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Massage Girl in Jhunjhunu: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Jhunjhunu who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Jhunjhunu that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Jhunjhunu massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Jhunjhunu who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Jhunjhunu massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Jhunjhunu massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Jhunjhunu who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Jhunjhunu employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Jhunjhunu helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Jhunjhunu

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Jhunjhunu at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

सेक्स टेस्ट चेंज कहानी में पढ़ें कि जब पति पत्नी एक दूसरे के साथ सेक्स करके बोर होने लगे तो उन्होंने अपने यौन जीवन में नवीनता लाने के लिए क्या किया?

मेरा नाम संजना है. मेरी उम्र 25 साल की है. मैं शादीशुदा हूँ.

मेरे पति 30 साल के हैं.

मैं बहुत ही सुन्दर हूँ और मेरे पति भी बहुत आकर्षक दिखते हैं.

हम लोग मध्यम वर्गीय हैं … न ज़्यादा अमीर हैं और न ही गरीब हैं.
हमारी ज़िंदगी में सब कुछ अच्छा चल रहा था. मेरे पति भी बहुत अच्छे हैं.

हमारी शादी के 4 साल हो गए हैं.
हम दोनों एक दूसरे से बहुत खुश भी रहते हैं. हम दोनों में कभी लड़ाई झगड़ा नहीं होता है.
मैं भी अपने पति से खुश रहती थी.

बहुत ही शर्मीली लड़की थी मैं … कोई मुझसे कुछ कह देता था तो मैं बुरा मान जाती थी और कोई मुझे टच करे तो मैं उससे लड़ जाती थी.
मेरे पति भी ऐसे ही हैं.

मुझे सेक्स करने में बहुत रूचि है क्योंकि ज़िंदगी में अगर सेक्स न हो तो हर किसी की लाइफ में उदासी छा जाती है.

यहीं से हमारी सेक्स टेस्ट चेंज कहानी शुरू हुई.

एक दिन को बात है, मैं और मेरे पति रात को खाना खाकर अपने कमरे में बात कर रहे थे.
बातों ही बातों में ‘वाइफ एक्सचेंज विद अदर पर्सन’ की बात होने लगी.

यह बात धीरे धीरे कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई.
मैंने अपने पति से पूछा- ये लोग कैसे कर लेते हैं … अजीब लोग हैं?

तो पति ने कहा- जाने दो, हमें क्या करना है. हम लोग तो वैसे नहीं हैं न!
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.

हमारी जिंदगी में एक दो साल के बाद सेक्स धीरे धीरे कम हो गया.

अब कभी 10 दिन में एक बार सेक्स होने लगा था.
कभी 15 दिन में एक बार होता.
धीरे धीरे हमारे अन्दर भी सेक्स की भूख कम होती नज़र आने लगी थी.

ऐसे ही दिन बीत रहे थे.

एक दिन मैं अपनी एक सहेली शिखा से बात कर रही थी.

उसने पूछा- कैसी हो?
मैंने कहा- ठीक हूँ.

उसने आगे कहा- और मज़ा तो आ रहा है न जीजा के साथ!
मैंने कहा- हां, ठीक ही है.

इस पर शिखा ने कहा- क्यों … इतनी उदास होकर क्यों बोल रही हो?
मैंने कहा- पहले सेक्स में बहुत मज़ा आता था, पर पता नहीं क्यों … अब धीरे धीरे सब कम हो गया है.

शिखा ने कहा कि मैं एक राय दूँ?
मैंने कहा- हां बोल न!

उसने कहा- अगर तुम दोनों में किसी वजह से सेक्स कम हो गया है, तब तो कोई बात नहीं. वैसे एक तरीका है. यदि बुरा न मानो तो बताऊं?
मैंने कहा- मैं किसी बात का बुरा नहीं मानूँगी, तू बता.

मेरी सहेली ने कहा- एक बार एक रात के लिए हज़्बेंड चेंज करके देख लो, हो सकता है पहली बार दूसरे मर्द के साथ तुम्हारे अन्दर वह जोश फिर से आ जाए और सेक्स में तुम्हारी रुचि बढ़ जाए. क्योंकि ऐसा होता है जब एक ही मर्द के साथ रोज रोज सब होता है. तो बस वही जैसे रोज मगर दूसरा मर्द जब एक दिन के लिए आता है न, तो न जाने किस हिसाब से करता है और अपने सेक्स लाइफ में एक दिन में ही भरपूर मज़ा देता है. वह एक ही रात के लिए आएगा तो तुम्हारे लिए भी अलग होगा. उसके लिए भी अलग होगा. इसलिए एक बार करके देख लो. शायद जिंदगी में बात बदल जाए.

मैंने कहा- नहीं यार, इसमें किसी को पता चल गया तो गड़बड़ हो जाएगी!
शिखा बोली- किसी को पता नहीं चलता यार, क्योंकि जब तुम किसी को बताओगी नहीं, तो दूसरा जानेगा कैसे?

मैंने कहा- अच्छा और यह सब कैसे होगा?
सहेली ने कहा- तेरा मतलब कि ऐसे इंसानों का जोड़ा कहां मिलेगा?

मैंने पूछा- हां … और यह भी बता कि क्या तूने ऐसा किया है?
उसने कहा- हां, एक साल पहले हुआ था. वे दोनों पुणे के एक कपल थे. हम लोग नेट से जुड़े, फिर बात बन गई. इसी बहाने हम दोनों एक नए शहर में भी घूमे और एक रात के लिए एंजाय भी किया. सही बोलूं तो उस दिन सेक्स का भरपूर मज़ा आया था.

मैंने कहा- पर मैं यह नहीं कर पाऊंगी … मेरे उनको बुरा लगा तो?
शिखा बोली- हां पहले तुम अपने अपने पति को इस बात के लिए राज़ी करो. अगर वे राज़ी हो जाएं तो मुझे बताना.

मैंने कहा- कैसे बात करूँ?
वह बोली- तुम अपने पति से ज़्यादातर वाइफ स्वैपिंग की बात करना. जब बात करोगी … तो एक न एक दिन उनके मन में भी ऐसा महसूस होगा कि क्यों न एक बार स्वैपिंग करके देखी जाए.

कुछ देर इसी मुद्दे पर चर्चा के बाद फोन कट हो गया.

अब मैं अपने काम में जुट गई.

दो चार दिन बीत गए.
मैं हिम्मत करके भी उनसे बात नहीं कर पा रही थी.

फिर एक दिन वह जब ऑफिस के सिलसिले से 15 दिन के लिए दूसरे शहर गए.

वे 4 दिन बाद मुझे वहां के माहौल के बारे में बताने लगे कि ये शहर ऐसा है. यहां पर ऐसा होता तो सब कुछ है, पर किसी को कोई खबर भी नहीं होती.

मैंने पूछा- कौन सी बात?
उन्होंने वाइफ स्वैपिंग की बात कही.

मैंने जानबूझ कर थोड़ा सा नाटक किया- इस तरह की बातें क्यों कर रहे हैं आप?
इस पर उन्होंने बात बंद कर दी.

मगर मेरे मन में आया कि बात जब कर रहे थे तो अच्छा लग रहा था.
पर बात को वापस कैसे शुरू की जाए.

दो दिन बाद मैंने ही यही बात पुन: उनसे शुरू की.

‘एक बात बताइए, ये जो वाइफ स्वैपिंग होती है, इसे कैसे करते हैं? किसी को पता नहीं चलता क्या?’
उन्होंने कहा- नहीं, कैसे पता चलेगा. उधर के हज़्बेंड और वाइफ और इधर के वाइफ हज़्बेंड किसी एक के घर पर ही सब करते हैं. वे दुनिया की नज़र में रिश्तेदार होते हैं, जो एक दिन के लिए आए और चले गए.

यह सुनकर मैंने कहा- कितना अजीब लगता होगा न!
उन्होंने कहा- अजीब तो तब लगेगा जब कोई जबरदस्ती करेगा. लेकिन इसमें सारा कुछ एक दूसरे की रजामंदी से होता है. अगर चारों की रज़ामंदी हो, तो कुछ भी गलत या अजीब नहीं … यह बस मस्ती वाला खेल हुआ और सब अपने अपने घर चले गए. कोई रोज रोज तो होता नहीं है!

