Our site can help you find a professional massage girl in Sonbhadra who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Sonbhadra that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Sonbhadra massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Sonbhadra who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Sonbhadra massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Sonbhadra massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Sonbhadra who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Sonbhadra employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Sonbhadra helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Sonbhadra
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Sonbhadra at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
मैं आप लोगों को आज Hindi Sex Stories अपने जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।। मेरा नाम राहुल है और मैं एक बिज़नसमैन हूँ। मेरे घर में हम चार लोग हैं- पिताजी, माँ, मैं, और मेरी छोटी बहन !
बात आज से 4 साल पहले की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था, मेरी बहन दसवीं में थी। मेरे पिताजी अक्सर घर देर से ही आते थे क्योंकि बिज़नस की वज़ह से उन्हें देर हो जाती थी और माँ ज्यादातर अपने घर के काम में या फिर टीवी देखने में व्यस्त रहती थी। मेरी बहन जिसका नाम रिया है अधिकतर पढ़ाई करती रहती थी।
मैंने कभी उसे गलत नज़र से नहीं देखा था। मगर एक दिन मैं अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था कि एकदम से रिया मेरे कमरे में आ गई मैंने उसको देखते ही कंप्यूटर बंद कर दिया मगर उसने सब देख लिया था लेकिन वो कुछ बोली नहीं। मैं उससे कुछ नहीं कह पाया, वो हिम्मत करके मेरे पास आई और बोली- भईया मुझे यह सवाल नहीं आ रहा, इसको हल करने में मेरी मदद करो। मैंने कहा- ठीक है !
लेकिन मैं उससे नज़रें नहीं मिला पा रहा था। मैंने उसका सवाल हल कर दिया। फिर वो जाने लगी तो मैंने उससे बोला- जो भी तुमने देखा है, वो किसी को मत बताना !
तो वो बोली- भईया, मैं किसी को नहीं बताउंगी पर यह सब अच्छी चीज़ नहीं हैं, आप मत देखा करो !
मैंने उससे कहा- ठीक है !
फिर वो चली गई लेकिन उस दिन मुझे उसे देख कर कुछ अजीब सा महसूस हुआ, मेरे दिल में उसके लिए गलत ख्याल आने लगे। मैं आपको बता दूँ कि रिया देखने में बहुत ही सेक्सी है। उसका फिगर 34-26-34 है, रंग हल्का साँवला है। जो भी उसको एक बार देख ले, उसका लंड अपने आप ही खड़ा हो जाए।
दो दिन बाद दोपहर के वक़्त माँ घर का काम निपटा कर सो रही थी और मैं अपने कमरे में पढ़ रहा था। इतने में रिया आई और बोली- भईया उठो, मुझे एक सवाल समझ नहीं आ रहा, मुझे समझा दो।
तो मैं उठ कर उसे सवाल समझने लगा। लेकिन आज उसके मेरे पास बैठने से मुझे कुछ-कुछ हो रहा था, उसकी खुशबू मेरी साँसों में भर रही थी। मैं सवाल पर ध्यान नहीं लगा पा रहा था कि इतने में वो बोली- भईया, क्या बात है ?
तो मैं बोला- मुझे बहुत नींद आ रही है इसलिए मैं यह सवाल नहीं कर पा रहा हूँ !
तो वो बोली- भईया, नींद तो मुझे भी आ रही है ! ऐसा करते है ख़ी कुछ देर के लिए सो जाते हैँ, बाद में सवाल कर लेंगे।
इतना कह कर वो आपने कमरे की तरफ जाने लगी तो मैंने उससे कहा- रिया, कहां जा रही है? यहीँ पर सो जा ! थोड़ी देर में तो उठ कर सवाल करना ही है।
तो वो बोली- ठीक है !
फिर वो मेरे बगल में आकर सो गई। मैं भी सोने का नाटक करने लगा। लेकिन नींद तो आ ही नहीं रही थी। थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद मैंने आपना एक हाथ हिम्मत करके उसके चूचों पर रख दिया और कोई हरकत नहीं की ताकि उसको ऐसा लगे कि गलती से नींद में रखा गया हो।
थोड़ी ही देर में उसकी साँसें तेज चलने लगी। फिर मैंने हिम्मत करके उसकी टांग के बीच अपनी टांग फंसा दी। अब वो मेरी पकड़ में थी, उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी पर उसने अभी तक कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई।
मैंने अपने हाथ से उसके चूचे मसलना चालू कर दिया, कुछ देर बाद वो बोली- भईया, यह क्या कर रहे हो?
तो मैंने उससे साफ़ साफ़ कह दिया- मैं तुझे प्यार करता हूँ और जब भी तू मेरे सामने आती है तो मैं अपने होश खो बैठता हूँ।
वो बोली- भईया, यह सब सही नहीं है ! अगर किसी को पता चल गया तो? और वैसे भी हम भाई-बहन हैं।
मैंने उससे कहा- किसी को पता नही चलेगा ! और भाई-बहन हैं लेकिन हैं तो लड़का-लड़की ! इतना तो सब में ही चलता है ! आखिर एक दिन तो तुम्हें किसी न किसी से चुदना ही है तो अपने भाई से ही क्यों नहीं !
इतना कह कर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूत सहलाने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी और साथ में हल्का सा विरोध भी कर रही थी। तो मैंने उससे कहा- तुम मेरा साथ दो तो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा और घर की बात घर में ही रहेगी।
तो उसने करवट ली और मेरे चेहरे के सामने अपना चेहरा ला दिया और बोली- ठीक है, लेकिन किसी को पता नहीं चलना चाहिए !
मैंने उससे कहा- तू फिक्र मत कर !
फिर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और दस मिनट तक हम एक दूसरे के होंठ चूसते रहे। फिर उसके बाद मैंने उसका कुरता उतार दिया और फिर ब्रा भी उतार दी।
क्या क़यामत लग रहे थे उसके चूचे !
मैंने एक चूचे को मुँह में ले लिया और दूसरे को हाथ से मसल रहा था और उसकी सिसकारियाँ बढ़ती ही जा रही थी। फिर उसने मेरी पैंट खोल कर मेरा लंड पकड़ लिया और उसे अपने हाथ से दबाने लगी। मुझे लगा जैसे कि मैं जन्नत में पहुँच गया।
इतनी में मैंने उसकी जींस और पेंटी नीचे सरका दी। फिर उसने मेरी टी-शर्ट भी उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे के बगल में लेटे थे। मैंने देर न करते हुए उसे अपनी बाहों में समेट लिया और कहा- मैं तुम्हारे बदन की गर्मी लेना चाहता हूँ, इसका अहसास लेना चाहता हूँ !
रिया बोली- केवल आप ही नहीं मैं भी यही चाहती हूँ !
उसका इतना कहना था कि मैं तो खुशी से पागल हो गया। फिर मैंने अपनी जीभ से उसका पूरा बदन चाटा, फिर मैं उसकी टांगों के बीच गया और उसकी गुलाबी पंखुड़ी वाली चूत मेरी आँखों के सामने थी। उसकी चूत में हल्के-हल्के बाल थे। मैंने जैसे ही अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी, वो तो जैसे पागल ही हो उठी और उसके पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया।
वो बोली- भईया, मैं मर जाउंगी !
और मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ घुसा दी तो वो बोली- भईया, मुझे भी आपका लंड चूसना है !
तो हम 69 की मुद्रा में आ गए। अब हम दोनों 10 मिनट तक एक-दूसरे को ऐसे ही चूसते रहे और फिर हम दोनों एक एक करके झड़ गए। इसके बाद हम दोनों एक दूसरे के ऊपर लेट गए। थोड़ी ही देर में हम फिर से गर्म हो गए और मैं उसकी चूत में ऊँगली करने लगा तो वो बोली- भईया, अब नहीं रहा जाता ! अपना लंड अन्दर डाल दो !
मैं उसकी टांगो के बीच आ गया, उसकी चूत अभी कुँवारी थी और मैं उसे दर्द नहीं पहुँचना नहीं चाहता था, इसलिए मैंने पहले अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया, फिर उसकी चूत पर भी थूक से मालिश कर दी। मेरा लुंड सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा है।
उसके बाद मैंने अपना लंड रिया की चूत पर लगाया और हल्के-हल्के लंड को अन्दर करने लगा, पर जा नहीं रहा था इसलिए मैंने एक हल्का सा धक्का लगा दिया तो रिया जैसे तड़प सी गई और उसके मुँह से आह की आवाज़ निकल गई। मेरे लंड का सुपारा अन्दर जा चुका था। फिर मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और उसके चूचे मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मैंने हल्के-हल्के लंड अन्दर डालना चालू किया और बीच बीच में हल्का सा धक्का भी मार देता था जिससे कि उसकी चीख निकल जाती थी। लेकिन मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख रखे थे जिससे उसकी चीख बाहर न जाये। अब तक मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था। उसकी चूत बहुत ही कसी थी और मैं हल्के-हल्के अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। शुरु में तो उससे थोड़ा दर्द हुआ पर फिर उसे भी मज़े आने लगे और वो अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी।
अब हम दोनों चुदाई का पूरा आनंद ले रहे थे। वो कह रही थी- भईया और जोर से !
