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Massage Girl in Dimapur: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Dimapur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Dimapur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Dimapur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Dimapur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Dimapur massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Dimapur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Dimapur who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Dimapur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Dimapur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Dimapur

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Dimapur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Sex Stories

मेरा नाम विनोद है। मैं गुडगाँव में रहता Sex Stories हूं। ये मेरी पहली स्टोरी है। ये कहानी ४ साल पहले की है, जब मेरी ज़िंदगी में एक १८ साल की लड़की आई। वो १० वीं क्लास में पढ़ती थी। मेरा दोस्त अपने लिए एक हाउस की कन्स्ट्रशन करवा रहा था तो में वहाँ अक्सर जाता रहता था। उसी घर के पास में एक लड़की रहती थी उसका नामसोना था। वो मुझे स्कूल से आते हुए दिखाई देती थी। वहाँ पर मेरे और दोस्त भी होते थे हम सभी उसको देखते थे। उसका रंग सांवला था लेकिन फिर भी वो सेक्सी दिखती थी। उसके बूब्स अनार की तरह गोल और एक दम तने हुए थे, वो अपनी गंड को मटका-२ के चलती थी, उसको देखते ही हम सब दोस्तों का दिल उसको छेड़ने का करता था।

एक दिन वो स्कूल से आ रही थी तो मैने उसको प्रपोज़ किया लेकिन वो बिना कुछ कहे चली गयी, ३ -४ दिन के बाद उसने मेरे से दोस्ती कर ली। धीरे-२ हमारी मुलाक़ातों का सिलसिला शुरू हो गया। एक दिन मैने उसको सेक्स करने के लिए मना लिया और जब वो स्कूल जा रही थी तो मैने उसकी छुट्टी करवाकर अपने साथ एक रूम पे ले गया। कमरे में जाते ही मैने उसको अपनी बाहों में भर कर बिस्तर पे लेटा लिया और उसके होठों का रूस चूसने लगा काफ़ी देर तक उसको होठों के चूसने के बाद मैने उसके टॉप में हाथ डाल कर उसके सेक्सी बूब्स को दबाने लगा अब वो धीरे धीरे गरम हो रही थी, मैने उसका टॉप उतर दिया ओर उसकी ब्रा में हाथ डाल कर उसके बूब्स दबाए फिर मैने उसकी ब्रा भी उतर दी।

उसके बूब्स एकदम टाइट थे मैने इतने टाइट बूब्स किसी लड़की के देखे ही नही थे। उसके बूब्स इतने सेक्सी थे कि शब्दों में बताना ही सम्भव नही है।सोना भी अब गरम हो गयी थी उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में भर रखा था। मैने उसकी जीन्स ओर पेंटी भी उतार दी अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। उसकी चूत पर बाल भी नही थे। मैने अपना लंड निकाल कर उसके हाथ में दे दिया वो धीरे-२ मेरे लंड को सहलाने लगी, मेरा लंड खड़ा होकर लोहे की रोड की तरह हो गया था, लंड की ओर देखकरसोना बोली कि ये मेरी चूत में जाएगा तो मुझे बहुत दर्द होगा, मैने उसको समझाया कि जान दर्द तो सिर्फ़ एक बार होगा उसके बाद तो ज़िंदगी भर मज़ा ही मज़ा है।

अब वो चुदवाने के लिए तैयार हो गयी, मैने अपना लंड उसकी चूत पे रखकर धीरे से झटका मारा लेकिन मेरा लंड उसकी चूत के अंदर नहीं गया क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी। फिर मैने अपने लंड पर थूक लगाकर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा लंड आधा उसकी चूत में घूस गया वो दर्द से बुरी तरह से चिल्लाने लगी आअहह्ह्ह, उहह्ह्हह्ह्ह्ह, वो बोली लंड बाहर निकालो नही तो मैं मर जाउंगी, उसकी चूत से ख़ून आ रहा था।

मैने चुदाई रोक कर उसके होठों को चूसने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा तो वो ख़ुद ही नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर नीचे से धीरे-२ झटके मारने लगी, मैने अचानक एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया वो ओर ज़ोर से चिल्लाने लगी, उसको दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था। उसके मुंह से अजीब अजीब से आवाजें निकल रही थी, मैने अब अपनी स्पीड बढ़ा दी, थोड़ी देर में हम दोनो डिस्चार्ज हो कर अलग हो गये। १५ मिनट के बाद मेरा लंड फिर सेसोना को चोदने के लिए तैयार हो गया अबकी बार मैने उसको अलग-२ स्टाइल में चोदा, कभी उसकी टांगें अपने कंधो के ऊपर रखकर, कभी डोगी स्टायल में…Sex Stories

Sex Stories

अन्तरवासना के सभी रीडर्स को प्यार भरा प्रणाम। मैं दिल्ली से Sex Stories राहुल हूँ। मेरा लंड सात इंच लम्बा और तीन मोटा है। मैं आज मेरे एक और सेक्स के बारे में बताने जा रहा हूँ।
मेरी पिछली कहानी अन्तरवासना पे पब्लिश करके एक हफ़्ता हो गया था और मुझे कहानी के बारे में मेल्स आ रहे थे।

एक दिन मेल्स चेक करते समय मैंने देखा किसी पायल (नाम बदला) नाम की लड़की का मेल आया है। मैंने वो मेल खोला और पढ़ने लगा। वो दिल्ली में रहती थी।
उसने लिखा था- मैंने आपकी स्टोरी पढ़ी और मुझे बहुत अच्छी लगी बस ऐसे ही आप स्टोरी लिखते रहो और मेरे ईमेल आईडी पे भेजा करो प्लीज। मुझे ऐसी कहानियाँ बहुत पसंद है। आप मुझसे कल मैसेंजर पर चार पांच बजे के बीच मिलो।
अगले दिन जब मैं सवा चार बजे पर अपनी आईडी ओन किया तो वो ओनलाइन थी।

