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प्यासी भाभी की गर्मी यानि अन्तर्वासना ने उसे गैर मर्द की तरफ जाने को मजबूर कर दिया क्योंकि उसके पति में उसे खुश करने की ताकत नहीं बची थी. भाभी ने अपने पति के दोस्त की ओर कदम बढ़ाया.
‘आह उफ्फ जान … तेज आहहह और तेज.’
दीपिका के मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं.
अचानक सुभाष का शरीर ढीला पड़ गया.
तो दीपिका बोली- क्या हुआ?
सुभाष झिझकते हुए बोला- मेरा पानी निकल गया.
दीपिका गुस्से से बोली- अभी तो मजा आना शुरू हुआ था और आपका निकल गया!
सुभाष उदास हो गया और दीपिका की चूत से सुभाष का सिकुड़ा हुआ लंड बाहर निकल गया.
सुभाष लंड का पानी निकल जाने पर सुस्त होकर सो गया.
दीपिका अभी भी वासना की आग में जल रही थी. प्यासी भाभी की गर्मी अभी ठण्डी नहीं हुई थी.
उसकी चूत को कम से कम 15 मिनट चुदाई चाहिए होती थी और सुभाष ज्यादा से ज्यादा दो या तीन मिनट तक ही चूत में लंड रख पाता था.
रोज रात को यही होता.
आईए अब सेक्स कहानी की तरफ़ चलते हैं.
पंजाब के एक छोटे से शहर के रहने वाले सुभाष की उम्र लगभग 50 साल की है और दीपिका की उम्र 39 साल.
शादी के समय तो कुछ महसूस नहीं हुआ पर समय के साथ उम्र की ये असमानता दीपिका और सुभाष दोनों को महसूस होने लगी.
हालांकि दोनों की शादी को 21 साल हो गए थे और दोनों बच्चे भी काफी बड़े थे.
पर उम्र के मुताबिक दीपिका की शरीर की जरूरत को सुभाष अब अपनी उम्र के चलते पूरी नहीं कर सकता था.
खैर … रोज रात की तरह सुभाष लंड का पानी निकल जाने पर सो गया और दीपिका भी अपनी गर्म चूत को सहलाती हुई कब सो गई, उसको भी पता नहीं चला.
सुबह दोनों बच्चे स्कूल चले गए और सुभाष अपनी दुकान पर जाने के लिए तैयार हो गया.
जाते जाते सुभाष ने दीपिका को जल्दी दुकान आने को कहा क्योंकि उसको किसी जरूरी काम से जाना था.
सुभाष की शहर के प्रमुख चौराहे पर दवाईयों की दुकान थी.
अकेले होने के कारण दीपिका को भी दुकान पर बैठना पड़ता था.
करीब दो घंटे रोज दीपिका अकेले दुकान संभालती थी.
दीपिका ने घर के काम निपटाए और नाश्ता करने के बाद वह दुकान की तरफ़ चल दी.
दुकान पर जाने के बाद सुभाष अपने काम से निकल गया और दीपिका को बता गया कि उसे आने में देर लग सकती है.
सुभाष के जाने के बाद दीपिका के दिमाग में रात वाली बात चल पड़ी और वह बेचैन हो गई.
तभी दुकान पर सुभाष का दोस्त अनिल खन्ना आ गया और दीपिका उसके साथ बातचीत करने लगी.
रोजाना यही होता … अनिल खन्ना सुभाष का खास दोस्त था इसलिए दीपिका भी उसके साथ खुलकर हंसी मजाक कर लेती थी.
अनिल भी करीब 50 साल की उम्र का बंदा था.
उसके दो बेटे दूसरे शहरों में नौकरी करते थे और अनिल खन्ना को काफी पैसा खर्च के लिए भेजा करते थे. इस वजह से अनिल खन्ना को कोई काम करने की जरूरत नहीं थी.
दीपिका अनिल की तरफ़ आकर्षित हो गई थी.
दीपिका के दिल की बात अनिल समझता था पर वह ये भी समझ सकता था कि ये आकर्षण किस कारण से है.
वह खुद को इस लायक नहीं समझता था कि दीपिका की जरूरत पूरी कर सके इसलिए वह दीपिका से दूरी बना कर रखता था.
उस दिन अनिल ने दीपिका को उदास देख पूछा कि क्या हुआ उदास क्यों हो?
तो दीपिका बोली- ऐसा कुछ नहीं!
खन्ना ने कहा कि नहीं, कुछ तो बात है?
दीपिका बोली- अनिल जी, सच में कोई बात नहीं है.
अनिल ने कहा- नहीं बताना चाहती हो, तो जोर नहीं दूंगा. पर बताने से ही समस्या का समाधान निकाला जा सकता है.
दीपिका बोली- समस्या ही ऐसी है कि जिसका कोई समाधान नहीं है.
अनिल बोला- दीपिका, दुनिया में हर समस्या का समाधान हो सकता है, बस जरूरत होती है सही सलाह लेने की. तुम अपनी समस्या मुझे बताओ, मैं समाधान करने की कोशिश करूंगा.
दीपिका बोली- मेरी और सुभाष की उम्र में असमानता को अब मैं महसूस करने लगी हूं.
अनिल ने कहा- तो इसमें क्या समस्या है …. कोई हम उम्र दोस्त बना लो. जो तुझसे तेरे मुताबिक प्यार की बातें कर सकता हो और कभी कभी बिस्तर पर भी तुम्हारे अरमान पूरे कर दे.
दीपिका ने अनिल की तरफ़ हैरान होकर देखा.
तो अनिल बोला- दीपिका, इसमें गलत क्या है … और आजकल तो पति खुद पत्नी की मदद करता है!
तब दीपिका हंसती हुई बोली- तो आप बन जाओ ना मेरे दोस्त!
अनिल ने कहा- दीपिका, तुमसे प्यार करने वाला दोस्त तो मैं बनने के लिए तैयार हूं … पर बिस्तर पर मैं भी सुभाष की तरह कामयाब नहीं हो सकता क्योंकि इस उम्र में तुम्हारी छलकती हुई जवानी के उफान को मैं शायद नहीं सम्भाल सकता.
दीपिका बोली- अनिल जी, आपने तो मुझे दोराहे पर खड़ा कर दिया. मैं तो आपको पसंद करने लगी हूं.
तब अनिल ने कहा- दीपिका, मैं झूठ नहीं बोल सकता. जो बात सच है, मैं वही कह रहा हूँ.
दीपिका बोली- आपकी इस सच्चाई ने तो मेरे दिल में आपके लिए इज्जत पहले से भी ज्यादा हो गई. अब आप ही कहो मुझे क्या करना चाहिए. मैं आपको भी नहीं खोना चाहती पर …
अपनी बात को अधूरा कहकर दीपिका चुप हो गई.
अनिल ने कहा- दीपिका इसका एक और तरीका भी है.
दीपिका ने कहा- क्या तरीका है?
अनिल बोला- तुम बिस्तर पर संतुष्टि के लिए एक और दोस्त बना लो.
दीपिका थोड़े गुस्से में बोली- क्या मुझे हर बात के लिए अलग अलग दोस्त बनाने होंगे?
अनिल ने मुस्कुरा कर कहा- एक इंसान में सभी गुण नहीं होते मेरी जान … और तुम्हारी दो अलग-अलग इच्छाओं के लिए दो दोस्त बनते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है.
दीपिका कुछ सोच कर बोली- अब जब मैंने आपके सामने अपने दिल की बात खुलकर बता दी, तो अब आप ही मेरी मदद भी करो.
अनिल मुस्कुरा कर बोला- जब बंदा आपसे प्यार करने लगा है, तो मैं आपकी हर इच्छा पूरी करने की कोशिश करूंगा मेरी जान. मैं सोच कर बताता हूं कि कौन हमारे लिए ठीक रहेगा!
दीपिका मुस्कुरा कर बोली- हां, अब ये आपकी ही जिम्मेदारी है.
तभी सुभाष को आते देख कर दोनों चुप हो गए.
अनिल कुछ समय सुभाष के साथ बातचीत करने के बाद दुकान से चला गया.
दीपिका खुश हो गई कि उसकी चिंता करने वाला एक अच्छा दोस्त मिल गया.
तभी दीपिका के मोबाइल पर अनिल का मैसेज आया कि मुझसे मिलो.
दीपिका ने रिप्लाई किया- कहां?
‘चिमन दर्जी की दुकान पर.’
दीपिका ने रिप्लाई किया कि वह 10 मिनट में पहुंच जाएगी.
दीपिका सुभाष से घर जाने के लिए कहकर दुकान से चल पड़ी और चिमन दर्जी की दुकान पर पहुंच गई.
वहां अनिल और चिमन दर्जी ही थे.
उन दोनों के अलावा ना कोई ग्राहक था और ना चिमन की दुकान पर काम करने वाले कारीगर थे.
