उसी तरह से मुकेश कि बीवी की गांड में अपना लंड घुसेड़ कर मुकेश कि बीवी कि गांड मारुंगा और तभी मेरा बदला पूरा होगा।’ इतना कह कर गौतम ने अपना लंड निशा कि चूत से निकाल लिया और उसमे फिर से थोड़ा थूक लगा कर निशा कि गांड से भिड़ा दिया। निशा अपनी कमर इधर उधर घुमाने लगी लेकिन गौतम ने अपने हाथों से निशा की कमर पकड़ कर अपना लंड का आधा सुपारा निशा कि गांड कि छेद में डाल दिया। निशा दर्द के मारे छटपटाने लगी।

निशा अपनी गांड से गौतम का लंड को निकालने कि कोशिश कर रही थी और गौतम अपने लंड को निशा कि गांड में घुसेड़ने कि कोशिश कर रहा था। इसी दौरान गौतम ने एक बार निशा कि कमर को कस कर पकड़ लिया और अपनी कमर हिला करके एक धक्का मारा तो उसके लौड़े का सुपारा निशा कि गांड कि छेद में घुस गया। फिर गौतम ने जलदी से एक और जोरदार धक्का मारा तो उसका पूरा का पूरा लंड निशा की गांड में घुस गया और गौतम की झांटे निशा कि चूतड़ को छूने लगी। अपनी गांड ने गौतम का लंड के घुसते ही निशा जोर से चीखी और चिल्ला कर बोली- साले बहनचोद, दूसरे कि बीवी कि गांड मुफ़्त में मिल गया तो क्या उसको चोदना जरूरी है? भोसड़ी के निकाल अपना मूसल जैसा लंड मेरी गांड से और जा अपना लंड अपनी मा कि गांड में या उसकी बुर में घुसा दे। अरे मुकेश तुमहे दिख नहीं रहा है, तुम्हारा दोस्त मेरी गांड फाड़ रहा है? अरे कुछ करो भी, रोको गौतम को, नहीं तो गौतम मेरी गांड मार मार कर मुझे गांडु बना देगा फिर तुम भी मेरी चूत छोड़ कर के मेरी गांड ही मारना।’ मुकेश अपना लंड सुमन की गांड के अन्दर बाहर कराते निशा से बोला- अरे रानी, क्यों चिल्ला रही हो। गौतम तुम्हे अभी छोड़ देगा और एक-दो गांड मारवने से कोइ गांडु नहीं बन जाता है। देखो ना मैं भी कैसे गौतम कि बीवी कि गांड ने अपना लंड अन्दर बहर कर रहा हूं। तुमको अभी थोड़ी देर के बाद गांड मारवने में भी बहुत मजा मिलेगा। बस चुपचाप अपनी गांड में गौतम का लंड पिलवाती जाओ और मजा लूटो। इतना सुनते ही गौतम ने अपना हाथ आगे बढा कर निशा कि एक चुची पकड़ कर मसलने लगा और अपना कमर हिला हिला कर अपना लंड निशा कि गांड के अन्दर बाहर करने लगा। थोड़ी देर के निशा को भी मजा आने लगा और वो अपनी कमर चला चला कर गौतम का लंड अपनी गांड से खाने लगी। थोड़ी देर के बाद मुकेश और गौतम दोनों ही सुमन और निशा कि गांड में अपना लंड के पिचकारी से भर दिया और सुस्त हो कर सोफ़ा में लेट गये।

इस तरह से मुकेश और निशा जब तक गौतम और सुमन के घर पर रुके रहे तब तक दोनों दोस्त एक दूसरे कि बीवीयों की चूत चोद चोद कर मजा मारते रहे। कभी कभी तो दोनों दोस्त निशा या सुमन को एक साथ चोदते थे। एक बिस्तर पर लेट कर नीचे से अपना लंड चूत में डालता था और दूसरा अपना लंड ऊपर से गांड में डालता था। निशा और सुमन भी हर समय अपनी चूत या गांड मरवाने के लिये तैयार रहती थी। जब सब लोग घर के अन्दर रहते थे तो सभी नंगे ही रहते थे। निशा और सुमन भी नंगी हो कर ही चाय या खाना बनाती थी और जब भी मुकेश या गौतम उनके पास अता था तो वो झुक कर उनका लंड अपने मुंह में भर कर चूसती थी और जैसे ही लंड खड़े हो जाता था तो खुद अपने हाथों से खड़े लंड को अपनी चूत से भिड़ा कर खुद धक्का मार कर अपनी चूत में भर लेती थे। एक हफ़्ता तक निशा और मुकेश अपने दोस्त के घर बने रहे और फिर वापस अपने घर के लिये चल पड़े।

