Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Mysore: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Mysore who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Mysore that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Mysore massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Mysore who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Mysore massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Mysore massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Mysore who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Mysore employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Mysore helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Mysore

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Mysore at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

दोस्तो, बात Antarvasna पिछले कुछ दिनों की ही है, जब मुझे गांड मरवाने के लिए लंड की तलाश थी।

उस रात मेरे घरवाले शादी पर चले गए और मुझे अन्तिम समय पर पता चला कि मुझे घर में ही रुकना है। बल्कि मैंने अपनी पढ़ाई का वास्ता देकर खुद को रोक लिया, मैं अक्सर अकेला घर में रुक लेता हूँ क्यूंकि मुझे तो मौज लग जाती है, लेकिन उस रात मुझे कोई लंड नहीं मिल पा रहा था। कोई भी आशिक शहर में नहीं था। लेकिन मैं तो चुदाई के लिए मचल रहा था क्यूंकि यह मौका मैं कभी नहीं छोड़ता। पहले भी यही मौका होता है जब मैं खुलकर गांड मरवाता हूँ।

मैंने अपना कंप्यूटर ऑन किया और याहू पर चैट करने लगा। वहाँ मुझे अपने सिटी के एक गांडू ने पता बताया। मैं तुंरत कार निकाल अपने घर से उसके बताये पते पर चला गया। वहाँ दो हट्टे-कट्टे मर्द बैठे हुए थे। मुझे संकोच सा हो रहा था, वो मकान बन रहा था ठेकेदार अपने दोस्त के साथ दारु पी रहा था, चौकीदार उनको सर्व कर रहा था। कार दो बार सामने से निकाली उसकी तरफ देखते हुए होंठ दबा कर जुबान होंठों पर फेरता हुआ !

वो कुछ-कुछ समझ चुका था लेकिन मैं वहाँ नहीं मरवाना चाहता था। फिर मैंने कार आगे जाकर रोक दी और स्टार्ट रखे बैठा रहा वो मेरे पास आया और शीशा नॉक किया। मैंने बटन से शीशा नीचे किया, वो बोला- कौन है तू? किसी से पिटाई करवाएगा अपनी ! तेरी गाण्ड टिकती नहीं है क्या ?

मैंने भी हंसते हुए कहा- नहीं टिकती दोस्त ! बैठ तो सही, चलती कार में पूछ लेना !

वो बैठ गया, बोला- अब इस रास्ते ना आईयो ! शक करेंगे ! पिछले प्लाट खाली हैं, वहीं से आते हैं।

बोला- बता क्यूँ घूम रहा है?

मैंने उसकी जांघ सहलाते हुए कहा- घर में अकेला हूँ, गांड टिकती नहीं है।

मैंने उसके लौड़े को सहलाते हुए कहा- बबलू ने मुझे यह पता दिया है।

उसने खुद जिप खोल दी और लौड़ा निकाल लिया। क्या लौड़ा था दोस्तो, थोड़ा टेढ़ा सा था, ऊपर से नोकीला था। मैं पूरा लौड़ा सहलाते हुए मजा लेने लगा।

उसको भी अच्छा लगने लगा, बोला- बबलू तो माल है, क्या तू भी उसका चेला है?

मैंने उसके घर के पिछवाड़े में लाइट्स बंद कर कार रोकते हुए झुक कर मुँह में ले लिया। वो खुद एक हाथ से अपना लौड़ा पकड़ दूसरे हाथ से मेरे सर को दबाते हुए चुसवा रहा था।

मैंने कहा- चलो, घर चलते हैं !

बोला- उसका क्या करूँ ? वो मेरा मेहमान समझ ले, दोस्त समझ ले ! दूसरे शहर से आया है।

बिठा लो, उसको भी ले चलते हैं !

बोला- रुक, अभी आया !

अपने दोस्त को उसने आगे बिठा दिया।

वाह ! उसने लुंगी पहनी थी, कच्छे से लौड़ा दिख रहा था। मैंने चलते हुए उसकी लुंगी में हाथ घुसा दिया और लौड़ा मसलने लगा। वो बहुत खुश हुआ। मैंने भी उल्टे सीधे रास्तों से कार निकाली ताकि मेरे घर का रास्ता न जान पाएँ। रात का समय था। घर पहुंचा बिना रुके साथ वाले प्लाट में गाड़ी लगा दी, वहाँ से छोटे दरवाज़े से उनको अन्दर लेकर गया और दरवाजा खोल उनके लॉबी में बिठा दिया। गेट लॉक किया, अन्दर आया, अपने कमरे में बिठा दिया। दारु की बोतल खोली, बर्फ़ लाया, नमकीन लाया। एक-एक पैग खींचने के बाद एक-एक और पैग बनाकर दोनों के बीच बैठ गया। दोनों ने अपनी लुंगी और पजामा उतार कर फेंक दिया। दोनों के लौड़े आधे खड़े हुए मेरे हाथ में थे। शराब डाल डाल कर चुसवाने लगे, देखते ही उनके लौड़े अब तन कर सलामियाँ देने लगे। क्या लौड़े दिए थे भगवान् ने उनको ! वाह यारो ! मैं खुश था।

दोनों ने मिलकर मेरा पजामा उतार दिया और मेरी चिकनी गांड पर हाथ फेरने लगे। मेरे मुँह से सिसकियाँ निकल रही थी। जैसे ही मुझे ऊपर से नंगा किया, दोनों हैरान हो गए, मेरी लड़कियों जैसी छातियाँ देख देख पागल से होने लगे। एक एक पैग डाल पहले मैं कुतिया की तरह चलते हुए मेज़ की तरफ गया। दोनों पीछे आ गए और गांड चाटने लगे। मैं मज़े लेने लगा, पैग बनाता रहा।

एक ने मेरा मम्मा दबा दिया, मेरा चुचूक मसल दिया- आउ !

पैग खींचने के बाद दोनों मुझे मसलने लगे, हैवान बन कर मेरे ऊपर छाने लगे, मसल मसल कर मेरे मम्मे और गांड लाल कर डाली थी।

वाह शेरो ! वाह !

अब मैं भी बेशर्मी पर उतर आया था, गंदी गंदी बातें कर उन्हें उकसाने लगा। वो भी गाली देकर रहे थे- मादर चोद ! गांडू तेरी माँ चोद देंगे !

दोनों मेरे बालों को पकड़ पकड़ कर मुँह में डाल कर चुसवाने लगे। वाह और रगड़ो ! कमीनो ! रंडी हूँ मैं !

दोनों दबा दबा कर मेरे निपल चूस रहे थे और गांड में ऊँगली डाल कर चोद रहे थे।

अब डालो और फाड़ दो ! पूरी रात चोदना है अभी !

