Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Farrukhabad: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Farrukhabad who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Farrukhabad that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Farrukhabad massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Farrukhabad who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Farrukhabad massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Farrukhabad massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Farrukhabad who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Farrukhabad employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Farrukhabad helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Farrukhabad

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Farrukhabad at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

हैलो डियर रीडर्स । मै सूरज २६ साल का लड़का भोपाल में Antarvasna रहता हूँ। मैं एम कोम फ़ाइनल इयर का स्टुडेंट हूं। अभी भी मैं अपने चाचा के यहां रह रहा हूं। मेरे चाचा मुझसे सिर्फ़ ९ साल बड़े हैं और उनकी शादी ४.५ साल पहले हुई थी। मेरी चाची बहुत खूबसूरत है ५.४ लम्बा कद खूबसूरत होंठ जूस से भरे हुए हिरनी जैसी आंखें पतली सी कमर और बड़े गोल मटोल बूब्स हैवी हिप शी लुक लाइक ए ब्युटी क्वीन। उसके बूब्स का साइज़ है ३८ /२७ /३६ ।

एक दिन मेरे चाचा घर वापस आये तो काफ़ी परेशान थे हमने (मैं और चाची) उनसे पूछा तो कहने लगे कि मुझे करोबार में बहुत नुकसान हुआ है और कुछ भी बाकी नहीं बचा फिर चाचा ने अपना सब कुछ बेंच दिया और बचने वाले रुपयों से मुम्बई चले गये और मेरे घर वालों से कहा कि सूरज को इधर ही चाची के पास रहने दें तो मैं चाची के साथ रहने लगा।

मैं रोज़ कोलेज़ जाता और वापस घर आता तो चाची मुझे खाना देती और फिर मैं खाना खा कर सो जाता और फिर शाम को उठ कर स्टडी के लिये चला जाता और फिर रात को वापस आता। एक दिन की बात है मैं कोलेज़ गया तो कोलेज़ बंद था क्योंकि कोलेज़ में झगड़ा हो गया था जिसकी वजह से कोलेज़ में स्ट्राइक थी तो मैं वापस घर आ गया मैं अपने कमरे मैं अपनी चीज़ें रख कर चाची के रूम की तरफ़ आया कि चाची को बता दूं कि मैं कोलेज़ से आ गया हूं अभी मैं कमरे के दरवाज़े पर पहुंचा ही था कि मैंने चाची को देख लिया वो अपने कपड़े बदल रही थी। मैं वापस होने लगा तो मेरा दिल चाहा कि मैं चाची को देखता ही रहूं तो मैं वापस आ कर दरवाज़े की ओट से चाची को देखने लगा चाची ने पहले अपना सूट उतारा फिर ब्रा भी उतार दी और शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को देखने लगी

उफ़ कितना खूबसूरत बदन है चाची का क्या खूबसूरत बूब्स हैं और क्या पतली कमर है, मैं देखता ही रह गया और मेरा लंड खड़ा हो गया इससे पहले मैंने कभी इस बारे में नहीं सोचा था मगर आज अचानक ही मेरे दिल में ख्वाहिश जागी क्यों न मैं चाची की चूत का मज़ा लूं। सामने चाची नंगी खड़ी थी और मैं उसको देख रहा था और मैं उसको देखता ही रहा काफ़ी देर तक कभी चाची खुद को आगे से देखती कभी साइड से शायद वो अपनी फ़िटनेस देख रही थी फिर चाची अपने बूब्स को मसलने लगी और मैं अपने लंड को मसलने लगा। फिर वापस अपने कमरे में आ गया और कुछ देर के बाद मैं दोबारा चाची के कमरे में गया और उसको बताया के मेरा कोलेज़ बंद है इसलिये मैं वापस आ गया हूं। मैंने महसूस किया कि चाची की नज़रें आज कुछ बदली हुई हैं और आज उसने मुझे अजीब सी नज़रों से देखा। फिर कहने लगी कि अच्छा ठीक है।

रात को खाना खने के बाद मैं टीवी देखने लगा और फिर रात को काफ़ी देर तक टीवी देखता रहा और चाची के बारे में सोचता रहा चाची का जिस्म मेरी नज़रों में घूम रहा था फिर मैं सो गया अचानक रात को मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे कमरे में आया है मैंने उठ कर बेड लैम्प जलाया तो देखा कि चाची है तो मैंने उससे पूछा क्या बात है तो वो कहने लगी कि मुझे अकेले में डर लग रहा है मैं तुम्हारे पास सो जाऊं तो मैंने कहा कि हां आप इधर बेड पर सो जाओ मैं सोफ़े पर सो जाता हूं और मैं बेड से उठ कर खड़ा हो गया तो वो कहने लगी कोई बात नहीं तुम भी इधर ही बेड पर सो जाओ क्योंकि यह डबल बेड है और हम दोनो ही इस पर सो सकते हैं। तो मैं बेड की दोसरी साइड पर आ कर लेट गया अब मेरी नींद उड़ गई थी और मैं सोच रहा था कि कब चाची गहरी नींद सो जाये और मैं चाची के जिस्म को सही तरह देख सकूं।

काफ़ी देर मैंने इन्तज़ार किया, १ घंटे बाद मैंने चाची के जिस्म पर हाथ लगाया तो वो गहरी नींद में थी उसको कुछ पता नहीं लगा तो मैंने हाथ को फेरना चालू केर दिया आहिस्ता आहिस्ता मैंने हाथ को चाची के बूब्स की ब्रा खोल दिये और फिर मैंने चाची का एक बूब हाथ में ले लिया वो इतना बड़ा था कि मेरे हाथ में नहीं आया फिर मैंने आहिस्ता से चाची की कमीज़ के बटन को खोला और अब चाची के बूब्स साफ़ नज़र आ रहे थे उसने इस वक्त ब्रा नहीं पहना हुआ था। मैंने उसके मम्मे को हाथ लगाया तो वो टाइट हो गया। फिर मैं आहिस्ता से उस पर अपने होंठ रख दिये मैंने उसकी चूचियों को मुंह में ले कर आहिस्ता आहिस्ता चूसने लगा फिर मेरे दिल में आया कि मैं चाची के रस भरे होंठों पर किस करूं जब मैंने होंठों पर किस करने के लिये मुंह उठाया तो मुझे लगा कि जैसे मैं बर्फ़ का हो गया हूं क्योंकि चाची की आंखें खुली थी।

