Our site can help you find a professional massage girl in Shahdol who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Shahdol that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Shahdol massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Shahdol who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Shahdol massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Shahdol massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Shahdol who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Shahdol employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Shahdol helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Shahdol
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Shahdol at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
मेरी दीदी रेशू मुझसे दो वर्ष बड़ी है उसकी शादी को दो साल हो चुके हैं। हमारा घर छोटा ही है सो इन दो सालों में मैंने जीजू और दीदी की चुदाई छुप-छुप के कई बार देखी है।
जैसे ही उनकी वासना भरी आवाज मेरे कानों से टकराती है, मेरा मन भी तड़प उठता है। मुझे भी ऐसा लगता है कि हाय राम… कोई मुझे भी आकर बजा जाये… सारा जिस्म का रस निकाल दे।
ऐसा नहीं है कि चुदाई का मजा मैंने नहीं लिया है। अपने दोस्तों से मैं आठ-दस बार चुद चुकी हूँ।
पर इस जालिम चूत का क्या करें और ये दिल… मानता ही नहीं है।
मेरी चूचियाँ भी ठीक ठाक हैं, टाईट बनियाननुमा टॉप पर ये किसी को भी घायल कर कर सकती हैं। मेरी सफ़ेद टाईट पैण्ट के तो कॉलेज में सभी दीवाने हैं…
और घर पर जीजू की तो जैसे आंखें ही नहीं हटती हैं। उनकी ललचाई आंखें मैं खूब पहचानती हूँ। जब तब वो मेरे पर कोशिश भी करते रहते थे।
मुझे भी घर में एक ही मर्द नजर आया था सो मैं भी कितनी बार उनसे द्विअर्थी शरारत करती थी, जिससे वो और उत्साहित हो जाते थे।
जब हम घूमने जाते थे तो उनके हाथ अन्जाने में… नहीं जी… काहे के अनजाने में… जान कर के कभी मेरे चूतड़ों पर हाथ मार देते थे और कभी कोहनियों से मेरे स्तन दबा देते थे। मुझे उनकी यह अदा मस्त कर देती थी।
कल ही जीजू ने बड़ी हिम्मत की और इत्मिनान से मेरे चूतड़ सहला दिये और फिर हाथ हटा भी नहीं रहे थे। मैंने भी उन्हें गाण्ड सहलाने का पूरा मौका दिया।
जीजू को ऐसा लगा कि शायद लाईन साफ़ है।
पर मैंने जानकर के उसे अनदेखा किया। पर इससे मुझे भी जीजू के मन की इच्छा मालूम हो गई। दिल ही दिल में मैं तड़प उठी। घर आने पर भी मैं जीजू के सपनों में खोई रही।
आज सवेरे से मौसम बड़ा सुहावना हो रहा था, बरसात होने जैसा हो रहा था। जीजू बाज़ार जाने वाले थे, उन्होंने मोटर साईकल बाहर निकाली और मैंने भी जिद पकड़ ली कि मैं भी साथ चलूंगी।
दीदी ने भी मुझे ले जाने को कहा।
मैं तुरंत अन्दर गई और बनियाननुमा टॉप और सफ़ेद टाईट पैन्ट पहन आई। मैं अन्दर ब्रा नहीं पहनती थी।
मैं लपक कर मोटरसाईकल के पीछे बैठ गई।
आगे जाते ही बूंदा-बांदी शुरू हो गई। मौसम मेरे मन को भड़का रहा था। ठण्डी हवा के झोंके मेरे जिस्म को गुदगुदाने लगे थे। मेरी कठोर चूचियाँ और कस गई। मेरे चुचूक कड़े होने लगे। मैं अपनी स्थिति बयान नहीं कर सकती।
ऐसे में मैंने प्यार से अपनी कठोर चूचियाँ जीजू की पीठ पर गड़ा दी और धीरे धीरे ऊपर नीचे हिलाने लगी। जीजू के बदन में मुझे कंपकपी उभरती हुई साफ़ नजर आने लगी।
रास्ते में कई बार मैंने अपनी चूचियाँ जीजू की पीठ पर गड़ा कर मस्ती की और जीजू को उत्तेजित किया।
कुछ ही देर में बड़ी सब्जी मण्डी आ गई। हमने सब्जियाँ और फ़ल बैग में भरे और सामने हेन्डल पर लटका दिये। तभी बरसात आने लगी। जीजू और मैं भाग कर मोटरसाईकल पर बैठ गये और रवाना हो गये।
हम दोनों ही लगभग भीग चुके थे… जीजू एक बन्द दुकान के सामने रुक गये और हम शेड में खड़े हो गये। मेरी बनियान में से मेरी चूचियाँ और चुचूक यू साफ़ नजर आने लगे थे, जीजू की नजरें वहाँ से हट ही नहीं रही थी।
उनके घूरने से मुझे लगा कि आज ये तो गये काम से… बस उन्हें खोलने की आवश्यकता थी। मेरी सफ़ेद पैन्ट में से मेरे चूतड़ और सामने के कट नजर आने लगे थे।
मैं जान कर के बाहर आकर बरसात में भीगने लगी। आस पास मैंने नजर दौड़ाई, वहाँ कोई नहीं था।
‘अरे, बिल्कुल भीग जाओगी… यहाँ आ जाओ…!’ जीजू ने हाथ बढ़ाया तो मैंने जीजू का हाथ खींच लिया और उन्हें भी बरसात में खड़ा कर दिया।
‘जीजू, भीगने का मजा तो लो, अब नहीं भीगोगे तो कब भीगोगे?’ मैंने उन्हें नशीली आवाज में कहा।
जीजू भी अब भीगने लगे थे। मुझे देख कर उनका लण्ड भी खड़ा होने लगा था जो भीगे हुये पैन्ट से साफ़ नजर आ रहा था।
लोहा गर्म था… मैंने मौका चूकना उचित नहीं समझा- जीजूराम, रास्ते में आपने जाने मुझे क्या कर दिया… मैं तो अपने काबू में ही नहीं रही थी!’
मैं अपनी भीगी हुई चूचियाँ और आगे उभार कर उन्हें रिझाने लगी।
‘नीलू, ये तेरे कठोर मस्त पहाड़ मेरी पीठ पर गुदगुदी कर रहे थे, बड़े ही कठोर हैं!’ जीजू ने भी अपना पत्ता डाल दिया।
अब मेरी बारी थी- नहीं जीजू, ये ये कठोर नहीं, नरम हैं… भले ही ही छू कर देख लो!
