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Massage Girl in Katni: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Katni who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Katni that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Katni massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Katni who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Katni massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Katni massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Katni who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Katni employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Katni helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Katni

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Katni at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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प्रेषक : प्रेम Hindi Sex Stories

मुझे यह कहानी मेरे Hindi Sex Stories एक दोस्त ने भेजी है, जिन्होंने प्रार्थना की है कि उनका नाम नहीं बताया जाये। उन्हीं के शब्दों को मैंने कहानी का रूप दिया है।

लीजिये हाजिर है जीजू, दीदी और बाबू की मस्त कहानी…

यह मेरी सच्ची कहानी है। अन्तर्वासना पर मैं भी हिम्मत कर रहा हूँ अपनी आप-बीती बताने की।

मेरे जीजू और दीदी दिल्ली में रहते हैं। मैं भी कुछ दिन के लिये उनके साथ रहने के लिये वहाँ गया था। मेरे वहाँ जाने पर दीदी वहाँ से बड़ी दीदी की होस्पिटल में सेवा करने जयपुर आ गई थी और मुझे बता गई थी कि मुझे घर के काम में मदद करनी है। तीन-चार दिनों में वो वापस आ जायेंगी। मुझे हिदायत दी- देखो जाना मत, मुझे तुमसे काम है ! फिर कुछ मतलब से मुझे देख कर मुसकुराते हुए कुछ इशारा भी किया।

दो-तीन दिन तक सभी कुछ सामान्य रहा, फिर तीसरे दिन जीजू सिनेमा की दो टिकटे ले आये। शाम को हम दोनों सिनेमा हॉल में गये। अधिक भीड़ नहीं थी। हम आराम से पीछे की सीट पर बैठ गये। हमारे पास की सीटें खाली थी। कुछ ही देर में पिक्चर चालू हो गई। थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि जीजू का हाथ मेरी जांघ पर था। मुझे झनझनाहट सी हुई। मैंने उनका हाथ धीरे से हटा दिया। पर वापस थोड़ी सी देर में उनका हाथ फिर से मेरी जांघ पर आ गया और सहलाने लगा। उनका हाथ धीरे धीरे मेरे लण्ड की ओर बढ़ने लगा। मुझे कुछ मजा सा आने लगा, पर मैंने उनका हाथ रोक दिया।

जीजू ने बात बदलते हुए मुझे कहा,”बाबू, कुछ ठण्डा लोगे…?”

फिर बिना कुछ कहे कोल्ड ड्रिन्क की दो बोतल ले आये। हम आराम से फिर पिक्चर देखने लगे। लेकिन जीजू ने फिर हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और दबाने लगे। मुझे भी रोमांच हो आया… और इस बार जीजू ने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और दबा दिया। मेरा लण्ड खड़ा होने लगा।

“जीजू, हाथ हटा दो, मुझे अजीब सा लग रहा है !”

“अरे, तू तो मस्ती ले, मेरा भी पकड़ ले मुझे भी मजा आयेगा…!”

उन्होंने अब मेरे लण्ड को जरा ठीक से थाम लिया और सहलाने लगा। मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी। मैंने भी हिम्मत करके उनके लण्ड पर हाथ रख दिया। उसका लण्ड तो पहले से ही खड़ा था।

“बाबू, दो सीट उधर हो जा… “

मुझे पता चल गया कि उन्हें डर था कि कहीं पास वाला यह सब देख ना ले। पर तभी इन्टरवल हो गया। समय इतनी जल्दी निकल गया पता ही नहीं चला। पर अब मेरे जिस्म में एक तरावट आ गई थी। हम दोनों बाहर आ गये और हिरोइन के पोस्टर को देखने लगे।

सेक्सी पोज थे, जीजू बोले- भेनचोद क्या मस्त लगती है ये… पर तू इससे ज्यादा मस्त है।

जीजू, मैं कोई लडकी थोड़े ही हूँ !

जीजू मुस्कराये, बोले- देख मस्ती से चुदाना… क्या खायेगा…?

कुछ भी ले लो … आइस्क्रीम का ऑर्डर दे दो !

पिक्चर फिर शुरू हो चुकी थी। अब हम कोने वाली सीट पर आ गये थे।

बाबू, अपना लण्ड निकाल ! मुझे पकड़ा दे !”

“नहीं जीजू, शरम आती है…!”

पर जीजू ने मेरी पेन्ट की जिप खोल दी और मेरी अन्डरवियर को नीचे करते हुए लण्ड बाहर खींच लिया और हल्के हल्के मलने लगे। उफ़्फ़्… कैसा मजा आ रहा था। मेरा लण्ड बेहद कठोर होता जा रहा था। मेरा हाथ भी अपने आप जीजू की पैन्ट पर लण्ड के ऊपर पर चला गया। मैंने ज्योंही जिप खोली, वो अन्दर कुछ नहीं पहने थे। सीधा लण्ड हाथ में आ गया। मैंने उसे बाहर निकाल लिया। हम दोनों के लण्ड सधारण साईज़ के थे, पर हां … मेरा कुछ मोटा था। मैंने भी हौले हौले उसके लण्ड को मसलना चालू कर दिया। उनके मुँह से सिसकारी निकलने लगी।

“तेरा लण्ड तो मस्त है, तेरी दीदी को बताना पड़ेगा !”

“अरे नहीं, दीदी को कुछ मत कहना, नहीं तो नाराज हो जायेगी…”

अब हम पिक्चर नहीं देख रहे थे, एक दूसरे का लण्ड पर मुठ मार रहे थे। बला की मस्ती मुझ पर चढ़ गई थी। आंखें मस्ती में बन्द हो रही थी। जीजू अब मेरा लण्ड दबा कर जोर से मलने लगे। मेरे मुँह से आह निकल पड़ी और मेरा वीर्य निकल पड़ा। मैंने जल्दी से लण्ड आगे किया और वीर्य नीचे गिराने लगा फिर अपना रूमाल निकाला और लण्ड साफ़ कर लिया। अब सिर्फ़ जीजू को मस्त करना बाकी था। उनके लण्ड पर मैं मुठ जोर से मारने लगा। वो भी थोड़े से बैचेन हुए और लण्ड आगे करके वीर्य को नीचे टपका दिया। हमने अपने कपड़े ठीक कर लिये और ठीक तरीके से बैठ गये। मैंने सावधानी से इधर उधर देखा, किसी को कोई मतलब नहीं था, सभी पिक्चर देखने में लगे थे।

सिनेमा से हम दोनों घर आ गये। जीजू मुस्कुरा रहे थे। हमने डिनर लिया और रात को अपने कमरे में जा कर सो गये।

जीजू ने मुझसे कहा- यहाँ अकेले क्या सो रहे हो, इधर ही आ जाओ, बातें करेंगे।

मैं उनकी बात मान कर उनके कमरे में सोने चला आया। कुछ देर तक तो हम लोग बातें करते रहे।

“जीजू दीदी से मत कहना कुछ भी…”

“अरे तुम्हारी दीदी ही तो तुम्हारे बारे में कहती रहती है कि बाबू का लण्ड तो छोटेपन से ही बड़ा है और मोटा है।”

“अच्छा और क्या कहती थी वो…”

“कहती थी कि यदि आप चाहे तो भैया को मुझे चोदने के लिये राजी कर लो !”

