Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Chikkaballapur: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Chikkaballapur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Chikkaballapur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Chikkaballapur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Chikkaballapur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Chikkaballapur massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Chikkaballapur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Chikkaballapur who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Chikkaballapur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Chikkaballapur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Chikkaballapur

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Chikkaballapur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

प्रेषक – राहुल कुमार Antarvasna

आज जब मैंने लॉग-इन किया तो वह Antarvasna ऑनलाईन थी। चैट में उत्तर में उससे पूछा, “आप आगरा में कहाँ की रहने वाली हो, और आप की उम्र क्या है?

तो उसका उत्तर आया कि, “मैं शाहगंज में रहती हूँ, और मेरी उम्र २२ वर्ष है।”

फिर मैंने उससे पूछा, “कभी किसी के साथ सेक्स किया है?”

“नहीं।”

“क्यों? कभी मन नहीं करता सेक्स करने के लिए?”

“मन तो बहुत करता है, पर मुझे डर लगता है। कहीं सेक्स करने के बाद घर पर पता न चल जाए।”

“इस मामले में मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ, अगर तुम मान जाओ तो।” – मैंने उसे समझाने की कोशिश की।

“कैसे?” – उसने उत्सुकतावश पूछा।

“मैं तुम्हारे साथ सेक्स करने को तैयार हूँ, और मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊँगा, ये मेरा वादा है।”

“लेकिन यह कैसे सम्भव होगा। तुम मुझे कहाँ मिलोगे, और हम लोगों को ऐसी जगह कहाँ मिलेगी जहाँ हम दोनों के सिवा तीसरा कोई न हो?”

“हम लोग होटल जाएँगे, वहाँ एक कमरा ले लेंगे और पूरा दिन मज़े करेंगे” – मैंने लिखा।

“नहीं, मुझे डर लगता है, कहीं उल्टा-सीधा हो गया तो?”

“ऐसा कुछ नहीं होगा, मैं कॉण्डोम चढ़ा लूँगा अपने लण्ड पर, फिर कुछ नहीं होगा। तुम मुझसे शुक्रवार को बहू प्लाज़ा पर मिलो, सुबह ९:०० बजे।”

“ठीक है”

और इस तह वह शुक्रवार को मुझसे चुदवाने के लिए तैयार हो गई। मैंने अभी तक उसको देखा भी नहीं था, ना ही उसकी आवाज़ सुनी थी। मैं पूरे जोश़ में था कि मुझे शुक्रवार को एक अनछुई चूत मिलने वाली है, जिसका उदघाटन सील तोड़कर मैं ही करने वाला हूँ।

शुक्रवार को नियत स्थान पर मैं सुबह ८:४५ को ही पहुँच गया, दवा की दुकान से कामासूत्र कॉण्डोम लिए, फिर उसका इन्तज़ार करने लगा। उसने कहा था कि मैं गुलाबी रंग की सलवार-कमीज़ पहनकर आऊँगी, मैंने भी उसे बताया था कि मैं काली टी-शर्ट और नीली जीन्स और जैकेट पहने रहूँगा। इससे हम लोग एक-दूसरे को पहचान सकते थे।

लगभग २० मिनटों के बाद एक लड़की मेरे सामने आई, और पूछा – “राज?”

“हाँ! तुम प्रिया हो?” – मैंने प्रत्युत्तर कहा।

उसने हाँ कहते हुए अपनी गर्दन नीची कर दी। वह एकदम ख़ूबसूरत थी। क़द ५.४ फीट, फ़िगर ३८-२६-३८। दिखने में एकदम सेक्सी थी. उसने गुलाबी रंग की सलवार-कमीज़ पहनी हुई थी। ऊपर से उसकी चूचियाँ साफ दिखाई दे रहीं थीं, वो भी पूरे माल्टा के आकार में थे। उसकी चूचियाँ देखकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया था। मैं उसको लेकर एक होटल में गया और वहाँ एक कमरा लेकर हम उस कमरे में चले गए। कमरे में जाते ही देखा कि वहाँ एक बिस्तर, और बाथरूम-टॉयलेट था। मैंने दरवाजा बन्द कर दिया, वह बिस्तर पर बैठी थी। मैं बाथरूम जाकर तरोताज़ा हुआ, आकर उसे भी तरोताज़ा होने को कहा, तो वह उठकर बाथरूम चली गई। थोड़ी देर के बाद वह बाथरूम से जैसे ही बाहर आई, वैसे ही मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और उसको धीरे-धीरे चूमने लगा। वह शरमा कर अपने आप को छुड़ाने लगी। मैंने पूछा, “क्या हुआ?”

“मुझे शर्म आती है।”

“हम लोग यहाँ मज़े करने आए हैं। अगर तुम ऐसे शरमाओगी तो न तो तुम मज़े कर पाओगी, न ही मुझे मज़ा आएगा। तो तुम भी शुरु हो जाओ, मुझे प्यार करो।”

और मैं उसकी गर्दन पर, होठों पर चूमने लगा। बीच-बीच में मैं उसके कान को भी चूमता। इन सब हरक़तों से वह भी उत्तेजित हो गई और मुझे प्रतिक्रिया भी देने लगी। मैंने अपना एक हाथ आगे की ओर लाते हुए उसकी एक चूची पर रख दिया और मेरी उँगली कपड़ों के ऊपर से ही चूची पर धीरे-धीरे गोल-गोल घूमने लगीं। वह एकदम सिहर गई और मुझसे कहने लगी – “प्लीज़ ऐसा करते रहो, उसे ज़ोर से दबाते रहो।”

मैं कुछ देर बाद फिर उसे फिर धीरे-धीरे दबाने लगा। वाह! क्या माल्टा थी। एकदम टाईट। फिर मैंने अपना दूसरा हाथ भी आगे लाते हुए उसकी दूसरी चूची पर रख दिया और धीरे-धीरे उसकी दोनों चूचियाँ दबाने लगा। थोड़ी देर के बाद मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी चूत पर रख दिया। जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत पर गया वह मेरा हाथ हटाने का प्रयास करने लगी। मैंने उससे कहा, “प्लीज़!”

वह मान गई और दोनों हाथों से उसने मुझे जकड़ लिया। मैं कमीज़ के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मैंने कमीज़ के अन्दर हाथ डाला और उसकी चूत सहलाने लगा। वह मुँह से सिर्फ आआआआआआआहहहह की आवाज़ें निकाल रही थी। अब मैंने वही हाथ ऊपर ले जाकर उसकी कमीज़ के नीचे से उसकी चूचियाँ दबानी शुरु कर दीं। उसने अन्दर ब्रा भी पहन रखी थी। मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ एक-एक करके दबाने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने दूसरे हाथ से उसकी कमीज़ की चेन खोल दी, और उसकी कमीज़ ऊपर करके निकाल दी। अब वो मेरे सामने सफ़ेद ब्रा में खड़ी थी, वह कोमल सी सुन्दर लग रही थी।

मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ दबाने लगा और फिर दोनों हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, और उसकी ब्रा उसके हाथों से अलग कर दी। वाह! क्या दूध थे उसके। पूरा गोलाकार था। न ही छोटे, ना ही अधिक बड़े बिल्कुल मध्यम आकार की थी उसकी चूचियाँ। चूचियों के ऊपर गुलाबी रंग के दाने थे। क्या ख़ूबसूरत नज़ारा था? मैंने मेरी ज़िन्दगी में पहली बार इतनी अच्छी चूचियाँ देखी थीं। ऐसी चूचियाँ किसी-किसी की ही होती होंगी। मैं तो पागल हो गया था। मैंने उसके दोनों माल्टा हाथों में ले लिया और दबाने लगा। क्या कसाव था उनमें। वाह! मैं तो बस उसे दबाते ही रह गया। ऐसा लग रहा था कि इन्हें छोड़ कर कहीं ना जाऊँ।

