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वैसे तो मेरा नाम ही संजू है Antarvasna गुजरात की औरतों की चूत में हलचल पैदा करने के लिये वैसे आप सभी दोस्त मुझे जानते ही हो।
एक दिन एक मेल आया और मुझसे कहा- कोन्टक्ट मी।
तो मैंने जवाब दिया और ऑनलाइन टाइम दिया।
दोस्तो, आप यकीन नहीं करोगे, उसने मेरे रिप्लाई के लिये 6 घंटे ऑनलाइन वेट किया था, उसने बाद में बताया था।
और मैं उसे मेल करके अपना पीसी बंद ही कर रहा था कि उसका रिप्लाई मेल ओन थिस स्पॉट आया और उसी वक्त हम ओन-लाइन मिले, मैंने उससे पूछा तुम कोन हो?
उसने बताया- मैं 24 साल की विवाहित औरत हूँ और आपकी कहानी मुझे बहुत पसंद आई।
मैंने पूछा- मैंने तो बहुत कहानियाँ लिखी हैं, आपको कौन सी पसंद आई?
उसने कहा- वो सुहागरात वाली।
मैंने उसे कहा- बोलिये, मैं आप के लिये क्या कर सकता हूँ?
उसने कहा- आप जानते ही हो।
मैंने कहा- सॉरी, मुझे नहीं पता कि तुम क्या कहना चाहती हो?
उसने कहा- मुझे बताने में शर्म आती है।
मैंने कहा- आपके और मेरे बीच जो बात होगी वो किसी तीसरे को पता नहीं चलेगी।
उसने कहा- आई वांट टू मीट यू एंड एन्जॉय विद यू !
मैंने कहा- आपका मतलब क्या है?
उसने कहा- तुम बड़े फ़ास्ट हो… ओ के… मैं तुम्हारे साथ सेक्स एन्जोय करना चाहती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है, बताओ कब, कहाँ मिलना है?
उसने कहा- मुझे नहीं पता, तुम ही बताओ।
मैंने कहा- बताओ तुम्हारा नाम क्या है और कहाँ रहती हो?
उसने कहा- मेरा नाम पायल है और मैं गुजरात में रहती हूँ।
आप समझ ही गये होंगे कि यह नाम बदला हुआ है।
मैंने कहा- आपके घर में कौन कौन है?
उसने कहा- मैं और मेरे पति।
मैंने कहा- तो क्या प्रोब्लम है? तुम्हारे घर पर ही मिलते हैं।
उसने कहा- नहीं, मुझे बहुत डर लगता है, किसी होटल में मिलें?
मैंने कहा- देखो, होटल से घर ज्यादा सेफ़ रहता है।
कुछ देर बाद उसने कहा- ओ के ! मेरे पति अगले मंगलवार को बिजनेस के काम से बाहर जाने वाले हैं। तुम मुझे अपना फ़ोन नम्बर दे दो, मैं तुम्हें काल करुंगी। मैंने कहा- ठीक है।
मंगलवार को उसने मुझे फोन किया उसकी आवाज़ बहुत ही सेक्सी थी उसके बात करने का अंदाज भी संजू सेक्सी था;
उसने कहा- मेरे हबी 12 बजे बाहर जाने वाले हैं, तुम एक बजे आ जाओ !
और अपना पता दिया।
मैं ठीक उसके दिये हुये टाइम पर उसके घर पर पहुंचा और डोरबेल बजाई तो उसने दरवाजा खोला।
मैं तो उसे देखता ही रह गया क्या लुक था उसका 5’6′ हाईट, गोरा रंग और सेक्स बम दिख रही थी।
मैं तो उसे देखता ही रह गया।
उसने पूछा- क्या है?
‘पायल?’
उसने हाँ में सर हिलाया, मैंने कहा- मैं सुनील हूँ।
तो उसने मुझे वेलकम किया और हम अंदर गये और उसने दरवाजा बंद कर दिया।
उसका फ़्लैट संजू शानदार था। उसने मुझे बैठने को कहा और वो पानी लेने किचन में चली गई।
उसने साड़ी नाभि के नीचे से बांध रखी थी और जब वो चल रही थी तो उसकी बैक साइड बैकलेस ब्लाउज़ होने की वजह से क्या कयामत ढा रही थी्।
वो पानी लेकर आई और पूछा- घर ढूंढने में कोई परेशानी तो नहीं हुई?
मैंने कहा- डियर, मैं इसी शहर में रहता हूँ, क्या परेशानी होती।
फिर उसने कहा- वेल, क्या पियोगे चाय, कोफ़ी या कुछ कोल्डड्रिंक्स?
मैंने कहा- डियर, आज मैं तुमको पीने के मूड में हूँ।
तो उसने एक मीठी सी मुस्कान के साथ अपनी आँखें बंद की और अपने होंठ आगे किये और कहा- लो डियर, पी लो, संजू गर्म हैं।
मैंने कहा- श्योर !
और हम फ़्रेंच किस करने लगे, मैं एक हाथ से उसके बालों, गर्दन और कमर को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी जांघें सहलाने लगा।
और हमारे लब और जीभ एक दूसरे में समा गये।
15 मिनट किस करने के बाद उसने कहा- सुनील, यहाँ नहीं, बेडरूम में चलो।
मैंने कहा- चलो जान !
वो मुझे बेडरूम में ले गई, वो आगे चल रही थी और मैं उसके पीछे !