पूरी बोतल ख़तम कर चुके थे। मैंने खुद ही एक को धक्का मार सीधा लिटा दिया और उसके ऊपर आकर उसके लौड़े पर कंडोम चढ़ा दिया और उसको अपने छेद पर टिकाते हुए बैठने लगा। वो मेरी करामात पर हैरान था। देखते ही देखते मैंने पूरा लौड़ा अन्दर ले लिया और ऊपर नीचे होने लगा।

वाह गांडू ! क्या माल है ! लड़कियाँ तेरे सामने फ़ीकी लगेंगी !

दूसरे वाले को इशारे से सामने आने को कहा और उसका मुँह में ले लिया। नीचे वाला मुझे सीधा करके ऊपर से डालते हुए तेज़ तेज़ धक्के दते हुए झड़ गया।

मैंने झट से दूसरे के लौड़े पर निरोध चढ़ा दिया और उसने भी गरम लोहे पर चोट मारनी चालू की।

वाह मेरे राजा वाह ! और मार !

तेरी बहन चोद दूंगा ! मादर चोद साले गांडू !

चल बहन चोद अपना काम करता रह ! और तेज़ तेज़ तेज़ !

उसने कहा- घोड़ी बन !

मैं बन गया और उसने गांड में घुसाते हुए तेज़ धक्के देने शुरु किये। साथ में वो मेरे लौड़े की मुठ मारने लगा।

इस हरक़त से मैं दीवाना हो गया, मेरी आँखें बंद होने लगी। मैंने मस्ती में पहले वाले का लटका हुआ लौड़ा मुँह में ले लिया और वो तेज़ होता गया और मेरी मुठ मारता रहा। हम दोनों एक साथ छूटे। दोस्तो, यह मजा किसी ने नहीं दिया था, आज तक किसी ने मुझे इस तरह संतुष्ट नहीं किया था।

सुबह के चार बजे तक मेरी गांड की खूब रेल बनी। मैंने उन्हें सुबह होने से पहले वहीं पहुंचा दिया और मोबाइल नंबर देते हुए कहा- मिलते रहना !

अगर आज भी अकेला रहेगा तो बुला लेना ले जाना !

अगले दिन भी जब घरवाले नहीं आये तो मैंने शाम को कार निकाली पहले ठेके से बोतल खरीद पैग खींचा। ठेके के पीछे बने अहाते पर ही मुझे कोई ?????????

जवाब देते रहना !

इसके आगे क्या हुआ, जल्दी हाज़िर हूँगा ! Antarvasna

मेरी दीदी रेशू मुझसे दो वर्ष बड़ी है उसकी शादी को दो साल हो चुके हैं। हमारा घर छोटा ही है सो इन दो सालों में मैंने जीजू और दीदी की चुदाई छुप-छुप के कई बार देखी है।

जैसे ही उनकी वासना भरी आवाज मेरे कानों से टकराती है, मेरा मन भी तड़प उठता है। मुझे भी ऐसा लगता है कि हाय राम… कोई मुझे भी आकर बजा जाये… सारा जिस्म का रस निकाल दे।

ऐसा नहीं है कि चुदाई का मजा मैंने नहीं लिया है। अपने दोस्तों से मैं आठ-दस बार चुद चुकी हूँ।
पर इस जालिम चूत का क्या करें और ये दिल… मानता ही नहीं है।

मेरी चूचियाँ भी ठीक ठाक हैं, टाईट बनियाननुमा टॉप पर ये किसी को भी घायल कर कर सकती हैं। मेरी सफ़ेद टाईट पैण्ट के तो कॉलेज में सभी दीवाने हैं…

और घर पर जीजू की तो जैसे आंखें ही नहीं हटती हैं। उनकी ललचाई आंखें मैं खूब पहचानती हूँ। जब तब वो मेरे पर कोशिश भी करते रहते थे।

मुझे भी घर में एक ही मर्द नजर आया था सो मैं भी कितनी बार उनसे द्विअर्थी शरारत करती थी, जिससे वो और उत्साहित हो जाते थे।

जब हम घूमने जाते थे तो उनके हाथ अन्जाने में… नहीं जी… काहे के अनजाने में… जान कर के कभी मेरे चूतड़ों पर हाथ मार देते थे और कभी कोहनियों से मेरे स्तन दबा देते थे। मुझे उनकी यह अदा मस्त कर देती थी।

कल ही जीजू ने बड़ी हिम्मत की और इत्मिनान से मेरे चूतड़ सहला दिये और फिर हाथ हटा भी नहीं रहे थे। मैंने भी उन्हें गाण्ड सहलाने का पूरा मौका दिया।
जीजू को ऐसा लगा कि शायद लाईन साफ़ है।

पर मैंने जानकर के उसे अनदेखा किया। पर इससे मुझे भी जीजू के मन की इच्छा मालूम हो गई। दिल ही दिल में मैं तड़प उठी। घर आने पर भी मैं जीजू के सपनों में खोई रही।

आज सवेरे से मौसम बड़ा सुहावना हो रहा था, बरसात होने जैसा हो रहा था। जीजू बाज़ार जाने वाले थे, उन्होंने मोटर साईकल बाहर निकाली और मैंने भी जिद पकड़ ली कि मैं भी साथ चलूंगी।

दीदी ने भी मुझे ले जाने को कहा।

मैं तुरंत अन्दर गई और बनियाननुमा टॉप और सफ़ेद टाईट पैन्ट पहन आई। मैं अन्दर ब्रा नहीं पहनती थी।
मैं लपक कर मोटरसाईकल के पीछे बैठ गई।

आगे जाते ही बूंदा-बांदी शुरू हो गई। मौसम मेरे मन को भड़का रहा था। ठण्डी हवा के झोंके मेरे जिस्म को गुदगुदाने लगे थे। मेरी कठोर चूचियाँ और कस गई। मेरे चुचूक कड़े होने लगे। मैं अपनी स्थिति बयान नहीं कर सकती।

ऐसे में मैंने प्यार से अपनी कठोर चूचियाँ जीजू की पीठ पर गड़ा दी और धीरे धीरे ऊपर नीचे हिलाने लगी। जीजू के बदन में मुझे कंपकपी उभरती हुई साफ़ नजर आने लगी।

रास्ते में कई बार मैंने अपनी चूचियाँ जीजू की पीठ पर गड़ा कर मस्ती की और जीजू को उत्तेजित किया।

कुछ ही देर में बड़ी सब्जी मण्डी आ गई। हमने सब्जियाँ और फ़ल बैग में भरे और सामने हेन्डल पर लटका दिये। तभी बरसात आने लगी। जीजू और मैं भाग कर मोटरसाईकल पर बैठ गये और रवाना हो गये।

