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Massage Girl in Wardha: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Wardha who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Wardha that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Wardha massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Wardha who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Wardha massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Wardha massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Wardha who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Wardha employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Wardha helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Wardha

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Wardha at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

मेरा नाम राजेश Antarvasna कुमार, उम्र 24 साल, कद 175 सेमी और मेरा वजन 65 किलो है। मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ। मैं बहुत साहस करके अपनी खुद की वास्तविक कहानी आप लोगों का बता रहा हूँ। मैं राजस्थान का रहने वाला हू और अभी गांधीनगर, गुजरात में रह रहा हूँ। गांधीनगर में मैं एक सिक्योरिटी कम्पनी में नौकरी करता हूँ और हर 3-4 महीने बाद घर जाता हूँ।

वैसे आप सब लोगों को बता दूँ कि मैं एक नम्बर का चूत का चुस्सू हूँ।

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।

यह बात उन दिनों की है जब मैं 11वीं कक्षा में पढ़ने हिण्डौन सिटी गया। हिण्डौन सिटी हमारे गॉंव से 18 किमी पड़ता है। मुझे रोज घर से स्कूल आने-जाने में परेशानी होती थी इसलिए मुझे हिण्डौन सिटी में ही एक कमरा किराए पर लेना पड़ा। बड़ी मुश्किल से कमरा मिला। उसका मकान मालिक 5 साल पहले एक दुर्घटना में मर गया था। अब उसकी विधवा औरत ही उस घर की मालकिन थी। उसका नाम नीलम, उम्र 30-32 के करीब थी। उसकी छोटी बहन और वो अपनी दो लड़कियों के साथ उस मकान में रहती थी। उसकी बहन का नाम रीता और लड़कियों के नाम नीतू और गीता थे।

उसकी बहन रीता की उम्र 25 के करीब थी और बेटियों की उम्र 18 और 20 होगी। उसके मकान में 3-4 कॉलेज की लड़कियाँ भी रहती थी। उनमें एक मेरे गाँव की लड़की सविता भी रहती थी, वो भी कॉलेज में पढ़ती थी। उसकी उम्र बीस साल थी। उसने ही मुझे बताया था कि उस मकान में एक कमरा खाली है यदि तुम चाहो तो तुम वो मकान किराये पर ले सकते हो।

उसने कहा था- वैसे तो वो लड़कों को कमरा किराये पर देती नहीं है, यदि तुम कहो तो मैं उनसे पूछ लेती हूँ।

मैंने कहा- ठीक है, तुम पूछ लेना! मुझे कमरा किराये पर नहीं मिल रहा है, मैं उसी में रह लूंगा।

अगले दिन मुझे बताया कि मकान मालकिन बडी मुशिकल से तैयार हुई है, तुम अपना सामान लेकर आज शाम को ही आ जाओ। यदि कोई लड़की आ गई तो वो कमरा उसे दे दिया जायेगा।

मैं शाम को ही अपना सामान लेकर कमरे पर चला गया। वो कमरा उस मकान की पहली मंजिल पर था। मेरे कमरे के पास में ही बाथरूम था। बाथरूम के नाम पर एक बड़ा सा कमरा था। बाथरूम में एक टंकी थी उसमें पानी भरा रहता था। सभी वहीं नहाते थे। नहाने के लिए कोई अलग से बाथरूम नहीं था। उस कमरे में एक तरफ़ चार लेट्रीन थी पर एक का ही दरवाजा था, बाकी तीन पर दरवाजा ही नहीं था।

मेरे कमरे से बाथरूम की ओर एक खिड़की थी जिससे उसमें सब कुछ दिखाई देता था। मेरे कमरे के साथ में एक कमरा और था उसमें एक टीवी लगा था। उस कमरे की दीवार में भी एक छोटी खिड़की थी और एक खिड़की बरामदे की तरफ भी थी।

अगले दिन जब मैं जगा तो देखा कि सभी लडकियॉं नंगी ही बाथरूम में नहा रही हैं और आपस में मस्ती कर रही हैं। कोई किसी की चूत में उंगली कर रही है, कोई किसी की चूची दबा रही है। यह देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मैं उसे शांत करने में लग गया। यार, मैं उनको देखते हुए मुठ मारने लगा।

फिर जब सब नहा कर निकल गई, मैं तब नहाने गया तो उस दिन मैं स्कूल के लिए लेट हो गया।

अगले दिन मैं सुबह 4 बजे ही जग गया और तैयार होने बाथरूम में गया और दरवाज़े वाली लेट्रीन में घुस गया। थोड़ी देर बाद मकान मालकिन बाथरूम में तैयार होने आई तो वो अपने कपड़े खोल के ब्रा और पेण्टी में लेट्रीन के लिए आई तो दरवाजे वाली में तो मैं था, तो वो बगल वाली बिना दरवाजे की लेट्रीन में घुस गई।

जब मैं बाहर निकला तो वो अपनी चूत की झाँटें काट रही थी। जैसे ही मैंने उसे देखा, देखता ही रह गया, बाप रे! क्या मस्त चूत थी! एकदम पाव रोटी की तरह! और क्या चूची थी पूरी 36 इन्च की! मुझ पर उसकी नज़र पड़ी तो उसका हाथ ऐसे ही रूक गया जहाँ पर था। मैं उसे सॉरी बोल के जल्दी नहा कर अपने कमरे में आ गया, पर मेरे दिमाग में वही उसकी चूत का दृश्य आ रहा था। फिर मैंने उसके नाम की मुठ मारी और स्कूल आ गया। मेरे दिमाग में वही दो दिनों के दृश्य घूम रहे थे तो मैं आधी छुट्टी में ही वापस आ गया। जैसे ही मैं कमरे में पहुँचा तो टीवी वाले कमरे से अजीब आवाज आ रही थी। मैंने जब खिड़की से उस कमरे में देखा तो दंग रह गया।

मेरी मकान मालकिन और मेरे गांव वाली लड़की सविता दोनों नंगी होकर आपस में एक-दूसरे की चूतों को 69 पोजिशन में चूस रही थी और सविता नीलम से कह रही थी- नीलम डॉर्लिंग, अब मैं तेरे लिए एक 18 साल का मस्त लड़का लाई हूँ। अब तू जल्दी से उसे पटा कर चुदवा ले और हमें भी चुदवा दे।

तो नीलम बोली- सविता डार्लिंग मुझे पहले ही बहुत जल्दी है इसलिए आज जब वो नहाने गया तो मैं भी अपना रेजर लेकर झाँटें काटने पहुँच गई जिससे उसे मेरी चमकती चूत के दर्शन हो जायें और उसे वो बाथरूम के पास वाला कमरा भी इसीलिए दिया है कि वो रोज चूतों और चूचियों के दर्शन कर ले! क्यों डार्लिंग?

