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Massage Girl in Mandya: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Mandya who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Mandya that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Mandya massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Mandya who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Mandya massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Mandya massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Mandya who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Mandya employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Mandya helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Mandya

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Mandya at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna stories

ये Antarvasna कहानी उस समय की है जब १२ में आया था हमारे एक नौकरानी थी उसकी २ बेटी थी छोटी बेटी की मस्त थी फ़ीगर देख कर किसी के मुंह में पानी आ जाये.

एक बार वो झाडू बैठ कर लगा रही थी में उसके पीछे से गुजरा और मैने अपना पैर उसके चूतड़ पे छुआ कर निकला वो चौंक गयी लेकिन कुछ नहीं बोली। इस तरह मैं हमेशा करने लगा, मुझे इस बात का डर नहीं लग रहा कि वो मम्मी से कुछ कह देगी।

एक बार सब लोग बाहर थे मैं अंदर रूम में, वो झाडू लगाने आयी मैने उसे पकड़ कर किस करने लगा वो हैरान हो गयी और कहने लगी मैं बता दूंगी मैने उसके मुंह में अपनी थूक डाल दी और उसके लिप चूसने लगा फिर मैने एक हाथ से उसके बूब्स छुआ और कसके दबाने लगा तभि किसी के अंदर आने की आवाज आयी मैने उसे छोड़ दिया।

फिर एक बार फिर वैसा मौका मिला उस दिन मैं उसे पीछे से पकड़ कर क्लोथ सेक्स करने लगा वो थोड़ा मुस्कुरा रही थी फिर वो ज़मीन पर बैठ कर पोंछा लगाने लगी फिर मैने एक हाथ उसके कुरते के अंदर गर्दन की साइड से डाल कर उसका एक बूब बाहर निकालने लगा वो छटपटा गयी वो उस समय समीज पहनती थी उसके निप्पल दिखने लगे फिर कोई आ गया।

एक बार मैं स्टोरी वाली मैगज़ीन लाया उसमे ज़्यादातर कहानी वर्जिन की थी मेरा दिमाग खराब हो गया। मैं उसे घर में कहीं भी अकेला देखता तो उसको किस करने लगता।

एक बार मैने उससे पूछा चूत के बाल बनाती हो कि नहीं?
वो बोली- ये क्या होता है?
मैने उसकी चूत पर हाथ रख कर कहा इसको वो शरमा गयी और अंदर चली गयी।

हम लोग के यहां दो बाथरूम थे जिसमे एक बाथरूम कमरे और बाहर आंगन से जुड़ा था फिर जब वो बाथरूम में कुछ लेने जाती मैं कमरे से आकर उसको पकड़ कर किस करने लगता और अपना लंड बाहर निकाल कर उसको पकड़ने की कोशिश करता। जब मैने पूरी बुक पढ़ ली मैने सोचा अगर ये बुक इसको दे दूं तो ये बात आगे बढ़ सकती है। मैने बुक घर के दरवाजे के किनारे रखे गमले के पीछे रख दी और उसको बता दिया कि वहां बुक रखी है, ले जाना।

बाद में जब वो काम करके चली गयी तो मैने सोचा किताब ले गई कि नहीं मैने बाहर जाकर देखा तो किताब गायब थी। दो दिन बाद वो आयी तो उसकी आंखें चमक रही थी और अजीब सी नशीली थी।

मैने अकेले में उससे पूछा कैसी थी किताब उसने कहा बहुत गंदी थी.
मैने कहा- तो लाओ मेरी बुक वापस?
उसने कहा- मैने फेंक दी।

मुझे गुस्सा आया मैं उसको पकड़ कर किस करने लगा और एक हाथ सो उसकी चूत दबाने लगा इस बार उसने ज्यादा प्रतिरोध नहीं किया।

एक बार घर के सब लोग बाहर गये शाम से पहले कोई नहीं आना वाला था उस समय डोर बेल बजी मैने खोल के देखा दरवाजे पर सामने वो खड़ी थी, उसने कहा- मेम साहिब हैं?
मैने कहा- हां!
वो अंदर आ गयी।

मैने दरवाजा बंद कर दिया फिर मैं अंदर आ गया और जैसे वो रूम में आयी मैं उस पर टूट पड़ा और उसको किस करने लगा वो रिसपोंस कर रही ती फिर मैं उसके बूब्स दबाने लगा और मस्त हो गयी तभी वो चौंकी और बोली मेमसाहिब आ जायेंगी.
मैने कहा- घर पर कोई नहीं हैं।
वो डर गयी और बाहर जाने लगी मैने उसे पकड़ लिया वो रोने लगी- मुझे छोड़ दो।
मैने कहा इतने दिनो बाद मौका मिला है, कैसे जाने दूं।

फिर मैने अपने हाथ उसके कुरते के अंदर डाल कर उसके नंगे बूब्स कसके दबाने लगा. वो चिल्ला रही ती मगर मुझे मजा आ रहा था फिर मैने उसका कुरता उतारा वो विरोध कर रही थी मैने कहा चुपचाप करवा लो वरना जबर करना पड़ेगा और तुम्हारे कपड़े फट जायेंगे और सबको पता चल जायेगा और तुम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगी अगर चुपचाप करवा लोगी तो किसी पता नहीं चलेगा।

उसका विरोध कम हो गया मैने उसकी सलवार उतार दी और पेंटी को चूमने लगा फिर मैं उसके बूब्स चूसने लगा जैसे मैं उसका बेटा हूं और उसका दूध पी रहा हूं वो बहुत गरम हो गयी स्सस्सशह्ह ह्हह्हह की आवाज़ आने लगी थी उसके मुंह से, फिर उसने कहा- मेरे निप्पल को और तेज चूसो.

मैं हैरान हो गया, मैने कहा- ये कहा सीखा वो बोली जो आपने किताब दी उसमे, उसने मुझे झूठ बोला था वो मेरे बोक्स में है मैने खुशी के मारे उसकी आंखों को चूम लिया।

फिर मैने उसकी पैंटी उतारी.
वो मुझसे कहा कि मुझे बाथरूम आ रहा है.
मैं उसे बाथरूम ले गया और मैने उसे अपने सामने मूतने के लिये विवश किया वो शरम से पानी-२ हो गयी। और मैने उसके पेशाब में अपने हाथ धोये मुझे लगा कि गरम पानी से हाथ धो रहा हूं फिर मैने उसे ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और ६९ पोसिशन में अपना लंड उसके मुंह में डाला और उसकी क्लीन शेव चूत चूसने लगा. थोड़ी देर बाद वो झड़ गयी मैने उसका टेस्टी कम पी लिया. फिर मैं भी झड़ गया वो मेरा कम मुंह में लेकर गटक गयी, पर उसको थोड़ा अजीब मगर अच्छा लगा।

फिर मैने अपना लंड उसे पकड़ कर बड़ा करने को कहा वो उससे खेलने लगी। जब मेरा ६” का कड़ा हुआ तो मैने अपना लंड उसकी चूत पर रख कर धक्का मारा टोपा अंदर घुसा था वो चिल्लाने लगी ईइ मार डालाअ बाहर निकालो मैने उसका मुंह बंद करके धक्के मारने लगा उसके आंसु निकलने लगे वो मेरी तरफ़ गुस्से से देख रही थी उसका मुंह बंद था। फिर मैं तेजी से उसे पेलने लगा वो चाहते हुए भी चीख नहीं पा रही थी मैने उसकी ह्य्मेन ब्रेक का सीन अपने मोबाइल पर शूट कर लिया उसकी चूत से खून बह रहा था थोड़ी देर के बाद वो नोर्मल हुई और मजे लेने लगी उसके मुंह से आवाज आने लगी फ़ाड़ दो मेरी।

यह तुम्हारी है मुझे पता नहीं था कि इसमे इतना मजा आता है, अब मैं तुमसे रोज चुदवाउंगी ओह्हह्ह यीईईईई और वो झड़ गयी मैं उसे पेलता रहा मेरा लंड भी झड़ने वाला था, मैने धक्के तेज कर दिये और उसकी चूत में झड़ गया उसकी चूत मेरे लावा और खून से सनी थी मैने उसको बैठने को कहा उसको दर्द हो रहा था बड़ी मुश्किल में बैठी तो उसकी चूत से मेरा वीर्य निकलने लगा मैने ये भी शूट किया।