हम दोनों ही लगभग भीग चुके थे… जीजू एक बन्द दुकान के सामने रुक गये और हम शेड में खड़े हो गये। मेरी बनियान में से मेरी चूचियाँ और चुचूक यू साफ़ नजर आने लगे थे, जीजू की नजरें वहाँ से हट ही नहीं रही थी।

उनके घूरने से मुझे लगा कि आज ये तो गये काम से… बस उन्हें खोलने की आवश्यकता थी। मेरी सफ़ेद पैन्ट में से मेरे चूतड़ और सामने के कट नजर आने लगे थे।

मैं जान कर के बाहर आकर बरसात में भीगने लगी। आस पास मैंने नजर दौड़ाई, वहाँ कोई नहीं था।

‘अरे, बिल्कुल भीग जाओगी… यहाँ आ जाओ…!’ जीजू ने हाथ बढ़ाया तो मैंने जीजू का हाथ खींच लिया और उन्हें भी बरसात में खड़ा कर दिया।

‘जीजू, भीगने का मजा तो लो, अब नहीं भीगोगे तो कब भीगोगे?’ मैंने उन्हें नशीली आवाज में कहा।
जीजू भी अब भीगने लगे थे। मुझे देख कर उनका लण्ड भी खड़ा होने लगा था जो भीगे हुये पैन्ट से साफ़ नजर आ रहा था।

लोहा गर्म था… मैंने मौका चूकना उचित नहीं समझा- जीजूराम, रास्ते में आपने जाने मुझे क्या कर दिया… मैं तो अपने काबू में ही नहीं रही थी!’
मैं अपनी भीगी हुई चूचियाँ और आगे उभार कर उन्हें रिझाने लगी।

‘नीलू, ये तेरे कठोर मस्त पहाड़ मेरी पीठ पर गुदगुदी कर रहे थे, बड़े ही कठोर हैं!’ जीजू ने भी अपना पत्ता डाल दिया।

अब मेरी बारी थी- नहीं जीजू, ये ये कठोर नहीं, नरम हैं… भले ही ही छू कर देख लो!
मुझे उन्हें अपने कब्जे में लेने के लिये न्योता देना ही पड़ा। मैंने अपनी बनियान-नुमा टॉप को ऊपर से खींचते हुये कहा।

बारिश की बूंदें मेरे उरोजों पर गिर कर आग पैदा कर रही थी। जीजू ने मेरे पास आकर मेरी चूचियों को स्पर्श किया और फिर हौले से दबा दिया। मैं दिल दी दिल में खुशी से भर गई।

सारा बदन पानी में तर हो चुका था। तेज बारिश में सड़क का दूसरा किनारा भी दिखाई नहीं दे रहा था।

जीजू मुझे खींचते हुये दुकान के एक सुरक्षित कोने में ले गए और मुझे लिपटा कर मेरे चूतड़ों को मसलने लगे। उनका जोश देखते ही बनता था। कभी मेरे स्तनों को मसलते और फिर मेरे चूतड़ों की शामत आ जाती…

मुझसे भी अब रहा नहीं गया- जीजू राम, मुझे भी तो कुछ करने दो ना…
मैंने झिझकते हुए कहा।

उन्होंने प्रश्नवाचक निगाहों से मुझे देखा…

इतना तो बहुत था। जगह पाते ही मेरा हाथ उनके नीचे पैन्ट पर उभरे हुये लण्ड से जा टकराया। एक ही झटके में मैंने उनकी पैन्ट की ज़िप खोल दी और हाथ भीतर पहुंचा दिया। उसका भारी लण्ड चड्डी के ऊपर से ही मेरे हाथों में था।

जीजू का लण्ड दबते ही उनके मुख से एक प्यारी सी कसक भरी सिसकारी निकल पड़ी। पंछी पूरी तरह से मेरे काबू में था।

हम दोनों जबरदस्त तरीके से एक दूसरे को नोच रहे थे.

जीजू ने मेरी पैन्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी चूत दबा दी। फिर उनकी एक अंगुली चूत में अन्दर सरक गई। मेरे दाने को सहलाते हुये मेरी चूत में अंगुली हिलने लगी। मैं सिसक उठी और उसी समय मैं झड़ने लगी।

जीजू का लण्ड भी मैंने खूब मसला और खींच खींच कर मस्त कर दिया, तभी जीजू के लण्ड ने अपना रस छोड़ दिया। मेरा हाथ वीर्य से चिकना हो उठा। उसके लण्ड को मसलते हुए मैंने पूरा निचोड़ दिया और फिर हाथ बाहर निकाल लिया।

जीजू ने मुझसे लिपटे हुये मेरे अधरों से अधर मिला लिये। कुछ देर तक अधरपान किया फिर हंसते हुये मैंने जीजू को पिंजरे में कैद करते हुये कहा- जीजू, आम रास्ते पर अब क्या क्या करोगे… चलो घर चलते हैं…’ मैंने सड़क पर ये सब करना उचित नहीं समझा।

‘नीलू मेरा तो माल निकल गया… अब…?’

‘सारा बारिश में धुल कर साफ़ हो जायेगा… अब खुश हो जाओ… क्या इरादा है?’

‘ऐसी घनघोर बारिश में… फिर ऐसा मौका फिर कहा मिलेगा…चलो और करें!’ जीजू का मन नहीं भरा था।
‘घर पर तो मौके ही मौके है ना…अब चलो…’ मैंने जिद की।

जीजू ने अपनी बाईक स्टार्ट की और हम भीगते हुये जिस्म की आग को ठण्डा करने का प्रयत्न करने लगे।

घर पहुंचते ही दीदी ने हमारी हालत भांप ली और उन्हे कुछ शक सा हो गया।

उन्होंने मुझ से तो नहीं पर जीजू को कहा- जल्दी से कपड़े बदल लो… अपनी जवान साली से अब चिपकना बन्द करो!’
दीदी ने कटाक्ष किया।

जीजू सुनते ही घबरा गये और अपनी सफ़ाई देने लगे। शायद उनका दीदी से कुछ कहासुनी भी हुई।
मैं सावधान हो गई। जीजू कहीं मिलते भी तो मैं बस आंख मार देती और उन्हें भी सावधान रहने को कहती थी।

एक दिन ऐसा हुआ कि मैं कॉलेज से जल्दी आ गई। दीदी बाजार गई हुई थी।

मैंने तुरन्त मोबाईल से जीजू को बात की। दूसरे ही क्षण जीजू मेरे कमरे में थे।

मैं बिना कुछ सोचे समझे जीजू से लिपट गई। जीजू की लुंगी मैंने खींच दी। जीजू ने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था। उनका खड़ा लण्ड बाहर आ गया।

हाय गोरा गोरा, चिकना सा, खूबसूरत सा सलोना, लाल चमकदार सुपारा देख कर मैं तो निहाल हो गई।

मैंने भी अपनी पैन्ट उतार दी… और नीचे से नंगी हो गई। मैंने जीजू को धक्का मार कर बिस्तर पर गिरा दिया और उनके मुख पर अपनी चूत का द्वार रख दिया। मेरी चिकनी चूत पर उसकी जीभ घूमने लग गई। मेरा दाना उनकी जीभ से हिल उठा।

‘जीजू राम, आज मौका मिला है… मेरी चूत को चाट चाट कर साफ़ कर दो… बहुत तरस रही है!’

