Our site can help you find a professional massage girl in Bangalore who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Bangalore that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Bangalore massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Bangalore who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Bangalore massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Bangalore massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Bangalore who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Bangalore employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Bangalore helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Bangalore
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Bangalore at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
संजय और मैं बीच एग्जाम में फ़ोन से सेक्सी चैट करते थे.
वह अपनी नंगी तस्वीरें भेजता था, इधर से मैं भेजती थी.
संजय रोल प्ले करवाता था कि मुझे कैसे चोदना है.
इसी तरह सारे पेपर खत्म हो गए और अब मुझे व छवि दोनों को एग्जाम के बाद घर जाना था.
पर संजय चाहता था कि मैं रुकी रहूँ क्योंकि घर जाने से पहले उसको मुझे चोदने की इच्छा थी.
इसलिए मैंने अपने घर पर दो दिन बाद का बोला था कि एग्जाम अभी दो दिन बाद खत्म होंगे.
पर हॉस्टल तो खाली करना ही था, उस कारण से मेरे और छवि के रुकने की समस्या थी.
संजय ने कहा कि उसने राहुल से बात कर ली है, उसके फ्लैट में हम दोनों सहेलियां जितना चाहें, उतने दिन रुक सकती हैं.
राहुल ने भी छवि के लिए हां बोल दिया था.
संजय को अभी छवि, मेरे और राहुल के सेक्स के बारे में कुछ नहीं मालूम था.
उसने हमारे लिए कैब बुक कर दी और छवि और मैं दोनों हॉस्टल में से घर का बोल कर सारा सामान लेकर राहुल के फ्लैट पर जाने के लिए तैयार थी.
हम दोनों फ्लैट पर पहुंच गईं.
वहां संजय हमारा इन्तजार कर रहा था.
जब हम दोनों फ्लैट पर पहुंची तो राहुल भी उसी वक़्त आ गया था.
मैंने कहा- संजय, हमारे पास आज पूरा दिन और कल का दिन है. घर कल शाम तक किसी भी हालत में पहुंचना ही है.
उसने कहा- बिल्कुल, अपने पास बहुत समय है. पहले हम सब कुछ खा पी लेते हैं.
संजय ने खाना आर्डर कर दिया.
हम सभी आपस में बातें कर रहे थे; हंसी मजाक भी कर रहे थे.
थोड़ी देर बाद ही खाना आ गया.
संजय और राहुल दोनों ने कहा- तुम लोग खाना खा लो, हम लोग अभी आते हैं.
हमने पूछा भी कि किधर जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने हमें नहीं बताया.
वे दोनों गाड़ी से निकल गए.
तब तक हम दोनों ने खाना खा लिया और कुछ ही देर बाद दोनों आ गए.
वे बीयर लेकर आये और उन्होंने पहले थोड़ी-थोड़ी बीयर पी.
उन्होंने हमें भी बियर पीने को कहा पर हम दोनों ने मना कर दिया.
फिर कुछ देर बाद दोनों ने खाना खाया.
खाना खाने के बाद संजय ने मुझे इशारा कर दिया.
हम दोनों अन्दर आ गए.
मैंने जींस और स्लीवलेस टॉप पहनी थी, नेट की ब्रा और जॉकी की पैंटी पहनी थी जिसमें मेरी आधी गांड ही कवर हो.
ये जींस में भी कम्फर्ट देती है.
उसने पहले मेरे होंठों को चूमा और दोनों हाथों से मेरे दूध दबाने लगा.
उसने मेरे बालों को पूरा खोल दिया.
हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, होंठों में होंठों को डालकर एक दूसरे को चाटने लगे.
उसके दोनों हाथ मेरी कमर पर आ गए और वह मेरी कमर को मसलता हुआ च्यूँटी काटने लगा.
फिर उसने कमर से मेरे टॉप के अन्दर हाथ डाल कर मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए.
मुझे डर था कि कहीं ये टॉप को फाड़ न दे.
मैंने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए ताकि वह मेरे टॉप को उतार दे.
उसने ऐसा ही किया.
फिर वह अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया.
उसका लंड अभी खड़ा नहीं हुआ था.
मैंने अपने दोनों हाथ से उसके लंड को पकड़ा और खड़ा करने की कोशिश करने लगी.
इसी बीच वह मेरी गर्दन और गालों को चूमने लगा.
उसके इस तरह से चाटने के कारण मैं भी गर्म होने लगी थी.
भले ही मैं ब्रा में थी लेकिन वह मेरे क्लीवेज़ देखते हुए उनके बीच वह अपनी जीभ से मुझे मदहोश करने लगा था.
इस तरह से वह मेरा तापमान बढ़ा रहा था.
उसकी इन हरकतों से उसका लंड खड़ा हो गया था.
उसने मेरे बालों को पकड़ कर नीचे झुकने का इशारा किया तो मैं समझ गयी कि लंड को लॉलीपॉप समझ कर चूसना है.
मैंने सोचा कि क्यों न लंड का पानी निकाल दूँ … जिससे ये ठीक से दोबारा खड़ा होने में समय ले.
यह सोचते ही मैं पूरी शिद्दत के साथ लंड पर टूट पड़ी.
मैं अब उसके लंड के सुपारे को ऐसे चूसने लगी जैसे वह लॉलीपॉप ही हो.
जल्द ही उसका लंड गुलाबी रंग का हो गया था.
मैंने उसकी बॉल्स को भी मुँह में लिया और पूरे लंड को अपने थूक से चाट चाट कर गीला कर दिया था.
पूरा लंड मेरे मुँह में नहीं आ रहा था तो जितना हो सकता … उतना मुँह के अन्दर लेती और अन्दर जीभ से लंड के ऊपर घुमा देती.
संजय इससे एकदम से कामुक होने लगा और वह मेरे मुँह में ही झड़ गया.
उसका सारा वीर्य मेरे मुँह में था.
मैं बाथरूम में गयी और मुँह धोकर आ गयी.
क्योंकि मुझे उसके वीर्य को निगलना अच्छा नहीं लगता था.
वह वहीं लेट गया था.
उसने कहा- आज तो मजा ही आ गया. अनु, तुम तो लंड चूसने में उस्ताद हो गयी हो.
मैंने भी हंस कर कहा- हां, ये सब तुम्हारी सोहबत का कमाल है.
उसने कहा- अभी थोड़ी देर से करते हैं. पहले बाहर चलते हैं.
उसने कपड़े पहने और बाहर गया.
उसने देखा कि राहुल और छवि दोनों चुम्मा चाटी कर रहे हैं.
संजय देखकर दंग ही रह गया.
उसने अन्दर आकर मेरा हाथ पकड़ा और मुझे तुरंत अन्दर से बाहर ले आया.
उसने कहा- यह देखो, क्या कर रहे हैं ये लोग?
उन दोनों ने हमारी तरफ देखा और फिर से वे दोनों एक दूसरे को निसंकोच किस करने लगे थे.
मैं ब्रा और जींस में ही उनके सामने खड़ी थी.
संजय मुझे ब्रा में देख कर जरा हैरान था.
मुझे भी लगा कि मुझसे चूक हो गई है.
मैं वापस अन्दर जाने लगी तो संजय ने रोक दिया कि ऐसे ही ठीक है.
फिर राहुल ने कहा- साले संजय, तू तो भी तो मजे ले रहा था. मैं क्या यहां पर अपनी गाड़ी हाथ से चलाऊं. मुझे भी तो चूत चाहिए ना! तो मैंने भी आज से छवि को सैट कर लिया. क्यों मेरी जान छवि!
छवि ने भी कहा- हां क्यों नहीं.
फिर वे दोनों अन्दर चले गए और हम बाहर थे.
संजय को थोड़ा अजीब लगा.
पर मैंने उसे सब समझा दिया- ठीक है. क्या प्रॉब्लम है. छवि को राहुल पसंद है.
वह भी मान गया.
जल्द ही अन्दर से चुदाई की आवाजें आने लगीं.
वे दोनों करीब 25 मिनट के बाद बाहर आने को हुए.
पहले राहुल आया.
वह तो सिर्फ अंडरवियर में ही बाहर आया था.
थोड़ी देर बाद छवि कपड़े पहन कर बाहर आ गई.
हम सब वहीं बैठे थे.
