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मेरा कॉलेज हमें हर साल कॉलेज ट्रिप पर लेकर जाता था.
मैं पहले तीन साल तो कॉलेज ट्रिप पर नहीं गया क्योंकि मैं मेरे पापा के दोस्त की कम्पनी में काम सीख रहा था.
कॉलेज खत्म होते ही एक अच्छी पोस्ट मिलने की लालच में मैं ज्यादा छुट्टियां भी नहीं लेता था.
पर मैंने लास्ट ईयर में कॉलेज ट्रिप जाने की सोची और साथ चलने के लिए सारे कॉलेज फ्रेंड्स को भी मना लिया.
कॉलेज के प्रिंसिपल सर मेरे पड़ोसी हैं और मेरे पापा के अच्छे दोस्त भी हैं.
तो मैंने उन्हें बाली ले जाने का आईडिया दिया और वह मान गए.
अब मैंने प्रिंसिपल सर और कॉलेज मैंनेजर ने बाली जाने का, वहां रहने और घूमने की पूरी तैयारी कर ली.
कॉलेज में अनाउंस भी करवा दिया.
मैं और मेरे सारे दोस्त तो पहले से ही तैयार थे … और भी बहुत से छात्र थे, पर सबके सब फ्रेशर थे.
हमें मिला कर कुछ ही सीनियर थे.
ट्रिप पर जाने से एक दिन पहले मैनेजर सर का एक्सीडेंट हो गया और वे अब हमारे साथ नहीं चल सकते थे.
प्रिंसिपल सर ने ट्रिप कैंसल करने की सोची, पर मेरे बहुत मनाने पर मान गए.
अब इस ट्रिप का नया लीडर और गाइड मैं हो गया था.
मेरे साथ प्रिंसिपल सर ने एक सर और दो मैडम को भी ट्रिप पर भेज दिया, जिनमें से एक का नाम सरोज है.
सरोज मैडम की हाईट 5 फीट है, रंग सांवला और शरीर भी थोड़ा मोटा है उनकी उम्र 50 साल होगी. वे दिखने में भी ठीक ठाक हैं.
हमारी दूसरी मैडम प्रिया कातिल फिगर की मालकिन हैं.
पूरा कॉलेज उन पर मरता है.
मैडम की उम्र 35 साल, रंग गोरा, हाईट 5.5 फीट और फिगर 36-30-38 का.
प्रिया मैडम के फिगर को देख कर ही लगता है कि वे रोज जिम जाती होंगी.
अब हम सब हवाई जहाज में बैठ गए.
मैं विंडो सीट पर बैठा था.
मेरे पास में प्रिया मैडम और उनके पास में सरोज मैडम बैठी थीं.
आज मैंने मौका देख कर प्रिया मैडम के साथ बहुत खुल कर बातचीत की.
वे भी बहुत ही फ्रैंक होकर मुझसे बात कर रही थीं.
हम सभी शाम को अपने रिज़ॉर्ट में पहुंच गए थे.
मैंने लड़कों के रूम्स का अलग और लड़कियों के रूम्स का अलग फ्लोर लिया था.
मेरा रूम लड़कियों के फ्लोर पर था जो मैंने जानबूझ कर प्रिया मैडम के रूम से लगा हुआ लिया था.
अब सब सुबह पूल में पहुंच गए.
पूल भी लेडीज का अलग था.
मैं लेडीज पूल में था.
प्रिया मैडम पूल के किनारे बैठी हुई थीं.
मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके पास स्विमिंग ड्रेस नहीं है.
तो मैंने उनके लिए स्विमिंग कॉस्ट्यूम अरेंज करवा कर दिया.
पर उनकी टी-शर्ट ज्यादा ढीली थी और निक्कर थोड़ी टाइट.
उन्होंने वह ड्रेस ले ली और जैसे ही वह उस ड्रेस को पहन कर आयी तो क्या कातिल लग रही थीं.
वह जैसे ही पूल में उतरीं, उनकी टी-शर्ट उनके बूब्स से चिपक गयी.
आह क्या नजारा था.
चौड़ी गांड, मोटे मोटे बूब्स देख कर तो मेरा लंड ही खड़ा हो गया.
मैडम को स्विमिंग नहीं आती थी तो वे पानी से थोड़ा डर रही थीं.
मैंने उन्हें दिलासा दी कि मैं आपको स्विमिंग सिखा देता हूँ.
थोड़ा समझाने के बाद वह मान गईं.
अब मैं उनको स्विमिंग सिखाने लगा.
मेरा एक हाथ उनके पेट पर और एक हाथ उनके पैरों को पकड़े हुए था.
वे पानी में पैर हिला रही थीं.
बीच बीच में मेरा हाथ उनके बूब्स पर टच हो रहा था पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.
अब मैंने धीरे धीरे अपना हाथ पैरों से जांघ पर शिफ्ट कर दिया और बैलेंस बनाने के नाम पर उनकी जांघों को बार बार मसलने लगा.
उन्होंने अब भी कुछ नहीं कहा.
अब मेरा दूसरा हाथ धीरे धीरे उनके बूब्स को टच करने लगा और मेरी उंगलियां उनके बूब्स को मसलने लगीं.
मुझे लगा कि मैडम को भी मजा आ रहा था.
मैं अभी कुछ और कर पाता, पर तभी हमें पूल से निकलना पड़ा क्योंकि हमें घूमने जाना था.
पूरा दिन मैडम मुझे एक हल्की सी शरारत वाली स्माइल दे रही थीं.
शाम को रिज़ॉर्ट में लौट कर सब फिर से पूल में चले गए.
इस बार मैडम ने मुझे खुद से स्विमिंग सिखाने को बोल दिया.
अब मैं वापिस वही हरकतें करने लगा, धीरे धीरे मैं उनके बूब्स दबाने लगा, उनकी जांघों को मसलने लगा और एक दो बार मैंने उनकी गांड भी मसल दी.
कुछ देर बाद मैडम ने मुझे रोक दिया.
सब लोग पूल से निकल कर अपने अपने रूम में चले गए.
मैं बार बार बस मैडम को ही याद कर रहा था.
काफी रात गहरा गई थी.
तभी मेरे रूम की घंटी बजी.
मैंने जैसे ही रूम खोला, सामने प्रिया मैडम थीं.
वे एक टाइट टी-शर्ट और शॉर्ट में थीं.
मैंने उन्हें अन्दर बुलाया.
हम दोनों इधर उधर की बातें कर रहे थे.
तभी मैडम ने कहा- मेरे कंधे बहुत दुख रहे हैं, क्या तुम थोड़े दबा दोगे?
मैं उनके कंधे दबाने लगा.
इससे मैडम बहुत ही रिलेक्स फील कर रही थीं.
तभी मैडम मुझसे पूछने लगीं कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने मैडम को मना कर दिया.
तो मैडम ने कहा- तुम झूठ बोल रहे हो.
मैंने मैडम से कहा- अभी नहीं है, पर पहले थी.
मैडम ने पूछा- तो उसके साथ सेक्स भी किया होगा?
मैं यह सुन कर दंग रह गया.
मैंने कहा- थोड़ा बहुत किया है.
मैडम ने कहा- ऐसा क्यों?
मैंने मैडम को बताया कि उसे ये सब ज्यादा पसंद नहीं था.
मैडम हंस पड़ीं और बोलीं- सेक्स किसको पसंद नहीं होता!
अब मैंने मौका देखते हुए मैडम से कहा- अगर आपका शरीर ज्यादा थक गया हो, तो मैं आपके पैरों की भी मसाज कर दूँ?
कुछ पल सोचने के बाद वह मान गईं और बोलीं- पर आराम से करना.
मैंने उनके कहने के अंदाज से यही समझा कि ये चुदाई आराम से करने की कह रही हैं.
वे बेड पर उल्टा लेट गईं.
अब मैं उनके पैरों की उंगलियां दबाने लगा.
मैडम को मजा आने लगा.
मैं धीरे धीरे पैर दबाते दबाते उनकी जांघ तक पहुंच गया और जांघों को मसलने लगा.
अब मैडम थोड़ी थोड़ी कामुक आवाज निकालने लगीं.
मैं उनकी जांघ के अन्दरूनी हिस्से को भी मसलने लगा और धीरे धीरे मेरा हाथ उनकी चूत के करीब पहुंच गया, पर मैंने चूत को टच नहीं किया.
मैंने मैडम से कहा- अगर आपको मसाज पसंद आयी हो, तो मैं आपकी पीठ की ऑयल मसाज भी कर सकता हूँ.
मैडम ने थोड़ा झिझक कर हां कह दिया पर कहा कि किसी को बताना मत!
मैंने हामी भरी और बाथरूम से मसाज ऑयल लेकर आ गया.
तब तक वे भी टी-शर्ट उतार कर पीठ के बल बेड पर लेट गईं.
उन्होंने लाल कलर की डिजाइनर ब्रा पहन रखी थी.
उनके बूब्स ब्रा के साइड से बाहर आ रहे थे.
यह देख कर मेरा लंड उफान मारने लगा.
मैंने अपने को काबू किया और उनकी लोवर बैक की मसाज करने लगा.
धीरे धीरे मैं उनकी पूरी की पूरी पीठ को मसलने लगा.
मैडम को भी मजा आने लगा.
वे बहुत ज्यादा कामुक होकर मादक आवाजें निकाल रही थीं.
