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करीब एक हफ़्ते के बाद भाभी लौट कर घर आई तो हमारे Sex Stories घर मिलने चली आई, एकान्त पाते ही मैने पूछा कि कहाँ गई थी? तो उसने कहा दोपहर में घर आना वहीं पर बातें होंगी, मैं तो तुम्हें ही बताने आई थी कि मैं लौट आई हूं। दोपहर में मैं स्कूल से ही उनके घर चला गया, बेल बजाने पर भाभी ने दरवाजा खोला, मैने देखा भाभी बहुत प्रसन्न दिख रही है मैने पूछा तो उसने कहा अन्दर तो आओ मैं अन्दर सीधे बेडरूम में चला गया बेड पर छोटू सो रहा था इसलिए मैं सोफ़े पर बैठ गया।थोड़ी देर में भाभी दो कप कोफ़ी लेकर आई और मेरे से सट कर बैठ गई उसने गुलाबी रंग की सलवार कमीज पहने थी काले रंग की ब्रा ऊपर से दिख रही थी। भाभी अक्सर काली ब्रा और काली पैंटी पहनना पसन्द करती है। मैने पूछा कहा गई थी? तो उसने कहा मैं इलाहाबाद अपनी बहन के घर गई थी वो मुझसे केवल दो साल छोटी है और वो मुझसे पूरी तरह खुली हुई है मैने उसे तुम्हारे बारे में बताया तो वो कह रही थी मैं भी मिलना चाहती हूं।कोफ़ी खत्म होने के बाद मैने भाभी को अपनी तरफ़ खींचा भाभी मेरी गोद मे गिर गई मैने उसकी चूचियों को ऊपर से ही दबाने लगा तो मुझे महसूस हुअ कि साइज़ में कुछ 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ओर लगा दिया तो मैने कहा लाओ मैं भी तुम्हारी पूरी सफ़ाई कर दूं तो उसने कहा ये बहुत अच्छा रहेगा यह कह कर वो बेड पर लेट गई मैने उनकी पैंटी निकाल दी उसकी फ़ूली हुई बुर पर छोटे छोटे काले बाल थे मैने उंगली डाल कर बोतल से ढेर सारी क्रीम निकाल कर उसकी चूत पर लगा दिया और धीरे धीरे मालिश करने लगा मेरा लंड हिलोरे लेने लगा, मैने उसकी चूचियों को दबाना चाहा तो उसने कहा पहले क्रीम को पोंछ लो, तभी मेरी नजर उसके बगल के बालों पर पड़ी मैने कहा इसे भी साफ़ कर दूं तो बोली नहीं ये जब कुछ बड़े हो जायेंगे तो तुम्हें अच्छे लगेंगे इसे रहने दोमैं सोफ़े पर बैठ गया और हम बातें करने लगे तो भाभी ने बताया तुम्हारे भैया तो रात में कपड़े निकाल कर अपना लंड मेरी बुर में डालने की कोशिश में लगे रहते हैं उन्हे ये भी जानने की जरुरत नहीं महसूस होती कि मेरी चूत सूखी होने के कारण कितना दर्द कर रही होती है जब तक मेरी चूत गीली होती है तब तक वो अपना पानी छोड़ चुके होते हैं इस तरह मैं असन्तुष्ट रह जाती हूं। मैने भाभी से पूछा अच्छा बताओ तो जरा लेडीज़ को क्या करना अच्छा लगता है तो भाभी ने कहा ये कोई नियम की बात नहीं है सेक्स तो महसूस करने की बात है केवल महसूस करके भी सेक्स में संतुष्टि मिल सकती है, तुम निश्चिंत रहो मैं तुम्हें सब कुछ बता दूंगी तो तुम शादी के बाद अपनी बीवी को पूरी तरह सन्तुष्ट कर पाओगे, मैने कहा भाभी तुम कितनी प्यारी हो और मेरा कितना ख्याल रखती हो, भाभी ने कहा देखो सेक्स तो एक भूख की तरह है इस तो सन्तुष्ट करना ही पड़ता है, कुछ लोग अपने हाथों से अपने आपको सन्तुष्ट कर लेते हैं तो कुछ लोग बाहर किसी को खोज लेते हैं इसमें तो कोई बुराई नहीं है केवल इस बात का ध्यान रखना है कि आस पास के लोगों में ये बात पता नहीं चले क्योंकि ये सब हमारे समज में अच्छा नहीं माना जाता।बातें करते काफ़ी देर हो गई तो भाभी ने कहा चलो बाथरूम में नहा लें, हम दोनो साथ ही बाथरूम में घुस गये शोवर चला कर हम एक दूसरे से लिपट कर देर तक भीगते रहे। मैं बीच बीच में भाभी के पीठ पर हाथ फ़िरा रहा था हम दोनो ने अच्छी तरह एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया। भाभी की चूचियों पर साबुन वाला हाथ रगड़ने में बहुत अच्छा लग रहा था उसने भी मेरे लंड की अच्छी तरह से रगड़ाई की, हम दोनो बाहर आ कर टोवल से अपना बदन पोंछ लिए तो भाभी ने कहा चलो एक खेल खेलते हैं, हम 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भाभी के नीचे था भाभी मेरे मुंह पर धक्के मार रही थी और उसकी चूत से गरम गरम कुछ निकल रहा था जो सीधे मेरे गले में जा रहा था
भाभी, बोले जा रही थी ओह ऊओह ओह ओह ओह अंत में भाभी मेरे ऊपर पसर गई हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे भाभी का चिकना बदन बहुत ही कोमल लग रहा था मेरा मन कह रहा था कि काश ये समय खत्म ही न हो। हम दोनो एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे, थोड़ी देर बाद हम उठ गये तो भाभी ने कहा अब समझ में आया कि ६९ क्या होता है, मैं भाभी से लिपट गया हम दोनो काफ़ी देर तक लिपटे ही रहे तब भाभी ने मेरे माथे को चूमते हुए कहा जानते हो जब दो लोग सेक्स करते हैं तो उनका आपस में रिश्ता बहुत मजबूत हो जाता है। काफ़ी देर हो गई थी हालांकि मन नहीं हो रहा लेकिन भाभी ने कहा अब घर जाओ नहीं तो तुम्हारी मम्मी खोजेंगी, अधूरी प्यास लिए मैं अपने घर आ गया। आगे की कहानी पार्ट ५ में। Sex Storiesमैं सुरेश एक ऐसी कहानी बता Sex Stories रहा हूँ। मैंने अपनी बहु, छोटे भाई की बीवी को चोदा!
