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Massage Girl in Bangalore Rural: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Bangalore Rural who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Bangalore Rural that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Bangalore Rural massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Bangalore Rural who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Bangalore Rural massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Bangalore Rural massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Bangalore Rural who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Bangalore Rural employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Bangalore Rural helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Bangalore Rural

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Bangalore Rural at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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प्यारे भाइयो मैं एक और कहानी शुरू करने जा रहा हूँ इस कहानी को मैं सिर्फ़ हिन्दी में पोस्ट कर कर रहा हूँ क्योंकि ये कहानी मैने नही लिखी है आप सब पाठक-पाठिकाएँ, लेखक-लेखिकाएँ अपनी गर्मागर्म हिंदी सेक्सी स्टोरी, चुदाई की कहानी भेज सकते हैं

मेरा नाम अयान है. एज 25, हॅंडसम ऑर गुड लुकिंग हूँ

ये स्टोरी तब की है जब मैं अम्मी के घर था.
मैं अपनी अम्मी की फॅमिली मे सब से पहला बच्चा हूँ. ऑर पहले बच्चे को बोहत प्यार दिया जाता है तो मुझे भी मामू खाला वग़ैरह सब बोहत प्यार करते थे.

मैं शुरू ही से अपनी नानी की घर रहता था. ऑर सब लोग मुझ से बहुत प्यार करते थे.

नानी के घर मे 2 खाला ऑर ऐक मामू थे.
बड़ी खाला का नाम शमा है ऑर छोटी खाला का नाम अंबर है. मैं घर मे अंबर खाला के साथ बहुत फ्री था ऑर वो भी मुझसे बहुत प्यार करती थी.

शमा खाला की शादी हो गई थी और मामू की भी शादी हो गई थी.
मैं जब भी नानी के घर जाता था तो अंबर खाला के रूम मे सोता था.

अंबर खाला 20 साल की थी. 20 साल की एज मे भी वो बहुत खूबसूरत नज़र आती थी. उनके ब्रेस्ट का साइज़ 36 था.

मैं जब घर जाता था तो अंबर खाला मेरे सामने दुपट्टा नही लेती थी.

मामू की शादी हो गई थी ऑर वो रात को अपने रूम मे मामी के साथ होते थे.
ऐक दिन रात के 10 बज रहे थे कि मैं अंबर खाला के साथ सोया था.
अंबर खाला को वॉशरूम जाना था.

वॉशरूम कमरे से बाहर था अंबर खाला चली गई ऑर तरीबन 10 मिंट लगा कर वापस आई.
जब वो बेड पे लेटी तो मेरी आँख खुल गई मगर मैं फिर भी सोने की आक्टिंग करता रहा.

खाला मेरे साथ आ कर लेट गई ऑर मेरा सिर उठा कर अपने बाज़ू पर रख दिया ऑर मुझे हग कर के लेट गई.

जब खाला ने मुझे हग किया तो मेरा फेस उनकी चेस्ट के क़रीब था.

मुझे उनके जिस्म की स्मेल बहुत अच्छी लग रही थी.

खाला मेरे साथ चिपक कर लेटी हुई थी. मुझे उनके जिस्म की स्मेल बोहत अच्छी लग रही थी.

कुछ देर बाद मैं ने अपना फेस खाला के मम्मो से उपेर नंगे सीने पर रख लिया. ऑर मेरे लिप्स उनके सीने को टच करने लगे..

मैं ने आहिस्ता से खाला के सीने पर किस कर लिया. जिस पर खाला हल्का सा हिली ऑर फिर मेरा सिर पीछे कर के मेरी आँखो मे देखा मगर मैं सोने का नाटक कर रहा था. तो खाला समझी कि शायद नींद मे ये सब हो गया होगा.

पहली बार मुझे अपनी खाला के लिए कुछ अजीब सी फीलिंग हुई थी. मेरे माइंड मे पहली बार अपनी ही सग़ी खाला के साथ सेक्स करने का ख़याल आया. मगर सोचने वाली बात तो ये थी कि मैं उसके साथ सेक्स केसे करूँ गा

मैं ने कुछ देर बाद खाला के नंगे सीने पर मम्मो से थोड़ा उपर ऐक ऑर किस किया. जिस पर खाला हल्की सी मूव हुई फिर मेरी तरफ देखा ऑर अब काए बार उन्हो ने मेरा फेस अपने सीने पर ज़ोर से दबा दिया ऑर मेरे बालों मे अपनी फिंगर्स मूव करने लगी..
Hindi Sex kahaniya -
मेरा लंड हार्ड हो गया था. मैं सोच रहा था कि अपने लंड को केसे खाला से टच ना होने दूं. मगर खाला तो मेरे साथ चिपक कर लेटी हुई थी. खाला को भी मेरा लंड हार्ड होता हुआ फील हुआ था.

खाला ने मुझे टाइट हग किया ऑर मेरी लेग्स के बीच मे अपनी लेग्स ऑर मेरी लेग को अपनी लेग के उपेर रख दिया. जिस से उनकी लेग मेरे लंड से टच हो रही थी क्यू कि मेरी लेग्स के बीच मे उनकी लेग आ गई थी.

खाला को पता लग चुका था कि मैं जाग रहा हूँ. मगर उन्हो ने मुझ पर कुछ ज़ाहिर नही होने दिया.

अब खाला अपनी लेग्स को स्लोली स्लोली मूव कर रही थी मेरी लेग्स के बीच मे. जिस से उनकी लेग मेरे लंड को बार बार टच हो रही थी.. मुझे पसीना आ रहा था. क्यू कि मैं खुद से कुछ नही कर सकता था. मुझ मे हिम्मत नही हो रही थी कुछ करने की क्यू कि अगर खाला ने माइंड किया ऑर सब को बता दिया तो मुझे बहुत मार पड़ेगी .

खाला ऐसे ही कुछ देर तक मेरे लंड से अपनी लेग लगाती रही. फिर ऐक दम से उनका जिस्म अकड़ गया. उन्हो ने मुझे टाइट हग कर लिया. ऑर मेरे लंड पर बार बार अपनी लेग मूव करती रही. खाला का जिस्म अकड़ चुका था. मैं डर गया.

मैं समझा कि पता नही खाला को क्या हो गया है अचानक से. खाला की साँसे तेज थी. ऑर उन्हो ने मुझे हग किया हुआ था.

कुछ देर बाद खाला अपनी जगह से उठी ऑर वॉशरूम चली गई. जेसे ही खाला रूम से निकली मैं ने जल्दी से अपने लंड को हाथ मे लिया ऑर मूठ मारने लगा..

अभी मैं अपने लंड पर मूठ मार रहा था कि अचानक खाला रूम मे एंटर हो गई. मैं ने जल्दी से लंड से हाथ हटा दिया. ऑर आइज़ क्लोज़ कर लीं. खाला ने मुझे देख लिया था मगर अंजान बनी रही ऑर कुछ नही बोली. वो बेड पर आ कर मेरे साथ लेट गई. ऑर अपना फेस दूसरी साइड पर कर लिया ओर मेरी तरफ बॅक कर लिया.

इसी तरह लेटे लेटे उन्हो ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पेट पर रख दिया जिस की वजह से मैं उनके साथ बॅक से चिपक गया. अब मेरा लंड हार्ड था जो कि खाला के अचानक आने से अपना पानी भी नही निकाल सका.. अब मेरा हार्ड लंड मेरी खाला की गान्ड से टच होना शुरू हो गया.

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मेरा लंड खाला की गान्ड से टच होना स्टार्ट हो गया. खाला की नरम गान्ड से मेरा लंड टच हुआ तो मेरा लंड ऑर ज़्यादा अकड़ गया.

मुझे खाला की नरम गान्ड बहुत अच्छी लग रही थी. मैं ने अपने आप को थोड़ा सा मूव किया तो मेरा लंड खाला की गान्ड की लकीर पर आ गया.

लंड जेसे ही खाला के गान्ड की लकीर पर आया. खाला के जिस्म को ऐक झटका लगा ऑर उन्हो ने मेरा हाथ अपने पेट पर ऑर टाइट कर लिया ऑर थोड़ा सा पीछे हो गई.

जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी गान्ड की लकीर के बीच मे फँस गया.

मुझे बोहत अच्छा लग रहा था. मैं ने अपने जिस्म को हल्का सा मूव किया तो मेरा लंड खाला की लकीर मे थोड़ा सा आगे हो गया.

खाला ने अपनी गान्ड को टाइट कर लिया. जिसकी वजह से मेरा लंड खाला की गान्ड के बीच मे फँस गया. मुझे बोहत अच्छा लग रहा था.

मैं ने आज तक कभी किसी लड़की के जिस्म को टच नही किया था. पहली लड़की मिली ऑर वो भी मेरी सग़ी खाला. मैं बोहत एग्ज़ाइटेड था.

एग्ज़ाइट्मेंट मे मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ. मैं अपने जिस्म को आगे पीछे मूव करने लगा. ऑर खाला को भी मज़ा आने लगा.

वो भी अपनी गान्ड को कभी टाइट कर लेती ऑर कभी खोल देती. इतनी देर से हम लोग ये सब कर रहे थे मगर आहिस्ता आहिस्ता.
ना खाला कुछ बोल रही थी ऑर ना मैं कोई आवाज़ निकाल रहा था.. मुझे तो मुफ़्त मे मज़े मिल रहे थे. मैं कुछ बोलना भी नही चाहता था कि कहीं ऐसा ना हो कि खाला को बुरा लग जाए ऑर वो किसी को बता दे.

जब मेरा लंड पानी छोड़ने वाला था तो मेरा दिल कर रहा था कि मैं अपना पूरा लंड खाला की गान्ड मे घुसा दूं मगर बीच मे शलवार थी जिस की वजह से मैं ऐसा नही कर सकता.

मैं ने ऐक हाथ से अपना ट्राउज़र नीचे किया ऑर अपना लंड बाहर निकाल कर अपना लंड खाला की गान्ड की लकीर मे घुसा दिया.

अब खाला की गान्ड ऑर मेरे लंड मे सिर्फ़ ऑर सिर्फ़ खाला की शलवार थी. मेरा बस नही चल रहा था कि मैं ऐक दम से खाला की शलवार उतार दूं.

झटके मारते मारते मैं ने ऐक 2 झटका ज़ोर से मारे ऑर खाला की गान्ड की लकीर मे उसकी शलवार के उपेर ही फारिघ् हो गया.

जेसे ही मैं ने अपना पानी निकाला मुझे कुछ सकून मिला. ऑर मैं ने अपना लंड वापस अपने ट्राउज़र मे डाल दिया.

खाला ने मेरा हाथ छोड़ कर अपना हाथ अपनी गान्ड पर शलवार के उपेर रखा जहाँ पर मेरे लंड का पानी लगा हुआ था. जो खाला की गान्ड को शलवार के अंदर से भी गीला कर रहा था. खाला ने मेरे पानी को हाथ लगाया. ऑर बेड से उठ कर वॉशरूम मे चली गई.