१५-२० के बाद मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत सहलाने लगा। और फिर धीरे से उसके सलवार का नाड़ा खींचा। जैसे ही खींचा, उसकी सलवार नीचे गिर गई। तभी मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और बिस्तर पर लिटा दिया, और सलवार पैरों से आज़ाद कर दी। उसने सफ़ेद रंग की चड्डी पहनी थी। वह शरमा के दूसरी ओर देख रही थी। मैंने अपनी शर्ट उतारी, बनियान निकाली और पैन्ट भी उतार दी। अब मैं उसके सामने सिर्फ अन्डरवियर में था, और वह मेरे सामने सिर्फ छोटी सी चड्डी में। मेरा लंड तो एकदम खड़ा हुआ था। मैं बिस्तर पर उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा।

मैंने उसे कहा मेरा लंड चखोगी, तो उसने कहा, “मुझे मुँह में नहीं लेना।”

“ठीक है, तुम्हारी मर्ज़ी।”

अब मैं फिर अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी चड्डी गीली थी। मैंने हाथ फिर उसकी चड्डी में डाल दिया, वह सिहर गई। मेरे हाथ को उसकी झाँट के बाल लग गए। मैंने उससे पूछा – “कभी इसे साफ़ नहीं करती?” उसने गर्दन हिलाकर ना कहा। मैं एक उँगली उसकी चूत की छेद पर फेरने लगा। वह आआआहहहहह करती रही। मैं फिर वही ऊँगली उसकी चूत में घुसाने लगा, वह फिर से चिल्लाने लगी। मेरी पूरी उँगली उसकी चूत में चली गई। उसकी चूत काफी कसी हुई थी। फिर मैं मेरी उँगली अन्दर ही गोल-गोल घुमाने लगा। वह सिर्फ आहें भर रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसकी चड्डी से निकाला और उठ बैठा। अब मैं उसकी चड्डी उतारने लगा। वह शरमा रही थी। मैंने उसकी चड्डी उसके पैरों से अलग कर दी और उसकी चूत देखने लगा। तभी उसने अपने दोनों पैर एक दूसरे के ऊपर चढ़ा कर रख दिए और चूत छुपाने की कोशिश करने लगी। मैंने उसके दोनों पाँव अलग करके पकड़ लिए।

और अब मुझे उसकी चूत दिख रही थी। क्या चूत थी! एकदम कोरी चूत। चूत पूरी तरह से सील पैक थी। मैंने फिर अपनी एक उँगली उसकी चूत में घुसा दी और उसकी चूत के गुलाबी होंठों पर रखकर चूमने लगा, साथ ही उँगली अन्दर-बाहर भी करने लगा। वह एकदम पागल होने लगी, और मेरा हाथ पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से उँगली अन्दर-बाहर करने लगी। थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरा हाथ गीला कर दिया।

मैंने सोच लिया यही सही समय है उसे चोदने का क्योंकि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो गई थी। मैंने अपना अन्डरवियर उतार दिया। मेरा खड़ा हुआ लण्ड ९ इंच लम्बा था, देखकर वह हैरान हो गई और बोली मैं तो झूठ समझी थी पर तुम्हारा तो सच्ची में बहुत ही लम्बा है। मैंने कहा कि डरो नहीं, मेरा बड़ा तो है, पर कुछ समय बाद तुम्ही कहोगी कि पूरा डालो, ज़ोर-ज़ोर से। फिर पैन्ट में से कॉण्डोम का पैकेट निकाला। मैंने उससे कहा, “यह कॉण्डोम है। कभी देखा है?”

उसने गर्दन हिलाकर ना कहा। मैंने उसमें से एक कॉण्डोम बाहर निकाला और उससे कहा, “देख लो इसे, लण्ड पर कैसे चढ़ाते हैं। अगली बार तुम्हें ही ऐसा वाला दूसरा कॉण्डोम मेरे लण्ड पर चढ़ाना होगा।”

वह ग़ौर से देखने लगी। मैंने कॉण्डोम अपने लण्ड पर चढ़ा लिया फिर मैंने उसकी दोनों टाँगें घुटनों से मोड़ दीं और जितना हो सका फैला दिया। अब उसकी चूत थोड़ी खुली लग रही थी।

मैं उसकी टाँगों के बीच में आ गया। मैंने अपना लण्ड एक हाथ से उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वह पूरी तरह से पागल हो गई और मुझसे कहने लगी, “प्लीज़, जल्दी डाल दो वरना मैं मर जाऊँगी। प्लीज़ जल्दी करो। फाड़ दो मेरी चूत इस लण्ड से प्लीज़।”

मैंने एक जोर का धक्का मारा। वह तड़प उठी और चिल्लाने लगी, फिर थोड़ी देर मेरा लण्ड ऐसे ही रख कर एक और जोर का धक्का मारा, उसकी सील टूट गई, वह रोने लगी। वह चिल्ला उठी… आहहहहहहह…. प्लीज़ निकालो इसे, मैं मर जाऊँगी… प्लीज़।

वह तो शुक्र था कि मैंने टीवी की आवाज़ पहले ही तेज़ कर रखी थी वरना होटल वाले आ जाते। मैंने कहा, कुछ नहीं होगा। पहले ऐसा होता है, ऐसे ही पड़ी रहो, दर्द कम हो जाएगा। फिर हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे। उस वक्त मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था। और दूसरा चूस रहा था।

५ मिनटों के बाद वह अपनी गाँड हिलाने लगी, मैं समझ गया कि अब चूत चुदवाने के लिए लण्ड के धक्कों का इन्तज़ार कर रही है। मैं अपना लण्ड उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। उसे भी अब मज़ा आ रहा था। वह भी अपनी गाँड ऊपर-नीचे करके प्रतिक्रिया दे रही थी। मैंने फिर अपनी गति बढ़ाते हुए ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। वह चिल्ला रही थी। जिससे मुझे और भी मज़ा और जोश आ रहा था। थोड़ी ही देर में वह मुझसे लिपट गई और उसने अपनी चूत से ढेर सारा पानी छोड़ दिया।

लेकिन मेरा लण्ड अब भी जोश में था। फिर मैंने उसको कहा कि अब मैं तुम्हें कुतिया की तरह चोदूँगा। वह झट से कुतिया जैसी मुद्रा में आ गई। पीछे से क्या लग रही थी। मैंने वक्त गँवाए बिना उसकी चूत पर अपना लण्ड रखा और ज़ोरदार धक्का मारा। एक ही धक्के में पूरा का पूरा ९ इंच लम्बा लण्ड उसकी चूत फाड़ता हुआ जड़ तक पहुँच गया। वह चीखते हुए बोली, “प्लीज़ आराम से…” फिर मैं अपना लण्ड धीरे-धीरे उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। कुछ देर बाद वो ख़ुद पीछे की ओर धक्के मारने लगी और कहने लगी, “आज अपनी पूरी ताक़त से मेरी चूत चोदो… जो होगा देखा जाएगा।”

फिर क्या था, मैं पूरे जोश के साथ उसकी चूद चोदने लगा। लगभग १५-२० मिनटों के बाद मैंने कॉण्डोम में ही पानी छोड़ दिया और वह भी झड़ गई। फिर उसकी पीछे ही उसकी चूत में लण्ड डाले हुए मैं लेट गया।