छोटे भाई की बीबी थी देखने में गोरी और नाटे शरीर की! गोरी इतनी कि देखने से ही लंड खड़ा हो जाए!
मैंने उसकी आँखों में एक वासना देखी जो मेरे लिए अच्छी थी।
भाई घर पर कम रुकता था। मैं रोज रात में घर जाता हूँ।
एक रात मैं किसी काम से बाहर गया था। रात को १-१.३० बजे आया। मैं मूतने के लिए गया, उसके कमरे को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उसकी कुण्डी धीरे से हिलाई ताकि मेरी बीवी न जगे। मेरा व उसका कमरा पास-पास में था।
उसने कुण्डी की आवाज सुन कर दरवाजा खोल दिया। उसको मालूम था मैं ही रात को आउँगा। वो मुझसे बोली- जल्दी अन्दर आ जाओ!
मैं तुंरत अन्दर गया।
और दरवाजा बंद कर दिया उसने!
मेरे लंड मैं खुजली होने लगी।
वो तुंरत लेट गई कहने लगी- जल्दी कर लो नहीं तो कोई जान जाएगा।
मैंने कहा- कोई यह नहीं जानता कि मैं घर आ गया हूँ।
वो इत्मिनान से लेट गई। उसकी धोती जांघों के ऊपर थी। उसकी गोरी जांघों को देख कर मेरा लंड पानी छोड़ने लगा।
मैंने उसकी धोती उतार दी। उसके बड़े बड़े दूध, जो ब्लाउज के अन्दर थे, देख कर मैं और उत्तेजित हो गया।
उसने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया। करीब पौन फ़ुट लंबा लंड पकड़ कर वो खुश हो गई। उसने मेरी पैंट की बेल्ट को खोल डाला और मेरे अन्डरवीयर में हाथ डाल कर लंड को बाहर निकाला, उसमें से पानी चू रहा था। उसने उस पानी को अपनी जीभ से चाट लिया। अब मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया। वो ब्रा पहने थी। कोई भी ब्रा उसकी चूचियों को अपने अन्दर समेट कर नहीं रख सकती, इतनी बड़ी थी।
मैंने ब्रा उतार दी। अब वो पेटीकोट पहने थी। मैंने पेटीकोट का नाड़ा पकड़ कर खींचा तो बुद की आवाज कर के खुल गया।
उसकी झांटें बड़ी बड़ी थी। अब मैंने अपने कपड़े उतार दिए, दोनों लोग नंगे हो गए थे उसने मेरे लंड को मुँह में रख कर चूसना शुरु कर दिया।
मैं थोड़ी देर बाद उसके मुँह में मूतने लगा, मुझे मुतास तो लगी थी ही! आधा लीटर मूत पीने के बाद उसकी प्यास कम हुई।
तब वो अपनी ताल जैसी चूत फैला कर लेट गई। उसकी गोरी बुर में लाल लाल देख कर बुर का पानी चाटने का मन होने लगा। मैंने उसकी बुर खूब चाटी। उसने हाथ रख कर मेरे सर को दाब लिया उसकी चूत नहीं, भोसड़ी नहीं, भोसड़ा था। मेरा आधा मुँह घुस गया।
तब मैं उठा और उसकी बुर को फैला कर उसके ऊपर लेट गया।
उसने मेरे लंड को पकड़ कर बुर पर रखा।
मैंने कहा- रखने की कोई जरुरत नहीं! अपने आप घुस जाएगा!
तो उसने कहा- छोटी उम्र से ही चोदी जा रही हूँ! मेरे फूफा मुझे खूब चोदते थे लेकिन उनका लंड तुमसे छोटा था। अब जल्दी लंड पेलो!
मैंने तुरंत उसकी ताल जैसी भोसड़ी में लंड डाल दिया। उसने टागें फैला दी थी जिससे उसकी चूत और भी चोड़ी हो गई थी व उसके बच्चेदानी पर हच-हच मेरे लंड का सुपाड़ा लगने लगा। वो जोर जोर से नीचे से ठोकर मार मार कर १००-१०० ग्राम पानी छोड़ने लगी।
मेरा लंड उसकी चूत में फच फच होने लगा। वो कह रही थी- बच्चेदानी तक भी मेरी फाड़ डालो!
