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Massage Girl in Ganganagar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Ganganagar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Ganganagar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Ganganagar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Ganganagar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Ganganagar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Ganganagar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Ganganagar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Ganganagar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Ganganagar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Ganganagar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Ganganagar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

स्टेप मॉम सेक्स कहानी मेरे पापा की दूसरी बीवी की चुदाई की है. एक दिन मैंने उन्हें नंगी होकर किसी लड़के संग वीडियो सेक्स करते देखा. तो मैंने भी फ़ायदा उठाया.

दोस्तो, ये चुदाई कहानी मेरी और मेरी स्टेप मॉम रश्मि की है. अगर आपको ये रिश्ता ग़लत लगता हो तो प्लीज़ इस कहानी को आगे मत पढ़ें, इसे नजरअंदाज कर दीजिए.

अगर अपने लंड का पानी निकालना है और चूत में उंगली करनी है, तो पूरी कहानी पढ़ कर मजा लें.
इसस्टेप मॉम सेक्स कहानी में सब कुछ रियल है.

मेरा नाम आर्यन है. मैं यूपी से हूँ. मेरी सगी मॉम की डेथ के बाद डैड ने दूसरी शादी कर ली थी.

मेरे डैड का अपना बिजनेस है और वो हमेशा अपने काम में लगे रहते हैं, मॉम को ज़्यादा टाइम नहीं देते हैं.
डैड अपने व्यापार के लिए सुबह से ही निकल जाते हैं और वापस आने का कोई समय निश्चित नहीं रहता है.

मेरी मॉम का नाम रश्मि है, उनकी उम्र 44 साल की है और फिगर 36-32-38 का है.
मॉम के मस्त सेक्सी बूब्स और उठी हुई गांड एकदम हॉट लुक वाली लगती है. उनका रंग भी गोरा है.

मेरी मॉम इतनी ज्यादा कामुक दिखती हैं कि उनको देखकर किसी बुड्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए.

यह चुदाई कहानी उस समय की है, जब मेरी उम्र 23 साल की थी.

एक बार की बात है, मैं घर पर था और अपने रूम में लैपटॉप पर पॉर्न देख रहा था.
उस वक्त मेरा लंड पूरे जोश में था और मैं मुठ मार रहा था.
कान में हेडफोन लगे होने की वजह से मुझे पता नहीं चला कि मॉम मेरे रूम में कब आ गईं.

मॉम ने मुझे पॉर्न देखने के साथ साथ मुठ मारते हुए भी देख लिया.
फिर जैसे ही मेरी नज़र मॉम पर पड़ी, मेरी तो गांड फट गई कि ये क्या हुआ.
मैं एकदम से डर गया था.

लेकिन अब तक जो होना था, वो तो हो ही चुका था.

मॉम ने गुस्से में मुझसे कहा- शर्म नहीं आती, ये सब करते हो!
मैंने सॉरी बोला लेकिन वो गुस्सा होकर रूम से चली गईं.

अब मुझे बहुत डर लग रहा था.
ये सोचकर मेरी फट रही थी कि मॉम इस बात को पक्का डैड को बोलेंगी और मेरी क्लास लगने वाली है.

ऐसे ही सारा दिन निकल गया … मैं अपनी फटी हुई गांड लिए मॉम से बचता रहा.

शाम को डैड आए, उन्होंने फ्रेश होकर खाना खाया और अपने रूम में सोने चले गए.
मैं देख रहा था कि डैड ने मुझसे कुछ नहीं कहा.
इससे मुझे समझ में आया कि मॉम ने अभी तक डैड को कुछ बताया नहीं होगा.

अगले दिन मैं दोस्त के घर चला गया और जब वापस आया तो आवाज से अंदाजा लगा कि मॉम अपने रूम में हैं और मोबाइल पर किसी से बात कर रही हैं.
मैं कान लगाकर ध्यान से सुनने लगा तो ऐसा लगा कि मॉम अपनी चूत में उंगली कर रही थीं क्योंकि उनकी आवाजों में कुछ कामुक स्वर शामिल थे.

मैं धीरे से रूम के अन्दर घुस गया क्योंकि रूम लॉक नहीं था.
मम्मी एकदम नंगी थीं.
मेरी खोपड़ी सनक गई कि ये क्या माजरा है.

मैं चुपचाप अन्दर आ गया. मॉम अपनी आंखें बंद करके चूत में उंगली करने में इतनी मगन थीं कि वो मुझे नहीं देख पाईं.

मैंने मोबाइल निकाला और उनका वीडियो बनाने लगा.
वो किसी सनी नाम के लड़के से बात कर रही थीं.

मैंने पूरी वीडियो ढंग से बना लीं और चुपचाप वहां से बाहर निकल कर अपने रूम में जाकर लेट गया.
अब मैं मॉम को सोचकर मुठ मारने लगा.

पहली बार मैंने मॉम को पूरी नंगी देखा था.
क्या मस्त गोरा बदन और बड़े बड़े मिल्की एकदम टाइट मम्मे थे. एकदम चिकनी चूत, जैसे आज ही शेव की हो

मेरा तो लंड फटा जा रहा था.
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, मन कर रहा था कि अभी जाकर मॉम को चोद दूँ लेकिन इतनी हिम्मत नहीं थी.
आज के इस सीन से एक बात तो साफ़ हो गई थी कि डैड, मॉम की प्यास सही से नहीं बुझा पाते हैं.

अब मैं अपनी मॉम को चोदने के सपने देखने लगा.
मैं चाहता था कि मॉम खुद ही मुझसे चुदवाने को बोलें इसलिए मैं प्लान करने लगा.

शाम को डैड आ गए, फिर वही रूटीन, खाना खाकर सोने चले गए.

अगले दिन मॉम किचन में काम कर रही थीं.

मैं गया और पीछे से उनसे चिपक कर उस दिन के लिए सॉरी बोलने लगा क्योंकि उस दिन के बाद मॉम मुझसे बता नहीं कर रही थीं.
मॉम ने कुछ नहीं कहा.

उन्होंने मुझे नाश्ता दिया और मैं खाने के बाद दोस्त के पास चला गया.

अब मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया कि क्यों ना मॉम को वो वीडियो भेजूं, जो मेरे पास थी.
कुछ देर तक हर बिंदु पर सोचने के बाद मैंने ठान लिया कि कुछ भी हो जाए मॉम को अब चोद कर ही रहूँगा.

फिर मैं ज़रूरी काम से कुछ दिन के लिए अपनी मौसी के घर चला गया.
मैं मॉम को मिस कर रहा था.

रात को मैंने मॉम की वीडियो देखी और लंड हिलाते हुए मॉम के नंबर पर कॉल की.
मॉम ने हैलो बोला.
मैंने हालचाल पूछे और पूछा- डैड क्या कर रहे हैं?

मॉम बोलीं- डैड सो गए हैं.
मैंने कहा- मॉम नेट खोलो, मैंने आपको कुछ भेजा है.

उन्होंने कहा- क्या भेजा है?
मैंने कुछ नहीं कहा और कॉल कट कर दी.

फिर मैंने मॉम की न्यूड वाली वीडियो उन्हें भेज दी और थोड़ी देर के लिए अपना मोबाइल ऑफ कर दिया.

शायद मॉम का मूड खराब हुआ होगा इसलिए वो कॉलबैक कर रही होंगी.
लेकिन मेरा नंबर लगा ही नहीं.

इसलिए दस मिनट बाद मॉम ने मौसी के मोबाइल पर कॉल कर दी और उनसे बोलीं- आर्यन से बात करा दो.

मौसी का मोबाइल लेकर मैंने हैलो बोला.
मॉम बोलीं- ये कहां से मिली?

मैंने जानबूझ कर बोला- क्या?
मॉम बोलीं- पहले अपना मोबाइल ऑन करो और मुझसे बात करो. मैं उसी पर बात करूंगी.

मैंने तुरंत अपने मोबाइल से कॉल लगाई.
मॉम बोलीं- बेटा प्लीज़ बताओ, ये वीडियो कहां से मिला?
मैंने कहा- आप परेशान न हों.

तब मॉम मुझसे फोर्स करके पूछने लगीं.
मैंने कहा- डैड को भी भेज दूँ क्या?

वो रोने लगीं और बोलीं- नहीं, प्लीज़ ऐसा मत करना.
मैंने कहा- मैं तो आपको बहुत सती सावित्री समझता था और आप एक ब्वॉयफ्रेंड से बात करती हो!
मॉम बस सॉरी सॉरी बोल रही थीं.

मैंने कहा- मेरी बात सुनो और बताओ. सन्नी के साथ आप कितनी बार चुदी हो?
मॉम ने मेरे मुँह से ‘कितनी बार चुदी हो …’ शब्द सुने, तो मॉम हिल गईं और बोलीं- ये क्या बकवास कर रहे हो?

मैंने कहा- ठीक है, मत बताओ. फिर खुद ही समझना.
मॉम धीमे से बोलीं- बस अब तक 3 बार … उससे मिले ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं.
मैंने कहा- डैड क्या अच्छे से चोदते नहीं हैं?

मॉम बोलीं- बहुत सालों से मेरे साथ तेरे डैड ने सेक्स नहीं किया इसलिए ग़लती हो गयी. अब आगे से किसी के साथ कभी नहीं करूंगी. लेकिन प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.
मैंने कहा- एक ही शर्त पर. जब आप मुझे खुश करोगी.

तो मॉम गुस्सा हो गईं और उन्होंने फोन कट कर दिया.
मैंने मैसेज किया- अगर मुझे भी चोदने दोगी, तो डैड को नहीं बताऊंगा … और हां सोच लो आराम से. आपके पास अभी दो दिन का टाइम है.

अब अगले दिन सुबह 10 बजे मॉम ने कॉल किया.
शायद डैड के जाने के बाद फोन किया था.

मैंने पूछा- बोलो जान क्या सोचा!
मॉम बोलीं- लेकिन ये सब एक बार होगा … और वीडियो डिलीट करनी पड़ेगी.

मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं घर पर नहीं करूंगा, कहीं बाहर चलो.
मॉम फिर डरने लगीं और बोलीं- घर पर क्या दिक्कत है?

मैंने कहा- मैं अच्छे से एंजाय करूंगा.
वो बोलीं- ठीक है, सब कुछ खुद ही मैनेज करो.

अब मेरे अन्दर सेक्स की आग भड़क रही थी.
मैं उसी दिन मौसी के घर से वापस निकल आया और शाम को घर आ गया.

मॉम अभी भी मुझसे डर रही थीं.
हम दोनों ने बात नहीं की.

डैड के आने बाद मैं डैड से कहा- मैं मॉम के साथ 4 दिन के लिए मसूरी जा रहा हूँ.
मॉम एकदम से बोलीं- अरे 4 दिन क्यों?

मगर तब तक डैड ने हां कर दी- हां चार दिन से कम में मसूरी का क्या मजा आएगा.
मॉम कसमसा कर रह गईं और मैं उन्हें देख कर मुस्कुराने लगा.

फिर अगले दिन हम दोनों अपनी कार से मसूरी निकल गए.
सफ़र में हम दोनों ने कुछ ज्यादा बात नहीं की और वहां पहुंचकर होटल में चैकइन कर लिया.

मैं इस होटल में अपनी बुकिंग पहले से ही कर ली थी.
ये एक अच्छा होटल था और हिल्स पर था.

कमरे में आकर मैं फ्रेश होने चला गया.
मॉम को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे क्या होगा.

मेरे फ्रेश हो कर आने के बाद मॉम बाथरूम में चली गईं और थोड़ी देर बाद मॉम एक काले रंग के मस्त गाउन में बाहर आ गईं.
उनको देखकर मेरा लंड टाइट हो गया.