खाला जेसे ही रूम से बाहर निकली मैं ने आइज़ खोली. ऑर उठ कर खाला के पास गया. मैं ने देखा की वॉशरूम का डोर खुला हुआ है. ऑर खाला की बॅक साइड दरवाज़ी की तरफ है.

मैं छुप छुप कर खाला को देखने लगा.. खाला ने जल्दी से अपने कपड़े उतारे ऑर अपनी चूत मे फिंगरिंग करने लगी.

मैं पहली बार किसी लड़की का नंगा जिस्म देख रहा था. अपनी खाला को नंगा देख कर मेरा लंड फिर से हार्ड होने लगा.

खाला की बॅक दरवाज़े की तरफ थी. ऑर वो फिंगरिंग कर रही थी. उसको देख कर मैं ने अपना लंड ट्राउज़र से बाहर निकाला ओर मूठ मारने लगा.

मूठ मारते मारते जोश मे मेरा हाथ वॉशरूम के दरवाज़े पर लग गया.

जिसकी वजह से वॉशरूम के दरवाज़े की हल्की सी आवाज़ हुई. खाला ने ऐक दम घबरा कर पीछे मूड़ कर देखा. मगर मैं जल्दी से साइड मे होगया.

मैं डर गया था. ऑर शायद खाला ने भी मेरी ऐक झलक देख ली थी.
मैं जल्दी से बेड पर आ कर लेट गया.

डर के मारे मेरी गान्ड फॅट गई थी. ऑर मेरा लंड जो कुछ देर पहले किसी रोड की तरह टाइट था. खाला के डर की वजह से ऐक मरे हुए साँप की तरह हो गया था.

खाला जल्दी से रूम मे आई ऑर लाइट ऑन कर के मेरी तरफ देखा. मैं ने अपनी आइज़ को बिल्कुल हल्का सा ओपन रखा हुआ था ऑर मुझे नज़र आ रहा था सब कुछ

खाला मेरे क़रीब आई ऑर मेरी आइज़ ने देखने लगी. पता नही उन्हो ने क्या अंदाज़ा लगाया. उसके फेस पर ऐक स्माइल आई.

ऑर उन्होने वापस जा कर लाइट ऑफ की.

लाइट ऑफ करने के बाद वो मेरे साथ बेड पर आ कर लेट गयी. ओर ऐक बार फिर से मुझे हग कर लिया.

मैं भी अपने लंड का पानी ऐक बार निकाल चुका था. मैं ने भी खाला को हग किया ऑर फिर हम दोनो सकून से सो गये थे.

नेक्स्ट डे जब हम दोनो सुबह उठे तो एक दूसरे से कोई ज़िक्र नही किया.

खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर कहा कि “जाओ जा कर नहा लो". मैं तुम्हारे कपड़े निकाल देती हूँ.

मैं नहाने चला गया ऑर नहा कर खाला को आवाज़ दी ऑर कपड़े देने का बोला.

खाला कपड़े ले कर आई. और मैने अपना हाथ बाहर निकाला मगर खाला ने डोर को थोड़ा सा धक्का दिया और अपना फेस अंदर कर के मुझे देखा ओर कहा कि जल्दी से बाहर आ कर नाश्ता कर लो.

मैं बाहर आया तो खाला मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी. मैने शरम के मारे सिर झुका लिया.

फिर खाला ने मुझे कहा: तुम बैठो मैं भी जल्दी से नहा कर आती हूँ. मैं जब आवाज़ दूं तो मुझे मेरे कपड़े दे देना वॉशरूम मे.

मैने कहा की ठीक है.

खाला वॉशरूम मे गई ऑर वॉशरूम का डोर ओपन छोड़ दिया. और नहाने लगी. मैं इस एंगल पे बैठा था कि खाला मुझे नज़र नही आ री थी. नहाने से फारिघ् हो कर खाला ने मुझे आवाज़ दी ऑर कहा: कपड़े दे दो.

मैं खाला के कपड़े ले कर डोर के पास गया तो खाला एक दम से थोड़ी सी बाहर की तरफ हुई जिस की वजह से मुझे उनका एक मम्मा (ब्रेस्ट) नज़र आया. जब खाला ने देखा कि मैं उनका मम्मा देख रहा हूँ तो खाला ने जल्दी से मुझे कहा कि सॉरी. और अंदर हो गई.

जब खाला नहा कर निकली तो उनके कपड़े उनके गीले जिस्म के साथ चिपके हुए थे. जिस की वजह से उनके जिस्म का एक एक हिस्सा क्लियर नज़र आ रहा था.

मैं खाला के जिस्म को देख रहा था तो खाला बोली कि : क्या देख रहे हो मेरी तरफ.

मैने कहा : कुछ नही.

इतने मे मामी भी अपने रूम से निकल आई. और मामी ने कहा कि तुम दोनो बैठो. मैं नाश्ता लगाती हूँ. फिर मुझे पति के साथ जाना है 2 दिन के लिए.

मामी ने नाश्ता ला गया ऑर मामू को आवाज़ दी. मामू भी नाश्ता करने आ गये ऑर हम ने नाश्ता किया.

मैं खाला के साथ वाली चेयर पे बैठा हुआ था. तो खाला अपनी टाँग मेरी टाँग के साथ लगाने लगी.

मैने जल्दी जल्दी नाश्ता ख़तम किया और खाला से कहा कि मैं बाहर जा रहा हूँ क्रिकेट खेलने.

मामू ने मुझे कहा कि तुम बाहर ना जाओ. खाला घर मे अकेली है. अब हम लोग जा रहे हैं दो दिन बाद आएँगे . जब तक तुम ने घर से बाहर नही जाना. और खाला का ख़याल रखना है. मैने खाला की तरफ देखा ऑर कहा कि मैं खाला का बहुत ख़याल रखूँगा .

हम लोग नाश्ते से फ्री हुए तो मामी उठ कर अपने रूम मे चली गई. और तय्यारी करने लगी.
और मैं उठ कर टीवी लाउंज मे आ गया ऑर केबल पर मूवी देखने लगा.

खाला ने बर्तन वग़ैरह समेटे ऑर टीवी लाउंज मे आ कर मेरे साथ सोफे पर बैठ गई ऑर मूवी देखने लगी.

मामू भी वहाँ ही आ गये ऑर खाला से बोले : तुम अकेली बोर हो जाओगी . ऐसा करो कि तुम अपनी फ्रेंड को बुला लो 2 दिन के लिए.

खाला ने कहा कि नही भाई मैं ऐसे ही ठीक हूँ ऑर अयान (मैं) है ना मेरे साथ. मुझे कुछ प्राब्लम नही है.

मामू बोले नही यार. कम आज़ घर मे ज़्यादा बंदे होंगे तो मुझे कोई टेन्षन तो नही होगी ना.

अब खाला भी कुछ नही कर सकती थी क्यू कि बड़ा भाई बोल रहा था ऐसा करने को. तो खाला ने अपनी फ्रेंड जिसका नाम सोबिया है. उसको कॉल कर दी तो सब बात बताई.

सोबिया ने अपनी अम्मी से पार्मिशन ली ऑर कहा की ठीक है मैं कुछ देर मे आ जाउन्गी. जिस पर मामू थोड़ा रिलॅक्स हो गये. और अपने रूम मे चले गये.

खाला उठ कर घर की सफाई करने लगी. सब चीज़ें समेट कर खाला घर मे झाड़ू लगाने लगी.

खाला जब रूम से बाहर झाड़ू लगा रही थी तो मैं उनको देख रहा था. उनकी गोल गोल गान्ड मुझे बहुत अच्छी लग रही थी ऑर मुझे रात वाली हरकत याद आ गई.

रात वाली हरकत को याद कर के मेरा लंड खड़ा होने लगा. ऑर मैं उसको शलवार के उपर से पकड़ कर सहलाने लगा.

खाला ने जब बाहर से झाड़ू लगा ली तो टीवी लाउंज मे आ गई झाड़ू लगाने के लिए.

खाला ने दुपट्टा नही लिया हुआ था. जब वो मेरे सामने आई तो मुझे महसूस हुआ कि शायद खाला ने ब्रा भी नही पहना है. ये सोचते ही मेरा लंड एक दम से डंडे की तरह खड़ा हो गया.

मैने जल्दी से अपने लंड पर हाथ रख दिया ऑर अपनी टाँग के उपर टाँग रख दी.

खाला की नज़रो मे मेरा खड़ा हुआ लंड आ गया था. मैं घबरा गया था कि कहीं खाला को बुरा ना लग जाए.

खाला मुस्कुरा दी ऑर कमरे मे झुक कर झाड़ू लगाने लगी. जिस की वजह से खाला के मम्मे लटक कर कमीज़ से जुड़ गये थे.

मैं अपने लंड को बिठाने की बहुत कोशिश कर रहा था मगर लंड था कि सोने का नाम ही नही ले रहा था. मेरे माथे पर पसीना आ गया था कि अगर खाला ने मेरा खड़ा हुआ लंड देख लिया तो क्या होगा .

खाला मेरी हालत को फील कर रही थी ऑर एंजाय कर रही थी

खाला ने मेरे माथे पर पसीना देखा तो बोली: अयान तुम्हारी तबीयत ठीक है ना?

मैं: हाँ, हाँ हाँ मैं ठीक हूँ. तो खाला मेरे पास आई ऑर कहा कि ये तुम्हे इतना पसीना क्यू आ रहा है.

मैं: पता नही गर्मी है बहुत शायद इस वजह से.

खाला: नही गर्मी तो नही है इतनी

फिर खाला ने मेरे माथे पे हाथ लगाया ऑर बोली.

तुम्हे तो बुखार भी नही है. फिर क्या हुआ.

और इसी तरह खाला मेरे सामने खड़ी हुई थी ऑर मैं खाला के मम्मो की तरफ देख रहा था.

एक दम से खाला ने अपनी कमीज़ का पल्लू उठाया ओर मेरे माथे पर से पसीना सॉफ करने लगी.

कमीज़ का पल्लू उठाने की वजह से उनका पेट मुझे नज़र आने लगा. मैं खाला का पेट देख रहा था ऑर खाला मेरे माथे पर से पसीना सॉफ कर रही थी.

खाला जब मेरे सामने से पसीना साफ कर रही थी तो मैं सोफे पर बैठा हुआ था. और खाला मेरी टाँगों के बीच मे खड़ी हुई आहिस्ता आहिस्ता मेरा पसीना सॉफ कर रही थी.

माथे पर पसीना सॉफ करने के बाद खाला मेरे सिर पर बालों मे अपनी कमीज़ से पसीना साफ करने लगी. जिसकी वजह से खाला की कमीज़ थोड़ा सा ऑर उपर हो गई.

खाला ने मेरा सिर नीचे किया तो मेरा फेस खाला के पेट से टच होने लगा.

