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Massage Girl in Aurangabad (Bihar): Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Aurangabad (Bihar) who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Aurangabad (Bihar) that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Aurangabad (Bihar) massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Aurangabad (Bihar) who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Aurangabad (Bihar) massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Aurangabad (Bihar) massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Aurangabad (Bihar) who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Aurangabad (Bihar) employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Aurangabad (Bihar) helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Aurangabad (Bihar)

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Aurangabad (Bihar) at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Hindi Porn Stories

दोस्तो, आपने पहली कहानी Hindi Porn Stories तो पढ़ ली और आपके काफी मेल मिले अब मैं आपको आगे की कहानी सुनाता हूँ।

पूनम और मैं अब एक दूसरे के साथ काफी घुल मिल गये थे। और राहुल को भी मेरे और पूनम के ऊपर कोई भी शक नहीं था क्योँकि वह पूनम का दीवाना था। लेकिन राहुल के ओफिस के कारण राहुल को ज्यादा बाहर ही रहना पड़ता था। इस बात का फायदा मुझे और पूनम को मिलता था। एक बार पूनम के भाई की शादी थी और राहुल शहर से बाहर था तो राहुल ने फोन पर कहा कि अमित अपनी भाभी को उनके घर तुम लेकर चले जाना और मैं सीधे ही वहाँ पर आ जाऊँगा। तो मैंने पूछा कि कब जाना है तो राहुल ने कहा कि तुम चार दिन पहले जाओगे। फिर तो मैं भी आ जाऊँगा। यह सुनकर मैंने हाँ कह दी।

दो दिनों के बाद मैं और पूनम दोनों पूनम के मायके के लिए निकले और फिर उनके घर पर सभी ने हमारा स्वागत किया और पूनम ने मुझे अपने कमरे के बराबर वाला ही कमरा दिया। मेरे कमरे में टायलेट अटैच था। और पूनम के कमरे में टायलेट अटैच नहीं था। तो पूनम की भाभी ने कहा कि अमित जी और पूनम तुम दोनों नहाकर आ जाओ। फिर मार्किट चलेंगे। फिर पूनम ने कहा कि मैं नहा लेती हूँ और अमित जी फिर आप नहा लेना। मैंने कहा कि ठीक है आप नहाओ और मैं अपना सामान कमरे में रखता हूँ घर में शादी की वजह से पूनम मेरे कमरे में नहाने चली गयी और मैंने अपना सामान कमरे में रखना शुरू कर दिया।

पूनम नहा कर बाहर निकली तो पूनम ने अपने शरीर पर केवल तौलिया ही लपेट रखा था और उसके बाल गीले थे। उस समय पूनम को देखकर मेरे मन में पूनम की चूत मारने की इच्छा होने लगी।

मैंने पूनम को देखकर कहा- पूनम! मेरी इच्छा हो रही है!
पूनम ने कहा- अमित रात तो होने दो!
मैंने कहा- रात में कैसे करेंगे?
तो पूनम ने कहा- मैं सब देख लूंगी।

पूनम के चूतड़ों से नीचे तक के लम्बे बालों को देखकर मैं और भी उत्तेज़ित होता जा रहा था। इस बीच मैंने पूनम को पकड़कर उसके होंठों को चूम लिया तो पूनम ने कहा कि बस कोई आ जायेगा।

मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा बन्द कर दिया। पूनम ने मना किया तो मैंने कहा कि कुछ नहीं करूँगा, बस एक बार तुम्हें नंगी देखना चाहता हूँ। मैंने उसके शरीर से तौलिया हटा दिया। पूनम की चुच्ची एक दम पहा्ड़ की तरह खड़ी थी। फिर मैं पूनम की चुच्ची को चूमने लगा और पूनम के मुँह को भी चूमा। पूनम भी गर्म होने लगी और उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ घुमानी चालू कर दी। फिर मैंने पूनम को वहीं बैड पर लिटा दिया और उसके पूरे शरीर को चूमने लगा।

अब पूनम भी सब कुछ भुलती जा रही थी। मैंने उसकी चूत पर अपने लण्ड की गर्मी को महसूस करवाया तो पूनम ने कहा- अमित जल्दी जल्दी कर लो और जो कमी रह जायेगी रात को पूरी कर लेना!

फिर मैं पूनम की चूत में अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगा और मेरी रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी। 20-25 झटको में ही मेरा वीर्य पूनम की चूत में चला गया और बाहर भी नहीं आया तो मैंने पूनम से कहा- आज वीर्य बाहर नहीं निकला।

उसने कहा- मेरा मासिक धर्म से दो दिन पहले ही बन्द हुआ है!
मैंने कहा- फिर?
तो पूनम बोली- कोई बात नहीं मैं तुम्हारे ही बच्चे की माँ तो बनूँगी, और क्या होगा।

फिर मैंने पूनम को चूमा और बाहर आ गया। पूनम और मैं तो पहले से ही पति-पत्नी के ही तरह रहते थे। मैंने उसकी मांग भी भरी थी और मंगलसूत्र भी पहनाया था। इस कार्य करने के पश्चात सेक्स करने का मजा ही कुछ और आता है। पूनम और मैं अकेले होने पर चूमा-चाटी और मैं उसकी चुच्ची दबा लिया करता था। अब मैं पूनम को प्यार करने लगा था। और पूनम भी मुझे राहुल से ज्यादा प्यार करती थी। राहुल उसकी मजबूरी बन गयी थी। लेकिन हमें अभी कोई भी परेशानी नहीं थी।

हम अपना काम करके बाहर आए और मार्किट के लिए गए तथा मार्किट का काम करके वापिस घर आ गये। उस रात को मैंने और पूनम की दो बार चूत मारी।

अगले दिन पूनम के घर वालों को मार्किट जाना था तो पूनम के भाभी जिनका नाम श्वेता था, उन्होंने कहा कि अमित जी, पूनम! मार्किट चलना है? तो मैंने कहा कि मेरा मन नहीं है।

श्वेता ने कहा- ठीक है पूनम तुम चलो।

पूनम ने कहा- भाभी! कल ही काफी थक चुकी है आज मेरी तबियत भी ठीक नहीं है तो आप और घर वाले ही चले जाओ।

इसके बाद सभी मार्किट के लिए बाहर निकले। उनके बाहर जाते ही मैंने पूनम को अपनी बाहों में भरकर चूमा, उसकी चुच्ची को दबाने लगा और मैंने उसके कमीज के सारे बटन खोल दिये और वह ऊपर से सिर्फ़ काले रंग की ब्रा में ही थी और मैं उसको किस किये जा रहा था।

पूनम ने कहा- दरवाजा तो बन्द कर लो कोई आ जायेगा!
तो मैंने कहा कि सभी तो मार्किट गये है कोई नहीं आयेगा।

मैंने इतना कहा ही था कि पूनम की भाभी श्वेता हमारे सामने खड़ी थी। श्वेता को देखकर हम दोनों पागल हो गये।

श्वेता थोड़ी देर देखकर बोली- पूनम यह क्या है?
पूनम ने कहा- भाभी प्लीज़! आप यह किसी को भी नहीं बताना नहीं तो कहा बात बिगड़ जायेगी!
श्वेता ने कहा- राहुल तुमारे साथ सेक्स नहीं करते क्या?