मुझे उन्हें अपने कब्जे में लेने के लिये न्योता देना ही पड़ा। मैंने अपनी बनियान-नुमा टॉप को ऊपर से खींचते हुये कहा।
बारिश की बूंदें मेरे उरोजों पर गिर कर आग पैदा कर रही थी। जीजू ने मेरे पास आकर मेरी चूचियों को स्पर्श किया और फिर हौले से दबा दिया। मैं दिल दी दिल में खुशी से भर गई।
सारा बदन पानी में तर हो चुका था। तेज बारिश में सड़क का दूसरा किनारा भी दिखाई नहीं दे रहा था।
जीजू मुझे खींचते हुये दुकान के एक सुरक्षित कोने में ले गए और मुझे लिपटा कर मेरे चूतड़ों को मसलने लगे। उनका जोश देखते ही बनता था। कभी मेरे स्तनों को मसलते और फिर मेरे चूतड़ों की शामत आ जाती…
मुझसे भी अब रहा नहीं गया- जीजू राम, मुझे भी तो कुछ करने दो ना…
मैंने झिझकते हुए कहा।
उन्होंने प्रश्नवाचक निगाहों से मुझे देखा…
इतना तो बहुत था। जगह पाते ही मेरा हाथ उनके नीचे पैन्ट पर उभरे हुये लण्ड से जा टकराया। एक ही झटके में मैंने उनकी पैन्ट की ज़िप खोल दी और हाथ भीतर पहुंचा दिया। उसका भारी लण्ड चड्डी के ऊपर से ही मेरे हाथों में था।
जीजू का लण्ड दबते ही उनके मुख से एक प्यारी सी कसक भरी सिसकारी निकल पड़ी। पंछी पूरी तरह से मेरे काबू में था।
हम दोनों जबरदस्त तरीके से एक दूसरे को नोच रहे थे.
जीजू ने मेरी पैन्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी चूत दबा दी। फिर उनकी एक अंगुली चूत में अन्दर सरक गई। मेरे दाने को सहलाते हुये मेरी चूत में अंगुली हिलने लगी। मैं सिसक उठी और उसी समय मैं झड़ने लगी।
जीजू का लण्ड भी मैंने खूब मसला और खींच खींच कर मस्त कर दिया, तभी जीजू के लण्ड ने अपना रस छोड़ दिया। मेरा हाथ वीर्य से चिकना हो उठा। उसके लण्ड को मसलते हुए मैंने पूरा निचोड़ दिया और फिर हाथ बाहर निकाल लिया।
जीजू ने मुझसे लिपटे हुये मेरे अधरों से अधर मिला लिये। कुछ देर तक अधरपान किया फिर हंसते हुये मैंने जीजू को पिंजरे में कैद करते हुये कहा- जीजू, आम रास्ते पर अब क्या क्या करोगे… चलो घर चलते हैं…’ मैंने सड़क पर ये सब करना उचित नहीं समझा।
‘नीलू मेरा तो माल निकल गया… अब…?’
‘सारा बारिश में धुल कर साफ़ हो जायेगा… अब खुश हो जाओ… क्या इरादा है?’
‘ऐसी घनघोर बारिश में… फिर ऐसा मौका फिर कहा मिलेगा…चलो और करें!’ जीजू का मन नहीं भरा था।
‘घर पर तो मौके ही मौके है ना…अब चलो…’ मैंने जिद की।
जीजू ने अपनी बाईक स्टार्ट की और हम भीगते हुये जिस्म की आग को ठण्डा करने का प्रयत्न करने लगे।
घर पहुंचते ही दीदी ने हमारी हालत भांप ली और उन्हे कुछ शक सा हो गया।
उन्होंने मुझ से तो नहीं पर जीजू को कहा- जल्दी से कपड़े बदल लो… अपनी जवान साली से अब चिपकना बन्द करो!’
दीदी ने कटाक्ष किया।
जीजू सुनते ही घबरा गये और अपनी सफ़ाई देने लगे। शायद उनका दीदी से कुछ कहासुनी भी हुई।
मैं सावधान हो गई। जीजू कहीं मिलते भी तो मैं बस आंख मार देती और उन्हें भी सावधान रहने को कहती थी।
एक दिन ऐसा हुआ कि मैं कॉलेज से जल्दी आ गई। दीदी बाजार गई हुई थी।
मैंने तुरन्त मोबाईल से जीजू को बात की। दूसरे ही क्षण जीजू मेरे कमरे में थे।
मैं बिना कुछ सोचे समझे जीजू से लिपट गई। जीजू की लुंगी मैंने खींच दी। जीजू ने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था। उनका खड़ा लण्ड बाहर आ गया।
हाय गोरा गोरा, चिकना सा, खूबसूरत सा सलोना, लाल चमकदार सुपारा देख कर मैं तो निहाल हो गई।
मैंने भी अपनी पैन्ट उतार दी… और नीचे से नंगी हो गई। मैंने जीजू को धक्का मार कर बिस्तर पर गिरा दिया और उनके मुख पर अपनी चूत का द्वार रख दिया। मेरी चिकनी चूत पर उसकी जीभ घूमने लग गई। मेरा दाना उनकी जीभ से हिल उठा।
‘जीजू राम, आज मौका मिला है… मेरी चूत को चाट चाट कर साफ़ कर दो… बहुत तरस रही है!’
मेरी उत्तेजना से भरी आवाज को वो समझ गए। मैं अपनी चूत उनके मुख पर दबाने लगी। जीजू का हाथ मेरे टॉप के भीतर घुस पड़ा।
मैंने अपना टॉप भी उतार दिया और और पूरी नंगी गई। अब मैंने अपनी चूत नीचे सरकाई और लण्ड से टकरा दी।
जीजू के सब्र के बांध टूटने लगा था। मैंने उनका लण्ड पकड़ा और तीर को निशाने पर लगा दिया। बस कमान छोड़ने भर की देर थी… और तीर चूत के अन्दर…
‘मेरे जीजू राम… चलो शुरू करो…’ हम दोनों ने खुमारी में आंखे बंद कर ली और मैंने उनके लण्ड पर हल्का सा दबाव डाला… लण्ड भीतर समाता चला गया।
दोनों ही सिसक उठे।
‘नीलू, जरा धीरे से, झिल्ली फ़टेगी तो दर्द होगा!’ उसने आशंका जताई।
‘जीजू राम, ऐसा मत कहो ना… मैं तो कई बार चुदा चुकी हूँ… बस आपका लण्ड लेना था!’ मैंने कसकती आवाज में कहा।
‘क्या?… क्या कहा… फिर कोई बात नहीं…’ वो अब इत्मिनान से था।
‘चल ना… मस्ती से चोद यार… लगा अपना लौड़ा पूरी ताकत से कि मैं अच्छी तरह से चुद जाऊँ!’
‘नीलू, मैं तो तुम्हें मन ही मन प्यार करने लगा था…’ उसने आह भरते हुये कहा।
‘नहीं जीजू राम… मेरी बहन बहुत प्यारी है… उसका आप ध्यान रखो… और प्यार करना है ना… मैं तो यही हूँ ना… खूब करना!’