जेसे ही मेरा फेस खाला के पेट से टच हुआ “““मेरा लंड रोड की तरह सीधा खड़ा हुआ ऑर खाला की शलवार के उपर से उसकी चूत को टच करने लगा""".

खाला के निचले जिस्म को एक हल्का सा झटका लगा. मगर खाला अपनी जगह से हिली नही.

अब मेरा लंड शलवार के उपर से खाला की चूत को टच क्र रहा था तो खाला ने मेरा फेस अपने पेट पर दबा दिया. और ज़ोर ज़ोर से मेरे बालों पर फिंगर्स मूव करने लगी. अब एक ओर चेंजिंग भी आ गई थी कि खाला मेरे सिर मे फिंगर्स मूव करने के साथ साथ “‘अपनी चूत को भी मेरे लंड पर हल्का हल्का मूव करने लगी““

ऐसे ही चल रहा था कि अचानक घर के मेन डोर पर दस्तक हुई.
और खाला जल्दी से मुझसे अलग हुई.

खाला की आँखे लाल हो रही थी ऑर उनका साँस तेज तेज चल रहा था.

खाला ने मुझसे पूछा: अयान जानू अब कैसा फील कर रहे हो.

मैं: अब ठीक हूँ.

खाला के अचानक हट जाने से मैं एक दम घबरा गया ऑर मुझे अहसास भी नही हुआ कि मेरा लंड अभी तक खड़ा है. और खाला मेरे लंड को ही देख रही थी जो उस टाइम तकरीबन 6 इंच का था.

इसी दौरान दरवाजे पर फिर दस्तक हुई तो खाला ने अपने कपड़े ठीक किए ऑर मुझे कहा:

अयान तुम ठीक से हो कर बैठो. मैं दरवाज़ा खोलती हूँ.

मैने जब देखा तो मेरा लंड बिल्कुल सीधा खड़ा हुआ था.

मैं जल्दी से उठ कर वॉशरूम की तरफ भागा. ऑर खाला दरवाज़ा खोलने चली गई……

कहानी जारी रहेगी.............

Antarvasna

जीजाजी मेरे गांड़ पर अपना लंड रख Antarvasna लिया। अपने लंड में थोडा सरसों का तेल लगाया और मेरे बुर में भी थोड़ा डाला। वे गांड़ को एकदम लूज छोड़ देने को बोले। ऐसा लग रहा था कि वे बड़े चुदक्कड हैं। मैं तो आज सब कुछ सहने को तैयार थी। वे कहने लगे कि मैं धीरे से अंदर करूँगा, अधिक दुखे तो बोल देना। मैंने भी हाँ कह दी। दीदी फिर रूम में आ गई। वे मेरे गांड़ के उपर कुछ उनको देख कर कहने लगी, अरे तुम बहुत शैतान हो। उनको पहले गांड़ ही चाहिए। ये मेरे साथ भी ऐसा ही करते हैं। पहली बार तो थोडा दुखा था मगर उसके बाद तो मजा आने लगा है। आज तो तुम्हें सब कुछ सहना पड़ेगा। दीदी कह रही थी कि प्यार में तो सब कुछ चलता है। दीदी जीजाजी को कुछ इशारा करके रूम से फिर बाहर निकल गई। इस बार वह दरवाज़ा बाहर से बंद कर दी।

मैं तो थोडा डर गई। जीजाजी ने दीदी के जाते ही एकदम ज़ोर से धक्का लगा दिया। मैंने एक हाथ से उनका लंड पकड़ना चाहा मगर वे तो अपना पूरा लंड डाल चुके थे। मैं ज़ोर से चिल्लाई, दीदी बचा। जीजाजी ने मुझे मार दिया । मुझे अब नहीं चाहिए। मैं चिल्लाती रही मगर उन्होंने एक भी नही सुनी। वे और ज़ोर से ठेलते गाये। मेरी आँख से आँसू आते देख उन्होंने अपना लंड निकाल लिया तब जाकर मुझे राहत हुई। अब उन्होंने मुझे चित कर दिया। अपने लंड के सुपाड़ा उघार कर मेरे बुर पर रख दिया। मेरी दोनो चूचियां पकड़ कर चूसने लगे। अपने लंड के सुपाड़े से मेरे टिट को रगड़ रहे थे।

वे पक्के खिलाड़ी लग रहे थे मैंने उनकी कमर पकड़ ली। मुझे उनका पूरा लंड चाहिए था। मैं जीजाजी को अंदर ठेलने का ज़िद करने लगी मगर उन्हें अब कोई जल्दी नहीं लग रही थी। वे उठ कर फिर बाथरूम में चले गए, इस बार मुझे भी लेते गए। जीजाजी मेरी बुर में साबुन लगा कर अपने से धो दिए। तब मैंने भी उनका लंड धो दिया। अब हम दोनो फिर बेड पर आ गए। इस बार वे मेरे दोनो टांगो के बीच में बैठ गये। मेरे दोनो टाँगो को उठाकर अपने कंधो पर रखे। मुझे से अपना लड पकड़वाया ऑर अपने बुर के छेद पर रखने को बोले। मैंने भी वैसे ही किया। जीजाजी कह रहे थे कि अब मत रोना गांड़ इतना नहीं दुखेगा।

तब भी मुझे डर लग रहा था। उन्होंने पहले आधा ही अंदर किया और कुछ देर तक उतना डाल कर ही बाहर भीतर करते रहे। जीजाजी पुछने लगे बोलो मजा आ रहा है कि नहीं। मैं कुछ नहीं बोली और जीजाजी की कमर पकड़ कर अपने तरफ़ दबाने लगी। जीजाजी कहने लगे अच्छा तो अब लो मेरा पूरा लंड का मजा इतना कहकर जीजाजी ने कसकर धकका मारा और उनका पूरा लंड मेरे अंदर चला गया। ऐसा लगा कि उनका लंड छाती तक आ गया है। मैं ज़ोर से चिल्ला उठी। मैं जीजाजी को गाली देने लगी। कहने लगी तुम बहुत शैतान हो तुमने तो आज मुझे फाड़ ही डाला। मेरी गांड़ और बुर एक ही दिन में बरबाद करके रख दी। जीजा जी मुस्क़ुरा रहे थे।/

अब वे मेरे चूची को दबाने लगे और धक्के लगा कर चोदने लगे। अब मेरी टाँगो को नीचे रख दिया और एक चूची को मुख में डाल कर चूसने लगे। ज्यों ज्यों धक्का मार रहे थे मुझे अपना स्तन चुसवाने में और मजा आ रहा था। अब मेरे सब दर्द ग़ायब हो चुके थे। मैं बोल रही थी और ज़ोर से धक्के मारो मेरे अच्छे जीजाजी। आप सचमुच में मर्द हो। आज पहली बार ज़िंदगी का मजा आ रहा है फिर दीदी आ गई। उस समए हम दोनो मस्ती में थे। दीदी कहने लगी, अरे मुझे भूल गये क्या उसे अब थोड़ी जलन होने लगी थी। दीदी कहने लगी अब तो मुझे भी नहीं रहा जाता।

इतना सुनते ही जीजा जी मुझ पर से उतर गये और दीदी को मेरे साथ में ही पेट के बल लेटा दिए। जीजाजी दीदी को नंगे कर दिए। जीजाजी ने दीदी के गांड़ में थोड़ा थूक लगाया । दीदी ने अपने दोनो हाथों से अपनी गांड़ फैलाई। जीजाजी ने एक ही बार में अपना समूचा लंड दीदी के गांड़ में डाल दिया। दीदी को कोई दर्द होते नहीं दिखा। वह नीचे से कमर चला रही थी। जीजाजी कहने लगे देखो तुम्हारी दीदी कैसे चुदवा रही है मगर तुम चिंता मत करो, कुछ ही दिनों में तुम भी पक्की हो जाओगी। उसके बाद जीजाजी हम दोनो बहनो को बारी बारी से चोदने लगे। अंत में जीजाजी मेरे उपर चढ़ गये और कहने लगे कि आज अपना माल तुम्हारे ही अंदर डालुंगा। वे मेरे स्तन को फिर चूसने लगे और कच से पूरा लंड अंदर कर के ज़ोर से धक्का लगाने लगे।

मैं अब गिरने लगी थी। वे समझ गए और अपने दोनो हाथों से मेरी कमर कस कर पकड़ ली। मेरा चूची कस कर चूसने लगे। मैंने भी अपनी कमर चलानी शुरू कर दी। मैं कह रही थी अरे मेरे राजा और ज़ोर से धक्के मारो और अंदर धकेलो, मुझे और ज़ोर ज़ोर से चोदो। बीच बीच में दीदी जीजाजी को और धक्का मरने को उकसा रही थी। दीदी जीजाजी से कह रही थी आज मेरी बहन की प्यास बुझा दो। आज अपनी साली के जवानी को मसल दो। जीजाजी लास्ट बार धक्का मारे और मैं चिल्ला उठी। अरे बाप रे अब छोड़ दो। कुछ देर तक हम बिस्तर पर ही पड़े रहे। मैं दीदी और जीजाजी का शुक्रिया अदा कर रही थी। बेड पर देखा तो काफ़ी ख़ून के धब्बे थे। मेरे स्तन पर दाँतों के निशान बन गये थे।

दीदी जीजा जी के तरफ़ देख कर मुस्कुराने लगी। दीदी कह रही थी तुम्हारा सील भी आज तुम्हारे जीजाजी ने ही तोड़ी। मैं अपने जीजाजी का लंड पकड़ कर कहने लगी दीदी ये बहुत मजे का है। पहले दर्द देता है और फिर मजा। जीजाजी कह रहे थे साली तो आधी घर वाली होती है, इसलिए इसमें तुम्हारा अब बराबर का हक है। जब चाहो आ जाना, मेरा लंड तुम्हारी गांड और बुर के लिए हमेशा तैयार रहेगा। वे दीदी से कह रहे थे कि तुम्हारी बहन तो कमाल की चीज़ है। आज तो मुझे मजा आ गया। क्या मस्त जवानी है। सील तोड़ने में तो बहुत ज़ोर लगाना पड़ा। साली का माल तो बहुत ही टाईट है इसको लूज करने में बहुत दिन लगेगा। अभी मेरे दो बच्चे हैं। बच्चे पाकर मेरे पति भी काफ़ी ख़ुश रहते है। मैं अब उनको कोई शिकायत नहीं करती। मेरे पास काफ़ी संपत्ति है। मेरे दीदी के पास एक अच्छा मर्द। हम दोनो बहने एक दूसरे का ज़रूरत पूरा करते है और आनंद से रहते है। Antarvasna

यह कहानी 1964 की गर्मियों की है. Hindi Sex Stories

हमारे परिवार के सभी सदस्य एक Hindi Sex Stories विवाह में शरीक होने अपने गांव गये थे, हम तीन भाई-बहन और मां-बाबूजी.

मैंने 12वीं की बोर्ड की परीक्षा दी थी और परिणाम का इंतज़ार कर रहा था.