पूनम ने कहा कि वह तो ज्यादातर घर के बाहर ही होते हैं और मेरा मन भी करता है और मुझे अमित काफी अच्छा लगता है, मैं अमित को प्यार करती हूँ । अमित मुझे पूरा सेक्स का मजा दिलाता है राहुल के मुकाबले अमित बहुत अच्छा सेक्स करता है।

तो श्वेता ने कहा- अमित! तुम मेरी ननद के साथ कैसे सेक्स करते हो जो पूनम ने राहुल को भी नहीं देखा।

मैंने कहा- भाभी गलती हो गयी अब माफ भी कर दो।
तो श्वेता ने कहा कि आज मुझे भी दिखाओ कि तुम सेक्स कैसे करते हो?
मैंने कहा कि मैं यह नहीं कर पाऊँगा।
पूनम ने कहा- भाभी आप यह क्या कह रही हो?
मैं अमित से प्यार करती हूँ!

श्वेता ने कहा- पूनम तुम तो मजा लेती हो, आज मुझे भी मजा लेने दो, तुम्हारे भाईया भी सेक्स का मजा नहीं दे पाते हैं।

पूनम को कुछ बुरा लगा। लेकिन श्वेता की बात सुनकर मेरा मन श्वेता की चूत मारने का होने लगा। तो मैं पूनम को एक कमरे में ले गया और कहा कि पूनम देख! तुम्हारी भाभी ने हमें देख लिया है और वह किसी को कुछ बता न दे इसलिए हमे श्वेता के साथ भी काम करना होगा और शादी के बाद हमें यहाँ से चले ही जायेंगे। पूनम ने थोड़े गुस्से से ही हाँ की। पूनम मुझे अपने पति के तरह मानती थी इसलिए पूनम मुझे अपनी भाभी के साथ सेक्स करते नहीं देखना चाहती थी। लेकिन पूनम की मजबूरी थी और मेरी इच्छा पूर्ति।

हमने कहा- ठीक है आज रात को।
तो श्वेता ने कहा कि अभी।

और श्वेता बाहर गयी और घर के सदस्यों से बोली कि मुझे घर पर ही कुछ काम है आप लोग चले जाओ।

तो उन्होंने कहा कि हम रात तक ही आयेंगे, खाना बना लेना।

इसके बाद सभी चले गये। मैं और श्वेता उसके बैडरूम में गये और श्वेता ने कहा कि अभी रूको मैं आती हूँ। तब पूनम थोड़ी गुमसुम थी, मैंने पूनम को किस किया और कहा कि दो तीन दिन की बात है फिर हम और तुम ही है।

थोड़ी देर में श्वेता आई और पूनम बाहर चली गई।

मैंने श्वेता से कहा- भाभी जी! तो श्वेता ने कहा कि मुझे श्वेता कहकर बुलाओ।

तो मैंने कहा- ठीक है। फिर श्वेता को मैंने उठाकर बैड पर लिटा दिया और मैं उसके शरीर के ऊपर आ गया। उसने लालं रंग की लिपस्टिक लगाई हुई थी। मैं उसके लाल लाल होंठों पर जोर से किस करने लगा उसकी होंठों की लपस्टिक मेरे होंठों पर भी लग गई। और मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ चारों तरफ घुमानी शुरू कर दी। श्वेता का शरीर ऊपर नीचे हो रहा था। मैं उसके बलाऊज के ऊपर से ही उसकी चुच्ची को दबाने लगा और अपने मुंह में लेने लगा, तो श्वेता बोली कि पूनम सच्ची कह रही थी कि तुम सेक्स अच्छा करते हो। तुमने तो बिना चूत मारे ही मुझे गीला कर दिया।

उसके बाद मैंने धीरे-धीरे श्वेता की साड़ी को खोल दिया और श्वेता ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये। अब श्वेता बलाऊज और पेटीकोट में ही थी। फिर मैंने उसके बलाऊज भी उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसकी चुच्ची को चूमने लगा। उसकी ब्रा में से भी उसकी चुच्ची का ऊपर का हिस्सा बाहर आ रहा था मैंने उसको भी चूमा और उसकी ब्रा को भी खोल दिया तो श्वेता बोली कि अमित अब रहा नहीं जा रहा जल्दी करो।

तो मैंने कहा- श्वेता अभी तो काफी समय है। उसके बाद उसके पेटकोट का नाड़ा भी खोल दिया। फिर मैं उसके शरीर को चूमने लगा मैंने श्वेता से कहा कि तुम मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेना चाहोगी?

उसने कहा- क्यों?
मैंने कहा कि सेक्स में अच्छा लगता है और शरीर में गर्मी आती है।

तो उसने कहा ठीक है। मैं उसके मुँह में अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगा तो उसे भी आनन्द आया तो श्वेता बोली कि क्या पूनम भी इस तरह सेक्स करती है?

मैंने कहा कि पूनम मेरी पत्नी की तरह है और सभी प्रकार से सेक्स करती है। उसके बाद मैंने श्वेता से कहा कि मैं तुम्हारी गांड मार सकता हूँ?

