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Massage Girl in Anand: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Anand who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Anand that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Anand massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Anand who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Anand massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Anand massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Anand who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Anand employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Anand helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Anand

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Anand at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Porn Stories

दोस्तो, आप सभी का बहुत बहुत Hindi Porn Stories धन्यवाद, कि आपने मेरी कहानियाँ ‘माला की चुदाई, मजा और मलाई, व जब गांड मारी जमके’ पढ़ी, आपने जो मेरा साथ दिया उसके लिये एक बार और धन्यवाद!

दोस्तो, आज नई कहानी लेकर आया हूँ।

मेरी पड़ोसन जिसका नाम रिहा है और उसकी उम्र भी १९-२० की है। रिहा बहुत ही खूबसूरत है, उसके स्तन बहुत ही शानदार, जैसे दो नारियल के बड़े गोले रखे हों, एकदम टाइट कहने का मतलब।

वो जब भी मेरे घर किसी काम से आती तो मुझे अलग कमरे में जाकर मुठ मारनी पड़ती, अब आप ही सोचो दोस्तो कि जब आपका ये चोदू संजय को मूठ मारनी पड़े तो उस नारी का क्या कहना।

ऐसा नहीं कि मैं ही उसे देखा करता था, वो भी जब भी मेरे घर आती तो उसकी आंखे कुछ ना कुछ तलाशती रहती, शायद मुझे!

मैं उसको चोदने का रास्ता तलाशने लगा।

एक रोज घर कोई नहीं था और वो मेरे घर आई। उस वक्त मैं अपने कमरे में टी.वी. पर बहुत गरमागरम चोदू पिक्चर देख रहा था। घर की घंटी बजी तो मैंने उठकर तौलिया लपेटा और दरवाजे को खोलने गया। दरवाजा खोलते ही मैंने देखा कि मेरी पड़ोसन रिहा खड़ी हैं। वो मुझे देखते ही मुस्करा पड़ी और पूछा- क्या बात है संजू ? नहाने जा रहे थे?

मैंने कहा- हां !

तो उसने कहा- मम्मी कहाँ गई?

तो मैंने कहा- बाहर गई हैं।

रिहा बात करते करते अन्दर आ गई और मैं भी टी.वी. पर चल रही नंगी पिक्चर के बारे में भूल गया क्योंकि उसकी आवाज तो मैंने पहले ही बंद कर रखी थी। मैंने कहा- रिहा ! क्या काम था?

तो उसने रसोई में से कोई चीज लेनी थी, तो मैं रसोई में उसका बताया सामान लेने गया और रिहा मेरे कमरे में कब चली गई मुझे पता ही नहीं चला। मैं जब रसोई से वापस आया तो रिहा को ना देख मैं उसे तलाशता हुआ अपने कमरे की तरफ गया तो देखा रिहा बेड पर बैठी बड़े गौर से टी.वी. पर चल रही पिक्चर को देख रही थी, रिहा को होश भी नहीं था कि मैं कमरे में आ गया हूँ।

इधर रिहा को पिक्चर देखते हुए मेरा लंड भी फटाफट बिस्तर छोड़ खड़ा हो गया और अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेने लगा। चूंकि रिहा की पीठ मेरी तरफ थी तो उसे पता ही नहीं चला कि मैं कब आकर उसके पीछे खड़ा हो गया। रिहा पिक्चर देखते हुए गरम हो गई थी, वो अपने स्तनों को अपने ही हाथों से दबाती तो कभी अपनी चूत को अपनी उंगली से कुरेदने लगती तो कभी अपने होठों को अपने ही दांतो से काटने लगती।

लोहा गरम देख मैं घर का दरवाजा बंद कर रिहा के पीछे चुपचाप गया और पंलग पर बैठते हुवे पीछे से उसके स्तन दबाने लगा। एकदम से मेरे हाथ को देख वो डर गई। मगर मैं अब चुप रहने वाला थोड़े ही था, मैंने रिहा के होठों को अपने होठों से दबा लिया और चूसने लगा। कुछ देर तो रिहा मुझे दूर हटाने की कोशिश करती रही मगर रिहा तो खुद गरम हो चुकी थी।

धीरे धीरे मेरा एक हाथ उसके कुरते पर गया और उसके स्तन दबाने लगा। अब वह भी मेरा साथ देने लगी थी, उसका एक हाथ मेरी कमर पर गया और मेरी कमर को सहलाने लगी। अब मुझमें भी ताकत आ गई और मैंने रिहा का कुर्ता उतार दिया, कसम से मैं उसके तने चूचों को देखता ही रह गया। रिहा ने पूछा- क्या देख रहे हो?

तो मैंने कहा- रिहा डार्लिंग ! कसम से आज तक ऐसा हुस्न कहीं नहीं देखा।

नंगे स्तनों को मैं दोनों हाथों से दबाने लगा जैसे फिर कभी मौका मिले या ना मिले। रिहा का भी एक हाथ मेरे तौलिए पर गया और मेरे लंड को तलाशने लगा, वो कामयाब हो गई, आखिर मेरे लन्ड को तलाश ही लिया था।

उसने कुछ देर तक मेरे लन्ड को सहलाया, फिर बेड पर बैठ गई और मेरे लन्ड के सुपाड़े को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी, सच में मुझे एक ऐसी अनोखी यात्रा का आनन्द प्राप्त हो रहा था कि मैं शायद कहीं रास्ते में ही पंचर ना हो जाऊं।

मैंने रिहा से जबरदस्ती अपने लन्ड को छुड़ा कर उसकी सलवार पैन्टी समेत एक बार में ही उतार दी और उसकी चूत के दर्शन कर चूत को ऐसे चाटने लगा जैसे बिल्ली कटोरे में रखी मलाई को चाटती हो ! उसकी चूत को जीभ से ही चोदने लगा, रिहा का शरीर अकड़ने लगा था और अजीब सी आवाजें आने लगी- हाऽऽऽऽय सं……..जू बस करो ! मेरा पाऽऽऽनी निकऽऽऽल रऽऽऽहा हैं हाााााय मााााार डााालााााा।

मैंने लोहा गरम देखा और अपने लन्ड देव तो पहले से ही अंगड़ाइयाँ लेकर तैयार थे। लंड को सीधा रिहा की चूत पर रखा और उसके होठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगा। रिहा भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। साथ तो लन्ड देव भी गजब का दे रहे थे, अपने आप ही रिहा की चूत में धीरे-धीरे चुपके-चुपके जगह बनाने में लगे थे।

अब तक मेरा सुपाड़ा रिहा की चूत में जा चुका था, जिससे उसके चेहरे पर दर्द की शिकन आने लगी थी। मगर उसकी जुबान मेरे होठों की गिरफ़्त में थी इसलिये रिहा चाह कर भी चिल्ला नहीं पा रही थी।

