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Massage Girl in Phek: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Phek who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Phek that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Phek massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Phek who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Phek massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Phek massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Phek who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Phek employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Phek helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Phek

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Phek at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna stories

दोस्तो Antarvasna story, मेरा नाम मनदीप है, उमर २० और लम्बाई ५’९”। हमारा सारा परिवार एक ही घर में रहता है।

मैं आज आपको अपने जीवन की एक बड़ी ही सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहा हूं।

इस घटना से पहले मैं भी बड़ी सेक्सी फ़िल्में देखता था पर इसके बाद से तो मेरी लाइफ़ ही एक सेक्सी फ़िल्म जैसी हो गई है।

यह बात आज से करीब एक साल पहले की है जब हमारा सारा परिवार किसी की शादी में गया हुआ था और हमारे घर में कोई नहीं था। इसलिये मैं अपनी ताई जी के साथ शाम को घर वापिस आ गया। मेरी ताई की उमर ४७ साल और लम्बाई ५’८” है और उनकी फ़ीगर ४० -३५ -४० की है यानि कि वो थोड़ी मोटी है पर ऐसा होने पर भी वो बड़ी सेक्सी नज़र आती है।

जब पहले भी कभी मैं और ताई घर में अकेले होते थे तो ताई बिना चुनरी लिये काम किया करती थी मैंने कई बार उनकी झुक कर काम करते समय गोरी गोरी छाती देखी थी। उनके वो बड़े बड़े बूब्स हमेशा ही मेरी आंखों के सामने घूमते रहते थे।

उस शाम को जब ताई घर का काम कर रही थी तो उन्होंने सलवार कमीज पहना हुआ था। गरमी का मौसम होने के कारण उनके कपड़े पतले थे और उसमें से उनके अंदरूनी कपड़े ब्रा और चड्ढी साफ़ नज़र आ रहे थे। मैं उस वक्त टीवी देख रहा था लेकिन मेरा पूरा ध्यान ताई की गांड और बड़े बड़े बूब्स पर था।

रात को भोजन खा के हम दोनों अपने अपने कमरों में सोने के लिये चले गये। मुझ को देर रात तक टीवी देखने की आदत है है इसि लिये मैं करीब रात ११:३० तक टीवी देखता रहा।

सोने से पहले जब मैं पेशाब करने के लिये जाने लगा तो मैंने देखा कि ताई अभी तक जाग रही है। मैंने पेशाब करके वापिस आ कर ताई से पूछा कि क्या बात है उन्हें नींद क्यों नहीं आ रही तो ताई ने बताया के उसके पेट में बड़ा दर्द हो रहा है।

तो मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं उनकी कोई मदद कर सकता हूं तो उन्होंने कहा के मुझे सरसों का तेल थोड़ा गरम कर के ला दो।
मैं तेल गरम कर लाया मैंने पूछा कि क्या मैं आप के पेट की मालिश कर दूं?
तो उन्होंने कहा ठीक है।

मैंने उनके पेट पर से कमीज ऊपर कर दिया मैंने उनके पेट की मालिश करनी शुरु कर दी। मैं करीब ३० मिनट तक उनकी मालिश करता रहा उसके बाद उनके पेट का दर्द ठीक हो गया पर अभी भी थोड़ा सा तेल बच गया था तो उन्होंने कहा कि इसे उनकी पीठ पर लगा दो।

ताई की पीठ से उनका कमीज ठीक से ऊपर नहीं हो रहा था ताई बोली कि चलो मैं कमीज ही उतार देती हूं। ताई कमीज उतार कर लेट गयी और मैं उनकी लातों पर बैठ कर उनकी पीठ की मालिश करने लग गया ऐसा करते समय मैंने कई बार अपना हाथ उनके बूब्स पे लगाया पर वो कुछ न बोली। फिर मालिश करने के बाद अपने कमरे में चला गया।

अभी मुझे लेटे हुए थोड़ा वक्त ही हुआ था कि ताई मेरे कमरे में आ गयी और मेरे ऊपर बैठ गयी। मुझे पता नहीं चल रहा था कि मैं क्या करूं मैंने ताई से पूछा कि आप यह क्या कर रही हो तो वो बोली कि आज तूने मेरे बूब्स को हाथ लगा कर कई सालों से मेरे अंदर की सोई हुई औरत को जगा दिया है और अब इसकी गरमी को ठंडा भी तुम्हें ही करना पड़ेगा।

वो ताई जिसके साथ नंगा सोने के मैं सिर्फ़ सपने ही देखता था वो आज मेरे ऊपर बिना कमीज के बैठी हुई थी। मेरा सपना सच होने जा रहा था इस लिये मैं बहुत खुश था।

फिर मैंने और ताई ने अपना काम शुरु कर दिया उसने अपने होंठ मेरे होंठों में डाल लिये और २-३ मिनट मुझे चूमती रही। पहले मैने अपनी जीभ ताई के मुंह में डाल दी और फिर उसने मेरे। फिर ताई ने अपनी सलवार उतार दी और अब उसने सिर्फ़ ब्रा और चड्ढी ही पहनी हुई थी।

वो बिस्तर पर लेट गयी और मैं उसके ऊपर फिर हम दोनों काफ़ी वक्त तक एक दूजे को चूमते रहे कभी मैं उसकी छाती को चूमता कभी उसके पेट को तो कभी लातों को। फिर ताई ने अपनी ब्रा उतार दी और मैंने उनके बड़े बड़े बूब्स चूसने शुरु कर दिया उसका दूध बड़ा मीठा था मैं अब भी कई बार उसका स्वाद चखता हूं।

फिर ताई ने अपनी चड्ढी भी उतार दी और मेरे साथ लेट गयी ताई की चूत बहुत बड़ी थी उसको चाटना शुरु कर दिया फिर ५-६ मिनट में ताई पहली बार झड़ गयी उसके बाद ताई ने मेरा बड़ा सा लंड अपने मुंह में डाल लिया और चूसने लग गयी. मैंने भी उनके मुंह में ही पिचकारी मार दी।

ताई ने कहा कि चलो अब असली काम करते हैं और ताई लातों को थोड़ा खोल कर सीधी लेट गयी.
मैंने ऊपर से अपना लंड ताई की चूत में डाल दिया वो बड़ा खुश थी क्योंकि आज बड़े वक्त बाद उसकी चूत में लंड घुसा था।

मैंने लंड को आगे पीछे करना शुरु कर दिया ताई ने भी आआअ ईए ऊऊह माआ हाआ हाअ की आवाज़ें निकालनी शुरु कर दी।
मैं करीब १ घंटे तक ताई की चूत चोदता रहा इसमें ताई दो बार झड़ गयी।

फिर मैंने ताई को कहा कि मैं अब उसकी गांड मारना चाहता हूं.
और ताई घोड़ी बन गयी. मैंने लंड को गांड में घुसेड़ दिया.