हमारी चुदाई तेज हो गई थी। मैं ऊपर से उसके लण्ड पर चूत पटक रही थी और भरपूर आनन्द ले रही थी।
‘नीलू, नीचे आ जा, जरा जोर से चोदना है मुझे, चल पलट जा!’ जीजू को अब घमासान करने की लग रही थी।
मुझे नीचे लेकर अब वो ऊपर आ गया था। उसका पहला धक्का ही मुझे मस्त कर गया। भीतर तक या जड़ तक ठोकर मार गया।
अब दूसरा उससे भी जोर का था… मैं हिल उठी… पर मस्ती में झूम गई। ऐसा जबरदस्त चोदा मारा कि मेरा सारा जिस्म जैसे जीजू का गुलाम हो गया।
‘मार और जोर से चोदा मार मेरे राजा… साली चूत को अन्दर से भी फ़ाड दे…’ वासना के नशे में मैं पसीने पसीने हो रही थी।
जीजू का पसीना भी मेरे जिस्म पर टपक रहा था। जीजू मेरी चूचियों का दुश्मन हो गया था। पूरे मन से और तरीके से उन्हें मसलते हुये मुझे जन्नत की ओर ले जा रहा था। धकाधक लण्ड पेल रहा था। मेरी चूत उसका लण्ड उछल उछल कर गपागप ले रही थी।
अचानक मुझे लगा कि बस अब मुझे कोई नहीं रोक सकता। चूत में लहरें उठने लग गई थी। मुझे लगा कि मैं अब सीमा तोड़ कर झड़ने वाली हूँ।
‘ज्ज ज ज्ज जीजूराम… अह्ह्ह्ह्ह… मैं हाय… जीजू… मुझे सम्भाल रे… मेरा रस निकला रे…जोर लगा कर चोद दे रे…’
‘मैं भी नीलू… आह्ह माल निकलने वाला है!’ और जीजू ने अपना मेरी चूत में एक भरपूर शॉट मारा और लण्ड चूत में जोर से गड़ा दिया।
मेरी चूत चू पड़ी… और झड़ने लग गई। गड़े हुए लौड़े ने भी जड़ के पास गहराई में वीर्य छोड़ दिया और दोनों ही झड़ने का लुत्फ़ लेने लगे। चुदाई मस्त थी, मैं तो पूरी संतुष्ट थी।
हम दोनों ने सफ़ाई की और कपड़े पहन लिये।
यह साली की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
ज़ीजू ने तुरन्त फ़रमाईश की- नीलू, तेरी गाण्ड मस्त है यार… अगली बार तेरी गाण्ड का नम्बर लगाते हैं!
‘धत्त… अभी नहीं…’
‘तुम आज से ही गाण्ड में तेल लगा कर दो अंगुलियों को गाण्ड में चलाओ, देखो तीन दिन में शानदार मराने लायक तैयार हो जायेगी।’
मैं हंस दी।
मैं २२ साल का एक साधारण लड़का Sex Stories हूँ। मेरी दिलचस्पी ३५ साल या उससे ज्यादा उम्र की औरतों में है, इसके दो कारण हैं, एक तो इन औरतों की गांड काफी मोटी और चूची काफी बड़ी होती है, दूसरे अगर कभी इनकी ब्रा दिख रही हो या सलवार का नाड़ा ढीला हो तो ये १०० लड़कों के बीच में उसे ठीक करने में नहीं शर्माती।
अगर कभी इनकी गांड में ऊँगली डाल दी जाये या हाथ फेर लिया जाये या चूची दबा दी जाये तो इन्हें महसूस नहीं होता और अगर होता भी है तो नज़र-अंदाज़ कर देती हैं क्योंकि इनकी चूत तो पहले से ही फटी होती है। अगर आपकी दिलचस्पी इनमें नहीं भी है तो भी मेरी कहानी पढ़ो और फिर आपका लोड़ा भी मेरी तरह हर वक़्त इनकी मोटी गांड देख कर खडा हो जायेगा माल उगलने के लिए।
दोस्तों ये घटना तब घटी जब मैं बस से सफ़र कर रहा था और बस में बिलकुल भी जगह नहीं थी। अचानक से बस एक स्टाप पर रुकी और आप विश्वास नहीं करेंगे पूरी की पूरी बस खाली हो गयी पर मुझे अभी भी सीट नहीं मिली थी। मैं सोच रहा था आज किस्मत ख़राब है वरना कोई ना कोई आंटी तो दबाने के लिए मिल ही जाती।
पर भगवान् ने मेरी सुन ली। अगले बस स्टाप पर फैक्ट्री में काम करने वाली कुछ मजदूर औरतें चढी जो कि 3५-४० के बीच की थी। मेरे आगे एक बहुत ही छोटी पर मोटी औरत खड़ी हो गयी।
कुछ ही मिनट में भीड़ फिर बढ़ गयी और वो औरत अब मेरे बिलकुल करीब थी। मेरा उसके बदन से बदबू आ रही थी और इसी बदबू ने मेरा लोड़ा खडा कर दिया। उसके बाल थोड़े थोड़े सफ़ेद होने लग गए थे। उसकी उमर ३८ के आस पास रही होगी।
तभी वो पीछे की ओर हुई और अपनी गांड को मेरे लण्ड पे लगा दिया। मेरा लोड़ा २-३ सेकंड में ही खडा हो गया। उसने साड़ी पहनी थी और मैं उसकी गांड के दो टुकडो के बीच का गैप महसूस कर सकता था।
अभी मैं अपने लण्ड का दबाव उसकी गाँड पर बढ़ा ही रहा था कि मेरी पीठ पर दो मोटी मोटी गोल चूचियां टकराई। मैंने पीछे मुड़ के देखा तो एक ४५ साल की औरत जो कि कम से कम ३ बच्चों की माँ खड़ी थी। उसका रंग एक दम काला था और शायद उसका शराबी पति उस गरीब औरत को सुख नहीं दे पाता था, तभी वो आज मुझ से मज़ा ले रही थी।
मैं पीछे की ओर हुआ और जैसे ही मैंने अपनी पीठ पर उसके चुचों को महसूस किया, वो आगे वाली आंटी अपनी गांड को मेरे लोड़े पर धक्के दे कर मारने लगी। उसकी गांड चौड़ी थी और मेरा लोड़ा उसकी गांड में घुस जाता था।
अब मेरी हालत ख़राब होती जा रही थी सभी लोग मुझे देख रहे थे। अब मैंने हिम्मत करके अपना हाथ आगे वाली आंटी की गांड की तरफ बढ़ाया और सीधा उसकी चूत को महसूस करने लगा। उसने पैंटी नहीं पहनी थी और उसकी चूत गीली और ढीली थी और मैं अब अपने हाथ से उसकी चूत की खुशबू सूंघने लगा।
मैं पागल सा हो रहा था कि पीछे वाली आंटी ने मुझे देख लिया और मेरी गर्दन पर गर्म सांस छोड़ने लगी और उसने एक हाथ मेरे लोड़े पर पीछे से लगा दिया और उसे जोर से पकड़ लिया।
तभी वो आगे वाली आंटी पीछे मुड़ गयी और देखने लगी कि किसका हाथ उसकी गांड में घुस रहा है। वो भी हंसने लगी। अब मेरे लण्ड पे दो काम हो रहे थे, एक पीछे वाली आंटी के हाथ का कमाल और आगे वाली की गांड का कमाल।
पीछे वाली आंटी का स्टाप आ गया और अब मैं आगे वाली आंटी के साथ मज़ा लेने लगा पर तभी वो आगे वाली आंटी का स्टाप भी आ गया और उसने मुझे इशारे से उतरने को कहा।
मैं भी उसके साथ उतर गया और पीछे चलने लगा। आगे जा कर गन्ने के खेत आ गए और वो मुझे उसके अंदर ले गयी। जाते ही उसने अपनी साड़ी और पेटीकोट उठा दिया और नाली में लेट गयी उसकी चूत एकदम काली और सूखी थी। मैं उस पर लेट गया और उसका ब्लाऊज़ खोल कर उसकी चूची चूसने लगा।
उसकी चूची एकदम काली थी और उसके लिप्स भी काले थे मैंने अपना लोड़ा उसकी चूत में डाल दिया और उसकी मोटी मोटी चूची चूसने लगा।
अब बस वो मेरे ८ इंच के लोड़े को ले कर चीख रही थी और मज़ा ले रही थी। वो जैसे ही झड़ने वाली थी उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और मैं भी झड़ गया और सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया। अब मैं खेत से निकल कर बाहर आ गया।
दोस्तो, मैंने उस औरत से बात तक नहीं की और उसकी चूत चोद दी। तब से मैं ऐसी आंटी को ढूँढता रहता हूँ पर ऐसी औरत मुझे दोबारा नहीं मिली। Sex Stories
कई बार चुदाई करने के बाद अब मैंने Hindi Sex Stories सोच लिया कि इसमें जो मज़ा है वो और किसी चीज़ में नहीं है!