चैट का मैंने जवाब दिया मैंने उससे पूछा- आप दिल्ली में कहाँ की रहने वाली है और आप की एज क्या है?
तो उसका जवाब आया- मैं जी के पार्ट-2 में रहती हूं और मेरी एज 22 साल है.
फ़िर मैंने उससे पूछा- कभी किसी के साथ सेक्स किया है?
तो उसने जवाब दिया- नहीं!
मैंने पूछा- क्यों? कभी मन नहीं करता सेक्स करने के लिये?
तो उसने कहा- मन तो बहुत करता है पर मुझे डर लगता है, कहीं सेक्स करने के बाद घर पर पता न चल जाए!
फिर मैंने उसे बताया- इस मामले में मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ, अगर तुम मन जाओ तो!
वो बोली- कैसे?

तो मैंने बताया- मैं तुम्हारे साथ सेक्स करने को तैयार हूँ और मैं किसी को कुछ भी नहीं बोलूंगा, ये मेरा वादा है.
उसने कहा- लेकिन ये कैसे सम्भव होगा, तुम मुझे किधर मिलोगे और हम लोगों को ऐसी जगह किधर मिलेगी जहाँ हम दोनों के सिवा तीसरा कोई न हो?
मैंने लिखा- हम लोग रिज़ोर्ट जायेंगे वहाँ एक रूम लेंगे और पूरा दिन मजा मारेंगे.
उसने लिखा- नहीं, मुझे डर लगता है, कहीं उल्टा सीधा हो गया तो?
मैंने लिखा- ऐसे कुछ नहीं होगा, मैं कन्डोम चढ़ा लूंगा अपने लंड पे, तो फ़िर कुछ नहीं होगा। तुम मुझे फ़्राइडे को सी पी रीगल पर मिलो सुबह नौ बजे!
उसने कहा- ठीक है!

और वो फ़्राइडे को मुझसे चुदवाने के लिये तैयार हो गयी। मैंने अभी तक उसको देखा भी नहीं था, न ही उसकी आवाज सुनी थी। मैं फ़ुल एक्साइटेड था कि मुझे फ़्राइडे एक सील पैक चूत मिलने वाली थी सील तोड़ने के लिये।
और वो दिन आ गया मैं पौने नौ बजे ही वहाँ चला गया और मेडिकल की दुकान से दो कोहिनूर कन्डोम लिये और उसका इन्तजार करने लगा.

उसने कहा था- मैं पिंक कलर का सलवार कमीज़ पहन के आऊँगी.
और मैंने कहा था- मैं ब्लैक टी शर्ट और ब्ल्यु जीन्स और जैकट पहनूँगा।
इससे हम एक दूसरे को पहचान सकते थे।

करीब बीस मिनट बाद एक लड़की मेरे सामने आयी और पूछा- राहुल?
मैंने कहा- हाँ, तुम पायल हो?
उसने हाँ कहते हुए अपनी गर्दन नीचे की।
वो एकदम खूबसूरत थी, हाइट लगभग पांच फीट चार इंच, फ़ीगर 36-30-36, दिखने में एकदम सेक्सी थी। उसने पिंक कलर का सलवार कमीज़ पहना था, कमीज़ के ऊपर से उसके वो दो बॉल साफ दिखाई दे रहे थे, वो पूरे माल्टा के शेप में थे। उसकी चूचियां देख कर ही मेरा लंड खड़ा हुआ।

मैं उसको लेकर पहाड़ गंज के एक होटल में गया और वहाँ एक रूम लेकर हम उस रूम में चले गये। रूम में जाते ही देखा कि वहाँ एक बेड था और टोइलेट बाथरूम भी था। मैंने दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दी. वो बेड पर बैठी थी.
मैं बाथरूम जाकर फ़्रेश हो कर आया और उसे फ़्रेश होने को कहा. वो उठ कर बाथरूम चली गयी। थोड़ी देर बाद वो बाथरूम से बाहर आई.

वैसे ही मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसको धीरे धीरे किस करने लगा।
वो शरमा कर अपने आप को छुड़ाने लगी, मैं बोला- क्या हुआ?
वो बोली- मुझे शर्म आती है।
मैं बोला- हम लोग यहाँ मजे करने आये हैं और अगर तुम ऐसे शर्माओगी तो न तुम मजा ले पाओगी और न ही मुझे मज़ा आयेगा। सो प्लीज़ डोंट अपोज़ मी। जस्ट लव मी!

और मैं उसकी गर्दन पे, होंठों पे किस करने लगा। बीच बीच में मैं उसके कान को भी चूमता। इस सब से वो भी उत्तेजित हो गयी और मुझे रिस्पोंस देने लगी मैं अपना एक हाथ आगे की ओर लाते हुए उसके चूचे पे रख दिया और मेरी उंगलियां उसकी चूची के ऊपर से धीरे धीरे गोल गोल घुमाने लगा।
वो एकदम सिहर गयी और मुझे कहने लगी- प्लीज़ ऐसा करो, उसे जोर से दबाते रहो।

मैं कुछ देर बाद उसे फिर धीरे धीरे दबाने लगा। वाह! क्या माल्टा थी। एकदम टाइट।
फिर मैंने अपना दूसरा हाथ भी आगे लाते हुए उसकी दूसरी चूची पे रख दिया और धीरे धीरे उसकी दोनों चूचियां दबाने लगा। थोड़ी देर के बाद मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी चूत पे रख दिया।
जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत पे गया, वो वहाँ से मेरा हाथ निकालने की कोशिश करने लगी।