अनिल दीपिका को देख कर कहा- लो चिमन भाई, आप नाप ले लो.
दीपिका मुस्कुरा कर बोली- नाप किस लिए?
अनिल बोला- आपके लिए कपड़े सिलवाने हैं.
दीपिका मुस्कुरा दी.
चिमन दर्जी ने दीपिका को एक भरपूर नजर से देखा और दीपिका का नाप लेने लगा.
दीपिका का सपाट पेट और कमर को देख चिमन दर्जी बोला- भाभी जी आप अपने शरीर पर बहुत अच्छे से ध्यान देती हो. आपका शरीर देखकर तो आपकी उम्र का अंदाजा लगाया नहीं जा सकता है.
ये सुनकर दीपिका खुश हो गई.
नाप लेने के बाद चिमन ने अनिल से कहा- हो जाएगा अनिल जी.
अनिल बोला- ठीक है, मैं बात करके बताता हूं. कब तक काम हो सकता है?
चिमन बोला- आप जब कहोगे.
अनिल बोला- ठीक है.
ये कहकर अनिल दीपिका को चलने के लिए बोला.
दीपिका और अनिल दुकान से बाहर निकल घर की तरफ़ चल पड़े.
अनिल ने अब दीपिका से पूछा- कब का प्रोग्राम बनाना है?
दीपिका ने पूछा- किस बात का प्रोग्राम?
तो अनिल बोला- तेरी चुदाई का!
दीपिका हैरान होकर बोली किस के साथ?
अनिल ने कहा- चिमन के साथ.
दीपिका अचकचा कर बोली- नहीं नहीं … चिमन के साथ कैसे कर सकती हूं?
अनिल ने कहा- क्यों नहीं कर सकती हो?
दीपिका बोली- अरे चिमन को मैं जानती भी नहीं. उसके साथ ये सब कैसे कर सकती हूं?
तब अनिल मुस्कुरा कर बोला- तब तुम कोई अपना कोई जानकार बताओ जो तुझे चोद ले!
दीपिका बोली- क्या चिमन पर भरोसा किया जा सकता है?
अनिल बोला- तुम मेरे पर विश्वास कर सकती हो या नहीं?
दीपिका बोली- आप पर तो पूरा यकीन है मुझे!
अनिल बोला- ठीक है. मुझे उन लोगों पर यकीन है कि ना केवल वे तुम्हें अच्छी तरह से चोद कर संतुष्ट कर सकते हैं बल्कि उनके माध्यम से किसी दूसरे को ये बात कभी भी पता नहीं चलेगी.
दीपिका बोली- उन लोगों का क्या मतलब?
अनिल ने मुस्कुरा कर बताया- चिमन दर्जी और जुम्मन कसाई.
दीपिका ये सुनकर बहुत हैरानी से अनिल की तरफ़ देख कर बोली- ये आप क्या कह रहे हैं. मैं दो लोगों से कैसे कर सकती हूं.
अनिल बोला- क्यों नहीं कर सकती हो. तुम्हारी सोच जैसे दोस्त मिल जाएं तो दोनों को दोस्त बनाने में क्या समस्या है?
दीपिका के पास अनिल की बात का फिर से कोई जवाब नहीं था.
तो दीपिका बोली- मैं दो दोस्तों के लिए समय कैसे निकाल सकती हूं?
अनिल मुस्कुरा कर बोला- जैसे एक के लिए निकालोगी वैसे ही.
दीपिका बोली- वह कैसे?
अनिल बोला- एक बार मैं, जुम्मन और चिमन दर्जी दिल्ली गए थे. वहां हमारा दिल चूत चोदने का हुआ. हम तीनों ने एक कालगर्ल को बुलाया. उसके लिए 7000 तय हुए.
दीपिका- फिर?
‘फिर पहले मैंने उसको चोदा और बाहर आ गया. उसके बाद चिमन अन्दर गया. थोड़ी देर बाद जुम्मन के मोबाइल पर फोन आया और जुम्मन भी अन्दर चला गया.’
एक पल के लिए अनिल ने रुक कर दीपिका को देखा.
फिर उसने आगे कहना शुरू किया- करीब दो घंटे बाद दोनों बाहर आकर मेरे पैसे जो मैंने अपने हिस्से के दिए हुए थे, वो उसने मुझे वापस दे दिए.
मैंने पूछा- ये कैसे हुआ?
तब जुम्मन कसाई बोला- हमारी चुदाई से खुश होकर कालगर्ल ने सारे पैसे वापस कर दिए.
ये छोटी सी घटना सुनने के बाद दीपिका हैरानी से अनिल का मुँह देखने लगी.
अनिल बोला- दीपिका मैं चाहता हूं कि दोनों की जोड़ी तुझे एक साथ चोदे. ताकि तुम पूरी तरह से संतुष्ट हो जाओ.
दीपिका बोली- कोई समस्या तो नहीं होगी ना?
अनिल बोला- कोई समस्या नहीं होगी मेरी जान, मुझे पर यकीन करो.
तभी अनिल के मोबाइल पर चिमन दर्जी की कॉल आई.
अनिल ने फोन पर ‘हां, ठीक है. मैं बात करके बताता हूं.’ कहकर फोन काट दिया.
दीपिका ने पूछा- क्या हुआ कुछ बात हुई चिमन दर्जी से?
अनिल बोला- जुम्मन तुम्हें देखना और मिलना चाहता है.
दीपिका बोली- आप उन्हें शाम को दुकान पर बुला लो.
तो अनिल ने कहा- नहीं, दुकान पर ठीक नहीं होगा. तुम्हारे घर पर ठीक रहेगा.
तो दीपिका बोली- ऐसे सबके सामने कैसे घर पर बुला सकती हूं?
अनिल बोला- उसका भी एक उपाय है मेरे पास!
दीपिका बोली- क्या उपाय है?
अनिल बोला- जुम्मन कबाड़ का काम भी करता है. तुम घर का कुछ कबाड़ निकाल कर रखो, बाकी काम मेरा है.
दीपिका समझ गई कि क्या करना होगा.
उसके पास चुदाई का ये बेहतरीन मौका था क्योंकि उसके दोनों बच्चे गर्मी की छुट्टियों में अपने मामा के घर गए हुए थे और मकान मालिक का बेटा बहू भी बाहर घूमने गए थे.
घर पर मकान मालिक और उनकी पत्नी ही थे जो काफी बूढ़े थे.
ये मकान मालिक दरअसल अनिल खन्ना के बड़े भाई और भाभी ही थे.
इधर एक बात और बता दूँ कि अनिल का मकान भी बाजू में ही लगा हुआ था, दोनों घरों की छतें आपस में मिली हुई थीं.
दीपिका मकान के ऊपर वाले हिस्से में किराए पर रहती थी.
तब दीपिका ने अनिल से कहा- मैं घर जा रही हूँ. आप शाम को दुकान पर पहुंच जाना.
अनिल हंसते हुए बोला- ठीक है मेरी जान.
फिर दीपिका घर पर आकर सीधे स्टोर में गई और काफी कबाड़ निकाल कर बाहर रख लिया.
शाम को दीपिका जब दुकान पर पहुंची तो देखा अनिल आया हुआ था.
दीपिका अपने पति सुभाष से बोली- जी, घर पर काफी कबाड़ इकट्ठा हो गया है, आप कोई कबाड़ी को बुला लो तो सारे कबाड़ को बेच देते हैं.
सुभाष बोला- अब एकदम से कबाड़ी को कैसे बुलाऊं?
उसी वक्त अनिल बोला- अरे यार क्यों चिंता करते हो, जुम्मन कबाड़ी मेरा ख़ास दोस्त है. उसको कहे देता हूं, वह घर पर आकर सारा सामान देख लेगा.
सुभाष बोला- हां ये बात ठीक है. तुम उसको फोन कर दो … वह कल सुबह आकर सब देख लेगा.
अनिल ने तुरंत जेब से फोन निकाला और जुम्मन को फोन करके कहा- जुम्मन भाई, हमारे भाई सुभाष के घर पर आपके लिए कुछ सामान है, कल सुबह आकर आप देख लो.
जुम्मन कसाई ने जवाब दिया- हां ठीक है कल सुबह 8 बजे आ जाता हूं.
अनिल ने सोचा कि 8 बजे तो सुभाष भी घर पर होता है. उसने फोन पर ही बात को सम्भालते हुए कहा- ठीक है जुम्मन भाई, आप कल 11 बजे आ जाना … पक्का!
जुम्मन बात को समझते हुए बोला- ठीक है, मैं 11 बजे आ जाऊंगा.
अनिल ने फोन काट दिया और दीपिका से कहा- भाभी, वह 11 बजे आ जाएगा. आप सारा सामान निकाल कर रखना.