तो उसने कहा- दर्द होगा।
मैंने पूछा- तुमने पहले गाण्ड मरवायी है क्या?
उसने कहा- नहीं।

तो मैंने कहा कि आज मैं तुम्हें ग़ाण्ड मरवाने का मजा देता हूँ।

फिर मैंने पूनम को अवाज लगाई और कहा- पूनम! जरा तेल लेकर आ जाओ।

पूनम तेल लेकर आयी तो पूनम नाराज नहीं थी। मैंने पूनम से कहा कि तुम भी यहीं पर रहो।

उसने कहा- मैं खाना बना लेती हूँ, इतने तुम भाभी के साथ काम करो। फिर हम दोनों आराम से करेंगे।

मैंने पूनम के होंठों पर किस किया और उसकी चुच्ची को हल्के से दबाया। उसके बाद पूनम किचन में चली गयी।

श्वेता के चूतड़ काफी बड़े और गोरे थे। मैंने उसके चूतड़ों पर हल्के हल्के हाथ घुमाना शुरू कर दिया और श्वेता को आनन्द आने लगा। श्वेता ने मेरे लण्ड पर काफी तेल लगाया, मैंने श्वेता के गाडं के छेद पर तेल लगाया, उसको कुतिया की तरह बैठाया। उसकी गाण्ड के छेद पर अपना लण्ड लगाया और लण्ड उसकी गाण्ड में जगह बनाता हुआ अन्दर जाने लगा लेकिन श्वेता को काफी दर्द हो रहा था।

उसने कहा- काफी दर्द हो रहा है लेकिन तुम करते रहो।

अब मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में था। फिर मैं धीरे-धीरे अपने लण्ड को बाहर निकालता और फिर अन्दर करने लगा। और रफ़्तार बढ़ने लगी। 20-25 झटको के बाद श्वेता बोली कि अमित अब सहन नहीं होता, अब मेरी चूत में डालो।

फिर मैंने उसे सीधे लिटाया और मैंने श्वेता से कोंडम के लिए कहा तो उसने कहा कि मैंने पहले से ही रखा है। उसने मेरे लण्ड को मुँह में लिया और जब लण्ड पूरा टाईट हो गया तो उसने डोट वाला कोडम मेरे लण्ड पर लगा दिया। फिर मैंने उसकी चूत में लण्ड डाल दिया। मेरा लण्ड आसानी से उसकी चूत में चला गया क्योंकि उसकी चूत पहले से ही गीली हो गई थी। मैं उसकी चुदाई करता रहा। और उसके बाद 25 मिनटो तक पूरा कमरा छप छप की आवाज से गूंजने लगा और फिर मैं झड़ गया तब तक श्वेता भी लगभग तीन बार झड़ चुकी थी।

श्वेता ने तुरन्त ही कोंडम को उतार दिया और मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर साफ किया उसका लण्ड साफ करना था और मेरा लण्ड फिर से चूत मारने के लिए तैयार हो गया।दूसरी औरतों के साथ काम करने में मजा भी कुछ ज्यादा ही आता है ना दोस्तो।

फिर मैंने उसे कहा कि श्वेता तुम कुतिया की तरह बैठ जाओ। तो श्वेता ने कहा कि अभी तो रूक जाओ। मैंने कहा कि नहीं तो वह बैठ गयी। मैंने एक ही झटके में श्वेता की चूत लंड डाल दिया। और 20-25 मिनटों तक चोदता रहा श्वेता को। उसके बाद फिर पूनम आ गई।

दोस्तो मेरी यह घटना कैसी लगी मुझे मेल करके बताओ फिर मैं आपको अगली बार आगे की घटना के बारे में बताऊँगा। Hindi Porn Stories

दोस्तो, Antarvasna Stories

मेरा नाम बताना ज़रूरी Antarvasna Stories तो नहीं मगर आप मुझे लवर बॉय पुकार सकते हैं। मैं भोपाल का रहने वाला हूँ और लोग कहते हैं कि मैं काफी हैन्डसम हूँ। मेरी लम्बाई 5’9″ है और आयु 19 साल है।

यह बात उस वक़्त की है जब मैं बारहवीं में था। उस वक़्त मेरी परीक्षा शुरू होने में सिर्फ एक सप्ताह रह गया था और पढ़ाई जोरों पर थी। मैं दिन भर पढ़ाई करता था इसी वजह से थोड़ा मूड ताज़ा करने के लिए शाम के समय क्रिकेट खेलने पास वाले मैदान में चला जाता था।

एक दिन की बात है, मैं मैदान में खेल रहा था तभी मेरे दोस्त ने शॉट मारा और गेंद मैदान के बाहर चली गई। मैं गेंद लेने गया। क्योंकि गेंद बाहर चली गई थी इसलिए मैं दीवार पर चढ़ कर गेंद ढूँढ रहा था। मेरी नज़र अचानक मेरे घर के सामने वाले घर पर पड़ी। वो मैदान की दीवार से बिल्कुल करीब ही था। मैंने देखा कि स्नेहा भाभी जो उस घर में रहती हैं, अपने बाथरूम में नहा रही थीं। मैं उनके बाथरूम की दीवार में लगे रोशनदान से उन्हें साफ़ देख सकता था। मैंने उन्हें देखा तो बस देखता रह गया क्योंकि मैंने अपनी जिन्दगी में पहली बार किसी लड़की को पूरी तरह नंगा देखा था। मैं उन्हें पागलों की तरह घूरे जा रहा था। मैं उन्हें देख ही रहा था कि अचानक उनकी नज़र मुझ पर पड़ गई और मैं यह चिल्लाता हुआ कूद गया कि यार गेंद नीचे कहीं नहीं दिख रही, लगता है खो गई है ! और घर वापस आ गया।

मगर मेरे दिमाग में उनका वही नंगा बदन घूम रहा था- दूध जैसा गोरा और एक दम क्या कसा हुआ शरीर था ! फिर मैंने मैदान में जाना बंद कर दिया। मेरी परीक्षा खत्म होने के बाद करीब ४० दिन में हमारा परिणाम आ गया। घर पर सभी खुश थे। मैंने ६७% अंक प्राप्त किये। पापा मिठाई ले कर आये और बोले कि सब में बाँट दो !

मैं मिठाई लेकर सब लोगों को बाँटने चला गया और अंत में स्नेहा भाभी के घर भी गया। वो अपने पति के साथ रहती थी। क्योंकि उनकी नई-नई शादी हुई थी, उनका कोई बच्चा नहीं था। जब मैं उनके घर गया तो घर से उनके पति ऑफिस के लिए जा रहे थे। मैंने राजीव भैया को हेलो किया और मिठाई ऑफर की। उन्होंने एक टुकड़ा लिया और बोले कि अन्दर तेरी भाभी को भी दे दे ! मैं तो ऑफिस जा रहा हूँ !

और वो अपनी गाड़ी स्टार्ट करके ऑफिस के लिए निकल गए। मैं अन्दर गया तो उस दिन वाली घटना की वजह से भाभी से नज़रें नहीं मिला पा रहा था। वो बोली- वाह छोटू ! तू पास हो गया ! मगर इतना शरमा क्यों रहा है? ला मिठाई खिला !

मैंने उन्हें मिठाई दी और बोला- अच्छा भाभी ! अब मैं चलता हूँ !

