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गरम लड़की की गरम चूत का मजा लिया मैंने मेरे साथ ट्यूशन पढ़ने वाली सेक्सी सांवली लड़की को चोद कर. उसने खुद से पहल की और बाइक पर बैठकर मेरे लंड पर हाथ रख दिया.
भाइयो और भाभियो, मेरा नाम सिद्धांत है.
मैं नया नया जवान हुआ हूँ.
यह गरम लड़की की गरम चूत का मजा लेने की कहानी अभी कुछ दिन पहले की ही है.
मैं ट्यूशन गया था.
उस दिन उधर एक नई लड़की आई.
वह मुझे दिखने में इतनी ज्यादा अच्छी दिख रही थी कि क्या ही बोलूँ.
लड़की थोड़ी दबे से रंग की जरूर थी लेकिन उसका बदन का ग्लैमर इतना मस्त था कि कोई भी देख कर सोचेगा कि अभी पटक कर चोद दूँ.
उस दिन उसने काले रंग का सूट पहना था, बड़ी ही मस्त माल लग रही थी.
मैं शुरू से बहुत बड़ा ठरकी था, किसी भी लड़की या भाभी को देख कर चोदने का मन करने लगता था.
उसको देख कर ही मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.
मेरा मन कर रहा था कि इसको चोद दूँ.
मैंने खुद पर कंट्रोल किया और बैठ गया.
फिर ट्यूशन वाले सर आए और उसका परिचय करवाया.
उसका नाम सोनी था.
अब सर ने पढ़ाई शुरू की.
मैं सर के घर में उनके बेड पर बैठा था.
वह मेरे सामने कुर्सी लगा कर बैठी थी.
जब वह झुक कर लिख रही थी, तो उसके बड़े बड़े संतरों का दीदार हो रहा था.
उसके दूध देख कर मुझसे रहा न गया और मेरे लंड ने हल्का सा पानी छोड़ दिया.
मैंने सर से कहा- मैं वॉशरूम से आता हूँ.
वह लड़की मुझे देखने लगी.
मैंने बाथरूम के अन्दर जाते ही अपना लंड निकाला और हिलाने लगा.
जब लंड की छूट हो गई, तब मैं शांत हुआ और पढ़ाई खत्म होने के बाद घर आ गया.
घर आकर भी मुझे बहुत बेचैनी सी हो रही थी, मन कह रहा था कि अब मुझे उसको चोदना ही है.
मैंने उस दिन घर आते ही सेक्स वीडियो देखना शुरू किया.
मुझे हर वीडियो में बस उसका ही चेहरा दिख रहा था.
मैंने उस दिन हर घंटे में बार बार लंड हिलाया.
मैंने आज तक किसी लड़की में इतना ग्लो नहीं देखा था.
मेरी यह ट्यूशन हफ्ते में 3 दिन ही रहती थी.
मैं बहुत परेशान हो गया क्योंकि उस दिन ट्यूशन का आखिरी दिन था.
उसके बाद दो दिन की छुट्टी थी.
खैर … कुछ कर ही नहीं सकता था.
सोमवार को मैं ट्यूशन पर बहुत जल्दी चला गया.
लेकिन सोनी दीदी थोड़ी देरी से आई.
आज वह फिर से एक दूसरी ब्लैक ड्रेस में थी.
मैं उसे देख कर एकदम से पागल हो गया.
सोनी के आते ही सर ने कहा- तुम दोनों पढ़ाई करो, मुझको कुछ काम है, मैं अभी आता हूँ.
मेरी किस्मत बहुत ज्यादा अच्छी थी क्योंकि सर के जाते ही बारिश होने लगी.
अब हम दोनों कमरे में बिल्कुल अकेले थे.
मेरा मन कर रहा था कि मौका अच्छा है … इसकी बुर फाड़ देता हूँ.
पर वह थोड़ी शर्मीली थी.
मैं कुछ देर के बाद उससे थोड़ा बात करने लगा और मैंने उससे उसका नंबर मांगा.
उसने एकदम से सीधा मना कर दिया और बोली- नहीं, मैं किसी को नंबर नहीं देती.
मुझको थोड़ा गुस्सा आया.
फिर मैंने कहा- क्या आप इंस्टाग्राम पर हैं?
वह बोली- हां हूँ.
मैंने कहा- उसकी आईडी ही दे दीजिए. आपसे कभी बात करना हुई तो मैसेज भेज दूंगा.
वह बोली- हां ठीक है.
उसने अपनी इंस्टाग्राम की आईडी दे दी.
मैंने तुरंत मोबाईल में इंस्टाग्राम खोला और उसकी आईडी सर्च की.
जैसे ही उसकी प्रोफाइल को देखा, आह क्या बोलूँ … उसकी एक से एक फ़ोटो उधर लगी थी.
मैंने उसकी तारीफ की तो वह खुश हो गई.
उस दिन उससे अलग होकर एक अजब सी खुशी थी कि जाने क्या मिल गया हो.
मैंने घर आते ही उसको एक मैसेज भेजा.
कुछ देर बाद उसका जवाब आया कि रात को बात करूंगी.
मैं और ज्यादा खुश हो गया कि बंदी रात को बात करने की कह रही है.
उस दिन रात को उससे बात शुरू हुई तो एक बजे तक बात चलती रही.
फिर वह गुड नाइट बोल कर सोने चली गई.
अब हम दोनों लगभग रोज ऑनलाइन होते तो बात करते.
ट्यूशन में भी अकेले होते तो बात करते, वह सर के सामने बिल्कुल बात नहीं करती थी.
एक दिन यह हुआ कि ट्यूशन में ही उसकी चूत टपकने लगी, उसको माहवारी शुरू हो गई.
वह बहुत परेशान लग रही थी.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वह कुछ नहीं बोली.
बस धीमे से बोली- मेरी तबीयत ठीक नहीं है. तुम मुझे मेरे घर तक छोड़ सकते हो?
मैं बाइक लेकर आता था तो झट से रेडी हो गया.
सर ने भी उसकी तबियत के चलते उसे छुट्टी दे दी.
वह पहली बार मेरे साथ बाइक पर बैठी थी.
जब से मैं जवान हुआ तभी से यह चाहता था कि कोई सुंदर सी लड़की मेरे साथ बाइक पर बैठे.
मैं बहुत तेज रफ्तार पर बाइक को दौड़ा कर चलाता था.
जब वह मेरे साथ बाइक पर बैठी तो मेरे साथ चिपक गई.
चूंकि ठंड का मौसम था तो मैं भी उसकी चूचियों का मजा लेने लगा.