मैंने उसे कहा- पलीज़!
तो वो मान गयी और दोनो हाथों से उसने मुझे जकड़ लिया।
मैं सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी सलवार के अंदर हाथ डाला और उसकी चूत सहलाने लगा।

वो मुँह से आवाज़ निकालती रही- आअहह ऊऊफ़्फ़ फ़्फ़्फ़… ज़ोर ससेईई।
फिर मैंने वही हाथ ऊपर ले जाके उसके कमीज़ के नीचे से उसकी चूचियां दबाने लगा। उसने अन्दर ब्रा पहनी थी, मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियां एक एक करके दबाने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने दूसरे हाथ से उसके कमीज़ की चैन खोल दी और उसकी कमीज़ ऊपर करके निकाल दी। अब वो मेरे सामने सफ़ेद ब्रा में खड़ी थी वो कमाल की सुन्दर लग रही थी। मैं ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा और फिर दोनों हाथ पीछे ले जाकर उसके ब्रा का हुक खोल दिये और उसकी ब्रा उसके हाथों से अलग कर दी।

वाह! क्या दूध थे उसके… पूरे गोल शेप में! न ही छोटे और न ही बड़े, बिल्कुल मीडियम साइज़ के थे उसके बूब्स! बूब्स के ऊपर पिंक कलर के दो दाने थे।
क्या खूबसूरत नज़ारा था… मैंने मेरी ज़िंदगी में पहली बार इतने अच्छे बूब्स देखे थे, ऐसे बूब्स तो शायद ही किसी के होंगे।
मैं तो पागल हो गया था.

मैं उसके दोनों माल्टा हाथ में लेकर दबाने लगा। क्या कसाव था उनमें। वाह! मैं तो बस उसे दबाते ही रह गया। ऐसे लग रहा था इन्हें छोड़ कर कहीं न जाऊँ।

कुछ मिनट के बाद मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर फिर से उसकी चूत सहलाने लगा और फिर धीरे से उसके सलवार का नाड़ा खींचा वैसे ही उसकी सलवार नीचे गिर गयी। Sex Stories

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
कहानी का अगला भाग : दिल्ली की वरजिन गर्ल की चुदाई-2

Best Hindi sex stories with feelings

हेलो दोस्तों मैं पहली बार Hindi sex stories लिख रहा हून इस साइट पर मेरा नाम सोनू है और मेरी एज २४ साल है . बात उन दिनों की है जब मैं बीए क्लास में था और एक पड़ोस की लड़की मुझसे बहुत बहुत प्यार करती थी

पर उसने कभी बताया नही और वो भी मेरे साथ ही पढ़ती थी. उसके घर मैं जाता रहता था, एक बार रात में लाइट चली गयी तो मैं उनके घर घूमने चला गया पर उनके घर बिल्कुल अंधेरा था तो मैने आवाज़ लगाई की कोई है तो सामने से कोई आकर टकराया, तो पता लगा की वो वही थी.अंधेरे में कुच्छ न दिखने के कारण मेरा हाथ उसके बूब पर टकरा गया पर उसने कुच्छ नही बोला तब पता नही मुझे क्या होने लगा की मैने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला आर्ची मैं तुमसे प्यार करता हून तो वो मुझसे लिपट गयी और कहने लगी मैं तो तुमसे बहुत पहले से प्यार करती हून पेर कभी हिम्मत नही हुए बताने की उसके बाद मैने उसको गाल पर किस किया और बोला की मैं चलता हूँ तो उसने बोला की सब लोग खाना खा कर घूमने गये है तुम थोड़ी देर रुक जाओ

मैं उसके पास ही बेड पर बैठ गया. वो मेरे हाथ को अपने हाट में पकड़े हुए थी तभी उसने अपना सिर मेरे कंधे पर रख लिया तो मुझसे यहा नही गया और उसको स्मूच करने लगा और थोड़ी ही देर में हम बाद पर लेट गये, मेरा हाथ उसके पेट पर था तो मैने तोड़ा और नीचे किया तो पता लगा की उसने स्कर्ट पहनी हुई है तब मैं स्कर्ट के ऊपर से हाथ घूमने लगा इतने में उसने मुझे बुरी तरह बाहों में भर लिया तो मे भी उसके बूब दबाने लगा जो की अभी बहुत बड़े नही थे.ये मैं पहली बार कर रहा था तो इतना पता भी नही था की कैसे करना होता है

अब मुझसे रहा नही गया तो स्कर्ट के नीचे से उसकी पैंटी निकल दी और अपनी पैंट की ज़िप खोल कर अपना लॅंड उसकी बिना बॉल की चू पर रख दिया और अंदर डालने लगा तो वो बहुत ज़्यादा चिल्लाने लगी और बोली प्लीज़ ज़्यादा मत डालो, और मुझे लग रहा था मेरा डिस्चार्ज होने वाला है तो मैने बहुत तेज धक्का मारा तो मेरा आधा लॅंड अंदर चला गया और वो रो पड़ी उसके बाद मैं आधा लॅंड ही अंदर बाहर करने तो वो थोड़ी शांत हुई फिर मैने एक एक और तेज धक्का मारा तो वो दाँत दबाकर रोने लगी फिर मैने सोचा अब ज़्यादा नही और मैने एक दो बार ही अंदर किया होगा की मेरा डिस्चार्ज हो गया और मैं खड़ा हो गया तभी लाइट भी आ गयी तो मैने देखा उसकी स्कर्ट पर काफ़ी ब्लड लग गया था और उसकी आँखें लाल हो गयी थी.