तो वो बोली- छोटू, एक बात बता ! उस दिन तेरी गेंद मिल गई थी या नहीं?

तो मैं कुछ नहीं बोला।

वो बोली- चल मत बता ! यह तो बता दे कि उस दिन क्या देख रहा था?

मैं बोला- कुछ नहीं भाभी ! मैं तो बस गेंद ढूँढ रहा था !

इस पर वो बोली- चल मैं इतनी बुरी भी नहीं हूँ कि कोई लड़का ऐसी हालत में भी मुझे न देखे !

उनकी यह बात सुन कर मैं हैरान रह गया।

फिर वो बोली- चल इस उम्र में नहीं देखेगा तो कब देखेगा?

यह सुनकर मैं थोड़ा मुस्कुरा दिया। फिर वो पूछने लगी- चल बता ! मैं कैसी दिखती हूँ ?

मैं बोला- भाभी, उस दिन तो बस मज़ा आ गया था !

बोली- अच्छा ? अभी तो बड़ा शरीफ बन रहा था ?

तो मैं बोला- हाँ ! वो तो बस ऐसे ही !

और बस उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया। मुझे भी बस ग्रीन सिगनल का ही इन्तज़ार था।

मैंने भी उनका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो उन्होंने मुझे झटके से दूर कर दिया, बोली- रुक !

और जाकर दरवाज़ा बंद करके आई और बोली- यहाँ ठीक नहीं है !

वो मुझे अपने साथ अपने बेडरूम में ले गईं। मैंने उन्हें बेड पर धक्का दे दिया और उनके ऊपर लेट कर उन्हें चूमने लगा। करीब 15 मिनट तक मैं उनके लबो और चेहरे को चूमता रहा और वो मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को दबाने लगी।

फिर मैं उनके ऊपर से हटा और उनकी कुर्ती उतार दी और ब्रा भी खोल दी। मैं उनके दूध दबाने लगा, मैं उनके चुचूकों को दबा और चाट रहा था। इसी बीच वो सिसकियाँ ले रही थी और फिर उन्होंने खुद अपनी सलवार और पैंटी उतार फेंकी। अब वो मेरी सामने बिल्कुल नंगी थी। मैने देखा उनकी चूत एक दम टाइट थी और उस पर एक भी बाल नहीं था- एकदम साफ़ और चिकनी !

वो मेरे कपडे भी उतारने लगी। पहले उन्होंने मेरी टी-शर्ट, फिर जींस उतार फेंकी और फिर मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी। अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे और मेरा लंड भी पूरी तरह से तैयार हो गया था। मैंने उनकी चूत पर अपने लण्ड का मुँह रखा तो उन्होंने हटा दिया और बोली- नहीं ! पहले पिछवाड़ा !

फिर मैंने उन्हें घूमने को कहा, उन्हें कुतिया बनाया और अपना लंड उनकी गाण्ड पर रखा और धक्का मारा तो थोड़ी तकलीफ हुई। फिर मैंने पास की अलमारी से तेल उठा कर उनकी गाण्ड और अपने लंड पर लगाया और एक जोर का धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उनकी गाण्ड में चला गया। उनके मुँह से चीख निकल गई। मैने उनके मुँह पर हाथ रखा और एक जोर का धक्का लगाया। मेरा पूरा ७ इंच का लण्ड उनकी गांड में घुस गया। फिर बहुत देर तक मैं उनकी गाण्ड मारता रहा। इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और मैं भी झड़ गया। फिर मैंने उनसे चूत मारने का कहा तो वो बोली- यह अभी सील बंद है ! इसको तो अभी तुम्हारे भैया ने भी नहीं मारा ! तुम ज़रूर मेरी चूत भी मारना, मगर अगली बार !

और फिर मैंने क्या किया, यह मैं आपको अगली बार बताऊँगा।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे बताएँ ! Antarvasna Stories

प्रेषक : राहुल शर्मा Sex Stories

मेरा नाम राहुल शर्मा है मैं २५ साल का हूँ। मैं आज Sex Stories अपने सभी दोस्तों को अपने सेक्स और अपने कुँवारापन खोने के पहले अनुभव के बारे में बताना चाहता हूँ। तब हम लोग इलाहबाद में रहते थे और गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा के घर लखनऊ जाते थे। वहां हमारे दादा दादी के साथ हमारे ताऊ और ताई भी रहते थे। उनका बेटा भी वहीं रहता था और कॉलेज में पढ़ता था। वो लगभग २२ साल का था। उसका नाम था गोरव और हम उन्हें राजू भैया कहते थे।

उस साल हम जब छुट्टियों में वहां गए तो मैंने एक नया और अत्यधिक रोमांचक अनुभव किया। एक दिन रात को मैं उनके ही साथ सो रहा था अचानक मेरी नीद खुली और कुछ अजीब सा लगा मैंने देखा भैया मेरे बगल में नंगे लेटे हैं और वो मेरी निक्कर में हाथ डालकर मेरी लुल्ली को सहला रहे हैं।

मुझे शर्म आ गई मैंने कहा- भैया ये क्या कर रहे हो?

आखिर वो मेरा बड़ा भाई था। वो बोला- कुछ नहीं ! अब तुम बड़े हो गए हो और मैं यह देख रहा था कि तुम कितने बड़े हुए हो?

मैंने कहा- ऐसे कैसे पता चलता है?

उन्होंने कहा- पहले अपनी चड्ढी उतारो फ़िर समझाता हूँ !

मैंने कहा- मुझे शर्म आती है।

वो बोला- अगर मुझसे शरमाओगे तो लड़की के साथ कैसे सेक्स करोगे?

सेक्स का तो नाम ऐसा है कि कोई भी अपने आप उसकी तरफ़ बह जाएगा मैं भी तैयार हो गया पर शरमा रहा था। उन्होंने अपने लण्ड को हिला कर खड़ा किया तो मेरी तो साँस ही अटक गई, वो मेरे हाथ की कलाई के बराबर मोटा था और करीब ७ इंच लंबा था। मुझे उनका लण्ड देखने में बड़ा मजा आया। वो बोले- तुम्हारा भी खड़ा होता है या ऐसे ही लटका रहता है?

उनके लण्ड को देख कर मेरा भी लण्ड टाइट होने लगा और धीरे धीरे खड़ा हो गया। उनके लण्ड के सामने मेरे छोटे से लण्ड की क्या औकात जो उनके पैर के अंगूठे से थोड़ा पतला और लम्बाई में ४.5 इंच का था।

भैया बोले- अब तुम भी बड़े होने लगे हो !