मैंने अपना बैग आगे रख लिया था.
मैं तेज बाइक चला रहा था.
मुझे नहीं पता था कि सोनी को भी तेज रफ्तार पसंद थी.
मैं फुल स्पीड में था कि तभी सामने एक गड्डा आया और मुझे ब्रेक लगाने पड़े.
वह झटका खाकर एकदम से मेरे ऊपर गिर पड़ी, उसके बूब्स मेरी पीठ पर लड़ गए.
कुछ समय तक तो मैं वैसे ही उसकी चूचियों से लगा रहा.
उसके बाद वह अलग हुई.
लेकिन मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था.
कुछ देर यूं ही चलने के बाद सामने एक ब्रेकर आ गया था.
मैंने फिर से एकदम से ब्रेक लगाए.
उसका हाथ एकदम से मेरे लंड पर आ गया.
जहां तक मुझे पता था कि माहवारी के दौरान लड़कियों का चुदने का बहुत मन करता है.
शायद यही वजह थी कि उसका शरीर एकदम से गर्म होने लगा.
वह बोली- सिद्धांत, तुम मुझे यहीं उतार दो … आगे मैं ऑटो से चली जाऊंगी.
मैंने भी कुछ नहीं कहा.
उसे वहीं उतार कर मैं आगे बढ़ गया.
अब मैं सोचने लगा.
उसका एकदम से मेरे लंड पर हाथ आना मुझे थोड़ा अजीब सा लगने लगा.
हालांकि मुझे मज़ा भी बहुत आया था.
वह दो दिन ट्यूशन नहीं आई और ना ही हमारी ऑनलाइन कोई बात हुई.
फिर जब उसकी माहवारी खत्म हो गई तब वह ट्यूशन आई.
वह बोली- सिद्धांत तुम मुझे रोज घर तक छोड़ सकते हो क्या?
यह सुन कर मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा.
मैंने खुद को कंट्रोल करके कहा- अरे क्यों नहीं … ज़रूर दीदी.
वह मेरे मुँह से दीदी सुन कर थोड़ा गुस्सा सी हो गई और उसने मेरे पैर में एक घूंसा मारते हुए कहा- मुझे सोनी बोल.
मैंने कहा- ठीक है सोनी.
अब ट्यूशन से वापस घर की तरफ चले, तो दस किलोमीटर दूर चलना था.
उस रास्ते में एक सुनसान इलाका आता था.
उधर उसने एकदम से मेरी कमर में हाथ डाल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी.
मैंने कहा- अरे यह क्या कर रही हो?
वह बोली- सिद्धांत, मैं जानती हूँ कि तुम भी मुझे चोदना चाहते हो. मैं तो जिस दिन आई थी, उस दिन ही तुम्हारे खड़े लंड को देख कर तुमसे चुदवाना चाहती थी.
उसके मुँह से इतनी साफ बात सुन कर मैं खुश हो गया.
मैंने उधर ही तय किया और बाइक को अपने एक दोस्त के कमरे की तरफ मोड़ दी.
मैं सोनी को उधर ले गया और दोस्त से कह कर उससे बाहर जाने के लिए कह दिया.
वह सोनी को देखता हुआ चला गया.
मुझे बिना कंडोम के चोदना पसंद था तो किसी बात की चिंता नहीं थी.
वह रूम खाली होते ही मुझे किस करने लगी.
मैंने कहा- एक मिनट तो रुक जा मेरी जान … जरा दरवाजा तो लगा लेने दे.
मैं जल्दी से उठ कर गया और दरवाजा बंद कर आया.
मैंने आते ही अपने लंड को सहलाया और कहा- आज मैं तुमको नहीं छोड़ूँगा.
उसने कहा- हां मुझे भी नहीं बचना है. जल्दी बता कि कैसे चोदेगा?
मैंने कहा- तुम पहले पूरी नंगी हो जाओ.
उसने कहा- बस इतनी सी बात. चल तू भी अपने कपड़े खोल.
वह पूरी नंगी हो गई.
मैं भी पूरा नंगा हो गया.
हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना चालू कर दिया और काफी देर तक चूमाचाटी करने के बाद मैंने उससे कहा- मेरे लंड को चूस रंडी!
वह बोली- नहीं यार, मैं मुँह में नहीं लूँगी.
मैंने ज़बरन उसके मुँह में लंड दे दिया.
उसको पहले तो लंड का स्वाद अच्छा नहीं लगा.
उसने जीभ से सुपारा चाट कर एक बात थूक दिया.
फिर उसने खुद से मेरे लंड को मुँह में भर लिया और पूरा अन्दर तक लेकर चूसने लगी.
मैं उसके बूब्स दबा रहा था.
भाई सच बता रहा हूँ कि इतना सॉफ्ट मामला था कि मजा ही आ गया.
मेरा मन उसकी बुर चाटने का हुआ, मैंने कहा- चल 69 में आ जा. मैं लेट रहा हूँ, तू अपनी चुत मेरे मुँह पर टिका कर ऊपर चढ़ जा.
जैसे ही मैंने उसकी बुर को चाटना शुरू किया, वह कामुक सिसकारियां लेने लगीं ‘आह उहह …’
जब मेरे लंड से न रहा गया तो मैंने एकदम से उसके मुँह में ही पिचकारी मार दी.
वह मुँह हटाने लगी तो मैंने उससे कहा- पी जा रण्डी … प्रोटीन है … तेरे चेहरे का ग्लो बढ़ जाएगा.
उसने वीर्य पी लिया.
फिर मैंने उससे लंड को फिर से चूस कर खड़ा करवाया.
मैंने कहा- साली, तेरा भोसड़ा तो फटा हुआ लगता है.
वह बोली- हां भोंसड़ी के मादरचोद … मैं चुदाई करवाती हूँ.
उसके अन्दर की रंडी जाग गई थी.
मेरे लंड को कुछ मिनट चूसने के बाद वह बोली- ले साले तेरा खड़ा हो गया.
मैंने उससे कहा- हां तो चल अब कुतिया बन जा.
वह बन गई.
मैंने उसकी बुर से थोड़ा दूर को लंड रखा ओर एकदम से एक ज़ोरदार शॉट दे मारा.
अभी मेरा आधा लंड भी अन्दर नहीं गया था कि वह दर्द से बहुत तेज रोने लगी.
वह बोली- आह साले मादरचोद ने मार दिया.
मैंने कहा- अरे रंडी साली, चुप हो जा बहन की लौड़ी … क्या सारा मुहल्ला बुलाएगी.
वह चुप हो गई.