तो मैंने सोचा कि क्यूँ ना कॉल बॉय बन कर अपना चुदाई का शौक पूरा किया जाये! इससे मुझे कुछ पैसे भी मिल जायेंगे और चुदाई भी करने को मिलेगी!
लेकिन सवाल था कि यह सब कैसे होगा?
यह जानने के लिए पढ़िये आगे की कहानी:
मैं मुंबई में रहता हूँ! मेरी उम्र 21 साल, कद 6 फीट और रंग मध्यम है! मेरी बॉडी एवरेज है और मेरे हथियार का साइज़ 6” है!
मुझे चोदने का बहुत शौक है!
एक दिन मैं ब्लू फिल्म देख रहा था।
तब मेरे मन मैं एक ख्याल आया कि क्यों न किसी लड़की को आज होटल में ले जाकर चोदूं!
मैं एक लड़की को पैसे देकर उसे होटल में ले गया और वहां से घर में फ़ोन करके बताया कि मैं आज दोस्त की बर्थडे पार्टी के लिए जा रहा हूँ, इसलिए मैं कल सुबह आऊंगा!
दोस्तो, मेरे दिन आर्थिक तौर पर बहुत ख़राब चल रहे थे!
मैंने उस रात उस लड़की को बहुत चोदा!
जब मैंने दूसरा राउंड लिया तो वो लड़की जोर से रोने लगी!
मैं हैरान हो गया कि जो लड़की धंधा करती है वो मेरे लंड के कारण रो रही थी!
चोदने के बाद उस लड़की को मैंने अपनी प्रॉब्लम बता दी.
वो लड़की बोली- तुम किसी जिगोलो जैसे काम क्यूँ नहीं करते? तुम में वो जोश है और तुम्हारा हथियार भी बहुत तगड़ा है!
मैं सोचने लगा!
जब मैंने उससे पूछा कि यह सब होगा कैसे?
तब उसने कहा- वो सब मेरे ऊपर छोड़ दो!
सुबह ही मैंने उसका नंबर और नाम लिया.
उसका नाम प्रिया था.
एक दिन के बाद मैंने प्रिया को कॉल किया.
मुझे उसने नटराज होटल में बुलाया और मेरे वहां पहुँचने पर बताया- तुम्हें एक डॉक्टर के यहाँ कल रात को जाना है.
उसने मुझे उस पहली कस्टमर के बारे में जानकारी और उसका पता बताया.
मुझे एक सिन्धी डॉक्टर की बीवी आरती को चोदना था, जिसकी उम्र 23 साल थी. वो एक घरेलू औरत थी जिसका पति दिल का विशेषज्ञ था, उसकी उम्र 31 साल की थी!
प्रिया ने कहा- आरती को मैंने जब तुम्हारे बारे में बताया तो आरती ने तुम्हारे साथ रात गुजरने की जिद पकड़ी है!
आरती का रंग गोरा है. उसकी हाईट 5’7” और उसने तुम्हारे लिए रुपये दिए हैं!
प्रिया ने वो पैसे मेरे हाथ में दिए!
पैसे और सारी जानकारी मैंने प्रिया से ली और मैंने प्रिया को मेरे दिल में आये हुए डर के बारे में बताया!
प्रिया ने कहा कि आरती के पति किसी कोर्स के लिए दो दिन के लिए सुबह दिल्ली जा रहे हैं.
तब मैं निश्चिंत हो गया.
उस रात मुझे नींद नहीं आई!
मैं शाम के 6 बजे घर से निकला और माँ को कहा- माँ, आज मैं नहीं आने वाला! मेरी राह मत देखना!
मैं शाम 7 बजे उस पते पर पहुंचा और दरवाजे की घंटी बजायी तो सामने एक औरत आई.
मैंने वो कोड बोला जो प्रिया ने मुझे बताया था.
तब मुझे उसने अन्दर बुला लिया.
मैं समझ गया कि वही आरती है!
आरती ने दरवाजा बंद कर दिया.
शायद वो भी मेरा इंतजार कर रही थी.
अन्दर जाने के बाद उसने कहा- तुम तो रात 10 बजे आने वाले थे?
मैंने कहा-पहली बार मुझे किसी ने रुपये दिए हैं, जिसके लिए मैंने कुछ नहीं किया! इसीलिए सोचा कि उसका सब पैसा चुकता होना चाहिए, सो मैं जल्दी आया!
आरती मुस्काई और मैं पागल हो गया क्यूंकि आरती (जितना प्रिया ने बताया) उससे बहुत ज्यादा खूबसूरत थी!
मैंने आरती को कहा- अब अपना काम शुरू करें?
तो आरती ने मुझे कहा- मैं दो मिनट में आती हूँ, तुम बेडरूम में जा के बैठो!
और मुझे बेडरूम की तरफ इशारा किया!
मैं बेडरूम में जा बैठा.
आरती 10 मिनट के बाद दुल्हन की साड़ी पहन के हाथ में गिलास ले आई.
वह मेरे पास आकर बैठी और दूध का गिलास मुझे दिया.
मैंने पूछा- यह क्या है?
उसने कहा- मैं अभी तक कुंवारी हूँ! मेरे पति ने आज तक सुहागरात का मज़ा मुझे नहीं दिया!