“क्या… दीदी ने कहा ये…? मैं नहीं मानता…” मुझे आश्चर्य हुआ, पर मुझे लगा कि जीजू गे था उसे गाण्ड मारने या मराने में अधिक मजा आता होगा, इसलिये दीदी को कोई अपना लण्ड चहिये होगा कि बदनामी भी हो और चुदाई भी हो जाये।

“ठीक है… आयेगी तो देख लेना…”

दीदी के विचार सुन कर मेरा लण्ड तन्ना गया। मेरे जहन में दीदी का अब मस्त फ़िगर दिखने लगा था। दीदी की चूत कैसी होगी, चूचे कैसे होंगे। क्या सच में दीदी को चोद पाऊंगा। फिर जाने कब हम सो गये। रात को मुझे लगा कि जीजू मेरी पीठ से चिपक रहे थे और अपना लण्ड मेरी गाण्ड में रगड़ रहे थे। दूसरे हाथ से मेरा लण्ड पकड़ रखा था। मैं अनजान बन कर लेटा रहा। मुझे आनन्द आने लगा था। जीजू ने समझा कि मैं गहरी नींद में हूँ। उन्होंने मेरा पजामा उतार दिया। मेरी गाण्ड नीचे से नंगी हो गई और लण्ड बाहर आ गया। मेरा लण्ड भी बुरी तरह तन्नाने लगा था। अचानक मेरी गाण्ड में गीलापन लगा, शायद थूक था और फिर लण्ड का सुपारा मेरी गाण्ड की छेद में गड़ने लगा। अब मैंने जागना ही बेहतर समझा। मुझे भी तो मजा लेना था।

“जीजू, मेरी गान्ड मारोगे…?” मुझे गाण्ड में गुदगुदी सी लगने लगी।

“प्लीज, मारने दे ना बाबू… फिर तू भी मार लेना…” मेरा लण्ड बहुत ही कठोर हो चुका था, और रहा नहीं जा रहा था।

“जीजू पहले मुझे आपकी गाण्ड मारने दो… मेरा लण्ड बहुत कठोर हो रहा है।”

जीजू खुश हो गये, उनके मन की बात सामने आ गई।

“सच बाबू, देख तबियत से मेरी गाण्ड चोदना, मुझे लोहे जैसे लण्ड अपनी गाण्ड में बहुत भाते हैं… मेरी गान्ड चाटोगे?”

“जीजू घोड़ी बन जाओ…फिर गाण्ड चाटूंगा भी और चोदूंगा भी !” जीजू में गे वाली सारी आदतें थी।

जीजू तुरंत घोड़ी बन गए। उनकी गान्ड एकदम चिकनी और गोल थी। मैंने उसके दोनों चूतड़ों को पकड़ कर चीर दिया। गाण्ड का छेद सामने था। मैंने अपनी जीभ को उसकी गाण्ड में घुसा कर उसको चाटा और जीभ को अन्दर भी डाला। कुछ देर तक चाटने के बाद जीजू खुद ही बोले,”बाबू, तू तो मस्त है रे… गाण्ड को भी चाटने से मस्ती आ गई…किसी ने मेरी गाण्ड ऐसे नहीं चाटी… अब लण्ड घुसेड़ दे…मार दे गाण्ड !”

मैंने अपना लण्ड छेद में जमा कर जोर लगाया तो पता चला कि गाण्ड तो पहले से ढीली है, लण्ड गान्ड में घुसता चला गया। मैं उनके चूतड़ों पर थपथपा कर कस कस हाथ से मारने लगा। उसे जोर का आनन्द आने लगा। उसका लण्ड भी कड़क हो उठा। मेरे धक्के चालू हो गये वो मस्त हो उठे और मुझे गालियाँ देने लगे। आह रे… मेरे लण्ड में गजब की मस्ती छाने लगी। चुदाई तो बहुत की थी पर किसी आदमी गान्ड पहली बार मारी थी। मैंने हाथ बढ़ा कर उनका लण्ड पकड़ लिया और धक्कों के साथ मुठ भी मारने लगा।

जीजू तो जैसे तड़प उठा,”भेन चोद… तू तो उस्ताद है रे… क्या गाण्ड को पेली है कि मादरचोद मजा आ गया…!”

“जीजू मेरे से मराओगे तो गाण्ड की मस्ती ऐसी चढ़ेगी कि बस मुझसे ही मरवाओगे आप !”

“तेरा लण्ड चूसने को मन कर रहा है… पर अगली बार… तेरा लण्ड और मेरी गाण्ड… वाह रे…” जीजू मेरी तारीफ़ करने लगा था।

“दीदी को मेरे से चुदवा दो… आपका अहसान होगा !” मैंने अपनी फ़रमाईश कर ही दी…

“कल ही लो… वो आये तो तू खुद ही उससे चिपक जाना… वो देखना तुझे गले लगा लेगी… और बिना कुछ कहे ही चुदवा लेगी।” जीजू ने मुझे असली बात बता दी।

जीजू का लण्ड मसलने से उसका हाल बुरा हो उठा था, और इधर मैं उसकी गाण्ड चोद चोद कर चरम बिन्दू पर आ रहा था। तभी मैं झड़ने लगा। मेरा वीर्य निकलने लगा। मेरा जोश ठण्डा पड़ने लगा। पर जीजू ने पलट कर मुझे घोड़ी बना कर मुझ पर चढ़ गया,”बस बाबू दो मिनट… मैं तो तैयार हूँ…”

उसने अपना कड़क तन्नाया हुआ लण्ड मेरी गाण्ड में घुसेड़ दिया। मैं दर्द से कराह उठा। उसने बस तीन-चार ही धक्के मारे और उसका वीर्य छूट पडा। पर इन तीन चार बार लण्ड पेलने से मेरी गाण्ड जैसे फ़ट गई हो… असीम दर्द होने लगा था। उसके लण्ड में भी कट दिख रहा था और खून की बून्दें छलक उठी थी।

“साली गाण्ड है या सुई का छेद… इसे बार बार चोद कर मेरे लायक बनाना पड़ेगा।”

अगले रोज दीदी आ चुकी थी। उसे देख कर मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं जीजू के बताये अनुसार कुछ करूँ।

शाम को दीदी नहा कर जब बाहर आई तो सिर्फ़ पेटीकोट में थी। उसका पेटीकोट पतले कपड़े का था, सो साफ़ मालूम पड़ रहा था कि अन्दर पैन्टी नहीं पहनी है। मैं वहीं बिस्तर पर बैठा था। मुझे शरमाते देख कर दीदी ने ही पहल कर डाली।

“तुम्हारे जीजू बता रहे थे कि तुम दोनों के दिन बड़े मस्ती में कटे… खूब मजे किये…?”

“जी दीदी, जीजू तो है ही मस्त…पर आपको कैसे मालूम… ?” दीदी बिलकुल मेरे पास आ गई और लगभग चूत को मेरे मुँह के पास ले आई।

“उन्होंने मुझे सब बता दिया है…” अब कुछ शर्माने की गुन्जाईश नहीं रही थी। मैंने दीदी के चूतड़ों को थामते हुए दबा दिया और पेटीकोट के ऊपर से ही दीदी की चूत में अपना मुँह गड़ा दिया। दीदी के मुख से हाय निकल पड़ी। मेरे बालों को नोच कर पकड़ लिया और मेरे सर को अपनी चूत पर जोर से दबा दिया। उसकी चूत की दोनों फ़ांके खुल गई और उसके बीच मेरा मुँह घुस पड़ा।

अपनी चूत को जोर देकर और मेरे मुख पर दबाने लगी,”मेरे भैया… जरा चूस डाल चूत को…!”