मैंने हलका सा झटका दिया और मेरा ९ इंची का लौड़ा सीधा रिहा मैडम की चूत में आधा धंस गया। रिहा की चूत से निकल रहे चिकने पानी के कारण लंड को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही थी, मगर रिहा को थोड़ा बहुत तो दर्द हो ही रहा था। एक हाथ से मैं रिहा के बोबे सहला रहा था जिससे रिहा वापस मस्त हो रही थी, अब एक झटका और दिया तो लन्ड देव चूत रानी से गले जा मिला यानि मेरा लन्ड सीधा रिहा की बच्चेदानी को बजाने लगा जिससे रिहा को काफी दर्द होने लगा और अपने आप को छुड़ाने की नाकामयाब कोशिश करने लगी।

मैं कुछ देर रूक गया और उसे हर तरीके से सहलाने लगा। रिहा का दर्द जब कुछ कम हुआ तो धीरे धीरे लन्ड को आगे पीछे करने लगा। रिहा को भी मस्ती चढ़ने लगी और वह भी नीचे से मेरा साथ देने लगी। अब तो मैंने भी स्पीड पकड़ ली। रिहा की आवाजें नशीली होने लगी- उंमऽऽ हाययययय संज….उ……. मा…र…….डााााााा ला….. संजू डार्लिंग चोदो आज मेरी चूत को जैसे तुम चाहो जल्दी करो मेराााा हो रहा और १५-२० मिनट बाद ही हम दोनो ही का एक साथ पानी छुटा और एक दूसरे पर ढेर हो गये।

फिर तो मैंने और रिहा ने एक बार और सेक्स किया फिर रात को मिलने के वादे के साथ ही वो चली गई।

दोस्तो तुम्हारे पत्रों का मुझे बेदर्दी से इंतजार रहता हैं। Hindi Porn Stories

हेल्लो दोस्तो, मैं संजू फ़िर कोलकाता से। Antarvasna

आप लोगों ने मेरी कई कहानियाँ, जो कि Antarvasna सच्चे अनुभवों पर आधारित थी, आप लोगों ने पढ़ा। मेरी आखिरी कहानी ग्रुप सेक्स-2 थी। अब मरे पास कोई मुझसे सम्बंधित सच्ची कहानी नहीं है। और मैं काल्पनिक कहानियाँ लिखता नहीं। मैं बहुत चैट करता हूँ। जिसमे अनेक लड़कियां/ औरतें भी होती है। पिछले दिनों एक अमेरिकन लड़की से दोस्ती हुई थी।

उसका नाम शैली है। उसी ने अपनी एक कहानी मुझे बताई। उसी कहानी को मैं प्रस्तुत करूंगा उसी के शब्दों में। यह मुझे पता नहीं कि यह कहानी सच है या झूठ लेकिन रोचक जरूर है। अब आप उसी के शब्दों में उसका एक अनुभव सुनिए :~

मेरा नाम शैली है। मेरी उम्र 29 साल है। मैं अमेरिका के एक बड़े शहर में अपने पति के साथ रहती हूँ। अभी हम लोगों को कोई बच्चा नहीं है। मैं दिखने में खूबसूरत हूँ। वैसे तो मेरा फिगर स्लिम है लेकिन मेरे बूब्स बड़े हैं। मेरा पति रोजर, और मैं दोनों ही काम करते हैं, लेकिन अलग-अलग जगहों पर।

मेरी एक सहेली है लेस्ली, मेरी ही उम्र की, जो मेरे साथ ही काम करती है। उसका पति टॉम मेरी पति के साथ काम करता है। लेस्ली भी दिखने में बहुत खूबसूरत है। उसके हिप्स मुझसे बड़े हैं। हम चरों अक्सर सप्ताहांत पर कैम्पिंग करते हैं। महानगर की भीड़-भाड़ से दूर, शांत माहौल में किसी जंगल के किनारे या किसी बड़े पार्क में अपना कैंप डालकर हम अपना सप्ताहांत मनाते हैं।

हमने इस वीकएंड में भी कैम्पिंग का प्रोग्राम बनाया था। मर्द यानि रोजर और टॉम आमने ऑफिस से सीधे वहीं चले गए थे। मैं और लेस्ली 3-4 घंटे के बाद वहां के लिए निकलीं। हम दोनों एक ही कार में थे। बियर पीते हुए हम तेजी से कैम्पिंग वाली जगह की ओर जा रहे थे। हम आपस में अपने पतियों के बारे में बातें कर रहे थे कि वे कितने मेहनती हैं। फ़िर हम लोगों की चर्चा सेक्स की होने लगी।

लेस्ली ने अकस्मात् कहा कि मेरे पति को तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचियां बहुत पसंद हैं। और मैं और टॉम कभी-कभी तुम लोगों की कल्पना कर सेक्स करते हैं। मैं सन्न रह गई क्योंकि रोजर भी लेस्ली की गांड की तारीफ रोज करता है। मैंने बोला कि यार ! ऐसा तो हम लोग भी करते हैं, रोजर को तुम्हारी गांड बहुत पसंद है। और मुझे टॉम की बालों भरी छाती आकर्षित करती है।

लेस्ली ने ये सुनकर कहा कि आज क्यों न हम दोनों मर्दों की इच्छा को पूरी कर दें। मैं ये सुनकर रोमांचित हो गई। क्योंकि मैं कितने दिनों से टॉम की बालों भरी छाती पर हाथ फिराते हुए उसके साथ सेक्स के सपने देख रही थी। और रोजर लेस्ली की भारी गांड में लण्ड डालना चाहता था।

फ़िर मैंने कहा कि मैं अगर किसी के साथ अपने पति को बाँटने के बारे में सोच सकती हूँ वो तुम हो।

लेस्ली ने यह सुनकर कहा कि मेरा भी यही ख्याल है। हम रास्ते भर इसी के बारे में बात करते कैंप ग्राउंड पर पहुँच गए। हमने रास्ते में ही ठीक कर लिया था कि टॉम और रोजर को इसके बारे कुछ नहीं बताएँगे। तब तक रात हो गई थी। वहां पहुँच कर हमने देखा कि दोनों ने खाना बना लिया था। और कैंप फायर जला लिया था। हम दोनों ने मिलकर काफ़ी बनाई और हम चारों मिलकर काफ़ी पीने लगे। एक बड़े पार्क में, खुले में, आग के चारों ओर बैठ कर, रात के समय काफ़ी पीने का एक अलग ही रोमांच था।

फ़िर जो रात को होने वाला था उसे सोचकर ही मेरी चूत में खुजली हो रही थी। फ़िर हमने खाना खाया। दोनों मर्दों ने कहा कि अब सोने चलो। दो अलग-अलग कैंप दोनों के लिए लगे थे। उसके बगल में बाथरूम था।