जब प्लेन में मुकेश और निशा अपने घर के लिये जा रहे थे तो मुकेश ने निशा से पूछा, क्यों निशा रानी, एक बात सही सही बातओ, कौन ज्यादा अच्छा चोदता है, मैं, गौतम या पिताजी?’ मुकेश का बात सुन कर निशा बिल्कुल अचम्भित हो गई, फिर उसने धीरे से पूछा- पिताजी से चुदाई कि बात तुमको कैसे मालूम? तुम तो अपनी सुहागरात पर ड्यूटी पर थे?’ तब मुकेश धीरे से निशा को चूमते हुए बोला- हाँ, तुम ठीक कह रही हो, मुझे उस दिन ड्यूटी पर जाना पड़ा। जब हम अपनी ड्यूटी से करीब एक घण्टे के बाद लौटा तो देखा तुम पिताजी का लंड पकड़ चूस रही हो और पिताजी तुम्हारी चूत में अपनी अंगुली पेल रहे है। यह देख मैं चुपचाप कमरे के बहर खड़े हो कर तुम्हे और पिताजी का चुदाई खत्म होते वक्त तक देखा और फिर लौट गया और सुबह ही घर पर आया।’

‘क्या तुम मुझसे नाराज़ हो’ निशा धीरे से मुकेश से पूछा।

‘नहीं, मैं तुम से बिल्कुल भी नाराज नहीं हूं। तुमने पिताजी को अपनी चूत दे कर एक बहुत बड़ा उपकार किया है’ मुकेश बोला। निशा यह सुन कर बोली- वो कैसे’। तब मुकेश बोला- अरे हमारी माताजी अब बुड्ढी हो गई है और उनको टांगे उठाने में तकलीफ़ होते है, लेकिन पिताजी अभी भी जवान हैन। उनको अगर घर पर चूत नहीं मिलती तो वो जरूर से बाहर जाकर अपना मुंह मारते। उसमे हम लोगो कि बदनामी होती। हो सकता कि पिताजी को कोई बिमारी ही हो जाती। लेकिन अब यह सब नहीं होगा क्योंकि उनको घर पर ही तुम्हारी चूत चोदने को मिल जाया करेगा।’

‘तो क्या मुझको पिताजी से घर में बार बार चुदवाना पड़ेगा?’ निशा ने पलट कर मुकेश से पूछा।

‘नहीं बार बार नहीं, लेकिन जब उनकी मरज़ी हो तुम उनको अपनी चूत देने से मना मत करना।’

‘लेकिन अगर तुम्हारी माताजी ने देख लिया तो?’ निशा ने पूछा।

‘तब की बात तब देखी जायेगी’ मुकेश ने कहा।

फिर निशा और मुकेश अपने घर आ गये और वे अपने अपने कम पर लग गये। मुकेश अब पूरी तरह से ड्यूटी करता और रात को निशा को नंगी करके खूब चोदता था। गोविन्द जी भी कभी कभी निशा को मौका देख चोद लेते थे। फिर कुछ दिनो के बाद निशा और मुकेश साथ साथ निशा के मैके गये। ससुराल में मुकेश का बहुत आव-भगत हुअ। निशा के जितने रिशतेदार थे उन सभी ने मुकेश और निशा को खाने पर बुलया। मुकेश और निशा को मज़े ही मज़े थे। अपने ससुराल पर भी मुकेश निशा को रात को दो-तीन दफ़ा जरूर चोदता था और कभी मौका मिल गया तो दिन को निशा को बिसतर पर लेटा कर चुदाई चालू कर देता था। एक दिन मुकेश पास की किसी दुकन पर गया हुआ था। निशा कमरे में बैठ कर पेपर पढ़ रही थी। एकाएक निशा को अपनी मा, रजनी जी के रोने कि अवाज़ सुनाई दिया। निशा भाग कर अन्दर गई तो देखा कि रजनी जी भगवानजी के फोटो सामने खड़ी खड़ी रो रही है और भगवानजी से बोल रही है,

‘भगवन तुमने ये क्या किया। तुम मेरे पति इतनी जल्दी क्यों उठा लिया और अगर उनको उठा लिया तो मेरी बदन में इतना गर्मी क्यों भर दिया। अब मैं जब जब अपनी लड़की और दामाद कि चुदाई देखती हूं तो मेरी शरीर में आग लग जती है। अब क्या करूं? कोइ रास्ता तुम्ही दिखला दो, मैं अपनी गर्म शरीर से बहुत परेशान हो गई हूं।’ निशा समझ गई कि क्या बात है। वो झट अपनी मा के पास जकर मा को अपने बाहों में भर लिया और पीछे से चूमते हुए बोली,

‘मा तुमको इतना दुख है तो मुझसे क्यों नहीं बोली?’ रजनी जी अपने आपको निशा से चुराते हुए बोली,

‘मैं अगर तुझे बता भी दूं तो तू क्या कर लेती? तुम भी तो मेरी ही तरह से एक औरत हो?’