मैंने कहा- अच्छा ! कैसे?

बोले- कभी मुठ मारी है?

मैंने कहा- वो क्या होता है?

बोले- इसको यानि लण्ड को हिलाने से सफ़ेद सफ़ेद जो निकलता है उसे माल कहते हैं।

मुठ मारने में तो मुझे भी बहुत मज़ा आता था।

भैया वैसे भी इतने सुंदर थे कि कोई भी लड़की उनके आगे अपनी टांगे फैला देती ! और वो थे भी बहुत बड़े चुद्दकड़।

बोले- कभी किसी लड़की की चूत देखी है?

मैंने कहा- नहीं !

वो बोले- रुको ! मैं दिखाता हूँ !

उन्होंने अपनी अलमारी से किताबों की एक गड्डी निकाली जो सारी नंगी तस्वीरों, चुचियों, गाण्डों और चुदवाती हुई लड़कियों और गाण्ड मराते हुए लड़कों की तस्वीरों से भरी पड़ी थी। उन्हें देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया क्योंकि अपने घर में ये सब मुझे कहाँ से मिलता और मुँह से ज्यादा पानी मेरे लण्ड से निकलने लगा था।

वो बोले- क्या हुआ? झड़ गया?

मैंने कहा- नहीं ! गीला हुआ है। क्यूंकि माल नहीं टपका था।

भैया बोले- लड़की चोदने का मज़ा लोगे?

मैंने कहा- हाँ ! पर लड़की कहाँ है?

वो बोले- मेरी गाण्ड मारो ! वही लड़की चोदने जैसा मज़ा और गर्माहट मिलती है।

बस फ़िर क्या था, वो पेट के बल बेड पर लेट गए और बोले- डालो अपना लण्ड मेरी गाण्ड में घुसेड़ दो।

मेरे लिए अजीब सा था पर चोदने का मज़ा लेने के लिए मैंने लण्ड बढ़ा दिया। पहले तो हल्का सा गया और मुझे दर्द सा होने लगा तो बोले- तुम्हें क्यों दर्द हो रहा है? गाण्ड तो मैं मरवा रहा हूँ !फ़िर उन्होंने थोड़ा सा तेल अपनी गाण्ड में लगाया और फ़िर तो मेरा लण्ड ऐसा दौड़ा कि माइकल शूमाकर की फरारी भी हार जाती पर मैं तीन मिनट में ही झड़ गया।

भैया बोले- ऐसे करोगे तो मज़ा नही आयेगा। पहले थोड़ी देर हलके हलके करो जब मज़ा आने लगे तब स्पीड बढ़ाओ।

मुझे सबक मिल चुका था। फ़िर मैं करीब घंटे भर तक उनकी नंगी नंगी फोटो वाली किताबें और चुदाई वाली कहानियाँ पढ़ता रहा। अब मेरा लण्ड फ़िर से खड़ा हो गया था और मैंने फ़िर से भैया की गाण्ड मारी। इस बार मैंने १० मिनट तक अपने लण्ड को झड़ने नहीं दिया मैंने और भैया ने बराबर मज़ा लिया।

फ़िर मैंने उनसे कहा कि तुम भी मेरी गाण्ड मारो ! मैं भी गाण्ड मरवाने का मज़ा लेना चाहता हूँ।

उन्होंने बहुत मना किया, बोले- तेरी गाण्ड अभी बहुत छोटी है, फट जायेगी !

जब मैंने बहुत जिद की तो वो मान गए और जैसे ही अपने लंबा चौड़ा खली जैसा लण्ड मेरी गाण्ड में डालने की कोशिश की तो मेरी आँखों से आंसू निकल गए।

वो बोले- अब मैं नहीं मारूँगा !

मैंने कहा- भैया धीरे धीरे करना और पहले मेरी गाण्ड में तेल लगा दो।

उन्होंने ढेर सारा तेल मेरी गाण्ड में उड़ेल दिया फ़िर लण्ड को सहलाते सहलाते मेरी गाण्ड में डाला। कसम से बहुत दर्द हुआ। फ़िर हल्के हल्के अन्दर बाहर करते हुए उन्होंने पूरा मज़ा लिया और मुझे भी बहुत मज़ा आया।

फ़िर तो हम लोग हर रात यही लण्ड गाण्ड का खेल खेलते रहे। मैं अक्सर उनके साथ नहा भी लेता, हम लोग बाथरूम में देर तक नहाते, एक दूसरे के लण्ड से खेलते और फ़व्वारे के नीचे लेट कर गाण्ड गाण्ड खेलते थे। किसी को हम पे शक भी नहीं होता था कि हम इतनी देर तक बाथरूम में क्या करते हैं क्यूंकि घर वालों के लिए तो हम भाई थे पर आपस में हम बहुत अच्छे दोस्त हो गए थे।

मैंने पूरी छुट्टियाँ ऐसे ही मज़े लेकर बिताईं। जब भी घर वाले कहीं जाते तो हम दोनों घर पर ही रुकते और गाण्ड गाण्ड खेलते। मैंने तभी पहली बार अपने झांट के बाल भी उनके साथ शेव किए।

ये छुट्टियाँ ख़त्म होने के बाद हम इलाहबाद वापस आ गए। मुझे उनकी बहुत दिनों तक याद आई। फ़िर जब भी कोई छुट्टी होती तो मैं लखनऊ चला जाता और उनके साथ मजे लेता था इस गाण्ड गाण्ड के खेल के। मेरी कई गर्ल फ्रेंड भी बनी उन्हें भी बहुत चोदा, वो कहानियाँ फ़िर कभी सुनाऊंगा।

अब मेरी शादी हो चुकी है और उनकी भी पर आज भी जब कभी हमे मौका मिलता है हम गाण्ड गाण्ड खेलते हैं। आप लोग भी इस खेल का मज़ा लीजिये क्यूंकि इसमे न तो लड़कियों के नखरे उठाने पड़ते हैं न ही लड़की के गर्भ वाला खतरा होता है और लण्ड और चूत दोनों की प्यास बुझ जाती है। Sex Stories

वर्जिन चूत गर्ल सेक्स का मजा मुझे मेरे पड़ोस की एक लड़की ने दिया. वह एकदम कुंवारी थी. हालांकि उसकी सहेली मेरी गर्लफ्रेंड थी, फिर भी वह वासना वश मुझसे चुद गयी.

दोस्तो, मेरा नाम राजू है और मैं महाराष्ट्र से हूँ.
मैं मुंबई में रह कर पढ़ाई और चुदाई दोनों काम करता हूँ.

