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मैं अपने घर में एकलौती लड़की Hindi Sex Stories हूँ। लाड़ प्यार ने मुझे जिद्दी बना दिया था। बोलने में भी मैं लाड़ के कारण तुतलाती थी। मैं सेक्स के बारे में कम ही जानती थी। पर हां कॉलेज तक आते आते मुझे चूत और लण्ड के बारे में थोड़ा बहुत मालूम हो गया था। मेरी माहवारी के कारण मुझे थोड़ा बहुत चूत के बारे में पता था पर कभी सेक्स की भावना मन में आई ही नहीं। लड़को से भी मैं बातें बेहिचक किया करती थी। पर एक दिन तो मुझे सब मालूम पड़ना ही था।
आज रात को जैसे ही मैंने अपना टीवी बन्द किया, मुझे मम्मी पापा के कमरे से एक अनोखी सी आवाज आई। मैंने बाहर निकल कर अपने से लगे कमरे की तरफ़ देखा तो लाईट जल रही थी पर कमर सब तरफ़ से बन्द था। मैं अपने कमरे में वापस आ गई। मुझे फिर वही आवाज आई। मेरी नजर मेरे कमरे से लगे हुये दरवाजे पर टिक गई। मैंने परदा हटाया तो बन्द दरवाजे में एक छेद नजर आया, जो नीचे था। मैंने झुक के कमरे में देखने की कोशिश की। एक ही नजर में मुझे मम्मी पापा दिख गये। वे नंगे थे और कुछ कर रहे थे।
मैंने तुरन्त कमरे की लाईट बन्द की और फिर उसमें से झांकने लगी। पापा के चमकदार गोल गोल चूतड़ साफ़ नजर आ रहे थे। सामने बड़ी सी उनकी सू सू तनी हुई दिख रही थी। पापा के चूतड़ कितने सुन्दर थे, उनका नंगा शरीर बिल्कुल किसी हीरो … नहीं ही-मैन … नहीं सुपरमैन… की तरह था। मैं तो पहली नजर में ही पापा पर मुग्ध हो गई। पापा की सू सू मम्मी के चूतड़ो में घुसी हुई सी नजर आ रही थी। पापा बार बार मम्मी के बोबे दबा रहे थे, मसल रहे थे। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया। झुक कर बस देखती रही… हां, मम्मी को इसमें आनन्द आ रहा था और पापा को भी बहुत मजा आ रहा था। कुछ देर तक तो मैं देखती रही फिर मैं बिस्तर पर आ कर लेट गई। सुना तो था कि सू सू तो लड़कियों की सू सू में जाती है… ये तो चूतड़ों के बीच में थी। असमन्जस की स्थिति में मैं सो गई।
दूसरे दिन मेरा चचेरा भाई चीकू आ गया। मेरी ही उम्र का था। उसका पलंग मेरे ही कमरे में दूसरी तरफ़ लगा दिया था। सेक्स के मामले में मैं नासमझ थी। पर चीकू सब समझता था। रात को हम दोनों मोबाईल से खेल रहे थे… कि फिर से वही आवाज मुझे सुनाई दी। चीकू किसी काम से बाहर चला गया था। मैंने भाग कर परदा हटा कर छेद में आंख लगा दी। पापा मम्मी के ऊपर चढ़े हुए थे और अपने चूतड़ को आगे पीछे कर के रगड़ रहे थे। इतने में चीकू आ गया…
“क्या कर रही है गौरी… ?” चीकू ने धीरे से पूछा।
“श श … चुप… आजा ये देख… अन्दर मम्मी पापा क्या कर रहे हैं?” मैंने मासूमियत से कहा।
“हट तो जरा … देखूँ तो !” और चीकू ने छेद पर अपनी आंख लगा दी। उसे बहुत ही मजा आने लगा था।
“गौरी, ये तो मजे कर रहे हैं … !” चीकू उत्सुकता से बोला।
पजामे में भी चीकू के चूतड़ भी पापा जैसे ही दिख रहे थे। अनजाने में ही मेरे हाथ उसके चूतड़ों पर पहुंच गये और सहलाने लगे।
“अरे हट, ये क्या कर रही है… ?” उसने बिना मुड़े छेद में देखते हुये मेरे हाथ को हटाते हुये कहा।
“ये बिल्कुल पापा की तरह गोल गोल मस्त हैं ना… !” मैंने फिर से उसके चूतड़ों पर हाथ फ़ेरा। मैंने अब हाथ नीचे ले जाते हुये पजामें में से उसका लण्ड पकड़ लिया… वो तो बहुत कड़ा था और तना हुआ था… !