१० मिनटों के बाद मैंने उसकी चूत से लण्ड निकाला और उसके ऊपर से हट गया। मैंने देखा कि उसकी चूत से थोड़ा सा खून निकला था। खून और उसकी चूत के पानी से उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मैंने अपने लण्ड से कॉण्डोम उतारा और उसे अपनी बाँहों में उठा कर टॉयलेट ले गया। वहाँ उसे बिठाकर ठण्डे पानी से उसकी चूत साफ करने लगा। उसकी चूत में उँगली डाल कर साफ करने की वजह से मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया। मैंने उसकी चूत साफ करके फिर से उसे अपनी बाँहों में उठाया और बिस्तर पर लाकर रख दिया। अब मेरा लण्ड मेरा पसन्दीदा शॉट मारने के लिए बेक़रार था।

पैन्ट से मैंने एक कॉण्डोम निकाला और उसके हाथ में देकर कहा, “चढ़ा दो इसे मेरे लण्ड पर।”

उसने पैकेट फाड़कर उसमें से कॉण्डोम बाहर निकालकर मेरे लण्ड पर रखा और उसे मेरे लण्ड पर चढ़ा दिया। मैंने उसकी दोनों टाँगें अपने कंधे पर रखीं, नीचे अपना लण्ड उसकी चूत में पूरी तरह से घुसा दिया और उसकी बाँहों में से अपने दोनों हाथ डालकर उसे ऊपर उठाया। अब मैं खड़ा था। उसकी दोनों टाँगें मेरे कंधों पर थीं और मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ के पीछे थे। अब वह पूरी तरह से बंधी हुई थी, और मेरा लण्ड उसकी चूत में था। मैंने अपनी थोड़ी सी पीठ सहारे के लिए दीवार से लगाई, और फिर अपनी कमर आगे-पीछे करने लगा। इस स्थिति में मेरा पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में चला जा रहा था। जब मैं प्रिया को इस मुद्रा में चोदता तो मुझे दीवार का सहारा लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती, क्योंकि वह सिर्फ २२ साल की थी और उसका वज़न बहुत ही कम था।

मेरा लण्ड उसकी चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था। मैंने उससे पूछा, “मज़ा आ रहा है?” उसने हाँ कहते हुए कहा, “ऐसे ही चोदते रहो। मैं तुम्हारी दीवानी हो गई हूँ। शादी के बाद भी मैं तुमसे ही चुदवाऊँगी। और ज़ोर से चोदो… फ़ाड़ डालो मेरी चूत को… और ज़ोर से आआआहहहह।”

२०-३० मिनटों के बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और कुत्ते की तरह होने को कहा. उसने अपने दोनों हाथ बिस्तर पर टिका दिए और घुटनों के बल वह कुतिया की मुद्रा में आ गई। मैंने उसके पाँव थोड़े से फैला दिए और पीछे से मेरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और मैं उसे कुत्तों की तरह शॉट मारने लगा।

१५ मिनटों के बाद मैंने पानी छोड़ दिया। इस दौरान वह २ बार झड़ चुकी थी। मैंने अपने लंड से कॉण्डोम उतारा। दोपहर के १२:३० बज गए थे। मैंने उससे कहा कि कपड़े पहन लो, खाना खा लेते हैं। वह उठकर बाथरूम में चली गई। मैं भी उसके पीछे चला गया। हम दोनों बाथरूम से बाहर आए। मैंने कपड़े पहन लिए। उसने पहले अपनी चड्डी पहनी, फिर ब्रा। मैंने उसकी ब्रा के हुक बन्द किए। फिर उसने अपनी सलवार पैरों में चढ़ाई और अन्त में कमीज़ पहनी। फिर उसने अपने बाल और कपड़े ठीक किए। फिर हम खाना खाने के लिए चले गए।

खाना खाने के बाद उसने कहा कि एक बार और होना चाहिए। मैंने कहा, नहीं मुझे २:२० तक कहीं काम से जाना है, अब तुम घर जाओ। हम दोनों ने एक दूसरे को अपने नम्बर दिए। फिर वह मुझे चूमने के लिए एक कोने में ले गई और मुझे चूम कर कहा, प्लीज़ जल्दी मिलना। फिर वह वहाँ से चली गई। मैंने होटल का बिल चुकाया और अपने काम के लिए चल पड़ा। Antarvasna

Antarvasna

राहुल और सूरज नये नये Antarvasna कॉलेज में आये थे और शहर में ही कॉलेज के पास उन्होंने एक कमरा किराये पर ले रखा था। जवानी का नया नया जोश भी था और वो जवानी का पूरा लुत्फ़ भी उठाना चाहते थे। उन्हें स्वतन्त्र माहौल मिल गया था। मां बाप का कोई डर नहीं, यहां कोई भी कुछ कहने वाला नहीं था। सबसे पहले उन्होंने लुत्फ़ शराब का उठाया। वे दोनों लगभग रोज शाम को एक आधी बोतल ले आते थे और पीते थे। कुछ दिनों के बाद उन्होंने एक सी डी की दुकान से ब्ल्यू फ़िल्म भी किराये पर लाना आरम्भ कर दिया था। एक दिन…

शाम के आठ बजे थे। नहा धो कर वे दोनों ही बोतल खोल कर पीने बैठ गये थे। टिफ़िन आ चुका था। सूरज ने टी वी खोल कर कर किराये पर लाई हुई सीडी प्लेयर पर लगा दी और दारू का दौर चलने लगा। ब्ल्यू फ़िल्म भी चल रही थी। एक के बाद एक चुदाई के सीन आने लगे थे। राहुल और सूरज पर भी रंग चढ़ने लगा।

‘भेनचोद अन्ग्रेज औरतें क्या मस्त होती हैं…’ राहुल गर्म होता हुआ बोला।

‘हाँ यार, साली की चूत तो देख… लगता है अभी चोद डालूं…!’ सूरज अपना लण्ड पजामे के ऊपर से मसलता हुआ बोला। राहुल ने सूरज को देखा, सूरज का लण्ड खड़ा हुआ था। उसे देख कर राहुल का लण्ड भी जोर मारने लगा। पहले तो वो शरमा कर लण्ड दबा रहा था, पर सूरज को देख कर वो भी अपना लण्ड को हल्के हाथों से उपर नीचे करने लगा।

– अन्ग्रेजों का लण्ड भी देख कितना मोटा और लम्बा होता है… अपना तो उनके सामने कुछ भी नहीं है। राहुल ने अपना लण्ड सहलाते हुए कहा।
‘तो क्या हुआ, लण्ड तो तेरा भी बहुत जोर मार रहा है ‘ सूरज ने उसके लण्ड को मसलता हुआ देख कर कहा।
‘अरे ! ये मादरचोद… लण्ड को कैसे चूस रही है… ! हाय मेरा लण्ड भी ये मां की लौड़ी चूस ले…! ‘ राहुल ने अपना लण्ड दबाते हुए कहा।

‘उसे मां चुदाने दे…तू कहे तो…तेरा मसल दूं?’ कहते हुए सूरज ने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया। राहुल एकबारगी सिहर गया। उसका हाथ हटाते हुए कहा- मत कर यार ! गुदगुदी होती है।

गुदगुदी तो होगी ही, पर मजा भी तो आता है, सूरज ने अपना हाथ लण्ड के पास राहुल के हाथ पर रख दिया और लण्ड पकड़ने की कोशिश करने लगा। पहले तो राहुल को अच्छा नहीं लगा, पर उसके हाथ की रगड़ से उसे मजा आने लगा। धीरे धीरे राहुल ने विरोध करना बंद कर दिया। अब लण्ड सूरज की गिरफ़्त में आ गया। पाजामे के ऊपर से ही वो लण्ड को सहलाने लगा। राहुल को मजा आने लगा। उसका लण्ड अब फ़ड़फ़डाने लगा।

