Our site can help you find a professional massage girl in Banaskantha who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Banaskantha that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Banaskantha massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Banaskantha who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Banaskantha massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Banaskantha massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Banaskantha who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Banaskantha employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Banaskantha helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Banaskantha
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Banaskantha at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
पहली बार सम्भोग Antarvasna यानि सेक्स करते वक़्त डर लगना स्वाभाविक है। आखिर उन खूबसूरत पलों को कौन यादगार नहीं बनाना चाहता।
लेकिन अगर ज़रा सी भी चूक हो जाए तो ये खूबसूरत लम्हे ज़िन्दगी के सबसे डरावने अनुभवों में से एक बन जाते हैं। लेकिन अगर कुछ बातों का ख्याल रखा जाए, तो फर्स्ट टाइम सेक्स को बेहद खुशगवार यादगार बना सकते हैं।
सबसे पहले सुरक्षा- ज़्यादातर लोग अपने पहले सम्भोग को लेकर काफी भावुक और अधीर होते हैं। अधीर होना जायज़ भी है। लेकिन दो पल की खुशी के लिए सुरक्षा से समझौता न करें।
यौन सम्बन्धी रोगों और अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉन्डम का इस्तेमाल ज़रूर करें। अपने लिए एक भरोसेमंद साथी चुनें जो आपकी कद्र करता हो। मस्ती के लिए सेक्स करने से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ज़्यादा उम्मीदें न रखें- हर कोई सोचता है कि उनका पहली बार एक जादुई और यादगार अनुभव हो। लेकिन ऐसा होगा ही, यह ज़रूरी नहीं है। अच्छे से सेक्स करना एक कला है, जो वक़्त के साथ आती है। ज़्यादा उम्मीदें रखने से आपको ही निराशा होगी।
फोरप्ले यानि सेक्स पूर्व क्रीड़ा करना न भूलें- चाहे कितने ही उत्सुक और उत्तेजित क्यों न हों- सीधा वहाँ’ पहुँचने से बचें। समय लें और अपने साथी को भी मुख्य कार्य के लिए गर्म होने, तैयार होने का वक़्त दें। पहली बार में आप जितना ज़्यादा फोरप्ले करेंगे उतना ही अच्छा रहेगा।
सम्भोग से पहले पूरी तरह उत्तेजित हों- इंटरकोर्स तक पहुँचने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आप पूरी तरह उत्तेजित हैं। वरना पहली बार सेक्स में आपको काफी दर्द होगा। लड़की की झिल्ली फ़टने पर और लड़के के लिंग के तन्तु कटने पर दर्द अवश्यभावी है।
यह न सोचें कि वो अनुभवी है- अधिकतर मामलों में, पुरुषों को यह दिखावा करने में बहुत मज़ा आता है कि वे सेक्स के एक्सपर्ट हैं। ऐसा शायद इसलिए कि वह अपनी साथी के सामने अपना भय और अनुभवहीनता व्यक्त करने से डरते हैं। इसलिए, कभी भी यह मान कर न चलें कि वो इसके एक्सपर्ट हैं। अपनी अन्तर्वासना यानि सेक्ष की इच्छा को भी अपने साथी के सामने रखें और कोशिश करें कि हमेशा वो ही लीडिंग न हों।
झूठ न बोलें- कई लोग सिर्फ इसलिए कह देते हैं कि वो संतुष्ट हैं ताकि उनके सहभागी को बुरा न लगे। ऐसा करने से आप असंतुष्ट ही रह जाएँगे और आपका रिश्ता खतरे में पड़ सकता है, इसलिए सच बोलें। और पहली बार सेक्स करने जा रहे लोग तो कतई झूठ का सहारा न लें।
चरमोत्कर्ष परम आनन्द चरमसीमा पर पहुँचने की आशा न रखें- हालांकि चरमोत्कर्ष से काफी सुख मिलता है, लेकिन बिना उसके भी आप सेक्स को इंजॉय कर सकते हैं। पहली बार इसकी आशा न रखें। अगर होता है तो बहुत अच्छा और नहीं होता तो कोई बात नहीं। बस अपने अनुभव का आनंद लें।
दर्द ज़्यादा देने का मतलब प्यार नहीं? जी नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। पहली बार सेक्स करने में थोड़ा ज़्यादा दर्द ज़रूर होता है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आप अच्छे प्रेमी नहीं हैं। लेकिन अगर आपको दर्द हो तो उसे ज़रूर बताएँ। अगर आपका साथी संवेदनशील हैं तो वह इसे ज़रूर समझेगा और इस बात का ख़्याल रखेगा। Antarvasna
उधर श्वेता ने उनके लिंग Hindi Sex Stories को फिर लोहे की गर्म रॉड की शक्ल दे दी थी और अब स्वयं ही अपनी योनि उस पर टिका कर धीरे धीरे धक्के देने लगी थी। लिंग-मुंड के उसकी योनि में प्रवेश करते ही वह सिसक उठी- उफ….माई डीयर…. डबराल ! ….. उफ … ! कम आन कोमल ! तू इधर आकर मेरे स्तनों को संभाल… ज़रा ! डबराल यार को दूसरा काम करने दे…. श्वेता ने मुझसे कहा।
मैंने तुंरत उसके स्तनों को अपनी हथेलियों में संभाला और उसके अधरों का रसपान करने लगी, डबराल सर की मशीन आन हो गई थी, कमरे में अब श्वेता की कामुक चीखें गूंजने लगी थी।
मैंने देखा कि श्वेता की योनि में डबराल सर का लिंग आसानी से आगे पीछे हो रहा था लेकिन फिर भी लिंग की मोटाई के आगे उसकी योनि भी एक तंग सुरंग थी।
थोड़ी देर में ही डबराल सर पुनः चरम सीमा पर आ गये और इस बार उन्होंने जब श्वेता की योनि से लिंग निकाला तो मैने उसे अपने मुँह में ले लिया, लिंग कई बार मेरे हलक से टकराया और फिर कुछ गर्म बूंदें मेरे हलक में गिरी, मैं उस स्वादिष्ट पदार्थ को पी गई, इस तरह मेरे विज्ञान में पास होने के बहाने से मैने प्रथम यौनसंबंध का सुख पाया।
कई दिनों तक मैं लंगडा कर चलती रही, श्वेता मेरी इस हालत को देख कर मुस्करा देती। डबराल सर ने अब किसी भी बात पर हम दोनों को क्लास रूम में डांटना छोड़ दिया था। मेरे घर में मेरी मां ने मेरी लंगडाहट पर एक बार प्रश्न उठाया तो मैंने सीढ़ियों से गिर जाने का बहाना कर दिया। उन्होंने फिर नहीं पूछा।
इस घटना के पन्द्रह दिनों के बाद जब मेरी हालत ठीक हो गई थी।
स्कूल हाफ में मैं लंच कर रही थी, तब श्वेता ने बताया कि तुझे चपरासी पूछ रहा था। तुझे प्रिंसीपल साहब ने बुलाया है।
मैंने प्रश्न किया- क्यों….?