“चीकू ये तो पापा की सू सू की तरह सीधा है… !”
वो एक दम उछल सा पड़ा…
“तू ये क्या करने लगी है … चल हट यहां से… !” उसने मुझे झिड़कते हुये कहा।
पर उसका लण्ड तम्बू की तरह उठा हुआ था। मैंने फिर से भोलेपन में उसका लण्ड पकड़ लिया…
“पापा का भी ऐसा ही है ना मस्त… ?” मैंने जाने किस धुन में कहा। इस बार वो मुस्करा उठा।
“तुझे ये अच्छा लगता है…? ” चीकू का मन भी डोलने लगा था।
“आप तो पापा की तरह सुपरमैन हैं ना… ! देखा नहीं पापा क्या कर रहे थे… मम्मी को कितना मजा आ रहा था… ऐसे करने से मजा आता है क्या… ” मेरा भोलापन देख कर उसका लण्ड और कड़क गया।
“आजा , वहाँ बिस्तर पर चल… एक एक करके सब बताता हूँ !” चीकू ने लुफ़्त उठाने की गरज से कहा। हम दोनों बिस्तर पर बैठ गये… उसका लण्ड तना हुआ था।
“इसे पकड़ कर सहला… !” उसने लण्ड की तरफ़ इशारा किया। मैंने बड़ी आसक्ति से उसे देखा और उसका लण्ड एक बार और पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी। उसके मुख से सिसकारी निकल पड़ी।
“मजा आ रहा है भैया… ?”
उसने सिसकारी भरते हुये हां में सर हिलाया,”आ अब मैं तेरे ये सहलाता हूँ… देख तुझे भी मजा आयेगा… !” उसने मेरी चूंचियों की तरफ़ इशारा किया।
मैंने अपना सीना बाहर उभार दिया। मेरी छोटी छोटी दोनों चूंचियां और निपल बाहर से ही दिखने लगे।
उसने धीरे से अपना हाथ मेरी चूंचियों पर रखा और दबा दिया। मेरे शरीर में एक लहर सी उठी। अब उसके हाथ मेरी पूरी चूंचियों को दबा रहे थे, मसल रहे थे। मेरे शरीर में वासना भरी गुदगुदी भरने लगी। लग रहा था कि बस दबाते ही रहे। ज्योंही उसने मेरे निपल हल्के से घुमाये, मेरे मुँह से आनन्द भरी सीत्कार निकल गई।
“भैया, इसमें तो बड़ा मजा आता है… !”
“तो मम्मी पापा यूँ ही थोड़े ही कर रहे हैं… ? मजा आयेगा तभी तो करेंगे ना… ?”
“पर पापा मम्मी के साथ पीछे से सू सू घुसा कर कुछ कर रहे थे ना… उसमें भी क्या… ?”
“अरे बहुत मजा आता है … रुक जा… अभी अपन भी करेंगे… देख कैसा मजा आता है !”
“देखो तो पापा ने अपनी सू सू मेरे में नहीं घुसाई… बड़े खराब हैं … !”
“ओह हो… चुप हो जा… पापा तेरे साथ ये सब नहीं कर सकते हैं … हां मैं हूँ ना !”
“क्या… तुझे आता है ये सब… ? फिर ठीक है… !”
“अब मेरे लण्ड को पजामे के अन्दर से पकड़ और फिर जोर से हिला… “
“क्या लण्ड … ये तो सू सू है ना… लण्ड तो गाली होती है ना ?”
“नहीं गाली नहीं … सू सू का नाम लण्ड है… और तेरी सू सू को चूत कहते हैं !”
मैं हंस पड़ी ऐसे अजीब नामों को सुनकर। मैंने उसके पजामे का नाड़ा खोल दिया और पजामा नीचे करके उसका तन्नाया हुआ लण्ड पकड़ लिया और कस कर दबा लिया।
“ऊपर नीचे कर … आह हां … ऐसे ही… जरा जोर से कर… !”