बेडरूम में जाकर मैंने उसे पीछे से पकड़ कर अपने से जकड़ लिया और उसके उरोज दबाने लगा और उसकी गर्दन और कंधे पर चुम्बन करने लगा।
धीरे से उसके कान पर लव बाइट किया तो तिलमिला उठी और घूम कर मेरे सीने से लिपट गई।
मैं उसकी पीठ और हिप्स को सहलाता रहा और वो मुझे कसके पकड़े खड़ी रही।
फिर मैंने उसका चेहरा जो मेरे सीने में उसने छुपा लिये थे वो ऊपर किया और हम किस करने लगे।
मैंने उसके बूब्स सहलाते सहलाते उसकी साड़ी उतार दी और ब्लाउज़ के ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा।
वो आआअह्हह्ह आआअह्ह करने लगी।
फिर मैंने एक हाथ उसके पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत पर रखा तो वो पहले से ही गीली हो गई थी, मैंने चूत को थोड़ा सहलाया फिर उसके ब्लाउज़ और पेटीकोट को उतार दिया और वो मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। खुले रेशमी बाल ऐसा लगता था कि कोई मार्बल का स्टेच्यु हो वो किसी फिल्म में।
पायल को मैंने उसे सर से लेकर पांव तक उसके बदन के हर एक अंग को चूमा वो मेरे हर एक किस पर सिसकती जाती थी।फिर वो बोली- मुझे और मत तड़पाओ डियर… अब मुझसे सब्र नहीं होता।
उसने मेरे सारे कपड़े फ़टाफ़ट निकाल दिये और मेरी बदन को अपने हाथों से सहला के मेरे लौड़े को पकड़ कर सहलाने लगी और नीचे घुटनों के बल बैठ के मेरे लौड़े को मुंह में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी।
मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था दोस्तो, पूरी बोतल का नशा छा रहा था, मैं मदहोश हुआ जा रहा था, क्या बताऊं क्या हालत हुई थी मेरी उसके लंड चूसने से।
फिर मैंने उसे उठाया और हम बेड पे गये।
मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी और उसको लिटा कर उसे किस किया फिर उसके बूब्स क्या कयामत थे, उन्हें दबाया और उसकी निप्पल को चूसा।
जब मैं उसकी निप्पल पे अपनी जीभ घुमाता था तब वो आअह्हह स्सस्सहुसूऊऊओ और दबवूऊऊओ आआअ मज़ा आआअ रह्हह्हह आआअहे डियर !
सच कहूँ दोस्तो वो इतनी गोरी थी कि जब मैंने उसके चूचे दबाये तो वो एकदम लाल हो गये।
फिर थोड़ा नीचे होकर मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमाई तो वो मेरे बालों को पकड़ कर मुझे हटाने लगी।
फिर मैं थोड़ा और नीचे हुआ और उसके दोनो पैरों को खोल कर उसकी चूत पर मैंने अपने होंठ रखे और किस किया।
वो बोली- कितना तड़पा रहे हो सुनील, प्लीज़ जल्दी से खा जाओ इसे !
मैं उसकी क्लीन शेव चूत को बड़े मज़े लेकर चाटने लगा। मेरी जीभ से ही वो दो बार झड़ गई, उसकी आवाजें सुन कर तो मुझे ऐसा लगा कि वो जिंदगी मैं पहली बार चुदवा रही हो, ऐसा रियेक्ट कर रही थी।
उसने कहा- तुमने तो मुझे चाट कर ही ढीला कर दिया।
मैंने कहा- मेरी जान, तुमने एंजोय ही तो करना था न, बोलो हुआ कि नहीं एंजोय?
उसने कहा- हाँ बहुत…
फिर मैं साइड में लेट गया और वो मेरे लंड को थोड़ी देर चूसने के बाद मेरे लंड के उपर सवार हो गई।
क्या स्ट्रोक लगा रही थी वो।
दोस्तो जब वो मेरा लंड अपनी चूत में लिये आगे पीछे हो रही थी और आह्ह्हाअह कम ओन आह्ह्हाअह आआ अह आह कर रही थी, उसके बूब्स जो उछल रहे थे उसे देख कर मेरा सेक्स पावर और बढ़ गया वो मेरे सीने को सहलाते हुए स्ट्रोक कर रही थी और साथ साथ में किस भी कर रही थी और में उसके गोरे गोरे बूब्स भी दबा रहा था।
वो तो आह्ह्हाअह आह्ह्हाअह आआ अह आह कम ओन मी चोदो चोदो मुझे फ़क मी ! कर रही थी।
समझ में नहीं आ रहा था कि वो मुझे चोद रही है या मैं उसे चोद रहा हूँ।
वो ऐसे ही दो बार झड़ गई और बोली- बस अब और नहीं !
तो मैंने कहा- डियर, अभी तो तुम्हारा ही हुआ है, मेरा तो कुछ एंजोयमेंट करो !
तो वो साइड में लेट गई और मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी लाल लाल चूत में लंड डालकर उसे चोदने लगा।
थोड़ी देर में मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने कहा- आई एम कमिन्ग।
उसने कहा- डोंट वरी, अंदर ही डाल दो, मैं गोली ले चुकी हूँ।
और मैं उसे चोदते चोदते उसकी चूत में ही झड़ गया, मेरे माल से उसकी चूत चिकनी हो गई।
हम रिलेक्स होकर बेड पे लेट गये एक दूसरे को चिपक कर।
मैंने उससे पूछा- डियर, तुम क्या अपने पति से संतुष्ट नहीं हो क्या?
