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Antarvasna पाठकों को मेरी प्यारी सी चूत की तरफ से बहुत सारा प्यार ! काफी सारी कहानियाँ पढ़ने के बाद मैं चाहती हूँ कि अपनी आप-बीती भी मैं आपको सुनाऊँ।
मेरा नाम बेला है, मैं मुज़फ्फरनगर से हूँ। मेरी शादी एक सीधे साधे चूतिया टाइप के इंसान से हुई है। शादी के बाद हम अपनी मधु चन्द्रिका मनाने मनाली गए पाँच दिनों के लिए। उन पाँच दिनों में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे मुझे मज़ा आया हो ! आप शायद समझ गए ! प्रदीप (मेरे पति) ने मुझे ढंग से नहीं चोदा- मैं अनचुदी रह गई।
मैं वापस दिल्ली आ गई और ऑफिस के काम में लग गई।
एक रोज़ बॉस ने कहा- शनिवार को आना है !
मुझसे वैसे भी शनिवार काटे नहीं कटता था क्यूंकि प्रदीप का शनिवार को भी ऑफिस होता है। मैं तकरीबन ग्यारह बजे ऑफिस पहुँच गई। बॉस आ चुके थे। हम दोनों ने दो बजे तक डटकर काम किया। ऑफिस में सिर्फ मेरा बॉस, मैं और ऑफिस बॉय राजू था।
मैं अपने कंप्यूटर पर कुछ काम कर रही थी कि बॉस पीछे से आकर देखने लगे और समझाने लगे कि कैसे क्या करना है। मैं उनका निर्देश लेकर काम करती रही। चूंकि बॉस बहुत पास आकर देख रहे थे, मेरा एक गाल उनके बहुत ही नज़दीक हो गया था। उनको पता नहीं क्या सूझी, उन्होंने मेरे गाल पर एक पप्पी दे दी। मैं चौंक गई।
बॉस ने कहा- बेला, तुम बहुत सुन्दर हो और मुझे तुम अच्छी लगती हो।
मैं बस उनको देखती रह गई। फिर उन्होंने मेरी बाहों पर हाथ फेरना शुरु किया। हाथ फेरते फेरते उनके हाथ मेरे गले तक पहुंचे और वे मुझे प्यार करने लगे। इतने में राजू अन्दर आया। मैंने बॉस से कहा- सर, राजू को बाहर भेजिए पहले।
बॉस खुश। इसमें मेरी हाँ जो थी।
वे बाहर गए यह कहते हुए कि तैयार रहना। मैं समझ गई कि बॉस मुझे आज चोदेगा और मैं खुश हो गई। मैंने अपनी चूत से कहा- देख निगोड़ी ! सब्र का फल मीठा होता है। आज उछल कर चुदना।
मैं सीधे बाथरूम गई, खूब मूता और अपनी चूत को खूब साफ़ किया। हल्का सा स्प्रे लगाकर मैं बाहर आ गई। इतने में बॉस अन्दर आये। और उन्होंने मुझे दीवार से टिकाकर मुझे खूब चूमा। चूमते चूमते उन्होंने मेरा ब्लाऊज उतार दिया। अब मैं ब्रा और स्कर्ट में थी। मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरे होटों को चूसने लगे। मैं भी कहाँ पीछे हटने वाली थी। मैं भी मस्त हो कर उनसे झूल गई। क्यों ना झूलती ! मेरी चूत में भी तो कुछ कुछ हो रहा था।
उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरी स्कर्ट उतार दी। मैं अब सिर्फ चड्डी और ब्रा में थी। बॉस मुझे निहार रहे थे, मैंने इनकी टी-शर्ट उतार दी और फिर उनकी जींस। बॉस का लंड तो बाहर आने के लिए कुलांचे भर रहा था। मैंने उनका लंड पकड़ लिया। बॉस ने एक आह भरी और मुझे मेरी ब्रा से अलग किया। दोनों मम्मों को दबाने लगे और फिर मुझे गोद में उठाकर मेरी चड्डी अलग कर दी। इस वक़्त मैं बॉस की बाहों में पूरी की पूरी नंगी थी। बॉस मुझे इसी अवस्था में बोर्ड रूम ले गए और मुझे मेज़ पर लिटा दिया। मेरे दोनों हाथ ऊपर और दोनों टाँगे अलग अलग करके वे मेरी झांटों से खेलने लगे। मेरे होंठों पर उनके होंठ, उनका एक हाथ मेरी एक बांहों को सहला रहा था और दूसरे हाथ से वे मेरी चूत से खेल रहे थे। ऐसा सुख मुझे प्रदीप ने कभी नहीं दिया था। बॉस मुझे चूमते हुए मेरी नाभि तक पहुंचे और फिर मेरी चूत पर। चूत को चौड़ा कर उन्होने अपनी जीभ मेरे रति-छिद्र में डाल दी जिससे में दो फ़ुट ऊपर उछल गई।
इतने में मेरा मोबाईल बजा, अब मैं कैसे उठाती। बजते बजते बंद हो गया। फिर बजा। और उसके बाद फिर। मैं समझ गई प्रदीप ही होंगे। इतने में ऑफिस का फ़ोन बजा और चूंकि एक फ़ोन उस मेज़ पर ही था, मैंने अनायास उठा लिया।
प्रदीप ही थे, पूछ रहे थे- क्या कर रही हो डार्लिंग?
अब मैं क्या कहती – अपनी चूत चुसवा रही हूँ?
मैंने कहा- काम कर रही हूँ।
इतने में राज के चूसने से मैं झड़ने वाली थी। मेरे मुँह से एक लम्बी आह निकली।
प्रदीप ने पूछा क्या हुआ?
सोचा- बोल दूं कि झड़ने वाली हूँ, लेकिन कहा- एक जगह बैठे बैठे पांव सुन्न हो गया। हिल नहीं पा रही हूँ।
इतने में राज ने मेरी चूत से पानी निकाल दिया। मैंने फ़ोन रख दिया और जोर से हूँ-हाँ करने लगी। बॉस ने अब ऊँगली करनी शुरू कर दी और मैं फिर से झड़ गई। बॉस मुझे खूब चूमा और कहा- उठो।
मैं मेज़ से उठ नहीं पा रही थी। बॉस समझ गए। मेरे बदन को निहारते रहे।
पांच मिनट के बाद में उठी और बॉस के सामने खड़ी हो गई। अब बॉस मेज़ पर लेट गए। मैंने उनकी चड्डी उतार दी। उनका लंड तो एक भयानक किस्म का जीव लग रहा था। आठ इंच लम्बा और डेढ़ इंच मोटा। उनका सुपारा एकदम गुलाबी रंग का था और मैंने उस सुपारे को अपने नाख़ून से थोड़ा पिंच किया। मेरे बॉस के मुँह से एक दर्दनाक आह निकली। मैंने अपने दोनों हाथों से उनका लंड लिया। मेरे दोनों हाथों में नहीं समा पा रहा था वो। खैर मैंने एक हाथ से उसको हिलाना शुरू किया।
फिर बॉस ने अपनी टांगें चौड़ी की और कहा- टेबल पर आ जाओ !
मैं मेज़ पर चढ़ गई और उनका लंड चूसने लगी। मैंने खूब चूसा और खूब हिलाया। उनके टट्टे अपने मुँह में लेकर उनके लंड को ऊपर नीचे करने लगी। बॉस शायद झड़ने वाले थे। एक लम्बी आह भरी और बोले- बेला मेरा मट्ठा निकल रहा है ! चूस रानी चूस।
मैने भी उनके लंड को चूसकर सारा का सारा मट्ठा निकाला और पी गई। बॉस का लंड एक ओर लुढ़क गया। मैने उसे चूमा और बॉस के पास आकर लेट गई।
दस मिनट के बाद बॉस ने पूछा- तैयार हो?
मैं तो कब से तैयार थी, मैं बोली- हाँ ! और इनका लंड फिर से तैयार करने लगी।
बॉस मेरी चूत में ऊँगली करने लगे। मैं तो गीली हो गई थी। बॉस ने मुझे गोद में उठाया और सोफे की ओर ले गए। मुझे औंधा लिटा कर उन्होंने मेरे चूतड़ उठाये और फिर मेरी फुद्दी में अपनी एक ऊँगली डाल दी। मैं तैयार थी। इतने में बॉस ने अपना सुपारा मेरी चूत में डाला और एक जोर का झटका दिया। मैं चीख पड़ी। बॉस को कोई फर्क नहीं पड़ा। वे मेरी कमरिया को पकड़कर कभी मुझे अपनी ओर खींचते या फिर मुझे स्थिर रखकर अपने आप को धक्का देते। दोनों ही सूरत में मेरी फाड़ रहे थे। मैं तो बस चीखती रही। ये तो सहवाग की तरह बल्लेबाजी कर रहे थे। पता नहीं इनको क्या जल्दी थी। ऐसा उन्होने मेरे साथ तकरीबन पंद्रह मिनट तक किया और नीचे से मेरे मम्मों को भी दबा रहे थे।
मैं चिल्ला रही थी- बस करो बस करो, आह, ऊह, मर गई, मम्मीईई, मम्मीईईई !
मगर बॉस को कोई रहम नहीं आया। बॉस मुझे चोदते रहे और मैं चुदती रही। मेरी चूत का तो उन्होंने भोसड़ा बन दिया था। मन ही मन चाह रही थी कि प्रदीप देखें और सीखें कि किस तरह से एक चूत को चोदा जाता है। थोड़ी देर में बॉस झड़ने वाले थे। उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरी गोरी पीठ पर रख दिया। एक गर्म एहसास हुआ पीठ पर और बॉस ने अपना सारा माल मेरी पीठ पर उड़ेल दिया और फिर मेरे बगल में बैठ गए। मैं बॉस की गोद में लुढ़क गई। मैं बहुत थक गई थी। मैंने शादी से पहले ऐसी चुदने की कल्पना भर की थी। प्रदीप ने यह सुख कभी ना दिया और ना ही कभी देगा। और बॉस ने तो मेरी ले ली।
उस रोज़ बॉस ने मुझे दो बार मेरी चूत को और चोदा और एक बार गांड भी मारी। शाम होते होते मैं बहुत पिद चुकी थी। इतनी चुदाई के बाद तो मैं खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। बॉस ने मुझे उस रात घर तक छोड़ा। उसके बाद तो मैं बॉस से खूब खुलकर चुदने लगी। मैं हफ्ते में तीन चार बार तो बॉस से चुदती ही हूँ। अच्छा एक बात तो बताना ही भूल गई। मेरा प्रोमोशन हो गया है।
वैसे Antarvasna प्रदीप भी कभी कभी अपनी लुल्ली मेरे अन्दर डाल देता है। अब बर्फी खाकर गुड़ में मजा कहाँ रहता है?
मेरा नाम निखिल है दोस्तो.
मैं 28 साल का एक हट्टा कट्टा नौजवान हूँ और एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ।
मेरा चेहरा मेरा गोल है, बाल घुंघराले हैं और माथा चौड़ा है।
मैं हंसमुख स्वभाव का हूँ, बिंदास हूँ और बोल्ड हूँ।
कसरत करना और अपनी बॉडी बनाना मेरा शौक है इसलिए मैं हर रोज़ जिम जाता हूँ।
मेरी शादी अभी दो साल पहले एक नेहा नाम की लड़की से हो गयी है।
नेहा भी बहुत खूबसूरत, सेक्सी और बोल्ड है, गोरी है, छरहरे बदन की है और 5′ 4″ कद वाली है।
उसके मम्मे बड़े बड़े भी हैं और सुडौल भी।
बातें करने में वह बड़ी स्मार्ट है, खुल कर बोलती है और हँसी मजाक करने में भी बड़ी तेज है।
हाज़िर जवाबी उसका बहुत बड़ा गुण है।
अच्छी बात यह है कि हम दोनों को सेक्स बहुत ज्यादा ही पसंद है।
उसे चुदाने का बड़ा शौक है तो मुझे चोदने का! उसे लण्ड पकड़ने का बड़ा शौक है तो मुझे लण्ड पकड़ाने का।
मुझे चूचियाँ मसलने का बड़ा शौक है तो उसे चूचियाँ मसलवाने का!
कुल मिलाकर हम दोनों की सेक्स लाइफ बहुत अच्छी चल रही है।
दिन भर मैं ऑफिस में काम करता हूँ और मेरी बीवी घर में काम करती है.