दिन में उसे ३ बार पेला फिर मैने उसे पैन किलर दी और उसकी चूत की सिकाई की उसको देख कर मेरी फट रही थी कहीं उसने किसी को बता दिया या उसे देखकर किसी को पता चल गया तो। लेकिन सब ठीक रहा.
उसके बाद उसको मौका मिलने पर चोदता उसके बाद उसकी शादी हो गयी।

शादी वाले दिन से १ दिन पहले उसने खुशखबरी दी कि वो मेरे बच्चे की मां बनने वाली है। शादी के १ साल बाद आयी तो उसके साथ मेरा बच्चा भी था वो मेरे समने ही उसे दूध पिलाने बैठ जाती थी।

पिता जी का ट्रांसफ़र हो गया और मैं उससे अलग हो गया। मेरा मन कहीं लग नहीं रहा था फिर मैने अपनी स्वीट लिटिल सिस एस (चसमिश) के ऊपर नज़र आ गयी नेक्स्ट स्टोरी में बताउंगा उसको कैसे चोदा। Antarvasna

प्रेषक : शिमत Antarvasna

सबसे पहले तो मैं गुरूजी Antarvasna को धन्यवाद कहना चाहूँगा कि उन्होंने हमें अपने उदास और वीरान जीवन में अन्तर्वासना की रंगीनियाँ भरने का मौका दिया। मैं पिछले दो सालों से अन्तर्वासना को रोज़ ही देखता हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैंने कई कहानियाँ पढ़ी हैं और आज मैं उनसे प्रेरणा लेकर अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।

मेरी यह कहानी सच्ची है और मेरे साथ बीते हुए पलों को मैं आप के साथ बाँटना चाहता हूँ।

पहले मैं अपना परिचय दे रहा हूँ : मेरा नाम शिमत है, दिल्ली का रहने वाला, 21 साल का, और मैं 5 फीट 7 इंच का हूँ। मेरा रंग गोरा है, मेरा लण्ड 8 इंच का है, मैं देखने में ठीक लगता हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं मेरे मामा के घर गया हुआ था। वैसे तो मैं मामा के घर जाकर सिर्फ़ मजे ही करता था मतलब सिर्फ खाना-पीना अपने में ही मस्त रहता था।

मैंने कभी भी किसी लड़की की आज तक चूत नहीं देखी थी और मैं चूत देखने को बहुत लालयित था। मैं सोचता था कि कभी मुझे चूत के दर्शन करने को मिलेंगे क्या ! और मैं मुठ मार लिया करता था।

मैं एक दिन मेरे मामा के लड़के के कमरे में बैठा टीवी देख रहा था और वहाँ पर मामा की बेटी भी बैठी थी कि अचानक एक पप्पी का दृश्य आ गया। मैं थोड़ा सा शरमा गया और दीदी उठ कर चली गई, मैं वहीं पर बैठा रह गया। थोड़ी देर बाद मैंने टीवी बंद कर दिया और मैं किचन में जाकर कुछ खाने को देख रहा था, दीदी भी वहीं थी।

दीदी हंस के बोली- क्या चाहिए?

मैंने कहा- दीदी, मुझे कुछ खाने को चाहिए !

दीदी बोली- मैं अभी कुछ बना देती हूँ !

तो मैंने कहा- आप क्या बनाएँगी ?

तो दीदी बोली- जो तू कहे !

तो मैं बोला- गाजर का जूस बना दो !

दीदी गाजर लेने के लिए नीचे झुकी तो मेरा ध्यान उनके स्तनों पर चला गया और मैं देखता ही रह गया। फिर मैं नजर चुरा के चला गया और बाहर निकल आया।

थोड़ी देर बाद दीदी जूस लेकर आई और बोली- तेरा जूस तैयार है !

मैंने जूस पी लिया, अपने कमरे में जा कर बैठ गया और कम्प्यूटर चला कर मैं इंटरनेट पर गेम खेलने लगा। पर मेरा ध्यान तो वहीं वक्ष पर था। मैंने गेम खेलना बंद कर दिया और मैंने मामा के लड़के के नाम वाला फोल्डर खोल लिया और देखने लगा तो पता चला कि वो तो ब्लू फिल्म्स देखता है, तो मैं भी देखने लगा और अपने लण्ड को दबाने लगा। धीरे धीरे मुझे मज़ा आने लगा और मैं देखता रहा मैंने ध्यान ही नहीं दिया।

जब मैंने मॉनीटर में ध्यान से देखा तो ऐसा लगा कि मेरे पीछे कोई खड़ा है और मैंने डर कर कम्प्यूटर बंद कर दिया। जैसे ही मैं पीछे मुड़ा तो मैंने देखा कि दीदी एकदम वहाँ से भाग कर बाथरूम में घुस गई। मैं शरमा कर बाहर आ गया। अब मुझे अजीब सा लग रहा था कि दीदी मेरे बारे में क्या सोचेंगी और मैं डर कर रात को खाना खाने के बाद अपने कमरे में जाकर लेट गया। पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं बाथरूम में पेशाब करने गया तो मैंने वहाँ पर दीदी की ब्रा और पैंटी देखी। मैं तो वहीं पर पागल हो गया और मैं और सब चीजों को सूंघने लगा। मुझे मज़ा आने लगा और मैं यह भूल गया कि मैंने बाथरूम के दरवाज़े की कुण्डी नहीं लगाई है। मैं उन दोनों कपड़ों को सूंघता रहा।

फिर पीछे से आवाज आई- शिमत, क्या कर रहे हो ?

मैं डर गया और पीछे मुड़ कर देखा तो दीदी वहाँ पर खड़ी थी। मैंने वो ब्रा और पैंटी दोनों झट से नीचे फेंक दी और छत पर जाकर बैठ गया। वहीं पर बैठा रहा तो आधा घंटे बाद अचानक दीदी वहाँ पर आई और बोली- तुम यहाँ छत पर क्या कर रहे हो ?

तो मैं बोला- दीदी, कुछ नहीं ! मैं तो बस ऐसे ही यहाँ चला आया था।

दीदी बोली- नीचे अपने कमरे में चलो !

मैं बोला- दीदी, मुझे नींद नहीं आ रही ! मैं यहाँ पर बैठ जाता हूँ, जब नींद आएगी तो मैं चला जाऊंगा।

दीदी बोली- ठण्ड लग जायगी ! चलो नीचे !

मुझे डर लग रहा था, मैं डरता हुआ नीचे चला गया और अपने कमरे में जाने लगा तो दीदी बोली- कहाँ जा रहे हो?

मैं बोला- दीदी मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ !

दीदी बोली- वहाँ पर मम्मी चली गई हैं, तुम मेरे कमरे में आ जाओ !

मैं डरता हुआ दीदी के कमरे में चला गया। वहाँ पर दो चारपाई थी तो मैं एक पर सो गया और लाइट बंद कर दी।

अचानक मुझे लगा कि मेरी चारपाई पर कोई आ गया है। मैंने देखा कि दीदी मेरी चारपाई पर बैठी है और दीदी का हाथ मेरे लण्ड पर रखा हुआ था।

मैं बोला- दीदी, आप क्या कर रहे हो ?

दीदी बोली- साले, इतना शरीफ मत बन ! तुझे सब पता है कि मैं क्या कर रही हूँ।

दीदी बोली- जब तू मेरे स्तन देख रहा था, तब तू क्या कर रहा था?

मैं बोला- दीदी, वो तो गलती से दिख गए थे !

तो दीदी बोली- साले तू मेरी पैंटी क्यों सूंघ रहा था?

मैं बोला- चलो छोड़ो, अब तो मज़े ले लो !

दीदी बोली- अब आया न लाइन पर !

तो मैंने झट से दीदी के स्तन पकड़ लिए और दबाने लगा। दीदी बोली- साले, हाथों में जान नहीं है क्या ? जोर से दबा !

तो मैं जोर से दबाने लगा फिर दीदी मैंने दीदी के होठों पर पप्पी ली और दीदी के होठों को जोर से चूमने लगा। दीदी को मज़ा आने लगा, वो भी मेरे होठों को जोर से चूमने लगी और मैं इतना मदहोश हो गया कि मैंने होठों को चाटना शुरू कर दिया। दीदी भी पागल हो गई और मेरे होठों को वो भी चाटने लगी।

मैंने दीदी के हाथों को अपने लण्ड पर रख दिया और कहा- मेरी मुठ मारो !

