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Massage Girl in Mumbai: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Mumbai who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Mumbai that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Mumbai massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Mumbai who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Mumbai massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Mumbai massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Mumbai who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Mumbai employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Mumbai helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Mumbai

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Mumbai at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

मैं अलवर, यू पी का रहने वाला हूं एवं मेरा नाम सोमेश, उम्र बाईस साल है।Sex Stories

आज से चार साल पहले मैं अपने पड़ोस में एक परिवार के Sex Stories घर में आता जाता था। उस परिवार में पति, पत्नी और उनके चार बच्चे थे। पति मज़दूरी करता था। उसकी पत्नी का नाम सोनिया था, वो तीस साल की थी। धीरे धीरे मैं उनके घर ज्यादा आने जाने लगा। नैं उनकी छोटी बच्ची को खिलाता रहता था। सोनिया मुझे पसन्द करने लगी थी। मुझे भी वो अच्छी लगती थी। मैं सोनिया से बातें करते करते काफ़ी खुल चुका था और ओससे सेक्स के बारे में भी बातें करने लगा था।

एक दिन ऐसा हुआ कि सोनिया ने बाज़ार से कुछ सामान मंगवाने के लिए मुझे बुलाया, वह सन्दूक से पैसे निकालने लगी और मैं पलंग पर बैठ गया। अचानक सोनिया ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मैं हक्का बक्का रह गया। उसने कहा कि मैं तुमसे प्यार करती हूं। उस समय मैं कुछ नहीं बोला पर जब मैं सामान ले कर वापिस आया तो उसने मुझे फ़िर गले लगा लिया। इस बार मैंने उसकी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया, पर कोई देख ना ले। इस डर से मैं उस समय वहां से चला गया।

हम सदा सेक्स करने के लिए मौका ढूंढते रहते थे। एक दिन हमें मौका मिल ही गया। हमारे घर मेरे दोस्त आए हुए थे इसलिए हम छत पर सोने के लिए गए। सोनिया भी छत पर सोने के लिए आ गई। उस समय उसका पति शहर से बाहर गया हुआ था। मैंने उसे इशारे से कह दिया- आज मैं आऊंगा। वह समझ गई। जब मेरे दोस्त सो गए तो मैं दीवार पार करके उसके पास गया। वो मेरा इन्तज़ार कर रही थी।

मैं धीरे से उसकी चारपाई पर लेट गया। उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। वो मुझे जोर जोर से चूमने लगी। मैंने उसके होटों को अपने होटों में भर लिया और चूसने लगा। सोनिया भी पूरी मस्ती में थी। उसने मेरा लण्ड सहलाना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड पूरा तन चुका था। सोनिया ने मेरा लण्ड पैन्ट से बाहर निकाल लिया और मेरे लण्ड को देख कर कहा – मैं तो तुमको बच्चा समझती थी, तुम्हारा लण्ड तो पूरा जवान हो चुका है।

मैंने उसके कुर्ते को उतार दिया और उसके बूब्स चूसने लगा। सोनिया के मुंह से आह आ अह हा हा की आवाज़ निकलने लगी। उसने अपनी मस्ती में अपनी सलवार भी उतार दी। मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी और उसकी चूत पर हाथ फ़ेरने लगा। उसने चूत के बाल साफ़ किए हुए थे। उसका शरीर काफ़ी सुन्दर और फ़िट था। वो मुझे चूमते हुए बोली – नीरज़ ! मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा है, जल्दी अपना लण्ड मेरी चूत में डालो। मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था। मैं सोनिया के ऊपर हो गया और अपना लण्ड उसकी चूत पर रख दिया। मैंने एक जोर का झटका मारा, मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया। सोनिया ने मेरी पीठ के ऊपर से हाथ डाल कर अपनी छाती से लगा लिया और बोली – और डालो ! मैंने एक और झटका मारा, अब मेरा पूरा लण्ड उसके अन्दर चला गया।

मैं अपनी कमर हिला कर लण्ड उसकी चूत में आगे पीछे करने लगा। सोनिया मज़े से अह्ह्हा आय हय आ आ ह कर रही थी। मैं उसकी चूत का पूर मज़ा ले रहा था, जिन्दगी में पहली बार किसी को चोद रहा था। 15 मिनट बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया। सोनिया एक बार स्खलित हो चुकी थी लेकिन मैंने अपना लण्ड बाहर नहीं निकाला। धीरे धीरे चूत चोदता रहा, दो मिनट बाद मैं फ़िर से मस्ती में आ गया। दोबारा सोनिया को चोदने लगा।

सोनिया मुझसे बोली – जान बहुत मज़ा आ रहा है, जितनी जोर से चोदते हो उतना ज्यादा मज़ा आता है। यह कह कर वो अपनी कमर नीचे से जोर जोर से हिलाने लगी। सोनिया ने भी पहली बार चुदाई का इतना मज़ा लिया था क्योंकि उसका पति जल्दी ही स्खलित हो जाता था, सोनिया तरसती रह जाती थी। मैं धीरे धीरे उसको चोदता रहा। मैंने काफ़ी देर तक उसको चोदा और बहुत देर तक इकट्ठे लेटे रहे।

उसके बाद मैं वहां से उठ के अपनी छत पर चला गया। Sex Stories

यह है मेरी सच्ची कहानी।


हालांकि उस दिन मेरा ध्यान उन पर ज्यादा नहीं गया लेकिन उनका ध्यान मुझ पर ही था.
और यह मुझे प्रोग्राम खत्म होने के बाद मिले उनके पर्सनल व्हाट्सएप से पता चला जिसमें उन्होंने मेरी स्पीच के साथ-साथ मेरी भी तारीफ की थी।

उसके बाद से जब भी मैं यूनिवर्सिटी में जाता तो उनसे जरूर मिलता था.
और वे भी मुझसे उतनी ही खुशी के साथ मिलती थी.