मैं तीनों भाई बहन में सबसे बड़ा हूं. उस समय मैं 19वें साल में था और अन्य लड़कों की तरह मुझे भी चूची और चूत की तलाश थी.
लेकिन उस समय तक एक भी औरत या लड़की का मजा नहीं लिया था. बस माल को देखकर तरसता रहता था और लंड हिलाकर पानी निकाल कर संतुष्ट हो जाता था.

दोस्तों के साथ हमेशा चूची और चूत की बातें होती थी.

मुझसे छोटी बहन, माला है और उससे छोटा एक भाई.

मां का नाम मीना है और उस समय वो 34-35 साल की भरपूर जवान औरत थी. बाबूजी 40 साल के मजबूत कद-काठी के मर्द थे जो किसी भी औरत की जवानी की प्यास को बुझा सकते थे.

बाबूजी की तरह मैं भी लम्बा और तगड़ा था लेकिन पता नहीं क्यों मुझे लड़कियों से बात करने में बहुत शरम आती थी, यहाँ तक कि मैं अपनी मस्त जवान बहन के साथ भी ठीक से बात नहीं करता था.

गांव में शादी में बहुत से लोग आये थे. चचेरी बहन की शादी थी, खूब धूमधाम से विवाह सम्पन्न हुआ.

विवाह के बाद धीरे-धीरे सभी मेहमान चले गये. मेहमानों के जाने के बाद सिर्फ घरवाले ही रह गये थे.

पांच भाइयों में से सिर्फ मेरे बाबूजी गांव के बाहर काम करते थे, बाकी चारों भाई गांव में ही खेती-बाड़ी देखते थे. गांव की आधी से ज्यादा जमीन हमारी थी.

बाबूजी की छुट्टी खत्म होने को थी, हम लोग भी एक दिन बाद जाने वाले थे.

हम वहाँ 17-18 दिन रहे. बहुत लड़कियों को चोदने का मन किया, बहुत औरतों की चूची मसलना चाहा लेकिन मैं कोरा का कोरा ही रहा.
मेरा लन्ड चूत के लिये तरसता ही रह गया.

लेकिन कहते हैं कि ‘देर है लेकिन अन्धेर नहीं है’

उस दिन भी ऐसा ही हुआ. उस समय दिन के 11 बजे थे. औरतें घर के काम में व्यस्त थीं, कम उम्र के बच्चे इधर-उधर दौड़ रहे थे और आंगन में कुछ नौकर सफाई कर रहे थे.

मेरे बाबूजी अपने भाइयों के साथ खेत पर गये थे. मैं चौकी पर बैठ कर आराम कर रहा था.

तभी माँ मेरे पास आई और बगल में बैठ गई.

मेरी माँ मीना ने मेरा हाथ पकड़ कर एक लड़के की तरफ इशारा करके पूछा- वो कौन है?

वो लड़का आंखें नीची करके अनाज को बोरे में डाल रहा था. उसने सिर्फ हाफ-पैंट पहन रखा था.

‘हाँ, मैं जानता हूँ, वो गोपाल है.. कंटीर का भाई!’ मैंने माँ को जवाब दिया.

कंटीर हमारा पुराना नौकर था और हमारे यहा पिछले 8-9 सालों से काम कर रहा था.
माँ उसको जानती थी.

मैंने पूछा- क्यों, क्या काम है उस लड़के से?’

मां ने इधर उधर देखा और बगल के कमरे में चली गई.

एक दो मिनट के बाद उसने मुझे इशारे से अन्दर बुलाया.
मैं अन्दर गया और मीना ने झट से मेरा हाथ पकड़ कर कहा- बेटा, मेरा एक काम कर दे…’

‘कौन सा काम माँ!’

फिर उसने जो कहा वो सुनकर मैं हक्का बक्का रह गया.

‘बेटा, मुझे गोपाल से चुदवाना है, उसे बोल कि मुझे चोदे…!’

मैं मीना को देखता रह गया. उसने कितनी आसानी से बेटे के उम्र के लड़के से चुदवाने की बात कह दी.

‘क्या कह रही हो…ऐसा कैसे हो सकता है…’ मैंने कहा.

‘मैं कुछ नहीं जानती, मैं तीन दिन से अपने को रोक रही हूँ, उसको देखते ही मेरी बुर गरम हो जाती है, मेरा मन करता है की नंगी होकर सबके सामने उसे अपने अन्दर ले लूँ!’
माँ ने मेरे सामने अपनी चूची को मसलते हुए कहा- कुछ भी करो, बेटा गोपाल का लन्ड मुझे अभी चूत के अन्दर चाहिए!’

मीना की बातें सुनकर मेरा माथा चकराने लगा था.
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मां, बेटे के सामने इतनी आसानी से लण्ड और बुर की बात करेगी.

मुझे यह जानकर अचम्भा हुआ कि मैं 18 साल का होकर भी किसी को अब तक चोद नहीं पाया हूँ तो वो गोपाल अपने से 20-22 साल बडी, तीन बच्चे की माँ को कैसे चोदेगा.
मुझे लगा कि गोपाल का लन्ड अब तक चुदाई के लिये तैयार नहीं हुआ होगा.

‘मां, वो गोपाल तो अभी छोटा है.. वो तुम्हें नहीं चोद पायेगा…’
मैंने माँ की चूची पर हाथ फेरते हुए कहा- चल तुझे बहुत मन कर रहा है तो मैं तुम्हें चोद दूंगा ..!’

मैं चूची मसल रहा था, माँ ने मेरा हाथ अलग नहीं किया.
यह पहला मौका था कि मेरे हाथ किसी चूची को दबा रहा था और वो भी एक मस्त गुदाज़ औरत की, जो लोगों की नजर में बहुत सुन्दर और मालदार थी.

‘बेटा, तू भी चोद लेना, लेकिन पहले गोपाल से मुझे चुदवा दे…अब देर मत कर…बदले में तू जो बोलेगा वो सब करुंगी… तू किसी और लड़की या औरत को चोदना चाहता है तो मैं उसका भी इंतज़ाम कर दूंगी, लेकिन तू अभी अपनी माँ को गोपाल से चुदवा दे.. मेरी बुर एकदम गीली हो गई है.’

मीना ने सामने से चुदाई की पेशकश की है तो कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा.

मैंने जोर जोर से 3-4 बार दोनों मस्त मांसल चूचियों को दबाया और कहा- तू थोड़ा इन्तज़ार कर…मैं कुछ करता हूँ!
यह कहकर मैंने माँ को अपनी बांहों में लेकर उसके गालों को चूसा और बाहर निकल कर आ गया.

दिन का समय था, सब लोग जाग रहे थे, किसी सुनसान जगह का मिलना आसान नहीं था.

मैं वहाँ से निकल कर ‘कैटल-फार्म’ में आ गया जो आंगन से थोड़ी ही दूर पर सड़क के उस पार था.
वहाँ उस समय जानवरों के अलावा और कोई नहीं था. वहाँ एक कमरा भी था नौकरों के रहने के लिये. उस कमरे में भी कोई नहीं था. मैंने सोचा क्यों ना आज माँ की चुदाई इसी कमरे में की जाये.

कमरे में एक चौकी थी और उस पर एक बिछौना भी था.
मैं तुरंत आंगन वापस आया.

मीना अभी भी बाहर ही बैठी थी और गोपाल को घूर रही थी. मैं उसके बगल में बैठ गया और कहा कि वो दस मिनट के बाद उस नौकर वाले कमरे में आ जाये.

वहाँ से उठ कर मैं ग़ोपाल के पास आया और उसकी पीठ थप-थपा कर मेरे साथ आने को कहा.
वो बिना कुछ बोले मेरे साथ आ गया.
मैंने देखा कि मां के चेहरे पर मुस्कान आ गई है.

गोपाल को लेकर मैं उस कमरे में आया और दरवाज़ा खुला रहने दिया.
मैं आकर बिछौने पर लेट गया और गोपाल से कहा कि मेर पैर दर्द कर रहा है, दबा दे.. यह कहते हुये मैंने अपना पजामा बाहर निकाल दिया.

नीचे मैंने जांघिया पहना था.

ग़ोपाल पांव दबाने लगा और मैं उससे उसके घर की बातें करने लगा.

वैसे तो गोपाल के घरवाले हमारे घर में सालों से काम करते हैं फिर भी मैं कभी उसके घर नहीं गया था.

गोपाल की दादी को भी मैंने अपने घर में काम करते देखा था और अभी उसकी माँ और भैया काम करते हैं.
तभी गोपाल ने बताया कि उसकी एक बहन है और उसकी शादी की बात चल रही है.
वो बोला कि उसकी भाभी बहुत अच्छी है और उसे बहुत प्यार करती है.

अचानक मैंने उससे पूछा कि उसने अपनी भाभी को चोदा है कि नहीं.
ग़ोपाल शरमा गया और जब मैंने दोबारा पूछा तो जैसा मैंने सोचा था, उसने कहा कि उसने अब तक किसी को चोदा नहीं है.

मैंने फिर पूछा कि चोदने का मन करता है या नहीं?

तो उसने शरमाते हुये कहा कि जब वो कभी अपनी माँ को अपने बाप से चुदवाते देखता है तो उसका भी मन चोदने को करता है.
ग़ोपाल ने कहा कि रात में वो अपनी माँ के साथ एक ही कमरे में सोता है . लेकिन पिछले एक साल से माँ की चुदाई देख कर उसका भी लन्ड टाईट हो जाता है.

‘फिर तुम अपनी माँ को क्यों नहीं चोदते हो…’ मैंने पूछा.
लेकिन गोपाल के जबाब देने के पहले मीना कमरे में आ गई और उसने अन्दर से दरवाजा बन्द कर दिया.

ग़ोपाल उठकर जाने लगा तो मैंने उसे रोक लिया.
गोपाल ने एक बार मीना के तरफ देखा और फिर मेरा पैर दबाने लगा.

‘क्या हुआ मां?’

‘अरे बेटा, मेरा पैर भी बहुत दर्द कर रहा है, थोड़ा दबा दे!’ मीना बोलते बोलते मेरे बगल में लेट गई.

मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा, डर से या माँ को चोदने के खयाल से, मालूम नहीं. मैं उठ कर बैठ गया और माँ को बिछौने के बीचोंबीच लेटने को कहा.

मैं एक पैर दबाने लगा . ग़ोपाल चुपचाप खड़ा था.

‘अरे ग़ोपाल, तुम क्यों खड़े हो, दूसरा पांव तुम दबाओ!’ मैंने ग़ोपल से कहा लेकिन वो खड़ा ही रहा.

मेरे दो-तीन बार कहने के बाद गोपाल दूसरे पांव को दबाने लगा. मैंने माँ को आंख मारी और वो मुस्कुरा दी.

‘मां, कहाँ दर्द कर रहा है?’
‘अरे पूछ मत बेटा, पूरा पाव और छाती दर्द कर रहा है, खूब जोर से पैर और छाती को दबाओ.’