दीदी के मुख से आह निकली और अपना पेटीकोट ऊंचा कर लिया। उसकी चूत डबल रोटी की तरह फ़ूली हुई थी… उसमें से जवानी का मद मस्त रस निकल रहा था। दीदी ने अपनी एक टांग ऊंची करके बिस्तर पर रख ली और अपनी चूत का द्वार खोल दिया। मैंने अपनी जीभ निकाली और और दीदी की रस भरी जवानी को चाट लिया। उसकी यौवन कलिका चूत के साथ अन्दर-बाहर हो कर मचल रही थी। मैंने अपने होंठों से उस उभरी हुई छोटी सी नन्ही सी कली को मसल दिया।

“भाई जी, मार डालोगे क्या…?” दीदी सिसक उठी।

“बाबू… आपकी दीदी चुदने के तैयार है… पटक दो बिस्तर पर और दोनों लूटो जवानी का मजा…”

“जीजू और आप…?”

“ये तो बस गाण्ड मारते हैं और मराते हैं… ये तो गे है…” दीदी ने निराशा पूर्वक कहा।

“दीदी बस, निराश नहीं हो… मेरा लण्ड आपकी चूत की प्यास बुझायेगा… चोद चोद कर मस्त कर देगा !” मैंने उन्हे तसल्ली दी।

दीदी खुशी से मेरे से लिपट गई,” बस भैया अब लग जाओ, मेरी चूत को ठण्डी कर दो… मस्त चोद दो …।”

मैंने दीदी की कमर में हाथ डाल कर उसका पेटीकोट उतार दिया और प्यार से उसे बिस्तर पर लेटा दिया। मैंने तुरन्त अपनी पैन्ट और अंडरवियर उतार दिया और दीदी को अपना मोटा तगड़ा लौड़ा दिखाया।

“ला चूस लूँ इसे… ” मेरा लण्ड खींच कर अपने मुख में भर लिया और चूसने लगी।

मैंने भी कमर हिला कर उसका मुँह चोदना चालू कर दिया। उसके मुँह से गों गों की आवाज आने लगी। लण्ड शायद हलक में भी जा रहा था। दीदी ने लण्ड बाहर निकाल दिया और खांसने लगी।

“गले को चोद डालेगा क्या…?”

“सॉरी दीदी… जोश में गला चुद गया…” दीदी ने मुझे धक्का दे कर अपने ऊपर लेटा लिया और अपनी दोनों टांगें ऊपर करके अपनी चूत खोल दी। मैंने अपना लौड़ा निशाने पर लिया और उसकी चूत में घुसेड़ दिया। एक मोहक सी सीत्कार भरते हुए उसने मेरा लौड़ा अपनी चूत में भर लिया। और मुझे कस कर पकड़ लिया।

” भैया मेरी इतनी बड़ी-बड़ी चूचियाँ भी तो है ना… मसल डालो ना… देखो ना कितने बेताब हो उठे हैं।”

“मैंने दोनों बोबे अपने हाथों में भर कर उन्हें मसलना शुरू कर दिया। उसकी कमर हौले हौले चलने लगी और वो शान्ति से चुदने लगी। उसे बड़ा ही आनन्द आ रहा था। मेरे लण्ड में भी वासना की मिठास भरने लगी थी। उसके मस्त बोबे और चुचूक घुमा रहा था और हम दोनों जवानी का लुफ़्त उठा रहे थे… पर हाय ये जीजू भी… मेरी मस्त गोल गाण्ड देख कर उनसे रहा नहीं गया… उनका कड़क तन्नाया हुआ लण्ड मेरी गान्ड में घुस पडा। मेरी गाण्ड तो कल से दर्द कर रही थी, मैं दर्द से बिलख उठा,”दीदी ये देखो ना जीजू को … फिर से मेरी गाण्ड मार रहे हैं…!”

“सह ले मेरे प्यारे भैया… देख मैं भी तो चुद रही हू ना…डबल मजा ले ले…” दीदी ने मुझे समझाया।

दीदी नाराज ना हो जाये सो गाण्ड भी मरवाता रहा औए चोदता भी रहा। गाण्ड के दर्द के मारे मेरा माल भी नहीं नहीं निकल पा रहा था… पर दीदी इतने में दो बार झड़ चुकी थी। इतने में जीजू झड़ गये, उनके वीर्य ने मेरी गान्ड चिकनी और लसलसी कर दी… जीजू का लौड़ा बाहर निकलते ही मुझे शान्ति हुई और मैं दीदी को फिर से चोदने लगा और अपने अंतिम पड़ाव पर आने लगा। दीदी भी तीसरी बार झड़ने वाली थी। आँखें बन्द करके खूब जोर जोर से चुदा रही थी… अब मेरा निकला …निकला हो रहा था। दीदी को पता चल गया गया कि मैं झड़ने वाला हूँ… सो उन्होंने अपनी चूत टाईट की और मेरे लण्ड को दबा लिया। मेरा वीर्य एकदम से छूट पडा और चूत में भरने लगा… तभी दीदी भी झड़ने लगी। दीदी ने मुझे प्यार से गले लिया और हम एक दूसरे के ऊपर वैसे ही लेट गये।

“भैया तेरा तो बड़ा तगड़ा है… देख मैं तीन बार झड़ गई… और तू है कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा।”

मैं क्या बताता कि जीजू के कारण था ये सब … पर उस दिन से दीदी मेरी चुदाई की फ़ैन हो गई। मेरी गाण्ड आज पूरी सूज गई थी, बहुत दर्द था। दीदी के कहने से जीजू ने मेरी गाण्ड सात दिनों तक नहीं चोदी। जीजू से तो उन्होंने चुदना ही छोड़ दिया था। सात रोज बीतने के बाद अब तो रोज रात को यही होता कि मैं दीदी को चोदता और जीजू मेरी गाण्ड मारते… दिन को तो जीजू मुझसे बहुत बार गाण्ड मरा लेते थे… बदले में मेरी सारी फ़रमाइश पूरी कर देते थे। अब हमारी लाईफ़ बडी मस्त चल रही है… या कहिये बहुत गड़बड़ चल रही है। Hindi Sex Stories

Hindi Porn Stories

लंड चूसने के Hindi Porn Stories लिए उससे प्यार होना जरूरी है। अगर लंड को प्यार से देखोगे और उसे प्यार से सहलाओगे तो तुम्हें लंड अच्छा लगने लगेगा। जो चीज़ अच्छी लगती है उसे आसानी से चूमा जा सकता है। चूसने की शुरुआत करने के लिए अपनी पसंद का आसन ग्रहण करके अपने को आरामदेह अवस्था में कर लो। मेरी राय में दूसरा या तीसरा आसन ठीक रहेगा।

लंड को हाथ में लेकर उसको सहलाने के बाद उसे अपने मुँह के पास ले आओ और उसको नजदीक से देखो तथा उसकी गंध को महसूस करो। तुम्हें यह अच्छा लगेगा। अब उसको अपने होटों से चूमना शुरू करो। लंड की छड़ से शुरू करना ठीक रहेगा और पहले नीचे की तरफ अंडकोष तक छोटी छोटी पुच्चियाँ लेने के बाद ऊपर की तरफ सुपारे तक पुच्चियाँ करो। यह शुरू की पुच्चियाँ सूखी हो सकती हैं। पुच्चियों से पूरा लंड ढकने के बाद जीभ से लंड की छड़ को चाटना शुरू करो। ऐसा करते वक़्त जीभ गीली होनी चाहिए जिससे लंड गीलापन महसूस करे। लंड के छड़ का निचला हिस्सा काफी मार्मिक होता है और जीभ के स्पर्श से लड़के को बहुत उत्तेजना मिलेगी। लंड की छड़ को सब तरफ से अच्छी तरह से चाट-चाट कर गीला कर लो। और फिर उसके सुपारे को अपने होटों के बीच में लेकर उसकी चुम्मी ले लो। ज्यादातर लंड ऐसा करने से अपनी शिथिल अवस्था त्याग कर बढ़ने लगेंगे।