मैंने उसे बहुत चोदा। वो तीन बार झड़ी। बाद में मैं 6-7 पिचकारी छोड़ कर ढेर हो गया।
उसने मेरे लंड को अपने मुँह से चाट चाट कर साफ कर के मुझे रवाना किया।
मुझे और उसको बहुत मजा आया।
अब जब भी मौका मिलता है मैं उसे चोद डालता हूँ।
कहानी लिखने के एक दिन पहले भी चोदा Sex Stories
सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार Antarvasna stories...!
मेरा नाम बंटी है और मुझे इनसेस्ट सेक्स बहुत अच्छा लगता है।
अब मैं आपको अपनी इस कहानी में बताऊंगा कि मैंने कैसे मौसी की बड़ी लड़की सरिता की चुदाई की।
मौसी और मौसा जी की चुदाई के बाद शाम को मैंने उनसे अपना वायदा पूरा करने के लिये कहा जिसमें उन्होने अपनी बेटी सरिता को चोदने की इजाजत दे दी थी।
मौसा जी बोले- तुम शाम को उसे जब अकेले देखना और फिर मौका देखकर उसकी चुदाई कर लेना।
मैं इस प्लानिंग से मैं बहुत खुश हो गया।
शाम को हम सब एक साथ डिनर कर रहे थे। मेरी नज़र बार बार सरिता की चूची पर जा रही थी जो कि उसके नाईट सूट से बाहर आने को बेताब थी। दोस्तों उसकी फ़िगर 34-28-34 हैं। उसके चूंची अपनी मां की ही तरह सभी को बहुत तड़पाती होंगी।
खाना खाने के बाद प्रिया (छोटी बेटी) और नितेश (छोटा लड़का) बोले- भैया चलो ऊपर कमरे में चलकर कुछ खेलते हैं।
पर मेरा मूड तो कुछ और ही था, मैंने मौसी से कहा- मौसी आप और मौसा जी इन दोनों के साथ ऊपर जाकर खेलो, मैं अभी टीवी देख कर आ जाऊंगा।
उन्होंने कहा- ठीक है।
और वो ऊपर चले गये और साथ ही सरिता को मेरा ध्यान रखने को बोल गये।
मौसा जी कहने लगे- सरिता, भैया को अपनी सभी नई सीडी दिखा देना।
सरिता बोली- ओ के पापा।
हम दोनों अब टीवी के सामने दीवान पर साथ बैठे थे, वो बोली- भैया, आपको कौन सी मूवी देखनी है?
मैंने कहा- कोई भी बड़े बच्चों वाली लगा दो !
तो वो बोली- क्या मतलब?
मैं उसकी तरफ़ आंख मारकर बोला- वही जो लोग शादी के बाद देखते हैं।
इतना सुनकर वो बोली- धत्त ! तुम बड़े गन्दे हो !
और हंसने लगी। मैं समझ गया कि वो तैयार है। और थोड़ी सी तैयारी के बाद आसानी से काम बन जयेगा।
वो बोली- भैया, ऐसी तो कोई सीडी नहीं है मेरे पास।
मैं बोला- कोई बात नहीं ! मैं अभी मारकेट से ले आता हूं।
इतना कहकर मैं बाहर जाने लगा। मुझे उसके चेहरे पर एक अलग मुस्कान दिख रही थी। मारकेट में बहुत मुश्किल से मुझे एक ब्ल्यू फ़िल्म की सीडी मिल गई। जो कि हिन्दी में थी।
मैं अब वापस आकर सरिता से बोला- लो सीडी। स्टार्ट करो ! मैं अपनी ड्रेस चेंज करता हूं।
वो बोली- ठीक है।
उसने मुझे मौसा जी का एक पायजामा और कुरता लाकर दिया।
मैंने अपनी पैन्ट खोली तो उसकी नज़र मुझे ही घूर रही थी।
मैं मुस्कराने लगा।
कपड़े बदलने के बाद मूवी शुरु हो गई तो हम फ़िर साथ दीवान पर बैठ गये।
मूवी के पहले सीन में लड़की नहा रही थी। तभी एक लड़का भी बाथरूम में आकर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगता है।
मैंने देखा कि सरिता का चेहरा एकदम लाल हो रहा था। मैंने तभी उसका हाथ पकड़ लिया। उसका पूरा बदन कांप रहा था।
मैं समझ गया कि ये सब बैचेनी मूवी के कारण है पर मैं अनजान बनकर उसे पूछने लगा- अरे, तुम्हें क्या हुआ? लगता है तुम्हारी तबियत खराब है, देखो, तुम्हारा पूरा बदन कांप रहा है। लाओ मैं तुम्हारा हार्ट बीट्स चेक करता हूं।
इतना कहते ही मैंने अपना हाथ उसके नाईट सूट में घुसा दिया और उसकी चूची दबाने लगा।
सरिता एकदम चौंक कर बोली- बंटी, यह क्या कर रहे हो। मैं आपकी बहन हूं और कोई आ गया तो बहुत बुरा होगा।
मैं उसको इमोशनल करते हुए बोला- सरिता, तुम मेरी बहन हो, यह मेरी मज़बूरी है नहीं तो मैं तुम्हें बचपन से जान से ज्यादा प्यार करता हूं और तुम्हारे बिना रह नहीं सकता।
इतना सुनकर वो इमोशनल होकर मुझसे चिपट गई और बोलने लगी- आई लव यू बंटी, तुमने पहले मुझसे ये सब क्यूं नहीं कहा।
मैं बोला- हम शादी तो नहीं कर सकते पर थोड़ी मस्ती तो ले ही सकते हैं।
वो बोली- अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो?