ताई की गांड बड़ी तंग थी, उसे दर्द हुआ और वो चिल्ला दी- आऐईईईईए माआआअ!
मैंने जोर जोर से लंड आगे पीछे करने शुरु कर दिया और १५ मिनट तक ताई को चोदता रहा। मैंने ताई जैसे गरम औरत की कभी नहीं ली थी।

फिर मेरा छूट गया और मैं ताई को चूमने लग गया।
ताई ने बोला कि मैं एक बार फिर उनकी चूत मारूं. और इस बार वो मेरे ऊपर बैठ गयी और अपने आप हिल हिल कर धक्के देने लगी।
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

फिर हम सारी रात ही नंगे सोये रहे सुबह उठ कर ताई ने फिर मुझे अपने बूब्स चुसवाये और चूमा भी। उसके बाद तो जब भी हम दोनो घर में अकेले होते हैं तो एक पति-पत्नी की तरह रहते हैं। Antarvasna

Hindi Sex Stories

मैं जब हॉस्टल में आई तो मैंने देखा वहाँ पर रूम बड़े अच्छे और सभी सामान के साथ थे. एम ए की पढाई करने वालों के लिए सिंगल रूम था. रूम देख कर मैं बहुत खुश थी. हॉस्टल में आते ही जो अनुभव मुझे हुआ वो मैं आपको बताती हूँ।

शाम को हॉस्टल में सभी नए और पुराने स्टुडेंट डिनर के लिए मेस में जा रहे थे. रूम के बाहर ही मुझे तीन सिनियर लड़कियां टकरा गयी. उन्होंने मुझे देखा. मैंने उन्हें गुड इवेनिंग कहा. वो आगे निकल गयी, उनमे से एक मुड़कर वापस आयी और कहा – “क्या नाम है…”

“अंजू शर्मा ..”

“डिनर के बाद 10 बजे रूम नम्बर 20 में मिलो…”

“कोई काम है दीदी ..”

“नई आयी हो… सभी को तुम्हारा स्वागत करना है ..”

“जी…अच्छा…”

वो मेस में चली गयी. मुझे पसीना छूटने लग गया. मैं समझ गयी थी की अब मेरी रागिंग होगी .

मेस में मुझसे खाना भी ठीक से खाया नही गया .जैसे तैसे मैंने खाना पूरा किया और अपने रूम में आ गयी. घबराहट में मुझे कुछ सूझ नही रहा था कि मैं क्या करूं। समय देखा तो रात के 10 बजने वाले थे. मन मजबूत करके 10 बजे में उठी और रूम नम्बर 20 के आगे जाकर खड़ी हो गयी. मैं दरवाजा खटखटाने ही वाली थी की वो सीनियर लड़की मेस से आती हुयी दिखायी दी. आते ही बोली- “आ गई… कामिनी…”

“जी हाँ…” मैंने सर झुकाए कहा .

“मेरा नाम सोनाली है…पर तुम मुझे दीदी कहोगी “उसने दरवाजा खोलते हुए कहा -“आ जाओ अन्दर ..”

मैं उसके कमरे में आ गयी. उसने मुझे बैठने को कहा .

“पहली बात सुनो…जब कोई सीनियर तुम्हे नज़र आए तो तुम उसे विश करोगी…”वो मुझे नियम समझती रही. फिर बोली- “अच्छा अब तुम स्वागत के लिए तैयार हो ..”

मैं चुप ही रही…पर पसीना आने लग गया था ..

“घबराओ मत… सिर्फ़ स्वागत ही है…”

“…जी. ..”

“खड़े हो जाओ…और अपना सीना आगे को उभारो ”

मैंने अपना हाथ पीछे करके अपना सीना आगे उभार दिया ..

“शाबाश… अच्छे है… अब अपना टॉप उतार दो ..”

“नही दीदी…शर्म आती है…”

“वोही तो दूर करना है ”

“कोई देख लेगा…दीदी… और सीनियर भी तो आने वाली है…”

“अब उतारती हो या मैं उतारूं ”

मैंने अपना टॉप उतार दिया. उसने ब्रा भी उतारने को कहा. थोड़ा झिझकते हुए मैंने ब्रा भी उतार दी .

“यहाँ पास आओ ”

मैं दीदी के पास गयी. सोनाली ने खड़े हो कर पहले मुझे पास से देखा. फिर मेरे स्तनों पर हाथ लगाते हुए कहा -“सुंदर है…” फिर मेरी छातियों को सहलाना शुरू कर दिया. मुझे सिरहन होने लगी. उसने मेरी चुन्चियों को हौले से दबा कर घुमाया .. मेरी सिसकारी निकल गयी. वो जो कुछ कर रही थी…मुझे डर तो लग रहा था… पर उसकी हरकतों से मजा भी आ रहा था. फिर वो पीछे गयी और मेरे चूतड़ों को निहारा. अपने हाथों से उसे सहलाने लगी और दबा दिया.

“किस करना आता है…”

मैंने कहा- “जी हाँ ..आता है ”

“मेरे होंट पर किस करो ..”

मैंने धीरे से किस कर दिया. वो बोली – “किस ऐसे नही करते हैं ”. उसने मेरे नरम होंट अपने होंट से भींच कर चूसना चालू कर दिया .बोली- “ऐसे समझी… अब अपनी स्लैक्स उतारो ”

” दीदी ऐसे तो मैं नंगी हो जाऊँगी…”

“वो तो स्वागत में सबको नंगी होना पड़ता है ..”