मैं भी रिया से कह रहा था- देख ! बहन को अपने भाई से चुदने में कितना मज़ा आता है !
वो बोली- हाँ भईया, सही में बहुत मज़ा आ रहा है ! यह तो सबको करना चाहिए ! लेकिन दुनिया के ये झूठे रिवाज़ हमें रोके रखते हैं। भईया, मैं तो ये सोचती हूँ कि कोई भी किसी के साथ भी चुदाई कर सकता है। इससे क्या फर्क पड़ता है कि वो रिश्ते में क्या लगते हैं, आखिर वो हैं तो मर्द और औरत ही !
और हम ऐसे ही बातें करते करते चुदाई का आनंद लेते रहे। शायद रिया एक बार झड़ चुकी थी, अब मैं भी चरम सीमा तक पहुँच चुका था और फिर उसके बाद हम दोनों एक साथ एक दूसरे में समां गए और अपना अपना पानी एक दूसरे में मिला दिया और एक दूसरे को पूरी ताकत से पकड़ लिया।
फिर हम दस मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे और उसके बाद बाथरूम में जा कर एक दूसरे को साफ़ किया। हम लोग उस वक़्त भी बिलकुल नंगे थे, मुझे रिया के चूतड़ दिखाई दिए बिल्कुल गोल-गोल और मुलायम ! बिल्कुल गोरे-गोरे और चिकने !
मेरा लंड फिर से जोर मारने लगा। मैं उसके पास गया और उसे अपनी बाहों में उठा लिया और ले जाकर उसे फिर से बिस्तर पर डाल दिया।
वो बोली- भईया, अब क्या?
मैंने उससे कहा- बहन, मुझे तेरी गांड मारनी है !
तो वो बोली- नहीं भईया ! मुझे बहुत डर लगता है, गांड मरवाने में तो बहुत दर्द होगा !
तो मैंने उससे कहा- मैं दर्द नहीं करूँगा, आराम आराम से करूँगा !
वो बोली- भईया, मार लेना मेरी गांड, लेकिन अभी नहीं, अभी बहुत देर हो गई है और माँ भी उठने वाली होगी हम गांड का प्रोग्राम किसी और दिन करेंगे।
मैं मान गया और उसके होठों का एक लम्बा चुम्मा लिया और उसके चूचे भी दबाये। फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और फिर रिया चाय बनाने चली गई।
मैंने और रिया ने मिलकर चाय पी। फिर वो अपने कमरे में चली गई।
मैंने रिया की गांड कैसे मारी, यह मैं अगली कहानी में बताऊंगा।
आप मुझे बताइए कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी? Hindi Sex Stories
हाय दोस्तो Hindi sex stories , मेरा नाम नवीन है, मैं जयपुर से हूँ. मेरी उम्र 28 साल है और मैं शादीशुदा हूँ. मैंने अन्तर्वासना की काफी सारी सेक्स स्टोरी पढ़ी हैं.
मुझे देसी सेक्स में चुदाई की कहानी पढ़ने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आता है. अक्सर सुबह की चाय के बाद मैं सबसे पहले अन्तर्वासना खोल कर रोज प्रकाशित होने वाली नई सेक्स स्टोरी को पढ़ता हूँ.
तमाम सेक्स स्टोरी पढ़ने के बाद मैंने भी अपनी अन्तर्वासना लिखने का सोचा. मेरी भी एक स्टोरी है, लेकिन मैंने झिझक के चलते उसे कभी लिखा नहीं, पर आज आप सबके लिए मैं अपनी उस कहानी को लिख रहा हूँ.
जैसा कि मैंने लिखा कि मैं शादीशुदा हूँ और मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं. मेरी एक साली है. वो 18 साल की है. अभी एक साल पहले तक तो मैंने उससे इस तरह की नज़र से नहीं देखा था, लेकिन उसकी तरफ से हरी झंडी मिलने पर मैं उसके लिए कुछ उत्तेजित हो गया.
इधर समस्या ये थी कि पहल कौन करे. मैं जयपुर में था और वो जयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर एक छोटे से कस्बे में थी. उससे फोन पर ही बातें होती थीं. मैं फोन पर उसे इस बात के लिए राजी कर भी लेता कि मैं क्या चाहता हूँ. तब भी मुझे कुछ शंका थी. क्योंकि लड़कियों की आदत होती है ना कि जल्दी से सब चाहते हुए भी हां नहीं करती हैं.
इसालिए एक दो बार जब उसकी खुली हंसी मजाक से आगे बढ़ कर, मैंने उसे एडल्ट जोक आदि सुना कर चुदाई के पूरे मूड में ला दिया और ये तय हो गया कि वो चुद सकती है. लेकिन वो सब बात हो जाने के बाद मना कर देती थी कि किसी को पता चल जाएगा … तो क्या होगा जीजाजी.
मैंने उससे कहा- किसी को पता नहीं चलेगा, मैं मौका देखकर ही काम करूंगा.
वो मुझ पर पूरा भरोसा करती थी और मुझे पसंद भी बहुत करती थी. उसे मेरी नाराज़गी पसंदगी सबका बड़ा ख्याल रहता है.
उससे यूं ही बात होती रही. हम दोनों अब बातों में पूरी तरह से खुल गए थे.
फिर उससे मिलने की चाहत ने जोर मारा तो एक दिन मैं अपनी ससुराल आ गया. मेरी ससुराल में सास ससुर दो साले … दो सालियां … और साले की बीवियां हैं.
मेरे पास उस वक्त 800 मारुति कार थी. मैं उसी से ही ससुराल गया था. मैं जब भी ससुराल जाता हूँ, तो दो दिन तक उधर रुकता हूँ. इस दौरान सब लोग आस पास कहीं भी मेरी कार में बैठकर घूमने भी जाते हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ. वो मेरे बगल की सीट पर आगे बैठ गई. पीछे दोनों सलहजें थीं.
वहां पर वो मौका लगते ही मेरे करीब आ जाती और सेक्सी बातें करने लगती थी.
सच बताऊं तो मैंने अभी तक उसे टच नहीं किया था क्योंकि मैंने उससे कह दिया था कि जब तक वो खुद से नहीं चाहेगी, मैं उसे टच नहीं करूंगा. इसलिए मैं उससे बस ये ही बात करता और उस पर जोर देता कि वो मान जाए.
लेकिन वो चाहती थी कि मैं सही मौके के इन्तजार में रहूँ. ये कहा तो नहीं उसने पर मुझे ऐसा लगा.
इस बार भी मैं खाली हाथ लौट आया. साली मेरे लंड के नीचे नहीं आ सकी. इस तरह मैंने दो तीन बार ससुराल के चक्कर लगाए, पर वो मुझसे चुद न सकी.
आखिरी बार अभी तीन महीने पहले जब मैं अपनी ससुराल गया, तब तक मैं उससे अन्दर टच नहीं कर सका था. पर मैं उसे और वो मुझे, सेक्सी बातों से उत्तेजित कर देते थे.
इस बार मैं ससुराल गया, तो हम लोग वहां से हरियाणा के एक धार्मिक जगह पर घूमने गए. जो वहां से डेढ़ घंटे की दूरी पर थी. मारुति में कितनी सी जगह होती है, तब भी तीन आगे और 4 पीछे बैठ गए. मेरे ससुर और बड़े साले सलहज को छोड़कर बाकी सब गए थे. वो हमेशा की तरह मेरे बाजू में आगे बैठ गई थी. मतलब आगे मैं ड्राईवर सीट पर और मेरे बगल में मेरी साली और उसके बगल में मेरा छोटा साला था. यानि वो बीच में थी. बीच में जहां पर गाड़ी के गियर होते हैं, उसके दोनों तरफ उसकी टांगें थीं. एक टांग तो मेरी टांग से सटी हुई थी और एक टांग मेरे साले से. उसकी दोनों टांगों के बीच में गाड़ी का गियर था.
मैं तो पहले से ही गरम था. उधर वो भी मुझे बड़ी ही नशीली आंखों से देख रही थी. मैं गाड़ी ड्राइव कर रहा था … तो गियर लगाते हुए मैंने पहल कर दी. जब भी मैं गियर बदलता, उसकी जांघों को टच करता था.