सूरज, तेरा कैसा है?…लगता तो मस्त है! कैसे पजामे में से बाहर निकलने को बैचेन हो रहा है!’ राहुल ने अपना हाथ सूरज के लण्ड पर रख दिया और उसे दबा दिया। सूरज के मुख से आह निकल पड़ी। उसने कोई विरोध नहीं किया।
दोनो नशे में मदहोश थे। आंखें लाल हो चुकी थी। दोनों धीरे धीरे पास आने लगे और एक दूसरे को नशीली निगाहों से देखने लगे। राहुल के पाजामे का नाड़ा खुल चुका था। सूरज ने राहुल का लण्ड बाहर निकाल लिया। पास में देसी घी का डब्बा पड़ा था, सूरज ने उसमें से थोड़ा सा घी निकाल कर राहुल के लण्ड पर मल दिया और उसे चिकना कर दिया।

अब चिकने लण्ड पर मुठ मारने में सूरज को भी आनन्द आने लगा था। राहुल भी आहें भरने लगा था। अचानक सूरज ने राहुल को चूम लिया और चूमते हुए उसके होंठों तक आ गया। राहुल भी अपना आपा खो बैठा और और उसके होंठो से अपने होंठ मिला दिये और एक दूसरे को चूमने लगे।

– राहुल, आई लव यू…यार !
– सूरज, चूमते रह, मजा आ रहा है ! इतने दिन तक तू कहाँ था भोसड़ी के?
– मुठ मारने में कितना मजा रहा है, रस निकाल दे मेरे लौड़े का !

– हाँ रे ! बहुत मजा आ रहा है… और घिस दे यार…माँ चोद दे मेरे लण्ड की !’ दोनो के पजामे उतर चुके थे। लण्ड की घिसाई चल रही थी। दोनों के लण्ड फ़ड़फ़ड़ा रहे थे। मुठ अब जोर जोर से मार रहे थे। अचानक सूरज ने राहुल को जोर का धक्का दिया और वहीं चित लेटा दिया और उसका लण्ड अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से सुपाड़े को चूसने लगा। राहुल तड़प उठा और सूरज को खींचने लगा। सूरज ने इशारा समझा और 69 पोजिशन में आकर अपना लन्ड उसके मुँह में डाल दिया।

दोनो तरफ़ से कस कर लण्ड की चुसाई हो रही थी। इतने में राहुल का शरीर कसमसाया और उसके लण्ड ने लावा उगल दिया। सूरज ने तुरन्त मुँह हटा दिया और हाथ में वीर्य भर लिया। पर साथ में उसका लण्ड मसलता ही रहा। उसके लण्ड के आस पास उसका वीर्य फ़ैल गया था। इतने में सूरज भी छूट गया और राहुल का मुख वीर्य से भर उठा।

राहुल ने वीर्य को मुख से निकाल दिया और गले के पास से बहता हुआ नीचे बिस्तर पर गिरने लगा। दोनों ही झड़ चुके थे। ब्ल्यू फ़िल्म पर किसी का भी ध्यान नहीं था। पास में पड़ा तौलिया उठा कर दोनों ने अपने लण्ड और मुख साफ़ किये और नंगे ही बैठ गये। माहौल गर्म हो गया था। उन दोनों ने अब अपनी बनियान भी उतार कर मरजात नंगे हो गये थे। पंखे की हवा उनके शरीर को सहला रही थी। दोनों के जवान चिकने शरीर और उनकी कसी हुई मसल्स उभरी हुई दिख रही थी।

– मजा आ रहा है ना सूरज…
-हाँ यार, इसमें इतना मजा आता है मुझे तो पता ही नहीं था।
-देख घी लगा कर कितना चिकना लग रहा है तेरा लण्ड, राहुल।
– तू भी लगा ले यार…चल मैं लगा देता हूँ…

राहुल घी निकाल कर सूरज के लन्ड पर मलने लगा। सूरज का लण्ड फिर से तन्ना उठा। सूरज ने राहुल का लण्ड फिर से पकड़ लिया। दोनो फिर से झूम उठे। दोनों एक बार फिर एक दूसरे का मुठ मारने लगे।

अचानक सूरज बोला- राहुल मेरी गाण्ड में खुजली होने लगी है, शान्त कर दे यार ! सूरज ने अपनी गाण्ड राहुल की तरफ़ करते कहा।
राहुल ने घी के डब्बे में से घी निकाल कर उसकी गाण्ड के छेद पर लगाया और घिसने लगा। सूरज के मुख से सिसकारी निकल पड़ी।
‘राहुल यार पेल दे लौड़ा गाण्ड में, मजा आ जायेगा !
– सच ! पेल दूँ क्या?

सूरज घोड़ा बन गया। राहुल ने अपना कड़कता लण्ड उसकी गाण्ड की छेद पर रख दिया। उसकी चिकनी मस्कुलर गाण्ड पर हाथ फ़ेरा और लण्ड गाण्ड के फ़ूल पर दबाने लगा। छेद चिकना था, लण्ड अन्दर घुस पड़ा।

-मजा आ गया राहुल, चोद डाल साली हरामी गाण्ड को। राहुल ने जोर लगाया और लन्ड घी की सहायता से अन्दर घुसने लगा।
सूरज दर्द से भरे स्वर में बोला- तेरी तो टाईट गाण्ड है… मेरे तो लण्ड की भी मां चुद जायेगी यार, कहीं छिल ना जाये?
-हाय रे, राहुल, दर्द होता है, पर पेल दे लण्ड, इस की तो मां दी फ़ुद्दी।

राहुल ने लण्ड बाहर निकाल कर फिर से अन्दर पेल दिया। और अब धक्के चल निकले। सूरज की गाण्ड चुदने लगी। राहुल का लौड़ा फूलने लगा और कड़कने लगा। सूरज को भी अब दर्द कम हो रहा था। पर उसे गाण्ड मराने में मजा आ रहा था। सूरज का लण्ड भी नीचे फ़ुफ़कारे भर रहा था, लन्ड नीचे लटकता हुआ फ़ड़क रहा था। कुछ ही देर में राहुल का वीर्य छूट पड़ा और सूरज की गान्ड में भरने लगा। राहुल झड़ चुका था।

अब दोनों ने अपना पोज बदला और सूरज का कड़कता लण्ड राहुल की गाण्ड में टिका था। राहुल की गाण्ड टाईट नहीं थी, फिर देसी घी का असर, लण्ड फ़क से राहुल गाण्ड में घुस गया, राहुल एक बार तो दर्द से कराह उठा पर सम्भल गया।
सूरज अपना लण्ड राहुल की गाण्ड में पेलने लगा। राहुल गान्ड चुदाई को एन्जोय कर रहा था। वो धीरे से नीचे पांव पसार कर पेट के बल लेट गया और अपनी आन्खे बंद कर ली और गाण्ड मराने क भरपूर आनन्द लेने लगा।
सूरज राहुल की पीठ पर लिपट कर लण्ड पेल रहा था। गाण्ड के फ़ूल की चमड़ी लण्ड के साथ साथ बाहर निकल रही थी और अन्दर जा रही थी। दोनों के चिकने शरीर एक दूसरे में समाने की कोशिश कर रहे थे।

अचानक सूरज के लण्ड ने पिचकारी छोड दी और वीर्य निकल पड़ा। सूरज हाय कह कर राहुल की पीठ से चिपक गया और वीर्य राहुल की गान्ड में भरने लगा। सूरज अब पूरा झड़ चुका था। उसका लण्ड अपने आप बाहर आ गया था। अब सूरज और राहुल आराम से बैठ गये। उन्होंने शराब का अन्तिम जाम बनाया और आज के मजे के नाम पर चीअर्स करके पीने लगे।