लेकिन रात में हम दोनों नंगे नंगे सेक्स का खूब मज़ा लेते हैं।
मैं उसके नंगे बदन का मज़ा लेता हूँ और वह मेरे नंगे बदन का मज़ा लेती है।
इस तरह हम दोनों की लाइफ मस्त से गुज़र रही है।
एक दिन रात में वह बड़ी मस्ती से मेरे लण्ड से खेल रही थी; लण्ड पर बार बार बड़े प्यार से थप्पड़ मार रही थी; थप्पड़ मार मार कर लण्ड को चूम रही थी, उसे पुचकार रही थी।
मैंने पूछा- यह क्या कर रही हो मेरे लण्ड के साथ?
उसने एक थप्पड़ और जड़ दिया मेरे लण्ड पर फिर बोली- ये तेरा लण्ड नहीं है। ये तेरे दोस्त का लण्ड है यार … मुझे तेरे दोस्त के लण्ड से प्यार हो गया है। मैं तेरे दोस्त के लण्ड को चाहने लगी हूँ।
मैंने पूछा- यह मेरे कौन से दोस्त का लण्ड है?
वह तपाक से बोली- ये तेरे दोस्त आशीष का लण्ड है, रोहन का लण्ड है, प्रकाश का लण्ड है।
यहीं से वाइफ चेंज Xxx कहानी की शुरुआत हो गयी.
मैंने कहा- तेरे हाथ में सिर्फ मेरा लण्ड है। पागल हो गई हो क्या तुम? ये सब मेरे अच्छे दोस्त हैं।
वह बोली- हां मैं पागल हो गई हूँ. मैं तेरे दोस्तों के लण्ड पाकर ख़ुशी से पागल हो गई हूँ।
यह सब सुनकर मेरे भी लण्ड में जबरदस्त तनाव आ गया।
वह और ज्यादा तन कर झूमने लगा।
नेहा मेरे लण्ड पर थूक थूक कर चाटने लगी।
कोई औरत लण्ड की इतनी दीवानी हो सकती है, यह मुझे उस दिन साफ़ साफ़ नज़र आ रहा था।
लेकिन एक बात है उसका मेरे दोस्तों का नाम लेने से मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था.
तो मैंने फिर लण्ड उसकी चूत में पेल दिया और बड़ी मस्ती से चोदने लगा।
वह बोली- हाय मेरे राजा, आज तो मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आज तुम्हारे लण्ड में बड़ी ताकत आ गईं है. आज तुम्हारा लण्ड बड़ा खूंखार हो गया है. लगता है आज मेरी चूत फट जाएगी। आज मुझे खूब जम कर चोदो।
फिर उसके मुंह से निकला- हाय दईया, तुम क्या बोल रहे हो यार निखिल? किसकी बीवी चोद रहे हो तुम?
मैंने कहा- मैं आशीष की बीवी चोद रहा हूँ।
मैंने फिर 4 / 6 धक्के मारे और कहा- अब मैं रोहन की बीवी चोद रहा हूँ।
फिर उसी स्पीड में 4 / 5 और धक्के मारे, फिर कहा- अब तो यह लण्ड प्रकाश की बीवी की बुर में पेल दिया है मैंने! मुझे प्रकाश की बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा है।
वह बोली- तुम अपने मन से अपने दोस्तों की बीवियां चोदते जाओ लेकिन मज़ा तो मेरी ही बुर को मिल रहा है। एन्जॉय तो मैं ही कर रही हूँ।
यह सच है कि अगर मन में पराई बीवियों का नाम लो तो अपनी बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है।
इसी तरह बीवी अगर सोचे कि वह किसी पराये मरद से चुदवा रही है तो उसे भी अपने पति से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
हम दोनों की चुदाई में रूचि दिन पर दिन बढ़ने लगी।
ऐसा करते करते दिसंबर का महीना आ गया।
25 दिसंबर की रात को जब वह मेरा लण्ड बड़े प्यार से चूम चाट रही थी तो मैंने पूछा- नेहा इस बार नया साल किस तरह मनाओगी?
वह बोली- जैसे पिछली बार मनाया था, वैसे ही मना लेंगे।
मैंने कहा- नहीं यार इस बार कुछ नया होना चाहिए. कुछ नया सोचो न प्लीज?
वह बोली- जो तुम चाहो कर लो, मैं तो तुम्हारे साथ हूँ।
मैंने कहा- वो तो ठीक है … पर बताओ न कुछ नायाब आईडिया?
वह बोली- तो फिर तुम लोग एक दूसरे की बीवी चोद कर मनाओ नया साल। एक ही कमरे में एक दूसरे के सामने एक दूसरे की बीवी चोदो। लण्ड दूसरे की बीवी की चूत में 2021 में पेलो और 2022 में निकालो। फिर किसी और की बीवी की बुर में पेल दो। इस तरह एक दूसरे की बीवियां लण्ड पेल पेल कर रात भर चोदो। मैं तो तुम्हारे दोस्तों से चुदवाने के लिए तैयार हूँ।
मैंने कहा- मैं भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदने के लिए तैयार हूँ।
वह बोली- फिर देर किस बात की … कल से काम पर जुट जाओ। अपने दोस्तों से बात करो, उन्हें राज़ी करो।
आशीष, रोहन, प्रकाश तीनों मेरे दोस्त हैं।
हमारा फैमिली सहित तीनोंके घर में आना जाना है।
तीनों फैमिली एक दूसरे को अच्छी तरह जानतीं हैं; कोई अपरिचित नहीं हैं और तीनों से खुल कर बात करने में भी कोई संकोच नहीं है।
इसलिए शाम को मैं और आशीष एक होटल में ड्रिंक्स पर बैठ गए और खुल कर बात करने लगे।
बातों का सिलसिला नया साल मनाने पर टिक गया।
थोड़ा इधर उधर की बातें की, बाद में मैंने उसके सामने अपना नये साल के मौके पर बीवियों की अदला बदली का सुझाव रखा.
तो वह उछल पड़ा।
वह बोला- यार, यही तो मैं भी कहने वाला था। मेरी बीवी रोज़ मुझसे पूछती है कि आज तुमने निखिल से बात की या नहीं? वह तो वाइफ स्वैपिंग में मुझसे ज्यादा इंटरेस्टेड है। उसी ने मुझसे कहा था कि तुम निखिल से बात करो वह मुझे पसंद है, मान जाएगा। ये तो बहुत बढ़िया रहेगा मैं भी तैयार हूँ और मेरी बीवी भी तैयार है।
मैं ख़ुशी ख़ुशी घर लौट आया।
घर में आकर मैंने अपनी बीवी नेहा को पूरी बात बताई तो खुश हो गई।
उसने कहा- अब मैं तुमको बता रही हूँ कि मैंने क्या किया.
जब तुम ऑफिस में थे तो मैं पहले आशीष के घर गई और उसकी बीवी आरती से मिली।
औरतें आपस में खुल कर खूब गन्दी गन्दी बातें कर लेतीं हैं; मरद उतना नहीं कर पाते।
मैंने तो कह दिया- यार आरती, मैं तेरे पति से चुदवाना चाहती हूँ. बदले में तुम मेरे पति से चुदवा लो।
वह बोली- अच्छा तो तुम हसबैंड स्वैपिंग करवाना चाहती हो।
मैंने कहा- हां, नया साल हसबैंड / वाइफ स्वैपिंग के साथ मनाना चाहती हूँ।
वह बोली- हां ठीक है, मैं तैयार हूँ।
मैंने पूछ लिया- तेरा पति मान जाएगा?
वह बोली- क्यों नहीं मानेगा भोसड़ी वाला? मैं बोलूंगी तो उसे मानना ही पड़ेगा।
फिर मैं रोहन की बीवी के घर चली गई, उससे भी खुल कर बात हुई।
वह तो साफ़ साफ बोली- एक बात बताऊँ नेहा? किस भोसड़ी वाली को पराये मरद का लण्ड अच्छा नहीं लगता? सबकी सब बीवियां पराये मरद के लण्ड के लिए उतावली रहतीं हैं. और मैं भी! एक सच्चाई और सुन ले नेहा, कोई माने चाहे न माने … पर यह सच है कि बीवियां बुरचोदी सब अंदर से रंडियां होतीं हैं। कई मर्दों से चुदवाने की चाहत सबमें होती है, मुझे में भी है।
उसकी बातें सुनकर मैं तो ख़ुशी से पागल हो गया।
मैंने मन में कहा कि अभी तक मैंने वाइफ स्वैपिंग के बारे में पढ़ा और सुना बहुत है पर अब तो हम सब वही करने जा रहे हैं। कितना मज़ा आएगा!
अगले दिन यानि शनिवार को मैंने दोनों कपल आकाश आरती और रोहन रूचि को ड्रिंक्स एंड डिनर पर आमंत्रित कर लिया।
अगली शाम को सही टाइम पर सब लोग आ गए।
हमने उनका स्वागत किया और बड़े आदर सत्कार से बैठाया।
आकाश की बीवी आरती साड़ी और ब्रा में थी।
ब्रा उसकी इतनी तंग थी कि उसके अंदर से उसके बड़े बड़े मम्मे बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहे थे।
मेरी नज़र बस वहीं टिक गयी।
उधर रोहन की बीवी रूचि लो वेस्ट जींस और डीप नेक का स्लीवलेस टॉप पहन कर आयी थी।
टॉप तो बहनचोद एक छोटी सी ब्रा जैसी ही थी।
उसकी भी बड़ी बड़ी मस्तानी चूचियाँ मुझे विचलित कर रहीं थीं।
इधर मेरी बीवी नेहा ने एक घाघरा पहना था और ऊपर वह बिल्कुल नंगी थी।
वह अपने लम्बे लम्बे बालों को आगे करके अपने मम्मे छिपाये हुए थी.
लेकिन इधर उधर घूमने फिरने में उसके बड़े बड़े मम्मे सबको दिख जाते थे; निप्पल भी दिख जाते थे।
आकाश और रोहन दोनों मेरी बीवी की चूचियाँ देखने के लिए आँखें गड़ाए हुए बैठे थे।
इतने में मेरी बीवी ने सबको ड्रिंक्स का गिलास पकड़ा दिया।
सबने एक स्वर में चियर्स कहा और दारू पीने लगे।
सबको दूसरे की बीवियों के साथ दारू पीना बड़ा अच्छा लग रहा था।
मैं सोचने लगा कि जब ये दोनों मेरा लण्ड अपने होंठों से लगायेंगी तो मुझे कितना मज़ा आएगा?
रूचि ने पूछा- बीवियों की अदला बदली करके नया साल मनाने का आईडिया कहा से आया निखिल?
मैंने कहा- यह आईडिया मेरा नहीं, मेरी बीवी नेहा का है।
आरती बोली- बड़ी रोमांटक है तेरी बीवी बहनचोद … क्या मस्त आईडिया है. मैंने कई बार अपने पति से कहा कि तुम निखिल से इस विषय पर बात करो। पर चलो आज मेरे मन का होने जा रहा है।
रूचि ने कहा- अब दुनिया बदल चुकी है। अब तो लोग अपनी सुहागरात भी बीवियां अदल बदल कर मनाते हैं। मेरी एक पक्की सहेली है नीरजा। वह सुहागरात मनाने गोवा गयी थी. वहां से अपने पति के अलावा तो और मर्दों से चुद कर आई थी.
मेरी बीवी ने कहा- दूसरे का पति सबको अच्छा लगता है और दूसरे की बीवी सबको अच्छी लगती है। तभी तो मेरे मन में आईडिया आया।
इन बातों से माहौल गर्म और रोमांटिक हो गया।
मैंने आरती भाभी की पीठ पर हाथ रख दिया तो उसने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया।
उसे मैंने अपनी तरफ खींचा तो उसने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दीं, मेरी चुम्मी ले ली।
मैंने भी उसके होंठ चूमे।
तब मैंने देखा कि आकाश रोहन की बीवी रूचि को अपनी तरफ खींच कर उससे प्यार करने लगा है।
रोहन ने मेरी बीवी नेहा को अपनी बाहों में भर लिया और उसने गाल चूमने लगा, उसकी चूचियाँ दबाने लगा.
उसके मम्मे तो एकदम खुले हुए थे।
इस तरह हम तीनों ने अपने अपने पार्टनर चुन लिया।
इतने में मेरी बीवी बोली- यार रूचि और आरती, तुम चाहो तो अलग अलग कमरे में अपने अपने पार्टनर के साथ चली जाओ।
रूचि ने कहा- क्यों चली जाऊं? मैं देखूंगी कि तू मेरे पति का लण्ड कैसे चूसती है.