राहुल ने मुझे इशारा करते हुए पूछा.
मैंने भी उसे इशारे से कहा- सब ठीक है.
वह भी निश्चिन्त हो गया.
फिर माहौल ठीक करने के लिए राहुल ने बात शुरू की.
अब संजय भी नार्मल हो गया.
कुछ देर के बाद राहुल का फ़ोन आया तो उसने कहा कि उसे कुछ काम से 15-20 मिनट के लिए बाहर जाना पड़ेगा.
संजय और मैं चुप रहे.
राहुल ने छवि से कहा- छवि तुम भी चलो, घूम कर आते हैं.
वे दोनों तैयार होकर निकल गए.
संजय ने कहा- अनु, चलो तैयार हो जाओ.
मैंने कहा- मैं तो कब से तैयार हूँ.
अब संजय भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया.
उसका लंड अभी खड़ा नहीं था तो उसने मुझे इशारा किया.
मैं समझ गयी कि मुझे क्या करना है.
वह वहीं कुर्सी पर बैठ गया और मुझे घुटनों पर बैठ कर उसके लंड को चूस कर खड़ा करना था.
मैं शुरू हो गई.
मैंने उसका लंड चूसना शुरू किया.
लंड को चूसते हुए मैं उसे धीरे-धीरे खड़ा करने लगी.
लंड धीरे धीरे बड़ा होने लगा था.
इस बीच उसने मेरे बालों को पड़कर मुझे ऊपर उठाया और मुझे किस करने लगा.
मैं भी उसे किस करने लगी.
वह मुझे चूमते हुए गालों तक आया और मेरी गर्दन को चूमने लगा.
गर्दन को चूमते हुए वह मेरे बूब्स पर आ गया और मेरे बूब्स को दोनों हाथों से ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, मसलने लगा.
अब उसने मुझे वहीं खड़ा किया और मेरे पीछे आकर पीछे से चूमने लगा.
उसका एक हाथ मेरी चूत को जींस के ऊपर से ही मसल रहा था और दूसरा हाथ मेरी कमर को लॉक किए हुए था.
उसने पीछे से ही मेरी जींस का हुक और चैन खोली और उसे उतारते हुए धीरे-धीरे मेरे घुटनों के नीचे कर दिया.
फिर पीछे से ही उसने मेरी गांड को पैंटी के ऊपर से ही चाटना चूमना शुरू कर दिया.
वह एक हाथ से मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही मसलने लगा.
मेरी चूत अब तक गीली हो चुकी थी और लंड की मांग कर रही थी.
वह अभी भी मेरी गांड पर अपने होंठों से किस कर रहा था.
फिर उसने मुझे सोफे पर वहीं पर बिठा दिया और मेरी जींस को पैरों से पूरी तरीके से निकाल कर वहीं पर फेंक दिया.
अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
संजय ने मेरी तरफ देख कर कहा कि आज कुछ नए तरीके से करते हैं.
मैंने ज्यादा कुछ न सोचते हुए मुस्कुराते हुए कहा- हां क्यों नहीं.
उसने मुझे खड़ा किया और सोफे पर झुका दिया.
फिर मुझसे कहा- अपनी दोनों टांगें फैला लो और बस ऐसे ही रहना.
मैं हो गई.
उसने अपने एक हाथ से मेरी पैंटी को चूत से साइड में खिसका दिया और अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में धीरे धीरे पेलते हुए अन्दर बाहर करने लगा.
मैं सीधी खड़ी होने लगी तो उसने मुझे रोकते हुए कहा- न न … वैसी ही रहो जैसी हो.
तो मैं वापस उसी पोजीशन में हो गई.
मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
बस मैं पागल सी होने लगी थी.
मेरी चूत गीली थी ही!
फिर उसने मेरी पैंटी को चूत के पास से ही फाड़ दिया और पैंटी को ऊपर कमर की ओर खिसका दिया.
मैंने कहा- बाबू, कंडोम तो पहन लो, भूल जाओगे.
उसने कहा- जान तुम ही पहना दो.
मैंने उसके लंड को चूमा और अपने हाथों से कंडोम पहना दिया.
अब उसने मुझे सोफे पर इस तरह से झुकाया कि जहां पर कोने की ओर हाथ रखते हैं, वहां पर मेरी कमर हो ताकि चूत को वह खड़े खड़े ही निशाना लगा सके.
मेरी कमर से ऊपर का हिस्से सोफे पर था.
इस वजह से मेरी चूत उसे साफ साफ दिख रही थी.
वह मेरी चूत को मुँह से चाटने लगा और अपनी जीभ से ही मुझे चोदने लगा.
मेरी चूत और ज्यादा गीली हो चुकी थी.
अब उसने अपना लंड मेरी चूत पर घिसना चालू कर दिया. उसके दोनों हाथ मेरी कमर को पकड़े हुए थे.
मैंने उस पर झुक कर अपनी दोनों टांगों को फैला दिया और अपनी दोनों टांगों को फर्श पर रख दिया.
साथ ही मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को फैला लिया.
संजय ने मेरी पीठ के निचले हिस्से पर हाथ रखा.
मैंने कहा- जान अब कितनी देर और तड़पाओगे?
उसने कहा- ऐसी बात है तो ये लो.
उसने एक झटके में अपने लंड को मेरी चूत के अन्दर डाल दिया.
मेरी आह निकल गई.
उसने लंड को दबाते हुए कहा- अब ठीक है न!
मैंने भी ‘ह्म्म्म …’ कहा.
वह शुरू हो गया.
धपाधप गीली चूत में आराम से लंड अन्दर बाहर होते हुए आवाज़ कर रहा था.
उसकी दोनों टांगें मेरी दोनों टांगों के बीच में थीं.
वह भी जानबूझ कर रुक रुक कर तेज धक्के लगाता.
मुझे मजा आने लगा था.
कुछ ही मिनट ऐसे ही चोदते हुए उसने मेरे दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों से पकड़ किया.
अब मेरे बूब्स हवा में थे और वह आराम से मेरी चुदाई कर रहा था.
तभी अचानक से दरवाजा खुला और राहुल और छवि अन्दर आ गए.
मुझे थोड़ी शर्म आयी लेकिन संजय को पता नहीं क्यों, उसे कुछ फर्क नहीं पड़ा.
वह उन्हें देखकर कुछ सेकंड रुका, फिर वापस शुरू हो गया.
यह देख कर दोनों नंगी गर्ल Xxx चुदाई के मजे लेने लगे.
मेरी चूचियां गजब हिल रही थीं.
राहुल सामने आकर बैठ गया और बोला- वाह क्या चूचियां हैं, मजा आ जाएगा ऐसी चूचियां पीने में तो … ओए होए होए होए!
छवि भी सामने बैठकर मुस्कुरा रही थी और संजय रुकने का नाम नहीं ले रहा था.
वह धपाधप मेरी चूत मारे जा रहा था.
फिर राहुल मेरे पास आकर मेरी चूचियों को दोनों हाथों से दबाने लगा और मुझे चूमने लगा.
इधर संजय ने कहा- राहुल!
राहुल ने कहा- क्या हो जाएगा यार … यदि मैं उसकी चूचियों को थोड़ा सा दबा लूँ तो? ले तो तू ही रहा है न … अगर तू मुझे पेलने दे तो कुछ बात हो!
संजय कुछ नहीं बोला.
राहुल मुझे किस करके अलग सामने आकर बैठ गया.
संजय मुझे चोदता रहा.
कुछ देर के बाद मैंने कहा- संजय, मेरा होने वाला है.
उसने कहा- बहुत अच्छा … निकल जाओ.
मैं झड़ गयी.
मेरी जांघों तक पानी आ गया था.
संजय ने मुझे कुछ देर चोदने के बाद पोजीशन से चेंज करके अपने गले से लगाया और कहा- जान मैं अपना पानी निकालने वाला हूं, कहां निकालूँ?
मैंने उसके लंड से कंडोम को निकाला और कहा- मेरे ऊपर ही निकाल दो.
उसने अपना सारा पानी मेरे बूब्स के ऊपर निकाल दिया.
ज्यादा पानी नहीं निकला था.
फिर हम दोनों नंगे ही वहीं सोफे पर बैठ गए.