आज दोनों जवानी का पूरा लुत्फ़ उठा कर सन्तुष्ट थे। जाम समाप्त हो चुका था और अब टिफ़िन की तैयारी हो रही थी।

वो दोनों इस बात से अन्जान थे कि उन्हें किसी जगह से मेरी दो आंखें उन्हें ये सब करते हुए देख रही थी। इस दौरान मैं दो बार अपनी भोसड़ी में अंगुली डाल कर रस निकाल चुकी थी।… हमेशा की तरह मैं उन दोनों से चुदने का कोई बढ़िया प्लान बना रही थी… उन्हें अपने चक्कर में लेकर दो दो लण्ड का मजा लेने का प्लान। Antarvasna

दोस्तों मैं अपनी एक मस्त कहानी आप लोगों को बताना चाहता हूँ। Antarvasna

मेरे घर में रोज सुबह के Antarvasna समय घर का काम करने के लिए एक नौकरानी आती है। मैं रोज उसे देखता था, दिखने में अच्छी थी। एक दिन उसने मुझे उसे घूरते हुए देख लिया वो समझ गई कि मैं क्या चाहता हूँ।

एक दिन मेरी बीवी नहाने के लिए गई थी। रविवार का दिन था, ठीक १० बजे वो आई, मैंने गेट खोला, वो अन्दर आई और अपने रोजमर्रा के काम करने लगी। वो झाडू लगा रही थी, मैं पलंग पर बैठ कर टीवी देख रहा था। वो जैसे ही मेरे पास आई, मुझे उसके स्तन दिखाई देने लगे। मुझ से रहा नहीं गया, कुछ न सोचते हुए मैंने एक हाथ सीधे उसके ब्लाऊज़ में डाल दिया। पहले तो उसने विरोध किया, बोली- मेमसाब देख लेंगे ! फ़िर मेरे नहीं मानने पर वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने उसी उस दिन तो नहीं चोदा क्योंकि मेरी बीवी घर पर ही थी।

कुछ दिनों के बाद मेरी बीवी को उसके पापा के घर जाना था सो वो चली गई। अब मैं घर में अकेला था। मैं भी सोच कर बैठा था कि आज जरुर कर के रहूँगा।

जैसे ही सुबह नौकरानी आई, मैंने उसे पकड़ लिया और उसे चूमने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने उसका पेटीकोट ऊपर कर दिया। अब मुझे उसकी चूत के साफ-साफ दर्शन होने लगे थे। वो कुछ शरमा रही थी उसकी अभी ३-४ महीने पहले ही शादी हुई थी पर पता नहीं शायद वो अपने पति से संतुष्ट नहीं थी।

उसकी उम्र २३ साल होगी, एकदम गोरी तो नहीं पर गेंहुआ रंग था।

फ़िर मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, वो कराह उठी। मैंने देर न करते हुए अपना ८ इंच का लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी थी। हम दोनों चुदाई में मस्त थे, इसी मस्ती में हम लोग दरवाज़ा बंद करना भूल गए थे। जब हमारा ध्यान गया तो मैंने देखा की मेरे मकान-मालिक की बड़ी बेटी हमारे सामने खड़ी है।

वो मुझसे बोली- ये क्या हो रहा है? भाभी को गए अभी तो एक दिन भी नहीं हुआ और आप यह सब करने लगे? आने दो भाभी को ! सब कह दूंगी !

मैंने कहा- अरे ऐसी बात नहीं है !

तो वह बोली- फिर कैसी बात है…. ?

कहते कहते वो जाकर दरवाज़ा बंद करने लगी और बोली- इस तरह के काम गेट लगा कर किया करो…. ! चलो अब तैयार हो जाओ मुझे भी चोदना होगा तुम्हें ! हम दोनों मिलकर मज़ा लेंगे। मैं भी बहुत दिनों से अन्तर्वासना पर व्यस्क कहानियाँ पढ़ पढ़ कर सोच रही थी कि मेरी प्यास कौन बुझायेगा, पर मुझे क्या पता था कि बगल में छोरा और शहर में ढिंढोरा है ! चलो भइया, शुरू हो जाओ ! अब डबल बैटिंग करना है तुम्हें !

मैं अन्दर ही अन्दर बहुत खुश हो रहा था क्योंकि मेरे मकान मालिक की बेटी बला की खूबसूरत है। फिर पहले मैंने कहा- तुम दोनों मिलकर मेरे लंड को चाट चाट कर साफ करो !

जिस पर मकान मालिक की बेटी ने इंकार कर दिया पर नौकरानी शुरू हो गई। उसे देख कर वो भी रुक न सकी और शुरू हो गई। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मानो मैं स्वर्ग में था।

थोड़ी देर बाद मैंने दोनों को जी भर कर चोदा। पूरे महीने हमारा यह कार्यक्रम चलता रहा। मकान मालिक की बेटी तो कई रात मेरे साथ ही सोई। उसे पूरी रात नंगी करके अपने पास सुलाता था। अब उसे पूर्ण नग्न होकर सोने की आदत हो गई है। अब वो कई बार मुझसे कहती है करने के लिए, पर ऐसा मौका नहीं मिल पाता। पर फिर भी हम महीने में एक-दो बार जल्दी जल्दी वाला सेक्स तो कर ही लेते हैं। पर उसमें हमें पूरी तरह मज़ा नहीं आता। Antarvasna

आप तो जानते होंगें कि किसी चीज़ को जितना अधिक छुपाया जाए उतना ही उसे देखने, करने की उत्सुकता बच्चों के मन में उतनी ही अधिक होती है।मैंने योजना बना कर वो वक्त चुना जब डैडी घर पर नहीं थे और मम्मी नीचे रसोई में व्यस्त थीं।मैंने चुपचाप डैडी के बैडरूम के वीडियो प्लेयर में उस कैसेट को प्ले किया तो दंग रह गया।वो इंग्लिश मूवी ना होकर साउथ की कोई हिंदी डब्ड मूवी थी जिसमें नायिका अपने पति के अलावा कई अन्य पुरुषों के साथ सैक्स करती है। bachpan ki yaadeinपहली बार किसी को सैक्स करते हुए देखना सच में ज़बरदस्त पियाभव था। स्वाभाविक प्रतिक्रिया में मैं अपना लिंग उँगलियों के पोरों से मसलने लगा और कुछ ही मिनिटों में लिंग में से कुछ लसलसा सा पदार्थ निकला और अजीब सी संतुष्टि या आनन्द का पियाभव हुआ।वह मेरे जीवन का पहला हस्तमैथुन था।सच में मज़ा आ गया… पर लगभग आधे घंटे की ही मूवी देख पाया था और मुझे मालूम था कि मेरे डैडी वो कैसेट वीडियो पार्लर से किराए पर लाये होंगें तो आज रात को देखकर अगले दिन लौटा देंगे और मैं उसे देखे बिना रह जाऊँगा।