तो दीदी भी जोर से मुठ मारने लगी। फिर मैंने दीदी के पेट पर हाथ फेरा और दीदी के पेट को चूमने लगा। मैंने दीदी के पेट को चूम चूम कर गीला कर दिया और फिर दीदी की कमर को चूमने लगा। दीदी के बदन पर एक भी बाल नहीं है वो एक दम चिकनी हैं।

दीदी तड़फ़ने लगी और बोली- जल्दी से कुछ कर, नहीं तो मैं मर जाउँगी।

मैंने दीदी की गांड पर जीभ लगा दी। दीदी तो बिलकुल पागल हो गई और बोली- मैं तो मर गई, क्या गरम जीभ है तेरी ! और लगा !

मैंने दीदी की गांड को भी चाटना शुरू कर दिया। फिर क्या था, दीदी को तो होश नहीं था, वो तो पागल हो रही थी।

गुलाबी चूत से रिस रिस कर नमकीन पानी निकल रहा था, उसे चाटने में मुझे भी मजा आ रहा था और दीदी अपनी गांड उठा उठा कर मुखचोदन करा रही थी।

मैंने जैसे ही उसकी चूत पर जीभ लगाई तो वो तो पागल ही हो गई और बोली- जोर से चाट ! जल्दी से मेरी मार ! नहीं तो मैं मर जाउंगी !

तो मैंने अपना लण्ड निकाल कर उनके मुँह में डाल दिया और वो लण्ड देखते ही चिल्ला उठी- यह क्याऽऽऽ ?

मैंने कहा- लण्ड !

बोली- इतना बड़ा ऽऽ? मैं मर जाऊंगी !

मैंने कहा- एक बार मुँह में लेकर तो देख !

दीदी बोली- मजा आ रहा है !

वो मेरे लण्ड को कुत्ते की तरह चाट रही थी। फिर मैंने अपना लण्ड उनके मुँह में से निकाल कर उनकी चूत में डाल दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा।

वो बोल रही थी- और जोर से मार !

और सिसकियाँ भरने लगी- आआआआ ऊऊऊऊऊऊओ जोर से मार साले !

तो मैंने उनकी गांड में डाल दिया तो वो बोली- मार दिया कुत्ते ! आराम से मार !

मैंने और जोर से शुरू कर दिया।

दीदी बोली- साले, बाहर निकाल ! दर्द हो रहा है !

तो मैं बोला- दीदी, बस थोड़ा और !

दीदी बोली- साले, मेरी गांड फट जायगी !

फिर मैंने बाहर निकाला और चूत में डाल दिया। फिर दीदी बोली- जोर से मार !

तो मैंने जोर से झटके मारने शुरू कर दिया। दीदी के मुँह से निकल रहा था- आआआआअ ऊऊऊऊओ आआआ ऊऊऊऊऊ !

मैंने फिर से दीदी के मुँह में डाल दिया और बोला- चूस !

दीदी मेरे लण्ड को लॉलीपोप की तरह चाट रही थी। दीदी अपना आपा खो बैठी थी और मेरे लण्ड को बुरी तरह चूस रही थी।

दीदी लण्ड चूसने के बाद बोली- शिमत, मुझे पागल बना दे ! मुझे बस चोदता जा ! मैं आज जी भर के चुदना चाहती हूँ।

मैंने फिर से लण्ड दीदी की चूत में डाल दिया और दीदी को कहा- अब मुझ में इतना दम नहीं है कि झटके मार सकूँ। आप ही कूद लो मेरे लण्ड पर !

दीदी मेरे लण्ड पर कूदने लगी, मैंने कहा- चूत में मज़ा नहीं आएगा ! आप अपनी गांड में फिर घुसवा लो !

दीदी बोली- मेरी गांड फट जाएगी !

तो मैंने कहा- कुछ नहीं होता !

तो दीदी ने गांड में घुसवा लिया और मैंने जोर से झटका मार कर दीदी की गांड में घुसा दिया। दीदी धीरे-धीरे से झटके मारने लगी और मज़ा आने लगा। मुझ में फिर से जोश आ गया और मैंने दीदी की गांड में जोर-जोर से झटके मारने शुरू कर दिया।

मैंने लंड को बाहर निकाला और वापस ज़ोऱ से अंदर डाला और धीरे धीरे से चोदने लगा, साथ में चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा।

मैंने उससे पूछा- कैसा लग रहा है?

तो बोली- प्लीज़ मुझे मत पूछो !

मैंने उससे कहा- दीदी, तुमको आज मैंने एक बहन से पत्नी बना दिया है, तुम्हारी आज प्रौन्नति हुई है, तुझे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसा मज़ा तो मुझे कभी नहीं आया !

उसने भी मेरे होंठों को अपने मुँह में भर लिया। वाह क्या मुलायम होंठ थे, जैसे संतरे की नर्म नाज़ुक फांकें हों। कितनी ही देर हम आपस में जकड़े रहे, एक दूसरे को चूमते रहे। अब मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर फिराना चालू कर दिया। उसने भी मेरे लंड को कस कर हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। मैंने जब उसके स्तन दबाये तो उसके मुँह से सीत्कार निकालने लगी- ओह…।

अब उसने अपने पैर ऊपर उठा कर मेरी कमर के गिर्द लपेट लिए थे। मैंने भी उसका सिर अपने हाथों में पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा। जैसे ही मैं ऊपर उठता तो वो भी मेरे साथ ही थोड़ी सी ऊपर हो जाती और जब हम दोनों नीचे आते तो पहले उसके नितम्ब गद्दे पर टिकते और फिर गच्च से मेरा लंड उसकी चूत की गहराई में समां जाता। वो तो मस्त हुई आह उईई माँ ही करती जा रही थी।

अब मैं उसके मुँह को पकड़ कर चूमने लगा और उसका मुँह खोलकर जीभ अंदर डाल कर घुमाने लगा। एक हाथ उसकी चूत पर ही फिरा रहा था। अब चूत से भी पानी आने लगा था और मेरे हाथ गीले हो गए। मैंने गीला हाथ उसे दिखाते हुए कहा- दीदी, देखा अब तेरी चूत भी साथ दे रही रही है !

अब मैंने उसकी चूत को पूरा मुँह में ले लिया और जोर की चुसकी लगाई। अभी तो मुझे दो मिनट भी नहीं हुए होंगे कि उसका शरीर अकड़ने लगा और उसने अपने पैर ऊपर करके मेरी गर्दन के गिर्द लपेट लिए और मेरे बालों को कस कर पकड़ लिया। इतने में ही उसकी चूत से काम रस की कोई 4-5 बूँदें निकल कर मेरे मुँह में समां गई। आह, क्या रसीला स्वाद था। मैंने तो इस रस को पहली बार चखा था। मैं उसे पूरा का पूरा पी गया।

फिर मेरा छुटने को हो गया तो मैंने कहा- दीदी, मेरा छुट रहा है !

तो वो बोली- मेरे मुँह में छोड़ दे।

तो मैंने उनके मुँह पर छोड़ दिया और शान्त हो गया।

थोड़ी देर बाद अचानक अपने लंड पर किसी के स्पर्श से मैंने आंखे खोली तो देखा कि दीदी उससे खेल रही है और उसे खड़ा करने की कोशिश कर रही है। मेरे आँख खोलते ही मुझे अर्थपूर्ण दृष्टि से देखा। मैं समझ गया कि अब भी दीदी की चाहत पूरी नहीं हुई तो मेरा फिर से खड़ा हो गया और मैंने फिर से दीदी की चूत में घुसा दिया। इस बार मैंने लण्ड चूत पर रखा और धीरे-धीरे नीचे होने लगा और लण्ड चूत की गहराइयों में समाने लगा। चूत बिल्कुल गीली थी, एक ही बार में लण्ड जड़ तक चूत में समा गया और हमारी झाँटे आपस में मिल गईं। अब मेरे झटके शुरु हो गए और दीदी की सिसकियाँ भी…

दीदी आआआहहहह अअआआआहहह करने लगी। कमरा उनकी सिसकियों से गूँज रहा था। जब मेरा लण्ड उनकी चूत में जाता तो फच्च-फच्च और फक्क-फक्क की आवाज़ होती। मेरा लण्ड पूरा निकलता और एक ही झटके में चूत में पूरा समा जाता। दीदी भी गाँड हिला-हिला कर मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी, अब तो खाट भी चरमराने लगी थी। पर मेरी गति बढ़ती जा रही थी। हम दोनों पसीने से नहा रहे थे जबकि सर्दी का मौसम था।

और फिर दीदी बोली- धीरे मार ! तूने तो मेरी चूत ही फ़ाड़ दी।

मैंने कहा- अभी तो कुछ नहीं हुआ है, अभी तो काम बाकी है !

