Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Chandrapur: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Chandrapur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Chandrapur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Chandrapur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Chandrapur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Chandrapur massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Chandrapur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Chandrapur who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Chandrapur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Chandrapur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Chandrapur

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Chandrapur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Hindi Sex Stories

मैंने अभी अभी अन्तर्वासना Hindi Sex Stories की कहानियाँ पढ़ना शुरू किया है और उसी से ख्याल आया कि मैं आप सब को अपनी सच्ची आप-बीती बताऊँ।

जिस औरत की मैं बात कर रहा हूँ वो मेरी पड़ोसन शिल्पा है। दरअसल मेरी और मेरे सामने वाले घर में रहने वाले लड़के की शादी करीब करीब एक साथ ही हुई थी। मेरी बीवी और वो दोनों नई दुल्हन थी तो दोनों सहेलियाँ बन गई। वो लड़की गज़ब की चीज़ है। मेरी बीवी भी कम खूबसूरत नहीं है मगर उस लड़की की फिगर और आँखें बहुत नशीली हैं। वो काफी आधुनिक घर की है इसलिए हमेशा जींस और टॉप वगैरह पहनती है जिसमें उसकी फिगर शादी के बाद भी बड़ी मादक लगती है। उसको देखते ही मैं अपनी बीवी को भूल जाता हूँ और मन करता है उसको रगड़ दूं !

काफी समय से यह इच्छा थी, मगर मौका ही नहीं मिल रहा था।

एक बार मेरी बीवी अपने मायके गई थी और मेरे माँ-बाप भी शहर से बाहर गए थे। मैं रात की नौकरी करता हूँ इसलिए सुबह घर पर आता हूँ। जिस वक्त मैं घर आ रहा था उस वक्त शिल्पा अपने पति से बाय-बाय कर रही थी क्योंकि वो अपनी दुकान जा रहा था। मुझे देख के उसने प्यारी सी मुस्कराहट दी और मैंने भी वापस मुस्कुरा दिया और उसके पति से हाथ मिलाया। फिर वो अपनी गाड़ी में दुकान चला गया और मैं भी अपने फ्लैट की तरफ मुड़ा।

तभी पीछे से आवाज़ आई- भैया !

मैंने पीछे घूम के देखा तो शिल्पा मुझे पुकार रही थी। मैंने कहा- हाँ भाभी ?

उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं आपका लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

और वो मेरे पीछे पीछे मेरे घर चली आई।मेरा लैपटॉप मेरे बेडरूम में था तो हम सीधा बेडरूम में चले आये। मेरी पत्नी घर पर नहीं थी इसलिए कमरा थोड़ा फैला हुआ था। शराब को बोतल ऐसे ही पड़ी थी और मेरे लैपटॉप पर कुछ अश्लील वेब साइट्स खुली हुई थी।

मैंने कहा- भाभी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो शिल्पा का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, आप ही वेब साईट खोल कर दीजिये।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी। मैं घबरा गया और बोला- सॉरी भाभी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

शिल्पा बोली- भाभी नहीं है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या आप मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या भाभी ?

वो बोली- हाँ ! वो असल में मनीष को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों ? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो शिल्पा बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! बाद रात को आएगा दुकान से, दो पेग पिएगा और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहेगा- हिला दो !

मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाता है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझता ही नहीं ! कहता है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस आठ या दस बार ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जा सका।

वो बोली- भैया, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना !

मैंने कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी। मेरा आठ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया। मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- दो साल से मैं आपके घर आ रही हूँ, मगर आज पहली बार बेडरूम तक आई हूँ फिर भी तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में ??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान, गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और शिल्पा को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उसके टॉप में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे। मैंने बिना देर किये हुक खोला और पपीते जैसे दो मम्मे मेरे हाथों में आ गए।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी। एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसका टॉप और ब्रा उतार कर फेंक दी और अपनी टी-शर्ट और बनियान भी उतार दिया। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक हज़ारों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽऽऽ ऊऽऽऽ … म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द….म्म्मम्म्म्मम्म……आआआअ…….यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उसके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर पायज़ामे के ऊपर से ही रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में ले !

वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

बीस मिनट बाद मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटाया। मैंने अपनी जीभ से उसकी नाभि चाटी और और उसकी पैंटी को दांतों में लेकर नीचे किया।

वो बोली- क्या बात है आपमें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं कबसे इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था !

अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उसकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उसकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उसका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उसने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट कंडोम निकाला और लंड पर चढ़ा कर उसकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उसके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया उसकी ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उसके होंठ बंद कर दिए और एक झटके में थोड़ा सा घुस गया। उसकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी लंड आधा ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी। मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उसने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे………….

मैंने बिना कुछ सुने धक्के मारने शुरू किये, धीरे धीरे उसे मज़ा आने लगा और वो मेरी कमर में नाखून मारने लगी। मैंने भी उसे खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो 1-2 बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उसके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उसकी चूत से निकाला, उसने बड़े प्यार से मेरा कंडोम उतारा और उसके अन्दर का सारा वीर्य अपने मम्मों पर उड़ेल कर मल लिया।

वो बोली- यह मेरा प्रसाद है जो मैं अपने जिस्म पे लगा रही हूँ !

मैंने प्यार से उसे खूब सारे और चुम्मे दिए। उसकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उसकी आँखों से आंसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

मेरी भी तमन्ना पूरी हो गई थी। वो मेरे बाथरूम में और कपडे पहन कर चली गई।

“ये पल मैं कभी नहीं भूल सकती”……बस यही बोली और मेरे लंड को चूम कर चली गई।

अग्ले दिन वो मुझे मार्केट में मिली और बोली- क्या मेरी याद नहीं आई?

मैंने कहा- क्या कह रही हो, याद तो हर पल आती है !

वो बोली- मैं कल अपने मायके जा रही हूँ !

और वहाँ का फ़ोन नंबर देकर बोली- शाम को फ़ोन करना !

दोबारा उसको पाने का मौका मिल रहा था। वो मुलाकात कैसी रही, अगली बार लिखूंगा। मेरी कहानी पर अपने विचार इमेल करना ! Hindi Sex Stories

(Maa aur Tau Ji Ki Khet Me Chudai) Sex stories

मैं इस साईट की लगभग सारी Sex stories पढ़़ता हूँ। मुझे सारी कहानियाँ बेहद ही अच्छी लगी। उनको पढ़ने के बाद मैं आपके लिये एक ऐसी कहानी लाया हूँ जिसे मैंने अपनी आँखों के सामने होते हुये देखा था। इससे पहले कि मैं अपनी कहानी को शुरु करूँ, सबसे पहले मैं उन दोनों लोगों का परिचय आपसे करा दूँ।

इस कहानी में दो लोग- कोई और नहीं एक मेरी माँ और दूसरा एक इन्सान मेरे ताऊ जी जिसकी उमर साठ साल की है। यह कहानी वैसे तो कुछ पुरानी है लेकिन मेरे सामने जब भी वो दिन याद आता है तो मुझे ऐसा लगता है कि यह कल की ही बात है। मेरा नाम मनीष है हमांरे परिवार में मैं, माँ और पापा हैं। मेरे पापा सेल्समैन हैं, वो कई कई दिनो तक बाहर रहते हैं…।

वैसे भी हमांरे सारे सम्बन्धी गांव में रहते हैं, हम साल में दो या तीन बार जाते हैं। वहाँ हमांरे ताऊ जी रहते हैं, उनकि पत्नी की मौत के बाद वो अकेले ही रहते हैं। हम नवरात्रि में गाँव जाने वाले थे। पापा भी आने वाले थे लेकिन उनको कुछ काम आ गया तब उन्होंने हम दोनों को गांव जाने के लिये कहा।

माँ ने कहा- ठीक है।

तब मैंने देखा कि माँ खुश थी और पैकिंग करने लगी। हम लोग सुबह की ट्रेन से गाँव पहुँच गये। वहाँ ताऊ जी हमें लेने के लिये आये हुये थे। माँ उनको देख कर खुश हो गई और ताऊ जी भी खुश हुए, उन्होंने पूछा- प्रवीण नहीं आया?

माँ ने कहा- उनको कुछ काम आ पड़ा है, वो दो तीन दिन बाद आयेंगे।

और ताऊ जी माँ को देखते रहे और माँ भी उनको देखते रही। मुझे कुछ दाल में काला नजर आया…

हम लोग बैलगाड़ी में बैठे और ताऊ जी ने मुझे कहा- तुम चलाओ।
मैंने कहा- ठीक है।

माँ और ताऊ जी पीछे बैठ गये। थोड़ी दूर चलने के बाद मैंने माँ की आवाज़ सुनी, पीछे देखा तो ताऊ जी का पैर माँ के साये में था और माँ ने मुझ से कहा कि सामने देख कर चलो।

हमें लोग घर पहुंचे तब माँ बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद बाहर आई…