इस पर हमने कहा कि तुम लोग चलो हम थोड़ा नहा कर आते हैं। दोनों अपने-अपने कैंप में चले गए। थोड़ी देर तक बात करने के बाद हम नहाने के लिए बाथरूम में घुसे। एक साथ हम नहा रहे थे। नहाकर कपड़े पहन कर हम बाहर निकले। मैंने नहाने के बाद एक पायजामा और टी-शर्ट पहना था, उसके नीचे मैं पूरी तरह से नंगी थी। फ़िर हम दोनों गले मिली। मैं टॉम यानि लेस्ली के पति के टेंट की ओर बढ़ी और लेस्ली मेरे पति की ओर।

मैंने टॉम के टेंट के पास पहुँच कर लेस्ली की ओर देखा। लेस्ली रोजर के टेंट की जिप खोल रही थी। जिप खोल कर वो भीतर घुस गई और जिप को भीतर से बंद कर लिया। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैं अपने कांपते हाथों से टेंट का जिप खोलकर भीतर घुसी। टॉम की पीठ मेरी और थी। मैंने भीतर घुसकर जिप को लगा दिया। टेंट में एक फ्लैश लाइट जल रही थी। मैंने लाइट को बुझा दिया। अब एकदम घुप्प अंधकार था।

टॉम ने मुझे लेस्ली समझकर कहा,’ कितनी देर लगा दी। मैं तुम्हारा कब से इंतजार कर रहा हूँ।’

मैं कुछ नहीं बोली और उसके पास जाकर उसके कम्बल में घुस गई और अपना एक हाथ उसके लण्ड की और बढा दिया।

हठात टॉम ने पूछा ‘ लेस्ली तुमने शैली का परफ्यूम यूज किया है क्या?”

मैंने कहा,’ तुमको शैली पसंद है?’

टॉम,’ शैली !!!! तुम यहाँ? लेस्ली कहाँ है?’

मैंने कहा,’ अगर मैं यहाँ हूँ तो लेस्ली कहाँ होगी? सोचो।’

टॉम चिल्ला उठा,’ ओ माय गाड ! किसका प्लान था ये?’

मैंने कहा,’ हम दोनों का ! हमने सुना है कि कुछ युगल आपस में बदल कर सेक्स करते हैं। और तुम मेरी बड़ी चुचियों को हसरत से देखते थे और रोजर लेस्ली की बड़ी गांड को निहारता था। तुम दोनों हम दोनों को खुश रखने के लिए कितनी मेहनत करते हो तो हमारा भी तुम्हारी इच्छा पूरी करने का फर्ज बनता है टॉम ! मैं आज पूरी रात तुम्हारे साथ हूँ !’

फ़िर मैंने एक हाथ से टॉम का लण्ड पकड़ लिया। टॉम ने अपने दोनों हाथ से मेरा चेहरा पकड़ कर गहरा चुम्मा लिया। उसने एक हाथ से मेरा टी-शर्ट एक ही झटके में उतार दिया। उसने एक हाथ से मेरी एक चूची पकड़ी और दबाने लगा और मुंह से दूसरे का निप्पल पकड़ कर चूसने लगा। मेरी आँखें उत्तेजना से बंद होने लगी। फ़िर उसने मेरे पायजामे को घुटने तक उतार दिया और अंगुली से मेरे चूत को सहलाने लगा। मैंने अपने पायजामे को पूरी तरह उतार कर कम्बल से बाहर फेंक दिया अब मैं पूरी तरह से नंगी थी।

टॉम ने भी अपने कपड़े उतार दिए। मैंने टॉम से कहा कि मैं तुम्हारा लण्ड चुसना चाहती हूँ। फ़िर मैं नीचे सरक कर लण्ड को मुंह में भर लिया। उसका लंड रोजर से थोड़ा बड़ा ही था। टॉम का एक हाथ मेरी चुचियों पर था और एक हाथ मेरी बुर पर। एक अंगुली से वो मेरी शिश्निका सहला रहा था।

मैंने टॉम का लण्ड पूरी तरह से मुंह में घुसा लिया था। और चूस रही थी। टेंट में घुप्प अंधकार था। फ़िर टॉम मेरे कान में कहा कि मैं अब तुम्हारे बुर का स्वाद लेना चाहूँगा और वह नीचे सरक गया। पहले उसने अपने मुंह को मेरी चिकनी बुर पर फिराया। फ़िर जीभ से सहलाया। हम उस समय 69 पोजीसन में थे। उसने जीभ को बुर के मुहाने पर रगड़ना शुरू किया।

मैंने उसकी सुविधा के लिए अपनी टांगो को फैला दिया और उसके लण्ड को पूर्ववत चूसती रही। बहुत मजा आ रहा था। उसने अपनी जीभ को अब पूरी तरह से मेरी बुर के भीतर घुसा दिया था। और जीभ से ही चोद रहा था। अंगुली से बुर की चोंच को रगड़ रहा था। मेरी बुर में जैसे आग लग गई थी। मैं उसी समय झड़ गई। ठीक उसी समय वो भी मेरे मुंह में झड़ गया। मैंने उसे कुछ बोला नहीं और वीर्य को बाहर फेंक दिया।

फ़िर टॉम ने कहा,’ अच्छा ! इस समय लेस्ली और रोजर क्या कर रहे होंगे?’

मैंने कहा,’ एक ही काम ! चुदाई ! चुदाई और सिर्फ़ चुदाई ! अब मेरी बुर लण्ड से चुदाई मांग रही है, चोद डालो अब मुझे।’

टॉम ने कुछ कहा नहीं और कम्बल में ही मुझको पलट दिया और जीभ को मेरी पीठ पर, हिप्स पर और जांघों पर फिराने लगा।मेरी उत्तेजना भड़कने लगी। वैसे रोजर तो मेरे साथ एनल सेक्स भी करता था कभी-कभी। रोजर को एनल सेक्स बहुत पसंद था।

तभी बगल वाले टेंट से लेस्ली की चीख सुनाई दी।

टॉम ने कहा कि क्या हुआ रोजर ने लेस्ली की बुर फाड़ दी क्या?