‘अरे मुझसे कुछ नहीं होता तो क्या तुम्हारा दामाद तो है? तुम्हारा दामाद ही तुमको शान्त कर देगा’ निशा अपनी मा को फिर से पकड़ कर चूमते हुए बोली।

‘क्या बोली तू, अपने दामाद से मैं अपनी जिस्म कि भूख शान्त करवाऊँगी? तेरा दिमाग तो ठीक है?’ रजनी जी अपनी बेटी निशा से बोली। तब निशा अपने हाथों से अपनी मा कि चुची को पकड़ कर दबाते हुए बोली- इसमे क्या हुआ? तुम जिस्म कि भूख से मरी जा रही हो, और तुम्हारा दामाद तुम्हारी जिस्म कि भूख को नहीं मिटा सकता है क्या?, अगर तुम्हारी जगह मैं होती तो मैं अपने दामाद के समने खुद लेट जाती और उससे कहती आओ मेरे प्यारे दामादजी मेरे पास आओ और मेरी जिस्म की आग बुझाओ।’

‘चल हट बड़ी चुद्दकड़ बन रही है, मुझे तो यह सोच कर ही शरम आ रही है, कि मैं अपनी दामाद के सामने नंगी लेट कर अपनी टांगे उठाऊँगी और वो मेरी चूत में अपना लंड पेलेगा’ रजनी जी मुड़ कर अपनी बेटी कि चुची को मसलते हुये बोली।

तभी मुकेश, जो कि बाहर गया हुआ था, कमरे में घुसा और घुसते हुए उसने अपनी बीवी और सास की बातों को सुन लिया। मुकेश ने आगे बढ कर अपनी सास के सामने घुटने के बल बैठ गया और अपनी सास के चूतड़ों को अपने हाथों से घेर कर पकड़ते हुए सास से बोला- मा आप क्यों चिन्ता कर रही हैं, मैं हूं ना? मेरे रहते हुए आपको अपनी जिस्म कि भूख कि चिन्ता नहीं करनी चाहिये। अरे वो दामाद ही बेकार का है जिसके होते हुए उसकी सास अपनी जिस्म की भूख से पागल हो जाये।’

‘नहीं, नहीं, छोड़ो मुझे। मुझे बहुत शरम लग रही है’ रजनी जी ने अपने आप को मुकेश से छुड़ाते हुए बोली। तभी निशा ने आगे बढ कर अपनी मा कि चुची को पकड़ कर मसलते हुए निशा अपनी मा से बोली- क्यों बेकार की शरम कर रही हो मा। मन भी जाओ अपने दामाद की बात और चुपचाप जो हो रहा उसे होने दो।’ तब थोड़ी देर चुप रहने के बाद रजनी जी अपनी बेटी की तरफ़ देख कर बोली- ठीक है, जैसे तुम लोगो कि मरज़ी। लेकिन एक बात तुम दोनों कान खोल कर सुन लो। मैं अपने दामाद के समने बिल्कुल नंगी नहीं हो पाऊँगी। आगे जैसा तुम लोग चाहो।’ इतना सुन कर मुकेश मुसकुरा कर अपने सास से कह- अरे सासुमा आप को कुछ नहीं करना है। जो कुछ करमा मैं ही करुंगा, बस आप हमारा साथ देती जाये।’

फिर मुकेश उठ कर खड़े हो गया और अपनी सास को अपनी दोनों बाहों में जकड़ कर चूमने लगा। रजनी जी चुपचाप अपने आप को अपने दामाद के बाहों में छोड़ कर खड़ी रही। थोड़ी देर तक अपने सास को चूमने के बाद मुकेश ने अपने हाथों से अपने सास कि चुची पकड़ कर दबाने लगा। अपने चुची पर दामाद का हाथ पड़ते ही रजनी जी मारे सुख के बिलबिला उठी और बोलने लगी- और जोर से दबाओ मेरी चूंचियो को बहुत दिन हो गये किसी ने इस पर हाथ नहीं लगाया है। मुझे अपने दामाद से चुची मसलवाने में बहुत मजा मिल रहा है। और दबाओ। आ बेटी तू ही आ मेरे पास आजा और मेरे इन चुची से खेल।’ अब मुकेश फिर से अपने सास के पैरों के पास बैठ गया और उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनकी चूत को चूमने लगा। रजनी जी अपने चूत के ऊपर अपने दामाद के मुंह लगते ही बिलबिला उठी और जोर जोर से सांस लेने लगी।

मुकेश भी उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनकी चूत को चूमता रहा। थोड़ी देर के बाद रजनी जी से सहा नहीं गया और खुद ही अपने दामाद से बोली- अरे अब कितना तड़पाओगे। तुम्हे चूत में अंगुली या जीभ घुसानी है तो ठीक तरीके से घुसाओ। साड़ी के ऊपर से क्या कर रहे हो?’ अपनी सास कि बात सुन कर मुकेश बोला- मैं क्या करता, आपने ही कहा था आप साड़ी नहीं उतारेंगे। इसिलिये मैं आपकी साड़ी के ऊपर से ही आपकी चूत चूम रहा हूं।’