धीरे-धीरे हमारी बात व्हाट्सएप पर होने लगी.
और कई बार मैं बिना काम के भी उनसे बातें करने लगा.
वे भी मुझसे सहर्ष बातें करती थी.
जिससे मुझे यह समझ में आने लगा कि वे भी मुझ में रूचि ले रही हैं।

बातों ही बातों में उन्होंने मुझे बताया था कि यहां पर स्टाफ क्वार्टर में वे अकेली ही रहती हैं. उनके पति और बच्चे दूसरे शहर में रहते हैं।

तो बस मैंने एक योजना बनाई और फिर एक दिन बातों ही बातों में मैंने उनसे कहा- कभी अपने घर चाय पर बुलाइए!
पहले तो उन्होंने मना किया.
लेकिन फिर मैंने कहा- यूनिवर्सिटी में तो साथ में चाय नहीं पी सकते. तो अच्छा होगा कि आपके घर पर ही चाय पी जाए!

इस पर वे मान गईं … शायद उनका भी मन मुझसे मिलने का था।

लेकिन अब अगली समस्या यह थी कि उनके घर किस समय जाया जाए क्योंकि स्टाफ क्वार्टर की बिल्डिंग में और भी लोग रहते थे.
और वे नहीं चाहती थी कि मुझे उनके यहां आते हुए लोग देखें.
नहीं तो बातें बनना शुरू हो जाएंगी।

गर्मी का मौसम का और सभी लोग सुबह 9:00 बजे तक अपने ऑफिस चले जाते थे.
इसलिए उन्होंने मुझे अपने घर 9:15 बजे तक बुलाया क्योंकि वे 11:00 बजे तक अपने ऑफिस जाती थी.

बस फिर क्या था … मुझसे भी इंतजार नहीं हो रहा था और मैं सुबह 9:00 बजे ही उनकी कॉलोनी के बाहर पहुंच गया.

फिर उनका फोन आया तो उन्होंने बताया कि दरवाजा खुला रहेगा.

9:15 बजते ही तुरंत मैं उनकी बिल्डिंग में दाखिल हुआ और उनके घर में घुस कर दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.

पहले तो उन्होंने मुझे पानी, फिर चाय ऑफर की.
फिर हम बैठकर बातें करने लगे.

अब क्योंकि हम इस तरह पहली बार मिल रहे थे तो दोनों ही थोड़ा शर्मा रहे थे.

लेकिन मेरी नजर उनके मस्त गोरे बदन और चूचों पर थी.
उनके मस्त फिगर की बात करूं तो गोरा कसा हुआ बदन, चूचे 32″, कमर 30″, और गांड 32″ रही होगी.

उन्होंने स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था जिसमें से झांकती उनकी ब्रा मेरा तापमान बढ़ा रही थी.

उनको देखकर बातों ही बातों में मैं उन्हें चोद चुका था.
लेकिन अब असल में चुदाई होनी थी।

जब घड़ी में 10:00 बजे तो मैंने उनसे कहा- मुझे थोड़ा पानी चाहिए.
जिसके लिए वे रसोई में गई.

मैं यही चाहता था। मैं भी उनके पीछे किचन में गया और जाकर उनको पीछे से पकड़ लिया.
पहले तो वह थोड़ा शर्माई और मना करने लगी.
लेकिन मैंने उनकी बात नहीं सुनी और पीछे से ही उनकी गर्दन और गालों पर किस करने लगा और मेरे हाथ उतनी ही तेजी से उनके मम्मों और पेट पर चलने लगे।

मैंने उनके कानों पर किस किया और धीरे से अपनी गर्म सांस उनके कानों में छोड़ी जिससे वे और उत्तेजित हो गई और मेरी तरफ को घूम कर मुझे किस करने लगी.

किचन का तापमान अब हमारी गर्मी से बढ़ने लगा था.

वे मेरे होठों को चूसती और मैं उसके चूचों को दबाता.

इसी बीच मैंने अपना हाथ उनकी पैंटी में डाला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि उन्होंने पहले से अपनी चूत के बाल साफ कर रखे थे.

मेरा हाथ एक नर्म मुलायम सी चूत पर चलने लगा.

फिर धीरे से मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाली तो वे अचानक से सिहर उठी और मेरे होठों को और जोर जोर से चूसने लगी.
उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और हाथ रखते ही बोली- हाय राम, कितना बड़ा है … तुम्हारा जल्दी से दिखाओ मुझे!

कहते ही कहते मेरी बेल्ट खोलकर मेरी पैंट भी खोल दी और फिर मेरा अंडरवियर निकालकर मेरा लंड अपने हाथ में लेकर खेलने लगी।

अब हम किचन से निकलकर ड्राइंग रूम में आ गए थे.

रूम में चल रहा AC मानो कह रहा था कि कमरे का तापमान थोड़ा बढ़ाया जाए और हमने भी वैसा ही किया.

अब मैंने उनकी ब्रा उतार कर उनके चूचों को अपने हाथों में ले लिया और आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगा.
उनके चूचुक सहलाने से वे और उत्तेजित हो उठी.
उसकी उत्तेजना मेरे होठों पर साफ पता चलती।

देर ना करते हुए मैंने तुरंत उनके चूचों को चूसना शुरू कर दिया; कभी बायां तो कभी दायां!
एक अलग ही मजा था उनके चूचों को चूसने में!

और फिर बेड पर बैठ कर मैंने उनके सर को अपने लंड के ऊपर रखा और उसे इशारे से उसे चूसने को कहा.

पहले तो वे थोड़ा डरी कि कैसे मैं इतना बड़ा लंड चूस पाऊंगी.
लेकिन फिर अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए उन्होंने चूसना शुरू किया.

और सच बताऊं दोस्तो, ऐसा लंड चूसा उम्होंने कि मुझे लगा जैसे मैं जन्नत में हूं.

10 मिनट के बाद वे बेड पर लेट गई और अपने पैर फैला कर कहने लगी- डाल दो अंदर, अब रहा नहीं जाता, जल्दी से डालो जान!

मैंने भी लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसे गीला किया क्योंकि वह कॉन्डम इस्तेमाल नहीं करना चाहती थी.
फिर मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा.