मैंने अपनी स्लेक्स उतार दी और सीधी खड़ी हो गयी ..”

सोनाली ने पास आकर मेरा बदन सहलाया ..और मेरी चूत पर हाथ फेरना चालू कर दिया. बीच बीच में वो मेरे चुतड़ भी सहलाती और दबाती जा रही थी…

“दीदी अब कपड़े पहन लूँ…दूसरे सीनियर्स आ जायेंगे ..”

“वो देर से आयेंगे… अब तुम मेरे कपड़े उतारो ” सोनाली थोड़ा मुस्कराते हुए बोली .

मैंने उसका कुरता उतार दिया. उसने ब्रा नही पहनी थी. उसके बूब्स उछल कर बाहर आ गए .

“…हाँ अब मेरा पजामा भी उतार दो…और मुझे अपने जैसी नंगी कर दो .”

मैंने सोनाली को पूरी नंगी कर दिया .

“अब तो खुश हो न… अब तुम्हे शर्म तो नही आ रही है…”

मैंने सर झुका कर मुस्करा कर कहा- “नही दीदी… अब तो आप भी ..”

” अच्छा अब बताओ…इसे क्या कहते हैं…”

“स्तन या बोबे ..”

“देसी भाषा में बताओ ..”

“जी…चूचियां…”

“गुड…अब बताओ नीचे इसे क्या कहते हैं…”

“जी…चूत…” मैं शरमा कर बोली .

“वाह तुम तो सब जानती हो…आओ गले लग जाओ ..”

सोनाली ने मुझे गले लगा लिया… उसका हाथ मेरी चूतडों पर चला गया…और उन्हें मसलने लगा. अब मुझे लग रहा था कि रैगिंग तो बहाना था…वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी. सोनाली गरम होने लगी थी. उसने कहा-

“कामिनी…तुम भी ऐसे ही कुछ करो…”

मैंने उसके बूब्स सहलाने चालू कर दिए. उसके मुंह से सिस्कारियां निकलने लगी ..

“हाँ जोर से मसलो… चुचियों को खेंचो…”

मैं उसकी चुन्चियों को खीचने मसलने लगी. अचानक मैंने महसूस किया कि उसने एक उंगली मेरी चूत में घुसा दी है. मैं चिहुक उठी.

“हाय…दीदी… मैं मर गयी…”

“अच्छा लग रहा है ना…”

“हाँ दीदी…”

मैं भी उसकी चूत में अपनी उंगली और अन्दर घुमाने लगी…

“अब…बस…” कह कर सोनाली दूर हट गयी .”कपड़े पहन लो ..”

हम दोनों ने कपड़े पहन लिए… वो अलमारी में से मिठाई निकाल कर लाई… और मेरे मुंह में एक टुकडा डालते हुए कहा -“मुंह मीठा करो…तुम्हारा स्वागत पूरा हो गया… स्वागत से डर नही लगा ना…”

“नहीं दीदी…मुझे बहुत मजा आया…”

“धन्यवाद कामिनी… मजा मुझे भी आया .”

मैं अचानक सोनाली से लिपट गयी ..- “दीदी आज रात में तुम्हारे साथ रह जाऊँ ”

दीदी ने प्यार से मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा- “क्यों… क्या इरादा है…”

” दीदी अब मैं रात भर सो नहीं सकती… मुझे शांत कर दो. ..”

“तुम्हे जाने कौन देगा… मुझे भी तो पानी निकलना है…”

हम दोनों फिर से कपड़े उतार कर अब बिस्तर पर आ गये .

लेटे लेटे मैंने सोनाली से पूछा –“वो और सीनियर लड़कियां अभी आएँगी तो…”

“कोई नहीं आयेगा…”

“पर आप तो कह रही थी…कि सभी आएँगी ”

उसने मेरे मुंह पर उंगली रख दी.

“मैंने तुम्हे देखा था तो मुझे लगा था कि तुम्हें पटाया जा सकता है…इसलिए मैं वापिस आयी और तुम्हें बुलाया…उन लड़कियों को नहीं मालूम है .”

कहते हुए उसने अपनी नंगी जांघ मेरी कमर में डाल दी. और अपने होंट मेरे होटों पर रख दिए. धीरे से उसने मेरा एक बूब सहलाना चालू कर दिया। मैंने भी उत्तर में उसे अपने ऊपर खींच लिया. मेरी उत्तेजना बढ़ रही थी. उसके होंट मैंने अपने होटों में दबा लिए. वो मेरे ऊपर चढ़ कर मुझसे जोर से लिपट गयी. और मेरे होटों को चूसने लगी. मैं उसके स्तनों को दबाने, मसलने लगी. उसके मुंह से सिसकारी निकल पड़ी. हम दोनों मस्ती में डूब गए थे. उसने अब अपनी चूत मेरे चूत से मिला दी और लड़कों की तरह मेरी चूत पर अपनी चूत पटकने लगी .

“ हाय रे…कितना मज़ा आ रहा है ..” सोनाली सिसक के बोली .

“ हाँ दीदी बहुत मज़ा आ रहा है…मेरी चूत तो गीली हो गयी है ..” मैंने कहा

“मेरे चुतड पकड़ के दबा दे…हाय ..” अपनी चूत घिसती हुयी बोली. मैं उसकी गोलाईयां दोनों हाथो से दबाने लगी… उसका एक हाथ मेरी चूत पर पहुँच गया और सोनाली ने दो उंगलियाँ मेरी चूत में घुसा दी. मैं सिस्कारियां भरने लगी…

“दीदी और जोर से उंगली घुमाओ… ”हाय…मजा आ रहा है… दीदी लंड होता तो कितना मज़ा आता…”

“ हाँ… लंड तो लंड होता है… सुन मेरे पास है…तुझे उस से चोदुं ..”

मैं उस से लिपट गयी… “हाँ…हाँ सोनाली जल्दी से लाओ ..

सोनाली ने तकिये के नीचे से चुपचाप लंड निकाल लिया. मुझे पता ही नहीं चलने दिया कि उसके हाथ में लंड है ..