मैं बोला- तुम मुझ पर विश्वास करो मैं ऐसे कुछ नहीं होने दूंगा।
वो बोली- तब ठीक है।
अब हमारे बीच किसी तरह की कोई दूरी नहीं रह गई थी इसलिये मैंने पहले जाकर टीवी ओफ़ कर दिया जिससे पूरा ध्यान सरिता की चुदाई पर लगा सकूं।
दीवान पर आकर मैंने उसे लेटा दिया और उसके बगल में लेट कर उसके होठों को चूसने लगा।
वो भी मेरे पूरा साथ देते हुए अपने जीभ मेरे मुंह में अन्दर बाहर कर रही थी।
इस सब में इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता। मैंने अपना कुरता उतार दिया और बनियान भी।
अब मैं केवल पायजामे और उसके अन्दर अन्डरवियर में था।
मैंने सरिता के नाईट सूट के बटन खोलने शुरू कर दिया। वो शरमा कर सिमटी जा रही थी। पहली बार कोई उसके जवान बदन को छू रहा था।
उसका नाईट सूट हटते ही उसकी चूची ब्रा में कैद होकर भी आधी से ज्यादा दिख रही थी।
मैंने ब्रा के ऊपर से ही उन्हें चूमना शुरू कर दिया, मेरा हाथ उसके पैन्टी को खोलने में लगा था और उसकी पैन्टी निकालने कि लिये मैंने उसे इशारा किया तो उसने अपने चूतड़ों को थोड़ा सा ऊपर कर दिया और मैंने उसे टांगों से बाहर निकाल दिया।
उफ़्फ़! उसकी गोरी और मांसल जांघे देख कर मेरा लौड़ा पजामा फ़ाड़ने को तैयार हो गया।
मुझसे अब रहा नहीं गया। मैंने अपना पजामा और अन्डरवियर निकालकर फेंक दिया।
वो मेरे खड़ा लण्ड देखकर बोली- बंटी ये लण्ड मेरी चूत में कैसे जायेगा, मैंने तो आज तक इसमें एक उंगली भी नहीं डाली।
मैं बोला- मेरी जान देखती जाओ! तुम्हारा दीवाना क्या क्या करता है।
मैं उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा तो वो मुझसे चिपट गई।
मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा। मेरा लण्ड बार बार जोर मार रहा था और उसकी जांघो पर छू हो रहा था। आआह ह्ह ! यह एक अलग मज़ा था। मेरी छाती और उसकी चूंची के बीच बस उसकी ब्रा थी जो मैंने एक तरफ़ खींच कर निकाल दी।
उफ़्फ़! उसकी दूध जैसे गोरी चूची देखकर मन कर रहा था कि उसको काट लूं। उसके गुलाबी चुचूक को मैं मुंह में लेकर चूसने लगा। वो एकदम टाईट हो गये।
उसके हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे और मैं बहुत बेचैनी के साथ उसकी चूची को सुसक कर रहा था।
थोड़ी देर के बाद मैं उसके पैर की तरफ़ आ गया और उसकी पैन्टी अपने दांतों से खींचने लगा।
उसको बाहर निकालकर मैं अपना हाथ उसके पैरों को छूते हुए जांघो पर घुमाने लगा। मेरे मुंह उसकी चूत पर था। उस पर बहुत घने बाल थे।
मैं सरिता से बोला- तुम कभी अपनी चूत शेव नहीं करती?
वो बोली- कभी इस तरफ़ ध्यान ही नहीं दिया।
मैं बोला- कोई बात नहीं, फ़िर कभी मैं साफ़ कर दूंगा।
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर घुमानी शुरू कर दी। उसको बड़ा अज़ीब लग रहा था, वो बोली- बंटी, यह क्या कर रहे हो?
मैंने पूछा- क्यूं? मज़ा नहीं आ रहा क्या?
वो बोली- मज़ा तो बहुत आ रहा है।
उसकी सिसकारी सारे कमरे में सुनाई दे रही थी आआआह ह्ह्हह। बंटी … बस करो आआअह मैं मर जाऊंगी आआ आआअह!