मैने उसको सॉरी बोला तो वो रोने लगी और बोली सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए की मैं तुम्हारा सात नही दे पाई पर अगली बार तुम्हे कोई दिक्कत नही होगी और हम पूरा एंजाय करेंगे. फिर एक दिन मैं उसको अपने दोस्त के रूम पर ले गया जहाँ कोई नही रहता था और हमने टीन घंटे में चार बार किया पर उस दिन मुझे पहली बार में दिक्कत हुई बात टीन बार बहुत देर तक और एंजाय के साथ किया और वो बहुत खुश लग राग रही थी और उसने बताया उसका डिस्चर्ग तो अब भी हो रहा है तब मुझे और भी खुशी हुई. उसके बाद तो मैं उसको महीने में ६०-७० बार सेक्स करता था. अब उसकी शादी हो चुकी है और कभी कभी घर आती है तो सोचकर बहुत अच्छा लगता है की हमने कभी जमकर सेक्स किया था. ईवन शादी के बाद भी मैने उसके साथ सेक्स किया तो वो बोली तुम्हारे साथ सेक्स करने में मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आता है. Hindi sex stories

वासना की आग में झुलसता परिवार - (भाग 1) नमस्कार दोस्तों। आप सभी पाठकों का अंतर्वासना वेबसाइट पर स्वागत है । ये सीरीज का पहला भाग है जिसमें में आपको बताऊंगा कि कैसे मेरे और मेरी को एक दूसरे के प्रति वासना की आग भड़की । मेरा नाम सूरज है और यू.पी से हूं , में 21 वर्ष का बी.ए का छात्र हूं । मेरा कद 6 फीट 2 इंच और त्वचा सांवली है । मेरे परिवार बस पापा , मम्मी और एक बड़ी बहन है । दीदी का नाम चंदा है और वे 24 वर्ष की बी.एस.सी छात्र है ( फिगर 28-26-30 ) और मेरे से थोड़ी गोरी है , पापा का आयु 46 है जो कि खुद का डेयरी शॉप संभालते है , मम्मी का आयु 44 हैं ( फिगर 32-30-34) और उनका दिन गृहस्थी में गुजरता है । घर में 3 रूम है जिनमें से एक में मम्मी पापा सोते है , दूसरे में हम दोनों जमीन पर सोते है , एक किचेन है और उसमें डेयरी के कुछ बर्तन भी रखे रहते हैं । कहने को तो हम भाई बहन हैं पर रहते दोस्त जैसे रहते हैं , कॉलेज साथ जाते , साथ आते और हमेशा साथ रहने के वजह से दोनों को एक दूसरे की सब बात पता रहता और दीदी इतने खुले विचार की जब भी उसे पीरियड्स होते तो वो मेरे से पैड मंगवाती और वही इस्तमाल किया हुआ पैड मुझे ही देती बाहर फेकने के लिए या फिर कभी नहाते वक़्त अपना पैंटी और ब्रा ले जाना भूल जाती तो मुझसे मांग लेती है । वैसे तो में पोर्न में सिर्फ भाई बहन के सेक्स वीडियो देखता था पर कभी अपनी दीदी के बारे में गलत नहीं सोचा न ही कभी उसे हवस की नजर से देखा । एक रात जब में टॉयलेट जाने के लिए उठा तो देखा दीदी का फोन चालू था पर दीदी सो रही थी , मुझे लगा की वो फोन चलते-चलते सो गई किंतु जब में फोन बंद करने के लिए लिया तो देखा कि व्हाट्सएप पे किसी का चैट चालू था वो नंबर काजल नाम से सेव था पर जब में वो पढ़ा तो जैसे मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई , में सोच भी नहीं सकता था दीदी की कोई ऐसी बात होगी जो मुझे नहीं पता होगी , उस समय मुझे गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर मैंने खुद को संत करते हुए पहले के चैट पढ़ने लगा जिसमें मैने पाया कि वो उसका ब्वॉयफ्रेंड था और वो उससे न्यूड मांगा रहा था और दीदी के माना करने पर वो और जिद करने लगा जिसके बाद दीदी अपने ब्रा और चूची का फोटो भेजती है । मैने सब स्क्रीनशॉट लेके अपने व्हाट्सएप पर भेज दिया लेकिन जल्दबाजी में मैने अपना चैट डिलीट करना भूल गया और टॉयलेट करके सो गया । अगले दिन जब दोनों कॉलेज जा रहे थे तब दीदी का हाव-भाव बदला लग रहा था , वो मेरे से नजर भी नहीं मिला रही थी और में भी उससे गुस्सा था इसलिए में भी कुछ नहीं पूछा । कैसे-तैसे दिन बीता फिर हम दोनों घर आ गए , हाथ मुंह धोए और खाना खा के अपने रूम में पढ़ने चले गए । रूम में घुसते ही दीदी मेरे पांव पकड़ के विनती करने लगी स्क्रीनशॉट डिलीट करदो , मम्मी पापा को कुछ मत बताना । मुझे उससे बात नहीं करना था जिस वजह से मैने अपना फोन उसके पास फेक दिया और वो फोन उठा कर डिलीट करदी । फिर वो उठ कर मुझे गले लगाने जा रही थी पर में उसे बिना कुछ बोले दूर हट गया और उसका मुंह रोने जैसा बन गया । उस रात मुझे काफी देर तक नींद नहीं आई तो में पानी पीने के लिए उठा तब दीदी जग रही थी और उसी से चैट कर रही थी , वो भी मुझे देख ली और तुरंत फोन बंद करने लगी तो में उसको शर्मिंदा करने के लिए बोला " लगी रहो , बंद क्यों कर रही हो " और किचेन में पानी पीने चला गया , आया तो देखा वो दूसरी तरफ मुंह करके सो गई । मुझे काफी बुरा लग क्योंकि दीदी ने कभी मेरे से कोई बात नहीं छुपाया और मुझे कही न कही जलन भी हो रहा था तभी मुझे खयाल आया क्यों न में दोनों का ब्रेक अप करवा दूं । अगले दिन रविवार था तो कॉलेज की छुट्टी थी , मैने एक नया नंबर खरीदा और दीदी को उसके ब्वॉयफ्रेंड का दोस्त बनकर मैसेज किया और उसके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में झूठी बातें बता कर उसको भड़काने लगा की वो तुमपे चीट कर रहा और तुम्हारे न्यूड अपने दोस्तों को भी दिखाता है । ये सब सुनकर दीदी का दिल टूट गया उसने तुरंत उसको ब्लॉक कर दिया । 