मैंने तुरंत दीदी की गांड में घुसा दिया। फिर क्या था, दीदी चिल्लाने लगी और बोली- साले, तूने तो आज मेरी गांड भी फ़ड़ दी और मेरी चूत भी !

मैंने कहा- अभी तो चूचियाँ भी बाकी हैं !

मैंने झट से चूचियों पर कब्ज़ा कर लिया और उन्हें दबाने और चूसने लगा और मुंह में लण्ड की पिचकारी मार दी।

अब जब भी मैं मामा के घर जाता हूँ और जब हमें मौका मिलता है तो हम सेक्स कर लेते हैं और म़जा ले लेते हैं।

कभी घोड़ी-कुतिया तो कभी किचन में एक टांग पर। कुल मिलाकर दीदी के साथ बिताये वो हर पल आज भी मेरी आंखों के सामने आते हैं तो बस उसे चोदने की इच्छा जागृत हो जाती है।

उम्मीद है कि मेरी पहली कहानी आप सभी को पसंद आई होगी।

मुझे अपनी राय बताएँ इस कहानी पर ! मैं इंतजार करूँगा। Antarvasna

प्रेषिका : उषा Sex Stories

कोठे की कुतिया में आपने Sex Stories पढ़ा कि मौसी ने किस तरह से मुझे एक रंडी बना दिया था।

अब पढ़िए कि किस तरह से मौसी ने मेरी चूत और गांड का भोंसङा बना दिया।

मैं और मोनी मौसी के साथ एक पारदर्शी मैक्सी पहन कर ऊपर की तरफ चले गए जहा मोंटी अंकल हमारा इंतजार कर रहे थे। अंकल को देखकर मौसी बोली- डार्लिंग मस्त लोंडिया तुम्हरे लिए बचाकर रखी हुई है, छूते ही मस्तिया जाओगे और तुम्हारा चेला कहाँ है? मोनी को उसके लिए बचाकर रखा है।

अंकल बोले- टीनू आ रहा है, वो जरा दारू का इंतजाम कर रहा है।

मौसी ने पहले ही मुझे काफी बातें सिखा दी थी कि ग्राहक की सेवा कैसे की जाती है। मैं अंकल के पास जाकर बेठ गई और उनके लौड़े को जींस के ऊपर से रगड़ने लगी।

अंकल मेरे चूतड़ मसलते हुए बोले- मौसी, तुम यह झबले क्यों पहना लाती हो ?

मौसी के इशारे पर मैंने अपनी मैक्सी उतार दी।

अंकल मुस्कराए और बोले- समझदार है !

उन्होंने आगे से मेरी उभरी हुई चूत पर हाथ फेर कर कहा- साली की पाव रोटी तो बड़ी चकाचक है ! ज्यादा चुदी भी नहीं लगती है !

मौसी बोली- बिलकुल ताजा माल है ! पीछे से तो पूरी कुंवारी है आगे से भी लंड छुली हुई है बस। आज तुम्हें इसकी चूत का भोंसड़ा बनाना है।

अंकल गरम हो रहे थे उन्होंने जींस में से लौड़ा निकाल कर मेरे हाथ में पकड़ा दिया। थोड़ा सहलाने के बाद मैंने अंकल का लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मेरी चूत चुदने को पगला रही थी। मौसी बाहर जाने लगीं और मुझसे बोली- अंकल जैसे कहें वैसा करना ! अगर अंकल खुश नहीं हुए तो तेरी चूत और गांड की भोंसड़ी तो बनाउंगी ही, साथ ही साथ चेहरा भी इतना सुंदर कर दूँगी कि कोई तुझे चोदने के दो रुपए भी नहीं देगा।

मौसी मोनी को लेकर बाहर चली गई और बोली- अंकल, मौज करो ! टीनू को दूसरे कमरे में बैठा दूँगी।

अंकल का लंड बहुत सुंदर था। आट इंच लम्बा लंड किसी भी औरत की चूत चोद चोद कर फाड़ने के लिए काफी था।

मैं अंकल का लंड मुँह में आगे पीछे करते हुए मस्ती से चूस रही थी। सच मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। अंकल ने मेरे चूतड़ थपथपाते हुआ कहा- थोड़ा अपनी चूत चुसवा ! बहुत मस्त लग रही है।

उन्होंने मेरी टाँगें खींच कर अपने मुँह की तरफ कर ली अब मैं और अंकल 69 कि अवस्था में एक दूसरे के ऊपर थे, अंकल नीचे से मेरी चूत के होंठ चूस रहे थे और मेरे मुँह में उनका लौड़ा गरम हो रहा था। मेरी बुर पानी छोड़ने लगी थी, हम दोनों एक दूसरे से बुरी तरह चिपके हुए चूत और लंड की चुसाई का मज़ा ले रहे थे।

थोड़ी देर बाद अंकल ने मुझे ऊपर से हटा दिया और सीधे पलंग पर लेटा दिया और अपने तने हुए लंड को हाथ से पकड़ कर मेरी चूत पर फिराने लगे। मैं चुदने के लिए बुरी तरह से पगलाने लगी। मेरे मुँह से ऊह आह आह आह अंकल चोदो मुझे चोदो जैसी आवाजें निकलने लगी।

अंकल ने थोड़ी देर में अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी दोनों चूचियां दबाकर कर एक जोर का झटका दिया। मैं एकदम से बुरी तरह से चिल्ला उठी। अंकल का लंड मेरी चूत में अंदर तक घुस चुका था। मेरी चीख निकल गई- उईऽऽ मर गई ! मर गई ! मर गई, छोड़ो ! बहुत दुःख रही है छोड़ो !

अंकल ने मेरे दूध भोंपू की तरह दबाते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में मुझे चुदने में मजा आने लगा। अब मैं मस्त होकर चिल्ला रही थी, मेरे मुँह से ऊ ऊहं ऊहं ओह आह आह अहह बड़ा मज़ा आया और चोदो चोदो आह आह बहुत मज़ा आ रहा है जैसे आवाजें निकलने लगी।

अंकल चोदने में बहुत माहिर थे, कभी धीरे धीरे लंड अंदर-बाहर करते थे और कभी तेज कर देते थे। बराबर वो चूचियां और चुचक भी मसल रहे थे और होठों पर भी काट रहे थे। उनकी चुदाई में एक मज़ा था। मेरे होठों में अपने होंठ डालते हुए अंकल बोले- कुतिया थोड़ी गांड हिला हिला कर लंड अंदर ले ! बहुत मज़ा आयेगा।

मैं अपनी गांड धीरे धीरे हिलाने लगी। अब मेरी चुदने की मस्ती बढ़ गई थी, चुदने का मज़ा दुगना हो गया था। थोड़ा चोदने के बाद अंकल ने मुझे तिरछा कर दिया और मेरी टांग उठाकर पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया और पीछे से मेरी चूत में धीरे धीरे धक्के मारने लगे।

मैं इस समय चरम सीमा का अनुभव कर रही थी, मेरी चूत बहुत तेज धार से पानी छोड़ रही थी। अंकल ने भी अपना वीर्य छोड़ दिया। मेरी चूत पूरी वीर्य से भर गई थी। मुझे आज चुदाई में एक चरम सीमा का आनंद आया।

बहुत दिनों के बाद मैं चुदी थी, चुदने के बाद मैं मस्तिया कर लेट गई। अंकल उठे और उन्होंने डीवीडी पर एक नग्न मूवी लगा दी और कमरे में रखे फ़्रिज से दारू की बोतल निकाल ली और दारू का ग्लास बना लिया। मूवी में दो हब्शी एक लड़की की गांड और चूत एक साथ मार रहे थे। अंकल अपना लौड़ा सहलाने लगे, थोड़ी देर में अंकल का लंड फिर खड़ा हो गया था। उन्होंने मुझे इशारा किया, मैं उठकर अंकल के पास आ गई। अंकल ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया।

उनका लौड़ा पूरा तन गया था। उन्होंने दारू का ग्लास मुझे पकड़ा दिया और मेरी टांगें चौड़ी कर थोड़ा नीचे को फिसलते हुए अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। अब मैं अंकल के लौड़े पर बैठी हुई थी। एक हाथ से अंकल दारू का ग्लास पकड़े हुए थे और एक हाथ से कभी मेरी चूत का दाना सहला देते और कभी चुचक दबा देते। ब्लू फिल्म मैं भी बड़े प्यार से देख रही थी अंकल ने मेरी चूत में अपना लौड़ा फिट कर रखा था। बीच बीच में वो एक दो धक्के मुझे उचका के मार देते थे। मेरा बदन एक बार फिर गरम होने लगा था।

हम दोनों सोफा कुर्सी पर बैठे थे जिसके हत्थे नहीं थे। अंकल ने मेरी चुचकों पर चुटकी काटी और मेरे स्तन दबाते बोले- जरा साइड में देख !