पर वे उतनी ही तेज मचल रही थी- जल्दी से डालो मेरी चूत में!
फिर मैंने झटका दिया तो लंड थोड़ा साइड में हो गया.

उसने अपने हाथ से पकड़ कर लंड सेट किया और धक्का लगाने को कहा.
मैंने भी उसकी हां मिलते ही पहले अपने होंठ उसके होंठों पर रखे क्योंकि मुझे पता था कि वे चिल्लायेंगी.

फिर पूरी ताकत से मैंने उनकी चूत में अपना लंड पेल दिया.
वे बहुत जोर से चिल्लाई.
लेकिन उसके होंठ मेरे होंठो से दबे हुए थे जिससे उनकी आवाज बाहर नहीं आई।

वे मुझे नाखून गड़ाने लगी और गालियां देने लगी.

मैं भी और तेज उसे चोदता गया और कोई 5 मिनट बाद वो थोड़ा नॉर्मल हुई और कहने लगी- तुमने तो फाड़ दी पूरी चूत मेरी! बहुत बड़ा है तुम्हारा!

वे यही सब बोले जा रही थी और मैं मस्त चुदाई में व्यस्त था।

अब थोड़ी देर बाद हमने पोजिशन बदली और अब वे मेरे ऊपर आ कर बैठ गई.
उन्हें लंड पर बैठ कर चुदना बहुत पसंद था तो मैंने उन्हें इस तरह भी खूब चोदा।

और फिर थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें लेटा कर जोर जोर से चोदना शुरू किया.
चुदाई के दौरान वे गंदी गालियां भी देती जा रही थी.

बातों ही बातों में उन्होंने बोला- और किसे चोदना चाहते हो?
तो मैंने उनकी पड़ोसन रश्मि ( बदला हुआ नाम) का नाम बताया.

वे बोली- उसकी तो चूत ही फट जायेगी तुम्हारे लंड से!

रश्मि की बातें करते करते मैं उन्हें चोदता रहा और इस बीच वो दो बार अपने चूत का पानी निकल चुकी थी और उसका तीसरी बार निकलने वाला था.

अब मेरा माल भी निकलने वाला था तो मैंने पूछा उनसे- कहां निकालूं?
तो बोली- अंदर नहीं!

मैं मान गया.

फिर उन्होंने कहा- पहले मेरा पानी निकल जाए तो फिर तुम निकालना!
मैंने कहा- ठीक है.

और फिर वे दोबारा से मेरे ऊपर आकर मुझे पेलने लगी.
यह उनकी फेवरेट पोजिशन थी।

फिर मैंने अपने दिमाग को थोड़ा इधर उधर किया ताकि मेरा माल तुरंत न निकल जाए.
दोस्तो, यह ट्रिक होती है जल्दी झड़ने से रोकने की।

फिर अचानक से उन्होंने बहुत जोर से मुझे पकड़ा और चिल्लाते हुए 5-6 जोरदार झटके मारते हुए मेरे ऊपर ही लेट गई.
तो मैं समझ गया कि इन्होंने अपने चरम सुख को प्राप्त कर लिया है.

अब बारी मेरी थी।

मैंने तुरंत उनकी गांड को हाथ लगा कर हल्के से उठाया और उनकी पोजिशन में जोर जोर से पेलने लगा.
वे बोली- बस करो!

लेकिन मैं कहां रुकने वाला था, मैंने पेलना जारी रखा और कुछ मिनटों में मेरा माल बाहर आ गया जो मैंने उसके बिस्तर पर गिरा दिया.

और फिर उसे अपने ऊपर ही लिटाए हुए धीरे धीरे चूमता रहा।

ऐसा लग रहा था मानो मेरे शरीर से पूरा मैं खुद बाहर आ गया हूं.

हॉट टीचर फक़ के बाद मैं एकदम निढाल हो चुका था.
हमारी यह चुदाई का खेल लगभग 40 मिनट चला था जिसके बाद हम दोनों ही एकदम से ढीले हो चुके थे.

लेकिन फिर भी उसकी चूचियों को देख कर मेरा मन नहीं माना, मैं उन्हें पीने लगा.
वे मेरा सर सहलाने लगी.

फिर उन्होंने मुझसे वादा किया- अगली बार मैं रश्मि की चुदाई का भी जुगाड़ करने की कोशिश करूंगी जिससे हम तीनों ही चुदाई का मजा ले पाएं।

दोस्तो, यह तो थी मेरी और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर की चुदाई की कहानी.
उम्मीद करता हूं कि मेरा पहला लेख आपको पसंद आया होगा और मैं आग्रह करता हूं कि कॉमेंट में आप अपने विचार बताएं इस हॉट टीचर फक़ स्टोरी पर.

Hindi Porn Stories

मैं शहर की एक घनी आबादी में Hindi Porn Stories रहती हूँ। आस पास दुकानों के अलावा कुछ नहीं है।
मेरे पड़ोस में मेरे ऊपर वाले कमरे के सामने ही एक कॉलेज का विद्यार्थी रहता था। मैंने जब पढ़ाई के लिये ऊपर वाले कमरे में शिफ़्ट किया था तो मेरी नजर उसकी खुली हुई खिड़की पर पड़ी। मैंने अपनी खिड़की पर पर्दा लगा लिया कि जो कोई भी वहाँ रहता हो मुझे नहीं देख पाये। पर कुछ ही दिनों में मुझे पता चल गया कि उस कमरे में rahul रहता था जो मेरे ही कॉलेज में पढ़ता था। शायद उसे कमरा अभी ही किराये पर दिया था।

मैं रात को देर तक पढ़ती थी। rahul भी रात को देर तक पढ़ता था। मैं कभी कभी झांक कर खिड़की से उसे देख लेती थी।