मैंने कहा- इससे होता क्या है?
“कुछ खास नहीं … लेकिन लोगों के अन्दर सेक्स की भूख जो सुस्त हो गई होती है, वह फिर से ताज़ा हो जाती है.”

इतनी सब बातें करके उन्होंने फोन काट दिया और अपना काम पूरा करके घर वापस आए.

उस दिन मुझे काफी ज्यादा सेक्स की भूख थी तो रात में पति के साथ शरीर सहलाने के दौरान बातों बातों में उन्होंने मुझसे पूछा- क्या हुआ तुम बहुत उदास दिख रही हो?
मैंने कुछ नहीं कहा.

उनका सेक्स करने का मन भी नहीं हुआ था तो हम दोनों ने कुछ भी नहीं किया.
बस चुपचाप सो गए.

चार दिन ऐसे ही चलता रहा.

पांचवें दिन वे मुझसे कहने लगे कि हम लोगों में अब पहले जैसा सेक्स नहीं हो पाता है … ऐसा क्यों है?
मैं चुप रही.

उन्होंने ही फिर से कहा- पता नहीं मैं करता तो हूँ, पर मजा नहीं आता.
फिर मैंने कहा- जैसे लोग वाइफ स्वैपिंग करते हैं, उसमें तो मजा आता है. ऐसा क्यों?
उन्होंने कुछ बोला नहीं.

पर अगले दिन उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम्हारा मन हो तो स्वैपिंग के लिए कोशिश की जा सकती है!
यह सुनकर मैं भी एक्सचेंज करने के लिए तैयार हो गई.

उन्होंने कहा- कौन करेगा, यह देखना पड़ेगा?
मैंने कहा- देखेंगे, आप किसी से बात करके देखिए. मैं भी कुछ कोशिश करती हूँ.

उन्होंने कहा- चलो ठीक है.
अब हम दोनों थोड़ा खुश हुए.

उनके चेहरे पर भी मस्त मुस्कान थी.
पति की आंखों में दूसरी चुत मिलने की खुशी साफ जाहिर हो रही थी.

अगले दिन मैंने शिखा से बात की.
उसने कहा- चलो ठीक है. अब अगर तुम चाहो तो हम दोनों ही एक दूसरे से एक्सचेंज कर सकते हैं. यह सब तुम्हारे घर पर या तुम चाहो तो हमारे घर पर किया जा सकता है!

मैंने कहा- ओके, मैं अपने पति से बात करके बताऊंगी. अगर वे मान गए तो मैं तुम्हें रात को मैसेज करूँगी.
शिखा ने कहा- ठीक है.

रात 11 बजे थे.
मैंने अपने पति से स्वैपिंग की बात को छेड़ा तो बात शुरू हो गई.

उन्हें मैंने बताया कि शिखा रेडी है.
वे भी बोले- ठीक है. पर वह लड़की दिखने में कैसी है?
मैंने कहा- बहुत सुन्दर है.

उन्होंने कहा- और उसका पति?
तो मैंने कहा- उसके पति को मैंने नहीं देखा है. हां उसका नंबर है, कहिए तो मैसेज करके पिक मंगवा लूं?
उन्होंने कहा- हां ठीक है, मंगवा लो!

मैंने शिखा को मैसेज किया कि अपने पति के साथ वाली अपनी पिक भेजो.
उसने झट से भेज दी.

उसका पति भी बहुत स्मार्ट दिख रहा था और शिखा तो हॉट थी ही.
मेरे पति को लड़की पसन्द आ गई और उधर मुझे भी उसका पति जँच गया.
मैंने हामी भर दी.

शिखा ने भी मुझसे हमारी जोड़ी वाली पिक माँगी.
मैंने भी भेज दी.

वे लोग भी राजी हो गए, डन कर दिया.

फिर एक दिन तय हुआ जब सेक्स टेस्ट चेंज करने का अनुभव लेना था.

हम सब हमारे घर पर ही उस तय तारीख को मिलने वाले थे.

उस दिन वे दोनों सुबह सुबह ही आ गए.

पहले पहल तो मेरा दिल घबरा रहा था.
पर एक खुशी भी मन में थी कि आज वह सब होगा जो मन चाहता है.

शाम हुई तो हम लोग बात करने के लिए तय प्रोग्राम के अनुसार अलग अलग कमरे में चले गए.

मेरे पति भी शिखा को अलग कमरे में लेकर चले गए.
मैं शिखा के पति के सामने थी और शर्मा रही थी; कुछ डर भी रही थी.

शिखा के पति ने कहा- लाइट ऑफ कर दीजिए.
मैंने लाइट ऑफ कर दी और बिस्तर पर बैठ गई.

थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ा तो मेरे शरीर में अजीब सी सिहरन हुई. ऐसा लगा जैसे आज न जाने कितना मज़ा आने वाला है.

तभी वे मुझे किस करने लगे.
मैं भी उनका साथ देने लगी.

फिर वे अपने कपड़े उतारने लगे और कुछ ही पलों में उन्होंने पूरे कपड़े उतार दिए.

उनका लंड एकदम मोटा और जबरदस्त मूसल जैसा था.
मैं देख कर हैरान रह गई.
सच में बहुत मोटा लंड था और लंबा भी काफी था.

धीरे धीरे सेक्स की शुरुआत हुई.

उन्होंने मुझसे लंड चूसने के लिए कहा.
मैंने उनका मान रखने के लिए सुपारा चाटा.
एक बार चाटने से अच्छा लगा तो लौड़े को मुँह में भर लिया और खूब चूसा.
उन्होंने भी मेरी चुत को चाटा.

फिर चुदाई शुरू हुई.

मेरी चुत उनके लंड से चुद कर निहाल हो गई.
उन्होंने भी मेरे दूध खूब चूसे और दूध चूसते हुए ही मेरी जबरदस्त ली.

एक बार में मेरा मन नहीं भरा था तो दूसरी बार की चुदाई मैं उनके लौड़े पर उछल उछल कर चुदी.

इस तरह से उन्होंने मुझे रात भर में 4 बार कई तरीकों से चोदा.
मुझे भी बहुत मज़ा आया.

सच में इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया था. यह बहुत प्यारा अहसास था.

फिर सुबह हुई.

मेरे पति भी बहुत खुश थे उन्होंने मुझसे पूछा- कैसा रहा?

मैंने भी खुश होकर कहा- बहुत अच्छा … और आपका?
उन्होंने कहा- मेरा भी.

तब से मैं बहुत खुश रहती हूँ और मेरे पति भी मुझसे खुल कर चुदाई करते हैं.
हम दोनों चुदाई में गैर मर्दों और स्त्रियों की खुल कर चर्चा करते हैं.
इस बात को दो साल हो गए हैं.

मेरे पति ने ऐसा एक बार और करने का कहा है कि स्वैपिंग करते हैं.
इस बार हम दोनों बाहर किसी अनजान शहर में करने का सोच रहे हैं.

देखते हैं कि कौन मिलता है, जिससे बात बन जाए.

सच कह रही हूँ कि इसमें बहुत आनन्द आता है.
बस एक रात के लिए किसी दूसरे का लेकर देखना … आह आई लव स्वैपिंग.

Hindi Sex Stories

दोस्तो, मेरी पहली कहानी में Hindi Sex Stories मैंने अपनी अपनी चाची अंजना के साथ हुए हसीं लम्हों को सुनाया था! इस कहानी मैं में आगे की बातें करने जा रहा हूँ।

अंजना चाची के साथ चुदाई समारोह अब रोज चलता था। मैं और चाची हमेशा साथ में खाना खाते थे। हम सबके सामने काफी गप्पें मारते थे। शायद मेरी छोटी चाची हेमा को कुछ शक हो गया था…

एक दिन डिनर के बाद मेरी दोनों चाचियाँ गप्पे हाँक रही थीं…

मैं पीछे छुप कर उनकी बात सुन रहा था।

हेमा: दीदी, मैं कुछ पूछूँ आपसे?
अंजना: हाँ हेमा। पूछ ना!