मैं चाची को जगता देख कर इस तरह हो गया जैसे मुझे सांप सूंघ गया हो और मेरे हाथों के तोते तो क्या चिड़िया कौव्वे तक भी उड़ गये हों। चाची ने मुझ को कहा यह क्या कर रहे हो? तो मैंने शरम से सर झुका लिया तो चाची ने मेरी थोड़ी से पकड़ कर मेरा चेहरा अपने चेहरे के सामने किया और कहने लगी जब तुम छुप छुप कर मुझे देख रहे थे तो तब भी मैंने तुम्हें देख लिया था यह तुम क्या कर रहे हो मैं तुम्हारे चाचा को बता दूंगी तो मैं बहुत डर गया और चाची से कहा कि आप चाचा को न बताना प्लीज़ मैं दोबारा ऐसी हरकत नहीं करूंगा। तो वो कहने लगी एक शर्त पर तुम्हारे चाचा को नहीं बताऊंगी तो मैंने कहा कि क्या शर्त है मुझे आपकी हर शर्त मंज़ूर है

तो चाची कहने लगी कि जो तुम कर रहे थे दोबारा करो, मैंने कहा के नहीं यह बात ठीक नहीं है चाची (वैसे मैं दिल में बहुत खुश हो रहा था) तो चाची ने कहा कि ठीक है मैं चाचा को बता दूंगी और तुमने कहा था कि तुम्हें मेरी हर शर्त मंज़ूर है तो मैंने चाची से कहा कि ठीक है और चाची को बाहों में ले लिया और उसके रस भरे होंठों को चूसने लगा तो चाची ने मुझे कहा कि तुम्हें तो किस करनी भी नहीं आती फिर चाची ने मुझे किस किया तो मेरे पूरे जिस्म में करेंट दौड़ गया और मैं ने चाची को ज़ोर से दबाया फिर चाची ने मुझे कहा कि मेरे कपड़े उतारो।

जब मैंने चाची की कमीज़ उतारी तो चाची के मम्मे पकड़ लिये और उनको मसलने लगा चाची को भी मज़ा आने लगा तो वो कहने लगी आआहह्ह ज़ोर से चूस ले आज मेरे मम्मों को और बुझा दे मेरी प्यास फिर चाची ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिये और मेरी छाती पर किस करने लगी। मुझे भी मज़ा आने लगा फिर चाची ने मेरा ट्राउज़र भी उतार दिया और मेरे जिस्म पर हाथ फेरने लगी और फिर उसने मेरा लंड को पकड़ लिया और उसे मसलने लगी आआहह्ह कितना बड़ा है तेरा लंड गुड्डो यह तो बहुत बड़ा है रे अब मैं भी काफ़ी इज़ी महसूस कर रहा था क्योंकि अब बात खुल गई थी फिर मैं चाची के पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लग गया। उसके मम्मों पर उसकी चूत पर उसकी गांड पर। मैंने एक उंगली डाली तो वो चीख उठी ओय उल्लू के पट्ठे क्या कर रहा है?

फिर मैंने चाची को कहा कि मुझे गाइड करो तो उसने मुझे कहा कि मैं उसकी टांगों के दरमियान आ जाऊं और उसकी टांगों को उठा कर कंधों पर रख लूं तो मैंने यह ही किया फिर उसने कहा कि अब अपने लंड को मेरी चूत में डालो फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो उसने नीचे से एक ज़ोरदार झटका लगाया और मेरा पूरे का पूरा लंड उसने अपनी चूत में ले लिया और फिर कहा कि अब मैं अपने लंड को उसकी चूत में अंदर डालूं और बाहर करूं तो मैं लंड को इन और आउट करने लगा। काफ़ी देर में चाची को इसी तरह चोदा फिर चाची ने मुझे कहा कि मैं थक गई हूं अब दूसरी तरह करो और फिर चाची ने डोगी स्टायल बना लिया और मैं चाची को डोगी स्टायल में चोदने लगा और चोदते चोदते मैंने चाची की चूत से लंड बाहर निकाल लिया और उसको चाची की गांड में डाल दिया।

जब मैंने गांड में डाला तो चाची चिल्लाने लगी अबे बहनचोद निकाल मेरी गांड से मुझे बहुत दर्द हो रहा है, अबे गांड से निकाल और उसको फुद्दी में डाल मैंने कहा कि आज गांड चोदने का मज़ा भी ले लो तो वो कहने लगी कि मेरी गांड तो कभी तेरे चाचा ने भी नहीं ली तो मैंने कहा कि मुझे तो तुम्हारी गांड लेनी है तो वो कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा क्या तुम आराम से नहीं कर सकते आआअहह्हह आराम से करो वर्ना मेरी गांड फट जायेगी हरामी, आराम से अबे मादर चोद कोई तेरी गांड में अपना लंड डाले तो तुझे पता चले कि कैसे दर्द होती है ओय तुझे मैं कह रही हूं आराम फिर उसने मुझसे अपना छुड़ा लिया और मेरा लंड उसकी गांड से बाहर निकल गया और वो बैठ कर अपनी गांड को दबाने लगी फिर मुझे कहने लगी तुम तो बिल्कुल ही वहशी हो। तुम्हें किसी के दर्द का कुछ ख्याल ही नहीं है। मुझा इतना दर्द उस वक्त नहीं हुआ जब मैं पहली बार चुदी थी जितना दर्द मुझे आज हुआ है