मैं और भी जोश में आने लगा और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसाने लगा।
मेरे मन था कि वो भी मेरे लण्ड चूसे पर अभी मैं उसे झिझक के मारे कह नहीं पा रहा था।
उसने एक हाथ से मेरा लण्ड ज़ोर से पकड़ा हुआ था और अपनी आंखें बंद करके आआअह ऊऊओह कर रही थी।
उसकी चूत एकदम गीली हो रही थी।
मैं समझ गया कि एक बार उसकी चूत पानी छोड़ चुकी है।
अब मैं उसे चोदने की तैयारी करने लगा।
मैंने उसकी गाण्ड के नीचे एक तकिया लगा दिया। उसकी चूत अब बहुत उभर गई थी।
मैंने उसकी दोनों टांगों को खोल कर बीच में आ गया।
अपने लण्ड मैंने जैसे ही उसकी चूत पर रखा तो मुझे लगा कि जैसे मेरे लण्ड में आग लग गई हो। उसकी चूत एकदम गरम हो रही थी।
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाना शुरू किया तो वो दर्द से तड़प कर एकदम हटकर बैठ गई।
सरिता बोली- बंटी। इतना दर्द मुझसे सहन नहीं होगा। तुम्हारा लण्ड मेरी चूत में नहीं जायेगा। मैं मर जांऊगी। तुम चाहे जो कर लो पर मैं चूत में लौड़ा नहीं लूँगी।
मैं बोला- जान, पहले तो सभी को दर्द होता है पर बाद में खूब मज़ा आता है। जरा सोचो अगर तुम्हारी मम्मी चुदने के लिये मना कर देती तो तुम कहां से पैदा होती।
बात उसकी समझ में आने लगी, वो बोली- ठीक है बंटी, तुम्हारे लिये मैं यह दर्द सह लूगीं, पर तुम थोड़ा सा तेल अपने लोड़े पर लगा लो।
मैंने कहा- ठीक है।
हमने तेल ढूंढना शुरू किया तो उस कमरे में तैल तो नहीं मिला पर दूध में से मलाई अपने लौड़े और उसकी चूत में लगा दी।
अब मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में डालना शुरू किया। लौड़े का सुपारा उसकी चूत में जाते ही उसकी चीख निकल गई, मैंने अपने हाथों से उसके मुंह को सील कर दिया और धीरे धीरे धक्के मारने लगा।
थोड़ी देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा और उसने अपने चूतड़ उछालने शुरू कर दिये। पूरा कमरे में एक संगीत सा बजने लगा।
उसके हाथ लगातर मेरे चूतड़ पर घूम रहे थे और वो कभी कभी अपनी उंगलियाँ मेरी गाण्ड में डालने की कोशिश कर रही थी जिससे मेरा जोश और भी बढ़ जाता था और मैं और ज़ोर से धक्के मारने लगता।
मेरे पूरा लण्ड जब तक उसकी चूत में था और मेरे आण्ड उसकी गाण्ड से टकरा रहे थे।
लगातार धक्के मारने के वजह से मैं झड़ने वाला था। इसलिये मैंने लण्ड उसकी चूत से निकाल कर पानी उसके पेट पर झड़ा दिया।
मैंने देखा उसकी चूत से खून निकला हुआ था। मेरा लण्ड भी लाल हो रहा था।
यह देखते ही सरिता बोली- तुमने आज मेरी सील तोड़कर लड़की से औरत बना दिया है। आई लव यू।
वो मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली- मुझे कभी भूल तो नहीं जाओगे बंटी?
मैंने कहा- नहीं जान, मैं तो तुम्हारी शादी होने के बाद भी तुम्हें चोदना चहता हूं।
बहुत देर तक ऐसे ही एक दूसरे हो चूमते और सहलाते और बातें करते हुए ही लेटे रहे।
फ़िर सरिता बोली- चलो, अब ऊपर कमरे में चलते हैं, नहीं तो मम्मी पापा शक करेंगे।
उसे क्या पता था कि उसको चोदने का प्रोग्राम उसकी मम्मी ने ही बनाया है। मैं मन ही मन मौसी को धन्यवाद कर रहा था।
तो दोस्तो, यह थी मेरी दूसरी कहानी। मुझे आपके कई ई-मेल मिले, इसके लिये बहुत बहुत धन्यवाद।
अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि मैंने कैसे प्रिया को चोदा।
मेरी क्लास में गीता नाम Indian Sex Stories की एक लड़की थी, मैं उससे बहुत प्यार करता था। हमारी जान पहचान इस प्रकार हुई :
एक दिन जब हम ट्यूशन पढ़ रहे थे तो उस दिन सर जी नहीं आएगे यह बात सब को पता थी लेकिन गीता का घर दूर होने के कारण उसे किसी ने नहीं बताया। गीता के आने का समय हो गया तो मैंने नंगी तस्वीर वाली किताब को इंग्लिश की कापी में छुपा दिया। तभी वह आ गई।
गीता ने पूछा,”आज सर जी नहीं आए ?”
मैंने कहा,”नहीं !”
मैंने कहा- मुझे इंग्लिश के कुछ ट्रांसलेशन नहीं आ रहे हैं, उसे बता देना।
गीता ने इंग्लिश की कापी खोली और तस्वीर को कुछ क्षण देखा और मुझ पर भड़क उठी, कहने लगी “तुम आखिर अपने आप को समझते क्या हो !”
किताब मेरे मुँह पर फेंक कर चली गई।
मैं डर गया कि कहीं उसने सारी बातें सर को बता दी तो ?
इस ख्याल से मैं रात भर सो नहीं पाया।
अगले दिन उसने ट्यूशन में तो कुछ नहीं कहा लेकिन ट्यूशन के बाद में मिलने को कहा।
सर के जाने के बाद उसने मुझे २०-३० नंगी तस्वीर वाली किताब दिखाई और कहा- सिर्फ तुम्हारे अन्दर ही आग नहीं धधक रही है। एक छोटी सी चिंगारी मेरे अन्दर फुलझड़ी की तरह तेज होती रहती है।
इस प्रकार हमारी मुलाकात हुई।
तभी एक दिन हमें कमरा खाली मिला तो हम दोनों में जीवविज्ञान के प्रेक्टिकल करने की इच्छा हुई।
मैंने दोपहर के १२ बजे उसे घर पर बुला लिया और कमरा बंद कर लिया। मैंने कहा- जीव विज्ञान में किस जंतु के बारे में जानना है?
उसने कहा,”होमोसपियंस के बारे में !”
अब मैंने पढ़ाना शुरु कर दिया- देखो मैं सबसे पहले इनके जननांगों के बारे में बताउंगा- मेल व फिमेल दो प्रकार के होते हैं मेल का जननांग ३ से ४ इंच लंबा तथा १ से २.५ इंच मोटा हो सकता है जिसे लिंग, लण्ड, केला, मुसड़, पेलन यंत्र आदि नामों से जानते हैं।
गीता ने पूछा- क्या इसकी कोई निश्चित लम्बाई नहीं होती?