तो उसने अनजाने पन का ढोंग कर दिया, मैं जल्दी-जल्दी लंच निपटा कर प्रिंसीपल साहब के ऑफिस पहुंची तो वहां अधेड़ उम्र के प्रिंसीपल को अपने इन्तजार में पाया।
कोमल….. दरवाजे की सिटकनी चढ़ा दो, मुझे तुमसे कुछ स्पेशल बात करनी है ! …प्रिंसीपल ने कुर्सी पर बैठे बैठे कहा।
मैंने उनकी आज्ञा का पालन किया।
इधर आओ हमारे पास !…… प्रिंसीपल ने दूसरी आज्ञा दी।
मैं उनके निकट पहुँच गई।
हमें पता है तुमने मिस्टर डबराल को केवल इस लिये खुश किया है कि उसने तुम्हारे विज्ञान में पास होने का वादा किया है, लेकिन हम भी तो कुछ अहमियत रखते हैं, क्या हमें तुम्हारा हुस्न देखने का हक़ नहीं है ! प्रिंसीपल ने ऐसा कहा तो उनकी आँखें चमक उठीं और भद्दे होंठों पर मुस्कान दौड़ गई।
जी…..मैं पीछे को सिमटी, मेरे जेहन में खतरे की घण्टियाँ बज उठीं और यही विचार दिमाग में आया कि यहाँ से तुंरत भाग लेना चाहिये, इसी विचार के तहत मैं पलटी मगर प्रिंसीपल के शक्तिशाली हाथों ने मेरी कमर पकड़ ली और मुझे खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया, मैं चीखने को हुई तो उनकी एक हथेली मेरे खुले मुँह पर आ जमी, उनके ठंडे से स्वर में ये शब्द मुझे खामोश कर गये कि अगर तुमने हमारा सहयोग नहीं किया तो हम तुम्हारे करेक्टर को गलत साबित करके तुम्हारा रेस्टीकेशन कर देंगे।
मैं विवश हो गई, इस विवशता में एक बात का हाथ और था वह यह कि प्रिंसीपल के हाथ ने मेरी शर्ट में छुपे मेरे स्तनों को क्षण भर में ही मसल डाला था और उस मसलन ने मुझे आनंद से झंकृत कर दिया था, पन्द्रह दिन बाद आज फिर एक प्यास महसूस हो गई थी।
मुझे शान्त जान प्रिंसीपल मेरी शर्ट के बटन खोलते चले गये, उन्होंने मेरी शर्ट के पल्लों को इधर उधर कर के मेरी समीज को स्तनों के ऊपर कर दिया और मेरे तने हुए स्तनों को मसलने लगे, मैं हल्के हल्के सिसकारने लगी, मैने उनकी गोद में ही मुद्रा बदली और अब मेरे स्तन उनके सीने से भिड़ने लगे, प्रिंसीपल मेरे कांपते लरजते अधरों को भी चूसने लगे थे, मेरे हाथ उनकी पीठ पर चले गये थे, मेरा युवा शरीर तो जैसे पुरुष शरीर के स्पर्श को तलाश ही रहा था, उनके हाथ मेरी स्कर्ट के भीतर मेरे नितंबों और जाँघों को सहला रहे थे, उनकी साँसें गर्म होने लगी थी और फिर उन्होने अपने होंठों को मेरे अधरों से हटा कर मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरे स्तनों पर ले आये, उनकी इस क्रिया ने मुझे और अधिक उत्तेजित कर डाला।
ओह सर ! …… क्यों तड़पा रहे हैं ! …… ऐसे कुर्सी पर कैसे कुछ होगा? उफ…ओह….आह ! मैं उनके कान मैं सरसराई।
ओह…. ! तुम ऐसा करो ! टेबल पर लेट कर अपनी टांगें नीचे लटका लो…..उठो…..! प्रिंसीपल ने कहा।
तो मैं उनकी गोद से उतर कर टेबल पर अधलेटी सी हो गई।
प्रिंसीपल ने खडे होकर मेरी स्कर्ट ऊपर करके मेरी पेंटी को भी जरा ऊपर को करके मेरी योनि को सहलाया और भंगाकुर को भी छेड़ दिया, मैं मचल उठी, मेरे मुख से कामुक ध्वनि फूटी और मैंने खड़े होकर उनके हाथों को पकड़ कर अपने स्तनों पर रख लिया, उनके हाथों ने मेरे स्तनों को मसलते हुए मुझे पीछे को ही लिटा दिया और पेंटी को जरा सा योनि छिद्र से हटा कर अपने लिंग-मुंड को योनि के मुख में फंसा कर धक्का दिया तो मुझे ऐसी पीड़ा हुई जैसे मेरी जांघें फट जायेंगी।