एक बार हमारी नजरें मिल ही गई। अब हम दोनों छुप छुप कर एक दूसरे को देखा करते थे। एक बार तो rahul खिड़की पर आ कर खड़ा ही हो गया। मुझे सनसनी सी आ गई। मैंने जल्दी से पर्दा कर दिया और पर्दे के पीछे से उसे देखने लगी, मेरा पर्दे में से देखना उसे पता था। अब वो मुझ में रूचि लेने लगा था। मुझे देख कर वो मुस्कुराता भी था। एक दिन उसने मुझे हाथ भी हिला कर अभिवादन किया था। धीरे धीरे मैं भी उससे खुलने लग गई और उसे देख कर मुस्कुराती थी।

कुछ ही दिनो में हम रात को जब कभी एक दूसरे को देखते थे तो मैं भी हाथ हिला देती थी। एक बार पत्थर में लिपटा हुआ एक कागज मेरे खिड़की के अन्दर आ गिरा। मेरा दिल धक से रह गया। मैंने उसे उठाया। तो वह rahul का पत्र था। एक साधारण सा पत्र, जिसमें सिर्फ़ शुभकामनायें थी। मैंने उसे फ़ाड़ कर नीचे फ़ेंक दिया। एक दिन मैंने भी उसे पत्र लिख दिया और उसे भी शुभकामनायें दी। बस पत्रों का सिलसिला चालू हो गया। एक दिन उसकी एक फ़रमाईश आ गई।

“स्वीटी, सिर्फ़ एक हवाई किस करो!”

मैंने शरारत में उसे हवाई किस कर दिया। अब हम पत्रों में खुलने लगे। उसने एक बार लिख दिया कि वो मुझे प्यार करता है और मिलना चाहता है। मेरा दिल बस इसी चीज़ से डरता था। मैंने मना कर दिया।
एक बार उसने लिखा- मुझे अपनी चूचियाँ खिड़की से दिखा दो।
मैंने शर्माते हुए मेरा एक स्तन उसे दिखा दिया।

मैंने जवाब में लिखा- मैं भी कुछ देखना चाहूंगी, क्या दिखाओगे?
तो उसने अपना पजामा नीचे खींच कर अपना खड़ा हुआ लण्ड दिखाया।
मुझे बड़ा रोमान्च हो आया; मुझे मजा भी आया। अब जब तब हम एक दूसरे को अपने गुप्त अंग दिखा दिखा कर मनोरंजन करने लगे।

मुझे ये नहीं पता था कि मैं जो पत्र फ़ाड़ कर नीचे फ़ेंक देती थी उसे मेरा छोटा भाई उठा कर जोड़ कर पढ़ लेता था। यहाँ हमारी प्यार और सेक्स की पींगे बढ रही, वही भैया भी मुझे चोदने का प्लान बनाने लग गया था।

एक रात को मैंने पत्र rahul की खिड़की में फ़ेंका तो वो खिड़की से टकरा कर नीचे गिर गया। मैं भाग कर नीचे गई तो वो मुझे नहीं मिला, रात में कहाँ गिरा होगा मुझे पता नहीं चला। सुबह ढूँढने की सोच लेकर मैं ऊपर आ गई; देखा तो भैया मेरे कमरे में था; उसने कहा- इसे ढूँढने गई थी क्या?”
“भैया, मुझे वापस दे दो, देखो किसी को बताना नहीं!”

उधर rahul ने देखा कि कमरे में भैया है तो उसने खिड़की बन्द कर ली।
“बताऊँगा तो नहीं अगर, जो मैं कहूँ वो करेगी तो!”
हम बिस्तर के बिस्तर पर दीवार का सहारा ले कर बैठ गये।
“हाँ हाँ कर दूंगी, इसमें क्या है… फिर वो दे देगा!”
“हाँ ज़रुर दे दूंगा… तो फिर टॉप को थोड़ा ऊपर कर दे…”
“क्या कहा…मैं तेरी बहन हूँ!” मैं उछल पड़ी।
“तो क्या… पापा से बचना है तो मुझे दुद्धू दिखा दे!” उसने मुझे धमकी दी।

मैंने हिम्मत करके अपनी आंखे बन्द कर ली और टॉप ऊपर उठा लिया। मेरे दोनों स्तन बाहर छलक पड़े। भैया ने तुरन्त मेरे स्तनों को पकड़ लिया और दबा दिया।
“ना कर भैया…” पर जैसे मेरे शरीर में बिजली कड़क उठी; सारा जिस्म एक बारगी कांप गया; मीठी सी लहर दौड़ गई।
“अब अपना स्कर्ट ऊपर कर…”
“ऐसे तो मैं नंगी दिख जाऊँगी ना!”
“वही तो देखना है…rahul को तो खूब दिखाती है!”
“पर वो मेरा भाई थोड़े ही है” मैं नर्वस होती जा रही थी पर जिस्म में एक सनसनी फ़ैल रही थी; मैं भी अब वासना में बह निकली।
“दीदी, दिखा दे ना, अच्छा देख फिर मैं भी अपना तुझे दिखाऊँगा!”
“सच, तो पहले दिखा दे, कैसा है तेरा?” मेरे स्वर भी बदलने लगे।

मुझे भैया अब सेक्सी लगने लगा था। उसकी बाते मुझे रंग में लाने लगी थी। मेरा मन अब डोलने लगा था। भैया ने जल्दी से अपना पैन्ट उतार दिया दिया और उसका लण्ड बाहर निकल आया।
“मैं छू लूँ इसे?” मुझे सनसनी सी लगी।
“नहीं नहीं छूना नहीं, पकड़ ले इसे और मसल डाल!”
“हट रे!” मैंने उसके लण्ड को पकड़ लिया, गरम हो रहा था, लाल सुपाड़ा भी चमक उठा था।

“अब बता ना तू भी!”
मैंने अपनी स्कर्ट ऊपर उठा दी।
“तूने तो पेंटी ही नहीं पहनी है!”
“अभी rahul को दिखा रही थी ना…!”
“अच्छा, तो अब ये ले!” ये कह कर उसने मुझे दबोच लिया और मेरे ऊपर आ कर कुत्ते की तरह अपने चूतड़ चलाने लगा।
“क्या कर रहा है? क्या चोदेगा मुझे…? सुन ना rahul को बुला दे ना!” मैंने मौका देख कर उसे कहा।
“पहले मेरी बारी है, फिर उसे बुला लूंगा, बहन मेरी है, पहले मैं चोदूंगा!” उसने अपना हक बताया।