मैंने कहा,”नहीं !”
यह देखने में कैसा होता है?
यह सुन मैं हंस पड़ा।
गीता ने कहा- मैंने छोटे बच्चो का और केवल तस्वीर में ही देखा है।
मैंने अपने पैंट की ज़िप को नीचे कर अपना लिंग निकाल कर उसके हाथों में थमा दिया।
गीता ने कहा- अरे ! अरे ! देखो यह भाग रहा है !
मैंने कहा- यह दौड़ नहीं सकता !
इस पर गीता ने कहा- देखो मेरे हथेली इसके भार से नीचे को झुक रही है ! और यह क्या? इसका आकार किसी दैत्य की तरह बढ़ता जा रहा है।
फिर उसने कहा- ऐसे नहीं ! पूरे कपड़े उतारो और समझाओ !
मैंने कहा- इसके लिए तुम्हें भी नंगा होना होगा !
वो तो मानो इस बात के लिए तैयार बैठी थी। उसने झट से मेरे और अपने कपड़े उतार फेंके।
अब हम दोनों नंगे बैठे थे।
मैंने कहा- अब तेरी बारी !
गीता ने बताया- लड़कियों में कुल तीन छेद होते हैं- १. मल-द्वार २. योनि ३.मूत्रद्वार
तथा दो चूचक भी होते हैं।
मैंने कहा- दो चूचक तो मुझे दिख रहे हैं लेकिन तीन छेद की बात तो हजम नहीं हो रही है।
गीता ने कहा- लगता है तुम्हें प्रेक्टिकल करना ही पड़ेगा। इसके लिए तुम मेरे पास आओ मेरे चूचक को दबाना शुरु करो।
मैंने कहा- इससे क्या होगा?
तो गीता ने जबाब दिया- इससे तेरे लिंग में कड़कपन आने से ही प्रेक्टिकल शुरु होगा।
अब धीरे धीरे कड़कपन आ गया।
गीता ने कहा- देखता क्या है, ठोक दे मेरे योनि को ! मजा चखा दे ! बहुत दिनों से उबल रही है !
मैंने कहा- पर योनि है किधर ?
उसने फिर चट से मेरा लिंग पकड़ा और योनि में टेक लगा बोली- पेल दे इसे !
मैंने पेलना शुरू किया- १ २ ३…. मार गप्पा गप पेलता ही गया !
इस प्रकार गीता ने एक एक चीज के बारे में खुल के समझाया।
धन्यवाद गीता ! मैं तुझे याद हमेशा रखूंगा। Indian Sex Stories
मेरी पिछली आपबीती कहानी ‘मेरे Antarvasna दोस्त की बहनों ने मुझे चोदा’ का अगला भाग लेकर आया हूँ मैं !
आप लोगों के मेल मुझे मिले, कुछ लोगों ने बहुत प्यार दिया और कुछ लोगों ने गालियों से सत्कार किया।
तो दोस्तों मैं अपनी कहानी को आगे बढ़ाता हूँ : चौथी की हवस का शिकार बना मैं
अपने दोस्त की तीन बहनों को तो मैं चोद चुका था पर एक बच गई थी जिसका नाम सोनू था। सोनू सबसे बड़ी थी, उसकी उम्र करीब 25-26 साल की थी और उसकी कुछ महीनों बाद शादी भी होने वाली थी और वो हर वक़्त अपनी शादी की सुहागरात के बारे में सोचती रहती थी।
जब मैं तीनों लड़कियों को चोद रहा था तब वो सोनू हमें खिड़की से देख रही थी। जब मैं तीनो को पूरी तरह से चोद चुका था तब मुझे बहुत शांति मिली। पर मुझे क्या पता था कि एक और हैं चोदने के लिए, वो सबसे बड़ी थी इसलिए मैंने उसके साथ सेक्स करने के बारे में नहीं सोचा था। पर सोनू के मन में तो बस सेक्स ही घूम रहा था। वो कमरे में आई जिसमें हम चारों बैठे थे, मेरा हाथ पकड़ा, मैं डर गया। उसने मेरा हाथ पकड़ा और एक दूसरे कमरे में ले गई, कमरे की कुण्डी लगा दी। उसकी आँखों में जैसे खून उतर आया था, उसे देख कर मेरी गांड और फट गई। फिर सोनू ने मुझे बेड पर धक्का दे कर लिटा दिया उसकी तीनों बहनें खिड़की से सब कुछ देख रही थी। सोनू ने सीडी प्लेयर पर ‘आशिक बनाया आपने’ का गाना लगा दिया और वो मेरी तरफ देखने लगी। मैंने अपनी आंखे नीचे कर ली क्योंकि वो मुझसे उम्र में बहुत बड़ी थी। अब वो धीरे धीरे मेरी तरफ बढ़ने लगी।
मैं अपने मन में यही सोच रहा था कि यार जो काम मुझे करना चाहिए था, वो तो यह कर कही है, और डरना इसे चाहिए था, तो डर मैं रहा हूँ। फिर मैंने भी यह फैसला कर लिया कि सोनू जो करना चाहती है, करने देता हूँ। मैं भी तो देखूँ कि एक लड़की में कितना सेक्स होता है। बस फिर क्या था, मैं चुपचाप लेटा रहा, सोनू धीरे धीरे मेरे पैरों को चूमती चूमती ऊपर की ओर आने लगी। पर मुझे कुछ भी नहीं हो रहा था क्योंकि मैं पहले ही तीन लडकियों को अच्छी तरह चोद चुका था।
वो धीरे धीरे मेरे सीने पर आ गई और मेरे सीने को चूमने लगी, फिर गले को चूमने लगी। कुछ देर में सोनू मेरे होंटों को आम की तरह चूसने लगी। दो तीन बार तो सोनू ने मेरे होंटों को काटा भी, पर फिर भी मैं लेटा ही रहा। बहुत देर तक सोनू मेरे होंटों को चूसती रही और एक ही गाना बार बार चलता रहा। सोनू अपना एक हाथ धीरे धीरे नीचे की ओर ले गई और मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया। लंड तो गहरी नींद में सो रहा था पर फिर भी सोनू मेरे लंड को नींद से जगाने में लगी हुई थी। सोनू ने मेरी पैंट की जिप खोली और मेरा लंड हाथ में ले लिया।
उसके गरम हाथों ने जैसे ही मेरा लंड पकड़ा, मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई और मैंने सोनू को जोर से अपनी बाहों में भर लिया, इतनी जोर से पकड़ा कि सोनू चिल्ला पड़ी। खिड़की से सोनू की तीनों बहनें सब देख रही थी। मैंने सोनू से बोला- सोनू जी, पहले आप यह खिड़की बंद कर दो। नहीं तो तुम चारों बहनें मुझे मेरे घर नहीं जाने दोगी और मेरे अन्दर इतनी ताकत नहीं है कि एक के बाद एक की चुदाई कर सकूँ !