सुभाष दीपिका और अनिल की बातों से अनजान सरल भाव से बोला- मैं तो उस समय दुकान पर रहूँगा दीपिका. तुम ही दिखा देना.
अनिल बोला- सुभाष यार भाभी अकेली क्यों होंगी … मैं साथ रहूंगा ना!
फिर कुछ देर बातचीत करने के बाद अनिल सुभाष की दुकान से चला गया.
अगले दिन सुबह सुभाष अपनी दुकान पर चला गया और दीपिका उसके जाने के बाद सारे काम निपटा कर नाश्ता कर नहाने जाने लगी.
उसके दिमाग में ख्याल आया कि क्या कपड़े पहनना चाहिए.
उसने सोचते हुए अपनी अल्मारी खोली और उसमें कपड़े देखने लगी.
तभी उसके सामने एक हल्के हरे रंग की चिकन कपड़े की कुर्ती आई, जिसको पहली बार पहनने पर ही सुभाष ने दीपिका को ये पहनने से मना कर दिया था क्योंकि ये कुर्ती काफी पारदर्शी कपड़े की थी.
इस कुर्ती में आगे की तरफ 3 बटन लगे थे और बटन के दोनों तरफ और कन्धे वाली जगह पर हल्की कशीदाकारी ने कुर्ती को काफी आकर्षक बना दिया था.
दीपिका ने उसी कुर्ती को पहनने का सोच लिया और उसके साथ एक काले रंग की सिल्क की पजामी अलमारी से बाहर निकाल ली.
साथ पहनने के लिए दीपिका ने एक गुलाबी रंग की ब्रा और कच्छी निकाल ली.
तभी कुछ सोच कर दीपिका के होंठों पर एक मुस्कान आई और दीपिका ने गुलाबी ब्रा वापस रख एक सफेद रंग की ब्रा निकाल ली.
ये ब्रा आगे हुक वाली थी.
दीपिका मन ही मन खुश हो बाथरूम में जाकर नहाने लगी.
आगे होने वाले घटनाक्रम के सुखद विचार आने से दीपिका की चूत रसीली होकर पानी पानी हो रही थी.
दीपिका ने खुद को खुशबूदार साबुन से खूब रगड़ कर साफ किया और नहाकर एक तौलिया लपेट कर बाहर आ गई.
कमरे का दरवाजा बंद कर आईने के सामने खड़ी होकर उसने तौलिया हटा दिया.
उफ्फ … क्या मदमस्त जवानी है दीपिका की … सपाट पेट के कुछ ऊपर 36 साईज की नुकीली चूचियां, बलखाती पतली कमर और 38 साइज़ के बड़े बड़े चूतड़.
हल्की सांवली, लेकिन खुद की रसभरी जवानी को देख दीपिका खुद शर्मा गई.
तभी उसके मोबाइल की घंटी बजी, तो दीपिका जैसे नींद से जागी.
उसने फोन देखा तो अनिल का फोन आया था.
फोन उठाने पर अनिल ने पूछा- क्या कर रही हो?
दीपिका खुद को शीशे में देख शर्मा गई और बोली- बस तैयार हो रही थी.
अनिल बोला कि जुम्मन कसाई और चिमन थोड़ी देर में आने वाले हैं. मैं साथ आऊंगा. उनके सामने आराम से आना, घबराने की कोई बात नहीं है.
दीपिका बोली- आप साथ रहोगे तो घबराहट नहीं होगी.
अनिल बोला- तुम कहो तो उन्हें अभी बुला लेता हूं. उनका तो फोन आया था … आने को कह रहे थे. मैंने सोचा पहले तुमसे पूछ लूं!
दीपिका बोली- हां बुला लो आप!
अनिल बोला- ठीक है, हम सब 15 मिनट में आते हैं.
दीपिका बोली- ठीक है जी.
ये सुनकर अनिल ने फोन काट दिया और दीपिका जल्दी से कपड़े पहनने लगी.
फिर वो उठे और बैग से कुछ निकाला Antarvasna और कहा, “जान तुम्हारे लिए साड़ी लाया हूँ प्लीज़ ! इसे पहन लो न !” मैं फिर उठी और बाथरूम चली गई और तैयार हो कर आई तो भैया मुझे ऐसे देखने लगे जैसे कोई शोषणकारी देख रहा हो और वो तुंरत आ कर मुझसे चिपक गए और मुझे फिर बिस्तर पर पटक दिया और अपने कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर आ कर मेरे ऊपर चढ़ गए और कहा “अब नहीं रहा जाता जान , अब तो मैं पूरा फाड़ दूंगा तुझे , आज वैसे भी जा रहा हूँ दिल्ली अब अगले महीने ही आऊंगा !” कहते हुए भैया ने मेरी साड़ी उतार दी।
भैया मेरी चूत पर बैठे हुए थे और मेरी चूचियों को मसल रहे थे . मैंने कहा “रौंद डालो आज मुझे जान, मत छोड़ना आज मुझे, जम कर चोदो आज मुझे ” ये सुनते ही भैया ने दोनों हाथों से कस कर मेरे दोनों चूचुक नौच लिए जिससे मैं चीख उठी और मेरी एक टांग अपने कंधे पर रख कर अपने लण्ड को मेरी चूत पर रख कर जोर का झटका मारा तो…
“आऽऽ अऽऽ ! आऽ आहऽऽ ह …”
“रानी अभी तो आधा ही गया है , अभी तो पूरा जाना है .. ओह ह ह !”
“भाई जान प्लीज़ऽऽऽऽ …! दर्द हो रहा है ! अऽआऽऽआऽऽआह ह !”
“और ले रानी … अब तो तेरी बहन नीतू मेरी साली हो गई है और अब उसे भी करना है ” कहते हुए पूरा लण्ड मेरी चूत में ठेल दिया।
“आ अ आया आह ह हह न ना आ आ !… नीतू तो भोली है …! प्लीज़ उसे तो छोड़ देना !”
“नहीं जानेमन …! साली आधी घरवाली ही तो होती है …!”
“ठीक है जान …! आ आ अ आह हह … कर लेना उसके साथ …! उसे यहीं ले आओ ना मिल लूंगी !”
“ठीक है फिर उसे यहीं चोदूंगा उस कमसिन जवानी को !”
फिर भैया ने मुझे १५ मिनट तक जम कर चोदा। फिर वो ऑफिस की कार से चल दिए एअरपोर्ट के लिए, साथ में मैं भी थी। कार में वे मेरी चूचियाँ दबाते हुए और किस करते हुए गए थे। उन्होंने ड्राईवर को कह दिया की मुझे कॉलेज छोड़ देगा। फिर मैं उनको छोड़ कर कार से आने लगी थी कॉलेज को. मैं कार में आगे ही बैठी थी।
ड्राईवर का नाम मोहन था। मोहन ने कहा “और मैडम लगता है आप अपने भाई से काफी सेक्स किया है !”
मैं यह सुनते ही सन्न रह गई।
मैंने कहा, “प्लीज़ ! ये बात मत किसी को बताना आप !” कहते हुए मेरे हाथ अपने आप उसके कंधे पर चले गए। उसने सुनसान जगह देख कर कार अचानक साइड में अँधेरे में रोक दी। उसने कहा,“आप तो घबराने लगी ! क्या हो गया?” उसने कहते हुए मुझे किस कर लिया और मेरे बूब्स मसलने लगा।
मैंने घबराकर कहा, “ये क्या कर रहे हैं आप?”
“क्यों मैडम अपने भाई से करवा सकती हो और मैं …! मैं क्या मर गया हूँ?”
उसने मेरी सीट पीछे की तरफ कर दी थी जिससे मैं लगभग लेटी हुई थी। उसने एक हाथ मेरी शर्ट के अन्दर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाने लगा, मेरी जींस की जिप भी खोल दी और चूत में ऊँगली करने लगा।
“आया आ अह ह … प्लीज़ मत करो !”
मोहन करीब २६-२७ साल का था और ५”११” कद का होगा और काफी तगड़ा भी था। फिर उसने मेरी जींस खोल के घुटने तक सरका दी, मेरी शर्ट फाड़ दी और फिर उसने अपनी शर्ट उतार दी और अपनी पैंट भी अपने घुटने तक सरका दी। मोहन फिर मेरी टांगों के बीच में मेरे ऊपर आ गया। अब हम ऐसी पोसिशन में थे कि हम दोनों आराम से अलग भी नहीं हो सकते थे। उसने मेरी ब्रा भी मुझसे अलग कर दी और मेरी चूचियों को चूसने लगा।
उसका लण्ड करीब १०” लम्बा और ३” मोटा था जो कि भैया से भी तगड़ा था। मैं घबरा गई थी पर कुछ कर भी नहीं सकती थी।
“प्लीज़ मत करो ना … बहुत तकलीफ होगी मैं मर जाऊंगी !”