‘वो तो ठीक है, लेकिन तुम मेरी साड़ी उठा कर भी तो मेरी चूत का चुम्मा ले सकते हो?’ रजनी जी ने अपने दामाद से बोली। अपनी सास कि बात सुनते ही मुकेश ने जल्दी से अपनी सास की साड़ी को पैरों के पास से पकड़ कर ऊपर उठाना शुरु कर दिया और जैसे ही साड़ी रजनी जी की जांघो तक उठ गई तो रजनी जी मारे शरम के अपना चेहेरा अपने हाथों से ढक लिया और अपने दामाद से बोली- अब बस भी करो, और कितना साड़ी उठाओगे। अब मुझे शरम आ रही है। अब तुम अपना सर अन्दर डाल कर मेरी चूत को चूम लो।’ लेकिन मुकेश अपनी सास कि बात को अनसुनी करते हुए रजनी जी की साड़ी को उनकी कमर तक उठा दिया और उनकी नंगी चूत पर अपना मुंह लगा कर चूत को चूम लिया। थोड़ी देर तक रजनी जी की नंगी चूत को चूम कर मुकेश अपनी सास कि चूत को गौर से देखने लगा और अपनी अंगुलियों से उनकी चूत की पत्तियों और दाने से खेलने लगा। मुकेश कि हरकतों से रजनी जी गर्मा गई और उनकी सांस जोर जोर से चलने लगी।

अपनी मा की हालत देख कर निशा आगे बढ कर अपनी मा की चूंचियो से खेलने लगी और धीरे धीरे उनकी ब्लाऊज के बटन खोलने लगी। रजनी ने अपने हाथों से अपने ब्लाऊज को पकड़ते हुए अपने बेटी से पूछने लगी- क्या कर रही हो? मुझे बहुत शरम लग रही है। छोड़ दे बेटी मुझको।’ निशा अपनी काम जारी रखते हुए अपनी मा से बोली- अरे मा, जब तुम अपने दामाद का मूसल अपने चूत में पिलवाने जा रही हो तो फिर अब शरम कैसी? खोल दे अपने इन कपड़ों को और पूरी तरफ़ से नंगी हो कर मेरे पति के लंड का सुख अपने चूत से लो। छोड़ो अब, मुझको तुम्हारे कपड़े खोलने दो।’ इतना कह कर निशा ने अपनी मां का ब्लाऊज, ब्रा, साड़ी और फिर उनकी पेटीकोट भी उतार दिया। अब रजनी जी अपने दामाद के समने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मुकेश अपने नंगी सास को देखते ही उन पर टूट पड़ा और एक हाथ से उनकी चूंचियो को मलता रहा और दूसरे हाथ से उनकी चूत को मसलता रहा। रजनी जी भी गर्म हो कर अपने दामाद का कुरता और पैजामा उतर दिया। फिर झुक कर अपने दामाद का अन्डरवियर भी उतार दिया। अब सास और दामाद दोनों एक दूसरे के सामने नंगे खड़े थे।

जैसे ही रजनी जी ने मुकेश का मोटा मस्त लंड को देखा, रजनी जी अपने आप को रोक नहीं पाई और झुक कर उस मस्त लंड अपने मुंह में भर कर चूसने लगी। निशा भी चुपचाप खड़ी नहीं थी। वो अपनी मा के चूतड़ के तरफ़ बैठ कर उसकी चूत से अपना मुंह लगा दिया और अपनी मा कि चूत को चूसने लगी। रजनी जी अपने दामाद का मोटा लंड अपने मुंह में भर कर चूसने लगी और कभी कभी उसको अपने जीभ से चाटने लगी। लंड को चाटते हुए रजनी जी ने अपने दामाद से बोली- हाय! मुकेश, तुमहरा लंड तो बहुत मोटा और लम्बा है। पता नहीं निशा पहली बार कैसे इसको अपनी चूत में लिया होगा। चूत तो बिल्कुल फट गई होगी? मेरे तो मुंह दर्द होने लगा इतना मोटा लंड चूसते चूसते। वैसे मुझे पता था कि तुमहरा लंड इतना शानदार है’

‘कैसे?’ मुकेश ने अपने सास कि चुची को दबाते हुए पूछा। तब रजनी जी बोली- कैसे क्या? तुम जब मेरे घर में अपने शादी के बाद आये थे और रोज दोपहर और रात को निशा को नंगी करके चोदते थे तो मैं खिड़की से झांका करती थी और तुम्हारी चुदाई देखा करती थी। उन दिनो से मैं जानती थी कि तुम्हारा लंड की साईज़ क्या है और तुम कैसे चूत चाटते हो और चोदते हो।’ तब मुकेश ने अपने सास कि चुची को मसलते हुए पूछा- क्या मांजी, आपके पति यानि मेरे ससुरजी का लंड इतना मोटा और लम्बा नहीं था?’ ‘नहीं, निशा के पापा का लंड इतना मोटा और लम्बा नहीं था, और उनमे सेक्स कि भावना बहुत ही कम थी। इसिलिये वो मुझको हफ़्ते में केवल एक-दो बार ही चोदते थे’ रजनी जी ने बोली।