मैं उनकी बातें सुन कर उत्तेजित हो गया और उन्हें देखते हुए मुठ मारने लगा। थोड़ी देर बाद अचानक एक हाथ ने मेरे लण्ड को पकड़ा तो अचानक मेरा ध्यान भंग हुआ।

देखा तो सामने रीता खड़ी हुई मेरा लण्ड हिला रही है। रीता बोली- प्यारे, इस बेचारे की क्यों गर्दन मरोड़ रहा है, मुझे बोल, मैं इसको अपनी चूत के स्वर्ग में पहुँचा देती हूँ!

और वो मेरा लण्ड चूसते बोली- तुम मेरी चूची दबाते हुए अन्दर का नजारा देखते हुए मजा लो और मैं तुम्हारा रस पीती हूँ!

अब वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूची दबाते हुए अन्दर का नजारा देखने लगा।

अन्दर सविता और नीलम 69 पोजीशन में होकर एक-दूसरे की चूत चूस रही थी और उंगली भी पेल रही थी। उनके सामने दीवार पर प्रोजेक्टर के द्वारा एक ब्लू फिल्म चल रही थी। अचानक सविता उठी और आलमारी से एक प्लास्टिक का लण्ड निकाल कर उसका बेल्ट अपनी कमर में बॉधा। यह प्लास्टिक का लण्ड बेल्ट के दोनों ओर था जिससे सविता के बेल्ट कमर पर बाँधने से बेल्ट के पीछे वाला

प्लास्टिक का लण्ड सविता की चूत में घुस गया। अब सविता लण्ड को झूलाते हुए नीलम के पास आई और बोली- जान अभी एक दो दिन ओर इस प्लास्टिक के लण्ड से चुद लें, फिर तो तू राजेश के असली लण्ड का स्वाद चखेगी!

इधर उनकी बातें सुनते हुए और रीता के लण्ड चूसने से मेरा हाल बुरा होता जा रहा था, अब मैं झड़ने के करीब था।

मैंने रीता को कहा- साली रण्डी, रीता कितना चूसेगी? अब मेरा निकलने वाला है!
तो रीता बोली- मैं तेरे लण्ड के वीर्य का ही इन्तजार कर रही हूँ! मुझे तेरा वीर्य पीना है!
‘तो ले पी साली!’ और मैंने अपने वीर्य की पहली बरसात रीता के मुंह में कर दी।

और साली रीता मेरा पूरा वीर्य चाट-पोंछ के पी गई। उधर अन्दर सविता प्लास्टिक के लण्ड से नीलम को चोद रही थी, इधर रीता कहने लगी- साले तेरा लण्ड तो मैं चूस रही हूँ! साले मेरी चूत को चूसने को क्या तेरी मां आयेगी?

तो मैंने कहा- साली, तेरी चूत भी मैं चूसूंगा!

और मैं उसे उठा कर उल्टा करके उसके पैरों को अपने कंधों पर रख कर उसकी चूत चूसने लगा और वो उल्टे लटके हुए मेरा लण्ड चूस रही थी। 15 मिनट तक उसकी चूत चूस कर मैंने उसको सभी पोजीशन में चोदा । सबसे पहले मैंने रीता को उठा कर अपने लण्ड पे बिठा कर खड़े-खड़े चोदा, फिर घोड़ी बना के चोदा। मैंने रीता को 3 बार दिन और 4 बार रात में चोदा।

वो कहने लगी- तुम पहले आदमी जिससे मैं पहली बार चुदी हूँ, वैसे मैं अब तक रोज उसी प्लास्टिक के लण्ड से चुदवाती थी जिससे अभी नीलम दीदी चुदवा रही थी। अब तुम जल्दी ही नीलम दीदी और सविता को चोद लोगे पर तुम जल्दी मत करना क्योंकि तुम देखो कि दीदी और सविता तुमको कैसे चोदने के लिए तैयार करती हैं।

तो मैंने कहा- ठीक है, तुम रोज मुझ से चुदवाने मेरे कमरे में आ जाया करो!
और ऐसा 7-8 दिन चला।

फिर एक दिन नीलम ने मुझ से चुदवा ही लिया और उसके 3-4 दिन बाद सविता ने भी चुदवा लिया।
और वहाँ रहने वाली हर लड़की को चोदा!

पर कैसे?

इसके लिए आपको इन्तजार करना पडेगा क्योकि वो मैं अगली कहानी में बताऊँगा। Antarvasna

Oral Sex

बात उन दिनों की है जब Oral Sex मुंबई में दंगे चल रहे थे। पुणे में भी कुछ दिनों के लिए बस सर्विस बंद थी।

मैं उन दिनों पुणे के लिए एक बस में चली। बस में मेरी बगल में सपना नाम की आंटी बैठी थीं। सपना आंटी से मेरी अच्छी जान पहचान हो गई।

बस बड़ी धीरे सफर कर रही थी। शाम के 2 बजे बस ख़राब हो गई। बस वाले ने कहा अब बस नहीं चलेगी। पुणे 40 किमी दूर था। बस में मैं और आंटी ही अकेली औरतें थीं। मैं घबरा रही थी बस में कुछ गुण्डे टाइप लोग भी थे जो रास्ते भर हमें गंदे गंदे इशारे कर रहे थे।

आंटी मुझसे बोली- मैंने टैक्सी बुलाई है, तुम पुणे तक साथ चल सकती हो लेकिन उसके आगे रास्ते बंद हैं। मैं खुश हो गयी, मैंने कहा- आंटी मैं आपके साथ रुक जाऊँगी।

आंटी बोली ठीक है लेकिन मैं तुम्हें कुछ बताना चाहती हूँ। आंटी ने कहा- बेटी, मैं एक कोठे की मालकिन हूँ मेरा कोठा बुधवार पेठ में है वहाँ पर 50 -60 लड़कियाँधंधा करती हैं। पूरे दिन रात उनकी चुदाई होती है। पर यह मेरा वादा है कि अगर तुम मेरे साथ चलोगी तो तुम्हारी मर्जी के बिना मैं तुम्हारी चुदाई तो नहीं होने दूंगी लेकिन तुम्हारी चूची और चूतड़ दब सकते हैं, मतलब तुम्हारी जवानी लुटेगी तो नहीं लेकिन मेरे गुंडे मस्ती करने से बाज़ नहीं आयेंगे। बाकी अगर कहीं और रूकती हो तो जवानी लुट भी जायेगी और ब्लू फ़िल्म अलग से बन जायेगी, मुझे पुणे का सब पता है, वैसे तुम शादीशुदा हो कोठे पे छेड़छाड़ से मजा ही आएगा।

आंटी की बात सुन मैं डर गई लेकिन मेरी चूत में खुजली सी भी मची कि कोठे की मस्ती में मजा तो बहुत आएगा।