ताऊ जी ने कहा- चलो, तुमको खेत में ले चलता हूँ।
माँ मुस्कुराते हुए बोली- हाँ चलिये।

मैं भी साथ था। हम लोग खेत में पहुँचे तो मैंने ताऊ को जी माँ की गाण्ड पर हाथ फिराते हुए देखा।

तब माँ ने कहा- लड़का इधर है, वो देख लेगा।
उनको पता नहीं था कि मैंने देख लिया था।

तब ताऊ जी ने मुझसे कहा- बेटा, तुम दूर जा कर खेलो। मुझे तुम्हारी माँ से बातें करनी हैं।

तो मैंने माँ को देखा तो माँ ताऊ जी के सामने देख कर मुस्कुरा रही थी और मुझे कहा कि तुम यहाँ से जाओ…

मैं वहाँ से चलने लगा और माँ-ताऊ जी भी खेत के अन्दर दूर जाने लगे। मुझे दाल में काला नज़र आया। मैं भी उनके पीछे पीछे गया तो देखा कि ताऊ जी माँ की दोनों एक पेड़ की आड़ में चले गये और माँ पेड़ से लग कर खड़ी हो गई। अब ताऊ जी अपना हाथ माँ के साये में डालने लगे और माँ भी अपना साया उठा कर उनका साथ देने लगी। लेकिन मुझे उनकी कोई भी बातें सुनाई नहीं दे रही थी, इसलिये मैं और नज़दीक गया और सुनने लगा। तब वो दोनों पापा की बातें कर रहे थे।

माँ कह रही थी- कितने दिन बाद मुझे यह तगड़ा लौड़ा मिल रहा है, वरना प्रवीण का लौड़ा तो बेकार है।

अब माँ के बुर को दोनों हाथ से फैलाया। माँ थोड़ा सा विरोध कर रही थी लेकिन उनके विरोध में उनकी हामी साफ दिख रहा थी। इसके बाद ताऊ जी माँ के बुर पर लण्ड सटा कर हलका सा कमर को धक्का लगाया। माँ के मुँह से अह्हहह की आवाज निकल गई।

मैं समझ गया कि माँ के बुर में ताऊ जी का लण्ड चला गया है। ताऊ जी ने कमर को झटका देना शुरू किया। ताऊ जी जब जब जोर से झटका लगाते थे माँ के मुँह से आआअहह की आवाज सुनाई पड़ती थी। कुछ देर के बाद जब ताऊ जी ने माँ की चूचियों को मसलना शुरु किया तो उनका जोश और भी बढ़ गया। एक तरफ़ ताऊ जी बुर में जोर से झटके लगाने लगे तो दूसरी तरफ़ माँ के चूचियों को जोर जोर से मसलने लगे।

अब माँ की बुर में लण्ड जब आधे से ज्यादा चला गया तो माँ के मुंह से आआहह्ह नहीं आआ आह्हह की आवाज आने लगी। ताऊ जी ने माँ के होठों को चूसना शुरु कर दिया। लगभग आधे घण्टे चोदने के बाद ताऊ जी का बीज माँ की चूत में गिरा। माँ भी बहुत ही खुश थी। कुछ देर के बाद ताऊ जी ने लण्ड निकल लिया। माँ पांच मिनट तक लेटी रही।

माँ तब उठ कर जाना चाहती थी। ताऊ जी ने उनको रोक लिया, उन्होंने माँ से कहा- कहाँ जा रही हो?
तब माँ ने कहा- आज के लिये इतना बस!
ताऊ जी ने कहा- अभी तो और चुदाई बाकी है, रुक जाओ तुम।

तब ताऊ जी ने माँ के पीछे जा कर माँ की गाण्ड पर लण्ड रखा और कमर को पकड़ कर एक जोरदार झटका मारा। माँ के मुँह से आआ आअह्हह हह्ह की आवाज निकलते ही मैं समझ गया कि माँ की गाण्ड में लण्ड चला गया। अब ताऊ जी ने अपनी कमर को हिलाना शुरू किया और कुछ ही देर में पूरा लण्ड को माँ के गाण्ड में घुसा दिया। ताऊ जी माँ के गाण्ड को लगभद दस मिनट तक मारने के बाद जब धीरे धीरे शान्त पड़ गये तो मैं समझ गया कि माँ की गाण्ड में बीज गिर गया है।

ताऊ जी ने लण्ड को निकाल लिया तब माँ के पैर को थोड़ा सा फैला दिया क्योंकि माँ ने दोनों पैरों को पूरा सटा रखा था। ताऊ जी ने माँ की बुर को देखा, माँ से पूछा- पेशाब नहीं करोगी?