थोड़ी देर के मुकेश अपनी सास को बिस्तर पर लेटा कर उसकी चूत से अपना मुंह लगा दिया और अपने जीभ से उसकी चूत को ्चाटना शुरु कर दिया। चूत में जैसे ही मुकेश की जीभ घुसी तो रजनी जी अपनी कमर उचकते हुए बोली- उम्मम्म, अह्हह, ऊइ मा, राजा अभी छोड़ो ना क्यूं तड़पाते हो, मैं जल रही हूं, तुम्हारा लंड मुझे चूसना है। तुम्हारा लंड तो घोड़े जैसे है, मुझे डर लग रहा है जब तुम अन्दर मेरे चूत मैं डालोगे तो मेरी चूत तो फ़ट जायेगी। मेरी चूत का छेद बहुत छोटा है और ज्यादा चुदि भी नहीं है। आज तुम पहली बार मेरी चूत में अपन लंड डालने जा रहे हो। आराम से डालना और बड़े प्यार से मेरी चूत को चोदना’

तब मुकेश ने अपना लंड अपनी सास कि चूत पर लगाते हुए बोला- कोई बात नहीं मांजी, आपकी चूत को जो भी कमी पहले थी अब उसको मैं पूरा करुंगा। मैं अब रोज़ आपकी और आपकी बेटी को एक ही बिस्तर पर लेटा कर अपन लोगों कि चूत चोदुंगा।’

यह सुनते ही निशा अपने मम्मी से बोली- मां अब तो तुम खुश हो? अब से रोज़ तुम्हारा दामाद तुमको और मुझको नंगी करके हमारी चूत चोदेगा। हाँ, अगर तुम चाहो तो तुम अपनी गांड में भी अपने दामाद का लंड पिलवा सकती हो।’ इतना कह कर निशा ने मुकेश से बोली- मेरे प्यारे पति, अब क्यों देर कर रहे हो। जल्दी से अपना यह खड़ा लंड मेरी मां कि चूत में पेल दो और उनको तबियत के साथ खूब चोदो। देख नहीं रहे हो कि मेरी मा तुम्हारा लंड अपनी चूत में पिलवाने के कितनी बेकरार है। लाओ मैं ही तुम्हारा लंड पकड़ कर पानी मा कि चूत में घुसेड़ देती हूं- और निशा ने अपने हाथों से पकड़ कर मुकेश का लंड उसके सास कि चूत पर लगा दिया। मुकेश का लंड के चूत से लगते ही रजनी जी ने अपनी कमर हिलाना शुरु कर दिया और मुकेश ने भी अपनी कमर हिला कर अपना लंड अपने सास कि चूत में डाल दिया। रजनी जी कि चूत अपने पति के देहान्त के बाद से चुदी नहीं थी और इसालिये बहुत टाईट थी और उसमे अपना लंड डालने में मुकेश को बहुत मजा मिल रहा था। रजनी जी भी अपने दामाद का लंड अपनी चूत में पेलवा कर सातवें आसमान पर पहुंच गई थी और वो बड़बड़ा रही थी- आआअह ऊऊह आराम से डालो यार, मेरी चूत ज्यादा खुली हुई नहीं है। प्लीज, पूरा लंड मत डालो नहीं तो मेरी चूत फ़ट जायेगी, उई मा।म मर गई, ओह, आह, हन, मेरी चूत फ़ाड़ दो, हाँ, ज़ोर से, और ज़ोर से, राजा है मादरचोद मुकेश आज मेरी चूत फाड़ दो आआअह आआह ऊऊह ज़ोर से डालो, और ज़ोर से डालो, आज जितना ज्यादा मेरी चूत के साथ खेल सकते हो खेलो, राजा यह लंड पूरा मुझे दे दो, मैं इस के बिना नहीं रह सकती हूं, पूरा लंड डालो, उम्मम्मम आआह आआह’ ‘उम्मम्मम आआह चूत में गुड, उम्मम्म अह अह अह ओह्ह ओह नो। मैं चूत खाज से मरी जा रही हूं, मुझे जोर जोर से धक्के मार मार कर चोदो।’ थोड़ी देर के बाद रजनी जी ने अपने दामाद को अपने चारों हाथ और पैर से बांध कर बोली- आआअह आआह उम्मम्म, चोदो मुझे ज़ोर से उम्मम्म, उफ़ मादरचोद बहुत मजा आ रहा है, प्लीज रुकना नहीं, ओह मुझे रगड़ कर चोदो, ज़ोर से चोदो, अपना लंड पूरा मुझ को दे दो, तुम जैसा कहोगे मैं वैसा ही करूंगी लेकिन मुझे और चोदो, तुम बहुत अच्छा चोदते हो, मुझे ही आज बहुत ज्यादा, चोदो भेनचोद तुम्हारा लंड तो तुम्हारे ससुर से भी बड़ा है, चोदो मुझे नहीं तो मैं मर जाऊँगी, अभी तो तुम ने मेरी गांड भी मारनी है।’

