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Massage Girl in Bulandshahr: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Bulandshahr who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Bulandshahr that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Bulandshahr massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Bulandshahr who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Bulandshahr massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Bulandshahr massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Bulandshahr who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Bulandshahr employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Bulandshahr helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Bulandshahr

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Bulandshahr at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

दोस्तो, आज मैं आपके सामने एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ। Antarvasna Stories

बात उन दिनों की है जब मैं अपनी Antarvasna Stories पढ़ाई के लिए दिल्ली आया था, मुझे मेरे बुआ के घर पर रहना था। मेरी बुआ का लड़का एक बहु-राष्ट्रीय कम्पनी में काम करता है। उनकी शादी अभी दो साल पहले हुई थी। मेरी भाभी जिनका एक साल का एक लड़का भी है, उनकी सुन्दरता में कोई कमी नहीं थी।

उनकी चूची ऐसी थी मानो नागपुरी संतरे अभी अभी पेड़ों पर लदा ही है। उनका आकार भी मानो क़यामत हो। उनको देख कर कोई यह कह नहीं सकता कि उनका एक साल का एक बच्चा भी है।

हमेशा मेरा मन उन्हें चोदने को करता पर मौका नहीं मिल पाता। वैसे जब भी मैं पढ़ कर घर आता तो उनका बिस्तर ही मेरे आराम का साधन होता था। मैं उनके बिस्तर पर ही लेट जाता जाता था, मेरी भाभी भी आकर मेरे बगल में लेट जाती थी।

चूंकि घर में बुआ के अलावा और कोई था भी नहीं और मेरी बुआ को मेरे ऊपर विश्वास था ही, इसकी वजह से कभी किसी को कोई परेशानी नहीं हुई।

एक दिन भाभी मेरे बगल में लेट कर बच्चे को दूध पिला रही थी, उस वक़्त उनकी चूची देखी थी, क्या रंग दिया था खुदा ने उनके शरीर को, एकदम दूधिया रंग की चूची थी उनकी? देखा तो देखता ही रह गया था! उस दिन चोरी चोरी उनकी चूची को देखता रहा और कब नींद लग गई पता ही नहीं चला।

उस दिन के बाद मैं हमेशा उनके आगे-पीछे डोलने लगा कि कब मौका मिल जाये और उनके गोरे बदन का दीदार हो जाये। रब ने ऐसा मौका जल्दी ही दे दिया।

उस दिन बुआ पड़ोस में पूजा देखने के लिए गई थी और शाम से पहले लौटने वाली भी नहीं थी। मैं गया और भाभी की रजाई में घुस गया। थोड़ी देर बाद भाभी भी बच्चे को ले कर आई और मेरे सामने ही दूध पिलाने लगी।

अब मेरे लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था, मैं रजाई से निकल कर जाने लगा तो भाभी ने मुझे टोका, कहा- कहाँ जा रहे हो?
तो मैंने छूटते ही कहा- जब आप ऐसे रहोगी तो मेरे लिये यहाँ पर रहना मुश्किल हो जाएगा।
वो मेरी बात को समझ नहीं पाई और बोली- क्या हुआ? मैंने ऐसे क्या कर दिया जो ऐसे बोल रहे हो?
फिर मैंने कहा- भाभी एक तो आप बला की खूबसूरत हो! जो भी देखे देखते रह जाए। मेरे लिए तो आपको देख कर अपने आप पर काबू कर पाना पहले ही मुश्किल था उपर से आपके आपके ये नागपुरी संतरे मुझे जीने नहीं दे रहे हैं।

यह सुनकर भाभी थोड़ा सा शरमा गई और रूठने का नाटक करती हुई बोली- जाओ! मैं आपसे बात नहीं करती!
फिर मैं भाभी को अपनी तरफ घुमाते हुए बोला- सच कहता हूँ भाभी! मैंने जब से आपको देखा है मेरे तो नींद ही उड़ गई है, हरदम मेरे खयालो में आप ही रहती हो।
इतना सुनते ही भाभी शरमा गई और बस इतना ही बोली- धत्त!

फिर क्या था मैंने उनको अपने आगोश में लेते हुए उनके गाल पर एक चुम्मा जड़ दिया।
उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली और थोड़ी देर तक ना-नुकर करती रही, लेकिन उन पर मेरी पकड़ मजबूत होती जा रही थी, उनके गालो की जगह मेरे ओंठ उनकी ओंठों को चूमने लगे थे और मेरे हाथ धीरे-धीरे उनकी नंगी चूचियों की तरफ बढ़ने लगे थे।

मेरी उँगलियों का जादू उन पर धीरे-धीरे छाने लगा था और वो भी मदहोश होने लगी थी।
जब पहली बार मेरे हाथ उनकी चूचियों पर पड़े, मानो मुझे स्वर्ग मिल गया।

जिंदगी में पहली बार इस सुखद एहसास का आनंद मिल रहा था जिसे मैं किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता था। मेरे ओंठ अभी भी उनके ओंठों पर चिपके हुए थे और मेरी उंगलियाँ उनकी चूचियों पर तैर रही थी।

मैंने थोड़ी सी हिम्मत दिखाई और मैंने अपना दायाँ हाथ उनकी कमर में डाल दिया और धीरे धीरे उनकी नंगी कमर को सहलाने लगा, साथ ही अपनी जीभ उनके मुँह में ठेलने लगा।
इसके एवज में उन्होंने मुझे बहुत जोर से जकड़ लिया और मेरे हर चुम्बन का जबाव दुगुने जोश के साथ देने लगी।

अब मेरे लंड की हालत ख़राब होने लगी थी और पजामे के अन्दर वो फुंफकार मारने लगा था। मैंने एक हाथ से अपने पजामे का नाड़ा ढीला किया और 7″ लम्बे लंड को बाहर निकाल कर उनके हाथों में थमा दिया। जिसे वो बड़े प्यार से सहलाने लगी मेरे लंड की अकड़ धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी।

मैंने अपने हाथों का दायरा थोड़ा और बढ़ाया और धीरे-धीरे अपनी उँगलियों को उनकी चूत की तरफ बढ़ाने लगा।

पहले तो वो थोड़ा सा कसमसाई पर मेरे जोर देने पर फिर मान गई। मेरी उंगलियाँ ज्यों-ज्यों उनकी चूत की तरफ बढ़ती जा रही थी उनकी सांसें उतनी ही तेज चलने लगी थी, उनके मुँह से अजीब सी आवाजें निकल रही थे जैसे- ऊओह आह स स स श श!!!