माँ ने गरदन हिला कर कहा- नहीं।

अब ताऊ जी ने जैसे ही लण्ड को माँ की बुर के ऊपर सटाया माँ ने अपने दोनों हाथों से अपनी बुर को फैला दिया। ताऊ जी ने लण्ड के अगले भाग को माँ की बुर में डाल दिया और माँ की चूचियों को पकड़ कर एक जोरदार झटके के साथ अपने लण्ड को अन्दर घुसा दिया।

माँ मुँह से आआह्ह फ़्फ़फ़ईई रीईई धीईई आआह्हह्स इस्सस्स स्सस्हह्हह कर रही थी। ताऊ जी पर उनके इस बात का कोई असर नहीं हो रहा था। वो हर चार पांच छोटे झटके के बाद एक जोर का झटका दे रहे थे। उनका लण्ड जब आधे से ज्यादा अन्दर चला गया तो माँ ने ताऊ जी से कहा- अब और अन्दर नहीं डालियेगा वरना मेरी बुर फट जायेगी।

ताऊ जी ने कहा- अभी तो आधा बाहर ही है।

माँ ने यह समझ लिया कि आज उनकी गोरी चूत फटने वाली है। माँ की हर कोशिश को नाकाम करते हुए ताऊ जी माँ के चूत में अपने लण्ड को अन्दर ले जा रहे थे। माँ ने जब देखा कि अब बरदाश्त से बाहर हो रहा है तो उन्होंने ताऊ जी से कहा- मैं आपसे बहुत छोटी हूँ आआह पल्लीईज़ आआह्हह… नहीईई उई आआअह्ह्ह ह्हह…

ताऊ जी ने लगातार कई जोरदार झटके मार कर पूरे लण्ड को माँ के बुर में घुसा दिया तथा माँ की चूचियों को मसला। अब माँ को भी मजा आने लगा था। शायद माँ को इसी का इन्तजार था। ताऊ जी ने अपने झांट को माँ की झाँट में पूरी तरह से सटा दिया और इस तरह से उन्होंने पूरे बीस मिनट तक माँ की चुदाई की। इसके बाद माँ और ताऊ जी शान्त पड़ गये तब मैं समझ गया कि माँ की बुर में ताऊ जी का बीज गिर गया है। वो दोनों पूरी तरह से थक चुके थे। अब ताऊ जी ने लण्ड को निकाल दिया और माँ की बगल में लेट गये। फ़िर दोनों ने कपड़े पहने और वहाँ से चलने लगे। तब मैं भी वहाँ से हट गया ताकि उनको पता ना चले कि मैंने सब कुछ देख लिया है। हम तीनों घर वापस आ गये।

ताऊ जी माँ को देख कर मुस्कुराने लगे कि तुम्हारे बेटे को कुछ नहीं पता चला। लेकिन मैंने भी उनको ऐसा ही दिखाया कि मुझे कुछ नहीं पता है। Sex stories

प्रेषक – लक्ष्य Hindi Sex Stories

दोस्तों मेरा नाम लौड़ा पुजारी Hindi Sex Stories और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरा असली नाम है लक्ष्य !

मैं अन्तर्वासना का पुजारी हूँ, इस वेबसाइट के सामने अब देसीपापा भी कम है, इसमें छपने वाले बिस्तर के हादसे लोगों के सोये हुए सेक्स को जगा देते हैं।

एक यादगार चुदाई का जिकर करने जा रहा हूँ !

मैं किसी काम से गाजियाबाद गया, तीस चालीस मिनट का सफ़र है ट्रेन से।

वहां पर मैं अपनी बुआ के घर गया था। वहां से निकला, रिक्शा किया, ट्रेन में अभी एक घंटा बाकी था। मैंने पास में पड़ते ठेके से विस्की का हाफ लिया। उसके पास पीने के लिए कोई अहाता नहीं था। पास में खड़ी एक उबले अण्डों वाले की ठेली से गिलास लिया, उससे दो उबले अंडे लिए, एक मोटा पैग बना कर पी लिया। जल्दी में एक और पैग पिया।

जिस रिक्शा वाले के साथ आने जाने की बात करके लाया था उसने कहा- जनाब ट्रेन छूट जाएगी !

मैंने खटाक से बाकी बचा भी पी लिया और उसके रिक्शा पे बैठ गया। हवा से मुझे ज्यादा ही चढ़ गई।

मैं रिक्शा में बैठा बैठा डोलने लगा तो रिक्शा वाले ने मुझे थामा और बोला- आप इस हालत में कहीं नहीं जा पाओगे। बोलो तो जहाँ से आये हो वहीं छोड़ देता हूँ !