“तो चोद ना जल्दी, या कहता ही रहेगा!” उसने अब जोर लगाया और लण्ड चूत में घुस पड़ा।
“अरे यार, तू तो चुदी चुदाई है, किस किस से लण्ड लिया है अब तक?”
“अरे तो चोद ना, खुद भी कौन सा पहली बार चोद रहा है?”
“तुझे क्या पता? जरूर आशा ने कहा होगा!”
“नहीं तो… अरे धक्के मार ना…!”
“तो पारुल ने कहा होगा?”
“हाय रे पारुल? मेरी सहेली? नहीं यार… लगा जरा जोर से!”
“अच्छा तो दीपिका ने बताया होगा?” एक के बाद एक सारी पोल खोलता गया।

“अरे चोद ना मुझे ठीक से, तू तो मेरी सारी सहेलियों को तो चोद चुका है, पर इन्होंने नहीं कहा, वो तो तेरे लण्ड के सुपाड़े की त्वचा फ़टी हुई है इसलिये कह रही हूँ!” मैंने हंसते हुए कहा।
“धत्त तेरे की, मैंने तो सारी पोल खोल दी… साली तू तो एक नम्बर की हरामी निकली!” उसने धक्के बढ़ा दिये।

“भैया! हाय रे दम है रे तेरे लण्ड मे…मजा आ रहा है, लगाये जा रे!” मुझे मजा आने लगा था। मैं भी उसका लण्ड चूतड़ उछाल उछाल कर ले रही थी। वो मेरे बोबे मसलता जा रहा था।
“मेरी बहन कितनी प्यारी है! क्या चूत है! अब तो रोज चोदूंगा तुझे!”
“भैया, rahul को बुला देना ना, फ़िर दोनों मिल कर चोदना, आगे से भी और पीछे से भी!”

उसके धक्के तेज हो उठे थे, मेरा भी हाल अब बुरा हो चला था। मेरी चूत अब रस छोड़ने वाली थी, मैंने भैया को जकड़ लिया और अपने चूत का जोर लण्ड पर लगाने लगी। एक लम्बी सांस के साथ
मैंने आंख बन्द कर ली और अपना बदन कसने लगी, इतने में पानी छूट पड़ा और मैं झड़ने लगी। उसी समय भैया ने भी अपना लण्ड बाहर निकाला और मेरे ऊपर पिचकारी छोड़ने लगा। मेरा सारा शरीर और कपड़े सभी कुछ वीर्य से गन्दे कर दिये।
“मजा आ गया स्वीटी, अब मैं रोज चोदूंगा तुझे, तू तो यार बहुत मजा देती है!”
मैं भी झड़ कर शान्त लेटी थी और भैया को देखती रही।

भैया कुछ देर तक तो बातें करता रहा फिर जाने को हुआ।
“मैं अब जाता हूँ, रात बहुत हो गई है” पर मैं कैसे जाने देती
“चले जाना ना, अभी एक बार और मजे करे?” ये सुनते ही भैया खुश हो गया और फिर से मेरे बिस्तर पर आ गया। हम दोनों फिर आपस में गुथ गये। उसका लन्ड मेरी चूत के दरवाजे पर आ टिका… और कमरे में एक बार फिर सिसकारियाँ गूंज उठी। Hindi Porn Stories

प्रेषक : राहुल गुप्ता Antarvasna

द्वीतीय भाग से आगे : अब Antarvasna मम्मी के सामने यह समस्या थी कि वीर्य के लिए किससे कहे, जोकि रोज ताज़ा वीर्य मुझे पिला सके। ऐसे किसी से कह नहीं सकते, समाज का भय था। इसी चिंता में मम्मी थी कि तभी फ़ूफा जी कानपुर से आ गए। फ़ूफा जी अक्सर ही आया करते थे और एक दो हफ्ते रहते थे। हम लोगों की सभी जरूरतें पूरी किया करते थे।

मम्मी ने मेरे फूफा जी से इस सन्दर्भ में बात की। फ़ूफा जी अक्सर मेरी मम्मी को चोदा करते थे। मैंने छुप कर कई बार देखा था, उनका लंड बहुत मोटा और लम्बा था जो कि मेरी मम्मी को बहुत पसन्द था और मुझे भी !

मम्मी को चुदते देख कर अच्छा लगता था, मन में मैं सोचा करती थी कि काश ऐसे ही कोई मुझे चोदे, लेकिन मेरी तरफ तो कोई लड़का देखता ही नहीं था।

खैर मम्मी ने फ़ूफा जी को मेरे लिये तैयार कर लिया। रात को खाना खाने के बाद मम्मी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और कहा- तुम्हारे फूफा तैयार हैं, फिलहाल तुम अपने फूफा का लन्ड चूस कर जितना वीर्य निकले उसे पी जाओ।

मैंने पूछा- यह लन्ड क्या है ?

मम्मी ने बताया- लिंग को ही आम भाषा में लन्ड कहते हैं। चलो, जल्दी से पी जाओ।

मैं फूफा के पास गई। फूफा अपने बिस्तर पर बिल्कुल नंगे लेटे थे। मम्मी ने पहले से ही उनके लन्ड को तैयार कर दिया था बस मुझे चूस कर वीर्य पीना था।

मैंने फूफा का लन्ड अपने कोमल हाथों से पकड़ा और ठीक वैसे ही चूसने लगी जैसे डाक्टर साहब ने बताया था।

फूफा को मजा आने लगा। फूफा ने मम्मी से कहा- यह तो बहुत मस्त तरीके से चूस रही है !