“अब होने दो मैडम जो हो रहा है, अब नहीं रहा जाता ! वैसे भी आप बहुत खूबसूरत हैं।” ये कहते हुए उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया।
“प्लीज़ मुझे छोड़ दो ….!” पर धीरे धीरे मुझे भी कुछ होने लगा था।
“अब बस मैडम इसके बाद आप को मैं छोड़ दूंगा !” कहते हुए उसने जोर लगा दिया। पर इतना मोटा लण्ड कहाँ जाने वाला था अन्दर। मैंने भी सोच लिया था कि अब तो चुदना ही है उसके बाद फ्री तब मैंने उसका लण्ड पकडा तो घबरा गई कि इतना मोटा। फिर भी मैंने उसको अपनी चूत में थोड़ा फंसाया और कहा “अब करो पर आराम से !”
ये सुनते ही उसने जोर का झटका मारा …..
“आ आ अ आ अ आह ह ह ….. मर गई ई इ ई इ ” मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ में गड़ गए।
“ऊऊओह सेक्सी बेबी …. अभी तो १/३ ही गया है २/३ तो बचा है !” उसका लण्ड मेरी चूत में बहुत कसा कसा जा रहा था पर लण्ड पूरा नहीं जा पाया और उसने मुझे १० मिनट तक चोदा जिसमे मैं २ बार झड़ गई थी। फिर हम दोनों किसी तरह उठे और उसने तुंरत गाड़ी दौड़ा दी और १० मिनट में अपने घर ले गया। उस वक़्त रात के ९ बज रहे थे।
मैंने कहा,“ये कहाँ आ गए हम, आप तो मुझे कॉलेज ले कर जाने वाले थे?”
“पहले फ्रेश तो हो जाएँ, फिर छोड़ दूंगा।”
“ठीक है पर जल्दी करिए न, अब तो आप मेरे साथ कर ही चुके हैं !”
हम दोनों जैसे ही घर में घुसे, उसने तुंरत दरवाजा बंद कर लिया और मुझसे चिपक गया।
“ये क्या कर रहे हो आप …..! प्लीज़ छोड़ दो !….. अब नहीं !”
“अभी कहाँ हुआ है पूरा जानेमन ! अब तो घर पर ही जम कर करूंगा जानेमन !”
“आप तो आ आ अ आह ह ह …. मत मसलो मुझे प्लीज़ … मुझे कॉलेज छोड़ दो !”
“कॉलेज की तो परसों तक छुट्टी है इसीलिए आज प्लीज़ घर पर ही …!” कहते हुए उसने मेरी दूसरी शर्ट भी फाड़ दी और मेरी जींस उतारने लगा और अपने दाँतों से मेरे निप्प्ल चबाने लगा।
मुझे भी कुछ होने लगा था। तब मैंने भी सोच लिया कि अब कोई चारा नहीं है।
मैं भी फिर उसको किस करने लगी, उसकी शर्ट उतार दी और उसकी पैंट खोल दी। २ मिनट में हम दोनों नंगे एक दूसरे से चिपके हुए किस कर रहे थे। वो मेरे नंगे बदन को देख कर पागल हो गया, मुझे अपने बिस्तर पर ले जा कर पटक दिया और बेतहाशा चूमने लगा। मैं भी उसे चूमने लगी।
“अब नहीं छोड़ूंगा तुम्हें …! आज जी भर कर खाऊँगा … तुम्हें !”
“खा के तो दिखाइए मुझे … ! देखें कितना दम है !”
“जानेमन कार में तो झेल नहीं पाई और दम की बात करती हो?” यह कहते हुए वो मेरी टांगों के बीच में आ गया और अपना लण्ड मेरी चूत पर रख दिया और जोर का झटका मारा।
“आ आ अ आ अ आह ह ह … प्लीज़ निकाल लो …!”
“ऊंह ह ह आह बहुत कसा कसा जा रहा है जानेमन ! अभी तो आधा बाकी है !” कहते ही उसने और जोर लगाया पर उसका लण्ड बहुत मोटा था और मैं कमसिन सी लड़की उसको झेल नहीं पा रही थी। जवाब में मैं उसकी पीठ में अपने नाखून गड़ा रही थी।
“आऽऽअ आह्हहहऽऽऽ उई माँ ऽऽऽ मर जाऊंगी मैंऽऽऽ !”
“आज तुझे अपना बना के ही छोड़ूँगा जानेमन !” कहते हुए उसने ३-४ जोरदार झटके मारे तो मैं कराह उठी क्योंकि अब शायद १-२” ही बाकी था पूरा जाने में।
“आ ऽऽऽऽ अ आहऽऽऽऽ ओऽऽह अ आऽअ आऽऽऽअ … आज मेरा पूरा भुर्ता बन जाएगा, मुझे किसी लायक नहीं छोड़ोगे क्या?”
“जानेमन अब तुम सिर्फ़ मेरे लिए ही रहोगी अब तो बस ! …..”
फ़िर उसने मुझे आधे घण्टे तक जम के चोदा और हम थक कर पसर गए। उसके बाद हम दोनों बाहर खाना खाने गए और वापिस उसी के घर आ गए। मैं बहुत थक भी गई थी और हम दोनों सो गए। करीब एक घण्टे बाद मोहन उठा और मुझे चूमने लगा।
मैंने पूछा,“ क्या हुआ और अब यह क्या हो रहा है ! अब तो हो चुका ना !”
“अभी तो बहुत कुछ होगा मैडम ! और वैसे भी आपको मेरा दम देखना था और आप मेरी हो चुकी हैं।” कहते हुए वो मेरे कपडे उतारने लगा।
“अच्छा … तो दिखाओ ना अपना दम !” कहते कहते मैं भी उसके कपडे उतारने लगी और चूमने लगी। फिर उसने मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दिया।
“आ अ आ आया अआया अह ह्ह्ह … फक्क मी ! कम ओन … चोद डालो आज मुझे, बना लो आज मुझे अपना ….. ओ ऊ ओऊ ऊह हह ”
फिर उसने ३-४ मिनट बाद ५ मिनट तक घोड़ी बना कर चोदा फिर उठा और तेल ले कर आया और मेरी गांड के छेद पर मला तो मैंने पूछा “अब क्या करेंगे आप ?”
“अभी तो पीछे से भी लेना है ” कहते हुए उसने मेरी गांड में एक ऊँगली डाल दी और तेल लगाने लगा।
“आ आ आया अ आया आ आह हह …. प्लीज़ नहीं … पीछे से नहीं ! बहुत तकलीफ होगी !”
“तो होने दो ना … अब तो मेरी ही हो … प्रैक्टिस कर लो और वैसे भी आज मैं अपना लण्ड तुम्हारे हर छेद में डालूँगा ”
फिर उसने मेरी एक ना सुनी और मुझे घोड़ी बना दिया, हम दोनों ज़मीन पर थे और मैं बेड पर अपने हाथ टिकाये हुई थी। उसने अपना लण्ड टिका दिया मेरी गांड के छेद पर और जोर का झटका मारा।
“आ आ आ अ औ ऊ ऊ ओऊ ऊऊ ऊओउऊ ऊऊ ऊह्ह ह्ह्छ … बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ निकाल लो …!”
“आया हह अभी तो १” ही अन्दर है अभी तो पूरा … अह ह्ह्ह !” कहते हुए वो कस कर झटके मरने लगा।
“ओऊ ओऊ ऊह्ह ह्ह्ह मेरा दम निकल जायेगा !” पर शायद मैं भी उसका साथ दे रही थी और मेरी चीखें कमरे में गूँज रही थी।
“जान हम दोनों का दम यहीं निकलेगा पर तुम में क्या दम है !…. आह हह !” फिर हम दोनों खड़े हो गए और वो पीछे से मेरे बूब्स मसलने लगा और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे, जबकि उसका ४ ” लण्ड मेरी गांड में था।
फिर हम दोनों बिस्तर पर आ गए वो बैठ गया और मुझे अपनी गोदी में बैठा लिया और बैठने को कहा तो मैंने भी जोर लगाया …..
“आ अ आ आया अ आह हह …. बहुत दर्द हो रहा है !” वो फिर मेरे कंधे को पकड़ कर जोर लगाने लगा तो ६” लण्ड किसी तरह गया और वो दूसरे हाथ की उँगलियों से मेरी चूत चोदने लगा और २ मिनट बाद मुझे बिस्तर पर लिटा कर जम कर मेरी गांड १५ मिनट तक मरी मैं चीखती रही पर हम दोनों फिर भी लगे रहे। फिर हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गए।
सुबह मैं १२ बजे के करीब उठी तो देखा वो कहीं गया हुआ था। वो १५ मिनट में आ गया और खाने को कुछ लाया था। फिर हम दोनों ने खाना खाया और थोड़ी देर बाद हम दोनों नंगे नहाने एक साथ गए और नहाते समय उसने मुझे खूब मसला और मैंने उसे।
फिर नहाने के बाद वो मुझे अपनी बाँहों में उठा के बिस्तर पर ले कर आ गया और हम दोनों बिस्तर पर पसर गए और एक दूसरे को चूमने लगे और एक दूसरे का लण्ड और चूत सहलाने लगे। फिर वो उठा और मेरी टांगें अपने कंधे पर रख ली और मुझ पर झुक कर मेरी चूत पर अपना लण्ड रख कर अन्दर ठेलने लगा और मेरी चिकनी टांगों को चाटने लगा।
लण्ड कसा कसा जा रहा था। फिर वो लेट गया और मुझे अपने ऊपर कर लिया और कहा,“अब आप करो मैडम … ज़रा देखें आपका दम !”