फिर कुछ देर बाद मैंने दोबारा चाची को चोदने लगा और फिर सारी रात हमने मज़े लिये और मैंने चाची को हर तरह से चोदा कभी डोगी स्टायल में तो कभी घोड़ी बना कर कभी सीधा लिटा कर तो कभी उसको अपने लंड पर बिठा कर, हर तरह से मैंने उसको चोदा। मैंने और चाची ने खूब चुदाई की और करवाई और अब हम रोज़ ही मज़े करते हैं लेकिन अब मुझे चाची को चोद कर पहले जैसा मज़ा नहीं आता क्यों अब उसकी चूत खुली हो गई है और जो मज़ा तंग चूत में है वो खुली चूत में कहां आप का क्या ख्याल है दोस्तों आप अपनी राय मुझे जरुर बतायें Antarvasna

Antarvasna

आज स्कूल में Antarvasna अचानक जल्दी छुट्टी हो गई तो मैं घर आ गया। जैसे ही दरवाजे के पास पहुँचा कि मैंने सुना:
आई … ई … मान जाओ न … यह दीदी की आवाज थी।

मैं चौंक पड़ा … मैंने दरवाजा खटखटाने का इरादा त्याग दिया और दबे पाँव दरवाजे तक पहुँच गया और सुनने लगा।

अन्दर दीदी और किसी मर्द की आवाज आ रही थी- उचक क्यों रही है … कोई पहली बार दबा रहा हूँ क्या … पुच्च पुच्च पुच्च!
“इतना जोर से क्यों दबाते हो? मुझे दर्द नहीं होता क्या?”

“इतने समय के बाद मिलेगी तो सब्र कैसे होगा!”
“आप ही तो एक साल के बाद आये हो!”

“आह्ह्ह … मेरी जान् … याद है … पिछली बार कैसे छत पर तेरी चूत चोदी थी! पुच्च पुच्च!”
“सब याद है … कुछ बिछाया भी नहीं था … पूरी छिल गई थी पीछे से!”

“सच … पुच्च् पुच्च … पर बहुत मजा आया था! सच पूछे तो तुझे चोदने बाद तेरी बहन को चोदने में बिल्कुल भी मजा नहीं आता! तुझे भी तो मजा आता है न?”
“हाँ … पर थोड़ा धीरे दबाओ … आईइ … लगती है!”

“चुदते समय तो नहीं होता दर्द तुझे?”
“उस समय तो मैं दूसरी दुनिया में होती हूँ!”

फ़िर कुछ देर शान्ति रही.

“चल अब बैडरूम में चलें!”
“अभी नहीं … भाई आने वाला होगा.”
“अभी तो दो ही बजे हैं … वो तो चार बजे आयेगा.”
“जल्दी भी आ सकता है … रात को सबके सोने के बाद आऊंगी.”
“ज्यादा नखरे मत कर!”

“मान जाओ … पूरी रात चोदना फिर!”
“तो एक जल्दी वाला राउंड कर लेते हैं … लंड भरा हुआ है … आह्ह आह्ह!”
“बीच में मत छोड़ देना मुझे!”

“आज तक छोड़ा है क्या … बहन की लौड़ी … हमेशा तेरी चूत खाली करके झड़ा है.”

फ़िर उनके जाने की आवाज आई तो मैं दौड़कर घर के पीछे पहुँच गया जहाँ की खिड़की से बैडरूम के अन्दर सब दिखता था।
दोनों एक दूसरे की कमर में हाथ डाले कमरे में आये।

ओह … ये तो समीर जीजाजी हैं … मामा की बेटी के पति … तो दीदी इनसे भी?
हे भगवान … इस लड़की ने कोई लंड छोड़ा भी है क्या!

और आते ही जीजाजी ने उसे बाँहों में भींच लिया और फ़िर उनके होठ चिपक गये।
वे हाथों से उसकी चूची, कमर व गांड को जोर जोर से भींच रहे थे।

वह बिलबिला रही थी- आह्ह्ह … ऐसे क्यों अकुला रहे हो … मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या?
दीदी हाँफ़ते हुए बोली।

और फ़िर जब जीजाजी ने उसे नंगी करना शुरू किया तो दीदी बोली- पूरे कपड़े नहीं … अभी तो ऐसे ही चोद लो … रात में चाहे जैसे चोदना!
“ज्यादा नखरे मत कर बहनचोद … अभी काफ़ी वक्त है!”

और फ़िर आनन फ़ानन दोनों नंगे हुए और कस कर फ़िर लिपट गये।

लिपटे लिपटे जीजू ने उसे पलंग पर पटक लिया और उसके ऊपर आ गये!
फ़िर रगड़ना शुरू कर दिया।

मेरी बहन भी बराबर सहयोग कर रही थी।
सात इंच का लंड चूत की गहराई नापने के लिये बेताब था तो चूत भी उसका घमंड तोड़ने के लिये आतुर थी।

“कैसे चुदवायेगी मेरी जान?”
“शुरूआत तो सीधे ही करो!”

और दीदी ने टांगें फ़ैला दी.
तो जीजू ने लंड चूत पर टिका दिया और फ़िर होठों पर होंठ जमाकर चूसना शुरू किया तो सीमा ने भी हाथ से लंड को पकड़ कर चूत पर सैट किया और चूतड़ उचकाए.

चूत ने लंड को अपने भीतर समा लिया.