मैं चीख पड़ी, मैने दर्द के मारे फिर उठने का प्रयास किया तो उन्होंने हाथों के दबाव से मुझे उठने नहीं दिया और एक और धक्का मारा, मुझे दर्द तो हुआ पर गजब का आनंद भी आया, उनका लिंग दो तीन इंच तक मेरी योनि में उतर गया था।
सर….. ! उफ…. ! लगता है…. ! ओह…….. ! लगता है कि आपका लिंग बहुत मोटा है…… क्या लंबा भी ज्यादा है…..? मैने अपने स्तनों पर जमे उनके हाथों को दबा कर कहा।
नहीं….हाँ मोटा तो काफी है, लेकिन लंबाई आठ इंच से ज्यादा नहीं है, उन्होंने लिंग को और आगे ठेल कर पीछे करके फिर ठेलते हुए कहा।
बस…..आठ इंची….तब तो आप खूब जोर जोर से धक्के मारिये….. ! ऑफ़…. ! तभी मजा आयेगा ! मैं उत्तेजना के वशीभूत होकर बोली।
अच्छा…. ! तुम्हें तेज तेज शॉट पसंद है ! तब तो यहाँ से हटो और दीवार से हाथ टिका कर खड़ी हो जाओ …. ! यहाँ तो टेबल गिर जायेगी, उन्होंने अपना लिंग मेरी योनि से निकाल कर कहा।
मैं मेज से उठ कर दीवार पर पंजे जमाकर उनकी और पीठ करके खड़ी हो गई तो उन्होंने मेरे नितंबों को सहलाते हुए अपने मोटे ताजे लिंग को मेरी योनि में डाल दिया और फिर तेज तेज धक्के मारने लगे, मेरा पूरा शरीर जोर जोर से हिल रहा था, उनकी जांघें मेरे नितंबों से आवाज के साथ टकरा रही थी, वे धक्के मारते मारते हांफने लगे, लेकिन खूब धक्के मारने पर भी वे स्खलित नहीं हो रहे थे, यहाँ तक कि वो आगे को शाट मारते तो मैं पीछे को हटती, मुझे लिंग के योनि में होते घर्षण से और लिंग की संवेदनशील नसों से भंगाकुर पर होते घर्षण से मैं आनंद की चरम सीमा तक पहुच गई थी। मैं उन्हें और प्रोत्साहित कर रही थी, और अन्दर तक करो सर…… ! और अन्दर तक…… ! और जोर से….! उफ… उफ… ओह…..यस्…. ! आई लव इट…. ओ… मैं हर तरह से उनके साथ सहयोग करते हुए बोली।
मेरी साँसें भी तूफानी हो चकी थी।
और फिर प्रिंसीपल सर अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गये, मेरे गर्भाशय में एक शीतलता सी छाती चली गई, तब पता चला मुझे की पुरुष के खौलते वीर्य की धार जब स्त्री के गर्भ से टकराती है तो कैसा अदभुत आनंद प्राप्त होता है ! मैं पागलों की भांति प्रिंसीपल से लिपट गई और उनके लिंग को भी बेतहाशा चूमा। कुछ देर बाद अपने वस्त्र ठीक करके मैं प्रिंसीपल रूम से निकल गई।
अभी बात खत्म नहीं हुई !
आगे आगे देखिए क्या क्या होता है ! Hindi Sex Stories
दोस्तो ! सबसे पहले गुरु जी Hindi Sex Stories को कोटि-कोटि प्रणाम, जिनकी दया दृष्टि से मुझ जैसे नाचीज़ की चुदाई के किस्से अन्तर्वासना में छपे और मुझे लोगों का इतना प्यार प्राप्त हुआ ! चैट पर मुझे कई लौड़ों ने संपर्क किया और मुझे से कई प्रश्न पूछे गए ! सो दोस्तों और सभी पाठकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत प्यार ! सभी कह रहे हैं,”सनी यार ! अपनी किसी और चुदाई के बारे लिखो !” मुझे पाठकों को निराश नहीं करना है क्यूंकि मैं गांड तो खूब मरवाता हूँ लेकिन हर किस्सा तो नहीं बताया जा सकता ! फिर भी मैं आपको नवीनतम चुदाई के बारे में अब बताने जा रहा हूँ !
मुझे शिक्षा बोर्ड में किसी काम से अपने नाम को दरुस्त करवाने जाना पड़ा ! मुझे अपना काम निपटाते हुए मोहाली में ही शाम के पांच बज गए ! मैं बस स्टैंड पहुंचा तो कुछ राहत मिली कि रात्रि सेवा के तहत रात की सर्विस थी ! मैंने विडियो कोच का टिकेट लिया और बस में बैठ गया ! वहां से बस पूरी भर कर चली ! मैंने टू सीटर सीट ली! मेरे साथ एक अच्छा खासा मर्द बैठा ! मेरी नज़र बार बार उस पे जा रही थी, उसके लौड़े वाले स्थान पर !