मैंने धीरे से उनको बिस्तर पर लिटाया और धीरे धीरे उनके कपड़े उतारने लगा।

चूंकि दूध पिलाने के लिए उन्होंने अपने ब्लाउज के कुछ बटन पहले ही खोल रखे थे और उनकी एक चूची बाहर निकली हुई थी, इसलिए ब्लाउज उतारने में मुझे ज्यादा देर नहीं लगी। अब सफ़ेद ब्रा में उनका शरीर दमक रहा था। धीरे से मैंने उनकी ब्रा का हुक भी खोल दिया और ऊपर से वो बिल्कुल नंगी थी।

इस बार उन्होंने उठ कर मेरा शर्ट खोल दिया। इस तरह हम दोनों ऊपर से आधे नंगे होकर एक दूसरे को चूम रहे थे।
फिर मैंने उनकी साड़ी खोल दी, फिर पेटीकोट भी खोल दिया। अब उनके शरीर पर सिर्फ पैंटी ही रह गई थी जिसमें उनका जिस्म चमक रहा था।

मैं फिर से उनके शरीर को ऊपर से नीचे तक चूमने लगा जिससे उनमें मादकता छाने लगी।

जैसे ही मेरे ओंठ उनकी नाभि को छुए, वो बेचैन होने लगी। मेरे ऊपर भी एक अलग सा नशा छाने लगा था और मैंने अब उनकी पैंटी को भी उनके शरीर से अलग कर दिया और धीरे-धीरे मेरे ओंठ उनकी चूत की तरफ बढ़ने लगे।
उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे, इससे लगता था कि उन्होंने एक-दो दिन पहले ही अपने बाल साफ़ किये थे।

जैसे ही मेरे होंठ उनकी चूत से लगे, वो सीत्कार कर उठी। अब हम 69 की पोजीशन में आ गए थे और मेरा लंड उनके मुँह को छू रहा था। उन्होंने लपक कर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और हम दोनों एक दूसरे के अंगों को चूसने लगे। बहुत देर तक हम एक दूसरे को अंगो को चूसते रहे, फिर भाभी ने अपने मुँह से मेरे लंड को निकाल दिया और बोली- जल्दी डालो! अब बर्दास्त नहीं होता!

फिर क्या था, मैंने उनको सीधा लिटाया और अपना फनफनाता हुआ लंड उनकी चूत के मुंह पर जैसे ही लगाया, नीचे से वो धक्का लगाने लगी। मैंने भी एक जोर का धक्का लगाया और लंड उनकी चूत के अन्दर घुस गया।

उस दिन मैंने उन्हें पाँच बार चोदा और रात को भी भैया नहीं आये तो दो बार रात को भी चुदाई की।

फिर जब भी हमे मौका मिलता हम एक दूजे में खो जाते।

आज मेरी शादी हो चुकी है, फिर भी हमारा सम्बन्ध बदस्तूर जारी है और जब भी मौका मिलता है मैं उसी जोश के साथ उनकी चुदाई करता हूँ जैसे पहले किया था।

अब भी ऐसा लगता है कि मैं उनको पहली बार ही चोद रहा हूँ।
मेरे प्यारे दोस्तो, मुझे जरूर लिखना कि मेरी कहानी आपको कैसी लगी? Antarvasna Stories

हाय दोस्तो !Oral Sex

पता नहीं लोगों को चार पांच बार Oral Sex नई नवेली चुदाई करने को मिल जाती है, पर मैंने तो एक बार में भी शायद देर कर दी।

मेरी कहानी ऐसी है कि मैं शायद कभी लोगों को समझ नहीं पाया खासकर लेडीज को, पता ही नहीं लगता कि उन्हें कब चुदना है कब नहीं? मेरी कहानी कुछ ऐसी है।

मैं बहुत ही सेक्सी किस्म का इन्सान हूँ, अक्सर सेक्स के बारे में सोचता रहता हूँ।

एक दिन मेरे भाई (सगा नहीं) की बीवी से मुलाकात हुई तो उन्होंने कहा कि आप बड़े मज़ाकिये हो। फिर उसने मेरा नम्बर ले लिया। उसके एक सप्ताह बाद उसने हमारे फर्म से काम करना शुरू कर दिया। मेरा फर्म कंप्यूटर डील करता है इसलिए जब भाई घर पर नहीं होते थे वो मुझे घर पे फ़ोन करके बुलाती और कहती कि उनके कंप्यूटर में कुछ प्रॉब्लम है इसलिए सर्विस के लिए मुझे जाना ही पड़ता था।

वो मेरे करीब बैठ जाती थी लेकिन कभी भी ग़लत हरकत नहीं की।

उसके बाद जब उसे लगा कि मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूँ, तो उसने खुलकर आई लव यू ! भी बोल दिया लेकिन मैं समझ नहीं पाया फिर उसने मुझे कई बार बाहर घूमने के लिए बुलाया और मैं भी चला गया। फिर वो मेरे बगल में सटकर बैठ जाती और बातें करती। कहती कि उसका मन मेरे बिना नहीं लगता। मैंने भी कह दिया कि वो मुझे अच्छी लगती है।

फिर एक दिन जब हम अकेले बैठे थे तो मैंने उसकी ब्रेस्ट को छू लिया क्योंकि हम पार्क में थे इसलिए मैं उसके कपड़े नहीं उतार सका, फिर 2 मिनट बाद वो चलने को कहने लगी और हम चल दिए।

अगले दिन उसने फिर से मिलने के लिए बुलाया और हम पार्क पहुँच गए। थोड़ी देर इधर -उधर की बात के बाद मैंने उसे छूने की इच्छा जाहिर की और वो बोली इधर बहुत भीड़ है। हम एक कोने में चले गए, वहां उसने धीरे से कहा अब छू सकते हो!
मैंने कहा- क्या?
तो बोली- कुछ नहीं !