वो मेरी तरफ ऐसे देख रही थी जैसे कह रही हो “वो सब आज तुम्हें ही करना है!”
मैंने वो दूध आधा पिया.
उसके बाद उसने बाकी का पीया.
मैंने देखा कि बेड पूरा फूलों से सजाया था. मैंने उसे कस के अपनी बाँहों में लिया और उसे किस करने लगा.
जहाँ मेरे होंठ रुकते थे, वहां उसे किस करता था.
उसके बाद मैंने उसकी साड़ी और चूड़ियाँ उतार दी.
अब वो मेरे सामने ब्लाउज में थी!
मैंने उसके गर्दन को चूमा और उसके स्तन दबाने लगा.
आरती सिसकारने लगी.
मैंने ब्लाउज खोल दिया.
उसके वक्ष देख के मैं बहुत गरम हो गया.
मैंने उन्हें चूसना और मसलना शुरू किया.
तब आरती के मुंह से ‘आआह्ह उफ्फ … दबाओ और जोर से’ निकलने लगा.
मैं चूसते चूसते नीचे की तरफ गया.
आरती और सिसकारने लगी.
मैंने उसकी पैंटी खोली और उसकी चूत चाटने लगा.
थोड़ी देर के बाद आरती ने अंदर डालने के लिए कहा.
मैंने अपने कपड़े निकाल दिए और अपना लंड हाथ में लेकर खड़ा रहा.
आरती आँखें फाड़-फाड़ के उसे देख रही थी.
थोड़ी देर के बाद वो प्यासी शेरनी की तरह झपट पड़ी, वो मेरे लंड को चूसने लगी!
थोड़ी देर के बाद मैंने लंड उसके मुंह से निकाल कर उस पर दो कंडोम चढ़ाये.
मैंने आरती की चूत को सहलाते हुए कहा- आरती, इसे अंदर लो!
मैं आरती की कमर को पकड़ कर लंड उसकी चूत पे रगड़ने लगा.
आरती आह्ह करने लगी और मैंने उसके बूब्स को पकड़ कर एक जोर का झटका दिया.
लंड चूत का बाहरी किनारा ले के फिसल गया.
आरती कुतिया की तरह चिल्लाई, उसने मुझे उसके बदन से दूर धकेल दिया!
मैं वापस उसको समझा कर उस पर चढ़ गया.
इस बार मैंने सही निशाना लगाया तो आधा लंड चूत में घुस गया.
आरती चिल्लाई- हाय भगवान्! प्लीज़, इसे निकाल लो!
मैंने दूसरा झटका दिया, लंड पूरा अंदर तक घुस गया.
तभी मैंने देखा कि आरती की आँखों से आंसू निकल आये.
उसके बाद मैंने चोदना शुरू किया.
मेरे हर एक झटके पर आरती चिल्लाती थी.
अब 10 मिनट के बाद आरती मेरा साथ देने लगी.
थोड़ी देर के बाद मेरी स्पीड बढ़ने लगी.
जैसे ही मैंने आखरी झटका दिया, मेरे अंडकोष जोर से पीछे हो गए और लंड बहुत अंदर तक चला गया.
मेरा पानी निकाल गया था
थोड़ी देर के लिए हम वैसे ही लेटे रहे!
आरती ने बेड की चादर की ओर इशारा कर के कहा- आज मेरा कुंवारापन टूट गया!
चादर खून से लाल हो गई थी!
फिर मैंने बाथरूम में जाकर कंडोम हटाया और फिर नीचे सो गया.
आरती ने मेरे ऊपर चढ़ कर दूसरे दौर के लिए तैयारियां की!
जब मेरा लंड खड़ा हो गया तब मुझे भी बहुत तकलीफ होने लगी और उस रात आरती ने मुझे अपना पति मानकर मेरे साथ 4 बार सम्भोग किया.
सुबह मुझे जाना था पर सिन्धी लड़की ने मेरी पूरी पॉवर चूस ली थी.
मैं दोपहर को नींद से उठा.
आरती भी उठ गई!
उसने मुझे लम्बा किस किया और कहा- नाश्ता करके जाना!
हम एक साथ नहाये और फिर आरती ने नाश्ता बना के मुझे दिया.
मैं दोपहर काम पर गया!
दोस्तो! आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा। Hindi Sex Stories
दोस्तो, मेरी यह Antarvasna पहली कहानी है जो मैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर भेज रही हूँ।
मैं मुम्बई में एक साधारण परिवार में पली-बड़ी हुई हूँ। मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी हैं। मेरी आयु 23 की है। यह बात तब की हैं जब मैं 20 साल की थी। तब मैं बारहवीं में पढ़ती थी। हमारे स्कूल सब लड़के-लड़कियाँ एक दूसरे के साथ मजाक-मस्ती करते रहते थे। मेरा भी एक बॉय फ्रेंड था, उसका नाम अमित था। मैं उसे बहुत पसंद करती थी। वो भी मुझे पसंद करता था।
वो पढ़ाई में भी बहुत होशियार था। जब हमारी बारहवीं की परीक्षा ख़त्म हुई तब उसने और उसके दोस्तों ने घूमने के लिए गोआ जाने की योजना बनाई और हमें भी आने के लिए कहा। हमने भी हाँ कर दी। चार लड़के और सबकी गर्लफ्रेंड, हम गोवा के लिए निकल पड़े। गोवा के सस्ते होटल में हमने कमरे लिए और अपना सामान कमरे में रखा और थोड़ा आराम किया। फिर हम बीच पर घूमने गए।
वहाँ हमने अपने कपड़े उतारे और बिकनी पहन ली और घूमने लगे। बाद में हमने होटल आकर खाना खाया और हम अपने कमरे में आराम करने लगे।
तभी रीता नाम की मेरी सहेली ने कहा- मैं तो आज राज के साथ मजे करने वाली हूँ!
मैंने कहा- मजे? कैसे मजे करने वाली हो?
उसने कहा- मैं उसके साथ सेक्स करने वाली हूँ!
मैंने कहा- सेक्स? यह क्या होता है?
दरअसल मुझे पता था कि सेक्स क्या होता है, मैं उसके मुँह से सुनना चाहती थी।
रीता ने कहा- बुद्धू! सेक्स का मतलब चुदाई! जो लड़का-लड़की करते हैं!
मैंने कहा- तूने पहले किया है कभी ऐसा राज के साथ?
रीता ने कहा- हाँ! कितनी ही बार किया है।
तभी वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे होठों को चूमने लगी। मैंने और उसने बिकनी ही पहनी थी इसलिए वो मेरे स्तन ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगी और चूमने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था, उसने मेरी ब्रा और पेंटी खोल दी और मैं उसके सामने नंगी हो गई। वो मेरे बदन को सहलाने लगी और बाद में वो मेरी चूत पर मुँह रख कर चूमने लगी।
मेरे मुँह से आह ऊह आह ऊह ओह्ह और करो आह चाटो आह जैसी आवाजें निकलने लगी।
तभी दरवाजा खुला और वहाँ अमित और राज ने कमरे में प्रवेश किया और हमें इस तरह देख कर मुस्कुराने लगे।
तभी राज ने कहा- क्यूँ! आज हमारे बिना ही अपनी प्यास बुझा लोगी?