कुछ मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ, तो वह मस्ती से चुत चुदवाने लगी.
फिर मैंने लंड चुत से बाहर खींचा और उसके मुँह में लंड घुसेड़ दिया.
वह बोली- अभी और चोद कमीने.
मैंने उसको कुतिया बना दिया और बुर में लंड सैट करके एक ज़ोरदार शॉट दे मारा.
पर गजब हो गया. इस बार मेरा लंड न जाने कैसे उसकी गांड में घुस गया.
मैंने शॉट इतनी ज़ोर का मारा था कि उसकी गांड फट गई और एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में घुसता चला गया.
वह बहुत ज्यादा रोने लगी.
पर मैंने उसकी गांड में से लंड नहीं निकाला.
मैं उसकी गांड फाड़ने में बिज़ी बना रहा.
वह चिल्ला रही थी और मैं उसकी सुन ही नहीं रहा था.
दस मिनट बाद उसको भी गांड मरवाने में मज़ा आने लगा.
मैं 10 मिनट तक गांड मारता रहा.
उसके बाद मैं उसकी गुलाबी बुर चोदने लगा.
लंड चुत में पेलते ही उसका पूरा रस निकल गया.
उस वजह से मेरा लंड पूरा चिकना हो गया था.
धकपेल चुदाई के बाद मैंने अपने लंड का माल उसके पेट पर निकाल दिया.
उस दिन मैंने उस गरम लड़की की गरम चूत को 2 घंटे में 3 बार चोदा.
उसके बाद हम दोनों के घर से कॉल आने लगा.
मैंने उससे कहा- चूत का खून आदि साफ कर लो.
उसने सब साफ करना शुरू किया.
मगर वह ठीक से हिल ही नहीं पा रही थी तो उससे चूत साफ करते नहीं बन रहा था.
मैंने ही उसका सब कुछ साफ किया और उसको कपड़े पहनाए.
फिर उसको उसके घर तक छोड़ दिया.
इस बीच मैं उसकी मम्मी से भी मिला.
यार उनका परिवार बहुत ज्यादा रिच था.
अब मेरा उसके घर आना जाना शुरू हो गया.
मैं जब भी उसके घर जाता और उसके घर में सुनसान होता तो मैं उसको उसके कमरे में ले जाकर चोद देता.
हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम विकाश है। मैं देहरादून से Hindi Sex Stories हूँ लेकिन अभी बॅंगलुर में एक सॉफ्टवेर कंपनी में काम कर रहा हूँ। ये घटना दो महीने पुरानी है। मैने एक साइट पर पॉर्न स्टोरी लिखी थी ओर साथ मैं अपनी ई-मेल आई भी लिखी थी, जिसे पढ़ कर एक लड़की ने मुझे मेल किया और पूछा कि क्या मैं उससे मिल सकता हूँ। वो मुझसे शायद सेक्स करना चाहती थी। मैंने उसे अपना फोन नंबर मेल कर दिया। अगले दिन मैं ऑफीस से घर आ रहा था तो रास्ते मैं उसका फोन आया। उसने अपना नाम शिवानी बताया। वो हरिद्वार, जो कि देहरादून के पास जगह है, की रहने वाली थी। उसने बताया कि वो एक सॉफ्टवेर कंपनी में एच आर है। उसके बाद रोज रात को उसका फ़ोन आने लगा। धीरे धीरे वो मुझसे खुल गयी। उसने बताया कि वो अपनी कंपनी के एक लड़के से बहुत प्यार करती है, लेकिन कुछ दिन पहले उसे पता चला कि वो लड़का उसे धोखा दे रहा है। उसके ऑफीस की ही किसी दूसरी लड़की से संबंध है। मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने उसके साथ सेक्स किया है तो वो बोली की नहीं उसने बस एक बार मेरे बूबस दबाए थे लेकिन मैं बुरा मान गयी तो उसने मुझे छोड़ दिया। लेकिन जब से मुझे उसके बारे में पता चला है। मैं चाहती हूँ कि मैं भी किसी और लड़के से सम्बन्ध बनाऊँ।
मैं तो बस यही चाहता था। मैंने उसे बोल दिया कि ठीक है मैं तुम्हें बहुत अच्छे से चोदूँगा। चूँकि अगले दिन दोनो का ऑफीस था तो हमने ये डिसाइड किया कि दोनो छुट्टी ले लेंगे। अगले दिन जब मेरे दोनो रूम मेट्स ऑफीस चले गये तो मैं शिवानी को अपने फ्लेट में ले आया। यकीन मानो दोस्तो मैंने उसकी आवाज़ सुन कर उसके बारे में जो सोचा था वो उससे कहीं ज़्यादा सेक्सी थी। उसकी हाईट ५’५”थी और फ़ीगर ३४-२८-३५ वो बहुत शर्मा रही थी। मैं उसकी झिझक दूर करने के लिए उसे किचन में ले गया और उसके साथ मिल कर ओम्लेट और चाय बनाई। ब्रेकफ़ास्ट करने के बाद वो मुझसे काफ़ी घुल मिल गयी थी और मेरे काफ़ी करीब भी बैठ गयी। उसके शरीर से प्यारी सी खुशबू आ रही थी। मैंने उसके बालों पे धीरे से हाथ फेरा तो उसने शर्म से मुँह छुपा लिया।
मैंने उसके कान पे किस करनी शुरू किया तो उसकी आँखों में पहली बार सेक्स अपील देखी। फिर मैने उसे फ्रेंच किस की तो वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने उसे बोला कि उसे जो कुछ भी कहना हो कह सकती है। उसने कहा कि वो मेरा लॅंड देखना चाहती है। मैंने बिना देर किए अपनी शॉर्ट उतारी और उसे अपने ८ इंच लंबे लॅंड के दर्शन कराए। उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी। वो बोली कि इतना बड़ा लॅंड उसकी चूत में कैसे फिट होगा। मैंने उसे बोला अभी घबराओ नहीं ये बहुत आराम से तुम्हारी चूत में जाएगा और ये कह कर मैंने उसे के वाय -जेल्ली की ट्यूब दिखाई। उसने पूछा कि ये क्या है तो मैंने बताया कि इसे लूब्रिकॅंट कहते हैं और इसे लॅंड पे लगाने से लॅंड आराम से तुम्हारी चूत में घुसेगा। तुम्हें पता भी नहीं चलेगा। वो ये सुन कर बहुत ही एक्साइटेड हो गयी। मैंने उसकी चूत पर बाहर से हाथ रखा तो वो काफ़ी गरम हो गयी थी। उसने मेरे लॅंड पे अपना हाथ रखा और उसे प्यार से सहलाने लगी।