मेरी उत्तेजना से भरी आवाज को वो समझ गए। मैं अपनी चूत उनके मुख पर दबाने लगी। जीजू का हाथ मेरे टॉप के भीतर घुस पड़ा।

मैंने अपना टॉप भी उतार दिया और और पूरी नंगी गई। अब मैंने अपनी चूत नीचे सरकाई और लण्ड से टकरा दी।

जीजू के सब्र के बांध टूटने लगा था। मैंने उनका लण्ड पकड़ा और तीर को निशाने पर लगा दिया। बस कमान छोड़ने भर की देर थी… और तीर चूत के अन्दर…

‘मेरे जीजू राम… चलो शुरू करो…’ हम दोनों ने खुमारी में आंखे बंद कर ली और मैंने उनके लण्ड पर हल्का सा दबाव डाला… लण्ड भीतर समाता चला गया।

दोनों ही सिसक उठे।

‘नीलू, जरा धीरे से, झिल्ली फ़टेगी तो दर्द होगा!’ उसने आशंका जताई।

‘जीजू राम, ऐसा मत कहो ना… मैं तो कई बार चुदा चुकी हूँ… बस आपका लण्ड लेना था!’ मैंने कसकती आवाज में कहा।

‘क्या?… क्या कहा… फिर कोई बात नहीं…’ वो अब इत्मिनान से था।

‘चल ना… मस्ती से चोद यार… लगा अपना लौड़ा पूरी ताकत से कि मैं अच्छी तरह से चुद जाऊँ!’

‘नीलू, मैं तो तुम्हें मन ही मन प्यार करने लगा था…’ उसने आह भरते हुये कहा।

‘नहीं जीजू राम… मेरी बहन बहुत प्यारी है… उसका आप ध्यान रखो… और प्यार करना है ना… मैं तो यही हूँ ना… खूब करना!’

हमारी चुदाई तेज हो गई थी। मैं ऊपर से उसके लण्ड पर चूत पटक रही थी और भरपूर आनन्द ले रही थी।
‘नीलू, नीचे आ जा, जरा जोर से चोदना है मुझे, चल पलट जा!’ जीजू को अब घमासान करने की लग रही थी।

मुझे नीचे लेकर अब वो ऊपर आ गया था। उसका पहला धक्का ही मुझे मस्त कर गया। भीतर तक या जड़ तक ठोकर मार गया।

अब दूसरा उससे भी जोर का था… मैं हिल उठी… पर मस्ती में झूम गई। ऐसा जबरदस्त चोदा मारा कि मेरा सारा जिस्म जैसे जीजू का गुलाम हो गया।

‘मार और जोर से चोदा मार मेरे राजा… साली चूत को अन्दर से भी फ़ाड दे…’ वासना के नशे में मैं पसीने पसीने हो रही थी।

जीजू का पसीना भी मेरे जिस्म पर टपक रहा था। जीजू मेरी चूचियों का दुश्मन हो गया था। पूरे मन से और तरीके से उन्हें मसलते हुये मुझे जन्नत की ओर ले जा रहा था। धकाधक लण्ड पेल रहा था। मेरी चूत उसका लण्ड उछल उछल कर गपागप ले रही थी।

अचानक मुझे लगा कि बस अब मुझे कोई नहीं रोक सकता। चूत में लहरें उठने लग गई थी। मुझे लगा कि मैं अब सीमा तोड़ कर झड़ने वाली हूँ।

‘ज्ज ज ज्ज जीजूराम… अह्ह्ह्ह्ह… मैं हाय… जीजू… मुझे सम्भाल रे… मेरा रस निकला रे…जोर लगा कर चोद दे रे…’

‘मैं भी नीलू… आह्ह माल निकलने वाला है!’ और जीजू ने अपना मेरी चूत में एक भरपूर शॉट मारा और लण्ड चूत में जोर से गड़ा दिया।

मेरी चूत चू पड़ी… और झड़ने लग गई। गड़े हुए लौड़े ने भी जड़ के पास गहराई में वीर्य छोड़ दिया और दोनों ही झड़ने का लुत्फ़ लेने लगे। चुदाई मस्त थी, मैं तो पूरी संतुष्ट थी।

हम दोनों ने सफ़ाई की और कपड़े पहन लिये।

यह साली की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

ज़ीजू ने तुरन्त फ़रमाईश की- नीलू, तेरी गाण्ड मस्त है यार… अगली बार तेरी गाण्ड का नम्बर लगाते हैं!
‘धत्त… अभी नहीं…’

‘तुम आज से ही गाण्ड में तेल लगा कर दो अंगुलियों को गाण्ड में चलाओ, देखो तीन दिन में शानदार मराने लायक तैयार हो जायेगी।’
मैं हंस दी।

मैं आज पहली बार अपनी आपबीती बताने जा रहा हूँ, मैं सोचता हूँ शायद आप सभी को पसंद आएगी।
मेरा नाम अभिजीत है.. मैं वेस्ट बंगाल का रहने वाला हूँ.. और मैं एक गोरे बदन और स्मार्ट दिखने वाला लड़का हूँ।
मेरा उम्र 23 साल है.. मेरा लम्बाई 5 फुट 5 इंच है.. मेरा लण्ड लगभग 6.8 इंच है।

बात उस समय की है.. जब मैं 12वीं में पढ़ता था.. तब मैं अपने चाचा के घर में रहता था.. मतलब वहीं रह कर पढ़ाई करता था।
मेरे चाचा की नई नई शादी हुई थी और वो एक प्राइवेट जॉब करते थे.. तो चाचा को ज्यादातर बाहर जाना पड़ता था जिस वजह से आरती चाची अकेली रह जाती थीं।
तो चाचा ने मुझे अपने पास बुला लिया और मैं तब से वहीं से पढ़ाई करने लगा।

चलिए मैं अब पॉइंट पर आता हूँ। मेरी जो चाची हैं.. वो बहुत खूबसूरत हैं। उनकी उम्र अभी 23 साल थी.. क्या माल थीं.. उनका फिगर 34-28-30 का था.. एकदम गोरा बदन।