1 हफ्ते तक हम दोनों के बीच कुछ बात नहीं हुई , ऐसा हमारे बीच कभी नहीं हुआ जिस वजह से मम्मी को शक होने लगा और वो एक दिन जब हम नाश्ता कर रहे थे तब वो पूछती है तुम दोनों का झगड़ा हुआ है क्या ? दीदी को अब भी डर था कि कही में सब बात न दूं तो वो फट से जवाब देती हैं "नहीं तो आपको ऐसा क्यों लग रहा ?" फिर मम्मी बोली "तो तुम दोनों बात क्यों नहीं कर रहे ?" इसपर में बोलता हूं "कुछ नहीं मम्मी कॉलेज के एग्जाम आने वाले है इसलिए मन लगा कर पढ़ाई पर ध्यान दे रहे दोनों।" मेरे मुंह से ये बात सुनकर दीदी थोड़ा खुश हो गई कि भले ही में बात नहीं कर रहा पर अब भी मुझे उसकी चिंता है । मेरे जवाब से मम्मी को भी तसल्ली हो गई और दोनों के सर पे हाथ रख कर आशीर्वाद देती हैं तब तक हमारा नाश्ता भी हो गया और हम कॉलेज के लिए निकल गए । घर पे आते ही में मुंह हाथ धोया , खाना खाया फिर अपने रूम में चला गया ,दीदी कुछ देर मम्मी के पास बैठी रही थोड़ा बात की फिर वो भी रूम में आ गई और दरवाजा बंद की ली फिर मुझे कुछ समझ आता उससे पहले ही वो मुझसे लिपट कर रोते हुए कहती है "जिस वजह से तुम मुझसे नाराज हो अब तो उसको भी मैने निकल दिया आपने जिंदगी से , अब तो मुझे माफ करदो और बात करो मुझसे" में बोला "जब बात करती थी तब नहीं बताई तो अब तुम्हारे बात का कैसे विश्वास करूं में"। उसने तुरंत फोन निकला और ब्लॉक लिस्ट में उसका नंबर दिखाया , मैने वजह पूछा तो वो बोलती है "तुमसे ज्यादा मुझे कोई प्यार नहीं है और शायद ही तुमरे सिवा कोई मेरा बेवजह ध्यान रखेगा।" इतना सुनते ही मैने उसको कस के अपने सीने से लगा लिया और बोला "मुझे भी माफ कर देना दीदी , मुझे भी बिल्कुल अच्छा नहीं लग था कि आप मेरे से इतना सब बात छुपाई" तो वो कहती है "अब कोई बात नहीं छिपाऊंगी , बस कभी नाराज मत होना मुझसे।" तो में बोला "अपनी जान से नाराज होके किसके पास जाऊंगा" इसपर वो कहती है "तभी अपनी जान की जान निकल रखे थे इतने दिन से" फिर में उसके सर पे किस करके "लव यू जान" कहता हु और इसके जवाब में वो भी "लव यू तो सूरज" कहके कस के पकड़ लेती है और उसके कोमल चूची मेरे सिने से जब लगा तब में इतना मदहोश हो गया कि मेरे हाथ कब उसके पीठ से गांड़ पर चला गया पता नहीं चला और जब एहसास हुआ तब में उसको सॉरी बोला , लेकिन उसको एहसास नहीं हुआ मेरा हाथ उसके गांड़ पे है तो वो पूछी "किस लिए " फिर में उसका गांड़ दबाते हुए बोला "इसलिए"। तब जाकर उसे एहसास हुआ और फिर वो आंख मर कर बोलती है "कोई बात नहीं सूरज तुम्हारा ही है सब" बस उसी वक्त मेरे और दीदी के बीच में वासना की चिंगारी लगी । तभी अचानक से मम्मी आवाज लगाई "चंदा! पापा आ गए , खाना निकल दो उनको" सुनते ही दीदी दौड़ कर गई , पापा को खाना दी और 40 मिनिट बाद बर्तन धो कर आई । संयोग से उस दिन मम्मी दीदी का बिस्तर धोई थी जो कि सुख नहीं था , तो हम दोनों को एक ही बिस्तर पे सोना था । दीदी सोने से पहले मिनी स्कर्ट और टीशर्ट पहन कर कमरे में आती है जिसे देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह जाती है , उसके लेटने के कुछ देर बाद वो मेरी तरफ पीठ कर लेती हैं और में उसके कमर पर हाथ रख देता हूं , दीदी को जब एहसास होता है तो वो मेरा हाथ अपने पेट पे खींच कर ले आती हैं और में उसको पूरा अपने तरफ खींच लिया जिससे मेरा लंड उसकी गांड़ के दरार में लगा , आपके जानकारी के लिए बता दूं मेरा लंड 6 इंच का है। जो अब में दीदी के गांड़ की दरार में घिसने लगा ,दीदी को जब लंड महसूस हुआ तो वो हल्की सी सिसकी ली और जोर जोर से गांड़ मेरे लंड पे रगड़ने लगी , कुछ ही देर में हम दोनों इतने गरम हो गए कि चलते पंखे के नीचे भी दोनों को पसीना हो रहा था। में तुरंत दीदी का स्कर्ट उठा कर पैंटी पर हाथ रखता हु तो पता चलता है कि दीदी की चूत इतनी गीली हो गई थी कि पैंटी भी भीग चुका था फिर में अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल देता हूं जिससे उसकी रेशम जैसे चूत के बाल महसूस हुए फिर में दीदी का चूत सहलाने लगता हूं और दीदी आहे भरने लगती है। कुछ ही देर में दीदी झड़ जाती हैं और उनके गरम पानी मेरे सारे उंगलियों पे लग गया जिसे में सुंघा तो फूलों से भी सुगंधित पाया , अब दीदी मेरे तरफ मुंह कर लेती है और हम दोनों पहले एक दूसरे से नजर मिलाए फिर लिप किस करने लगे। में अपने हवस के चरम सीमा पे पहुंच गया और अब मुझे दीदी का चूत चाटना था , जैसे ही में उठा और दीदी के टांगे फैलाया तो दीदी कहती है "आज नहीं" , में पूछा "तो फिर कब?" दीदी कहती हैं "कल" , में पूछा "आज क्यों नहीं ?" , दीदी कहती हैं "कल पता चल जाएगा" इतना कहते ही दीदी ने मुझे ऊपर खींच लिया और हम एक दूसरे से चिपक कर सो गए । सुबह उठते ही मैने दीदी के माथे पर किस करते हुए "गुड मॉर्निंग जान" कहा और नहाने चला गया फिर आकर नाश्ता किया और दोनों तैयार होकर कॉलेज चले गए । घर आते ही दीदी पैसे दी और विट और वी-वॉश लाने को कहती है जो में कुछ देर में लाकर दे देता हूं , लेते वक्त दीदी थोड़ा