वो सलवार सूट में थी. लड़कियों का पजामा ढीला ढाला होता ही है, उसमें से मैं उसकी जांघ को रगड़ कर टच करता … फिर अपना हाथ गियर पर ही रखे रहता. मौका पाते ही मैं अपना अंगूठा उसकी चूत के पास रगड़ देता था.
जब हम जा रहे थे, तो दिन का उजाला था, सो मैंने ज्यादा रिस्क लेना ठीक नहीं समझा. मैं उसको सिर्फ टच ही करता रहा. जब भी मैं गियर लगाता, तो उसकी जांघों को सहला देता था. वो कसमसा जाती थी और मेरी तरफ झुकी नज़रों से देखती थी.
गियर लगाते टाइम मेरी कोहनी उसके मम्मों पर आती थी, तो वो भी अपने मम्मों को मेरी कोहनी पर रगड़ देती थी. ये सिलसिला करीब करीब पूरे रास्ते चला. फिर हम वहां पहुंच गए.
वो मुझसे वहां पर नजरें मिलाती और मुस्कुरा देती थी. मैं भी चुदास से भर कर मुस्कुरा कर जबाब दे देता. बस ये ही चलता रहा … हम दोनों एक दूसरे से कहते कुछ भी नहीं.
अब वापस आते टाइम शाम हो चुकी थी और अंधेरा हो चुका था.
उस अंधेरे में मैं अपने आपको उसकी तरफ से आमंत्रित समझ कर अपने बाएं हाथ को गियर लगाने के बाद उसकी जांघों को कस कर दबाता रहा. उसने भी अपनी टांगें खोल रखी थीं. मैं अपने हाथ को उसकी चुत पर भी ले जाने लगा, तो वो कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो रही थी. मेरी कोहनी उसके मम्मों को रगड़ रही थी. इससे मेरा लंड काफी कड़क हो चुका था.
फिर मैं थोड़ी देर बाद उसकी चुत में पजामे के ऊपर से ही अपनी उंगली से रब करने लगा और उंगली से धक्का लगाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उस अंधेरे में महसूस किया कि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वो मस्त हो गई थी. इस दौरान ना मैं उससे कुछ बोल रहा था … और न ही वो मुझसे कुछ कह रही थी. बाकी सब लोग गाड़ी में बातें कर रहे थे और किसी को हमारी इस रासलीला का कुछ पता नहीं था. क्योंकि वो लोग सब मुझे बहुत ही शरीफ़ मानते हैं.
जब हम सब घर पर पहुंचे, तो वो मुझसे कुछ नहीं बोली, पर मैंने उससे मुस्कुरा कर एक आंख से इशारा किया. वो मुस्कुरा कर बाथरूम में चली गई.
फिर वो मेरे पास जिस कमरे में मुझे सोना था, उधर आ गई थी. ये कोई नया नहीं हुआ था, पहले भी जब भी मैं कमरे में जाता था, तो वो मेरे पास आ कर बैठ जाती थी और मुझसे बातें करने लगती थी, इसलिए उस दिन भी वो मेरे पास आ गई. मैं बेड पर लेटा हुआ था और उससे कोई बात नहीं कर रहा था.
पर मैं उसकी बेचैनी को समझ सकता था. उसने आंखों ही आंखों में मुझसे बहुत कुछ बोल दिया था.
मैंने मौका देखकर उसका हाथ पकड़ लिया और दबाने लगा. वो कुछ भी नहीं बोली. तो मैंने उसके हाथ को सहलाते हुए मेरे हाथ को उसके कंधों पर ले गया और सहलाने लगा. उसने सर झुका लिया, तो मैंने थोड़ा और आगे बढ़ते हुए उसके मम्मों को दबा दिया और सहलाने लगा.
तभी वो बोली कि जीजू कोई देख लेगा.
मैंने कहा कि सब सो गए हैं, कोई नहीं देखेगा.
वो नहीं मानी, तो मैंने उससे कहा कि मैं ऊपर छत वाले बाथरूम में जा रहा हूँ, तुम भी आ जाना.
उन दिनों गर्मी के दिन थे, मैं चला गया. वो कुछ देर बाद आ गई.
मैंने उसे वहां पर पकड़ लिया और चूमने और सहलाने लगा. मैं उसके शरीर के हर हिस्से को सहलाने लगा. वो नाइटी में थी और अन्दर उसके मम्मों पर ब्रा भी नहीं थी. मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गई थी.
पर मैं उसे वहां पर चोदूं कैसे, ये समझ नहीं आ रहा था. क्योंकि कोई भी वहां आ गया, तो मेरी तो वाट लग जाती. वो भी डरी हुई थी. लेकिन मैं मौका भी जाने नहीं दे सकता था.
मैंने अपना हाथ उसकी नाइटी में डालकर उसके मम्मों को दबाने लगा और नाइटी को ऊपर करके एक दूध चूसने लगा. इस दौरान मैंने उसकी पेंटी में एक हाथ डाल कर उसकी चूत को रगड़ने लगा. उसकी चूत पहले से ही गीली हुई पड़ी थी. वो और मस्त हो गई.
तभी उसने कहा कि जीजू अब रहा नहीं जा रहा है.
मैंने फर्श पर बैठ कर उसे मेरी गोद में दोनों तरफ टांगें करके बैठा लिया. फिर अपना लंड बाहर निकाल कर उसकी चूत पर लगा दिया … और धीरे धीरे अन्दर करने लगा. लेकिन मेरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में घुस ही नहीं रहा था. उसे दर्द भी हो रहा था.
चुदाई तो न हो सकी, पर उस रात वो दो घंटे तक मुझसे मज़े लेती रही और मैं भी उसके साथ मज़े लेता रहा.
हालांकि उस रात मैं उसके साथ पूरा मज़ा नहीं ले पाया था और बेकरारी और भी ज्यादा बढ़ गई थी.
दूसरे दिन हम दोनों ने फिर कभी मिलने के लिए बाय की.
अब मैं जल्दी ही वहां पर जाने की तैयारी में हूँ. तब मैं आगे की Hindi sex stories लिखूँगा.
मैं पहली बार अन्तर्वासना में अपनी Hindi Porn Stories कहानी भेज रहा हूँ। मैं एक ३३ साल का लड़का हूँ और सभी की तरह मेरे अन्दर भी सेक्स करने की बहुत इच्छा थी। मेरा नाम टॉम है (बदला हुआ नाम) मेरा शरीर गठीला और लण्ड ९ इंच लंबा और २.५ इंच मोटा है।
यह उस वक्त की बात है जब मैं २५ साल का था और मेरे ऑफिस में एक लड़की की नई नई आई। वो लड़की हमारे शहर की नहीं थी इसलिए एक कमरा लेकर दो और लड़कियों के साथ पेइंग गेस्ट की तरह रहती थी। मेरी शादी अभी नहीं हुई थी, इसलिए मुझे सेक्स करने की कुछ ज्यादा ही इच्छा होती थी पर कोई लड़की हो तो ही न सेक्स करे !
कुछ महीने बीत गए और उस लड़की और मुझ में दोस्ती हो गई। फिर हम कभी होटल में काफ़ी पीने तो कभी खाना खाने जाने लगे। इसी बीच मेरा प्रमोशन हो गया और इसी प्रमोशन की खुशी में मैं और पारो एक दिन आउटिंग के लिए गाँव चले गए।
हम गाँव जाने के लिए स्कूटर पर निकल पड़े। गाँव के नजदीक आते ही पारो को मस्ती सूझी उसने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया और उसके छूने से मेरा लण्ड तुंरत ही खड़ा हो गया। उसने अपने मुम्मे मेरी पीठ पर इस तरह से चिपकाये थे कि मेरा लण्ड एकदम कड़क हो गया। अब मुझसे बिल्कुल रहा नहीं गया।
मैंने गाड़ी नहर के किनारे लगा दी और पारो को लेकर झाड़ी की आड़ में ले गया और उसे इस तरह लिटाया के कोई हमें देख न सके। फिर मैंने उसे चूमना शुरू किया और ऐसा करने की वजह से वो पूरी तरह से गरम हो गई और उसने मुझे अपने नीचे लेकर ख़ुद ऊपर की पोज़िशन ले ली।
मैं समझ गया कि आज अपनी निकल पड़ी है। पारो ने मेरी पैन्ट उतारी और मेरा लण्ड मुँह में लेकर खूब जोर जोर से चूसने लगी। मैंने तुंरत अपनी पोजिशन बदली, उसका कुरता ऊपर सरकाया और उसके मुम्मे मुँह में लेकर खूब जोर जोर से चूसने लगा। उसे भी बहुत मज़ा आने लगा था और वो सिसकारियाँ भरके मुझे जवाब दे रही थी। फिर हम दोनों ही एक दूसरे को चूसना चाहते थे इसलिए हमने 69 में हो कर एक दूसरे के गुप्तांग मुँह में लेकर चूसना शुरू किया और हमें मज़ा भी बहुत आ रहा था।
मगर असली मज़ा तो लण्ड और चूत के मिलन के बाद ही आने वाला था। थोड़ी देर में हम दोनों एक दूसरे के मुँह में झड़ गए।
पारो उठ कर खड़ी हो गई और उसने फिर एक बार मुझे किस करते हुए मेरे कानों में कहा- क्या बात हैं ! मैं तो जानती ही नहीं थी कि असली मज़ा तो मेरी चूत को चूसनेवाला ही मुझे दे सकता है !