थोडा अँधेरा सा हुआ ! मैं बहुत चिकना हूँ और मुझे वो मर्द बहुत पसंद आया ! अब उसने भी नोट किया कि मेरी निगाहें उसके फूले हुए हिस्से पर जा रुकती हैं ! अब मुझे लगा कि वक़्त आ गया है अपना जाल बिछाने का !
मैंने कहा,”आप कहाँ जा रहे हो? क्या करते हो?”
ऐसे ही उसने भी मुझ से कुछ सवाल पूछें ! मेरे बोलने का स्टाइल और चेहरा वो पढ़ रहा था ! जैसे ही बस नवां शहर पहुंची, काफी बस खाली हो गई और इस बस में रास्ते की सवारी नहीं लेते थे ! मैंने देखा कि अब सामने वाली सीट खाली है ! किसी की नज़र अब मेरे पर नहीं पड़ने वाली ! मैंने उसके साथ फिर से बातें करनी शुरू की ! अब बाहर पूरा अँधेरा छा गया था ! इस बार मैंने कुछ और ही विषय चुना !
मैंने कहा,”आप बहुत हैण्डसम हो ! आपकी बीवी भाग्यशाली होगी !”
वो बोला,”अच्छा ???”
मैंने कहा,”बिलकुल !”
फिर मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखते हुए कहा,” और नहीं तो क्या ! इतनी बरदस्त बॉडी है, मजबूत जांघें हैं ! और क्या चाहिए किसी को ?”
वो कुछ नहीं बोला ! मैंने अपना हाथ उसके फूले हुए स्थान पर रखते हुए कहा,”आपका तो यह भी बहुत कड़क लगता है ! और क्या चाहिए किसी को ??”
मैंने पैंट के ऊपर से ही उसको सहलाना शुरू किया ! अब उसने अपना हाथ मेरे गले में डाल दिया ! मैंने अब आराम से उसके लौड़े को सहलाते हुए पूछा,” कैसा लग रहा है?”
उसने कहा,”बहुत अच्छा !”
मैंने उसकी जिप खोल कर अपना हाथ अन्दर डाल दिया और लौड़े के सर पर हाथ फेरते हुए जड़ तक उसका मुआयना किया ! मैंने कहा,”बहुत सॉलिड पीस है आपका ! “
उसने पूछा,”अच्छा लगा ?”
मैंने कहा,” बहुत अच्छा ! “
हम आगे बढ़ने लगे, तभी लुधियाना आ गया ! बस रुकी और कंडक्टर ने सबको कहा,” अगर किसी ने खाना वगैरा खाना है तो खा लो ! बस ३० मिनट रुकेगी ! “
सभी यात्री उतर गए ! न वो उठा न मैं ! अचानक वो सबसे पिछली सीट पे जाने के लिए उठा ! बोला,”यह पैसे पकड़ और नीचे से कोल्ड ड्रिंक के साथ प्लास्टिक ग्लास ले कर आ !”
उसके पास विस्की का पौवा था ! ज्यादा लोग नहीं थे बस में ! उसने दो पैग डाले और दोनों ने डकार लिए ! मैंने अब दिल खोल कर उसके पप्पू को निकाला और देखता रह गया ! सांवला लौड़ा मेरी कमजोरी है ! मैंने लौड़े को सहलाते हुए चेहरा झुकाया और चूसने लगा ! वो मस्त होने लगा ! तभी सीटी की आवाज़ सुन हम सीधे हो गए ! बस चल पड़ी ! सिर्फ दस के करीब सवारी बचीं थी ! उनमें से ४ तो शादीशुदा जोड़े थे ! सभी बैठ गए ! कंडक्टर आगे ड्राईवर के पास बैठ चुका था ! उसका काम अब ख़त्म था ! सभी जोड़े एक दूसरे से चिपक रहे थे ! हम अन्तिम सीट पे थे ! पूरी लम्बी की लम्बी सीट !
नशे के सरूर ने मुझे पागल कर दिया ! मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसका लौड़ा निकाल कर चूसने लगा ! सफ़र की वजह से मैंने सिर्फ लोअर डाला था ! उसने मेरा लोअर नीचे खिसकाते हुए मेरी गांड पे हाथ फेरा तो मेरी प्यास बढ़ गई ! उसने अपनी ऊँगली गीली करके मेरी गांड में डाल दी और वो ऊँगली-बाज़ी करने लगा ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! इतने में जालंधर आ गया !
वो बोला,”तू मेरे साथ चल ! मुझे तेरी गांड मारनी है !”
“लेकिन कहाँ ?” मैंने पूछा !
वो बोला,”यहीं पास ही मेरे दोस्त ने कमरा लिया हुआ है ! वो दिल्ली से यहाँ पढ़ने आया है ! अकेला रहता है, चलो चलते हैं !”
मैंने कहा,”ठीक है !”
हमने रिक्शा किया और पहुँच गए उसके दोस्त के घर ! बाहर रुक कर उसको मोबाइल किया और मेरे बारे में बताया ! उसका दोस्त भी बहुत हैण्डसम था ! मेरे साथ आया व्यक्ति बोला,”यह सनी है ! बस में इसके साथ दोस्ती हुई है और इसको खुश करना है !”
वो बोला,”ओह ! समझ गया दोस्त ! आ जाओ, घर में दारू पड़ी है !”