मुस्कुराती हैं और बाथरूम में चली जाती हैं । कुछ देर बाद वो निकलती है हम दोनों साथ में बैठ कर खाना खाते हैं फिर अपने रूम में चले जाते हैं , पापा भी कुछ देर बाद घर आ गए , दीदी पापा मम्मी के लिए खाना निकली और बर्तन धो कर वापस कमरे में आई फिर दरवाजा बंद कर लिया । सोने से पहले उसने शॉर्ट और टीशर्ट पहन ली ,उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा और में उसके पास जाके सीने से लगा दिया । मेरा लंड खड़ा होने के वजह से दीदी के चूत से टकरा रहा था , दीदी को लंड महसूस हुआ तो वो एक नजर देखी और बोलती है "कुछ सरप्राइज़ है तुमरे लिए" मैने पूछा "क्या" फिर दीदी कहती है "खुद ही ढूंढ लो" । मुझे समझ आ गया कि दीदी चूत का बाल साफ की हैं उसी की बात कर रही । अब में दीदी को लिप किस करने करता हूं और हम दोनों एक दूसरे के जीभ को लॉलीपॉप के तरह चूसने लगते है , कुछ देर बाद दोनों अलग होते है और में दीदी को कहता हूं उल्टा लेट जाओ । दीदी उल्टा लेट गई फिर में दीदी के टांगे के बीच में बैठ के उनका गांड़ ऊपर से सहलाने लगता हूं , कुछ देर बाद में उसका शॉर्ट उतारा तो देखा दीदी नीले रंग का पैंटी पहनी है । पैंटी के ऊपर से ही में दीदी का गांड़ का छेद सूंघता हूं और पैंटी उतर के गांड़ के छेद को चाटने लगता हूं। मेरा जीभ जब दीदी को अपने गेंद के छेद में महसूस हुआ तो वो आहे भरने लगती है और दीदी अपने हाथों से गांड़ चौड़ा कर लेती है जिसके वजह से उसकी गांड़ का छेद थोड़ा खुल जाता है और में अपना जीभ दीदी गांड़ के छेद में डालकर चाटने लगा , कुछ देर चाटने के बाद दीदी का चूत बहने लगा और फिर में उसे सीधा होने बोला । दीदी सीधा हुई और अपने टांगे फैला ली फिर में पूरा पैंटी उतर दिया और जैसे ही में दीदी के चूत पे जीभ रखा , दीदी अपने हाथों से मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी और में उसका चूत ऐसा चाटने लगा जैसे जन्मों का भूखा हूं , दीदी भी धीरे-धीरे आहे भरती हैं । कुछ देर चाटने के बाद उसके चूत से गरम पानी निकलने लगा और में सब चाट लिया , अब दीदी भी हवस की चरम सीमा पर दी और चुदाना चाहती थी । तो दीदी कहती है "अब मेरी बारी" में समझ गया दीदी क्या चाहती है और में अपना 6 इंच का लंड निकल लिया , दीदी इतना बड़ा लंड देख के कहती है "बाप रे ये अजगर इतने छोटे बिल में कैसे जाएगा" में हस्ते हुए कहता हूं "बिल फाड़ के जाएगा"। दीदी मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ी और में ले ली , मेरा लंड बड़ा और मोटा होने के वजह से बस आधा ही ले पाई लेकिन मैने उसका सर पकड़ के पूरा लंड दे दिया जो उसके गले तक चला गया , कुछ देर चूसने के बाद मेरा वीर्य निकल जो में दीदी के मुंह में ही गिरा दिया और दीदी वीर्य पी ली । फिर में दीदी के ऊपर आ गया और उनके टांगे उठा के चूत पे लंड घिसने लगा , और अचानक से आधा लंड दीदी के चूत में डाल दिया जिससे उनको काफी दर्द हुआ और वो चीखती है तो में उनको लिप किस कर लेता हु जिससे उनकी आवाज जोर से नहीं निकला । में उनका चेहरा देखा तो पाया कि उनके आंखों से आशु निकल रहे थे जिस वजह से में थोड़ी तक लंड न अंदर डाला न बाहर निकला और उनको आराम देने के लिए उनके चूची चूसने लगा , कुछ देर बाद दीदी को आराम हुआ और में पूरा लंड दीदी के चूत में दे दिया जिससे उनके सील टूट गया फिर चूत से खून बहने लगा , उनको इतना दर्द हुआ कि वो छटपटाने लगी और में उनको सहला के आराम देने लगा थोड़ी देर बाद वो संत हो गई और में उनकी चूची चूसते हुए चूदाई शुरू कर दिया । अब दीदी को भी मजा आने लगा तो वो कहती है "आह सूरज आज तो तूने मेरी जान ही लेली" और सिसकियां लेते हुए अपनी चूत सहलाने लगी । मेंने अपनी चोदने की रफ्तार बढ़ाई जिससे दीदी और तेज सिसकियां लेने लगी , काफी देर चोदने के बाद अब में झड़ने वाला था और दीदी भी , झड़ते वक्त में दीदी के चूत में ही सारा वीर्य निकल दिया और दोनों निढाल होके पड़े रहे । थोड़ी देर बाद देखा तो दीदी के चूत से खून और वीर्य दोनों निकल रहा था और उनकी चूत में काफी जलन हो रहा था , में कपड़े से उनका चूत साफ किया और उनको आराम देने के लिए उनका चूत वापस चाटने लगा । उस रात में 3 बार दीदी का गांड़ और चूत चटा फिर दोनों लिपट कर सो गए । पिछली रात की चोदाई के वजह से अगले दिन दीदी चल नहीं पा रही थी , मम्मी ने वजह पूछा तो दीदी ने बताया पैर में मोच आ गया और उस दिन में अकेले कॉलेज गया । हम दोनों रोज देर रात तक सेक्स करते और दीदी को मेरे से अपना चूत और गांड़ चटवाने में बहुत मजा आता था । मुझे भी दीदी के चूत का पानी किसी चासनी से कम नहीं लगता है । एक रात सेक्स करते वक्त दोनों इतना मदहोश हो गए कि कब सुबह के 5 बज गए पता नहीं चल और पापा 5 बजे सुबह उठते है डेयरी जाने के लिए , तो उन्होंने हमें चूदाई करते हुए देख लिया । इसके आगे में आपको अगले भाग में बताऊंगा कि कैसे हम दोनों की वासना की आग में पूरा परिवार झुलस गया । कहानी का पहला भाग आपको कैसा लगा आप मुझे मेल करके जरूर बताना । मेरा ईमेल आईडी:- sabbybhaiya@gmail.com