हेमा: आजकल राज हमेशा आपके साथ ही रहता है, आपके कमरे में ही पढ़ता है और आप दोनों हमेशा इतने खुश रहते हैं, इसके पीछे कोई खास बात तो नहीं है?

अंजना: अरे नहीं हेमा! वो राज को गणित में प्रोब्लम है और मुझे गणित आता है तो मैं उसे पढ़ा देती हूँ इसलिए वो मेरे कमरे में ही पढ़ता है और हम दोनों खुश रहते हैं तो इसमे बुरा क्या है?

हेमा: दीदी तब आप लोग लंच के बाद रोज दरवाजा क्यूँ बंद के पढ़ते हो?

अंजना: अरे हेमा वो तो ऐसे ही कि कोई तंग न करे!

हेमा: दीदी आप तो ऐसे जवाब दे रही हो जैसे कि मैं बच्ची हूँ, मुझे कुछ पता ही नहीं है।

अंजना: तू ऐसा क्यूँ बोले रही है?

हेमा: मैंने एक दिन दरवाज़े पे कान लगा के आपकी पढ़ाई की कहानी सुनी थी! मुझे सब पता है वहाँ कैसी गणित की पढ़ाई होती है!

अंजना:(मुस्कुराते हुए) अच्छा तो तुझे सब पता है! तो ऐसा बोलो ना! देखो सोनम दीदी को बोलना मत! पर क्या करूँ, राज ने पता नहीं कैसे मुझे पटा लिया यह सब करने के लिए! फिर मुझे अच्छा लगने लगा तो मैंने भी शर्म छोड़ दी। अब रात में पति जी से और दिन में राज से चुदवाती हूँ। बूर को अजब सी शान्ति मिलती है, राज का जवान लंड मेरी सारी प्यास बुझा देता है। तेरा रमेश तुझे अच्छे से चोदता है ना?

हेमा: अरे कहाँ दीदी! आजकल वो काफी थके हुए आते हैं, कुछ भी नहीं करते, मैं तो भूल ही गई कि पिछली बार मैंने कब चुदवाया था! इसलिए तो!

अंजना: अच्छा तो यह बात है! तो तू चाहती है कि राज तुझे भी चोदे?

हेमा: चाहने से क्या होगा दीदी! आप इतनी सेक्सी हो, आपको छोड़ के मुझे क्यूँ चोदेगा वो?

अंजना: (हँसते हुए) अरे तू तो काफी प्यासी लगती है… अच्छा यह बता! तेरे स्तन से दूध अभी भी आता होगा ना?

हेमा: हाँ दीदी, दूध तो निकलता है और अब सोनू भी नहीं पीता… सो भरा हुआ है…

अंजना: तब तो राज तुझे जरूर चोदेगा… उसे दूध पीने की बहुत इच्छा है… राज, वो मुझसे बोलता है! रुक जा मैं उसे कल हिंट दे दूँगी!

हेमा: दीदी पर कोई परेशानी तो नहीं हो जाएगी ना?

अंजना: अरे नहीं, कुछ नहीं होगा… जा अब तू! रमेश आएगा… उससे अच्छे से प्यार कर… उसे शक नहीं होने देना कि तेरा कहीं और का मन भी है…

फिर वो दोनों अपने-अपने कमरे में चली गई।

आज तो जैसे मैंने दुनिया की सबसे हसीं मूवी देखी थी… दोनों चाचियाँ मेरे बारे में जो बात कर रही थी… उससे मेरा लंड तो सलामी देने को तैयार था…

दूसरे दिन जब मैंने हेमा चाची को देखा तो चाची मुझे दुनिया की सबसे हसीन औरत लगी… मैंने उन्हें देख के हल्की सी मुस्कान दी… चाची भी बड़े अंदाज़ से हँसी…

लंच के बाद जब मैं अंजना चाची के पास गया तो… आज चाची बेड पे लेटी हुई थी… जैसे बीमार हो…

मैं: चाची आपकी तबियत ठीक नहीं है क्या?

चाची: नहीं रे… पता नहीं आज कुछ अच्छा नहीं लग रहा… आज तुझे चोदने नहीं मिलेगा…

मैं: कोई बात नहीं चाची… आप अच्छी हो जाओ पहले…

अंजना: तुझे पता है… हेमा चाची क्या समझती है… कि मेरे से गणित पढ़ने आता है मेरे कमरे में… तो आज वो बोल रही थी कि दीदी आपकी तबियत ठीक नहीं है… यदि उसे कोई प्रॉब्लम है तो भेज देना मेरा पास… मैं बता दूंगी… अब तू चला जा हेमा के पास, नहीं तो उसे शक हो जाएगा…

चाची को क्या पता था कि मुझे सब पता है… उनके बीच क्या चल रहा है…

मैं: चाची पर वहाँ जाकर मैं क्या करूँगा…

चाची: अरे कुछ पूछ लेना गणित में… और एक बात बोलूं! तू जो रोज बोलता है चाची दूध नहीं है आपकी चूची में… हेमा की चूची भरी हुई है दूध से… जा देख शायद तुझे पीने को मिल जाए…

मैं: चाची आप तो मजाक कर रही हो… हेमा चाची ऐसे थोड़े दे देगी अपना चूची निकाल के… ठीक है, आप बोलती हो तो मैं जाता हूँ… कुछ गणित से सम्बन्धित सवाल पूछ लूँगा…

मन में तो मैंने सोच लिया था कि आज ही हेमा चाची की चूत का रस और चूची का दूध सब पी जाना है। मैं वहाँ से सीधा हेमा चाची के कमरे में गया…

चाची ने जैसे ही दरवाजा खोला, मैं तो देखता ही रह गया… चाची कुछ माल लग रही थी… उन्होंने कोई नया सूट पहन रखा था…

मैं: चाची क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ… आपसे कुछ गणित के सवाल पूछने हैं… वो अंजना चाची बीमार है ना…

चाची: हाँ राज, मुझे दीदी ने बोला था… मैं तेरा ही इन्तज़ार कर रही थी, आ ना…

मैं: चाची आप इस ड्रेस में बहुत खूबसूरत लग रही हो…

चाची: तुझे अच्छा लगा ये ड्रेस? आज पहली बार पहनी है…

मैं: हाँ चाची, आप ऐसे ही ड्रेस पहना करो… आप पर बहुत अच्छी लगती हैं…

चाची: चल आ बैठ…! और बोल! क्या चल रहा है तेरी जिन्दगी में? तू तो बस अंजना दीदी से ही बातें करता है… मैं तेरी अच्छी चाची थोड़े ही हूँ!

मैं: नहीं चाची ऐसी कोई बात नहीं है… आप भी बहुत अच्छी हो…

बात करते करते चाची ने अपना दुपट्टा सरका दिया… चाची के उभार अब छुपाये नहीं छुप रहे थे… मैं भी अपने आप को रोक न सका… चाची की चूचियों को देखने लगा… चाची: मुझसे नज़रें भी नहीं मिला रहे हो… क्या देख रहे हो नीचे?

मैं: चाची कुछ नहीं, सच्ची में आप भी बहुत अच्छी हो…

चाची: तू मुझसे नजरें क्यूँ नहीं मिलाता… क्या देख रहा है नीचे?

मैं: कुछ नहीं चाची…

चाची: कहीं तू मेरे सीने को तो नहीं देख रहा?… बदमाश!

मैं: चाची आपके वक्ष इतने अच्छे और बड़े हैं कि मेरी नज़र ही नहीं हट रही है वहाँ से…

चाची: अपनी चाची की चूची को ऐसे थोड़े देखते हैं… ये तेरे छोटी बहिन को दूध पिलाने के लिए है…

मैं: चाची, सोनू तो अब बड़ी हो गई है! आप उसे अभी भी दूध पिलाती हो?

चाची: नहीं! अब सोनू नहीं पीती दूध!

मैं: चाची, आपकी चूची में दूध है क्या?

चाची: हाँ अभी भी दूध है… इसलिए तो इतने बड़े हैं!

मैं: चाची मुझे प्यास लगी है…

चाची: जा वहाँ पानी रखा है, पी ले…

मैं: चाची, पानी नहीं दूध पीना है… आपकी चूची का दूध…

चाची: बदमाश! कोई अपनी चाची का दूध पीता है भला?