फिर मैंने उसे पकड़ लिया और उसके होंठ चूमने लगा। वो भी मजे ले रही थी तभी उधर से कोई आदमी के आने की आहट हुई और हम दूर दूर हो गए। वो डर गई और घर चलने को कहा। हम घर आ गए वहां कोई नहीं था पर जब मैंने उसे छूना चाहा तो उसने मुझे मना कर दिया और डांटने लगी, कहने लगी- आप बड़े बदतमीज़ हैं। और मैं घर चला गया।

फिर 8-10 दिन बाद उसने फिर से मिलने के लिए बुलाया। क्योंकि उसके घर में नॉन-वेज़ नही बनता था इसलिए उसने मुझे लंच के लिए मुझे एक होटल में बुलाया और मैं गया। फिर उसने कहा- चलो एक कमरा लेते हैं और कुछ देर बैठते है।

पर मैंने मना कर दिया क्योंकि मेरे पास 1000 रुपये नहीं थे, कमरे का किराया 800 रुपये था। इसलिए मैंने कहा कि मेरे पास समय नहीं है और जल्दी ऑफिस जाना है। फिर वो मुझे एक कपड़े की दुकान में ले गई, मेरे लिए शर्ट खरीदी, मुझे गिफ्ट किया और मुझे ट्राई रूम के अन्दर बुलाने लगी। पर दुकान में भीड़ होने के कारण मैंने मना कर दिया। फिर उसको घर छोड़ आया।

फिर उसके घर पर बहुत बार मिले लेकिन उसने मुझे छूने भी नहीं देती दिया। एक दिन वो कहीं बाहर जा रही थी तो मुझे स्टेशन पर छोड़ने के लिए बुलाया और जब गाड़ी आई तो बिछड़ते हुए उसकी आंखों में आंसू आ गए। मैं सोच में पड़ गया कि वो मुझसे कितना प्यार करती है !

पर उसके बाद वो आई और मुझसे दूर रहने लगी। एक टूर पर पूरे परिवार के साथ गई और मुझे घर पर रहने को कहा। वो चली गई मुझे लगा कि वो मुझे फ़ोन करेगी पर उसने नहीं किया। फिर वो वापिस आ गई और मुझसे दूर रहने लगी। मेरे समझ में नहीं आ रहा था कुछ भी।

फिर एक दिन पता लगा कि वो मेरे ऑफिस के एक स्मार्ट लड़के जो कि मुझसे लंबा और स्वस्थ था उससे बात करने लगी थी। इसी बीच मेरा तबादला 7 किलोमीटर दूर वाली दुकान में हो गया था और वो दोनों खूब मिलने लगे। मुझे बहुत बुरा लगा क्योंकि मैं शायद उससे प्यार करने लगा था और उसके साथ सेक्स भी करना चाहता था, पर शायद देर हो चुकी थी।

उसने मुझसे मिलने से मना कर दिया जिसकी वजह से हम दोनों में खूब झगड़े हुए और वो मुझसे और दूर हो गई। अब न मैं उससे फ़ोन करता न वो मुझे। इसी बीच मेरी जिंदगी में एक लड़की आ गई जिस कारण मैं उससे आसानी से दूर हो सका।

आज फिर से उसने मुझे फ़ोन किया और मैं फिर से उलझन में हूँ। Oral Sex

Sex stories

हाय! दोस्तो मैं फिर वापस आ गया हूं अपनी Sex stories अधूरी कहानी लेकर आप, लोगों ने मेरी कहानी को काफी पसंद किया और बहुत सारा मेल भी, इसके लिये धन्यवाद।

तो पिछली कहानी में मैं अपनी मामी जी की चूची फिल्म देखते हुये प्यार से दबा रहा था और मामी जी कुछ नहीं बोली आगे इसी तरह चूची दबाते हुये पूरी फ़िल्म देख ली। इस बीच हम लोगों में कोई बात नहीं हुई और हम लोग घर चले आये आने के बाद पता चला कि मामा जी भारत जा रहे हैं और कल आयेंगे मामा जी ने मुझे अच्छी तरह समझाकर चले गये मामा जी और मामी जी एक रूम में सोते थे, नानी जी और मामी जी की लड़कियां एक रूम में सोते थे और मैं कुछ नौकरों को लेकर एक जगह सोता था

पर आज रात मुझे नींद कहाँ आ रही थी करीब १२ बजे उठा और दबे पाँव मामी जी के कमरे की ओर चल पड़ा जाकर जैसे ही मैने दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया दरवाजा खुल गया मुझे समझते देर नहीं लगी कि मामी जी मेरे लिये ही दरवाजा खुला छोड़ रखी है फिर मैं मामी जी के पास आहिस्ते से दरवाजा बंद करके पहुँचा और पहुँच कर उनके बगल में लेट गया और लेट कर उनकी चूची को फिर से दबाने लगा ५ बच्चे की माँ होने के बावजूद उनकी चूची काफी टाइट हो गई मैं करीब ५ मिनट तक चूची को दबाता रहा उसके बाद मैने आहिस्ते से हाथ उनकी चूत पर रखा कर कपड़े के ऊपर से ही सहलाने लगा इस के बावजूद जब कुछ नही बोली तब मैने उनको खींच कर सीधा किया और साड़ी पेटीकोट को उठा कर सीधा चूत को चाटना शुरु कर दिया करीब २ मिनट के बाद ही उनके मुख से काफी मादक और उत्तेजक सिसकारियां निकलनी शुरु सो गयी और मैं सोच भी नहीं सकता था कि मेरी मामी जी इतनी गंदी गाली भी दे सकती हैं

वो उन्माद में पागल हो कर बकने लगी आआआआ मेरे राजाआआआअ चाट लो काट कर खाआआआअजाओ मेरी चूत को अबे रंडी का बच्चा मादर चोद सुबह से चूची दबा दबा कर पागल कर रखा है तेरी मा की चूची था किया मादर चोद चूची तू दबाये चूत किया तेरा माँ का भतार दबाये जा या मेरी चूची दबाने के बाद अपनी माँ की चूत में लंड डाले जाअ बोल बोलना बे भोसड़ी बाला आआआआआ सीईईइ आआआऔऊऊऊऊऊऊउआआ आआआ उसकी गाली सुनकर मुझे काफी गुस्सा आ गाया और मैं चूत चाटना छोड़ कर उठा और अपना कपड़ा खोला और उसकी दोनो टांग उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और लंड उसके चूत पर रख कर इतनी जोर का धक्का दिया कि उसकी चूत गीली होने के बावजूद उसके मुख से चीख निकल पड़ी फिर क्या था वो हमें गाली पे गाली देती रही और मैं धक्के पे धक्का देता रहा करीब दस मिनट के बाद मैं शांत हुआ इस बीच वो तीन बार झड़ी….. बस दोस्तों आज ये कहानी फिर अधूरा छोड़ रहा हूं लेकिन इस वादे के साथ कि हम फिर मिलेंगे Sex stories

सप्तम भाग से आगे : Antarvasna

ओह.. तो Antarvasna यह बात है… रश्मि। यही तो मैं सोच रहा था कि तुम्हारे जैसी बला की खूबसूरत लड़की इतनी आसानी से कैसे तैयार हो गई।
खैर मैंने रश्मि से कहा- चलो, आज मैं तुम्हारी अतृप्त वासना की इच्छा पूरी करता हूँ।

यह सब कहते हुये उसने मेरा लंड छोड़ा नहीं था बल्कि और भी जोर से पकड़ लिया था। मेरा लंड लोहे की छड़ की तरह सख्त हो चुका था। अंदर से मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था।
उसने पूछा- आपको मुझमें क्या अच्छा लगता है सर…?
मैंने कहा- तुम्हारे होंठ, तुम्हारे गाल … !
उसने कहा- और..?