मुझे ब्रा की स्ट्रेप की वजह से मसाज करने में दिक्कत हो रही थी, तो मैंने मैडम को ब्रा स्ट्रिप को खोलने को कहा.
वे वासना में इतनी ज्यादा डूब चुकी थीं कि उन्होंने ब्रा की स्ट्रिप खोल दी.
अब मुझे उनके गोरे बूब्स साइड से साफ दिख रहे थे.
बिल्कुल दूध से सफेद.
मैं उनकी रगड़ कर मालिश करने लगा और मैडम जोर जोर से आह आह की कामुक आवाजें निकालने लगीं.
मैं हल्के हाथों से उनके बूब्स को साइड से सहलाने लगा.
मैडम और भी ज्यादा प्यार भरी आवाजें निकालने लगीं.
यहां मेरा लंड पैंट में दर्द करने लगा.
मैंने मौका पाकर मैडम से पेट की मालिश के लिए पूछ लिया.
पहले तो मैडम ने मना कर दिया, फिर तुरंत ही हां भी बोल दिया.
पर मुझसे आंखें बंद करके मालिश करने को कहा.
मैं मान गया और मैडम के आदेश को फॉलो करते हुए अपनी आंखें बंद करके उनके पेट पर धीरे से बैठ गया और उनकी मालिश करने लगा.
मेरा हाथ जैसे ही बूब्स के करीब पहुंचा, तो मैडम ने टोक दिया और नीचे नीचे मालिश करने को कहा.
मैंने भी डर के मारे आंखों को बंद रखा और मालिश जारी रखी.
थोड़ी देर में ही मैडम की कामुक आवाज फिर से शुरू हो गयी.
मैंने हिम्मत करके थोड़ी सी आंख खोली तो मैडम आंखें बंद करके मादक आवाजें निकाल रही थीं.
मैं अब आंख खोल कर मालिश करने लगा.
उनके बूब्स ब्रा से ढके हुए थे पर बहुत ही मस्त लग रहे थे.
मैं धीरे धीरे हाथ ऊपर की ओर बढ़ाने लगा तो मैडम अपनी ब्रा धीरे धीरे खिसकाने लगीं.
उन्होंने अपनी ब्रा पूरी तरह से साइड में कर दी.
क्या तो बूब्स थे उनके … मैं तो देखते ही पागल हो गया.
मैं धीरे धीरे उनके बूब्स को नीचे से टच करने लगा.
मैडम ने कुछ नहीं कहा.
मैंने हिम्मत करके उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और आंखें बंद करके धीरे धीरे मालिश करने लगा.
मैडम ने अब भी कुछ नहीं कहा.
मैं मैडम के बूब्स मसलने लगा.
मैडम कराहने लगीं.
मैंने मालिश करते हुए अपने होंठ मैडम के होंठों पर रख दिए और उन्हें किस करने लगा.
मैडम भी मेरा पूरा साथ देने लगीं.
हॉट मैम पागलों की तरह मेरे होंठों को चूसे जा रही थीं और मैं उनके बूब्स दबा रहा था.
कुछ देर बाद मैं उनकी गर्दन को चूमने लगा तो वे मचल उठीं.
पर उनकी आंखें अब भी बंद थीं.
मैं उन्हें चूमते हुए नीचे आया और उनके बूब्स को चूसने लगा.
बूब्स चूसते चूसते मैंने मेरा एक हाथ उनके शॉर्ट के अन्दर डाल दिया और पैंटी के ऊपर से उनकी चूत मसलने लगा.
उनकी चूत पूरी गीली थी.
मेरी इस हरकत से वह जल बिन मछली की तरह तड़पने लगीं.
अब मैंने उनके शॉर्ट को खोल दिया और पैंटी उतार कर Xxx मैम की चूत को देखने लगा.
बिल्कुल क्लीन शेव, किसी कुंवारी लड़की की चूत की तरह लग रही थी.
मैं उनकी चूत पर टूट पड़ा और उनकी चूत को चाटने लगा.
उन्होंने अपना हाथ मेरे सर पर रख दिया और मेरे सर को चूत की तरफ दबाने लगीं.
साथ ही वे जोर जोर से उह आह आह हो आह की आवाजें निकालने लगीं.
उनकी ये कामुक आवाजें सुन कर मैं और जोर से उनकी चूत चाटने लगा.
कुछ देर बाद उन्होंने छटपटाते हुए सारा पानी निकाल दिया और खुद बेसुध हो कर लेटी रहीं.
मैं उनका सारा पानी पी गया.
क्या स्वाद और क्या खुशबू थी.
अब मैंने फटाफट अपने सारे कपड़े उतारे और उनके बूब्स पर बैठ गया.
मैंने मैडम को आंखें खोलने को कहा. उन्होंने जैसे ही आंखें खोलीं, मेरा बड़ा लंड ठीक उनके मुँह के ऊपर था.
वे मेरा लंड देख कर चौंक गयी और शर्म के मारे आंखें चुराने लगीं.
मैंने एक हाथ से उनकी गर्दन को ऊपर उठाया और लंड उनके मुँह में दे दिया.
वे भी बड़े प्यार से मेरा लंड चूसने लगीं.
लंड चूसने में वे पक्की खिलाड़ी थीं.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने उन्हें पेट के बल पलंग के किनारे लेटने को कहा और मैं पलंग के किनारे खड़ा हो गया.
मैंने उन्हें फिर से लंड चूसने को कहा, वह मेरा लंड पूरा अन्दर गले तक उतार कर चूसने लगीं.
मेरा लंड उनके मुँह में ठीक से आ भी नहीं रहा था, फिर भी उन्होंने वह पूरा अन्दर तक लेकर चूस लिया.
मैंने उनके बाल पकड़े और उनके मुँह को चोदने लगा.
उनकी सांस फूलने लगी पर वे बराबर अपना मुँह चुदवाने लगीं और मैं अपनी चरम सीमा पर आ गया.
मैंने अपना पूरा सारा वीर्य उनके मुँह में खाली कर दिया और उनके पास में लेट गया.
वे मेरा सारा वीर्य चूस गईं और मेरे पास में लेट कर मेरे पूरे शरीर को चूमने लगीं, मेरे लंड को सहलाने लगीं.
कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से चार्ज हो गया.
उन्होंने मुझसे कहा- आकाश, चोद दे अब मुझे … मुझसे बर्दाश्त नहीं होता, कब से बड़े लंड के लिए तरस रही थी.
मैंने भी देर न करते हुए उनके ऊपर चढ़ कर अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया और एक जोर का धक्का दे दिया.
मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया.
वे जोर से चीख पड़ीं, मैं रुक गया.
मैंने थोड़ा इंतजार किया और एक और जोर का धक्का दिया.
अब मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया.
उनकी आंखों से आंसू आ गए.
चूत लंड के हिसाब से थोड़ी टाइट थी.
मैं थोड़ा रुक कर उनके होंठों को चूसने लगा.
वे जैसे ही नॉर्मल हुईं, मैं धीरे धीरे उन्हें चोदने लगा और उनके होंठ चूसने लगा.
कुछ देर बाद वह भी अपनी गांड हिलाने लगीं तो मैंने अपने हाथों को पलंग पर रख कर पकड़ बनाई और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाते हुए उन्हें जोर जोर से चोदने लगा.
वे जोर जोर से चिल्ला रही थीं- आह और जोर से … और तेज आकाश फाड़ दे मेरी चूत … भोसड़ा बना दे इसका.
मैं उन्हें और जोर जोर से चोदने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उन्हें बिस्तर से उठाया और बालकनी में ले आया.
उधर मैंने मैडम से बालकनी की रेलिंग पकड़ कर झुकने को कहा और पीछे से एक जोर का झटका दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड एक बार में अन्दर चला गया.
वे जोर से चीखने लगीं.
मैंने Xxx मैम को चोदना जारी रखा और पूरी रफ्तार से चोदने लगा.
वे जोर जोर से चिल्लाती हुई ‘उह आह ओह … यस लाइक दैट …’ कहने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने अपना सारा वीर्य उनकी पीठ पर निकाल दिया और हम दोनों जकुजी में जाकर आराम से बैठ गए.
बाद में बाहर आकर मैंने हॉट मैम को काउगर्ल और मिशनरी स्टाइल में चोदा.
उस पूरी रात में मैंने मैडम को चार बार चोदा.
अगली सुबह मैडम जल्दी अपने कमरे में जाकर सो गईं.
अगले पूरे दिन मैडम से ठीक से चला नहीं जा रहा था.
उस दिन के बाद मैडम और मुझे जब भी मौका मिलता, हम दोनों चुदाई कर लेते हैं.
वैसे हम दोनों को बालकनी में चुदाई करते हुए स्वाति और राधिका ने देख लिया था.