सोनू ने खिड़की बंद कर दी और फिर से वो मेरे ऊपर आ गई। अब सोनू धीरे धीरे ऊपर से नीचे की ओर चूमते हुए आने लगी और मेरे ठंडे लंड को अपने मुँह की गर्मी देने लगी। कुछ देर तक सोनू मेरे लंड को चूसती रही। सोनू ने मेरे लंड को चूसते-चूसते खड़ा कर दिया। फिर क्या था- लोहा गरम था, बस चोट मारना बाकी था। मैंने सोनू को कुतिया की तरह झुकने को कहा पर उसके मन में तो कुछ और ही चल रहा था।
सोनू बोली- अभी रूको मेरी जान ! जल्दी क्या है, अभी तो खेल बहुत देर तक चलेगा ! अभी से चोक्के-छक्के लगाओगे तो जल्दी आउट हो जाओगे !
बस इतना बोला और सोनू ने अपनी चूत मेरे मुँह पर सटा दी और बोली- मैं ही सब करुँगी या तू भी कुछ करेगा ? चाट मेरी चूत को !
और हम 69 की पोजीशन में आ गए। सोनू मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत ! बहुत देर तक यही चुसमचासी होती रही।
मैं उसकी चूत चूसते-चूसते थक गया था तो मैंने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दी। वो शायद पहले भी किसी से चुद चुकी थी, दो उंगलियों से साली को कुछ भी नहीं हुआ पर फिर भी मैं दो उंगलियाँ अन्दर बाहर करता रहा। धीरे धीरे दो से तीन उंगलियाँ अन्दर कर दी। जैसे ही मैंने तीन उंगलियाँ अन्दर की, सोनू तो उछल गई और बोली- हाय, यह क्या किया तूने ! कितना मज़ा आ रहा था चूसने और चुसवाने में ! अब तूने मेरी चूत में खुजली कर दी ! अब तो बस तू मेरी चूत फाड़ ही डाल ! अब नहीं रुका जायेगा ! अब तू मुझे कुतिया बना या घोड़ी, बस चोद दे मुझे तू !
फिर क्या था, सोनू को मैंने बेड पर पीठ के बल लिटा दिया, उसकी दोनों टाँगें अपने कंधे पर रखी और अपने एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर सोनू की चूत के मुँह पर रगड़ने लगा। लंड की रगड़ से सोनू और पागल हो गई और मुझे गाली दे कर बोली- कुत्ते ! अब अपने लंड को चूत में तो डाल !
पर मैं कहाँ सुनने वाला था, मैं तो बस उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ता रहा, बहुत देर तक सोनू मुझे गन्दी गन्दी गलिया देती रही और मैं रगड़ता रहा। अब सोनू की चूत से चिकना सा पानी निकलने लगा, सोनू बोली- कुत्ते, डाल दे चूत में ! मैं झड़ने वाली हूँ !
मैंने सोनू के चिकने पानी को अपने लंड पर लगाया और जोर का धक्का मारा, सोनू एक दम से चीख पड़ी- आआआआआआआआआआअ कुत्ते मार डाला !
मैंने सोनू की चूत में जैसे ही अपना लंड डाला वो झड़ गई, मेरा पूरा लंड उसकी चूत के पानी से नहा गया और वो शांत पड़ गई। पर मैं नहीं झड़ा था, मैं सोनू की चूत चोदता रहा पर सोनू की चूत मारने में मज़ा नहीं आ रहा था क्योंकि वो पहले भी किसी से चुद चुकी थी। फिर मैंने सोनू से बोला- सोनू, तेरी चूत मारने में मज़ा नहीं आ रहा ! मैं तो तेरी गांड मारुँगा !
पर सोनू ने मना कर दिया पर मैं भी बहुत जिद्दी था, मैंने सोनू की चूत एक कपड़े से साफ की और चूत के दाने को अपनी जीभ से सहलाने लगा। धीरे धीरे सोनू को फिर से जोश चढ़ने लगा। सोनू कुछ ही देर में फिर से पागलों की तरह मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत पर दबाने लगी। मैं समझ गया कि सोनू अब पूरी तरह जोश में है।
सोनू मुझसे बोली- फाड़ दे मेरी चूत को !