मैंने कहा कि नहीं ! रोजर को गांड मारना बहुत पसंद है। उसने लेस्ली की गांड में लण्ड डाला होगा इसीलिए चिल्लाई होगी। फ़िर टॉम ने मुझे पलट दिया और मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगा कर मेरी बुर को ऊँचा कर लिया। फ़िर एक झटके में ही अपना लण्ड को घुसा दिया।

मेरी चीख निकल गई। टॉम ने कहा,’ तुम तो ऐसा कर रही जैसे पहली बार तुम्हारी चुदाई हो रही है? उधर लेस्ली की गांड को तुम्हारा रोजर फाड़ रहा है।’

मैंने कहा कि दर्द हुआ इसीलिए चिल्लाई। अब तुम जोर से चोद सकते हो।

वो मुझे जोर-जोर से चोदने लगा। मेरी पतली कमर को दोनों हाथों से थोड़ा ऊपर उठाकर जोर से धक्का मर रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। फ़िर मैंने कहा कि मेरी चुचियों को भी दबाओ।

वो चूचियां भी दबाने लगा।

थोडी देर इस स्टाइल में चुदवाने के बाद मैंने कहा कि मुझे अब कुतिया बनाकर चोदो।

फ़िर मैं नीचे उतर कर कुतिया स्टाइल में हो गई और वो मुझे पीछे से चोदने लगा। मेरी मुंह से उत्तेजना में आवाज़ें निकल रही थीं आहऽऽऽऽ आऽऽऽ ऊऽऽऽऽ उओऽऽऽ औरऽऽऽऽ जोरऽऽऽ सेऽऽऽ मैंऽऽऽऽ स्वर्गऽऽ मेंऽऽ पहुँचऽऽऽ रहीऽऽऽ हूँऽऽऽऽऽ।

अंधेरे में केवल एक ही आवाज आ रही थी- फच्च ऽऽऽऽ फच्चऽऽऽ मेरी सिस्कारियां ऽऽऽ और टॉम की हांफने की आवाजें।

माहौल में पूरी तरह से चुदास भरी थी। बगल के टेंट से भी सिसकारियों की आवाजें आ रही थी। टॉम की स्पीड बढती जा रही थी। अब वो झड़ने वाला था। मैं भी झड़ने वाली थी। टॉम ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और मेरे हिप्स पर झड़ गया। बहुत मजा आया था।

यह कहानी मुझे शैली ने बताई थी और कहा था कि ये उसका सच्चा अनुभव है।
दोस्तो, यह कहानी आपको कैसी लगी मुझे जरूर बताईगा। Antarvasna

Sex Stories

हाय दोस्तों, मेरा नाम राहुल है Sex Stories और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं भी आपको अपने जीवन की एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ।

मैं एक इंग्लिश की ट्यूशन में पढ़ाता हूँ। मैं २५ साल का एक कुँवारा नौजवान हूँ। मैं दिखने में गोरा और लम्बा हूँ। मैं कुछ समय पहले अपने पड़ोस में रहने वाली दूर के रिश्ते में लगने वाली मौसी की छोटी लड़की, जिसका नाम रम्या था, उसे पढ़ाने मैं हर शाम जाता था। वह अट्ठारह साल की थी और दिखने में ख़ूबसूरत थी, उसकी चूचियाँ अपेक्षाकृत काफी बड़ी थीं, जिन्हें देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और उसे चोदने का भी मन करता था। मैं उसके भाई को पढ़ा करक अक्सर कमरे से बाहर आ जाता और रम्या से बातें किया करता था।

मुझे पता ही नहीं चला कि हम दोनों में कब प्यार हो गया और अब हम एक-दूसरे से फोन पर ढेर सारी बातें किया करते थे। रम्या से मैं बातें करते हुए कभी उसके हाथ पकड़ लेता तो कभी उसके गले में हाथ डालकर उसकी चूचियाँ छूता, तो कभी उन्हें दबा भी देता था। लेकिन रम्या इन सब के लिए कुछ भी नहीं कहती थी और मुस्कुरा देती थी। अक्सर उसकी चूचियों की गोलाईयों को छू कर मेरा मन बेक़ाबू हो उठता था। कभी-कभी मैं उसकी चूचियों को उसके कपड़ों से बाहर निकाल कर देर तक चूसता रहता था, तो कभी उसके कुर्ते में अपना हाथ डाल कर ब्रा के ऊपर से ही तो कभी अन्दर हाथ डालकर उन्हें दबाता था। कभी तो उसकी चूत में अपनी ऊँगली डालकर रम्या की सिसकियाँ निकाल देता था। सच दोस्तों, उन हसीन पलों को मैं कबी नहीं भूल सकता हूँ। रम्या एक कच्ची कली थी जिसका मैं मज़ा ले रहा था।

एक दिन सुबह जब मैं अपने घर से बाहर किसी काम से बाहर गया था तो मेरे पास रम्या का फोन आया और वह कहने लगी कि आज उनके घर पर कोई भी नहीं है और वह नहाने जा रही है। यह सुनकर मेरे मन में रम्या के नहाने वाली बात को सुनकर उसकी नंगी तस्वीर नज़र आने लगी और मैं उसे चोदने का विचार बनाने लगा।

मैंने सोचा कि आज मौक़ा है, पता नहीं कब मिले। मैं तुरन्त ही अपने काम को खत्म करके रम्या के घर रवाना हो गया। जब मैं रम्या के घर पहुँचा तो घर में उसकी सहेली थी। मैंने उससे पूछा कि रम्या कहाँ है तो उसने कहा कि वह तो बाथरूम में नहा रही है। यह सुनकर मेरा लंड और भी तेज़ी से खड़ा हो गया और मन ही मन उसके चोदने के ख्याली पुलाव बनाने लगा। मैंने रम्या की सहेली से कहा कि मैं तो घर जा रहा हूँ। यह कह मैं उसके घर से बाहर आ गया और क़रीब पाँच मिनट बाद मैं वापस गया तो रम्या की सहेली कमरे में थी और मैं चुपचाप बाथरूम में चला गया। वहाँ मैंने देखा कि रम्या बिल्कुल नंगी थी, उसने केवल पैन्टी ही पहनी थी और उसके चेहरे पर साबुन लगा था।

उसका नंगा बदन देखकर मैं दंग रह गया। उसकी चूचियाँ इस तरह मेरे सामने थीं कि मानो मुझे अपनी वासना बुझाने के लिए आमन्त्रित कर रहीं हों। मैं रम्या के पास जाकर साबुन उठाकर उसके गोरे जिस्म पर मलने लगा। रम्या घबरा गई और फटाफट अपना मुँह धोते हुए पूछने लगी कि कौन है? तो मैंने बताया कि मैं हूँ तेरा यार.. और आज तुझे असली मज़ा दूँगा।

रम्या ने कहा, उसकी सहेली आ जाएगी, तो मैंने कहा कि अगर वह आ गई तो वह भी हमारे साथ इस ज़न्नत का मज़ा ले लेगी। यह कहते हुए मैंने उसकी दोनों चूचियों को पकड़ लिया और होंठों को पागलों की भाँति चूमने लगा। फिर उसकी चूचियों को बारी-बारी से चूसने लगा। रम्या की चूचियाँ छोटी थीं लेकिन उन्हें दबाने-चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था। अब रम्या धीरे-धीरे गरम हो रही थी। उसने अपने ही हाथों से अपनी पैन्टी हटा दी और मेरे सिर को पकड़कर अपनी चूत चटवान लगी और कहने लगी – “चाटो… आआआहहहहहह… आआआआहहहह…. शशशस्स्ससस्सस….”

मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चाट रहा था। कभी उसकी जाँघों को चाटता तो कभी उसकी चूत में ऊँगली अन्दर-बाहर करता। उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे. वह मेरे सिर को पकड़कर अपनी चूत इस तरह से चटवा रही थी कि मानों उसका बस चले तो मेरा सिर चूत के अन्दर ही डाल दे।

अब मेरा लण्ड भी बाहर आने को तड़प रहा था और अपने बिल में घुसने को बेक़रार था। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपना लंड रम्या के हाथ में दे दिया और चूसने के लिए कहा तो रम्या शरमाने लगी। मैंने उससे कहा कि तुम इसे मस्त करोगी तभी ये तुम्हें पूरा-पूरा मज़ा देगा। तब रम्या ने मेरा लण्ड चूसना शुरु किया। थोड़ी ही देर बाद मैंने रम्या को फर्श पर लिटाकर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। वह दर्द के मारे चिल्ला पड़ी। उसे काफ़ी दर्द हो रहा था। वह लंड निकालने को कहने लगी। लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था, मैं उसकी चूचियों को पकड़कर उसके होंठों को चूमने लगा और धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। थोड़ी ही देर बाद मेरा लंड आधे से ज्यादा रम्या की चूत के अन्दर चला गया। उसे भी पूरा मज़ा आने लगा।

मैं बीच-बीच में रम्या की चूचियाँ भी चूस रहा था। बाद में मैंने रम्या को दीवार के सहारे खड़ा करके पीछे से उसकी चूचियाँ पकड़कर उसकी चूत में पीछे से लण्ड डाल दिया। अब मैं उसकी ज़ोरों से चुदाई कर रहा था। इस मस्ती में हम भूल ही गए थे कि उसकी सहेली भी पास वाले कमरे में ही है।

रम्या को चोदते हुए मेरे हाथ कभी उसकी चूचियों तो कभी उसकी चूत को सहला देते थे। इस बीच रम्या झड़ चुकी थी। मैं भी क़रीब बीस मिनट बाद झड़ गया और अपना सारा माल रम्या के मुँह में डाल दिया।

तभी रम्या की सहेली की आवाज़ आई कि वह घर जा रही है। यह सुनकर हम दोनों खुशी से झूम उठे। हम दोनों काफी देर तक साथ रहे, नहाया और बाद में उसे अपनी बाँहों में उठाकर कमरे में बिस्तर पर लिटा दिया। वहाँ जाकर रम्या मेरे लंड चूसने लगी, तभी मुझे एक ब्लू-फिल्म का एक दृश्य याद आया जिसमें पुरुष अपने लंड को लड़की की चूचियों के बीच की दरार में रखकर उसे आगे-पीछे करता है। मैंने भी ठीक उसकी तरह रम्या की चूचियों के बीच में अपना लंड रखकर उसे आगे-पीछे किया और बहुत देर तक उसकी चूचियों से खेलता रहा। उस दिन मैंने रम्या को पाँच बार चोदा।

उस कच्ची कली को फूल बना कर मैं उसे ‘आई लव यू’ कहकर अपने घर वापिस आ गया।

तो दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी। Sex Stories

दोस्तो, Antarvasna Stories

मेरा नाम बताना ज़रूरी Antarvasna Stories तो नहीं मगर आप मुझे लवर बॉय पुकार सकते हैं। मैं भोपाल का रहने वाला हूँ और लोग कहते हैं कि मैं काफी हैन्डसम हूँ। मेरी लम्बाई 5’9″ है और आयु 19 साल है।

यह बात उस वक़्त की है जब मैं बारहवीं में था। उस वक़्त मेरी परीक्षा शुरू होने में सिर्फ एक सप्ताह रह गया था और पढ़ाई जोरों पर थी। मैं दिन भर पढ़ाई करता था इसी वजह से थोड़ा मूड ताज़ा करने के लिए शाम के समय क्रिकेट खेलने पास वाले मैदान में चला जाता था।

एक दिन की बात है, मैं मैदान में खेल रहा था तभी मेरे दोस्त ने शॉट मारा और गेंद मैदान के बाहर चली गई। मैं गेंद लेने गया। क्योंकि गेंद बाहर चली गई थी इसलिए मैं दीवार पर चढ़ कर गेंद ढूँढ रहा था। मेरी नज़र अचानक मेरे घर के सामने वाले घर पर पड़ी। वो मैदान की दीवार से बिल्कुल करीब ही था। मैंने देखा कि स्नेहा भाभी जो उस घर में रहती हैं, अपने बाथरूम में नहा रही थीं। मैं उनके बाथरूम की दीवार में लगे रोशनदान से उन्हें साफ़ देख सकता था। मैंने उन्हें देखा तो बस देखता रह गया क्योंकि मैंने अपनी जिन्दगी में पहली बार किसी लड़की को पूरी तरह नंगा देखा था। मैं उन्हें पागलों की तरह घूरे जा रहा था। मैं उन्हें देख ही रहा था कि अचानक उनकी नज़र मुझ पर पड़ गई और मैं यह चिल्लाता हुआ कूद गया कि यार गेंद नीचे कहीं नहीं दिख रही, लगता है खो गई है ! और घर वापस आ गया।

मगर मेरे दिमाग में उनका वही नंगा बदन घूम रहा था- दूध जैसा गोरा और एक दम क्या कसा हुआ शरीर था ! फिर मैंने मैदान में जाना बंद कर दिया। मेरी परीक्षा खत्म होने के बाद करीब ४० दिन में हमारा परिणाम आ गया। घर पर सभी खुश थे। मैंने ६७% अंक प्राप्त किये। पापा मिठाई ले कर आये और बोले कि सब में बाँट दो !

मैं मिठाई लेकर सब लोगों को बाँटने चला गया और अंत में स्नेहा भाभी के घर भी गया। वो अपने पति के साथ रहती थी। क्योंकि उनकी नई-नई शादी हुई थी, उनका कोई बच्चा नहीं था। जब मैं उनके घर गया तो घर से उनके पति ऑफिस के लिए जा रहे थे। मैंने राजीव भैया को हेलो किया और मिठाई ऑफर की। उन्होंने एक टुकड़ा लिया और बोले कि अन्दर तेरी भाभी को भी दे दे ! मैं तो ऑफिस जा रहा हूँ !

और वो अपनी गाड़ी स्टार्ट करके ऑफिस के लिए निकल गए। मैं अन्दर गया तो उस दिन वाली घटना की वजह से भाभी से नज़रें नहीं मिला पा रहा था। वो बोली- वाह छोटू ! तू पास हो गया ! मगर इतना शरमा क्यों रहा है? ला मिठाई खिला !

मैंने उन्हें मिठाई दी और बोला- अच्छा भाभी ! अब मैं चलता हूँ !

तो वो बोली- छोटू, एक बात बता ! उस दिन तेरी गेंद मिल गई थी या नहीं?