तो उसने कहा- मैं अपने पति से बहुत संतुष्ट हूँ।
तो मैंने पूछा- तो तुम मेरे साथ एंजोय करना क्यों चाहती थी?
उसने कहा- रोज एक ही तरीके के सेक्स से बोर हो गई थी, तो सोचा कुछ अलग करुं।
मैंने कहा- तो कैसा रहा?
बोली- आई एम वैरी हैपी!
तो मैंने कहा- जिसको जो चाहिये वो मिल ही जाता है।
तो बोली- लेकिन हम ये सब दोबारा नहीं करेंगे।
मैंने उसे कहा- डियर जो तुम्हारी मर्जी !
फिर हम बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुए और फिर मैं कपड़े पहन अपनी फ़ीस लेकर वापस चला आया और फिर हम एक दूसरे को भूल गये, न ही कभी उसने मुझे सम्पर्क किया न ही मैंने कभी। Antarvasna
नई जवानी थी … कुछ Antarvasna Sex Stories ही देर में वो फिर से तरोताज़ा था।
मेरी चूत को अब उसका लंबा और मोटा लौड़ा चाहिये था। उसके लिये मुझे अधिक इन्तज़ार नहीं करना पड़ा।
मैंने उसे अपनी चूंचियाँ दर्शा कर प्यार से फिर उकसाया। उसका नंगा बदन मुझे बार बार चुभ रहा था … मेरी चूत उसका लण्ड देख कर बार बार फ़ड़फ़ड़ा रही थी। पर मन की बात कैसे कह दूँ … स्त्री सुलभ लज्जा के कारण बस मैं उसके लण्ड को बड़ी तरसती हुई नजरों से देख रही थी।
“भाभी आपने तो कपड़े पहन लिये … ये क्या … मुझे देखो … मेरा तो लण्ड … ” मैंने शरम के मारे उसके मुख पर अंगुली रख दी, पर वो तो मेरी अंगुली ही चूसने लगा।
“आह्ह्ह सुनील, ऐसा मत बोल … तूने तो मेरी पिछाड़ी को आज मस्त कर दिया … अब और क्या मुझे पूरी नंगी करेगा … “
“देखो अगर नहीं हुई तो ,मैं जबरदस्ती नंगी कर दूंगा … तुम्हें एक बार तो दबा के चोदना तो है ही !” मेरा मन एक बार फिर से उसके हाथों नंगा होने को और चुदने को मचल उठा।
“देखो बात तो बस छूने तक ही थी ना … ये और कुछ करोगे तो मैं मारूंगी … हांऽऽऽऽऽ !”
मुझे पता था कि अब वो मुझ पर लपकेगा। ऐसा ही हुआ … उसने मुझे हाथ पकड़ कर अपने पास खींच लिया और एक झटके में मेरा टॉप उतार दिया। मेरा पतला और झीना सा पजामा उतारने में भी उसे कोई परेशानी नहीं हुई, क्योंकि मैं स्वयं भी तो चुदना चाह रही थी … वो भी पूरी नंगी हो कर, मस्ती से शरीर को उसके हवाले करके … अब हम दोनों कुछ ही पलों में पूरे नंगे थे। मेरा दिल फिर से लण्ड के चूत में घुसने के अहसास से धड़क उठा … उसने मुझे अपनी बाहों में कस कर ऊपर उठा लिया, और अब … … मैंने भी शरम छोड़ दी … अपनी दोनों टांगे उसकी कमर से लपेट ली। उसका लण्ड मेरी गाण्ड पर फिर से छूने लगा। उसने मुझे बिस्तर पर पटक दिया। मैंने उसे झटके से पलट कर नीचे कर दिया और उस चढ़ बैठी और अपनी चूंचियाँ उसके मुख में ठूंस दी।
“मेरे सुनील … मेरा दूध पी ले … जरा जोर से चूस कर पीना … !” मैंने उसके बालों को जोर से पकड़ लिया और चूंचियां उसके मुँह में दबाने लगी। उसका मुख खुल गया और मेरे कठोर निपलों को वो चूसने लगा।
मेरा हाल बुरा होता जा रहा था। चूत बेहाल हो चुकी थी और लण्ड लेने को लपलपा रही थी। पानी की बूंदें चूत से रिसने लग गई थी। लण्ड को निगलने के लिये चूत बिलकुल तैयार थी।
उसने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ भींच लिये। मेरी चूत के आस पास उसका लण्ड तड़पने लगा। मैं थोड़ा सा नीचे सरक गई … और लण्ड को चूत के द्वार पर अड़ा लिया। अब देर किस बात की बात की … उसके लण्ड ने एक ऊपर की ओर उछाल मारी और मेरी चूत ने उसके लण्ड को लीलते हुये, नीचे लण्ड पर दबा दिया … फ़च की आवाज के साथ भीतर तक रास्ता बनाता हुआ जड़ तक बैठ गया।
मैंने अपनी चूंचियाँ उसके मुख से निकाली और अपने होंठ से उसके होंठ दबा लिए।
“आह्ह्ह्ह् … ठोक दिया ना … ईह्ह्ह्ह्ह … साला अन्दर मुझे गुदगुदा रहा है !” मुझे चूत में उसके लण्ड का मीठा मीठा अहसास होने लगा था।
“मुझे भी भाभी … आपका जिस्म कितना मस्त है चोदने लायक …! ” उसके मुँह से चोदना शब्द बड़ा प्यारा लगा। मुझे लगा कि सुनील मुझसे इसी भाषा में मुझसे बोले …
पति के सामने ये सब नहीं कह सकते थे ना। सो मैंने भी जानकर ऐसी भाषा प्रयोग की।
“तेरा लण्ड भी सॉलिड है … मेरी गाण्ड भी कितनी प्यारी मारी थी … सुनील !”