मैंने जब से उन्हें देखा था.. तब से ही उन्हें चोदने का मन बना लिया था। मेरी आरती चाची बीए कर चुकी थीं। वे मुझे पढ़ाने भी लगीं और मैं उनके पास पढ़ने लगा।
पढ़ते समय मैं आरती चाची को देखता जब वो लिखतीं.. तो मैं उनके मम्मों देखता रहता था।
आरती चाची घर में नाइटी में रहती थीं तो उनके बड़े-बड़े चूचे पहाड़ की तरह खड़े रहते थे। मैं उन्हें जब भी देखता.. तो चोदने का सोचता रहता।

एक दिन चाचा को कोई काम से दस दिनों के लिए बाहर जाना पड़ा.. तो चाचा ने मुझे कहा- कहीं जाना मत.. आरती चाची का ख्याल रखना।
मैंने कहा- ठीक है..
तो उस दिन मैं स्कूल भी नहीं गया और दिन भर आरती चाची के साथ घर में रहा।

अब चूंकि मैं आरती चाची के साथ थोड़ा हँसी-मज़ाक भी करने लगा था, आरती चाची भी मुझसे काफी खुल कर बात करने लगी थीं।
आरती चाची ने एक प्लान बनाया आर मुझसे कहा- चलो आज मार्किट चलते हैं।
तो मैंने कहा- ठीक है.. चलिए।

शाम को हम दोनों मार्किट चले गए.. आरती चाची ने ढेर सारी खरीददारी की और अंत में वो एक लेडीज शॉप में गईं। उन्होंने मुझे बाहर रहने को कहा.. तो मैं बाहर रुक गया।
कुछ देर बाद आरती चाची बाहर आईं और हम दोनों घर चले आए।

घर आने के बाद हम दोनों ने मिलकर खाना खाया और मैं आरती चाची के रूम में टीवी देखने लगा।
टीवी देखते-देखते मुझे कब नींद आ गई और मैं वहीं सो गया।

अचानक मुझे कैसा महसूस हुआ कि कोई मेरे लण्ड के साथ खेल रहा है.. तो मैं झट से उठा और देखा कि आरती चाची मेरे सामने एक पारदर्शी नाइटी में बैठी है और मेरे लण्ड के साथ खेल रही हैं।

तो मैंने आरती चाची से कहा- यह क्या कर रही हैं आप?
आरती चाची ने कहा- कुछ नहीं बस सोये हुई चिड़िया को जगा रही हूँ।

मैं हंसने लगा..
तो आरती चाची ने कहा- जब मैं तुम्हें पढ़ाती थी.. तब तुम मेरे चूचों को देखते थे.. मुझे सब पता है।
मैं उनको कातिल निगाहों से घूरने लगा।
आरती चाची ने फिर कहा- आज मेरी प्यास बुझा दो अयान..

मैंने आरती चाची को अपने पास खींच लिया और उनके होंठों को चूमने लगा।
उन्होंने लिपिस्टिक लगा रखी थी और मैं जोर से उनके होंठों को चूस रहा था.. वो भी मेरा साथ दे रही थीं।

उसके बाद मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा।
हाय क्या मस्त लग रहा था.. पहली बार किसी की चूचियों को दबा रहा था।

मैंने उनकी नाइटी को खोलना शुरू किया.. तो वो अन्दर लाल रंग की ब्रा और पैन्टी पहने हुई थीं।
क्या मस्त बदन लग रहा था उनका.. एकदम गोरा बदन और उस पर कसी हुई लाल रंग की ब्रा।
फिर मैंने ब्रा के ऊपर से उनकी चूचियों को सहलाया और दबाने लगा।
आरती चाची ने अपनी चूचियों को मेरी तरफ और तान दिया।

मैंने उनकी ब्रा को खोल दिया और उनके सफ़ेद कबूतर बाहर निकल आए।
फिर मैंने उनकी पैन्टी को खोला.. तो देखा कि आरती चाची ने चूत की झांटों को पूरा का पूरा साफ करके रखा हुआ है..
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनकी चूत चाटने लगा..
अब आरती चाची मादक आवाजें निकालने लगीं- आह.. आह्ह.. आह्ह्ह.. आह्हह.. उन्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह!

फिर उन्होंने मेरा पैंट भी खोल दिया और मेरा लण्ड अपनी मुँह में लेकर चूसने लगीं।
मुझे लौड़ा चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था। मैं पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स कर रहा था।
हम 69 की तरह हो गए, दस मिनट तक हम दोनों इसी लण्ड-चूत की चुसाई में लगे रहे।

अचानक आरती चाची की चूत का पानी निकल गया.. मैंने जैसे ही उनके रस को चखा.. आह्ह.. दिल खुश हो गया.. क्या मस्त खुशबू थी.. पर मैंने अपना मुँह हटा लिया.. तो आरती चाची ने मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत के साथ लगा दिया।

फिर मैं भी झड़ गया और मेरा पूरा वीर्य उनके मुँह में घुस गया।
इस तरह हम दोनों झड़ कर शांत हो गए।

फिर हम लोग एक दूसरे से लिपट कर बात करने लगे। उसके बाद आरती चाची बोलीं- अब मुझे चोद दो..
मैं उठा और उनके नंगे बदन के ऊपर आकर लंड को चूत पर रखा, आरती चाची ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी फुद्दी के छेड़ पे रखा और कहा- घुसा दे!
लेकिन उनकी चूत बहुत तंग थी.. मेरा मोटा लवड़ा अन्दर नहीं घुस रहा था।

मैंने किसी तरह सुपारा उनकी चूत में फंसा कर जोर लगाया.. तो आधा अन्दर चला गया और आरती चाची जोर से चिल्ला पड़ीं- आह्ह.. ह्ह्ह्ह.. माआ..
मैं डर गया कि पता नहीं क्या हुआ फिर भी मैं उन्हें चोदता रहा।
एक बार मैंने और जोर लगाया तो पूरा का पूरा लौड़ा चूत के अन्दर चला गया। आरती चाची कराह कर रह गईं.. फिर धीरे धीरे उनकी चूत ने मेरे लवड़े को आत्मसात कर लिया।

उसके बाद मैं उन्हें धकापेल चोदने लगा था।
तो वो अजीब-अजीब सी आवाज़ निकाल रही थीं- आह्ह्ह्ह.. अह्ह्हह्ह.. उह्ह्ह्ह.. माआआअ.. चोदो अयान.. और जोर से.. बहुत मज़ा आ रहा है।

लगभग हम दोनों में 15 मिनट तक जबर्दस्त चुदाई का खेल खेलते रहे, उसके बाद आरती चाची झड़ गई थीं।

अब बारी मेरी थी.. तो मैंने आरती चाची से पूछा- क्या करूँ.. अन्दर डाल दूँ या बाहर निकालूँ।
उन्होंने कहा- अन्दर ही डाल दो।

तो मैंने कुछ दमदार धक्के लगाए और अपना माल उनकी चूत के अन्दर ही डाल दिया। मैं बहुत थक गया था तो निढाल हो कर वहीं आरती चाची के शरीर के ऊपर गिर गया।