मां ने खुल कर बुर और चूची दबाने का निमंत्रण दे दिया था.

मैं पाँव से लेकर कमर तक एक पर को मसल मसल कर मजा ले रहा था जब कि गोपाल सिर्फ घुटनों तक ही दबा रहा था.

मैंने गोपाल का एक हाथ पकड़ा और माँ की जांघों के ऊपर सहलाया और कहा कि तुम भी नीचे से ऊपर तक दबाओ.
वो हिचका लेकिन मुझे देख देख कर वो भी मीना लम्बी लम्बी टांगों को नीचे से ऊपर तक मसलने लगा.

2-3 मिनट तक इस तरह से मजा लेने के बाद मैंने कहा- मां साड़ी उतार दो … तो और अच्छा लगेगा.

‘हाँ, बेटा, उतार दो!’
‘गोपाल, साड़ी खोल दो.’ मैंने गोपाल से कहा.
उसने हमारी ओर देखा लेकिन साड़ी खोलने के लिये हाथ आगे नहीं बढ़ाया.

‘गोपाल, शरमाते क्यों हो, तुमने तो कई बार अपनी माँ को नंगी चुदवाते देखा है…यहाँ तो सिर्फ साड़ी उतारनी है, चल खोल दे.’ और मैंने गोपाल का हाथ पकड़ कर साड़ी की गांठ पर रखा.

उसने शरमाते हुये गांठ खोली और मैंने साड़ी माँ के बदन से अलग कर दी. काले रंग के ब्लाऊज़ और साया में गजब की माल लग रही थी.

‘मालकिन, आप बहुत सुन्दर हैं…’ अचानक गोपाल ने कहा और प्यार से जांघों को सहलाया.

‘तू भी बहुत प्यारा है..’ मीना ने जबाब दिया और हौले से साया को अपनी घुटनों से ऊपर खींच लिया.

माँ के सुडौल पैर और पिंडली किसी भी मर्द को गर्म करने के लिये खाफी थे.

हम दोनों पैर दबा रहे थे लेकिन हमारी नजर मीना की मस्त, गोल-गोल, मांसल चूचियों पर थी. लग रहा था जैसे कि चूचियाँ ब्लाऊज़ को फाड़ कर बाहर निकल जायेंगी.

मेरा मन कर रहा था कि फटाफट माँ को नंगा कर बूर में लन्ड पेल दूं. मेरा लंड भी चोदने के लिये तैयार हो चुका था.

और इस बार घुटनों के ऊपर हाथ बढ़ा कर मैंने हाथ साया के अन्दर घुसेड़ दिया और अन्दरुनी जांघों को सहलाते हुये जिन्दगी में पहली बार बुर को मसला.
एक नहीं, दो नहीं, कई बार बुर मसला लेकिन माँ ने एक बार भी मना नहीं किया.

माँ साया पहने थी और बुर दिखाई नहीं पर रही थी. साया ऊपर नाभि तक बंधा हुआ था.
मैं बुर को देखना चाहता था. एक दो बार बुर को फिर से मसला और हाथ बाहर निकाल लिया.

‘मां, साया बहुत कसा बंधा हुआ है, थोड़ा ढीला कर लो.. ‘

मैंने देखा कि गोपाल अब आराम से मीना की जांघों को मसल रहा था.
तो मैंने गोपाल से कहा कि वो साया का नाड़ा खोल दे.

तीन चार बार बोलने के बाद भी उसने नाड़ा नहीं खोला तो मैंने ही नाड़ा खींच दिया और साया ऊपर से ढीला हो गया.

मैं पांव दबाना छोड़कर माँ की कमर के पास आकर बैठ गया और साया को नीचे की तरफ ठेला.

पहले तो उसका चिकना पेट दिखाई दिया और फिर नाभि. कुछ पल तो मैंने नाभि को सहलाया और साया को और नीचे की ओर ठेला.

अब उसकी कमर और बुर के ऊपर का चिकना चिकना भाग दिखाई पड़ने लगा. अगर एक इंच और नीचे करता तो बुर दिखने लगती.

‘आह बेटा, छाती बहुत दर्द कर रहा है..’ मीना ने धीरे से कहा . साया को वैसा ही छोड़कर मैंने अपने दोनों हाथ माँ की मस्त और गुदाज चूचियों पर रखे और दबाया.

गोपाल के दोनों हाथ अब सिर्फ जांघो के ऊपरी हिस्से पर चल रहा था और वो आंखे फाड़ कर देख रहा था कि एक बेटा कैसे माँ की चूचियाँ मसल रहा है.

‘मां, ब्लाउज खोल दो तो और अच्छा लगेगा.’ मैंने दबाते हुए कहा.

‘खोल दे!’ उसने जवाब दिया और मैंने झटपट ब्लाउज के सारे बटन खोल डाले और ब्लाउज को चूची से अलग कर दिया.

मां की गोल-गोल, उठी हुई और मांसल चूची देख कर माथा झनझना गया.
मुझे याद नहीं था कि मैंने आखरी बार कब माँ की नंगी चूची देखी थी. मैं जम कर चूची दबाने लगा.

‘कितना टाईट है, लगता है जैसे किसी ने फ़ुटबाल में कस कर हवा भर दी है.’ मैंने घुन्डी को कस कर मसला और ग़ोपाल से कहा- क्यों गोपाल कैसा लग रहा है?’ मैं जोर जोर से चूची को दबाता रहा.

अचानक मैंने देखा कि गोपाल का एक हाथ माँ की दोनों जांघों के बीच साया के ऊपर घूम रहा है. एक हाथ से चूची दबाते हुए मैंने गोपाल का वो हाथ पकड़ा और उसे माँ की नाभि के ऊपर रख कर दबाया.

‘देख, चिकना है कि नहीं?’ मैं उसके हाथ को दोनों जांघों के बीच बुर की तरफ धकेलने लगा. दूसरे हाथ से मैं लगातार चूचियों का मजा ले रहा था. मुझे याद आया कि बचपन में इन चूचियों से ही दूध पीता था. मैं माँ के ऊपर झुका और घुन्डी को चूसने लगा.

तभी माँ ने फुसफुसाकर कान में कहा- बेटा, तू थोड़ी देर के लिये बाहर जा और देख कोई इधर ना आये..’

मैं दूध पीते पीते गोपाल के हाथ के ऊपर अपना हाथ रख कर साया के अन्दर ठेला और गोपाल का हाथ माँ के बुर पर आ गया. मैंने गोपाल के हाथों को दबाया और गोपाल बुर को मसलने लगा . कुछ देर तक हम दोनों ने एक साथ बुर को मसला और फिर मैं खड़ा हो गया. ग़ोपाल का हाथ अभी भी माँ की बुर पर था लेकिन साया के नीचे. बुर दिख नहीं रही थी.

मैंने अपना पजामा पहना और गोपाल से कहा- जब तक मैं वापस नहीं आता, तू इसी तरह मालकिन को दबाते रहना. दोनों चूचियों को भी खूब दबाना.

मैं दरवाजा खोल कर बाहर आ गया और पल्ला खींच दिया. आस पास कोई भी नहीं था. मैं इधर उधर देखने लगा और अन्दर का नजारा देखने का जगह ढूंढने लगा. जैसा हर घर में होता है, दरवाजे के बगल में एक खिड़की थी. उसके दोनों पल्ले बन्द थे. मैंने हलके से धक्का दिया और पल्ला खुल गया. बिस्तर साफ साफ दिख रहा था.

मीना ने गोपाल से कुछ कहा तो वो शरमा कर गर्दन हिलाने लगा. मीना ने फिर कुछ कहा और गोपाल सीधा बगल में खड़ा हो गया. मीना ने उसके लन्ड पर पैंट के ऊपर से सहलाया और ग़ोपाल झुक कर साया के ऊपर से बुर को मसलने लगा. एक दो मिनट तक लंड के ऊपर हाथ फेरने के बाद मीना ने पैंट के बटन खोल डाले और गोपाल नंगा हो गया. मीना ने झट से उसका टनटनाया हुआ लंड पकड लिया और उसे दबाने लगी.

मां को मालूम था कि मैं जरूर देख रहा हूँ, उसने खिड़की के तरफ देखा. मुझसे नजर मिलते ही वो मुस्कुरा दी और लंड को दोनों हाथों से हिलाने लगी. गोपाल का लंड देख कर वो खुश थी.

उधर गोपाल ने भी बुर के ऊपर से साया को हटा दिया था और मैंने भी पहली बार एक बुर देखी वो भी अपनी माँ की, जिसे मेरी आंखों के सामने एक लड़का मसल रहा था.

मीना ने कुछ कहा तो गोपाल ने साया को बाहर निकाल दिया.
वो पूरी नंगी थी. उसकी गठी हुई और लम्बी टांगें और जांघ बहुत मस्त लग रही थी. बुर पर बहुत छोटे छोटे बाल थे, शायद 6-7 दिन पहले झांट साफ किया था.

मीना लंड की टोपी खोलने की कोशिश कर रही थी. उसने गोपाल से फिर कुछ पूछा और गोपाल ने ना में गर्दन हिलाई. शायद पूछा हो कि पहले किसी को चोदा है या नहीं. मीना ने गोपाल को अपनी ओर खींचा और खूब जोर जोर से चूमने लगी और चूमते-चूमते उसे अपने ऊपर ले लिया.

अब मुझे मीना की बुर नहीं दिख रहा था. मीना ने हाथ नीचे की ओर बढ़ाया और अपने हाथ से लंड को बुर के छेद पर रखा.
मीना ने गोपाल से कुछ कहा और वो दोनों चूची पकड़ कर धीरे धीरे धक्का लगा कर चुदाई करने लगा.

गोपाल अपने से 20 साल बड़ी गांव की सबसे मस्त और सुन्दर माल की चुदाई कर रहा था.

मैं अपने लंड की हालत को भूल गया और उन दोनों की चुदाई देखने लगा.
गोपाल जोर जोर से धक्का मार रहा था और मीना भी चूतड़ उछाल उछाल अपने बेटे की उम्र के लड़के से चुदाई का मजा ले रही थी.

यूँ तो गोपाल के लिये चुदाई का पहला मौका था लेकिन वो पिछले साल से हर रात अपनी माँ को नंगी देखता था, बाप से चुदवाते.

मैं देखता रहा और गोपाल जम कर मेरी माँ को चोदता रहा और करीब 15 मिनट के बाद वो माँ के ऊपर ढीला हो गया. मैं 2-3 मिनट तक बाहर खड़ा रहा और फिर दरवाजा खोल कर अन्दर आ गया.

मुझे देखते ही गोपाल हड़बड़ा कर नीचे उतरा और अपने हाथ से लंड को ढक लिया. लेकिन मीना ने उसका हाथ अलग किया और मेरे सामने गोपाल के लंड को सहलाने लगी.

मां बिल्कुल नंगी थी. उसने दोनों टांगों को फैला रख्खा था और मुझे बुर का फांक साफ साफ दिख रहा था.