अब तो मुझे शर्म भी नहीं आ रही थी क्योंकि राहुल मुझे छवि के सामने चोद चुका था इसलिए शर्म खत्म हो गई थी.
मैंने अपनी फटी हुई पैंटी को कमर से निकाला और बस फिर कुछ देर बाद बाथरूम जाकर एक नयी पैंटी और ब्रा को पहन लिया.
अपने कपड़े पहन कर वापस आ गई.
राहुल और संजय दोनों का एक दूसरे के ऊपर से गुस्सा शांत हो गया था.
उन दोनों में सुलह हो गई थी.
हम चारों ने फिर से बातचीत शुरू कर दी.
फिर प्लान बना कि मूवी देखने चलते हैं.
हम लोग चारों मूवी देखने गए.
मेरा नाम राहुल है Hindi Porn Stories और मैं आगरा का रहने वाला हूँ। मेरे घर में तीन ही लोग हैं, मैं, पिताजी और माँ।
बात उस समय की है जब मैं पढ़ता था। मेरे पड़ोस में शर्मा जी का घर था, उनकी दो बेटियाँ थी, एक तो मेरे साथ ही पढ़ती थी। मैं पढ़ने में काफी होशियार था इसलिए कई बच्चे मुझसे सवाल पूछा करते थे और मैं भी सबकी मदद कर देता था। मैं अपने मोहल्ले का काफी सीधा लड़का था।
अब मैं आप लोगो को शर्मा जी की बेटियों के बारे में बताता हूँ। बड़ी का नाम सीमा और छोटी का अंशु था। दोनों की जवानी उभार पर थी पर छोटी वाली तो कुछ ज्यादा आगे थी। सीमा का फिगर बड़ा मस्त था 24-36-24, पर रंग थोड़ा सांवला था। अंशु तो गजब की बाला थी, गोरा रंग और गजब का फिगर ! ऐसा कि देखते ही चोदने का मन करे और कई लड़के तो खड़े-2 मुठ मार दें ! फिर भी मैं इन सब पर ध्यान नहीं देता था।
एक दिन की बात है, मैं शाम को घर के बाहर टहलने निकला, तभी अंशु दौड़ती हुई मेरे पास आई और कहा- दीदी आपको बुला रही है, उन्हें कुछ पूछना है।
मैं चलने को तैयार हो गया और उसके पीछे पीछे उसके घर चला गया। वहाँ देखा तो सीमा कुछ पढ़ रही थी। उसके मम्मी-डैडी कहीं बाहर गए हुए थे और घर पर बस वही दोनों थी।
अंशु ने मुझे एक सोफे पर बैठाया और पानी लेने चली गई। तब तक सीमा अपनी किताब लेकर मेरे पास आ गई। उसने आसमानी रंग की एकदम पतली नाइटी पहन रखी थी जिसमें से उसकी काली रंग की ब्रा-पैंटी साफ़ झलक रही थी।
पहले तो मैं थोड़ा शरमाया पर सब सही हो गया। वो मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई और सवाल पूछने लगी। सवाल पूछते-2 वो कुछ ऐसा कर रही थी कि उसके स्तन मुझे दिख जाएँ। मेरी नजरें उसके वक्ष पर अटक गई। वह अपनी सफलता पर थोड़ा मुस्कुराई और फिर आगे पूछने लगी।
तब तक अंशु पानी लेकर आ गई। वह आगे बढ़ी और एक कुर्सी से टकरा गई और पानी मेरी पैंट पर गिर गया। मैं घबरा गया। सीमा के स्तन देखते हुए मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था।
अंशु ने मुझसे माफ़ी मांगी और एक तौलिया दे दिया। मैं बाथरूम में चला गया। तभी सीमा वहाँ आ गई और मेरा हाथ पकड़ लिया।
मैं काफी डर गया और अपना हाथ खींच लिया।
वो अंशु को बुलाते हुए बोली- देख रे कैसा शरमा रहा है, जैसे कभी लड़की ही नहीं देखी।
अंशु भी आ गई और वो दोनों मुझे बेडरूम में ले गई।
मैं सिर्फ अंडरवियर और शर्ट में था।
मुझे देख कर सीमा बोली- हाय रे ! कातिल कहाँ छुपा था अब तक?
अब उन दोनों ने मुझ पर सेक्सी कमेंट्स करने शुरु कर दिए।
मैं बेचैन हो गया और उनसे कहा- मुझे जाने दो !
पर वो भला कहाँ मानने वाली थी।
अंशु ने पीछे से मुझे पकड़ लिया और मेरे शर्ट के बटन खोल दिए। सीमा भी आगे से मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने स्तनों को मेरे सीने पर दबाने लगी और मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और मेरे लिंग को दबाने लगी।
तभी अंशु ने पीछे से एक ब्लू फिल्म चला दी और कहा- तुम तो काफी ठंडे लगते हो, क्या पहले तुमने ये सब नहीं किया?
मैंने ना में जवाब दिया।
ब्लू फिल्म देख कर मुझे भी जोश आने लगा और मेरा लिंग तनकर 8 इंच का हो गया।
मैंने सीमा की नाइटी उतार दी और ब्रा के बाहर से ही उसके उरोजों को दबाने लगा। क्या सॉलिड बूब्स थे उसके ! मन तो कर रहा था कि काटकर खा लो।
मैंने उसकी पैंटी में ऊँगली डाली और उसकी योनि में ऊँगली करने लगा। उसकी चूत में से पानी आने लगा।
मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और पैंटी भी उतार दी, उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया। अब दोनों एकदूसरे के सामने नंगे खड़े थे। मैंने पहली बार चूत के दर्शन किए थे। उसकी गुलाबी रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसके बड़े-2 चूतड़ उसको और हसीं बना रहे थे।
मेरे लिंग को देखते ही वो बोली-कितने गंदे हो तुम ! कभी अपनी झांटें भी साफ़ कर लिया करो !
मैंने कहा- डर लगता है ! कहीं कट गया तो?