हमने दो दो पैग लगाये ! नशा आते ही मैं बेशर्म बन गया और उसका एक एक कपड़ा उतार दिया ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! दूसरे वाले ने मेरा लोअर खींच दिया और मेरा अंडरवियर नीचे खिसका कर मेरी गांड सहलाने लगा ! पहले वाले ने खींच कर मेरी शर्ट उतार दी ! मेरे लड़की जैसे मम्मे देख दोनों दंग रह गए ! वो सीधा लेट गया ! मैं उसके लौड़े पर बैठा हुआ उसको पूरा अंपनी गांड की गहराई तक पहुंचा लिया और खुद आगे पीछे हो चुदने लगा ! वो साथ में मेरा मम्मा मुँह में डाल कर चूस रहा था !
उसका दोस्त मेरे पास आया ! मैंने उसका लौड़ा निकाल लिया! क्या सॉलिड था वो भी ? गुलाबी लौड़ा ????? मेरे तो मुँह में पानी आ गया और मैंने झट से उसके लौड़े को चूसना चालू किया ! पहला वाला धनाधन मेरी गांड पे वार करने लगा ! मैं घोड़ी बन गया ! मैंने उनकी ओर अपनी गांड घुमाई! पहले वाले ने थूक लगा के अपना लौड़ा फिर से अन्दर डाल दिया ! उसका दोस्त मेरे सामने घुटनों के बल खड़ा अपना लौड़ा चुसवा रहा था ! दो-दो लौड़े देख कर मुझे सेक्स चढ़ने लगता !
वो बोले,” साले ! तू तो लड़की जैसा है ! कितना नाज़ुक और चिकना है तेरा बदन ?? ऊपर से यह मम्मे ? कोई १७ साल की लड़की जितने होंगे !”
“सालो ! दबवा -दबवा कर हुये हैं ! चोदो बस मुझे !” मैंने कहा !
“अभी ले साले ! दो लौड़े एक साथ डालेंगे तो फट जायेगी तेरी ! देखता जा बस ! ” उनमें से एक बोला !
वो गया और फ्रिज में से काफी मोटा खीरा ले कर आया ! उसने अपने दोस्त को दिया और पास में पड़ी बियर की बोतलें उठाई ! उसने अपना लौड़ा निकाला और पहले बियर की बोतलें घुसा दीं और मुझे उसी से चोदने लगा ! मैंने दोनों के लौड़े बारी-बारी चूस रहा था ! उसने बोतलें दूसरी तरफ रख कर खीरा मेरी गांड में घुसा दिया ! काफी मोटा था ! थोड़ा सा तेल लगा कर करीब ५ मिनट दोनों ने खीरे से मुझे चोदा ! देखते ही देखते मैंने पूरा खीरा अन्दर डलवा लिया !
एक दम से दोनों ने कंडोम अपने लौड़ों पर डाल लिए ! वो सीधा लेट गया और मैं उसके लौड़े पर बैठ गया ! पूरे का पूरा लौड़ा मेरी गांड में घुस गया ! साथ में उसने अपनी दो ऊँगली भी डाल ली ! पूरा घुसने पर उसने मुझे अपने साथ चिपका लिया ! अब पीछे से मेरी गांड चौड़ी हो गई ! दूसरा व्यक्ति मेरे पीछे बैठ गया और ऊँगली निकाल उसकी जगह अपना लौड़ा रखते ही दबाया ! दूसरे का लंड-मुंड भी मेरी गांड में घुस गया !
मेरी चीख निकल गई,”छोड़ दो, पलीज़……….! ” मैंने कहा,” एक- एक करके लो !”
किन्तु वो नहीं माना और आधे से ज्यादा लौड़ा मेरी गांड में घुसा कर रगड़ने लगा ! मेरा बुरा हाल था ! धीरे धीरे मुझे सुकून मिला और वो धक्के लगाने लगे !
एक बार दोनों ने मेरी गांड में दो लौड़े डाल कर दिखा दिया ! फिर एक ने निकाल लिया और दूसरे ने तेजी से गांड मारते हुए अपना माल कंडोम में छोड़ दिया ! दूसरा मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने भी कुछ देर मेरी गांड फाड़ने के बाद एक दम कंडोम उतार दिया और पेल दिया ! तीनों हांफने लगे ! दोनों मुझे चूमा-चाटी करते रहे और मैं उनके लौड़े सहलाता रहा ! उन दोनों के लौड़े आधे घंटे में फिर से तन गए और फिर शुरू हुआ दूसरा राउंड !
दो-दो बार चोदने के बाद हम नंगे वहीं सो गए ! सुबह ११ बजे मेरी आंख खुली ! मैं झट से उठा लेकिन उसके दोस्त ने मेरी बाजू पकड़ कर रोक लिया ! बोला,”छोड़ ! कितनी गर्मी है बाहर ! कल सुबह-सुबह निकल जाना ! एक रात और रुक जा ! रात को तुझे और मजे दिलवाऊंगा अपने दो नए दोस्तों के साथ ! “
मुझे ग्रुप सेक्स का शौक था ! वो बोले,” पास में दो और गांडू रहते हैं ! साथ-साथ करेंगे ! “
मैं मान गया और फिर हम मिल कर नहाने लगे ! बाथरूम में फिर से ठुकाई हुई मेरी !!!