मैं उसके लण्ड पर अपनी चूत मारने लगी। लण्ड बहुत ही प्यारी रग़ड़ मार रहा था। मुझे चूत घर्षण करते चुदाने में आनन्द आ रहा था। कुछ देर ऐसे ही चुदने के बाद मुझे जाने क्या लगा कि मैं उस के ऊपर सीधी बैठ गई और धच से उसके लण्ड पर चूत मारी और खुद ही चीख पड़ी … भूल गई थी कि उसका लण्ड मेरे पति से पूरे एक इन्च अधिक लंबा था। वो तो मेरी बच्चेदानी से जोर से टकरा गया था। पर दर्द के साथ बहुत ही जोर का आनन्द भी आया।
” सुनील … उईईईईई चुद गई, तेरे लण्ड का तो बहुत मजा आ रहा है … तू भी नीचे से मार ना … चोद दे राजा … मेरी चूत को फ़ाड़ दे … !”
“भाभी … मेरा लण्ड भी तो चुद गया … आह्ह आपकी प्यारी चूत … मादरचोद इस चूत को चोद डालूँ … “
“तेरी मां की चूत … भेन चोद … तू मुझे आज चोद चोद कर निहाल कर दे … !” मैं गालियां बोल बोल कर अपनी मन की भड़ास निकाल रही थी। मेरे दिल को ऐसा करने से बहुत सुकून आ रहा था। मैंने कुछ रुक कर फिर से ऊपर से चूत को फिर से जोर से मारी … एक नया और सुहाना मजा … लम्बे लण्ड का … फिर तो ऊपर से धचा धच लण्ड के ऊपर अपने आप को पटकते चली गई ।
” आप गालियाँ देती हुई बहुत प्यारी लग रही हैं … आजा अब मैं तेरी मां चोद देता हूँ … भोसड़ी की … रण्डी … कुतिया … फ़ुड़वा दे अपनी भोसड़ी को … दे चूत … चुदवा ले मस्त हो कर … !”
“मेरे प्यारे हरामी … मादरचोद … मेरी भोसड़ी चोद दे … बस अब मुझे नीचे दबा ले और साली चूत की चटनी बना दे …! ” कहते हुये हम दोनों ने पलटी मार ली और वो मेरे ऊपर सवार हो गया। उसकी कमर, मैंने सोचा भी नहीं था, ऐसी जोर जोर से चलने लगी, कि मुझे आनन्द आ गया। मैं तबियत से चुदने लगी।
“हाय मेरे चन्दा, चोद दे मुझे … राजा … मेरी फ़ुद्दी को मसल डाल … तेरा लौड़ा … तेरी मां की … चूत फ़ाड़ दे मेरी … !” मैं अनाप शनाप गालियाँ देकर चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी।
“आह, मेरी रानी … तेरी चूत का चोद्दा मारूँ … भोसड़ी की मदरचोद … चुदा ले जी भर के … मेरी कुतिया … छिनाल … साली रण्डी … आह्ह्ह्हऽऽ !” उसकी प्यारी सी मीठी गालियाँ जैसे मेरे कानो में शहद घोल रही थी, मेरे शरीर में तरावट आने लगी, सारा जिस्म मीठे जहर से भर गया। लग रहा था मैं कभी ना झड़ूँ … बस जिन्दगी भर चुदाती ही रहूँ … ये मजा पति की चुदाई से अलग था … कुछ जवानी का अल्हड़पन … थोड़ा सा जंगलीपना … मीठी मीठी गालियोँ की मीठी चुभन … मैंने भी आज जी खोल कर सारी गन्दी से गन्दी गालियाँ मन से निकाली … और एक जबरदस्त सुकुन महसूस किया … ।
पर ये आनन्द कब तक बरकरार रहता …! मेरी चूत और जिस्म जिस तरह से रगड़े और मसले जा रहे थे … उसका असर चूत पर ही तो हो रहा था। मेरा जिस्म ऐंठने लगा और आनन्द को मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकी … मेरी चूत जोर से झड़ने लगी। मेरी चूत में लहरें उठने लगी … तभी सुनील ने मेरे ऊपर अपने आपको बिछा लिया और लण्ड को चूत में भीतर तक दबा लिया। उसके कड़कते लण्ड ने मेरी बच्चादानी को रगड़ मारा … और चूत में उसका वीर्य छूट पड़ा। वो अपने लण्ड को बार बार वीर्य निकालने के लिये दबाने लगा। वीर्य से मेरी चूत लबालब भर चुकी थी। वो निढाल हो कर एक तरफ़ लुढ़क पड़ा। मैंने भी मस्ती में अपनी आंखें बन्द कर ली थी। सारा सुख और आनन्द अपने में समेट लेना चाहती थी।
रात के बारह बजने को थे … मैंने अपनी एक टांग सुनील की कमर में डाल दी और जाने कब मेरी आंख लग गई। हम दोनों नंगे ही लिपटे हुये सो गये।
मेरी आंख सुबह ही खुली। उजाला हो चुका था। सुनील सो रहा था। मैंने उसके लण्ड को और उसके आण्ड को सहलाना शुरू कर दिया। वह नींद में सीधा लेट गया।