उसने अपनी बहन अंशु से ब्लेड मंगाया और कहा- आओ, मैं तुम्हारी झांटें बना देती हूँ।
वो मुझे बाथरूम में ले गई और झांटे साफ़ करने लगी और इस बीच मैं उसके स्तन दबाता रहा।
इसके बाद उसने शॉवर चला दिया और हम दोनों उसके नीचे भीगने लगे। एक तरफ पानी और दूसरी तरफ आग, पर आज पानी भी आग को नहीं बुझा पाया।
उसने मेरा लिंग मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं भी उसकी चूचियों को चूसता रहा और चूत में ऊँगली करता रहा।
उसका बदन जलने लगा और कहने लगी- अब और न तड़पाओ मुझे। चोद दो इस चूत को। फाड़ दो इसे अपने फौलादी लंड से।
मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसकी कमर पर हाथ लगाया और उसकी चूत पर निशाना लगाते हुए अपना लंड आगे दिया। पर मेरा लंड किनारे हो गया। उसकी योनि काफी कसी थी। उसकी गुलाबी चूत शायद अभी तक कुंवारी थी। मैंने २-३ बार कोशिश की पर सफल नहीं हुआ।
फिर उसने मेरे लंड पर शैंपू लगाया और अपनी योनि पर भी। अब धीरे से उसने मेरे लंड को योनि के मुख पर टिकाया और मुझसे धक्का लगाने को कहा, वो खुद भी धक्का लगाने लगी। शैंपू की चिकनाहट के कारण लिंग योनि में सरकता चला गया।
आधा अन्दर जाते ही वो जोर से चिल्लाईई और बाहर निकालने के लिए कहने लगी।
मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और उसके स्तन दबाने लगा। धीरे-2 उसका दर्द कम हुआ, तभी मैंने लिंग को थोड़ा बाहर खींच कर पूरी ताकत से पेल दिया। वो तड़प उठी।
मैं फिर उसके होठों को चूमने लगा। धीरे-2 वो जोश में आने लगी और अपने चूतड़ उछाल-2 कर मजे लेने लगी। मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी।
करीब दस मिनट बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया पर मैं अभी भी लगा रहा।
पाँच मिनट बाद मैंने भी वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी और उसके ऊपर लेट गया।
तभी उसकी बहन अंशु वहाँ आ गई और कहने लगी- अब मेरी प्यास भी मिटा दो।
मैंने देखा सीमा वहीं शॉवर के नीचे पड़ी है और उसकी चूत से पानी और खून निकल रहा है।
मैंने सीमा को वहीं छोड़ा और अंशु के पास पहुँच गया।
जैसा मैंने पहले ही बताया था कि अंशु सीमा से भी ज्यादा सेक्सी माल थी और ऊपर से उसका गोरा रंग और गजब ढा रहा था।
मुझे ऐसा लगा की कोई परी मेरे सामने खडी है और कह रही है- आओ, मुझे चोद दो, मेरी चूत की प्यास बुझा दो।
मैंने उसे उठाया और बेड पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट गया। उसने कसकर मुझे पकड़ लिया और उसकी चूचियों का नरम-2 एहसास मुझे अपने सीने पर होने लगा।
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा, धीरे से मैंने उसके होंठों को थोड़ा काट लिया। उसके पूरे बदन में आग लग गई, उसने भी मुझे चूमना शुरु कर दिया।
फिर मैंने उसे थोड़ा अलग किया और उसके स्तन दबाने लगा। वो भी मेरा लिंग दबाने लगी और लिंग को चूसना शुरु कर दिया। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैं भी उसकी चूत में ऊँगली डालने लगा और उसके स्तनों को चूसने लगा।
अंशु की योनि तो सीमा से भी मस्त और कसी थी। उसको देख कर ऐसा लगता था मानो भगवान् ने फुर्सत में उसे बनाया है।
तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने भी अपना वीर्य उसके मुँह में भर दिया, उसने पूरा वीर्य पी लिया और लिंग को चाट-2 कर साफ़ करने लगी।
मेरा लिंग एक बार फिर मैदान में आ गया और इस बार उसका निशाना सिर्फ अंशु की चूत थी। अंशु भी गरम हो गई थी और बार-2 मुझे छोड़ने का निमंत्रण दे रही थी।
मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया। मुझे पता था कि अंशु की चूत भी अभी कुंवारी है इसलिए मैंने धीरे से उसकी योनि का मुँह फैलाया और उस पर लंड का सुपारा टिका दिया।
मैं उसके होंठों को चूमता रहा और एक उसके पुष्ट उरोजों को दबाते हुए हल्का सा झटका दिया और मेरा लंड आधा अंशु की चूत में पंहुच गया।
वो दर्द से चीख पड़ी पर मैंने उसे ज्यादा मौका नहीं दिया और उसके होंठों को चूसता रहा। उसकी झिल्ली फट चुकी थी, मैंने उसका कौमार्य भंग कर दिया था।
मैंने थोड़ा पीछे होते हुए पूरी ताकत से लंड उसकी चूत में डाल दिया।
वो तड़प उठी पर थोड़ी ही देर में उसे मजा आने लगा और वो चूतड़ उछाल-2 कर साथ देने लगी।
करीब 15 मिनट बाद वो झड़ गई। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे कुतिया की पोजिशन में कर दिया और फिर उसी तरह करीब आधे घंटे चलता रहा।
तभी उसने कहा- राहुल, अब मैं झड़ने वाली हूँ।
मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए। वो मुझसे चिपक गई और निढाल हो गई।
उस रात हम तीनों ने चुदाई के कई राउंड चलाये। जिसमें दो बार मैंने उन दोनों की गांड मारी और चूत को फाड़ कर भोंसड़ा कर दिया।
उसके बाद भी हमे जब भी मौका मिलता हम पूरा फायदा उठाते।
अंशु की चूत तो अब भी वैसी ही टाइट लगती है। कई बार मैंने उनकी सहेलियों के साथ भी सम्बंध बनाए।
पर यह अगली बार।
यह कहानी आप लोगों को कैसी लगी, जरूर बतायें, मुझे ईमेल करें ! Hindi Porn Stories
यह एक सच्ची कहानी Antarvasna है। मैं पेंटिंग की क्लास अपने घर पर लेता था, मेरी क्लास में ज्यादातर लड़कियाँ ही सीखने आती थीं।
एक दिन एक नई लड़की प्रवेश लेने आई। वह इतनी सुन्दर थी कि मैं देखता रह गया। छरहरा बदन, औसत ऊँचाई, गोरी-चिट्टी, सेक्सी नाक नक्शा। पहली नजर में मेरे बदन में सनसनाहट पैदा हो गई। उसने अपना नाम रिंकी बताया, क्लास 12 की विद्यार्थी थी, उम्र 18-19 साल होगी।
वह रोज क्लास में आने लगी। कुछ दिन बाद वह अपनी ही क्लास की एक सहेली को ले कर आई। मैं जानबूझकर उसे अपने सामने बैठाता था और उसके रूप को निहारते रहता था। वह झुक कर जब पेंटिंग बनाती थी तब उसकी आधी चूची मैं देखकर पागल हो जाता था। मेरा लंड खड़ा हो जाता था। जब भी उससे नजर मिलती, मैं पैंट के ऊपर से ही अपने खड़े लंड को अपने हाथ से उसे दिखाते हुए दबा देता था।
वह धीरे धीरे मेरी नियत समझ गई, अब वह भी बार बार मुझे देखने लगी, मैं समझ गया कि उसे भी मजा आने लग गया था।
कुछ दिन के बाद मैं उसे अपने बगल में बैठाने लगा। अब उसे ड्राइंग सिखाने के बहाने उसके बदन को छूने लगा। ऐसा करने से उसके बदन में उत्तेजना होने लगती थी और वो कसमसा जाती थी। मैं धीरे धीरे उसकी चुचियों को कपड़ों के ऊपर से ही छूने लगा। ऐसा करने से वह चिंहुक जाती थी।
अब वह जानबूझ कर मुझसे ज्यादा सट कर बैठने लगी। मैं समझ गया कि उसे भी वही चाहिए जो मुझे!
एक दिन मैंने उसके दुपट्टे के अन्दर हाथ डालकर उसकी चूची को जोर से दबा दिया तो वह काँप उठी। अब वह बिना ब्रा पहने आने लगी। जब झुकती थी तो उसकी चुचियों के निप्पल भी दिख जाते थे। अब सबकी नजर बचाकर उसके कुरते के गले में हाथ डालकर उसकी चुचियों को मसल देता था। वह मस्त हो जाती थी। अब वह क्लास में समय से पहले आने लगी और आकर मेरे बगल में चिपक कर बैठ कर मुझसे चुचियों को मसलवाने का मजा लेने लगी।
एक दिन अकेले में मैं उसे अपने हाथों से जकड़कर अपने बदन में समाकर उसके होंठों को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा तो उसने भी कस कर मुझे अपने हाथों से बांध लिया। अब मैं उसके टॉप में हाथ डाल क़र उसकी चुचियों को मसलने लगा। मेरी पैंट से मेरा लंड खड़ा होकर उसके बदन से टकराने लगा। वह मेरे चूतड़ पकड़कर खींचने लगी जिससे मेरा लंड उसकी उसकी बुर से ऊपर से चिपकने लगा।
मैं उसकी चुचियों से हाथ हटाने लगा तो वह मेरा हाथ पकड़ कर बोली- सर, और मसलिये! खूब जोर जोर से मसलिये सर! कुछ कीजिये सर!
मैंने उससे कहा- अभी इतना ही! क्योंकि बाकी लड़कियाँ अब आने वाली हैं, कल स्कूल न जाकर चुपचाप मेरे पास आ जाना! मैं सुबह तुम्हारा इन्तजार करूँगा।
उसने कहा- कैसे आऊँगी सर! रूमा भी मेरे साथ स्कूल जाती है।
रूमा भी मेरे क्लास में ड्राइंग सीखने आती थी। मैंने उससे कहा- वह तो तुम्हारी पक्की दोस्त है। उसे तो कुछ कुछ पता ही होगा तुम्हारे और मेरे सम्बन्ध के बारे में!
रिंकी ने कहा- सर, वह सब जानती है और मुझसे पूछती है कि कैसा लगता है जब सर तुम्हारी चूची मसलते हैं। मैं उसे कहा कि मसलवाओगी तब पता चलेगा कि कितना मजा आता है।
तब मैं रिंकी से बोला- आज थोड़ा मजा उसे भी दे देंगे। उसे आज मेरे दूसरे बगल में बैठने को कहना। मैं उसे भी उत्तेजित कर दूंगा। कल उसे भी अपने साथ ले आना। वह आ भी जायेगी और किसी को बोलेगी भी नहीं!