मैने उसकी टोप उतारी। उसने सफेद रंग की ब्रा पहन रखी थी। मैंने जल्दी से ब्रा उतारी और उसके दोनों बूब्स के साथ खेलने लगा। वो मेरे लॅंड को सहलाने में मस्त थी। वो मस्ती में आ..ह सी…सी.. … की आवाज़ निकल रही थी। अब मुझसे बरदाश्त नहीं हो रहा था। मैंने झट से उसकी जीन्स और सफेद रंग की पेंटी भी उतार दी। उसकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी। उसकी चूत के रस से उसकी पेंटी गीली हो रखी थी। मैंने जल्दी से एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो सर्र से अंदर घुस गयी। मैं उसकी चूत में अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा। मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाल कर ‘ कम हेयर’ स्टाइल में उंगली हिलाने लगा ताकि उसका जी – स्पॉट प्रेस कर सकूँ। वो मारे खुशी की पागल हो उठी और कहने लगी कि प्लीज़ उंगली बाहर निकालो और जल्दी से अपना मोटा सा लॅंड मेरी चूत में डाल दो। मैंने के वाय -जेल्ली की ट्यूब लॅंड के ऊपर रखी और ५-६ बूंदे उसपे टपका दी। मैंने उसे पीठ के सहारे लेटने को बोला और उसकी टांगे फैला दी। फिर अपने लॅंड उसकी चूत पे रख कर उसे क्लाइटॉरिस पे रगड़ने लगा। वो तो मानो पागल हो उठी। उसने मेरे बॉल खींच लिए और ज़ोर से बोली प्लीज़ मुझे और मत तड़पाओ, और जल्दी से अपना लॅंड अंदर कर दो। मैंने थोड़ा सा धक्का लगाया तो लॅंड का सुपाड़ा उसकी चूत पे जा कर अटक गया। और वो दर्द से चिल्लाने लगी. आ…ह… उ…ई… बाहर निकालो प्लीज़। उसकी आँखों में आंशु आ टपके। लेकिन मैं तो पूरे जोश में था। मैंने उसे अपने बाजुओं में कस कर पकड़ा और धीरे से प्रेशर देने लगा। फिर मैं रुक गया क्योंकि उसकी चूत काफ़ी टाइट थी और मुझे भी फील हो रहा था। मैं बस उतना सा ही घुसा कर उसकी बूब्स को चाटने लगा। थोड़ी देर बाद वो खुद ही अपनी गांड धीरे से उचकाने लगी। मैं समझ गया कि अब उसका दर्द ख़त्म हो गया है और वो अब पूरा लॅंड अपनी चूत के अंदर चाहती है। मैंने कुछ सोचा और थोड़ा सा लॅंड बाहर निकाल कर ज़ोर से धक्का मारा। फ़च्छ … की आवाज़ के साथ पूरा का पूरा लॅंड उसकी चूत में चला गया था। और शिवानी ने ज़ोर से चीखना शुरू कर दिया। मैंने उसके मुँह को अपने एक हाथ से ज़ोर से बंद किया और कहा कि अगर वो ज़ोर से चिल्लाएगी तो पड़ोसी आ जाएँगे और सारा मज़ा किरकिरा हो जाएगा। उसकी आँखो से आंशु छलक पड़े, लेकिन उसने आवाज़ निकालनी कम कर दी।
मैंने लॅंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। वो अब मस्ती से कराहने लगी. आ…ह , उम्म…ह…, हाँ… ऐसे ही ठीक है…
मैं लॅंड की अंदर बाहर करने की स्पीड धीरे धीरे बढ़ाने लगा। उसे अब मज़ा आने लगा था। वो भी अब पूरा सपोर्ट कर रही थी अपनी गांड हिला हिला कर। मैंने स्पीड और बढ़ा दी। १० मिनट के बाद उसका ऑर्गेज़्म हो गया था। मैं उसकी चूत में वाइब्रेशन्स फील कर सकता था। उसकी चूत का पानी निकल कर पूरी बेड शीट पर फैल गया था। मैंने उसकी टाँगे और फैला ली और लंबे लंबे धक्के लगाने लगा। वो आँखें बंद करके कराह रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने भी उसकी चूत के अंदर ही ढेर सारा वीर्य छोड़ दिया। हम दोनो इसी तरह आधे घंटे तक लेटे रहे। फिर मैंने धीरे से अपना लॅंड उसकी चूत से निकाला। वो काफ़ी टाइट से अटका था। फक्क की आवाज़ के साथ पूरा लॅंड बाहर आया तो उस पर मेरा वीर्य और थोड़ा खून भी लगा था। मैं उसे गोद में उठा कर बाथरूम ले गया। वहां गरम शावर के नीचे थोड़ी देर दोनो बैठे रहे। मैंने उसकी चूत को ठीक से साफ किया। इस दौरान मेरा लॅंड फिर से खड़ा हो गया था। उसकी चूत भी फिर से गीली होने लगी थी। मैने बाथरूम में ही फिर से उसकी चुदाई की। इस बार उसने पूरा सपोर्ट किया और हम दोनो एक साथ आधे घंटे बाद झड़े।
फिर हमने तौलिए से एक दूसरे को अच्छे से पोंछा। फिर हम वापस बेड रूम में आ गये और थोड़ी देर बातें की। उस दिन मैंने उसे शाम ५ बजे तक ६ बार चोदा। शाम को इससे पहले कि मेरे रूम मेट्स वापस आते, मैं उसे उसके हॉस्टिल तक छोड़ आया। उसके बाद से अब तक मैं उसे ५ बार चोद चुका हूँ। Hindi Sex Stories
। Hindi Sex Stories
दोस्तों मैं आप को एक सेक्सी Sex Stories बातचीत बताता हूँ।इसे पढ़कर आदमी का लंड चूत के लिए और औरत की चूत लंड के लिए बेताब हो जायेगी !
तो पेश है :
हाय
बोलिए
कैसे हैं आप !
ठीक हूँ और तुम ?
ठीक
क्या चल रहा है ?
बस ठीक कट रही हैं
लंड खड़ा हो गया तुझे ओन लाइन देख के
अच्छा इतनी जल्दी
इसका मतलब आप के लिए बहुत हॉट पिक हूँ मैं
हाँ यार बहुत दिन बाद मिली न
हा यार
अच्छा, फिर आज कुछ मूड है कि नहीं
गांड मारनी है या चूत ?
दोनों
पहले क्या ?