मैंने- कहा आंटी, यहाँ चूत तो चुदेगी ही, जान का भी खतरा है। यह बस के ही लोग मुझे चौद डालेंगे, सब गुण्डे टाइप लग रहे हैं। आप ले चलो, कोठे पे ही सही।

थोड़ी देर में आंटी की टैक्सी आ गई। हम उसमें बैठ गए। आंटी ने पुणे से 5-6 किलोमीटर पहले ही मुझे बुरका पहना दिया और ख़ुद भी बुरका पहन लिया।

शाम 4 बजे हम बुधवार पेठ में आंटी के कोठे पे थे। कोठे पे हमारे घुसते ही एक मुस्टंडे ने मेरे चूतड़ पीछे से दबा दिए और बोला- मौसी माल तो बड़ा तगड़ा लायी हो, आज्ञा हो तो नंगा कर दूँ कुतिया को।

मौसी ने कहा- हरामी हाथ मत लगाइयो, मेहमान है, चल बेटी अंदर चलें।

अंदर रंडियाँ अर्द्धनग्न खड़ी थी कुछ पेटीकोट और आधे से ज्यादा खुले ब्लाऊज़ पहने थी.

मौसी मुझे चौंकते देख कर बोली- अरे चौंक क्यों रही है यह कोठा है, रात को दिखाऊँगी कैसे यह रंडियाँ 6-6 लंड खाती हैं. आ चल थोड़ा फ्री हो लें। तुझे भी तो थोड़ी रंडीबाजी सिखा दूँगी, ताकि तुझे याद तो रहे की कभी कोठे की सैर भी की थी। घबरा मत तेरी चूत तभी चुदेगी जब तू चाहेगी लेकिन मर्दों के लंड तो पकड़ ही सकती है और चूची चूतड़ तो दबवा ही सकती है। रोज रोज एस मस्ती तो नहीं मिलेगी। परमानेंट रंडी बनने में तो प्रॉब्लम हैं लेकिन एक दिन रंडीबाजी करने में तो मजा ही मजा है।

मौसी की बात मुझे कुछ सही लगी। मैं और आंटी अब आंटी के कमरे में आ गई थी। कमरा फाइव स्टार जैसा था। आंटी ने अपनी साड़ी ब्लाउज उतार दिया। आंटी की चूचियाँपपीते जैसे लटक रहीं थी, आंटी सिर्फ़ पेटीकोट पहने थीं। आंटी ने घंटी बजाई, एक मुस्टंडा अंदर आया, आंटी बोली- कालू जरा पानी-वाणी पिला!

आंटी मुझे देखकर मुस्करा कर बोली- शरमा रही है, अभी तुझे नंगा कराती हूँ, कोठे की मस्ती तो चख ले।
मैंने कहा- नहीं मौसी, मुझे नंगा नहीं होना!
मौसी मुस्कराईं, बोली- हमारा वादा केवल तेरी चुदाई न होने तक का है।

कालू पानी लेकर आ गया। हम दोनों को बड़े प्यार से उसने पानी पिलाया.
मौसी बोली- अबे कालू तेरी मौसी नंगी खड़ी हैं और साली यह हरामन कपड़े पहने हुए है, चल जरा इसे नंगा तो कर।

कालू ने एक झटके में मेरी साड़ी खींच दी और मेरा ब्लाउज हाथ से खींच कर फाड़ दिया। मेरी ब्रा आधी लटक गई जिसे उसने एक झटके में उतार दिया। अब मैं पेटीकोट में थी, यह सब कुछ सेकंड में ही हो गया मैं विरोध भी नहीं कर पाई। कालू पेटीकोट भी फाड़ने वाला था लेकिन मौसी ने इशारे से उसे बाहर भेज दिया।

मेरी संतरे जैसी चुचियों पर मौसी ने हाथ फिराकर कहा- माल तो बड़ा तगड़ा हैं तेरा! एक रात के दस हज़ार तो आराम से लगेंगे, बोल चुदना है क्या पूरे दस तेरे! मेरी चूत में हलचल हो रही थी।

मौसी ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और ख़ुद भी बगल में लेट गयीं, कहा- तुझे मैं कोठे की मस्ती करवाती हूँ, करके देख, कैसे रंडियाँलोड़े से खेलती हैं, मर्दों की मुठ कैसे मारती हैं, लंड चूसती हैं तुझे सिखाती हूँ। चुदने का मन हो तो बताना चुदाई भी करवा दूँगी गांड और चूत दोनों की। फुल मस्ती कर आज रात जिन्दगी भर याद रहेगी।

मौसी की बातों से मुझे मस्ती आने लगी। मेरा मन मुस्टंडौं के सामने नंगी होने का करने लगा, मेरी चूत से भी पानी रिसने लगा था।

मौसी बोली- अब तू मेरे कोठे की रांड है, तेरी चूत और गांड तेरी मर्ज़ी पर छोड़ती हूँ, बाकी तेरे को आज की रात के लिये रंडी बनाती हूँ, समझी! रंडीबाजी का मतलब होता है नग्न अदायें दिखाना, नंगी चूचियाँकर के कस्टमर से दबवानी, लंड चूसना, लोड़ों को हाथों से मसलना और लंड की मुठ मारनी, पूरी नंगी होकर चूत चुसवानी, बाकी बची चूत और गांड की चुदाई तो वह सब से आख़िर में आती है।

5 बज रहे थे, मौसी ने एक चुन्नी मेरे नग्न दूधों पे डाल दी और बोली- चल तेरा रंडियों जैसा सिंगार करवाती हूँ। मौसी मुझे सिंगार रूम में ले जाने लगीं रास्ते में मौसी के गुंडे घूम रहे थे। मेरी नग्न चूचियाँसब घूर घूर कर देख रहे थे।

सिंगार रूम का सीन बड़ा आकर्षक था। चार -पाँच रंडियाँ शीशे के सामने मेक अप कर रहीं थी, सभी टोपलेस थीं, कुछ नंगी होकर चूत में क्रीम लगा रहीं थीं। कुछ गुंडे टाइप लोग कमरे में घूम रहे थे। एक दो गुंडे रांडो की चूचियाँमसल रहे थे। सीन बड़ा ही सेक्सी था।

मौसी मुझे देखकर मुस्कराईं बोली- चल तू भी नंगी हो! तेरा माल भी तो देखें जरा हम!