वो मेरे चुसाई की दीवानी हो गई थी और इसका सबूत यह है कि उसने आव देखा न ताव ! वो सीधा मेरे मुँह पर आकर बैठ गई और अपनी चूत को फ़ैला फैला कर उसे चूसने के लिए मेरी मिन्नतें करने लगी। उधर मेरा लण्ड अभी तक सोया हुआ ही था इसलिए मैंने भी पारो की चूत के अन्दर अपना मुँह घुसेड़ दिया और पागलों की तरह उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा। इसी दौरान उसकी टांगों में अकड़न आ गई और मैं समझ गया कि वो अब झड़ने वाली हैं।
वो मेरे मुँह में ही झड़ गई और शांत होने के बाद उसने मेरे मुँह में अपनी जुबान डालकर मुझसे खेलने लगी। उसने अपने हाथ को मेरे लण्ड के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया। अब मेरा लण्ड धीरे धीरे अपनी सीमाएं तोड़ रहा था। वो अपनी पूरी मस्ती में आ गया था। मुझसे भी अब रहा नहीं गया और मैंने पारो को जल्दी से अपने नीचे लिटाकर उसकी टाँगें ऊपर उठा ली। मैंने पारो को अपने हाथ से लण्ड को अपनी चूत पर लगाने को कहा और उसने बिना वक्त गंवाए ऐसा ही किया। उसने धीरे से अपनी कमर उठाकर मेरे लण्ड को अपनी चूत में समां लेना चाहा मगर मेरा विशाल लण्ड अन्दर लेने में उसे बहुत दिक्कत आ रही थी क्योंकि उसकी चूत बहुत ही नाजुक थी।
अब मैंने एक तरकीब लगाने की सोची, इससे पारो को दर्द तो होगा मगर उसे समझ नहीं आएगा कि कब मेरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर चला जाएगा।
मैंने पारो को पीठ के बल लेटने को कहा और अपनी टांगें मेरे कन्धों पर रखने को कहा, उसने ऐसा ही किया। फिर मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पे रखकर एक हल्का सा धक्का लगाया, उसके मुँह से जोर से आवाज़ आई- उई उइ माँ मर गयी मैं ! क्या करते हो बहुत मोटा लण्ड है तुम्हारा !
उसे बहुत जोर से दर्द हुआ। अब मैंने सोचा जब दर्द हो ही रहा है तो क्यों न दो चार और धक्को में अपना पूरा लण्ड अन्दर कर दूँ। मैंने अपनी पूरी ताकत से पारो को और दो धक्के दिए और मेरा पूरा लण्ड पारो की चूत को चीरता हुआ अपनी मंजिल तक पहुँच गया। अब पारो चिल्ला रही थी- प्लीज़ ! मेरी चूत को फाड़ दो ! और जोर जोर से नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
मुझे भी अब मज़ा आने लगा था और मैंने भी पारो की खूब अच्छी तरह से गहराइयाँ नापने की ठान ली। मैंने पारो को कभी कुतिया की तरह खड़ा करके तो कभी कामसूत्र वाली पोज़िशंस में, खूब अल्टा पलटा कर चोदा। पारो भी अब चुदने का मज़ा उठा रही थी। करीब आधे घंटे के बाद जब मैंने अपना पानी बाहर निकलने की इच्छा ज़ाहिर की तो पारो ने बिना वक्त गंवाए मेरे लुंड को अपने मुँह में भर लिया और कहने लगी आज मुझसे यह मज़ा मत छीनो !
फिर मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और विश्वास कीजिये कि आज से पहले मुझे झड़ने में कभी इतना मज़ा नहीं आया।
मैं अब शांत हो चुका था मगर पारो अभी भी झड़ी नहीं थी उसने एक बार फिर मेरे मुँह पर बैठने की इच्छा जताई और मैंने हां कह दिया। फिर पारो मेरे मुँह पर बैठ गई और उसकी चूत की खुजली मिटाने में मैंने उसकी मदद की और कुछ ही पलों में वो भी झड़ गई।
इतने में हमें एक काला साँप वहाँ पर दिखाई पड़ा और हम दोनों अपने कपड़े ठीक कर के वहाँ से चल दिए।
बाद में हमने कभी ऑफिस में, तो कभी होटल के रूम में, तो कभी डैम के किनारे, पर तो कभी रास्ते में कई बार चुदाई की। पर वो कहानियाँ अलग है और वो मैं आपको अगली बार की कहानी में बताऊंगा। Hindi Porn Stories
आप ने पढ़ा
मैं इन्ही सोचो मे गुम था कि खाला कुछ देर बाद रूम मे एंटर हुई… मैने जब खाला की तरफ देखा तो देखता ही रह गया.. .क्योंकि खाला जो लग रही थी ना.. कमाल लग रही थी. खाला ने वाइट कपड़े पहने हुए थे.. रेशमी कपड़े थे ट्रॅन्स्परेंट टाइप के.. खाला का ब्रा भी सॉफ ऑर क्लियर नज़र आ रहा.. ब्रा तो छोड़ो मुझे खाला का पूरा जिस्म सॉफ नज़र आ रहा था.. ऑर उपर से खाला का गीला जिस्म…. वो रेशमी कपड़े भी खाला के जिस्म से चिपके हुए थे….
मेरी नज़रें तो जैसे खाला से चिपक गई थी.. खाला ने मेरी नज़रो को समझा तो खाला बोली.. अयान,,,,,, क्या देख रहे हो..
अब आगे…
मैं सटपटा गया ऑर बोला: खाला आप बहुत प्यारी लग रही हो..
खाला: अच्छा मैं कैसे प्यारी लग रही हूँ. अभी तो मैं तैयार भी नही हुई..
मैं: खाला आप इन कपड़ो मे बहुत प्यारी लग रही हो.. ये कलर आप पर बहुत सूट कर रहा है.. मगर एक प्राब्लम है..
खाला: प्राब्लम???? केसी प्राब्लम ऑर खाला अपना कपड़ों की तरफ देखने लगी….
मैं: ये कपड़े बहुत ट्रॅन्स्परेंट हैं… सब कुछ नज़र आ रहा है..
खाला: क्या नज़र आ रहा है….. सिर्फ़ ब्रा ही नज़र आ रही है ना.. ऑर ब्रा तो तुम पहले ही देख चुके हो.. ऑर ब्रा से काफ़ी एंजाय भी कर चुके हो..
मैने शरम के मारे सिर झुका लिया ऑर खाला हँसने लगी….
फिर खाला मेरे पास आ कर बेड पर लेट गई.. ओर मैं खाला को देखता रहा ऑर खाला मुझे देखती रही..
मैं बेड पर खाला के साथ लेटा हुआ था. पर हम दोनो एक दूसरे को देख रहे थे.
खाला: यार मैं तो बहुत ज़्यादा थक गई हूँ.
मैं: खाला आप थोड़ा रेस्ट कर लो. आज आप ने अकेले ही सारे घर का काम किया है. थकना तो लाज़मी था.
खाला: ह्म्म मुझे हल्की हल्की नींद आ रही है.
खाला: अयान, जान एक काम करो गे..
मैं: जी,, बोलो.
खाला: जान ज़रा मेरा सिर दबा दो. सिर मे बहुत दर्द हो रहा है.
मैने कहा ठीक है. मैं खाला के सिरहाने बैठ गया ऑर उनका सिर दबाने लगा..
खाला की आँखें खुमार था. उन्हे नींद आ रही थी. मैने खाला की आँखे मे देखा तो उनकी आँखे लाल हो रही थी.
मैं: खाला मैं आप का सिर दबा रहा हूँ.. आप सो जाओ..
खाला के फेस पर हल्की सी स्माइल आई ऑर उन्होने मेरे हाथ पकड़ कर उस पे किस की..
खाला: थॅंक्स मेरी जान..
मैने खाला के गाल पर एक किस की. तो खाला ने मुझे एक स्माइल पास की ओर अपनी आँखे क्लोज़ कर ली.