उसके बाद क्या हुआ रात को यह अगली बार लिखूंगा ! बाय !!! Hindi Sex Stories
हैलो डियर रीडर्स । मै सूरज २६ साल का लड़का भोपाल में Antarvasna रहता हूँ। मैं एम कोम फ़ाइनल इयर का स्टुडेंट हूं। अभी भी मैं अपने चाचा के यहां रह रहा हूं। मेरे चाचा मुझसे सिर्फ़ ९ साल बड़े हैं और उनकी शादी ४.५ साल पहले हुई थी। मेरी चाची बहुत खूबसूरत है ५.४ लम्बा कद खूबसूरत होंठ जूस से भरे हुए हिरनी जैसी आंखें पतली सी कमर और बड़े गोल मटोल बूब्स हैवी हिप शी लुक लाइक ए ब्युटी क्वीन। उसके बूब्स का साइज़ है ३८ /२७ /३६ ।
एक दिन मेरे चाचा घर वापस आये तो काफ़ी परेशान थे हमने (मैं और चाची) उनसे पूछा तो कहने लगे कि मुझे करोबार में बहुत नुकसान हुआ है और कुछ भी बाकी नहीं बचा फिर चाचा ने अपना सब कुछ बेंच दिया और बचने वाले रुपयों से मुम्बई चले गये और मेरे घर वालों से कहा कि सूरज को इधर ही चाची के पास रहने दें तो मैं चाची के साथ रहने लगा।
मैं रोज़ कोलेज़ जाता और वापस घर आता तो चाची मुझे खाना देती और फिर मैं खाना खा कर सो जाता और फिर शाम को उठ कर स्टडी के लिये चला जाता और फिर रात को वापस आता। एक दिन की बात है मैं कोलेज़ गया तो कोलेज़ बंद था क्योंकि कोलेज़ में झगड़ा हो गया था जिसकी वजह से कोलेज़ में स्ट्राइक थी तो मैं वापस घर आ गया मैं अपने कमरे मैं अपनी चीज़ें रख कर चाची के रूम की तरफ़ आया कि चाची को बता दूं कि मैं कोलेज़ से आ गया हूं अभी मैं कमरे के दरवाज़े पर पहुंचा ही था कि मैंने चाची को देख लिया वो अपने कपड़े बदल रही थी। मैं वापस होने लगा तो मेरा दिल चाहा कि मैं चाची को देखता ही रहूं तो मैं वापस आ कर दरवाज़े की ओट से चाची को देखने लगा चाची ने पहले अपना सूट उतारा फिर ब्रा भी उतार दी और शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को देखने लगी
उफ़ कितना खूबसूरत बदन है चाची का क्या खूबसूरत बूब्स हैं और क्या पतली कमर है, मैं देखता ही रह गया और मेरा लंड खड़ा हो गया इससे पहले मैंने कभी इस बारे में नहीं सोचा था मगर आज अचानक ही मेरे दिल में ख्वाहिश जागी क्यों न मैं चाची की चूत का मज़ा लूं। सामने चाची नंगी खड़ी थी और मैं उसको देख रहा था और मैं उसको देखता ही रहा काफ़ी देर तक कभी चाची खुद को आगे से देखती कभी साइड से शायद वो अपनी फ़िटनेस देख रही थी फिर चाची अपने बूब्स को मसलने लगी और मैं अपने लंड को मसलने लगा। फिर वापस अपने कमरे में आ गया और कुछ देर के बाद मैं दोबारा चाची के कमरे में गया और उसको बताया के मेरा कोलेज़ बंद है इसलिये मैं वापस आ गया हूं। मैंने महसूस किया कि चाची की नज़रें आज कुछ बदली हुई हैं और आज उसने मुझे अजीब सी नज़रों से देखा। फिर कहने लगी कि अच्छा ठीक है।
रात को खाना खने के बाद मैं टीवी देखने लगा और फिर रात को काफ़ी देर तक टीवी देखता रहा और चाची के बारे में सोचता रहा चाची का जिस्म मेरी नज़रों में घूम रहा था फिर मैं सो गया अचानक रात को मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे कमरे में आया है मैंने उठ कर बेड लैम्प जलाया तो देखा कि चाची है तो मैंने उससे पूछा क्या बात है तो वो कहने लगी कि मुझे अकेले में डर लग रहा है मैं तुम्हारे पास सो जाऊं तो मैंने कहा कि हां आप इधर बेड पर सो जाओ मैं सोफ़े पर सो जाता हूं और मैं बेड से उठ कर खड़ा हो गया तो वो कहने लगी कोई बात नहीं तुम भी इधर ही बेड पर सो जाओ क्योंकि यह डबल बेड है और हम दोनो ही इस पर सो सकते हैं। तो मैं बेड की दोसरी साइड पर आ कर लेट गया अब मेरी नींद उड़ गई थी और मैं सोच रहा था कि कब चाची गहरी नींद सो जाये और मैं चाची के जिस्म को सही तरह देख सकूं।
काफ़ी देर मैंने इन्तज़ार किया, १ घंटे बाद मैंने चाची के जिस्म पर हाथ लगाया तो वो गहरी नींद में थी उसको कुछ पता नहीं लगा तो मैंने हाथ को फेरना चालू केर दिया आहिस्ता आहिस्ता मैंने हाथ को चाची के बूब्स की ब्रा खोल दिये और फिर मैंने चाची का एक बूब हाथ में ले लिया वो इतना बड़ा था कि मेरे हाथ में नहीं आया फिर मैंने आहिस्ता से चाची की कमीज़ के बटन को खोला और अब चाची के बूब्स साफ़ नज़र आ रहे थे उसने इस वक्त ब्रा नहीं पहना हुआ था। मैंने उसके मम्मे को हाथ लगाया तो वो टाइट हो गया। फिर मैं आहिस्ता से उस पर अपने होंठ रख दिये मैंने उसकी चूचियों को मुंह में ले कर आहिस्ता आहिस्ता चूसने लगा फिर मेरे दिल में आया कि मैं चाची के रस भरे होंठों पर किस करूं जब मैंने होंठों पर किस करने के लिये मुंह उठाया तो मुझे लगा कि जैसे मैं बर्फ़ का हो गया हूं क्योंकि चाची की आंखें खुली थी।