तो मैं कुछ नहीं बोला।

वो बोली- चल मत बता ! यह तो बता दे कि उस दिन क्या देख रहा था?

मैं बोला- कुछ नहीं भाभी ! मैं तो बस गेंद ढूँढ रहा था !

इस पर वो बोली- चल मैं इतनी बुरी भी नहीं हूँ कि कोई लड़का ऐसी हालत में भी मुझे न देखे !

उनकी यह बात सुन कर मैं हैरान रह गया।

फिर वो बोली- चल इस उम्र में नहीं देखेगा तो कब देखेगा?

यह सुनकर मैं थोड़ा मुस्कुरा दिया। फिर वो पूछने लगी- चल बता ! मैं कैसी दिखती हूँ ?

मैं बोला- भाभी, उस दिन तो बस मज़ा आ गया था !

बोली- अच्छा ? अभी तो बड़ा शरीफ बन रहा था ?

तो मैं बोला- हाँ ! वो तो बस ऐसे ही !

और बस उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया। मुझे भी बस ग्रीन सिगनल का ही इन्तज़ार था।

मैंने भी उनका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो उन्होंने मुझे झटके से दूर कर दिया, बोली- रुक !

और जाकर दरवाज़ा बंद करके आई और बोली- यहाँ ठीक नहीं है !

वो मुझे अपने साथ अपने बेडरूम में ले गईं। मैंने उन्हें बेड पर धक्का दे दिया और उनके ऊपर लेट कर उन्हें चूमने लगा। करीब 15 मिनट तक मैं उनके लबो और चेहरे को चूमता रहा और वो मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को दबाने लगी।

फिर मैं उनके ऊपर से हटा और उनकी कुर्ती उतार दी और ब्रा भी खोल दी। मैं उनके दूध दबाने लगा, मैं उनके चुचूकों को दबा और चाट रहा था। इसी बीच वो सिसकियाँ ले रही थी और फिर उन्होंने खुद अपनी सलवार और पैंटी उतार फेंकी। अब वो मेरी सामने बिल्कुल नंगी थी। मैने देखा उनकी चूत एक दम टाइट थी और उस पर एक भी बाल नहीं था- एकदम साफ़ और चिकनी !

वो मेरे कपडे भी उतारने लगी। पहले उन्होंने मेरी टी-शर्ट, फिर जींस उतार फेंकी और फिर मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी। अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे और मेरा लंड भी पूरी तरह से तैयार हो गया था। मैंने उनकी चूत पर अपने लण्ड का मुँह रखा तो उन्होंने हटा दिया और बोली- नहीं ! पहले पिछवाड़ा !

फिर मैंने उन्हें घूमने को कहा, उन्हें कुतिया बनाया और अपना लंड उनकी गाण्ड पर रखा और धक्का मारा तो थोड़ी तकलीफ हुई। फिर मैंने पास की अलमारी से तेल उठा कर उनकी गाण्ड और अपने लंड पर लगाया और एक जोर का धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उनकी गाण्ड में चला गया। उनके मुँह से चीख निकल गई। मैने उनके मुँह पर हाथ रखा और एक जोर का धक्का लगाया। मेरा पूरा ७ इंच का लण्ड उनकी गांड में घुस गया। फिर बहुत देर तक मैं उनकी गाण्ड मारता रहा। इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और मैं भी झड़ गया। फिर मैंने उनसे चूत मारने का कहा तो वो बोली- यह अभी सील बंद है ! इसको तो अभी तुम्हारे भैया ने भी नहीं मारा ! तुम ज़रूर मेरी चूत भी मारना, मगर अगली बार !

और फिर मैंने क्या किया, यह मैं आपको अगली बार बताऊँगा।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे बताएँ ! Antarvasna Stories

डेल्ही गर्ल सेक्स कहानी उन दिनों की है, जब मैं 12वीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए पंजाब के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला करवा चुका था.

हमारे घर के सामने भी हमने एक घर ले रखा है जो हम किराए पर दे देते थे.
उस समय उस घर में दिल्ली से एक बैंक मैनेजर और उनकी पत्नी अपनी दो बेटियों बड़ी तनु और छोटी शिल्पा के साथ रहने के लिए आए.

उनका तबादला हमारे शहर में हुआ था.
वे हमारे घर में अपने परिवार के साथ रहने लगे.
मैनेजर साहब को मैं अंकल और उनकी पत्नी को आंटी कहता था.

अंकल एक साधारण व्यक्तित्व के मालिक और अच्छे स्वभाव के आदमी थे और उनकी पत्नी रीना आंटी बहुत ही गोरी-चिट्टी और मिलनसार महिला थीं.

उनकी बड़ी बेटी तनु देखने में बिल्कुल फिल्म स्टार प्रियंका चोपड़ा की तरह दिखती थी.

तनु ने हमारे ही शहर के एक कॉलेज में बीए के प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था.

पड़ोसी होने के नाते हमारा उनके घर में अक्सर आना-जाना रहता था और आंटी भी बेझिझक घर के कामों के लिए मुझे बोल दिया करती थीं.

वैसे तो तनु के बारे में मैंने कभी भी गलत नहीं सोचा था.

लेकिन एक दिन मैं वैसे ही उसके घर में गया.
तब तनु नहा कर निकली थी और गीले बालों में बहुत खूबसूरत लग रही थी.
उसको यूं देखकर मेरे मन में तनु को चोदने के ख्याल आने शुरू हो गए.

उसी दिन से ही मैं तनु को पटाने के तरीके खोजने लगा और उसको अपनी कल्पनाओं में नंगी करके मुठ मारने लगा.

अब मैं जानबूझकर उनके घर ज्यादा आने जाने लगा और हंसी मजाक में तनु से खुलने की कोशिश करने लगा लेकिन कोई भी बात आगे बढ़ ही नहीं रही थी.
तनु भी जवानी की दहलीज पर थी और मेरी हरकतों को बखूबी समझ रही थी परंतु उसने कभी भी मुझसे अपने दिल की बात जाहिर करने की कोशिश नहीं की.

एक दिन मैंने सोचा कि आज जो हो जाए, तनु से बात करके ही रहूंगा.

यही सोच कर मैं तनु के घर चला गया.

आंटी किचन में काम कर रही थीं और शिल्पा अभी अपनी ट्यूशन से वापस नहीं आई थी इसलिए मुझे और तनु को कुछ समय अकेले बैठने का मिल गया.

मैं हिम्मत जुटाकर धीमी आवाज में बोला- तनु, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी!
तनु खिलखिला कर हंसी- बुद्धू, इतने दिन लगा दिए इस बात को कहने में! मैं तुम्हें शुरू से ही पसंद करती हूं.

बस उसी दिन से हम लोगों का छुप-छुपकर छत पर मिलना और लंबी लंबी बातें करना शुरू हो गया.