मैं उनका सिर दबा रहा था. तक़रीबन 10 मिंट तक मैं खाला का सिर दबाता रहा.
फिर मैने खाला को हल्की सी आवाज़ दी… खाला… खाला….
खाला ने मेरी बात का कोई जवाब नही दिया. मैं समझ गया कि वो सो गई है.
मैं भी उनके साथ ही लेट गया ऑर लेटे लेटे उनका सिर दबाने लगा… सिर दबाते दबाते मुझे पता नही क्या हुआ ऑर मैं खाला के फोर्हेड पर हाथ फेरने लगा..
फोर्हेड पर हाथ फेरने के बाद मैने डरते डरते खाला के फोर्हेड पर किस कर दी..
मुझे डर भी लग रहा के कहीं वो जाग ना जाए.
जब मैने उनके फोर्हेड पर किस की तो मैने एक दम से उनके फेस की तरफ देखा.. मगर उनका फेस उसी तरह नॉर्मल था.
मुझे यक़ीन हो गया कि खाला सच मे सो रही है.. क्योंकि ऐसा हो ही नही सकता कि एक लड़की जाग रही हो. ऑर एक लड़का उसके इतने क़रीब हो एक दूसरे की गरम गरम साँसे आपस में मिल रही हों ऑर लड़की के फेस एक्सप्रेशन्स चेंज ना हो.
मैने अपना यक़ीन पक्का करने के लिए खाला के गाल पर किस की…
खाला को कुछ भी फील नही हो रहा था. अब मुझे पक्का यक़ीन हो गया कि वो सो रही हैं.
मैं उनके पास ही लेट गया ऑर उनको देखने लगा.. मेरी खाला सोते हुए बहुत प्यारी लग रही थी. बहुत मासूम सी..मुझे अपनी खाला पर बहुत प्यार आ रहा था.. ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई परी उड़ते उड़ते थक गई हो ऑर फिर वो नींद की आगोश मे चली गई हो..
मेरी खाला बहुत खूबसूरत थी या फिर शायद मेरे प्यार की नज़र मे वो दुनिया की सब से हसीन लड़की थी..
खाला के बारे मे सेक्स फीलिंग्स से पहले भी मेरी खाला मेरे लिए ऐसी ही थी. बहुत प्यारी मेरी दोस्त भी ऑर खाला भी… बट सेक्स फीलिंग्स के बाद तो वो मुझे ऑर भी प्यारी लग रही थी..
मैं खाला को सोते हुए देख रहा था. ऑर सोच रहा था कि काअस्स्स्स्शह अगर ये मेरी खाला ना होती तो मैं इन से शादी कर लेता….
ये सोचते सोचते एक ख़याल आया कि क्या हुआ अगर शादी नही हो सकती तो… शादी वाले काम तो हो सकते हैं ना… ये ख़याल आते ही मेरे फेस पर एक स्माइल आ गई..
मैने खाला के राइट गाल पर हाथ रखा ओर उनके सॉफ्ट सॉफ्ट गाल फील करने लगा… मैं उनके फेस पर हाथ फेरने लगा.. तब मेरी नज़र उनके लिप्स पे पड़ी.. उनके पतले पतले गुलाबी होन्ट बहुत अच्छे लग रहे थे.. मैने अपनी एक उंगली उनके लिप्स पर टच की ऑर देखा के खाला को कुछ भी फील नही हुआ तो उस से मेरी हिम्मत बढ़ गई.
मैं खाला के लिप्स पर अपनी उंगली मूव करने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. दिल कर रहा था कि अभी उनके होंठो का सारा रस चूस लूँ.. मगर डर भी तो लग रहा था..
मैं अपने जज़्बात पर क़ाबू नही कर पाया ऑर मैं ने अपना सिर उपर उठा कर अपने लिप्स उनके लिप्स पर एक या 2 सेकेंड के लिए रख दिए.
जिस से खाला के जिस्म मे हल्की सी हरकत हुई तो मैं एक दम से सीधा हो कर लेट गया..
खाला ने नींद मे ही हरकत की थी. ऑर मेरे उपर हाथ रख दिया. एक पल के लिए मुझे लगा कि शायद खाला जाग गई है. मगर मेरा अंदाज़ा ग़लत साबित हुआ. खाला सो रही थी ऑर ये हरकत भी उन्होने नींद मे की थी…
hindi sex stories
अब खाला का हाथ मेरे उपर था. ऑर खाला ने मेरी तरफ करवट ली हुई थी. मैने खाला का हाथ अपने उपर पड़े रहने दिया ऑर खाला के उपर हाथ रख दिया ऑर उनको हग कर लिया.
जब मैने खाला को हग किया तो उनके बूब्स मेरे साथ टच हो रहे थे. मैं थोड़ा सा पीछे हुआ ऑर उनके बूब्स को देखने लगा..
उनके 36 साइज़ के बूब्स ब्लॅक ब्रा मे क़ैद बहुत खूबसूरत लग रहे थे.. मैने खाला की आँखो की तरफ देखा तो वो तो गहरी नींद मे थी ऑर सो रही थी..
मैं थोड़ा सा उपर हुआ ऑर खाला के लिप पर हल्की सी किस की.. जब कोई रेस्पॉन्स ना मिला तो मैं आहिस्ता आहिस्ता खाला के लिप्स पर किस करने लगा… मेरी ये किस ज़्यादा से ज़्यादा 3 सेकेंड की होती थी…. क्योंकि मुझे डर भी था कि कहीं खाला उठा ना जाएँ.. जब मैने कोई 10 बार किस कर ली तो मैने अपनी ज़ुबान निकाल कर खाला के लिप्स से टच की…
मुझे अब ज़ुबान टच करते हुए मज़ा आ रहा था. ऑर उधर मेरा लंड खड़ा हो गया था….
मैने लेग्स पर खाला का दुपट्टा लपेटा हुआ था.. जिस से मेरा खड़ा लंड साफ तोर पर नज़र आ रहा था…
मैं अब लंड को सुलाने की फिकर मे लग गया ऑर अब मेरा मूठ मारने का कोई इरादा भी नही था. क्योंकि मैं सुबह से 2 बार मूठ मार चुका था……
मैं खाला के साथ लेट गया ऑर अपना सिर उनके सीने पर रख दिया.. खाला की हार्ट बीट मुझे सुनाई दे रही थी…. मैने खाला को टाइट हग किया ऑर उनके जिस्म की खुश्बू को सूंघने लगा.. मुझे उनकी खुश्बू से कुछ कुछ होने लगा..
मैं एक बार फिर थोड़ा सा पीछे हुआ… ऑर खाला के बूब्स को देखने लगा… मैने हिम्मत कर के खाला के बूब्स के उपर हाथ रख ही दिया ऑर अपनी आँखे क्लोज़ कर ली..
मैं ये ज़ाहिर कर रहा था कि मैं सो रहा हूँ.. मगर दूसरी तरफ से कोई हरकत ना हुई….. मैने हिम्मत कर के खाला के एक बूब को हल्का सा दबाया. मेरे दबाने से खाला के जिस्म मे हल्की सी हरकत हुई तो मैने अपनी आँखे बंद कर दी… खाला ने अपनी आँखे खोल कर मुझे देखा ऑर मेरी बंद आँखो को देख कर खाला समझी कि मैं सो रहा हूँ. तो खाला ने मुझे हग कर लिया ऑर मेरा सिर अपने सीने पर रख दिया…मेरा फेस उनकी कमीज़ के गले के उपर नंगे सीने पर था…
मैं उनके जिस्म को स्मेल करने लगा….. उनके जिस्म को स्मेल करते करते मुझ पर भी नींद छाने लगी ऑर मैं भी खाला को हग कर के नींद की आगोश मे चला गया
मैं जब खाला के साथ चिपक कर सोया हुआ था तो उस टाइम 1 बज रहा था.. मैं तक़रीबन 2 घंटे सोया था तो मेरी आँख खुल गई थी…. मैने खाला की तरफ देखा तो वो अभी तक सो रही थी.. शायद वो बहुत ज़्यादा थक गई थी……
मैने वॉल क्लॉक पर टाइम देखा तो 3:30 हो रहे थे.. मगर मुझे रूम मे कुछ अंधेरा अंधेरा सा लगा.. दोपहेर का टाइम था ऑर रूम की लाइट तो ऑफ थी.. मगर दिन के टाइम धूप की वजह से रूम मे रोशनी होती है.. मुझे वो रोशनी कम लग रही थी..
मैं रूम से बाहर निकला ऑर सहन मे आ कर देखा तो आसमान पर बादल छाए हुए थे ऑर ठंडी हवा चल रही थी.. मौसम बहुत प्यारा हो गया था ओर बारिश होने के आसार थे… मैं सहन मे ही चारपाई पर बैठ कर हवा को एंजाय करने लगा..