मैंने मॉम को ज़ोर से अपनी बांहों में भर लिया.
मैं उनकी गांड दबाने लगा. मॉम के गले पर किस करने लगा.

मॉम कुछ उदास थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ, आप घर से इतनी दूर आई हो, एंजाय करो न मेरी जानू मॉम!

मॉम बोलीं- वीडियो डिलीट करो, मुझसे ग़लती हो गयी.
लेकिन मैंने कहा- आप खुद को किसी दूसरे से संतुष्ट करवाओ, ये मुझे मंजूर नहीं है.

वो मेरी बात सुनकर चुप हो गईं.
मैं उन्हें चुप देखकर नहीं रुका और उनको किस करने लगा.
अब मैं मॉम के बूब्स भी दबा रहा था.

मॉम धीरे धीरे गर्म हो रही थीं और उनका विरोध भी ना के बराबर हो गया था.

अब मॉम ने धीरे से कहा- ये सब तो घर पर भी हो सकता था, यहां क्यों लाए हो. मेरी तुमसे रिक्वेस्ट है, प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.

मैंने उनकी एक नहीं सुनी. मैं अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और किस करने लगा.
पहले तो काफ़ी देर तक मॉम ने होंठ नहीं खोले, लेकिन मेरे हाथ उनकी चूत में चलने की वजह से अब मॉम की चूत का रस निकलने लगा था.

मतलब उनका मूड बन चुका था.
तभी मॉम ने मेरे होंठों को चूसना स्टार्ट कर दिया और उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा दी.

अब मुझसे भी सब्र नहीं हुआ. मैंने मॉम को बेड पर पटक दिया और उनके गाउन को हटा दिया.
मॉम ने कुछ नहीं बोला.

मैं उनके बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
कुछ ही देर में मॉम मस्ती में आ गई थीं और आहें भरने लगी थीं.

मैंने अपनी दो उंगलियां चूत में एकदम से घुसा दीं.
मॉम एकदम से उछल गईं ‘आह मर गई …. ऊऊह …’
कुछ देर में मॉम ने मेरी उंगलियों से अपनी में मजा लेना शुरू कर दिया.

फिर मॉम ने मेरा लंड ज़ोर से अपनी मुट्ठी में भर लिया और दबाने लगीं.

अब मैंने भी झट से अपने कपड़े उतारे और मॉम के नंगे जिस्म पर चढ़ गया.
मैंने मॉम की ब्रा को भी फाड़ डाला.
मॉम ने कुछ नहीं कहा. मॉम ने अपनी पैंटी पहले ही उतार दी थी इसलिए अब वो मेरे सामने पूरी नंगी लेटी थीं और मस्त माल लग रही थीं.

मैं मॉम के दूध चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
मैंने मॉम के मम्मे इतने अधिक दबाए कि चूचे एकदम लाल हो गए.

मैं मॉम के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा और उनके दूध चूसते हुए नीचे आ गया.

मैंने अपनी जीभ उनकी नाभि में घुसा दी और फिर सीधा चूत पर आ गया. मैंने अपना मुँह मॉम की चूत पर रख दिया और जीभ डालकर चूत का स्वाद लेने लगा.

एकदम रसदार नमकीन पानी बह रहा रहा था.
मेरी मॉम भी पूरे जोश में आ गई थीं. वो बोलीं- अब जल्दी से पेल दो.

मैंने दस मिनट तक मॉम की चूत को जीभ डालकर चूसा.
कुछ ही देर में मेरी मॉम ने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया था.

कुछ देर तक और चूत चाटने के बाद मैं उठा और मॉम से लंड चूसने के लिए बोला.
पहले तो मॉम ने मना किया लेकिन फिर मुँह में लंड ले लिया.

मुझे मजा आने लगा और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड मॉम के मुँह में घुसेड़ दिया.

मेरा लंड उनके गले में जाकर फंस गया था.
मॉम बुरी तरह से छटपटा रही थीं लेकिन मैं जोरदार तरीके से लंड पेलता रहा.
कुछ ही पलों में मॉम का मुखड़ा एकदम लाल हो गया.

पूरा मुझे इतना जोश चढ़ गया था कि मैंने मॉम के मुँह में ही अपना सारा माल निकाल दिया.
लंड उनके गले में था तो लंड का सारा माल मॉम के मुँह के अन्दर चला गया.

मॉम हौ हौ करने लगीं और तुरंत उठ कर थूकने के लिए जाने लगीं.
उनके मुँह में बचा हुआ माल जो उन्हें थूकने के लिए मजबूर कर रहा था.

मैंने उनके बाल पकड़े और अपना मुँह मॉम के होंठों पर रख दिया, उन्हें किस करने लगा.
मैं पहली बार अपने लंड का माल अपने मॉम के मुँह से लेकर स्वाद ले रहा था. मैं मॉम के मुँह में जीभ डालकर उन्हें किस करने लगा.

मुझे इतना मज़ा आया कि मेरा लंड फिर से फनफ़ना गया.
कुछ देर किस करने के बाद मैंने मॉम को बेड पर लिटाया और मैंने नीचे खड़े होकर अपना मोटा लंड मॉम की टाइट चूत में लगा दिया.

एक बार मैंने मॉम की तरफ देखा और ज़ोर से धक्का दे दिया.
मॉम की चूत गीली होने की वजह से सट से पूरा लंड चूत के अन्दर घुस गया.

उनके मुँह से चीख निकल गई.
वो सीत्कार करने लगी- आआहह उआहह बेटा ऊऊओह आहह ऊऊउ अया बेटा आराम से कर ना … प्लीज़ दर्द हो रहा है.

तभी मैंने मॉम के होंठों को अपने मुँह में लॉक किया और ज़ोर के झटकों के साथ उनकी चूत चुदाई करने लगा.

दो मिनट बाद बाद मॉम को भी चूत चुदवाने में मज़ा आने लगा. वो अपनी गांड उठाकर लंड लेने लगीं.

अब मैंने मॉम से कहा- मजा आ रहा है.
मॉम मुस्कुरा दीं और बोलीं- मैं चुदाई के लिए कबसे तरस रही थी … इसी वजह से मुझे सनी से अपनी चूत चुदवानी पड़ी. मगर अब मैं खुश हूँ.

मैंने कहा- अब आप लंड की सवारी करो,
मैंने लंड चूत से खींचा और बेड पर लेट गया. मॉम को मैंने अपने लंड पर बैठा लिया. मॉम भी अपनी चूत फंसा कर लौड़े पर बैठ गईं और अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी थीं.

मॉम की चूचियां मस्त हिल रही थीं और उनकी मादक सिसकारियां मुझमें जोश भर रही थीं.
कुछ मिनट तक ऐसे ही चुदाई होने के बाद मॉम अकड़ने लगीं और मेरे ऊपर गिर गईं.
वो मेरे सीने पर गिर कर निढाल हो गईं.

मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और उनके चेहरे को चूमने लगा.
मेरा लंड अभी भी कड़क था और मॉम की चूत में घुसा हुआ था.

कुछ देर बाद मैंने मॉम को उल्टा किया और मॉम के ऊपर चढ़ गया.
एक बार फिर से मैं लंड पेल कर पूरे जोश के साथ मॉम की चूत को चोदने लगा.

मॉम बोलीं- आंह जल्दी जल्दी से चोद दे बेटा … आअह हहह बहुत मज़ा आ रहा है.

मैंने उनकी गर्दन को चूमते हुए कहा- मॉम, अब आपको लंड की कमी कभी महसूस नहीं होगी. मेरे लंड से आप जब चाहे मजा ले सकती हैं.
मॉम मुझसे चुदवा कर खुश थीं.

अब मॉम ने मुझे अपनी दोनों टांगों में दबा लिया और एकदम से मेरा सारा माल उनकी चूत में निकल गया.

मॉम ने जब तक मुझे दबाए रखा जब तक पूरा माल उनकी चूत में नहीं गिर गया.
उनकी गर्म चूत से निकल रहे लावा का अहसास भी मेरे लंड को हो रहा था.

अब मेरा लंड ढीला पड़ गया और मैं भी ऐसे ही मॉम के ऊपर लेटा रहा.
हम दोनों मां बेटा इस मधुर चुदाई से इतना थक गए थे कि पता ही नहीं चला, कब नींद आ गई.

देर शाम को करीब 9 बजे मेरी आंख खुली.
मैंने देखा मॉम नंगी ही सो रही थीं.
मेरे बगल में नंगी मॉम मुझे बहुत हॉट लग रही थीं.

तभी मैंने मोबाइल की रोशनी जलने लगी. मोबाइल साइलेंट मोड पर था. मैंने फोन उठाया और देखा कि डैड की कॉल आ रही है.

मैंने डैड से हैलो बोला.
डैड ने हालचाल पूछे और मॉम के बारे में पूछा.

मैंने मॉम को जगाया और उनके हाथ में मोबाइल थमा दिया.
मॉम अब भी शर्मा रही थीं.
वो उठ कर बाथरूम में जाने को हुईं लेकिन मैंने उन्हें उठने नहीं दिया.

मैं उनके बूब्स दबाने लगा.

मॉम डैड से फोन पर बता कर रही थीं और अपने बेटे के साथ नंगी पड़ी थी.

मेरे ज़ोर से बूब्स दबाने की वजह से मॉम की आह निकल गई.

पापा ने पूछा- क्या हुआ?
मॉम- कुछ नहीं.

फिर मॉम ने कॉल कट कर दी.
उसके बाद मैं उठकर फ्रेश होने चला गया.
मॉम भी अन्दर नंगी ही आ गईं.

मैंने मुस्कुरा कर उनकी तरफ देखा.
वो बोलीं- मुझे सुसु करना है.
मैंने कहा- हां कर लो.

तभी मुझे मस्ती सूझी. मैंने मॉम को दीवार के सहारे खड़ा किया और उनकी चूत में अपनी जीभ लगा दी.
मैंने इशारे कहा- अब मूतो.

मुझे मॉम ने बहुत रोका लेकिन मैं नहीं माना.

मॉम की चूत पानी टपकाने लगी. मॉम खुद से मेरे मुँह में झटके मारने लगीं और एकदम से बोलीं- अब हटो … सुसु आ रही है.

लेकिन मैंने पीछे से उनकी गांड को इतनी ज़ोर से पकड़ा हुआ था और जीभ अन्दर चूत में डालकर चूस रहा था कि मॉम कुछ कर ही ना सकीं और उनका मूत निकलने लगा.

मॉम की चूत से पूरी पेशाब मेरे मुँह में चली गई; कुछ बाहर भी टपक गई.

मुझे अपनी मॉम की पेशाब पीकर इतना मज़ा आया दोस्तो कि क्या बताऊं.

उधर मेरी मॉम शर्म से लाल हो गयी थीं और शरारती मुस्कान देती हुई बोलीं- पागल, ऐसे कौन करता है.
मैंने कहा- मॉम, तेरा बेटा करता है.

फिर मैं उठा और तभी मॉम ने शॉवर ऑन कर दिया.
हम दोनों पानी के नीचे नंगे खड़े थे पानी से नहाने लगे और मस्ती करने लगे.

हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और चुदास भड़क गई तो फिर से एक राउंड चुदाई की.

अब मॉम मुझसे खुलने लगी थीं.
मॉम ने मुझसे कहा- इतना मज़ा मुझे अपनी लाइफ में कभी नहीं आया.

मैंने मॉम को आई लव यू बोला.
मॉम ने भी मुझे लव यू टू आर्यन बोला.