बोली – “अपनी टाँगे ऊपर कर लो… ”

“पहले लंड लाओ तो सही…”

“नहीं पहले टाँगे ऊपर उठा लो…मुझे तुम्हारी चूत देखनी है…”

मैंने अपनी दोनों टाँगे ऊपर कर ली. दीदी ने प्यार से चूत सहलाई और लंड को चूत पर रख दिया और धीरे से अन्दर घुसा दिया .

“हाय दीदी…ये क्या…लंड अन्दर कर दिया ..” मुझे मोटा लंड, अपनी चूत में घुसता महसूस हुआ. “दीदी अब देर नहीं करो… हाथ चलाओ… चोद दो दीदी ..”

सोनाली धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगी…

“हाय रे दीदी…मज़ा आ गया… लगा ..और लगा ..”

वो अपना हाथ तेजी से चलाने लगी. मैं भी आनंद के मारे इधर उधर लोटने लगी… करवटें बदलने लगी. पर सोनाली भी मेरी करवटों के साथ साथ कस कस के अन्दर बाहर लंड को चलने लगी. उसने चोदना चालू रखा. मैं जोश के मारे करवटें बदल कर उलटी हो गयी। पर सोनाली ने लंड नहीं निकलने दिया और अपने दूसरे हाथ का सहारा लेकर लंड को अन्दर बाहर करती रही. मैं आनंद के मारे घोडी बन गयी. अपने चूतडों को दीदी के सामने कर दिया. पर उसने लंड नहीं छोड़ा और हाथ चलता ही गया.

“हाय दीदी… मेरा निकाल जाएगा…अब लंड निकाल दो ..”

“झड़ने वाली है तो झड़ जा…अब निकल जाने दे…छोड़ दे अपना पानी…चल निकाल दे…”

“दीदी अभी तो इस से मुझे गांड भी चुदवानी है ना…फिर मज़ा नहीं आयेगा…”

“अच्छा तो ये ले…” उसने मेरी चूत से लंड निकाल दिया. और अब मेरी चूतडों की दोनों फाकें सहलाने लगी और उसे खींच कर फैला दी. मेरा गांड का छेद खुल गया. मेरी गांड के छेद में उसने थूक लगाया और फिर उस पर लंड रख दिया. सोनाली बोली – “अब चालू करें…”

“ हाँ दीदी… घुसा दो ..”

दीदी ने लंड को अन्दर ठेल दिया. फिर और अन्दर घुसाया. फिर हलके से बाहर निकाल कर अन्दर डाल दिया. मुझे मीठा मीठा सा मज़ा आने लगा। सोनाली की स्पीड बढती गयी. मुझे मज़ा आने लगा… उसी समय दीदी ने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी और अन्दर घुमाने लगी. चूत से पानी तो पहले ही निकल रहा था. अब दोनों तरफ़ से डबल मज़ा आने लगा. अब मेरे से सहन नहीं हो रहा था…

“दीदी क्या कर रही…आह्ह ह्ह्ह…मज़ा आ रहा आया है… दीदी… हाय रे… मुझे ये क्या हो रहा है…दीदी…मैं मर जाऊँगी…ऊओई एई…सी…सी… अरे…अरे…मैं गयी… निकला… निकला… दीदी…गयी मैं तो दीदी… हाय…हाय… ऊऊह ह्ह्छ…अआया आई ईई .”

कहते हुए मैं बिस्तर पर घोडी बनी हुयी एक तरफ़ लुढ़क गई. मैं हाँफ रही थी .

सोनाली कह रही थी – “कैसा लगा… मज़ा आया ना…”मैंने आँख बंद किए ही सर हाँ में हिलाया. फिर मैं उठी .

सोनाली ने कहा – “अब मेरी बारी है…हाथ चलते ही रहना मैं चाहे कितना ही करवटें बदलूं या उछल कूद मचाऊँ. लंड बाहर नहीं निकलना चाहिए…जैसे कि मैंने नहीं निकलने दिया था…ऐसे में पूरा मजा आता है .”

“दीदी तुम्हें तो बहुत अच्छा अनुभव हो गया है…इस लंड से चोदने का ..”

“अच्छा तो चालू हो जाओ…”

मैंने भी उसकी लंड से चुदाई चालू कर दी… वो भी तरह तरह से चुदवाती रही…फिर उसका भी पानी निकाल दिया. हम दोनों फिर दूर हो गयी और टांगे फैला कर नंगी ही लेट गयी. जाने कब धीरे से नींद ने आ घेरा और मैं गहरी नींद में सो गयी. सवेरे उठी तो देखा दीदी ने मुझे एक चादर ओढा दी थी. उसने मुझे मुस्करा कर देखा और झुक कर किस किया. और कहा – “कामिनी…थंक यू ..”

ये मेरा हॉस्टल का अनुभव है जो मैं आप तक पहुँचा रही हूँ. अपने कमेन्ट जरूर भेजे. Hindi Sex Stories

वहां मैंने अपने भाई को सहेली की चुदाई के लिए दूसरे कमरे में भेज दिया और मैं अंकल को गर्म करने लगी.
अंकल मेरे साथ मस्ती करते करते पजामे में ही झड़ गए.

तभी मेरा भाई मेरी सहेली की चुदाई करके बाहर निकला.

मैं मुस्कुराती हुई बोली- उन्हें छोड़ो … यह बताओ काम हो गया कि कुछ कसर बाकी रह गयी है? प्लान सही था कि नहीं मेरा?
ज्योति मुस्कुराती हुई बोली- प्लान तो लाजवाब था।

फिर हम तीनों हंस दिये।

तभी कुछ देर बाद अंकल भी लोअर चेंज कर आ गये।
चूंकि उन्होंने दोबारा उसी रंग की लोअर पहनी थी तो ज्योति और सोनू ने ध्यान नहीं दिया कि वे दूसरी लोअर पहने हैं।

फिर हम सबने कुछ देर बातें की और फिर घर के लिए वापस चल दिये।

अब आगे गरम चूत का इलाज:

सच कहूँ तो इतनी देर में मेरी चूत भी एकदम गीली हो चुकी थी और उसकी खुजली बर्दाश्त नहीं हो रही थी।

अंकल के घर से निकलते-निकलते करीब साढ़े आठ बज चुके थे और अंधेरा हो चुका था।

घर लौटते वक्त रास्ते में हम बातें करते आ रहे थे।

मैंने कहा- तुम दोनों अंदर मजे कर रहे थे और तुम दोनों के बारे में सोचकर मेरी चूत में खुजली मच रही है उसी समय से!