मैं कुछ देर वहाँ बैठा रहा तो माइंड मे ख़याल आया कि क्यू ना खाला को भी उठा दिया जाए ता कि वो भी मोसम एंजाय कर सके….. ये सोचते ही मैं रूम की तरफ गया, खाला अभी भी सो रही थी.. मुझे उन पर बहुत प्यार आया ऑर मैने झुक कर खाला के गाल पर एक किस की.. ऑर उनको हल्का सा हिलाया..
खाला ने नींद मे एक करवट ली ऑर आहिस्ता आहिस्ता अपनी आँखे खोल दी.. पहले तो वो कुछ देर नींद की खुमारी मे रही.. मैने एक बार फिर से आवाज़ दी तो खाला नींद की खुमारी से बाहर निकली ओर मुझे अपने सामने खड़ा हुआ पाया.. उन्होने मुझे देख कर एक स्माइल पास की ऑर मेरी तरफ देख कर बोली:
खाला: क्या हुआ जान, मुझे क्यू जगा दिया..
मैं: खाला, देखो बाहर इतना प्यारा मोसम हो रहा है.. चलो बाहर चल कर एंजाय करते हैं
खाला: नही यार मुझे नींद आ रही है..
मैं: ओहो खाला अब उठ तो गई हो.. चलो ना बाहर जा कर बैठ ते हैं…
ये बोल कर मैने खाला का हाथ पकड़ा ऑर उनको बाहर ले आया.. खाला बाहर निकली तो उनको भी मोसम बहुत अच्छा लगा…
खाला: अयान, रियली यार मोसम तो बहुत अच्छा हो रहा है..
मैं: हाँ जी इसी लिए तो आप को जगाया है मैं ने..
खाला: अयान क्यो ना आज आइस क्रीम खाने चलें…
मैं: हाँ, हाँ चलो… क्यू नही..
खाला ने कहा ओके मैं तैयार हो कर आती हूँ. ऑर ये बोल कर वो कपबोर्ड से कपड़े निकालने चली गई ऑर कपड़े ले कर निकली तो नहाने के लिए चली गई..
जब खाला नहा कर निकली तो मैने खाला से कहा कि आप हल्का सा मेकप भी कर लो.. खाला ने स्माइल पास की ऑर बोली…. क्यू जी, मैं मेकप क्यू कर लूँ…
मैने कहा कि मेकप मे अच्छी लगो गी..
खाला: तो क्या मैं मेकप के बिना अच्छी नही लगती..
मैं: खाला जान, ये बात नही है.. आप मेकप करो या ना करो.. आप तो मुझे दुनिया की सब से हसीन लड़की लगती हो.. आप बहुत अच्छी लगती हो मुझे.. आइ लव यू खाला
खाला: अच्छााआअ,,, ऐसी क्या बात है मुझ मे..
मैं: ज़रूरी तो नही है कि अच्छा लगने के लिए कोई वजह हो.. बिना किसी वजह के ही आप मुझे अच्छी लगती हो..
खाला: अच्छा ये बताओ, तुम्हे मुझ मे क्या अच्छा लगता है,???????
मैं खाला की बात सुन कर थोड़ा सा सटपटा गया कि अब क्या जवाब दूं खाला को…
मैने एक मिंट के लिए सोचा ऑर बोला: मुझे आप का सब कुछ बहुत अच्छा लगता है…
खाला: सब कुछ मे क्या क्या?????
वो शायद मुझे टीज़ करने का प्रोग्राम बनाए बैठी थी..
मैं: सब कुछ मे तो सब कुछ आ जाता है ना.. आप के बालों, आँखे, चीक्स एट्सेटरा एट्सेटरा
खाला: ऑर क्या क्या????
मैं: शरमाते हुए.. सब कुछ ना
ओर मैं उठ कर वॉशरूम जाने लगा तो खाला ने मेरा हाथ पकड़ लिया ऑर मुझसे बोली…
खाला: तुम ऐसे नही जा सकते,,,, पहले मेरी बात का जवाब दो….
मैं: अंजान बनते हुए,, कौनसी बात का…??????
खाला: यही कि तुम्हे मुझ मे क्या क्या अच्छा लगता है..????
मैं: बताया तो है कि मुझे आप का सब कुछ अच्छा लगता है.. बल्कि आप मुझे पूरी की पूरी अच्छी लगती हो…
खाला: यही तो मैं पूछ रही हूँ कि क्या क्या अच्छा लगता है….
खाला ने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था.. ऑर वो मेरी तरफ देखते हुए हल्के गुस्से से बोली..
देखो अयान तंग ना करो ऑर सच सच बोलो कि तुम्हे मुझ मे क्या क्या अच्छा लगता है.. वरना मैं नाराज़ हो जाउन्गी…
मैं: देखो खाला…. मुझे आप के बाल बहुत अच्छे लगते हैं.. आप के सिल्की सिल्की बाल मुझे बहुत अच्छे लगते हैं ऑर जब आप नहा कर बाहर निकलती हो तो मुझे आपके बालों की स्मेल बहुत अच्छी लगती है..
Hindi Sex kahaniya
खाला शायद अपनी पूरी तारीफ सुन,ने के मूड मे थी.. वो मुस्कुराते हुए..
खाला: ऑर….????
मैं: मुझे आप की आँखे भी बहुत अच्छी लगती है.. जब आप नहा कर निकलती हो तो आप की आँखे लाल होती हैं.. बिल्कुल ऐसा लगता है कि आप नशे मे हो.. ऑर इन नशीली आँखों मे डूब जाने को दिल करता है..
मैं एक फिल्मी हीरो की तरफ फिल्म के डाइयलोग मार रहा था ऑर खाला मेरा डाइयलोग सुन कर हँसने लगी… ऑर पूछा..
खाला: अच्छा ऑर भी बताओ ना..
मैं: अगर ऑर बताया तो आप नाराज़ हो जाओगी …
खाला: अरे नही नाराज़ होती..
मैं: प्रॉमिस…?????
खाला: अरे य्ाआआरररर,,, चलो प्रॉमिस बाबा…
ये बोल कर खाला ने मेरी तरफ दूसरा भी हाथ बढ़ाया ऑर मैने उनका हाथ पकड़ लिया..
मैं: खाला मुझे आप के ये पतले पतले होन्ट (लिप्स) बहुत अच्छे लगते हैं..
खाला के फेस एक मासूम मुस्कुराहट आई..
खाला: क्यू ऐसा क्या है मेरा होंठो मे..
मैं: खाला पता नही बस मुझे आप के ये होन्ट बहुत अच्छे लगते हैं… दिल करता है कि इनको भी एक बार किस करूँ….
खाला ने मेरी बात सुनी तो बहुत हैरान हुई.. ऑर फिर प्यार भरे अंदाज़ मे बोली:
खाला: तो क्या हुआ अगर तुम चाहते हो तो तुम किस भी कर सकती हो.. तुम तो मेरी जान हो..
मैं: शरमाते हुए.. नही खाला बस छोड़ो , मैं तो ऐसे ही बोल रहा था..
खाला: नही…… अब तो तुम मुझे मेरे लिप्स पर किस करो गे….
ऑर ये बोल कर खाला ने अपना फेस मेरे फेस के बिल्कुल क़रीब कर लिया ऑर बोली: लो,,,, किस करो इनको…
मैने आज से पहले कभी किसी लड़की को किस नही की थी.. ये मेरी फर्स्ट किस थी जो मैं अभी करने वाला था..
मेरा गला खुश्क हो गया था.. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे के सेहरा ( रेगिस्तान ) मे भागता रहा हूँ ऑर बहुत प्यास लगी है.. मैं अपने लिप्स पर ज़ुबान फेरने लगा..
दिल तो कर रहा था कि अभी खाला के होंठो का सारा रस चूस लूँ मगर पता नही क्यू,, मुझ मे हिम्मत नही हो रही थी…..
मैं तो खुद भी यही चाहता था कि खाला के लिप्स को चूसू मगर अब जब खाला खुद मुझे बोल रही थी तो मुझ से नही हो पा रहा था.. मैने बहुत हिम्मत पैदा करने की कोशिश की मगर नही कर पाया…
खाला मेरी तरफ देखते हुए बोली: अरे क्या देख रहे हो.. अभी तो बोल रहे थे कि किस करना चाहते हो.. ऑर अब, जब कि मैं खुद तुम्हे बोल रही हूँ तो तुम नही कर रहे हो…
खाला: चलो मैं अपनी आँखे बंद कर लेती हूँ फिर तुम मुझे किस करो..