आरती बोली- मैं भी देखूंगी कि रूचि मेरे पति का लण्ड कैसे चूसती है. इसलिए कोई यहाँ से कहीं नहीं जाएगी। यहीं आमने सामने ही होगी पतियों की अदला बदली और बीवियों की अदला बदली। हम सब एक दूसरे चुदाई देख देख कर मज़ा लेंगी। जब हमें कोई शर्म नहीं, कोई झिझक नहीं, तो फिर अलग अलग क्यों? एक साथ क्यों नहीं? हम कोई 20 / 21 के साल कपल नहीं है। मेच्योर कपल हैं. अब हमें शर्माना नहीं आता.
इस तरह की गरमागरम बातें भी हो रहीं थीं और साथ ही साथ सबके कपड़े भी एक एक करके उतर रहे थे।
मेरी बीवी नेहा ने फटाक से अपने बालों को पीछे धकेला और हाथ उठाकर उनका जूड़ा बना लिया.
उसका ऐसा करने से उसके बड़े बड़े मम्मे सबको दिख गए।
सबने खूब मज़ा लिया.
फिर आरती ने अपनी साड़ी उतार कर रख दी और हाथ पीछे करके अपनी ब्रा का हुक खोल दिया।
हुक खुलते ही उसकी बड़े बड़े दूध छलक पड़े।
मेरा तो लण्ड साला उछल पड़ा और रोहन का लौड़ा भी कुलबुलाने लगा।
इसी तरह जब रूचि भाभी ने अपना टॉप उतारा तो उसकी मादक चूचियाँ देख कर सारे मर्द मस्त हो गए।
रूचि सच में बड़ी हॉट लग रही थी।
मेरा मन हुआ कि अगर उसकी जींस भी थोड़ा खुल जाए तो सबको उसकी झांटें दिख जाएँगी।
लेकिन वह जींस पहने बैठी रही।
मैं आरती भाभी की चूचियाँ सहलाने लगा.
आशीष ने रूचि भाभी की चूचियों की चुम्मी ले ली और निप्पल मसलने लगा।
रोहन मेरी बीवी नेहा के बूब्स हौले हौले दबाकर मस्ती करने लगा।
हम तीनों को एक दूसरे की बीवी के मम्मे बड़े प्यारे लग रहे थे।
मैं तो जोश में आकर आरती भाभी के स्तन चाटने लगा, निप्पल मुंह में भर कर चभुलाने लगा।
आरती मेरा लण्ड ऊपर से ही दबाने लगी।
रूचि आशीष का लण्ड ऊपर से ही टटोलने लगी और मेरी बीवी ने रोहन की पैंट की जिप खोल कर अपना हाथ अंदर घुसेड़ दिया।
वह जल्दी से रोहन का लण्ड निकाल कर देखना चाहती थी।
मजे की बात यह थी कि सब कुछ आमने सामने ही एक ही जगह हो रहा था।
न किसी को कोई शर्म थी और न कोई डर!
बीवियां इस खेल में उन्मुक्त होकर भाग ले रहीं थीं।
तीनों बीवियां खुद एक दूसरे के पति का लण्ड पकड़ने के लिए व्याकुल हो रहीं थीं। तीनों बीवियां बड़ी निडर, साहसी और बोल्ड थीं।
रात के साढ़े ग्यारह बज चुके थे।
अब नया साल आने में बस आधे घंटे का समय ही बाकी था।
देखते ही देखते तीनों बीवियां एकदम नंगी हो गईं।
उनको नंगी देख कर मर्दों के लण्ड में गज़ब का करंट लग गया।
तब बीवियों ने एक दूसरे के पति को फटाफट नंगा कर दिया।
सबके लण्ड टनटना खड़े हो गए।
आशीष की बीवी नंगी नंगी मेरा लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी, बोली- बाप रे बाप … क्या मस्त लौड़ा है नेहा तेरे पति का?
उधर मेरी बीवी नंगी नंगी रोहन का लण्ड पकड़ कर बोली- हाय मेरी बुर चोदी रूचि, तेरे पति का लण्ड तो भोसड़ा भी फाड़ डालेगा.
रूचि तब तक खुद नंगी होकर आशीष का लण्ड पकड़ कर चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी थी।
वह बोली- अरे यार आरती, तेरे पति का मादरचोद लण्ड आज ही मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा।
इन तीनों की मस्त मस्त बातों से सबके लण्ड बड़े ताव में आ गए।
मेरी बीवी रोहन का लण्ड चाटने लगी, रोहन की बीवी आशीष का लण्ड चाटने लगी और आशीष की बीवी मेरा लण्ड चाटने लगी।
यह सीन देख कर हम सब मस्त होने लगे।
बीवियां बड़ी शिद्दत से एक दूसरे के पति का लण्ड चाट चाट कर मज़ा लेने लगीं।
सबकी नज़र घड़ी पर थी क्योंकि सबको अपना लण्ड दूसरे की बीवी की बुर में 2021 में पेलना था और 2022 में निकालना था।
मुझे आरती भाभी का नंगा जिस्म बड़ा मज़ा दे रहा था।
फिर मुझसे रहा न गया और मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसकी दोनों टांगें फैला दीं।
उसकी मस्तानी चूत मेरे सामने खुल गई तो मैंने लण्ड उसी पर रख दिया।
मैंने एक धक्का मारा तो लण्ड सरसराता हुआ पूरा अंदर घुस गया।
तब मैंने देखा कि रोहन भी मेरी बीवी नेहा की बुर में अपना पूरा लण्ड घुसा चुका है।
यह देख कर मैं और उत्तेजित हो गया।
फिर मेरे बगल में, आशीष एकदम नंगा नंगा रोहन की बीवी रूचि के ऊपर चढ़ बैठा, अपना लण्ड उसकी चूत में पेल दिया और गचर गचर चोदने लगा।
इस तरह हम तीनों लोग आमने सामने एक दूसरे की बीवी बिंदास चोदने लगे।
अपनी बीवी को दूसरे से चुदवाते हुए देख कर किसी और की बीवी चोदने का सुख सच में बड़ा अच्छा होता है.
यही सुख हम तीनों लेने लगे।
अपनी बीवी को किसी और से चुदते हुए देखने में भी बड़ा मज़ा आता है।
मुझे यह अहसास हो गया कि हर एक बीवी पराये मर्द के लण्ड से ज्यादा मस्ती से चुदवाती है।
आरती भाभी मस्ती में बोली- हाय मेरे निखिल राजा, तेरा लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। आज मुझे सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा है, मुझे खूब चोदो। मेरे पति के सामने फाड़ डालो मेरी फुद्दी … क्या मस्त लौड़ा है तेरा! ऐसा ही लौड़ा मेरी चूत का बाजा बजा सकता है। मैं ऐसे ही लण्ड के लिए तरस रही थी।
उधर से रूचि बोल पड़ी- हाय मेरी बुरचोदी आरती, तेरा पति का लौड़ा मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है। बड़ा अच्छा लग रहा है यार! तूने अपने पति से मेरी चूत पहले क्यों नहीं चुदवाई? हाय आशीष … चोदे जाओ मेरी चूत। पूरा लौड़ा घुसा घुसा के चोद … पटक पटक के चोद मुझे!
मेरी बीवी नेहा भी पूरी मस्ती में थी।
वह भी कुछ न कुछ बोले चली जा रही थी- हाय रोहन, हाय मेरे राजा, तेरा लण्ड मेरी तमन्ना पूरी कर रहा है। मुझे पराये मरद से चुदवाने की बड़ी इच्छा थी, देखो आज चुदवा रही हूँ। पूरा मज़ा ले रही हूँ। आज रोहन मुझे मेरे पति के आगे चोद रहा है। कितना मज़ा आ रहा है. मुझे तो अपने पति को आशीष की बीवी चोदते हुए देखने में भी आ रहा है। मैं यही तो कह रही थी अपने पति से की कभी किसी और बीवी चोद कर देखो. कभी अपनी बीवी किसी और से चुदवा कर देखो. मेरा पति मेरी बात मान गया और आज देखो वह आशीष की बीवी चोद रहा है और मुझे रूचि के पति रोहन से चुदवा रहा है। पति हो तो मेरे पति जैसा! लण्ड हो तो रोहन के लण्ड जैसा!
इन सब बातों से चुदाई का मज़ा दुगुना हो गया।
अब बस 2 / 3 मिनट ही बाकी थे नया साल आने में!
सबकी नज़रें टी वी पर लगीं थीं।
इधर हम तीनों ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी।
इतने में टी वी से आवाज़ आयी- HAPPY NEW YEAR.
हम सबने भी कहा ‘HAPPY NEW YEAR’
हमारे लण्ड अभी भी चूत में घुसे हुए थे।
हम सब एक दूसरे की बीवी अपनी तरफ खींच कर पूरे जोश में चोदने लगे।
जैसा ही 5 मिनट हुए तो हमारे लण्ड झड़ने लगे।
आशीष की बीवी ने मेरा झड़ता हुआ लण्ड चाटा, रोहन बीवी ने आशीष का झड़ता हुआ लण्ड चाटा और मेरी बीवी ने रोहन का झड़ता हुआ लण्ड चाटा।
इस तरह लण्ड चूत में 2021 को घुसा और 2022 में चूत से बाहर निकला और फिर हमने अंदर पेल दिया।
कुछ देर तक हम सब नए साल में भी एक दूसरे की बीवी चोदते रहे।
बीवियां भी बड़े मजे से चुदवातीं रहीं।
उनको शायद हमारे से ज्यादा मज़ा आ रहा था।
आखिर में एक एक करके लण्ड झड़ने लगे और सबने झड़ते हुए लण्ड चाटे।
उसके बाद नए साल का केक काटा गया; केक सबको बांटा गया।
मर्दों ने बीवियों की चूत पर, चूतड़ों पर और चूचियों पर केक लगाया और खूब प्यार से चाटा।
बीवियों ने भी सबके लण्ड पर, पेल्हड़ पर केक लगाया और मस्ती से चाटा।
वाइफ चेंज Xxx का सबने खूब एन्जॉय किया।
फिर बाथरूम से नहा धोकर सब लोग वापस आ गए।
खूब बातें होने लगीं.
सबके चेहरे खिले हुए थे, सभी चुदाई के नशे में थे।
धीरे धीरे फिर चुदाई का माहौल बनने लगा।
इस बार मेरी बीवी नेहा ने आशीष का लण्ड पकड़ लिया.
आशीष की बीवी आरती ने रोहन का लण्ड पकड़ लिया.
और रोहन की बीवी रूचि ने मेरा लण्ड पकड़ लिया।
फिर क्या … मैंने बड़े मजे से रोहन की बीवी चोदा।
रोहन ने आशीष की बीवी चोदी.
और आशीष ने मेरी बीवी चोदी।
यह चुदाई अब पूरी तरह 2022 की चुदाई थी।
नए साल का पहला ही दिन था।
शाम को मेरा दोस्त प्रकाश अपनी बीवी मिहिका के साथ आ गया।
मिहिका को देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
उधर मेरी बीवी भी प्रकाश पर मोहित हो गई।
वह मुझे अंदर ले जाकर बोली- अब आज तो मैं प्रकाश से चुदवाऊंगी। तुम उसकी बीवी चोद लो।
मैं तो उसकी बीवी चोदना चाहता ही था।
फिर क्या … मेरी बीवी ने मिहिका से खुल कर बात की और मैंने भी प्रकाश से खुल कर कहा।
दोनों राज़ी हो गए।
फिर मैंने रात भर प्रकाश की बीवी प्रकाश के सामने चोदी।
प्रकाश ने मेरी बीवी मेरे सामने चोदी।
कोई चार साल के बाद मैं नीरू Hindi sex stories , अपने मायके दिल्ली आई थी और अपने छोटे भाई के यहाँ ठहरी थी जो बाहर काम करता था
और मेरे आने का सुन कर वो मुझ से मिलने आया हुआ था। रोज़ ही किसी ना किसी के यहाँ दावत होती थी।
उस रोज़ मेरे बड़े भईया ने खाने पर बुलाया था तो मैं सुबह ही अपने छोटे भाई के साथ उनके घर चली गई। हम सब लोग बातें कर रहे थे कि मेरे छोटे भाई ने भाभी से कहा- भाभी, आप नीरू को भईया से घर भिजवा देना क्योंकि मैं आज दोपहर की गाड़ी से वापस जा रहा हूँ।
हम लोगों ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने बताया कि उसे और छुट्टी नहीं मिल सकती।
शाम के 7 बजे होंगे, सर्दियों की रात थी हम सब बातें कर रहे थे कि उसी समय कॉल बेल बजी तो भईया ने जा कर देखा और उनकी आवाज़ आई- आहा आईये ! यार अचानक ही, इस समय कौन सी गाड़ी आती है कब आये?