मैं लण्ड उसके कहे अनुसार मसलती रही… और मुठ मारती रही।
“गौरी, मुझे अपने होंठो पर चूमने दे… !”
उसने अपना चेहरा मेरे होंठो से सटा दिया और बेतहाशा चूमने लगा। उसने मेरा पजामा भी नाड़ा खोल कर ढीला कर दिया… और हाथ अन्दर घुसा दिया। उसका हाथ मेरी चूत पर आ गया। मेरा सारा जिस्म पत्ते की तरह कांपने लगा था। सारा शरीर एक अद्भुत मिठास से भर गया था। ऐसा महसूस हो रहा था कि अब मेरे साथ कुछ करे। मेरे में समां जाये… … शायद पापा की तरह लण्ड घुसा दे… ।
उसने जोश में मुझे बिस्तर पर धक्का दे कर लेटा दिया और मेरे शरीर को बुरी तरह से दबाने लगा था। पर मैंने अभी तक उसका लण्ड नहीं छोड़ा था। अब मेरा पजामा भी उतर चुका था। मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी। पर मस्ती में मुझे यह नहीं मालूम था कि चूत चुदने के लिये तैयार हो चुकी थी। मेरा शरीर लण्ड लेने के लिये मचल रहा था।
अचानक चीकू ने मेरे दोनों हाथ दोनों तरफ़ फ़ैला कर पकड़ लिये और बोला,”गौरी, मस्ती लेनी हो तो अपनी टांगें फ़ैला दे… !”
मुझे तो स्वर्ग जैसा मजा आ रहा था। मैंने अपनी दोनों टांगें खोल दी… उससे चूत खुल गई। चीकू मेरे ऊपर झुक गया और मेरे अधरों को अपने अधर से दबा लिया… उसका लण्ड चूत के द्वार पर ठोकरें मार रहा था। उसके चूतड़ों ने जोर लगाया और लण्ड मेरी चूत के द्वार पर ही अटक कर फ़ंस गया। मेरे मुख से चीख सी निकली पर दब गई। उसने और जोर लगाया और लण्ड करीब चार इंच अन्दर घुस गया। मेरा मुख उसके होंठो से दबा हुआ था। उसने मुझे और जोर से दबा लिया और लण्ड का एक बार फिर से जोर लगा कर धक्का मारा … लण्ड सब कुछ चीरता हुआ, झिल्ली को फ़ाड़ता हुआ… अन्दर बैठ गया।
मैं तड़प उठी। आंखों से आंसू निकल पड़े। उसने बिना देरी किये अपना लण्ड चलाना आरम्भ कर दिया। मैं नीचे दबी कसमसाती रही और चुदती रही। कुछ ही देर में चुदते चुदते दर्द कम होने लगा और मीठी मीठी सी कसक शरीर में भरने लगी। चीकू को चोदते चोदते पसीना आ गया था। पर जोश जबरदस्त था। दोनों जवानी के दहलीज़ पर आये ही थे। अब उसके धक्के चलने से मुझे आनन्द आने लगा था। चूत गजब की चिकनी हो उठी थी। अब उसने मेरे हाथ छोड़ दिये थे … और सिसकारियाँ भर रहा था।
मेरा शरीर भी वासना से भर कर चुदासा हो उठा था। एक एक अंग मसले जाने को बेताब होने लगा था। मुझे मालूम हो गया था कि मम्मी पापा यही आनन्द उठाते हैं। पर पापा यह आनन्द मुझे क्यों नहीं देते। मुझे भी इस तरह से लण्ड को घुसा घुसा कर मस्त कर दें … । कुछ देर में चीकू मुझसे चिपक गया और उसका वीर्य छूट गया। उसने तेजी से लण्ड बाहर निकाला और चूत के पास दबा दिया। उसका लण्ड अजीब तरीके से सफ़ेद सफ़ेद कुछ निकाल रहा था। मेरा यह पहला अनुभव था। पर मैं उस समय तक नहीं झड़ी थी। मेरी उत्तेजना बरकरार थी।
“कैसा लगा गौरी…? मजा आता है ना चुदने में…? “
“भैया लगती बहुत है… ! आआआआ… ये क्या…?” बिस्तर पर खून पड़ा था।
“ये तो पहली चुदाई का खून है… अब खून नहीं निकलेगा… बस मजा आयेगा… !”