शुरू शुरू में तो हम दोनों अपनी लाइफ की और कॉलेज की बातें ही शेयर किया करते थे लेकिन धीरे-धीरे टॉपिक सेक्स पर भी आना शुरू हो गया.
थोड़ा बहुत चूमा चाटी और एक दूसरे पर हाथ फेरना शुरू हो गया.

हम दोनों के बीच सेक्स करने की कामना बलवती होने लगी थी. बस एकांत नहीं मिल पा रहा था.

किस्मत से कुछ ही दिनों में उसकी नानी जी की मौत हो गई जिसमें तनु के मम्मी पापा, शिल्पा के साथ दिल्ली चले गए.
तनु कॉलेज का बहाना बनाकर घर पर ही रुक गई.

चूंकि उनका घर भी हमारे साथ वाला ही था इसलिए मुझे रात को छिपकर उनके घर जाने में कोई परेशानी नहीं होने वाली थी.

हमने रात का समय तय किया और अपने अपने घर में अपने रूटीन के कामों में लग गए.
हम दोनों ही बेसब्री से रात का इंतजार करने लगे.

मैं रात को 10:30 बजे छिपकर दीवार फांद कर उनके घर चला गया.
उधर वह मेरे आने का इंतजार कर रही थी.

वह टी-शर्ट और कैपरी पहन कर बालों की पोनीटेल किए हुए बहुत ही ज्यादा प्यारी लग रही थी.

मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
वह भी शर्माती हुई थोड़ा थोड़ा साथ दे रही थी.

मैं- तनु, अगर तुम मेरा साथ दोगी तो तुम्हारे यह पल यादगार बन जाएंगे और तुम बहुत एंजॉय करोगी.
तनु- मैं तुम्हारा पूरा साथ दूंगी. लेकिन मैंने सुना है किस फर्स्ट टाइम सेक्स करने पर काफी दर्द होता है और खून भी बहुत निकलता है.
मैं- थोड़ा दर्द तो तुम्हें बर्दाश्त करना पड़ेगा लेकिन यह मेरा वादा है कि तुम्हें मजा भी बहुत ज्यादा आएगा.

दोबारा से स्मूच करते हुए मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया.
पिंक कलर की ब्रा और काली कैपरी में खड़ी वह ऊपर वाले की खास तौर से तराशी हुई मूर्ति लग रही थी.

तनु- विवेक, प्लीज लाइट बंद कर दो, मुझे बहुत शर्म आ रही है.
मैं- तुम इन पलों का पूरी तरह से आनन्द उठाओ और मुझसे क्या शर्माना?

उसके होंठों से उसके कान की लौ चूमते हुए धीरे धीरे मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा, जिससे वह बड़ी मीठी आवाज में सिसकारियां लेने लगी.

मैंने उसे प्यार से बेड पर बिठाया और उसकी कैपरी उतार दी और उसको मैचिंग ब्रा पैंटी में देखकर मेरा लंड फटने को हो रहा था.

वह देखने से भी साक्षात काम की देवी लग रही थी.
मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके खूबसूरत चूचों पर टूट पड़ा.
एक को मुँह में ले लिया और दूसरे को दबाना शुरू कर दिया.

मैं काफी देर तक बारी बारी से उसकी चूचियों को चूसता और दबाता रहा जिससे उसकी हालत भी काफी खराब हो रही थी और वह बेड पर दोनों तरफ अपना सिर घुमा रही थी.

चूचियों से नीचे आते हुए मैंने उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल कर चूसना शुरू किया.
उसकी सिसकारियां काफी तेज हो गईं और वह मेरे बाल नोंचने लगी.

मैंने उसकी बगलों को देखा तो उसकी एक कांख में अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.

इससे उसे काफी गुदगुदी हो रही थी और मजा भी आ रहा था.
वह खिलखिलाने लगी थी.

फिर मैंने नीचे आकर देखा कि उसकी पैंटी योनि रस से काफी गीली हो चुकी थी और मादक सुगंध आ रही थी.

धीरे-धीरे मैंने प्यार से उसकी पैंटी उतारनी शुरू की जिसमें उसने अपनी गांड उठा कर सहयोग किया.
उसकी छोटे-छोटे रोंए जैसे सुनहरी बालों वाली बुर देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया.

बुर के आपस में चिपके हुए होंठ और उस पर बुर रस की हल्की हल्की बूंदें उसकी बुर को बहुत खूबसूरत बना रही थीं.
मैंने उसकी जांघों के अन्दर के हिस्सों पर चूमना शुरू किया और धीरे-धीरे उसकी बुर की तरफ बढ़ना शुरू किया.

जैसे ही मैंने अपनी जीभ की नोक से उसकी भग्नासा को छुआ.
उसने लंबी आह भरी और खुद ही अपनी चूचियों को मसलने लगी.

ऐसी सील बंद बुर को चाटने का एक अलग ही मजा होता है.
उसमें से निकल रहा रस आपके कामुक भाव को कई गुणा बढ़ा देता है.

मैं भी जैसे-जैसे उसकी बुर चाट रहा था, वैसे वैसे मेरा सेक्स का नशा और बढ़ता जा रहा था.
जैसे ही तनु झड़ने के करीब हुई तो मैंने चाटना छोड़ दिया क्योंकि उसे मैं बहुत ज्यादा गर्म कर लेना चाहता था.

उसके बाद मैंने धीरे-धीरे उसकी टाइट बुर को अपनी एक उंगली से चोदना शुरू किया.
उसकी बुर इतनी टाइट थी कि एक उंगली भी मुश्किल से जा रही थी.

लेकिन थोड़ी देर लगातार चलाने से मेरी एक उंगली आराम से उसकी बुर के अन्दर जानी शुरू हो गई और उसे मजा भी आना शुरू हो गया.

ऐसे करते-करते धीरे-धीरे मैंने दो उंगलियों से उसकी बुर को थोड़ा ढीला किया और लंड के लिए रास्ता बनाना शुरू किया.
इतनी देर से मेरा 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड फटने को हो गया और उसकी नसें भी काफी उभर कर बाहर आ गईं.

फिर मैंने जमीन पर कंबल बिछाकर तनु को कंबल पर दो तकिया लेकर लेटने के लिए कहा.

ऐसा मैंने इसलिए किया क्योंकि जब भी हम किसी सील बंद और कुंवारी लड़की के साथ पहली बार सेक्स करते हैं तो बेड पर गद्दे पर लड़की को पीछे खिसकने की जगह मिल जाती है. जिससे थोड़ा अन्दर गया लंड बाहर आ जाता है और लड़की दोबारा डलवाने से घबराती है.

मैंने तनु को कंबल पर लेटाया और उसके चूतड़ों के नीचे एक तकिया रखा, जिससे उसकी बुर का मुँह ऊपर की तरफ हो गया.
इस तरह से लेटने से सेक्स करने में आसानी रहती है.