मौसी ने कहा- चल पेटीकोट उतार! शरमा नहीं! रंडी बन जा आज रात के लिए! अगर मस्ती के साथ करोगी तो बहुत मजा आएगा, देख सब राँडे नंगी मस्ता रहीं हैं।

मेरी चुचियाँ तो नग्न थी हीं, मैंने शरमाते हुये अपना पेटीकोट भी उतार दिया। अब मैं सिर्फ़ चड्डी में थी। चड्डी उतारने में मुझे शर्म आ रही थी। मौसी ने सीटी बजा कर कालू को इशारा किया। कालू ने पीछे से आकर मेरी चूचियाँकस कर मसल दी। इस बीच राजू मुस्टंडे ने आगे से मेरी चड्डी उतार दी, अब मैं पूरी नंगी थी।

मौसी ने मेरी झांटो वाली चूत की तरफ़ देख कर कहा- अरे तुम साली औरतें पति को भी मस्ती ठीक से नहीं देती क्या काला जंगल उगा रखा है! मौसी ने एक रंडी को इशारा कर कहा- जरा झांटे साफ़ करने वाली क्रीम तो ला!

मौसी ने मेरी चूत पर क्रीम लगा दी और मुझे एक गद्दे पे बठने को कहा और बोली- पाँच मिनट में तेरी झांटे साफ़ हो जाएँगी।

अब मैं नंगी बैठी कोठे के नज़ारे देख रही थी, शर्म आ रही थी, गुंडे बार बार गंदे इशारे कर रहे थे। पाँच मिनट बाद मोनी नाम की रांड ने मेरी चूत गीले कपड़े और पानी से साफ़ कर दी, अब मेरी चिकनी चूत चमचमा रही थी। मेरी शर्म भी धीरे धीरे कम हो रही थी।

मौसी ने कहा- 6 बज गए हैं, धंधे का टाइम हो रहा है, मैं जरा धंधे को देखती हूँ, तू जरा कोठे पे घूम और रंडियों की तरह मस्ता! तेरे साथ मोनी नाम की रंडी की ड्यूटी लगा देती हूँ। 8 बजे तेरे ऊपर भी एक-दो कस्टमर चढ़वाती हूँ।

मौसी की बातों और कोठे के नजारों से मेरी चुदने की इच्छा बढती जा रही थी। मोनी ने मुझे बताया- तू मेहमान है इसलिए मौसी इतने प्यार से बात कर रहीं हैं वरना जिस रंडी से गुस्सा हो जाती हैं, पूरी रात उसकी गांड और चूत अपने मुस्टंडों से चुदवाती हैं और पीटती अलग हैं सब मुस्टंडों के लंड बहुत मोटे और लंबे हैं। सारे मुस्टंडे कुत्ते की तरह मौसी के आगे दुम हिलाते हैं, मौसी के एक इशारे पे यह जेल पहुँच जाते हैं इतनी तगड़ी पहुँच है मौसी की। चल तुझे कोठे की सैर कराती हूँ, धंधा भी शुरू हो चुका है। पेटीकोट और ब्लाऊज़ डाल ले!

मैंने साइड में पड़ा हुआ एक पेटीकोट और ब्लाऊज़ पहन लिये। ब्लाऊज़ में एक ही हूक था, चुचियाँ आधी से जयादा खुली थी, थोड़ा हिलने पे निप्पल भी दिखने लगते थे, पेटीकोट नाभि के काफ़ी नीचे बंधा थे। मोनी भी एक मिनी स्कर्ट और मेरी तरह ब्लाऊज़ पहने थी।

मैं बिल्कुल धंधे वालियों जैसे लग रही थी। मौसी ने मेरी चूत पे जो क्रीम लगायी थी उससे मेरी चूत में लंड खाने की इच्छा भी बढ़ रही थी. मैंने जब मोनी को यह बताया तो मोनी मुस्कराई, बोली- मौसी तुझे चुदवा कर ही जाने देंगी! बड़ी गुरु हैं मौसी!

मोनी मुझे पहले डांस रूम में ले आई। यहीं से कस्टमर अंदर आते थे। डांस रूम काफी बड़ा था। मौसी वहाँ गद्दी पर बैठी हुईं थीं, मुस्टंडे चारों तरफ़ टहल रहे थे। 5-6 लड़कियाँ अर्धनंगी होकर डांस कर रहीं थी। साइड में मेरी जैसे ड्रेस पहने 10-10, 20-20 के झुंड में रंडियाँबैठी हुईं थी. नाचने वाली लड़कियाँ डांस कम रंडीबाजी ज्यादा कर रहीं थी वो अपना लहंगा बार बार उठा रहीं थी और बार बार अपनी चूत दिखा रहीं थी।

कंडोम का प्रयोग करें : एड्स से बचें
मुस्टंडों से बीच बीच में कुछ सेकंड्स के लिए अपनी चूचियाँ मसलवा रही थीं। बीच बीच में एक दो गु्ण्डे आकर रंडियों की ब्लाऊज़ और टॉप उठाकर उनकी चुंचियाँ खोल देते थे, जिसे वो दुबारा ढक लेती थीं।

करीब 10-20 ग्राहक वहाँ डांस देख रहे थे और वो बीच बीच में नोट भी फेंक देते थे। मोनी ने मुझे बताया- यहाँ तीन रेट में लड़कियाँ बिकती हैं, वो जो घटिया सी दिख रहीं हैं आंटी टाइप उनके रेट 100 से 300 रुपए एक तक घंटे हैं, दूसरी साइड वालियों के 500 से 1000 रूपए तक एक घंटे का हैं। मौसी के पास जो बैठीं हैं उनके रेट मौसी बताती हैं, सब 1000 से ऊपर वाली हैं।

मौसी हर कस्टमर का पूरा ध्यान रखती हैं, रंडी अगर मस्ती नहीं देती तो उसकी खाट खड़ी कर देती हैं। मौसी का कहना है- चूचियाँमसलवाने के लिए और चूत चुदवाने के लिए है, कस्टमर को जम कर मजा दो उसका लंड चाटो और चूसो एक घंटे मैं अपना दीवाना बना दो गांड भी मरवाओ उससे!