मैं भाग कर गई और अपनी चूत पानी से धो ली… चादर को पानी में भिगो दी। वो अपने बिस्तर में जाकर सो गया पर मेरे मन में आग लगी रही। वासना की गर्मी मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई। रात को मैं उसके बिस्तर पर जाकर उस पर चढ़ गई। उसकी नींद खुल गई…
“भैया मुझे अभी और चोदो… पापा जैसे जोर से चोदो… !”
“मतलब गाण्ड मरवाना है… !”
“छीः भैया, गन्दी बात मत बोलो … चलो… मैंने अपना पजामा फिर से उतार दिया और मम्मी जैसे गाण्ड चौड़ी करके खड़े हो गई। चीकू उठा और तुरंत क्रीम ले कर आया और मेरी गाण्ड में लगा दी।
“गौरी, गाण्ड को खोलने की कोशिश करना … नहीं तो लग जायेगी… ” मैंने हाँ कर दी।
उसने लण्ड को मेरी गाण्ड के छेद पर लगाया और कहा,”गाण्ड भींचना मत … ढीली छोड़ देना… ” और जोर लगाया।
एक बार तो मेरी गाण्ड कस गई, फिर ढीली हो गई। लण्ड जोर लगाने से अन्दर घुस पड़ा। मुझे हल्का सा दर्द हुआ… उसने फिर जोर लगा कर लण्ड को और अन्दर घुसेड़ा। चिकनाई से मुझे आराम था। लण्ड अन्दर बैठता गया।
“हाय… पूरा घुस गया ना, पापा की तरह… ?” मुझे अब अच्छा लगने लगा था।
“हां गौरी … पूरा घुस गया… अब धक्के मारता हूँ… मजा आयेगा अब… !”
उसने धक्के मारने शुरू कर दिये, मुझे दर्द सा हुआ पर चुदने लायक थी। कुछ देर तक तो वो गाण्ड में लण्ड चलाता रहा। मुझे कुछ खास नहीं लगा, पर ये सब कुछ मुझे रोमांचित कर रहा था। पर वासना के मारे मेरी चूत चू रही थी।
“चीकू, मुझे जाने कैसा कैसा लग रहा है… मेरी चूत चोद दे यार… !”
चीकू को मेरी टाईट गाण्ड में मजा आ रहा था। पर मेरी बात मान कर उसने लण्ड मेरी चूत में टिका दिया और इस बार मेरी चूत ने लण्ड का प्यार से स्वागत किया। चिकनी चूत में लण्ड उतरता गया। इस बार कोई दर्द नहीं हुआ पर मजा खूब आया। तेज मीठा मीठा सा कसक भारा अनुभव। अब लगा कि वो मुझे जम कर चोदे। मम्मी इतना मजा लेती हैं और मुझे बताती भी नहीं हैं … सब स्वार्थी होते हैं … सब चुपके चुपके मजे लेते रहते हैं … । मैंने बिस्तर अपने हाथ रख दिये और चूत और उभार दी। अब मैं पीछे से मस्ती से चुद रही थी। मेरी चूत पानी से लबरेज थी। मेरे चूतड़ अपने आप ही उछल उछल कर चुदवाने लगे थे। उसका लण्ड सटासट चल रहा था… और … और… मेरी मां… ये क्या हुआ… चूत में मस्ती भरी उत्तेजना सी आग भरने लगी और फिर मैं उसे सहन नहीं कर पाई… मेरी चूत मचक उठी… और पानी छोड़ने लगी… झड़ना भी बहुत आनन्द दायक था।
तभी चीकू के लण्ड ने भी फ़ुहार छोड़ दी… और उसका वीर्य उछल पड़ा। लण्ड बाहर निकाल कर वो मेरे साथ साथ ही झड़ता रहा। मुझे एक अजीब सा सुकून मिला। हम दोनों शान्त हो चुके थे।
“चीकू… मजा आ गया यार… अब तो रोज ही ऐसा ही करेंगे … !” मैंने अपने दिल की बात कह दी।
“गौरी, मेरी मासूम सी गौरी … कितना मजा आयेगा ना… अपन भी अब ऐसे ही मजे करेंगे… पर किसी को बताना नहीं… वर्ना ये सब बंद तो हो ही जायेगा… पिटाई अलग होगी…!”