रीता ने कहा- तो आ जाओ! तुम्हें किसने रोका है! अब तुम ही हमारी प्यास बुझा दो!
इतना सुनते ही दोनों हमें बिस्तर पर ले गए, अमित मुझे चूमने लगा। धीरे-धीरे वो मेरे नीचे की तरफ जाने लगा और वो मेरे चूत के दाने को चाटने लगा। मुझे और भी मजा आने लगा। तभी उसने अपना लंड मेरे हाथ में दिया और मुँह में लेने को कहा। मैं उसके लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
उसने मुझे चित्त लिटाया और अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रख कर फिराने लगा और तभी एक जोर धक्का दिया। उसका 8 इन्चा लंड मेरी चूत में आधा घुस गया।
मैं कराहने लगी, मुझे बहुत दर्द होने लगा और वो मुझे चूमने लगा। धीरे-धीरे दर्द ख़त्म होने लगा। मैंने उसे आगे बढ़ने को कहा और उसने पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और घर्षण करने लगा।
मेरे मुँह से आह उह की आवाज निकलने लगी और कहने लगी- और चोदो! फाड़ डालो मेरी चूत! आह चोदो।
थोड़ी देर बाद मैं झड़ने वाली थी और वो भी झड़ने वाला था। उसने स्पीड बढ़ा दी और एक झटके के साथ मेरा कामरस निकल गया। दो मिनट बाद वो भी मेरी चूत में झड़ गया। गर्म-गर्म पानी चूत में गिरने से मुझे और भी मजा आया।
उधर रीता और राज़ दोनों का भी काम तमाम हो गया था। थोड़ी देर बाद राज ने मुझे चोदा। उस रात मैं तीन बार चुदी थी।
दोस्तो, कैसे लगी मेरी कहानी! मेल जरूर करना!
मैं और भी कहानी लिखूंगी नेहा दीदी की तरह! बस आपके मेल का इंतजार रहेगा। Antarvasna
मेरे शौहर ने मुझे कैसे लंड की भूखी रंडी बनाया.
मेरा नाम सबा है, मैं उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 24 साल है, मेरी शादी हो चुकी है. मेरे बदन का साइज़ 34 28 38 है, मेरे बूब्स बड़े और टाइट हैं मेरी गांड काफी बाहर निकली हुई है जिसे देख कर सबका लंड खड़ा हो जाता है.
मैं अपने शौहर से चुदाई रोज़ करती हूँ, वो भी मुझे खूब जम कर चोदते हैं लेकिन कुछ दिनों से मुझे अपने शौहर के लंड से मज़ा नहीं मिल रहा था लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं कहा.
पर वो समझ गए, एक दिन चुदाई के वक़्त कहने लगे- लगता है अब तुम्हें बड़े लंड की ज़रूरत है?
मैंने कुछ नहीं कहा.
उसके बाद हम लोग चुदाई करके सो गए.
अगले दिन चुदाई के वक़्त फिर वही बात कहने लगे, तब मैंने कहा- मुझे सिर्फ आपके साथ ये सब करना है और अब कभी ये सब मत कहना!
लेकिन वो नहीं माने, कहने लगे- मेरा एक दोस्त है, वो जिगोलो है, उसके ग्रुप में पांच लड़के हैं, सबके लंड बड़े बड़े हैं और वो यही काम करते हैं. तुम कहो तो बात करूँ?
मैंने मना कर दिया लेकिन अब रोज़ चुदाई के वक़्त वो ये सब कहते और मैं कुछ नहीं कहती.
एक दिन उन्होंने कहा- आज अपने दोस्त से मैंने बात की है और उसने तुम्हारी फ़ोटो मांगी है नंगी!
मैंने कहा- मुझे ये सब पसंद नहीं है!
लेकिन वो ज़बरदस्ती करने लगे कि सिर्फ तुम्हारी चूत और बूब्स का फोटो भेजूंगा.
काफी ना नुकुर के बाद मैं भी मान गई और उन्होंने मेरी फ़ोटो उन लोगों को भेज दी.
तब मैंने पूछा- आपके दोस्त का नाम क्या है?
उन्होंने बताया- संजय… और उसी का लंड सबसे बड़ा है. उसने अपने लंड की फ़ोटो भी भेजी है, देखोगी?
मैंने मना कर दिया लेकिन वो ज़बरदस्ती मुझे दिखाने लगे.
तभी मेरी नज़र मोबाइल पर पड़ी, मेरे तो होश ही उड़ गए कि इतना बड़ा लंड भी होता है. मेरे शौहर का मुश्किल से पांच इंच का होगा लेकिन ये तो उसका डबल से भी ज़्यादा है और बहुत मोटा भी!
मैंने कहा- कौन चुदवाती होगी इससे?
कहने लगे- पसंद आया?
मैंने कहा- नहीं, मुझे नहीं करना है!
उन्होंने कहा- एक बार चलो, तुम्हारी चूत की सारी गर्मी निकल जायेगी या तुम चुदाई छोड़ दोगी या फिर रंडी बन जाओगी. मुझे तुम्हें देखना है तुम कैसे दूसरे मर्द से चुदवाती हो!
मैंने कहा- आप बर्दाश्त कर लेंगे जब कोई आपके सामने आपकी बीवी को चोदेगा?
उन्होंने कहा- उस दिन का मुझे बहुत दिनों से इंतज़ार है!
मैंने कहा- जब आपकी यही तमन्ना है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है!
सच कहूँ तो मैंने जब से वो लंड देखा था, मेरी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी. उस रात मैंने खूब चुदवाया.
कुछ दिन बाद मेरे शौहर ने कहा- कल चलना है!
मैंने कहा- कहाँ?
तो बताया- संजय के पास… मेरी बात हुई है, मैंने कह दिया है अपने दोस्तों को बुला लेना!
मैंने कहा- क्या मुझे रंडी बनाने का इरादा है?
तो बोले- बन जाओ रंडी!
मैंने कहा- ठीक है. अब मुझे सबा मत कहना, रंडी कहना! आज से मैं एक रंडी हूँ!
उन्होंने कहा- ठीक है!
अगले दिन मैंने अपनी चूत को अच्छी तरह साफ किया और चल पड़ी. हम लोग एक घर में पहुंचे, वहाँ पर 6 लोग हमारा इंतज़ार कर रहे थे.
इतने लोगों को देख कर मैं डर गई, मैंने कहा- चलिए, मुझे मरना नहीं है!
तब एक आदमी आया और कहने लगा- कुछ नहीं होगा, हम ज़बरदस्ती नहीं करेंगे, अगर आपको कोई दिक्कत होगी तो आप चली जाना!
मेरे शौहर ने कहा- एक बार ट्राई कर लो, अच्छा नहीं लगेगा तो मत करना!