साइड में एक बड़ा शीशा लगा हुआ था, मैं नंगी शीशे में देखकर शरमा गई। अंकल ने मुझे बैठे हुए ही कुर्सी मोड़ दी अब मैं शीशॆ के सामने थी और नंगी उनके लंड पर बैठी हुई अपने को देख रही थी। मैं पूरी रंडी बनी हुई थी अंकल ने अपनी टाँगें चौड़ी कर दी।मेरी चूत और उसमें घुसा हुआ लंड अब साफ़ दिख रहा था। अंकल मुझे कमर से पकड़ कर धीरे धीरे उछालने लगे और बोले- थोड़ा लौड़े पर कूद ले ! मौसी की रंडियां इतनी शर्माती तो नहीं हैं ! मस्ती से चुदवा, नहीं तो मौसी से शिकायत करनी पड़ेगी।

मौसी का नाम सुनकर मैं डर गई और उनके लौड़े पर उछल-उछल कर खुद चुदने लगी। आज तक मैं अपने पति से कभी रौशनी में नहीं चुदी थी। अब यहाँ चूत चौड़ी कर खुद चुद रही थी और अपनी चुदाई शीशे में देख रही थी। अंकल भी अब अपना लौड़ा गांड हिला हिला कर तेजी से पेल रहे थे, लेकिन मुझे चुदाई में जन्नत का मज़ा आ रहा था। मैं चुदाई की मस्ती में नहा रही थी। अंकल ने कुछ देर बाद मुझे सोफे के नीचे बैठा दिया और अपना मोटा लंड मेरे मुँह में ठूंस दिया और अपना सारा लंड रस मेरे मुँह में उतार दिया। मेरा मुँह अंकल के लंड रस से भर गया जिसे मुझे अपने अंदर लेना पड़ा इसके बाद अंकल ने मुझे छोड़ दिया। मैं पेशाब करने बाथरूम में चली गई बाथरूम में दरवाज़ा नहीं था केवल पर्दा पड़ा था।

रात के तीन बज़ रहे थे, अंकल ने दूसरी ब्लू फ़िल्म लगा ली और मुझे बगल में बैठा लिया। उन्होंने मेरे गले में हाथ डाल लिया और थोड़ी देर बाद बोले- जा जरा मेरी पैंट की जेब में एक थैली पड़ी होगी, उसे लेकर आ।

मैं थैली लेकर आ गई। उसमें एक गोली का पत्ता था और एक ट्यूब रखी थी। अंकल ने एक गोली निकाल कर खा ली और ट्यूब साइड में रख ली। ब्लू देखते हुए अंकल मेरी चूचियां दबा रहे थे और चूचक नोच रहे थे। मैं अब थक रही थी और मेरी चूत की प्यास शांत हो चुकी थी।

थोड़ा इतरा कर मैं बोली- डार्लिंग, नींद आ रही है, सोने जाने दो न !

अंकल बोले- बस अभी से? अभी तो तुम्हरी गांड भी नहीं मारी है। अच्छा एक काम करो इस ट्यूब से क्रीम निकाल कर मेरे लौड़े पर मलो, मरती क्या नहीं करती ! मैं झुककर अंकल के लौड़े पर क्रीम मलने लगी। अंकल ने क्रीम से सनी दो ऊँगली एक साथ मेरी गांड में अंदर तक घुसा दी। मैं अनमने मन से उई उई करते हुए अपनी गांड में ऊँगली घुसवा रही थी और अंकल के लौड़े और सुपाड़े पर क्रीम की मालिश कर रही थी। थोड़ी देर बाद अंकल ने मुझे लौड़ा चूसने के लिए बोल दिया। अब अंकल का क्रीम लगा चिकना लौड़ा मैं मुँह में चूसने लगी। मुझे ऐसा लग रहा था कि सेक्स मस्ती की जगह मैं जैसे कोई सेक्स की मजदूरी कर रही हूँ।

अंकल अब ऊँगली की जगह अपने पैन को मेरी गांड में आगे पीछे कर रहे थे। मुझे लग रहा था कि अब मेरी गांड फाड़ी जाएगी। थोड़ी देर बाद अंकल ने मुझे फिर बगल मैं बैठा लिया। अंकल का लंड तनतना रहा था। लेकिन अब मेरा चुदने का मन नहीं हो रहा था। थोड़ी देर बाद मुझे पेशाब आने लगी। मैं उठी और मुस्करा के बोली- अंकल पेशाब कर के आती हूँ !

अंकल कुटिलता से मुस्कराए और बोले- ठीक है !

मैं उठी और बाथरूम में चली गई।

जब मैं पेशाब कर के उठी तो देखा अंकल पीछे खड़े थे और उनका लंड उछाल मार रहा था। अंकल ने पीछे से कमर से मुझे पकड़ लिया और बोले पीछे का माल तो तेरा बड़ा मस्त है, चल झुक जरा तेरी गांड तो चोद दूँ ! क्या मस्त दिख रही है !

अंकल की पकड़ बड़ी मजबूत थी, मुझे कुतिया की तरह झुकना पड़ा। मैंने अपने हाथ इंग्लिश टोइलेट सीट पर लगा दिए। उन्होंने अपनी दो उंगलियाँ मेरी गांड में डाल दी और कस कस के गोल गोल गांड के अंदर घुमा दी। मैं ऊई ऊई कर के कराह उठी। अंकल ने ढेर सारा थूक मेरी गांड पे डाल कर अपना सुपारा मेरी गांड के मुँह पर रख दिया और एक तेज झटका मारकर सुपारा मेरी गांड में घुसा दिया। मेरी चीख निकल गई और मैं चिल्ला उठी- उई उई मर गई मर गई !

लेकिन रंडी तो बजने के लिए ही बनी है, अंकल अब अपना लंड मेरी गांड में घुसा रहे थे, चिकना लंड मेरी गांड में अंदर तक घुसता जा रहा था। मेरी आँखों के आगे अँधेरा छाने लगा था। अंकल ने अपना पूरा लंड मेरी गांड में ठूस दिया था मुझे ऐसा लगा कि मैं बेहोश हो जाउंगी। मैं चीख कम और रो ज्यादा रही थी। मेरे दोनों चूतड़ फाड़ दिए गए थे। अगले दो मिनट बाद ही में बहुत तेजी से चिल्ला उठी। अंकल ने पूरा लंड बाहर खींच कर फिर दुबारा एक झटके में अंदर डाल दिया था। मेरी चीख बहुत तेज थी। पूरी नीचे गली तक गई होगी क्योंकि रात के तीन बज़ रहे थे और एक शांति सी थी। लेकिन यहाँ तो रोज लड़कियां बजती थीं इसलिए मुझे उम्मीद नहीं थी कि कोई मुझे बचायेगा अब कोठे की कुतिया के दोनों छेद फट गए थे, अंकल ने मेरी गांड बजाना शुरू कर दी थी। वाकई चुदाई तो मेरी अब हो रही थी, अभी तक तो मैं चूत लौड़े की मस्ती ले रही थी जो शरीफ औरतें रोज़ अपने पति से लेती हैं। चुदाई क्या होती है यह तो बस रंडी ही जानती है।

वाकई मौसी ने मुझे कुतिया बनाकर कोठे पर चुदवा दिया था। मेरे मुँह से बार बार उई मर गई फट गई बचाओ छोड़ो मुझे छोड़ो ऊ मर गई ऊ ओई ऊ ओई ऊ ओई फट गई की आवाजें निकल रही थीं अंकल ने दस मिनट तक मेरी गांड बुरी तरह से ऐसे चोदी जैसे कि सड़क की कुतिया की कुत्ते चोदते हैं। उसके बाद उन्होंने अपना वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया। मैं बाथरूम में ही लेट गई थी। अंकल ने मुझे उठाकर पलंग पर डाल दिया।

अब मेरी गांड और चूत दोनों फट गई थीं। अंकल मेरी बगल में लेट गए थे।

आधे घंटे बाद मौसी एक आदमी और एक रंडी जिसका नाम शोभा था, के साथ अंदर आई और बोली- अंकल, क्या हुआ ? ठंडे पड़ गए?