ज्योति हंसते हुए बोली- अरे तो आ जाती ना तू भी!
मैं बोली- अरे अंकल थे … नहीं तो मैं आ ही जाती!

सोनू हंसते हुए बोला- तो क्या हुआ … उन्हें भी लेती आती, साथ में मजे कर लेते चारों!
हम तीनों हंस दिये।

अब मैं क्या बताती कि अंकल ने ही आग लगायी है।

सोनू मुस्कुराते हुए बोला- मेरा तो दो बार पानी निकल चुका है तो दोबारा खड़ा होने में टाइम लगेगा नहीं तो अभी खुजली मिटा देता। रात में मिटाता हूं खुजली!

ज्योति मुस्कुराते हुए बोली- अरे तो क्या हुआ जीभ का कमाल दिखा ना! वैसे भी यहाँ सुनसान और अंधेरा है।

चूंकि कॉलोनी में बाहर का कोई आना जाना नहीं था तो सुनसान सड़क पर हम लौट रहे थे।
दोनों तरफ पेड़ और बड़ी झाड़ियाँ थीं।
स्ट्रीट लाइट भी सब खराब पड़ी थीं।
जिसकी वजह से कोई देख नहीं सकता था हमें!

सोनू ने आगे की तरफ एक जगह की ओर इशारा करते हुए कहा- वहाँ एकदम अंधेरा है वहीं चलते हैं। वहीं अपने जीभ का कमाल दिखाता हूँ।
हम तीनों हंस दिये और फिर उस जगह पर आकर सड़क से हटकर पेड़ों के पीछे झाड़ियों में आ गये।

मेरे ऊपर वासना का ऐसा भूत सवार था कि मैं रात का इंतज़ार नहीं करना चाह रही थी, मुझे मेरी गरम चूत का इलाज तुरंत चाहिए था।

मैंने एक पेड़ पर पीठ टिका दी और सोनू मेरे सामने वहीं घुटने के बल बैठ गया।
अपनी पैण्टी निकाल कर मैंने ज्योति को पकड़ा दी और स्कर्ट को पूरा उठाकर कमर को आगे कर चूत को सोनू के सामने कर मुस्कुराती हुई बोली- जल्दी से अपनी जीभ का कमाल दिखा दे भाई!

हालांकि अंधेरे में हम एक-दूसरे को भी मुश्किल से ही देख पा रहे थे।

सोनू ने बिना कुछ बोले मेरी दोनों हाथों से मेरी जांघों को फैलाया और अपना मुंह सीधा मेरी चूत पर रख दिया और जीभ निकालकर तेजी से चूत चाटने लगा।

मैं रात के सन्नाटे में हल्का-हल्का अपनी कमर हिलाते हुए भाई से चूत चटवाने लगी।
मेरी मुंह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकलने लगीं.

वहीं ज्योति थोड़ा आगे बढ़कर सड़क पर निगाह गड़ाए थी कि कोई आ तो नहीं रहा है।

इधर सोनू तेजी से मेरी चूत चाटे जा रहा था और मैं सोनू के सिर को पकड़े कमर हिलाते हुए तेजी से चूत चटवा रही थी।

मैंने अपने होठों को दांतों से भींच रखा था ताकि मुंह से सिसकारी की आवाज तेज न निकले।
उसके बावजूद मेरे मुंह से हल्की-हल्की सिसकारी निकल रही थी- आआआ आआह हहह … सोनू … तेज और तेज चाट भाई … आह!

मेरी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि चूत चाटते हुए बीच-बीच में सोनू आराम से अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डालकर घुमा रहा था।
मैं इतनी चुदासी हो चुकी थी कि मेरे लिए अब बर्दाश्त करना मुश्किल था।

अचानक मैंने तेजी सोनू के सिर को कसकर पकड़ लिया और अपनी चूत से एकदम सटा दिया.
मेरे मुंह से तेज सिसकारी निकली- आआआ आआ आआ आआहह हहह … बस ससस!
और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।

मैं करीब 15-20 सेकेण्ड तक उसी तरह मुंह को चूत में दबाए खड़ी रही।
सोनू ने चूत का सारा पानी चाट लिया उसके बाद उसने चूत से मुंह को हटाया और खड़ा हो गया।

मैं भी सांस को जल्दी से काबू में करने की कोशिश करने लगी।
ज्योति ने मुझे पैंटी दी जिसे मैंने पहन लिया फिर हम तीनों घर वापस आ गए।

खैर इसी तरह डेढ़ दो महीने बीत गये।
लेकिन उस दिन के बाद हमें और अंकल को दोबारा वैसा मौका नहीं मिला कुछ करने का और न ही हम उससे आगे बढ़ पाए।
हालांकि इस बीच मैंने महसूस किया कि अंकल के दिमाग में कुछ और चल रहा है।

पहले तो मुझे लगा कि वह शायद उस दिन जो हुआ उससे शर्मिन्दा होंगे।
लेकिन बाद में जब पता चला कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है तो मैं दंग रह गयी।

दरअसल एक दिन हर बार की तरह अंकल संडे की शाम को घर आये।
उस दिन वह साथ में मिठाई का डिब्बा भी लेकर आये थे और बहुत खुश थे।

पापा ने पूछा- क्या हुआ, कोई खुशखबरी है क्या?
अंकल बोले- हाँ भाई, आज बेटे का रिजल्ट आ गया, उसकी रेलवे में जॉब लग गयी है।

तब तक मम्मी भी आ गयीं, अंकल ने उन्हें मिठाई का डिब्बा दे दिया।
मम्मी-पापा ने उन्हें बधाई दी।

मैंने भी अंकल को नमस्ते किया और बधाई देकर किचन में आ गयी और मम्मी की मदद करने लगी।