Bachpan ki yaadein old xxx storyगजब की उत्सुकता थी, इसलिए बहुत सोचने के बाद मैंने उनके बैडरूम और पास के गेस्ट-रूम के बीच की साझा खिड़की में एक छोटा सा छेद कर दिया और गेस्ट-रूम के दरवाज़े की कुण्डी खोलकर आ गया ताकि रात होने पर बिना आवाज़ किये वहाँ जाकर उस छेद में से मूवी देख सकूँ। bachpan ki yaadeinछेद बहुत बड़ा नहीं पर कामचलाऊ था आखिर कोई कारपेंटर तो था नहीं जो परफेक्ट छेद बना सकूँ।रात हुई, हम तीनों ने खाना खाया, थोड़ी देर ड्राइंग रूम में बैठ कर हंसी-मज़ाक की, टीवी देखी और फिर सब अपने-अपने कमरों में सोने को चले गये पर मेरी आँखों से तो नींद कोसों दूर थी।आधे घंटे बाद ही में चुपचाप ऊपर से निचली मंजिल पर आया और उनके कमरे की आवाजें सुनने की कोशिश की तो पता चला कि उन्होंने मूवी शुरु कर दी थी। bachpan ki yaadeinमैं और अधीर हो उठा और धीरे से बिना आवाज किये गेस्ट-रूम का दरवाज़ा खोल कर उसमें दाखिल हुआ तो उसमें एक सुखद आश्चर्य मेरा इन्तजार कर रहा था।जिस खिड़की में मैंने छेद किया आज मम्मी-डैडी ने वो खिड़की शायद गर्मी के कारण खुली रख छोड़ी थी।मेरी तो लाटरी लग गई क्यूंकि मुझे आशंका थी कि उस छेद से मैं वो मूवी देख भी पाऊँगा या नहीं…पर अब मैं केवल उसके परदे को थोड़ा सा खिसका कर ही मूवी देख सकता था तो बिना समय गंवाये मैंने धीरे से सही जगह पर बैठकर धीरे से पर्दा खिसका कर कमरे की स्थिति देखी।बैडरूम में छोटा लैम्प जल रहा था, हल्का प्रकाश फैला था, जिससे सब कुछ साफ-साफ दिख रहा था।डैडी बैड पर सिल्क की लुंगी और बनियान में थे और मम्मी बाथरूम में नहाने लेने या शायद कपड़े बदलने गई थी।कुछ ही देर में मम्मी गुलाबी रंग की स्लीवलैस नाईटी पहन कर निकली और बैड पर डैडी के पास बैठ कर मूवी देखने लगी। bachpan ki yaadeinतभी डैडी ने मम्मी की कमर में हाथ डाल कर अपनी ओर खींच लिया तो मम्मी थोड़ा ना नुकुर करने लगी पर डैडी अपने होंठों से मम्मी की गर्दन को चूमने लगे थे और थोड़ी ही देर में मम्मी भी उनका साथ देने लगी।कहने में ठीक तो नहीं लगता पर मुझे भी टीवी पर चल रही मूवी से ज्यादा उनकी लाइव रतिक्रीड़ा देखने में आनन्द मिल रहा था।

जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स कहानी में मैं अपनी बीवी, साली और उसके पति के साथ भ्रमण पर गए. होटल में हम दोनों साढू एक दूसरे की बीवी की चुदाई करना चाहते थे.

फ्रेंड्स, मैं आज आपको अपने जीवन की एक सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.
आगे बढ़ने से पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ.

मैं अभी 36 साल का हूँ और मेरी बीवी 33 साल की है.
उसका फिगर 34-30-36 का है. वह बड़ी ही कामुक है.

यह जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स कहानी कुछ 4 साल पुरानी उस वक्त की है जब मैं, मेरी बीवी, मेरी साली और उसका पति एक साथ किसी फैमिली फंक्शन में शामिल होने जा रहे थे.

उसी दौरान हमने सोचा कि आते जाते में थोड़ा बहुत कुछ पिकनिक जैसा कर लेते हैं.

यही सब सोच कर हमने एक स्विफ्ट कार बुक की.
उसमें हम 4 लोग थे.

मेरी बीवी वीना और साली रानी ने शादी अटेंड करने के बाद साड़ी ही पहनी हुई थी.
वे दोनों नेट की साड़ियां पहनी थीं और गजब की सेक्सी माल लग रही थीं.

मेरी साली का पति शशिकांत आगे ड्राइवर के बाजू वाली सीट पर बैठा था.
मैं पीछे की सीट पर अपनी बीवी के बाजू में था.

हम लोगों ने अम्बोली में जांघल रिसॉर्ट में दो दिन रुकने का प्लान बनाया हुआ था.

हम लोग अम्बोली लगभग 7 बजे शाम को पहुंचे.
उधर हमें रुकने के लिए एक छोटा सा फ्लैट जैसा कॉटेज मिला.

हमारे दो रूम बुक थे पर उन्होंने बताया कि एक रूम हमको सुबह मिलेगा.

अब हम सभी को यह रात उस एक रूम में ही रुक कर किसी तरह से मैनेज करनी थी.

उस दौरान लगातार छुट्टियां पड़ी थीं तो और कहीं भी रूम भी नहीं मिल रहे थे.

मेरी बीवी और साली के कहने पर हम सबको एक ही कमरे में अड्जस्ट करना पड़ा.

रूम ज्यादा महंगा भी नहीं था तो रूम भी नहीं छोड़ा जा रहा था.

अब मेरी बीवी और साली ने अपने कपड़े बदल लिए.
वे दोनों फर्श पर सोने के लिए राजी हो गई थीं.

मैं और मेरी साली का पति शशिकांत, हम दोनों बेड पर सो गए.

जब रात को लगभग एक बजे मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मेरी साली और मेरी बीवी दोनों गहरी नींद में सो रही हैं और दोनों के कपड़े थोड़ा ऊपर की ओर हो गए थे.

मेरी बीवी का फिगर तो मैंने आपको ऊपर बता ही दिया है.
अब साली का फिगर भी आपको बता देता हूँ.
मेरी साली रानी का फिगर 36-30-38 का है.

उन दोनों ने शर्ट पहनी हुई थी.

मेरी बीवी ने शर्ट के नीचे लैगिंग्स पहनी थी जबकि रानी ने लोंग स्कर्ट पहना हुआ था.

मैंने जब रात को उन्हें देखा तो दोनों की ढीली-ढाली शर्ट्स ऊपर हो गई थीं जिससे उनके दूध दिखने लगे थे.

मैं रानी के टाइट बूब्स देख कर पागल हो गया.
उसका स्कर्ट भी जांघों तक ऊपर आ गया था.

मैं लंड सहलाते हुए सोच रहा था कि इसके ऊपर चढ़ ही जाऊं.
उसके मादक फिगर देख कर मैं एकदम से पागल हो गया था.

मैं उठा और बाथरूम जाकर आया.

उतने में मैं देखा कि शशिकांत जो मेरे बाजू में सोया था वह नींद में मेरी जगह आ गया था.
मैं उसकी जगह जाकर सो गया.

थोड़ी देर बाद मैंने देखा तो शशिकांत अपने बरमूडा में हाथ डाल कर लंड हिला रहा था.
मैंने थोड़ा ऊपर को उठ कर देखा तो बेड के नीचे पहले मेरी बीवी वीना सोई थी.

उसकी शर्ट भी लगभग पेट के ऊपर और मम्मों से ठीक नीचे तक आ गई थी.
मेरी आहट सुनकर शशिकांत ने आंख बंद कर लीं और वह सीधा लेट कर सोने की एक्टिंग करने लगा.

इधर मैं अपनी साली रानी की जांघें और उसके कसे हुए दूध देख कर पागल सा हो रहा था.
शशिकांत भी शायद मेरी बीवी वीना के मम्मों को शर्ट के ऊपर देख कर गर्मा रहा था.

मैं फिर से उठ कर बाथरूम गया और वापस आते ही देखा तो शशिकांत दीवार की ओर मुँह करके सो गया था.
मैंने इधर उधर देखा और रानी का स्कर्ट थोड़ा सा और ऊपर कर दिया.

फिर धीरे से उसकी शर्ट के भी एक बटन को खोल दिया जिससे उसका आधा दूध बाहर आ गया.
अब मैं जाकर लेट गया.