वह कुछ और ही सुनना चाहती थी …
मैंने जारी रखा- तुम्हारे बड़े-बड़े स्तन … तुम्हारे चूतड़ … मैं इन्हें सहलाना चाहता हूँ … इनमें डूब जाना चाहता हूँ..!
उसने सिसकारती आवाज़ में कहा- आपको रोका किसने है सर … मैं तो कितने दिनों से यही चाह रही थी …

उसका इतना कहना था कि मैंने अपने होंठ उसके नर्म मुलायम होंठों पर रख दिये और दोनों हाथों से उसके स्तनों को मसलने लगा.
उसके भरे-भरे कठोर और बड़े स्तन थे, घुटने के बल आकर उसने मेरे सुपारे को लॉलीपॉप की तरह फिर से चूसना शुरू कर दिया।

मैं सिसकारियाँ लेने लगा और जोर-जोर से उसके स्तन मसलने लगा … थोड़ी देर बाद मेरे लंड के टिप पे लसलसा सा प्रि-कम आ गया था जो उसने मजे से चाट लिया।

अचानक वो खड़ी हुई … मैं भी खड़ा हो गया। उसने मेरा एक हाथ अपने वक्ष से हटाया और अपने दोनों टाँगों के बीच वहाँ रख दिया जहाँ दहकता लावा था …पहले तो मैं सहलाता रहा … नापता रहा दोनों पंखुड़ियाँ … उनके बीच की दरार … जहाँ हल्की-हल्की रिसावट हो रही थी … मैंने उसकी चूत के दरार पे उंगली फ़िराई …उसने सिसकारियाँ भरना शुरु कर दिया और अपने गुदाज नितंबों को आगे-पीछे करने लगी…

मैंने अपनी एक उंगली धीरे से अंदर प्रविष्ट कर दी… वो चिहुँक उठी … .और अपना वस्ति-दोलन और तेज़ कर दिया … उसने अपनी आँखें बन्द कर रखी थीं … मैंने उंगली को आगे पीछे करना शुरु कर दिया …

वो मेरे लंड को एक हाथ में लेकर उसके चमड़े को आगे-पीछे करने लगी … मेरा सुपाड़ा और मोटा होता जा रहा था… उसकी चूत गीली होती जा रही थी … वो और बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी … उसके मुँह से गूँ-गूँ की आवाज़ निकल रही थी।

और मैं उसकी दोनों टांगो के बीच फ़ँसी उस दरार को निहारने लगा जिसके पीछे ऋषि-मुनियों की तपस्या भंग हो गई थी ! मैं तो सिर्फ मानव हूं।

फिर वो पीछे घूम गई … अब मेरा लंड उसके उन्न्त नितम्बों के बीच की खाई में झटके मार रहा था … ..मैंने उसके दोनों स्तन पकड़े और पीछे सट गया … वो अपने चूतड़ मेरे मुन्ने पर रगड़ने लगी। आह … स्वर्गीय आनंद था … कामुकता … वासना … अपनी चरम सीमा पर थी। मैंने उसके गर्दन पर एक चुम्बन दिया …

उसने कराहती सी वासना में लिप्त आवाज़ में कहा- उँह्ह्ह्ह्ह …

मैंने अपना एक हाथ उसके उरोज से हटाया और चूत पर फेरने लगा … एक छोटी सी … मटर के दाने जितनी घुंडी का अहसास हुआ … जाने क्यों मैं उस घुंडी को रगड़ने लगा और वो बेसाख़्ता सिसकारियाँ भरने लगी …और मेरे लंड को अपने गोल-गोल नितम्बो के बीच फ़ँसाकर ऊपर-नीचे रगड़ने लगी …

लग रहा था किसी लावा में रगड़ा जा रहा है … मैं अपने आपको संयत कर पाता कि अचानक वो अपने दोनों हाथ सोफे के बैक पर रखकर झुक गई और जन्नत का दरवाजा मेरे सामने था। साँसें घुटती हुई सी लग रही थीं … धड़कनें थमी सी महसूस हो रही थीं …

सीटी बजाने के आकार में सुकड़ा हुआ भूरा सा गुदाद्वार किसी खिले हुए चमेली फूल सा लग रहा था …

उसके कुछ आधे इंच नीचे भूरे-भूरे रेशमी झाँटों की एक बारीख लाइन दिखाई दे रही थी … वो ऐसे लग रही थी जैसे रश्मि के सेक्सी होंठों को किसी ने वर्टिकल कर दिया हो … थोड़ा गुलाबी … थोड़ा बादामी … ऐसा कुछ रंग था उन होंठों के बीच …मेरे हाथ-पाँव भारी से होते जा रहे थे … मैं अपने घुटनों पर आ गया और जाने किस अनजान शक्ति ने मेरा मुँह उस खुशबूदार … तीन इंची दरार में टिका दिया … मेरी जीभ बाहर निकल आई और मैं कुत्ते की तरह उसकी बुर को चाटने लगा … कुछ नमकीन-कसैला सा स्वाद था …

अब वो कुछ अंड-बंड बकने लगी और अपने चूतड़ को आगे-पीछे करने लगी … मैंने अपने जीभ के आगे का हिस्सा नुकीला करके उसके योनिद्वार में घुसा दिया … उसकी सिसकारियाँ रुकने का नाम नहीं ले रही थीं …

मैंने जीभ को मटर के दाने जितनी घुंडी पर गोल-गोल घुमाना शुरु कर दिया … उसकी दरारों से और ज़्यादा नमकीन पानी रिसने लगा …

लंड का तनाव काबू से बाहर होता जा रहा था …जो आम तौर पर आठ इंच का दिखता था … आज नौ इंच का दिख रहा था … सुपारा अंगारा हो गया था … उतना ही गरम … उतना ही लाल … !