जब सभी लड़कियाँ आईं तो रिंकी ने रूमा को मेरे दायें बगल में बैठा दिया और खुद बांये बगल बैठ गई। मैं मौका देख कर कपड़े के ऊपर से ही रूमा की चुचियों को दबा देता। वह कसमसा जाती और मुझसे और सटने लगी। रिंकी तिरछी नजरों से सब देख रही थी। जब क्लास ख़त्म हो गई तो मैंने रिंकी और रूमा को किनारे बुलाकर कहा- कल तुम दोनों स्कूल जाने के बहाने मेरे पास चली आना। बहुत अच्छा पेंटिंग सिखाऊँगा।
रिंकी तो पहले से तैयार थी, बोली- मैं आ जाऊँगी पर रूमा आएगी तब न!
मैंने रूमा से पूछा- क्या तुम मेरा कहना नहीं मानोगी?
रूमा ने कहा- ठीक है सर! आ जाऊँगी।
मैंने दोनों को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा- ठीक है! मैं इंतजार करूँगा।
दूसरे दिन सही समय पर दोनों आकर मुझे अभिवादन कर मेरे दोनों बगल बैठ गई। मैं दोनों की चुचियों को दबाने लगा दोनों बिना ब्रा पहने ही आई थी। रिंकी तो कहने लगी ‘सर अन्दर हाथ डालकर खूब जोर से दबाइए।
मैं दोनों के टॉप में हाथ डालकर मसलने लगा, उन्हें मजा आने लगा।
मेरा लंड एकदम टाइट होकर खड़ा हो गया। रिकी से नहीं रहा गया, वह अपनी हथेली को मेरे लंड के उभार पर रखकर दबाने लगी।
कुछ देर के बाद मैं रिंकी के टॉप के बटन खोल कर उसकी एक एक कर दोनों चुचियों को निकलकर अपने मुंह में भर कर चूसने लगा। रिंकी सी-सी करने लगी।
फिर मैं उसके टॉप को अलग कर के उसके निप्पल को मसलने लगा साथ साथ दूसरे हाथ से उसके बदन के सभी भाग को सहलाते हुए स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी बुर को दबाने लगा, रिंकी चिहुंक कर मुझसे जोर से चिपक गई और एक हाथ बढ़ाकर मेरे लंड को ऊपर से ही दबाने लगी, बोलने लगी- सर प्लीज कुछ कीजिये, अब नहीं रहा जा रहा है। मैंने कहा- ठीक है! जरा रुको! रूमा को भी कुछ मजा दे दूं!
कह कर मैंने रूमा को आगोश में भर लिया उसके एक-एक अंग से खेलने लगा। फिर उसके कान में कहा- रिंकी बहुत गर्म हो गई है उसे अब चुदवाने का मन कर रहा है। तुम यहीं रुको। पहले उसे पहली चुदाई का मजा दे दूँ। जब मैं उसको चोदूंगा तो तुम दरवाजे पर आकर सब कुछ अपनी आँखों से देखना। देखना कैसे उसकी पहली सील टूटती है।
फिर मैंने रूमा को छोड़ रिंकी को बाँहों में भर कर उसके होठों को कस कर चूमा, फिर उससे कहा- देखो रानी, अब तुम चुदवाने के लिए तैयार हो, लेकिन एक बात बता देता हूँ कि पहली बार मेरे लम्बे और मोटे लंड को तुम्हारी छोटी सी अनचुदी बुर में घुसाने में शुरु में बहुत तकलीफ होगी। तुमको शुरू में तकलीफ बर्दाश्त करनी होगी। लेकिन धीरे धीरे तुमको जन्नत का मजा आने लगेगा।
उसने कहा- बाप रे! इतना लम्बा लंड मेरी बुर में कैसे घुसेगा? जाने दीजिये, फट जाने दीजिये मेरी बुर को। इसने मुझे बहुत तड़पाया है। चलिए मैं तैयार हूँ! जल्दी चोदिये मुझे!
कह कर वह मेरे पैंट की ज़िप खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल कर हाथ से रगड़ने लगी। फिर उचक कर स्कर्ट उठाकर अपनी बुर के ऊपर मेरे सख्त लंड को रगड़ने लगी।
मैंने रूमा को देखा कि वह अपने स्कर्ट के अन्दर हाथ डाल कर अपनी बुर से खेल कर रही थी।
अब मैं रिंकी के पेंटी के अन्दर हथेली डाल कर उसकी बुर में उंगली घुसा दिया तो वह आह आह करने लगी, कहने लगी- और अन्दर घुसाइए सर, एक नहीं दो-तीन उंगली डालिए प्लीज! आह सर, बहुत अच्छा लग रहा है। और, और अन्दर डालिए आह सर, अब मुझे जल्दी चोदिये! मुझे असली मजा दीजिये सर! मेरे बुर में पेल दीजिये इस लंड को। हाय, अब नहीं रुक सकती!
कह कर मेरे लंड को मुंह में भरकर होठों और जीभ से चूसने लगी। मैं पलट कर रूमा को देखा तो अपने बुर में उंगली डाल रही थी। मुझे देख कर वह शर्म से अपना मुंह छिपाने लगी।
मैंने अब रिंकी को अपने गोद में उठा कर दूसरे कमरे में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसके सारे कपड़े एक एक कर उतार दिए, अब वह सिफ पैंटी में थी। मैं उस पर चढ़ कर उसकी चुचियों को मसलते हुए उसके होंठों को चूसने लगा। फिर उसकी बुर में उंगली डालकर आगे पीछे करता रहा।
अब रिंकी मेरा लंड पकड़ कर रगड़ने लगी। मैंने उठकर 69 के पोजीशन में आकर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और मैं अपने जीभ से रिंकी की बुर को चाटने लगा। वह उम्-उम् कर मजा लेने लगी।
कुछ देर बाद वह बोल उठी- सर, अब अपना लंड मेरी बुर में डालिए! सर जल्दी डालिए, आहा अब चोदो सर, चोदो न प्लीज!
अब मैं उठकर बैठ गया तो वह अपनी टांगों को फैला कर बोली- लीजिये डाल दीजिये इसमें अपना लंड!
मैंने अपने लंड की सुपारी उसकी बुर के मुँह पर रख दी तो वह शी-शी करने लगी, मेरा लंड पकड़ कर अपनी बुर के छेद पर ले आई और कहने लगी- जल्दी घुसाओ सर!
मैंने उसकी कमर पकड़ कर हल्का सा धक्का दिया तो मेरा लंड उसकी बुर में नहीं घुसा, उसका बुर इतना टाइट था कि लंड घुस नहीं पा रहा था। मैं उठ कर खड़ा हो गया तो वह मेरा हाथ पकड़कर खीचते हुए बोली- क्या हुआ? चोदो न सर!
मैं बोला- तुम्हारी बुर बहुत कसी हुई है। ऐसे नहीं घुसेगा! थोड़ा तेल लगाना पड़ेगा, मैं तेल लेकर आ रहा हूँ।
मैं कमरे से निकलने लगा तो देखा कि रुमा दरवाजे में खड़ी होकर सब देख रही थी। मैं रुमा की चूची पकड़ का खींचते हुए किचन में ले गया और उसकी बुर में उंगली डाल कर रगड़ने लगा। फिर उससे कहा- तुम रिंकी की पूरी चुदाई दरवाजे से देखती रहना!
मैंने तेल की शीशी उठाकर रुमा की बुर पर हाथ रखते हुए उसे दरवाजा पर खड़ा कर दिया और कमरे में घुसा तो देखा कि रिंकी आँख बंद कर अपनी बुर में उंगली कर रही थी। मैं फिर उसकी टांगें फैलाकर बीच में बैठ गया और तेल निकाल कर उसकी बुर के छेद में डाला और उंगली से तेल उसकी बुर के अन्दर करने लगा, दो उंगली ड़ाल कर उसकी बुर को तेल से चुपड़ दिया।
रिंकी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर छटपटाने लगी। फिर मैंने थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाकर मालिश कर दिया। मैंने रुमा की ओर देखा तो वह अपनी बुर में उंगली कर रही थी और सबकुछ गौर से देख रही थी। रिंकी को कुछ पता नहीं था कि रुमा देख रही है।
अब मैं अपने लंड को रिंकी की बुर के छेद पर रख कर कमर से एक धक्का दिया तो मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी बुर में फंस चुका था।
रिंकी चिल्लाई- नहीं सर, मत डालिए! बहुत दर्द हो रहा है! छोड़ दीजिये प्लीज! अभी नहीं बाद में! हाय मैं मर गई! निकालिए!’