अब सुपारे को हल्के से होटों से पकड़ लो और जीभ को पैना करके से उसके शीर्ष पर छोटे-छोटे वार करो। चार-पांच बार वार करने के बाद जीभ को सुपारे के चारों ओर घुमाओ। अगर लंड अभी भी शिथिल अवस्था में है तो उसे एक हाथ से पकड़ कर रखो पर अगर वह कड़क हो गया है तो हाथों से पकड़ने की जरूरत नहीं है। जब लड़की लंड को केवल मुँह से नियंत्रण में रखती है तो ज्यादा आनन्द आता है।

सुपारे के चारों तरफ तीन-चार बार जीभ घुमाने के बाद लंड को मुँह में लेने का समय आ जाता है। अगर शिथिल है तो लंड को मुँह में लेने में लड़की को आसानी भी होती है और मजा भी आता है। मजा इसलिए ज्यादा आता है क्योंकि पूरा लंड अन्दर ले पाती हैऔर फिर जब लंड जोश में आता है तो मुँह के अन्दर ही उसकी वृद्धि होती है जो कि लड़की महसूस कर सकती है। लंड की अवस्था के अनुसार उसे जितना मुँह में ले सको ले लो और फिर अपना सिर हिला कर लंड को मुँह से अन्दर-बाहर करो। इससे लड़के को चुदाई का सा मजा आएगा।

जब लंड मुँह में जाने लगे तो जीभ से सुपारे के छेद को छूने से लड़का मतवाला हो जायेगा। बाहर निकालते वक़्त जब सिर्फ सुपारा मुँह में रह जाए तो मुँह को बंद करके उसको जकड़ लो जिससे बाहर न आ सके। इस तरह मुँह से चोदने में लड़के को बहुत मजा आएगा और तुम्हें भी अच्छा लगेगा। अगर मुँह थक जाये तो लंड को मुँह से बाहर निकाल कर उसकी छड़ को होटों और जीभ से प्यार कर सकती हो और चाट सकती हो।

ज्यादातर लड़कों को चुसवाने के समय सूखापन अच्छा नहीं लगता इसलिए लंड को अपने मुँह से गीला रखना चाहिए।

चूसने में विविधता

लंड को लॉलीपॉप की तरह भी चूस सकते हैं। इसमें विविधता लाने के लिए और चूसने में और मजा लाने के लिए कई तरह के फेर-बदल कर सकते हैं। लंड के सुपारे पर शहद, जैम, आइस क्रीम, या कोई भी ऐसी चीज़ जिसका स्वाद तुम्हें पसंद हो, लगा सकते हैं और फिर उसको चूस सकते हैं। इस से लड़के और लड़की दोनों को मजा आ सकता है। लंड चुसवाने में लड़कों का आत्म-नियंत्रण सामान्य सम्भोग के मुकाबले जल्दी ख़त्म हो जाता है क्योंकि इसमें उन्हें ज़्यादा सुख का अनुभव होता है। अतः वे जल्दी ही वीर्य-पात कर देते हैं।

वीर्य का क्या करें?

बहुत सी लड़कियों को यह समझ नहीं आता कि वीर्य का क्या किया जाये। जहाँ तक लड़कों का सवाल है वे तो यही चाहते हैं कि जब वे चरमोत्कर्ष पर पहुंचें और अपना लावा लड़की के मुँह में उगलें तो लड़की उस लावे को मुँह में न केवल ग्रहण करे बल्कि ख़ुशी-ख़ुशी उसे पी भी जाये। इस अकेले कार्य से लड़कों को सेक्स की सभी क्रियाओं के मुकाबले में से सबसे ज्यादा ख़ुशी मिलती है। एक तो ख़ुशी इस बात की कि उनका वीर्य लड़की ग्रहण कर रही है और दूसरी बात यह कि वीर्य स्खलन के वक़्त लंड मुँह से निकालने की जरूरत नहीं होने से चरमोत्कर्ष के आनन्द में कोई बाधा या रुकावट नहीं होती। वे अपना आनन्द बिना रोक-टोक के उठा पाते हैं। अगर लड़की वीर्य-पान नहीं करती तो सबसे आनन्दमयी मौके पर लड़के को लंड बाहर निकालना पड़ता है और इससे उसके सुख में विराम लग जाता है।

मेरी राय में तो लड़कियों को वीर्य-पान कर लेना चाहिए। एक तो ऐसा करने से वे अपने प्रेमी के ऊपर बहुत बड़ा उपकार कर देंगी जिसका बदला वे किसी और रूप में निकाल सकती हैं। दूसरे, वीर्य को पीने से इधर-उधर इसका छिड़काव नहीं होगा जिसको बाद में साफ़ नहीं करना पड़ेगा।

वीर्य को पीने से कोई हानि नहीं है; बल्कि देखा जाये तो इसमें तरह तरह के पौष्टिक पदार्थ प्रोटीन होते हैं। हाँ, इसको पीने के लिए इसके स्वाद को पसंद करने की जरूरत होगी जो कि आसानी से विकसित की जा सकती है।

कहते हैं, हमें खाने में वे ही चीज़ें पसंद आती हैं जो हम बार बार खाते हैं। इसीलिए जो खाना हमें पसंद आता है वह अंग्रेजों को पसंद नहीं आता क्योंकि उन्होंने यह खाना बार बार नहीं खाया होता। बार बार कोई चीज़ खाने से उसके लिए जीभ में स्वाद पैदा हो जाता है और वह हमें अच्छी लगने लगती है। यही बात हमारे संगीत के प्रति रूचि के लिए भी लागू होती है। जो गाने हम बार बार सुन लेते हैं वे अच्छे लगने लगते हैं।

तो वीर्य के स्वाद को पसंद करने के लिए ज़रूरी है कि इसे बार बार पिया जाये। इसका स्वाद ज्यादातर माँ के दूध की तरह नमकीन सा होता है और इसमें एक अनूठी गंध होती है जो कि कई लड़कियों को कामुक लगती है। हो सकता है पहली बार इसका स्वाद और गंध अच्छा ना लगे पर एक-दो बार के बाद ठीक लगने लगेगा और फिर बाद में तो स्वादिष्ट लगने लगेगा।

तो लड़कियों को चाहिए कि वीर्य-पान की आदत डालें जिससे उन्हें भी अच्छा लगे और उनके प्रेमी को भी वश में कर सकें। बस एक-दो बार इसका पान करने से झिझक निकल जायेगी और फिर कोई दिक्कत नहीं आएगी। मुझे तो वीर्य-पान में कोई भी नुक़सान नज़र नहीं आता।

पूरे लंड को निगलना

(लिंग का गले के अन्दर तक पहुँचाना)

जब लंड चूसने में थोड़ी महारत हासिल हो जाए तो अगली क्रिया है पूरे लंड को निगलना। इसके लिए जो पहले अभ्यास बताये गए हैं वे करने बहुत ज़रूरी हैं क्योंकि इसमें सफलता हासिल करने के लिए मुँह में लंड के समावेश की क्षमता बढ़ानी होगी। अगर औसत मुँह और औसत लंड के माप देखे जाएँ तो ज्यादातर लड़कियाँ लंड निगलने में कामयाब हो जाएँगी। जरूरत है तो बस दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास की। इसमें लड़कों के सहयोग की बहुत जरूरत होगी क्योंकि उन्हें धीरज से काम लेना होगा और अपने ऊपर नियंत्रण रखना होगा। अगर वे जल्दबाजी करेंगे तो लड़की का गला घुट सकता है। इस क्रिया को लड़की की मर्ज़ी के मुताबिक ही करना चाहिए।