आप का जो भी मन हो वो मार लो
एक साथ मारनी हो तो दो लोग लगेंगे
नहीं आप से ही मरवानी है और से नहीं
अच्छा क्या पहना है
मिनी स्कर्ट और टॉप पहना हैं, पैंटी और ब्रा भी हैं ब्लैक कलर की
मैंने पैन्ट और टी-शर्ट
अब एक दूसरे को किस करतें हैं और एक एक करके
कपड़े उतारते हैं
टी-शर्ट उतारो,
ओके आप भी हेल्प करो
अब मैं तुम्हारी टॉप
वो क्या साइज़ हैं बॉडी का बताओ जरा
बूब्स ३४ कमर ३० और हिप्स ३४
जान खुलकर बोल तभी मजा आयगा
बोल मेरी चूची ३४ , कमर ३० और गांड ३४
अच्छा अब जींस उतार दो
आप का लंड साइज़ क्या हैं
८.२ इंच लंबा हैं और २.१ इंच मोटा हैं
लंबा बहुत हैं
हां
जान
डरो नहीं तुम्हारे चूत इसी पूरा ले लेगी
बहुत डर लग रहा हैं
नहीं मेरी तो बहुत टाइट और छोटी हैं
जान क्या ये तुम पहली बार चुदने वाली हो
फट गई तो
नहीं पहले एक बार शुरुआत की थी पर ठीक से नहीं चुदवाई
अच्छा वो क्यूँ
उससे छोड़ो आप आगे बोलो
जान शुरू में तो थोड़ा दर्द होगा
लेकिन फ़िर मज़ा आएगा
अच्छा
जान तुम्हारी चूत पर बाल हैं क्या
या थोड़े थोड़े हैं और आपके लिए क्लीन शेव की हैं
तुम पूरा मुँह में ले लोगी
अच्छा चलो कोशिश कर लो
तुम्हारी चूत पर कुछ तेल /क्रीम लगा लेते हैं
तेल लगा लेने से आसानी से चूत में चला जाएगा
और तुम्हें दर्द भी कम होगा
अच्छा
हाथ में लो लंड को
अच्छा ले लिया बहुत हॉट हैं और टाइट भी रोड के जैसा
हम्म
अब पकड़ने से कुछ डर कम हुआ
अब आप ऐसे ही पैंटी के ऊपर से मेरी जांघों और चूत पर हाथ फेर रहे हो
मैं इसको किस कर लूँ , देख कर बहुत मन हो रहा हैं
एकदम अखरोट के जैसा
हाँ किस करो, और फिर इसे मुंह में लो जान
बहुत मोटा हैं मुंह में नहीं आ रहा
थोड़ा मुंह और खोलकर ट्राई करो जान, आ जायगा
जितना आ रहा है लो
पौचा पौच
कितना आ गया है
ऊई माँ ये तो किस करने से और मुंह में चूसने से और मोटा लंबा हो रहा है
अब मैंने तुम्हारे बालों को पीछे की तरफ़ से जोर से पकड़ लिया है
और अब अचानक मैंने एक ज़ोरदार झटके के साथ पूरा लंड तु्म्हारे मुंह में दे दिया
अह्हा मर गई ऐसे नहीं धीरे धीरे
तुम्हारी आवाज़ भी तुम्हारे मुंह में ही रह गई
रुको थोड़ी देर साँस लेने दो
आइस क्रीम लगा के चाटेगी ?
नहीं चोकलेट
कौन सा फ़्लेवर पसंद है
अब लंड पर चोकलेट लगा दी है चाट ले पूरी
अब मैं तुम्हारे मुंह में लंड को अंदर बाहर कर रहा हूँ
अह्हा अब अच्छा लग रहा हैं
हम्म्म ऐसे ही करते रहो
कैसा लग रहा है
अहा अब अच्छा लग रहा हैं
और अब मैं तुम्हारी चूत और गांड में ऊँगली कर रहा हूँ
पहले थोड़ी देर ऐसे ही पूरा बदन मसलो
और अपना बदन भी रगड़वाओ
अच्छा अब अपनी चूत तो चटा, मुझको बहुत बेचैन कर रखा हैं इसने
हम्म चाट लो पर मैं भी आपका लंड चूसूंगी
तो ठीक है, लेट जा, मेरे लंड को मुँह में लेकर और में तेरी चूत चाटता हूँ
हम्म बहुत गुलाबी और उभरी हुई हैं जान तेरी चूत इसे मारने में बहुत मजा आयगा
प्लीज़ यार ऐसे मत बोलो मुझे शर्म आती हैं
चल ठीक हैं अब लंड डालता हूँ तेरी चूत में
बहुत गीली हो गई हैं चाटने से अब लंड भी आराम से जाएगा
गई अरी चिल्ला मत
उम् मर गयीईइ
रुको बहुत दर्द हो रहा हैं, रुक गया अब तेरे लिप्स चूस रहा हूँ
तेरे बूब्स दबा रहा हूँ
इससे दर्द कम हो जाएगा
अच्छा फिर
और फिर एक और झटके में लंड पूरा तेरी चूत में अन्दर गया
प्लीज़ रुको, मर गयी ई ओह ऊई, फट गयी ई
फिर थोड़ी देर तू अपने आप गांड हिलाने लगी जब दर्द कम हो गया
मस्ती में चुदा
मजा ले ले के
अब बोल मैं अपनी चूत मरा रही हूँ
मजा आ रहा है
हम्म्म पूरा पूरा जन्नत का
तुझे तो एक साथ तीन लंड चाहियें
नही यार ऐसे मत बोल
पहले बहुत दर्द हुआ था
आप की खुशी के लिए सहन कर रही थी
अच्छा फिर
मार घच घच
अब मेरा पानी निकलने वाला है
मैं झरने वाली हूँ
तेरे मुंह से लंड की गंध आ रही है
लौड़े का टेस्ट आ रहा है
हम्म तो चाट लो दोनों को अच्छा लगा
अपनी चूत का रस चूस न मेरे मुंह से
हाँ बहुत अच्छा लग रहा है
दोस्तो ! मैं आशा करता हूँ कि आपको यह बात-चीत पसन्द आई होगी, मुझे मेल करें Sex Stories
मैं पुलिस स्टेशन से बाहर Hindi Sex Stories आया और अपनी मोटर साईकल उठा कर सीधे राहुल के घर आ गया। अभी सवेरे के साढ़े आठ ही बजे थे…हमेशा की तरह राहुल घर पर नहीं था। उसे शायद यह मालूम नहीं था कि आज उसका इस घर में अन्तिम दिन है। घर में सरोज नहीं थी…दिव्या ही मिली।
‘आज तो जल्दी आ गये… क्या हुआ रात को नींद नहीं आई क्या…?’ उसकी चुलबुली हरकत मेरे मन को बहुत अच्छी लगी।
‘दिव्या…बस रात को तो मैं तुम्हारे ही सपने देखता रहा… तुम्हारे जैसी कमसिन और जवान लड़की जिसे मिल जाये…उसकी तो किस्मत ही खुल जाये…’ मेरी बात सुन कर वो और इठलाने लगी।
‘अब अन्दर भी चलो… ‘ मुझे वो धक्का देते हुए बोली…’बोलो अब क्या इरादा है…!’