मैंने उसी हालत में रहते हुए उसे समझाया- थोड़ा दर्द बर्दाश्त करो! बस थोड़ा दर्द सह लो, आखिर कभी भी तो चुदवाओगी ही! और तब भी दर्द करेगा! तो आज ही बर्दाश्त कर लो!’
कह कर उसे खूब प्यार से पुचकारने लगा तो वह मान गई और बोली- ठीक कीजिये जो करना है, पर जरा धीरे-धीरे! नहीं तो मैं मर जाऊँगी, फिर आप किसको चोदेंगे!’
मैंने साहस कर इस बार उसके मुंह पर हाथ कर एक करारा झटका दिया तो मेरा आधा लंड घुस चुका था, रिंकी छटपटाने लगी उसकी आँखों से आंसू निकल पड़े, पर मैं उसे दबोचे रहा और धीरे आधे लंड को आगे-पीछे करने लगा।
धीरे-धीरे उसका छटपटाना बंद हुआ, अब मौका देख कर मैंने एक और जोर का धक्का लगा दिया और पूरा लंड उसकी बुर में घुस चुका था।
रिंकी मुझे धक्का देकर अलग करना चाहती थी पर मैं उसे उसी पोज़ीशन में जकड़े रहा और कहा- बस रानी! अब दर्द नहीं करेगा! अब तुम जन्नत का मजा लोगी! बस मेरा साथ देती रहो’
और मैंने धीरे से थोड़ा सा अपने लंड को पीछे खिंचा और फिर उसी तरह जड़ तक घुसा दिया। तीन चार बार ऐसा किया तो वह आह आह करने लगी। मैं समझ गया कि अब उसे मजा आने लगा है। अब मैं स्पीड बढ़ाने लगा। कुछ देर बाद मैं महसूस किया कि रिंकी भी नीचे से धक्का देने लगी है।
फिर क्या था मैं सटासट, जोर से आगे-पीछे धक्का देने लगा।
अब वह बोलने लगी- हाँ सर, इसी तरह, हाय मेरे राजा कितना अच्छा, हाय घुसाओ जोर जोर से चोदो सर, खूब चोदो सर, फाड़ दो राजा, भरता बना दो मेरी बुर का! हाँ, ऐसे ही चोदो, चोदो, खूब चोदो, आह चोदते रहो सर, मैं आपकी हो गई सर, खूब मजा दे रहे हो, हाय आह-आह आह! मेरे सोना सर कितना अच्छा है.. सर अब मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हो गई। मेरी बुर का चिथड़ा निकाल दो, हाय जोर से, और जोर से, करो, करो हाय, चोदो जोर से चोदो, मारो धक्का, लो मैं भी धक्का देती हूँ चोदो, और जोर से और..जो र से च ओ दो चो दो हाय मैं गई! मैं गई राजा! हाय गई!
और वह झड़ गई।
मैं फिर भी उसे जोर जोर से धक्का लगाकर चोदता रहा। और मैं बोलने लगा- रिंकी रानी कैसा लगा, हाय मजा आया न, मैं बोला था न, जन्नत का सैर करा दूंगा। लो अब मैं भी गया, रानी हाय आ..अ..आ.’
और मेरा सारा वीर्य रिंकी की बुर में झड़ गया। मैं पांच मिनट तक रिंकी की बुर में लंड डाले रहा और उस पर लेटे रहा। फिर उठ कर लंड बाहर कर लिया। मैंने देखा कि रिंकी आँखे बंद कर सुध-बुध खोकर एक नशे में डूबी हुई है।
मैं उसे उसी अवस्था में छोड़कर रूमा, जो दरवाजे पर खड़ी थी, के पास जाकर उसे कस कर चूम लिया और कहा- कैसा लगा चुदाई का खेल?
तो वह शर्म से लाल हो गई।
मैं उसकी चूची पकड़कर क्लास वाले कमरे में ले गया और उसकी बुर में उंगली डाल कर तैयार करने लगा। वह भी मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी, मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा।
मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और वह उसे लॉलीपॉप जैसा चूसने लगी। इतने में रिंकी उस कमरे में आ गई। रूमा के साथ यह सब करते देख वह गुस्से में लाल हो गई और रूमा को एक चपत लगा कर धकेल दिया और बोली- रूमा तुमको सर के साथ इतना करने की इजाजत मैं नहीं दूंगी। सर सिर्फ मुझे चोदेंगे। सिर्फ मुझे। बस मैं तुम्हें सर से सिर्फ ऊपर तक की ही इजाजत दे सकती हूँ। खबरदार, जो इससे आगे बढ़ी। सर सिर्फ मेरे हैं!’
फिर दोनों ने ठीक से अपना अपना स्कूल ड्रेस पहना और आइने की मदद से बाल वगैरह ठीक किए। रिंकी ने मुझसे जोर से चिपक कर मुझे जबरदस्त चुम्बन दिया और बोली- सर, मैं तो डर गई थी, पर अब पता चला कि आपके लंड को लेकर मैं जन्नत पहुँच गई। मैं अभी भी उसी में खोई हुई हूँ। सर अब जब चाहें मुझे चोद सकते हैं। मैं तो दिन रात आप से चुदवाते रहती! पर मजबूरी है। जाना तो पड़ेगा ही, फिर मिलेगे, फिर चुदाई का खेल खेलेंगे। मुझे तो लग रहा है कि मैं आपके लंड को अपनी बुर में रख कर के ले जा रही हूँ, हाय सर, है आपका लंड!
कह कर जाते मेरे लंड पर किस कर ली और ‘बाई सर, बाई आपका लंड!’ कहते हुए मेरे लंड को मसल कर मुझे फिर किस देकर चली गई। Antarvasna
aयह आज से 8 साल पहले की बात है Antarvasna जब मैं बी. कॉम फाइनल इयर में पढता था। हमारे कॉलेज में बहुत लड़कियाँ पढ़ती थी और हमारी क्लास में भी काफ़ी लड़कियाँ थी। लेकिन उनमें दो 2 लड़कियाँ ऐसी थी कि जिन को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मैं सिर्फ़ उनकी तरफ़ देखता रहता था। एक का नाम रितु था और दूसरी श्रुति।
रितु मेरे साथ ज़्यादा खुली थी जबकि श्रुति इतनी नहीं थी। मैं हमेशा उनको चोदने का सोचा करता था लेकिन कभी भी मोका नहीं मिल सका था। एक दिन हमारी क्लास ख़त्म हुई तो हम सब विद्यार्थी नीचे आ गए। कुछ देर बाद मैंने देखा कि रितु और श्रुति ऊपर जा रही हैं। मैंने उनका पीछा किया। वो दोनों क्लास में चली गई और दरवाज़ा बंद कर लिया। मैं दरवाज़े के साथ लग कर खड़ा हो गया और सोचा कि जैसे ही वो निकलेंगी तो मैं क्लास में अंदर जाने के बहाने किसी एक के बूब्स को हाथ लगा लूँगा।
लेकिन काफ़ी देर गुज़र जाने के बाद जब वो बाहर नहीं आई तो मैंने दरवाज़े से कान लगा लिया। अंदर से कुछ सेक्सी आवाजें आ रही थी- आ आह ह्ह्ह्ह्छ हह ओह हह ह्ह्ह्ह्छ हम मम् म्मम्म।
मैं समझ गया कि कुछ तो हो रहा है। मैं इधर उधर देखने लगा कि कहीं से कोई ऐसी जगह नज़र आए जहाँ से मैं उनको देख सकूं। अचानक मुझे खिड़की में एक छेद नज़र आया और मैं वहां से उनको देखने लगा।
वो दोनों बिल्कुल नंगी थी, उनके कपड़े साइड वाली कुर्सी पर रखे हुए थे और वो लेस्बियन एन्जॉय कर रही थी। रितु श्रुति की योनि चाट रही थी और श्रुति दर्द और सेक्स के मारे आवाजें कर रही थी। जब मैंने उनको ऐसा करते देखा तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया और ऐसा लग रहा था कि अभी अंडरवियर फाड़ कर बाहर आ जाएगा।
श्रुति चीख रही थी- हाँ हाँ ! कर रितु कर ! और तेज़ कर ! फ़टाफ़ट जोर जोर से कर !