लंड को सहलाते हुये मीना बोली- बेटा, गोपाल में बहुत दम है … मेरा सारा दर्द खत्म हो गया.
फिर उसने गोपाल से पूछा- क्यों, कैसा लगा?

मैं उसकी कमर के पास बैठ कर बुर को सहलाने लगा.
बुर गोपाल के रस से पूरी तरह से गीली हो गई थी.

‘बेटा, साया से साफ कर दे.’

मैं साया लेकर बुर के अन्दर बाहर साफ करने लगा और उसने गोपाल से कहा कि वो गोपाल को बहुत पसन्द करती है और उसने चुदाई भी बहुत अच्छी की. उसने गोपाल को धमकाया कि अगर वो किसी से भी इसके बारे में बात करेगा तो वो बड़े मालिक (मेरे बड़े काका) से बोल देगी और अगर चुप रहेगा तो हमेशा गोपाल का लंड बुर में लेती रहेगी.

गोपाल ने कसम खाई कि वो किसी से कभी मीना मालकिन के बारे में कुछ नहीं कहेगा. मीना ने उसे चूमा और कपड़े पहन कर बाहर जाने को कहा.

ग़ोपाल बहुत खुश हुआ जब माँ ने उससे कहा कि वो जल्दी फिर उससे चुदवायेगी.

मैंने गोपाल से कहा कि वो आंगन जाकर अपना काम करे. गोपाल के जाते ही मैंने दरवाजा अन्दर से बन्द किया और फटाफट नंगा हो गया. मेरा लन्ड चोदने के लिये बेकरार था.

माँ ने मुझे नजदीक बुलाया और मेरा लन्ड पकड़ कर सहलाने लगी.

‘हाय बेटा, तेरा लौड़ा तो बाप से भी लम्बा और मोटा है…, लेकिन अपनी माँ को मत चोद. तू घर की जिस किसी भी लड़की को चोदना चहता है, मैं चुदवा दूंगी.. लेकिन मादरचोद मत बन.’

मैंने अपना लंड अलग किया और माँ के ऊपर लेट गया. लंड को बुर के छेद से सटाया और जम कर धक्का मारा…

‘आह्ह…’

मैं माँ के कन्धों को पकड़ कर चोदने लगा.

‘साली, अगर मुझे मालूम होता कि तू इतनी चुदासी है तो मैं तुझे 4-5 साल पहले ही चोद डालता, बेकार का हत्तू मार कर लौड़े को तकलीफ नहीं देता.’ कहते हुये मैंने जम कर धक्का मारा.. ‘आअह्ह … मजा आआआअ ग… याआअ..’

मां ने कमर उठा कर नीचे से धक्का मारा और मेरा माथा पकड़ कर बोली- बेटा, वो तो गोपाल से चुदवाने के लालच में आज तेरे सामने नंगी हो गई, वरना कभी मुझे हाथ लगाता तो एक थप्पड़ लगा देती.

मैंने धक्का मारते मारते माँ को चूमा और चूची को मसला.

‘साली, सच बोल, गोपाल के साथ चुदाई में मजा आया क्या?’ मेरा लौड़ा अब आराम से अपनी जन्मभूमि में अन्दर-बाहर हो रहा था.

‘सच बोलूं बेटा, पहले तो मैं भी घबरा रही थी कि मैं मुन्ना के उम्र के लड़के के सामने रन्डी जैसी नंगी हो गई हूँ लेकिन अगर वो नहीं चोद पाया तो!’ माँ ने गोपाल को याद कर चूतड़ उछाले और कहा- गोपाल ने खूब जम कर चोदा, लगा ही नहीं कि वो पहली बार चुदाई कर रहा है.. मैं तो खुश हो गई और अब फिर उससे चुदवाऊँगी.’

‘और मैं कैसा चोद रहा हूँ मेरी जान?’ मैंने उसके गालों को चूसते हुये पूछा.

‘बेटा, तेरा लौड़ा भी मस्त है और तेरे में गोपाल से ज्यादा दम भी है … मजा आ रहा है.’

और उसके बाद हम जम कर चुदाई करते रहे और आखिर में मेरे लंड ने माँ के बुर में पानी छोड़ दिया. हम दोनों हाँफ रहे थे. कुछ देर के बाद जब ठण्डे हो गये तो हमने अपने कपड़े पहने और बिस्तर ठीक किया.

‘बाप रे, सब पूछेंगे कि मैं इतनी देर कहा थी, तो क्या बोलूंगी…’ माँ अब दो दो लंड खाने के बाद डर रही थी.

मैंने उसे बांहों में जकड़ कर कहा- रानी, तुम डरो मत. मैं साथ हूँ ना… किसी को कभी पता नहीं चलेगा तुमने बेटे और नौकर से चुदवाया है.’ मैंने माँ के गालों को चूमा और उससे खुशामद किया कि वो दो-ढाई घंटे के बाद फिर इस कमरे में आ जाये जिसमें से कि मैं उसे दुबारा चोद सकूँ.

‘एक बार में मन नहीं भरा क्या..?’ उसने पूछा..
‘नहीं साली, तुमको रात दिन चोदता रहूँगा फिर भी मन नहीं भरेगा… जरूर आना..’
‘आऊँगी..लेकिन एक शर्त पर…!’ माँ ने मेरा हाथ अपनी चूची पर रखा.
‘क्या शर्त?’ मैंने चूची जोर से मसला…
‘गोपाल भी रहेगा…’ माँ फिर गोपाल का लौड़ा चाहती थी.
‘साली, तू गोपाल की कुतिया बन गई है… ठीक है, इस बार मैं अपनी गोदी में लिटा कर गोपाल से चुदवाऊँगा.
‘तो ठीक है, मैं आऊँगी…’

आंगन के रास्ते में मैंने उससे पूछा कि वो पहले कितने लौड़े खा चुकी है.. तो उसने कहा कि बाद में बतायेगी.
आंगन में पहुंचते ही बड़ी काकी ने पूछा- माँ को लेकर कहाँ गया था. सब खाने के लिये इंतजार कर रहे हैं.
मैंने जबाब दिया कि मैं माँ को गाछी (फार्म हाउस) दिखाने ले गया था. फिर किसी ने कुछ नहीं पूछा Hindi Sex Stories

दोस्तो! Hindi Sex Stories

मेरे पति ने मेरे बारे में आप सभी Hindi Sex Stories को तो बता ही दिया है कि मैं क्या हूँ और उन्होंने सच ही बताया है। मैं सच में बहुत ही कामुक औरत हूँ! मुझे ना जाने क्यों कम उमर से ही सेक्स करने का शौक है!

और मुझे पति भी ऐसा मिला है बिल्कुल मेरे जैसा!

वह कहता है कि अगर जैसे हम ब्लू फ़िल्म देखते हैं, वैसे ही अगर हम अपने सामने अपने किसी खास को चुदते देखें तो सेक्स का मज़ा दुगना हो जाता है।

वैसे मेरा पति भी एक नंबर का चोदु है! कभी कभी तो मुझे चोद चोद कर इतना परेशान कर देता है कि मैं ‘बस’ कह उठती हूँ।

कई बार मैं उसके सामने ही दूसरे मर्दों से चुद चुकी हूँ!
जैसा मज़ा मेरे पति को मुझे चुदवाने में आता है वैसा ही मुझे भी दूसरों से चुदने में आता है।

हमारी शुरुआत कुछ इस तरह हुई:

एक बार एक इनका दोस्त हमारे घर आया।
उसका नाम अरुण है और हम सब उसे पंकज कह कर पुकारते थे।

ये दोनों शराब पी रहे थे.
मैं भी थोड़ी देर इनके साथ बैठ कर अपने कमरे में चली गई, अपने बेटे को सुलाने के लिए!

ये दोनों पीते हुए बातें करते रहे।

थोड़ी देर में मनु मुझे देखने आए कि मैं सो गई हूँ या नहीं।
मैंने भी सोने का नाटक किया और लेटी रही।

थोड़ी देर में ये दोनों फिर बात करने लगे:

“यार तेरे तो मज़े है, अभी तू कुंवारा है और जब चाहे कोई भी लड़की पटा कर बजा सकता है!”मनु ने कहा।

“खाक मज़े है! साला किसी लड़की को पटाओ तो हफ्तों बीत जाते है! साला गश्ती ले कर आओ तो उसके रेट ऊंचे होते हैं!”पंकज ने कहा।

“तो क्या हुआ यार कोई ऐसी लड़की पटा जो पहले से ही बजी हुई हो और अपनी और बजवाना चाहती हो!”

“नहीं यार ऐसी लड़कियाँ कम ही मिलती हैं, अगर मिल भी जायें तो सालियों को मज़ा देना पड़ता है बहुत कम ऐसी होंगी जो ख़ुद मज़े दें!”
“तो फिर ख़ुद मज़े देने वाली कहाँ से मिलेगी?”

“हाँ यार अगर कोई शादीशुदा औरत जिसका एक तीन या चार साल का बच्चा हो न! वो ही फुल मज़े दे सकती है।”
“मतलब? कैसे?”

“यार जिसका अभी बच्चा हुआ हो वो और छोटा हो तो उसकी चूत अभी नई नई खुली होती है उसकी चूत में खुजली भी बहुत होती है और उस खुजली को सिर्फ़ मोटा ताज़ा लंड ही बुझा सकता है!”
“अच्छा!”

मैं अन्दर से सब सुन रही थी!

“हाँ यार ऐसी औरत के साथ मज़े ही अलग आते हैं, मैंने एक बार एक गश्ती चोदी थी, साली का फिगर इतना मस्त था! क्योंकि औरत बच्चा होने के बाद थोड़ा सा भर जाती है उसके चुचे बिल्कुल पके हुए आम की तरह हो जाते हैं
एकदम रसीले मोटे मोटे!”

“साली की गांड बाहर को निकली हुई उठी उठी सी! गोल गोल मोटी मोटी जांघें आ आहा देखते ही नंगी करके चोदने को जी चाहे!

“अच्छा यार चल अब बता तो तूने उसे कैसे चोदा? मेरा तो लंड सलामी देने लगा है!”

“बस मत पूछ यार! मैंने नहीं, उस साली ने मुझे चोदा! मैं तो सिर्फ़ उस के बताए अनुसार कर रहा था। क्या पोज़ थे उस साली के, कम से कम तीन बार उसने मुझे चोदा!”

“अच्छा यार, एक बात बोलूं? तू तो अपना दोस्त है तुझसे क्या परदा! सोनिया भी यार एक बच्चे की माँ है वो भी भरे बदन की है और तू सच कह रहा है ऐसी औरतों को चुदने का बड़ा मन करता है!”

पंकज थोड़ा सा चौंका कि ये मनु क्या कह रहा है??

“ऐसे मत देख पंकज मैं सही कह रहा हूँ, सच में सोनिया के साथ मज़ा आ जाता है!”