अपना दहकता अंगार मैंने रश्मि के सुलगते लावा में रख दिया … जिसे मैंने चाट-चाट के लाल कर दिया था …

उफ़ क्या गरमी थी … क्या नरमी थी …

अपने गरम सुपारे को उसकी चूत के दोनों होठों के बीच रगड़ने लगा … … जहाँ लसलसे पदार्थ का झरना सा बह रहा था …
रश्मि अपना नियंत्रण खोती जा रही थी … उसके तन-मन में मादकता छा गई थी … उसने अपनी कमर को उछालना शुरू कर दिया …
मैंने धीरे से सुपाड़ा अंदर घुसेड़ने की कोशिश की …

कोशिश इसलिये कह रहा हूँ कि सुपारा बार-बार फ़िसल जाता था … अंदर जा ही नहीं रहा था। इतनी चिकनाई होने के बावजूद उस चूत के छेद के लिये 4-5 इंच घेरे वाला लंड काफ़ी बड़ा साबित हो रहा था …।

मैंने एक हाथ से उसके नितंब को थामा … दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़ा … उसे जन्नत के दरवाजे पर टिकाया और हाथ से पकड़े-पकड़े अपने चूतड़ों को एक जुम्बिश दी … सुपारा अन्दर समा गया … अभी भी आठ इंच का फ़ड़कता हुआ रॉड बुर के बाहर था … ऑफिस का एसी चलने चलने के बावज़ूद मैं पसीने-पसीने हो रहा था …।

अब मैंने लंड को छोड़ा … अपने आपको सीधा किया … गहरी साँस ली … दोनों हाथों से उसके गोल-गोल सुडौल नितंबों को थामा …नज़रें चमेली के फूल पर टिकाई और अपने चूतड़ों को जबरदस्त झटका दिया …

अब मेरा लौड़ा तकरीबन 4-5 इंच अंदर था, अंदर तो भट्टी दहक रही थी, सब कुछ गरम-गरम महसूस हो रहा था.

रश्मि कराह रही थी … थोड़ी देर तक हम दोनो ऐसे ही निश्चल रहे … लंड आधा ही अंदर था … मेरा लंड अंदर के कसाव के बावजूद फड़क रहा था …रश्मि चुपचाप मेरे लंड का फड़कन महसूस कर रही थी। … मैं भी उसके चूत की मांसपेशियों का फैलना और सुकड़ना को महसूस कर रहा था।

करीब एक मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद उसने अपने आपको आगे पीछे हिलाना शुरू किया …

भी लंड का आधा हिस्सा बाहर ही था … मुझे याद नहीं आ रहा है जाने कब मैं कुत्ते वाली स्टाइल में उसके ऊपर झुक गया था … उसके दोनों स्तन मेरे हाथ में थे और मैं पीछे से उसका चूतमर्दन कर रहा था।

मैं रफ़्तार पकड़ चुका था … और रश्मि भी अपने कूल्हों को हिला-हिला कर पूरा साथ निभा रही थी। उसकी सेक्सी आवाज़ मुझे और उत्तेजित कर रही थी … वो बड़बड़ा रही थी- पुश इट् हार्ड … पुश दैट मोर इनसाइड … ऊह्ह्ह्ह … ओ गॉड … आह..ऊँहु्ह्ह्ह … और जाने क्या-क्या …
अचानक उसका पूरा शरीर बुरी तरह काँपने लगा … ऐसा लग रहा था कि उसके हाथ पैर उसका बोझ नहीं सम्हाल पा रहे हैं …
उसके नितंबों में अजीब सी थरथराहट हो रही थी … और मैं था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।

अचानक रश्मि भरभराकर कोहनियों के बल सोफे की सीट पर आ गई … उसका पेट और स्तन सीट पर टिके थे पर नितम्बों वाला हिस्सा ऊपर उठा हुआ था …

मैंने अपना लंड एक इंच पीछे खींचा … उसकी कमर दोनों हाथों से पकड़ा और दोनों कूल्हों के बीच निहारा … उसके फ़ाँकों के बीच फ़ंसे अपने खुद के अंग को देखकर मैं इतना उत्तेजित हो गया कि पूरी ताकत के साथ लंड को वापिस पेल दिया …
रश्मि बोली- ओ गॉड … यह तो यूटेरस में टकरा रहा है …

इतना कहते ही उसके बुर से तेज धार सी निकली और मेरे झाँटों की भिगोती चली गई … मैं दुगनी रफ़्तार से भिड़ गया …
कोई 20-25 मिनट के बाद मेरे लंड में अजीब सी ऐंठन हुई और पता नहीं कितना वीर्य उसके बच्चेदानी के छेद पे न्यौछावर हो गया …
बस इतना पता है कि उसने कहा- ओह गॉड … .इतना सारा …?

मैं उसके खुशबूदार शरीर से चिपट गया … उसके स्तनों को मसलने लगा … मेरा लंड उसकी चूत में फैलने-सुकड़ने लगा … उसने पता नहीं क्या किया … ऐसा लगा जैसे मेरे लंड का पूरा रस अपने बुर को टाइट करके निचोड़ रही हो। मैं उसकी सुराहीदार गर्दन को चूमता जा रहा था … हम दोनों तरबतर हो चुके थे !

इसके बाद हम लोग हांफते हुए सोफे पर कटे हुए पेड़ की तरह गिर पड़े।

उस दिन मैंने रश्मि को पाँच बजे तक चार बार चोदा।

आखिर में रश्मि ने कह ही दिया… सर आज से पहले इतनी खुशी नहीं मिली।

हम लोग ऑफिस बन्द कर के अपने अपने घर चले गये।
समाप्त Antarvasna

Sex Stories

रात के ११ बज़ रहे Sex Stories थे। मौसी के कमरे में ए. सी. चल रहा था मैं और मोनी वहां एक नेकर पहन कर बैठ गई। मौसी आई और वहां लेट गई और हमें अगल बगल में चिपका कर लिटा मेरे चूतड़ों पर हाथ लगा कर बोली,”अब चुदने को तैयार हो जा !”