पांच मिनट के बाद मैंने सोने का नाटक किया और देखा कि शशिकांत वीना की तरफ देख कर फिर से अपने लंड को सहलाने लगा.

वीना सीधी होकर सो गयी थी, जिससे उसका दूध बाहर लटकने लगा.

यह देख कर शशिकांत पागल हो गया और उसका हाथ तेज तेज चलने लगा.

फिर उससे रहा न गया तो वह बाथरूम में चला गया और उधर मुठ मारने लगा.

जब शशिकांत बाथरूम के अन्दर मुठ मार रहा था.
तब मैंने रानी के स्कर्ट को उठाकर एक बार उसकी चूत में उंगली की और उंगली को सूंघा.

उसकी चूत की महक से मुझे नशा सा चढ़ने लगा.
उतने में ही बाथरूम से निकलने जैसी आवाज आई, तो मैं सोने का नाटक करने लगा.

जल्दबाजी में हुई गड़बड़ी में रानी का स्कर्ट ऊपर किया हुआ वैसे ही रह गया.
अपनी बीवी की खुली चूत देख कर शशिकांत समझ गया कि कुछ गड़बड़ हुई है.

मेरे ख्याल से शशिकांत को समझ आ गया था कि मैंने ही उसकी बीवी की चूत के साथ कुछ किया है.
वह कुछ नहीं बोला और अपनी बीवी की चूत ढक कर मेरे बाजू में आकर सो गया.

उसके कुछ देर बाद मैं भी सो गया कि खामखा में लफड़ा न हो जाए.
सुबह उठ कर हम सब तैयार हो गए.

वीना ने टी-शर्ट और जीन्स पहनी थी.
रानी ने शॉर्ट कुर्ती ओर लैगिंग्स पहनी थी, जिसमें से उसकी जांघें मस्त दिख रही थीं.

मैं कार में पीछे वीना के साथ बैठा था.
वीना के बाजू में रानी थी.

शशिकांत बात करने के बहाने वीना के मम्मों को घूर रहा था.

वापस आते वक़्त मुझे उसकी मनोदशा का पता चल गया था कि इसका बस चलेगा तो यह मेरी बीवी को चोद देगा.
हम सबको कमरे तक पहुंचने में अभी भी एक घंटा का रास्ता तय करना शेष था.

रानी कार में ही सो गयी थी.
मैंने अपने घुटने दर्द होने का बहाना किया और आगे ड्राइवर के बाजू वाली सीट में बैठने का कहा.

शशिकांत राजी हो गया तो मैंने उसको पीछे भेज दिया.
रानी सो रही थी, तो शशिकांत को वीना के बाजू में बैठ जाने के लिए बोल दिया.

वीना भी थकान की वजह से थोड़ी नींद में थी.
कुछ मिनट बाद वह भी गहरी नींद में सो गयी.

मेरी बीवी वीना और रानी दोनों ही भरे बदन की हैं, तो पीछे तीनों के बैठने से वे सब बहुत चिपक कर बैठे थे.
मैं चुपके से शशिकांत को देख रहा था.

वह वीना की जांघ पर हाथ रख कर बैठा था.
कमरे पर पहुंचने में अभी भी 45 मिनट का वक्त बाकी था लेकिन कुहरे की वजह से मैंने ड्राइवर से स्लो चलाने को बोला था.

वीना शशिकांत के कंधे पर सिर रख कर सो गई जिससे उसके बूब्स शशिकांत के हाथ को लग रहे थे.
वीना का हाथ भी शशिकांत की जांघ पर आ गया था.

हम दोनों ने शॉर्ट्स पहने थे.
हम जिस स्पॉट पर गए थे, वहां वॉटर स्पॉट था.

शशिकांत का लंड टाइट हुआ था.
मैंने भी एक तरफ मुँह करके सोने का नाटक करना शुरू किया.
साथ ही मैं उन दोनों की हरकतों को भी देख रहा था.

शशिकांत ने वीना के हाथ को धीरे धीरे से अपने शॉर्ट्स के ऊपर लंड पर ले लिया.
वीना नींद में थी और बाहर का मौसम ठंडा था तो उसने भी लंड की गर्मी पाकर अपने हाथ को शशिकांत के लौड़े पर रख दिया था और शायद लंड को पकड़ लिया था.

थोड़ी देर बाद शशिकांत ने धीरे से अपने शॉर्ट्स को ऊपर किया और वीना के हाथ को अपने शॉर्ट्स में डलवा लिया.
वीना ने पोलो टी-शर्ट पहनी थी.

शशिकांत धीरे से उसकी टी-शर्ट के ऊपर से वीना के एक दूध को रगड़ रहा था.

मैंने देखा कि अभी भी हमारा होटल 30 किलोमीटर दूर था और मौसम के हिसाब से हम को अभी भी 30-35 मिनट का समय लग सकता था.
शशिकांत ने अपने अंडरवियर को साइड करके धीरे से अपना लंड वीना के हाथ में दे दिया और वीना नींद में ही उसे पकड़ कर सोई थी.

इधर रानी भी गहरी नींद में थी.
मुझे भी ये सब देख कर उत्तेजना हो रही थी.

वीना लंड छोड़ कर एक तरफ होकर सो गई.
शशिकांत ने भी अपना लंड अन्दर कर लिया.

मैं सोने का नाटक करता हुआ सब देख रहा था.
शाम के अंधेरे के कारण थोड़ा अंधकार सा हो गया था.

वीना अभी भी सीधी बैठ कर सो रही थी.
शशिकांत ने बैठे हुए ही उसकी ओर मुँह कर लिया था और वह सोने का नाटक करते हुए उसकी जांघों पर हाथ रखे था.

इतने में हमारी कार होटल के नजदीक आ गई थी.
शशिकांत सही होकर बैठ गया.

हम सब कमरे में पहुंचे और मैंने सबको जगा कर उतरने के लिए कहा.
जब हम सब कमरे में पहुंचे, तो होटल वालों ने हमारे लिए उसी रूम में दो डबल बेड्स और लगा कर व्यवस्था कर दी थी.

शशिकांत को मैंने लेडीज को रेडी होने तक ड्रिंक्स के लिए बुलाया.
हम दोनों ने उस दिन रूम में ही ड्रिंक्स लिए.

मैंने शशिकांत को पूरा क्वॉर्टर पिला दिया था, जिससे वह टाइट हो गया था.
अब मैंने उससे कहा कि रानी में जो बात है, वह बात वीना में नहीं है.

ड्रिंक्स के नशे में शशिकांत ने कहा- नहीं, जो कोऑपरेशन वीना देती है … वह बात रानी में नहीं है.
मैंने कहा- तुम झूठ कह रहे हो. रानी एक सेक्सी माल है और फुल कॉपरेटिव है.

हम दोनों ने नशे की टुन्नी में तय किया कि आज इन दोनों को वोदका पिला देते हैं और चैक कर लेते हैं कि कौन सही है.
उसे भी मेरा आइडिया समझ में आ गया.

दरअसल हम दोनों ही एक दूसरे की भावना को समझ गए थे कि आज हम दोनों एक दूसरे की बीवियों को चोदने का मजा ले लेते हैं.

शशिकांत ने मेरी राय से इत्तफाक जताते हुए हामी भर दी और कहा- हां चलो, इनको भी मस्त कर देते हैं.

हम दोनों को अपनी बीवियों को खाने के लिए बाहर ले जाना था.
पर मैंने शशिकांत से कहा कि इनको नहीं ले जाते हैं. बल्कि इनको कोल्डड्रिंक की दो लीटर की बोतल में दारू मिक्स करके बड़ा पैग बना कर पिला देते हैं और रात को मजा लेते हैं.
शशिकांत राजी हो गया.