ऐसे ही 4 दिन तक हम दोनों ने बहुत मस्ती की.
मैंने मॉम को बहुत सारी हॉट सेक्सी ड्रेस भी दिलाईं.

मॉम ने मुझसे एक प्रॉमिस लिया कि ये बात डैड को पता नहीं चलना चाहिए और अकेले में मैं मॉम को उनके नाम से बुलाऊं.
मेरी मॉम मुझसे बोली- अब से तू मुझे मॉम समझ कर नहीं, बीवी बनाकर चोदेगा.

इस तरह से मॉम ने अपने बेटे के लंड को चूत की मस्ती देना शुरू कर दी थी.
आज भी डैडी को स्टेप मॉम सेक्स की बात नहीं मालूम है कि मेरी मॉम मुझसे चुदवाती हैं.

दोस्तो, आपको अगली चुदाई कहानी में लिखूँगा कि घर वापस आने के बाद मॉम ने मुझे किस किस तरह से चूत और गांड चुदाई का मजा दिया और उनकी एक ख़ास सहेली को भी बिना अपनी चुदाई की जानकारी दिए मुझसे चुदवा दिया.

Hindi Sex Stories

अपने भाइयों का लण्ड लेने Hindi Sex Stories वाली मेरी प्यारी बहनो और अपनी बहनों की गांड मारने वाले मादरचोद भाईयो!
कैसे हैं आप?
उम्मीद करती हूँ कि आप अपने घर में चोदने के काम में पूरी तरह से लगे हुए हो।

मेरा नाम निकिता है और मैं चोदपुर ओह! सॉरी! जोधपुर में रहती हूँ। मेरी पिछली कहानी पर मुझे काफी मेल आये और मैंने सबके जवाब दिए। आपने मेरी अभी तक सभी कहानियाँ पढ़ी होगी और मुझे अपने ख्यालो में बुलाकर और सोच कर बहुत सोच कर मुट्ठ मारते होंगे और मुझे चोदते होंगे। आप सब लोग इसी तरह मेरी कहानियाँ पढ़ा कीजिये और मेरा नाम लेकर मुठ मारा कीजिए।

खैर मैं सारी बातों को छोड़कर अपनी असली औकात मतलब कहानी पर आती हूँ।

मेरा फिगर ३२-२८-३४ है और किसी वजह से छोटी उम्र में ही सैक्स की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगी। वैसे तो मेरा स्थाई घर जयपुर में है लेकिन मैं जोधपुर में मेरे भाई के साथ रहती हूँ। मैं और मेरा भाई लगभग रोज चुदाई करते है। अब तो ये हाल है कि मैं दिन में एक बार जब तक भाई से चुद नहीं लेती मुझे नींद नहीं आती है। मैंने अपने भाई के अलावा किसी और से चुदाई नहीं की है।

मेरे भाई का नाम राहुल है। जब उसने मुझे पहली बार चोदा तो मेरी उम्र १८ साल थी। लेकिन उस उम्र में भी मैं जवान औरतों को मात दे रही थी। मेरे स्तनों का आकार तो सामान्य ही था लेकिन थे बहुत ही टाईट व तीखे। मेरा फिगर देखकर बड़े लोगों व बूढ़े लोगों का भी लण्ड खड़ा हो जाता था।

जब मैं कक्षा १० में थी तो तभी मैं और भईया अलग जोधपुर में रहने लग गये थे। भईया ने मुझे बड़े प्यार से पाला था।

एक दिन स्कूल से आकर मैंने भईया से कहा- भईया स्कूल के वार्षिक फंक्शन में मैंने डांस करना है और ड्रेस कोड साड़ी है इसलिये मुझे साड़ी पहन कर जाना होगा, लेकिन मुझे साड़ी पहनना नहीं आता है और मेरे पास कोई अच्छी साड़ी भी नहीं है।

तो भईया कहा- अपनी नई साड़ी पहन लो!
मैंने कहा- हाँ! लेकिन ब्लाउज और पेटीकोट तो मुझे नहीं आयेगे!
भईया ने कहा- ठीक है तेरे लिये बाजार से नया ब्लाउज और पेटीकोट ले आऊँगा।

मैंने कहा- ठीक है भईया! पर पहले आप मुझे साड़ी पहनना सिखा दीजिये। जिस पर भईया ने मुझको साड़ी लाने को कहा। तो मैं भाग कर कमरे में गई और साड़ी लेकर आई। मैंने उस समय टी-शर्ट और जीन्स पहन रखी थी। मैंने अपना टी-शर्ट उपर कर दिया तो मेरा गोरा पेट भईया की आँखों के सामने था। मेरा गोरा पेट देखकर भईया की आँखों में वासना चमकने लगी, उसके मन में बुरे बुरे ख्याल आने लगे। उसने धीरे से मेरे पेट पर हाथ फिराया तो मैं हंसने लगी।

भईया ने कहा- हंस क्यो रही हो?
मैं बोली- कुछ नहीं! ऐसे ही! गुदगुदी हो रही है।

भईया ने मेरे कमर पर साड़ी लपेटी लेकिन कपड़े पहने होने के कारण साड़ी मेरे बदन पर ठीक नहीं हो पा रही थी।

भईया ने मुझे कहा- निकिता! तुम अपने कपड़े, अपनी पैन्ट उतारो!
मैंने कहा- क्यों?
तो भईया ने कहा- इसलिये, क्योंकि साड़ी ठीक से नहीं आ पा रही है।

तो मैंने अपनी पैन्ट उतार दी। उस समय मैंने गुलाबी रंग की पेन्टी पहनी थी। मैं अपने भाई के सामने पेन्टी में थी।

मैंने कहा- जल्दी करो ना! मेरे हाथ दुख रहे हैं क्योंकि मैं अपने हाथो से अपना टी-शर्ट उपर किये हुए खड़ी थी।
भईया ने मुझे कहा- तुम अपना टी-शर्ट उतार दो तो मैं तुम्हें साड़ी पहना सिखाउंगा।

तो मैंने अपने बटन को खोल कर टीशर्ट उतार दिया। अब मैं केवल ब्रा और पेन्टी में ही थी। भईया खड़ा रह कर मेरे बदन के आस पास साड़ी लपेटने लगा। भईया का हाथ मेरे बदन पर बार बार छू रहा था। जैसे तैसे भईया मुझे साड़ी पहनाई। फिर भईया ने कहा- देखो निकिता जाकर आईने में! साड़ी ठीक से बन्धी है या नहीं।

मैं अपने कमरे में गई तथा आईने में अपने आप को देखने लगी। जब भईया बेडरूम में आया तो मैं केवल ब्रा और पेन्टी में थी तथा केवल एक साड़ी लपेटे हुए थी।

तभी भईया ने मुझे कहा- निकिता! अगर तुम बुरा न मानो तो एक बात कहूं? तुम्हारा एक स्तन छोटा और एक बड़ा है।

तो मैं गौर से देखने लगी, फिर बोली- नहीं दोनों बराबर हैं!
मैंने अपना साड़ी का पल्लू हटा कर दिखाया।
तो भईया ने कहा- नहीं, तुम्हें साड़ी पहनकर दिखाई नहीं दे रहा है।
मैंने कहा- इससे क्या होगा?

तो भईया ने मुझे कहा- ये परेशानी तुमको तुम्हारी शादी के बाद आयेगी, जब तुम्हारा पति तुम्हारे दोनों स्तन बराबर नहीं पायेगा तो बड़ा नाराज होगा, और हाँ इससे तुम्हारी खूबसूरती भी कम हो जायेगी।

तो मैंने कहा- भईया! अब मैं क्या करूँ? ये ठीक नहीं हो पायेंगे क्या?
भईया ने कहा- ठीक तो हो जायेगे लेकिन तुम्हें कहे अनुसार इलाज करना पड़ेगा और इसका इलाज केवल मालिश के द्वारा ही होगा।
तो मैंने भईया से कहा- भईया! आप प्लीज इसे ठीक कर दीजिये ना!
तो भईया ने मुझे कहा- निकिता! तुम एक काम करो तुम साड़ी उतार कर बिस्तर पर लेट जाओ, मैं तुम्हारी अभी मालिश कर देता हूँ।

फिर मैं अपनी साड़ी उतार कर बिस्तर पर लेट गई। भईया ने अलमारी में से तेल की शीशी निकाली और बिस्तर पर मेरे पास आकर बैठ गया और कहा- तुम अपनी ब्रा उतार दो, नहीं तो तेल से खराब हो जायेगी।

मैंने जल्दी से अपनी ब्रा को उतार दिया और अब मैं मेरे भईया के सामने केवल पेन्टी में ही थी। भईया ने अपने हाथ में तेल ले कर फिर मेरे स्तनों पर लगाया और मेरे स्तनों की मालिश करने लगा। मैं अपनी आंखों को बंद किये हुए लेटी थी। भईया मेरे कच्चे और हल्के गुलाबी रंग के स्तन व उनके चूचुकों को मसल रहा था। पहली बार किसी लड़के ने मेरे स्तनों को हाथ लगाया था और वह मालिश कर रहा था। इस कारण से मुझे अजीब सा नशा छाने लगा।

तभी भईया ने मेरे गुलाबी चूचुक को अपने अंगूठे व उंगली के बीच में लेकर जोर से दबा दिया तो मैं जोर से बुरी तरह चिल्ला उठी और बोली- आ आआ हहहह हहहह भईया इतनी जोर से नहीं! आराम से!

इसके बाद तो मैं अपने होश खोती जा रही थी तथा आसमान में उड़ने लगी थी लेकिन मेरा कोई गलत काम का मन नहीं था। लेकिन भईया मुझको पूरी तरह तैयार करके चोदने में मूड में था। करीब बीस मिनट मालिश करने के बाद भईया ने मुझे कहा- निकिता तुम्हारे स्तन अभी थोड़े ठीक हुए हैं लेकिन अगर तुम बुरा न मानो तो मैं तुम्हारी पूसी भी देख लूँ ताकि उसमें भी कोई परेशानी तो नहीं है।

तो मैंने कहा- इसमें पूछने की कोई बात नहीं! आप मेरे भईया है आप मेरा बुरा थोड़े ही करेंगे।

भईया उस समय भी कपड़े पहने हुए थे। मैंने देखा कि भईया के कपडो पर भी तेल लग गया है। भइया उठे और अपने कपड़े निकाल दिये। मैंने पूछा तो कहा कि मेरे कपड़ों पर तेल लग गया है, बदलने है। अब भईया मेरे सामने सिर्फ अन्डरवीयर में थे।

मैंने भईया से कहा- भईया! आप अपना अण्डरवीयर निकाल दो, नहीं तो ये भी गन्दा हो जायेगा।
तो भईया ने जल्दी से अपनी अण्डरवीयर उतार दी।
भईया का लण्ड में लहराने लगा तो मैंने भईया से पूछा- ये क्या है?

तो उसने कहा- यह लन्ड है और अंग्रेजी में इसको पेनिस कहते है और हम दोनों इसी पेनिस की वजह से इस दुनिया में आये हैं।
मैंने पूछा- इससे क्या होता है?
भईया ने कहा- इससे चूत की शेप और साईज ठीक किया जाता है।
तो मैंने मासूमियत से कहा- भईया! क्या आप मेरी चूत की शेप भी ठीक करेंगे?
वह बोला- हाँ! लेकिन पहले मैं यह देख तो लूँ कि तुम्हारी चूत ठीक है भी या नहीं ?