Hindi sex stories

मैं Hindi sex stories अपने बारे में शुरु से बताती हूं। मैं अपने घर में अपने भाई बहनों में तीसरे नंबर, २० साल की हूं। सबसे बड़े भैया हैं जो आर्मी में हैं। उनकी शादी नहीं हुई है। मुझसे छोटा एक भाई है। मैं होस्टल में रह कर पढ़ती हूं।

एक दिन मेरे भैया मुझ से मिलने होस्टल आये। मैं उन्हे देख कर बहुत खुश हुई। वो सीधे आर्मी से मेरे पास ही आये थे। और अब घर जा रहे थे। मैंने भी उनके साथ घर जाने का मन बना लिया और कोलेज से ८ दिन की छुट्टी लेकर मैं और भैया घर के लिये रवाना हो गये।

जिस ट्रेन से हम घर जा रहे थे उस ट्रेन में मेरा रिज़र्वेशन नहीं था, सिर्फ़ भैया का था। इसलिये हम लोगों को एक ही बर्थ मिली। ट्रेन में बहुत भीड़ थी। अभी रात के ११ बजे थे। हम इस ट्रेन से सुबह घर पहुंचने वाले थे।

मैं और भैया उस अकेली बर्थ पर बैठ गये। सर्दियों के दिन थे। आधी रात के बद ठंड बहुत हो जाती थी। भैया ने बेग से कम्बल निकाल कर आधा मुझे उढा दिया और आधा खुद ओढ लिया। मैं मुस्कुराती हुई उनसे सट कर बैठ गयी। सारी सवारियां सोने लगी थीं। ट्रेन अपनी रफ़्तार से भागी जा रही थी।

मुझे भी नींद आने लगी थी और भैया को भी। भैया ने मुझे अपनी गोद में सिर रख कर सो जाने के लिये कहा। भैया का इशारा मिलते ही मैं उनकी गोद में सिर टिका और पैरों को फैला लिया। मैं उनकी गोद में आराम के लिये अच्छी तरह ऊपर को हो गई। भैया ने भी पैर समेट कर अच्छी तेरह कम्बल में मुझे और खुद को ढांक लिया और मेरे ऊपर एक हाथ रख कर बैठ गये।