आसन

इस क्रिया के लिए पहला या चौथा आसन उपयुक्त रहेंगे। शुरू-शुरू में आसन पहला ही बेहतर रहेगा क्योंकि इसमें लड़की पूरी कार्यवाही पर नियंत्रण रख सकती है। जब थोड़ा अनुभव हो जाये तो चौथाआसन इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें लड़का चाहे तो थोड़ा आक्रामक रवैया अपना सकता है।

विधि

लड़की को अपना मुँह पूरा खोलना चाहिए और अपनी जीभ चपटी करके जितना बाहर निकाल सकती है, निकाल कर लंड को मुँह में लेना चाहिए। अब धीरे धीरे लंड को जितना ज़्यादा अन्दर ले सकती है लेने की कोशिश करनी चाहिए। लड़का इसमें उसकी मदद कर सकता है। उसे चाहिए कि बिना जोर-जबरदस्ती किये लंड को अन्दर डालने में सहयोग करे। शुरू में लड़की को ऐसा लग सकता है कि उसके लिए पूरा लंड निगलना मुमकिन नहीं है। पर कोशिश करने से सफलता मिल जायेगी यदि लंड बहुत ज़्यादा बड़ा ना हो।

लंड जितना अन्दर हो सकता है, उतना लेने के बाद उसे बाहर निकाल लो। फिर पिछली बार के मुकाबले थोड़ा और ज़्यादा अन्दर लेने कि कोशिश करो और फिर बाहर निकाल लो। इसी तरह धीरे-धीरे प्रगति करते हुए लंड को पूरा निगल सकते हैं। ध्यान रहे कि सिर्फ मुँह के अन्दर केवल छोटा या शिथिल लंड ही आ सकता है। औसत आकार का उत्तेजित लंड सिर्फ मुँह में नहीं समां सकता। उसे पूरा अन्दर करने के लिए उसे गले में उतारना होगा। शुरू में यह ना-मुमकिन लगता है पर इतना कठिन नहीं है। लेकिन अगर लंड का माप अत्यधिक बड़ा है या फिर लड़की छोटी है तो ज़बरन यह क्रिया नहीं करनी चाहिए। लंड को किस हद तक अन्दर ले सकते हैं, इसका निर्णय लड़की पर छोड़ देना चाहिए। अगर वह सुखद महसूस नहीं कर रही तो रोक देना चाहिए।

उन्नत तकनीक

जब इस तरह लंड चूसने में दक्षता हासिल हो जाए और जब इसमें भी कोई तक़लीफ़ ना हो तो अगले चरण की तरफ बढ़ सकते हैं। इसमें लड़का लड़की के मुँह की चुदाई करता है। इसके लिए चौथा या पाँचवा आसन इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन सबसे कारगर चौथा आसन है क्योंकि इसमें लड़का सबसे ज्यादा गहरा प्रवेश पा सकता है और अपने वारों पर नियंत्रण कर सकता है।
इस क्रिया में लड़की का कोई नियंत्रण नहीं होता और उसकी भूमिका एक शांत प्राप्तकर्ता की होती है। उसे अपने आदमी की ख़ुशी के लिए उसके वारों को ख़ुशी से झेलना चाहिए। अगर आदमी के वार सहन ना हो सकें तो उसे बता देना चाहिए ताकि वह नियंत्रित हो जाये।
लड़कों को चाहिए कि अपनी ख़ुशी के नशे में वे अपने साथी की भावनाओं और ख़ुशी का ध्यान रखे और उसे तकलीफ ना पहुंचाए। उसे यह नहीं भूलना चाहिए की वह लड़की के मुँह को चोद रहा है, उसकी चूत को नहीं।

निष्कर्ष

मुझे आशा है इस विधि को इस्तेमाल करके लड़के-लड़कियाँ एक बहुत ही मज़ेदार और सुखदायक क्रिया का आनन्द उठा पाएंगे। लड़कियों को चाहिए की वे लंड से प्यार करना सीख लें और लड़कों को चाहिए कि अपने लिंग को साफ़ रखें और लड़की की इच्छाओं का सम्मान करें।

सबको लंड चूसने और चुसवाने की शुभकामनाएँ Hindi Porn Stories

Sex Stories

हाय ! मेरा नाम अजय है Sex Stories और मेरी उम्र 21 साल है, मैं मुम्बई में रहने वाला एक सुन्दर लड़का हूँ। मैं अन्तर्वासना के माध्यम से अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।

मेरा मन कामुक कथाएं पढ़ने का बहुत करता है इसलिए मैं बहुत सारी सेक्स-कहानियों की किताबें अपने साथ रखता हूँ।

अब कहानी शुरू करता हूँ..

यह करीब एक साल पहले की बात है, मेरी कक्षा में एक सेक्सी लड़की ने प्रवेश लिया। वो एक सेक्सी शरीर की मालकिन थी।
सारे लड़के उसे देखते तो उनके मुंह से आह निकलती थी।
उसके स्तन तो ऐसे थे कि ब्रा में समाते ही नहीं थे और हमेशा उसके अन्दर चहकते रहते..और काजल की टाईट जींस के अन्दर उसकी तरबूज़ जैसी गाण्ड ऐसी लगती थी कि अभी इसकी चुदाई कर दूँ…

क्लास के सभी लड़के काजल के पीछे पड़े थे..मैं एक शर्मीला लड़का हूँ इसलिए मैं दूर रहता था। लेकिन क्लास में होने की वज़ह से हमारी दोस्ती हो गई। लेकिन मैं भी उसे चोदना चाहता था और मुझे मौका मिल ही गया।

वो मेरे घर की तरफ़ ही रहती थी, इस वज़ह से वो मेरे साथ ही आती जाती थी। मैं रिक्शे में हमेशा हमेशा चांस मारता था, कभी उसके बूब्स पे हाथ मार देता तो कभी मज़ाक में उसकी गाण्ड पे हाथ मार देता। वो भी कुछ नहीं बोलती थी।

बारिश का मौसम था। उस दिन बारिश की वज़ह से हम काफ़ी भीग चुके थे। गीले कपड़ों में उसके स्तन पूरे आकार में दिख रहे थे और मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।
मैंने उसे आज ही चोदने का मन बना लिया था।

वो मुझे अपने घर ले गई। हम दोनों को ठण्ड लग रही थी, वो अपने कपड़े बदल कर आई, तब तक मैं अपना शर्ट निकाल चुका था..

काजल जैसे ही बाहर आई तो मैं उसे पकड़ के किस करने लगा। वो कुछ समझी ही नहीं पाई या फ़िर ना समझने का नाटक कर रही थी।
मैं किस करते करते उसके बूब्स को दबाने लगा, वो कुछ नहीं बोली।

मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया। अब तक वो भी पूरी आपे से बाहर हो चुकी थी, उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया, मैं समझ गया कि काजल को मेरा लण्ड चाहिए।

मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। मैं अपना लण्ड उसके मुँह में देने लगा, पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद में वो राज़ी हो गई। वो मेरे लण्ड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी।

हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए। मैं उसकी गुलाबी चूत को जीभ से चाटने लगा। उसके मुंह से ..ऊह या पंकज़ याह ऊऊह प्लीज़ चोदो मुझे… मुझे तुम्हारा… बड़ा सा लण्ड चाहिए ओ येस की आवाज़ निकाल रही थी।

हम दोनों बेकाबू हो गए और एक दूसरे के मुँह में झड़ गए।

15 मिनट तक हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे, उसके बाद वो फ़िर से चुदाई के लिए तैयार हो गई, लेकिन इस बार जीभ से नहीं मेरे लण्ड से चुदाने के लिए तैयार थी।

मैं उसे कुतिया स्टाईल में चोदने के लिए तैयार हो गया लेकिन वो पहली बार चुदाने जा रही थी इसलिए उसकी चूत काफ़ी टाईट थी।
मैंने उसे क्रीम लाने को बोला, और उस पे लगाया, फ़िर एक जोर का झटका दिया और वो चिल्लाने लगी- निकालो-निकालो !