थोड़ी देर तक रजनी जी कि चूत चोदने के बाद मुकेश ने अपनी सास से पूछा- मा जी मेरी चुदाई आप को कैसी लग रही है?’ रजनी अपने दामाद कि लंड के धक्के अपने चूत से खाती हुई बोली- मेरे प्यारे दामाद जी बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे तुम्हारी चुदाई बहुत अच्छी लग रही है। तुम चूत चोदने में बहुत ही माहिर हो। बड़ा मजा आ रहा है मुझे तुमसे चुदवाने में डियर ऊओह्हह्ह डियर तुम बहुत अच्छा चोदते हो आआह्हह ऊऊह्हहह्हह्ह ऊऊओफ़्फ़ फ़ुद्दी मारी यू आर एन एक्सपर्ट। तुम्हे मालूम है कि कैसे किसी औरत कि चूत की चुदाई की जाती है और तुम्हे यह भी मालूम है कि एक औरत को कैसे कैसे सुख दिया जा सकता है। यूं ही हाँ डियर यूं ही चोदो मुझे…बस चोदते जाओ मुझे अब कुछ नहीं पूछो आज जी भर के चोदो मुझे डियर हाँ डियर जम कर चुदाई करो मेरी तुम बहुत अच्छे हो बस यूं ही चुदाई करो मेरी…ऊऊह्हहह…।। खूब चोदो मुझे…’ और मुकेश अपनी सास को अपनी पूरी ताकत के साथ चोदता रहा।

मुकेश अपनी सास कि बात सुन सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और जोर जोर से अपने सास कि चूत में अपना लंड पेलने लगा। थोड़ी देर के बाद मुकेश को लगा कि अब वो झड़ने वाला है तो उसने अपनी सास से बोली- सासुमा मैं झड़ने जा रहा हूं।’ तो रजनी जी बोली- राजा, प्लीज मेरी चूत के अन्दर ही झड़ो’ और मुकेश अपना लंड पूरा का पूरा अपनी सास की चूत में लंड ठांस कर लंड कि पिचकरी छोड़ दिया। थोड़ी देर के बाद रजनी जी भी बिसतर पर से उठ खड़ी हुई और सीधे बाथरूम में जा कर घुस गई। थोड़ी देर के बाद अपनी चूत धो धा कर रजनी जी फिर से कमरे घुसी और मुसकुरा कर अपने दामाद से बोली- हाय! मेरे राजा आज तो तुमने कमाल ही कर दिया। तुम तो सिरफ़ एक झड़े लेकिन मैं तुम्हारी चुदाई से तीन बार झड़ी हूं। इतनी जोरदार चुदाई मैंने कभी नहीं की। मेरी चूत तो अब दुख रही है।’

तभी निशा, जो कि अपने पति और अपने मा की चुदाई देख रही थी, बोली- मा अपने दामाद का लंड अपनी चूत में पिलवा कर मजा आया? मेरी शादी की पहली रात तो मैं बिल्कुल मर सी गई थी और अब इस लंड से बिना चुदवा कर मेरी तो रात को नीद ही नहीं आती। मैं रोज़ कम से कम एक बार इस मोटा तगड़ा लंड से अपनी चूत जरूर चुदवती हूं या अपनी गांड मरवाती हूं।’ तभी मुकेश ने अपने सास को अपने बाहों में भर कर बोला- मां जी, एक बार और हो जाये आपकी चूत की चुदाई। मैं जब कम से कम दो या तीन बार नहीं चोद लेता हूं मेरा मन ही नहीं भरता है।’ रजनी जी बोली- अरे थोड़ा रुको, मेरी चूत तुम्हारी चुदाई से तो अब तक कुलबुला रही है। अब तुम एक बार निशा कि चूत चोद डालो।’

‘नहीं मां जी, मैं तो इस वक्त आपकी चूत या गांड में अपना पेलना चाहता हूं। आपकी लड़की कि चूत तो मैं रोज़ रात को चोदता हूं, मुझे तो इस समय आपकी चूत या गांड चोदने की इच्छा है।’ तब निशा अपने मा से बोली- मा चुदवा ना लो और एक बार। अगर चूत बहुत ही कुलबुला रही है तो अपने गांड में ले लो अपने दामाद का लंड। कसम से बहुत मजा मिलेगा।’

तब रजनी जी बोली- ठीक है, जब तुम दोनों कि यही इच्छा है, तो यह लो मैं एक बार फिर से चुदवा लेती हूं। लेकिन इस बार मैं गांड में मुकेश का लंड लेना चाहती हूं। और दो मिनट रुक जओ, मुझे बहुत प्यास लगी है मैं अभी पानी पी कर आती हूं।’ तब निशा अपने मा से बोली- अरे मां, मुकेश का लंड बहुत देर से खड़े है और आप पानी पीने जा रही हो? इन बिस्तर पर लेटो मैं तुमहरी प्यास अपनी मूत से बुझा देती हूं।’