“काहे की मैडम ?… आपने तो अब मुझे अपना बना लिया है !”
“अभी कहाँ बनी आप मेरी … अभी तो बच्चे पैदा करोगी आप और अपनी चूत से हमारे बच्चे निकलोगी और वो भी कम से कम २ !”
“अभी नहीं … अभी तो मैं सिर्फ १८ की ही हूँ … २ -३ साल बाद प्लीज़ !”
“अभी का किसने कहा है जान मेरी रानी … अभी तो तुम्हें इस लायक तो बना दूं और अभी तो हमें काफी मजे करने हैं !”
बातें करते करते मैं उसके लण्ड को धीरे धीरे अपनी चूत में लेने लगी, वो मजे से नीचे लेटा हुआ था और मेरी चूचियों को मसल रहा था। उसका लण्ड बहुत कसा कसा जा रहा था। फिर उसने नीचे से झटके मरने चालू कर दिए और मैं ऊपर से झटके मारने लगी पर २-३ मिनट में ही निढाल हो गई तो उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और खुद ऊपर आ गया और रगड़ कर चोदने लगा मुझे।
“आ आ अ आः हह … जम कर चोदो मुझे जान !”
“ओह्ह … अब तो रोज ही करूंगा
हम दोनों १५ मिनट तक सेक्स करते रहे और फिर थक कर सो गए। दोपहर में खाना खा कर उसने मुझे कॉलेज छोड़ दिया।
फिर २०-२५ दिन बाद भैया फिर आये और मेरी बहन नीतू को ले कर आये तो मैं खुश हो गई। फिर हम तीनों एक ही कमरे में रुके और मैंने उनको सारी बात बता दी तो उन्होंने पूछा “तो तुम क्या चाहती हो … बताओ ?”
“मैं अब आपके लायक नहीं रह गई हूँ और मैं सोचती हूँ कि अब मोहन से ही शादी कर लूं !” मैं रोते हुए बोली।
“और मेरा क्या होगा … तुमने कभी सोचा ?”
“आप नीतू से कर लो न … प्लीज़ … हम दोनों नीतू को मना लेंगे !”
नीतू और मेरी फिगर लगभग एक ही जैसी है बस शकल से अलग हैं बस उसका बदन मेरे से ज्यादा कसा हुआ है।
“ठीक है … अब तुम मेरी साली हो जाओगी हा हा हा !”
फ़िर हम दोनों ने नीतू को सारी बात बता दी और समझाया तो वो मान गई। फिर हम तीनो बिस्तर पर पसर गए। भैया नीतू की चूचियों को सहलाने और मसलने लगे तो वो कसमसाने लगी।
फिर मैं भी भैया की मदद करने लगी, उनकी शर्ट उतार दी और उनकी पैंट खोल दी। फिर मैं नीतू की भी पैंट उतारने लगी तो भैया ने उसकी शर्ट उतार दी। उसका नंगा बदन देख कर भैया पागल हो उठे, उसको किस करने लगे और कस कस कर चूचियां मसलने लगे, जिससे नीतू भी पागल हो उठी और मैं भी। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और नीतू को मैं चूमने लगी।
हम दोनों बहनें पहली बार एक साथ नंगे एक ही बिस्तर पर थी और अब हम तीनों ही नंगे थे।
अब बाकी अगली कहानी में ! Antarvasna
मेरा नाम मोहित है ! मैं नागपुर Hindi Porn Stories में रहता हूँ ! आप लोगो को मेरी कहानी बताता हूँ ! एक दिन मैं अपने दोस्त वरुण के यहाँ गया ! उसके घर में कोई भी नहीं था ! मैंने आवाज़ लगाई पर किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी ! मैं अन्दर चला गया तो उसके कमरे की तरफ जाते हुए मुझे बाथरूम से आवाज़ आई ! मुझे लगा शायद वो नहा रहा होगा ! मुझे मजाक सूझा ! मैंने दरवाज़े को खोला तो अन्दर से चिल्लाने की आवाज़ आई ! मैंने देखा तो एकदम से आश्चर्य में पड़ गया ! अन्दर उसकी बहन नहा रही थी ! उसका नाम लवी था ! उसका पूरा बदन पानी से गीला था ! उसको नंगा देख के मेरा लौड़ा खड़ा हो गया ! उसने एकदम से दरवाज़ा बंद कर लिया ! फिर मैं वहां से चला गया ! पर वहां से जाने के बाद भी मुझे उसका नंगा बदन याद आ रहा था !
उस दिन मैं उसके बारे में ही सोचता रहा ! फिर दूसरे दिन जब मैं उसके घर गया तो वरुण की तबियत बहुत ख़राब थी ! वो सोया हुआ था ! उसकी बहन दूसरे कमरे में लेट कर टी-वी देख रही थी ! उसने मुझे आवाज़ दी,”मिथ्स इधर आ ! तूने नया मोबाइल लिया ?”
मैं बोला,”हाँ !”
वो बोली,”दिखा, कैसा है?”
मैं एकदम से डर गया क्यूंकि मेरे मोबाइल में ब्लू फिल्म थी ! मैंने उसको फोल्डर के बहुत अन्दर छुपा के रखा था ! फिर मैंने उसे मोबाइल दिया ! मुझे क्या पता था कि उसे मेरे मोबाइल की पूरी समझ आ जायेगी, वो बोली,”तेरे पास तो बहुत गाने हैं! मुझे भी दे !”
मैंने उसे पूरे गाने एक साथ भेज दिए और वहां से चला गया! थोड़ी देर बाद जब वापस आया तो उससे मोबाइल माँगा ! वो बोली,” दो मिनट रुक जा! बस हो ही गया है और वो मुझसे बाते करने लगी! उसने मुझे पूछा ,”क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?”
मैंने कहा,”नहीं !”
फिर वो एकदम से बोली,”तू इतना बड़ा हो गया है (उस समय मेरे उम्र १८ साल की थी) और तेरी एक भी गर्लफ्रेंड नहीं है?”
मैंने भी उसे पूछा,”क्या तेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है?”
उसका भी जवाब न में ही आया ! फिर उसने कहा,”छोड़, जाने दे !”
फिर वो मोबाइल में और गाने ढूँढने लगी तो एकदम से उसे ब्लू फिल्म वाला फोल्डर दिखा ! वो एकदम से चौंक गई ! उसके मुंह से हुउऊ…….. करके आवाज़ निकली! मैं एकदम से डर गया ! उसे पूछा,” क्या हुआ ?”
तो वो बोली,”बच्चू ! १८ साल का भी नहीं हुआ और अभी से ऐसी चीज़ें देखता है? “
मैं बहुत डर गया ! उसे पूछा,”क्यूँ, क्या हुआ ?”
उसने कहा,” यह क्या हैं ?”
मैं चुप हो गया ! फिर थोड़ी देर बाद मैं बोला,” तुझे उससे क्या? तुझे जो लेना है वो ले और मोबाइल वापस दे !”
फिर मैंने एकदम से उसे पूछा,” इतनी भोली मत बन ?? जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं कि तू भी चुपके से ब्लू फिल्म देखती है!”
वो मुझे बोली,” तुझे कैसे पता?”
मैं बोला,”उस दिन जब मैंने तुझे बाथरूम में देखा था तो तू मोबाइल पर ब्लू फिल्म देख रही थी और अपनी चूत में ऊँगली डाल रही थी!”
वो एकदम से डर गई और मुझे बोली,”चुप बैठ !”
फिर वो मुझे बोली,” सॉरी! मैं तेरी बात किसी को नहीं बताउंगी तो तू भी मेरी बात मत बताना !!!”
मैंने कहा,”ठीक है !”
फिर हम नोर्मल हो के बातें करने लगे ! फिर उसने मुझे पूछा,” क्या तूने कभी किसी के साथ सेक्स किया है?”
मैंने कहा,”नहीं ! अभी तक मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है तो किसको चोदूंगा?”
उसने कोई जवाब नहीं दिया ! फिर मैंने उसे एकदम से एक क्लिप दिखाया ! वो बोली,” क्या है और दखने लगी !” वो शरमा गई !