फिर सीमा ने अपनी टांगों में जीजू को लपेट लिया … लंड जड़ तक समा गया।

थोड़ी देर प्यार करने के बाद जीजू ने पोजीशन ली और दनादन ठोकना शुरू कर दिया।

वह आह्ह्ह आह्ह्ह करती रही और चूत ठुकती रही.

बीच बीच में जीजू उसे चूम भी रहे थे।

दीदी भी अब गर्म हो चुकी थी।

फ़िर वे अलग हुए और उन्होंने दीदी को हाथ पकड़ कर खड़ा किया और पलंग की ओर मुँह करके झुका दिया।

दीदी ने हाथ पलंग पर जमा दिये।
उसकी चूत मेरी तरफ़ थी।

जीजाजी उसकी पैंटी से पहले चूत पौंछी और फ़िर अपने सात इंच के लंड को पीछे से चूत पर टिकाया और एक जोरदार धक्का दिया।
दीदी बिस्तर पर गिर गई.

“थोड़ा आराम से डालो ना जीजू राजा!”

उन्होंने उसे फ़िर उठाया और इस बार थोड़ा आराम से लंड चूत में घुसेड़ा और फ़िर चोदने लगे।

वह भी चूतड़ हिला हिला कर धक्के मार रही थी- आह्ह मेरे प्यारे जीजू … और जोर से!

“ले मेरी जान! तेरी मस्त चूत को फ़ाड डालूँगा आज!”

और इस तरह उसने पहले उसकी चूत पीछे से खूब ठोकी और फ़िर उसे सीधे लिटा कर खूब पटक पटक के चोदा।

काफ़ी देर बाद वे झड़े और फ़िर लंड डाले ही उसके ऊपर लेट गये।

मैं वापस लौट गया और फ़िर काफ़ी देर बाद आया। Antarvasna

प्रेषक – राजेश सिंह Antarvasna

मेरा नाम राजेश है। सबसे Antarvasna पहले मैं सभी लंडों और प्यारी चूतों को सलाम कहता हूँ।

यह बात तब की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। मेरी कक्षा की एक लड़की जिसका नाम किरण था, दिखने में बहुत सुन्दर थी। उसे देखकर किसी भी लड़के का लण्ड खड़ा हो सकता था।

हम दोनों में अच्छी दोस्ती थी। हम लोग कक्षा में आगे-पीछे ही बैठते थे। हम दोनों एक-दूसरे को खूब चिढ़ाते थे। मैंने कभी भी उसे उस नज़र से नहीं देखा था, पर एक दिन ऐसा कुछ हुआ कि…

हुआ यह कि उसकी तबीयत ख़राब हो गई थी। डॉक्टर ने उसे २ हफ्ते तक आराम करने की सलाह दी थी। इसी कारण उसका स्कूल का काम छूट गया था। लगभग २ हफ्तों के बाद जब वह स्कूल आई तो उसने मुझसे कहा कि मेरा काम अधूरा है और उसे मेरी मदद चाहिए, क्योंकि मैं अपनी कक्षा का सर्वश्रेष्ठ पढ़ाकू भी था, साथ ही उसका घर मेरे घर के समीप भी था। मैंने भी उससे कह दिया कि आज स्कूल के बाद साथ में ही चलेंगे मेरे घर, वहीं तुम काम कर लेना।

छुट्टी के बाद हम दोनों घर जा रहे थे। चूँकि वह जुलाई का महीना था, अचानक बारिश शुरु हो गई। उसके सारे कपड़े गीले हो गए, जिससे उसकी चूचियाँ साफ दिख रहीं थीं।

ज़्यादा भीग जाने के कारण मैंने उससे कहा- जाओ अपने घर जाकर कपड़े बदल लो।

पर उसने कहा- मेरे घर पर आज कोई नहीं होगा और ताला लगा होगा।

मैंने कहा, ठीक है, चलो फिर मेरे घर।

मैं पहले बता दूँ कि मैं लगभग रात के ८ बजे तक अकेले रहता हूँ, क्योंकि मेरे मम्मी, पापा और दीदी तीनों ही नौकरी पर चले जाते हैं।

घर पहुँच मैंने उसे अपनी बहन के कपड़े दे दिए। चूँकि दोनों लगभग बराबर ही थीं उसे मेरी बहन के कपड़े ठीक-ठाक आ गए। उसने मुझसे कहा कि अपना मोबाईल दे दो, मैं अपनी मम्मी को बता दूँ कि मैं तुम्हारे घर पर हूँ। मैंने उसे मोबाईल दे दिया और ख़ुद कपड़े बदलने चला गया।

मैं जब १५ मिनटों के बाद आया तो मैंने देखा कि वह मेरे मोबाईल में ब्लू-फिल्म की क्लिप देख रही है। मैं डर गया कि कहीं वह गुस्सा ना हो जाए।

मुझे देखकर उसने जल्दी से वीडियो बन्द कर दी। मैंने उससे पूछा कि क्या देख रही थी, तो वह शरमा गई।

मैंने हिम्मत से काम लेते हुए उससे कहा- इसमें शरम की क्या बात। ब्लू-फिल्म देखकने में कोई बुराई नहीं।

मैं उससे पूछा – “मज़ा आया?”