‘बस एक मीठा सा चुम्मा…’ मैंने शरारत से कहा।
‘है हिम्मत तो ले लो…!’ उसने हंस कर कहा।
‘ऐसे नहीं… पहले अपनी आँखें बंद करो…फिर देखो मेरा कमाल…’
उसने अपनी आँखें बन्द कर ली और अपना गोरा और चिकना चेहरा आगे कर दिया… मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिये… उसके कांपते होंठो का स्पर्श मुझे रोमांचित कर गया। एकदम नरम होंठ…गुलाब की पंखुड़ियों की तरह… हम दोनों एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे… दोनों ही मदहोश होने लगे। कुछ देर बाद अलग हुए तो दोनों के चेहरे की रंगत बदली हुई थी। मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था। उसकी आंखों में भी गुलाबी डोरे खिंच चुके थे।
दिव्या ने थोड़ा सा शर्माते हुए और फिर से आँखें बन्द करके कहा,’जो…मेरी छातियों को पकड़ लो…हाय… मसल डालो…’ उसने अपनी छाती आगे को उभार दी, उसके तने हुए उरोज बाहर को उभर आये। मैंने उसकी चूंचियो पर अपना हाथ रख दिया। और हौले हौले से दबाने लगा। उसके मुख से सिसकारी निकलने लगी। वो भी मेरे हाथों पर ज्यादा दबाने के लिये और दबाव डालने लगी।
मैंने उसकी कमर में हाथ डाल कर एक हाथ से उसके उभारों को मसलना शुरू कर दिया और अब मेरी कमर वाला हाथ चूतड़ों के ऊपर आ कर थम गया। मेरे हाथ उसके बोबे और चूतड़ दबा रहे थे और दिव्या अपने जिस्म को मेरे जिस्म से बल खा कर रगड़ रही थी। उसके मुँह से आह… हाय… मां री… जैसी सिसकारियाँ निकल रही थी। मैंने उसे दीवार से सटा कर उसकी चूत को पकड़ कर दबा दी। वो चिहुंक उठी…
‘हाय छोड़ दे जोऽऽऽ… मैं मर गई…’ वो मदहोश सी झूम गई। मैंने उसकी चूत नहीं छोड़ी… स्कर्ट के बाहर से ही उसकी चूत मसलता रहा… उसकी चूत पानी छोड़ रही थी… मेरे हाथ को गीलापन लगने लगा था।
वो मस्ती में झुकने लगी… पर उसने मेरा हाथ नहीं छुड़ाया… ‘क्या कर रहे हो जोऽऽऽ… मुझे मार डालोगे क्या???… अब बस अब…नहीं रहा जा रहा है…’ उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गई थी… बेहाल हुई जा रही थी…
मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और प्यार से उसे बिस्तर पर लेटा दिया। उसकी आँखें बंद थी। मैंने उसका स्कर्ट ऊपर कर दिया… उसकी पानी छोड़ती हुई गीली चूत सामने थी। गुलाबी रंग… हल्की भूरी भूरी झांटे… चूत के दोनों लब फ़ड़फ़ड़ा रहे थे… मैंने अपनी पैन्ट उतार दी… और अपना मोटा और तन्नाया हुआ लण्ड उसकी पनीली चूत पर रख दिया। चिकनापन इतना था कि रखते ही सुपाड़ा अन्दर घुस पड़ा और छेद में उतर गया।
‘घुसा दे रे… हाय… जरा जोर लगा दे…जो…’ उसकी बैचेनी बढ़ रही थी… पूरा लण्ड लेने को उतावली हो रही थी… मैं उस पर झुक पड़ा… और जोर लगा कर लण्ड अन्दर सरकाने लगा। वो भी अपनी चूत का पूरा जोर लगा रही थी। जब दोनों और बेकरारी बराबर हो तब भला तेजी को कौन रोक सकता था। वो भरपूर जवान… खिलती हुई कली… पूरा जोश… नतीजा ये कि धक्का पर धक्का… गजब की तेजी… चूत का उछाल… लण्ड को सटासट चला रहा था। मैंने उसके बोबे भींच लिये…
‘और जोर से भींचो… मेरे राजा… चोद दो आज मुझे…!’ उसकी वासना बढ़ती जा रही थी… मेरा लण्ड पूरी गहराई तक पहुंच रहा था… उसकी चूत जवान थी…कोई भी लण्ड पूरा ले सकती थी। मेरा लण्ड भी मानो कम लम्बा लग रहा था।
अचानक मेरे चूतड़ पीछे से किसी ने दबा दिये… मैंने देखा तो सरोज थी…चुदाई के जोश में वो कब आई पता ही नहीं चला। उसने मुझे इशारा किया। मैंने समझ गया… मैंने तुरन्त ही दिव्या के बोबे जोर जोर से मसलने और खींचने लगा। उसने भी मेरे चूतड़ दबाना चालू रखा।
‘जो मत करो… मैं झड जाऊंगी… हाऽऽऽय ना करो…’ पर मैंने बेरहमी से दिव्या के बोबे मसलना जारी रखा… और धक्के चूत में गड़ा कर मारने लगा। उसे जबर्दस्त चुदाई चाहिये थी।
‘मैं मर गई… राम रे… चुद गई… मेरी फ़ाड़ डाल जो… हाय मैं गई…’ उसके जिस्म में उबाल आ गया था। उसे नहीं पता था कि उसकी मां उसके पास खड़ी है। मेरी उत्तेजना भी बहुत बढ़ गई थी… पर अब दिव्या का शरीर ऐंठने लग गया था। वो मुझे अपनी ओर जोर से खींचने लगी थी। अचानक उसने पूरी ताकत से मुझे चिपका लिया और उसकी चूत लहरा उठी।
वो झड़ने लगी थी।
सरोज ने दिव्या का जिस्म जोर जोर से सहलाना शुरु कर दिया था। उसकी चूत का कसना और ढीला होना…उसका पानी छोड़ना मुझे बहुत सुहाना लग रहा था। सरोज बराबर उसका जिस्म सहलाये जा रही थी।
‘झड़ जा बेटी… निकाल दे पूरा पानी…’ सरोज उसे प्यार से कह रही थी।
‘मांऽऽऽ… हाय मेरी मां ऽऽऽ… तेरी बेटी तो चुद गई… जो ने तो मेरा दम निकाल दिया…’ दिव्या हांफ़ते हुए बोली। मैंने अपना लण्ड दिव्या की चूत से बाहर निकाल दिया।
‘लेकिन मेरा लण्ड तो देखो ना…अभी तक ये फ़ुफ़कार रहा है… सरोज तुम ही शान्त कर दो…’ मैंने अपनी बात भी कही… दिव्या भी अब बिस्तर से उठ चुकी थी।
‘जो…मम्मी की गाण्ड मार दो… मां की गाण्ड बहुत नरम है…!’ अचानक दिव्या ने मुझे सुझाया।
सरोज ने शरम से अपना मुख छिपा लिया। मैंने सरोज को तुरन्त घोड़ी बना दिया। और साड़ी खींच दी। सरोज की गोरे गोरे चूतड़ों की दोनों फ़ांके सामने आ गई। सरोज ने अपनी दोनों टांगें फ़ैला कर अपने गाण्ड का छेद खोल दिया। फिर मुझसे शर्माते हुए बोली,’हाय… मत करो जो… मैं मर जाऊंगी…’ फिर दिव्या की तरफ़ देखा -‘ दिव्या तू जा ना यहाँ से…’
‘मां, मेरे सामने ही गाण्ड चुदवा लो ना…! मुझे भी तो एक इसका एक्स्पीरीएन्स चाहिये ना…!’