तब तक मैंने कभी किसी पुरूष को इतने करीब से टच नहीं किया था। भैया की मोटी मोटी जांघों ने मुझे बहुत आराम पहुंचाया। मेरा एक गाल उनकी दोनो जांघों के बीच रखा हुआ था। और एक हाथ से मैंने उनके पैरों को कौलियों में भर रखा था।

तभी मेरे सोते हुये दिमाग ने झटका सा खाया। मेरी आंखों से नींद घायब हो गई। वजह थी भैया के जांघ के बीच का स्थान फूलता जा रहा था। और जब मेरे गाल पर टच करने लगा तो मैं समझ गई कि वो क्या चीज़ है। मेरी जवानी अंगड़ाइयां लेने लगी। मैं समझ गई कि भैया का लंड मेरे बदन का स्पर्श पाकर उठ रहा है।

ये ख्याल मेरे मन में आते ही मेरे दिल की गति बढ़ गई। मैंने गाल को दबा कर उनके लंड का जायज़ा लिया जो ज़िप वाले स्थान पर तन गया था। भैया भी थोड़े कसमसाये थे। शायद वो भी मेरे बदन से गरम हो गये थे। तभी तो वो बार बार मुझे अच्छी तरह अपनी टांगों में समेटने की कोशिश कर रहे थे। अब उनकी क्या कहूं मैं खुद भी बहुत गरम होने लगी थी।

मैंने उनके लंड को अच्छी तरह से महसूस करने की गरज़ से करवट बदली। अब मेरा मुंह भैया के पेट के सामने था। मैंने करवट लेने के बहाने ही अपना एक हाथ उनकी गोद में रख दिया और सरकते हुए पैंट के उभरे हुए हिस्से पर आकर रुकी। मैंने अपने हाथ को वहां से हटाया नहीं बल्कि दबाव देकर उनके लंड को देखा। उधर भैया ने भी मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे अपने से चिपका लिया। मैंने बिना कुछ सोचे उनके लंड को उंगलियों से टटोलना शुरू कर दिया।

उस वक्त भैया भी शायद मेरी हरकत को जान गये। तभी तो वो मेरी पीठ को सहलाने लगे थे। हिचकोले लेती ट्रेन जितनी तूफ़ानी रफ़्तार पकड़ रही थी उतना ही मेरे अंदर तूफ़ान उभरता जा रहा था। भैया की तरफ़ से कोई रिएक्शन न होते देख मेरी हिम्मत बढ़ी और अब मैंने उनकी जांघों पर से अपना सिर थोड़ा सा पीछे खींच कर उनकी ज़िप को धीरे धीरे खोल दिया। भैया इस पर भी कुछ कहने कि बजाय मेरी कमर को कस कस कर दबा रहे थे।

पैंट के नीचे उन्होने अंडरवियर पहन रखा था। मेरी सारी झिझक न जाने कहां चली गई थी। मैंने उनकी ज़िप के खुले हिस्से से हाथ अंदर डाला और अंडरवियर के अंदर हाथ डालकर उनके हैवी लंड को बाहर खींच लयी। अंधेरे के कारण मैं उसे देख तो न सकी मगर हाथ से पकड़ कर ही ऊपर नीचे कर के उसकी लम्बाई मोटाई को नापा। ७-८ इंच लम्बा ३ इंच मोटा लंड था। बजाय डर के, मेरे दिल के सारे तार झनझना गये। इधर मेरे हाथ में लंड था उधर मेरी पैंट में कसी बुर बुरी तरह फड़फड़ा उठी।

इस वक्त मेरे बदन पर टाइट जींस और टी-शर्ट थी। मेरे इतना करने पर भैया भी अपने हाथों को बे-झिझक होकर हरकत देने लगे थे। वो मेरी शर्ट को जींस से खींचने के बाद उसे मेरे बदन से हटाना चाह रहे थे। मैं उनके दिल की बात समझते हुये थोड़ा ऊपर उठ गई। अब भैया ने मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरना शुरू किया तो मेरे बदन में करेंट दौड़ने लगा।

उधर उन्होने अपने हाथों को मेरे अनछुई चूचियों पर पहुंचाया इधर मैंने सिसकी लेकर झटके खाते लंड को गाल के साथ सटाकर ज़ोर से दबा दिया। भैया मेरी चूचियों को सहलाते सहलाते धीरे धीरे दबाने भी लगे थे। मैंने उनके लंड को गाल से सहलाया भैया ने एक बार बहुत ज़ोर से मेरी चूचियों को दबाया तो मेरे मुंह से कराह निकल गई.

हम दोनो में इस समय भले ही बात चीत नहीं हो रही थी मगर एक दूसरे के दिलों की बातें अच्छी तरह समझ रहे थे। भैया एक हाथ को सरकाकर पीछे की ओर से मेरी पैंट की बेल्ट में अपना हाथ घुसा रहे थे मगर पैंट टाइट होने की वजह से उनकी थोड़ी थोड़ी उंगलियां ही अंदर जा सकीं। मैने उनके हाथ को सुविधा अनुसार मन चाही जगह पर पहुंचने देने के लिये अपने हाथ नीचे लयी और पैंट की बेल्ट को खोल दिया। उनका हाथ अंदर पहुंचा और मेरे भारी चूतड़ों को दबोचने लगा। उन्होने मेरी गांड को भी उंगली से सहलाया। उनका हाथ जब और नीचे यानि जांघों पर पैंट टाइट होने के कारण न पहुंच सका तो वो हाथ को पीछे से खींच कर सामने की ओर लाये।

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