कुछ देर बाद हम दोनों उठ कर बाथरूम गए.. खुद को साफ किया।
मैं आरती चाची के चूचों को साफ करने लगा। कुछ देर बाथरूम में मस्ती करने के बाद हम दोनों बाहर आ गए।
उसके बाद चाय पी.. और सो गए।

बस अब तो रोज-रोज यही सिलसिला चलने लगा। फिर चाचा वापस आए तो ये सब बंद करना पड़ा।
फिर भी कभी-कभी मैं मौक़ा पाकर चलते फिरते उनके चूचे दबा देता था।
मैंने अपने जीवन का पहला सेक्स किया था और इसमें मुझे बहुत मज़ा आया था।

उसके बाद मेरे एग्जाम खत्म हो गए.. मैं अपने घर चला आया।
उसके बाद अभी तक किसी को नहीं चोदा है.. सोचता हूँ आरती चाची के घर से फिर से घूम आऊँ।

Sex Stories

हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम श्याम है, मैं बाड़मेर का रहने Sex Stories वाला हूँ। मैं हमेशा जब भी फ्री रहता हूँ अन्तर्वासना की कहानियाँ जरूर पढ़ता हूँ। और कहानी पढ़ने के बाद मुझे लगता है कि मुझसे कोई लड़की कयू नहीं सेक्स कराती है, मुझे में कोई कमी भी नहीं, मैं 5’10” स्मार्ट लड़का हूँ और किसी भी लड़की को सेक्स में सैटिस्फ़ाई करने में एकदम सक्षम हूँ। लेकिन मुझे लगा कि मेरे पास लड़कियों को पटाने की हिम्मत नहीं, एक डर रहता था मुझे कि कहीं कोई लड़की मुझे मना ना कर दे वरना मेरा दिल टूट जाएगा।

मेरी उमर 27 साल है एकदम हट्टा कट्टा जवान लड़का हूँ। जब मैं दस साल का था तब से किसी लड़की के साथ सेक्स करने का सपने देखा करता था। मैंने बहुत सारी सेक्स बुक्स पढ़ी और सेक्स मूवी देख कर एक ही सपने देखा करता था कि काश उस लड़की के साथ मैं सेक्स कर रहा हूँ। लेकिन सपनों को सच होने में पूरे 14 साल लगे।

यह मेरी पहली कहानी है और अब आप के सामने है जल्दी और भी कहानी आपके सामने आने वाली है तो कहानी का मजा लो दोस्तो।

मेरी यह कहानी एकदम सच्ची है जो आप लोगो को एकदम अपने करीब लगेगी। मैं पिछले 6 सालो से चैटिंग कर रहा हूं लेकिन कोई लड़की मुझसे पटती ही नहीं थी। सब लड़कियों को सेक्स चैट पसंद था जो मुझे एकदम पसंद नहीं था। तब एकदम चमत्कार हुआ एक बहुत अच्छी लड़की मेरी दोस्त बनी, वो अमेरिका रहती थी और एक भारतीय थी जिसका नाम नैना था जो दिल्ली की रहने वाली थी। वो बहुत सुन्दर और स्मार्ट लड़की थी। वो इतनी सु्न्दर थी कि जब मैंने कैम में उसको पहली बार देखा तो देखता रह गया और कब मुझे वो पसंद आने लगी मुझे पता तक नहीं चला।

वो 33 साल की एकदम बेहद सेक्सी शरीर की मालकिन थी, उसके 3 बच्चे थे लेकिन कहीं से भी वो 3 बच्चों की माँ नजर नहीं आती थी, जब वो स्टाईलिश कपड़े पहन कर कैम के सामने आती थी तो दिल करता था कैम से निकाल कर चोद दूँ। लेकिन यह सब बहुत मुश्किल था।

हम दोनों को बाते करते हुय 6 महीने हो गये।

फिर एक दिन उसने कहा- मैं अपने पति से और बच्चों से खुश नहीं ! हमेशा अकेली घर में पड़ी रहती हूं, मुझे कोई समझने वाला नहीं ! बस तुम मुझे समझ सके, मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ और सपने देखती हूं कि तुम मुझे खुश कर रहे हो !

मैंने पूछा- वो कैसे?

तो वो बोली- तुमने मुझे रात सपने में खूब चोदा और मुझे एकदम खुश कर दिया।

मेरी हिम्मत बढ़ गई ऐसा सुन कर ! मैंने कहा- मैंने तुम्हारे साथ सपने में क्या किया?

तो उसने कहा- तुम बहुत सेक्सी हो। मैं रात में सोई हुई थी एकदम अकेले अपने नाईट गाऊन में, तुम मेरे रूम में आये और मेरे पास आकर लेट गये, मैं बहुत गहरी नींद में थी। तु्म मेरे गाऊन के अन्दर हाथ डाल के मेरे चुच्चों को मसलने लगे। तुमने देखा कि मेरी नींद नहीं खुली तो तुम मुँह में लेकर मेरे उरोज चूसने लगे और दबाने लगे, मैं मदहोश होने लगी और मेरी नींद टूट गई। तुम एकदम सकपका गये लेकिन डरे नहीं और बूब्स को दबाते रहे, तुम्हें मजा आ रहा था।

मैंने कहा हां मुझे बूबस बहुत पसंद है और वो भी बड़े बड़े। वैसे तुम्हारे कितने बड़े हैं?
तो वो शरमा के बोली- तुम यकीन नहीं करोगे !
मैंने कहा- बोलो तो !
तब उसने कहा- 40 डी।
मैंने कहा- डी का मतलब?
तो वो बोली- यहां उसमें ऐसे ही साईज चलते हैं लेकिन तुम इतना जान लो यह बहुत बड़े होते हैं बस !
अंधे को क्या चाहिए दो आंखें ! मैं बहुत खुश हो गया, मैंने कहा- फिर आगे?
तो उसने कहा- तुम बहुत शैतान थे, तुमने एकदम से मेरा गाऊन पूरा खोल दिया और मैं तुम्हारे सामने एकदम नंगी लेटी थी, तुम बहुत गरम हो गये थे और तुम्हारी सांसें बहुत तेज़ चलने लगी थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था।