मैं: चाची यदि माँ का पी सकते हैं तो चाची का क्यूँ नहीं?

चाची: अरे माँ का बचपन में पी रहा था… चाची का अब?

मैं: चाची, पीने दो न… आपके दूध का क़र्ज़ जरूर चुकाऊँगा…

चाची: अच्छा ठीक है पी ले… काफी दिन से भरी हुई हैं… खाली करने वाला कोई है नहीं…

फिर चाची ने अपना कमीज़ उतार दिया… अब चाची ब्रा में आ गई…

चाची: आ जा राज! मेरी गोद में आ… तुझे अपने बच्चे की तरह पिलाऊँगी…

मैंने चाची की गोद में सिर रख लिया… चाची ने अपनी ब्रा उतारी… और अपनी चूची को ख़ुद मेरे मुँह में डाल दिया… लो राज पी लो… अच्छे से पीना…

उसके बाद में दूध का प्यासा चाची की दूध को मेमने की तरह पीने लगा… कभी बाएं चूची से तो कभी दायें से…

साथ में चूची सहला भी रहा था।

चाची: तू तो ऐसे पी रहा है जैसे जन्मों से प्यासा हो!

मैं: चाची आज अपने मुझे वो खुशी दी है कि मैं सदा आपका आभारी रहूँगा… आप जो बोलोगी वो सब करूँगा…
चाची: जो बोलूंगी वो करेगा?

मैं: हाँ चाची आप एक बार बोल के तो देखो…

चाची: अच्छा ठीक है… सुन मेरे नीचे में ना काफी खुजली हो रही है… ज़रा मेरी खुजली मिटा दे ना?

मैं: नीचे कहाँ चाची?

चाची: तू सब जानता है फिर क्यूँ पूछ रहा है?

मैं: बोलो ना चाची! आपके मुँह से सुनना चाहता हूँ।

चाची: अच्छा, चल मेरी चूत में खुजली हो रही है… मिटा दे ना…

मैं: चाची कैसे मिटा दूं? ऊँगली से या चाट के? या फिर लंड ही डाल दूं?

चाची: मुझे तो तीनों की खुजली हो रही है…

मैं: क्यूँ चाची, चाचा आजकल खुजली नहीं मिटा रहे हैं क्या?

चाची: नहीं रे! वो आजकल काफी रूखे से रहते हैं, मेरी चूत का तो ख्याल नहीं है उनको…

मैं: चाची, आपका बेटा आपकी चूत का ख्याल रखेगा…

चाची: अपनी अंजना चाची से भी ज्यादा ख्याल रखेगा ना… दीदी तो तेरे लंड की बहुत तारीफ करती हैं…

मैं: आप लोग ये सब बातें भी करती हो? मेरी चाचियाँ कितनी अच्छी हैं!

चाची: तुझे कौन ज्यादा अच्छी लगती हैं?

मैं: चाची अभी आपने अपना पूरा जलवा दिखाया कहाँ है?

चाची: अच्छा तो ये बात है, तो जितना जलवा देख चुके हो उसमे कौन ज्यादा अच्छा लगा?

मैं: चाची इसमें तो पूछने की कोई बात ही नहीं है… अंजना चाची की चूची में अमृत तो है ही नहीं! दूध तो आप ही पिला सकती हो… तब इसमें आप ही न हुई रानी… चाची अब आप आपने कुछ और जलवे भी दिखाओ ना!

चाची: हाँ बेटे तेरी चाची आज ऐसे जलवे दिखायेगी कि तू पागल हो जायेगा…

और फिर चाची ने आपने कपड़े खोलने शुरु किये… चाची जब पैंटी और ब्रा में आ गई तो मैं उनकी मदद करने लगा…

मैं: चाची, लाओ अब मैं खोल दूं! आप क्यूँ कर रही हो?

चाची: हाँ बेटा! आओ अपनी चाची को नंगी कर दो…

फिर चाची मेरे पास आ गई… मैं चाची की ब्रा को खोल के प्यार से सूंघने लगा… चाची की मादक मुस्कराहट ने और भी मज़ा भर दिया… फिर चाची की पैंटी को एक ही झटके में खोल दिया…पैंटी की मादक सुगंध मुझे दीवाना कर रही थी।

चाची: क्यूँ रे काफी मज़े ले रहे हो… कैसी लगी तुम्हे मेरी पैंटी की खुशबू…

मैं: चाची मैं तो अपने होश मैं ही नहीं हूँ…

चाची: अरे कपड़े से तेरा ये हाल है तो फिर जब सही में मेरी चूत सूंघेगा तो तेरा क्या होगा…

फिर चाची अपने हाथ मेरी पैंट के उपर से लंड को सहलाने लगी… मेरी हालत भी ख़राब हो रही थी… मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं मैं झड़ ना जाऊँ.

चाची ने देखते ही देखते मुझे पूरा नंगा कर दिया…अब कमरे में दो नंगे एक दूसरे से खेलने लगे… चाची मेरे लंड से ऐसे खेल रही थी कि कोई बच्चा अपने सबसे मनपसंद खिलौने के साथ खेलता है…

चाची: बेटा तेरा लंड तो तेरे चाचा जी से काफी बड़ा है रे… तेरी पत्नी काफी खुश रहेगी…

मैं: चाची मेरे लंड से ऐसे खेलोगी तो ये जल्दी ही ढीला हो जायेगा…

चाची: क्या करूँ बेटा ऐसे लंड मेरे हाथ में पहली बार आया है…

मैं: चाची आपको पता है बड़ी चाची तो इसे आइसक्रीम से भी अच्छा प्यार करती हैं…

चाची: वाह रे बदमाश! अपनी चाची को लंड मुँह में लेने बोल रहा है…ये गरम आइसक्रीम सच में है तो मुँह में लेने के लिए ही…

मैं: चाची तो ले लो ना इसे…

फिर चाची प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी… इतना तो पता चल ही गया था कि चाची को लंड चूसने में बहुत मज़ा आता है… अंजना चाची ने इतने प्यार से कभी नहीं चूसा था…

जब चाची मेरे लंड से खेल रही थी… मैं चाची की चूची को मज़े देने लगा… इतनी मुलायम चूचियाँ को सहलाना, निचे लंड का चाची से चुसवाना… सच्ची काफ़ी बढ़िया कॉम्बिनेशन है…

मैं: चाची लंड चूसवाने में इतना मज़ा आज तक नहीं आया… चाची मेरा मुँह भी रसपान के लिए तड़प रहा है, चाची उल्टा-पुल्टा करें…

चाची: उल्टा पुल्टा ये क्या होता है रे?

मैं: क्या चाची आप मुझसे पूछोगी तो कैसे चलेगा…अच्छा चलिए मैं बताता हूँ- उल्टा पुल्टा मतलब आप मेरे ऊपर रह कर मेरा लण्ड चूसना और मैं नीचे से आपकी चूत का रसपान करूँगा!