फ़िर मैं रुक गया, थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ और वो भी मचलने लगी।
फ़िर मैंने और एक झटका दिया और मेरा लण्ड पूरी तरह उसकी चूत के अन्दर हो गया और उसके मुँह से अजीब आवाज़ें निकलने लगी- ओह अजय ! प्लीज़ मेरी चूत को फ़ाड़ दो प्लीज़ ओ ओह यस… मैं ज़न्नत में हूँ… तुम पहले क्यों नहीं मिले..आई लव यू पंकज़ !

और मैं तो जैसे स्वर्ग में था, अब हम दोनों पूरे जोर से एक दूसरे को चोद रहे थे।

अब हम दोनों झड़ने वाले थे, वो बोली-अन्दर मत गिराना… मैं तुम्हारे पानी को पीना चाहती हूँ..

मैंने बाहर निकाल के उसके मुंह में गिरा दिया… वो सारा पानी पी गई… उसके बाद हम दोनों ने अलग अलग ढंग से दो बार और चुदाई की।

वो मेरे साथ एक साल रही, लेकिन अब वो कोलकाता चली गई है.. और मैं अकेला पड़ गया हूँ..

मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें! Sex Stories

Hindi Porn Stories

दोस्तो, मैं हाज़िर हूँ एक नई Hindi Porn Stories और दिलचस्प कहानी लेकर जो मेरे दोस्त और उसकी गर्लफ्रेंड की है और एक ब्लू सीडी की है जो उन दोनों पर बनाई गई।

बात उन दिनों की है जब मैं भुवनेश्वर में रह कर अपनी पढ़ाई कर रहा था। मेरा एक दोस्त था समीर ! वो देखने में उतना ख़ास नहीं था पर लड़कियाँ पटा कर चोदने में उस्ताद था। वो हर वक्त इसी फिराक में रहता कि कैसे कोई लड़की पटे और उसको नई चूत चोदने के लिए मिल जाए। वो लड़की पटाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था।

जब हमारा बी.एस.सी का अन्तिम वर्ष था तब एक नई लड़की हमारी ही क्लास में आई। उसके पिताजी का तबादला हमारे शहर में हो गया था। उसका नाम था श्रीजा। श्रीजा देखने में थी बला की खूबसूरत ! गोरा रंग, उस पर लंबे काले बाल, बाएँ गाल पर डिम्पल और होंठों के दाईं ओर एक छोटा सा तिल। फिगर ऐसा कि कोई मॉडल भी शरमा जाए। वो एक गजब की गायिका भी थी। वो कई सारे एल्बम में गा चुकी थी।

जिस दिन से उसको समीर ने देखा, उसी दिन से उसको चोदने के सपने देखने लगा। कई बार उसने मुझे भी अपने सपनों के बारे में बताया कि कैसे उसने श्रीजा को जमकर चोदा सपने में।

उसके बाद उसने श्रीजा के आगे पीछे घूमना शुरु कर दिया। श्रीजा तो पहले पहले किसी भी लड़के को भाव नहीं देती थी, लेकिन एक दिन अचानक समीर ने कुछ ऐसा किया कि वो उसके जाल में फंसती चली गई।

वो उसके लिए नोट्स ला देता, हमेशा उसकी कुछ ना कुछ मदद करता रहता। एक दिन तो हद ही हो गई- जब श्रीजा ने अपनी स्कूटी से एक बच्चे को ठोक दिया, तभी पास में जा रहा समीर वहाँ आकर श्रीजा का कसूर अपने सर ले गया कि स्कूटी असल में वो ही चला रहा था। उसको एक दिन जेल में बितानी पड़ी, मगर इससे उसको श्रीजा के दिल में एक ख़ास जगह मिल गई।

उसके बाद श्रीजा हफ़्ते में एक दो बार हमारे हॉस्टल में भी आने लगी। क्योंकि मैं समीर का रूममेट था इसलिए जब श्रीजा आने के लिए फ़ोन करती तो वो मुझे किसी बहाने से बाहर भेज देता। कुछ दिन बाद समीर ने श्रीजा को प्रोपोज़ कर दिया और श्रीजा मान भी गई। अब वो दोनों घंटो फ़ोन पर बातें करने लगे। अब तो समीर सिर्फ़ उसको चोदने के लिए मौके के इन्तजार में रहने लगा।

एक दिन जब श्रीजा समीर से मिलने हमारे हॉस्टल आई तो समीर ने मुझे बाहर जाकर बाहर से दरवाजा बंद कर देने को कहा और मैंने वैसा ही किया। मेरे मोबाइल पर दो घंटे बाद समीर का कॉल आया और मैंने दरवाजा खोल दिया और श्रीजा चली गई।

अगले एक महीने में ऐसा कई बार हुआ। तब मेरे मन में उत्सुकता बढ़ने लगी कि आख़िर ये लोग बंद कमरे में दो दो घंटे तक करते क्या हैं ?

तभी मेरे मन में एक योजना आई। मैंने मेरे एक दोस्त से एक हैन्डीकैम मांग कर अपने पास रख लिया। एक दिन जब समीर श्रीजा से फ़ोन पर बातें कर रहा था तब मुझे पता चला कि श्रीजा आज हॉस्टल आने वाली है। मैंने मौका मिलते ही समीर से छुपाते हुए कैम को सेट कर दिया जिससे कि समीर का बेड पूरा उस पर रिकॉर्ड हो सके। और उसे ऑन करके इन्तजार करने लगा।

कुछ देर बाद श्रीजा आई और पहले की तरह मैं बाहर चला गया और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया।

करीब ढाई घंटे बाद समीर का कॉल आया, मैंने दरवाजा खोल दिया और श्रीजा चली गई।

कुछ देर बाद समीर भी उठा और कहीं घूमने चला गया। तब मैंने कैम निकाला और उस पर जो रिकॉर्ड हुआ था उसे देखते ही दंग रह गया।

श्रीजा उस दिन बला की सुंदर लग रही थी, काले रंग के टॉप पर टाइट जींस गजब ढा रहे थे। उसका गोरा बदन जैसे कि कोई सफ़ेद मोती धूप में रखा हो। उसके गुलाबी लब जैसे गुलाब की पंखुड़ियाँ सुबह की ओस में भीगे हुई ! उसके गोरे रंग पर काले घने बाल क़यामत लग रहे थे। उसके कसे टॉप से उसके स्तन झाँक रहे थे जैसे दो पहाड़ियों के बीच में एक खाई हो।

श्रीजा को पहले समीर ने बेड पर बिठाया और कुछ स्नैक्स खाने के लिए दिए। फिर पानी दिया। उसके बाद समीर उसकी पीठ की तरफ़ आ गया और पीछे से ही गले पर चूमने लगा। श्रीजा थोड़ी अंगडाईयाँ लेने लगी। फिर समीर ने उसका चेहरा अपनी तरफ़ घुमाया और उसके लबों पर अपने होंठ सटा लिए। श्रीजा ने अपने आँखें बंद कर ली और जोर-जोर से सांसें लेने लगी। इसी बीच समीर ने अपना हाथ धीरे से उसके पेट पर रखा जो कि संगमरमर की तरह लग रहा था।