अगर किसी भी रांड की शिकायत आती है कि उसने चूत चुदवाने में नखरे करे हैं तो उसकी खाल तो जलाती ही हैं साथ ही साथ 10-10 गुंडों से गांड और चूत भी चुदवाती हैं।

मौसी ने एक से एक नखरे वाली रंडियों को ठीक कर दिया है। वो जो जली हुई दिख रही है न उसने एक सफ़ेद दाग वाले नेताजी का लंड चूसने से मना कर दिया था, मौसी ने उसे जला दिया, अब सब करवाती है।

मौसी बड़ी खतरनाक हैं, लेकिन अगर कोई दारू में टुन्न आता है या अकड़ दिखाता है तो उसके नोट भी रख लेती हैं और लंड झड़वा के धक्के दे कर भगा देती हैं।

मोनी ने बताया उसके रेट 3000-4000 के बीच लगते हैं और वो सब करवाती है केवल गांड छोड़कर, गांड मौसी के ही कहने पे चुदवाती हूँ अब तक 4-5 बार ही कुछ बड़े लोगो से गांड मरवाई है। मुझे धंधा करते हुए 6 माह हो गए। मेरा प्रेमी बेच कर गया था मुझे, चल आ मौसी के पास बैठते है देख कैसे रंडियाँबिकती हैं!!!!! Oral Sex

मेरा नाम सागर मेहता है मेरी आयु 19 वर्ष है, मेरा रंग गोरा है और मैं दिखने में भी अच्छा हूँ, मैं उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले में रहता हूँ।
बात तब की है जब मैं नया-नया कंप्यूटर सीखने लगा था मेरी कंप्यूटर टीचर का नाम अंजलि ।
वो मुझसे उम्र 3 साल बड़ी थी।
मुझे अंजलि मैडम बहुत मस्त लगती थी।
क्या मस्त मादक देह थी उसकी..!
उसको देख कर तो हर उम्र के लोगों का लौड़ा खड़ा हो जाए और उसके चूतड़ तो पूछो मत… क्या गजब के उठे हुए चूतड़ थे…!

वो जब कभी किसी सवाल को हल करने के लिए मेरे जिस्म के साथ छू जाती तो नीचे मेरा लण्ड खड़ा हो जाता और दिल करता कि अभी इसको पकड़ कर चोद दूँ, पर क्या करूँ मजबूरी थी।

एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझे ब्लू-फिल्म की डिस्क दी। वो डिस्क मैंने अपनी कॉपी में रख ली।

मैंने कंप्यूटर सेंटर में जा कर थोड़ा काम किया कुछ समय के बाद मैं गुसलखाने में गया और जब वापिस आया तो देखा कि अंजलि मैडम मेरे कंप्यूटर पर बैठी हुई थी।

जब हमारे बैच का समय पूरा हुआ और हम जाने लगे तो मैडम ने मुझे रोक लिया कि तुमसे मुझे कुछ काम है।

इतने में अगले बैच वाले स्टूडेंट आ गए।

कुछ समय के बाद अंजलि मैडम मुझे ऑफिस के अन्दर ले गई और मुझे बैठने को कहा और खुद बाहर चली गई।

कुछ समय के बाद ऑफिस में आई और आते ही मुझसे बोली- अभिजित मैं तो तुमको इतना अच्छा लड़का समझती थी।

तो मैंने पूछा- मैडम क्या हुआ?

अंजलि मैडम ने मेरी कॉपी उठाई और उस में से ब्लू-फिल्म वाली डिस्क निकाल कर पूछा- ये क्या है?

मैं घबरा गया, मैंने बोला- मैडम ये मेरी नहीं है।

इतनी बात सुन कर वो हँसने लगी- डर क्यों रहे हो? ये सब तो चलता है।

इतना सुन कर मेरी घबराहट कुछ कम हुई।

मैडम ने पूछा- तुमने ये फिल्म देखी है?

मैं बोला- नहीं देखी।

वो बोली- ठीक है.. अब तुम जाओ।

मैं ऑफिस से बाहर आ गया। उसके बाद 2-3 दिन हमारे बीच कोई बात नहीं हुई।

यहाँ यह बात बता दूँ कि हमारा सेन्टर शनिवार और रविवार को बन्द रहता है, शुक्रवार को जब मैं अपनी क्लास खत्म कर जाने लगा तो मैडम बोली- अभिजित कल तुम 11.00 बजे मेरे घर आना, मुझे कुछ काम है।

मैंने ‘ठीक है मैडम !’ बोला और आ गया।

शनिवार को जब मैं 11.00 बजे मैडम के घर पहुँचा तो देखा कि मैडम के घर में और कोई नहीं था और वो नहा कर निकली थी।
क्या मस्त माल लग रही थी अंजलि मैडम..!

मैडम ने पजामा और टी-शर्ट पहन रखी थी, मैडम के मम्मे टी-शर्ट को फाड़ कर बाहर निकलने को बेताब थे।

मेरा लण्ड पैन्ट में ही मचलने लगा, मैंने किसी तरह लौड़े पर संयम रखा और मैडम से पूछा- क्या काम था मैडम?

अंजलि मैडम मेरे सामने सोफे पर बैठ गई और बोली- उस दिन मैंने तुम्हारी कॉपी में ब्लू-फिल्म की सीडी देखी तो मेरा दिल भी मचलने लगा था पर वहाँ पर मैं कुछ नहीं बोल पाई, इसलिए तुमको आज यहाँ बुलाया है। मम्मी-पापा और भाई बाहर गए हुए हैं तो मैंने सोचा कि आज तुमसे बात करूँ।

इतना बोल कर वो उठ कर मेरे बगल में बैठ गई।

मेरा दिल ख़ुशी से झूम उठा, मैडम ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने कठोर मम्मों पर रख दिया, मुझे करंट सा लगा।

मैडम बोली- अभिजित मेरी प्यास बुझा दो… मैं कब से तड़प रही हूँ।

इतना बोलते-बोलते मैडम ने मेरी पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया।

मेरा हाथ भी मैडम के मम्मों पर चल रहा था, वो मुँह से अजीब-अजीब आवाज निकल रही थीं।

मेरा लण्ड भी अब पूरा तन चुका था।

कुछ समय के बाद वो उठी और मेरे घुटनों में बैठ गई मेरी पैन्ट की चैन खोल कर मेरा 7″ का लण्ड बाहर निकाला और एकदम से उस पर टूट पड़ी… जैसे कोई भूखा खाने पर टूटता है।

यह मेरा पहला मौका था कि किसी लड़की ने मेरा लण्ड अपने मुँह में लिया था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। वो मेरे लण्ड को पूरा मुँह में ले कर चूसे जा रही थी।

अचानक मुझमें तेजी आ गई और मैंने जोर-जोर से लण्ड को उसके मुँह में आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।
फिर ऐसा लगा जैसे गर्म-गर्म लावा मेरे शरीर से निकल रहा हो। मेरा पूरा माल अंजलि पी गई।

फिर कुछ समय हम ऐसे ही बैठे रहे। मैंने धीरे-धीरे अंजलि के मम्मों पर हाथ फेरना शुरू किया जिससे उनमें फिर से कठोरता आ गई और मेरा लण्ड भी तन गया।

मैंने अंजलि के कपड़े उतार दिए और साथ में अपने भी कपड़े उतार दिए।
अब हम जन्मजात नंगे थे।

मैंने मैडम के संतरे अपने मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिए और हाथ की ऊँगली उस की गर्म-गर्म चूत में डाल दी।
उसकी चूत ऐसे लग रही थी जैसे गर्म ज्वालामुखी दहक रहा हो।
करीब 7-8 मिनट में ही अंजलि झड़ गई।