मैंने कहा- वहां नहीं जा सकता इस हालत में ! बोला- फिर मुझे अपने घर ले जाओ, सुबह निकल जाऊंगा !

वो बोला- जनाब हम गरीब लोग हैं, एक कमरा है, तीन बन्दे रहते हैं !

कोई बात नहीं, मैं भी आपके बीच लेट जाऊंगा, चलो !

रास्ते से मैंने फुल बोतल खरीद ली, रास्ते से एक तंदूरी लगवा लिया, उसने अपना पउआ पहले खरीद लिया था।

उसके कमरे में पहुँच गए। वहां हमें दो बन्दे मिले, उसने उन्हें मेरे बारे में बताया। मेरे पास कोई कपडा नहीं था, मैंने अपनी पेंट उतार किल्ली पे टांग दी। उनकी नज़र मेरी गोरी चिकनी जांघों में गड़ गई। एक भी बाल नहीं था मेरी टांगों पर !

मैंने टीशर्ट नहीं उतारी।

वो चार ग्लास ले आये। मैंने मोटे मोटे पैग बना दिए, साथ में उनको तंदूरी खाने को दिया। वो खुश थे- साब आप बहुत अच्छे हो !

मुझे ज्यादा होने लगी इसलिए दूसरा पैग अपना नहीं बनाया, उनको पिला दिया। उनको भी नशा होने लगा। वो मेरे साथ घुल-मिल कर बातें करने लगे। मेरी नज़र उनमें से एक पर चली गई सामने वाले पर ! उसकी लुंगी से उसका मोटा लौड़ा दिख रहा था। मेरे साथ सट के बैठे बन्दे ने नोट किया कि मेरा ध्यान कहाँ लगा है।

नशा होने लगा था, मैंने आखिरी पैग फिर मोटा कर दिया और हम पी गए। जिसके साथ में मैं आया था, उसने अपना पउआ निकाला, ब्रांड चेंज की वजह से मैंने नहीं लिया।

साथ वाले ने मेरी जांघ पे हाथ फेरते हुए कहा- बहुत चिकना है तू !

मैंने अपना हाथ उसकी लुंगी में डाल दिया और उसके कच्छे में हाथ डाल उसके लौड़े को पकड़ लिया। सामने वाला हैरान रह गया।

मैं बोला- क्या देख रहा है तेरा लौड़ा देख कर ही मेरी गाण्ड में आग लगी थी।

मैंने शर्ट उतार फेंकी। सब मेरी लड़कियों जैसी छाती देख दंग रह गए। जिसका लौड़ा मेरे हाथ में था, उसने मुझे वहीं लपेट लिया और मसलने लगा। इतने में दूसरा आगे बढ़ आया, मैंने उसकी लुंगी खींच दी। उसने कच्छा नहीं पहना था, उसका लौड़ा आधा खड़ा लटक रहा था। उसको पास खींच मैंने मुँह में भर लिया।

वो आँखें बंद करके आहें भरने लगा- कभी सोचा न था की कोई मेरा चूसेगा।

मुँह में डालते ही तन गया था।

जिसके रिक्शा पे मैं आया था। उसे कहा- तुम भी पास आओ न ! तेरी वजह से आज मुझे लौड़े मिले !

तीनों के लौड़े निकाल अपने मुँह के पास घुटनों के बल बिठा बारी बारी चूसने लगा। हाय क्या लौड़े हैं आपके ! साले जब डालेंगे तब और अच्छा लगेगा !

मैं घोड़ी बन गया। एक ने पीछे से अपना लौड़ा घुसा दिया, मैंने आराम से ले लिया और वो तेज तेज धक्के देने लगा, ज़बरदस्त वार करने लगा। इतने में बाकी के दोनों लौड़े मैंने खूब चूसे। एक ने चोदा, दूसरा चढ़ गया, उसने चोदा, तीसरा चढ़ गया, तीसरा उतरा, पहला फिर चुसवा कर खड़ा !

तीनों ने सारी रात मुझे ठोका, सुबह उठा तो गांड दुःख रही थी, लेकिन मुझे बहुत मजा आया।

सो यह थी मेरी एक नमकीन, हसीं, रंगीन चुदाई !

जल्दी दुबारा एक और मस्त ठुकाई लेकर आऊंगा !