मैंने और भाभी ने देखा तो रवि भाई थे जो मेरे चचेरे भाई थे।
वो अन्दर आये और मुझे देखते ही हैरत से बोले- अरे वाह नीरू तुम ! कब आई?
और मुझे गले लगा कर मेरी पेशानी चूमते हुए शिकायत से बोले- यार, फोन ही कर देते नीरू के आने के बारे में !
तो भईया शरमिन्दा होकर बोले- हां मैं सोच ही रहा था।
हम सब बैठे तो भाभी ने रवि भाई से पूछा- आपका सामान?
तो मुस्कुरा दिये- सामान होटल में है, मैं यहाँ एक कॉनफ़ेरेन्स में आया हूँ, सोचा आज तुम लोगों से मिल लूं और नीरू को देख कर तो मज़ा आ गया।
तो मैं शरमा कर हंस दी।
सबने उनसे शिकायत कि यहाँ ही आ जाओ, पर वो ना माने। थोड़ी देर बाद भाभी ने खाना लगाया और इस बीच वो मुझ से बातें करते रहे। उनको देख कर मेरी अजीब सी हालत हो रही थी, रवि भाई
बिल्कुल नहीं बदले थे इन चार सालों में। वही मुस्कुराता चेहरा, वही प्यारी प्यारी दिल मोह लेने वाली बातें।
सारी पुरानी बातें याद आ रही थी, मैं पता नहीं कब उनको दिल दे बैठी थी और दिल ही दिल में उनको अपना मान लिया था। लेकिन कभी अपने दिल की बात उनसे कहने की हिम्मत ही ना हुई, लड़की
जो थी। बहुत रातें खराब की थी उन्होंने मेरी, रात-रात भर करवटें बदलती थी। आंखें बन्द करती तो उनका चेहरा सामने आ जाता। फिर तो मन ही मन उनके प्यार मैं इतना पागल हुई कि उन्हें अपने पति के रूप में देखने लगी।
एक बार तो मेरी बुरी हालत हो गई उस रोज़ एक शादी से हो कर आये और मैं सोने के लिये लेटी तो फिर रवि का चेहरा मेरी आंखो में था। वो दुल्हा बने खड़े हैं और मैं दुलहन के रूप में हूँ सब घर वालों ने हमें अपने कमरे मैं भेज दिया और रवि भाई ने दरवाजा बन्द कर लिया और फिर वो मेरे पास आकर बैठे और मेरा शर्म से लाल चेहरा उठा कर बोले- आज रात भी शर्म आ रही है?
मैंने नज़र उठा कर उन्हें देखा तो उन्होने अपनी बाहें फैला दी और मैं उनकी बाहों मैं जा कर सिमट गई। मेरा चेहरा अपने हाथों में लेकर उन्होने अपने तपते हुए होंठ एक एक करके मेरी पेशानी, आंखें और फिर मेरे सुलगते हुए होठों पर रख दिये तो जैसे मेरी जान ही निकल गई और मैं उनसे लिपट गई।
फिर तो जैसे तूफ़ान आ गया, पता ही ना चला के हमारे कपड़े कब हमारे जिस्मों से अलग हो गये और वो मेरे जिस्म से खेलने लगे थे। कभी वो मेरे गुलाबी गालों पर प्यार करते तो कभी होंठ चूमते तो कभी उनकी गरम ज़बान मेरे होठों पर मचल जाती, कभी वो मेरे दूध दबाते तो कभी उन पर प्यार करते। फिर उनकी जबान मेरे होंठो से होती हुई मुंह के अन्दर चली गई थी।
हम दोनो लिपट गये और मेरी हल्की सी चीख निकल गई, उन्होंने मेरे दोनों दूध थाम लिये थे और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे।
मैं सिसक उठी- आह प्लीज, धीरे धीरे करिये ना…।
‘उफ़ उफ़ आह! आह नीरू, मेरी जान कब से तड़प रहा हूँ इस गरम गरम रेशमी जिस्म के लिये। कितनी प्यारी हो तुम आह’
तो मैं भी सिसक उठी- सच्ची बहुत तड़पाया है आपने, ऊउइ आह !
‘क्या हुआ जान। वो मुस्कुराते हुए बोले, तो मेरी शरम से बुरी हालत हो गई।
‘कुछ नहीं, मैं धीरे से बोली; उनका गरम गरम सख्त सा वो … लण्ड मेरी चिकनी रानो मैं मचल रहा था मेरी रानों में जैसे चींटियां दौड़ रही थी।
‘बताओ ना जान अब क्योंकि शरमा रही हो? उन्होने मेरा होंठ धीरे से काट लिया।
‘ऐ ए ऊ न ह नहीं ना क्या कर रहे हैं आप? मैं कसमसाई तो वो होंठ चूस कर धीरे से बोले- कैसा लग रहा है जान?
तो मैंने शरमा करा उनका चेहरा अपने दूधों पर रख लिया तो वो फिर सटने लगे और मेरी एक चूंची मुह मे लेकर चूसी तो मैं बिलख उठी
‘आह शाम ! उफ़ ! आह ! यह कैसा मज़ा है आह सच्ची मर जाऊंगी मैं।’ नीरू मेरी जान मेरी गुड़िया पैर खोलो ना अब।
‘उफ़ आह रवि मेरे प्यार, मुझे बहुत डर लग रहा है मैं क्या करूं, अई मा धीरे ना उफ़ उफ़ आह।’
वो मेरे दूध ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे।
‘पगली डरने की क्या बात है?’ और मेरे ऊपर से उतर कर मेरी बगल मैं लेट कर फिर मेरे होंठ चूम कर मुस्कुराये।
‘लाओ मैं तुम्हारा परिचय इन मस्त चीजों से करा दूँ, फिर डर नहीं लगेगा।’
और मेरा हाथ थाम कर एकदम से अपने गरम गरम लण्ड पर रखा तो मैं तड़प गई और वो मेरे दोनों दूध में मुंह घुसा कर मचले ‘आह आहम निक्को मेरी जान। उफ़, आह रवि आह आह’
और उनका गरम लण्ड अब मेरे हाथ में था, मेरा हाथ पसीने से भीग गया और तभी मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी चीख रोकी, उनका हाथ अब मेरी रानों के बीच मेरी चूत सहला रहा था जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
‘ऊ औ उइ, ऊओफ, आअनह ना ना नहीं’ और मेरे पैर खुद बा खुद फ़ैलते चले गये और उनके लण्ड को अब मैं ज़ोर ज़ोर से हिला रही थी।
‘आह मेरी निको मेरी जान मेरे प्यार, उफ़ कितनी प्यारी है इतनी चिकनी अह कितनी नरम और गरम है ये।
मैंने उनके होंठ चूम लिये और अपनी गरम जबान उनके होठों पर फ़ेरते हुए सिसकी।
‘क्या रवि,
‘यह मेरी जान ये…, वो मेरी चूत दबा कर और मेरे होंठ चूम कर सिसक उठे तो मैं ठुमकी।
‘बताओ ना क्या – तो मेरे होंठ चूस कर मेरी आंखों में देख कर मुस्कुराये।
‘तुम्हें नहीं मालूम इसका नाम?’
तो मैं शरमा कर ना में मुसकुराई- ऊन हूँह।
‘अच्छा तो इसका नाम तो मालूम होगा जो आपके हाथ में है? तो मैं शरमा कर धीरे से लण्ड दबा कर हंस दी,”हट गन्दे।’
मेरे दूध चूसते हुए एकदम से काट लिया तो मैं मचल उठी,”ऊउइ नहीं ना।’
और उनका चेहरा उपर किया तो बोले- पहले नाम बताओ, नहीं तो और सताऊंगा।
‘मुझे नहीं मालूम, बहुत गन्दे हैं आप।’
‘अच्छा एक बात बताओ, ये क्या, कैसा है ?’
मैं अनजान बन कर मुसकुराई- क्या?
तो मेरे होंठो पर ज़ोर से प्यार करके बोले- वो जिससे आप इतने मज़े से खेल रही हैं।
तो मेरी नजरें शरम से झुक गई और धीरे से उनका लण्ड दबा कर बोली- ये?
‘हाँ मेरी भोली सी गुड़िया इसी का तो पूछ रहा हूँ।’
तो मैं हंस दी, और शरमा कर बोली- बहुत प्यारा सा है।’
‘बिना देखे ही कह दिया प्यारा है।’ तो उनके सीने मैं मुंह छुपा कर मैं धीरे से बोली ‘आपने दिखाया ही नहीं तो फिर।’
‘देखोगी जान।’ तो मैं उनसे लिपट गई और अपने आप को ना रोक सकी।
‘कब से तरस रही हूँ सच्ची’। और वो एकदम से मुझसे लिपट गये उनकी पूरी जबान मेरे मुंह के अन्दर थी इतनी जोशीली इतनी गरम कि मैं पागल हो उठी। मेरे दोनो दूध दबा कर लाल कर दिये और मेरी चीख उनके मुंह मैं ही घुट गई मैं बुरी तरह तड़प उठी क्योंकि कि उनकी अंगुली एकदम से मेरी चूत मैं घुस पड़ी। मेरी पूरी चूत भीग गई। मेरे चूतड़ और गहराई से लेने के लिये उछलने लगे।
उनके गरम लण्ड के उपर रज की बूंदे आ गई। खूब चिकना हो गया उनका प्यारा सा लण्ड। मैं बेचैन हो कर सिसकी।
‘बस, ऊफ… बस ना प्लीज, दिखा ही दो ना अब, मेरी जान कब से तड़प रही हूँ।
मैंने उनसे अलग होने कि कोशिश कि तो मुझे फिर से लिपटा कर सिसके
‘क्या मेरी जान बताओ ना मुझे।’
‘मेरा, मेरा, उफ़ कैसे नाम लूं मैं मुझे शरम आती हैं रवि।’
‘मेरी जान मेरा ये प्यारा तुम्हे पसंद है ना’
‘हां हां मेरी जान है यह तो, कितना प्यारा है’ मैं लण्ड दबा कर सिसक उठी। – तो बताओ ना अपनी जान का नाम।’
‘मत सताओ ना प्लीज उफ़ आह आह, मत करो ना मर जाऊंगी मैं सच्ची, ऊउइ नहीं इतनी ज़ोर से नही, दुखती है ना’
‘क्या दुखती है मेरी जान।’
हाय रे मां, मैं क्या करूं प्लीज, दिखा दो ना, अब ना तरसओ अपनी निक्को को।’
वो मेरे होंठ चूस कर सिसके – बस एक बार नाम ले दो मेरी जान।’
मेरी शरम से बुरी हालत थी मैं उनके सीने मैं मुंह छुपा कर सिसक उठी – मेरा आह मेरा वाला लण्ड … ऊउइ ऊनह ऊनह आह’
और वो मेरे होठों से झुम गये। और फिर हम दोनो अलग हुए तो वो उठे और मुझे अपने सीने से लगा कर बैठ गये और अब जो मेरी नज़र पड़ी तो मैं देखती रह गई। सावँला, सलोना, तना हुआ लण्ड
मेरी हथेली पर रखा हुआ था। मैं उसे देख रही थी और वो मेरे गोल, भरे भरे और तने हुए दूधों से खेल रहे थे और उनकी अंगुली धीरे धीरे मेरी चूत की दरार मैं उपर नीचे चल रही थी। बहुत मस्ती छाने
लगी थी। खूब तना हुआ उनका 7 इंच लम्बा और खूब ,मोटा गरम लण्ड बहुत हसीन लग रहा था जिसका सुपारा उनकी चिकनी रज से गीला हो रहा था। मेरे होंठो पर होंठ रख मेरी चूत दबा कर वो
सिसके –
‘जान कैसा लगा मेरा।’ तो मैं मस्त हो गई, – ‘बहुत प्यारा है सच्ची, उफ़ कितना बड़ा और मोटा है ये।’
‘खेलो ना इस से’ तो मैं धीरे लण्ड सहलाने लगी और उन्होने चूंची पर होंठ रगड़ कर उस पर जैसे ही जबान फैरी तो उन्होने मेरा चेहरा अपने सीने पर दबा लिया ।
‘आह आअह मेरी जान मेरी निको मेरी उफ़ उफ़ आह कितनी गरम अह चिकनी जबान है अह मज़ा आ गया’ ‘उफ़ मेरी प्यारी सी चूत। ऊम ऊम मेरी जान मेरे रवि खूब ले लो मेरी आह पूरी ले लो आह ऊउइ। किस से खेलूं मेरी जान; मेरी मेरी अहा मेरी च च चूत से ऊफ’और मेरे मुंह में उनकी जबान घुस गई।
हम दोनों मज़े से अब एक दूसरे की जबान और होंठ चूस रहे थे। वो एक हाथ से मेरी चिकनी चूत को और दूसरे हाथ से मेरे दूध दबा रहे थे और मैं उनके तने हुए गरम लण्ड से खेल रही थी जो पूरा उनकी रज से चमक रहा था और यही हाल मेरी चूत का था। मेरी दोनों जांघे पूरी फ़ैली हुई थी और मेरी चूत का रस मेरी चिकनी सुडौल रानों पर मल रहे थे।
काफ़ी देर बाद हम दोनो अलग हुए तो दोनो की बुरी हालत थी। दोनो के चेहरे एक दूसरे के थूक से गीले हो रहे थे। मेरे दूध उनके दबाने से लाल हो रहे थे। फिर उन्होने मुझे लेटा दिया और मेरे उपर आकर मेरी आंखो मैं देख कर बोले – दिल बहुत चाह रहा है जान।’
तो मैं उनके कंधे थाम कर होंठ चबा कर मचली – बहुत हो गया, आ जाओ ना अब।