मेरी उम्र 23 साल है और मैं 2 साल से सेक्स स्टोरी पढ़ता आ रहा हूं.

यह मेरी पहली और सच्ची सेक्स कहानी है वर्जिन चूत गर्ल सेक्स की.
इस सेक्स कहानी की नायिका मेरी गर्ल फ्रेंड की सहेली है.
वह मुझसे एक साल छोटी है. उसका नाम दिव्या है.

उसका रंग एकदम गोरा और भरा हुआ बदन है.
वह ऐसी मस्त माल है कि जो भी उसे एक बार देख भर ले, उसका लंड सलामी देने लग जाएगा.

मैं और दिव्या काफी अच्छे दोस्त हैं.
उससे मेरी दोस्ती मेरी गर्लफ्रेंड के बन जाने से भी पहले से है.

मेरे मन में दिव्या को लेकर अब तक कभी कोई भी गलत इरादा नहीं बना था.
पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

हुआ यूं कि जब लॉकडाउन लग गया था, तब मेरा और मेरी गर्लफ्रेंड का मिलना बंद हो गया था. लॉक डाउन के कारण में उससे मिल नहीं सकता था.
इधर मेरी चुदास बढ़ती जा रही थी.

काफी दिनों से मुझे हाथ से ही काम चलाना पड़ रहा था.

उन्हीं दिनों लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिलना शुरू हो गई.
किसी कारण से दिव्या को अपनी फैमिली के साथ मेरे मुहल्ले में शिफ्ट होना पड़ गया.

दिव्या को मेरे घर वाले पहचानते थे और उसके घर वाले भी मुझे पहचानते थे.
अब दिव्या हर रोज मेरे साथ आकर टाइम पास करने लगी थी.

उसी दौरान हमारे मोहल्ले में कोरोना के मरीजों की तादाद बढ़ गई, जिसके कारण दिव्या के पूरे परिवार को कोविड सेंटर जाना पड़ा.
इधर मेरे गांव वाले दादा जी की तबियत भी खराब हो गई, जिसके कारण मां और पापा को गांव जाना पड़ा.

लॉक डाउन के कारण मुझे जाने का पास नहीं मिल सका था तो मैं घर पर अकेला ही रह गया.
अब इधर दिव्या भी घर में अकेली थी.

मैंने उससे कहा- तू पूरा दिन मेरे साथ ही रहा कर और रात को सोने के लिए अपने घर चली जाया कर.
उसने भी हामी भर दी.

दो दिन में सब सामान्य चलने लगा.
उसे भी मेरे घर में रहना अच्छा लगने लगा.

दिव्या हम दोनों के लिए खाना बनाती और हम दोनों दिन भर मजाक मस्ती करते.
रात को वह अपने घर सोने चली जाती.

कुछ दिन यूं ही चला.

एक दिन वह सुबह सुबह अपने घर से तैयार होकर आई तो मेरी नजरें उस पर टिक कर रह गईं.
वह बड़ी ही खूबसूरत लग रही थी.

उसने काले रंग का सलवार कमीज पहना था. उसमें से उसके वक्ष की गली साफ दिखाई दे रही थी और उसके गुलाबी होंठ कुछ ज्यादा ही चमक रहे थे.
मैं बस उसे देखते ही कहीं खो गया.

उसने मेरे पास आकर चुटकी बजाई, मुझे होश में लाई और पूछा- ऐसे क्या देख रहा है?
तो मेरे मुँह से निकल गया- तुम आज कयामत दिख रही हो यार!

इस पर वह इठलाती हुई बोली- अच्छा जी … आपको आज मैं कयामत लग रही हूँ. इतने दिनों से आपको अपनी वाली के सिवा कोई और नजर नहीं आती थी क्या?
पर मैंने उससे बोल दिया- सच में आज बहुत खूबसूरत दिख रही हो.

कुछ देर के बाद वह बोली- अच्छा ठीक है. अब चलो, मैं नाश्ता बनाती हूं.
फिर उसने नाश्ता बनाया.

मैं किचन में उसके पीछे खड़ा होकर उसे ही देखे जा रहा था.

उसकी 32-28-34 की फिगर मेरे दिमाग में उथल-पुथल मचा रही थी.
मेरा 6 इंच का लंड मेरी लोअर में टेंट की तरह बिल्कुल खड़ा हो चुका था, जिसको दिव्या ने भी तिरछी नज़र से देख लिया था.

लौड़े को देखते देखते उसने कब नाश्ता बना डाला पता ही नहीं चला.

उसके बाद हम लोग नाश्ता करने लगे.
उस वक्त वह जब झुक रही थी तो मुझे उसके बड़े बड़े बूब्स नजर आ जाते, जिन्हें मैं बड़े गौर से देखता.

उसने मुझे ऐसे देखते हुई देख लिया पर कुछ बोली नहीं.

नाश्ता होने के बाद हम दोनों सोफे बैठ कर बात करने लगे.

उसने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा कि कितने दिनों से तुम लोग नहीं मिले हो?

मैंने कहा- मिलना तो छोड़ो यार … उससे बात भी नहीं हो पा रही है.
वह बोली- क्यों?

मैंने बताया कि उसकी जॉइन्ट फैमिली होने के कारण हमारी बात बहुत कम हो पा रही थी.
बातों ही बातों में मैंने उसे यह भी बताया कि उधर वह भी चुदाई के लिए मरी जा रही थी और इधर मेरा भी बुरा हाल था.

इतनी बात सुनने के बाद दिव्या कुछ नहीं बोली.

मैंने दिव्या से कहा- क्या यार, तू भी कैसे हम दोनों की बेबसी के मजे ले रही है. जबकि तुझे सब पता है.
वह बोली- हां मैंने ऐसे ही पूछ लिया … शायद तुम्हारा कुछ पर्सनल मुझे पता ना हो.
यह कह कर उसने आंख दबा दी.

मैंने कहा- क्या पर्सनल यार … हाथ से काम चलाना पड़ रहा है.
इस पर वह जोर जोर से हंसने लगी.

वह बोली- अब बोरियत हो रही है, चल मूवी देखते हैं.
मैंने उससे कहा- यार टीवी में सब वही बकवास मूवीज चल रही हैं.

वह बोली- चल, फिर लूडो खेलते हैं.

उसने अपने मोबाइल में लूडो लगा दिया.
वह मेरे सामने आकर बैठ गई.

अब खेलते खेलते मुझे फिर से उस के आम दिखने लगे और मैं भी उन्हें देखने लगा.