“पंकज तुझसे एक बात पूछूँ?”मनु ने कहा!
“हाँ हाँ! पूछ न!”

“यार तुझे सोनिया का बदन कैसा लगता है?”

अब तो पंकज बिल्कुल ही चौंक गया, “ये क्या कह रहा है तू मनु?”
“सच बता यार! शरमा मत! मैं चाहता हूँ, कोई सोनिया के बदन की तारीफ करे!”
“लगता है तुझे ज्यादा हो गई है!”

मैं भी सुनना चाहती थी कि अब कोई क्या कहता है! मुझे भी सुनने में मज़े आ रहे थे।

“नहीं तू बुरा मत मान, जो कहना है कह दे आज, तू मेरा दोस्त है! मैं बुरा नहीं मानूंगा!”

पंकज को लगा अब मनु नहीं मानेगा तो उसने भी कहना शुरू कर दिया, “यार सच में न सोनिया भाभी का फिगर इतना कातिल है की कोई भी देखे तो उसका लंड पैन्ट फाड़ कर बाहर आ जाए!”

“और बता यार!”

“सच में यार तू मानेगा नहीं! मैं हफ्ते में तीन बार तो सोनिया भाभी को याद कर के मुठ मारता हूँ, रात को सोते हुए भी कभी कभी में आँखें बंद करके सोचता हूँ अगर मैं सोनिया भाभी की चुदाई करूँगा तो किस तरह करूँगा! सच में
सोनिया भाभी के 36 इंच की गोलाइयों के बीच में अपना लंड छुपाने को मन करता है। कम से कम सोनिया भाभी की कमर 27 इंच की तो होगी ही और गांड तो मत पूछ इतनी गोल और कसी हुई है की घोड़ी बना कर गांड में थूक लगा
कर लंड का पूरा सुपाड़ा अन्दर करने को मन करता है, सोनिया भाभी की जांघें इतनी गोल और चिकनी है कि मन करता है चूमता ही रहूँ!”

“मैं तुझे बताता हूँ! मनु तूने कभी ब्राजील में साम्भा डांस देखा है क्या? उनमें जो काली काली सी औरतें सिर्फ़ रंग बिरंगी पैंटी पहन कर अपने चूचों को सिर्फ़ नाम मात्र के कपड़े से ढक कर नाचती हैं, उनको देख कर मुझे हमेशा
सोनिया भाभी की याद आ जाती है!”

“हाँ यार पंकज, तूने सही कहा सोनिया बिल्कुल वैसी ही है वैसे है, मोटी गांड वैसी जांघें उतने ही मोटे चूचे कसम से तूने सही कहा!”

मैं भी आपने बदन की तारीफ सुन कर खुश हो रही थी।

“यार पंकज, अब बता, अगर तुझे सोनिया को चोदने का मौका मिले तो तू कैसे चोदेगा?”

“सच बताऊँ तो सोनिया भाभी को सबसे पहले एक टाइट सा टॉप पहनाऊंगा और नीचे एक मिनी स्कर्ट वो भी चिपकी हुई जिसमें से उनकी गोल गोल जांघों के दर्शन हो रहे हों और स्कर्ट की लम्बाई भी इतनी की सिर्फ़ उनकी पैंटी न
दिखे! अन्दर उनको एक सेक्सी सी बिकनी पहनाऊंगा जिसमे सिर्फ़ उनके चूचों की नोकें छुपें और चूत की दरार ढके! पीछे गांड के अन्दर से जाती हुई बिकनी! कसम से फिर धीरे धीरे से उनको अपने कपड़े उतरने को कहूँ, पहले टॉप!
फिर स्कर्ट धीरे धीरे! ब्रा उतरते ही उनको कहूँगा- अपने चूचे हाथ से पकड़ ले! फिर धीरे धीरे उनके चूचे उन्हीं के हाथ से चूसूंगा! फिर पैंटी को उन्हीं को उतारने को कहूँगा!”

मुझे भी ये सब ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरे साथ पंकज कर रहा है।

उधर पंकज पूरे मज़े से मनु को बता रहा था, “मैं भी पूरा नंगा हो कर सोनिया भाभी के मुँह में अपना लंड दे दूंगा! चूसाता ही रहूँगा चूसाता ही रहूँगा! जब तक उनके बदन पर अपना गरम माल नहीं छोड़ देता!”

“अपना माल झाड़ते ही फिर भाभी को दुबारा चूसने को कहूँगा इस बार उनकी आंखों पर पट्टी बाँध कर बिस्तर पर उल्टा लेटा कर उनके हाथ बाँध कर पीछे से उनकी चूत मारूंगा आहा! पीछे से जब चूत मारूंगा तब झटके
पड़ते ही सोनिया भाभी की चीख निकल जाए ऐसा झटका मारूंगा! आहा! हर झटके पर उनकी गांड पर पट!पट! की आवाज़ आहा! भाभी हर झटके पर चिल्ला कर कहेगी और तेज़ पंकज और तेज़!

फिर उनको कुतिया की तरह पोज़ में लाऊंगा! इस बार गांड पर थूक लगा कर अपना लंड सीधा करके सीधा एक ही शॉट में अन्दर! सोनिया भाभी चीखती रह जाएंगी आहा मर गई! कुत्ते! आआ आआ आआआ फाड़ डाली मेरी
गांड कमीने! अआहा हरामजादे! पंकज! ये क्या कर डाला तूने! पर मैं एक नहीं सुनूंगा! और लगातार लगा रहूँगा उनके भोसड़े को फाड़ने में!

भाभी जब चुप नहीं होंगी तो मुझे भी कहना पड़ेगा “! साली कुतिया एक तो इतनी टाइट गांड कर रखी है! उस पर जब तेरी गांड का भोसड़ा बना रहा हूँ तो चिल्ला रही है! साली कल को इतना बड़ा छेद कर दूंगा के जब मर्ज़ी
दो दो लंड ले लेना आगे भी पीछे भी एक साथ! साली रांड! आज ले ले मज़े! आज तो तेरी जवानी को कुचल के रख दूंगा!

और ये पक्का है मेरा ऐसा कहते ही भाभी और मज़े से मेरे साथ लग जाएगी! बड़ी देर तक भोसड़ा चोदने के बाद सोनिया भाभी की गांड से लंड निकाल कर उसी पोज़ में चूत में लंड पेल दूंगा! सोनिया भाभी की आवाज़
आएगी! बहन चोद अब आया न असली पोज़ में साले कुत्ते अब न छोड़ियो! मुझे पेल कमीने मादरचोद! आज तो इस प्यासी चूत की चटनी बना दे!

आअहा आह साली! ले और ले! ले आज पूरा लंड तेरी चूत के हवाले! और सोनिया भाभी भी अपनी गांड हिला हिला कर पीछे को धक्के मारती रहेंगी! हाँ हाँ पंकज हाँ हाँ! ले और तेज़! और तेज़! ले फाड़ दे आज चूत को! निकाल दे सारा पानी आज तो! कमीने! मेरी गर्म चूत को मत उदास छोड़ना! आज मेरा पानी निकाल दे … मैं सारी ज़िन्दगी तेरे लंड का सलाम लेती रहूंगी!

“इस पोज़ में भी काफी देर के बाद फिर पोज़ बदलूँगा इस बार उन्हें बिस्तर पर सीधा लेटा कर ख़ुद नीचे खड़ा होकर उनकी कमर पकड़ कर! अपना लंड बिल्कुल सीधा डाल कर!

“बस बस पंकज बस?” मनु तभी बोल पड़ा!

ओहो ये क्या किया मनु तूने मैंने मन ही मन सोचा! इतना मज़ा आ रहा था लग रहा था पंकज सच में ही मुझे चोद रहा था! मेरी चूत भी कुछ गीली हो चुकी थी!

“बस यार अब मेरा काम तो हो गया!” मनु ने अपना हाथ अपने लंड से हटा कर कहा!

“ये क्या मनु! तू मुठ मार रहा था?” पंकज बोला

“हाँ यार, क्या करूं … तू बता ही इस तरह से रहा था!”

“यार बता ही तो रहा था अगर असली में करुंगा तो तेरा क्या होगा?”

“होगा क्या … जब तू सोनिया को चोदेगा तो मैं भी तेरे साथ उसको चोदने लगूंगा!

“हाँ यार मज़ा तो बहुत आएगा, एक साथ सोनिया भाभी की चुदाई करने में!”

“हाँ हम तीनों एक कमरे में एक बिस्तर पर दोनों बिल्कुल नंगे और तेरी सोनिया भाभी तेरे पहनाए हुए कपड़ों में हम दोनों यहाँ बिस्तर पर बैठ कर पैग लगते हुए उसको कपड़े उतारते हुए देखेंगे और फिर टक टका टक!”चुदाई का खेल शुरू!

“पर यार, भाभी मानेगी?”

मैं तो कब से तैयार हूँ सालो! अभी आ जाओ तो बताती हूँ कौन किसे चोदता है! मैंने सोचा।

“यार उसे तो मनाना पड़ेगा पता नहीं तैयार होती है या नहीं! चल अभी तो तू यही सो जा! रात हो गई है सोनिया भी सो गई है। मैं भी मुठ मार कर हल्का हो गया हूँ, मैं भी सोता हूँ! अगर तुझे भी रात को मुठ मारने के लिए कुछ
चाहिए तो बता? सोनिया ने काफी सेक्सी मैक्सी पहन रखी है, थोड़ा सा उसकी जांघों के दर्शन चाहिएँ तो बता!

“हाँ यार करा दे यार! आज रात मुठ मार कर ही काम चलाता हूँ, आज तक सोनिया भाभी को सोच कर मुठ मारता रहा था, अब देख कर मुठ मारता हूँ!

मैंने ये सुन लिया और मैं भी सीधी लेट गई। अब मेरी टाँगें पूरी तरह दिख रही थी!

“ये ले पंकज!” मनु ने मेरी पूरी मैक्सी ऊपर कर दी। अब सिर्फ़ मेरी पैंटी दिख रही थी और मेरी नंगी जांघें उन दोनों के सामने थी!”

“आऽह ऽआ मनु साले कसम से क्या जांघें हैं! मन कर रहा है खोल कर कच्छी खींच कर डाल दूँ अन्दर!”

तो देख क्या रहा है कुत्ते!कर न फिर! मैंने सोचा।

पंकज ने अपना लंड निकाल लिया और मेरे सामने ही मुठ मारने लगा।
मैं भी थोड़ी खुली आंखों से उसके लंड को निहार रही थी, सच में काफी बड़ा लंड था उसका!
कितनी ही लड़कियाँ उस लंड ने चोदी होंगी! सोच कर ही मेरे बदन में सिहरन हो गई!
पर ये क्या??

पंकज भी झड़ चुका था! खैर चलो! शायद कल इनका प्रोग्राम बन जाए! और मेरे मज़े आ जायें?