उसकी बातें सुन कर और सोच भी रहा था कि काश यह सब सच में हो जाये।
फिर उसने कहा- तुम मेरे पूरा बदन पर जबरदस्त किस करने लगे ऊपर से लेके नीचे तक। फिर तुम बूबस को छोड़ कर मेरी चूत में अपने मुँह को ले के चले गये और अपनी जुबान से उस को प्यार करने लगे। मैं एकदम मदहोश होने लगी और गरम होने लगी, मुझे पहली बार किसी ने चूत पर जु्बान से प्यार किया था फिर मैंने तुम्हारे सारे कपड़े निकाल दिये और तुम अब मेरे सामने एकदम नंगे खड़े थे और मैं झट से तुम्हारे लन्ड को अपने हाथ में ले के उस को अपने हाथ से हिलाने लगी फिर कुछ देर बाद मुह में डाल के चूसने लगी तुम बहुत बेताब होने लगे तो मैंने कहा मेरे राजा अब तो दिखा दे अपनी रानी की चूत पर अपने लन्ड का कमाल।
मैं सोच में पड़ गया कि जो लड़की इतने दिन तक एकदम चुप सी बातें करती थी आज एकदम बोल्ड कैसे वो भी मेरे सपने देख कर।

उसने कहा कि फिर तुम मेरे ऊपर आ गए और अपने 6″ लन्ड को मेरी चूत में रखा और जोर का झटका दिया। मैं चिल्ला पड़ी- श्याम धीरे डालो ज्यादा बेताबी मत करो क्या मेरी चूत फ़ाड़ ही डालोगे? तो तुमने कहा हां रानी अपने लन्ड का कमाल जो दिखाना है और तु्म जोर जोर से धक्के मारने लगे और मैं दर्द से छटपटाने लगी लेकिन तुमने जरा भी रहम नहीं किया जैसे तुम जन्म जन्म से प्यासे हो और कुएं का सारा पानी एक ही बार में पी डालोगे। तुम लगभग 5 मिनट तक ऐसे ही मेरे ऊपर जम के चुदाई करते रहे फिर तुम रूक गये जैसे लगा कि तुम्हारा पानी निकलने वाला हो। मैंने पूछा- तुम रूके क्यों जालिम? तो तुमने कहा कि अब तुम मेरे ऊपर आओ और सच बोलूं तो मुझे ऊपर चढ कर करवना बहुत पसंद है और मैं फ़ौरन तुमहरे लन्ड के ऊपर बैठ गई और अब मैं राजा बन गई और तुम मेरी रानी। अब सब मेरे हाथ में था, मैंने तुम्हारी जम के चुदाई शुरू कर दी।

2 मिनट ही हुए थे कि तुम जोर से बोल पड़े राजा मेरा पानी आने वाला है। तो मैंने कहा मेरे श्याम रानी मेरी चूत में ही सब जाने दो और तुम्हारा गरम गरम पानी मेरी चूत में निकल गया लेकिन तुम्हारा लन्ड अभी तक सख्त था और एकदम लोहे कि राड की तरह गरम और हार्ड। मैं लगातार तुम्हारी चुदाई में लगातर करने में लगी रही। करीब 5 मिनट बाद मेरा पानी भी निकल पड़ा, लेकिन तुम जब तक और होट हो गये फिर तुमने मुझे डोगी बना दिया और मेरे पीछे आके मेरी गाण्ड में तुमने थूक मारा और लन्ड को घुसाने की कोशिश करने लगे। लेकिन तुम्हारा लन्ड अन्दर नहीं जा सका। तब तुमने मेरी गाण्ड में तेल लगाया और फिर एक जोर का झटका मारा तो तुम्हारा थोड़ा लन्ड अन्दर चला गया। मैं बहुत जोर से चिल्लाई- आह जालिम ने मार डाला। बहुत दर्द होने लगा था। खून तक आ गया था लेकिन तुम एकदम जालिम बन गये थे। तुमने मुझे चोदना छोड़ा नहीं मेरे दर्द कि परवाह तक नहीं की उल्टा बोला कि यह दर्द तो कुछ देर का है। मजे तो फिर जन्म जन्म के हैं। बस तुम अपने काम में लगे रहे कुछ देर दर्द रहा भी। मुझे बहुत मजा आने लगा था।

करीब 10 मिनट के बाद तुम्हारा सारा पानी मेरी गाण्ड में निकल गया और तुम पसीने पसीने हो रहे थे। फिर तुम कुछ देर मेरे ऊपर ऐसे ही लेटे रहे। मुझे सच बहुत अच्छा लग रहा था।

उस का सपना सुन कर मैं सोच रहा था कि काश यह सपना सच हो जाये। मैंने उस से पूछा कि तुम सच में मेरे साथ सेक्स करना पसंद करोगी?

तो वो बोली- हाँ जालिम ! वरना मैं तुम्हें अपना यह सपना क्यों सुनाती।

बस दोस्तो ! यहां से मेरे अच्छे दिन शुरू हो गये। मैंने पूछा तुम इन्डिया कब तक आ रही हो? तो वो बोली- मेरे राजा एक हफ़्ता और इन्तजार, फिर हम दोनो एक हो जाएंगे हमेशा के लिये।

तो दोस्तो ! यह थी मेरी पहली डार्लिंग नैना की जुबानी उस की चुदाई की कहानी जो अभी तक सिरफ़ सपना है जल्दी ही सच होने वाली है और मेरी किस्मत खुलने वाली है।

नेक्स्ट वीक जब नैना आई तो उस के साथ जो कुछ भी मैंने किया वो अगली कहानी में तो ज्यादा इन्तजार नहीं कराऊंगा जल्दी ही वो कहानी आप के सामने होगी। Sex Stories

हैलो दोस्तो, कैसे हो? Sex Stories

मेरा नाम राहुल है, मैं गुजरात का रहने Sex Stories वाला हूँ और मैं अपनी एक कहानी बताने जा रहा हूँ जो काफ़ी दिलच़स्प है।

अब मैं मुख्य बात पर आ रहा हूँ। स्कूल के दिनों में मेरे साथ एक लड़का पढ़ता था जिसका नाम राहुल था। हमारे स्कूल में हमने एक समूह बना रखा था जो मौज-मस्ती करता था और साथ-साथ खेलते-कूदते भी थे। एक दिन राहुल आया और उसने हमसे पूछा कि मैं भी तुम्हारे समूह में सम्मिलित होना चाहता हूँ। पर हमने उसे मना कर दिया और वह वहाँ से चला गया।

उसने लगातार दस दिनों तक प्रयास किया कि वह हमारे साथ शामिल हो जाए पर उसे निराशा ही हाथ लगी। एक दिन राहुल ने मुझसे कहा कि तुमसे मेरी माँ मिलना चाहती है, तुम्हें बुलाया है। तो मैंने उसे टालने के लिए कह दिया कि ठीक है, मैं मिलकर आ जाऊँगा, पर मैं गया ही नहीं।

एक दिन मैं रास्ते पर जा रहा था कि सामने राहुल की मम्मी आती दिखीं, उन्होंने मुझसे कहा- मैंने तुम्हें बुलाया था, आते क्यों नहीं?
मैंने कहा- ठीक है, आज आ जाऊँगा।
और मैं चला गया।