फिर हाथ सरकाते हुए वो उसके वक्ष तक पहुँच गया और जोर जोर से टॉप के ऊपर से ही स्तन दबाने लगा। श्रीजा सिसकारियाँ भरने लगी।

फिर समीर ने उसके चेहरे को हर जगह चूमा-चाटा। कुछ देर बाद उसने अपने होंठ उसके गले की तरफ़ सरकाए और धीरे से बोबों के उभारों को चाटने लगा। फिर उसने अपना शर्ट उतार दिया और श्रीजा का भी टॉप ऊपर से खींच कर निकाल दिया। श्रीजा के स्तन ब्रा के बंधन में जकड़े हुए आजाद होने का इन्तजार करते हुए से लग रहे थे। फिर समीर ब्रा के ऊपर से ही उसके वक्ष को मसलता रहा और श्रीजा सिसकारियाँ लेती रही।

कुछ देर बाद समीर ने उसकी पीठ की तरफ़ हाथ लेजाते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।

श्रीजा की चूचियाँ आजाद होकर झूम उठी। वो न तो बड़ी, न ही छोटी, सही आकार की और बिल्कुल ही मक्खन की तरह लग रही थी। बीच में गोलाकार चुचूक थे जो कि भूरे रंग के थे। श्रीजा के चुचूक ज्यादा बड़े नहीं थे लेकिन उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो उनमें से मधु निकल रहा हो और उसे पीने के लिए किसी का भी मन मचल उठे।

फिर समीर ने उन नाजुक बोबों को अपने दोनों हाथों में लिया और मसलने लगा। उसके हाथों की जकड़न से बोबे के आकार कई तरह से बदल रहे थे। श्रीजा इसी बीच जोर जोर से सिसकारियाँ भर रही थी। वो समीर के बालों में अपने हाथ फेरते हुए उसके चेहरे को अपने मोमों में दबा रही थी।

तभी समीर ने अपने हाथ नीचे सरकाए और श्रीजा की जींस की चैन खोलने लगा और कुछ ही देर में वो श्रीजा को सिर्फ़ पैंटी में ले आया। श्रीजा का गदराया बदन किसी अप्सरा सा लग रहा था। जी कर रहा थी कि तभी उसको अपनी बाँहों में भर लूँ।

श्रीजा ने समीर का लंड जींस के ऊपर से ही सहलाना चालू कर दिया था। समीर का लंड जींस को फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रहा था।

समीर ने फिर अपनी जींस खोल दी और अंडरवियर भी निकाल फेंका। उसका 6″ का लंड अब पूरे दम से खड़ा था। समीर ने अब श्रीजा की पैंटी भी उतार फेंकी। श्रीजा की चूत एक नन्हे गुलाब सी कोमल और रस से भरी हुई सी लग रही थी। वो दोनों अब एक दूसरे में समाने के लिए पूरी तरह से तयार थे।

तभी समीर नीचे सरक गया और श्रीजा के चूत में एक गहरा चुम्बन लिया। श्रीजा का पूरा बदन झूम उठा। फिर समीर ने अपने उंगली से श्रीजा की चूत को बहुत सहलाया और काफी देर तक दुलारता रहा। श्रीजा तो जैसे इस दुनिया में ना होकर किसी और ही दुनिया में चली गई थी।

समीर श्रीजा के सारे बदन को चूमता जा रहा था और श्रीजा उसके बालों को सहलाती जा रही थी।

श्रीजा जोर जोर से सिसकारियाँ भर रही थी और समीर उसके एक बोबे को चूमता और दूसरे को हाथ से पुचकार रहा था। उसके बाद श्रीजा का धीरज जवाब दे गया और उसने अपनी दोनों टांगों को फ़ैला कर समीर के लिए जन्नत का रास्ता खोल दिया और बोलने लगी- जानू, अब तो मेरे अन्दर समां जाओ जल्दी ! मैं और इन्तजार नहीं कर पाऊंगी !

समीर तब पूरी तरह से श्रीजा के ऊपर आ गया। अपना 7″ का लंड श्रीजा की चूत के ऊपर रखा और धीरे से धक्का दिया तो लंड धीरे धीरे अन्दर जाने लगा। श्रीजा के मुँह से आःह निकल पड़ी। फिर वो अपना लंड धीरे धीरे अन्दर- बाहर करने लगा। बीच-बीच में बोबों को चूम लेता और चूस लेता। कभी कभी लबों को चूम लेता। कुछ देर बाद समीर ने अपनी गति बढ़ाई और जोर जोर से चोदने लगा। श्रीजा अपने कमर को जुम्बिश देती समीर का भरपूर साथ देने लगी। करीब आधे घंटे बाद समीर और तेजी से चोदने लगा फिर अचानक अपना लंड निकाल के श्रीजा के पेट पर सारा माल गिरा दिया। फिर करीब पाँच मिनट तक वो दोनों चूमा-चाटी करते रहे।

फिर समीर उठा और एक कपड़े से श्रीजा के पेट से सारा माल पौंछ डाला। फिर दोनों ने कपड़े पहन लिए।

इस वीडियो को मैंने एक सीडी में उतार लिया और हैंडीकैम अपने दोस्त को लौटा दिया।

तब से हर वक्त श्रीजा का गदराया बदन मेरे सामने नाचता रहता। मैं भी श्रीजा को चोदने के सपने देखने लगा।

इस कहानी का अगला भाग शीघ्र ही अन्तर्वासना डॉट कॉम पर प्रकाशित होगा। Hindi Porn Stories

मेरा नाम हेमन्त है, मैं दिल्ली से हूँ। मैंने वासना स्टोरीस पर काफी सारी कहानियाँ पढ़ी हैं, जिनमें से कुछ ही मुझे सच लगीं, बाकी नहीं। इसलिए आज में आपको अपनी बिल्कुल सच्ची कहानी बताना चाहता हूँ।

मैं एमए कर रहा था पर मैं इकोनोमिक्स की कोचिंग के लिये जाता था। हमारे बैच में 13 लड़के और 5 लड़कियाँ थीं। उसमें से एक लड़की का नाम निहारिका था। मुझे वो बहुत ही सेक्सी लगती थी।

वो रामजस कॉलेज में पढ़ती थी। उसकी हाइट 5 फ़ुट 6 इंच थी, गोरा रंग, टाइट-फिट जींस, टी-शर्ट डाल कर क्या क़यामत लगती थी !

मेरे कोचिंग में 4 लड़कों का ग्रुप था, जो थोड़े हरामी टाइप के थे, लड़कियों का पीछा करना, उनको छेड़ना, ये सब उनके शगल थे। उन्होंने एक-दो बार निहारिका का भी पीछा किया था और उसके बारे में अश्लील बातें करते थे। निहारिका इन लड़कों से काफी दु:खी थी, क्यूंकि उसे पता था कि ये लड़के उसका पीछा करते हैं।

मैं अपने काम से काम रखता था और हमेशा लड़कियों के साथ दोस्ताना रवैया रखता था, इसलिए निहारिका भी मुझसे बातें करने में कभी हिचकिचाती नहीं थी।

धीरे-धीरे हम काफी अन्तरंग मित्र बन चुके थे।
निहारिका मुझे पसंद करने लगी थी और मुझे तो वो शुरू से ही बहुत पसंद थी। वो कभी-कभी कॉलेज ‘बंक’ कर लेती थी और मुझे फ़ोन करके बुला लेती थी, फिर हम साथ खाना खाते, कभी मूवी देखते।

एक बार हम लोग मूवी देखने गए, पिक्चर हॉल में मैंने पहली बार उसके मम्मे को छुआ और वह पहले ही फिल्म के सेक्सी सीन देख कर गर्म थी और मेरे छूने से वो और भी गरम हो गई थी।

वो सिसिकारियाँ भर रही थी- ऊऊह्ह आःह्ह !

मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाला और उसकी चूत में अपनी उंगली डाली, पर हॉल में चुदाई का प्रोग्राम बन नहीं सकता था और निहारिका का भी मूड चुदने का था।

उसने कहा- कहीं रूम का जुगाड़ करो।

फिर मैं उसको चोदने के लिए जगह का इंतजाम करने की सोचने लगा।

वो कहते है ना… बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा !

मेरे पापा प्रोपर्टी डीलर हैं। उनके दो ऑफिस हैं, एक दिल्ली में और दूसरा गुड़गाँव में, तो उनको वहाँ भी जाना पड़ता है।

जो दिल्ली वाला ऑफिस है वो घर से लगभग एक किलोमीटर दूर है। यहाँ ऑफिस के ऊपर गेस्ट-रूम बना है। मेरे पापा हफ्ते में 3-4 बार जरूर गुड़गाँव जाते हैं।

तो एक-दो दिन बाद ही मैंने सोचा कि निहारिका को यहाँ बुला कर उसके साथ मजे किये जाएँ।

हम कोचिंग गए और वहाँ मैंने उसको यह कहा- पापा एक-दो दिन में गुड़गाँव जायेंगे, तो तुम मेरे ऑफिस पर आ जाना।

मैंने उसको अपने ऑफिस का पता बताया और एक विजिटिंग कार्ड दे दिया। वहाँ पर एक ‘छोटू’ काम करता है, जो ऑफिस की साफ़-सफाई वगैरह करता है। वो मेरा चेला है, मुझे पता था कि वो किसी को कुछ नहीं कहेगा।

अगले दिन मैं ऐसे ही बैठने ऑफिस गया, तो पापा ने कहा- मैं मानेसर जा रहा हूँ, रात 9-10 बजे तक आऊँगा, अपनी मम्मी को कह देना।

उस दिन किस्मत मेरा साथ दे रही थी, मेरा कोचिंग वीकली 3 दिन का होता है, सो आज छुट्टी थी।

मतलब जैकपॉट !

मैंने निहारिका को मैसेज किया कि तुम मेरे ऑफिस आ जाओ। वो ऑटो लेकर आई। आज निहारिका कैपरी और टॉप पहन कर आई थी। उसकी टाँगें एकदम चिकनी थी। मैंने ऑटो वाले को पैसे दिए और निहारिका को ऊपर गेस्ट रूम में लेकर गया।

और मैंने छोटू को कहा- कोई आए तो ऊपर आने मत दियो।

उसने कहा- ठीक है भैया जी।

मैंने निहारिका से कुछ खाने को पूछा, तो उसने मना कर दिया।

उसने कहा- मुझे एक घन्टे में घर वापस जाना है।

मैंने कमरा बंद किया और एसी ऑन कर दिया और फिर निहारिका बेड पर लेट गई, मैं भी उसके बगल में लेट गया।

मैंने निहारिका का हाथ पकड़ा और कहा- आज तुम बहुत हॉट लग रही हो मेरी जान।

वो शरमा गई, फिर मैंने अपना हाथ उसके जिस्म पर फेरने लगा ताकि निहारिका को मज़ा आए। मैं निहारिका को पूरी तरह संतुष्ट करना चाहता था।

मैं बहुत प्यार से उसके जिस्म पर अपने हाथ फेर रहा था, जिससे उसको काफी अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर बाद मैं उसके मम्मे चूसने लगा। उसके मम्मे बहुत ही मुलायम थे, जी कर रहा था कि खा जाऊँ।

फिर मैंने उसकी कैपरी उतारी और उसको पूरी नंगी कर दिया। उसको नंगी करते ही मेरे मुँह से निकला- ओह माय गॉड !

वो एकदम जानलेवा थी। उसका जिस्म बहुत ही आकर्षक था और उसके पूरे जिस्म पर कोई बाल भी नहीं था। फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और मैं उसके ऊपर आ गया। फिर मैं उसके अधरों का चुम्बन लेने लगा।

हमने 3-4 मिनट तक एक दूसरे के होंठों को चूमा। फिर मैं उसके पूरे जिस्म को चूमने लगा। उसके गालों को, उसकी गर्दन को, उसके पेट पर, जिससे उसको चुदाई का पूरा मजा मिले।

मैंने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि निहारिका को कहीं यह ना लगे की उसको मजा नहीं आ रहा है।

फिर मैंने उसकी चूत में उंगली की और उसकी चूत को ऐसे रगड़ने लगा जैसे कोई मटकी से घी निकालता है। थोड़ी देर बाद उसकी चूत काफी गीली हो चुकी थी और निहारिका बड़ी मादक आवाज में कह रही थी- मेरी जान… फाड़ दो इस चूत को !

मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाया। शुरू में उससे थोड़ा सा दर्द हुआ, पर मैंने 4-5 झटके मारे तो उसको और दर्द होने लगा।

मैं थोड़ी देर के लिए रुका और कहा- यह थोड़ी देर का दर्द है बस, इसके बाद बस मजा ही मजा है।

फिर मैंने धीरे-धीरे फिर झटके मारने शुरू किये। दो-तीन मिनट में उसका दर्द कम होने लगा और थोड़ी देर बाद निहारिका अपनी कमर को उठा कर झटके देने लगी। मैं समझ गया गया कि अब निहारिका को मजा आ रहा है।

फिर मैंने तेज झटके लगाने शुरू किये 4-5 मिनट में मैं झड़ गया, क्यूंकि यह मेरी पहली चुदाई थी और चुदाई की चुल्ल अधिक होने की वजह से मैं जल्दी झड़ गया।

इसके बाद मेरा लण्ड ढीला पड़ गया। मैं बाथरूम गया और अपना लण्ड साफ़ किया और निहारिका चादर ओढ़ कर टीवी देखने लगी।

मेरा लण्ड ढीला पड़ गया था लेकिन मन नहीं भरा था। मैंने निहारिका को बाथरूम में बुलाया और उसको मेरे लण्ड पर तेल लगाने को कहा।

जैसे ही निहारिका ने मेरे लण्ड पर तेल लगाना शुरू किया, मेरे लण्ड में जान आनी शुरू हो गई और वो पहले के मुकाबले ज्यादा सख्त हो गया। थोड़ी देर तेल लगाने के बाद निहारिका मेरे लण्ड को चूसने लगी। उसके 5 मिनट चूसने के बाद मैं बहुत गर्म हो गया।

मैंने निहारिका को उठाया और बेड पर ले गया। फिर मैंने उसको घोड़ी बनाकर उसकी चूत मारने लगा। मैंने उसकी 2-3 पोज से चुदाई की। इस बार मैंने निहारिका की लगातार 15 मिनट तक चुदाई की और फिर मैं दूसरी बार झड़ गया। निहारिका भी इस बार की चुदाई से काफी खुश थी।

मैंने निहारिका को ऑफिस पर आने के लिए ‘थैंक्स’ कहा और उसने मुझे जबाब में कहा- इट्स माय प्लेजर !

फिर हमने अपने कपड़े पहने और मैंने पिज्जा आर्डर किये और साथ बैठकर खाए। पिज्जा खाने के बाद मैंने निहारिका को चुम्बन किया। फिर मैंने उसके लिए ऑटो मंगाया और उसको ‘बाय’ कहा।

तो दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई थी

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