पर मुझे तो गांड मारनी थी, बस मैं खड़ा हो गया और अपने घर जाने लगा। सोनू सेक्स में पूरी तरह तड़प रही थी। सोनू बोली- कहाँ जा रहे हो तुम?
मैंने बोला- अपने घर जा रहा हूँ !
फिर सोनू बोली- मुझे तड़पता हुआ छोड़ कर क्यों जा रहे हो ?
मैंने बोला- तेरी चूत मारने में मुझे बिल्कुल भी मज़ा नहीं आ रहा है, तेरी चूत मारने से तो अच्छा है कि मैं मुठ ही मार लूँ !
सोनू तड़पती हुई बोली- प्लीज़ ! राहुल, मुझे ऐसे छोड़ कर मत जाओ !
मैंने बोला- मैं एक ही शर्त पर तुझे चोदूँगा !
वो बोली- क्या?
मैंने कहा- मुझे तेरी गांड मारनी है, अगर तुझे गांड मरवानी हैं तो बोल, नहीं तो मैं चला !
सोनू बोली- नहीं राहुल ! गांड मरवाने से मुझे बहुत दर्द होता है, मैं वो दर्द सहेन नहीं कर पाती !
मैंने उसे भरोसा दिलाया कि दर्द नहीं होने दूंगा। फिर सोनू अपनी गांड मरवाने के लिए तैयार हो गई। मैंने पास पड़ी बोरोप्लस की क्रीम अपनी बड़ी उंगली से सोनू की गांड पर लगाई और वो उंगली सोनू की गांड में डाल दी सोनू ने थोड़ी सी सिसकी भरी, मैं उंगली को सोनू की गांड में अन्दर बाहर करने लगा और जैसे जैसे मैं अपनी उंगली की स्पीड तेज करता, वैसे वैसे सोनू की सिसकियाँ भी तेज हो जाती।
सोनू बस यही बोल रही थी- नहीं राहुल ! नहीं राहुल ! आआआआआआईईईईईईईऊऊऊऊऊ !
उसकी चीखें धीरे धीरे कामुक स्वर में बदलती जा रही थी और कसी गांड धीरे धीरे नरम होती जा रही थी। मैंने भी अपनी एक उंगली की जगह दो उंगलियाँ सोनू की गांड में डाल दी और फिर अब सोनू की गांड मेरे लंड के लिए तैयार थी।मैंने एक बार फिर से बोरोप्लस क्रीम सोनू की गांड पर लगाई और अपने लंड को धीरे धीरे सोनू की गांड में डालना शुरू किया। अभी बस अग्र भाग ही अन्दर गया था कि सोनू चिल्ला पड़ी। मैंने सोनू को थोड़ा प्यार किया और उसे घुटनों और हाथों के बल झुका दिया। उसकी टाँगों और जांघों के बीच में दो तकिये लगा दिये जिससे सोनू की गांड ठीक मेरे लंड पे आ गई। अब उसकी गांड भी सही तरह से खुल गई और मेरे लंड के निशाने पर भी आ गई। मैंने एक बार फिर से सोनू की गांड में अपना लंड डालना शुरू किया। धीरे धीरे मेरा लंड सोनू की गांड की गहराई में समा गया। पहले तो मैंने धीरे धीरे अपना लंड सोनू की गांड में अन्दर-बाहर किया और फिर धीरे धीरे मेरे लंड की स्पीड तेज होने लगी। सोनू की सिसकियाँ चीखों में बदलने लगी आआआआआईईईईईईइ माम्म्म्मम्म मैं मार गईईईईईईई राहुल नहींईईईईईइ !
पर मैं तो अपने ही जोश में था, मैंने उसकी एक नहीं सुनी और जोर जोर के धक्के मारने लगा। धीरे धीरे सोनू का दर्द भी कम होने लगा और उसे मज़ा आने लगा। कुछ देर में सोनू खुद ही अपनी गांड उठा उठा कर मेरा पूरा का पूरा लंड अपनी गांड में ले जाती और बोली- और जोर से ! मज़ा आ रहा हैं राहुल ! और चोदो मुझे !
पर अब मैं कुछ ही देर का मेहमान था, 5-6 धक्कों के साथ मैं उसकी गांड में ही झड़ गया पर सोनू अभी भी नहीं झड़ी थी। मैंने उसकी चूत के दाने को चूसना शुरू कर दिया। कुछ ही मिनटों में सोनू भी झड़ गई और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर कुछ देर तक लेटे रहे और किस करते रहे।
फिर मैं अपने घर जा कर सो गया।
उस दिन के बाद मैं उनके पास बहुत कम जाने लगा पर जब भी जाता तो बस अपनी गर्लफ्रेंड रीतू को ही चोदता था और किसी को नहीं !
फिर कुछ ही महीनों बाद दो लड़कियों की एक साथ शादी हो गई और कुछ साल बाद दो और लड़कियों की शादी हो गई।
मेरा यह सफ़र यहीं खत्म होता है, मेरी अगली कहानी में आप पढ़ेंगे कि किस तरह मैंने एक लड़के को चोदा जिसे चुदने का बहुत शौक था।
दोस्तो, मेरी कहानी आप को कैसे लगी, मुझे जरूर बतायें ! आपके मेल से हम लोगों का होंसला बढ़ता है।
धन्यवाद ! Antarvasna
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