उसके बाद मैं दोपहर को उसके घर गया तो राहुल घर पर नहीं था, उसकी मम्मी थी। उसने मुझे कुर्सी पर बिठाया और कहा कि तुम मेरे बेटे को अपने समूह में शामिल क्यों नहीं करते हो?
तो मैंने कहा- कुछ नहीं, बस ऐसे ही।
तो आंटी ने कहा- ऐसा नहीं करते, तुम उसे शामिल कर लो।
मैंने हामी भर दी।
फिर उसने मुझसे पूछा कि थम्स अप पीओगे?
तो मैंने हाँ कहा।

उसने उस समय क्रीम रंग की साड़ी और उसी रंग की ब्लाऊज़ भी पहन रखी थी। अन्दर काली ब्रा पहनी थी, वो भी साफ़ दिख रही थी और उसकी गांड इतनी मोटी और गोल-मटोल थी कि कोई देख ले तो पागल हो जाए।

वह किचन में चली गई, थम्सअप लाने के लिए।
जब वह थम्सअप लेकर आई तो मैं हैरान हो गया कि उसने साड़ी उतारकर सफेद पारदर्शी गाऊन पहना हुआ था और अन्दर काली ब्रा और काली पैन्टी साफ़ दिख रही थी, और भरा हुआ बदन जैसे संगमरमर का ताज़महल हो।

वह थम्सअप के दो गिलास लेकर मेरे पास बैठ गई और एक गिलास मुझे दिया और एक ख़ुद पीने लगी।
पीते-पीते मेरे जाँघों पर हाथ रख कर घुमा रही थी, मुझे गुदगुदी हो रही थी, लेकिन मुझे मज़ा भी आ रहा था, इसलिए कुछ नहीं बोला।

धीरे-धीरे उसका हाथ मेरे लण्ड के पास ले गई और पकड़ के मसलने लगी तो मैं खड़ा हो गया और कहा- मैं जा रहा हूँ।
तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बिठा दिया, पूछा- क्या हुआ।
मैंने कहा- गुदगुदी हो रही है।
तो उसने कहा- आज तुझे कुछ सिखाऊँगी जो तेरे बहुत काम आएगा।
फिर मैं बैठ गया।

पहले तो उसने मुझे गाल पर किस किया और मेरी शर्ट उतार दी।
मैंने मना किया तो वह बोली- कुछ नहीं होगा, तुझे बहुत मज़ा आएगा।

फिर मैंने विरोध करना छोड़ दिया, उसने मेरी पैन्ट की चेन खोल कर मेरा लण्ड बाहर निकाल कर उसे किस्स किया और मुँह में लेकर कैण्डी की तरह चूसने लगी और मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुँच गया था।
मेरे दोस्त की मम्मी 15 मिनट तक मेरा लंड चूसती रही, इसी दौरान मेरे सारे कपड़े भी उतार दिए। उसने मुझसे कहा कि मेरा गाऊन उतार दो!
तो मैंने उसका गाऊन उतार दिया और काली ब्रा-पैन्टी में जैसा आगरा का ताज़महल मेरे सामने आ खड़ा हुआ।

उसने कहा मेरी ब्रा भी उतार दो, तो मैंने वैसा ही किया।
ब्रा खोलते ही जैसे दो कबूतर आज़ाद होकर उछलकर बाहर आ गए।

उसने मेरा सिर पकड़कर मेरा मुँह उसकी चूचियों पर रख कर मुझे चूसने को कहा तो मैं जीभ घुमाने लगा और चूसने लगा। तब उसके मुँह से आआआ आआ… हहह हहह… निकने लगी। वह मेरा लण्ड पकड़कर दबाने लगी।
थोड़ी देर में वह काफ़ी गरम हो गई और मुझे नोचने-खसोटने लगी, उसने कहा- तुम्हारा लण्ड तो बहुत बड़ा है और मेरे पति का तो इसका आधा ही है।

मैं तो मानो अपने होश में ही नहीं था। वह जैसा कह रही थी मैं वैसे ही करता जा रहा था। मेरे अन्दर इतनी समझ नहीं थी मैं कुछ कर सकूँ।
फिर वह बिस्तर पर लेट गई और बोली- तुम मेरी भोस को चाटो!
तो मैं उसकी पाँवों के बीच में बैठ कर जीभ घुमा-घुमा कर चाटने लगा। वह मेरा मुँह दबा कर जोर से चिल्ला रही थी… चाटो… चाटो… चाटो… मुझे खत्म कर दे, खत्म कर दे।

उसी समय उसकी भोस से कुछ चिकना-चिकना क्रीम निकलने लगा वो मैं पी गया वह मुझे काफी मज़ेदार लगा, तो मैंने पूरा चाट लिया।
अब उसने कहा- अब उठो और मेरी भोस में डालो!
तब मैं पोज़ीशन लेकर उसकी पाँवों के बीच बैठ गया और लण्ड पकड़कर उसकी भोस पर रख कर थोड़ा धक्का दिया। चिकनाई की वज़ह से मेरा लण्ड सटाक से अन्दर चला गया।
उसने कहा- शाबास बेटे तुमने सिक्सर लगाया, चालू रख!

मैं तो धक्के पर धक्का लगा रहा था, वो खुशी से पागल हो रही थी, नीचे से गांड उठा उठाकर साथ दे रही थी.
थोड़ी देर बाद वह उठकर खड़ी हो गई और मुझसे कहा- मेरी गांड में डाल और फाड़ दे।
उसने मुझे क्रीम दी और कहा- पहली बार गांड में डलवा रही हूँ इलसिए मेरी गांड पर ये थोड़ा लगा, और थोड़ा अपने लण्ड पर भी लगाकर पेल दे।

मैंने ऐसा ही किया और उसकी गांड पर रख कर धक्का दिया तो उसकी एक लम्बी चीख निकल गई, और बोली, बाहर निकाल नहीं तो मैं मर जाऊँगी। लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और धक्के जारी रखे, उसकी गांड से थोड़ा सा खून भी निकला, मैं घबरा गया तो उसने कहा कि डार्लिंग, कुछ भी नहीं, तू चालू रख, ये खुशी का खून है।

कुछ देर तक धक्के मारने के बाद मैंने अपना लण्ड निकाल कर उसके मुँह में दे दिया और वह मेरा लण्ड चूसने लगी और मेरा क्रीम सारा उसके मुँह में चला गया और उसने पूरा पी लिया। फिर चाटकर मेरा लण्ड साफ कर दिया.

फिर उठकर कपड़े पहनने लगा तो उसने कहा- कल आना, मैं तुझे दूसरा मज़ा दूँगी जो तेरी शादी के बाद तुझे काम आएगा और तुझे तक़लीफ नहीं होगी और बहुत मज़ा आएगा।
अगली कहानी दूसरी बार। Sex Stories

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