चाची: अच्छा तो तू 69 पोज़िशन की बात कर रहा है… अच्छा नाम है उल्टा पुल्टा… चल इसमें तो और भी मज़ा आएगा…

फिर हम 69 में एक दूसरे से मज़े लेने लगे… चाची की चूत का स्वाद आते ही मन चंगा तो आया था… चाची की चूत काफी गीली हो गई थी… इसलिए चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था… मैं चाची को बहुत मन से चाट रहा था…

चाची भी काफी उत्तेजित हो गई थी… चाची ने अचानक इतना पानी निकाला कि मेरा मुँह उनके रस से भर गया था।… ऐसा मज़ा हेमा चाची ने दिया कि बस मैं तो उनका दीवाना हो गया था…

मैं: चाची आपके रस कितने स्वादिस्ट हैं… चाची अब मेरा रस भी निकाल दो… चाची अब मेरी लंड आपकी चूत के लिए और नहीं तड़प सकता…

चाची: आ न बेटा, तूने तो आज अपनी चाची की एक दम रंडी बना दिया… अब ऐसा चोद कि बस मैं पानी पानी हो जाऊँ…

फिर चाची बिस्तर पे लेट गई… अपनी चूत एकदम फाड़ के मुझे अपने तरफ बुलाने लगी… चूत तो जैसे कि लंड के लिए बनी हो… मैंने भी अपना लंड हाथ में लेकर चाची की चूत पर लगा दिया…

चाची: दे धक्का मेरे लाल… चोद अपनी चाची को… चोद बेटा…

मैं: ले चाची… ये गया मेरा लंड आपकी चूत में… चुद अपने बेटे से मेरी प्यारी चाची…

फिर चाची गाण्ड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगी… मैं भी चाची को जी जान लगा के चोदने लगा… फिर चाची ने कुतिया बन के मुझे कुत्ता बना दिया… उस पोजिशन में बहुत मज़ा आया… फिर चाची मेरे ऊपर सवार हो गई… इसमें तो मेरा लंड सबसे ज्यादा अंदर तक जा रहा था…

करीब 30 मिनट के बाद मैं चाची की चूत में ही झड़ गया… चाची ने बड़े प्यार से फिर मेरे लंड को साफ़ किया… मुझे बेतहाशा किस कर रही थी… चाची बहुत खुश थी… मैं भी चाची की खुशी से खुश था…

चाची: बेटा, चाची को चोदने में कैसा लगा… अंजना चाची को चोदने में ज्यादा मज़ा आया था क्या?

मैं: नहीं चाची आप कुछ माल हो… आपको चोदने में बहुत मज़ा आया… मैं अब आप हो ही चोदूंगा…

चाची: अरे नहीं बेटा! दोनों चाचियों को चोदना… अंजना दीदी भी बहुत अच्छी है उन्होंने ही तो मुझे तेरा लंड दिलाया…तू उन्हें कभी नाराज़ न करना…

फिर मैं दोनों चाचियों के साथ मस्ती कर करने लगा… दोनों प्यार से मुझसे चुदती है…

यदि आपको ये भी कहानी अच्छी लगी तो मेल करना… क्यूँकि अभी सबसे ज्यादा मजेदार कहानी आनी बाकी है… Hindi Sex Stories

Antarvasna

हम नए नए इस घर में आए थे. इस Antarvasna कालोनी में मेरा कोई दोस्त नहीं था. स्कूल से आने के बाद मैं अकेला बैठ कर बोर होता रहता था. पापा सिर्फ सप्ताहाँत पर घर आते थे और मम्मी शाम 6 बजे तक.

कुछ ही दिनों में मम्मी ने काम करने के लिए एक नौकरानी रख लिया था जो कि पास ही के झुग्गी इलाके की थी. देखने में वो कुछ खास नहीं थी पर बहुत ही सेक्सी थी. उसे देख कर अच्छे अच्छे का दिल डोल सकता था तो फिर मैं कौन था. वो हमेशा ढीले-ढाले कपड़े पहन कर आती थी और जब झुक कर कोई काम करती थी तो मेरा लंड तड़प कर रह जाता था.

मैंने उसे पटाने की ठानी. मेरे स्कूल से आने के थोड़ी देर बाद ही वो आ जाती थी. अब मैं उस पर खास मेहरबान रहता था. मैं हमेशा उससे बात करने की कोशिश करता रहता था. जब भी मेरी और उसकी नज़रें मिलती, मैं मुस्कुरा देता था. धीरे धीरे वो मुझसे खुल कर बातें करने लगी.

एक दिन मैं बैठा टीवी देख रहा था. तभी वो काम ख़त्म करके मेरे पास आई और बोली- देखो तनु, मैं जा रही हूँ.
मैंने कहा- अभी तो मम्मी आई भी नहीं हैं, थोड़ी देर बैठो और टीवी देखो.

वो वहीं बैठ गई और टीवी देखने लगी. वो बहुत महीन कपड़े पहने हुए थी और गौर से देखने पर उसकी चूचियाँ दिखाई पर रही थी. मेरा लंड पैंट के अन्दर ही कसमसाने लगा. मैंने अपने पैर फैला दिए और इस तरह कर दिया जिससे मेरे पैर उसके पैरों को छूने लगें.

तभी बिजली चली गई, मैंने कहा- चलो शबनम, बालकोनी में से सड़क पर देखते हैं.

फिर हम दोनों उठ कर बालकोनी में आ गए. वो रेलिंग पर हाथ रख कर खड़ी थी. मैंने भी अपना हाथ हौले से उसके हाथ पर रखा और बगल में खड़ा हो गया. मेरा दिल बड़े जोर से धड़क रहा था लेकिन उसने कुछ नहीं कहा.

मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने हल्के से उसके हाथ को दबाना शुरू किया, उसने एक बार मेरी तरफ देखा और मैं मुस्कुरा दिया. इस पर उसने अपनी आँखें नीची कर ली. मैं समझ गया कि वो भी तैयार है.

मैं अब उससे सट कर खड़ा हो गया और अपना हाथ उसके कूल्हे पर रख दिया. दूर से देखने पर ऐसा लग रहा था कि जैसे हम सड़क पर कुछ देख रहे हैं. मैंने अपना हाथ धीरे से उसके कमीज़ के भीतर डाल दिया और उसकी चिकनी पीठ सहलाने लगा.

वो धीरे से बोली- तनु, अन्दर चलो यहाँ कोई देख लेगा.

हम अन्दर आ गये और एक सोफे पर बैठ गए. मैंने एक हाथ से उसके सर को पकड़ा और अपने होंठ उसके होंटों पर रख दिए और चूसने लगा. कसम से उसके होंठ इतने रसीले थे कि जैसे कोई लॉलीपोप.

शबनम ने अपनी आँखों को बंद कर लिया था. लगभग दस मिनट तक मैं उसके होंटों को चूसता रहा. फिर मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिया. अब वो बिल्कुल नंगी थी और आँखें नीचे किये खड़ी थी. उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को देख मैं पागल हुआ जा रहा था. मैंने पहली बार किसी की नंगी चूचियाँ देखी थी. मैं किसी बच्चे की तरह उसकी चुचियों को चूसने लगा था. कभी मसल रहा था और शबनम अपनी होंठों को दांतों से दबाये सिसकारी ले रही थी.

मैंने उसे सोफे पे लिटाया और अपने कपड़े भी उतार दिए. मेरा लंड बिल्कुल खड़ा हो चुका था. मैंने उसके पैरों को थोड़ा फैलाया और लंड के अगले मोटे भाग को उसकी झांट से भरी चूत पर रख कर एक जोर का धक्का दिया. मेरा लंड आधे तक अन्दर घुस गया.

शबनम के मुंह से एक दबी दबी सी सिसकारी निकली और उसने सोफे को कस कर पकड़ लिया. मैंने लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया और एक जोरदार धक्का फिर दिया और शबनम के मुंह से चीख सी निकल गई. मैं अब तेजी से धक्के लगा रहा था और शबनम भी चूतड़ उछाल उछाल कर मेरा साथ दे रही थी और उसके मुंह से लगातार ओह… ओह… आ अ अ अ… इईईई… की आवाज़ें आ रही थी.

मैंने उसे करीब दस मिनट तक चोदा और फिर उसकी चूत में ही झड़ गया. उसकी चूत से भी काफी पानी निकला. थोड़ी देर तक हम यूँ ही चूत में लंड डाल कर पड़े रहे. फिर उठ कर हम साथ साथ बाथरूम गए. बाथरूम से आने के बाद हमने अपने कपड़े पहने और फिर शबनम अपने घर चली गई और मैं अपने पहले सेक्स सम्बन्ध के बारे में सोच सोच कर रोमांचित हो रहा था.