इतना सुनते ही रजनी जी बोली- ठीक है ला अपना मूत ही मुझे पिला मैं प्यास से मरी जा रही हूं’ और वो बिसतर पर लेट गई। मा को बिस्तर पर लेटा देख कर निशा भी बिस्तर पर चढ गई और अपने दोनों पैर मां के सर के दोनों तरह करके बैठ गई और अपनी चूत रजनी जी के मुंह से भिड़ा दिया। रजनी जी भी अपनी मुंह खोल दिया। मुंह खुलते ही निशा ने पिशाब कि धार अपने मा कि मुंह पर छोड़ दिया और रजनी जी अपनी बेटी की मूत बड़े चाव से पीने लगी। पिशाब पूरा होने पर निशा अपने मा के ऊपर से उठ खड़ी हो गई और रजनी जी के बगल में जा कर बैठ गई। तब मुकेश ने अपने सास के बाहों को पकड़ कर उनको बिस्तर पर उल्टा लेटा दिया और उनकी कमर को पकड़ कर उनके चूतड़ को उपर कर दिया। जैसे रजनी जी घोड़ी सी बन कर बिस्तर पर आसन लिया तो मुकेश अपने मुंह से थोड़ा सा थूक निकल कर अपने सास कि गांड में लगा दिया और अपना लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी सास कि गांड कि छेद में लगा दिया। रजनी जी तब अपने हाथों से अपनी बेटी कि चुची को मसलते हुए बोली- मुकेश मेरे राजा, मैंने आज तक कभी गांड नहीं चुदवाई है और मुझको पता है कि गांड मरवाने में पहले बहुत दर्द होता है। इसलिये तुम आराम से मेरी गांड में अपन लंड डालना। जैसे ही मुकेश ने जोर लगा कर अपना लंड का सुपारा अपनी सास की गांड में घुसेड़ा तो रजनी जी चिल्ला उठी- आआह ऊऊह आआह क्या कर रहा हो, मैं मार जाऊँगी, राजा तुम तो मेरी गान्ड फ़ाड़ कर रख दोगे, मैंने पेहले कभी गांड नहीं मरवाई है प्लीज़ मेरे लल्ला आहिस्ता से करो।’ अपनी मा को चिल्लाते देख निशा ने मुकेश से बोली- क्या कर रहे हो, धीरे धीरे आराम से पेलो ना अपना लंड। देख नहीं रहे हो मेरी मां मरी जा रही है। मां कोई भागी थोड़ी ना जा रही है।’

मुकेश इतना सुन कर अपनी बीवी से बोली- क्यों चिन्ता कर रही हो। तुमको अपनी बात याद नहीं। जब मैंने पहली बार अपना लंड तुम्हारी गांड में पेला था तो तुम कितना चिल्लाई थी और बाद तुम्ही मुझसे बोल रही थी, और जोर से पेलो, पेलो जितना ताकत है फ़ाड़ दो मेरी गांड, मुझको बहुत मजा मिल रहा है और मैं तो अब से रोज तुमसे अपनी गांड में लंड पिलवाऊँगी।’ निशा अपने पति कि बात सुन कर अपनी मा से बोली- मा थोड़ा सा सबर करो। अभी तुम्हारी गांड का दर्द खतम हो जयेगा और तुमको बहुत मजा मिलेगा। मुकेश जैसा लंड पेल रहा है उसको पेलने दो।’

तब रजनी जी बोली- वो तो ठीक है, लेकिन अभी तो लग रहा था कि मेरी गांड फटी जा रही है, और मुझको अब पिशाब भी करना है।’ मुकेश अपनी सास कि बात सुन कर निशा से बोला- निशा तुम जलदी से किचन में से एक जग लेकर आओ और उसको अपनी मां की चूत के नीचे पकड़ो।’ निशा जल्दी से किचन में से एक जग उठा कर लाई और उसको अपनी मां की चूत के नीचे रख कर मां से बोली- लो अब मूतो, मेरी प्यारी मां। तुम भी मां एक अजीब ही हो। उधर तुमहरा दामाद अपना लंड तुम्हारे गांड में घुसेड़ रखा है और तुमको पिशाब करनी है।’ रजनी जी कुछ नहीं बोली और अपने एक हाथ से जग को अपनी चूत के ठीक नीचे लकर चर चर करके मूतने लगी। राजनी को वाकई ही बहुत पिशाब लगी थी क्योंकि जग करीब करीब पूरा का पूरा भर गया था।

जब रजनी जी का पिशाब रुक गया तो निशा ने जग हटा लिया और जग को उठा कर अपने मुंह से लगा कर अपनी मां की पिशाब पीने लगी। यह देख कर मुकेश रजनी जी से बोला- अरे क्या कर रही हो, थोड़ा मेरे लिये भी छोड़ देना। मुझको भी अपने सेक्सी सास कि चूत से निकला हुअ मूत पीना है।’ निशा तब बोली- चिंता मत करो, मैं तुम्हारे लिये आधा जग छोड़ देती हूं।’