उसके लण्ड में तनाव आने लगा था। उसकी नींद भी उचटती जा रही थी। अब उसका लण्ड पूरा खड़ा हो गया था … मैं धीरे से उठ कर दोनों पांव इधर उधर करके उसके लण्ड के पास सरक आई। मैंने अपनी चूत के दोनों पटो को खोला और उसके लाल सुपाड़े पर रख दिया। मेरी गुलाबी चूत और उसका गुलाबी सुपाड़ा, लगता था कि दोनों एक दूजे के लिये ही बने हैं। मैंने सुपाड़ा अपनी चूत में डाल कर थोड़ा सा दबाव डाल कर उसे भीतर समा लिया। फिर सुनील पर झुकते हुये उस पर लेट गई। चूत को और दबा कर लण्ड को भीतर तक समेट लिया। सुनील जाग उठा था।
उसने मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे चिपका लिया। मैं उसे चूमने लगी। उसकी कमर अब हौले हौले नीचे से चलने लगी और अपनी कमर भी ऊपर से चूतड़ दबा दबा कर मैं चलाने लगी। मैं फिर से चुदने लगी … एक दूसरे में समाये हुये फिर से आनन्द में भर उठे … मैंने झुक कर उसकी गर्दन के पास अपना चेहरा छुपा लिया और अपनी जुल्फ़ों को उसके चेहरे पर बिछा दिया, और आंखे बंद करके चुदाई का मधुर आनन्द लेने लगी … । हम दोनों नंगे जिस्म की रगड़ का मद भरा अनोखा आनन्द लेने लगे …
पाठको से भी मेरा निवेदन है कि उन्हें भी जब चुदाई का ऐसा सुनहरा मद भरा मौका मिले तो उसका लुफ़्त नजाकत से पूरा पूरा उठाईये … क्योंकि ऐसे सुनहरे मौके जिन्दगी में कम ही आते हैं … शादी-शुदा को दूसरों से चुदाने का कोई हक नहीं है ऐस ना सोचें ! … यह तो बस दो पल का मधुर आनन्द है … किसी को पता भी नहीं चल पायेगा … ये छोटे छोटे पल ही आपकी जिन्दगी की खुशी हैं … ये आपको भविष्य में भी सोच सोच कर गुदगुदाती रहेंगी … Antarvasna Sex Stories
हाय दोस्तो Hindi sex stories , मेरा नाम नवीन है, मैं जयपुर से हूँ. मेरी उम्र 28 साल है और मैं शादीशुदा हूँ. मैंने अन्तर्वासना की काफी सारी सेक्स स्टोरी पढ़ी हैं.
मुझे देसी सेक्स में चुदाई की कहानी पढ़ने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आता है. अक्सर सुबह की चाय के बाद मैं सबसे पहले अन्तर्वासना खोल कर रोज प्रकाशित होने वाली नई सेक्स स्टोरी को पढ़ता हूँ.
तमाम सेक्स स्टोरी पढ़ने के बाद मैंने भी अपनी अन्तर्वासना लिखने का सोचा. मेरी भी एक स्टोरी है, लेकिन मैंने झिझक के चलते उसे कभी लिखा नहीं, पर आज आप सबके लिए मैं अपनी उस कहानी को लिख रहा हूँ.
जैसा कि मैंने लिखा कि मैं शादीशुदा हूँ और मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं. मेरी एक साली है. वो 18 साल की है. अभी एक साल पहले तक तो मैंने उससे इस तरह की नज़र से नहीं देखा था, लेकिन उसकी तरफ से हरी झंडी मिलने पर मैं उसके लिए कुछ उत्तेजित हो गया.
इधर समस्या ये थी कि पहल कौन करे. मैं जयपुर में था और वो जयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर एक छोटे से कस्बे में थी. उससे फोन पर ही बातें होती थीं. मैं फोन पर उसे इस बात के लिए राजी कर भी लेता कि मैं क्या चाहता हूँ. तब भी मुझे कुछ शंका थी. क्योंकि लड़कियों की आदत होती है ना कि जल्दी से सब चाहते हुए भी हां नहीं करती हैं.
इसालिए एक दो बार जब उसकी खुली हंसी मजाक से आगे बढ़ कर, मैंने उसे एडल्ट जोक आदि सुना कर चुदाई के पूरे मूड में ला दिया और ये तय हो गया कि वो चुद सकती है. लेकिन वो सब बात हो जाने के बाद मना कर देती थी कि किसी को पता चल जाएगा … तो क्या होगा जीजाजी.
मैंने उससे कहा- किसी को पता नहीं चलेगा, मैं मौका देखकर ही काम करूंगा.
वो मुझ पर पूरा भरोसा करती थी और मुझे पसंद भी बहुत करती थी. उसे मेरी नाराज़गी पसंदगी सबका बड़ा ख्याल रहता है.
उससे यूं ही बात होती रही. हम दोनों अब बातों में पूरी तरह से खुल गए थे.
फिर उससे मिलने की चाहत ने जोर मारा तो एक दिन मैं अपनी ससुराल आ गया. मेरी ससुराल में सास ससुर दो साले … दो सालियां … और साले की बीवियां हैं.
मेरे पास उस वक्त 800 मारुति कार थी. मैं उसी से ही ससुराल गया था. मैं जब भी ससुराल जाता हूँ, तो दो दिन तक उधर रुकता हूँ. इस दौरान सब लोग आस पास कहीं भी मेरी कार में बैठकर घूमने भी जाते हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ. वो मेरे बगल की सीट पर आगे बैठ गई. पीछे दोनों सलहजें थीं.