कोई 10 मिनट बाद मैंने देखा कि श्रुति की टाइट चूत से एकदम सफ़ेद रस बाहर निकला जो सीधा रितु के चेहरे पर गिरा और रितु उसे मजे से चाटने लगी और श्रुति से कहा कि तुम भी चाटो। श्रुति बिल्कुल मदहोश हो गयी थी।
इसके बाद रितु कुर्सी पर बैठी और श्रुति से कहा कि अब तुम मेरी योनि को चाटो। श्रुति ने जब उसकी टांगों को खोला तो यह देख कर मैं बहुत हो गया कि रितु की चूत खुली थी बिल्कुल ब्लू फिल्मों की लड़कियों की चूत की तरह।
मुझे बहुत हैरत हुई। श्रुति ने रितु से कहा कि तुम्हारी चूत इतनी खुली क्यूँ है, तो रितु ने कहा कि श्रुति ज़ान ! तुम ने आज यह पहली बार किया है, जब तुम रोज़ करोगी और अपनी ऊँगली चूत में अन्दर बाहर करोगी तो तुम्हारी चूत भी ऐसी हो जाएगी और मैं तो रोज़ चुदाई भी करवाती हूँ। अगर तुम हमारे घर आओ तो मैं तुम्हें भी चुदवाऊंगी अपने पड़ोसी से, बहुत मज़ा आता है और मेरी एक इच्छा है कि मेरी चूत इतनी खुल जाए कि मैं अपना पूरा हाथ इस में अंदर ले सकूं।
कोई 8-10 मिनट बाद रितु भी चरमसीमा पर पहुँच गई और वो दोनों अपने कपड़े पहनने लगी कि अचानक मेरे मुंह से आवाज़ निकली और मैं भी झड़ हो गया।
उन्होंने वो आवाज़ सुन ली तो श्रुति ने कहा कि शायद कोई हमें देख रहा था, तो रितु बोली कोई बात नहीं मैं देखती हूँ रितु ने दरवाज़ा थोड़ा सा खोला क्योंकि वो अभी भी नंगी थी और बोली कौन है?
मैंने हिम्मत कर के कहा कि मैं राणा !
तो वो बोली कि क्यूँ आए हो?
मैंने कहा कि अपनी पेन भूल गया था वो लेने आया हूँ।
उस ने कहा ठीक है अंदर आ जाओ !
मैं जैसे ही अंदर गया तो देखा कि वो दोनों अभी तक नंगी थी। श्रुति ने ब्रा और अंडरवियर पहना था जब कि रितु बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उसने मुझसे कहा कि मुझे पता था कि तुम ज़रूर आओगे क्यूँकि मैं तुम्हे रोज़ क्लास में देखती थी कि तुम सिर्फ़ हमारी गांड और स्तन को देखते हो लेकिन तुम कुछ कर नहीं सकते थे। मुझसे ज़्यादा तुम इस ब्लैक ब्यूटी श्रुति को पसन्द करते हो, जब वो चलती है तो तुम्हारी नज़र उसके शरीर को घूरती है।
मैं भी तुमको देखती थी लेकिन कुछ कह नहीं सकती थी। आज तुम आए हो तो तुम मेरी और मैं तुम्हारी प्यास बुझाऊंगी। यह कह कर उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और मैं भी उसे किस करने लगा श्रुति हम दोनों को देख रही थी वो बहुत डरी हुई लग रही थी।
मैंने उसको हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच लिया और रितु से कहा कि प्लीज़ तुम मेरा लंड अपने मुंह में ले लो। रितु ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया और मैं श्रुति को किस करने लगा। मैंने उसका ब्रा खोल दिया और उसके अनछुए सांवले मुम्मे चूसने लगा वो बेकरार हो रही थी तो मैंने कहा कि तुम भी मेरा लंड चूस कर मज़ा लो।
तो उस ने कहा कि नहीं यह बहुत गन्दा है !
तो मैंने उसको कहा कि देखो रितु कैसे मज़ा ले रही है तुम भी ले लो !
लेकिन वो नहीं मानी तो रितु और मैंने ज़बरदस्ती उस के मुंह में अपना लंड डाल दिया तो उस ने धीरे धीरे चूसना शुरू किया उससे मज़ा आने लगा और वो चूसती रही। 15 मिनट के बाद मैंने उसका मुंह अपनी क्रीम से भर दिया तो रितु जो श्रुति की चूत को चाट रही थी अचानक ऊपर उठी और क्रीम उसके मुंह से अपने मुंह में लेने लगी।
अब मैं उन दोनों को चोदना चाहता था तो मैंने रितु से कहा कि मैं पहले श्रुति को चोदना चाहता हूँ !
तो उसने कहा कि वो अभी कुँवारी है बहुत मुश्किल है यहाँ !
लेकिन मैंने कहा कि प्लीज़ !
तो उस ने कहा ठीक है लेकिन श्रुति के मुंह पर कोई कपड़ा बांधो तो मैंने उसका ब्रा उसके मुंह पर बाँध दिया और अपना 7.5′ इंच का लंड उसकी चूत पर रख दिया और आहिस्ता आहिस्ता धक्के मारने लगा, उसे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर आहिस्ता आहिस्ता मैंने ज़ोर लगाना शुरू कर दिया।
आहिस्ता आहिस्ता मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर जा रहा था और वो अपने हाथों से मेरा लंड हटाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मैंने उस के हाथ पकड़ कर एक ज़ोरदार धक्का लगाया और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था। वो एक दम ऊपर उठी और नीचे गिर गयी। वो बेहोश हो गयी थी, उसकी चूत से खून बहने लगा था।
अब हम दोनों भी परेशान हो गए कि इसको होश में कैसे लाएं। वहाँ पर पानी भी नहीं था। मैंने रितु से कहा कि अब क्या किया जाए तो रितु ने कहा- तुम मेरे मुँह में पेशाब करो, मैं तुम्हारा पेशाब श्रुति पर छिड़कती हूँ।
मैंने अपना लण्ड श्रुति की चूत से निकाल कर रितु के मुँह में डाल दिया और पेशाब कर दिया। अभी रितु ने थोड़ा ही पेशाब छिड़का था कि श्रुति होश में आ गई। रितु ने बाकी पेशाब पी लिया और बोली- वाह ! क्या स्वादिष्ट पेशाब है तुम्हारा !
श्रुति ने और चुदाई से मना कर दिया और कहा कि आज़ बहुत दर्द हो रहा है। लेकिन रितु ने उसे समझाया कि पहले दर्द होगा फ़िर मज़ा आएगा।
बड़ी मुश्किल से वो मानी तो मैंने फ़िर अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा। अब उसे मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि श्रुति की चूत से क्रीम बाहर निकल रही है तो मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए और 25 मिनट बाद मेरी क्रीम श्रुति के मुँह में थी। मैं भी तीन बार झड़ चुकने के बाद काफ़ी कमजोरी महसूस कर रहा था इसलिए रितु से कहा कि तुम्हें कल करूंगा। तो वो बोली- नहीं एक बार तो आज ही करो !
मेरा लण्ड बिल्कुल ढीला हो गया था और उसने चूस कर उसको दोबारा तैयार किया तो मैंने रितु को भी चोदा और जब उसे चोद रहा था तो श्रुति बोली- प्लीज़ ! मुझे दोबारा करो !
तो मैंने उसको भी दूसरी कुर्सी पर बिठा कर उसकी टांगें ऊपर कर ली।
अब थोड़ी देर श्रुति और थोड़ी देर रितु को चोद रहा था और कोई 35 मिनट के बाद मैंने अपनी क्रीम रितु की चूत में ही निकाल दी।Antarvasna
मैं अन्तर्वासना की पिछले Hindi Sex Stories कुछ समय से नियमित पाठिका हूँ, मैंने देखा कि बहुत से दोस्त और सहेलियां अपना-अपना अनुभव यहाँ बताते हैं तो मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी अपना अनुभव आपको बता कर आपका मनोरंजन करूँ !