तो उसने धीरे से हाँ कहा।

मैंने कहा- चलो साथ में देखते हैं। मोबाईल पे तो छोटी है, चलो कम्प्यूटर पर दिखाता हूँ।

मैंने कम्प्यूटर चालू करके उसपर एक ब्लू-फिल्म चालू कर दी। हम लोग साथ में लेट कर ब्लू-फिल्म देखने लगे।

वह गरम होने लगी। उसकी चूचियाँ एकदम कड़ी हो गईं थीं, मैं ग़ौर कर रहा था। मैंने धीरे से उसके पैरों पर हाथ रख दिया और वह कुछ ना बोली।

यह देख मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसकी चूचियाँ दबा दीं, और उसके होठों पर चुम्बन ले लिया। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी, वह उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। इधर साथ में मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था। मेरा लण्ड उसकी चूत पर टकरा कर एक रॉड की तरह कड़क हो गया था और जीन्स फाड़ कर बाहर आना चाह रहा था।

मैंने उसकी टॉप उतार दी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी, उसकी छोटी-छोटी चूचियाँ देखकर मैं पागल हो गया। मैं उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगा। उसके मुँह से सिसकियाँ निकल रहीं थीं। मैंने अपना हाथ जब उसकी स्कर्ट में डाला तो जाना कि उसकी पैन्टी पूरी गीली थी। वह शायद झड़ चुकी थी। मैंने उसकी स्कर्ट और पैन्टी उतार दी और उसकी चूत चाटने लगा। उसकी चूत एकदम गुलाबी और बिना बालों की थी।

उसे बहुत मज़ा आ रहा था, वह कहे जा रही थी, “और ज़ोर से चूस… और ज़ोर से…”

मैंने चूसना बन्द कर दिया। वह गिड़गिड़ाने लगी कि प्लीज़ चूसो…

मैंने कहा कि उसके लिए तुम्हे मेरा लंड चूसना पड़ेगा तो उसने हमी भर दी। मैंने उससे कहा कि मेरा लण्ड निकाल लो। उसने मेरी जीन्स और अण्डरवियार निकाल दी और मेरे लण्ड को चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। हम 69 की मुद्रा में आ गए।

जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ, तो मैंने उसके मुँह को चोदना शुरु कर दिया। इतने में वह झड़ गई। मैं भी झड़ गया, उसका पूरा मुँह मेरे जूस से भर गया।

थोड़ी देरे में मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया। मैंने उसे लिटा दिया और उसके पैर फैला दिए। मेरा लण्ड हल्का सा ही घुसा था कि वह चिल्लाने लगी कि छोड़ दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और वह रोने लगी। पर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा।

कुछ देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा था और वह कह रही थी – “फक मी राजेश… फक मी… फक मी हार्डर…”

थोड़ी देर में हम दोनों साथ में झड़ गए।

मैंने उसेक बाद उसे खूब चूमा, और फिर से उसकी चूत मारी।

मैंने उसकी गाँड भी मारी

अपनी टिप्पणियाँ मुझे जरूर लिखें Antarvasna

Antarvasna

हाय दोस्तो.. मैं सोहन.. अहमदनगर, महाराष्ट्र से Antarvasna हूँ. आज मैं आपको एक वास्तविक सेक्स बताने जा रहा हूँ.

आज से लगभग 2 वर्ष पहले जब मेरी उम्र लगभग 22 वर्ष की थी.

तब एक दिन मेरे घर मेरे मामा और मामी आए. वो पुणे में रहते थे लेकिन कुछ कारणों से उन्होनें अपना शहर छोड़ दिया और वो हमारे घर आ गए. मेरी माँ के दूर के रिश्ते में वह भाई लगते थे.

मेरी माँ ने उन्हें यहाँ रहने के लिए कह दिया. मेरी मामी गोरी-चिट्टी … बलखाती कमर और भरे हुए बदन की थीं. जब मैंने उन्हें पहली बार देखा तो देखता ही रह गया और उन्हें कैसे चोदूँ यह सोचने लगा.

मेरे मामा को काम की तलाश थी … तो मेरी माँ ने मुझसे कहा- तुम मामा के लिए कोई नौकरी की तलाश करो.
मैंने मामा के लिए एक अच्छी नौकरी की तलाश कर ली.. और मामा नौकरी पर जाने लगे.

इधर मामी घर में रहती थीं और मैं भी घर में अकेला रहता था. उसी बीच हम दोनों लोग बहुत घुल-मिल गए, मैं मामी से मजाक भी कर लेता था.

एक दिन वह घर में कपड़े धो रही थीं.. अचानक मेरी नजर उनके मम्मों पर पड़ गई. गोरे-गोरे मम्मों को देखकर मैं उत्तेजित होने लगा.

तभी मामी की नजर मुझ पर गई.. लेकिन मुझे पता नहीं चला और उन्होंने कुछ नहीं कहा.. वो बराबर अपना काम करती रहीं लेकिन शायद उन्होंने मेरा इरादा भांप लिया था.
इधर मेरी उनसे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी. मैं मन ही मन में उन्हें चाहने लगा था और रात को ख्वाबों में उन्हीं को चोदने लगा.

तभी एक दिन मामी ने कहा- तुम मेरी भी नौकरी कहीं लगवा दो.
तो मैंने कुछ दिनों में उनकी भी नौकरी एक स्कूल में टीचर की जगह लगवा दी.

दूसरे दिन से मामी भी स्कूल जाने लगीं लेकिन अब मैं घर में अकेला रहता था, मुझे मामी की कमी महसूस होती थी.
मैं कुछ कर नहीं पा रहा था और चुप-चुप रहने लगा, मामी शायद यह समझ रही थीं.

एक दिन बिजली नहीं आ रही थी और हम सब लोग ऊपर छत पर आ गए तभी मामी भी आ गईं.
मैं उन्हें देखकर दूसरी छत पर चला गया जहाँ पर कोई नहीं था.
मामी भी वहीं पर आ गईं.

मामी ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा- मैं तुमसे एक बात कहना चाहती हूँ.
मैंने कहा- क्या?
वो बोलीं- मैं तुमसे दोस्ती करना चाहती हूँ.

यह सुनकर मैं एकदम से चौंक गया और उनकी तरफ देखने लगा. मैंने उनसे पूछा- सिर्फ दोस्ती या और कुछ?
वह शरमा गईं और बोलीं- सच तो यह है कि मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ..
तो मैंने पूछा- इस प्यार की सीमा क्या होगी?
वह बोलीं- तुम्हें वो सारे अधिकार होंगे जो तुम्हारे मामा के हैं.. लेकिन सिर्फ एक अधिकार नहीं होगा.