वो जैसे ही मेरे उपर लेटे तो उनका गरम चिकना लण्ड मेरी छोटी सी चिकनी चूत पर लेट गया और मैं सिसक गई ; ‘सुनिये’
‘हां जान’ वो मेरे होंठ चूस कर बोले, तो मैं होंठ चबा कर शरमा कर सिसकी, आपको कैसी लगी मेरी वो;
तो मेरे दूध सहला कर मुसकुराये – अब भी शरम आ रही है मेरी गुड़िया को’
तो मैं शरमीली नज़रों से उन्हें देख कर मुसकुराई – ‘हूँ।’
मेरी आंखो को चूमते हुए सिसके – ‘बहुत प्यारी है मेरी जान ।
तो मैं मस्ती में सिसकी- क्या रवि, नाम लो ना प्लीज मेरी वो का’
‘मेरी गुड़िया की चूत … आह बहुत प्यारी है सच मेरी जान इतनी चिकनी, नरम, गरम, छोटी सी चूत, जी चाहता है खूब प्यार करूं इसे।’
‘आह, आह, आह, रवि मेरी जान, तो करो ना उसे प्यार और … और। हां बोलो ना जान, रवि, आह मैं प्यार कर लूं इस प्यारे से अह अह लण्ड को’
मेरे होंठ पर फिर से उसने होंठ रख दिये – उफ़ मेरी निक्को पागल कर दोगी, आज तो सच में’
और मेरी जबान चूसने लगे और फिर मुझे करवट से लेटा कर एक दम से घूमे और मेरे चेहरे की तरफ़ पैर करके मेरी चिकनी रानों पर चेहरा रख मेरी चूत पर प्यार कर लिया – आह मेरी निक्को, सच
कितनी हसीन चूत है मेरी रानी की’
‘आह रवि उफ़ अह आराम आराम से, उफ़ ओह अह’ उनका तना हुआ गरम लण्ड मेरे गालों पर मचल रहा था और मैं उनके चिकने लण्ड के आस पास प्यार कर रही थी और अपनी गरम गरम जबान फैर रही थी। उनके लण्ड के आस पास बिलकुल बाल ना थे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मेरी गरम जबान की चिकनाहट से वो सिसके
“आह आह निक्को मेरी जान खेलो ना मेरे लण्ड से, मेरी जान, उफ़ मेरी नन्हीं सी चूत वाली गुड़िया’
‘ओह आह मज़ा उफ़ आ गया रवि मेरी जान, चाटो ना मेरी गरम चूत।’ मैं ने उनका लण्ड थाम कर उस पर प्यार किया तो मेरे होंठ रज से भीग गये मैं अपने होठों पर चिकनाई मलने लगी और तभी मैं तड़प कर चीख पड़ी – ऊउइ ऊउइ ऊऊम अहा उफ़ शहाआआआम मेरी मेरी आइ माअ उफ़ मेरी चूऊऊत।
उनकी जबान मेरी चूत मैं चल रही थी। वो बुरी तरह से मेरी चूत चूस रहे थे मेरी राने पूरी फैली हुई थी और मेरी चूत से चप चप की आवाज आ रही थी –
आआहम हम प्लीज, आह उफ़ धीरे, मर जाऊंगी मैं, हाय मेरी आह आह चूत उफ़’ – और मुझ से ना रहा गया तो मैं ने एकदम से गरम लण्ड अपने मुंह में ले लिया।
रवि मेरी चूत में चिल्ला पड़े – आअह आआह निक्को निक्कक्को उफ़ आअह उफ़्फ़फ़्फ़ पूरा का पूरा, आह पूरा ले लो मुंह में, ऊम आअह आह मेरी जान मेरी गुलाबी चूत वाली जान उफ़ उफ़ आह।’
गरम लण्ड मेरे मुंह मैं मचल रहा था और उनकी जबान मेरी चूत मैं घुसी जा रही थी। मेरी पूरी चूत और जांघे उनके थूक से भीग रही थी और मेरी चूत लाल हो चुकी थी और रस टपका रही थी। कभी सोचा भी ना था कि लण्ड चूसने और चूत चुसवाने में इतना मज़ा आयेगा।
उनका पूरा लण्ड मेरे थूक से भीग रहा था और उनका लण्ड मेरे गले के अन्दर तक जा रहा था कि वो तड़प उठे – रुक आह रुक रुक जाओ निक्को, रुक रुक जाओ बस’ अब तो मैं ने लण्ड मुंह से निकाला तो वो उठ कर बैठे।
‘क्या हुआ’ मैं ने उन्हें देखा तो अपने लण्ड का सुपारा दबा कर बोले – आह मेरी जान मैं निकल पड़ता और मुझे देख कर मेरे होंठ और गाल को चूसने लगे जो थूक से भीग रहे थे,
‘मेरी जान, मेरी निक्को, दे दो ना अब यह प्यारी सी चूत मेरी गुड़िया।’
मैं उन से लिपट गई- रवि आह मेरी जान और उन्होने मुझे लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गये । मैंने हाथ फैला कर बांहो मैं ले लिया और उनके होंठ चूस कर सिसकी ली,
‘सुनिये। हां मेरी जान धीरे कीजियेगा, बहुत बड़ा है आपका तो’ वो मुसकुराये – क्या बड़ा है मेरी जान।
तो मैं शरमा कर हंस दी।
‘आपका प्यारा सा लण्ड और क्या जान’
‘हूँ, रखो ना उसे अपनी रेशमी चूत पर’
‘मुझे शरम आती है।’
‘प्लीज जान, देखो अभी तो मज़े से खेल रही थी’
तो मैं उनके दोनो हाथ थाम कर अपने दूधों पर रख दिये और सिसकी’
‘दबाईये ना इन्हें’ और हाथ नीचे ले जाकर लण्ड थाम कर अपनी चिकनी मस्त चूत के छेद पर रखा तो जैसे मेरे जिस्म में करण्ट दौड़ गया हो। आह रवि और मैं उसे अपनी चूत की चिकनी और गरम फ़ांक से सटा कर ऊपर नीचे करने लगी: मेरी बुरी हालत थी।
वो मचले – बस बस अब रख लो छेद पर’ और जैसे ही मैं ने छेद पर रखा उनके होंठ मेरे होठों पर आ गये और सिसके – लो मेरी जान तैयार हो ना।
‘आह हां हां मेरी जान आराम से’ और उनकी कमर हिलने लगी तो मैं तड़प उठी
‘ऊऊउइ मा नहीई ऊऊफ ऊऊनह आआअघ उफ़्फ़फ़्फ़फ़ आआह ओह्हह प्लीज ऊओफ रवि्मम नहीइ, हाय नहीं ओह मां उफ़्फ़फ़’
चिकनाई के कारण उनका लण्ड 3 इन्च मेरी चूत मैं घुस पड़ा और मुझे लगा जैसे मेरी चूत मैं गरम गरम लोहा घुस पड़ा हो। मेरी चूत गरमी और चिकनाई से नहा गई और वो भी चिल्ला पड़े –
आआअह नीरू मेरी गरम चूत वाली आअह आअह गुड़िया आह बहुत तंग और अहा अहा गरम चूत है मेरी निक्को जान की’
मैं उनसे लिपट पड़ी
हाये रे रवि, बहुत गरम हो रहा है ये अह आराम से धीरे करो ना, अपनी निक्को का मत रुलाओ प्लीज’ ‘आह मेरी जान’ और उनके चूतड़ फिर हिले तो मेरी जैसे जान निकल गई।
‘अम्मम्मा नहीईइ ऊऊउइ ऊऊमफ मैं सर झटकने लगी। मेरी नज़ुक सी चूत का मुंह फैल गया और गरम लण्ड अन्दर जाने के लिये मचलने लगा।
‘आह निको निक्को मेरी जान बहुत हसीन, उफ़्फ़ कोरी चूत है मेरी रानी की, उफ़ मज़ा आ गया’
वो मेरे गाल और होंठ चूम और चूस रहे थे। इस धक्के ने मेरी बुरी हालत कर दी। दर्द के कारण मेरी आंखो से आंसू बहने लगे और मेरे आंखो को चूम कर वो सिसके – ना रो मेरी जान बस थोड़ी देर की बात है।’
‘नहीं नहीं प्लीज अब नहीं रवि बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाऊंगी’
मेरा पूरा चेहरा लाल हो रहा था मैं ने उनकी कमर ज़ोर से पकड़ ली तो मेरे होंठ चूस कर सिसके ‘बस थोड़ा सा रह गया है मेरी निको, बस एक बार और।’
‘नहीं रवि नहीं’ मैं ने उनका चेहरा दोनो हाथों मैं लेकर होंठ चूम लिये, मत रुलाओ अपनी निक्को को, तरस खाओ, सच मैं बहुत दर्द है उफ़्फ़ ।’
‘बस मेरी गुड़िया देख, बस दो इंच लण्ड बचा है’
मैंने हाथ अपनी चूत पर लेजा कर लण्ड पकड़ा।
‘आहाह हां देखो मेरी जान बस इतना सा बचा है’
‘नहीं रवि सच मैं, तुम्हारा लण्ड तो बिलकुल सूखा रखा है’
तो मेरे होंठ चूम कर सिसके – एक मिनट जान” और उपर होकर ढेर सा थूक मेरी चूत पर डाला और मेरे होंठ चूम कर बोले – देखो खूब चिकनी हो गई मेरी गुड़िया की नन्ही सी चूत।
‘हाय मैं क्या करूं। बस जल्दी से घुसा डालो दो अब’
और फिर मेरे होठों पर होंठ रख कर ज़ोर का धक्का लगया तो फच से पूरा लण्ड मेरी चूत के अन्दर था। मैं लिपट गई उनसे। उफ़्फ़्फ़ इतना मज़ा; उफ़ इस मज़े मैं रवि से झूम गई और मेरे गोल बड़े
बड़े चूतड़ उनका लण्ड लेने को उछलने लगे और उन्होने मेरे होंठ से होंठ अलग किये और मेरा दूध मुंह मैं ले लिया और दोनो बुरी तरह तड़प रहे थे।
‘हाय रे मज़ा आ गया मेरे रवि और तेज़ करो, अह मुझे क्या हो रहा है उफ़ अह ऐयया आह ऐई मां मेरी च च चूत, बोहोत गरमा गरम लण्ड है और तेज़ करो ना जल्दी जल्दी।’
‘हाय मेरी निक्को उफ़ आह आह तेरी गरम चूत, उफ़ह बहुत तंग आह और गहरी चूत है मेरी चुद्दो की अह अह्ह्ह्ह निक्को चूतड़ उछालो अह अह हां ले लो मेरा लण्ड आह उफ़ अपनी आह गरम छोटी सी चूत में, मेरी आअह मेरी जान।
‘ऊउइ रवि हाय रे मज़ा आ गया खूब तेज़ करो ना अन्दर… बाहर , उफ़ मेरा प्यारा सा गरम मोटा लण्ड ऐ मां मज़ा आ गया।’
और फिर वो एकदम से चिल्ला पड़े – निक्को निक्को उफ़ आअह आऐई मैं अह मैं आने वाला हूँ ले लो मेरा लण्ड उफ़”
“आह लण्ड मेरी जान मेरी चूत मार दी।’
कमरे में फस्सह फस्सह और हम दोनो की सिसकियों की आवाजें गूंज रही थी।
‘आ जाओ मेरी जान, मेरे राजा उफ़ आह हाय रे मज़ा आ गया, झाड़ दे राजा लण्ड को’
और हम दोनो के धक्के तूफ़ानी हो गये और फिर मुझे लगा के मेरी पूरी चूत फैल गई हो उनकी लण्ड से। रवि की गरम मनी की पिचकारी जो निकली मेरी चूत के आखिरी छोर तक चली गई और
मेरी चूत का झरना भी फ़ूट पड़ा। वो मेरे दूधों पर निढाल हो कर लेट गये और मैं उनको अपने चिकने मुलायम और गरम जिस्म से लिपटा लिया। हम दोनो पसीने से नहा रहे थे।
इतना प्यारा सपना था, जब मैं सुबह सो कर उठी तो मेरी शलवार पूरी गीली थी। ऐसा लगा जैसे वो रात वो मेरे पास रहे हो, और चुदाई कर रहे हो। लेकिन वो तो सिर्फ़ एक सपना था। कुछ समय के बाद मेरी शादी दूसरी जगह हो गई। शादी के 4 साल बाद आज फिर रवि वही मेरे सामने थे।
‘अरे भाई नीरू कहां खो गई, मैं कुछ पूछ रहा हूँ।’
मैं एकदम से चौंक गई और उनको देखा और शरम के मारे उनसे आंख ना मिला सकी और भाग कर भाभी के पास किचन मैं घुस गई।
उनकी ज़ोर से हंसने की आवाज़ आई, पता नहीं क्या हुआ इस लड़की को, ना जाने कहां खो गई थी। भाभी ने मुझ से पूछा – ‘क्या हुआ ‘ तो मैं अपने आप को कन्ट्रोल करके हंस दी।
‘नीन्द आ गई थी एकदम से।’ पर उन्हे क्या पता था कि मेरी नीचे से पूरी गीली हो गई थी।
वो भी हंस दी, मै भी अपने पैर समेटे हुये हंसने लगी। Hindi sex stories
मेरी यह कहानी Hindi Porn Stories अपने गुरु-भाई प्रेम गुरु और पूनम जी को समर्पित है।
……. गीता
मेरी कहानी पिछली मिस गीता का मुझे काफी अच्छा रेस्पोंस मिला इसलिए में आपके लिए एक और आप बीती बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ यह कहानी भी आप लोगों को अच्छी लगेगी।
जैसा कि आप लोगों को मालूम है अब मुझे जब भी मौका मिलता, मैं गीता को चोद लिया करता था। लेकिन हमें यह नहीं मालूम था कि हमें कोई छुप कर भी देखता है !