यह बोलकर उसने मुझे मेरी पेन्टी उतारने को कहा तो मैंने अपनी पेन्टी उतार दी। फिर भईया ने मेरे दोनों पैर फैला दिये और मेरी कुँवारी चूत को गौर से देखने लगा और मन ही मन सोचने लगा कि आज अपनी इस कुँवारी और नादान और भोली भाली लड़की की सील तोड़ने को मौका मुझे मिला हैं। ये बात मुझे भईया ने बाद में बताई जो लिखी।

मैंने पूछा- भईया आप क्या देख रहे है?
तो वो बोला- निकिता! तुम्हारी चूत का साईज बहुत छोटा है इसे बड़ा करना पडेगा!
मैंने कहा- जल्दी से इसको बड़ा कर दो।

तो भईया ने कहा कि पहले मैं इस चूसूंगा, उसके बाद भईया ने अपनी जीभ मेरे नीचे डाल दी और चूसने लगा।

मेरी तो हालत ही खराब हो गई और मैं मस्ती के मारे आहह आहहह आअ अ आ आ आ आहह ओइइइ सीईइइ आहहह करने लगी।

भईया ने कहा- मजा आया?
तो मैंने कहा- बहुत! और करो भईया!

काफी देर चूसने के बाद भईया ने कहा- निकिता! अब मुझे तुम्हारी चूत में अपना लण्ड घुसाना पड़ेगा पर मेरा लण्ड अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है तुम इसे खड़ा करने में मेरी मदद कर दो।

उसके बाद जैसे भईया ने कहा, मैं वेसा करने लगी। उसके लण्ड को चूमने लगी, मुँह में लेकर आगे पीछे करने लगी, चूसने लगी.
तो भईया भी मेरी तरह करने लगे और वो बोलने लगे- ओ मेरी प्यारी बहन निकिता! आहहहह हहहह क्या जादू है तेरे गुलाबी होठो में! जोर से चूस मेरी रानी! और चूस! मेरा मुँह में ले ले मेरा आज तू! आहहहहह!

जब भईया का लण्ड पूरी तरह से तन कर खड़ा हो गया तो उसने मेरी दोनों टांगों के बीच में अपना मोटा लण्ड रखकर थोड़ी क्रीम लगाई मेरी चूत के अन्दर तक! भईया ने १०० ग्राम क्रीम की शीशी को पूरी की पूरी मेरी चूत के ऊपर और अन्दर तथा अपने लण्ड पर लगा दिया और बोला- मैं तेरी चूत में अपना लण्ड डाल रहा हूँ!

और उसके बाद भईया ने एक जोरदार धक्का मारा, लण्ड पूरा मेरी चूत में एक बार में ही घुस गया, मेरी तो सांस ही अटक गई, मेरे मुँह से एक जोरदार तेज चीख निकली, मैं रोने लगी और रोते हुए बोली- मार डाला! मर गई रे! मेरी चूत फट गई भईया! उफफ नहीं, अपना लण्ड बाहर निकालो भईया! मुझे अपनी चूत सही नहीं करवानी है, इसे बाहर निकालो!

लेकिन भईया ने मेरी एक नहीं सुनी और मेरे मुँह पर हाथ रखकर दूसरे हाथ से मेरे स्तन पकड़ कर मसलते हुए अपना लण्ड आगे पीछे करने लगे।

कुछ देर बाद मुझे थोड़ा आराम मिला तो भईया ने पूछा- निकिता अब अच्छा लग रहा है ना!
तो मैंने कहा- भईया! बहुत मजा आ रहा है, जरा जोर से धक्के मारो मेरी चूत में!

और भईया जोर से मेरी चूत में झटके मारने लगे। अब भईया को और मुझको दोनों को मजा आ रहा था और हम दोनों सिसकियां ले रहे थे।

मैं भईया को कहने लगी- भईया! आज तक तुमने मेरा इलाज क्यों नहीं किया? अब डालो! जोर से डालो! मारो जोर से झटके मारो भईया। भईया अब जोर जोर से झटके मारने लगे मैं सातवें आसमान पर थी तथा मुझे मेरी चूत की चुदाई से त्रिलोक नजर आने लगा था और मैंने भईया को कहा कि भईया मेरे चूत से कुछ निकलने वाला है!

भईया बोला- निकिता! ये तुम्हारी जवानी और चूत का रस है जो आने वाला है, अब मैं भी तुम्हारे साथ आने वाला हूँ।

तभी मेरी चूत ने जोर की पिचकारी छोड़ी और मुझे बहुत मजा आने लगा। पहली बार मेरी चूत ने किसी लड़के के लन्ड से अपना रस छोड़ा था, अति आनन्द और मजे से मैं सीसीयाने लगी और एक तेजी खुशी की चीख निकली। और इसी के साथ में धडाम हो गई, मैं असमान की बुलन्दियों से कटी पंतग की भांति जमीन पर गिरने लगी।

तभी भईया का लण्ड मेरी चूत में फ़ूल कर झटके मारने लगा। मुझे फिर मेरी चूत में कुछ गर्म गर्म सा गिरता प्रतीत हुआ, ऐसा लगा किसी ने कोई गर्म गर्म चीज मेरी चूत में डाल दी हो। भईया ने मेरी चूत में अपना वीर्य निकाल दिया। जब मैं खड़ी हुई तो मुझे भईया का सहारा लेकर खड़ा होना पड़ा।

खड़ी होने पर भईया का वीर्य मेरी चूत से निकल कर मेरी जांघों पर बहने लगा तो मैंने भईया से पूछा- यह क्या है?

तो वह बोला- यह पीने से ताकत आती है, तुम्हारी बॉडी सही हो जायेगी।

मैंने अपने हाथ से अपनी जांघों तक आये हुए भईया के वीर्य को अंगुलियों पर लिया और चाट गई। मुझे पहले अजीब पर बाद में बहुत अच्छा लगा।

बाद में भईया ने पूछा- निकिता मजा आया?
मैंने कहा- हाँ भईया! आया! लेकिन एक वादा करो कि आप ऐसे ही रोज मेरा इलाज करोगे।
भईया ने कहा- हाँ करूंगा, पर उसके लिए तुम्हें मेरी पत्नी बनना पड़ेगा, फिर मैं तुम्हारा हर समय इलाज करता रहूंगा।
मैं मुस्कुरा दी और कहा- हाँ जी बनूंगी।
भईया कहा- अरे ‘हाँ जी’ क्यों कहा?

मैंने कहा- अब आप मेरे पति हैं और लड़कियाँ अपने पति का नाम नहीं लेती हैं न!

बाकी कहानी अगले भाग में

दोस्तो और मेरे भाईयो! कैसी लगी आपको मेरी कहानी?

आंटी के गुस्से से सेक्स तक-Antarvasnaअगर आपको मेरी कहानी पसंद आई या नहीं, मुझे जरूर मेल करना और मुझसे कुछ पूछना हो तो भी मेल करना! मैं जवाब दूँगी! मुझे आपकी मेल का इन्तजार है। Hindi Sex Stories

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मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ औरHindi Porn Storiesइसकी तकरीबन सारी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ। आज मेरा भी मन किया अपनी कहानी आप लोगों को बताने का!

मेरा नाम राहुल है और मैं गाँव जुलाना, हरियाणा का रहने वाला हूँ।

बात उस समय की है जब मैं 18 साल का था और बिल्कुल कुंवारा था। मैं एक क्लीनिक पर काम करता था मेरी वहां रात की ड्यूटी थी। मैं रात को वही सोता था। वहां सुबह-सुबह एक लड़की सफाई करने के लिए आती थी। उसके बारे में क्या बताऊँ मामू! क्या लड़की थी!

वैसे वो बहुत चालू थी साली! बहुत लड़कों से चूत मरवा चुकी थी, लेकिन वो बहुत सेक्सी लगती थी। लम्बाई यही कोई 5’3″, फिगर सही-सही तो नहीं बता सकता लेकिन मस्त भरा हुआ जिस्म था उसका। चूची भी देखने में अच्छी थी काफी बड़ी-2! शक्ल सूरत तो ठीक ठाक ही थी, लेकिन उसकी जो एक चीज दिलकश थी वो थी उसकी बाहर को निकली हुई गांड!

जब वो चलती थी ना तो उसके दोनों कूल्हे आपस में ऐसे रगड़ खाते थे कि अगर उसकी गांड में लंड डाल के उस लड़की को चलाया जाए तो लंड पिस जाए साला! वो मुझसे हमेशा सेक्सी सी बातें करती थी, मेरे पास से निकलती तो मुझे छूते हुए, लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैं तब तक लड़कियों के बारे में ज्यादा नहीं जानता था।

उस समय सर्दी के दिन थे, वो सुबह 5 बजे आती थी सफाई करने। मैं वही सोता था, जब वो आती तो मैं अपने दोस्तों के साथ सैर करने के लिए जा चुका होता था तो …

उस दिन मेरे दोस्त मुझे उठाने के लिए नहीं आए थे, लगता था साले रात में ब्लू फ़िल्म देख के मुठ मार के सो गए थे। तो मैं आराम से सो रहा था। वो आई और मुझे हिला कर उठाने लगी। मैंने सोचा कि मेरे दोस्त उठाने के लिए आए हैं और मेरा उस दिन जाने का मूड़ नहीं था। मैंने उसका हाथ पकड़ा और एक तरफ़ झटका दिया तो वो सीधी मेरे ऊपर ही आ पड़ी। मुझे अपने ऊपर वजन महसूस हुआ तो मैंने उसे उसकी छाती पर हाथ लगा कर उठाने की कोशिश की तो मुझे लगा कि मेरे हाथ में किसी लड़की के चुचे हैं। मैंने आँख खोल कर देखा तो देखा कि मेरे ऊपर तो वही लड़की है। मैंने उससे कुछ भी नही पूछा और चुपचाप उसे अपने नीचे डाल लिया और उसके होठों को चूसना शुरु कर दिया। मुझे मजा आने लगा था।

उस समय मेरा दिमाग सुन्न हो गया था, मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूँ, क्योंकि मेरी जिन्दगी की पहली लड़की मेरी बांहों में थी और मैं उसे चोदने वाला था। ऐसा लग रहा था जैसे जिन्दगी में इससे ज्यादा मजेदार चीज कोई हो ही नहीं सकती।

मैं उसके मुंह के अन्दर अपनी जीभ घुमाने लगा, वो भी मेरे मुंह में जीभ डाल के चाट रही थी। मैं एक हाथ से उसके चुचे दबाये जा रहा था। कुछ देर के बाद मैं उसके ऊपर से उठा और उसकी सलवार-कमीज उतार के एक तरफ़ फैंक दी। उसके जिस्म पे अब काली ब्रा और पैंटी बाकी थी। ट्यूब लाइट की रोशनी में उसका गोरा जिस्म चमक रहा था।

मैं उसकी गर्दन को अपनी जीभ से चाटने लगा। फ़िर उसके चुचियों के उभारो को चूमना चाटना शुरु कर दिया। वो भी सिसक रही थी मुझे भी मजा आ रहा था। मैंने उसकी ब्रा को उतार फैंका और उसकी चूची चूसने लगा। साली की चूची बड़ी सख्त थी, उसके निप्पल तन के खड़े हो गए थे।

मैं उसके जिस्म के एक एक हिस्से को चूमते हुए नीचे जाने लगा, उसके चिकने पेट को चूमते हुए मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। मैंने सोचा कि उसकी चूत भी चाट लूँ पर उसकी चूत चाटने को दिल नहीं माना।