मौसी ने फ़ोन उठाया और बोली,”मोंटी साहब कैसे हो ? कब आ रहे हो? नई रंडी आई है इसकी चूत का उदघाटन करवाना है। मोनी कुतिया भी तुम्हारा लौड़ा खाने को बेताब हो रही है !”

कुछ देर बात हुई फिर मौसी ने फ़ोन रख दिया और बोली,”मोंटी साहब आधे घंटे में आ रहे हैं, चोद चोद कर तुझे मस्त कर देंगे। चल ! तब तक तू मेरी चूत में यह मोटा केला कर और मोनी मेरी चूचियाँ सहलाएगी !”

मौसी ने मेरे हाथ में एक १० इंच लम्बा और ४ इंच मोटा केला पकड़ा दिया। मौसी की चूत भोंसड़ा हो रही थी। उनकी चूत में केला बिलकुल फिट बैठ रहा था। मैंने मौसी की चूत में केला आगे पीछे करना शुरू कर दिया। मोनी उनकी चूचियाँ दबा रही थी। मौसी हल्की हल्की सिस्कारियाँ लेने लगी थी।

मौसी के कमरे में कुछ हल्ले की आवाज़ सी सुनाई दी। मौसी ने राजू को बुलाया और पूछा,”क्या बात है? हल्ला क्यों हो रहा है?”

राजू बोला,”ये सीमा है, साली बिकी तो १००० में है, ग्राहक गांड मारना चाह रहा है तो लड़ रही है।”

मौसी बोली,”कुतिया, एक तो सही रेट पर बिक नहीं रही, ऊपर से आज साली के रेट ठीक लगे हैं तो कोठे का माहौल ख़राब करती है। तू ऐसा कर पहले ग्राहक को बुला, फिर कुतिया को नंगी करके भेज और सामने सीमा बाई के कोठे से हब्शी को बुला ले। आज साली की गांड हब्शी से फड़वाती हूँ !”

राजू ने ग्राहक को अंदर भेज दिया। मैं और मोनी मौसी की चूत में केला कर रहे थे। सामने मौसी चूत चोड़ी कर के लेटी हुई थीं ग्राहक को देख कर मैं रूक गई। मौसी बोली,,”कुतिया रुक क्यों गई अपना काम जारी रख।”

मौसी ग्राहक से बोली,”अरे साहब क्यों नाराज हो रहे हो ? मेरे कोठे पर चुदाई का मज़ा न मिले ऐसा हो ही नहीं सकता। टॉप की रंडी दूँगी, बिलकुल फ्री। दोनों छेद फाड़ दियो कुतिया के।”

मौसी ने राजू से पूछा,”कोई लोंडिया खाली हुई या नहीं?”

राजू बोला,”शोभा खाली है इस समय !”

मौसी ने कहा,”शोभा को इसे सौंप और उससे कहना कि मौसी के स्पेशल ग्राहक हैं, पूरे मजे देना है, जैसे ये चाहें। चल राजा जा मजे कर और राजू तू सीमा को नंगी कर के मेरे पास भेज इस को मजा मैं चखाती हूँ।”

राजू और पिंटू सीमा को ले आया। सीमा पूरी नंगी थी। मौसी ने हम दोनों को हटाया। मौसी उठी और उन्होंने सीमा के गाल पर तीन चार थप्पड़ जड़ दिए और उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया उसके चूतड़ों पर ४-५ लातें मारी। मौसी चिल्ला रही थी,”हरामिन रंडी है तू, सारे छेदों में लंड खाना पड़ेगा तुझे कुतिया ! गांड मरवाने में नखरे करती है। आज तेरी इतनी गांड फड़वाती हूँ कि तू जिन्दगी भर याद रखेगी !”

सीमा रो रही थी। मौसी मेरी और मोनी की तरफ देखकर बोली,”तुम दोनों राजू और पिंटू के लौड़े चूस कर खड़े करो इस की गांड में घुसवाउंगी। साली हिरोइन बनती है !”

मौसी लकड़ी के डंडे से सीमा को पीट रही थी। मौसी ने उसके बाल खींचे और बोली,”चल घोड़ी बन। तेरी गांड में लंड डलवाती हूँ !”

सीमा डर के घोड़ी बन गई। मौसी ने उसकी गांड पर ढेर सारा थूक डाल दिया। मौसी के भयानक रूप से मैं भी डरी हुई थी और राजू का डर कर लपालप लौड़ा चूसे जा रही थी। मौसी ने राजू को इशारा किया और बोली इसकी गांड का छेद चोड़ा कर फिर हब्शी आ रहा है उससे फड़वाती हूँ। राजू ने मेरे मुँह से लौड़ा निकला और घोड़ी बनी हुई सीमा की गांड पर लगा दिया और उसकी गांड में अपना मोटा नंगा लंड लगाकर जोर से झटका दिया। आधा लंड गांड में घुस गया। सीमा जोर से चिल्ला उठी,”मर गई ! उई मर गई ! छोड़ कुत्ते छोड़ ! मुझे मत चोद !” लेकिन राजू ने जोर से लंड उसमें पूरा ठोंक दिया और अपने लंड को तेजी से उसकी गांड में आगे पीछे करने लग रहा था।

थोड़ा चिल्लाने के बाद सीमा सिसकारी लेती हुई गांड मरवाने लगी । सीमा की सिस्कारियाँ निकल रही थीं। मौसी ने राजू से कहा तू अब लंड निकाल और इसकी गांड वाला लंड इसके मुँह में डाल। सीमा के मुँह पर ले जाकर राजू ने अपना लंड रख दिया लेकिन सीमा मुँह नहीं खोल रही थी। मौसी ने पिंटू के मुँह से सिगरेट ले कर सीमा की गांड में छुला दी बोली,”कुतिया तेरी जैसे हजारों मैंने रंडी बना दीं और तू हिरोइन बन रही? चुपचाप लंड चूस ! वरना तेजाब से मुँह और जला दूँगी !”

सीमा के चीखने की आवाज़ नीचे गली तक गई होगी। उसने मुँह खोल के राजू का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। इस बीच मौसी ने पिंटू को सीमा की गांड मारने का आदेश दे दिया। पिंटू एक वफादर कुत्ते की तरह सीमा की गांड मारने लगा।

सीमा की गांड का ठुकना जारी था तभी एक अफ्रीकन हब्शी कमरे में आया। मौसी ने हब्शी को अपनी बाँहों में ले लिया और बोली,” राजा मेरे कोबरा ! आज तू इस कुतिया सीमा को बजा ! साली रंडी मेरा कहना नहीं मानती।”

मेरी तरफ देखकर मौसी मुझसे बोली,” कुतिया, जरा मेरे कोबरा का लौड़ा चूस !”