मैं चाची को जगता देख कर इस तरह हो गया जैसे मुझे सांप सूंघ गया हो और मेरे हाथों के तोते तो क्या चिड़िया कौव्वे तक भी उड़ गये हों। चाची ने मुझ को कहा यह क्या कर रहे हो? तो मैंने शरम से सर झुका लिया तो चाची ने मेरी थोड़ी से पकड़ कर मेरा चेहरा अपने चेहरे के सामने किया और कहने लगी जब तुम छुप छुप कर मुझे देख रहे थे तो तब भी मैंने तुम्हें देख लिया था यह तुम क्या कर रहे हो मैं तुम्हारे चाचा को बता दूंगी तो मैं बहुत डर गया और चाची से कहा कि आप चाचा को न बताना प्लीज़ मैं दोबारा ऐसी हरकत नहीं करूंगा। तो वो कहने लगी एक शर्त पर तुम्हारे चाचा को नहीं बताऊंगी तो मैंने कहा कि क्या शर्त है मुझे आपकी हर शर्त मंज़ूर है
तो चाची कहने लगी कि जो तुम कर रहे थे दोबारा करो, मैंने कहा के नहीं यह बात ठीक नहीं है चाची (वैसे मैं दिल में बहुत खुश हो रहा था) तो चाची ने कहा कि ठीक है मैं चाचा को बता दूंगी और तुमने कहा था कि तुम्हें मेरी हर शर्त मंज़ूर है तो मैंने चाची से कहा कि ठीक है और चाची को बाहों में ले लिया और उसके रस भरे होंठों को चूसने लगा तो चाची ने मुझे कहा कि तुम्हें तो किस करनी भी नहीं आती फिर चाची ने मुझे किस किया तो मेरे पूरे जिस्म में करेंट दौड़ गया और मैं ने चाची को ज़ोर से दबाया फिर चाची ने मुझे कहा कि मेरे कपड़े उतारो।
जब मैंने चाची की कमीज़ उतारी तो चाची के मम्मे पकड़ लिये और उनको मसलने लगा चाची को भी मज़ा आने लगा तो वो कहने लगी आआहह्ह ज़ोर से चूस ले आज मेरे मम्मों को और बुझा दे मेरी प्यास फिर चाची ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिये और मेरी छाती पर किस करने लगी। मुझे भी मज़ा आने लगा फिर चाची ने मेरा ट्राउज़र भी उतार दिया और मेरे जिस्म पर हाथ फेरने लगी और फिर उसने मेरा लंड को पकड़ लिया और उसे मसलने लगी आआहह्ह कितना बड़ा है तेरा लंड गुड्डो यह तो बहुत बड़ा है रे अब मैं भी काफ़ी इज़ी महसूस कर रहा था क्योंकि अब बात खुल गई थी फिर मैं चाची के पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लग गया। उसके मम्मों पर उसकी चूत पर उसकी गांड पर। मैंने एक उंगली डाली तो वो चीख उठी ओय उल्लू के पट्ठे क्या कर रहा है?
फिर मैंने चाची को कहा कि मुझे गाइड करो तो उसने मुझे कहा कि मैं उसकी टांगों के दरमियान आ जाऊं और उसकी टांगों को उठा कर कंधों पर रख लूं तो मैंने यह ही किया फिर उसने कहा कि अब अपने लंड को मेरी चूत में डालो फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो उसने नीचे से एक ज़ोरदार झटका लगाया और मेरा पूरे का पूरा लंड उसने अपनी चूत में ले लिया और फिर कहा कि अब मैं अपने लंड को उसकी चूत में अंदर डालूं और बाहर करूं तो मैं लंड को इन और आउट करने लगा। काफ़ी देर में चाची को इसी तरह चोदा फिर चाची ने मुझे कहा कि मैं थक गई हूं अब दूसरी तरह करो और फिर चाची ने डोगी स्टायल बना लिया और मैं चाची को डोगी स्टायल में चोदने लगा और चोदते चोदते मैंने चाची की चूत से लंड बाहर निकाल लिया और उसको चाची की गांड में डाल दिया।
जब मैंने गांड में डाला तो चाची चिल्लाने लगी अबे बहनचोद निकाल मेरी गांड से मुझे बहुत दर्द हो रहा है, अबे गांड से निकाल और उसको फुद्दी में डाल मैंने कहा कि आज गांड चोदने का मज़ा भी ले लो तो वो कहने लगी कि मेरी गांड तो कभी तेरे चाचा ने भी नहीं ली तो मैंने कहा कि मुझे तो तुम्हारी गांड लेनी है तो वो कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा क्या तुम आराम से नहीं कर सकते आआअहह्हह आराम से करो वर्ना मेरी गांड फट जायेगी हरामी, आराम से अबे मादर चोद कोई तेरी गांड में अपना लंड डाले तो तुझे पता चले कि कैसे दर्द होती है ओय तुझे मैं कह रही हूं आराम फिर उसने मुझसे अपना छुड़ा लिया और मेरा लंड उसकी गांड से बाहर निकल गया और वो बैठ कर अपनी गांड को दबाने लगी फिर मुझे कहने लगी तुम तो बिल्कुल ही वहशी हो। तुम्हें किसी के दर्द का कुछ ख्याल ही नहीं है। मुझा इतना दर्द उस वक्त नहीं हुआ जब मैं पहली बार चुदी थी जितना दर्द मुझे आज हुआ है
फिर कुछ देर बाद मैंने दोबारा चाची को चोदने लगा और फिर सारी रात हमने मज़े लिये और मैंने चाची को हर तरह से चोदा कभी डोगी स्टायल में तो कभी घोड़ी बना कर कभी सीधा लिटा कर तो कभी उसको अपने लंड पर बिठा कर, हर तरह से मैंने उसको चोदा। मैंने और चाची ने खूब चुदाई की और करवाई और अब हम रोज़ ही मज़े करते हैं लेकिन अब मुझे चाची को चोद कर पहले जैसा मज़ा नहीं आता क्यों अब उसकी चूत खुली हो गई है और जो मज़ा तंग चूत में है वो खुली चूत में कहां आप का क्या ख्याल है दोस्तों आप अपनी राय मुझे जरुर बतायें Antarvasna
मैं सुरेश एक ऐसी कहानी बता Sex Stories रहा हूँ। मैंने अपनी बहु, छोटे भाई की बीवी को चोदा!