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी… अगली कहानी के लिए इन्तज़ार कीजिये. Antarvasna

प्रेषिका : रीना शर्मा Antarvasna Sex Stories

मेरी एक प्रिय पाठिका ने Antarvasna Sex Stories अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर अपनी यह आपबीती मय डायलोग के मुझे भेजी है। हां पाठकों के मनोरंजन के लिए इसमें कुछ मसाला भी डाला गया है। उसका नाम तो चलो गुप्त ही रखेंगे, पर कुछ नाम तो रखना ही है ना, तो चलो मैं हीरोईन को अपना नाम रीना दे देती हूँ।

हां, प्रतीक नाम वास्तविक है। उसका कहना है कि ये तो बस बातों बातों में हो गया, हम दोनों में से किसी का ऐसा इरादा नहीं था।

प्रतीक एक सीधा साधा जवान लड़का था। मैं उस समय पूना में नौकरी करती थी। प्रतीक के पापा और मेरे पापा दोस्त थे। जब प्रतीक का फोन मेरे पास आया तो मुझे उसके आने की बहुत खुशी हुई। वो मेनेजमेन्ट कर रहा था और उसके पास नौकरी का ऑफ़र आ गया था। वो एक प्रथम श्रेणी का विद्यार्थी था।

उसे सवेरे ही बस से पूना आना था। मैं उसे लेने के लिये बस स्टेण्ड आ गई। बीस बरस का जवान लड़का दूर से ही पहचान में आ गया। वो मुझे देखते ही लिपट गया।

“रीना दीदी, तू आई है मुझे लेने…”

“अरे कैसे नहीं आती … तू जो आ रहा था !”

एक जवान लड़के का लिपटना मुझे बहुत भाया… मैंने जोश में उसे चूम लिया, उसने भी प्रति उत्तर में मुझे चूमा। मैं उसे घर ले आई।

“रीना दीदी , इतने बड़े घर में तुझे डर नहीं लगता…”

“नहीं, बिल्कुल नहीं, मेरे जैसी काली लड़की पर कौन ध्यान करेगा?”

“नहीं, वो कोई गुण्डा, बदमाश …?”

“वो तो सुन्दर लड़कियों को खतरा होता है … मैं तो उसे और पकड़ लूँ !”

वो यह सुन कर हंस दिया। हम दोनों नाश्ता करके बतिया रहे थे। दोनो ही एक डबल बेड पर आराम कर रहे थे।

“दीदी, शादी क्यूँ नहीं कर लेती … 26 साल की हो रही हो !”

“तू कर ले यार मुझसे शादी … मैं तेरा पूरा ख्याल रखूंगी ! बस ?”

वो फिर से हंस पड़ा,”यार, मजाक मत कर … तेरी जैसी प्यारी दीदी से शादी कौन नहीं करेगा… कोई बॉय फ़्रेन्ड नहीं है क्या?”

“तू है ना … मेरा दोस्त बन जा और दीदी कहना छोड़ दे !”

“अरे तू तो दोस्त तो है ही, बड़ी है ना इसलिये दीदी कहता हूँ।”

“अरे मेरे भोले पंछी … तुझे कब समझ में आयेगा कि दीदी के साथ कुछ नहीं कर सकते, जबकि दोस्त के साथ सब कुछ कर सकते हैं !”

“हां, पर हम तो दोस्त है ना, अच्छा अब मुझे अब सोने दे !”

“सो लेना यार, आज तो रविवार है … अच्छा तूने कोई लड़की पटाई या नहीं?”

“दीदी, तू है ना पटी पटाई … और किसे पटाना है, वो तृप्ति तो मतलबी है, बस उसी का सारा काम करो !”

“कुछ किया उसके साथ… या यूं ही फ़ोकट में काम करता रहा ?”

“नहीं नहीं… मैं इतना बेवकूफ़ थोड़े ही हूँ, उससे आईसक्रीम तो खा ही लेता हूँ !”

“और दूसरी आईसक्रीम …?”

मेरे स्वर में अब वासना का पुट आने लगा था। वो समझ गया मेरा इशारा…।

“दीदी, यूँ कोई हाथ थोड़े ना लगाने देता है… वो रेशमा तो बस मुझे आंख मार कर ही काम चला लेती है।”

मेरे दिल में बेईमानी आने लगी थी। मैं उसके पास खिसक आई।

“तूने कभी कहीं किसी लड़की को हाथ लगाया है …?”

“कहां पर दीदी …?”

मेरी सांसे तेज सी होने लगी। मैने हिम्मत करके उसे अपने सीने की ओर हाथ करके बताया।

” यहाँ पर … !”

“अरे मारेगी नहीं वो मुझे …?” वो हंसता हुआ बोला।

“पता है ! एक बार इसे छू ले तो वो मस्त हो जायेगी !”

मेरे सीने के उभारों को देख कर वो बोला,”तेरे तो बहुत बड़े है, इन्हें छू लूँ क्या… मारोगी तो नहीं तुम?”

“चल छू ले … देख तुझे कैसा लगता है !”

उसने डरते डरते मेरे उभरी हुई चूचियों को हाथ लगाया। मैंने जानबूझ कर एक मस्ती की सिसकारी ली।

“आह, कितना मजा आया, थोड़ा और छू ले…” उसकी आंखो में चमक आ गई। उसकी सांस तेज होने लगी। उसने मेरे उरोजों की गोलाईयो को हाथ फ़ेर कर सहलाया। एक अनजाने से नशे में मैं खो सी गई। उसका लण्ड धीरे धीरे खड़ा हो गया।

“दीदी, आपको अच्छा लग रहा है क्या … देखो मुझे भी जाने कैसा कैसा हो रहा है !”

“बुद्धू, अन्दर हाथ डाल कर छू ना…” मेरी चूत गीली होने लगी थी।

“तेरा टॉप तो इतना टाईट है कि बस ! दीदी इसे उतार दे तो छू सकता हूँ…”

मुझे लगा कि प्रतीक अब बहकने लगा है … उसकी शरम दूर करने का बस यही मौका था।

“तू उतार दे ना …”

उसने मेरी बनियान नुमा टॉप ऊपर खींच कर उतार दी। मेरे दोनों कबूतर बाहर आकर खिल उठे।

“पता है, मेरी मम्मी के भी ऐसे ही हैं … !”

“ओफ़्फ़ोह, मम्मी की दुम, अब सहला ना !”

उसने ध्यान से मेरे स्तन देखा और मेरे चुचूक छू कर हिलाने लगा। मेरी आंखों में खुमारी आने लगी।

“दीदी, अरे बाप रे, कितने कड़े है ये दुद्धू…”

“ये मस्त गोले भी तो है ना …” मैं और उससे चिपकने लगी।

“अरे दूर रह ना, मुझे दूध थोड़े ही पीना है”

“प्लीज पी ले … इसे चूस ले…”

उसने मुझे देखा और मेरे बोबे को उसने अपने मुख में भर लिया। उसे चूसने लगा। मैं अपने आपे से बाहर हो गई और उसके ऊपर झूल सी गई और अपने उरोज उसके मुख में जोर से दबा दिये ।

“दीदी, ये क्या कर रही हो, मेरी सांस रुक रही है …”

उसका कड़ा लण्ड मेरी चूत से टकरा गया। जींस के ऊपर से ही मैने रगड़ मार दी।

प्रतीक के मुख से आह निकल गई। मैंने भी अब प्यार से उसे अपने दूध को खूब चुसवाया।

“दीदी, इसमें तो बहुत मजा आता है … तेरी जींस कितनी चुभ रही है, पजामा क्यों नहीं पहनती है?”

“हां यार ! चल इसे उतार देते हैं…”

“हट रे … तू तो इतनी बड़ी लड़की है, नंगी हो जायेगी तो शरम नहीं आयेगी?” प्रतीक कुछ असमंजस में बोला।

“अरे तो कौन देख रहा है ? अपन दोनों ही तो हैं ना … चल उतार देते हैं…”

मैंने पहल की और अपनी जीन्स उतार दी, मैं तो पूरी नंगी हो गई। नंगापन महसूस होने से मुझे एक बार तो लाज सी आई और मुझ में रोमान्च सा भर आया, मेरे रोंगटे जैसे खड़े हो गये।

“रीना, तू चादर लगा ले ना, इतनी बड़ी लड़की नंगी देख कर मुझे तो अजीब लग रहा है !”

“छोड़ ना, अपनी जींस तो उतार…!” मैने उसे उलाहना दिया।

उसने झिझकते हुये अपनी पैण्ट उतार दी और अपना हाथ लण्ड के आगे रख कर छुपा लिया। उसका सर झुका हुआ था,”दीदी, मुझे तो शरीर में जैसे सनसनी सी आ रही है, आप ये क्या करवा रही हैं…?”