उसी ट्रिप पर मैंने उन दोनों को एक साथ कैसे चोदा, ये मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
दोस्तो, मेरी यह Antarvasna पहली कहानी है जो मैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर भेज रही हूँ।
मैं मुम्बई में एक साधारण परिवार में पली-बड़ी हुई हूँ। मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी हैं। मेरी आयु 23 की है। यह बात तब की हैं जब मैं 20 साल की थी। तब मैं बारहवीं में पढ़ती थी। हमारे स्कूल सब लड़के-लड़कियाँ एक दूसरे के साथ मजाक-मस्ती करते रहते थे। मेरा भी एक बॉय फ्रेंड था, उसका नाम अमित था। मैं उसे बहुत पसंद करती थी। वो भी मुझे पसंद करता था।
वो पढ़ाई में भी बहुत होशियार था। जब हमारी बारहवीं की परीक्षा ख़त्म हुई तब उसने और उसके दोस्तों ने घूमने के लिए गोआ जाने की योजना बनाई और हमें भी आने के लिए कहा। हमने भी हाँ कर दी। चार लड़के और सबकी गर्लफ्रेंड, हम गोवा के लिए निकल पड़े। गोवा के सस्ते होटल में हमने कमरे लिए और अपना सामान कमरे में रखा और थोड़ा आराम किया। फिर हम बीच पर घूमने गए।
वहाँ हमने अपने कपड़े उतारे और बिकनी पहन ली और घूमने लगे। बाद में हमने होटल आकर खाना खाया और हम अपने कमरे में आराम करने लगे।
तभी रीता नाम की मेरी सहेली ने कहा- मैं तो आज राज के साथ मजे करने वाली हूँ!
मैंने कहा- मजे? कैसे मजे करने वाली हो?
उसने कहा- मैं उसके साथ सेक्स करने वाली हूँ!
मैंने कहा- सेक्स? यह क्या होता है?
दरअसल मुझे पता था कि सेक्स क्या होता है, मैं उसके मुँह से सुनना चाहती थी।
रीता ने कहा- बुद्धू! सेक्स का मतलब चुदाई! जो लड़का-लड़की करते हैं!
मैंने कहा- तूने पहले किया है कभी ऐसा राज के साथ?
रीता ने कहा- हाँ! कितनी ही बार किया है।
तभी वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे होठों को चूमने लगी। मैंने और उसने बिकनी ही पहनी थी इसलिए वो मेरे स्तन ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगी और चूमने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था, उसने मेरी ब्रा और पेंटी खोल दी और मैं उसके सामने नंगी हो गई। वो मेरे बदन को सहलाने लगी और बाद में वो मेरी चूत पर मुँह रख कर चूमने लगी।
मेरे मुँह से आह ऊह आह ऊह ओह्ह और करो आह चाटो आह जैसी आवाजें निकलने लगी।
तभी दरवाजा खुला और वहाँ अमित और राज ने कमरे में प्रवेश किया और हमें इस तरह देख कर मुस्कुराने लगे।
तभी राज ने कहा- क्यूँ! आज हमारे बिना ही अपनी प्यास बुझा लोगी?
रीता ने कहा- तो आ जाओ! तुम्हें किसने रोका है! अब तुम ही हमारी प्यास बुझा दो!
इतना सुनते ही दोनों हमें बिस्तर पर ले गए, अमित मुझे चूमने लगा। धीरे-धीरे वो मेरे नीचे की तरफ जाने लगा और वो मेरे चूत के दाने को चाटने लगा। मुझे और भी मजा आने लगा। तभी उसने अपना लंड मेरे हाथ में दिया और मुँह में लेने को कहा। मैं उसके लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
उसने मुझे चित्त लिटाया और अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रख कर फिराने लगा और तभी एक जोर धक्का दिया। उसका 8 इन्चा लंड मेरी चूत में आधा घुस गया।
मैं कराहने लगी, मुझे बहुत दर्द होने लगा और वो मुझे चूमने लगा। धीरे-धीरे दर्द ख़त्म होने लगा। मैंने उसे आगे बढ़ने को कहा और उसने पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और घर्षण करने लगा।
मेरे मुँह से आह उह की आवाज निकलने लगी और कहने लगी- और चोदो! फाड़ डालो मेरी चूत! आह चोदो।
थोड़ी देर बाद मैं झड़ने वाली थी और वो भी झड़ने वाला था। उसने स्पीड बढ़ा दी और एक झटके के साथ मेरा कामरस निकल गया। दो मिनट बाद वो भी मेरी चूत में झड़ गया। गर्म-गर्म पानी चूत में गिरने से मुझे और भी मजा आया।
उधर रीता और राज़ दोनों का भी काम तमाम हो गया था। थोड़ी देर बाद राज ने मुझे चोदा। उस रात मैं तीन बार चुदी थी।
दोस्तो, कैसे लगी मेरी कहानी! मेल जरूर करना!
मैं और भी कहानी लिखूंगी नेहा दीदी की तरह! बस आपके मेल का इंतजार रहेगा। Antarvasna
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना hindi Porn Stories का नियमित पाठक हूँ। सोचा आप लोगों को अपनी भी एक सच्ची कहानी बताऊँ।
मेरी शादी हुए 12 साल हो चुके है। शादी के समय मेरी उमर 25 साल की थी और मेरी पत्नी की 19 साल, लेकिन घर में वह सबसे बड़ी थी। मेरी दो सालियाँ हैं। बड़ी की उमर उस समय 16 की थी और छोटी की 12 साल। बड़ी साली का नाम पिंटी है। कद-काठी 5 फुट 2 इंच, रंग हल्का सांवला। फिगर 33-25-28। यह कहानी पिंटी की चुदाई की है।
10+2 पास करने के बाद जब पिंटी कालेज़ पहुँची तो उसे खुला माहौल मिलने के कारण उसके रंग-ढंग काफी बदलने लगे थे। हालांकि पहनती तो सूट-सलवार ही थी मगर कमीज़ की लम्बाई और फिटिंग दिन पर दिन टाईट होते जा रही थी। साथ ही साथ मेरे साथ अकेले में शरारत का कोई मौका वह हाथ से जाने नहीं देती थी। उसका सबसे पसंदीदा था गुदगुदी करना। शुरू में तो मैंने कोई जबाब नहीं दिया। लेकिन धीरे-2 मैं भी बराबरी करने लग पड़ा। पैरों के नीचे, पेट पर, बांहों के नीचे, गर्दन पर, मम्मों के आसपास या फिर जहाँ भी हाथ पड़ जाए। पर यह सब होता था जब आसपास कोई नहीं होता था, चाहे मैं ससुराल में होता या वो मेरे यहाँ आई होती।
एक बार कुछ काम से मैं अपने ससुराल गया था। शाम को वो रसोई में खाना बना रही थी तो मैं पानी पीने के बहाने रसोई में चला गया और पीछे से अपने दोनों हाथों से उसके मम्में बड़े आराम से पकड़ कर खड़ा हो गया। उसने मना नहीं किया और बड़े आराम से खड़ी रह कर अपना काम करती रही। धीरे-2 मैंने उन पर दबाब बढ़ाना शुरू किया और उसे गाल पर चूमना शुरू कर दिया, फिर गर्दन पर और मैंने उसका कान अपने मुँह में ले लिया तो वह कसमसा कर रह गई और कहा- क्या कर रहे हो जीजू! कोई आ जाएगा।
पर इस सबके कारण मेरा लण्ड खड़ा हो कर उसके चूतड़ों की दरार में लगने लग पड़ा था। तभी मेरी सास रसोई में आ गई और हम अलग खड़े हो बातें करने लग पड़े।
अगले दिन मैं अपने काम से बाहर गया। वापिस दोपहर को घर आया तो मेरी सास एक कमरे में तथा पिंटी और मेरा साला दूसरे कमरे डबल-बैड पर सोए हुए थे। मैंने पिंटी को उठाया तो वह ऊँ… कर के करवट बदल कर सो गई। मैंने फिर से उसे हिलाया मगर वो नहीं उठी और एक बार फिर से करवट बदल कर सो गई। लेकिन इस बार उसका मुँह मेरी तरफ हो गया। पिंटी बैड के किनारे की तरफ थी। बार-2 उठाने पर भी जब वो नहीं उठी तो लगा कि शायद वो सोने का नाटक कर रही है। मैंने धीरे से गले के ऊपर से उसकी कमीज़ में हाथ डाला लेकिन वह जरा भी नहीं हिली। कमीज़ टाईट होने के कारण मेरा हाथ ज्यादा अन्दर तक नहीं जा पाया। मैंने उसके मम्मों को सिर्फ ऊपर से ही छुआ और हाथ बाहर निकाल लिया। और फिर उसके पास बैठ कर उसके होंठ अपने मुँह में ले कर करीब 10 मिनट तक चूसता रहा। वो नींद से तो जग गई पर आराम से लेटी रही और इस सबके मज़े लेती रही। पर इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कर सका क्योंकि साला साथ ही सोया था और अगले दिन मैं वापिस आ गया। चलते वक्त वो बड़े प्यार से व जोर से जफ्फी डाल कर मिली और बोली- आई लव यू जीजू!