अंकल मुस्कराए और बोले- तीन राउंड निपटा चुका हूँ, तेरी कुतिया ठंडी पड़ी है।

अंकल उठकर पलंग के पास सोफा कुर्सी पर बैठ गए। मौसी ने मेरी चूत पे हाथ फिराया और बोली- तेरी मुनिया तो बड़ी चकाचक हो रही है। बड़े आराम से लेटी हुई है, लगता है जैसे कि हनीमून के मज़े ले रही हो ! चल उठ और धंधा कर साली ! जब तक तेरी मुनिया बुरी तरह से सुजेगी नहीं, तब तक चुद ! उसके बाद तुझे खुद ही नींद आ जाऐगी। चल उठ और ग्राहक के लिए ग्लास बना। मैं खड़ी हो गई। जानी पलंग पर बैठ गया।

शेष दूसरे भाग में ! Sex Stories

हैलो दोस्तो! Hindi Porn Stories

उस दिन मैं और काजल बहुत Hindi Porn Stories खुश थे, हमने एक दूसरे को बहुत प्यार किया। हमने रात को भी सेक्स किया और सो गए। अगले दिन सुबह मुझे कुछ अजीब सी फीलिंग हुई। मैं उठा तो मैंने देखा की काजल मेरे लण्ड के साथ खेल रही थी और उसे चूस भी रही थी। मेरा लण्ड भी काफ़ी खड़ा हो रखा था।

मैंने उसको उठाया और उसे किस करने लगा, वो भी मुझे किस करने लगी। हम दोनों काफ़ी देर तक एक दूसरे को प्यार करते रहे। तब मैं उठा, किचन में गया और फ्रूट क्रीम ले कर आया। तब मैंने फ्रूट क्रीम उसके बूब्स पर और उसकी चूत पर गिरा दी अब मैं फ्रूट क्रीम को उसके बूब्स पर मलने लगा इस तरह करने से वो गरम होने लगी। थोडी देर बाद मैं फ्रूट क्रीम को उसकी चूत पर भी मलने लगा।

मलने के बाद मैंने उसके बूब्स पर से फ्रूट क्रीम चाटनी शुरू कर दी। मैं अच्छी तरह से उसके बूब्स चाट रहा था और हर तरफ़ से। कभी उसके चुचूक चाटता और कभी उसके बूब्स को साइड से चाटता। मैं उसके बूब्स को चाटने का मज़ा भी ले रहा था और फ्रूट क्रीम का भी। फिर काफ़ी देर तक उसके बूब्स चाटने के बाद मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। उसकी चूत पर बाल नहीं थे इसलिए मुझे उसकी चूत चाटने का बहुत मज़ा आ रहा था। सचमुच ऐसा स्वाद मुझे आज तक कभी नहीं आया था मैं बहुत मज़े से फ्रूट क्रीम चाट रहा था और वो तड़प रही थी मैंने उसकी चूत को हर तरफ़ से चाटा।

थोडी देर के बाद उसने मुझे उठाया और कहा- अकेले अकेले ही खाओगे मुझे नहीं खाने दोगे?
मैंने कहा- इसका क्या मतलब?
उसके कहा- अभी बताती हूँ।

उसने मुझे नीचे लिटाया और बाकी बची हुई फ्रूट क्रीम मेरे लण्ड के ऊपर डाल दी। अब वो मेरे लण्ड को अच्छी तरह से मलने लगी। उसके इस तरह करने से मेरा लण्ड और भी ज़्यादा खड़ा हो गया। फिर उसने मेरे लण्ड के आस पास से क्रीम चाटनी शुरू कर दी। आस पास की क्रीम ख़त्म करने के बाद उसने मेरे लण्ड के ऊपर जो क्रीम थी उसे चाटना शुरू कर दिया। जब वो क्रीम भी ख़तम हो गई तब उसने मेरे लण्ड को अपने मुँह में डाल कर चूसना शुरू कर दिया। वो काफ़ी देर तक मेरे लण्ड को चूसती रही और मैं पागलों की तरह तड़प रहा था।

थोड़ी देर के बाद मैंने उसे कहा- काजल अब मुझ से और कंट्रोल नहीं हो रहा प्लीज इसे अपनी चूत में जाने का रास्ता दिखाओ।
तब वो मेरे ऊपर बैठ गई और अपनी चूत को मेरे लण्ड के आस पास घुमाने लगी।

मैंने उसको कहा- यह क्या कर रही हो? लण्ड को अपनी चूत में डालो।
तब उसने कहा- एक शर्त पर कि मेरे लण्ड से जो माल निकलेगा वो मैं उसके स्तनों पर डालूँगा!
मैंने कहा- ठीक है तुम पहले इसको अपनी चूत में तो डालो!

तब उसने अपनी चूत को मेरे लण्ड के ऊपर रख दिया मैंने एक झटका मारा तो मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में चला गया। उसकी चूत और मेरे लण्ड में काफ़ी क्रीम लगी हुई थी इसलिए तब बहुत मज़ा आ रहा था। वो भी धीरे धीरे हिल रही थी और मज़े ले रही थी और मैं भी बीच बीच में उसके बूब्स को मसलता और कभी उसके निप्पल चूसता।

इस तरह हम काफ़ी देर तक करते रहे जब मुझे लगा कि मेरा झड़ने वाला हो गया है तब मैंने कहा- काजल! मैं झड़ने वाला हूँ!

उसने तभी मेरे लण्ड को निकाला और अपने बूब्स को मेरे लण्ड के नीचे कर दिया तभी मेरे लण्ड से माल निकला और उसके बूब्स पर गिर गया तब उसने पूरे माल को अपने बूब्स पर मलना शुरू कर दिया। मेरे माल को अपने स्तनों पर मलते हुए वो काफ़ी संतुष्ट लग रही थी।

फिर तो हमने कई बार ऐसा किया कभी किसी चीज के साथ और कभी किसी चीज के साथ। एक बार तो मैंने केक के ऊपर की क्रीम उसकी चूत पर मलकर उसको चाटा वैसा स्वाद भी मुझे कभी आज तक नहीं आया। आप सब को मेरा यह किस्सा कैसा लगा प्लीज़ मुझे ज़रूर बताएँ। Hindi Porn Stories

Xxx साली जीजा सेक्स कहानी में मैंने अपनी साली की काल्पनिक चुदाई की. मेरी साली बहुत सेक्सी है, उसकी चूचियां बहुत मस्त हैं. मैं उसे कभी चोद नहीं पाया पर कल्पना की है.

दोस्तो, सबसे पहले तो मैं अपना परिचय देता हूं.
मेरा नाम प्रणय है और मैं एक बैंक में काम करता हूं.
मेरी उम्र 27 साल है और शरीर भी तंदुरुस्त है.

मैं यहां पहली बार लिख रहा हूँ और मुझे सेक्स कहानी लिखने का कोई अनुभव नहीं है.
फिर भी मैं कोशिश करूंगा कि आप सबको मजा आए.

मेरी इस Xxx साली जीजा सेक्स कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं.

मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं और हम दोनों मुंबई में रहते हैं.

यह बात जो मैं बताने जा रहा हूं, वह मेरी कल्पना है.
उस लड़की को देखकर जिसे मैं हमेशा से चोदना चाहता था लेकिन रिश्तों की वजह से कभी चोद नहीं पाया.

यह बात मेरी साली की है जो मुझसे उम्र में छोटी है और मेरे साथ अब काफी नटखट भी हो गई है.

उसे देखकर मुझे हमेशा लगता कि काश यह मेरी पत्नी होती.
उसके बारे में सोच सोच मैं हमेशा मुठ मार लेता हूं.

उन दिनों हम दोनों शादी करके कुछ दिनों के लिए ससुराल गए थे.
हमारा स्वागत बढ़िया हुआ था और हम दोनों घर में प्रवेश कर गए.

प्रवेश करते ही मुझे मेरी स्वप्नकन्या दिखाई दी.
उसका नाम सोनल है.
वह बहुत ही सुन्दर हेयर स्टाइल वाली लड़की है.

उस दिन वह पिंक कलर की ड्रेस में एक अप्सरा ही लग रही थी.

उसकी उम्र बीस साल की थी लेकिन उसके भरे हुए स्तन किसी 25 साल की लड़की के जैसे हैं.
सोनल के तने हुए दूध देख कर मुझे अपने सास ससुर के सामने बैठना मुश्किल हो गया था.

जैसे तैसे मैं बहाना करके उठा और वाशरूम से फ्रेश होकर आ गया.

साली के स्तनों का आकार देख कर मुझसे अभी भी रहा नहीं जा रहा था.
सोनल को देखकर तो ऐसे लग रहा था कि वह गंभीर मिजाज वाली लड़की है; उसे सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई से प्यार है.