मम्मी ने मुस्कराकर कहा- ट्रेनिंग जो ली है, इसीलिये मस्त चूस रही है।

इतने में फूफा ने हाथ बढ़ा कर मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और लगे उनकी चूची दबाने…

मम्मी ने विरोध करते हुए कहा- क्या करते हो? बेटी है।

अब बेटी से क्या पर्दा…? फूफा बड़े प्यार से बोले- आओ हम सब आज मौज मस्ती करें ! बेटी का इलाज का इलाज हो जयेगा और मस्ती भी।

फूफा ने मम्मी का ब्लाउज खोल दिया। मम्मी की बड़ी-2 चूचियाँ बाहर आ गई।

फिर फूफा मुझसे बोले- बेटा, तुम भी अपने सारे कपड़े उतार दो।

मैंने फूफा की आज्ञा का पालन किया। उधर फूफा ने मम्मी को बिलकुल नंगा कर दिया। अब हम सब लोग एक ही बिस्तर पर नंगे थे। मैं फूफा का लन्ड फिर से चूसने लगी, फूफा मम्मी की चूचियाँ चूस रहे थे और एक हाथ से मम्मी कि बुर में उंगली कर रहे थे और दूसरे हाथ से मेरी बुर सहला रहे थे। मुझे कुछ कुछ होने लगा और बुर से कुछ लसलसा पदर्थ निकल रहा था।

फूफा मम्मी से बोले- अरे, रश्मि की चूत से पानी निकल रहा है !

मम्मी ने तुरन्त मेरी टांगें फैला कर देखा और चूत पर उंगलियों से टटोला, फिर एक उंगली चूत में घुसेड़ कर अन्दर-बाहर करने लगीं और फूफा से बोली- रश्मि अब चुदने लायक हो गई है क्योंकि इसके हल्की-2 झाटें भी आ गई हैं और चूत का छेद भी बड़ा लग रहा है। आप ही इसकी बुर का उदघाटन करिये, ठीक रहेगा।

फूफा ने मम्मी की आज्ञा का पालन किया और उठ कर मेरी चूत को बड़े गौर से देखा… यार इसकी चूत तो बहुत छोटी है मेरा लन्ड झेल पायेगी… मम्मी से बोले।

आप कोशिश तो करिये ! एक बार में न सही, दो तीन बार में तो हो ही जायेगा।

मैं यह सब सुन कर बहुत उत्साहित थी कि आज से मेरी चुदाई शुरू हो जायेगी।

फिर मम्मी ने मेरी दोनों टांगें फैलाते हुए ऊपर उठा लिया और फूफा से बोलीं- चलिये, अब आप इसे चोदिये !

फूफा ने मेरी गीली चूर पर अपना हलब्बी लन्ड रखा और हलके से चूत में घुसेड़ा, मेरे मुँह से अचानक चीख निकल गई।

क्या हुआ बेटा… मम्मी ने पूछा।

बहुत दर्द हो रहा है… मैंने कहा।

तब तक फूफा अपना लन्ड निकाल चुके थे और मम्मी से बोले- पहले रश्मि को किसी पतले लन्ड से चुदवाना पड़ेगा फिर ये मेरा लन्ड सह सकेगी।

ठीक है ! विशाल पाँच दिनों की छुट्टी में कल आ रहा है, उसका लन्ड अभी पतला ही होगा, पहले उसी से इसको चुदवाती हूँ, दो चार बार चुदेगी तो इसकी बुर रवां हो जायेगी, फिर आप चोदियेगा। फिल हाल बेटा तुम फूफा का रस पी लो। कम से कम आज की डोज तो मिल ही जाय… मम्मी मुझसे बोली।

(विशाल मेरा ममेरा भाई, जो गाजियाबाद से बीटेक कर रहा था)

मैंने फिर से फूफा का लन्ड चूसना चालू किया। फूफा का लन्ड फिर से टाईट हो गया और वो अपना लन्ड मेरे मुँह में बड़े जोरों से पेलने लगे, उन्हें बड़ा मजा आ रहा था। थोड़ी ही देर में मेरा मुँह उनके वीर्य से भर गया, मम्मी ने हमसे मुँह खोल कर दिखाने के लिए कहा।

मैंने मुँह में जितना वीर्य था उसको दिखाया।

मम्मी बोली- यह तो बहुत कम है ! ऐसे कैसे काम चलेगा? क्योंकि 50 एम एल वीर्य रोज चाहिए। खैर इसको तो तुम पी ही जाओ, कल देखेंगे।

फिर मैं कपड़े पहन कर अपने कमरे में सोने चली गई। बाद में फूफा ने मम्मी की भी चुदाई की, क्योंकि उनके कमरे से भचा भच की आवाजें आ रही थी।

मैं बहुत थक गई थी थोड़ी ही देर में मुझे नींद आ गई।

क्रमश: ……………… Antarvasna

आपा को चोदने के बाद मैं सऊदी चला गया काम करने!
लेकिन हम दोनों वीडियो कॉल करके अपने आप को शांत कर लेते थे.
लेकिन खुदा को कुछ और ही मंजूर था।

फिर एक दिन मेरी डार्लिंग आपा का कॉल आया.
वे रो रही थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ? क्या चाहिए? मेरी याद आ रही है क्या? बोलो जान … अपने भाई का मोटा लंड याद आ रहा है क्या? बोलो … तुम सिर्फ रोये जा रही हो. क्या बात है बोलो?

उसने बताया- अम्मी अब्बू एक शादी में गए थे। शादी में से घर आ रहे थे पर रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया और वे दोनों खत्म हो गए. तुम फौरन घर आ जाओ.
मैंने इतना ही सुना … मेरे तो होश उड़ गए.

मैं फौरन घर जाने की तैयारी करने लगा.
मैंने पहले से बहुत शौपिंग कर राखी थी अपनी आपा के लिए और घर वालों के लिए।

खैर जैसे तैसे टिकट तो मिल गया और मैं घर के लिए निकल गया.

फिर अगली सुबह घर पहुंचा तो घर पे सब लोग जमा हुए थे.
आपा ने मुझे देखा और आकर मेरे गले लग गई.