मैं समझ गया कि कल दिन में जो कुछ भी हुआ उसके बाद यह चुदवाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। मैंने भी उसे आई लव यू ट्ठू कहा और चला आया।
बी ए के प्रथम वर्ष की परीक्षा के बाद छुट्टियों में वह मेरे पास आई। मैं बहुत ही खुश हुआ। उसका बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया। वो पूरे एक महीने के लिए आई थी। मेरी पत्नी ने उस समय एक स्कूल में नौकरी कर ली थी। सुबह 8:40 पर वह स्कूल चली जाती थी। मेरी बेटी भी उसी के साथ जाती थी। मैंने 9:45 पर दफ्तर के लिए जाना होता था। यानि कि पूरा एक घंटा मैं और पिंटी घर पर अकेले होते थे।
एक-दो दिन तो सामान्य निकल गए। तीसरे दिन सुबह अभी 6:15 मेरी पत्नी छत पर कपड़े सुखाने के लिए चली गई। दरवाजे की आवाज से मेरी नींद भी खुल गई। मैं उठा और दूसरे कमरे में देखा साली अभी सोई थी। उसने नाईट सूट पहन रखा था जिसका टॉप थोड़ा छोटा और उसके आधे पेट तक उठा था। टॉप के ऊपर से साफ दिख रहा था कि उसने ब्रा नहीं पहनी है। मैं चुपचाप उसके पास लेट गया और अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया। फिर धीरे-2 टॉप के अन्दर से ऊपर को ले जाने लगा। पहले अपना हाथ उसके दाएँ नंगे मम्मे पर रखा और चुचूक को अपनी ऊँगलियों से पकड़ लिया। लेकिन वो नहीं उठी तो मैंने उसके मम्मे को जोर से दबाया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और धीरे-2 चूसने लगा। तो उसकी नींद खुली।
उसने पूछा- जीजू यह क्या कर रहे हो? कोई आ जाएगा।
मैंने कहा- तेरी दीदी अभी छत पर गई है और भांजी सोई है, सो कोई डर नहीं है। तेरी दीदी आएगी तो दरवाजे की आवाज होगी तो हम ठीक हो कर बैठ जाएँगें।
यह सुन कर उसने अपना टॉप ऊपर कर दिया।
मैंने पूछा- पहले भी चुसवाएं हैं किसी से क्या?
तो वह बोली- बस एक बार! वो मैं और मेरी एक सहेली आपस में, बस!
मैं मम्मा चूस रहा था, फिर मैंने पूछा- चुदाई कराई है?
तो वह बोली- अभी नहीं।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि एक ताज़ी चूत चोदने को मिलेगी।
‘चुदाई कराओगी मुझसे?’
तो उसने अपना मुंह अपने हाथों से ढक लिया। मैं उसका इशारा समझ गया।
मेरी पत्नी अपने समय पर, बेटी को ले स्कूल चली गई। मैंने अखबार ली और पढ़ने बैठ गया। वह चुपके से आई और उसने मुझे गुदगुदी की। मैंने उसे कहा- मुझे अखबार पढ़ने दे।
लेकिन उसने कहा- क्या जीजू! मैं इतनी दूर से आप के पास आई हूँ और आप हैं कि अखबार में ही डूबे हुए हैं।
मैंने अखबार बंद कर दी और उसे पकड़ कर अपनी गोद में ही लिटा लिया। क्योंकि अब वो और मैं घर पर अकेले थे और किसी का डर नहीं था। वो मेरी गोद में जैसे ही गिरी मैंने उसे पकड़ कर गुदगुदी करनी शुरू कर दी। लेकिर बीच-2 में उसके मम्में भी दबा रहा था। कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैंने उसे उठाया और अंदर बैड पर ला कर लिटा दिया। और फिर साथ लेट कर उसके होंठ पर चूमने लगा। धीरे-2 मैंने उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए। वो बड़े आराम से इस सब का मजा ले रही थी।
मैंने उसका टॉप उतार दिया उसकी नंगी चूचियाँ अब बिल्कुल मेरे सामने थी। मैं पागलों की तरह उन्हें चूसने लगा और फिर सारे बदन पर चूमा-चाटी करने लगा। पिंटी भी मदहोश हो रही थी। मैंने अपना कुर्ता और बनियान उतार फैंकी और आधी नंगी पिंटी को नीचे लिटा कर खुद उसके ऊपर लेट कर उसके मम्मों को फिर से चूसने लग पड़ा।
वो बस आंखें बंद कर मजा ले रही थी और आह-ऊँह की आवाजें निकाल रही थी। ऊपर लेटे हुए ही मैंने अपना लण्ड उसकी फुद्दी पर रगड़ना शुरू कर दिया जिससे वह और भी ज्यादा पागल हो गई और अब अचानक ही वो एकदम से उठी और मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर आ गई। मेरे होंटों को चूसने लग पड़ी। लेकिन साथ ही साथ एक हाथ से मेरे लण्ड को भी मेरे पाजामे के ऊपर से ही सहला रही थी।
मैंने अपना नाड़ा खोला और पाजामा और कच्छा खोल दिया। मेरा लण्ड जो बुरी तरह से तन चुका था एक दम से बाहर निकल कर खड़ा हो सलामी देने लग पड़ा। पिंटी ने उसे अपने हाथों में सहलाना शुरू कर दिया और उसको सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी। मैं तो बस स्वर्ग की सैर कर रहा था। धीरे-2 वो चाटना, चूसने में बदल गया। अब मेरा लण्ड उसके मुँह के अन्दर-बाहर हो रहा था और मैं सातवें आसमान में उड़ रहा था। वो काफ़ी देर तक लण्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसती रही और चूस-2 कर उसने पहली ही बार मेरा लण्ड चूस कर सारा माल निकाल कर गटक लिया। यह देख कर मैं उत्तेजना से भर गया। मेरा लण्ड शांत हो चुका था। मैं कुछ देर यूँ ही लेटा रहा।
इस बीच उसने कब उठ कर अपनी सलवार खोल दी थी मुझे पता ही नहीं चला। वो सिर्फ पेंटी में ही मेरे सामने खड़ी थी। ये देख वासना एक बार फिर से सिर पर सवार होने लगी। मैंने उसे हाथ पकड़ कर अपने ऊपर गिरा लिया और बड़े प्यार से चूमने लगा। धीरे-2 मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाला और उसकी फुद्दी को सहलाने लग पड़ा। उसकी फुद्दी बिल्कुल चिकनी थी।
मैंने पूछा- कब साफ करी थी?
तो वो बोली- परसों!
मैंने उसे नीचे लिटाया और उसकी पेंटी भी उतार दी। अब हम दोनों एकदम नंगे थे। मैं उसे पूरी तरह से नंगा देख बस देखता ही रह गया।
वो बोली – जीजू देखते ही रहोगे या…
यह सुन मेरी तंद्रा टूटी तो मैं बोला- पिंटी कद में तो तू कुछ छोटी ही है मगर सेक्सी तू बहुत है।
मैंने उसे सिर से पांव तक हर एक जगह पर चूमा और उसकी टांगें ऊपर उठा उसकी फुद्दी को अपने मुँह में ले लिया। उसकी सिसकारी निकल गई। फुद्दी मैंने जीभ से चाटनी शुरू कर दी। थोड़ी ही देर के बाद वो एक बार मेरे मुँह में ही झड़ गई। लेकिन मैंने चुसाई चालू रखी। इस बीच मेरी नज़र घड़ी पर पड़ी 10 बजने में सिर्फ 5 मिनट ही बचे थे। लेकिन उधर लोहा गर्म था। मैंने आफिस फोन किया कि मैं कुछ लेट आऊँगा थोड़ा काम है। यह सुन पिंटी बहुत ही खुश हुई। फिर मैंने उसकी फुद्दी में अपनी जीभ से चुदाई शुरू की।
वो पागलों की तरह कह रह थी- जीजू बस करो! अब चोद डालो अपनी साली को! पेल दो अपना लण्ड मेरी फुद्दी में! मुझे आज बस आधी से पूरी घरवाली बनालो! पूरी तरह से अपना बना लो!
लेकिन मैं कहाँ इतनी जल्दी निपटाने वाला था। उस दिन मैं लंच के बाद करीब 2 बजे दोपहर को आफिस गया। तब तक मैं उसे तीन बार चोद चुका था।
तो जीजाओ और प्यारी-2 सालियो, कैसा लगा अभी तक का किस्सा।
आगे की कहानी तभी, जब मुझे इस बारे में लिखेंगे और आगे की कहानी की मांग करेंगे। hindi Porn Stories
Xxx साली की चूत का मजा लिया मैंने अपने ही घर में! साली मेरे यहाँ रहने आई थी कुछ दिन के लिए. मैंने उसे छेड़ा तो उसके भी मुझे छेड़ा. मैं समझ गया कि माल गर्म है.
मेरा नाम आकाश है दोस्तो. मैं 30 साल का एक हत्ता कट्टा गोरा चिट्टा नौजवान हूँ।
मेरी शादी दो साल पहले दीक्षा नाम की एक लड़की से हुई है।
दीक्षा एक बहुत ही सुन्दर सुशील और सरल स्वभाव वाली लड़की है।
वह एक वर्किंग वुमन है।
Xxx साली की चूत का मजा मुझे मेरे बीवी की बहन ने दिया.
मैं आपको अपने बारे में थोड़ा बता दूँ।
मैं हैंडसम हूँ, स्मार्ट हूँ और घुंघराले वालों वाला हूँ।
कॉलेज की दिनों में मुझे सेक्स में बहुत ज्यादा मज़ा आता था।
मैं लड़कियों से खूब हंस हंस कर बातें करता था और मजे लेता था.
चूँकि मैं पढ़ने में बहुत अच्छा था और स्पोर्ट्स में भी बहुत अच्छा था तो हमारे कॉलेज की लड़कियां मुझ पर मरा करती थीं और मेरे आगे पीछे घूमा करती थी.