वहां पर वो मौका लगते ही मेरे करीब आ जाती और सेक्सी बातें करने लगती थी.
सच बताऊं तो मैंने अभी तक उसे टच नहीं किया था क्योंकि मैंने उससे कह दिया था कि जब तक वो खुद से नहीं चाहेगी, मैं उसे टच नहीं करूंगा. इसलिए मैं उससे बस ये ही बात करता और उस पर जोर देता कि वो मान जाए.
लेकिन वो चाहती थी कि मैं सही मौके के इन्तजार में रहूँ. ये कहा तो नहीं उसने पर मुझे ऐसा लगा.
इस बार भी मैं खाली हाथ लौट आया. साली मेरे लंड के नीचे नहीं आ सकी. इस तरह मैंने दो तीन बार ससुराल के चक्कर लगाए, पर वो मुझसे चुद न सकी.
आखिरी बार अभी तीन महीने पहले जब मैं अपनी ससुराल गया, तब तक मैं उससे अन्दर टच नहीं कर सका था. पर मैं उसे और वो मुझे, सेक्सी बातों से उत्तेजित कर देते थे.
इस बार मैं ससुराल गया, तो हम लोग वहां से हरियाणा के एक धार्मिक जगह पर घूमने गए. जो वहां से डेढ़ घंटे की दूरी पर थी. मारुति में कितनी सी जगह होती है, तब भी तीन आगे और 4 पीछे बैठ गए. मेरे ससुर और बड़े साले सलहज को छोड़कर बाकी सब गए थे. वो हमेशा की तरह मेरे बाजू में आगे बैठ गई थी. मतलब आगे मैं ड्राईवर सीट पर और मेरे बगल में मेरी साली और उसके बगल में मेरा छोटा साला था. यानि वो बीच में थी. बीच में जहां पर गाड़ी के गियर होते हैं, उसके दोनों तरफ उसकी टांगें थीं. एक टांग तो मेरी टांग से सटी हुई थी और एक टांग मेरे साले से. उसकी दोनों टांगों के बीच में गाड़ी का गियर था.
मैं तो पहले से ही गरम था. उधर वो भी मुझे बड़ी ही नशीली आंखों से देख रही थी. मैं गाड़ी ड्राइव कर रहा था … तो गियर लगाते हुए मैंने पहल कर दी. जब भी मैं गियर बदलता, उसकी जांघों को टच करता था.
वो सलवार सूट में थी. लड़कियों का पजामा ढीला ढाला होता ही है, उसमें से मैं उसकी जांघ को रगड़ कर टच करता … फिर अपना हाथ गियर पर ही रखे रहता. मौका पाते ही मैं अपना अंगूठा उसकी चूत के पास रगड़ देता था.
जब हम जा रहे थे, तो दिन का उजाला था, सो मैंने ज्यादा रिस्क लेना ठीक नहीं समझा. मैं उसको सिर्फ टच ही करता रहा. जब भी मैं गियर लगाता, तो उसकी जांघों को सहला देता था. वो कसमसा जाती थी और मेरी तरफ झुकी नज़रों से देखती थी.
गियर लगाते टाइम मेरी कोहनी उसके मम्मों पर आती थी, तो वो भी अपने मम्मों को मेरी कोहनी पर रगड़ देती थी. ये सिलसिला करीब करीब पूरे रास्ते चला. फिर हम वहां पहुंच गए.
वो मुझसे वहां पर नजरें मिलाती और मुस्कुरा देती थी. मैं भी चुदास से भर कर मुस्कुरा कर जबाब दे देता. बस ये ही चलता रहा … हम दोनों एक दूसरे से कहते कुछ भी नहीं.
अब वापस आते टाइम शाम हो चुकी थी और अंधेरा हो चुका था.
उस अंधेरे में मैं अपने आपको उसकी तरफ से आमंत्रित समझ कर अपने बाएं हाथ को गियर लगाने के बाद उसकी जांघों को कस कर दबाता रहा. उसने भी अपनी टांगें खोल रखी थीं. मैं अपने हाथ को उसकी चुत पर भी ले जाने लगा, तो वो कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो रही थी. मेरी कोहनी उसके मम्मों को रगड़ रही थी. इससे मेरा लंड काफी कड़क हो चुका था.
फिर मैं थोड़ी देर बाद उसकी चुत में पजामे के ऊपर से ही अपनी उंगली से रब करने लगा और उंगली से धक्का लगाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उस अंधेरे में महसूस किया कि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वो मस्त हो गई थी. इस दौरान ना मैं उससे कुछ बोल रहा था … और न ही वो मुझसे कुछ कह रही थी. बाकी सब लोग गाड़ी में बातें कर रहे थे और किसी को हमारी इस रासलीला का कुछ पता नहीं था. क्योंकि वो लोग सब मुझे बहुत ही शरीफ़ मानते हैं.
जब हम सब घर पर पहुंचे, तो वो मुझसे कुछ नहीं बोली, पर मैंने उससे मुस्कुरा कर एक आंख से इशारा किया. वो मुस्कुरा कर बाथरूम में चली गई.