मैं बोला,”शरमा मत ! हमारे अलावा कोई नहीं है! देख ले ! न जाने फिर कब देखने को मिले ?”
वो देख रही थी ! अचानक मुझे पता नहीं क्या सूझा, मैं उसके बाजू में जा कर बैठ गया और हम साथ-साथ उस क्लिप को देखने लगे ! वो बहुत गरम हो गई थी और मेरा लौड़ा भी तन गया था ! मैंने जान-बूझ कर उसकी टांगों पर हाथ लगाया ! उसने मेरा हाथ हटाया पर मैं मानने वाला नहीं था! मैंने उसका हाथ मेरे लौड़े पे रख दिया! उसने मुझे डांट दिया और बोली,”अच्छे से रहो !”
मैंने उसको पूछा ,” क्यूँ न हम भी पहली बार सेक्स करके देखें ?”
वो बोली,”पागल है क्या?”
मैंने कहा,” ठीक है ! तो मुझे सिर्फ एक बार तेरे स्तन ही दिखा दे !”
वो बोली,” नहीं!”
मैंने जबरदस्ती उसके टॉप पर अपना हाथ लगाया ! वो जोर से चिल्लाई ! मैंने एक हाथ से उसका मुंह दबा दिया और उसके स्तन दबाने लगा ! वो छटपटाने लगी ! मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसके वक्ष जोर से दबाने लगा! वो भी शांत हो गई! मैं उसके बूब्स चूसने लगा !
वो बोली,” यह गलत है! अगर कोई आ गया तो हम फंस जायेंगे !”
मैंने कहा,”तू उसकी चिंता मत कर ! मै सारे दरवाजे बंद करके आया हूँ !”
वो बोली,”अगर वरुण आ गया तो ?”
मैंने कहा,”उसका भी दरवाज़ा बंद कर दिया है!”
फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और अपना लौड़ा उसके हाथ में दे दिया और कहा,” अब इसे मुंह में ले और लॉलीपोप जैसा चूस !”
वो बोली,” तू भी तो मेरी चूत चाट !”
फिर मैं उसकी चूत की तरफ लेट गया और अपना लौड़ा उसके मुंह में दे दिया ! हम दोनों ५-७ मिनट तक चूसते ही रहे ! फिर मैंने उसको सीधा किया और अपने लौड़े पर क्रीम लगाई ! मैंने उसकी चूत पर भी बहुत सारी क्रीम लगा दी !
वो बोली,”कंडोम नहीं है?”
मैंने कहा,”झड़ने से पहले ही निकाल लूँगा !”
वो बोली,”पक्का निकाल लेना !”
फिर मैंने उसकी चूत के बीच में अपना लौड़ा रखा और धीरे-धीरे अन्दर डालने लगा ! वो चिल्ला रही थी,” बहुत दर्द हो रहा है………..बाहर निकाल !!!!!!!!!!”
पर मैं कहाँ मानने वाला था !!! मैंने जोर से झटका मारा और मेरा ७ इंच का लौड़ा उसकी चूत में पूरा घुस गया ! वो जोर से चिल्लाई………………! मैंने उसका मुँह दबा दिया ! वो रो रही थी ! उसकी चूत में से खून आ रहा था ! फिर मैं धीरे-धीरे डालने लगा ! करीब १५ मिनट तक उसे चोदता रहा ! पहले वो चिल्लाती रही लेकिन फिर उसे भी मज़ा आने लगा ! वो भी नीचे से झटके देने लगी ! थोड़ी देर बाद उसकी चूत में से पानी आने लगा !
मैं उसे और जोर से चोदने लगा ! कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया ! चुदाई करते-करते मेरे ध्यान में कुछ भी नहीं रहा और मैंने पूरा वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया ! उसके भी ध्यान में यह बात नहीं आई ! थोड़ी देर बाद जब हम अलग हुए तो वो बोली,”यह हमने क्या किया ? बिना प्रोटेक्शन के ही सेक्स किया ? और तुमने पूरा वीर्य मेरी चूत में ही डाल दिया ??”
वो रोने लगी और बोली ,”अगर मैं गर्भवती हो गई तो ?”
मैंने कहा,” तू डर मत ! मैं तुझे आई-पिल (गर्भ निरोधक दवा) ला दूंगा ! वो ले लेना और मैं उठ गया !”
उसने बिस्तर पर देखा तो वो डर गई ! उसका खून पड़ा हुआ था ! मैंने कहा,”डर मत ! पहली बार में सबका खून निकलता है !”
फिर मैं वहां से चला गया ! दूसरे दिन मैं फिर से उसे मिलने आया और उसे आई-पिल दी और बोला,” कल मजा आया न ? आज फिर से सेक्स करेंगे ! आज तो मंहगा वाला कंडोम भी लाया हूँ !”
उस दिन हम फिर से सेक्स करने लगे ! Hindi Porn Stories
देसी भाभी पोर्न स्टोरी में एक भाभी को अपने पति से पूरा चुदाई सुख नहीं मिल रहा था. तो जैसे ही मौक़ा मिला, उसने गैर लंड को अपनी चूत में ले लिया.
मेरा नाम जागृति है और मैं 28 साल की हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
हालांकि मैंने कई कहानियां लिखी हैं … पर किसी न किसी संकोच की वजह से कभी पोस्ट नहीं की.
पहले मैं खुद के बारे में बता दूँ.
मैं काफी हॉट दिखती हूँ.
लोग मुझे पसंद करते हैं, पर मैं कोई हूर की परी नहीं हूँ.
मैं झूठ बोलकर अपनी कहानी को नकली नहीं बनाना चाहती हूँ.
इस देसी भाभी पोर्न स्टोरी में मैं सब सच लिखने की कोशिश करूँगी.
मैं एक आम लड़की हूँ, बस मेरे ‘आम’ किसी आम लड़की जैसे नहीं हैं.
वे बहुत ही ख़ास हैं!
मैं बड़े गर्व से बताना चाहूँगी कि मेरी ब्रा का साइज़ 36 है.
अगर आपको ब्रा की साइज़ का ज़रा भी अंदाज़ा होगा तो आप समझ चुके होंगे कि मेरे ‘आम’ किसी बड़े खरबूजों से कम नहीं हैं.
अब मैं अपनी निजी जिंदगी के बारे में भी कुछ बता देती हूँ.
मेरी शादी हुए कुछ साल हो गए हैं और मेरे पति काफ़ी बोरिंग इंसान हैं.
उन पर लानत है कि मेरी जैसी लड़की को शादीशुदा होते हुए भी अपनी प्यास बुझाने के लिए यहां वहां जाना पड़ता है.
वैसे तो मेरी रंगरेलियों के कई किस्से हैं.
मैं आपके साथ धीरे धीरे सब शेयर करूँगी.
पर यह एक किस्सा जो आज बता रही हूँ, वह बड़ा ही रोमांटिक हैं और कामुक कर देने वाला वाकिया है.
एक बार मैंने ब्यूटी सैलून की होम सर्विस देने वाले को ऑनलाइन बुक किया था.
मैंने सोचा था कि लड़की आएगी.
पर एक लड़का आ गया.
शुरू में थोड़ा अजीब सा लगा, पर फिर मैंने सोचा कि कई बार यूनिसेक्स सैलून में जाती हूँ तो उधर लड़के ही बेसिक ब्यूटी सर्विसेज देते हैं.
तो अजीब लगने की कोई बात नहीं लगी.
फिर मुझे सिर्फ़ पैडीक्योर और मैनीक्योर ही करवाना था.
मेरे घर पर सिर्फ़ मैं, मेरे पति और मेरे ससुर ही रहते हैं.
उस वक़्त मेरे पति ऑफिस गए हुए थे और मेरे ससुर ड्राइंग एरिया में टीवी देख रहे थे.
अब क्योंकि मुझे ब्यूटी सर्विसेज लेनी थी तो ज़ाहिर था कि उसे मैं अपने रूम में ही ले जाकर सेवा लूँगी.
हमारा घर एक ड्यूप्लेक्स है और मेरा रूम ऊपर की मंजिल में है.
नीचे ड्राइंग एरिया है और मेरे ससुर का कमरा है.
मैं उस लड़के को अपने कमरे में ले गयी.
मेरे ससुर अच्छी पोस्ट से रिटायर्ड हैं और काफ़ी खुले ख्यालों के हैं.
तो उनकी तरफ से कोई प्राब्लम नहीं थी.
मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद नहीं किया क्योंकि किसी के आने की कोई उम्मीद थी ही नहीं.
उसने अपना नाम आकाश बताया और सैटअप करना शुरू किया.
वह सामान निकाल रहा था और मैं उसकी तरफ देख नहीं रही थी.
पर मेरा ध्यान उसी की तरफ था क्योंकि काफ़ी अच्छी कद-काठी का था.