अंकल संडे को अक्सर खाना खाकर ही घर जाते थे तो मैं और मम्मी किचन में खाने की तैयारी में लग गये थे।
उधर पापा अंकल के साथ बात कर रहे थे।

तभी पापा ने मम्मी को आवाज देकर बुलाया।
वैसे पापा कभी मम्मी को बुलाते नहीं थे जब तक कोई खास बात न हो.
तो मम्मी पास चली गयीं।

वे लोग धीमे-धीमे कुछ बातें कर रहे थे लेकिन मुझे कुछ क्लीयर नहीं हो रहा था कि आखिर क्या बात हो रही है।

करीब 15 मिनट के बात मम्मी किचन में आयीं तो बहुत खुश लग रहीं थीं।
मैंने पूछा- क्या हुआ, कुछ खास बात है क्या?
मम्मी मुस्कुराती हुई बोलीं- है तो खास ही … बाद में बताती हूँ, पहले जल्दी से खाना बना लें।

मैं समझ नहीं पायी और फिर मम्मी की मदद करने लगी।

खैर … खाना वगैरह खाकर जब अंकल चले गये तो मम्मी ने तुरंत मामा को फोन लगाने लगीं।
तब जाकर मुझे पता चला कि आखिर क्या मामला है।

मम्मी बेहद खुश होकर नानी और मामा से बात करते हुए कह रही थीं- गरिमा के लिए रिश्ता आया है। लड़का सरकारी नौकरी में है रेलवे में … और रिश्ता खुद लड़के वालों की तरफ से आया है। लड़के के पापा भी रेलवे में अधिकारी हैं।

पापा ने मेरी ओर देखा तो मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया।
चूंकि पापा-मम्मी साथ में थे तो पापा ने ज्यादा कुछ नहीं कहा।

जब ये सब बातें होने लगीं तो मैं अपना खाना लेकर अपने कमरे में चली आयी।

अब मैं समझ गयी कि अंकल के मन में इतने दिन से क्या चल रहा था।
मम्मी-पापा तो समझ रहे थे कि अंकल तो पापा के साथ दोस्ती निभा रहे हैं लेकिन असलियत तो मुझे पता थी कि वह तो अपने चक्कर में मेरी शादी अपने लड़के से कर रहे हैं।
लेकिन यह बात मैं किसी से कह भी नहीं सकती थी।

क्योंकि वैसे भी मम्मी, मामा, नानी और पापा की बातचीत से लग रहा था कि वे सभी इस रिश्ते के लिए तैयार हैं।
मामला सरकारी नौकरी का था इसलिए सभी इस रिश्ते के लिए तैयार थे।

हालांकि मुझे भी कोई दिक्कत नहीं थी … लेकिन शादी इतनी जल्दी तय हो जाएगी मुझे अंदाजा नहीं था।
उस समय मेरी उम्र अभी 21 साल की ही थी और कॉलेज का आखिरी साल था।

हालांकि एक बात सोचकर ही मेरे मन और चूत दोनों में कुलबुली हो गयी थी कि शादी के बाद ससुराल में भी दो लण्ड तो तय हैं।
एक हसबैंड का और दूसरा ससुर का … जो पहले ही मेरी मस्त जवानी के दीवाने हो चुके थे।

एक दिन मेरी चुदाई करते समय पापा मुझसे बोले- एक बात बोलूँ बेटा!
मैंने कहा- बोलिए पापा?
पापा बोले- मेरी इच्छा है कि शादी वाले दिन जब तू दुल्हन के कपड़े में सज धज कर तैयार हो तो उस दिन भी मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूँ।

कुछ दिन बीतने के बाद एक दिन मम्मी मुझसे बोलीं- अगले संडे अंकल के साथ उनका बेटा (जिससे मेरी शादी होनी थी) और उसकी बहन मुझे देखने आ रहे हैं।
यह सुनते ही मेरी धड़कन बढ़ गयी।

शनिवार को मामा-मामी भी घर आ गये।

खैर … सब कुछ तय हो गया, लड़के और उसकी बहन दोनों को मैं पसंद आ गयी।

इंगेजमेंट और शादी की डेट भी फाइनल हो गयी।

सबकुछ इतनी तेजी से हो रहा था कि क्या बताऊँ।

इसमें सबसे ज्यादा तेजी दिखा रहे थे अंकल यानि मेरे होने वाले ससुर!

इस बीच मेरे होने वाले ससुर जी का हमारे घर आना-जाना बंद हो गया.
उसकी वजह ये थी शादी के कुछ दिनों पहले ही उन्होंने जुगाड़ लगाकर अपना ट्रांसफर उसी शहर में करवा लिया जहाँ उनका घर यानि मेरी होने वाली ससुराल थी।

Hindi sex stories

मैं आज Hindi sex stories आपको दो आंटी को चोदने की सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं। मैं २५ साल का युवक हूं मुझे चोदने कि बहुत इच्छा थी लेकिन मुझे किसी को चोदने का मौका नहीं मिला था।

मेरी पड़ोस में एक यंग कपल (जोड़ा) रहता था। उनके साथ मेरे घरवालों का अच्छा रिश्ता था। उनके घर मेहेमान आये थे उन दोनो की मां एक साथ आयी थी। दो तीन दिन के बाद मेरे घर वालों ने और उस कपल ने बाहर घुमने प्रोग्राम बनाया, मुझे जरूरी काम था इसलिये मैं जाने वाला नहीं था मैं घर में ही रहने वाला था। उस कपल ने मेरे घर वालो को बोला की मनोज (मेरा नाम)हमारे घर खलेगा क्योंकि उनकी दो मातायें भी जाने वाली नहीं थी। मैं उनकी बातों पर मंजूर हो गया। दूसरे दिन वो सब घूमने के लिये चले गये.