फिर वो मेरे पास जिस कमरे में मुझे सोना था, उधर आ गई थी. ये कोई नया नहीं हुआ था, पहले भी जब भी मैं कमरे में जाता था, तो वो मेरे पास आ कर बैठ जाती थी और मुझसे बातें करने लगती थी, इसलिए उस दिन भी वो मेरे पास आ गई. मैं बेड पर लेटा हुआ था और उससे कोई बात नहीं कर रहा था.
पर मैं उसकी बेचैनी को समझ सकता था. उसने आंखों ही आंखों में मुझसे बहुत कुछ बोल दिया था.
मैंने मौका देखकर उसका हाथ पकड़ लिया और दबाने लगा. वो कुछ भी नहीं बोली. तो मैंने उसके हाथ को सहलाते हुए मेरे हाथ को उसके कंधों पर ले गया और सहलाने लगा. उसने सर झुका लिया, तो मैंने थोड़ा और आगे बढ़ते हुए उसके मम्मों को दबा दिया और सहलाने लगा.
तभी वो बोली कि जीजू कोई देख लेगा.
मैंने कहा कि सब सो गए हैं, कोई नहीं देखेगा.
वो नहीं मानी, तो मैंने उससे कहा कि मैं ऊपर छत वाले बाथरूम में जा रहा हूँ, तुम भी आ जाना.
उन दिनों गर्मी के दिन थे, मैं चला गया. वो कुछ देर बाद आ गई.
मैंने उसे वहां पर पकड़ लिया और चूमने और सहलाने लगा. मैं उसके शरीर के हर हिस्से को सहलाने लगा. वो नाइटी में थी और अन्दर उसके मम्मों पर ब्रा भी नहीं थी. मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गई थी.
पर मैं उसे वहां पर चोदूं कैसे, ये समझ नहीं आ रहा था. क्योंकि कोई भी वहां आ गया, तो मेरी तो वाट लग जाती. वो भी डरी हुई थी. लेकिन मैं मौका भी जाने नहीं दे सकता था.
मैंने अपना हाथ उसकी नाइटी में डालकर उसके मम्मों को दबाने लगा और नाइटी को ऊपर करके एक दूध चूसने लगा. इस दौरान मैंने उसकी पेंटी में एक हाथ डाल कर उसकी चूत को रगड़ने लगा. उसकी चूत पहले से ही गीली हुई पड़ी थी. वो और मस्त हो गई.
तभी उसने कहा कि जीजू अब रहा नहीं जा रहा है.
मैंने फर्श पर बैठ कर उसे मेरी गोद में दोनों तरफ टांगें करके बैठा लिया. फिर अपना लंड बाहर निकाल कर उसकी चूत पर लगा दिया … और धीरे धीरे अन्दर करने लगा. लेकिन मेरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में घुस ही नहीं रहा था. उसे दर्द भी हो रहा था.
चुदाई तो न हो सकी, पर उस रात वो दो घंटे तक मुझसे मज़े लेती रही और मैं भी उसके साथ मज़े लेता रहा.
हालांकि उस रात मैं उसके साथ पूरा मज़ा नहीं ले पाया था और बेकरारी और भी ज्यादा बढ़ गई थी.
दूसरे दिन हम दोनों ने फिर कभी मिलने के लिए बाय की.
अब मैं जल्दी ही वहां पर जाने की तैयारी में हूँ. तब मैं आगे की Hindi sex stories लिखूँगा.
बात उस वक्त की है जब मैं १९ साल Hindi Porn Stories का था, और कॉलेज में पढ़ता था। मेरे पड़ोस में एक लड़की थी, वह भी मेरे ही कॉलेज में पढ़ती थी। उसका नाम आंचल था, वो बहुत ही सुन्दर थी। मैं जब भी उसको देखता तो मेरा लण्ड जोश में आ जाता। मैं मन ही मन उसे चोदने की इच्छा रखता था, वो भी मुझे अक्सर देखा करती थी।
एक दिन उसके घर कोई नहीं था, वो छत पर खड़ी थी, तो मैं भी उसकी छत पर जा पहुँचा, और सीधे जाकर उससे बोला “मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ, अगर तुम बुरा न मानो तो…”
“जो भी कहना चाहते हो बोल दो,” उसने प्रत्युत्तर में कहा।
“तुम मुझे अच्छी लगती हो, और मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ,” मैंने पहले थोड़ा सकुचाते हुए कह ही डाला।
यह सुनकर वो मेरे चेहरे को गौर से देखने लगी। मैं डर गया कि पता नहीं वह क्या करेगी।
उसने कहा – “चलो, नीचे चलो, आज घर पर कोई भी नहीं है,” तो मैं उसके साथ नीचे आ गया।
नीचे आते ही वह मुझसे लिपट गई और बोली, “मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन चाहती थी कि तुम्हीं पहले बोलो।”
मुझे तो मानों जन्नत मिल गई, मैं समझ गया कि वो भी चुदासी हो रही है। फिर मैंने देर न करते हुए अपने होंठ उसके होठों पर रख दिये। उसने कुछ नहीं कहा, बल्कि वो मेरा साथ देने लगी। उसके हाथ अब मेरी गर्दन पर लिपट गये, इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने झट से अपना एक हाथ उसकी एक चूची पर डाला और धीरे-धीरे दबाने लगा। वो भी गरम होती जा रही थी। मैंने उससे कहा कि जब हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते ही हैं तो क्यों ना एक दूसरे में समा जाएँ। तो उसने उत्तर दिया, “हाँ, चलो दो जिस्म, एक जान हो जाएँ।”