‘चल हट… बेशरम… तेरे सामने चुदूंगी तो शरम नहीं आयेगी?’
‘मैं भी तो आपके सामने चुदी थी ना… जो लग जाओ ना अब…’ दिव्या ने पास पड़ी तेल की शीशी से तेल मां की गाण्ड में लगा दिया… ‘अब चोद दो मां की गाण्ड को…!’
मुझे लगा कि बस स्वर्ग है तो यहीं है… मां बेटी मुझसे इतने उत्साह से चुदवा रही थी…मैं तो सातवें आसमान पर पहुंच गया। मैंने अपना लण्ड सरोज की गाण्ड के छेद पर लगा दिया और जोर लगाया, छेद में तेल भरा हुआ था मेरा सुपाड़ा फ़क की आवाज करता हुआ छेद में फ़ंस गया।
‘उईऽऽ…मां… हाय रे…घुस गया…!’ सरोज सिसक उठी। दिव्या अपनी मां के बोबे पकड़ कर धीरे धीरे मलने लगी और प्यार करने लगी।
‘जो… मेरी प्यारी मां को तबियत से चोदो… मां को आनन्द से भर दो… देखो ना मां को कितना अच्छा लग रहा है…’ दिव्या मां की ओर प्यार से देख रही थी। सरोज ने अपनी आँखें बन्द कर ली थी।
मैं अब अपना लण्ड जोर लगा कर अन्दर सरकाने लगा। मेरे लण्ड को छोटे से छेद में घुसने के कारण तेज मीठा सा सा मजा आने लगा। पर सरोज ने अपने दांत भींच लिये। उसे हल्का सा दर्द हो रहा था।
दिव्या मां को मजा देने के लिये उसके बोबे मसल रही थी। मेरा लण्ड गाण्ड में पूरा घुस चुका था। सरोज ने मुझे मुड़ कर देखा और आंख मार दी…
‘लण्ड है या लोहा… मेरी तो फ़ाड़ के रख दी… अब मारो ना जोर से गाण्ड को…’
मैंने हरी झण्डी पाते ही स्पीड बढ़ा दी। वो सिसक उठी। मजे में उसकी फिर आँखें बन्द होने लगी।
‘चोद दे मेरी मां को… प्यार से भर दो मां को… मेरी प्यारी मां…’ अब दिव्या सरोज को चूमने लगी थी। बोबे पर तो दिव्या ने कब्जा जमा रखा था। मैंने कमर में हाथ डाल कर उसकी चूत में अपनी अंगुली डाल दी। और डबल चुदाई करने लगा। उसका दाना मसलने लगा। उसे तेज मजा आने लगा।
‘हाय रे छोड़ दे अब रे… लगा…जोर से लगा… मेरी मांऽऽऽ… मार दी रे मेरी…’ सरोज ना जाने क्या क्या कहती रही। उसकी गाण्ड अब मक्खन की तरह चिकनी हो गई थी। लण्ड सटासट चल रहा था। अति उत्तेजना से उसका दाना अचानक ही फ़ड़फ़ड़ा उठा और सरोज झड़ने लगी। ये देख कर कर दिव्या ने भी मां को कस लिया।
मैंने भी झड़ने के चक्कर में स्पीड बढ़ा दी। मेरा सुपाड़ा फ़ूल कर कुप्पा हो रहा था। सहनशीलता सीमाएं पार करती जा रही थी और आखिर अन्तिम पड़ाव आ ही गया। मैंने तुरन्त अपना लण्ड बाहर निकाल लिया। दिव्या ने देखते ही देखते मेरे लण्ड को मुठ्ठी में भर लिया और कस कर दबा कर मुठ मार दिया। मेरे लण्ड ने पिचकारी लम्बी और दूर तक उछाल दी।
‘हाय मम्मी… देखो तो… माल तो फ़व्वारे की तरह निकल रहा है…’
सरोज ने बिना समय गवांये झट से मेरा लण्ड मुख में भर लिया… अब वीर्य सरोज के मुख में भर रहा था… और वो उसे एक ही घूंट में पी गई। अब वह बचे खुचे वीर्य को भी निचोड़ रही थी… दिव्या अपनी मां की इस हरकत को ध्यान से देख रही थी…
‘मम्मी… ये क्या गन्दापना कर रही हो… इसे भी कोई पीता है क्या?’
मैंने दिव्या को समझाया कि ये तो पौष्टिक होता है और आनन्ददायक होता है… दिव्या ने कपड़े से मां की गाण्ड का तेल पोंछ दिया फिर मेरा लण्ड भी साफ़ कर दिया। सरोज ने दिव्या को गले लगा लिया। और चूमने लगी…
‘देखा जो…माँ को तुमने मस्त कर दिया… मुझे बहुत अच्छा लगा…मेरी प्यारी मांऽऽ…’ कह कर सरोज से अलग हो गई।
मैंने सरोज से बात पलटते हुए कहा- ‘आज राहुल नहीं दिख रहा है…?’