उसने चूत की शेविंग करके एक दम चिकना बना रखा था। मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए और उसे अपना लंड चूसने के लिए कहा। उसने बहुत मना किया लेकिन मैंने उसके बाल पकड़ के खींच दिए। उस वक्त मुझे पता नहीं क्या हो गया था वरना आम तौर पर मैं जानवरों जैसा व्यवहार नहीं करता।

हाँ तो मैंने उसके बाल पकड़ के खींच दिए। जैसे ही उसका मुंह खुला, मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और पूरा अन्दर ठेल दिया। उसके मुँह से घूं-घूं की आवाज आ रही थी। मुझे पता चल रहा था कि मेरा लंड उसके गले में जाके फंसा हुआ है, फ़िर मुझे उस पे थोड़ी दया आई और मैंने अपना लंड थोड़ा वापस खींच लिया और धीरे-2 अन्दर बाहर करने लगा। मुझे उस वक्त ऐसा मजा आ रहा था कि दिल कर रहा था कि पूरी जिन्दगी ऐसे ही करता रहूँ। काफी देर के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसके मुँह से लंड निकाल लिया।

और उसकी टांग उठा के लंड उसकी चूत के अन्दर डाल दिया। लंड एकदम से अन्दर चला गया। मेरा लंड अच्छा खासा मोटा ताजा है लेकिन उसकी साली की चूत ही कुआँ बन चुकी थी। वो एकदम जोर से चिल्लाई हरियाणवी में- आह मेर तो दर्द होव है बाहर काढ ले”

मुझे उस वक्त हँसी भी आई और गुस्सा भी आया कि साली आधे गाँव के लंड खा चुकी है और ऐसे चिल्ला रही है जैसे साली सील मुझसे ही पड़वा रही है।

मैंने उसकी बात सुने बगैर चुपचाप उसे पेलना जारी रखा। वो मुझसे जोर से चिपकी हुई थी उसके निप्पल कड़े होकर मेरी छाती में गड़े हुए थे और नीचे से गांड उठा-2 के धक्के लगा रही थी। धक्के क्या लगा रही थी साली एक कुंवारे लंड की इज्जत लूट रही थी। बेशक मेरा लंड उसकी चूत में था और मैं उसके ऊपर था लेकिन मैं उसे नहीं, वो मुझे चोद रही थी क्योंकि वो इस चुदाई की माहिर थी मैं तो सिखधर ही था अभी।

थोड़ी देर के बाद उसने मुझे जोर से भींच लिया और मेरे कंधे पे दांत गाड़ने लगी। मैं हिल नहीं पा रहा था, ना ही अपना लंड आगे पीछे कर पा रहा था। उसने अपनी चूत को एक बार सिकोड़ना और एक बार ढीला करना शरु कर दिया।
शायद वो टपक रही थी फ़िर उसने मुझे ढीला छोड़ दिया और मैंने जैसे ही धक्के लगाने शुरु किए, मुझसे कहने लगी हरियाणवी में- हाय बाहर काढ ले मेर तो दर्द होण लाग्या इब.

मैंने कहा- साली मेरा स्वाद क्या तेरी माँ निकलावाएगी!
और मैंने उसे जोर से पकड़ के धक्के लगाने शुरु कर दिये तो वो बार-2 निकालने के लिए कहने लगी।
मैंने कहा- गांड में डलवाएगी तो छोड़ दूंगा।

तो वो मान गई। मैंने उसकी चूत से लंड निकाल लिया, वो उसकी चूत के पानी में भीगा हुआ था और टपक रहा था। मैंने उसको मरीजों को लेटाने वाली मेज के पास खड़ा किया और उसकी छाती को मेज पे टिकवा दिया। अब उसके पैर जमीन पे थे और वो मेज पे छाती टिका के झुकी हुई थी। मैंने उसके दोनों हाथों को उसकी पीठ पे एक हाथ से पकड़ा और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़ के उसकी गांड पे टिका के एक जोर का धक्का लगाया। मेरा करीब आधा लंड उसकी गांड में चला गया, वो जोर से चिल्लाने लगी और अपने हाथो को छुड़ाने की कोशिश करने लगी।

मैंने एक हाथ उसके मुँह पर रख के जोर से दबा लिया और दूसरे हाथ से उसके दोनों हाथों को जोर से पकड़ लिया। वो छटपटा रही थी और उसकी आंखों से आंसू निकल के मेरे हाथों पे बह रहे थे। शायद उसने अपनी गांड अब तक कुंवारी रखी हुई थी जो आज मैंने फाड़ डाली। यह सोच के मैं बहुत खुश हुआ और मैंने एक जोर का धक्का और लगा के अपना पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया और जोर-2 से धक्के लगाने लगा।

उसके नीचे की मेज भी मेरे धक्कों के साथ-2 आगे पीछे हिलते हुए चरमरा रही थी। करीब 10 मिनट बाद में मेरे वीर्य की पिचकारी उसके अन्दर अन्दर छुटने लगी। मैंने उसके हाथों और मुँह पर से हाथ हटा के दोनों हाथों से उसकी चुचियों को पकड़ लिया और उन्हें जोर-2 से भींचते खींचते हुए उसके अन्दर झड़ने लगा, पूरी टंकी खाली करने के बाद मैं उसके ऊपर ही ढेर हो गया।

करीब 10 मिनट के बाद हम लोग उठे मैंने देखा की मेरा लंड कई जगह से छिला हुआ है। मैंने बाथरूम में जाके अपना लंड साफ किया, उसने अपनी गांड और चूत साफ की और क्लिनिक की सफाई करने लगी। मैं भी थक चुका था।

लड़के ने आज बहुत मेहनत की थी भाई, अपनी जिन्दगी की पहली गांड मारी थी और पहली चुदाई हर आदमी के लिए खास होती है।

मैं उसी चुदाई के बारे में सोचते हुए घर चला गया.
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मैं २२ साल का कुंवारा हूं। Sex stories मैं ने फर्गुसन कालेज में बी .एस सी . की है। मेरा निक नाम संजू है। मैं हिंदु हूं। मैं पुने का रहने वाला हूं। पुने में चवन नगर पुलिस कोलोनी में रहने वाला हूं। तो मैं आपको मेरी पहली स्टोरी और पहली ही हकीकत मेरे साथ घटी हुई है वो मैं आप को बता रहा हूं। ये कोई झूठ कहानी नहीं बल्कि मेरे साथ घटी हुई घटना है।

हमारे डैडी पुलिस में हेड कांस्टेबल है। पुलिस कोलोनी दो मंजिल की है करीबन उस कोलोनी में ४८ खोलियां है। हमारी खोली २१ की थी और २२ नम्बर में गुप्ता (पुलिस – हमारे पड़ोसी) रहते थे और उनकी पत्नी और उनकी एक ५ महीने की छोटी बेटी, ऐसा परिवार था। उनकी पत्नी बहुत ही सुंदर थी ( उनकी फ़ीगर मानो प्रीति ज़िंटा की तरह थी) और उनका चेहरा काफ़ी गोरा था। उनकी उमर शायद २३-२४ के बीच थी। तो हम सब यानि वहीं के सारे पुलिस और उनकी फ़ैमिली एक दूसरे के सम्बन्धी के तरह थे यानि रिलेशन बहुत अच्छा था।

ये घटी हुई कहानी २ साल पहले की है। जब हमारे पड़ोसी मिस्टर गुप्ता ६ दिन के लिये पंढरपुर बंदोबस्त चले गये थे इसलिये उनके यहां कोई मर्द नहीं था इसलिये उन्होने मेरे मम्मी को मुझको उनके यहां सोने के लिये भेजने को कहा। और हमारे यहां ऐसा ही होता है यानि किसी के घर में से कोई पुलिस (मर्द) किसी बन्दोबस्त या ड्युटी पे जाता है तो किसी के घर में रहने वाला यानि अच्छे कल्चर के उमर में काम वाले लड़के को सोने के लिये बुलाया जाता था। इसी तरह एक दिन (मैं उनको गुप्ता मामी कह कर बुलाया करता था।) गुप्ता मामी ने मेरे मम्मी को मुझे उनके यहां सोने के लिया भेजने को कहा। मम्मी फ़ौरन राजी हो गयी क्योंकि वो भी नेक इरादे की थी इसलिये फ़ौरन तैयार हो गयी। तो मैं कॉलेज से प्रैक्टिकल करके वापस आया और खाना खाकर पढ़ाई करने लगा तो मम्मी ने कहा कि गुप्ता मामी के यहां कोई नहीं है इसलिये वहां तुम्हे सोने के लिये जाना है तो तुम वहीं जाकर पढ़ाई करो, क्योंकि उन्हे सोना होगा तेरे लिये जागना पड़ेगा। तो मैं अपना बेग लेकर उनके घर में चला गया।

तब गुप्ता मामी खाना खा रही थी। तो उन्होने मुझे खाना खाने के लिये बुलाया, लेकिन मैने उन्हे कहा कि मैं अभी अभी खाना खा कर आया हूं और आप खाना खा लीजिये मैं पढ़ाई करता हूं। तो उन्होने कहा ठीक है। फिर उन्होने खाना खा कर अपनी बेटी को कोमप्लैन पिला के उसको पालने में सुलाया। फिर बाद में उन्होने बिस्तर लगाने के लिये मुझे मदद के लिये बुलाया। तो मैं उन्हे मदद करने गया। जब बिस्तर लगाते वक्त वे झुक जाती थी तब उनके ब्रेअस्ट का गैप दिखाई दिया मैं मर्द होने के कारण वो नजारा देख कर प्रेरित हो गया। लेकिन फिर मैने आपने आप को कंट्रोल कर के पढ़ाई करने लगा। पढ़ाई करने के बाद मैं उनके पास सोने गया वो जाग रही थी। मैं सोने के लिये बिस्तर पे लेट गया। तब उन्होने कहा कि हो गयी क्या पढ़ाई तब मैने कहा हो गयी।

कुछ देर तक हम टीवी देखते रहे फ़िर बाद में यानि करीब १२.१५ बजे के वक्त टीवी बंद करके सोने लगे लाइट ओन थी। इसलिये मुझे नींद नहीं आ रही थी। मुझे तो उस वक्त उनकी ब्रेअस्ट के अलावा कुछ भी सूझ नहीं रहा था। फ़िर बड़ी मुश्किल से नींद लग गयी। सुबह होने पर गुप्ता मामी मुझे जगाने लगी थी। जब वे मुझे जगा रही थी उस वक्त जब मैं जाग गया तो फिर से उनके ब्रेअस्ट का गैप दिखाई दिया वो हमेशा की तरह बहुत खूबसूरत नजर आ रही थी। और फिर मैं उठ कर अपने घर जा कर तैयार हो कर कोलेज चला गया।

हमेशा की तरह पहला लेक्चर मथस का था ( मेरा ग्रुप मथस था)। जब मथ्स के टीचर (खान) पढ़ा रहे थे उस वक्त मेरा ध्यान लेक्चर पे लग नहीं रहा था, क्योंकि मेरे सामने सिर्फ़ उनकी तस्वीर नजर आ रही थी। जब खान सर को पता चला कि मेरा ध्यान लेक्चर पे नहीं है तो वे बोले —– तुम्हारा ध्यान आज कहां है तबीयत ठीक नहीं है क्या ? तब मैने कहा हां सर, आप मुझे थोड़ी सी वीकनेस लग रही है। तब सर ने कहा तो तुम घर जाकर आराम क्यों नहीं लेते? मैं कोलेज में होशियार था। इसलिये उन्होने मुझे बेड रेस्ट लेने के लिये कहा। फ़िर मैं मथस का लेक्चर खत्म करके दो दिन की छुट्टी ले कर घर चला गया।