दोस्तों यह बात उस समय की है जब मैं केवल १८ साल की थी, आज से २० साल पहले सन् १९८८ की !
मेरे घर में मेरे एक अंकल जिन्हें मैं चाचू कहती थी (वो मेरे दूर के रिश्ते में चाचा थे, उनकी उम्र ३३-३४ साल थी) जो काफी समय से आते थे, जो अक्सर मुझे अपनी गोद में लेने की कोशिश किया करते थे (मैं बाद में समझी कि वो ऐसा क्यों करते थे)
उस दिन मैं एक पार्टी में थी मेरे अंकल के यहाँ। उस दिन वो मुझे बड़े अजीब से देख रहे थे, जनवरी का महीना था और मैं जींस शर्ट पहने थी, जो मम्मी ने मुझे पहली बार पहनने दिए थे और जैकेट था। मुझे कुछ ठण्ड सी लग रही थी, मुझे छींक आई तो अंकल ने देखा तो बोले- नीतू बेटे ! तुझे ठण्ड लग रही होगी ! चल अन्दर चलते हैं, नहीं तो तुझे ज्यादा ठण्ड लग जायेगी तो तू बीमार हो जायेगी !
मैं बोली- नहीं चाचू ! ठीक है !
वो बोले- नहीं ! तू चल !
उसके बाद वो मुझे अपने कमरे में ले आये और रजाई में लिटा दिया और खुद भी बगल में लेट गए और बोले- मुझे भी बहुत ठण्ड लग रही है ! उसके बाद चाचू ने टीवी चला दिया, मुझे कुछ अजीब सा लगा लेकिन मैं कुछ बोली नहीं। २-३ मिनट बाद बोले- नीतू, तू एक काम करेगी ! बहुत मजा आएगा !
मैं बोली- क्या?
तो उनकी आँखों में चमक आ गई और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया और बोले- इसे रगड़ती रह ! तुझे गर्मी मिलेगी।
मैं कुछ शरमाई लेकिन वो बोलने लगे- बहुत मजा आता है, तू एक बार कर !
फिर मैं शरमाते हुए (मेरे भी मन में कुछ उत्सुकता थी) लण्ड हिलाने लगी, वो मुस्कराने लगे। फिर तकिये के नीचे से एक किताब जिसमें सब ब्लू फिल्म वाली तस्वीरें थी निकाल कर दिखाने लगे, थोड़ी देर लण्ड हिलाने से उनका लण्ड गीला सा हो गया, कुछ चिपचिपा सा निकलने लगा और मेरी उँगलियाँ गीली हो गईं।
वो बोले- तू रुक जा !
और मेरे होंठों पर अपने होंठ रखकर मुझे चूमने लगे और एक हाथ से मेरी बेल्ट और जींस खोलकर हाथ अन्दर डाल कर मेरी योनि के पास सहलाने लगे।
मैं बहुत सकुचाई और बोली- चाचू ये सब ठीक नहीं लग रहा !
(हालाँकि मुझे भी मन ही मन अच्छा लग रहा था)
वो बोले- अब तू बड़ी हो गई है, बच्चों की तरह बात मत कर !
और मेरी चूत रगड़ने में लगे रहे। खैर थोड़ी देर बाद मेरी योनि से भी थोड़ा सा पानी आया तो वो मुस्करा दिए और हल्के-हल्के से हाथ चलाने लगे। मेरे मुंह से आह सी निकली तो उन्होंने दुबारा मेरे होटों पर अपने होंठ रख दिए और होंठ चूसते हुए मेरी चूत में ऊँगली डाल कर हिलाते रहे।
उसके बाद वो उठे और टीवी में एक वीडियो-कैसेट-प्लेयर जोड़ कर एक ब्लू फिल्म लगा दी, जो थोड़ा फँस फँस कर चल रही थी। मुझे भी कुछ रोमांच महसूस होने लगा।
फिर उन्होंने रोशनी बंद कर दी, मेरी जींस उतार दी, चड्डी (जो थोड़ी गीली थी) भी उतार दी और अपनी भी पैंट और चड्डी उतार दी। चाचू ने मेरी दोनों टांगें फैला दी और अपनी जाँघों पर रख कर हवा में ऊपर उठा दिया। फिर अपने लण्ड में सरसों का तेल लगाया और मेरी योनि के होंठों पर रख दिया और हलके से धक्का लगाया। मैं चीख पड़ी, वो थोड़ा डरते हुए रुक गए और मेरी जैकेट और शर्ट के बटन खोलते हुए मेरे स्तनों (जो कि उस समय बहुत छोटे थे) को दबाने लगे और मेरे होंठ चूसने लगे, २-३ मिनट बाद फिर से जोर से धक्का मारा तो लगभग आधा लण्ड अन्दर चला गया और मैं जोर से चिल्लाई तो वो वहीं रुक गए और फिर से मेरे होंठ चूसने लगे।
३-४ मिनट बाद जब मैं कुछ सामान्य हुई तो उन्होंने फिर जोर से धक्का मारा और पूरा लण्ड अन्दर चला गया, मैं जोर जोर से चीखने लगी और वो डर कर वहीं रुक कर मेरे लबों पर किस करने लगे, ३-४ मिनट बाद जब मेरे चेहरे पर कुछ मुस्कान सी आई तो वो भी मुस्कुराने लगे और उठ कर जोर से अन्दर बाहर धक्के मारने लगे और एक हाथ मेरे मुंह पर रख दिया ताकि मैं जोर से चीख नहीं पाऊँ। मैं मछली की तरह छटपटाने लगी और वो जोर जोर से धक्के पे धक्के मार रहे थे, ५-७ मिनट बाद मुझे अपनी चूत में कुछ गरम सा, गीला-गीला सा महसूस हुआ और वो हांफते हुए मेरे ऊपर निढाल हो कर गिर पड़े।
मैं बोली- चाचू ! आपने यह क्या किया?
वो बोलने लगे- नीतू तुझे मजा नहीं आया?
मैं बोली- बहुत दर्द हो रहा है !
खैर फिर उन्होंने अपना लण्ड मेरी योनि से निकाला और चादर से पोंछ दिया और मेरी चूत को भी पोंछा, टी वी बंद किया और बोले- अपने कपड़े पहन लो !
मैं उठी तो बदन में बहुत दर्द हो रहा था। खैर फिर मैंने कपड़े पहने और चाचू अपने कपड़े पहनने लगे। फिर उन्होंने बिजली जलाई तो मैंने देखा चादर पर काफी खून था, मैं बोली- चाचू यह क्या है?
वो बोले- कुछ नहीं !
मैंने कहा- बहुत दर्द हो रहा है !
तो चाचू ने मुझे दर्द की दवा दे दी और बोले- चल कर बाथरूम में मुंह धो ले !
फिर जब मैं बाहर आई तो मुझे चॉकलेट दिए और कहने लगे- किसी से तू कहना मत ! बहुत मजा आएगा तुझे इसी तरह से !
और मेरे स्तन दबा के मुस्कुराने लगे, मैं भी मुस्कुराने लगी।
दोस्तों ! उसके बाद डैड से कह कर चाचू ने मुझे एक हफ्ते के लिए वहीं अपने घर पर ही रोक लिया, दोस्तों ! आप लोग समझ सकते होंगे कि एक हफ्ते में मैं कितनी बार चुदी !
खैर मैं ये सब बातें आप लोगों को आगे की कहानी में लिखूंगी और राज की बात यह है कि वो अभी भी मुझे चोदते हैं लेकिन साल में केवल २-३ बार !
दोस्तों उस समय ओरल सेक्स इतना नहीं होता था और चाचू ने मुझे ३-४ साल तक लगातार चोदा लेकिन कभी भी मुझसे अपना लण्ड नहीं चुसवाया। मेरे बॉय-फ्रेंड ने मुझे पहली बार लण्ड का स्वाद चखाया।
ये सारी कहानी भी मैं बाद में लिखूंगी।
उम्मीद है आप लोगों को मेरी चुदाई अच्छी लगी होगी। Hindi Sex Stories
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.