वह भी यह नोटिस कर रही थी पर कुछ नहीं बोली.

हमारा एक गेम खत्म होने पर मैंने उससे कहा- मैं वाशरूम जाकर आता हूँ.
मैं फट से बाथरूम में आकर उसके नाम की मुठ मारने लगा.

क्योंकि इतनी सेक्सी लड़की सामने बैठी हो और उसमें भी 4 महीने से आपके लंड को किसी बुर में जाने का मौका ना मिला हो तो तूफान तो उठने वाला ही है.

मैं दिव्या की फिगर और उसके बूब्स को याद कर रहा था और मुठ मारे जा रहा था.
तभी मेरा वीर्य निकला और मैं शांत होकर बाहर आ गया.

दिव्या मेरी तरफ पीठ कर सोफे पर बैठी हुई थी और मोबाइल में कुछ देख रही थी.
मेरी तरफ उसका ध्यान नहीं था.

मैं उसके पीछे जाकर खड़ा हुआ तो मैंने देखा कि वह एक ब्लू फ़िल्म देख रही थी और अपने होंठ दबा कर बड़े ही मस्त से अपनी चूत रगड़ रही थी.

तभी उसको मेरी आहट लग गई और उसने जल्दी से मोबाइल बंद कर दिया.
वह नीचे देखने लगी.

तो मैं उसके पास गया और बोला- अरे क्या हुआ, मुझे भी दिखाओ!
तो वह बोली- क्या?
मैं बोला- वही, जो तुम अभी देख रही थी?

वह बोली- मुझे शर्म आती है.
मैंने कहा- अबे इसमें शर्म कैसी! ये तो सब देखते हैं.

उसने मोबाइल दे दिया और मैं वीडियो देखने लगा.
वह भी मेरे पीछे से चुदाई देखने लगी.

थोड़ी देर बाद मैंने वीडियो बंद कर दी और खुल कर उससे पूछा- तुम्हें भी यह करने का मन होता है?
उसने हां बोल दी.

पर वह बोली- तुम्हें तो पता है कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं है और मैं अब तक कुंवारी हूँ.
यह सुन कर तो मैं पागल हो गया और अन्दर ही अन्दर ठान ली कि आज कुछ भी करके इसके कुंवारी चूत के मजे लेकर ही रहूंगा.

मैंने उससे कहा- तुम उंगली तो डालती हो होगी?
उसने कहा- नहीं, मुझे डर लगता है. चलो तुम वीडियो चलाओ. उसी से मन भरते हैं.

उसके कहने पर मैंने वीडियो फिर से लगा दिया.
वह मुझसे बिल्कुल सट कर बैठी थी.

वीडियो देखते देखते हम दोनों गर्म हो गए.
मुझे लगा कि आज कुछ नहीं किया तो ऐसे ही रह जाएगा. इसलिए मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा.

उस पर वह कुछ नहीं बोली.

उसकी सांसें भी भारी होने लगीं.
मैं उसके कान के लौ के पास अपनी गर्म सांस छोड़ने लगा.

इससे वह और भी ज्यादा तड़प उठी और उसने जल्दी ही मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

अब वह भूखी शेरनी की तरह मुझ पर टूट पड़ी और बड़बड़ाने लगी- राजू चोद दो मुझे … अब नहीं रहा जाता. मैं काफी दिनों से तुझसे चुदना चाहती थी … प्लीज राजू आज मेरी आग बुझा दे.

उसके मुँह से ये सब सुनते ही मैं तो बिल्कुल पागल हो गया और मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.

मैं एक एक करके उसके दोनों होंठों को चूसने लगा.
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
कभी वह मेरा ऊपर वाला लिप्स सक करती, तो कभी नीचे वाला.

एक हाथ से उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया जिससे मेरा लौड़ा लोवर को फाड़ कर बाहर आने के लिए बेताब हो गया और फूल कर रॉड की तरह ही गया.

मैंने उसे उठाया और अपने बेडरूम में ले जाकर पटक दिया.
खुद उसके ऊपर चढ़ कर फिर से उसके होंठों को चूसने लगा.

कुछ मिनट तक मैंने उसके होंठों को चूमा और फिर उसके मस्तक पर एक प्यारी सी किस दी.

दोस्तो, कभी भी सेक्स और प्यार करते वक्त आप अगर लड़की को माथे पर किस करोगे, तो इससे लड़की को आप पर यकीन भी होगा और वह अपने आप को सेफ भी महसूस करेगी.

मस्तक को किस करते करते मैंने उसे पलटा दिया और उसकी गर्दन के पीछे किस करने लगा.
इससे वह तड़प उठी.

फिर मैं उसके कान की लौ की चूसने लगा, जिससे उसकी आह निकल गई.
कान से होते हुए मैं उसके पीठ पर आ गया. उसकी पीठ को चूमते चूमते मैं उसकी कमर तक आया और उसे फिर से सीधा कर दिया.

अब उसने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मेरा लोवर भी निकाल दिया.
मैंने भी उसकी सलवार कमीज उतार दी.

अब वह मेरे सामने रेड कलर की ब्रा और पैंटी में पड़ी थी.
वाह क्या फिगर थी उसकी … मक्खन जैसा गोरा और चिकना बदन!

उसके सख्त बूब्स मेरे सामने एकदम पत्थर लग रहे थे.
शायद उन्हें आज तक किसी ने छुआ भी नहीं था.

मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला और उसके मम्मों के ऊपर टूट पड़ा.
मैं उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा. मैं उसके एक दूध को चूसता और दूसरे को दबाता.
कभी मैं निप्पल को मसल देता तो कभी निप्पल को होंठों में दबा कर खींच देता.

इस सबसे वह पागल हो गई.
वह ‘उह आह उह आह … फक मी फक …’ कहने लगी.

मेरे बालों में अपनी उंगलियां घुमाती हुई मेरे मुँह में अपनी चूचियाँ देती हुई कहने लगी- आह चूसो इन्हें … और चूसो … पी जाओ.

मैं और जोर जोर से उसके दूध चूसने लगा.

काफी देर तक मम्मों को चूसने के बाद अब मैं उसके पेट पर आकर किस करने लगा.

मैंने उसकी नाभि में जीभ डाली तो उसकी आह निकल गई.
शायद ये उसका हॉट-स्पॉट था.

मैंने लगातार जीभ की नोक से उसकी नाभि को कुरेदा तो वह एकदम पागल सी हो गई.