वे रो रही थी.
मैंने उन्हें चुप कराया.

फिर हम सब मिट्टी देने के लिए चल दिए.

मिट्टी दे कर आए और सब धीरे धीरे सब अपने अपने घर चले गए.
मेरे घर में मैं और मेरी आपा के अलावा कोई नहीं था.

हम दोनों रो रहे थे.

जैसे तैसे हम दोनों ने अपने आप को संभाला और फिर कुछ दिन बीत गए.

2 महीने बाद हम दोनों के चेहरे पर हंसी आई.

फिर एक दिन आपा बोली- आसिफ, तुमने अपना सऊदी वाला बैग अभी तक नहीं खोला?
मैं: क्या करूं आपा, टाइम ही नहीं मिला.

कुछ देर ऐसे बात करते करते आपा रोने लगी और मेरे सीने से लग कर रोने लगी.

मैंने पूछा- क्या हुआ आपा, क्यों रो रही हो, क्या बात है?
आपा- कुछ नहीं, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती.
मैं- मैं भी आपके बिना नहीं रह सकता.

फिर मैंने आपा को चुप कराया और उनको देखने लगा.

आपा बोली- क्या देख रहे हो? अपने बहन को नहीं देखा है क्या?
मैं बोला- मैं यह देख रहा हूं कि मेरी आपा वो आपा नहीं रही जैसे मैं छोड़ कर गया था।

आपा बोली- मतलब क्या है तुम्हारा?
मैं बोला- मतलब आप पहले से ज्यादा भर गई हो. आपकी चूची जो मैंने 34 से ३८ कर दी थी, अब 44″ से कम नहीं दिख रही … यह कैसे किया?
आपा बोली- ये सब मैंने तुम्हारे लिए ही किया है. मुझे पता है कि तुम्हें बड़ी चूची अच्छी लगती है.

फिर वे बोली- और अब मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकती. इस दुनिया में हमारा एक दूसरे के अलावा और कोई नहीं है.
मैं बोला- हां आपा, आप सही बोल रही हो. मैं आपसे कुछ पूछूं तो आप मानोगी?

आपा बोली- हां बोलो ना, क्या बात है बोलो?
मैं बोला- आपा, क्या आप मुझसे शादी करोगी? इस दुनिया में हम दोनों का कोई नहीं है.
आपा बोली- यही तो मैं भी कह रही हूं.

मैं- तो ठीक है, हम लोग अब यहां नहीं रहेंगे. यहाँ का सब कुछ बेच कर दूसरे शहर में रहेंगे जहां हमें कोई नहीं जानता हो, वहाँ चल कर हम दोनों शादी कर लेंगे.
आपा- अच्छा तो अब अपना सऊदी वाला बैग खोलो. मैं भी देखूं क्या लाए हो मेरे लिए?

मैं- नहीं आपा डार्लिंग, अब यह शादी के बाद ही खुलेगा.

फिर हम दोनों भाई बहन वहाँ का सबकुछ बेच कर गोवा आ गए.
यहां पर मैंने एक रूम ले लिया.

फिर 5 महीने बाद हमने शादी कर ली और हम दोनों सुहागरात मनाने बेड पर आ गए.

इन 5 महीने में हम दोनों ने एक बार भी लंड चूत का खेल नहीं खेला था।

आपा- आसिफ, मेरे भाई राजा, मेरी जान … आओ ना … अपनी सगी बड़ी बहन, अपनी आपा को चोदो ना! जब से तुम सऊदी गए थे तब से मैं तुम्हारे लौड़े के लिए तड़प रही हूं. अब तो मैं तुम्हारी बेगम बन गई हूं. अब मैं तुम्हारी पूरी तरह से रखैल बन गई हूं. अब कोई डर नहीं है, जितना जी कहे उतना मुझे चोदो. आओ ना भाई!

मैं- सब्र करो मेरी जान आपा, अब तो आप मेरी हो ही गई हो. मैं आपको … सॉरी आपको नहीं, तुम्हें … अब तुम मेरी सगी बहन बनी बीवी हो, रखैल हो. अब मैं तुम्हें तुम कह कर बुलाऊंगा और तुम भी मुझे तुम कहोगी।
आपा- ठीक है।

मैं- अब तो आपा, मैं तुम्हें तब तक चोदूंगा जब तक तुम अपनी चूत से हम दोनों का बच्चा नहीं निकाल देती!

आपा- अच्छा आसिफ, सऊदी से मेरे लिए क्या लाए हो?

मैं- आपा सब तुम्हारे लिए ही लाया हूं. सब हॉट चीजें हैं. जींस, टीशर्ट, शर्ट और स्कर्ट टॉप और बहुत सारा ब्रा पैंटी!
“वाव … ब्रा पैंटी … दिखाओ ना जान!” आपा बोली.
मैंने कहा- आज नहीं कल!

“और क्या लाए हो?” आपा बोली.
मैंने बताया- और कंडोम सऊदी का है.
आपा बोली- क्या जान, मुझे कंडोम नहीं पसंद हैं ना!
तो मैंने कहा- हां जानता हूं. लेकिन सिर्फ 6 पीस हैं, कभी कभी लगा के तुम्हें पेलूंगा, चोदूंगा.

आप बोली- ठीक है, लेकिन आज नहीं क्योंकि आज हमारी सुहागरात है और मैं पूरा मजा लेना चाहती हूं। बहुत दिन से तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही हूं. समझे मेरे भाई डार्लिंग!
“हाँ मेरी आपा डार्लिंग!”

आपा- तुम जानते हो जब तुमने मेरी यानि अपनी सगी बहन की चूत सील तोड़ी थी तभी मैंने तुम्हें बताया था कि मुझे बिना कंडोम के चुदना पसंद है. क्यों पसंद है आज मैं तुम्हें ये भी बता दूं. जब तुमने मुझे चोदा था तब तुमने अपनी मनी, वीर्य यानि अपना माल मेरी चूत में निकाला था. तभी मैंने सोच लिया था कि कभी कंडोम लगा कर नहीं चुदूंगी।

मैं बोला- अच्छा अब ये सब छोड़ो … अब हम दोनों सगे भाई बहन जो अब शादी करके मिया बीवी बन गए हैं, अब हम दोनों अपनी सुहागरात मनाते हैं.