कभी अलविदा मत कहना !!!!!!!! Hindi Sex Stories

प्रेषक – राजेश सिंह Antarvasna

मेरा नाम राजेश है। सबसे Antarvasna पहले मैं सभी लंडों और प्यारी चूतों को सलाम कहता हूँ।

यह बात तब की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। मेरी कक्षा की एक लड़की जिसका नाम किरण था, दिखने में बहुत सुन्दर थी। उसे देखकर किसी भी लड़के का लण्ड खड़ा हो सकता था।

हम दोनों में अच्छी दोस्ती थी। हम लोग कक्षा में आगे-पीछे ही बैठते थे। हम दोनों एक-दूसरे को खूब चिढ़ाते थे। मैंने कभी भी उसे उस नज़र से नहीं देखा था, पर एक दिन ऐसा कुछ हुआ कि…

हुआ यह कि उसकी तबीयत ख़राब हो गई थी। डॉक्टर ने उसे २ हफ्ते तक आराम करने की सलाह दी थी। इसी कारण उसका स्कूल का काम छूट गया था। लगभग २ हफ्तों के बाद जब वह स्कूल आई तो उसने मुझसे कहा कि मेरा काम अधूरा है और उसे मेरी मदद चाहिए, क्योंकि मैं अपनी कक्षा का सर्वश्रेष्ठ पढ़ाकू भी था, साथ ही उसका घर मेरे घर के समीप भी था। मैंने भी उससे कह दिया कि आज स्कूल के बाद साथ में ही चलेंगे मेरे घर, वहीं तुम काम कर लेना।

छुट्टी के बाद हम दोनों घर जा रहे थे। चूँकि वह जुलाई का महीना था, अचानक बारिश शुरु हो गई। उसके सारे कपड़े गीले हो गए, जिससे उसकी चूचियाँ साफ दिख रहीं थीं।

ज़्यादा भीग जाने के कारण मैंने उससे कहा- जाओ अपने घर जाकर कपड़े बदल लो।

पर उसने कहा- मेरे घर पर आज कोई नहीं होगा और ताला लगा होगा।

मैंने कहा, ठीक है, चलो फिर मेरे घर।

मैं पहले बता दूँ कि मैं लगभग रात के ८ बजे तक अकेले रहता हूँ, क्योंकि मेरे मम्मी, पापा और दीदी तीनों ही नौकरी पर चले जाते हैं।

घर पहुँच मैंने उसे अपनी बहन के कपड़े दे दिए। चूँकि दोनों लगभग बराबर ही थीं उसे मेरी बहन के कपड़े ठीक-ठाक आ गए। उसने मुझसे कहा कि अपना मोबाईल दे दो, मैं अपनी मम्मी को बता दूँ कि मैं तुम्हारे घर पर हूँ। मैंने उसे मोबाईल दे दिया और ख़ुद कपड़े बदलने चला गया।

मैं जब १५ मिनटों के बाद आया तो मैंने देखा कि वह मेरे मोबाईल में ब्लू-फिल्म की क्लिप देख रही है। मैं डर गया कि कहीं वह गुस्सा ना हो जाए।

मुझे देखकर उसने जल्दी से वीडियो बन्द कर दी। मैंने उससे पूछा कि क्या देख रही थी, तो वह शरमा गई।

मैंने हिम्मत से काम लेते हुए उससे कहा- इसमें शरम की क्या बात। ब्लू-फिल्म देखकने में कोई बुराई नहीं।

मैं उससे पूछा – “मज़ा आया?”

तो उसने धीरे से हाँ कहा।

मैंने कहा- चलो साथ में देखते हैं। मोबाईल पे तो छोटी है, चलो कम्प्यूटर पर दिखाता हूँ।

मैंने कम्प्यूटर चालू करके उसपर एक ब्लू-फिल्म चालू कर दी। हम लोग साथ में लेट कर ब्लू-फिल्म देखने लगे।

वह गरम होने लगी। उसकी चूचियाँ एकदम कड़ी हो गईं थीं, मैं ग़ौर कर रहा था। मैंने धीरे से उसके पैरों पर हाथ रख दिया और वह कुछ ना बोली।

यह देख मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसकी चूचियाँ दबा दीं, और उसके होठों पर चुम्बन ले लिया। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी, वह उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। इधर साथ में मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था। मेरा लण्ड उसकी चूत पर टकरा कर एक रॉड की तरह कड़क हो गया था और जीन्स फाड़ कर बाहर आना चाह रहा था।