हब्शी का नाम कोबरा था। उसने अपनी पैन्ट उतार दी। नीचे कुछ पहन नहीं रखा था। उसका ठंडा लौड़ा भी ६ इंच लम्बा होगा पूरा काला लंड था। मैं मौसी का भयानक रूप देखकर बहुत डरी हुई थी। मैंने झुककर कोबरा का लौड़ा अपने मुँह में डाल लिया और उसे आगे पीछे मुँह कर के चूसने लगी। थोड़ी देर में ही लंड ने बड़ा विकराल रूप ले लिया वो बहुत लम्बा हो गया था और ४ इंच से जयादा मोटा हो रहा था। मेरा मुँह लंड से बुरी तरह भर गया था। लंड १० इंच से ऊपर लम्बा हो रहा था। पूरा मेरे मुँह में नहीं आ रहा था। कोबरा मेरे चूतड़ दबा रहा था। मुझसे बोला- ऊपर ऊपर चूस तू कुतिया बहुत चिकनी है, तेरा माल बिलकुल ताजा है। कोबरा का लंड ११ इंच लम्बा और ५ इंच मोटा होगा। मैं यह सोच कर काँप रही थी कि अगर इस हब्शी का लंड मेरी चूत में घुस गया तो मैं तो मर ही जाउंगी ।

मौसी ने कोबरा को बुला लिया और बोली इस सीमा की चूत और गांड बजा ! साली को बताती हूँ रंडी क्या होती है। मौसी ने पिंटू को हटा दिया और सीमा को सीधा खड़ा कर दिया। सीमा की आँखों के आगे हब्शी का प्रचंड लंड लहरा रहा था।

मौसी मुस्कराते हुए बोली,”घुसवाने के लिए तैयार हो जा ! पूरे २० दिन में तूने २०००० भी कमा के नहीं दिए। सोच रही होगी २-३ दिन में दूसरे कोठे पर भाग जायेगी। कुतिया मौसी के कोठे पर धंधा न करने और ग्राहकों को तंग करने का मज़ा चखाती हूँ।”

सीमा मौसी के पैरों पर गिर गई,” मौसी मुझे माफ़ करो, मुझे छोड़ दो ! जैसा तुम कहोगी वैसा करूंगी।”

मौसी कुटिलता से मुस्करा रही थी। हब्शी ने पीछे आकर सीमा की चूत में लौड़ा लगा दिया और एक झटके में लौड़ा ३-४ इंच घुसा दिया। सीमा जोर से चिल्ला उठी- उई मर गई… मर गई… मर गई।

लेकिन हब्शी और मौसी मुस्करा रहे थे। हब्शी ने जोर से झटका मारा और लंड ८-९ इंच अंदर पेल दिया सीमा के चीखने की आवाजें तेज हो गई, वो चिल्ला रही थी,” मर गई, मर गई, उई मत चोदो राजा ! लौड़ा निकालो ! फट गई फट गई उई उई !!!! बहुत दर्द हो रहा है छोड़ो ! मुझे छोड़ो! मुझे मत चोदो मर गई मर गई बहुत दर्द हो रहा है।”

मौसी ने मेरे चूतड़ों पर हाथ मारा और बोली,”साली की जब गांड फटेगी तब देखियो कैसे रोती है अभी तो चुद रही है तब इतना चिल्ला रही है !”

हब्शी ने कस कर सीमा की कमर पकड़ रखी थी और उसको बुरी तरह से ठोंके जा रहा था। मौसी बोली,”कोबरा, कुतिया की गांड़ मार ! आज इस हरामिन की चूत और गांड दोनों का भोंसड़ा करवा के ही छोडूंगी।”

हब्शी ने लंड बाहर खींच लिया और उसकी गांड पर लंड रख दिया सीमा चिल्ला उठी- नहीं मौसी ! मुझे छोड़ दो नहीं… नहीं। लेकिन रंडी कब तक खैर मनाएगी और आज साली का दिन ख़राब था। हब्शी ने ३ इंच लंड उसकी गांड में घुसा दिया और उसकी चूचियाँ कस कस कर मसल दीं। कोबरा पूरा गरम हो रहा था उसने गांड पर कस कर झटका मारा और अपना लंड और अंदर उसकी गांड में घुसा दिया। सीमा चिल्ला रही थी, अभी कोबरा अपना आधा लंड अंदर डाल कर ही सीमा की गांड मार रहा था। सीमा की दर्द भरी आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मुझे पता चल गया था कि औरत के लिए रंडी सबसे बड़ी गाली क्यों होती है.. मुझे सीमा पर दया आ रही थी लेकिन डर के मारे मैं कुछ नहीं कह पा रही थी।

कुछ देर बाद मौसी ने हब्शी से कहा,”अब इसे छोड़ दे ! अब ये कभी ग्राहक से बद्तमीजी नहीं करेगी।”

सीमा दर्द से जमीन पर लेट गई। मौसी पिंटू से बोली,”साली को बाहर खटिया पर डाल दे और हकीम को बुलाकर इसकी गांड पर लेप लगवा दियो ! कुतिया साली हिरोइन बन रही थी।”

हब्शी का लंड लोहे की रॉड की तरह ११ इंच लम्बा खड़ा हुआ था। मौसी हब्शी से बोली- थोड़ा हमारी इस नई कुतिया की चूत और गांड पर अपना लंड फिरा दे। मैं डर गई मैं बोली,”नहीं मौसी नहीं ! मेरी चूत में इस राक्षस का लंड मत डलवाओ ! मैं मर जाउंगी !”

मौसी मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरती हुई बोली,”तुझे मरने थोड़ी दूँगी ! तू तो दूध देने वाली गाय है, अभी तो तुझे चुदने के लिए भी बैठाना है ! चल जरा झुक तो, बड़ा मजा आएगा !”

मैं डर के मारे झुक नहीं पा रही थी। मौसी ने वहां पड़ी एक लकड़ी उठाई और जोरों से मेरे चुत्तड़ों पर मारी और गुर्राकर बोली,”कुतिया घोड़ी बनती है या नहीं?”