फिर मैंने पूछा- लाइट बन्द कर दूं आपा?
“नहीं जलने दो, तभी मजा आयेगा!”

अब सगे भाई बहन और मिया बीवी की सुहागरात यानि Xxx सिस्टर नाईट सेक्स स्टोरी शुरू!
मैं आपा के पास गया.
आपा ने लाल रंग की लहंगा पहना हुआ था.
वे इस जोड़े में बहुत ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही थी.

मैंने आपा का घूंघट हटाया.
क्या मस्त रसीले होंठ लग रहे थे उनके!

फिर मैंने आपा के सारे गहने उतारे और उनके माथे पर एक बोसा लिया.

धीरे धीरे हम दोनों के होंठ मिल गए.
लगभग 15 मिनट किस किया हमने!

फिर आपा बोली- अपने भाई बने शौहर का लन्ड देखूँ तो जरा!
मैंने कहा- हां आपा, यह आपका ही है.

फिर मैंने अपनी पैंट उतार दी और मेरा लन्ड बाहर आ गया.
आपा बोली- भाई, यह तो पहले से ज्यादा बड़ा हो गया है. बहुत मजा आयेगा.

फिर आपा ने मेरा लन्ड चूसना शुरू कर दिया और वे बहुत देर तक चूसती रही.

फिर मैंने आपा के सारे कपड़े उतार दिए.

क्या कयामत लग रही थी आपा … उनके बडे़ बड़े बूब्स और चिकनी चूत देख कर मेरा लन्ड और सख्त हो गया।

फिर मैंने आपा की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
मुझे बहुत मजा आ रहा था और आपा को भी!

वे बोले जा रही थी- हां भाई … बहुत मजा आ रहा है. ऐसे ही चूसो मेरी चूत को … आह आह आह … प्लीज़ भाई … अब मत तड़पाओ. चोद दो अपनी बहन बनी बीवी को!

अब तक आपा दो बार झड़ चुकी थी.
मैं अपनी उंगली आपा की चूत में डाल कर चोद रहा था.

फिर मैं उठा और आपा को सीधा लिटा दिया और उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया, फिर अपने लन्ड पर थूक लगाया और आपा की चूत पर भी.
और फिर धीरे धीरे आपा की चूत में लन्ड घुसाने लगा.

आपा की चूत बहुत टाइट थी और आपा को दर्द भी होने लगा था.
वे बोल रही थी- आसिफ, बहुत दर्द हो रहा है!

मैंने कहा- बाहर निकाल लूं क्या?
तो आपा बोली- नहीं … तुम बस चोदो मुझे!

फिर मैंने एक जोर का झटका मारा और मेरा पूरा लन्ड आपा की चूत में समा गया, उनकी बच्चेदानी से टकरा गया.
आपा छटपटाती रही.

मैं रुक गया थोड़ी देर के लिए और उनके बूब्स को दबाने लगा.

थोड़ी देर बाद जब आपा का दर्द कम हुआ तो आपा ने अपनी कमर हिला कर इशारा किया कि अब मुझे चोदो.

फिर मैंने धक्का लगाना शुरू कर दिया।
आपा बस बोली जा रही थी- आह अह आह आसिफ … बहुत मजा आ रहा है. चोदो … चोदो मुझे … अपनी बहन का बुर का भोसड़ा बना दो. अब तो मैं तुम्हारी बीवी हूं. चोदो चोदो भाई … और तेज चोदो. आह आह आह … अह क्या बात है. फक मी … फक मी हार्ड … भाई और तेज … और तेज चोदो मुझे … अह आह आह … भाई ल्ला कसम बहुत मजा आ रहा है भाई!

फिर मैंने आपा को अपने ऊपर आने के लिए बोला.
वे मेरे ऊपर आ गई, मेरे लन्ड पर बैठ कर चुदने लगी।

बहुत देर तक मैंने आपा को ऐसे ही चोदा.
फिर मैंने अपनी बीवी यानि अपनी बहन को बेड पर फिर से सीधा लिटा दिया और उनका दोनों पैर अपने कंधों पर रख लिए और उनकी चूत में अपना लन्ड डाल दिया.

आपा फिर चीखी- आह भाई, क्या कर रहे हो. आराम से … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूं. अब तो मैं हमेशा के लिए तुम्हारी बन गई हूं.

फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

इस बीच आपा दो बार झड़ चुकी थी.
मैं बहुत तेज धक्का मार रहा था.
अब मैं भी झड़ने वाला था.

मैंने आपा से बोला- आपा मेरी जान, मैं झड़ने वाला हूं।
तो आपा बोली- भाई मेरी जान, मेरी चूत को पिला दो तुम्हारा माल … तुम मेरे अंदर ही अपना सारा माल झाड़ दो!

फिर 40 50 धक्कों के बाद मैं आपा की चूत में ही झड़ गया.
झड़ने के बाद भी मैंने आपा को 2 मिनट तक चोदा.

फिर मैं निढाल होकर आपा के ऊपर ही लेट गया.
कुछ देर बाद मैं उतर कर उनकी बगल में लेट गया.

मैंने आपा से पूछा- आपा डार्लिंग, मजा आया?
तो आपा बोली- हां बहुत मजा आया. अपने भाई को शौहर बनाकर चुद कर बहुत मजा आया.

हम दोनों ऐसे ही बात करते रहे.

कुछ टाइम बाद आपा मेरे लन्ड को सहलाकर उसे खड़ा करने लगी।
तो मैंने पूछा- क्या बात है आपा? फिर चुदना है क्या?
तो आपा बोली- हां!

फिर से हम दोनों गर्म हो गए और फिर चालू हो गए.
उस रात मैंने अपने सगी बहन से शादी करके सुहागरात मनाई और उसे कई बार चोदा.

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