थोड़ी देर के बाद रजनी जी अपने दामाद से बोली- बेटा मैं फिर से तैयार हूं, तुम मुझे आज एक रण्डी की तरह चोदो। मेरी गांड फ़ाड़ दो। मैं बहुत ही गर्म हो गई हूं। मेरी गांड भी मेरी चूत कि तरह बिल्कुल प्यासी है।’ ‘अभी लो मेरी सेक्सी सासुमा, मैं अभी तुम्हारी गांड अपने लंड के चोटों से फ़ाड़ता हूं’ और यह कह कर मुकेश ने अपना लंड फिर से अपने सास कि गांड में पेल दिया। गांड में लंड घुसते ही रजनी जी फिर जोर से चिल्लने लगी- हाय! फ़ाड़ डाला रे मेरी गांड, फ़ाड़ डाला रे। अरे कोई मुझे बचाओ रे, मेरी दामाद और मेरी बेटी दोनों मिल कर मेरी गांड फड़वा डाला।’ तब निशा अपने मा से बोली- अरे मा क्यों एक छिनाल रण्डी की तरह चिल्ला रही हो, चुप हो जाओ और चुपचाप अपने दामाद से अपनी गांड में लंड पिलवाती रहो। थोड़ी देर के बाद तुमको बहुत मजा मिलेगा।’ अपनी बेटी कि बात सुन कर रजनी जी चुप हो गई लेकिन फिर भी उसकी मुंह से तरह तरह की आवाजे निकल रही थी।

‘आआह्हह्ह… यययौऊ… ऊऊउफ़्फ़फ़… ईईइस्सा स्सास्सह्हह्हह… ऊऊओह्हह… यययौउ… ऊउफ़्फ़… यह… लंड बहुत मोटा और लम्बा है। ऊऊओमम्म्मा आआह्हह… है! मैं मरी जा रही हूं। ऊऊउह्हहह्हह… प्लीऽऽस्सासे… आआअ… ऊऊफ़्फ़फ़… धीरे… जरा धीरे पेलो मैं मरी जा रही हूं। अरे बेटी, अपने पति से बोल ना कि वो जरा मेरी गांड में अपना लंड धीरे धीरे पेले। मुझे तो लग रहा कि मेरी चूत और गांड दोनों एक हो जायेंगी।’ थोड़ी देर के बाद मुकेश अपना हाथ अपने सास के सामने ले जकर उनकी चूत को सहलाने लगा और फिर अपनी अंगुलियों से उनकी चूत की घुण्डी को पकड़ कर मसलने लगा। अपनी चूत पर मुकेश का हाथ पड़ते ही रजनी जी बिलबिला उठी और अपनी कमर हिला हिला कर मुकेश के लंड पर ठोकर मारने लगी।

यह देख कर मुकेश ने निशा से कह- देख तेरी रण्डी मां कैसे अपनी कमर चला कर मेरे लंड को अपने गांड में पिलवा रही है। क्या तुम्हारी यही मां अभी थोड़ी देर पहले अपनी गांड मरवाने पर नहीं चिल्ला रही थी?’ यह सुन कर निशा बोली- ओह्ह मुकेश! क्या बात है! देखो मेरी मां क्या मज़े से अपनी गांड से तुम्हारा लंड खा रही है। देखो मेरी मां कैसे गांड मरवा रही है। मारो, मारो मुकेश, मेरी मा कि गांड में अपना लंड खूब जोर जोर से पेलो। इसके पूरे बदन में लंड के लिये खुजली भरी पड़ी है। चोदो मुकेश साली कि गांड मारो बड़ी खुजली हो रही थी!’

रजनी जी अपनी गांड में दामाद का लंड पिलवा कर सातवे आसमन पर थी और बड़बड़ा रही थी- ओह्हह्ह! देखो निशा मेरी बेटी! तुम्हारी मा गांड में लंड लेकर चुदवा रही है! तुम आखिर अपने मरद से मेरी चूत, गांड चोदवा ही दी! देखो साला मुकेश कैसे चोद रहा है! साला सच्चा मरद है! डाल और डाल रे! चोद! मेरी गांड मार! मेरे बेटी को दिखा! आह्हह ऊह्हहह चोद चोद चोद ऐईइ!’

मुकेश अपनी बीवी और अपनी सास की बात सुनता जा रहा था और अपनी कमर चला चला कर अपनी सास की गांड में अपना लंड पेलता रहा। थोड़ी देर तक रजनी जी कि गांड मारने के बाद मुकेश एक बार जोर से अपना पूरा का पूरा लंड रजनी जी कि गांड घुसेड़ दिया और रजनी जी को जोर से अपने हाथों से जकड़ कर अपना लंड का पानी अपने सास कि गांड ने छोड़ दिया। झड़ने के बाद मुकेश ने अपना लंड अपने सास की गांड से बाहर निकाल लिया।

निशा ने अपनी मां को प्यार से गले लगा लिया। मुकेश ने भी अपनी सासू मां के चरण स्पर्श किया और फिर तीनो साथ ही एक ही बिस्तर पर ये वादा करके लेट गये कि अब पूरे घर में ऐसा ही प्यार भरा माहौल बना रहे।

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