फिर मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया, कुछ समय लण्ड चूसने के बाद अंजलि उठ गई और अपने गोल-गोल मम्मे मेरे मुँह पर रगड़ने लगी। मैंने उसकी कठोर चूची मुँह में लेकर चूसनी शुरू कर दी।

फिर अंजलि बोली- अब और मत तड़पाओ… अब मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दो।

मैंने भी देरी नहीं की और अंजलि को घोड़ी बना कर उसकी चूत में अपना मोटा लण्ड पेल दिया।
वो तड़प उठी ‘उह्ह्ह हाह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह’ और बोली- इस लोहे के सरिए को बाहर निकालो… मैं मर गई..!
मैंने देर नहीं की और फटाक से अपना पूरा लण्ड चूत में पेल दिया और उसकी कमर को कस कर पकड़ लिया और जोर-जोर से चूत चोदने लगा।

पहले तो वो तड़प रही थी, पर अब उसको मज़ा आ रहा था और उसके मुँह से ‘उह्ह… अह्ह्ह.. जोर से चोदो.. फाड़ दो.. फुद्दी को… ओउछ्ह्ह.. मर गई आह ओह्ह्ह..!’ निकल रहा था।

उसे ऐसा करते देख मैं और जोर से धक्के मारने लगा।

फिर अंजलि ने मुझे जोर से पकड़ लिया और अपनी बुण्ड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी, मैं पूरे उत्साह के साथ उसको चोद रहा था।
करीब 10 मिनट बाद वो झड़ गई और उसकी चूत से पानी बाहर निकला और मेरे टट्टों पर लग गया।

मैंने फिर उसको बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसकी टाँगें ऊपर करके उस की पानी से नहाई हुई चूत में अपना लण्ड डाल दिया।
अब उसको पूरा मज़ा आ रहा था और वो बोल रही थी- आज फुद्दी देने का मज़ा आया है।

फिर मुझे लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूँ, तो मैंने पूरी ताकत के साथ धक्के मारने शुरू कर दिए।
मेरे मुँह से भी अब ‘अह्ह्हह उह्ह ह्ह’ की आवाज आ रही थी।

फिर एक गर्म पिचकारी उसकी चूत में पड़ी और मेरा सारा मज़ा अन्दर ही निकल गया।

मैंने अपना लण्ड निकाला और अंजलि के मुँह में डाल दिया।

उसने जो मज़ा मेरे लण्ड पर लगा था, चाट कर पूरा साफ कर दिया।

उसके बाद तो मैंने अंजलि मैडम की बहुत फुद्दी और गांड मारी।

हेल्लो दोस्तो! Sex Stories

मैं आज आप सबको यह सच्ची कहानी बता Sex Stories रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी साली को चोदा।
यह उन दिनों की बात है जब मेरा रिश्ता पक्का हुआ था। मेरी बीवी की 3 बहने हैं। एक बड़ी ओर दो छोटी।

सगाई के बाद मैं एक बार किसी काम से अपनी बड़ी साली के घर पर गया तो पता चला कि उसका पति टूर पर बाहर गया हुआ है और 3 दिन में वापिस आएगा।

मैं वहाँ रात को पहुँचा था। मेरी साली मुझे देख केर बहुत खुश हुई। उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक आ गई थी। खाना खाने के बाद हम बातें करने लगे। मेरी बड़ी साली का नाम रीना है।

बातें करते करते मैंने कहा- मुझे नींद आ रही है तो उसने मुझे अपने साथ वाले कमरे में सोने को कहा। थोडी देर के बाद रीना मेरे पास आ कर बैठ गई।
मैंने शरारत में कहा- साली जी! क्या ख्याल है! आप के इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे।

तो वह बोली- यह जीजा साली का रिश्ता होता ही है ऐसा कि इसमें शरारत तो होती ही है। उसने नाईट गाऊन पहन हुआ था। मैंने धीरे से अपना पैर उसके पैर से छू दिया तो वोह मुस्कराने लगी।
मैं समझ गया कि मामला साफ़ है। मैंने उसे कहा- रीना पास आ जाओ और वोह मेरे पास आ कर लेट गई।
मैंने उसे कहा- तू कितनी सेक्सी है!
तो वह बोली- शर्म नहीं आती! साली पर लाइन मार रहे हो?
तो मैं बोला- अब तो साली की चूत मारूंगा!

यह सुन कर वोह मेरे से लिपट गई। मैंने उसका गाऊन उतार दिया, अब वोह बिल्कुल नंगी थी। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और उस से लिपट गया और उस पर टूट पड़ा। मैंने उसके नंगे बदन को चूमना और काटना शुरू कर दिया।
वोह भी गर्म हो गई और कहने लगी- जीजू अपनी साली को चोद दो। जब से तुम्हें देखा है, तुमसे चुदने के लिए तरस रही हूँ!
मैंने अपना लण्ड उसके मुहँ में डाल दिया और वोह उसे प्यार से चूसने लगी।
फिर वोह बोली- मुझे अपने ऊपर आने दो।

वह मेरे ऊपर आ गई और मेरा लण्ड अपनी चूत में डाल कर आगे पीछे होने लगी और मेरे मुहँ में अपना निप्पल डाल दिया।
मैं उसके निप्पल को चूसने लगा और वोह झड़ गई।
फ़िर मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे काफी देर तक चोदा।
उसके बाद 3 दिन तक उसे रोज 3-3 बार चोदा। मैंने उससे बाकी सालियों को चोदने के बारे में भी पूछ लिया जो मैं आप को बाद में बताऊँगा।
मैंने अपनी शादी वाले दिन अपनी छोटी साली को कैसे चोदा। Sex Stories

Sex Stories

हाय दोस्तो, मैं अन्तरवासना का Sex Stories नियमित पाढ़क हूँ और मैं इस पर छपने वाली हर कहानी को बड़े ही मजे से पढ़ता हूँ।
तो चलो आते हैं मेरी कहानी पर।

मेरा नाम देव है और मैं दिखने में ठीक-ठाक और 20 साल का एक अच्छा लड़का हूँ। मैंने कभी भी किसी लड़की को गलत नजर से नहीं देखा था।

यह घटना लखनऊ की है और मेरे पापा की पोस्टिंग के बाद मैं बटिण्डा(पंजाब) चला गया। इस घटना के बाद मेरा लडकियों के प्रति नजरिया बदल गया।

बात उन दिनों की है जब मैं बारहवी कक्षा में पढ़ता था। चूँकि मैं सांइस विषय से था इसलिए मुझे लड़कियों के साथ पढ़ने का काफी मौका मिलता था। मैं और मेरी कुछ 2 या 3 लडकियाँ दोस्त अक्सर गेम्स के समय थोड़ा पढते थे और थोड़ा मौज-मस्ती किया करते थे।