अब हम दोनों यह सब सामान लेकर होटल आ गए.
जब होटल पहुंचने को हुए, तब मैंने बाहर से ही वीना को और शशिकांत ने रानी फोन करके बोला कि यहां सब बंद हो रहा है. हम लोग खाने पीने का सामान पार्सल बनवा कर ला रहे हैं.

रानी ने ओके बोल दिया.
जब हम कमरे में पहुंचे तो रानी का मुँह किसी बात पर फूला हुआ था.

शायद वह डिनर के लिए बाहर जाना चाहती थी, मगर हम दोनों के न होने के कारण वह जा नहीं सकी थी.
शशिकांत ने उससे कहा- रानी अब मान भी जाओ. लो तुम स्पेशल वाली कोल्डड्रिंक पियो … अन्दर तक झनझनी आ जाएगी.

यह कह कर उसने रानी को आंख मार दी.
वह भी मुस्कुरा दी.

मैं समझ गया कि रानी ड्रिंक करती है और इसलिए ही वह मुस्कुराई है.
अब रानी और वीना ने कोल्डड्रिंक पीनी शुरू की.

वीना को कोल्डड्रिंक का टेस्ट कुछ अलग सा लगा, तो रानी ने उससे कह दिया- बढ़िया स्वाद है. आप बिंदास पियो.

वे दोनों चिप्स ख़ाती हुई कोल्डड्रिंक पीने लगीं.
उन दोनों में मस्ती चढ़ने लगी.

उन्हें थोड़ा नशा सा महसूस होने लगा था.

मैं रानी के पास बैठा था और शशिकांत वीना के पास.

उन दोनों ने ब्रा नहीं पहनी थी.
वे दोनों लेग्गिंस और ढीली सी टी-शर्ट में थीं.

मैं ओर शशिकांत सिगरेट पीने लगे.

मैंने खुल कर कहते हुए कहा- शशिकांत, तुम वीना के साथ इन्जॉय कर सकते हो … मैं भी रानी के साथ मस्ती कर लूँगा.
उसने ओके कहा.

अब हमारे बीच सब खुलासा हो गया था कि हम दोनों वाइफ स्वाइप करने को राजी हैं.

हम दोनों अन्दर गए.
देखा तो वे दोनों नशे में थीं.

मैं रानी के साथ बैठ गया और शशिकांत वीना के साथ बैठ गया.

शशिकांत बची हुई ड्रिंक्स वीना को पिला रहा था और मैं रानी को.

जब रानी पी रही थी तो मैंने अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया और सहलाने लगा.

उसने नशे में कुछ विरोध नहीं किया तो मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखा और उसकी चूत को कुरेदने लगा.
उसने अब भी कुछ नहीं कहा.

मैंने उसे धीरे से किस किया और शशिकांत को भी इशारा कर दिया.

उसने बॉटल नीचे रख कर वीना को किस किया और अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डाल कर उसके मम्मों को मसलने लगा.

मैंने अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया और रानी से कहा- बहुत पसीना निकल रहा है.
वह हंस दी.

मैं अब सिर्फ़ अंडरवियर में था.
मुझे देख कर शशिकांत ने भी अपना सब निकाल दिया.
वह भी सिर्फ़ अंडरवियर में हो गया.

हम दोनों ने आंखों में इशारा किया और एक दूसरे की बीवियों को बेड पर ले गए.

मैंने एक सिगरेट सुलगाई और रानी को दो पफ पिलाए.

उधर शशिकांत ने भी वीना को दो पफ पिलाए, जिससे नशा और चढ़ गया.

मैं रानी किस करने लगा और शशिकांत ने वीना को स्मूच करना शुरू कर दिया.
शशिकांत अब आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था.

उसने वीना को चूमते हुए उसे पूरी नंगी कर दिया.
साथ ही उसने खुद को भी पूरा नंगा कर दिया.

मैं उसका लंड देख कर दंग रह गया.
उसका लंड काला था और 8 इंच से कुछ ज्यादा लंबा व मोटा था.

जबकि मेरा सात इंच का था.
हालांकि मेरा लंड शशिकांत के लंड से मोटा था.

मैंने भी रानी के कपड़े निकाल दिए और देखा कि उसने अपनी चूत को पूरा साफ किया हुआ था.

मैंने बिना कुछ सोचे अपना मुँह रानी की चूत में लगा दिया.
उसकी चूत पूरी रसीली थी.
मैं समझ गया कि यह भी चुदासी है.

वह मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.
उधर शशिकांत वीना के मम्मों को मसल कर चूस रहा था.

उसने अपना लंड वीना की चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा.
वीना चुदासी होकर उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी.

इधर रानी की चूत चाटने के बाद मैंने उसकी चूचियों का रुख किया.
रानी ने पलट कर मेरा लंड मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगी.
मेरे लंड को चूसने के साथ साथ वह मेरे दोनों बॉल्स भी चूस रही थी.

मैं इसी सुख के लिए वीना से शादी से ही उसके पीछे पड़ा था.

अब रानी उठ खड़ी हुई और वह अपनी टांगों को फैला कर अपनी चूत में मेरे मुँह घुसवा कर चटवाने लगी.

मैंने अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में पेल दी.
वह मस्ती में आह आह करने लगी और मेरे मुँह में ही झड़ गयी.

उधर वीना ने शशिकांत का लंड अपनी चूत में ले लिया था और उसे अपने सीने से चिपका कर चुदवाना शुरू कर दिया था.

वह अति उत्तेजित होकर जोर जोर से चीखने लगी थी- आह चोदो … मजा आ गया … आह और जोर से चोदो!

मैं भी मूड में आ गया और मैंने भी रानी की चूत में लंड घुसेड़ दिया.
रानी भी कामुक सिसकारियां निकालने लगी- आअह हम्म्म डार्लिंग प्लीज … चोदो … हम्म्म आअह.

हम दोनों ने एक दूसरे की बीवियों को हचक हचक कर देर तक चोदा.

शशिकांत ने अपने लंड का माल वीना की चूत में ही छोड़ दिया और वह उसके ऊपर ही लुड़क गया.

फिर जब मैं झड़ रहा था तो रानी ने मुझसे लंड निकलवाने का कहा.
उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.

वह मेरे लंड की रबड़ी को खा गई और उसने लंड चाट कर साफ कर दिया.

हम चारों बिना कपड़ों के ही लेट गए.
मैंने रानी की चूत पर स्केच से लिख दिया- राजा के लिए रानी की चूत.

शशिकांत ने लिखा कि वीना की चूत शशिकांत के लिए!

हम सभी ने एक एक पैग और लिया और सिगरेट पीकर वैसे ही नंगे सो गए.

एक घंटा बाद फिर से सेक्स का नंगा नाच शुरू हो गया.
जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स का हम लोगों एक एक राउंड और लिया.

इस राउंड में मैंने अपना माल रानी की चूत में ही छोड़ दिया.
शशिकांत ने भी अपना माल वीना की चूत में टपका दिया था.

अपनी अपनी बीवियों की चूत में गैर मर्द के लंड का पानी टपकने का यह नतीजा निकला कि आज मेरी बेटी सांवली है और रानी का बेटा गोरा है.

हम चारों को बहुत मजा आया तो हम लोग तीन दिन तक वहीं रुके रहे.

उन तीन दिनों में हमें पूरा चुदाई का खेल किया.

दोनों लेडीज को सैंडविच चुदाई का मजा भी दिया.
रानी ने वीना को लंड चूसना सिखा दिया.

उस सबका वर्णन मैं आपको अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
जीजा साली वाइफ एक्सचेंज सेक्स कहानी पर आप अपने विचार हमें जरूर भेजें.

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