उसकी दोनों टांगों के बीच बैठकर मैंने अपना लंड उसकी बुर की फांकों के साथ घिसना शुरू किया जिससे उसकी बुर से पानी बहना शुरू हो गया और वह सेक्स करने के लिए मानसिक रूप से भी तैयार हो गई.

मैंने उसकी बुर और अपने लंड पर काफी सारा थूक लगाया और धीरे-धीरे लंड का सुपारा उसकी बुर में घुसा दिया.

मैं- तनु तुम ठीक हो … तुम्हें ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा?
तनु- मैं ठीक हूं क्योंकि मुझे लग रहा है कि तुमने जैसे उंगलियों से रगड़ रगड़ के मेरी बुर को सुन्न ही कर दिया है.

उसके साथ बातें करते करते मैंने अपने लंड पर दबाव बनाना जारी रखा.
लगभग डेढ़ इंच तक मेरा लंड उसके बुर में घुस चुका था.

दर्द तनु के चेहरे पर नजर आ रहा था लेकिन वह दर्द बर्दाश्त करती हुई मुझे सहयोग दे रही थी.
आगे बढ़ने से पहले मैंने धीरे धीरे उसकी एक चूची को पीना और दूसरी को सहलाना शुरू किया.

फिर जैसे ही मुझे लगा कि इसका दर्द अब कम है, तो मैंने पूरा दबाव बनाते हुए एक झटके से पूरा लंड उसकी बुर में उतार दिया.
पूरा लंड अन्दर जाते ही तनु की आंखें फैल गईं और वह दर्द से छटपटाने लगी.

मैंने उसकी एक चूची को मुँह में भर लिया और दूसरी को मसलने लगा.
दूसरे हाथ से उसकी कमर और टांगों को सहलाता रहा.

थोड़ी देर प्यार से सहलाने और चूचियों को मसलने के बाद वह सामान्य होना शुरू हो गई और नीचे से धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगी.
मेरे पूछने पर तनु ने बताया कि उसे अभी काफी दर्द हो रहा है.

मैंने कहा- थोड़ी देर में यह दर्द भी हो जाएगा. अब दर्द वाला काम लगभग खत्म हो चुका है.
उसने कहा कि तुम एक बार बाहर निकाल लो, मैं दोबारा करने से मना नहीं करूंगी.

मुझे उसकी इसी बात पर काफी प्यार आया और मैंने अपना लंड उसकी बुर से बिल्कुल बाहर निकाल दिया.
लंड के बाहर निकालते ही उसकी बुर से थोड़ा-थोड़ा खून आना शुरू हो गया.

खून देखकर वह जरा घबरा गई.
पर जब मैंने उसे समझाया कि यह बिल्कुल सामान्य है. अब तुम कैसा महसूस कर रही हो!

खून के बाद उसकी बुर से सफेद पानी निकलना शुरू हुआ तो उसने कहा- अब मैं काफी हल्का महसूस कर रही हूं. अब तुम दोबारा शुरू कर सकते हो.

दोबारा शुरू करने के बाद भी मैंने तेज तेज धक्के मारने शुरू नहीं किए क्योंकि मैं चाहता था कि तनु पूरी तरह से सामान्य हो जाए और अपने फर्स्ट सेक्स का भरपूर मजा ले.

तनु- अब खुश हो, कर लिया किला फतह?
मैं- ऐसा कुछ नहीं है हम दोनों ही अभी गैर तजुर्बेकार हैं. इसीलिए मैं चाहता था कि यह फर्स्ट टाइम सेक्स हम दोनों के लिए एक अच्छी यादगार बने.

मैंने तनु को अभी तक यही बताया था कि मैंने जिंदगी में कभी सेक्स नहीं किया है. फर्स्ट टाइम तुम्हारे साथ ही करूंगा.
जबकि मैं पहले भी कई लड़कियों के साथ सेक्स कर चुका था.

इसके बाद मैंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए.
जिससे उसे भी मजा आना शुरू हुआ.

उसकी बुर से मेरे लंड के साथ थोड़ा थोड़ा खून और पानी बाहर की तरफ आना शुरू हो गया जो उसकी गांड को भिगोता हुआ कंबल तक जा रहा था.

तनु की बुर मैं अब मेरे लंड की जगह बन गई थी इसलिए अब मैंने जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए.
धक्के तेज महसूस होते ही तनु ने मेरे पेट पर हाथ लगाकर मुझे थोड़ा धीरे धक्के मारने के लिए कहा.

ऐसे ही थोड़ी देर धक्के मारने के बाद मैंने तनु से पोजीशन चेंज करके ऊपर आने के लिए कहा.
‘जान लंड की सवारी करना चाहोगी?’

जवाब में तनु ने कहा कि अब से मैं तुम्हारी हूँ … तुम जो चाहोगे, मैं वही करूंगी.

मैं नीचे लेट गया.
डेल्ही गर्ल सेक्स करने के लिए मेरा लंड पकड़ कर अपनी बुर में डाल कर मेरे ऊपर बैठ गई और धीरे धीरे धक्के मारने लगी.

उस पर मैंने भी नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए.
दोहरे धक्के लगने की वजह से तनु 2 मिनट में ही लंबी सिसकारी लेते हुए झड़ गई और बुर में लंड फंसाए हुई ही मेरे सीने पर अपना सर रख कर लेट गई.

थोड़ी देर बाद अपनी सांसों को काबू करती हुई वह उठी और अपने बिखरे बालों को ठीक करती हुई मेरी आंखों में देखकर मुस्कुराने लगी.
मुझे उसके चेहरे पर उस समय एक अलग ही संतुष्टि और ताजगी नजर आ रही थी.

मैं- तुम्हारा तो हो गया है … अब आगे क्या करना है!
तनु- तुम जैसा ठीक समझो, वैसे कर लो.

फिर मैंने तनु को डॉगी पोजिशन में आने को कहा और पीछे से उसकी बुर में लंड ठोक कर तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए.
शुरू शुरू में तनु को दर्द हो रहा था लेकिन बाद में उसे भी मजा आना शुरू हो गया.

धक्के लगाते हुए मैं उसके गोरे चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहा था जिससे मुझे काफी मजा आ रहा था.

तनु ने कहा- जमीन पर इस पोजीशन में मेरे घुटनों में दर्द हो रहा है. अब बाकी का काम बेड पर कर लेते हैं.

मैंने उसे बेड के किनारे पर घोड़ी बनने को कहा और खुद जमीन पर खड़े खड़े उसकी बुर में लंड डाल दिया.

हम काफी देर से सेक्स कर रहे थे जिससे तनु भी काफी थक चुकी थी और मैं भी थक चुका था.

इसलिए मैंने तेज तेज धक्के लगाते हुए अपना माल उसकी गांड के ऊपर छोड़ दिया और हम दोनों बेड पर एक दूसरे के साथ चिपक कर लेट गए.

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