मैं भी मौके के फायदा उठाया करता था।
धीरे धीरे मैं लड़कियों को पटाने लगा; उन्हें अपनी मोटर साइकिल पर बैठा बैठा कर घुमाने फिराने लगा।
फिर आहिस्ते आहिस्ते उन्हें अपना लण्ड पकड़ाने लगा।
मुझे लड़कियों को लण्ड पकड़ाने में बड़ा मज़ा आता था तो मैं बहाने से लड़कियों को सिनेमा दिखाने ले जाता था और वहां सबसे पीछे की सीट पर बैठ कर लड़कियों को अपना लण्ड पकड़ाया करता था और उनकी चूचियाँ मसला करता था।
एक बार फरीदा नाम की एक लड़की मुझे अपने पैसों से सिनेमा दिखाने ले गयी।
हम दोनों सबसे पीछे की सीट पर बैठ गए।
फिल्म फ्लॉप थी इसलिए कोई भीड़ तो थी नहीं।
जैसे ही हाल में अँधेरा हुआ वैसे ही उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया।
वह लण्ड खूब प्यार से हिलाती रही, सहलाती रही और मेरे कान में गन्दी गन्दी बातें मुझे सुनाती रही।
फिर वह मुझे बाहर लेडीज टॉयलेट में ले गयी और कमोड पर अपनी चूचियाँ खोल कर बैठ गयी।
उसने मुझे अपने सामने खड़ा किया, मेरी पैंट खोल कर मेरा लण्ड बाहर निकाल लिया।
फिर वह बड़े प्रेम से मेरा लण्ड चाटने और चूसने लगी।
मुझे लण्ड चाटवाने और चुसवाने में मज़ा आने लगा।
फिर उसने लण्ड मुट्ठी में लिया और मुट्ठ मारने लगी।
लण्ड ने कुछ ही देर में वीर्य उगल दिया जिसे वह चट कर गई।
यह देख कर मुझे उससे प्यार हो हो गया।
मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया।
सिनेमा तो देखना ही नहीं था तो हम दोनों फिर वापस आ गए।
ऐसा मैंने कई लड़कियों के साथ किया और सबको लण्ड पकड़ाने का मज़ा लिया।
मेरी शादी के पहले मेरी नौकरी लग गयी।
मैं बहुत खुश हुआ।
लेकिन शादी के बाद भी मेरा लड़कियों को लण्ड पकड़ाने का सिलसिला रुका नहीं।
मैं अभी भी चुपके चुपके लड़कियों को लण्ड पकड़ा ही देता हूँ।
एक दिन अचानक मेरे घर में मेरी सगी साली साक्षी आ गई।
मैं तो उसे देख कर हैरान हो गया और मस्त भी हो गया।
मुझे उसे देखे दो साल हो चुके थे।
अपनी शादी के बाद आज पहली बार उसे देख रहा था।
वह 21 साल की थी।
उसने साड़ी और डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना हुआ था. ब्लाउज़ के अंदर से उसकी छोटी सी ब्रा का दायरा भी साफ़ साफ़ दिख रहा था।
उसकी चूचियों का साइज साफ़ साफ़ झलक रहा था।
चूचियाँ तो बहनचोद बाहर निकलने के लिए बड़ी बेताब हो रही थीं।
मुझे यह जानने में ज़रा भी देर नहीं लगी कि उसके मम्मे मेरी बीवी के मम्मों से बड़े बड़े हैं।
मेरा तो मन हुआ कि मैं अभी इसके मम्मों के बीच अपना लण्ड घुसेड़ दूं।
उसकी खुली खुली बाहें बड़ी सेक्सी लग रहीं थीं और उसकी बाहों की गोलाई तो बड़ा गज़ब ढा रही थी।
उसके बड़े बड़े चूतड़ देख कर, पीछे से उसकी आधे से अधिक नंगी पीठ देख कर, उसकी मोटी मोटी जाँघों का अंदाजा लगा कर मेरा तो लण्ड साला आपे से बाहर हुआ जा रहा था।
लग रहा था कि साला चड्डी फाड़ कर बाहर निकल आएगा।
मैं उसकी चूत और गांड की कल्पना में खो गया.
उसका गोरा गोरा गदराया हुआ बदन मुझे अपनी तरफ खींच रहा था।
उसकी बड़ी बड़ी कजरारी आँखें गोल चेहरा और गुलाबी होंठ मेरी जान ले रहे थे।
उसने जब बड़े प्यार से मुझे जीजा जी कहा तो मेरा मन हुआ कि मैं उसे अपनी गोद में उठा लूं।
बस मैं अपनी साली साक्षी के आगे पीछे घूमने लगा, उससे बातें करने लगा और वह सब करने लगा जो वह चाहती थी।
उधर मेरी बीवी दीक्षा ने अपनी बहन के आने पर उसको घुमाने फिराने के लिए 3 दिन की छुट्टी ले ली।
मुझे भी 3 दिन की छुट्टी लेनी पड़ी।
हम तीनों खूब घूमते फिरते रहे।
इन तीन दिनों में मैंने उसे खुश करने के लिए बहुत कुछ किया।
मैं साली जी के साथ दूसरे ही दिन से थोड़ी थोड़ी छेड़खानी करने लगा।
मेरी बीवी जब बाथ रूम में होती या टॉयलेट में होती या अकेली किचन में होती तो मैं साली का कभी हाथ पकड़ लेता, कभी उसकी चुम्मी ले लेता और कभी उसकी चूचियाँ दबा देता।
वह भी जवाब में कभी प्यार से अपना कंधा मेरे कंधे पर मारती, कभी मुझे अपने कूल्हे से छू लेती, कभी मेरी जांघ पर हाथ रख देती तो कभी मुंह बना बना कर जबान निकाल निकाल कर मुझे चिढ़ाती।
वह भी मुझ पर डोरे डालने लगी जैसे मैं उस पर डोरे डाल रहा था।
लेकिन हम दोनों को कभी अकेले में रहने का मौक़ा नहीं मिला इन 3 दिनों में।
एक दिन जब मैं तौलिया लपेट कर एकदम नंगे बदन नहाने जा रहा था तो साक्षी वरांडा में बैठी हुई सब्जी काट रही थी।
मेरी बीवी अंदर किचेन में नाश्ता बना रही थी।
मेरा लण्ड बहन चोद खड़ा था।
मुझे शरारत सूझी।
मैं किचन की तरफ पीठ करके साक्षी के आगे खड़ा हो गया और अपनी तौलियां के दोनों सिरे फैलाकर अपना नंगा लण्ड उसे दिखाते हुए कहा- लो साक्षी, ज़रा इधर देखो!
उसने देखा तो बोली- बाप रे बाप … इतना बड़ा? इतना मोटा?
मैं फिर बाथ रूम में चला गया।
उधर किचन से मेरी बीवी बोली- अरी साक्षी, क्या बड़ा है और क्या मोटा है?
वह बहाना बनाती हुई बोली- दीदी, गोभी के फूल में देखो न कितना बड़ा और कितना मोटा कीड़ा है।
मैं यह सुनकर बहुत खुश हुआ।
आखिरकार मैंने साली जी को अपना लण्ड दिखा ही दिया।
मुझे मालूम हो गया कि आग अगर मेरे लण्ड में लगी है तो उसकी चूत में भी लगी है।
चौथे दिन मेरी बीवी काम पर चली गयी और मैं भी काम पर चला गया।
लेकिन मैं एक घंटे के बाद वापस घर लौट आया।
साली जी ने जैसे ही दरवाजा खोला तो मैंने दरवाजा बंद कर उसको अपनी बाँहों में भर लिया, चिपका लिया उसे अपने बदन से!
वह बोली- अरे जीजा जी, ये क्या कर रहे हो ? कोई देख लेगा तो?
मैंने कहा- कोई नहीं देखेगा। यहाँ और कोई नहीं है हम दोनों के अलावा। मैं कई दिन से तड़प रहा हूँ। आज मौक़ा मिला है मेरी रानी!
वह बोली- अगर दीदी को मालूम हो गया तो?
मैंने कहा- उसे मालूम ही नहीं होगा। तुम चिंता न करो।
वह मुझसे अपने आप को छुड़ाती रही लेकिन मैं उसे छोड़ने के मूड में कतई नहीं था।
मैंने उसे कस के चिपका लिया था और उसकी ताबड़तोड़ चुम्मियाँ ले रहा था।
वह बोली- अच्छा रुको, मुझे बाथरूम लगी है।
तब फिर मैंने उसे छोड़ दिया।
उसने एक ताला उठाया और बगल वाले छोटे दरवाजे से बाहर जाकर मेन दरवाजे पर ताला लगा दिया और फिर वापस आ गयी।
अंदर से छोटा वाला दरवाजा बंद कर लिया।
उसने कहा- अब अगर जो भी आएगा वह ताला देख कर चला जायेगा। अगर दीदी आ गयी तो वह मुझे फोन करेगी, तब तुम छत से कूद कर बाहर निकल जाना और मैं कह दूंगी की मैंने अपनी सेफटी के लिए ताला बंद किया था।
मैंने उसकी चुम्मी फिर ली और कहा- हाय मेरी रानी, तुम तो सच में बड़ी चालाक हो, बड़ी बुद्धिमान हो और बड़ी चालू चीज हो। अब तो मैं बिना तुम्हे चोदे जाऊंगा नहीं। आज मैं तुम्हे खूब जी भर के चोदूंगा मेरी रानी!
वह नखरा करती हुई बोली- तुम मुझे बहनचोद तभी चोद पाओगे जब मैं चुदवाऊंगी. वरना मुझे कभी नहीं चोद पाओगे.