मैंने पूछा- कौन सा?
तो वो बोलीं- तुम सब जानते हो.
इस पर मैंने कहा- वही तो मेन अधिकार है.
वह शरमा कर चली गईं.

अब हम दोनों एक-दूसरे को किस कर लेते थे.. कभी छिप कर एक-दूसरे के अंगों को छू लेते थे.

मैं भी उनके मम्मों पर हाथ से सहला लेता था.. लेकिन उन्हें चोदने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था और कुछ चोदने का समय भी नहीं मिल रहा था.

उनकी जांघ पर भी मैं हाथ से सहला देता था. कई बार मैंने उनको नहाते हुए भी पूरा नंगा देख लिया था और उन्हें भी पता था कि ये मुझे देख रहा है.. लेकिन फिर भी उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई … बस मुस्करा कर शरमा जाती थीं. जैसे एक पत्नी अपने पति से शरमा कर नशीली निगाहों से मना करती है.. वैसे ही वह मुझसे करती थीं.

एक दिन मेरे घर में सभी लोग कुछ दिन के लिए बाहर गए हुए थे.. लेकिन मैं नहीं गया था. मम्मी ने भी ज्यादा फोर्स नहीं किया.. क्योंकि वह जानती थीं कि घर में मामी हैं.. खाने-पीने की कोई परेशानी नहीं होगी, वह मुझे अकेले छोड़ने के लिए तैयार हो गईं, मामा और मामी से उन्होंने कह दिया- राज का ख्याल रखना.

दो दिन गुजर गए.. कोई मौका नहीं मिला.
एक दिन मामा ने बताया- उनकी चार दिन रात को ड्यूटी लगेगी..
तो मैं मन ही मन में खुश हुआ कि अब तो मैं मामी को चोद कर ही रहूँगा.

उस दिन मामा रात को 9.00 बजे चले गए और उन्होंने मामी से कहा- तुम रात को जिम्मेदारी से सारे ताले आदि लगाकर सोना.
मामी ने रात को सारे ताले आदि लगा दिए.
मैं अपने कमरे में जाकर सोने का नाटक करने लगा.

घर के सारे काम खत्म करके मामी 11.00 बजे मेरे कमरे में आईं और बोलीं- सो गए हो क्या?
मैंने कहा- नहीं..
वो मेरे पास आकर बैठ गईं.. मैंने मामी से कहा- क्या आपको नींद नहीं आ रही है?
तो उन्होंने कहा- अभी नहीं आ रही है..

वे मेरे सिर पर प्यार से हाथ फेरने लगीं. उन्होंने प्यार से मुझे देखा.. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उन्हें पकड़ कर बिस्तर पर लिटा लिया और अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए.
करीब आधा घण्टे तक हम एक-दूसरे को प्यार करते रहे, इसी बीच मामी भी बहुत उत्तेजित हो गई थीं.

मैंने मामी से कहा- मैं तुम्हारी जांघों को चूमना चाहता हूँ..
वो राजी हो गईं.. मैंने उनकी साड़ी उनकी जाँघों से ऊपर कर उनकी जाँघें बहुत गोरी और चिकनी थीं.
जांघों को चूमते-चूमते मैं और ऊपर की ओर आने लगा.. तो बोलीं- सोहन क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं.. अपनी इच्छा को पूरा कर रहा हूँ.

और मैंने एकदम से अपने होंठ उनकी चूत पर रख दिए और अपनी जीभ से उनकी चूत को सहलाने लगा.. उन्हें एकदम ऐसा झटका लगा जैसे किसी ने ठहरे हुए पानी में कंकड़ मार दिया हो.
मामी कराहने लगीं- ओह.. राज ये तुम क्या कर रहे हो!?

मैं दूसरे हाथ से उनके मम्मों सहलाने लगा.

मामी को इतना मजा शायद कभी भी नहीं आया होगा. उन्होंने दोनों टाँगें चौड़ी कर दीं और मैं उनकी चूत को अपनी जीभ से सहलाने लगा.
उनकी चूत गोरी और लाल थी.. यह बहुत ही नरम थी और उसमें से गरम-गरम भाप निकल रही थी.

वे अपने दोनों हाथों से मेरे सर के बालों को ऊँगलियों से सहला रही थीं और कह रही थीं- सोहन मैं पागल हो जाऊँगी.. बहुत मजा आ रहा है..
मैं भी उनके चूत के दाने को अपनी जीभ से सहला रहा था.. मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद वह बोलीं- खुद ही सब कुछ करोगे.. कि मुझे भी कुछ करने दोगे..

यह कहकर वे मुझे खींचने लगीं.. मैं अभी अपना पैंट उतार ही रहा था.. कि तभी एकदम से उन्होंने मेरा कच्छा उतार दिया और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं और बोलीं- तुम्हारा लण्ड तो काफी बड़ा है..

अब मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. उन्होंने मुझे बिस्तर पर बिल्कुल नंगा लिटा दिया और वो मेरी पास बैठकर मेरे लण्ड को चूस रही थीं.. साथ ही मेरे लण्ड की गोटियों से खेल रही थीं.
मैं उनकी चूत में उंगली डालकर आगे-पीछे कर रहा था, इस प्रकार उन्हें भी मजा आ रहा था.

उनकी गोरी-गोरी जांघें जिन पर एक भी बाल नहीं था.. उन्हें देखकर ही मैं इतना उत्तेजित हो चुका था कि मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
उधर मामी भी अब ये चाहती थीं कि मेरा लण्ड उनकी चूत में घुस जाए और मैं उन्हें चोदूँ.
कुछ देर बाद वह बोलीं- अब मुझसे रहा नहीं जा रहा सोहन.. जल्दी करो.. मैं चुदने को बेकरार हूँ.