मैंने हाँ में अपना सर हिला दिया.
तभी एक दूसरा आदमी मेरे पास आया और मेरा नकाब निकलने लगा.
मैंने कुछ नहीं कहा और अपना नकाब उतार दिया.
तभी मुझे पीछे मुझे कुछ चुभता हुआ महसूस हुआ, मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो एक आदमी मेरे गांड में अपना लंड रगड़ रहा है और तीन लोग नंगे खड़े अपना लंड हिला रहे थे, सबके लंड लगभग बहुत लम्बे लम्बे और मेरी कलाई इतने मोटे थे.
मेरी तो हलक़ ही सूख गई उनके लंड देख कर… मेरा दिल बहुत ज़ोर से धड़कने लगा, जिससे मेरी चूचियाँ ऊपर नीचे होने लगी.
तभी संजय ने कहा- क्या नाम है आपका?
मैं कुछ बोलने ही वाली थी कि मेरे शौहर ने कहा- सबा!
फिर पूछा- क्या करने आई हो, पता है?
मेरे शौहर ने कहा- इसे रंडी बनाना है, इसे आज अपनी रंडी समझ कर इतना चोदो कि इसकी चूत और गांड दोनों खुल जायें!
गांड का नाम सुनते ही मैं चौंक गई क्योंकि मैंने आज तक कभी गांड नहीं मरवाई थी. मेरे शौहर कहते थे लेकिन मैं मना कर देती… लेकिन यहां तो आज मेरी गांड और चूत दोनों फटने वाली थी.
मैं यही सब सोच रही थी कि पीछे से किसी ने मेरी गांड को दबा दिया, मुझे बहुत डर लग रहा था.
तभी संजय ने कहा- सबा रंडी… अपने कपड़े उतारो, आज तुम्हें असली चुदाई का मज़ा मिलने वाला है!
मुझे शर्म आ रही थी.
तभी मेरे शौहर ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए. मैंने भी दिल में ये सोच लिया कि जो होगा देखा जाएगा… आज मज़ा ले लिया जाए!
मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए. तब मैंने संजय से कहा- सब तो नंगे हैं, आपने क्यूँ नहीं कपड़े उतारे?
तो उन्होंने कहा- मैं बाद में उतारूंगा, तुम लोग शुरू हो जाओ!
तभी पांच आदमी मेरे पास आ गए और मुझे अपना अपना लंड पकड़ाने लगे. मैंने झिझकते हुए एक का लंड पकड़ा, मुझे लगा जैसे कोई मोटा बेलन हो… मेरे हाथ में नहीं आ रहा था और काफी गर्म भी था.
एक ने इशारा किया उसका लंड चूसने के लिए… मैंने झुक कर उसका लंड अपने मुँह में ले लिया सिर्फ उसका टोपा ही मेरे मुंह में जा पा रहा था.
तभी एक पीछे से मेरी चूत को चाटने लगा और दूसरा मेरे बूब्स को पीने लगा. मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगी, उसकी चटाई ऐसी थी कि मैं एक मिनट भी नहीं टिक पाई और झर गई, मेरी चूत से बहुत पानी निकलता है, लगभग आधा गिलास… और वो सारा पानी पी गया.
मेरा अब मुंह भी दर्द करने लगा था, मैं खड़ी हो गई. तभी संजय मेरे पास आया. वो भी नंगा हो गया था, उसका लंड सबसे बड़ा था.
मैं सोचने लगी कि आज पता नहीं ज़िंदा बचूंगी भी या नहीं!
मैं सोच ही रही थी कि सबने मुझे बेड पर चलने को कहा.
तो मैं सीधे चल दी आगे आगे… पीछे से सबकी नज़र मेरी गांड पर थी जो ऊपर नीचे हो रही थी. बेड पर पहुंचते ही सबसे पहले संजय ने मुझे किस करना स्टार्ट किया और एक हाथ से मेरी चूत को और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को मसलने लगा.
उसके हाथ में जादू था, मैं हवा में उड़ने लगी, मेरी चूत से रस टपकने लगा, मैंने कहा- जल्दी करो, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है!
तब संजय ने कहा- अब बताओ तुम कौन हो?
मैंने कहा- मैं तुम सब की रंडी हूँ, मुझे चोदो… तड़पाओ मत… मुझे इतना चोदो… अपनी रंडी समझ कर चोदो… मैं कितना भी चिल्लाऊं, मुझे छोड़ना मत!
नेहा के मचलते मम्मे – ऑडियो सेक्स स्टोरी सेक्सी लड़की की आवाज में सेक्सी कहानी का मजा लें!
तभी किसी ने मेरी चूत को चाटना शुरू किया, मेरी आग और भड़क गई, मैंने कहा- प्लीज मुझे जल्दी से चोदो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी.
तब संजय ने मुझे लिटा कर मेरी चूत में अपना लंड रखा, मैंने अपनी आंखें बंद कर ली लेकिन वो सिर्फ मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ता रहा, मैं तड़पने लगी, मेरी चूत से ढेर सारा पानी बह कर मेरी जांघों पर पहुँच गया. मैंने कहा- मेरी जान, मत तड़पाओ… जल्दी से चोदो!
तभी उसने एक तेज़ झटका मारा और मैं बहुत ज़ोर से चिल्लाई, मुझे लगा जैसे कोई गर्म सरिया मेरी चूत को चीर गया है और मेरी चूत फ़ट गई है.
मैंने कहा- प्लीज, निकाल लो, मुझे नहीं करवाना, मैं मर जाऊँगी.
उसने अपने होंठ मेरे होंठों पे रख कर उन्हें चूसना चालू कर दिया और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद मुझे कुछ दर्द कम हुआ तो नीचे से मैंने अपनी गांड उचकाना शुरू किया. तभी एक जोरदार झटका लगा और मेरे मुँह से भयानक चीख निकली, मेरी तो जैसे जान ही निकल गई, मैं छटपटाने लगी और छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन नाकाम रही. उसने मुझे कस कर दबाये रखा और मेरे निप्पल को चूसता गया.
थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हुआ तब उसने कहा- मुबारक हो, तुम्हारी चूत ने मेरा पूरा लंड अपने अन्दर ले लिया, अब तुम किसी से भी चुदवा सकती हो!
मेरा भी अब दर्द कम हो गया था, तब मैं अपनी गांड को हिलाने लगी.
यह हिंदी चुदाई की हॉट कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
संजय ने अपना आधा लंड बाहर निकाला और एक झटके में अंदर कर दिया. मुझे बहुत तेज जलन महसूस हो रही थी, मैंने कहा- प्लीज, थोड़ा धीरे करो… बहुत जलन हो रही है.
लेकिन वो लगातार मुझे चोदता गया. कुछ देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी. उसका लंड जब मेरी बच्चेदानी में जाकर ठोकर मारता, मुझे इतना मजा आता कि मैं बता नहीं सकती.