यह बात हम करीब ३-४ महीने के बाद मालूम पड़ी ! और देखने वाली थी गीता में छोटी बहन मीता। गीता की तरह मीता भी बहुत सुंदर थी एक दम गोरी, भरे भरे गाल, गुलाबी होंठ,काली बड़ी बड़ी आँखे, लम्बे बाल और फिगर ३६-३०-३४ इसलिए अभी उसकी गांड नही मारी थी किसी ने।
अब मुद्दे की बात करते हैं।
एक दिन मैं और गीता मस्ती कर रहे थे, उस दिन उनके घर में कोई नहीं था। अंकल आंटी मार्केट गये थे और मीता स्कूल गई थी। हम दोनों तो अपने काम में मस्त थे, हमें नहीं मालूम कि कब मीता आ चुकी और हमें खिड़की से देख रही है। अकेले होने की वजह से घर में कोई रोक टोक तो थी नहीं इसलिए मैं बाथरूम जाने के लिए निकल आया और सीधा बाथरूम में चला गया। लौट कर आया तो देखा मीता खिड़की की तरफ चेहरा करे हुए है और शायद उसकी आँखे बंद थी क्योंकि बहुत जोर जोर से मीता अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी सलवार उतार कर।
मैंने भी उसे नही टोका और चला गया। आते ही मैंने गीता को इसके बारे में बताया तो वो बोलने लगी- बेचारी को अकेले ही तड़फने के लिए छोड़ आये?
मैंने कहा- मैं करता भी क्या ? तुम्हारी बहन है, अभी बुरा मान गई तो?
वो बोली- मादरचोद लड़की आधी नंगी खड़ी है और तुझे लगता है वो नाराज़ होगी।
ऐसा हो ही नही सकता ! चल मैं जाती हूँ और उससे तैयार करती हूँ। तुम १५ मिनट के बाद आ जाना।
मैं भी मान गया और बेड पर लेट गया और अपने लंड को ऊपर नीचे करने लगा और सोच रहा था कि मीता की चूत कैसी होगी। कहीं गीता की ही तरह मीता की भी तो चूत पहले से ही चुद चुकी है क्या ? और ना जाने क्या क्या सोचते सोचते १५ मिनट कब निकल गये मालूम ही नहीं चला।
और मैं मीता के कमरे में जाने लगा और गेट पर आकर रुक गया क्योंकि सामने का नज़ारा देखने लायक था। गीता मीता की चूत को २-३ ऊँगलियों से चोद रही है और चाट रही है। गीता कभी मीता की चूत चूसती तो कभी स्तन ! अब कब तक आँखें चार नहीं होगी, मीता ने अब मुझे देख लिया और वो एक दम उठ कर बेड के पीछे चली गई तो गीता ने कहा- वैसे तो गीता को बोलने के लिए चिल्ला रही थी अब क्या हो गया ?
मीता बहुत ही प्यार से थोड़ा शरमाते हुए बोली,“मुझे शर्म आती है !”
तो गीता बोली- गीता ! अब तुम ही इसकी शर्म दूर करो !
मेरा क्या था मैं तो रुका ही इसलिए था कि गीता या मीता खुद मुझ से बोले चोदने के लिए !
मैं अब धीरे धीरे बेड के पास गया और मीता का हाथ पकड़ कर उसे किस करने लगा, होठों को किस करने लगा। लेकिन मीता अभी भी शरमा रही थी और अपना चेहरा पीछे कर रही थी। मैंने भी सोच लिया था आज इसे इतने प्यार से चोदूंगा कि पूरी शर्म भाग जायेगी। मैं अभी भी मीता को किस कर रहा था और अपनी जीभ अन्दर बाहर कर रहा था। अब मीता थोड़ा थोड़ा खुलने लगी थी और मेरा साथ दे रही थी। अब किस करने में मज़ा आ रहा था क्यूँकि मीता मेरी जीभ को चूस रही थी और मैं उसकी।
अब मेरा हाथ उसके नंगे वक्ष पर था और दबा रहा था- ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म कितने नरम थे मीता के स्तन !
अब मेरे हाथ बहुत तेजी से चल रहे थे- कभी दांया स्तन दबता तो को कभी बाँयां ! और अब चूचुक भी चूस रहा था, काट रहा था। मीता के मुंह से सिसकारी निकल रही थी जोकि माहौल को और भी गर्म कर रही थी।
इसी तरह करीब २०-२५ मिनट निकल गये। मुझे तब याद आया जब गीता पास में आकर मेरा लंड हाथ में पकड़ कर बोली- मुझे क्यों अकेला छोड़ दिया है?
और गीता मेरा लंड चूसने लगी।
मुझे अब परेशानी हो रही थी शायद इसलिए कि बेड के पीछे जगह कम थी और दो दो हसीनाएं मेरे साथ काम-क्रिया कर रही थी।
मैंने कहा- बेड पर चलते हैं और मीता को गोद में उठाकर बेड पर ले आया और उसको अपने ऊपर कर लिया ताकि मैं आराम से उसके स्तनों को पी सकूँ, दबा सकूं, किस कर सकूं और गीता मेरा लंड आसानी से चूस सके। मैं दोनों तरफ से मजे ले रहा था।
अब यार एक बात बताओ एक लौड़ा हो और उसके पास दो दो सुंदर चूतें हों, वो कब तक अपना पानी रोक सकता है, मैंने भी अपना पूरा पानी गीता के मुँह में छोड़ दिया जिसे वो पूरा पी गयी और अपने होंठ पोंछते हुए हट गई। अब बारी मीता की जो थी।
लेकिन वो मना करने लगी। इस पर गीता ने उसकी गांड में लात मारते हुए गाली दी,“माँ की लौड़ी ! क्यूँ नखरे कर रही है, चुपचाप चूस ! नहीं तो तेरी चूत में पेट्रोल डाल दूंगी फिर ऊँगली डालते रहना रात भर !”
इससे एक फायदा यह हुआ कि मीता लंड चूसने लगी। वह तो गीता से अच्छा चूस रही थी।
अब मेरे मुंह में गीता ने अपनी चूत सटा दी और हिलने लगी। मैंने भी उसकी चूत को जीभ से खूब चाटा और चूसा। करीब १५ मिनट में मेरा फिर से पानी निकल गया और इस बार पानी मीता ने पीया था और गीता मेरे मुंह में झड़ गई, गीता का पानी मैंने पी लिया और गीता को हटा दिया ताकि वो मेरा लंड फिर से खड़ा कर सके। पता नहीं लेकिन गीता के हाथों में जादू था वो मुर्दे के लंड को भी खड़ा कर सकती थी।
मेरा लंड खड़ा करके गीता ने मीता से कहा- अब तू बेड पर लेट जा ! अब गीता तेरी चूत में अपना लंड डालेगा जो कि तुझे बहुत आराम से लेना है क्योंकि तू आज पहली बार चूत में लंड ले रही है तो तेरी झिल्ली फटेगी जिससे तेरे को दर्द भी होगा !
तो मीता बोली- दीदी, तुम टेंशन मत लो ! मैं आराम से ले लूंगी ! बस तुम क्रीम मेरी चूत में और गीता के लंड से लगा दो अच्छी तरह से !
गीता ने पूरी पौंड्स क्रीम मेरे लंड और मीता की चूत पर लगा दी और मीता को किस करने लगी।
मैं समझ गया कि अब सही समय है चूत से लंड का मिलन करने का !
मैंने मीता की चूत को पहले किस किया और उस पर लंड रगड़ने लगा जिससे मीता की उत्तेजना बढ़ती जा थी, वो सिसक रही थी ह्म्म्म्म्म्म्म……… आह्हनान्न्न्न्न्न………. यीयेय्ये इ,,,,,,,,,,,,,और ना जाने क्या क्या।
मीता के लिए अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था लेकिन मुझे उसे तड़फाने में मज़ा आ रहा था। आखिर मीता का सब्र का बाँध टूट गया और बोली,“मादरचोद चोदना हो तो अभी चोद दे, नहीं तो तेरे लंड को खा जाउंगी !”
मैं भी यही चाहता था कि मीता मुझ से मिन्नतें करे भीख मांगे …… लेकिन फिर भी उससे भीख ना मिले. इसके पीछे भी एक कारण था वो में फिर कभी बताऊंगा |
फिर मैंने धीरे से उसकी चूत पर लंड टिकाया और एक ही बार में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया, जिससे वो तड़प उठी और जोर जोर से चिल्लाने लगी। मौके की नजाकत को समझते हुए गीता ने फिर से उसका मुंह अपने मुंह से बंद कर लिया और आवाज वहीं दब गई।
मैं भी नहीं रुका और शॉट पर शॉट मारता गया- १,२,३,४,…………….२४,२५, तब मैं कहीं रुका और मीता की चूत को देखने लगा। उसकी चूत में से खून निकल रहा था और मीता की आँखों से पानी। लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रही थी।
अब मेरा बदला पूरा हो गया था इसलिए मैं १० मिनट के लिए रुक गया और मीता का इंतजार करने लगा कि वो कब अपनी गांड हिलाती है। लेकिन इसके लिए मुझे ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा ५ मिनट में ही वो अपने चूतड़ हिलाने लगी। मैं भी अब बड़े प्यार से लंड आगे पीछे करने लगा था। जिससे उसकी चीखें सिसकारी में बदल गई।
अब नज़ारा देखने और सुनने लायक था- मेरा लंड मीता की चूत को चोद रहा है और मीता गीता की चूत को चाट रही है और गीता मेरे होंठ चूस रही है किस कर रही है।
मीता की चूत अब काफी गीली हो गई थी इसलिए पूरे कमरे में फच फच …….फच की आवाजें आ रही थी और मेरा लंड बार बार फिसल रहा था।
मैंने तौलिये से उसकी चूत को साफ़ किया और लंड फिर अन्दर डाल दिया। अब मज़ा आ रहा था। धीरे धीरे लंड चूत में जाता और बाहर निकल आता ! मीता भी सिसकारी ले रही थी और गाली दे रही थी,“फाड़ ! फाड़ दे मेरे बालम ! मेरी चूत को फाड़ दे ! बहुत परेशान किया है इसने ४ महीने से ! आज इसकी गर्मी हो शान्त कर दे मेरे राजाआआ………… हम्म्मम्म्म्म ….. आआह्ह ह्ह्ह्हन्न्न्न्न्न्न फक्क मी फक्क या………… याआआआआ ……..गुड ,,,,,,,,” और ना जाने क्या क्या “मदरचोद अब कितनी देर तक चूत ही चोदेगा गांड भी मार ले लगे हाथ !”