मैं ओफ़िस से वापस आने के बाद फ़्रेश होके टी वी देखता था तब फोन करके मुझे खाने को बुलाया। मैं गया मैं ने बेल बजायी एक आंटी ने दरवाजा खोला मैं घर में गया। मैने घर में जाके उन दोनो को देखा और मैं चकित हो गया वो दोनो बहुत ही खूबसूरत थी कोई सोच भी नहीं सकता कि वो एक ३५ साल के कपल की मातायें थी। उन दोनो ने साड़ी पहन रखी थी उनका ब्लाउज़ को उनके बूब्स पकड़के रखने में तकलीफ़ होती होगी, उनके सुंदर और गठीले बूब्स ब्लाउज़ को तोड़ के बाहर आने को मांगते थे उनके काला बाल किसी नागिन जैसे लगते थे, खूब सूरत नशीली आंखें और गठीला बदन मैं देखता ही रहा। तो उनमे से एक बोली क्या देखते हो बैठो यूं खड़े ही रहोगे क्या तब मैने कहा कि तुम्हे मैं पहले बार देखता हूं और मैं तुम्हे पहचानता नहीं हूं इसलिये तुमको देखता हूं। मेरी आपसे ये पहली मुलाकात है, तो वो बोली हा जी और मैं सोफ़े पर बैठ गया। उन दोनो ने अपना अपना परिचय करवाया, जो लड़के की मां थी उसने अपना नाम विनीता बताया दूसरी ने अपना नाम सरिता बताया। मैने कहा तुम दोनो समधन हो।

वो बोली हां, जी। फिर उन्होने खाने के टेबल पर मुझे बुलाया और हम खाने लगे। लेकिन खाना खाते समय मैं अजीब सा महसूस कर रहा था मैं उन दोनो का विचार ही कर रहा था और मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था वो दोनो मुझे देख के बोली क्या सोचते हो मैं ने कहा कुछ नहीं तो विनीता बोली नहीं तुम कुछ छुपाते हो तब मैने कहा की तुम्हारी उमर वाली स्त्री को हमारे पड़ोसी की उमर का लड़का लड़की कैसे हो सकता है तो वो बोली तुम सही कहते हो, वो दोनो हमारी सौतन के बेटी बेटे हैं हम दोनो उनकी नयी मां है। हम दोनो की अपने अपने पति के साथ दस साल पहले शादी हुई थी और पांच साल के बाद मेरी लड़की की शादी सरिता के लड़के के साथ हुई और उनकी शादी के दो साल बाद हमारे पति गुजर गये हमारी शादी हुई थी तब हमारे पति की उमर ५० साल थी हमारे कोई बच्चे नहीं हैं।

उनकी बातों से मैं समझ गया कि उनकी सेक्स लाइफ़ अच्छी नहीं होगी हम लोगो ने खाना खा लिया उसके बाद उन्होने पूछा कि तुम ड्रिंक्स लोगे, मैने कहा कि नहीं फिर सरिता ने बोला हम तो दारु पीने के आदी हैं हम रोज खाने के बाद पीते हैं मैने कहा मुझे कोई ऐतराज नहीं है फिर उन दोनो ने शराब पी। फिर हम तीनो सोफ़े पर बैठकर टी वी देखते रहे। मैं ने लुंगी पहनी थी मैं सोफ़े के सामने वाली कुर्सी पे बैठा था मेरा लौड़ा खड़ा था मेरी बगल में विनीता बैठी थी। वो मेरे खड़े लौड़े को देख रही थी, उनकी नज़र मेरे लौड़े पर थी मैने उनको लौड़े को देखते देख लिया तो वो शविनीता गयी। मैने उनको पूछा कि क्या देखती हो तो वो कुछ बोली नहीं लेकिन विनीता ने कहा वो तुम्हारी लुंगी देखती है मैने कहा कि लुंगी में देखने जैसा क्या है तो वो बोली तुम्हारी लुंगी हिलती क्यों है? वो देखती है, मैने कहा मुझे पता नहीं तुम मुझे बताओ कि लुंगी क्यों हिलती है तो वो मेरे पास आयी और बोली कि देखो यहां से हिलती है

ऐसा बोल के उसने मेरे लौड़े पर हाथ रख दिया और बोली ये क्या है तो मैं बोला खुद देख लो उन दोनो पर शराब का असर हो चुका था मैं भी, आज उन दोनो को चोदने मिलेगा, इसलिये खुश था तो विनीता ने मेरी लुंगी उठाई और मेरे खड़े लंड को देख कर बोली ये लंड है कि हथौड़ा फिर मैने उनको खींच के अपनी गोद में बिठाया और उनका बलाउज़ मैने खोल दिया हुक भी खोले उनके घांघरे का हिस्सा उसने ऊपर किया और बोली देखो ये लंड का घर है उसको इसमे रखो फिर इतने में विनीता आयी और सरिता को मेरे गोद मैं देख के बोली गोद में क्यों बैठी है पलंग पे ले जा तब मैं ने विनीता को अपनी तरफ़ खींचा और उसका नाड़ा खोल दिया और उनकी पुस्सी को सहलाने लगा अब मेरा एक हाथ में सरिता के बूब्स थे, दूसरे हाथ में विनीता की पुस्सी। उसके बाद हम तीनो बेडरूम में आये मैने उनदोनो को नंगा कर दिया था उन्होने मुझे और वो दोनो मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी फिर मैने विनीता के बूब्स चूसने लगा।

सरिता मेरे लंड को चूसने लगी बाद मैं विनीता ने सरिता को हटा दिया और वो लंड को पीने लगी और मैं विनीता की चूत को चाटने लगा और एक उंगली विनीता की चूत में डाल के हिलाने लगा दोनो मस्त हो चुकी थी फिर विनीता ने मुझको लिटा दिया मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया, मैं जोर से अंदर बाहर करने लगा वो गालियां बोलती रही और वो और मैं एक साथ खल्लास हो गये फिर सरिता और विनीता ने लंड के साथ खेलने लगी मेरा लंड फिर से तैयार हो गया और इस बार सरिता ने लंड को अपनी बुर में ले लिया और मैं अंदर बाहर करने लगा वो भी खुश होकर गालियां बोलने लगी ओर काफ़ी देर के बाद वो भी खल्लास हो गयी उसके बाद सारी रात ये चोदा-चादी चालू रही। Hindi sex stories

Antarvasna

मेरा नाम निलेश Antarvasna है, मैं मुंबई में रहता हूँ और मार्केटिंग का काम होने की वजह से मैं हमेशा घूमता रहता हूँ।