मैं उससे जाकर लिपट गई। और अपना चेहरा उसके चेहरे के समीप कर दिया। उसकी महकती खुशबू मेरे नथुनों में समाने लगी। उसने भी मेरा ये पोज देख कर मेरे अधरों से अपने अधर मिला दिये। नीचे उसका लण्ड मेरे योनि द्वार पर दस्तक देने लगा था। पर वो इस मामले में नया था सो वो कुछ नहीं कर पा रहा था।

“प्रतीक, अपनी कमीज भी उतार दो ना, मेरी तरह नंगे हो जाओ… शरम ना करो ! प्लीज !”

उसने अपनी कमीज भी उतार दी।

“तुमने मेरे दूध पिया था ना, अब मुझे भी कुछ पीने दो…!”

“मेरे पास दुद्धू नहीं है, तो क्या पीयोगी…?”

“बस चुप …”

मैं धीरे धीरे नीचे बैठने लगी और उसके लण्ड के पास पहुंच गई, वीर्य जैसी महक से मैं मदहोश सी हो गई। उसके लण्ड को पकड़ कर मैंने उसकी चमड़ी ऊपर कर दी।

“दीदी, मुझे शरम आ रही है … यह क्या कर रही हो…?”

मैंने वासनायुक्त निगाहों से उसे मुस्करा कर देखा और उसका लाल सुपाड़ा अपने मुख में रख लिया। लण्ड नया था उसकी स्किन सुपाड़े से लगी हुई थी। उस

स्किन को चीर कर उसे मर्द बनाना था। मैने उसके डण्डे को कस कर पकड़ लिया और झटके दे देकर मुठ मारने लगी। मेरा मकसद उसकी त्वचा चीरना था। कुछ झटकों से उसकी स्किन चिर गई और खून निकल पड़ा। वो दर्द से कराहा भी … पर अब स्किन फ़टने के बाद मैं धीरे धीरे मुठ मारने लगी,। मुख में सारा खून चूस लिया, उसे खून का पता भी नहीं चला कि उसकी स्किन फ़ट चुकी है। उसके लण्ड की चमड़ी पूरी पलट गई और लण्ड पूरा खुल गया।

मैं उसका लण्ड बड़े चाव से चूसने लगी। उसे दर्द के बीच एक अनोखा सा मजा आने लगा था। मेरी आंखों में वासना के लाल डोरे खिंच चुके थे। काफ़ी दिनों से मेरी चुदाई नहीं हुई थी, इसलिये मेरी चूत बहुत ही लपालपा रही थी। बस लण्ड चूत में घुसा लूं यही लग रहा था।

“बड़ा जोरदार है रे तेरा लण्ड…”

“छीः दीदी गाली होती है ये तो …”

“इसे लण्ड ही कहते हैं और मेरी इसको चूत कहते है… याद रखना …”

“दीदी, आज तो तू सारी गन्दी बातें कर रही है !”

“गन्दी !!!, अच्छा तुझे मजा नहीं आ रहा है क्या…?”

“हां वो तो आ रहा है… पर ये नीचे चूसना … इससे तो सू सू करते हैं ना और तू है कि इसे चूसे जा रही है … रोक मत ना और जोर से चूस …”

“देखा मजा आ रहा है ना … अब तू भी मेरी चखेगा …”

“वो कैसे … क्या तेरा लण्ड भी चूसूँ…?”

“अरे चल हट … मेरी चूत की बात कर रही हूँ।”

मैंने उसका लण्ड छोड़ दिया और बिस्तर पर लेट गई। अपनी चूत खिसका कर एक तरफ़ कर दी। प्रतीक बिस्तर के नीचे बैठ गया और मेरी दोनों टांगों के बीच आ गया।

“ये देख … इसे भी चूसना …” मैंने नीचे हाथ अपने दाने पर लगाया और उसे बता दिया। उसके होंठ मेरी चूत से लगते ही मुझे झुरझुरी सा आ गई। उसकी जीभ लपलपा उठी और उसने मेरी पूरी चूत को चाट लिया। मैंने गुदगुदी के मारे टांगें और उठा ली। तभी उसकी जीभ मेरे गाण्ड के छेद पर आ गई। आनन्द के मारे मैंने अपनी आंखें बंद कर ली। वो भोला, भला क्या जाने कि क्या चाटना है। पर मुझे तो उसने मस्ती ला दी। तभी उसकी जीभ ने मेरे दाने को बुरी तरह से हिला डाला। जैसे तेज और तीखी चुभन सी हुई। हाय रे ! ये सब कितना अच्छा लग रहा था। मेरा अंग अंग तड़प उठा था। वो कभी मेरी गाण्ड का छेद चाट रहा था, तो कभी चूत में उसकी जीभ घुस पड़ती थी तो कभी मेरे दाने को दबा कर हिला कर मुझे घायल सा कर देता था।

“प्रतीक, अब मेरे पास आजा, मुझे प्यार कर…!”

“हां दीदी, मुझे भी देख कितनी मस्ती आ रही है … ये लण्ड तो देख ना … कैसा हो रहा है !”

मैने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट पड़े। वो मेरे नीचे दबा हुआ जैसे छटपटा रहा था। मैं उसके ऊपर बैठ गई और उसका खड़ा डण्डे जैसा लण्ड थाम लिया। उसका लाल सुपाड़ा खून की एक बारीक धार से और लाल हो गया था। उसे मैंने अपनी चूत खोल कर अन्दर रख लिया।

“दीदी, ये क्या कर रही हो, सू सू को सू सू से मिला दिया?”

“आह्ह्ह, लण्ड चूत में घुसेड़ रही हूँ … अब मत बोल, बस मजे ले ले !”

मैंने धीरे से उसे भीतर ले लिया और अन्दर घुसाने लगी। उसे जलन सी महसूस हुई, पर वो बोला कुछ नहीं, बस थोड़ा सा चेहरा बिगाड़ लिया। उसका लण्ड पूरा लेकर मैं उसके ऊपर झुक गई। मेरे दोनों स्तन उसके चेहरे के नजदीक झूल गये।

“पकड़ ले इसे, मसल डाल…”

“कैसी बोलती हो दीदी, आह तू क्या कर रही है, बहुत मजा आ रहा है !”

मैं और झुक गई। उसने मेरे स्तन मलने शुरू कर दिये। मैंने अपने अधर उसके अधरों से मिला दिये। मैंने अनाड़ी दोस्त को दबोच कर चुदाई करनी चालू दी। हम दोनों एक दूसरे में खो चले, हमारी कमर ऊपर नीचे हो कर सम्भोग में लिप्त हो गई। मेरे साथ प्रतीक भी अपने जीवन काल का प्रथम सम्भोग कर रहा था, मस्ती में खो चुका था। हम खो से गये … मुझे उसने जाने कब अपने नीचे दबोच लिया और चोदने लगा था। मेरे बाल मेरे चेहरे पर बिखर कर उलझ गये थे। दोनों तपते नंगे बदन तृप्ति की ओर बढ़ रहे थे, रफ़्तार तीव्र हो चली थी। मेरा तन जैसे रस से भर गया। जिस्म में मीठी सी गुदगुदी भर गई। मैंने अपने जिस्म को लहरा दिया और मेरा कामरस चू पड़ा… मैं झड़ने लगी… आनन्द से भरी पूरी … आह्ह्ह

मैं झड़ती चली गई। जैसे मेरे ऊपर अब कोई पहाड़ सा बोझ आ पड़ा हो, जान पड़ रहा था। मैंने अपने आप को ढीला छोड़ दिया जाने वो कब तक मुझे चोदता रहा …

मेरी तन्द्रा तब टूटी, जब प्रतीक एक तरफ़ झड़ कर लस्त सा पड़ गया था। मैंने अपनी एक टांग उठा कर उसकी कमर में डाल दी। उसका वीर्य मेरी चूत से निकल कर एक तरफ़ बहने लगा। मैंने अपनी बाहें भी उसके गले में डाल दी और उस पर अपना भार डाल कर सो गई।