“चीकू … तुम भी मत बताना … मजा कितना आता है ना, अपन रोज ही मस्ती मारेंगे… “
हम दोनों ही अब आगे का कार्यक्रम बनाने लगे। Hindi Sex Stories
मैं एक २० साल का नौजवान और कद Hindi Sex Stories में भी ठीक हूँ ६’ १”बात ऐसी है कि मेरी कहानी अन्तर्वासना पर आने के बाद मुझे काफी सारे ईमेल आने लगे। उन सभी ईमेल में से एक मेल में मुझे किसी लड़की ने अपना फ़ोन नम्बर और पता दिया हुआ था। इतना मिलते ही सरदार यानि की मैं बहुत ही खुश हुआ। मैंने उसे कॉल किया तो वो भी दिल्ली में ही रहनी वाली एक कुंवारी कन्या का निकला उसने अपनी उम्र २१ साल बताई और उसने मुझे एक सुझाव भी दिया था। मैंने उससे पूछा कि कैसा सुझाव तो वो कहने लगी कि कॉल बॉय का सुझाव। इतना सुनते ही मेरे लण्ड ने करवट बदली और सीधा होकर खड़ा हो गया। मैंने कहा कि मुझे क्या करना होगा तो बोली- वही जो करते हो और पैसे भी मिलेंगे।
मैं समझ चुका था कि मेरे लण्ड की बोली लगने के दिन आ चुके हैं। मैं बहुत उत्तेजित था यह सुन कर !
अगले दिन फिर मैंने उस कन्या से बात की तो उसने कहा की मैं उसके घर चला जाऊँ। तो फिर क्या था मैं गया, मैंने गेट पर बेल बजाई तो देखा एक बुढ़िया मेरे सामने आकर गेट खोल रही थी। बुढ़िया देख कर मेरी भी गांड फटने लगी। मैंने झूठ से ही कह दिया कि मैडम हैं घर पर?
तो वो बोली- हाँ !
और मेरा तुक्का भी ठीक लगा वो बुढ़िया उसके यहाँ काम करती थी. मैं अन्दर गया और उस कन्या से मिला, हाथ भी मिलाया। फिर हम दोनों एक कमरे में जाने लगे।
मैं काफी बेचैन था।
उस ने बताया कि मैं दिखने में और इस लाइन में काफी ठीक रहूँगा। तो मैंने पूछा कि किस लाइन में?
उस ने हंस कर कहा कि कॉल बॉय के काम में !
मैं भी हंसा और फिर मैंने हामी भर दी। फिर उसने मुझे सभी बातें बताई पैसे की कि इस लाइन में पैसे भी मिलते हैं !
मैंने कहा ओके।
फिर साली को क्या हुआ- उसने मेरा हाथ पकड़ कर एक प्यारी सी किस दी।
जैसा मने पहले भी कहा था कि मुझे ज्यादा तजुर्बा नहीं है इन सभी में, यह मेरा दूसरा अवसर था सेक्स का।
उसने मुझे अपने पास बुलाकर किस करने को कहा। मैंने उसे किस किस में ही नंगा कर दिया और उस बहन की लोड़ी ने भी मुझे नंगा कर दिया। मैंने उसके बूब्स देखे तो मैं फिर देखता ही रह गया था उसने उन पर कुछ लगाया हुआ था। मैंने धीरे धीरे उन्हें सहलाना सुरु किया वाह क्या मजा आ रहा था साली को बहुत ही एक्सप. था इन सब बातों का। वो मेरे लण्ड को चूसने लगी और आगे पीछे करने लगी। ऐसा करने से मेरे अन्दर ४४० वोल्ट का झटका लगा और मैं उस के मुह में ही झड़ गया।
फिर साली ने कहा कि अब मेरी बारी है एसा करने की !
मैंने उसकी कम बाल वाली चूत को चाटना शुरू ही किया था कि उस ने कहा- वह स्वर्ग का आनंद ले रही है।
मैंने उसे चाट चाट कर साफ कर दिया था और दो बार जान बूझकर काटा भी था।
उसके बूब्स हिल हिल कर मेरे लण्ड को मजा दे रहे थे। मैंने उन्हें हाथों में पकड़ रखा था, क्या माल थी साली वो !