सर्दियों के दिन थे, मैं काम से दिल्ली गया था और वहाँ काम पूरा होते ही मुझे तुंरत आगरा जाना पड़ा।

दोस्तो, कहानी अब शुरु होती है।

मैं दिल्ली के सराय काले खां बस स्टैंड पहुँचा, रात के करीब साढ़े दस का समय था। सर्दियों की वजह से सन्नाटा छाया था। दिल्ली से आगरा जाने वाली बस में मैं बीच वाली सीट पर जाकर बैठ गया। बस पूरी खाली पड़ी थी। थोड़ी देर में दो चार लोग आगे आकर बैठ गए। थोड़ी देर में बस निकली, तभी एक महिला बस में चढ़ी, उसने बस में नज़र दौड़ाई और वो भी बीच वाली सीट में आकर बैठ गई।

मेरा ध्यान उस पर ही था, उसने काले रंग की साड़ी पहनी थी, साड़ी में वो क़यामत लग रही थी। उसने सिर्फ एक नज़र मेरी ओर देखा और फिर नज़र हटा ली। एक तो सर्दी का मौसम, बस में अँधेरा और एकांत! मैंने सोचा कि जो अगर यह मौका दे तो बस में ही इसे जमकर चोद डालूँ।

थोड़ी देर में टिकट देकर कंडक्टर चला गया, आगे वाले जो दो चार लोग थे वो सो चुके थे। अब बस की सारी बत्तियाँ बुझ चुकी थी।

मेरा ध्यान उस पर ही था। वो थोड़ी झुककर बैठी थी तो उसके पेट का भाग और चुचियाँ दिख रही थी। और यहाँ मेरा हाल बुरा हो चुका था। उसने एक दो बार मुड़कर देखा तो मेरा ध्यान उस पर ही था तो वो थोड़ा मुस्कुराई। मेरे तो जैसे नसीब ही खुल पड़े, मैं खुश हो गया, मैं भी मुस्कुरा दिया।

उसने कहा- मैं तुम्हारे बगल में बैठ जाऊँ? मुझे नींद नहीं आ रही!

मुझे क्या एतराज़ था, मैंने तो फट से हाँ कह दी। वो मेरे बाजु में ही बैठी थी, सीट छोटी थी इसलिए हमारे जिस्म एक-दूसरे से छू रहे थे।

मैंने बात की शुरुआत की तो पता चला कि उसके किसी रिश्तेदार की तबियत ख़राब होने की वजह से उसे तुंरत आगरा के पास के किसी गांव में जाना पड़ रहा है। वो शादीशुदा थी और उसकी उमर 32 साल थी। उसके बच्चे के स्कूल होने की वजह से उन्हें साथ नहीं लाई थी और उसके पति को छुट्टी नहीं मिली थी।

ठण्ड और बढ़ गई थी उसके पास एक ही शॉल थी और मेरे पास भी हम दोनों ही कांप रहे थे। मैंने उसे कहा- मेरी शॉल ले लो, तुम कांप रही हो!

तो उसने कहा- तुम भी तो कांप रहे हो और ठण्ड तो और बढ़ने वाली है!
मैंने कहा- हाँ, सही बात है, मगर तो क्या किया जाये?

वो मुस्करा दी, मैं समझ गया! उसके मुस्कुराने का तरीका उसकी ओर से खुला न्योता था मेरे लिए और मैं उसे छोड़ता?

उसने अपना मोबाइल निकाला, उसमे एक हॉट क्लिप थी, वो प्ले कर दी। मैं तो चौंक गया, एकदम बिंदास थी वो औरत! वो क्लिप एकदम हॉट थी, दो मर्द मिलकर एक लड़की को चोद रहे थे।

उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और बोली- इतनी सर्दी में भी कितना गरम है!
मैंने कहा- इसे मुँह में लो तो तुम्हारी सारी ठण्ड दूर हो जाएगी।

हम दोनों ने शॉल ओढ़ ली और पीछे वाली सीट पर चले गए। वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। मैं एकदम उत्तेजित हो गया था और उसके बड़े बड़े स्तनों को दबा रहा था।

वो जोर जोर से मेरा लंड चूस रही थी और उसने मेरा पानी निकाल दिया और पूरा पी गई और कहने लगी- अब मुझे गर्मी हो रही है, इतना गर्म पानी था तुम्हारा!

मैंने कहा- मगर मुझे अब भी ठण्ड लग रही है!

कहकर उसे सीट पर लेटा कर उसकी साड़ी ऊपर कर दी। बस की पिछली सीट थी और बस उछल रही थी तो मैंने ज्यादा देर न करते हुए उसकी चूत चाटनी शुरु की और बाद में उसकी चूत में जोर से लंड घुसा दिया और उसके मुँह में रुमाल, ताकि आवाज़ न आये। मगर वैसे कोई चिंता नहीं थी किसी को पता नहीं था कि हम पीछे थे।

मैंने धक्के लगाना चालू किया, वो आहें भर रही थी और पूरा साथ दे रही थी। थोड़ी देर में मैं झड़ गया और पानी उसके अंदर चला गया। इतनी गर्मी में हम दोनों पसीने से भीगे हुए थे। थोड़ी देर हम शांत रहे, फिर हमने कपड़े ठीक किये और बस का ब्रेक लगा, चाय नाश्ते के लिए बस रुकी। हम ने नाश्ता किया और फिर आगरा तक मौज करते चले गए।

उसने अपना मोबाइल नम्बर मुझे दिया और कहा- आगरा में मुझे फ़ोन करना! मैं तुम्हें मिलने आऊँगी।

मगर मुझे आगरा में समय नहीं मिला तो उसे फ़ोन नहीं किया।

आज भी उसका फ़ोन आता है और हम सर्दियों की वो गरम रात को याद कर लेते हैं।

यह था मेरा यादगार अनुभव!
ऐसे कई अनुभव मुझे हुए हैं जो आगे मैं आपको बताऊँगा।

पहले इंतज़ार है आपकी राय का! आप को मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे जरुर बतायें मुझे मेल करके- Antarvasna

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