यह बात मेरी ही क्लास के कुछ लड़के और लड़कियों को अच्छी नहीं लगती थी और वह मुझे कभी-कभार इस बात को लेकर मजाक भी किया करते थे।

मेरी ही क्लास में एक लड़की थी जिसका नाम पूजा था। वह दिखने में एकदम किसी फिल्म की हीरोइन की तरह लगती थी, उसकी आँखों में एक अजब सा नशा दिखाई पढ़ता था। वह अभी कच्ची उम्र यानि कि करीब 18 साल की रही होगी और वह देखने में गोरी और चिकनी थी। वह मुझसे जब भी मिलती तो मुस्कुरा देती और मुझसे शरारत भरे सवाल पूछती कि तुम उन लड़कियों के साथ क्या करते रहते हो? वगैरह-वगैरह और मैं कह देता था कि बस पढ़ता ही तो हूँ और क्या करता हूँ। उस समय मैं उसकी शरारत भरी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था और उसे अक्सर टाल जाता था।

ऐसे ही महीने बीतते गये और मेरे फाइनल पेपर के लिए कुछ महीने शेष रह गये। तब मुझे भी अन्य विद्यार्थीयों की तरह पेपर में अच्छे नंबर लाने के लिए एक कोचिंग सेन्टर में प्रवेश लेना पडा़। एक दिन मैं थोड़ा सा बिमार पड़ गया और मैं उस दिन कोंचिग क्लास नहीं ले पाया। मेरी आदत थी कि मैं कोचिंग शुरु होने से पहले ही वहाँ पहुँचकर अपने दोस्तों के साथ थोड़ी यहाँ-वहाँ की बातें करता था।

अगले दिन रोज की तरह मैं कोचिंग गया तो मेरे दोस्तो ने बताया कि कल ही तुम्हारे स्कूल की एक लड़की ने यहाँ ऐडमिशन लिया है और उसका नाम पूजा है। मेरी तो यह सुन कर सिटी-पिटी गुम हो गई। मैन सोचा कि अब वह मुझे यहाँ भी चिढ़ायेगी।

मैं उसकी शरारतों से बहुत ही डरता था। अभी कुछ ही देर हुई थी कि वह कोचिंग क्लास में आ गई। मैंने उसे वहाँ देखा तो देखते ही रह गया, वह पीले पटियाला सूट में एकदम पटाका लग रही थी। उसने मुझे देखते ही हाय किया और मैंने उसे अनदेखा करते हुए यहाँ-वहाँ देखने लगा। जब क्लास खत्म हो गई और मैं वहाँ से जाने लगा तो उसने मुझे पीछे से रोका और मुझे आवाज दी। मैं वहाँ ही रुक गया।

उसने कहा- तुम भी यहाँ पढ़ते हो?
तो मैंने कहा- हाँ!
उसने कहा- कबसे?
मैंने कहा- 10 दिन से।
उसने कहा- क्या हम साथ चल सकते हैं?

तो मैंने बहाना बना दिया और वहाँ से चला गया। दरअसल उसका घर मेरे घर के रास्ते में ही पड़ता था।

ऐसे ही कुछ दिन बीत गये और एक दिन क्लास के समय पूजा की तबीयत अचानक खराब हो गई। सर ने पूछा- क्या हुआ?

तो उसने कहा- कुछ नहीं! बस सर दर्द हो रहा है! और वह एक तरफ सर झुका कर बैठ गई।

जब क्लास खत्म हो गई तो भी वह वैसे ही बैठी हुई थी। सर उसके पास गये और उसकी तबीयत देखकर कहा- क्या कोई इसके घर के पास रहता है?

तो उसकी सहेलियों में से एक ने मेरा नाम बताया।
सर ने मुझे कहा- अब तुम इसको घर तक पहुँचाओगे।

मैं भी क्या करता, मुझे भी हाँ करनी पड़ी। हम दोनों साइकिल से ही जाते थे तो रोज की तरह मैंने साइकिल उठाई और आज पूजा को साथ लेकर चलने लगा।

पहले तो मैंने उससे कुछ नहीं कहा, क्योंकि घर थोड़ी दूर था इस लिए उसने ही पहले शुरुआत करते हुए पढ़ाई कैसी चल रही है वगैरह-वगैरह के बारे में पूछा। रास्ते में बातें करते करते अब मैं उससे थोड़ा नजदीक आ गया था। उसने अपने घर के बारे में बताते हुए कहा कि उसको घर में रहना बहुत बेकार लगता है क्योंकि उसके मम्मी-पापा हमेशा लड़ते रहते थे। मेरी बातों ही बातों में उससे दोस्ती हो गई।

अब मैं जानने लगा कि वह इतनी भी दिल की बुरी नहीं है जितना कि मैं उसको समझता था। अब तो क्या था वह रोज मेरे साथ कोचिंग जाने और आने लगी। अब वह मेरे लिए दोस्त से बढ़कर थी। परीक्षा शुरु होने में अभी दो हफ्ते शेष रह गये थे और अब हम लोग घर में रहकर ही परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए थे।

एक दिन अचानक मुझे उसका फोन आया और उसने कहा कि उसके सर के दिए हुए कुछ नोटस खो गये हैं और मुझसे मेरे नोटस मँगवाये। मैं कुछ ही देर बात उसके घर पहुँच गया।

उसने मेरा स्वागत किया और कुछ चाय-बिस्किट वगैरह लाकर टेबल पर रख दी।
मैंने उससे पूछा- क्या घर पर कोई नहीं है?
तो उसने कहा- चाचा जी के लड़के की शादी है इसलिए सब कानपुर गये हुए हैं!

अब वह मुझे अपने कमरे में ले गई और उसने मेरे नोटस ले लिए और फिर हम दोनों कुछ बाते करने लगे। आज मैंने उसकी आँखों में कुछ अजीब से शरारत देखी।

बातें करते-2 उसने मुझे कहा- मैं तुमसे प्यार करती हूँ।

उसकी यह बात सुन कर मेरा दिल उछलने लगा क्योंकि दिल ही दिल में मैं भी उसको चाहने लगा था। उसकी यह बात सुनकर मैंने भी उसे अपने प्यार का इजहार कर दिया। उसी समय टीवी पर ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ आ रही था और उसमें पल-पल हर पल वाला गाना चल रहा था। आप लोग तो जानते ही होंगे कि वह कितना प्यारा रोमांटिक गाना है।

गाने को देखकर पूजा मुझसे लिपट गई और कहने लगी- देव मुझे इतना प्यार दो कि मैं आज तुम्हारे प्यार से भर जाऊँ।

उसने मेरे औंठों पर अपने गुलाबी औंठ रख दिया। इतना प्यार पाकर मेरे अन्दर का मर्द भी जाग गया और मैंने भी उसे जी भरकर चाटना-चूमना शुरु कर दिया। इतना प्यार पाकर हम दोनों काम वासना की ज्वलंत अग्नि में जलने लगे। हम दोनों का शरीर गर्मी से जला जा रहा था।

अब मैंने हिम्मत दिखाते हुए उसके कमीज को अलग कर दिया। वह थोड़ा शरमाने लगी। मैंने कहा- जान, अब क्यों शरमाती हो, मैं तो तुम्हारा ही हूँ। फ़िर सलवार निकालने के बाद तो उसके शरीर पर केवल ब्रा और पेन्टी ही शेष बाकी रह गये थे। उसके रसीले यौवनयुक्त शरीर को देखकर मैं पागल हुए जा रहा था।

उसने कहा कि मुझे ही नंगा किये जा रहे हो। अपने शरीर को भी तो दिखाओ?
मैंने कहा- अभी लो जान!