छोटे भाई की बीबी थी देखने में गोरी और नाटे शरीर की! गोरी इतनी कि देखने से ही लंड खड़ा हो जाए!
मैंने उसकी आँखों में एक वासना देखी जो मेरे लिए अच्छी थी।
भाई घर पर कम रुकता था। मैं रोज रात में घर जाता हूँ।
एक रात मैं किसी काम से बाहर गया था। रात को १-१.३० बजे आया। मैं मूतने के लिए गया, उसके कमरे को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उसकी कुण्डी धीरे से हिलाई ताकि मेरी बीवी न जगे। मेरा व उसका कमरा पास-पास में था।
उसने कुण्डी की आवाज सुन कर दरवाजा खोल दिया। उसको मालूम था मैं ही रात को आउँगा। वो मुझसे बोली- जल्दी अन्दर आ जाओ!
मैं तुंरत अन्दर गया।
और दरवाजा बंद कर दिया उसने!
मेरे लंड मैं खुजली होने लगी।
वो तुंरत लेट गई कहने लगी- जल्दी कर लो नहीं तो कोई जान जाएगा।
मैंने कहा- कोई यह नहीं जानता कि मैं घर आ गया हूँ।
वो इत्मिनान से लेट गई। उसकी धोती जांघों के ऊपर थी। उसकी गोरी जांघों को देख कर मेरा लंड पानी छोड़ने लगा।
मैंने उसकी धोती उतार दी। उसके बड़े बड़े दूध, जो ब्लाउज के अन्दर थे, देख कर मैं और उत्तेजित हो गया।
उसने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया। करीब पौन फ़ुट लंबा लंड पकड़ कर वो खुश हो गई। उसने मेरी पैंट की बेल्ट को खोल डाला और मेरे अन्डरवीयर में हाथ डाल कर लंड को बाहर निकाला, उसमें से पानी चू रहा था। उसने उस पानी को अपनी जीभ से चाट लिया। अब मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया। वो ब्रा पहने थी। कोई भी ब्रा उसकी चूचियों को अपने अन्दर समेट कर नहीं रख सकती, इतनी बड़ी थी।
मैंने ब्रा उतार दी। अब वो पेटीकोट पहने थी। मैंने पेटीकोट का नाड़ा पकड़ कर खींचा तो बुद की आवाज कर के खुल गया।
उसकी झांटें बड़ी बड़ी थी। अब मैंने अपने कपड़े उतार दिए, दोनों लोग नंगे हो गए थे उसने मेरे लंड को मुँह में रख कर चूसना शुरु कर दिया।
मैं थोड़ी देर बाद उसके मुँह में मूतने लगा, मुझे मुतास तो लगी थी ही! आधा लीटर मूत पीने के बाद उसकी प्यास कम हुई।
तब वो अपनी ताल जैसी चूत फैला कर लेट गई। उसकी गोरी बुर में लाल लाल देख कर बुर का पानी चाटने का मन होने लगा। मैंने उसकी बुर खूब चाटी। उसने हाथ रख कर मेरे सर को दाब लिया उसकी चूत नहीं, भोसड़ी नहीं, भोसड़ा था। मेरा आधा मुँह घुस गया।
तब मैं उठा और उसकी बुर को फैला कर उसके ऊपर लेट गया।
उसने मेरे लंड को पकड़ कर बुर पर रखा।
मैंने कहा- रखने की कोई जरुरत नहीं! अपने आप घुस जाएगा!
तो उसने कहा- छोटी उम्र से ही चोदी जा रही हूँ! मेरे फूफा मुझे खूब चोदते थे लेकिन उनका लंड तुमसे छोटा था। अब जल्दी लंड पेलो!
मैंने तुरंत उसकी ताल जैसी भोसड़ी में लंड डाल दिया। उसने टागें फैला दी थी जिससे उसकी चूत और भी चोड़ी हो गई थी व उसके बच्चेदानी पर हच-हच मेरे लंड का सुपाड़ा लगने लगा। वो जोर जोर से नीचे से ठोकर मार मार कर १००-१०० ग्राम पानी छोड़ने लगी।
मेरा लंड उसकी चूत में फच फच होने लगा। वो कह रही थी- बच्चेदानी तक भी मेरी फाड़ डालो!
मैंने उसे बहुत चोदा। वो तीन बार झड़ी। बाद में मैं 6-7 पिचकारी छोड़ कर ढेर हो गया।
उसने मेरे लंड को अपने मुँह से चाट चाट कर साफ कर के मुझे रवाना किया।
मुझे और उसको बहुत मजा आया।
अब जब भी मौका मिलता है मैं उसे चोद डालता हूँ।
कहानी लिखने के एक दिन पहले भी चोदा Sex Stories
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.