मैंने कहा,“अभी नहीं ! पहले चूत का और लंड का मिलन तो होने दो सही से !”
और मैं फिर से चोदने लगा। बस अब दिल्ली दूर नहीं थी और मीता का पानी दूसरी बार निकल गया और साथ ही मेरा भी। मैं मीता के स्तनों पर ही मुंह रख कर लेट गया और चूसने लगा।
करीब १० मिनट बाद मैं उठा और कपड़े पहनने लगा तो गीता ने कपड़े छीनते हुए कहा,“कहाँ जा रहे हैं? आग लगा कर मेरी चूत कौन, तुम्हारा बाप आकर मारेगा या मेरा बाप !”
तो मैंने किस करते हुए कहा,“कहां जानेमन ! १० मिनट में आ रहा हूँ।”
क्योंकि अब मुझे ड्रिंक करने की जरुरत थी, इसके बिना अब और नहीं चोद सकता था इसलिए गीता के हैंडबैग में से ५०० रु. निकाल कर मैं विस्की लेने चला गया और आकर देखा तो वो दोनों अभी भी बिना कपड़ों के ही थी।
मैंने झट से अपने कपड़े उतार दिए। मीता मुझसे लिपट गई और मुझे किस करने लगी। लेकिन मुझे अभी कुछ अच्छा नही लग रहा था इसलिए उसकी गांड पर लात मार कर एक तरफ कर दिया।
इतने में गीता ३ ग्लास ले कर आ चुकी थी। मैं गीता और मीता के लिए बीयर लाया था जो उन लोगों ने अपने ग्लास में डाल ली और मेरा भी पैग बना दिया।
हम तीनों नंगे ही ड्रिंक करने लगे। मैंने जल्दी जल्दी ३-४ पैग डाले और मीता को ज़मीन पर ही पटक दिया और टाँगें चौड़ी करके एक बार में ही पूरा लंड अंदर कर दिया। इससे पहले कि वो चिल्लाना शुरू करे, मैं उसे किस करने लगा और चोदने लगा।
करीब १० मिनट तक मैं मीता को ऐसे ही चोदता रहा। उसके बाद उसको ज़मीन पर ही कुतिया बनाया और पीछे से चोदने लगा। ५-७ मिनट चोद कर देखा तो मीता की चूत डबल रोटी की तरह फूल गई थी। लेकिन मुझे उस पर बिलकुल भी रहम नहीं था। अब तक वो ३ बार झड़ चुकी थी और मेरा भी समय आ गया। मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुंह में डाल दिया और उसका मुंह चोदने लगा।
यह सब चल ही रहा था कि गीता उठी और मीता की टाँगे चौड़ी कर उसकी गांड का छेद खोलने में लग गई। ३-४ लम्बे शॉट के बाद मैं भी मीता के मुँह में झड़ गया और हट गया।
करीब ३० मिनट के बाद मीता के मुंह से आवाज निकली, उसने मुझ से कहा,“जब मैं पूरी तरह से तुम्हारी हो चुकी हूँ तो इतनी बेरहमी से क्यूँ चोद रहे हो ?????”
मैंने पूरी दम से खींच कर उसके गाल पर चांटा मारा और कहा- मीता डार्लिंग ! अब कुछ याद आया?
वो समझ चुकी थी आखिर क्यूँ मैं कुत्ते तरह उसे चोद रहा था।
फिर उठ कर मेरा लंड मुँह में लिया और चाटते हुए बोली,“सॉरी जो हुआ उसे भूल जाओ !”
उसके बाद मैंने मीता की गांड भी मारी और गीता को भी चोदा। लेकिन ये सब अगली कहानी में ! पहले आप इसको पढ़ो, मज़े लो और बताओ कैसी लगी कहानी ! यानी मेरी आप- बीती !
भाईयो और चूतो ! इसे कोरी बकवास मत समझना ! यह बिलकुल सच्ची कहानी है !
और अभी तो मुझे यह भी बताना भी है कि आखिर मीता ने किया क्या था?
उसके लिए अंतर्वासना में आते रहिये ! बहुत जल्द आगे का भाग भी आपके सामने आएगा।
मुझे मेल करना ना भूलें : Hindi Porn Stories
न्यू वाइफ की छोटी चूत मेरे अब्बू ने कैसे फाड़ी, यह मैंने देखा उनकी पहली रात की वीडियो में! मेरे अब्बू कमसिन नई दुल्हन ब्याह के लाये तो मैंने उनकी चुदाई देखनी चाही.
मेरा नाम शरीफ़ कुरैशी है. मेरी अभी उम्र 25 साल की है.
मैं अब्बू के दूसरी बीवी की औलाद हूं.
मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है. मेरा रंग सांवला है लेकिन मैं अच्छा दिखता हूं.
मेरा घर यूपी के आजमनगर में है.
अब मैं अपनी कहानी सुनाता हूं.
बात तब की है जब मैं इंटर कॉलेज का छात्र था और तब मैं करीब 19 साल का था.
हमारी बहुत बड़ी फैमिली है. मेरे अब्बू बहुत पैसे वाले हैं और हमारे बड़े-बड़े 4 – 5 घर हैं.
फार्म हाउस के साथ ही हमारे पास 7 – 8 कार भी हैं.
हमें पैसों की भी कोई कमी नहीं है.
मेरे अब्बू का नाम मोहम्मद अली कुरैशी है.
अब्बू की उम्र 62 साल है.
उन्होंने तीन निकाह किए हैं.
मेरे बड़ी अम्मी सलमा 56 साल की हैं.
बड़ी अम्मी की 5 औलाद हैं, जिनमें दो बेटों के साथ तीन बेटियां हैं.
पहले बेटे का नाम सोहेल (38 साल) है और उनकी पत्नी जोया (35 साल), दूसरे का नाम सलीम (37 साल) उनकी पत्नी नूरजहां (33 साल) है.
तीसरी बेटी मराह (35 साल), चौथी बेटी का नाम मजिदा (34साल), पांचवीं का नाम मरीया (32 साल) है.
तीनों लड़कियों का निकाह हो चुका है.
अब्बू की दूसरी पत्नी अयासा (42) जो मेरी अम्मी हैं.
उनकी चार औलाद थीं लेकिन अब सिर्फ तीन हैं. एक की मौत बचपन में हो चुकी है.
मेरे बड़े भाई शाहिद (23 साल), जिसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है, उनकी पत्नी का नाम शाहनाज (21 साल) है और मेरी छोटी बहन का नाम मलिका कुरैशी है, जो 10वीं की छात्रा है.
अब्बू की तीसरी पत्नी का नाम फातिमा बीवी (20) है जिससे अब्बू की नई-नई शादी हुई है.
हम सब अलग-अलग बंगले में रहते हैं.
बड़ी अम्मी और उनकी 2 औलाद एक बंगले में, मेरी अम्मी और हम तीन भाई-बहन एक साथ अलग बंगले में रहते हैं.
अब्बू की अभी नई-नई शादी हुई थी इसलिए अब्बू और छोटी अम्मी नए वाले बंगले में रहने वाले थे.
जब अब्बू ने शादी की तब उस समय घर में किसी को यह बात पता नहीं थी.
मैं भी कॉलेज में था.
जब घर आया तो मुझे पता चला कि अब्बू ने तीसरी शादी की है.
उन पर सब नाराज़ थे लेकिन मैं नई नवेली दुल्हन को देखना चाहता था.
जब दुल्हन सामने आई तो मैं उसे देखकर हैरान रह गया.
क्या दुल्हन थी यार … मल्ला कसम … मस्त फिगर वाली गोरे बदन, लम्बे बाल, लाल-लाल होंठ, पतली कमर छोटे-छोटे बूब्स जैसे ताज़ा-ताज़ा फूल खिला हो.
छोटी अम्मी का फिगर साइज 32 – 24 – 32 होगा.
मैं तो यह सोचकर परेशान हो रहा था कि इस बुड्ढे यानि मेरे अब्बू को ऐसी माल कहाँ से मिल गई.
अब्बू के ड्राइवर से पूछा तो पता चला कि यह एक गरीब किसान की बेटी थी. अब्बू ने उनके अब्बू को पैसे देकर निकाह की बात की तो वे मना नहीं कर सके.
अब अब्बू अपनी सुहागरात के लिए अपने नए घर को सजाने के लिए मुझे कहा.
मैं घर में सबसे छोटा लड़का था.
तो अब्बू ने कहा- नए घर के बेडरूम को सज़ा-संवार दो.
जब मैं बेडरूम को सज़ा रहा था तो मन में एक ही ख्याल आ रहा था कि काश फातिमा के साथ आज मेरी सुहागरात होती!
तो इस बेड पर मैं अब्बू की न्यू वाइफ की छोटी चूत को खूब पेलता.
और यह सोच कर मेरा लौड़ा खड़ा हो रहा था.
इस बात को सोचकर मैं उसी बेड पर मुठ मारने लगा और कुछ देर बाद मेरा लौड़ा झड़ गया.
फिर मैने सोचा कि आज तो फातिमा बीवी को पूरा नंगी देखना है.
इसके लिए मैंने अपना फोन को ऑन करके छुपा दिया और अपने पुराने घर आ गया.
रात के 10 बज चुके थे, अब्बू और फातिमा बीवी नए घर में सुहागरात के लिए चले गए.
अब सब सो गए थे लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.
सारी रात फातिमा के बारे मे सोचता रहा और फातिमा की यादों में कब सुबह हो गई मुझे पता ही नहीं चला.
अब मैं अपना फोन लेने नए वाले घर गया.
लेकिन दरवाज़ा बंद था.
मैंने टाइम देखा तो सुबह के 5 बजे थे और सुहागरात के बाद कौन इतनी जल्दी उठता है.
यह सोचकर मैं वापस घर आ गया.
अब तो समय जैसे थम सा गया था.
मैं सिर्फ घड़ी को देख रहा था 5 से 6, 6 से 7, 7 से 8, 10 से 11 बज चुके थे और अब्बू अभी तक सोए हुए थे.
अब मेरा दिमाग खराब होने लगा था.
फिर अब्बू 12:30 बजे में बाहर आए लेकिन छोटी अम्मी (फातिमा) नहीं आईं.
अब फोन वापस कैसे लूं … यह सोच ही रहा था कि अब्बू ने कहा- बेटा शरीफ़, जाकर देख ना छोटी अम्मी को कुछ चाहिए तो हेल्प कर देना. अभी वह नई है न इसलिए!
अब्बू की बात सुनकर जब मैं छोटी अम्मी के रूम में गया तो देखा वे बैड पर बैठी हैं और उनकी आंखें लाल थीं.
वे काफी थकी- थकी सी लग रही थीं.
देखकर लग रहा था कि अब्बू ने न्यू वाइफ की छोटी चूत को खूब पेला होगा.
फिर मैंने कहा- छोटी अम्मी, आपको कुछ चाहिए तो बोलिए. अब्बू ने मुझे भेजा है.
छोटी अम्मी- नहीं, कुछ नहीं चाहिए. ये बताइए कि आप उनके बेटे हैं. क्या नाम है आपका?
मैं- हां, आपके शौहर मेरे अब्बू हैं और मेरा नाम है शरीफ़!
छोटी अम्मी- वह तो दिख रहा है आप कितने शरीफ़ हैं.
यह बोलकर छोटी अम्मी हंसने लगीं.
मैं- छोटी अम्मी, आप हंस क्यूं रही हैं, मैं कुछ समझा नहीं?
छोटी अम्मी- यह बात फिर कभी बोलूंगी, पहले आप मुझे अम्मी न कहिए. मैं आपसे थोड़ी ही बड़ी हूं तो मुझे आप फातिमा ही कहें.
मैंने कहा- आप तो मेरे रिश्ते में अम्मी ही हुईं ना और घर वाले भी क्या कहेंगे.
छोटी अम्मी- ठीक है, आप सबके सामने मुझे छोटी अम्मी बोलिएगा और जब कोई नहीं हो, तो फातिमा … ठीक है?
मैं- ठीक है. पर आप भी मुझे तुम ही कहिएगा या फिर शरीफ़ कह कर बुलाइयेगा.