मैंने उसकी टॉप उतार दी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी, उसकी छोटी-छोटी चूचियाँ देखकर मैं पागल हो गया। मैं उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगा। उसके मुँह से सिसकियाँ निकल रहीं थीं। मैंने अपना हाथ जब उसकी स्कर्ट में डाला तो जाना कि उसकी पैन्टी पूरी गीली थी। वह शायद झड़ चुकी थी। मैंने उसकी स्कर्ट और पैन्टी उतार दी और उसकी चूत चाटने लगा। उसकी चूत एकदम गुलाबी और बिना बालों की थी।

उसे बहुत मज़ा आ रहा था, वह कहे जा रही थी, “और ज़ोर से चूस… और ज़ोर से…”

मैंने चूसना बन्द कर दिया। वह गिड़गिड़ाने लगी कि प्लीज़ चूसो…

मैंने कहा कि उसके लिए तुम्हे मेरा लंड चूसना पड़ेगा तो उसने हमी भर दी। मैंने उससे कहा कि मेरा लण्ड निकाल लो। उसने मेरी जीन्स और अण्डरवियार निकाल दी और मेरे लण्ड को चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। हम 69 की मुद्रा में आ गए।

जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ, तो मैंने उसके मुँह को चोदना शुरु कर दिया। इतने में वह झड़ गई। मैं भी झड़ गया, उसका पूरा मुँह मेरे जूस से भर गया।

थोड़ी देरे में मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया। मैंने उसे लिटा दिया और उसके पैर फैला दिए। मेरा लण्ड हल्का सा ही घुसा था कि वह चिल्लाने लगी कि छोड़ दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और वह रोने लगी। पर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा।

कुछ देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा था और वह कह रही थी – “फक मी राजेश… फक मी… फक मी हार्डर…”

थोड़ी देर में हम दोनों साथ में झड़ गए।

मैंने उसेक बाद उसे खूब चूमा, और फिर से उसकी चूत मारी।

मैंने उसकी गाँड भी मारी

अपनी टिप्पणियाँ मुझे जरूर लिखें Antarvasna

प्रेषक : राहुल गुप्ता Antarvasna

द्वीतीय भाग से आगे : अब Antarvasna मम्मी के सामने यह समस्या थी कि वीर्य के लिए किससे कहे, जोकि रोज ताज़ा वीर्य मुझे पिला सके। ऐसे किसी से कह नहीं सकते, समाज का भय था। इसी चिंता में मम्मी थी कि तभी फ़ूफा जी कानपुर से आ गए। फ़ूफा जी अक्सर ही आया करते थे और एक दो हफ्ते रहते थे। हम लोगों की सभी जरूरतें पूरी किया करते थे।

मम्मी ने मेरे फूफा जी से इस सन्दर्भ में बात की। फ़ूफा जी अक्सर मेरी मम्मी को चोदा करते थे। मैंने छुप कर कई बार देखा था, उनका लंड बहुत मोटा और लम्बा था जो कि मेरी मम्मी को बहुत पसन्द था और मुझे भी !

मम्मी को चुदते देख कर अच्छा लगता था, मन में मैं सोचा करती थी कि काश ऐसे ही कोई मुझे चोदे, लेकिन मेरी तरफ तो कोई लड़का देखता ही नहीं था।

खैर मम्मी ने फ़ूफा जी को मेरे लिये तैयार कर लिया। रात को खाना खाने के बाद मम्मी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और कहा- तुम्हारे फूफा तैयार हैं, फिलहाल तुम अपने फूफा का लन्ड चूस कर जितना वीर्य निकले उसे पी जाओ।

मैंने पूछा- यह लन्ड क्या है ?

मम्मी ने बताया- लिंग को ही आम भाषा में लन्ड कहते हैं। चलो, जल्दी से पी जाओ।

मैं फूफा के पास गई। फूफा अपने बिस्तर पर बिल्कुल नंगे लेटे थे। मम्मी ने पहले से ही उनके लन्ड को तैयार कर दिया था बस मुझे चूस कर वीर्य पीना था।

मैंने फूफा का लन्ड अपने कोमल हाथों से पकड़ा और ठीक वैसे ही चूसने लगी जैसे डाक्टर साहब ने बताया था।

फूफा को मजा आने लगा। फूफा ने मम्मी से कहा- यह तो बहुत मस्त तरीके से चूस रही है !