मैंने कहा- तो फिर चुदवा लो न मुझसे मेरी रानी। मैं तुम्हें खुश कर दूंगा।
मैं उसके कपड़े खोलने लगा।
वह बोली- नहीं जीजा, मुझे नंगी मत करो, मुझे शर्म आ रही है।
मैंने कहा- अब तुम जवान हो गयी हो यार! शर्म वरम छोड़ो। मैं तेरा जीजा हूँ कोई बाहर नहीं हूँ। जब तेरी बहन मेरे आगे नंगी हो जाती है तो तुम भी मेरे आगे नंगी हो जाओ मेरी रानी।
मैंने उसकी चूचियाँ खोल डाली तो मेरे लण्ड में करंट लग गया।
फिर मैंने उसका पेटीकोट भी खोल डाला तो उसने अपनी चूत दोनों जांघों दबाकर बैठ गयी।
मैंने कहा- अरे यार, अपनी मस्तानी चूत के दर्शन तो कराओ मेरी साली जी! तुम तो गज़ब की खूबसूरत हो। मैं तेरी चूत देखने के लिए तड़प रहा हूँ।
मैंने उसकी जांघें खोल कर अलग कर दी और झुक कर उसकी चूत की कई बार चुम्मी ले ली।
वह भी गनगना उठी।
उसको भी जोश आ गया।
वह भी उत्तेजित हो गई तो उसने मेरे कपड़े खोल कर मेरा नंगा खड़ा लण्ड पकड़ लिया और उसे चूम कर बोली- हाय दईया, बड़ा मोटा तगड़ा है तेरा भोसड़ी का लण्ड जीजू! उस दिन जब मैंने तेरा लण्ड देखा था तो मुझे एक नजर में पसंद आ गया था। मेरी चूत बुरचोदी गीली हो गयी थी। तब से मेरी आँखों में तेरा लण्ड ही बसा है जीजू! कितना प्यारा और कितना मस्त लौड़ा है तेरा!
मैंने कहा- आई लव यू माय डियर साक्षी! ।
वह बोली- आई लव यू जीजू वैरी मच एंड आई लव योर लण्ड टू!
फिर हम दोनों नंगे नंगे बेड पर गए और एक दूसरे के सामने 69 बन कर लेट गए।
मैं उसकी बुर चाटने लगा और वह मेरा लण्ड!
बुर के साथ मैं उसकी खूबसूरत जांघें भी चाटने लगा।
पोले पोले दांतों से जांघें प्यार से काटने भी लगा।
उसकी मस्तानी गांड भी चाटने लगा, चूतड़ों पर प्यार से थप्पड़ मार मार कर मज़ा लेने लगा।
फिर मैं दोनों उसके दोनों निपल्स भी मसलने लगा।
वह भी मेरे नंगे जिस्म पर सब जगह फिराने लगी, मेरी जाँघों पर मेरे चूतड़ों पर फिर मेरे पेल्हड़ भी प्यार से चूमने चाटने लगी।
मेरे लण्ड पर थप्पड़ मारकर बोली- तू भोसड़ी का बड़ा प्यारा है यार! कितना मोटा है तू … कितना लंबा है तू! तू मेरी जान जान ले लेगा। मुझे तुम पर बड़ा प्यार आ रहा है।
मैंने कहा- मुझे भी रहा है साक्षी!
वह बोली- अरे जीजू, मैं तुमसे नहीं आपके लण्ड से बात कर रही हूँ। मुझे लण्ड से बात करना बड़ा अच्छा लगता है। मैं जब किसी का लण्ड पकड़ती हूँ तो लण्ड से बातें जरूर करती हूँ। मुझे लण्ड से बतलाना बड़ा अच्छा लगता है।
मैंने पूछा- तुम अब तक कितने लण्ड पकड़ चुकी हो साक्षी?
वह बोली- लण्ड तो मैंने बहुत पकड़े हैं जीजा जी, पर किसी मादरचोद का लण्ड इतना जबरदस्त नहीं था जितना आपका है। मुझे तो आपके लण्ड से मोहब्बत हो गई है जीजा जी।
तब तक मैं बहुत जोश में आ गया था.
मैंने उसे बेड कोने में घसीटा और उसकी टांगें फैला दीं और मैं नीचे खड़ा हो गया.
मेरा लण्ड उसकी चूत के सामने आ गया।
मैंने लण्ड गच्च से पेल दिया लण्ड अंदर!
लण्ड सरसराता हुआ अंदर पूरा घुस गया।
उसके मुंह से उफ निकला, वह भी मजे से चुदवाने लगी।
मुझे अहसास हुआ कि वह पहले से चुदी हुई है।
लेकिन मुझे उसे चोदने में मज़ा आने लगा।
मैं स्पीड बढ़ाता गया और वह भी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाती गयी।
उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मेरी आँखों के सामने नाचने लगीं।
मैं उन चूचियों पर बार बार प्यार से हाथ मारने लगा।
वह बोली- हाय मेरे जीजू, मेरे राजा, आज मुझे खूब अच्छी तरह से चोदो, सच पूछो तो मैं तुमसे चुदवाने ही आयी हूँ। आपके लण्ड का मज़ा लेने आई हूँ। आपका लण्ड अपनी बुर में ठोकवाने आई हूँ. तुमसे चुदने आयी हूँ मेरे भोसड़ी के जीजू! मुझे रंडी की तरह चोदो, मुझे हर रोज़ चोदो, मुझे चोद चोद के रंडी बना दो। मैं बुरचोदी बहुत चुदक्कड़ लड़की हूँ। हर रोज़ लण्ड लेती हूँ। हर रोज़ चुदवाती हूँ। फाड़ डालो मेरी बुर … चीर डालो मेरी चूत! वॉवो हूँ हो हूँ हो बड़ा !अच्छा लग रहा है. ही हूँ ही हो चोद हाय रे … क्या लौड़ा है क्या मस्त चुदाई है. वाह, मज़ा आ गया. और चोदो दिन रात चोदो मुझे। खुल्लम खुल्ला चोदो मुझे … तेरी बहन का भोसड़ा जीजू। मुझे चोदे जाओ। तेरी बहन की बुर। तुम ही मेरे मरद हो यार। लण्ड पेल पेल कर चोदो!
साक्षी सच में चुदाने में बड़ी मस्त थी।
मेरी साली के साथ पहली चुदाई थी तो न वह बड़ी देर तक रुक सकी और न मैं।
वह भी खलास हो गयी और मैं भी।
तब वह मेरा झड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगी।
फिर मैं नहा धोकर फ़ौरन अपने ऑफिस चला गया।
शाम को मैं अपने ऑफिस से आ गया और मेरी बीवी अपने ऑफिस से!
हम लोग ऐसे मिले जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
आते ही मेरी बीवी ने बताया- अरे सुनो, आज जेठानी जी का फोन आया था। कल उसके बेटे का मुंडन संस्कार है। उसमें हम सबको सवेरे से ही जाना है। हमारे साथ कुछ और भी लोग हैं जो चलेंगे।
मैंने कहा- ठीक है, मैं कल की छुट्टी ले लूंगा।
मेरे भाई साहब का घर यहाँ से 12 किलोमीटर दूर है।
सवेरे सवेरे हम सब तैयार हो गए और गाड़ी में बैठ गए।
तब तक कुछ और भी लोग आ गए तो मेरी बीवी ने कहा- साक्षी, तुम अपंने जीजू के साथ मोटर साइकिल से आ जाना. अब कार में तो जगह है नहीं।
साक्षी ने कहा- ठीक है दीदी, मैं जीजू के साथ आ जाऊंगी, आप लोग चलिए।
उन लोगों के जाने के बाद साक्षी मुझसे लिपट गयी और बड़े सेक्सी अंदाज़ में बोली में बोली- अब तो मैं तुमसे चुद कर ही जाऊंगी जीजू! तेरे लण्ड का मज़ा लेकर ही जाऊंगी जीजू!
मैंने भी हंस कर कहा- हां हां मेरी रानी, मैं भी तुझे चोद कर ही जाऊंगा। तेरे चूत का मज़ा लेकर ही जाऊंगा।
फिर क्या … उसने अपने कपड़े उतार दिया और मैंने अपने कपड़े!
वह मेरे आगे नंगी हो गयी और मैं उसके आगे नंगा हो गया।
साली मेरा लण्ड चूसने लगी और मैं उसके नंगे बदन से खेलने लगा।
मैंने कहा- साक्षी, आज मैं तुम्हे पीछे से चोदूंगा। डॉगी स्टाइल में चोदूंगा।
वह बोली- हां हां, बिल्कुल चोदो। किसी भी स्टाइल में चोदो, मगर चोदो और खूब जम कर चोदो।
मैंने सच में उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से पहले उसकी चूत में उंगली डाल कर खूब गर्म किया।
वह भी इतनी मस्त जवान है कि उसकी चूत हमेशा गीली ही रहती है, हमेशा गर्म ही रहती है।
मैंने जैसे ही लण्ड घुसेड़ा तो वह अंदर तक घुसता ही चला गया।
वह भी अपने दोनों हाथ नीचे जमीन पर रखे हुए अपनी गांड को आगे पीछे करती हुई बड़ी मस्ती से चुदवाने लगी।
साक्षी चुदवाने में बड़ी जबरदस्त लड़की है।
इतनी अच्छी तरह से तो मेरी बीवी भी नहीं चुदवा पाती।
वैसे भी साली की चूत बीवी की चूत से कहीं ज्यादा अच्छी और प्यारी लग रही थी मुझे!