तब मम्मी ने पूछा कि आज जल्दी कैसे घर आ गये तब मैने मम्मी को कहा कि आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है इसलिये मैं दो दिन कि छुट्टी लेकर कोलेज से वापस आया हूं। फिर रात को खाना खा लेने के बाद मम्मी ने कहा कि आज तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है तो सोने के लिये मत जाओ। लेकिन मैने मम्मी से कहा कि मैं अब अच्छा महसूस कर रहा हूं और वहां भी तो सोने ही जा रहा तो फिर मैं यहां सो जाउं या फिर वहां सोउं बात तो एक ही है न, और तो और उनके यहां कोई नहीं है इसलिये वो डर जायेंगी। फिर मम्मी ने जाने के लिये कहा तब उनके यहां सोने के लिये गया।

जब मैं उनके यहां सोने के लिये गया था तब उनकी बेटी सो चुकी थी और गुप्ता मामी टीवी देख रही थी जैसे ही मैं अंदर गया, तब मामी ने पूछा क्या तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है न। तब मैने कहा कुछ नहीं थोड़ा सी वीकनेस लग रही थी। तब मामी आगे बढ़कर मेरे सामने आ कर मेरे माथे पर छुआ तो मेरे शरीर में अजीब सी रोशनी जगमगायी। फिर बाद में हमने बेड लगाया तब हमेशा की तरह बेड लगाते वक्त उनकी ब्रेअस्ट की गैप दिखाई दी। और फिर मैं हैरान हो गया। जब हम बेड पर लेट गये तब उनको नींद लग गयी, लेकिन मुझे नींद नहीं लग रही थी।

फिर मैने थोड़ी देर के बाद जान बूझ कर नींद का नाटक करके उनके बूब्स (चूची) पर रख दिये तो मैं अच्छा महसूस कर रहा था। उनकी चूची तो बहुत ही टाइट थी और उनकी चूची का निप्पल तो मुझे खुन्नस दिखा रहा था। थोड़ी देर के बाद मैने अपने पंजे को उनके चूची को कपड़ों के उपर के ही रगड़ रहा था तब वो जाग आ गयी। और मेरे तरफ़ देखा मैं नींद का नाटक कर रहा था। तब उन्होने मेरा हाथ उनके चूची के उपर से हटाया और फिर सोने लगी। जब मैं सुबह उठ गया तब मामी ने मुझे कहा कि कल रात तुम सोते वक्त क्या कर रहे थे? तब मैने कहा मुझे कुछ भी मालूम नहीं है। तब मामी ने कहा कुछ नहीं मुझे लगा कि तुम कहीं बीमारी के वजह से तड़प तो नहीं रहे थे।

क्योंकि तुम नींद में तड़प रहे थे इसलिये पूछा।

फिर रात को मैं सो गया तो मेरा आज हिम्मत भी नहीं थी कि उनकी चूची पे हाथ रखने को। फिर जब मैं सुबह जल्दी उठ कर मुंह धोने के लिये बाथरूम जाने लगा तब बाथरूम जाते वक्त उनका किचन लगता हुआ तो मैने किचन में मामी को कपड़े पहनते वक्त देख लिया मामी निक्कर पहने हुई थी और ब्रा पहनने वाली थी कि मुझे उनकी चूचियां दिखाई दी। और फिर उनका भी ध्यान मेरे तरफ़ गया तो वो अपने आप को साड़ी में लपेट कर दरवाजे की तरफ़ आने लगी तब मैने अपनी दोनो आंखें बंद कर दी। इसलिये उनको लगा कि मैं बाथरूम जाते वक्त वो मुझे दिखाई दी और मैने जल्दी से अपनी आंखें बंद कर दी होंगी इसलिये वो मुझे बहुत ही भला समझ बैठी। लेकिन मैने तो मन भर कर खूबसूरत नजारा देखा था। फिर अगली रात को हम हमेशा की तरह सोने लगे तो मामी कहने लगी कि तुम्हारे अलावा कोई और होता तो मुझे उस हालत में देख कर जाने क्या कर बैठ जाता, लेकिन तुमने तो अपनी दोनो आंखें बंद कर दी। मुझे माफ कर दो कल जो मैने तुम्हे पूछा था कि तुम नींद में क्या कर रहे थे? तो तुमने कहा था कि मुझे कुछ मालूम नहीं है। तो मैने कहा था कि तुम शायद बीमारी की वजह से तड़प रहे हो। वो सब मैने तुमसे झूठ कहा था क्योंकि कल रात तुम्हारा हाथ मेरे चूची पर था इसलिये मैने ऐसा पूछा था, लेकिन तुम तो बहुत हो नेक इरादे के हो मुझे माफ कर दो। तब उनके मुंह से उनकी ही चूची का शब्द सुनकर मेरे शरीर में एक गुदगुदी सी फ़ैल गयी।

फ़िर हम सो गये, उसके अगले दिन एकदास की छुट्टी थी इसलिये मैं घर में ही था। तब दोपहर के १२.३० बजे मम्मी और मेरा छोटा भाई (उमर में २ साल छोटा) बाज़ार के लिये गये थे और डैडी ड्युटी पे गये थे। उस वक्त घर में कोई भी नहीं था इसलिये मैं कंप्यूटर पे एक स्टोरी पढ़ने लगा (बहन के साथ चूदाई की स्टोरी थी) पढ़ते समय मुझे कुछ खाने का मन किया इसलिये मैं चाय बनाने के लिये अंदर (किचन) चला गया तो उसी वक्त गुप्ता मामी आयी, और उन्होने मम्मी को हांक मारी तो मैने अंदर से ही मम्मी बाज़ार गयी है ऐसा कहकर उन्हे चाय के लिये रुकने को कहा। तब वे मेरे कम्प्यूटर के पास आकर वो कहानी पढ़ने लगी। और जब मैं चाय लेकर आया तो वो हिचकिचा गयी और ऐसा बीहेव किया कि उन्होने उसे पढ़ा ही न हो।

फिर हम ने चाय पी तब मैं टीवी देखने लगे और मामी को टी वी देखने के लिये कहा और मैं कप धोने के लिये अंदर चला गया तब मैने उनके कप में थोड़ी सी बची हुई चाय डालकर पी ली तो मानो चाय नहीं मैं उनके बूब्स का दूध ही पी रहा हूं ऐसा मुझे एहसास हुआ। और मैं जान बुझ कर बाहर जाने के लिये देर करता रहा क्योंकि मामी टीवी नहीं देख रही थी, बल्की वो तो उस कहानी को ध्यान से पढ़ रही थी इसलिये मैं देर करता रहा फिर मैं २५ मिनट के बाद बाहर आया तो उन्होने वो कहानी पढ़कर खत्म कर ली थी। और उनका चेहरा खुश नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि उनको ऐसी कहानियां और पढ़नी थी लेकिन उनको कोम्पुटर के बारे में कुछ भी पता नहीं था इसलिये उन्हे दूसरी कहानी ओपन करनी नहीं आयी।

फिर वो अपने घर चली गयी। जब मैं उस रात को उनके घर सोने के लिये चला गया तो हम बिस्तर लगाके सोने लगे तो मामी ने कहा कि तुम मुझे जैसे लगते हो वैसे तो तुम हो नहीं। तो मैंने कहा क्या मतलब तो मामी ने कहा कि तुम कंप्यूटर पे क्या पढ़ रहे थे तो मैं बोला कि वो, वो तो मेरे दोस्त ने मुझे एक वेब साईट बताई और उसमें से उस कहानी को पढ़ने के लिये कही लेकिन मैने तो इसे पढ़ी तक नहीं क्या आपने पढ़ी है क्या? तो मामी बोली तभी तो तुम ऐसे कैसे कर सकते हो फ़िर मैने पूछा कि क्या आपने ये कहानी पढ़ी है तो मामी बोली कि हां लेकिन तुम मत पढ़ना बहुत बेकार कहानियां है ये।

तब मैने कहा अच्छा फिर हम सोने लगे लेकिन मामी को उस कहानी को पढ़ने से नींद नहीं आ रही थी। थोड़ी देर के मैने सोने का नाटक किया क्योंकि मुझे मालुम था कि आज कुछ न कुछ होने वाला है। फिर उसी मुताबिक ही हुआ मामी ने हल्के से मेरे सीने पे हाथ रखा और फिर ५ मिनट के बाद उन्होने अपना हाथ मेरे लंड के पास लाया और चुपचाप रह गयी फिर ५-१०मिनट के बाद उन्होने हल्के से उठ कर मेरे गाल पे किस किया तो मेरा लंड टाइट हो के तैयारी में था अचानक मैं हिल गया क्योंकि उनका हाथ मेरे लंड पे था और मैं हिल नहीं जाता हो मेरा लंड टाइट हो गया है ये उनको मालुम हो जाता और वो समझ जाती कि मैं सो नहीं रहा हूं। फिर थोड़ी देर के बाद मामी ने मेरे लिप्स पे अपने लिप्स रखकर हल्के से किस करने लगी तो मैने अचानक अपनी दोनो आंखें खोली तो मामी शरमा कर बाजु हट गयी। तब मैं मामी के गाल पे मेरा हाथ रखकर उनके गाल पे फेरने लगा।

तो वो गरम होने लगी और मैं भी गरम होने लगा और मेरा लंड पूरा (९ इंच) का टाइट हो गया और फिर मैं उनके गाल पे हाथ फेरते फेरते उनके लिप्स पे आ गया और उनके लिप्स पे मेरा हाथ रगड़ने लगा तो वो सिसकारियां भरने लगी। फिर मैं जरा सा उनके करीब गया और उनके गाल पे किस करने लगा ऐसे करते करते मैं उनके लिप्स पे मेरे लिप्स रख कर किस करने लगा उनके लिप्स तो बहुत ही नरम थे और उनके मुंह से गरम भाप निकल रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद मैं उनके गर्दन और पीठ पे जीभ फिराने लगा तब वो बहुत ही गरम हो गयी। फिर मैं जीभ फेरते फेरते एक हाथ उनके ब्लाउज़ के अंदर डाल कर उनके चूची को मसलने लगा तो उन्होने मेरा हाथ बाहर निकलना चाहा तो मैने अंदर की ब्रेसिअर को पकड़ के रखा तो उन्होने मेरा हाथ छोड़ दिया।

थोड़ी देर के बाद मैं फिर से उनकी चूचियां मसलने लगा इस बार उन्होने मेरे हाथ को हटाने की कोशिश नहीं की बल्कि वो तो मजे लेने लगी थी। ऐसे ही हम आधे घंटे तक मजे लेते रहे। फिर थोड़ी देर के बाद मैं उनके ब्लाउज़ के बटन खोलकर ब्लाउज़ उतार डाला और फिर मैने उनका ब्रेसिअर भी उतार डाला। उनकी चूचियां मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी इसलिये उन्होने अपने दोनो हाथों को चूचियों पर रखकर चूचियां छिपाने लगी तो मैने २ मिनट के बाद फिर से उनके लिप्स पे किस करना चालु किया तो थोड़ी देर के बाद उन्होने अपना हाथ चूचियों पर से हटा दिया। फिर मैं उनके चूचियों के तरफ़ मुड़कर उनकी चूचियां चूसने लगा। उनकि चूचियां बहुत टाइट और रसीली थी। मैं एक एक करके उनकी चूचियां चूसता रहा। फिर चूचियां चूसते चूसते मैं उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट खीचने लगा तो उन्होने मुझे मना किया तो मैं रुक गया और उपर से ही उनके चूत को मसलने लगा तब वो गरम होने लगी और खुद ही उन्होने मुझे पेटीकोट उतारने में मदद की अब वे सिर्फ़ निकर में थी फिर थोड़ी देर के बाद वो भी मैने उतार डाली।