मम्मी ने मुस्कराकर कहा- ट्रेनिंग जो ली है, इसीलिये मस्त चूस रही है।

इतने में फूफा ने हाथ बढ़ा कर मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और लगे उनकी चूची दबाने…

मम्मी ने विरोध करते हुए कहा- क्या करते हो? बेटी है।

अब बेटी से क्या पर्दा…? फूफा बड़े प्यार से बोले- आओ हम सब आज मौज मस्ती करें ! बेटी का इलाज का इलाज हो जयेगा और मस्ती भी।

फूफा ने मम्मी का ब्लाउज खोल दिया। मम्मी की बड़ी-2 चूचियाँ बाहर आ गई।

फिर फूफा मुझसे बोले- बेटा, तुम भी अपने सारे कपड़े उतार दो।

मैंने फूफा की आज्ञा का पालन किया। उधर फूफा ने मम्मी को बिलकुल नंगा कर दिया। अब हम सब लोग एक ही बिस्तर पर नंगे थे। मैं फूफा का लन्ड फिर से चूसने लगी, फूफा मम्मी की चूचियाँ चूस रहे थे और एक हाथ से मम्मी कि बुर में उंगली कर रहे थे और दूसरे हाथ से मेरी बुर सहला रहे थे। मुझे कुछ कुछ होने लगा और बुर से कुछ लसलसा पदर्थ निकल रहा था।

फूफा मम्मी से बोले- अरे, रश्मि की चूत से पानी निकल रहा है !

मम्मी ने तुरन्त मेरी टांगें फैला कर देखा और चूत पर उंगलियों से टटोला, फिर एक उंगली चूत में घुसेड़ कर अन्दर-बाहर करने लगीं और फूफा से बोली- रश्मि अब चुदने लायक हो गई है क्योंकि इसके हल्की-2 झाटें भी आ गई हैं और चूत का छेद भी बड़ा लग रहा है। आप ही इसकी बुर का उदघाटन करिये, ठीक रहेगा।

फूफा ने मम्मी की आज्ञा का पालन किया और उठ कर मेरी चूत को बड़े गौर से देखा… यार इसकी चूत तो बहुत छोटी है मेरा लन्ड झेल पायेगी… मम्मी से बोले।

आप कोशिश तो करिये ! एक बार में न सही, दो तीन बार में तो हो ही जायेगा।

मैं यह सब सुन कर बहुत उत्साहित थी कि आज से मेरी चुदाई शुरू हो जायेगी।

फिर मम्मी ने मेरी दोनों टांगें फैलाते हुए ऊपर उठा लिया और फूफा से बोलीं- चलिये, अब आप इसे चोदिये !

फूफा ने मेरी गीली चूर पर अपना हलब्बी लन्ड रखा और हलके से चूत में घुसेड़ा, मेरे मुँह से अचानक चीख निकल गई।

क्या हुआ बेटा… मम्मी ने पूछा।

बहुत दर्द हो रहा है… मैंने कहा।

तब तक फूफा अपना लन्ड निकाल चुके थे और मम्मी से बोले- पहले रश्मि को किसी पतले लन्ड से चुदवाना पड़ेगा फिर ये मेरा लन्ड सह सकेगी।

ठीक है ! विशाल पाँच दिनों की छुट्टी में कल आ रहा है, उसका लन्ड अभी पतला ही होगा, पहले उसी से इसको चुदवाती हूँ, दो चार बार चुदेगी तो इसकी बुर रवां हो जायेगी, फिर आप चोदियेगा। फिल हाल बेटा तुम फूफा का रस पी लो। कम से कम आज की डोज तो मिल ही जाय… मम्मी मुझसे बोली।

(विशाल मेरा ममेरा भाई, जो गाजियाबाद से बीटेक कर रहा था)

मैंने फिर से फूफा का लन्ड चूसना चालू किया। फूफा का लन्ड फिर से टाईट हो गया और वो अपना लन्ड मेरे मुँह में बड़े जोरों से पेलने लगे, उन्हें बड़ा मजा आ रहा था। थोड़ी ही देर में मेरा मुँह उनके वीर्य से भर गया, मम्मी ने हमसे मुँह खोल कर दिखाने के लिए कहा।

मैंने मुँह में जितना वीर्य था उसको दिखाया।

मम्मी बोली- यह तो बहुत कम है ! ऐसे कैसे काम चलेगा? क्योंकि 50 एम एल वीर्य रोज चाहिए। खैर इसको तो तुम पी ही जाओ, कल देखेंगे।

फिर मैं कपड़े पहन कर अपने कमरे में सोने चली गई। बाद में फूफा ने मम्मी की भी चुदाई की, क्योंकि उनके कमरे से भचा भच की आवाजें आ रही थी।

मैं बहुत थक गई थी थोड़ी ही देर में मुझे नींद आ गई।

क्रमश: ……………… Antarvasna

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