मैंने उसे वहां जाने के पहले एक बार नहीं दो बार चोदा और खूब घपाघप चोदा।
अब उसकी शादी हो गयी है मगर वह जब भी मिलती है तो मुझसे चुदवाती जरूर है।
उसकी ससुराल लोकल ही है।
जब जब उसका पति बाहर जाता है तो वह मुझे बुला लेती है और मैं भी उस Xxx साली की चू जी भर के चोदता हूँ और खूब मजे ले ले कर चोदता हूँ।
गरम चूत में ओल्ड लंड ने खूब मजा दिया. मेरे पहचान के एक अंकल मुझे मुंबई बीच पर मिल गए. मैंने उन्हें अपने घर ले आई. अंकल की नजर मेरे जिस्म पर थी. तो बात बन गयी.
मैं मिसेज रागिनी हूँ दोस्तो.
मैं 30 साल की एक मद मस्त, जवान और पढ़ी लिखी औरत हूँ।
मेरी शादी दो साल पहले आनंद नाम के एक लड़के से हो गई थी।
आनद भी बड़ा स्मार्ट और हैंडसम लड़का है.
वैसे मैं कानपुर की रहने वाली हूँ।
मेरी ससुराल भी कानपुर में ही है मगर मैं आजकल अपने पति के साथ मुंबई के कोलाबा एरिया में रह रही हूँ।
मैं 5′ 5″ के कद वाली हूँ, गोरी चिट्टी हूँ और चंचल स्वभाव की हूँ।
देखने में सेक्सी, खूबसूरत और हॉट हूँ।
ऐसा मैं नहीं कह रही हूँ लोग कहते हैं।
मेरे मम्मे थोड़ा बड़े बड़े साइज के हैं.
मेरी कमर पतली है, मेरी बाहों की गोलाई बड़ी मनमोहक है इसलिए मैं अक्सर स्लीवलेस कपड़े ही पहनती हूँ।
मेरे कूल्हे थोड़ा बड़े बड़े है जिससे मुझे ठुमके लगाने में बड़ी आसानी होती है।
मेरी जांघें केले के तने जैसी हैं और मेरे चूतड़ भी बड़े आकर्षक हैं।
साथ ही मेरी गांड़ भी ससुरी बड़ी मस्त है.
और फिर गरम चूत के तो कहने ही क्या!
उसके बारे में मैं आपको आगे बताऊंगी।
शादी के पहले कॉलेज के दिनों में मैं दो बातों के लिए बहुत मशहूर थी।
एक तो पढ़ाई के लिए और दूसरे चुदाई के लिए!
मतलब यह कि मैं जितनी बातें पढ़ाई के बारे में करती थी उतनी ही बातें चुदाई के बारे में भी करती थी।
चुदाई में सबसे ज्यादा लण्ड की बातें होतीं थीं।
मैं ही नहीं, सभी लड़कियां खुल कर लण्ड की बातें करती थीं।
‘लण्ड का साइज और लण्ड की बनावट’ कभी ख़त्म न होने वाला टॉपिक था।
कोई ऐसा दिन न था जब लण्ड पर कोई बात न होती हो.
लड़कियां वैसे भी लड़कों से ज्यादा गन्दी गन्दी बातें करतीं हैं।
वैसे भी हर लड़की के मुंह से लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा जैसे शब्द निकलते ही रहते थे।
उसके साथ साथ गालियां भी जैसे बहन चोद, मादर चोद, माँ का लौड़ा, बहन का लौड़ा, भोसड़ी वाली, बुर चोदी, गांडू और भी बहुत कुछ सबके मुंह से सुनाई पड़ता था।
वो सच में बड़े अच्छे दिन थे यार!
मैं याद करती हूँ तो सिहर जाती हूँ।
बस कॉलेज के दिनों में ही मैंने लण्ड पकड़ना शुरू किया, लण्ड मुंह में लेना शुरू किया और फिर लण्ड का सड़का मारना भी शुरू किया।
तभी मुझे एक सहेली ने लण्ड का वीर्य पीने की सलाह दी और उसके फायदे बताये।
उसने मुझे लण्ड का वीर्य पीते हुए दिखाया।
बस मैं भी वही करने लगी.
तो एक साल में ही मेरी चूचियाँ दूनी हो गईं।
मुझे लण्ड पीने में मज़ा आने लगा.
फिर एक दिन लण्ड चूत में पेलवाना भी शुरू कर दिया।
जी हां दोस्तो, मैं शादी के पहले खूब चुदी हुई थी।
यह बात किसी को नहीं मालूम सिर्फ आपको बता रही हूँ।
किसी से मत कहना प्लीज!
मैं कॉलेज में पढ़ती थी तो हमारे पड़ोस में एक प्रशांत नाम के अंकल रहते थे।
वे बड़े मस्त, गोरे चिट्टे, स्मार्ट और हैंडसम थे।
हमारे घर आते जाते थे।
मैं कभी कभी उनके घर जाकर इंग्लिश पढ़ती थी।
अंकल बड़े प्यार से पढ़ाते भी थे।
मैं मन ही मन अंकल का बड़ा आदर और सम्मान करती थी।
मेरी जब शादी हो गयी तो हमारा संपर्क टूट गया।
वे कानपुर में ही थे और मैं यहाँ मुंबई आ गई।
मेरी शादी को दो साल हो गये हैं. इन दो सालों में मुझे अपने पति के लण्ड के अलावा कोई और लण्ड नहीं मिला।
मैं धीरे धीरे किसी पराये मरद के लण्ड के लिए तरसने लगी।
मेरी चूत मुझे बहुत परेशान करने लगी।
मेरा मन किसी काम में नहीं लग रहा था।
मुझे कॉलेज के लण्ड बहुत याद आ रहे थे।
एक दिन शाम को मैं अपनी दोस्त अंजलि के साथ चौपाटी पर घूम रही थी।
अचानक किसी के मुंह से निकला- अरे रागिनी तुम यहाँ?
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो बोली- आप प्रशांत अंकल है न?
वे बोले – हां रागिनी, मैं प्रशांत ही हूँ।
मैंने कहा- अरे अंकल, कहाँ खो गए थे आप? मैं आपको बहुत याद करती हूँ … आपसे मिलना चाहती थी। आपसे बातें करना चाहती थी। पर यह बताओ यहाँ मुंबई में कैसे?
वे बोले- यहाँ कोलाबा में मेरी बेटी है। मैं उसी के यहाँ ठहरा हुआ हूँ।
मैंने कहा- अरे वाह, मैं तो कोलाबा में ही रहती हूँ।
वे बोले- फिर तो हमारा मिलना होता रहेगा।
मैंने कहा- होता रहेगा ये तो आगे की बात है, मेरे साथ अभी चलो मेरे घर!
फिर मैंने उन्हें अंजलि से मिलवाया और कहा- यह मेरी दोस्त अंजलि है। यह भी साथ चलेगी।
फिर हम तीनों लोग गाड़ी में बैठ कर घर आ गए।
मेरा पति एक हफ्ते के लिए विदेश गया था।
मैंने दोनों को बड़े प्यार से बैठाया और झुक कर पानी दिया।
झुकने से मेरी साड़ी का पल्लू गिर पड़ा।
मेरी छोटी सी ब्रा के अंदर से मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ अंकल को दिख गईं।
वे अपने होंठ चाटने लगे।
मुझे बहुत अच्छा लगा, मैंने राहत की सांस ली। मुझे पराये मरद के लण्ड का रास्ता दिख गया।
मैंने ठान लिया कि आज नहीं तो कल मैं अंकल का ओल्ड लंड अपनी गरम चूत में ले ही लूंगी।
सुना है कि बड़े बड़े लोगों के लण्ड भी बड़े बड़े होते हैं।
इतने में नकल बोले- रागिनी, तुम पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गई हो। ज्यादा सेक्सी दिखने लगी हो. शादी के बाद तुम्हारा चेहरा ज्यादा खिल गया है।
मैंने कहा- वो तो मैं नहीं जानती अंकल … लेकिन शादी के बाद मैं बहनचोद ज्यादा बोल्ड हो गई हूँ। अब मैं किसी भोसड़ी वाले से शर्माती नहीं हूँ और डरती भी नहीं हूँ। बेशरम हो गई हूँ मैं! मेरे पति के न रहने पर मुझे कोई भी मादरचोद हाथ नहीं लगा सकता!
वे बोले- क्या मैं भी नहीं लगा सकता रागिनी?
मैंने हंस कर कहा- तुम्हारी बात और है अंकल! तुम तो मेरे साथ जबरदस्ती भी कर सकते हो.
वे हंसने लगे।
इतने में अंकल का अचानक फोन आ गया तो वे चाय पीकर चले गये।
उनके जाने के बाद अंजलि बोली- यार रागिनी, मुझे लगता है कि तेरे अंकल लण्ड बड़ा सॉलिड होगा। उनकी नज़रें बता रहीं थीं कि वे तुम्हें अपना लण्ड पकड़ाना चाहते हैं. उन्हें तुमसे प्यार हो गया है।
मैंने कहा- अरे यार अंजलि, मैं खुद उनका लण्ड पकड़ना चाहती हूँ। मैं तो आज ही पकड़ लेती उनका लण्ड … लेकिन एक फोन ने सब काम बिगाड़ दिया बहनचोद!