ये बोल कर खाला ने अपनी आँखे बंद कर ली… मैने हिम्मत की ऑर खाला के लिप्स के क़रीब अपने लिप्स ले कर गया.. ऑर खाला के लिप्स पर अपने लिप्स रख कर एक दम से हटा दिए.. कोई 2 सेकेंड तक के लिए मैने लिप्स रखे थे..
खाला ने झट से अपनी आँखें खोली ऑर मुझे कहा: ये क्या????????
मैने कुछ नही कहा क्योंकि मेरी तो आवाज़ ही नही निकल रही थी..
खाला ने मेरी हालत को नोट किया ऑर मेरा हाथ पकड़ कर रूम मे ले आई, ऑर मुझे बेड पर बिठा दिया ऑर खुद मेरे साथ ही बैठ गई…. खाला ने बहुत प्यार भरे अंदाज़ मेरे बालों मे उंगलियाँ मूव की ऑर बोली…
खाला: तुम्हे तो किस करना भी नही आती.. क्या पहले कभी किसी को किस नही की…
मैं: मैने अपना सिर नही मे हिला कर इनकार किया..
खाला: तो पहले नही की तो क्या हुआ.. आगे तो कोई ना कोई गर्ल फ्रेंड तुम्हे मिल जाए गी तो उसको तो करोगे ना…
मैने सिर उठा कर खाला की तरफ देखा मगर मुँह से कुछ नही बोला..
खाला: चलो मैं तुम्हे किस करना सिखाती हूँ..
मैं: नही खाला अभी नही… फिर कभी.. क्योंकि सोचने ऑर रियल मे करने मे बहुत फ़र्क़ होता है.. ऑर जब कि आप का फर्स्ट टाइम हो तो फिर आप कुछ कर ही नही सकते….
खाला: नही अभी ही…
मैने थोड़ी बहुत बहस की मगर फिर खामोश हो गया.. खाला मेरी खामोशी को समझ गई ऑर मेरा हाथ पकड़ के अपने क़रीब किया…
खाला ने मेरे दोनो हाथ पकड़ के अपनी कमर पर रखे ऑर अपने दोनो हाथ मेरी कमर पर रखे…
वो अपने फेस को मेरे क़रीब लाती गई ऑर मुझे पसीना आ रहा था.. खाला मेरी आँखे मे देखती देखती अपने फेस को स्लोली स्लोली मेरे फेस के क़रीब ला रही थी..
खाला की साँसे मुझे फील होने लगी थी ऑर मेरे बॉडी टेंपॅरेचर हाइ होने लगा था.. नीचे शलवार मे हल्की हल्की सी हरकत होने लगी थी..
खाला अपने लिप्स को मेरे लिप्स के क़रीब लाई…
ऑर मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए.
खाला ने जैसे ही मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रखे. मैने अपनी आँखे क्लोज़ कर लीं.
खाला को भी शायद ठीक तरह से किस्सिंग नही आती थी. वो अपने लिप्स को मेरे लिप्स पर स्लोली स्लोली रगड रही थी.. हम दोनो की आँखे बंद थी. वो कभी मेरे अपर लिप को अपने लिप्स मे ले कर चूस्ति ऑर कभी मेरे लोवर लीप को.. मैने अपनी आँखे एक लम्हे के लिए खोली तो देखा कि खाला की आँखे क्लोज़ थी… मुझ पर अब सेक्स का नशा चढ़ने लगा था.
नीचे शलवार मे मेरे लंड साहिब पूरी तरह खड़े हो गये थे. ऑर मेरा लंड खाला की थाइस को टच कर रहा था.. ये पहली बार ऐसा हुआ था क्य जागते हुए मेरा लंड खाला से टच हो रहा था.. उन्होने भी मेरे खड़े लंड को महसूस कर लिया ऑर थोड़ा क़रीब हो गई.
मैं खाला की थाइस से अपने लंड को रगड़ने लगा जिसकी वजह से मुझ पर मुकम्मल तौर् पर सेक्स का नशा छा गया.
मुझे किस्सिंग करनी तो नही आती थी मगर जो कुछ पॉर्न मूवीस मे देखा वोही अप्लाइ करने का सोचा..
मैं भी खाला के लिप्स पर अपने लिप्स रगड़ने लगा उधर वो भी मुकम्मल तौर पर मेरा साथ दे रही थी…. मैने खाला के अपर लिप्स को अपने लिप्स मे लिया ऑर चूसने लगा… मेरी इस हरकत पर खाला ने भी मुझे जल्दी जल्दी किस्सिंग स्टार्ट कर दी..
मेरा लंड मुकम्मल तौर पे खड़ा हो गया था ऑर मैं खाला की थाइस से अपना लंड मुसलसल रगड़ रहा था..
खाला ने मेरी कमर से एक हाथ हटाया ऑर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी लेग्स के बीच मे पुश कर दिया.. इसके बाद उन्होने फिर से मेरी कमर पर हाथ रखे ऑर मेरी कमर को अपनी तरफ पुश करने लगी.. मैने भी अपना लंड खाला के लेग्स के बीच मे पुश किया जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी चूत को लगने लगा..
मैं अपना लंड बार बार खाला के लेग्स के बीच मे पुश करता.. ऑर खाला के लिप्स को चूस्ता रहा. फिर मैने अपनी ज़ुबान से खाला के मुँह पर दस्तक दी…. पहले तो खाला नही समझी.. मगर जब मैने अपनी ज़ुबान खाला के मुँह मे पुश करने लगा तो खाला ने अपना मुँह खोल दिया. ऑर मैं अपनी ज़ुबान उनके मुँह के अंदर मूव करने लगा… मेरे मुँह का थूक खाला के मुँह मे जा रहा था ऑर उनके मुँह का थूक मेरे मुँह मे आ रहा था…
मेरा लंड खाला की चूत को टच हो रहा था. मैं अपने लंड को बार बार उनकी लेग्स के अंदर पुश कर रहा था… जब मेरा लंड खाला की चूत के एंड वाले हिस्से पर लगा तो खाला ने अपनी लेग्स बंद कर ली…. ऑर मेरे लंड को अपनी चूत पर टाइट कर लिया…..
किस करते करते मुझे ऐसा फील हुआ कि शायद मेरा लंड हल्का हल्का गीला हो रहा है.. मैं समझा कि शायद मैं फारिघ् हो गया हूँ…
मगर मेरा लंड अभी भी टाइट था ऑर खाला की लेग्स आहिस्ता आहिस्ता ओपन होने लगी ऑर खाला की साँसे तेज होने लगी.
कहानी जारी रहेगी………….
मेरा नाम विकास वर्मा है, मैं Hindi Sex Stories दिल्ली से हूँ. मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं इसलिये मैं भी अपनी एक कहानी लिखने जा रहा हूँ जो कि सच्ची है.
बात उन दिनों की है जब मैंने बारहवीं के इम्तिहान दिए थे. मेरे भाई-भाभी मुम्बई में रहते हैं, मैं रिजल्ट निकलने तक मुम्बई चला गया. मैं दिल्ली से कभी बाहर नहीं गया था, यह मेरा पहला मौका था पर मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि पहला मौका हमेशा के लिये यादगार रहेगा.
मैं मुम्बई स्टेशन पर पहुंचा, मेरा भाई मुझे लेने के लिए वहाँ पर आया था. मैं उनके साथ घर चला गया. जब घर पहुंचा तो भाभी से मिला और फिर मैंने फ़्रेश होकर खाना खाया, मेरी भाभी और भाई बहुत अच्छे हैं.
पड़ोस में एक सेक्सी भाभी रहती हैं, उनके पति मेरे भाई के साथ ही काम करते हैं. मेरी उनसे भी जान पहचान हो गई और मैं उनके घर भी जाने लगा और सुजाता भाभी (पड़ोस वाली भाभी) को भी अपनी भाभी की तरह इज़्ज़त देता था. सात-आठ दिनों में मैं उससे घुल-मिल गया जैसे वहीं पर सालों से रहा हूँ और उन्हें जानता हूँ.
मेरा भाई और पड़ोस के भाई एक ही पोस्ट पर काम करते हैं सो उनको काम से मुम्बई से 15 दिनों के लिए बाहर जाना था. वो चले गये. मेरी भाभी को भी एक सहेली की शादी में पुणे जाना था, वो उनकी सबसे अच्छी सहेलियों में से एक थी, उनको 1 सप्ताह के लिये जाना था, सो वह अपने कपड़े सम्भाल रही थी.
भाभी ने मुझसे कहा- तुम भी मेरे साथ पुणे चलो!
पर मुझे न जाने क्यों पुणे जाने का मन नहीं था, मैंने भाभी से कहा- मुझे वहाँ कोई नहीं जानता, आप जाओ.