इतना कह कर वो मेरी पैंट खोलने लगी, और मैंने उसकी सलवार खोल दी। अब हम लोग बिस्तर पर आ गए, फिर मैंने खुद ही अपनी कमीज भी उतार दी, और उसका सूट भी। अब मैं सिर्फ बनियान और अण्डरवियर में था और वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में। वो थोड़ा शरमाने लगी, मैंने कहा नहीं जान, शरमाना नहीं, और यह कहते हुए मैंने अपनी बनियान और अण्डरवियर भी उतार फेंकी।
चूँकि मैं काफी से देर से उसके होठों को चूस रहा था तो मेरा ७ इंच का लण्ड पूरी तरह से खड़ा था जिसे देखते ही वो बोली कि नहीं इसे मैं नहीं ले पाऊँगी, मैं दर्द से मर जाऊँगी। मैंने उसे समझाया कि नहीं कुछ नहीं होगा। काफी समझाने के बाद वह तैयार हो पाई। अब मैंने अपना लण्ड उसके हाथ में दे दिया, वो सहलाने लगी, और इधर मैंने उसकी चूचियाँ चूसनी शूरू कर दीं।
वह भी अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी, मैंने एक ऊँगली उसकी चूत में डाली, वो काफी चिकनी-चिकनी थी। मैं समझ गया कि वो चुदने को बिल्कुल तैयार है। मैंने उसे अपना लण्ड चूसने को कहा तो वह मना करने लगी। लेकिन मैंने जब बहुत मनाया तो वह मान गई और मेरा लण्ड उसने अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा, मुझे काफी आनन्द आ रहा था।
थोड़ी बाद जब मुझे लगा कि मैं उसके मुँह में ही झड़ जाऊँगा तो मैंने अपना लण्ड निकाल लिया, और उसे सीधा लिटा दिया और उसकी दोनों जाँघों के बीच आ गया, और अपने लण्ड का टोपा उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी। मैंने मौका देख कर एक जोर का धक्का मारा तो मेरा लण्ड उसकी चूत में तीन इंच अन्दर उतर गया, वो चिल्लाई… निककककककाकालललोओओओओ…. फट गईईईईईईई… हाय मैं मगर गईईईईईई। लेकिन मैंने उसकी कमर कस के पकड़ रखी थी। एक मिनट रूकने के बाद मैंने फिर जोर से धक्का मारा तो मेरा पूरा 7 इंच का लण्ड उसकी चूत में धँस गया, और मैं उसके ऊपर लेट गया। वह मुझे अपने ऊपर से उतारने का प्रयास करने लगी। उसकी आँखों में आँसू छलक पड़े, लेकिन मैं उसके होठों को अपने होठों में लेकर पीने लगा।
थोड़ी देर ऐसे ही उसके होठों को पीता रहा और जब वो सामान्य लगी तो धीरे-धीरे धक्के मारने चालू कर दिये। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि उसके हाथ मेरी कमर पर कसने लगे हैं तो मैंने अपने धक्कों की गति बढ़ानी शुरू कर दी, अब वह भी बोलने लगी कि हाय मेरे सरताज़… डालो… और थोड़ा सा अन्दर करो… बहुत अच्छा लग रहा है… तो मैंने भी धक्कों की गति और बढ़ा दी।
जब मैंने देखा कि वह बहुत मज़े ले रही है, तो मैंने अपना लण्ड एकदम से बाहर खींच लिया, तो वह पूछने लगी, क्यों निकाल लिया, मेरी जान डाल भी दो ना अच्छे से…, तो मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा, तो वह तुरन्त ही घोड़ी बन गई। अब मैंने पीछे से लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा।
थोड़ी देर बाद ही वह कहने लगी… हायययययय…. मैं गईईईईईईईई… हाययययययय्य्य डाल दो पूरा अन्दर। मैंने भी ज़ोरों के धक्के मारने जारी रखे। अचानक मैंने देखा कि उसका शरीर अकड़ गया और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। लेकिन मैं अभी झड़ने के करीब नहीं आया था, मैंने फिर से उसे सीधा लिटाया और उसकी चूत की सवारी करने लगा। मैं धक्के मारता रहा, अब वो मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने धक्के लगाने चालू रखे, तो दो मिनट के बाद ही वो फिर से मेरा साथ देने लगी। अब उसे दुबारा से मज़ा आने लगा था।
मैंने अपनी गति फिर से बढ़ा दी, अब वह फिर से बोलने लगी कि और डालो जानूँ… और डालो। मैं भी से अच्छे से पेलता रहा, फिर थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने उसे यह बताया, तो वह बोली कि अन्दर ही झड़ना, आज हमारी सुहागरात है, और मैं तुम्हारा रस अपने अन्दर ही डलवाना चाहती हूँ। तो मैं जोश में आ गया, और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत की गरमी निकालने लगा। इसके एक मिनट बाद ही उसकी बाँहें फिर से मेरी कमर पर कस गईं, और मैं समझ गया कि वह फिर से झड़ गई है। अब मैंने भी आठ-दस लम्बे-लम्बे से धक्के मारे और मैं भी उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया। मेरे लण्ड ने भी उसके अन्दर पिचकारी छोड़ दी।
उस दिन दोस्तों, मैंने उसे पाँच बार चोदा, और हमारा चुदाई का यह सिलसिला चालू हो गया। मैं उसे आज तक चोद रहा हूँ, हालाँकि उसकी शादी हो चुकी है, लेकिन फिर भी जब भी मौका मिलता है, वह मुझसे चुदवा लेती है।
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