फिर हम दोनों ६९ की पोसिशन में होगये और किस करते रहे।
२० मिनट बाद मैंने उसकी चूत को ऊपर उठाया और लण्ड के सामने लगाकर बोली लगाई, लण्ड का जवाब था १२००/-
मैंने कहा- चलेगा?
तो वो बोली- ठीक है।
फिर क्या था ! साली में मैंने पेल दिया अपना लण्ड !
एक बार तो वो ऐसे चिल्लाई कि जैसे गरम गरम मशाल दे दी हो चूत में और थोडी देर बाद ऐसे चुदवाने लगी कि मानो बर्फ़ वाले लण्ड पर चुद रही हो्। फिर क्या था धक्के पर धक्के लग रहे थे उसका बेड भी आवाज कर रहा कि उसे माफ कर दो।
फिर २५-३० मिनट बाद मैं झड़ा। इस बीच वो शायद कम से कम ३ या ४ बार झड़ चुकी थी।
फिर उसने मुझे पैसे दिए और धन्यवाद कहा।
मैंने कहा- यू आर वेलकम और हंस पड़ा। यह मेरी पहली बोनी हुई थी।
और तब से मैं एक काल-बॉय हूँ !
तो यारो कृपया मुझे लिखिए कि मेरी कहानी कैसी लगी Hindi Sex Stories
यह जो स्टोरी लिखने जा रहा हूँ वो कल की ही Hindi porn stories बात है, मेरे एक चाची है उसकी स्टोरी है.
मुझे चाची बहुत अच्छी लगती थी. क्या माल था. उसकी फ़ीगर 38-30-38 थी, बड़े 2 चूतड़ और इतनी सेक्सी गांड थी कि मेरा लंड उसको देख कर टाइट हो जाता था. गांड का पूछो मत मोटी मोटी गांड जब जब वो चलती थी तो गांड हिलती रहती. जब जब मैंने चाची की गांड देखा करता था मेरा लंड जोश में आ जता. चाची बहुत ही सेक्सी थी. बेचारी चाची अंकल के लंड से खुश नहीं थी .
एक दिन मैं उनके घर गया, मीनू चाची अकेली थी. मैंने चाची से पूछा कि सब लोग कहाँ हैं?
चाची ने जवाब दिया- अंकल का तो तुमको पता ही है, और सभी बच्चे मामा के घर गये हैं, आज रात को नहीं आयेंगे.
फिर मैंने चाची को कहा- ओके चाची, मैं चलता हूँ.
चाची ने मुझे रोक लिया और कहा- अभी रुक जाओ, मुझे नहाना है, तब तक तुम मेरे घर का ख्याल रखना, मैं अभी नहा कर आती हूँ.
चाची नाइटी में थी, पिंक नाइटी में उनके बूब्स बड़े सेक्सी लग रहे थे. मैं रुक गया चाची नहाने चली गयी.
मैं इनके बेडरूम में चाची का इन्तज़ार कर रहा था कि अचानक मेरी नज़र बेड पर पड़ी, बेड पर टोवल, पेंटी और ब्रा पड़ा था. ब्रा और पेंटी बहुत बड़ी थी.
चाची ने आवाज़ दी और कहा- टोवल दे दो मुझे.
मैं चाची को टोवेल दिया.
फिर चाची ने कहा- सैम, प्लीज़ मेरी पेंटी और ब्रा भी दे दो.
मैंने चाची को पेंटी और ब्रा भी दे दी.
अब चाची नहा कर निकली. चाची ने ब्लैक कोटन का सूट पहना हुआ था. चाची की सफ़ेद ब्रा नज़र आ रही थी.
अब मैंने चाची को कहा- चाची अब मैं चलता हूँ.
चाची ने कहा- तुम्हें कुछ काम से जाना है क्या?
मैंने जवाब दिया- नहीं.
फिर चाची ने मुझे कहा- रुक जाओ, मैं अकेली बोर हो जाऊँगी. कुछ बातें करते हैं.
मैं बैठ गया और चाची अपनी लाइफ़ के बारे में बता रही थी.
अब चाची कुछ खुल कर बातें करने लगी.
मेरे से पूछने लगी- तुम्हारी गर्लफ़्रेंड्स हैं या नहीं, कभी सेक्स किया है या नहीं?
मैं ऐसी बात सुन के हैरान हो गया. अब मैं भी खुल गया था. मैंने चाची से पूछा- चाची, आपको सेक्स पसंद है?