‘वो चारों आज शाम को गांव जा रहे हैं न… देर से आयेगा…’ सुनते ही मैं चौकन्ना हो गया।
‘अब तो वो तुम दोनों को पीटता तो नहीं है ना…’
‘वो जंगली है… कल देखो मुझे कितना मारा… दिव्या के तो बोबे तक नोच डाले… साला मरता भी तो नहीं है…हमारी जिन्दगी नर्क बना रखी है’ कह कर सरोज ने मेरे सीने पर सर रख दिया। दिव्या भी मां की पीठ से चिपक कर रोने लगी। तो सच में वो इतना निर्दयी और क्रूर है।
मैंने उन्हें अलग करते हुए कहा…’मुझे अब चलना चाहिये…शाम को आऊंगा।’ मैं मुड़ कर बाहर आ गया। वो दोनों मुझे प्यार से निहारते रही।
मैं तुरन्त पुलिस स्टेशन गया और अंकल से मिला… उन्हें सब कुछ बताया… कि वो सभी गांव जाने की तैयारी में है।
‘शायद उन्हें भनक लग गई है… चलो…’ उन्होंने जीप तैयार की और सभी सिपाहियो को आज्ञा दी। मैंने अपनी बाईक उठाई और उनके आगे आगे चला। पान-वाले की दुकान पर पहला छापा मारा।
मैंने भाग कर टूसीटर पर बैठे मौन्टी और सुरजीत को जा दबोचा। मौन्टी ने मुझे पीछे धक्का दे दिया और मौके की नजाकत देख कर भागने लगा। मैंने उछल कर एक फ़्लाईंग किक मार कर उसे गिरा दिया।
इतने में दो पुलिस वालों ने उन्हें धर दबोचा। हैप्पी का पीछ करके अंकल ने उसे हथकड़ी पहना दी। पान की दुकान को सील कर दी। जीप वहां से कॉलेज पहुंची। मुझे राहुल पर नजर रखने को कहा और साथ में दो पुलिस वालों को भी हिदायत दी। अंकल प्रिन्सिपल से मिलने ओफ़िस में चले गये। कुछ ही समय में अंकल और प्रिन्सिपल राहुल की क्लास के सामने थे।
राहुल देखते ही समझ गया और खिड़की से कूद कर भागने लगा। पर खिड़की के बाहर मुझे देखते ही उसके होश उड गये। उसे हथकड़ी डाल दी गई। समय पर पूरा अभियान निपट गया। चारों दोस्तों को और पान वाले को हवालात में बंद कर दिया गया। अब चला तलाशी अभियान ।
पुलिस मेरे साथ सबसे पहले राहुल के यहाँ पहुंची। राहुल भी साथ था। दिव्या और सरोज ने मुझे और राहुल को पुलिस के साथ देखा तो घबरा गई।
‘साब इसने कुछ नहीं किया… जो तो अच्छा लड़का है…’ अंकल ने मेरी तरफ़ देखा।
‘क्या बात है जो… बड़ी तरफ़दारी हो रही है… ये लो… अब इसका ध्यान रखना वरना साले की थाने में इसकी टांगें तोड दूंगा…’ अंकल में मेरी तरफ़ गुस्से में देखा और मुझे सरोज की तरफ़ धक्का दे दिया।
‘जी… जी… मैं ध्यान रखूंगी…’ घबराई सी सरोज मेरा हाथ पकड़ कर खड़ी हो गई।
‘साली… हरामजादी… जो के साथ खड़ी है… आने तो दे मुझे… तुम दोनों मां बेटी के हाथ पांव ना तोड़े तो देखना !’
मैंने राहुल के कान में कहा…’तू फ़िकर मत कर यार… मैं तेरी मां और बहन को रोज़ चोदूंगा… मस्त चीज़ें है दोनों…’
‘भड़वे… तेरी तो मैं… ‘ उसी समय अंकल का एक हाथ उसके मुँह पर पड़ा… उसके होंठो से खून छलक पड़ा।
मैंने राहुल की तरफ़ मुस्करा कर देखा… ‘तू क्या समझा था… कामिनी के साथ तूने जो किया था… वो चुपचाप बैठती…’ अब उसकी नजरें ऊपर उठी… वो समझ चुका था… कि ये सब क्यों हुआ है… उसका सर एक बार फिर झुक गया।
‘आगे से अगर ये जो… राहुल के साथ दिखा तो साला जेल जायेगा…’ अंकल अपने डायलोग बोले जा रहे थे। सरोज और दिव्या को अब भी कुछ समझ में नहीं आया। उनकी नजर में बस राहुल एक अपराधी था।
कामिनी का बदला उन दोनों के समझ में नहीं आया था। इतने में पुलिस वाले सारे घर की तलाशी ले कर कुछ समान ले कर आ गये। उसे वहीं पर सील कर दिया और हम तीनों के उस पर हस्ताक्षर करवा लिये।
वो मुझे छोड़ कर आगे तलाशी अभियान में निकल गये। मैं अंकल की अदाओं पर मुसकरा उठा। सरोज और दिव्या मुझसे प्यार करके लिपट कर रोने लगे। मैंने उन्हें समझाया
‘मैं कोई चोर थोड़े ही हूँ… मुझे तो बस इन्होंने यहां से निकलते देखा तो पकड़ लिया… हां राहुल ड्रग्स बेचने के चक्कर में पकड़ा गया है जाने कितने सालों के लिये अन्दर जायेगा।
उन दोनों ने राहुल से पीछा छूटने पर चैन की सांस ली… उनकी नजर में मैं पुलिस से बच गया और मुझे प्यार से बिस्तर पर सुला दिया। दोनों एक एक करके मुझे प्यार करने लगी… अचानक मुझे कामिनी का ख्याल आया।
‘मैं शाम को आऊंगा… रात भर मजे करेंगे… बाय…’ मैं सीधा वहां से कामिनी के पास आया। उसे सारी बात बताई… कामिनी खुश थी… उसने मुझे प्यार से चूम लिया…
‘बात कहां तक पहुंची… कार्यक्रम चालू है…?’ कामिनी और नेहा ने मुस्करा कर पूछा्।
‘दोनों ही बहुत सेक्सी है… खूब मजा आता है और अब तो दोनों ही मेरी फ़ेन है… क्यों जल गई ना…’ मैंने शरारत की नजरो से देखा।
दोनों ने मुझे पकड़ लिया और मेरी पिटाई शुरू कर दी… Hindi Sex Stories
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