मेरे बेडरूम में एक अंजान आदमी का इस तरह होना, वह भी जब मेरे ससुर घर पर थे, मेरे लिए थोड़ा असहज कर देने वाला था.
मैं एक लड़की ब्यूटीशियन के आने की उम्मीद कर रही थी तो मैंने एक आरामदायक वन पीस पहना हुआ था.
इस वन पीस की स्लीव्स बहुत ही छोटी और ढीली थीं ताकि मैनीक्योर के बाद पूरे हाथ पर अच्छे से मसाज ले पाऊं.
साथ ही पैडीक्योर में भी आराम से घुटनों तक मसाज हो जाए.
उस लड़के ने सैटअप जमाया और मुझसे पूछा- मैम, शुरू करें?
मैंने कहा- हां श्योर!
मैं बेड के किनारे पर बैठ गयी.
उसने फ्लोर पर पैडीक्योर मशीन लगा दी थी.
मेरे पैर उठा कर उसने मशीन में रख दिए और मशीन को चालू कर दिया.
तभी उसने अचानक से मेरा गाउन ऊपर उठाया और घुटनों से भी ऊपर कर दिया.
एक लड़के के हाथ यह सब करवाना मुझे काफ़ी अजीब महसूस हुआ.
एकदम से नीचे वाले छेद में गुदगुदी सी होने लगी, पर मैंने सोचा कि यह तो उसका तो रोज़ का ही काम है, क्या शर्माना.
मैं अपनी जांघों को कसके एक दूसरे से चिपकाई हुई थी क्योंकि नीचे पैंटी पहन रखी थी, पैंट्स या ब्लूमर नहीं पहना था.
उसने मुझसे सहज रहने को कहा, पर मैं वैसे ही अपनी टांगों को छिपा कर बैठी रही.
उसने अचानक से मेरी एक टांग उठाई और अपने घुटने पर रख ली.
फिर मेरी टांग में क्रीम लगाने लगा.
अब इस तरह से करने से मेरी जांघें खुल चुकी थीं और मुझे पता था कि उसे मेरी पैंटी दिख रही थी.
यह सोच कर ही मैं थोड़ी गीली होने लगी कि एक आदमी मेरे बेडरूम में मेरी टांग पकड़ कर बैठा है और मेरी पैंटी भी देख पा रहा है.
इतने में उसने दूसरी टांग उठाई और उस पर क्रीम लगा कर दोनों टांगें विपरीत दिशा में फैला कर पैडीक्योर टब के दोनों तरफ रख दीं.
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि वह मेरी टांगें फैला कर ऑलमोस्ट उनके बीच में बैठा है और मेरी चड्डी देख रहा है.
शायद मेरी चूत को सूंघ भी रहा है और मैं चुपचाप बैठी हूँ.
उसकी हरकतें मुझे अब कुछ ठीक नहीं लग रही थीं.
ऐसा लग रहा था कि उसके दिमाग़ में कुछ चल रहा है.
पर मुझे न जाने क्यों … यह सब कुछ थोड़ा अच्छा भी लग रहा था.
तभी उसने मुझसे पूछा- फुल बॉडी मसाज, फुल बॉडी वैक्सिंग के पैकेज पर काफ़ी डिस्काउंट चल रहा है, आप लेंगी मैम?
यह सुन कर जैसे मैं सुन्न सी हो गयी, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोलूं.
तभी उसने एक ऐसी बात कही कि मेरी आँखों के आगे अंधेरा सा छा गया.
‘बिकिनी वैक्स भी फुल बॉडी में इंक्लूडेड है!’
यह सुन कर मुझे लगा कि मैं कहां छुप जाऊं.
मेरी चूत पर काफ़ी घने बाल थे क्योंकि मैंने बहुत दिनों से हेयर रिमूवल नहीं किया था.
पति के साथ चुदाई किए हुए भी दो महीने हो चुके थे.
शायद मेरी पैंटी लाइन से उसने वह बाल देख लिए थे और तभी वह यह कह रहा था.
मैंने एकदम से उससे कह दिया- नहीं, मैं ऐसी सर्विसेज घर पर नहीं ले सकती … क्योंकि मेरे ससुर घर पर हैं.
यह कहने के बाद मुझे लगा कि यह क्या कह दिया मैंने … मैं सीधा मना भी कर सकती थी.
पर मैंने ऐसे कहा, जैसे मुझे उससे कुछ भी करवाने में आपत्ति नहीं होती … अगर मैं घर पर अकेली होती.
उसने कुछ नहीं कहा और बहुत कामुक तरह से मुझे छूते हुए मेरा पैडीक्योर करता रहा.
ऐसा लग रहा था कि वह मुझे उत्तेजित करने की कोशिश कर रहा हो.
मैं हो भी रही थी.
ऊपर से वह बार बार मेरी पैंटी की तरफ भी देख रहा था.
मुझे महसूस हो रहा था कि मैं गीली हो रही हूँ, पर मैं चुपचाप अपने मोबाइल में देखती रही.
उसने पैडीक्योर पूरा किया बस मसाज होना बाकी था.
तभी उसने मैनीक्योर शुरू किया और पहले मेरे एक कंधे की मसाज करने लगा.
यह अजीब था क्योंकि अक्सर मैनीक्योर के बाद मसाज होती है.
पर उसने पहले शुरू कर दी थी.
वह मेरी कोहनियों से ऊपर मेरे कंधों तक आता … फिर अपनी उंगलियां मेरी स्लीव्स के अन्दर तक ले जाता.
फिर मेरी गर्दन पर मसाज करता और अपना हाथ लगभग मेरी छाती तक ले जाता.
ऐसे लग रहा था जैसे वह मुझसे आज्ञा माँग रहा हो कि उसे मम्मे छूने की पर्मिशन दे दी जाए.
मैं चुपचाप मोबाइल ही देख रही थी कि तभी नीचे से आवाज़ आई- जागृति, घर का दरवाज़ा बंद कर लो, मैं स्टेशन जा रहा हूँ.
मुझे याद आया कि मेरे ससुर के दोस्त आज कहीं जाने वाले थे और वह उन्हें ड्रॉप करने जा रहे थे.
यह सुन कर जैसे उस लड़के के हाथों में एक अलग ही जोश आ गया.
इस बार मेरी छाती के और अन्दर हाथ ले जाते हुए उसने धीरे से मेरे कान में कहा- दरवाजा बंद करके आ जाइए, मैम!
उसकी गर्म सांसें जैसे मुझसे कह रही थीं कि वह मेरा पूरा बदन टटोलना चाहता है.
मैं चुपचाप गेट बंद करके आ गयी.
मेरी सांसें अब काफ़ी तेज़ थीं और उसने यह बात नोटिस कर ली थी.
उसने कहा- मेम फुल बॉडी वैक्सिंग ले लो … मैं मसाज कॉंप्लिमेंटरी दे दूँगा.
इस बार उसने मेरे मम्मे छू लिए थे.
बस वह मेरी चूचियों के निप्पल तक नहीं पहुंच पाया था.
मैंने फिटिंग की ब्रा पहनी थी, तो वह मेरे एक दूध की ऊपरी चमड़ी को सहला कर वापस आ गया था.
मेरी चूत अब पहले से फड़फड़ा रही थी.
मैं दिमाग़ से नहीं, अब चूत से ही सोच रही थी.
अंतत: मैंने कह दिया- ठीक है कर दो वैक्सिंग!
यह सुन कर उसने मुझे ब्रा उतरने को कहा ताकि वह अच्छी तरह मसाज दे पाए.
असल में वह मुझे गर्म कर रहा था.
मैंने ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को ढीली करके चूचों से नीचे कर दी.
उस गैर मर्द ने पहली बार मेरी चूचियों पर अपनी उंगलियां फिराईं.
‘आह … मज़ा आ गया … बिल्कुल कड़क हो चुकी थीं.’
बस ऐसा लग रहा था कि मेरी चूचियां वन पीस फाड़ कर बाहर निकल जाएंगी.
मैं चाहती थी कि वह अपने मुँह में लेकर इनको अब चूस ले.
उसने जैसे मेरे दिल की बात सुन ली, उसने मेरे सामने के बटन्स खोल दिए और मुझे शीशे के सामने बैठने को कहा.
शीशे के सामने लाकर उसने कहा- मसाज का आनन्द लेना है तो शरीर को ढीला छोड़ दो और सब खोल दो.
उसके मेरे दोनों दूध सहज भाव से खींच कर बाहर निकाले और उन्हें देख कर हैरान हो गया.
बहुत मुश्क़िल से मेरे पूरे मम्मे बाहर आ पाए थे, दरअसल मेरे ऐसे लग रहे थे मानो दूध फँस गए हों.
इतने बड़े दूध उसने पहले असलियत में देखे नहीं होंगे.
उस पर मेरे निपल्स भी बहुत बड़े बड़े हैं. कड़क होकर जामुन से कम छोटे नहीं लगते हैं.