मैंने भी मामी को लिटाया और उनकी चूत में अपना लण्ड डालने लगा.. पहले तो वह अन्दर ही नहीं जा रहा था.. फिर मैंने एक जोर से धक्का मारा.. और वह जैसे ही अन्दर घुसा.. मामी की एकदम चीख निकल गई.

वो कराह कर बोलीं- धीरे-धीरे करो न..

मैं धीरे-धीरे करने लगा और मामी के गोरे-गोरे मम्मों को अपने मुँह में लेकर जीभ से सहलाने लगा. मामी मेरी बाँहों में सिमटी जा रही थीं और मेरे शरीर पर प्यार से हाथ सहला रही थीं.

वे कह रही थीं- ओह सोहन बहुत मजा आ रहा है.. ऐसे ही करो..
धकापेल चुदाई चल रही थी और पता नहीं कब धक्के लगाने की स्पीड बढ़ गई.
अब मेरे मुँह से भी आवाज निकल रही थी- ओह मामी.. पूरा अन्दर लो न..

और उधर मामी सिसकार कर बोल रही थीं- आह.. पूरा डाल दो.. मेरी चूत को फाड़ दो.. आह जल्दी करो..

कुछ देर बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने कहा- मामी मैं झड़ने वाला हूँ..
तो उन्होंने कहा- लण्ड निकाल कर मेरे मुँह में डाल दो..

मैंने लण्ड निकाल कर उनके मुँह में डाल दिया. वो लण्ड को चूसने लगीं और मेरा पानी भी मुँह में ले लिया.

उस रात मैंने मामी को तीन बार चोदा और हम दोनों पूरी रात नंगे ही लेटे रहे. कभी वो मेरे लण्ड से खेलतीं.. तो कभी मैं उनकी चूत और मम्मों से मजा लेता.

उसके बाद मैं रोजाना मामी को चोदता रहा.. करीब दो वर्ष तक मामी मेरे ही पास रहीं, ऐसा लगता था कि हम दोनों पति-पत्नी हैं.

लेकिन दोस्तो, आज मामी मेरे पास नहीं रहती हैं.. वह अब ग्वालियर रहती हैं..
लेकिन उन पलों को मैं आज तक नहीं भूला.. जो खूबसूरत पल उन्होंने मेरे साथ बिताए, उन पलों को याद करके मैं आज भी उन्हें याद कर लेता हूँ. Antarvasna

आपको मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी. मुझे ई-मेल जरूर करें.

(Abbu Aur Bhai- Part 1) Antarvasna

हेल्लो Antarvasna के पाठकगण!
कैसे हैं आप सब! इस बार रमज़ान की वजह से मैं नेट पर रेगुलर नहीं आ पा रही हूं। खैर! अब वक्त मिला है

तो आप सबकी खिदमत में एक नई कहानी अर्ज है और आप सबके बहुत सारे मेल मिले।
शुक्रिया मेरी कहानिया पसन्द करने का।

हां तो आज मैं आप सबको बता रही हूं कि अम्मी कहीं बाहर गई हुई थी और जैसा कि आप सबको पता ही है मेरे अब्बू और भैया मुझे कई बार चोद चुके हैं और दो चार बार तो साथ में भी चोदा है उन दोनों ने।

खैर करीब 15 दिन हो गये थे और मैंने उन दोनो से चुदाया नहीं था क्यूंकि मैं अपने बॉयफ़्रेंड से चुदवा कर बहुत थक जाती थी साला हरामी पता नहीं क्या खा कर चोदता था सारे कस बल ढीले कर देता था. पर वो किसी काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था और मेरी आदत लगभग रोज़ ही चुदाने की हो गई थी जब तक बुर में लण्ड ना डलवा लूं चैन ही नहीं आता था।

पर इधर करीब 15 दिन से मैंने नहीं चुदवाया था और उस दिन रात को मैं अपने रूम में एक ब्ल्यू फ़िल्म देख रही थी जिसमें एक लड़की को चार चार साले मुस्टण्डे चोद रहे थे और वो भी साले काले काले हबशी, जिनके मोटे मोटे लण्ड देख कर मेरी आंखें भी फ़ट गई और उस लड़की के तो कहने ही क्या साली इस तरह अपनी गाण्ड और बुर चारों से मरवा रही थी जैसे पता नहीं कबसे चुदवाती आ रही हो।

खैर जब मूवी देखने के बाद मुझपे भी मस्ती चढ़ी तब मैं अपने अब्बू के रूम की तरफ़ गई और धीरे से अन्दर चली गई अब्बू सो रहे थे। मैंने धीरे से उनकी लुंगी हटा दी और उनका मुरझाया हुआ लण्ड हाथ में लेकर सहलाने लगी।
अब्बू थोड़ा सा कुनमुनाये और करवट लेकर सीधे हो गये अब मैंने अपनी निकर उतारी और पूरी तरह से नंगी हो गई और अपने जलते हुए होंठ लेकर उनके लण्ड को इतनी जोर से काटा कि वो ‘आआह्ह हह्हह’ कर के उठ बैठे और मुझे देखते ही बोले- मेरी रानी बेटी को आज मेरी याद कैसे आ गई?