चाची ने जवाब दिया- सेक्स हर किसी को पसंद होता है पागल. क्या तुम्हें पसंद नहीं है?
मैंने जवाब दिया- कभी किया ही नहीं है.
चाची ने कहा- झूठ मत बोलो, मुझे मालूम है, तुम बहुत बुरे हो, तुमने अपनी काम वाली को चोदा है और नेहा को भी, मुझे सब पता है और तुमने उन पर स्टोरी भी लिखी, मैंने भी तुम्हारी स्टोरी कल रात को पढ़ी थी और मेरी चूत गीली हो गयी थी, जी करता था कि तुमको रात को ही अपने घर बुलाकर अपनी प्यास बुझा लूँ, लेकिन बच्चे घर पे थे, झूठ बोलता है, तूने अपना मोबाइल नम्बर भी दे रखा है, लेकिन मैंने सोचा जब घर आओगे तब ही बात करूंगी तुमसे. तेरी माँ को बोलना पड़ेगा कि तेरा विवाह कर दे.
मैं अचानक डर गया.
चाची ने कहा- डरो मत, मैं कुछ नहीं कहूँगी. मैंने तो तुमको नंगा भी देखा है.
मैंने चाची से पूछा- कब देखा आप ने मुझे नंगा?
चाची ने जवाब दिया- जब तुम मेरे घर के बाथरूम में पेशाब कर रहे थे.
मैंने कुछ नहीं कहा.
‘मेरी भी चूत प्यासी है क्या अपनी चाची की प्यास नहीं बुझाओगे? स्टोरी में तो लिख रखा है गुलाम हाज़िर है, अब चुप क्यों बैठे हो बोलो, अब तुम्हारा लंड प्यास बुझायेगा मेरी चूत की प्यास को?’
मैं सोनिया चाची की बातों से मन ही मन खुश हो रहा था, सोचा नहीं था कि कभी कि चाची खुद तैयार हो जायेगी. मैं उनसे डरता भी था, वो बहुत गुस्से वाली थी.
चाची ने अब अपना हाथ मेरे लंड पर रखा मुझे. तब बहुत अच्छा लगा. मेरी चाची बहुत प्यासी थी वो बिल्कुल गोरी थी. उनकी उमर 38 की थी लेकिन अभी भी बिल्कुल जवान लगती थी. ज़िंदगी में आज पहली बार 38 साल की औरत के साथ सेक्स करने जा रहा था.
अब चाची ने मुझसे कहा- अपनी पैंट उतारो. मैं भी देखूँ तुम्हारा प्यारा सा लंड.
मैंने अपनी पैंट उतार दी.
मैंने उस दिन अंडरवियर नहीं पहना हुआ था. मैं अब नीचे से नंगा था.
चाची मेरे पास आई और मेरी शर्ट भी उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया. चाची को मेरा लंड बहुत अच्छा लगा. चाची ने मेरा हाथ अपने बूब्स पर रखा और कहा- प्रेस करते रहो प्लीज़.
मैंने खूब प्रेस किये.
चाची को मजा आ रहा था.
फिर चाची ने अपनी कमीज़ उतारी फिर सलवार उतारी, फिर मेरे लंड को चूसने लगी.
मैं चाची की ब्रा खोलने की कोशिश कर रहा था. तो चाची मुस्करा कर बोली- बेटा, मैं खोल देती हूँ.
फिर चाची ने ब्रा खोल दी और पेंटी भी उतार दी. अब चाची का गोरा गोरा जिस्म मेरे सामने पूरा नंगा था.
चाची ने अपने बड़े बड़े बूब्स को मेरे लंड पर रख दिये और अपने बूब्स से मुझे चुदाई का मजा दे रही थी. कुछ देर बाद मैं चाची की चूत को चाटने लगा. चाची की सेक्सी सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी- आआहह ऊऊहह सैम बेटा आआहह ज़ोर से बेटा आआहह तेरी चाची प्यासी है मेरी प्यास बुझा दे बेटा. आआअहह.
चाची ने कहा- अब अपना लंड मेरी चूत में डालो, प्यासी है मेरी चूत, प्यास बुझाओ जल्दी.