उसके मुँह से सच में पानी टपकने लगा, पर वह अभी भी ब्यूटीशियन का चोला पहले हुए था.
वह कहने लगा- बाहर से हमेशा पता नहीं चलता कि थैले के अन्दर कितना बड़ा फल है.
मैंने कुछ नहीं कहा.
पर वह शायद मुझे हंसाना चाहता था.
उसने कहा- मैं पहले नीचे की वैक्सिंग कर देता हूँ.
वह फिर से मेरी टांगें फैला कर मेरी पैंटी के बहुत करीब आकर बैठ गया और जोर जोर से सूंघने लगा.
जब तक वैक्स गर्म हो रहा था, उसने मेरी पैंटी बहुत प्यार से उतारी.
उस पर लगे मेरे पानी को देखा और कहा- बहुत सुंदर पैंटी है लेकिन अन्दर की चीज़ इससे भी सुंदर है.
मैं शर्मा गयी और नीचे देखने लगी.
उसने कहा- शीशे में देखती रहिए कि मैं क्या कर रहा हूँ, बाद में शिकायत ना हो.
मुझे दिखा दिखा कर उसके मेरी गीली चूत एक वेट वाइप से पौंछ दी और फ़ुद्दी के ऊपर टिश्यू लगा दिया.
फिर उसने वैक्स लिया और मेरे नीचे लेफ्ट साइड अच्छे से वैक्स लगा दिया.
जब वह वैक्स पर कपड़ा लगा रहा था, मुझे घबराहट हो रही थी क्योंकि मैंने इससे पहले कभी वहां पर वैक्स नहीं करवाई थी.
उसने मुझसे आश्वासन दिया और कहा- कुछ नहीं होगा, आपकी झांटों की सफाई अब मेरी ज़िम्मेदारी है.
यह कर उसने एक झटके से कपड़ा खींच दिया.
मैं जैसे ही दर्द से चिल्लाने वाली थी, उसने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और चाटने लगा.
मुझे झांटों के खिंचने से दर्द तो हो रहा था पर उसके चाटने से मुझे इतना सुकून मिला जैसे सालों से सूखी धरती पर बारिश आ गयी हो.
मैंने अपनी दोनों टांगें और ज्यादा फैला दीं और उसे उसके मन की करने दी.
उसने मेरी चूत को चाट चाट कर मुझे ठंडक दे दी और जैसे एक साइड में झांटों के साथ किया था.
वैसे ही उसने दूसरी तरफ भी वैक्स करके झांटें खींच कर चूत चिकनी कर दी और पुन: चाटने लगा.
शायद ही कभी किसी ने मेरी इतनी अच्छी चूत चाटी थी.
दर्द कब गायब हुआ और मज़ा आने लगा … कुछ पता ही नहीं चला.
उसके चाटने से मैं और गीली होने लगी और अब वह मेरी फ़ुद्दी भी चाट रहा था.
मैं कामुक आवाज़ें निकालने लगी थी.
वह बार बार मेरा ध्यान शीशे की तरफ ले जाता ताकि मैं देख पाऊं कि वह क्या कर रहा है.
शीशे में अपनी चूत के साथ सब होता देख कर मैं और भी ज़्यादा गर्म होती गयी.
उसने अपनी जीभ मेरी चूत में डाल डाल कर मुझे गर्म कर दिया.
जैसे वह मेरी चूत को अपने मुँह से ही चोदने की कोशिश कर रहा था.
वह कुछ देर रुक कर मेरी आंखों में देखने लगा और फिर से चूत चाटने लगा.
इस बार उसने धीरे से एक उंगली भी मेरी चूत के अन्दर घुसेड़ दी और दाने को मसलने लगा.
मैं महीनों से नहीं चुदी थी और यह सब मुझे इतना मज़ा दे रहा था कि मुझे कोई याद ही नहीं रहा था कि मैं शादीशुदा हूँ और अपने बेडरूम में एक अंजान मर्द से अपनी चूत चटवा रही हूँ.
अब मैं कराह रही थी- आह आह आकाश … रूको मत प्लीज करते रहो.
उसने ऐसे ही मेरी फ़ुद्दी चाट-चाट कर एक बार मुझे चरम सुख का आनन्द दे दिया.
मैं झड़ गयी और मेरा शरीर ढीला पड़ने लगा.
तभी वह खड़ा हो गया और वापस मेरे पीछे खड़ा होकर मुझे मसाज देने लगा.
अब वह बहुत अच्छी तरह मेरे मम्मे दबा रहा था.
जैसे कोई आम को चूसने से पहले पिलपिला करता है, ठीक वैसे ही वह मेरे दूध मसल रहा था.
मैं मज़े ले रही थी, अपने दूध मसलवाती हुई शीशे में देख रही थी.
वह मेरी चूचियां ऐसे भींच रहा था जैसे उनमें से दूध निकालने की कोशिश कर रहा हो.
उसने मेरे दूध दबा-दबा कर खूब मज़े लिए और मुझे दिए भी.
फिर सामने आकर बैठ गया और मेरे एक दूध को चूसने लगा.
वह मेरे मम्मों पर ऐसे टूट पड़ा था, जैसे कोई भूखा बछड़ा अपनी गाय के थन पर टूट पड़ता है.
उसने हाथों से दबा दबा कर जो मेरी चूचियां चूसी, उससे मैं निहाल हो गई.
पहले एक-एक, फिर दोनों को मिला कर एक साथ चूसीं.
ऐसा लग रहा था कि वह सारा रस पीकर इनको चूसे हुए आम की तरह लटका देगा.
उसने मेरी चूचियां ऐसी लाल की कि कई दिनों तक मुझे उन पर क्रीम लगानी पड़ी.
आख़िर में उसने कहा- हाथ और मुँह से बहुत मसाज दे दी, अब मैं अपना ख़ास यंत्र निकालता हूँ, उससे मैं तुम्हारा बचा हुआ रस निकालूँगा.
वह बेदर्दी मुझे एक भूखी रांड समझ कर अपनी सभ्यता भूल कर तुम तुम्हारी करने लगा था.
सच तो यह है कि बॉस बन कर चूत चुदवाने से ज्यादा मजा एक दासी बन कर चुदवाने में आता है.
चुदाई के वक्त जब मर्द औरत को गाली देकर चोदता है और उसे कुचलता है तभी तृप्ति मिलती है … कम से कम मेरे साथ तो ऐसा ही है.
उसने मुझे खड़ा कर दिया और आगे की तरफ झुका दिया.
फिर अपनी जीन्स की ज़िप खोली और अपने तने हुए फड़फड़ाते लंड को बाहर निकाला.
मैं घूम कर लंड देखा तो लगा कि आज मेरी चूत की खैर नहीं.
फिर उसने मुझे पकड़ कर मेरी चूत में पीछे से अपना लंड पेला तो मेरी आह निकल गई.
उसने एक बार भी मेरी आह कराह पर ध्यान नहीं दिया और वह किसी मदांध सांड की तरह चूत फाड़ता चला गया.
बड़ी लंबी रेस का घोड़ा था वह … देसी भाभी पोर्न चुदाई करते हुए करीब चालीस मिनट के बाद उसने अपना पानी मेरी ड्रेसिंग टेबल पर छोड़ा.
इन 40 मिनट में उसने मुझे झटके मार मार कर मेरे हिलते हुए दूध दिखा दिखा कर और खुद देख कर जो तोड़ा है, उससे मेरी महीनों की सेक्स की प्यास बुझ गई थी.
उसने मेरे बदन का हर एक हिस्सा खोल दिया था.
खड़ा करके, घोड़ी बना कर, कुतिया बना कर … ऐसे अलग अलग आसनों में मेरी गांड पर थप्पड़ मार मार कर और मेरे दूध दबा दबा कर मेरे ही बेडरूम में मुझे चोदा.
उसने उस दिन ड्रेसिंग टेबल पर ही मुझे घोड़ी बना कर मेरी चूत फाड़ दी, बहुत सारा पानी निकाला.
जो सुख मेरे पति ने सालों में नहीं दिया, वह उसने अपनी कुछ घंटों की सर्विस में मुझे दे दिया.
इस घटना ने मेरी चूत की प्यास को जगा दिया था.
अब मेरी फुद्दी अकेली और सूखी नहीं रह सकती थी.
चुदाई के बाद कुछ मिनट तक हम दोनों बेड पर पड़े आराम करते रहे.
फिर उसने एक पेन से मेरे एक दूध पर अपना नाम और दूसरे पर अपना नंबर लिख दिया.
मैं मुस्कुरा दी.
वह मुझे चूम कर वापस चला गया.
उसे मैंने वापस बुलाया या नहीं, यह मैं फिर कभी बताऊंगी, तब तक के लिए बाय … चुदाई करते और करवाते रहें.
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