उन्होंने कहा- नहीं! चलो!
और मुझे पर जोर देने लगी.
फिर मैंने बहुत मना किया तो वो मान गई.
फिर उन्होंने मुझसे सुजाता भाभी को बुलाने के लिये कहा. मैंने भाभी को बुलाया और भाभी ने सुजाता से कहा- मैं शादी में जा रही हूँ, तुम विकास के लिये खाना बना देना.
सुजाता भाभी ने कहा- कोई बात नहीं! अगर आप नहीं कहती तो भी मैं विकास के लिये खाना बना देती.
और फिर भाभी अगले दिन चली गई. मैं घर में अकेला था सुजाता भाभी ने मुझे नाश्ता करने के लिये कहा और मैं उनके घर चला गया. नाश्ता करने के बाद मैं अपने फ़्लैट में जाने के लिये हुआ तभी सुजाता भाभी ने मुझे कहा- विकास, वहाँ अकेले क्या करोगे? यहीं पर रहो!
और मैं भी सोच रहा था कि वहाँ क्या करुंगा और फिर हम दोनों बात करने लगे. बातों बातों में उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेंड है?
मैंने कहा- भाभी, अभी तो मैं बच्चा हूँ, मेरी कोई गर्लफ़्रेंड कैसे हो सकती है?
वो हंसने लगी.
पता नहीं क्यों अब मुझे उनमें रुचि होने लगी थी. मैंने उनके वक्ष की तरफ़ देखा. उनके स्तन काफ़ी बड़े हैं उनकी फ़ीगर 38-29-38 होगी. वो हमेशा घर में रहती हैं तो हल्के कपड़े पहनती हैं, उनकी ब्रा साफ़ नज़र आती है.
जब वो हंस रही थी, मैंने भी पूछा- भाभी, तुम्हारा कोई ब्वोयफ़्रेंड है या शादी से पहले कोई था?
तो वो चुप हो गई और कहने लगी- नहीं विकास.
हमने बाते की और दोपहर और रात का खाना खाया. रात को मैं अपने फ़्लैट में सोने के लिये जा रहा था तो भाभी ने एक बार फिर मुझसे कहा- यहीं सो जाओ! मैं अकेली हूँ. मुझे डर लगता है. उन्होंने मुझे सोने के लिये कमरा दिखाया और कहा- अगर रात कोई प्यास लगे तो मेरे कमरे में आ जाना, क्योंकि वहीं पर फ़्रिज है.
मैंने कहा- ओके.
फिर मैं सो गया.
यारो, मुझे रात कभी प्यास नहीं लगती पर न जाने क्यों उस रात मुझे प्यास लगी और मैं भाभी के कमरे में चला गया. कमरे में अंधेरा था, मैंने मोबाइल की लाइट ऑन की और मुझे फ़्रिज़ मिल गया. मैंने फ़्रिज़ से बोतल निकाली, पानी पिया और फिर बोतल रखी. जैसे ही फ़्रिज़ बंद कर रहा था कि मुझे बेड पर भाभी सो रही थी, फ़्रिज़ की लाइट से वो दिख रही थी, अचानक मेरी नज़र उनके बदन पर गई. मैंने देखा कि वो नाइटी पहन कर सो रही है. नाइटी से उनकी नंगी टाँगें दिख रही थी. ओह माय गॉड! उनकी टाँगें कितनी चिकनी थी. फिर मेरी नज़र ऊपर गई तो देखा कि उनकी छाती से नाइटी खुली है और उनकी ब्रा दिख रही है.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं फ़्रिज बंद करके अपने कमरे में चला गया. उनको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं उनको चोदने की सोच कर अपने कमरे से निकला पर उनके कमरे पर जाते ही मुझे अच्छा नहीं लगा क्योंकि मैं उन्हें भी भाभी की तरह मानता था और मेरे कदम रुक गये.
रात भर सपने में वो ही नज़र आई. रात को देर से सोया इसलिये सुबह नींद नहीं खुली 10 बज रहे थे भाभी ने मेरे कमरे में आ कर मुझे उठने को कहा. उन्होंने पूछा- तबीयत तो ठीक है?
मैंने कहा- हाँ सही है.
देर से क्यों उठे?
मैंने कहा- पता नहीं भाभी, आज नींद कुछ ज्यादा ही आ गई.
उन्होंने कहा- ओके! और कहा कि अपने फ़्लैट में फ़्रेश होकर आ जाओ फिर हम नाश्ता करेंगे.
मैंने कहा- सही है!
फिर मैं चला गया और नहा-धोकर मैं भाभी के फ़्लैट में आया. फिर वहीं रात हो गई. भाभी ने वही कहा- प्यास लगे तो मेरे कमरे में आ जाना! और चली गई.
मुझे रात को नींद नहीं आ रही थी और पानी लेने के लिये फिर उनके कमरे में चला गया. फिर वही सीन, यार, मुझे भाभी को चोदने को मन कर करने लगा पर हिम्मत नहीं कर पाया.
अगले दिन वही रात में फिर मैं पानी के लिये गया. इस बार सीन कुछ और था भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी और उनका एक स्तन साफ़ दिख रहा था. मेरे लंड में तनाव आ गया. पहली बार मेरे लंड में इतना तनाव आया था. मैं अपने कमरे में आ गया और मुझसे से रहा नहीं गया और मैंने पहली बार ज़िंदगी में मुठ मारा.
अगले दिन फिर वही रात! फिर भाभी ने कहा- प्यास लगे तो मेरे कमरे में आ जाना!
और स्माइल दे गई.
मुझे इस बार स्माइल सीधा दिल पर चुभ गई. आधे घंटे के बाद मैं उनके रूम में गया, मैंने देखे आज नज़ारा कुछ और है! भाभी पेंटी और ब्रा में हैं बस अब मुझसे नहीं रहा गया, मैंने नाइट लाइट ऑन की. अब उनका शरीर लाल लाइट में पूरा लाल लग रहा था. मुझसे रहा नहीं गया, मैंने भाभी के पैर को छुआ, फिर स्तन! और स्तनों को धीरे धीरे दबाने लगा. फिर पेंटी में हाथ डाला और चूत पर हाथ फेरा, मैं बहुत गरम हो गया था पर अब भी भाभी को चोदने की हिम्मत नहीं कर पर रहा था. मुझे लगा कि अब बहुत हो गया, ज्यादा डर भी रहा था कि भाभी को पता चल जायेगा. फिर मैं बेड से अपने कमरे की तरफ़ जाने के लिये उठा तो अचानक भाभी ने मेरे हाथ पकड़ लिया और बहुत ही धीरे आवाज़ में कहने लगी- मुझे गरम करके कहाँ जा रहे हो? मुझे ठंडा तो करो.
अब तो मुझसे रुका नहीं जा रहा था, सीधे ही भाभी के होंठों को चूसने लगा. एक हाथ वक्ष पर और एक हाथ चूत पर!
भाभी भी मेरे होंठों को चूसने लगी और उन्होंने मेरी पैंट के अंदर हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया जो कि पूरी तरह से चूत में जाने के लिये बेचैन था. मैंने भाभी की ब्रा और पेंटी और अपने कपड़े भी उतार दिए. मैं और भाभी पूरी तरह से नंगे थे.
अब मैं उनके स्तनों को चूसने लगा, फिर उनकी चूत को चाटने लगा और वो तड़प उठी. उन्होंने मेरे लंड को मुंह में ले लिया, चूसने लगी.
फिर उन्होंने मुझसे लंड चूत में डालने का इशारा किया. मैंने उनकी चूत में लंड डाल दिया. फिर क्या! मेरा लंड छः इन्च का है. मैंने धक्का मार-मार कर पूरा लंड चूत में डाल दिया. भाभी आवाज़ निकाल रही थी- अह्ह उह मर गई अहह ए ए जोर से!
फिर मैंने भाभी से कहा- भाभी! निकलने वाला है! क्या करुं?
उन्होंने कहा- मेरे मुंह में दे दो!
मैंने उनके मुंह में दे दिया और उन्होंने पूरा माल निगल लिया. हमने भाभी के आने तक रोज़ सेक्स का मजा लिया. फिर भाभी आ गई और हमरा चूत मारने का सिलसला खत्म हो गया.और फिर भाई और उसके पति भी आ गये लेकिन अब हम सब बन्द कर चुके थे ताकि किसी को कोई शक न हो.
फिर मैं दिल्ली आ गया लेकिन आने से पहले मैं सुजाता भाभी से मिला और उनको अपना कोन्टक्ट नम्बर दिया.
वो मुझे अपना दोस्त मानती हैं और हम दोनों कोन्टक्ट में रहते हैं. Hindi Sex Stories
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.