मैं झड़ने के करीब पहुँच गई और चिल्लाने लगी- और कस कर चोदो मुझे… फाड़ दो मेरी चूत को… बना दो मुझे बाजारू रंडी! मैं अब तुमसे हमेशा चुदवाऊंगी! मुझे ऐसे ही हमेशा चोदना!
उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
तभी मैं झड़ गई लेकिन वो मुझे लगातार चोदता रहा.
उसके बाद वो भी मेरी चूत में झड़ गया, मैं बहुत खुश थी.
तभी दूसरे ने आकर अपना लंड मुझे चूसने के लिए कहा. मेरा मन अभी भरा नहीं था तो मैं जल्दी से उसे चूसने लगी. सब एक साथ मेरे ऊपर टूट पड़े, एक मेरी चूत को चाट रहा था, दूसरा मेरी गांड को चाट रहा था, तीसरा मेरे बूब्स को चूस रहा था, चौथा अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ाए था.
मुझे गांड चटवाने में बहुत अच्छा लग रहा था, मैं दोनों का सर पकड़ कर अपनी चूत और गांड पर दबाने लगी.
तभी सब हट गए, मैंने पूछा- क्या हुआ?
एक ने कहा- अब तुहारी असली चुदाई होगी!
मैंने कहा- जल्दी करो, चोदो इस रंडी को!
तभी एक आदमी नीचे लेट गया और मुझे अपने लंड पर बैठने का इशारा किया.
मैंने जल्दी से उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगाया और धीरे धीरे बैठने लगी. उसका लंड भी संजय के जितना था, थोड़ा सा दर्द हुआ लेकिन मैंने सहते हुए पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया जो सीधे जाकर मेरी बच्चेदानी में लगा.
तभी नीचे से धक्का लगना स्टार्ट हुआ, मैं भी अपनी गांड हिला कर उसका साथ दे रही थी.
अब तीन लोग सामने आए और एक ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और दो ने मेरे हाथों में पकड़ा दिया.
मैं मजे में लंड चूसते हुए दिल खोल कर चुदवा रही थी कि तभी मेरी नज़र मेरे शौहर पर पड़ी, वो संजय से कुछ कह रहे थे, मुझे देख कर हँसने लगे.
उनको देख कर मैं और ज़ोर से लंड चूसने लगी, अपनी गांड को लंड पर पटकने लगी.
मैं झड़ने ही वाली थी कि उसने अपना लंड बाहर निकल लिया और हट गया. तभी दूसरा नीचे लेट गया, मैं उसके लंड की सवारी करने लगी लेकिन चार पाँच झटकों के बाद वो रुक गया और मुझे अपने ऊपर झुका कर मेरे होंठ को चूसने लगा.
तभी कोई मेरी गांड में उंगली डाल कर तेल लगाने लगा.
मैं उठना चाहती थी लेकिन उसने मुझे कस कर जकड़ा था, मैं चिल्लाने लगी- मुझे गांड नहीं मरवानी है… प्लीज, मेरी गांड मत मारो, मेरी गांड फट जाएगी!
लेकिन तभी मेरी गांड पर मुझे लंड महसूस हुआ, मैंने कहा- प्लीज, धीरे करना!
उसने थोड़ा ज़ोर लगाया और उसका टोपा मेरी गांड में घुस गया, मैं चिल्लाने ही वाली थी कि दूसरे ने मेरे मुंह में अपना लंड डाल दिया. मैं रोने लगी.
मेरे शौहर ने कहा- रुकना मत, पूरा एक बार में डाल दो!
उसने एक झटका इतना ज़ोर मारा कि पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया.
मैं बेहोश होते होते बची.
तभी उसने अपना लंड आधा बाहर निकाला और फिर पूरा मेरी गांड में घुसा दिया. मेरी आंखों से आँसू बहने लगे लेकिन उसने मेरी गांड मारना चालू रखा. थोड़ी देर बाद दर्द कम हुआ तो नीचे वाले ने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया. मेरी दोनों तरफ से चुदाई हो रही थी, अब मुझे भी मज़ा आने लगा था, मैं अब मज़े से चुदवा रही थी, मुझे इतना मज़ा कभी नहीं मिला था मुझे चूत से ज़्यादा अब गांड मरवाना अच्छा लग रहा था.
मैं चिल्ला रही थी- चोदो मुझे… फाड़ दो मेरी चूत और गांड को!
वो फुल स्पीड से मुझे चोद रहे थे, उनके लम्बे लंड मेरी गांड और चूत की साथ में चुदाई कर रहे थे. लगातार काफी देर तक चोदने के बाद वो मेरी गांड और चूत में झड़ गए, उनका माल मेरी गांड और चूत से बाहर बह रहा था.
उसके बाद बाकी दो लोगों ने जगह संभाल ली, एक चूत में, एक गांड में… फिर मेरी चुदाई स्टार्ट हुई. इन दोनों ने भी लगभग आधा घंटा मुझे खूब रगड़ कर चोदा, वो भी मेरी गांड और चूत में झड़ गए.
इस दौरान मैं लगभग बहुर बार झड़ी थी.
उनके हटने के बाद मैंने अपनी चूत को देख तो वो एकदम फूल गई थी. मुझसे चला भी नहीं जा रहा था.
मैंने अपनी गांड को हाथ लगाया तो लगा जैसे किसी ने बाँस डाल कर फैला दिया है.
उन लोगों ने मुझे मेरी गांड का फोटो खींच कर दिखाया, एकदम खुल गई थी.
मेरे शौहर ने मुझे कपड़े पहनाए, नक़ाब, बुर्का पहनाया.
उसके बाद उन्होंने मेरे शौहर को एक मेमोरी कार्ड दिया और मैं सबसे गले मिलने लगी. सबने मेरे बूब्स और गांड को दबा कर मुझे छेड़ा.
आते हुए संजय ने कहा- सबा, एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- कहो?
उसने कहा- फिर कब आओगी? मुझे तुम्हारी गांड मारनी है!
मैंने कहा- मैं सबा नहीं हूँ, मैं तुम लोगों की पर्सनल रंडी हूँ, जब चाहो मुझे चोदो, मेरी गांड मारो… अब तुम लोग मेरे घर पर आकर मुझे जब दिल चाहे चोदना… यह रंडी हमेशा अपनी चूत और गांड तुम लोगों के लिए तैयार रखेगी. लेकिन मेरी एक शर्त है मेरी चूत और गांड की चुदाई साथ में होनी चाहिए!
सब हँसने लगे.
मेरे शौहर ने कहा- एक बार में इतनी बड़ी रंडी बन गई हो?
मैंने कहा- अब देखना मेरा रंडीपना…
फिर हम घर चले आये.
घर आकर पता चला कि मेरी चुदाई की वीडियो बनी है, अब सब लोग आते हैं और मुझे रात भर मेरी गांड और चूत की चुदाई करते हैं. मेरी गांड अब और भी बड़ी हो गई है, मैं पक्की रंडी बन गई हूं.
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.