मैं उसे गौर से देखने लगा और उसे देखकर मन ही मन सोचने लगा कि क्या करूँ, जिससे सोनल को सैट कर सकूं.
उस रात मैंने अपनी पत्नी को ऐसे चोदा मानो मैं सोनल को ही चोद रहा हूं.

पत्नी भी संतुष्टि के साथ सो गई लेकिन मुझे अभी भी सोनल की जवानी ने परेशान कर रखा था.

मैंने तय कर लिया था कि कुछ भी हो जाए, मैं सोनल को चोदे बिना वापस नहीं जाऊंगा.

दूसरे दिन सुबह जब मैं उठा तो सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त हो गए थे.

फिर मैं भी नाश्ता करके अखबार पढ़ने बैठ गया.

मैंने जान बूझकर नाश्ते की प्लेट सामने रखी ताकि सोनल उसे उठाए और मैं उसके दोनों स्तनों को जीभर के देख सकूं.
हुआ भी वैसे ही.

मैंने अंततः उसके दोनों स्तनों को देख लिया.
मानो मेरे अन्दर ज्वालामुखी भड़क गया था और मुझे अपने लावा को सोनल के स्तनों पर छोड़ना है, यह सोच सोच कर मैं पागल होने लगा.

एक दो दिन और गुजर गए और मेरी परेशानी बढ़ती गई.

मौका देख कर मैंने उससे बात करना शुरू किया.
वह कम ही घुल-मिल पाती थी.
फिर भी कोशिश करके मैंने उससे दोस्ती कर ली.

मैं इस बात से खुश था कि उसने मुझसे दोस्ती की.

एक दो दिन और गुजर गए और वह अभी मुझे बेझिझक बातें करने लगी.

मैं उसके कॉलेज के बारे में बात करने लगा और उसकी सहेलियों व उसकी पढ़ाई को लेकर बात करने लगा.

बात तो वह करती थी, मैं तो सिर्फ उसे निहारता था.

कभी कभी ठंड की वजह से उसके स्तनों के निप्पल कड़क दिख जाते तो कभी मेरी आंखें उसके स्तनों के आकार को दूर से ही नाप लेतीं.

ऐसे ही चलता रहा.

एक दिन बात करते समय हम दोनों उसके एक फ्रेंड की लव स्टोरी डिस्कस करने लगे.

मैंने भी मौका देख कर उससे पूछा- तुम्हारा बॉयफ्रेंड कौन है?
उसने साफ मना करते हुए कहा कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है.

मेरे जोर देने पर भी उसने मना किया तो मैंने और छेड़ना ठीक नहीं समझा और इधर उधर की बातें करने लगा.
फिर हमारे बीच इस तरह बात हुई:

मैं- सोनल क्या मैं एक बात पूछूं, बुरा मत मानना तुम मुझे फ्रेंड मानती हो तो ही पूछूंगा.
सोनल- हां पूछिए न!

मैं- तुम अभी जवान हो गई हो और तुम्हारी सहेली का भी बॉयफ्रेंड है, तो तुम्हें नहीं लगता कि तुम्हारा भी बॉयफ्रेंड होना चाहिए?
सोनल चुप रही.

मैं- डरो मत, मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा!
सोनल- मुझे भी लगता है लेकिन पापा और घर के सभी लोग स्ट्रिक्ट हैं, तो चाहकर भी मैं सिंगल हूँ.

मैं- और एक सवाल पूछूं?
सोनल- हां.

मैं- सेक्स करने का मन करता है? शर्माना मत या फिर गुस्सा भी मत करना.
सोनल- करता तो है, पर अभी मेरी उम्र कम है … और शादी भी नहीं हुई.

मैं- यह कौन बोला कि सेक्स के लिए शादी करनी पड़ती है. सेक्स तो एक कला है. उसे सिर्फ नर और नारी चाहिए शादी नहीं. तुम अपनी दीदी से पूछो सेक्स का मजा क्या होता है!
सोनल- आप भी ना!
वह शर्मा कर उठ गई और जाने लगी.

मैंने सोनल को अपने हाथ से पकड़ा और पहली बार उसकी नजर में मैंने कामवासना देखी.
अब तक मैं काबू खोता जा रहा था लेकिन मुझे जल्दबाजी नहीं करनी थी.

मैं- सच बताओ … कौन हैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड?

सोनल- कोई नहीं है.
मैं- फिर शर्मा क्यों रही हो?

सोनल- आपने मेरा हाथ पकड़ रखा है.
मैं- तो क्या हुआ आधी घरवाली हो मेरी!

सोनल- प्लीज छोड़िए, मम्मी आ जाएंगी.
मैं- आने दो.

मौका देख मैंने उसको कमर से पकड़ कर अपनी बांहों में जकड़ लिया.
उसकी छूटने की कोशिश बेकार हुई.

उसे मैंने किस करना शुरू कर दिया.
वह शर्माती हुई मेरा साथ दे रही थी.

तभी मेरी पत्नी आ गई और हम अलग हो गए.
मेरी बीवी को पता नहीं चला.
वह खाने के लिए बुलाने आई थी और चली गई.

उसके जाने के बाद मैंने फिर से सोनल को पकड़ा और उससे कहा- सोनल यार, पहले दिन से तुम्हें देख कर चोदने का मन बनाया है. अब और न तड़पाओ. तुम्हारी दीदी और तुम दोनों लाजवाब हो. दोनों भी सेक्सी हो. लेकिन तुम्हें एक बार चखना है. तुम जितनी टेस्टी हो उतनी टेस्टी तो तुम्हारी दीदी भी नहीं है. तुम्हें वही सुख देने के लिए मैं बेसब्र हूँ. मैं तुम्हारा रात को टेरेस पर इंतजार करूंगा, जरूर आना.

वह चुपचाप चली गई और मैं सोचता रहा कि क्या होगा.

फिर भी मैं रात को वाइफ सोने के बाद ऊपर आ गया और सोनल की राह देखने लगा.

दो बजे के करीब सोनल आ गई और मैं खुशी से झूम उठा.
मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और किस करने लगा.
वह अब खुलकर साथ दे रही थी.

हमारे टेरेस से सब कुछ दिखता था लेकिन टेरेस पर क्या चल रहा है, ये किसी को नहीं दिखता क्योंकि हमारे घर की ऊंचाई बहुत ज्यादा थी.

मैं उसको गोद में उठाकर उस कमरे में लेकर आ गया जो टेरेस पर सामान रखने में काम आता था.

उसे दीवार के सहारे खड़ा करके मैं उसके गले को चूमने लगा.
मैं उसके दोनों हाथों को ऊपर पकड़ कर मुँह से उसके गले को और होंठों को चाट रहा था.

मुझसे भी संयम नहीं हो रहा था तो मैंने उसके टॉप को ऊपर करके निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तनों को चूसने और दबाने लगा.

सोनल सिर्फ ‘जीजाजी मत करो …’ इतना ही कह पाई.
उसके हाथ मेरे बालों को पकड़ कर मेरे सिर को स्तनों पर दबा रहे थे.

मैंने ब्रा को निकाल दिया और जिसका इतना इंतजार किया, उसका जी भरके आनन्द लेने लगा.
खुद की शर्ट को भी उतार कर हम दोनों कमर के ऊपर नंगे हो कर एक दूसरे के जिस्म का आनन्द लेने लगे.

जब तक सोनल के स्तनों पर मेरे दांतों के निशान नहीं बने, तब तक मैं रुका नहीं.
स्तन पान करते हुए मैं पेट को किस करने लगा और वह मदहोश हो गई.

मैंने उसके बचे हुए कपड़ों को भी हटा कर उसे सिर्फ पैंटी पर खड़ा कर दिया.
वह शर्म के मारे आंखें बन्द कर चुकी थी लेकिन मैं उसे देख कर बेकाबू हो चुका था.

मैंने भी मेरे बचे हुए कपड़ों को उतार कर उसे देखा और उसका हाथ पकड़ कर मेरे लंड पर दबा दिया.

लंड की गर्म त्वचा से वह सहम उठी और उसने मुँह दीवार की तरफ कर दिया.
मौका देखकर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी, जो पूरी गीली हो चुकी थी.

पीछे से उसे जोर से पकड़ कर मैंने उसकी चूत को उंगली से छेड़ना शुरू कर दिया और साथ ही दूसरे हाथ से निप्पल को रगड़ना शुरू कर दिया.