“दीदी, उठो तो खाना तो खा लें अब, देखो दोपहर के दो बज रहे हैं।”

मैंने देखा तो प्रतीक तैयार हो कर खड़ा था। मैंने अपनी ओर देखा तो शरमा गई, अब तक नंगी पड़ी हुई थी। वो मेरे यौवन को देख कर फिर से ललचाने लगा था। उसे चूत का चस्का लग चुका था। मेरी चिकनी जांघें, काले काले से चमकीले चूतड़, काली झांटे सभी कुछ उसे बहुत उकसाने का काम कर रहे थे। मेरे गोल-गोल बड़े स्तन देख कर वो कसमसा रहा था।

“तू बड़ा लार टपका रहा है रे … शाम है, रात है और फिर तनहाई भी है … और करेंगे शाम को, दिल छोटा मत कर … तेरी सू सू को नीचे कर ले…” फिर मैं खिलखिला उठी।

पाठको, यह बात तो गुप्त है, किसी को बताना नहीं। कोई जान जायेगा तो सभी मुझे चोद-चोद कर मेरा बेड़ा गर्क कर देंगे। ऐसा रिश्ता तो टॉप सीक्रेट होता है …

आपकी

रीना शर्मा Antarvasna Sex Stories

Sex Stories

यह अन्तर्वासना Sex Stories पर मेरी पहली कहानी है, यह एक सच्ची घटना है।

मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी रेखा। वह मुझसे एक साल छोटी है। उसकी माँ और मेरी माँ काफी अच्छी सहेलियाँ हैं। वह बचपन से ही मुझसे किताबों और पढ़ाई के मामले में मदद मांगती रही है। आंटी को इस चीज़ से कभी भी एतराज़ नहीं हुआ।

अब ज़रा अपनी छम्मक छल्लो यानी रेखा के बारे में बता दूँ। दिखने में तो वो बिलकुल ऐश लगती है पर है बहुत शांत किस्म की लड़की। जैसे जैसे वो बड़ी होती गई है, वैसे वैसे ही उसकी गांड का साइज़ घूरने लायक ही नहीं, बल्कि मज़े लेने लायक भी हो गया है। उसका वक्षस्थल तो मादरचोद ऐसे हो गया है कि अगर आपको भी किसी दिन मौका हाथ लगे तो उनके बीच अपना लंड फंसा दो और आगे पीछे करके उसके मुँह में ही झड़ जाओ।

अब उसकी शादी कर दी गई है और वो शहर से काफी दूर जा चुकी है।

इन बातों के बाद मैं अपना परिचय भी दे दूँ। मैं ६ फीट लम्बा एक शरीफ सा इंसान हूँ जिसको हफ्ते में कम से कम एक बार चूत तो चाहिए ही चाहिए। इसके लिए मैं पैसों की परवाह भी नहीं करता। मैंने अपनी इंजीनियरिंग ख़त्म कर ली है और एक छोटी सी कंपनी में लगा हुआ हूँ। बकचोदी के बाद मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ। बात उन दिनों की है जब मैं इंजीनियरिंग के पहले साल में था। तब मैं 19 साल का था और तब से ही मैंने चूत का स्वाद चखना शुरू किया था। हम सब दोस्त मिल कर सस्ती लडकियाँ कहीं न कहीं से लेकर आते थे।

रेखा के साथ मेरी लॉटरी उन्हीं दिनों खुल गई थी। वो मुझसे पढ़ाई के लिए सहायता मांगने आती और मैं उसके साथ शरारत करने की कोशिश करता रहता। हांलांकि चूत की कमी तो थी नहीं मेरे पास, पर मैं सोचता था कि अगर इसकी मिल जाए तो मज़ा ही आ जाये। ऊपर से परिवार का भी डर था। पर ज़िन्दगी में कुछ चीज़ें पाने के लिए रिस्क भी तो लेना ही पड़ता है ना।

मैं धीरे धीरे उसको अपने दायरे के अन्दर ले आने की कोशिश कर रहा था।

वह एक दिन आई, उसको मैंने थोड़ा सा पढ़ाया। जब वो जाने लगी तो मैंने उसको आँख मार दी। वो मुस्कुरा के चली गई। मुझे कुछ कुछ होने लगा। वो बाद में जब भी आती मैं उसको थोड़ा छू देता। वो फिर से मुस्कुरा देती। अब तो मैंने अपना हाथ उसकी जाँघों पे रखना शुरू कर दिया था। अब वो मेरे पास कुछ ज्यादा ही आने लगी थी, शायद उसको मेरी ठर्कियों वाली हरकतों से मज़ा आता था। देखने से तो ऐसा ही लगता था कि उससे भी नहीं रहा जा रहा।

वो अगली बार ऐसा मौका तलाश कर आई जब मेरे घर पर मेरे अलावा और कोई नहीं था। वो स्कर्ट में आई थी। क्या माल लग रही थी। बिलकुल ऐश। मैं तो देखता ही रह गया। पढ़ने के बहाने वो मुझसे चिपक कर बैठ गई। उसको पता था कि मैं उसकी जांघ पर हाथ ज़रूर रखूँगा। मैंने ऐसा ही किया। लेकिन अब जो हुआ उससे मेरा लंड गन्ने के जैसे खड़ा हो गया। उसने मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और स्कर्ट के ऊपर से ही अपनी चूत पर रख दिया। क्या जन्नत थी उसकी चूत। स्कर्ट के ऊपर से बिल्कुत मखमल सी मुलायम लग रही थी। मुझे क्या था, मैं उसे सहलाने लगा। पढ़ाई लिखाई माँ चुदाये।

वो आँख बंद करके कुर्सी पर ही बैठी रही और मज़े लेने लगी। मुझको अब असली दर्शन करने थे। मैं उसको चूमते हुए अपनी बाहों में भर के बिस्तर तक ले आया। मैंने नीचे से ही शुरू किया। स्कर्ट को ऊपर कर के मैंने उसकी दोनों टांगों को चौड़ा दिया। उसकी सफ़ेद पैंटी गीली हो चुकी थी। उसकी पैंटी को मैंने एक तरफ सरकाया और बिना बालों वाली कुँवारी चूत के दर्शन किये। गज़ब की महक रही थी उसकी चूत।

पहले मैंने उसको ऊँगली से चोदना शुरू किया। उसने भी इसी बीच मेरा पजामा उतार दिया। वह मेरे लंड की तरफ बढ़ी और हाथ में ले लिया और मुठ मारने लगी। अब हम 69 में हो लिए। दोस्तों इसी को अन्तर्वासना कहते हैं। सब कुछ अपने आप होने लगता है। मैं उसकी फुद्दी चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी। काफी देर तक ये करने के बाद जब मैं झड़ने वाला था और मुझसे रहा नहीं गया, तब मैं उसके ऊपर सीधे से आया और अपना लंड उसके दरवाज़े में डाल दिया। चूंकि मेरी सफ़ेद नदी छूटने ही वाली थी, दो तीन घक्कों में ही मैं पूरा छूट गया। उसके चेहरे के हाव-भाव से ऐसा लग रहा था की वो अभी तक संतुष्ट नहीं हुई थी।

मेरा लंड तो थक चुका था पर उसे भी खुश करना था। इसलिए मैंने अपने मुँह और ऊँगली दोनों से ही उसके प्यार के अंग को खुश किया। इसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहन लिए। उसने कहा कि आगे से जब भी उसको अपनी चूत को ऊँगली करने का मन करेगा तो वो मेरे पास ही आ जाया करेगी। मैं तो ये सुन के हैरान ही हो गया कि रेखा की रेखा ऐसी रंडियों वाली हो सकती है।

ऐसे ही फिर मैंने कई बार उस बहन की लौड़ी की चुदाई करी। कभी उसके घर में तो कभी अपने घर में। पर 22 साल की उम्र में ही उसकी शादी कर दी गई। वो अब दूर है। तब से अब तक जब भी वो अपने घर आई है, हम मिलें तो काफी बार हैं पर चुदाई की नौबत कभी नहीं आई है।

दोस्तो, बताओ अब हमें फिर चुदाई का आनंद उठाना चाहिए या नहीं? Sex Stories

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