छोटी अम्मी- ठीक है. अच्छा शरीफ़, बाथरूम कहां है बताओगे? मुझे नहाना है.
मैं- आगे से दाएं के बाद वाला.
फिर छोटी अम्मी नहाने चली गईं.
मौका देखकर मैंने अपना फोन निकाला और चालू किया.
लेकिन मेरा फोन चालू नहीं हुआ.
शायद फोन की बैटरी खत्म हो गई थी.
मैं अपने कमरे में आया और फोन चार्ज में लगाकर उसे ऑन करने वाला ही था कि इतने में मेरी अम्मी आईं और बोली- बेटा, हमें रहमान भाईजान के घर चलना है.
मैंने अम्मी से कहा- मेरा फोन अभी चार्ज नहीं है और मैं वहां बोर हो जाऊंगा. वहां अभी रुखसाना भी नहीं है, वह अभी दिल्ली में है.
अम्मी- बेटा चल ना … जल्दी आ जाऊंगी. फोन को चार्ज में लगा दे.
मैं अम्मी को लेकर रहमान चाचू के घर चला गया.
रहमान चाचू और मेरी अम्मी की बातें तो मानो जैसे खत्म ही नहीं हो रही थी.
रात 9 बजे हम उनके घर से खाना खाने के बाद अपने घर आए.
मैंने देखा कि बड़ी अम्मी घर आई हुई थीं.
फिर अम्मी और बड़ी अम्मी बातें करने लगीं.
तो मैंने अम्मी से कहा- अम्मी, मैं सोने जा रहा हूं.
यह बोलकर मैं अपने कमरे में गया और दरवाज़े को बंद कर दिया.
मैंने बिना देर किए हुए फोन को ऑन करके वीडियो को चालू किया.
मैंने देखा कि बेड पर छोटी अम्मी बैठी हुई हैं लेकिन उनका चेहरा नहीं दिख रहा है.
उन्होंने साड़ी से चेहरे को छुपा रखा है.
फिर अब्बू आए और दरवाज़े को बंद कर दिया.
इसके बाद अब्बू बैड के पास आए और छोटी अम्मी से बातें करने लगे.
अब वहां क्या बातें हो रही थीं, मुझे ठीक से समझ नहीं आ रहा था क्योंकि फोन बहुत दूर था.
मैंने वीडियो देखते हुए कहा कि अबे बुड्ढे, इतनी खूबसूरत लड़की के साथ क्या बात कर रहा है. लड़की सामने है और तू बात करके टाइम पास कर रहा है.
इसके बाद मैंने वीडियो को थोड़ा आगे किया.
अब अब्बू छोटी अम्मी के चेहरे से साड़ी हटाते हैं और छोटी अम्मी को चूमते हैं और फिर जल्दी-जल्दी से सारे कपड़े उतार देते हैं और फिर उन्हें बेड पर लेटाकर ऊपर चढ़कर घपाघप करना शुरू कर देते हैं.
ये सब कुछ देखने में मुझे मजा नहीं आ रहा था.
शायद मैंने फोन को काफी दूर पर रख दिया था इसलिए साफ-साफ छोटी अम्मी का कोई भी सामान नहीं दिख रहा था.
छोटी अम्मी अब्बू को धीरे-धीरे करने को कह रही थीं लेकिन अब्बू तो उन पर भूखे शेर की तरह टूट पड़े थे.
अब्बू अपनी गांड आगे-पीछे, आगे-पीछे कर करके चोद रहे थे. मानो कि छोटी अम्मी की चूत को जैसे आज फाड़ ही देंगे.
मेरा फोन इतना दूर होने के बाद भी छोटी अम्मी की आवाज साफ-साफ सुनाई दे रही थी.
छोटी अम्मी जोर-जोर से आ उफ़ उफ़ आह की आवाज़ें निकाल रही थीं
मेरे अब्बू बहुत मोटे हैं उनका वजन करीब 125-130 किलो होगा.
तो वहीं छोटी अम्मी यही 50 -55 किलो की होंगी.
लेकिन अब्बू इस छोटी सी कली को मसले जा रहे थे.
अब अब्बू छोटी अम्मी के बूब्स दबाने लगे और मुंह से छोटी अम्मी के बूब्स चूसने लगे.
अब्बू बूब्स को इतना जोर-जोर से दबा और चूस रहे थे जैसे बूब्स को वे खा ही जाएंगे.
अब्बू ने छोटी अम्मी के बूब्स को दांत से काट लिया जिस पर छोटी अम्मी जोर से चिल्लाई- याल्ला आह मर गई.
छोटी अम्मी- क्या कर रहे हैं … धीरे-धीरे से करिए ना …बहुत दर्द हो रहा है.
अब्बू- चुप साली, तेरे बाप को पैसे तेरा मुंह देखने के लिए नहीं दिया है. तुझसे शादी की है सिर्फ तुझे चोदने के लिए.
इसके बाद अब्बू छोटी अम्मी के बूब्स को और जोर-जोर से दबाने लगते हैं.
छोटी अम्मी- आ आह ओह … अम्मी मर गई … आ उफ्फ उफ आह ओह याल्ला रहम करें मुझे पर … आ आआआ आऊऊ ऊऊऊ ऊफ आ आह!
वे दर्द से सिसक रही थी.
छोटी अम्मी- खुदा के लिए मुझे अब छोड़ दें बहुत दर्द हो रहा है.
अब्बू- नई चूत में पहली बार लौड़ा घुसने पर दर्द होता है फातिमा!
छोटी अम्मी- जी चूत में नहीं जा रहा है. आप का वजन बहुत है मेरे शरीर में दर्द हो रहा है.
अब्बू- रंडी चुपचाप चोदने दे!
इसके बाद अब्बू अपना लौड़ा न्यू वाइफ की छोटी चूत में रगड़ने लगते हैं.
इसके बाद अपने मुंह से थूक लगा कर चूत मे डालकर छोटी अम्मी के ऊपर चढ़कर चोदने लगते हैं.
छोटी अम्मी- आ नहीं आ … उफ उफ उफ … आह ओह उफ़ उफ़!
नए घर में सिर्फ अब्बू और छोटी अम्मी ही थी इसलिए अब्बू छोटी अम्मी को जवानों की तरह चोद रहे थे, दोनों की आवाज़ अब पूरे कमरे में गूंज रही थी.
अब्बू के हांफने की आवाज़ और छोटी अम्मी की आ उफ उफ आह ओह की आवाज़ के साथ-साथ एक आवाज़ और थी जो फच फच फच की थी.
छोटी अम्मी- अब हमें छोड़ दें. मेरा बदन बहुत दर्द कर रहा है.
अब अब्बू दो तीन शॉट लगाने के बाद रुके.
छोटी अम्मी को लगा कि अब अब्बू का हो गया है. जिस पर उन्होंने थोड़ी सांस ली.
लेकिन अब्बू कहा रुकने वाले थे … अब्बू ने छोटी अम्मी की चूत में अपनी उंगली डालकर जोर-जोर से आगे-पीछे आगे-पीछे करके चोदना शुरू कर दिया.
शायद अब्बू का लौड़ा काम नहीं कर रहा था तो अब्बू उंगली से ही काम चला रहे थे.
छोटी अम्मी- आ आह उफ़ … आह आह … ओह ओह मर गई! नहीं नहीं … आआ आआ ईईई … आआआ ईईई ऊयाल्ला मदद आ … उफ आ आ आह ओह ओह माई.
छोटी अम्मी अपना सिर दाएं और बाएं कर रही थीं.
शायद उन्हें बहुत दर्द हो रहा था.
लेकिन अब्बू रुके नहीं, वे उंगली डाले जा रहे थे.
अब अब्बू, छोटी अम्मी को उलटा लेटाकर उनके ऊपर चढ़कर चोदने लगे.
छोटी अम्मी की आवाज और तेज हो गई.
अब्बू ने छोटी अम्मी के मुंह को अपने हाथों से दबा दिया और चोदने लगे.
वे दो-तीन शॉट मारने के बाद रुके और अब छोटी अम्मी को घोड़ी बनाया और घापाघप शुरू कर दिया.
अभी घोड़ी बनाकर शुरू ही किया था कि वे अचानक रुक गए और छोटी अम्मी की गांड को चाटने लगे.
अपनी जीभ से कभी चूत तो कभी गांड को चाटने के बाद फिर उंगली डालकर आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
मैं समझ गया कि अब अब्बू के लौड़े में दम नहीं रहा.
छोटी अम्मी- आआ आआआ उफ आ … ओह ओह … आह आह आआऊऊ ऊऊऊ!
उन्होंने अपना मुंह तकिए से दबा लिया और घोड़ी वाली पोज में गांड को रखा.
अब्बू भी उंगली करते रहे.
थोड़ी देर के बाद अब्बू रुके.
वे इतने पर ही नहीं रुके … उन्होंने छोटी अम्मी को अपना लौड़ा चुसवाया.
एक यही पोज था जिसमें अब्बू के साथ छोटी अम्मी भी मजे ले रही थीं.
छोटी अम्मी तो लौड़ा ऐसे चूस रही थीं जैसे किसी छोटी बच्ची को लॉलीपॉप मिल गया हो. वे उह लच पूच लप लप चप लप कर लौड़ा चूसे जा रही थीं.
अब्बू का लौड़ा बार-बार झड़ कर गिर जाता था.
लेकिन छोटी अम्मी उसे बार-बार खड़ा करके और चूस रही थीं.
दो बार झड़ने के बाद अब्बू ने छोटी अम्मी को रोका और धक्का लगा कर बेड पर गिरा दिया और ऊपर चढ़ गए.
छोटी अम्मी को लगा कि अब्बू फिर चोदेंगे. वे गिड़गिड़ाई- नहीं, अब और नहीं खुदा के वास्ते अब रहने दें.
अब्बू ने इस बार रहम करते हुए छोटी अम्मी के बूब्स को दबाना और चूसना शुरू कर दिया.
वीडियो में दिख रहा था कि अब्बू छोटी अम्मी के बूब्स को बहुत जोर-जोर से दबा रहे थे.
छोटी अम्मी- आ आह ओह … माई उफ उफ … आआआ आई ईऊ उफ आआ आह… याल्ला आह ओह ओह!
कुछ देर के बाद अब छोटी अम्मी की आवाजें धीरे-धीरे कम होने लगीं.
फिर छोटी अम्मी ने अब्बू को अपने से नीचे गिराया.
शायद अब्बू थककर सो गए थे.
छोटी अम्मी ने उठकर एक कपड़े से अपनी चूत को साफ किया.
वे बेड से उतरीं.
लेकिन जैसे ही छोटी अम्मी का वह हिस्सा दिखने वाला था कि वीडियो बंद हो गया.
शायद यहीं पर फोन की बैटरी खत्म हो गई थी.
मेरा सारा मूड खराब हो गया.
मैं छोटी अम्मी का नंगे बदन को देखना चाहता था लेकिन मैं देख नहीं पाया.
लेकिन अब्बू और छोटी अम्मी की चुदाई वाले वीडियो को देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग गया.
चुदाई तो मैंने पहले भी बहुत देखी थी.
आपको बता दूं कि जब मैंने पहली बार सेक्स किया था तो करते हुए अम्मी ने मुझे देख लिया था.
फिर क्या था … मेरी पिटाई भी बहुत हुई थी.
उस पिटाई के बाद मैंने फिर कभी चुदाई के बारे में नहीं सोचा.
लेकिन आज मेरा लौड़ा सिर्फ चूत के बारे में ही सोच रहा है और यही सोच रहा था कि किसको चोदूं.
छोटी अम्मी को सोचते-सोचते मैं कब सो गया, पता ही नहीं चला.
आंख खुली तो कोई दरवाजा खटखटा रहा था.
मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि मेरी भाभी थीं.
शाहिद भाई जान की बीवी … वही मेरा शाहिद भाई जिसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है.
उनकी बीवी शहनाज.
भाभी घर को साफ करने आई थीं.
मैं वापस बैड पर आकर बैठ गया और भाभी घर साफ करने लगीं.
न जाने क्यों आज भाभी को देखकर मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा.
जबकि आज से पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था.
मेरे भाईजान की शादी के 3 साल हो गए थे.
लेकिन आज भाभी के बदन को देखकर मेरी आंखें एक-एक इंच नाप रही थीं.
भाभी के बड़े-बड़े मम्मे दिख रहे थे जब वे झुक कर घर साफ़ कर रही थीं.
मैंने भी सोच लिया कि इस शहनाज का नाजायज पति तो बन कर ही रहूंगा.
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