अगले दिन फिर जो हुआ वो सब मैं आपको अगली बार बताऊंगी!
पर इतना है कि उसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा!
सोनिया Hindi Sex Stories

Indian Sex Stories

मैं बचपन से अच्छे माहौल में नहीं Indian Sex Stories रहा हूँ। मैं चोरी बहुत कुशलता से कर लेता हूँ। पर इसके लिये भाग्य का भी आपके साथ होना जरूरी है। शारीरिक सुडौलता एक आवश्यक गुण है। इसके लिये मैं हमेशा कठिन योग भी करता हूँ और जिम भी जाता हूँ। मेरा शरीर एक दम चुस्त और वी शेप का है। मैं सुबह सुबह मैदान के चार से पांच चक्कर लगाता हूँ। मेरी चोरी करने के कपड़े भी एकदम बदन से चिपके हुए होते हैं। तो आईये चलते हैं चोरी करने…

मेरे सामने एक मकान है। उसमें एक छोटा सा परिवार रहता है। सिर्फ़ मियां-बीवी और उनकी एक १८-१९ साल की लड़की वहां रहती है। पैसा अच्छा है… जो सामने वाले कमरे कि अल्मारी में रखा है। उसकी अलमारी की चाबी मालकिन के पास उसके तकिये के नीचे होती है। रात की शिफ़्ट में मालिक काम करता है। मालिक ड्यूटी पर जा चुका है। मैं मकान के पास, कभी पान की दुकान पर या पास की चाय की दुकान पर मंडरा रहा हूँ।

कमरे की लाईट अभी जल रही है… मैने समय देखा रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे। और अब लाईट बन्द हुई है। मैंने टहलते हुये उस घर का एक चक्कर लगाया… सभी कुछ शान्त था। १२ बज चुके हैं।… मैं घर के पिछ्वाड़े में गया और एक ही छलांग में चाहरदीवारी पार कर गया। बिना कोई आवाज किये बाल्कनी के नीचे आ गया। उछल कर बालकनी में आ गया। थोड़ी देर इन्तजार करके खिड़की को धीरे से धक्का दिया… मेरी आशा के अनुरूप खिड़की खुली मिली… मैने धीरे से कदम अन्दर बढ़ाया। कमरे मे पूरी शान्ति थी। सामने बिस्तर था। मैं दबे पांव वहां पहुँचा। वहां पर, जैसा मैंने सोचा था, घर की मालकिन सो रही थी। मै चाबी निकालने के लिये ज्यों ही झुका…

“मैने दरवाजा खुला रखा था… खिड़की से क्यों आये…” फ़ुसफ़ुसाते हुये मालकिन ने कहा।

मै घबरा गया। पर मेरा दिमाग कंट्रोल में था। …

“बाहर से कोई देख लेता तो…” मैंने हकलाते हुए कहा…

“लेट क्यो आये … इतनी देर कर दी…”

“लाईट जली थी…मैं समझा कि कोई है……” उसने मुझे अपने बिस्तर पर मुझे खींच लिया…

“तुम मनोज के दोस्त हो ना… क्या नाम है तुम्हारा…”

“जी… सोनू… है…”

“अरे… मनोज तो रवि को भेजने वाला था… तुम कौन हो…”

” जी… मैं रवि ही हूँ…सोनू तो मुझे प्यार से कहते हैं…”

“अरे सोनू हो या मोनू … तुम तो बस शुरू हो जाओ… ” उसने मुझे अपनी बांहों मे कस लिया।

मुझे अहसास हुआ वो बिलकुल नन्गी थी। मैं चोरी के बारे में भूल गया। मेरे शरीर मे गर्मी आने लगी। वो किसी का इन्तजार कर रही थी। शायद रवि का…

“दरवाजा खुला है क्या…?”

“अरे हां…” वो जल्दी से उठी और दरवाजा बन्द करके आ गई। मैने भी अपने कपड़े उतार लिये और नंगा हो गया।

“आपका नाम क्या है …” मैने उसका नाम पूछ ही लिया

“कामिनी… क्यों मनोज ने बताया नहीं क्या…”

मैने कुछ नहीं कहा … उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया… और बेशर्मी से अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिये। मेरे बदन में वासना भड़क उठी। उसका नंगा बदन मुझे रोमान्चित कर रहा था। मेरा लण्ड जाग चुका था। और अपने काम की चीज़ ढूंढ रहा था। फ़ड़फ़ड़ाती चिड़िया को कामिनी ने तुरन्त अपने कब्जे में ले लिया। मेरे लण्ड पर उसके हाथ कस चुके थे और अब उसे मसल रहे थे। मेरे मुख से आह निकल गई… मैंने उसे चूमना जारी रखा… तभी

“बहन के लौड़े… मेरी चूंचियां तो दबा … ” उखड़ती हुई सांस और एक गाली दी… मैं और उत्तेजित हो गया। उसके बोबे बड़े थे… दबा दिये और उन्हें मसलने लगा।

“मेरी जान… जल्दी क्या है … देख तेरी चूत को कैसा चोद कर भोंसड़ा बना दूंगा”

कामिनी मेरे लण्ड की खाल को ऊपर नीचे मुठ मारने जैसी चलाने लगी। मैने जोश में आकर उसके चूतड़ों को दबा डाला।

“हाय रे… मेरी गाण्ड मसल दी … बहन चोद… मेरी गाण्ड मारनी है क्या…” वो वासना में डूब चुकी थी।

“इच्छा है तो कहो… आपका गुलाम हूँ… ” मैने उसकी चमचागिरी की।

“तो चल चोद दे पहले मेरी गाण्ड… फिर मेरा भोंसड़ा चोद देना…” उसकी भाषा … हाय रे… मुझे उत्तेजित कर रही थी। शायद वो बहुतों से चुदा चुकी थी … और उसकी गाली देने की आदत पड़ गई थी। मैंने उसके मस्त चूतड़ दबाने और मसलने चालू कर दिये। उसके मुख से सिसकियाँ निकलने लगी।

वो सीधी लेटी थी। मैंने उसकी चूतड़ों के नीचे तकिया लगाया और गाण्ड ऊंची कर दी। मैने उसकी गाण्ड पर अपना लण्ड टिका दिया और जोर लगाने लगा। मेरे दोनो हाथ फ़्री थे। मेरा लण्ड उसकी गाण्ड मे उतर गया… मैने उसके बोबे दबाये और और उसकी गाण्ड को चोदना चालू कर दिया। वो मस्त होने लगी। कुछ देर बोबे मसलने के बाद बोबे छोड़ कर उसकी चूत में अपनी अंगुली घुसा दी।

वो चिंहुक उठी। बोली -“हरामी ये तरीका किसने बताया रे…… मस्त स्टाईल है… अब तो चूत में भी मजा आ रहा है…।”

” कामिनी जी … आपकी चूत मस्त है…अगर इसकी मां चुद जाये तो आपको मजा आ जायेगा ना…”

“हाय मेरे सोनू…… तूने ये क्या कह दिया … मां चोद दे मेरी भोसड़ी की…हाय…सच में बहुत प्यासी है रे…”

मेरा लण्ड अब थोड़ा तेजी पर था। मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी, उसकी गाण्ड थोड़ी सी टाईट भी थी। मेरे धक्के उसकी गाण्ड में और उसकी चूत में मेरी अंगुलियां तेजी से चल रही थी। वो लगभग चीखती हुई सिसकारियां भर रही थी। उसे डबल मजा जो मिल रहा था। अब मेरा भी लण्ड फूल कर बहुत ही मस्त हो रहा था। मुझे लग रहा था कि ऐसे ही अगर गाण्ड चोदता रहा तो मैं झड़ जाऊंगा। मैने अपना लण्ड अब गाण्ड में से निकाला और उसकी चूत में फ़ंसा दिया। मेरा सुपाड़ा उसकी चूत में फ़क से फ़िट हो गया ।

“हाय्…री… गया अन्दर… चुद गई…रे……” वो मस्त होती हुई सिसकने लगी।

मुझे भी तेज आनन्द की अनुभूति हुई… उसे अपनी चूत में लण्ड उतराता हुआ मह्सूस हो रहा था। मेरे लण्ड की चमड़ी रगड़ खाती हुई तेज मजा दे रही थी। मैने अपने धक्के लगा कर चूत की गहराई तक अपना लण्ड गड़ा दिया। अब मै उसके ऊपर लेट गया और अपने हाथो से शरीर को ऊंचा उठा लिया। मुझे लण्ड और चूत को फ़्री करके तेजी से धक्के लगाना अच्छा लगता है। अब मेरी बारी थी तेजी दिखाने की। जैसे ही मैने अपना पिस्टन चलाना चालू किया वो भी बड़े जोश से उतनी ही तेजी से अपने चूतड़ों को उछाल उछाल कर साथ देने लगी।

“तू तो गजब का चोदता है रे… मुझे तू ही रोज़ चोद जाया कर…”

“मत बोलो कुछ भी…… मुझे बस चोदने दो… हाय रे…कितना मजा आ रहा है…”

“मादरचोद…रुक जा…झड़ना मत……वर्ना मेरी चूत को फिर कौन चोदेगा…”

“चुप रहो … छिनाल… अभी तो चुद ले… झड़े तेरी मां… कुतिया…”

मेरे धक्के बढ़ते गये। उसकी सिसकारियां भी बढ़ती गई…उसकी गालियां भी बढ़ती गई… अचानक ही गालियों की बौछार बढ़ गई………

“हरामी … चोद दे……मेरी भोसड़ी फ़ाड़ डाल…… मेरी बहन चोद दे… कुत्ते… मार लण्ड चूत पर… हाय रे मेरी मां…”

मैं समझ गया कि अब कामिनी चरमसीमा पर पहुंच रही है। मैंने भी अपने आप को अब फ़्री छोड़ दिया झड़ने के लिये।

“मर गई रे…… भोंसड़ी के… लगा… दे धक्के… निकाल दे मेरा पानी… मादरचोद रे…अरे…गई… निकला रे……हाऽऽऽऽय री मां…”

और वो झड़ने लगी। मैने भी लण्ड अब उसके भोंसड़े में जोर से गड़ा दिया। और जोर लगाता रहा…दबाव से मेरे लण्ड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी। मेरा लण्ड झटके मार मार कर वीर्य उसके चूत में छोड़ रहा था। कामिनी ने मुझे अपनी टांगों के बीच मुझे जकड़ लिया था। दोनो का रस एक साथ ही निकल रहा था। हम आपस में चिपके रहे। अब मैं बिस्तर से नीचे उतर गया था।

“बस कामिनी जी… आपने तो मेरा पूरा रस निकाल दिया…”

“……ये लो… कल दरवाजे से आना……” कामिनी ने मुझे ५०० का एक नोट दिया…”तुम बहुत अच्छा चोदते हो…अब मुझे किसी दूसरे की जरूरत नहीं है…”

मैने झिझकते हुए रुपये ले लिये और चुपचाप सर झुका कर दरवाजा खोला और बाहर निकल गया।Indian Sex Stories

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