और मेरे बाल पकड़ कर फ़िर से मेरे मुँह में अपने लण्ड को धकेल दिया जिसे मैं मज़े से चूस रही थी.
तब अब्बू ने कहा- मेरी बेटी को आज मेरा ख्याल कैसे आ गया?
तो मैंने कहा- अब्बूजान, मैं आज अपने रूम में ब्ल्यू फ़िल्म देख रही थी, उसमें एक बहुत ही कम उमर की लड़की चार चार लोगों से एक साथ चुदवा रही थी।
तब अब्बू ने कहा- मां की लोडी साली फ़िरंगी (अमेरिकन) होगी। वहां के लोग ऐसे ही होते हैं।
तो मैंने कहा- अब्बू, मैं भी ऐसे ही चुदवाऊँगी।
तब अब्बू ने कहा- नहीं मेरी बच्ची, उस तरह तो यहां की अच्छी अच्छी चुदक्कड़ औरतें भी नहीं चुदा पाती, तो तू तो अभी बहुत कमसिन है.

मगर मैं ज़िद पे उतर आई और कहने लगी- नहीं अब्बू, आपको मुझे चार लोगों से एक साथ चुदवाना ही होगा। अपनी प्यारी बेटी के लिए चार लंड का इंतजाम करो!
तब अब्बू ने कहा- अच्छा … लेकिन अभी चार लोग कहां से लाऊं। अभी तो सिर्फ़ मैं ही हूं और ज्यादा चुदासी हो तो जा बगल के रूम में तेरा भैया साला हाथ की लगा रहा होगा उसको बुला ला!

और मैं नंगी ही भैया के कमरे की तरफ़ गई तो देखा कि भैया हकीकत में पूरी तरह से नंगा होकर अपने लण्ड को सहला रहा था। मैं दरवाज़े की आड़ से छुपकर देखने लगी और अब भैया जल्दी जल्दी हाथ चला रहा था और उसके मुँह से ‘ऊऊह ऊऊह्ह्ह आआअह्ह आआ आआह्ह …’ की आवाज़ निकल रही थी।

तभी मैं दौड़ कर भैया के पास पहुँची और जल्दी से उसके लण्ड को अपनी चूचियों पर पटकने लगी उसका लण्ड लम्बा होकर बस अपना रस उड़ेलने ही वाला था। जैसे ही मैंने उसके लण्ड को हाथ में लेकर अपनी चूची पे रगड़ा तो उसके लण्ड से ढेर सारा माल निकल पड़ा और मैं उसके गाढ़े रस को जल्दी जल्दी अपनी चूची पे रगड़ते हुए बोली- भाईजान अब्बू ठीक ही कह रहे थे; तुम तो सही में हाथ की लगा रहे हो। अरे मेरे प्यारे चोदू भैया जब तेरे पास इतनी खूबसूरत चूत है चोदने के लिये तो किसलिये हाथ की मार रहे हो?

तब भैया मेरी चूची को जोर से दबाते हुए बोला- अरे मेरी चुदक्कड़ बहन, हाथ की मारने में भी बहुत मज़ा आता है।
तो मैंने कहा- अच्छा, अब चलो, अब्बू अपने रूम में बुला रहे हैं और मैं उसके झड़े हुए लण्ड को हाथ से पकड़ कर खीचते हुए अब्बू के रूम में ले आई।
तब अब्बू ने कहा- क्या हुअ बेटी, बहुत देर लगा दी।
मैंने कहा- अब्बू, आपने सही कहा था भैया हाथ की लगा रहे थे, वो तो मैं सही वक्त पर पहुँच गई वरना तो इन्होने अपना कीमती माल बरबाद कर ही दिया होता!
तब अब्बू हंसते हुए बोले- बेटी तजुरबा भी कुछ होता है मैंने तो पहले ही कहा था ये साला हाथ की मार रहा होगा। अच्छा, अब जल्दी से बेड पर आओ और मज़ा करो!

फ़िर जैसे ही मैं बेड पर चढी अब्बू मुझसे बोले कि अपने दोनों पैर उनके कन्धों पर रखूं और एक दूसरे से लपेट लूं। मैंने ऐसा ही किया अब मेरी चूत अब्बू के बिल्कुल मुँह के पास थी और मैंने अपने दोनों पैर अब्बू की गर्दन के पीछे लपेटे हुए थे।
अब अब्बू धीरे धीरे खड़े होने लगे जिससे मुझे डर लगने लगा, मैंने कहा- अब्बू, क्या कर रहे हैं? मैं गिर जाऊँगी।
तब अब्बू ने कहा- मेरी बेटी, नहीं गिरोगी, आज नया स्टाईल देखो चूत, चुसाने का इस तरह तुमने ब्ल्यू फ़िल्म में भी नहीं देखा होगा.

और अब्बू खड़े हो गये। अब वो बिल्कुल सीधे खड़े थे और मेरी चूत को चूस रहे थे। मुझे इस तरह डर भी बहुत लग रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था।
तब ही अब्बू ने कहा- बेटी, अब तुम अपना सर नीचे की तरफ़ झुकाओ।
पर मैंने मना कर दिया इस पर वो एक चपत लगाते हुए बोले- साली जैसा कहता हूं कर … वरना आज हम दोनों जने एक साथ तेरी गाण्ड में लण्ड डाल कर फ़ाड़ देंगे।

तब मैं अपने सर को धीरे धीरे नीचे की तरफ़ ले आई और अब मेरा मुँह उनके मुरझाये हुए लण्ड के पास था जिसे वो आगे बढ़ाने लगे. मैं उनका मतलब समझ गई थी और मैंने उनका लण्ड हाथ से पकड़ कर गप्प से मुँह में डाल लिया और चूसने लगी।
‘वाआआह्ह …’ बिल्कुल नया तरीका, बुर और लण्ड की चुसाई का … इस तरह से अब मेरा डर जाता रहा और थोड़ी देर बाद ही मैं जोर जोर से अपना मुँह अब्बू के लण्ड पे चलाने लगी।

इस वक्त एक ज़रूरी कॉल आई है तो मुझे जाना पड़ रहा है, पर अपनी Antarvasna स्टोरी ज़रूर पूरी करुंगी। ओके।
जारी रहेगी!

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