मैंने चाची की दोनों टांगों को अपने हाथों से अपने कंधों पर रखा और चूत पर 8 इंच का लंड रखा, चाची की चूत टाइट हो रही थी, मैंने हल्का सा धक्का दिया तो चाची की चीख निकल गई और चाची ने कहा- आराम से डालो, क्या जल्दी है तुमको.
मैंने कहा- चाची नहीं अब आराम से डालूँगा.
फिर मैंने हल्के हल्के झटके लगाने शुरु कर दिये. मेरे धक्कों से चाची को मजा आ रहा था. चाची की आवाज़ें निकल रही थी- ऊओहह ऊफ़फ़्फ़ हाआआ. और डालो और डाल आज मेरी चूत को मजा दे दो प्लीज़. तेज़ करो.
मैंने तेज़ कर दिया.
चाची मुझे बेड पे ले गई और मुझे बेड पे धक्का दे दिया, बोली- आज तुझसे मैं चुदवाती हूँ.
और सोनिया चाची ने मेरे लंड की टोपी को किस किया और मुझे सीधा लिटा दिया और मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत रख दी और ज़ोर 2 से हिलने लगी और चिल्लाने लगी- आहह बेटा सैम, बेटा आआहह्ह मजा आ गया, तुम्हारा लंड अब मेरी प्यास बुझा देगा!
और ज़ोर 2 से ऊपर नीचे होने लगी, ऐसे मैं मेरे लंड को भी दर्द हो रहा था.
चाची और मैं दोनों पागल हो गये, मैंने चाची को उठा लिया और नीचे लिटा कर उनकी टांगें खोल दी और फिर से चुदाई शुरु कर दी.
चाची झड़ने वाली थी. हमको 15-20 मिनट हो गये थे और मेरा भी पानी निकलने वाला था, चाची ने कहा- अंदर नहीं निकालना.
मैंने कहा- ठीक है चाची.
अब मैंने अपना लंड निकाल लिया और चाची के बूब्स पर पानी निकाल दिया फिर चाची ने मेरा लंड चूसा और पानी पी गई.
15 मिनट तक हम नंगे ही बेड पर लेटे रहे.
फिर मैंने चाची से कहा- चाची मुझे आप की गांड मारनी है.
चाची ने जवाब दिया- आज से सब कुछ तुम्हारा है बेटा, ये गांड भी तुम्हारी है जब बोलोगे, दे दूंगी मेरे सेक्सी सैम.
मैंने कहा- अभी मिल सकती है?
चाची ने कहा- अभी क्यों नहीं.
चाची ने फिर मेरे लंड को चूसना शुरु किया, 5 मिनट के बाद मैं चाची की मोटी मोटी गांड पर अपनी जुबान फेरने लगा.
चाची ने कहा- ये क्या कर रहे हो. आज तक किसी ने मेरी गांड पर जुबान नहीं फेरी.
मैंने जवाब दिया- चाची, एक ब्लू मूवी मैंने देखी थी.
चाची ने कहा- सैम, तुमको तो बहुत कुछ पता है सेक्स के बारे में.
अब चाची डोगी स्टाइल में थी और मेरा लंड बेचैन था मोटी गोरी गोरी मोटी मोटी गांड में जाने के लिये. चाची ने कहा- आराम आराम से डालना, ये चूत नहीं है गांड है. बहुत दर्द होता है.
मैंने कहा- चाची आप फ़िक्र नहीं करें, मैं आराम से करूंगा.
मैंने अब चाची की गांड में हल्का सा झटका दिया, चाची को दर्द हुआ, उनकी चीख निकल गई- आआहह हरामी बाहर निकाल, फट जायेगी. रहम कर… आआहह्ह नो बेटा प्लीज़ अहह ऊऊईईए माआ मम्मयी आअहह बाहर निकाल.
फिर मैंने अपनी स्पीड हल्की कर दी. अब हल्के हल्के मेरा पूरा लंड चाची की गांड में जा चुका था और चाची को भी मजा आ रहा था. चाची को भी बहुत मजा आया गांड में लंड लेकर.
मैंने चाची को कहा- चाची पानी निकलने वाला है.
चाची ने कहा- निकाल लो.
फिर चाची ने सारा पानी फिर से पिया और लंड को चूसने लगी.
अब जब भी मौका मिलता है मैं चाची की प्यास बुझाता हूँ. Hindi porn stories
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