अब वे मेरे सामने पूरी नेकेड (नंगी) थी। फिर मैं उनके चूचियों का चूसना बंद करके उनके चूत को चूसने के लिये मैने अपना मुंह उनके चूत पे रखा तो उनके मुंह से इशह्हह्हह्हह्हह्ह अहह्हह्हह्ह ओह्हह्हह्ह इसे शब्द निकलने लगे तो मैं और उत्तेजित हो गया और उनकी चूत को चाटने लगा तो वो सिसकारियां भरने लगी। फिर मैने अपनी उंगली को उनके चूत में घुसायी तो उन्होने अपने दोनो टांगे टाइट कर दी तब मेरी उंगली उनकी चूत में फ़िट हो गयी और मुझे उनके चूत में उंगली को अंदर बाहर करने में दिक्कत हो लगी थी। और दूसरी तरफ़ मामी सिसकारियां भरने लगी थी।

ऐसे आधा घंटा करने के बाद मामी ने मुझे कहा कि अब मुझसे बरदास्त नहीं हो रहा है। जल्दी से कुछ करो तो मैने मामी की चूत चूसने को छोड़ दिया और अपने आप पे कंट्रोल करके बाजू हट गया। तो मामी बोली क्यों, क्या हुआ तब मैं बोला कि मामी आज नहीं कल करते हैं तो मामी बोली कि क्यों कल क्यों आज क्यों नहीं? तो मैं बोला कि मामी हम आज अनसेफ़ है अगर इसी हालत में कुछ किया तो हम दोनो को भी बड़ी बीमारी लग सकती है। तो मामी बोली कि तो हम आगे कुछ नहीं कर सकते क्या? तब मैं बोला कि नहीं हम आगे और भी कुछ कर सकते हैं लेकिन पूरी होशियारी के साथ। मामी बोली मैं तुम्हारा मतलब नहीं समझी तो मैं बोला कि हम जरूर करेंगे पर कल कंडोम पहन कर। तो मामी बोली ऐसा क्या तू तो बहुत ही होशियार है मैने कहा कि मामी हम अभी से ध्यान में रहकर मजे लेते रहे तो हम सेफ़ रहेंगे न और मजे भी मिलेंगे। तो मामी राजी हो गयी और कहा ओके गुड नाईट मेरे हसबंड तो मैं आश्चर्य से उनके मुंह को देखने लगा। और थोड़ी देर के बाद हम दोनो कपड़े पहन कर सो गये।

फिर सुबह जल्दी उठकर मैं मामी को लिप्स पे किस किया और मामी को जगाया और हम दोनो बाथरूम गये। फिर मैने मामी को नंगा करके उनके चूत और बूब्स पे पेस्ट लगाके उंगली से घिसने लगा तो वो सिसकारियां भरने लगी। बाद में मैने उन्हे साबुन लगाया और उनकी चूचियों को घिसने लगा तो वो मुझ से लिपट गयी। फिर थोड़ी देर के बाद मैने उनके चूत को साफ़ करने के लिये उनके चूत में उंगली डालते ही उनके मुंह से आईईईईईईईईईईईईईग की आवाज निकली। थोड़ी देर के बाद मैं उनको बाथ करके उन्हे कपड़े पहनाया और फिर मैने अपने घर आ कर स्नान किया और नाश्ता कर के कोलेज चला गया।

कोलेज से आते वक्त मैं मेडिकल जा कर दो कंडोम के पैकट ले लिया और घर आ गया। जब मैं रात को सोने जा रहा था तब मैने धीरे से सग में से कंडोम की दोनो पैकट निकाल कर जेब में रख लिया और सोने चला गया। जब मैं गुप्ता मामी के घर गया तो उनकी छोटी बेटी पालने में सो चुकी थी और गुप्ता मामी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में ही थी। उनको उस हालत में देख कर मैं उत्तेजित हो गया और उनको गोद में उठा लिया। ऐसे ही मैं उनको बेड पे लिटा दिया और जेब में से कंडोम निकाल कर एक कंडोम मामी के पास दे कर उसे छिपाये रखने के लिये कहा क्योंकि कभी भी जरूरत पड़ सकती है इसलिये। और मैने अपने सारे कपड़े उतार के कंडोम पहन लिया। और मामी को बिस्तर पे लिटा कर उनको नंगा कर के उनके चूचियों को चूसता रहा।

थोड़ी देर के बाद उनके चूत को चाटने के लिये मुंह लगाते ही सिसकारियां भरने लगी। जब मैं उनके चूत चाटता रहा तब मामी ने कहा कि अब मैं प्रेसर में हूं तो मैने अपना मुंह उनकी चूत पर से हटा कर झत से ही उनकी चूत पे मसलने लगा तो मामी झड़ गयी। और फिर थोड़ी देर के बाद मैने अपना रुमाल निकाल कर उसे पानी में भिगोकर मामी की चूत को साफ़ कर दिया। और मैं किचन में जाकर फ़्रिज में से आइस ट्रे निकाल कर उसमे से दो तीन आइस के पीस निकल कर ले आया। और साथ ही फ़्रिज में रखा हुआ आइस-क्रीम ही लेकर आया। और जो मैने फ़्रिज से लाये हुये आइस के तुकड़े मामी के चूत में सरकाया तो मामी चिल्ला उठी उनके मुंह से इशह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह की आवाज निकल पड़ी उसके बाद मैने उनकी चूत में आइस-क्रीम घुसेड़ दी तो वो खड़ी हो कर चिल्लायी। और मुझ से कहा कि क्या कर रहे हो ऐसा कोई करता है भला। देख तेरे बजह से मुझे पेशाब आ गयी है मैं अभी जाकर आती हूं। तब मैने कहा कि आप को पेशाब आई है तो आप यहां पोजिशन ले के बैठिये और कर दीजिये। तब मामी बोली यहां कैसे कर सकती हूं सारे कमरे में फ़ैल जायेगी। फ़िर मैं बोला कि आप पोजिशन ले लीजिये और मैं आप के नीचे सो जाता हूं और मैं सो गया फ़िर ओ मेरे मुंह के पास अपनी चूत सेट करके मेरे मुंह में पेशाब करने लगी।

हाय क्या स्वाद था उसका स्वीट के साथ नमकीन भी था। इस से मुझ में स्फ़ूर्ति आ गयी और वहीं पे मैने मामी को लिटाया और उनके चूत पे मेरा टाइट लंड रखकर रगड़ने लगा। और फ़िर ५ मिनट के बाद मैने एक स्ट्रोक लगाते ही मेरा लंड २ इंच अंदर जाते ही मामी चिल्ला उठी आईईईईइग उनके मुंह से सिसकारियां सुनकर मैं और मूड में आ गया। और मैने और जरा जोर का झटका लगाया तो मेरा लंड ३ इंच अंदर जाते ही मामी तड़पने लगी उनके मुंह से आईईइ आईईईई ग्गग्गग्गग ऐसे सुर निकल पड़े। और मुझसे सिसकारियां भरते भरते ही कहने लगी कि मुझसे बरदास्त नहीं हो रहा है प्लीज उसे बाहर निकालो न! फिर मैं २ मिनट रुक गया जब मैं समझ गया कि मामी अब शांत हो गयी हैं तो मैने और एक जोर का झटका लगाते ही उनके चूत से ब्लड (खून) निकलने लगा तो वो दर्द के मारे तड़पने लगी और मेरा विरोध करने लगी। तो मैने मैं उसे कहा कि प्लीज मामी ऐसे मत कीजियेगा वरना कंडोम अंदर ही फस जायेगा और फिर बड़ी मुसीबत हो जायेगी।

तब मामी ने कहा अभी क्या मुझपर कम मुसीबत आई है क्या? मेरा तो हाल बहुत बुरा हो गया है फ़िर भी तुम करो मगर धीरे धीरे करो न! फिर मैने मामी से कहा कि मामी आपकी चूत तो बहुत ही टाइट है इसलिये आपको इतना दर्द हो रहा है और मुझको आप के चूत में मेरा लंड डालने में दिक्कत आ रही है। तो मामी बोली मेरी चूत टाइट नहीं बल्कि तेरा लंड ही बहुत बड़ा है। क्या मैं इस से पहले अपने पति से नहीं चुदवाती थी क्या? तब तो मुझे इतना दर्द नहीं हो पाया था। फिर मैने मामी से कहा अच्छा ठीक है अब आप कुछ देर तक ऐसे धक्के सहन कर लीजियेगा बाद में आपको कोई परेशानी या दर्द नहीं महसूस होगा। तो मामी बोली तू तो मेरे चूत के आर पार लंड डाल के पीछे से ही बाहर निकालेगा।

और जब मैं पेशाब करने लगूंगी तो मेरे आगे से और पीछे से भी फ़ौव्वारे निकालेगा तू। तब मैने मामी से कहा मामी अगर ऐसा हुआ तो आप जब भी पेशाब के लिये जायेंगी तो मुझे बुला लीजियेगा मैं आप के पीछे मेरा लंड डालूँगा फिर आप सही तरह से पेशाब कर सकेंगी। ऐसे कहते ही मैने मामी को और एक झटका लगाया तो मेरा लंड ५ इंच उनकी चूत में चले जाते ही मामी दर्द के मारे चिल्ला उठी। और मुझे अपने शरीर से दूर ढकलने लगी तो मैने मामी को जोर से मेरे सीने से दबोच के रखा और फिर मेरा बैक साइड पीछे लेकर और एक धक्का लगाया तो मेरा लंड ५ इंच अंदर चले जाते ही मामी ने मेरे बाल खीच कर मेरा विरोध करने लगी तो मैने अपने लिप्स उनके लिप्स पे रख कर किस करना शुरु कर दिया और साथ में ही चूचियों को मसलने लगा तो मामी उत्तेजित हो गयी और मेरे बालो को छोड़कर किस करने में मेरा साथ देने लगी तो मैने और एक झटका लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर चले जाते ही मामी ने मेरे लिप्स को काटा।

फिर थोड़ी देर के बाद मैने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरु किया कुछ ही देर में मामी मुझे साथ देने लगी वो अपना चूतड़ उपर नीचे उठा कर साथ देने लगी। और कुछ ही देर के बाद मामी ने अपना सरा कम निकाल दिया मामी दो-तीन बार झड़ गयी फ़िर बाद में मैं भी झड़ गया कुछ देर तक हम वैसे ही पड़े रहे। फिर आधे घंटे के बाद मैने मामी को उल्टा लिटाके उनके पिछवाड़े पे लंड रखकर रगड़ने लगा फिर बाद में मैने मामी के चूतड़ के गैप में मेरा लंड रखकर एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा २ इंच लंड अंदर चले जाते ही मामी दर्द के मारे चिल्लाने लगी तो मैने मामी का मुंह दबाके रखा तो मेरे हाथ को काटा।