और मैं झट से नग्न अवस्था में उसके सामने खड़ा हो गया, उसने मेरे शरीर को ऊपर से नीचे तक निहारा और प्यार से मेरे छाती पर अपने औंठों का घुमाने लगी।

मेरा 6 इंच का लंड देखकर उसके मुँह खुला का खुला रह गया। मैं तो बस पागल ही हुए जा रहा था। अब मैं उसकी ब्रा को उठाने लगा तो उसने अपने हाथ आगे कर लिए। धीरे धीरे मैंने आगे बढ़ते हुए उसकी ब्रा को उसके कोमल से शरीर से अलग कर दिया। वह अब किसी परी की तरह लग रही थी। मैंने अब उसके स्तन चूसने प्रारंभ किये। हाय!! कितने सुख की अनुभूति मुझे हो रही थी मैं आपको बता नहीं सकता।

वह अब सिसकियाँ लेने लगी… हाय!! ऐसे ही! हाँ ऐसे ही!…हाय!!

यह सब उसके मुख से निकल रहा था। कुछ देर तक चूची का रस चूसने के बाद मैंने उस कच्ची कली की पैन्टी भी उतार दी।

अब उसके शरीर पर एक धागा तक शेष ना बचा था। उसके इस नग्न छरहरे कामुक बदन को देखकर तो शायद कामदेव भी शरमा जाए।

मैंने अब उसकी चूत को निहारा, बिल्कुल गुलाबी सा रंग, एक भी बाल न था उसकी चूत पर। अब तो सारा काम मुझे ही करना था।

मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत पर हाथ फिराना शुरु किया, पहले तो उसे कुछ गुदगुदी सी हुई फिर उसे मजा आने लगा, मैं अब एक अँगुली उसकी गुलाबी चूत के मुहाने पर रखकर अन्दर-बाहर करने लगा।

वह तो मानो पागल हो गई और कामवासना की आग में जलने लगी और कहने लगी- हाँ राजा!! ऐसे ही हाँ ऐसे ही!! ऊम… ऊमममम… ऊईईईईईई…

अब उसे बर्दाशत नहीं हो रहा था… थोड़ी देर बाद मैंने सोचा- अब बस बहुत खेल लिया अब इस लंड की प्यास भी बुझाई जाए और मैं अपने लंड को आगे लेकर उसकी चूत की ओर बढ़ा़।

उसने कहा- इतना बडा! मेरी चूत में कैसे जाएगा?

मैंने कहा- जानम! तुम बस देखती जाओ…!

उसने कहा- दर्द होगा?!
मैंने कहा- तुम्हें बिल्कुल भी दर्द न होने दूँगा।

यह सुनकर उसकी जान में जान आई। अब मैंने लंड को उसके योनि-द्वार पर रखा और हल्के से झटका मारा, लंड अभी थोड़ा सा ही अन्दर गया होगा कि उसकी चीख निकल पड़ी- हाय!!!! मर गईईईईई… आआआआ…

मैंने सोचा- लगता है गई भैंस पानी में। थोड़ी देर तक हम इसी अवस्था में रहे। उसकी कुंवारी चूत जानकर मैं पास ही पड़ी एक क्रीम उठाकर उसकी चूत के अन्दर बाहर लगाने लगा।

उसके कहा- यह क्या कर रहे हो?

तो मैंने कहा- जान घबराओं मत, इसको लगाने से तुम्हें दर्द की अनुभुति कम होगी और मेरा लंड आसानी से तुम्हारी इस प्यारी चूत में समा जायेगा।

उसने कहा- ठीक है!

उसकी तरफ से हरी झंडी मिलते ही मैंने फिर से एक बार चूत पर अपने लंड की दस्तक दी और मारा एक जोरदार शॉट, ऐसा करते ही उसकी चूत की सील फट गई और उसकी चूत का खून रिस-रिस कर चूत के छेद से बाहर बहने लगा और वह जोर से चिल्लाई-… हाय!! माँ मर गईईईई ईईईईईई…

हाय!!, मैंने सोचा कि यह क्या हो गया!!

मैंने जल्दी से नैपकिन लाकर उसकी चूत की सफाई करी। थोड़ी देर बात मैंने उससे कहा- क्या फिर से शुरु करें।

उस समय तक उसका दर्द कुछ कम हो गया था। मैंने उसे अपनी कसम दी तो वह मान गई।

मैंने अब फिर से एक बार डरते हुए लंड डाल दिया, वह अबकी बार थोड़ा कम चिल्लाई, मैंने अब हौले-हौले चुदाई शुरु कर दी।

थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा और वह कहने लगी- हाँ राजा ऐसे ही ऐसे ही… उममम… आआआ… हाय…
अब मैंने भी अपने पूरे जोर से चोदना चालू रखा।
मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं स्वर्ग में हूँ।

लगभग 15 मिनट की तेज चुदाई के बाद में झड़ने लगा, उसने कहा- बस थोड़ी और देर! मैं भी झडने वाली हूँ।

मैंने कहा- ले! मैं गया! और मैं अपने पूरे तेज के साथ उसकी चूत में झड़ गया और वह भी मेरे साथ झड़ गई। हम दोनों का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा और हम लगभग आधे घन्टे तक एक दूसरे के ऊपर ही चिपकर लेटे रहे।
फिर आधे घन्टे बाद मैंने उसे उस दिन फिर दो बार चोदा वह भी अलग-2 स्टायल में।

दूसरे ही दिन पूजा के मम्मी-पापा शादी से आ गये। फिर पेपर के बाद मेरे पिताजी की पोस्टिंग आ गई और उसके बाद फिर मैं उससे कभी नहीं मिल पाया।

यह थी मेरे पहले सेक्स की सच्ची कथा अन्तर्वासना डॉट कॉम पर। आशा करता हूँ कि आपको पसंद आयेगी।
किसी भी प्रकार की गलती के लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ। Sex Stories

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