वह अब तक दो बार पानी छोड़ चुकी थी और फिर से एक बार गर्म हो चुकी थी.
मैंने उसे पैरों पर बैठने को कहा तो वह झट से बैठ गई.

मुझे तो मानो जन्नत मिल गई. मैंने अपना लंड उसको मुँह में लेने के इरादे से हिलाया.
उसने पहले तो सर हिला कर मना किया लेकिन बाद में वह खुद ही तैयार हो गई और उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.

वह बड़े ही पेशेवराना तरीके से लंड को चूसने लगी.
यह देख कर मुझे जरा हैरानी हुई.
पर मैं मजा लेने लगा.

मेरा लंड उसके मुँह हिसाब से साइज़ में काफी बड़ा था और वह पूरा लंड अन्दर तक नहीं ले पा रही थी.

फिर भी उसे मजे लेने थे तो उसने अपने मुँह में किसी तरह से पूरा लंड ले लिया.
मेरी पत्नी तो कभी लंड को छूती भी नहीं थी.

मैंने उसे उठाया और कहा- सोनल, तुमसे अच्छी लंड चूसने वाली कोई नहीं है. तुम्हारी दीदी को तो ये पसंद ही नहीं है.

सोनल- जीजा जी, आप टाइमपास न करो, मैं अभी तड़प रही हूं. जल्दी से अपना ये औजार मेरी चूत में डालो और इसकी भूख मिटाओ.

मैंने भी समय की गहराई को देखकर तुरंत उसे दीवार पर सटा कर अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया और धक्के लगाने लगा.
पहला धक्का लगते ही उसके मुँह से चीख निकली और वह तड़प उठी.

मैंने उसकी कमर को न छोड़ते हुए और एक धक्का लगाया.
फिर तो मैं वहशी हो गया और धक्के पर धक्का लगाता चला गया.

वह भी लंड रगड़ से मजा लेने लगी.

कुछ ही देर में उसकी चूत से खून निकलने लगा था लेकिन अंधेरे में उसे कुछ समझ नहीं आया.

कुछ ही देर में वह एक बार फिर से झड़ गई और पुराने गद्दे पर लेट गई.

मैं अभी बाकी था, तो रुकने के मूड में नहीं था. मैं उधर ही उसकी चूत में पूरा लंड डालकर उसे चोदने लगा.
वह थक गई थी लेकिन मुझे साथ दे रही थी.

मुझे भी लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूं.
तो मैंने उसके दोनों स्तनों पर मेरे वीर्य का स्खलन शुरू कर दिया और वीर्य की आखिरी बूंद तक टपका दी.
फिर मैं भी उसी के बाजू में लेट गया.

हम दोनों की सांसें फूल रही थीं लेकिन मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था.
मैंने जो सोचा था हो गया.

पड़े पड़े हम दोनों एक दूसरे को देख मुस्कुराते रहे और फिर उठकर अपनी अपनी जगह पर जाकर सो गए.

सोते समय भी मुझे सोनल के शरीर का स्पर्श महसूस हो रहा था और मैं सपने मंख भी यही चाह रहा था कि वह मुझसे अलग ना हो.

दूसरे दिन सोनल मुझे देख कर शर्माने लगी और मेरे सामने ही नहीं आई.

मैंने सोचा कि ऐसे काम नहीं चलेगा, मुझे कुछ करना पड़ेगा.

तब मैंने इशारे में उसे कोने में बुलाकर उससे उसका फोन नंबर मांगा और उसे मोबाइल पर बात करने को कहा.

मैं- क्या हुआ शर्मा क्यों रही हो? कल जो हुआ, क्या वह पसंद नहीं आया?

सोनल- ऐसी बात नहीं है. मुझे बहुत पसन्द आया और आपका वह भी काफी बड़ा है.
मैं- ऐसी बात है, तो फिर घूमने चलें? बहाना बनाकर बाहर चलते हैं?

सोनल- ना बाबा ना … जो कुछ करना है रात को ही कर लेना!
मैं- ठीक है, फिर लेकिन आज रात रंगीन होगी. आधा अधूरा नहीं छोडूंगा.

सोनल शर्माकर मेरी ओर देखने लगी और मैं रात का इंतजार करने लगा.

आज मैंने पहले से कुछ सैटिंग कर रखी थी.
कल रात जो दिक्कत आई थी, वह न हो इसलिए मैंने गद्दा अच्छी तरह बिछाया और उस पर कपड़ा डालकर उसे कुछ ठीक कर दिया.

अब बस इंतजार सिर्फ सोनल के आने का था.
आज कुछ नया भी ट्राय करना था तो मैंने मन ही मन ठान लिया कि उसे आज पूरी रात सोने नहीं देना है.

सब लोग सोने के बाद मैं चुपके से ऊपर चला गया और उसका इंतजार करने लगा.
थोड़ी देर में वह भी आ गई.

मैंने उसे गद्दे पर लिटाया और उससे लिपटकर चूमने और चाटने लगा.

वह पहले से ही गर्म हो गई थी और मेरे ऐसा करने से वह और जादा कामुक हो गई.

मैंने उसका टॉप ऊपर करके धीरे धीरे स्तनों को चूसना और चाटना चालू किया.
वह आह आह की आवाज निकालने लगी.
मेरा भी लंड तन चुका था.

मैंने उसकी नाभि को चाटकर गीला कर दिया और नीचे की ओर जाने लगा.
उसकी पैंटी को नीचे कर उसकी चूत को देख कर मैं बेकाबू हो गया और मैंने अपनी जीभ से उसकी दोनों पंखुड़ियों को अलग कर दिया.

वह मेरे बालों को पकड़ कर मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी.
मैंने पूरा प्रयास करके उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर रसपान शुरू किया और उसे काम वासना के शिखर पर पहुंचा दिया.

इधर मेरी कामवासना भी तूफान की तरह उछल पड़ी थी तो मैंने मेरी दिशा बदली और मेरा लंड उसके मुँह में डाल दिया.

फिर मैं 69 की पोजीशन में आ गया. उसके लिए ये चीज नई थी, लेकिन उसे मजा भी आ रहा था.

मैंने पूरा लंड उसके मुँह में डाला और मेरी जीभ जितनी अन्दर जा सकी, उतनी पेल कर अच्छी तरह से उसकी चूत को चाटा.
बड़ी देर बाद जब हम दोनों झड़ गए तो थोड़ी देर के लिए एक दूसरे से लिपटकर वैसे ही पड़े रहे.

अचानक से सोनल ने फिर से लंड चूसना चालू कर दिया और मेरा लंड भी तुरंत खड़ा हो गया.
इस बार बारी चूत चुदाई की थी.

मैंने सोनल की चूत पर अपना लंड सैट करके जोर से झटका लगाया.
इस बार मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया.

कल जैसे खून आया था, आज उतना खून नहीं आया.
सोनल को भी सेक्स की लत लग चुकी थी और वह उछल उछल कर मेरा लंड ले रही थी.

दोनों टांगों को ऊपर उठाकर मैंने पूरी ताकत के साथ लंड अन्दर डाल दिया.
सोनल की चीख निकल गई लेकिन अभी मैं रुकने के मूड में नहीं था.

दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ने पोजीशन बदली.

मैंने उसे कुतिया की तरह खड़ा करके चोदना शुरू किया.
यह पोजीशन हम दोनों को पसंद आई.
धकाधक पेलापेली से थक कर हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.

बड़ी देर तक Xxx साली जीजा सेक्स यानि चुदाई चलती रही लेकिन न वह झड़ रही थी और न मैं!
फिर मैंने उसे पुनः दीवार से सटाकर चोदना शुरू किया.

शरीर की पूरी ताकत जुटा कर मैंने जोर जोर से उसे चोदना चालू कर दिया था.

अब वह भी थक चुकी थी तो उसने मुझसे कहा- मुझे लंड के रस को पीना है.
उसे मेरा माल टेस्टी लगा था.

मैंने उसे नीचे बिठाकर उसके मुँह में लंड दे दिया.

थोड़ी देर के झटकों के बाद उसने मेरा सारा माल पी लिया व लंड को चाट कर साफ भी कर दिया.

हम दोनों बहुत खुश थे.
तीन बार चुदाई करने के बाद देर रात को हम दोनों अपने अपने बिस्तर पर जाकर सो गए.

उस दिन से आज तक मैंने कभी भी सेक्स की कमी को महसूस नहीं किया.
कभी पत्नी के साथ तो कभी साली के साथ चुदाई के पूरे मजे किए.

आपको मेरा ये प्रयास कैसा लगा, मेल करके जरूर बताएं.
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