हब्शी मुस्करा रहा था। मैं मौसी के डर से झुक गई। मेरा बदन पूरा पसीने पसीने हो रहा था। हब्शी ने पीछे से आकर मेरी चूचियाँ अपने हाथों मैं पकड़ लीं और धीरे धीरे मसलने लगा। उसका मोटा लंड मेरी चूत पर फिर रहा था। उसने आधा इंच लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुसा दिया। मेरी आँखों के आगे तारे घूम गए। मैं जोर से चिल्ला उठी,”उई उई…. उई मर गई…. मर गई…..”

मौसी ने हब्शी को उठा दिया और बोली- साली की फट गई तो रेट अच्छे नहीं मिलेंगे ! तू ऐसा कर, इसकी गांड पर लंड फिरा। हब्शी अपने हाथ से लंड पकड़ कर मेरी गांड में फिराने लगा अचानक से मेरी गांड में कुछ घुसा, मैं जोर से चिल्ला उठी- उई मेरी फट गई। सब लोग जोरों से हंस पड़े, मौसी बोली,”कुतिया चल उठ !”

मैंने उठकर देखा तो मौसी एक पतली मोमबत्ती लिए खड़ी थीं जिसे उन्होंने मेरी गांड में डाल दिया था। मौसी बोली,”अब असली धंधे के लिए तैयार हो जा रंडी। तुझे मैं खास ग्राहकों से चुदवाऊँगी ! अगर नखरे किये तो हब्शी का लंड सीमा की तरह तेरी गांड और चूत में घुसेगा !”

मैं समझ गई कि मौसी ने यह नाटक इसलिए किया था ताकि मैं अब चुदते समय नखरे न करुँ।

मौसी बोली- कोबरा मेरे राजा ! थोड़ा मुझे चोद दे ! अब तो बस तेरे लौड़े से ही चुदवाने में मजा आता है। मौसी पलंग पर लेट गई और अपनी दोनों टाँगें फ़ैला दीं। मौसी की चूत अंदर तक खुली दिख रही थी। हब्शी ने आगे बढ़कर अपना लौड़ा मौसी की चूत में पेल दिया और मौसी को चोदना शरू कर दिया। कोबरा का लंड इतना तगड़ा था कि मौसी भी हलके हलके सिसकारी ले रही थीं और चिल्ला रही थी,” राजा मजा आ गया ! और चोद जोरों से चोद मेरे शेर ! तेरे से ही चुदने में मजा आता है अब ! चोद ! मादर चोद चोद ! बहुत मजा आ रहा है।”

मैं और मोनी मौसी की साइड में लेटकर मौसी के बूब्स दबा रहे थे। कोबरा १५ मिनट तक मौसी की चूत चोदता रहा। मौसी बोली,”राजा, अपने लंड का रस मेरे मुँह में पिलायियो ! क्या मस्त लौड़ा है तेरा कुत्ते !”

हब्शी मौसी को जोर जोर से धक्के मार रहा था कुछ देर बाद हब्शी ने अपना लौड़ा निकाल लिया और मौसी के मुँह पर जाकर दो झटके मारे, मौसी ने पूरा मुँह खोल दिया, हब्शी के गाढ़े वीर्य ने मौसी के मुँह को पूरा भर दिया। मौसी ने इशारे से कोबरा को मेरे और मोनी के मुँह में भी लंड रस डालने को कहा।

हम दोनों मौसी की कुतिया थी ही। मैंने और मोनी ने अपने मुँह खोल दिए। कोबरा ने मेरे और मोनी के मुँह भी अपने वीर्य से भर दिए। मौसी लपालप उसका पूरा रस पी गई। मैंने और मोनी ने लंड रस मिल्क शेक की तरह मुँह में ले लिया। मुझे हब्शी के लौड़े का रस बहुत स्वादिष्ट लगा। इसके बाद मौसी ने अपने चेहरे पर गिरा हुआ रस भी हम दोनों से चटवाया।

मौसी उठी और हब्शी को गले से लगा कर बोली- राजा तूने मस्त कर दिया ! और उन्होंने अपने पलंग के नीचे से निकाल कर १००० रु हब्शी को पकड़ा दिए और बोली- ले राजा तेरा इनाम !

हब्शी बोला- मौसी गांड तो नहीं मरवानी?

तो मौसी बोली,”कुत्ते, मौसी से मजाक मत करा कर ! वर्ना साले चरस जेब में डाले घूमता रहता है, अभी जेल में डलवा दूँगी !”

कोबरा मौसी के पैरों में गिर पड़ा और बोला,”मौसी मुझे माफ़ करना, तू तो मेरी माँ जैसी है।”

मौसी कुटिल मुस्कराहट से बोली,”मादरचोद ! अब तू चुपचाप यहाँ से चला जा !”

थोड़ी देर बाद राजू अंदर आया और बोला- मौसी मोंटी साहब आ गए हैं, ऊपर कमरे में बैठे हैं।

मौसी बोली,”चल अब चुदने को तैयार हो जा ! अभी १२ बजने को हैं अब पूरी रात चुदवाईयो। बहुत अच्छी चूत बजाते हैं मोंटी साहब।”

मौसी ने एक ट्यूब निकल कर मेरी चूत में डालकर पिचका दी और बोली,”चल उलटी हो एक तेरी गांड में पिचका देती हूँ, चुदने में दर्द कम होगा।”

मौसी ने मुझे उल्टा किया और दूसरी ट्यूब मेरी गांड के अंदर डालकर पिचका दी और अपनी उँगलियों से मेरे दोनों छेदों की मालिश कर दी। मुझे और मोनी को एक एक पतली मैक्सी पहना दीं और बोली,”चलो अब अपने सेठों के पास जैसा मैंने बताया है वैसा करोगी तो मज़े करोगी नहीं तो दोनों के चूतड़ मार मार कर लाल कर दूँगी और हब्शी का लंड तुम दोनों की गांड और चूत में डलवाऊँगी !”

साथियों ! मौसी ने मुझे कोठे की रंडी बना दिया। अब इस सीरीज़ की आखरी कहानी,” चुद गई कुतिया कोठे पर” में शीघ्र ही पढ़िये कि आपकी प्यारी कुतिया की कैसे मौसी ने चूत और गांड फ़डवा कर भोसड़ी बना दी।

हालांकि यह कहानी काल्पनिक है पर मुझे यकीन है आपको जरुर पसंद आई होगी। आपको यह कहानी कैसी लगी मेल करें।

आपकी उषा मस्तानी Sex Stories

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