और फिर मुझे बड़बड़ाने लगी कि क्या आदमी है या जानवर ऐसा हाल करते है क्या कोई औरत के साथ। अब फ़ौरन तुम्हारा लंड बाहर निकालो वरना अच्छा नहीं होगा। तो मैं मामी से बोला मामी मुझे माफ कर दीजिये आइंदा मैं ऐसे बेरहमी से आपको नहीं चोदुंगा आपको धीरे धीरे चोदुंगा सिर्फ़ एक मौका और प्लीज। तो मामी तैयार हो गयी फिर मैं मामी को धीरे धीरे धक्के लगाता रहा लेकिन फिर भी मामी को दर्द हो रहा था। परन्तु मामी वो दर्द सहन कर रही थी जब मेरा पूरा लंड उनके चूतड़ के छेद में चला गया तो मामी के छेद में से खून बाहर आने लगा फिर मैं थोड़ी देर तक धीरे धीरे धक्के लगाता रहा। कुछ ही देर में मामी के छेद में से रेड कम (खून कि वजह से) बाहर आने लगा तो मैने थोड़ी सी स्पीड बढ़ा दी और मामी भी मुझे साथ देने लगी इस तरह हमने उस रात को फुक्किंग ( चूदायी) Sex stories का मजा लिया और उसके बाद मैने मामी को २ बार चोदा फिर मुझे पुणे में ही जोब लग गयी

Hindi Sex Stories

नमस्ते दोस्तो ! मेरा Hindi Sex Stories नाम खुश है, मैं आपसे अपना पहला सेक्स अनुभव बाँटने जा रहा हूँ।

अभी तो मैं मोदीनगर में रहता हूँ, लेकिन यह बात तब की है जब मैं मुज़फ्फरनगर से ग्रेजुएशन कर रहा था।

मेरी गर्लफ्रेण्ड का नाम कशिश है। वो ५ फीट ५ इंच की गोरी, लम्बी, सुडौल बदन, फिगर ३४-२४-३६ है, और मुझे जो सबसे अच्छा लगता है, वो है उसके होंठ, बिल्कुल एन्जेलेना जॉली जैसे हैं, जिनसे मैं खेलता रहता और चूसता रहता।

मैं भी कम स्मार्ट नहीं हूँ दोस्तों। मैं ६ फीट लम्बा, गोरा और हैंडसम हूँ। मैं अपने कॉलेज का प्लेब्वॉय हुआ करता था। किसी भी लड़की को कोई भी काम पड़ता, मुझे ही याद करती, “कहाँ है मेरा खुश ?”

जब मेरा प्रथम वर्ष पूरा हुआ तो मेरी नज़र में एक जूनियर आई, उसका नाम कशिश था, जैसा नाम वैसी शक्ल और खूबसूरती भगवान ने दी थी उसे! मैंने सोच लिया, मैं उसकी अपनी गर्लफ्रेण्ड बनाऊँगा, और मैंने बनाया भी।

जो भी हमारे अन्तर्वासना के पाठक मुज़फ्फरनगर से हैं, वो सभी रामलीला ग्राउंड का नाम ज़रूर जानते होंगे, ये एक जंगली इलाका है जो पर्यटक-स्थल भी है, वहाँ जंगली जानवर आदि भी हैं। रामलीला ग्राउंड प्रेम-परिन्दों के लिए यानि कि युगलों के लिए स्वर्ग है। लड़के-लड़कियाँ दिनभर वहाँ जोड़े बनाकर प्रेमालाप में तल्लीन रहते हैं – बिना रोक-टोक ! कोई पूछने वाला नहीं होता, कौन क्या कर रहा है और क्यों कर रहा है।

मैं भी अपनी जानेमन को लेकर रामलीला ग्राउंड गया। बाईक पार्क करने के बाद हम प्रेम-परिन्दे अपने लिए एक घोंसला तलाश करने लगे। काफ़ी ऊपर जाने के बाद मुझे एक जगह मिली, जहाँ मैं आराम से अपनी कशिश के साथ अपने प्यार के ग़ुल को ग़ुलिस्ता बना सकता था, और वहाँ किसी को पता भी नहीं चलता, कि कोई बैठा भी है। मैं उसे अपनी बाँहों में लेकर बैठ गया। हम दोनों इधर-उधर की बातें करने लगे, और धीरे-धीरे मैं अपने हाथों से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। वो भी मेरे हाथों को पकड़ कर अपनी चूचियाँ और ज़ोरों से दबवाने लगी।

फिर मैंने पीछे से उसके गले और कंधों पर चूमने लगा और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं। फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया, वो गुलाबी रंग की ब्रा में थी, सच में क्या क़यामत लग रही थी वो उस समय, जैसे स्वर्ग की कोई अप्सरा धरती पर आ गई हो। मैंने उसकी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में भर लिया और मसलने लगा।

वो मेरी बाँहों में कसमसाने लगी, इसके बाद मैंने ऊपर से ही उसकी चूचियों को चूम लिया और घुण्डियों को चूसा और काटा। फिर उसने मुझसे मुँह से ब्रा खोलने के लिए बोला, और मैंने अपने दाँतों से उसकी ब्रा की स्ट्रिप खोली और एक तरफ फेंक दी। अब मेरे सामने उसकी उभरती जवानी थी जिसे मैंने अपने हाथों और मँह में भर लिया। एक हाथ से मैं उसकी बाईं ओर की चूची को दबाने लगा और दाईं तरफ की चूची को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। उसके मुँह से और ज़ोरों की आवाज़ें निकलने लगीं।

फिर मैं अपनी जीभ से उसकी घुण्डियों को सहलाने लगा, उसे ज़ोर का झटका लगा और मैंने उसकी घुण्डियों को दाँतों से पकड़ लिया और हल्के से काट लिया और दूसरी घुण्डी को ज़ोर से मसल दिया।

वो मेरी बाँहों में तड़प उठी।

अब उसने मेरी शर्ट के बटन खोलने चालू किए। मैंने अन्दर बनियान नहीं पहनी थी। फिर वो पागलों की तरह बेतहाशा मेरे छाती पर चूमने लगी, बालों से खेलने लगी, और फिर अपने होंठों से मेरे निप्पलों को चूसने लगी। मैं अब उत्तेजित हुआ जा रहा था और वो अपने गीले होंठों से मुझे चूमे जा रही थी।

मैंने उसे ज़ोर से अपनी बाँहों में भर लिया।

इसके बाद मैंने उसे अपने नीचे लिटा दिया और उसके होंठों को चूसने लगा। हम दोनों के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं। उसने अपनी आँखें बन्द कर लीं और हम ऐसे ही आनन्द लेते रहे। फिर मैं अपनी जीभ उसके मुँह में ले गया और वो उसे चूसने लगी – ज़ोरों से !

मैं अपनी जीभ उसके मुँह में चारों ओर फिरा रहा था और फिर उसकी जीभ पर घुमाने लगा। इससे अजीब नशा छा रहा था हम दोनों पर ! दोनों डूबे जा रहे थे एक-दूसरे में ! साथ-साथ में मैं उसकी चूचियों को भी दबाए जा रहा था, जिससे वो और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गई थी।

इस तरह हमने क़रीब 15 मिनट तक खूब प्यार किया।

फिर मैंने उसके कान के लटकन से खेलना शुरु किया, उसे अपने दाँतों में लिया, अपनी जीभ से चाटा और फिर धीरे-धीरे नीचे आने लगा। अब मैं उसकी चूचियों के ऊपरी हिस्सों पर किस करते हुए चूचियों के बीच की घाटी पर चूम रहा था। फिर नीचे उसकी नाभि पर चूमने लगा। इतनी देर में ही वो काफ़ी गरम हो गई थी, और सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी थी।

फिर मैंने उसकी जीन्स की ज़िप खोल कर जीन्स उतार दी। अब उसके पूरे बदन पर कपड़े के नाम पर बस एक पैन्टी रह गई थी, वो भी ब्रा की तरह ही गुलाबी रंग की थी। मैं पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा। पैन्टी पूरी गीली हो चुकी थी, मैंने पैन्टी को निकाला और उसकी चूत के आस-पास सहलाने लगा। क्या चूत थी ! बिल्कुल गुलाबी, एक भी बाल नहीं। मन कर रहा था, खा जाऊँ उसकी चूत को ! उसे देखकर मुँह में पानी आ गया।

वो बोलने लगी- प्लीज़ ! अब मत तड़पाओ।

मैंने कहा, “अभी तो बहुत समय है स्वीटहार्ट ! थोड़ा सब्र करो, और पहले इन्हीं बातों से आनन्द उठाओ, तभी सेक्स का पूरा मज़ा आएगा।”

फिर मैं उसकी चूत को चूमने लगा, और अपनी जीभ से सहलाने लगा, और उसके दाने को जीभ से उठाने लगा। वो काफ़ी उत्तेजित हो गई। फिर मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ लगा दिए और ज़ोर से चूसना शुरु किया, वह ज़ोर से तड़पी और बोली- क्या कर रहे हो?

अब मैं अपनी जीभ को उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा और जीभ से ही उसे चोदने लगा।

अब तक वो चिल्लाने लगी थी, “यस… कम ऑन, फक्क मी…!”

मैंने बोला- इतनी भी क्या ज़ल्दी है, आराम से करेंगे। तुम मेरे लंड से नहीं खेलना चाहती क्या?

फिर मैंने अपना ९ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा लण्ड उसके हाथों में पकड़ा दिया। पहले वो उससे खेलने लगी, फिर सुपाड़े की चमड़ी को पीछे कर अपनी जीभ से सहलाने लगी और अपने मुँह में भर कर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। धीरे-धीरे मेरा लंड और मोटा और टाईट होता जा रहा था। मैं उसको सिर से पकड़ करक उसका मुँह ही चोदने लगा और क़रीब 25-30 झटकों के बाद में उसके मुँह में ही झड़ गया और अपना पूरा वीर्य उसके मुँह में उगल दिया, जिसे वह आसानी से चाट-चाट कर निगल गई।

इसके बाद हम दोनों 69 की मुद्रा में आ गए और मैं उसकी चूत का रस पीने लगा, वो मेरे लण्ड से खेलने लगी। धीरे-धीरे मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और उसकी चूत मारने को तैयार हो गया।

अब मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी टाँगों को मोड़ कर फैला दिया, ताकि चूत का मुँह खुल जाए और लंड आसानी से चला जाए। वैसे भी चूत अभी तक इतनी गीली हो चुकी थी कि लण्ड उसमें आसानी से चला ही जाता।

अब मैंने अपने लंड को चूत के मुँह पर रखा और धीरे-धीरे अन्दर डालने लगा, इस विधि से लंड घुसाने पर उसे दर्द भी कम हुआ और मज़ा भी आया। अब तक मेरा लंड आधा अन्दर जा चुका था।

अगले झटके में मेरा पूरा-का-पूरा लंड अन्दर चला गया और वो चिल्ला उठी।

फिर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और चूसने लगा।

धीरे-धीरे जब उसका दर्द कम हुआ तो वो अपनी कमर हिलाने लगी, मैं समझ गया अब वो तैयार है पूरी तरह से।

अब मैंने अपने लंड को अन्दर-बाहर करना शुरु किया और झटके लगाने लगा। वह भी कमर हिला-हिला कर झटकों का उत्तर झटकों से देने लगी।

ऐसे ही क़रीब 15 मिनटों तक चुदाई चलती रही। फिर मैंने उसे अपने गोद में उठा लिया और ऊपर उछाल-उछाल कर चोदने लगा, इससे हर बार मेरा लंड चूत की दीवार छू लेता, जिससे पूरा मज़ा आ रहा था। इतनी देर में वो तीन बार झड़ चुकी थी, और अब मैं झड़ने वाला था।

मैंने उसे नीचे किया और उसकी चूत में अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी।

काफ़ी देर तक मेरा लंड धार मारता रहा। तब तक मेरी जानेमन भी एक बार झड़ गई मेरे साथ ही। ऐसे ही हम एक-दूसरे की बाँहों में पड़े रहे और फिर उठकर कपड़े पहन कर तैयार हो गए।

तो दोस्तों, कैसी लगा मेरा पहला अनुभव? Hindi Sex Stories

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