अंजलि बोली- अच्छा पकड़ना तो फिर मुझे भी दिलवा देना उनका लण्ड! मैं भी लण्ड की प्यासी हूँ।
दूसरे दिन शाम को फिर घंटी बज उठी।
मैंने दरवाजा खोला तो बोली- अरे आप अंकल … अंदर आओ न प्लीज!
मैंने उन्हें बैठाया और फिर एक गिलास पानी का रखा।
आज मेरी चूचियाँ कुछ ज्यादा ही खुली हुईं थीं।
अंकल ने पानी पिया और बोले- थैंक यू रागिनी!
मैं उसके सामने बैठ गई।
इस समय मैं केवल ब्रालेट पहने थी नीचे एक छोटी सी टाइट नेकर।
मैं एकदम एक मॉडर्न गर्ल बनी हुई थी।
फिर मैंने पूछा- अंकल बोलो क्या पियोगे, ठण्डा या गर्म?
वे बोले- आज तो मैं व्हिस्की पियूँगा। तुम मेरा साथ दोगी तो!
मैंने कहा- हां जरूर दूँगी।
उन्होंने अपनी जेब से हाफ निकाला और मुझे दिया.
फिर क्या … हम दोनों व्हिस्की पीने लगे, सिगरेट भी पीने लगे.
हमारा मूड बन गया।
मैंने कहा- आज मुझे अपने कॉलेज के दिन याद आ रहें हैं अंकल!
फिर क्या … थोड़ा नशा हुआ तो दिल की बातें बाहर निकलने लगीं।
मैंने कहा- अंकल कल आपका फोन आया था. कोई खास बात थी क्या?
उन्होंने कहा- नहीं, कोई खास बात नहीं थी। पर हां, कल मुझे तुम्हारी गालियां बड़ी अच्छी लग रहीं थी रागिनी। मन करता था कि बस सुनता जाऊं? तेरी दोस्त न होती तो मैं तुमसे खुल कर बातें करता.
मैंने कहा- तो फिर आज कर लो न खुल कर बातें बहनचोद? आज तो वह बुरचोदी अंजलि नहीं है।
उन्होंने सिगरेट का एक कश लिया और मेरे मम्मों पर धुंआ छोड़ दिया।
मैं कहाँ चूकने वाली थी, मैंने भी कश लिया और उनके लण्ड पर धुआं छोड़ दिया।
वे बोले- तुम बहुत समझदार लड़की हो रागिनी!
मैंने कहा- हां, तभी तो मैंने तुम्हारे सवाल का जबाब देकर अपनी इच्छा ज़ाहिर कर दी।
वे बोले- रागिनी, एक बात है कि हमारे तुम्हारे बीच में उम्र का बड़ा अंतर है।
मैंने कहा- उम्र की माँ का भोसड़ा अंकल! औरत उम्र नहीं देखती, औरत मर्द का हथियार देखती है अंकल। हथियार टना टन हो तो उम्र की माँ चूत!
वे बोले- रागिनी, तुम इतनी हॉट हो कि मैं कल रात भर सो नहीं पाया।
मैंने कहा- अरे यार, मुझे भी तुम्हारी बड़ी याद आती रही रात भर!
उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया तो मैं भी उसकी जांघ पर हाथ रगड़ने लगी।
तब उन्होंने मेरी चुम्मी ले ली और मेरी नंगी टांगों पर अपना हाथ फिराने लगे।
फिर मेरा भी हाथ अपने आप उसके लण्ड तक पहुँच गया।
मैं उनकी पैंट के ऊपर से ही लण्ड टटोलने लगी।
मेरे मुंह से निकला- तेरा हथियार तो मादर चोद बड़ा जबरदस्त लग रहा है अंकल?
मैं मन ही मन अंकल से पूरी तरह फंस चुकी थी।
मुझे बिना उनका लण्ड देखे एक मिनट का भी चैन न था।
मैं जल्दी से जल्दी उन्हें नंगा करना चाहती थी और इसी आवेश में मैंने उनकी शर्ट उतार दी।
उनके चौड़े कंधे बलिष्ठ भुजाएं, चौड़ी छाती और पूरा कसरती बदन देख कर मैं उन पर मोहित हो गयी।
तब तक उन्होंने मेरी ब्रा का हुक खोल डाला तो मेरी दोनों मम्मे उसके सामने छलक पड़े।
वे मम्मे देख कर मस्त हो गये, उन्हें पकड़ कर सहलाने लगे, मसलने और चूमने लगे।
अंकल मेरे निप्पल मुंह में भर कर चूसने लगे।
मैं भी उत्तेजित होने लगी, मज़ा लेने लगी।
फिर बड़ी बेशर्मी से मैंने उनकी पैंट उतार दी उनकी नेकर भी खोल डाला।
नेकर खुलते ही लौड़े मियां ताल ठोकते हुए बाहर आ गए।
मैंने उसे देखा तो सन्न रह गयी।
सांप की तरह फनफनाकर खड़ा हो गया था उनका मोटा तगड़ा लण्ड।
लण्ड का अंडाकार 3″ का चिकना टोपा एकदम झकास लग रहा था।
मैंने उसे पकड़ा चूमा और बोली- वाह क्या मरदाना लण्ड है अंकल? ऐसा लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। तुम बड़े लकी हो. तुम्हारा लण्ड लाखों में एक है. मैं तो तुम्हारे लण्ड पर मर मिटी। मेरा तो दिल आ गया इस मादरचोद लण्ड पर! क्या मस्ताना लण्ड है भोसड़ी का! मज़ा आ गया यार ऐसा लौड़ा देख कर!
तब तक उन्होंने मेरी छोटी सी नेकर उतार कर फेंक दी।
मैं माँ की लौड़ी उसके आगे एकदम नंगी हो गयी।
मेरा यह पहला मौका था जब मैं शादी के बाद किसी पराये मर्द के आगे नंगी खड़ी थी वह भी उसका नंगा लण्ड पकड़े हुए!
मैं किसी पराये मर्द को पहली बार नंगा देख भी रही थी।
मुझे किंचित मात्र भी न शर्म थी और न झिझक … मैं बिंदास अपनी जवानी का मज़ा लूटने लगी.
मैंने मन में कहा कि मैं झांट किसी की परवाह नहीं करूंगी। अब तो मैं एक नहीं, कई लण्ड का मज़ा लूंगी।
बस मैं अंकल का लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगी और अंकल भी उसी प्यार से मेरी फुद्दी चाटने लगे।
मेरी चूत बहुत गर्मा चुकी थी।
अंकल उसमें बार बार अपनी उं गली घुसेड़ रहे थे।
मैंने धीरे से अपनी टाँगें फैलाई तो मेरी चूत पूरी तरह खुल गयी.
अंकल को यही चाहिए था।
उन्होंने फ़ौरन लण्ड पेल दिया अंदर और बिना रुके चोदने लगे मुझे!
मैं भी अपने कॉलेज के दिनों को याद कर कर के चुदवाने लगी … मैं एन्जॉय करने लगी।
मुझे लगा कि आज मैं सच में अपनी सुहागरात मना रही हूँ।
अपनी सुहागरात में भी मुझे इतना मज़ा नहीं आया था।
मैं बोली- अंकल, मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो। मैं ही तुम्हारी असली बीवी हूँ, मुझे चोदो। मेरी बुर चोदो, मेरी चूत चोदो, मेरी गांड चोदो। मैं तुम्हारी ही हूँ, जैसे चाहो वैसे चोदो। तुम्हारा लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है यार!
वे बोले- ले भोसड़ी की रागिनी, आज मैं फाड़ डालूँगा तेरी चूत … भोसड़ा बना दूंगा मैं तेरी चूत का! मैंने जब मुंबई में तुझे पहली बार देखा था तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया था. और आज देख वही लण्ड तेरी चूत में घुसा है। तेरी माँ की चूत … तू भोसड़ी वाली एकदम रंडी है और मैं रंडियां खूब चोदता हूँ। मैं मुंबई में रंडियां चोदने ही आता हूँ। मैं हर रोज़ 2/3 लड़कियों की चूत में लण्ड पेलता हूँ।
अंकल को जोश आ गया था, वे बोलते रहे- मैं खुद बहुत बड़ा हरामजादा हूँ। मैं रंडीबाज हूँ, लौडियाबाज़ हूँ। मैं अपने दोस्तों की बीवियां फंसा फंसा कर चोदता हूँ। बीवियां भी बुरचोदी मेरे लण्ड की दीवानी है और बार बार मुझसे चुदवाने आतीं हैं।
सच में अंकल बड़े मूड में थे और मस्ती से अपनी ही पोल खोल रहे थे।
चुदाई का नशा शराब के नशे से ज्यादा ताकतवर होता है।
दूसरे की बीवी चोदने के नशे में वह सब सच उगल देता है।
मुझे अंकल की बातें, उनका जोश, उनकी गालियां सब कुछ बड़ा अच्छा लग रहा था।
मैं अपनी गरम चूत में ओल्ड लंड एन्जॉय कर रही थी।
मेरा मन सातवें आसमान पर था।
इस तरह उन्होंने मुझे हर तरफ से चोदा और मैं भी खूब मन से चुदी।
मैंने उसे रात में रोक लिया और तब उन्होंने मुझे रात में 3 बार चोदा।
सुबह उठ कर वे चले गये।
उस दिन मुझे अहसास हुआ कि बड़े लोगों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
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