अब मैंने उसकी पैंटी उतार दी.
उसने भी अपनी दोनों टांगें हवा में उठा दीं और मैंने उसकी पैंटी को बाहर निकाल कर सूंघा.

पैंटी उसकी चूत के कामरस से भीग चुकी थी और बड़ी ही मादक खुशबू आ रही थी.

फिर मैंने जैसे ही उसकी चूत देखी तो समझो पागल ही हो गया. उसकी बुर पर एक भी बाल नहीं था. ऐसा लग रहा था जैसे वह आज ही बुर की झांटों को साफ करके आई हो.

मैंने उसकी तरफ वासना से देख कर इशारे से पूछा तो उसने मुस्कुरा कर कहा- हां मैंने आज ही शेविंग की है … और मुझे कुछ भी करके तुमसे बुर चुदवानी थी, इसलिए मैं घर पर अकेली बुर साफ करती रही.

मैंने कहा- चलो जान, आज तुम्हारी मनोकामना पूरी कर देता हूँ.

मैं उसकी जांघों को किस करने लगा.
वह कामातुर होकर ‘उह आह उह …’ करे जा रही थी.

उसकी दोनों जांघों को किस करने के बाद मैं उसकी चूत पर आ गया; उसकी गुलाबी चूत के मखमली होंठों को अलग किया और दोनों पुत्तियों को एक एक करके चूसने लगा.

वह बिन पानी की मछली की तरह तड़प उठी और मेरा सिर जोर से अपनी चूत में दबाने लगी.
मैं अन्दर तक अपनी जीभ डाल कर उसकी चूत को चोद रहा था.

कुछ ही पलों में उसने अपनी दोनों टांगों से और हाथों से मेरा सर अपनी चूत में दबा दिया और अपना पानी छोड़ दिया.

मैं उसका सारा नमकीन पानी पी गया.
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक कुंवारी लड़की का पानी कितना मजेदार लगता होगा.

मैं लगातार उसकी चूत चूसता रहा.
वह फिर से गर्मा गई.

अब मैं उठा तो उसने झट से मेरा अंडरवियर निकाल दिया.

जैसे ही मेरा 6 इंच लम्बा और तीन इंच मोटा लंड उसके सामने आया, वह हैरत से लंड को देखने लगी.
फिर धीरे से बोली- इतना बड़ा कैसे जाएगा मेरी चूत में?
मैंने कहा- जान तुम टेंशन मत लो, मैं तुम्हें दर्द नहीं होने दूंगा. पहली बार थोड़ा दर्द सबको होता है बस वो सहन कर लेना. अब पहले तुम इस लंड को प्यार करो.

यह सुन कर उसने एक प्यारी सी स्माइल दे दी और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.

मैं तो जैसे जन्नत में था.
क्योंकि मेरी गर्लफ्रेंड को लंड चूसना पसंद नहीं था.
मैं भी उसे फोर्स नहीं करता था.

पर आज दिव्या मेरे लौड़े को किसी पोर्न स्टार की तरह चूस रही थी.
मैं स्वर्ग में था.

मैंने उसके मुँह की चुदाई चालू कर दी वह गप गप करके मेरा लंड को ले रही थी.
तभी मेरा वीर्य निकलने को आया और मैंने सारा माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया.

वह भी माल पी गई और उसके बाद भी लंड को चूसती रही.
जिसकी वजह से मेरा लंड फिर से जोश में आकर खड़ा हो गया.

वह जब लंड चूस रही थी तो मैं एक हाथ से उसके मम्मों को दबाता और एक हाथ की उंगली उसकी चूत में डालकर उसे चोदता.

वह भी काफी गर्म हो गई और बोली- अब डाल दो इसे!
मैंने उसे लेटा दिया और एक तकिया उसकी कमर के नीचे लगा दिया.

उसने अपने पैर खोल दिए और मुझे चुदाई का निमंत्रण दिया.
मैंने उसके दोनों पैर हवा में उठाए और उसकी चूत के मुँह पर लंड सैट कर दिया.

लंड सैट करने के बाद मैंने एक बार उसकी तरफ देखा तो उसने मस्ती से अपनी कमर उठा कर इशारा दे दिया.
उसी पल मैंने धक्का दे दिया.

मेरा लंड पहले तो फिसल गया, उसकी चूत काफी टाइट थी.
मैंने उंगली डाल कर उसे थोड़ा चोदा, तो दिव्या आंखें बंद करके उह आह करती रही.

फिर मैंने छेद ढीला देख कर लंड का टोपा उसकी चूत में सैट करके जल्दी से अन्दर डाल दिया.
वह छटपटाने लगी.

मैंने अपने होंठों से उसकी आवाज दबा दी, उसकी आंखों में से आंसू आने लगे.
मैं रुक गया और उसके माथे पर चूमने लगा.

इससे वह दर्द भूल कर सामान्य हो गई.
मैंने और एक धक्का लगा दिया.

मेरा आधा लंड उसकी चूत की सील तोड़ता हुआ अन्दर चला गया.

वह तेज स्वर में चिल्ला उठी. मैंने झट से उसका मुँह हाथ से बंद किया.

फिर देखा तो मुझे नीचे उसका रक्त दिखाई दिया, पर मैंने उसे बताया नहीं.
मैं इसके पहले भी दो सील तोड़ चुका था.

मैंने और एक धक्का लगाया.
अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था.

मैंने थोड़ी देर रुक कर उसको शांत होने दिया.
कुछ देर बाद वह खुद अपनी कमर उठा कर आगे पीछे करने लगी.

तब मैं समझ गया कि लड़की अब तैयार है.
मैं भी ऊपर से उस पर टूट पड़ा और जोर जोर से उसे चोदने लगा.

कुछ ही देर में मस्ती का आलम सर चढ़ कर बोल रहा था और वह बोल रही थी- आह फक मी … उह आह फक मी!

उसकी कामुक आवाजें पूरे रूम में गूंज रही थीं.
मैं उसे लगातार चोदे जा रहा था.

तभी वह एक बार झड़ गई और शांत हो गई.

अब मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा.
वह झट से घोड़ी बन गई और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड सैट कर दिया.

फिर लौड़ा पेल कर चोदने लगा.
वह फिर से गर्म हो गई.

मैंने उसे इसी तरह दस मिनट चोदा.
मैं जल्दी झड़ने वाला नहीं था क्योंकि मैंने मुठ मारी थी.

अब मैंने उसे दीवार से सट कर खड़ा होने को बोला.
वह हो गई.

मैंने उसका एक पैर बेड पर रखवा दिया और लंड पेल कर उसे दबादब चोदने लगा.
मैं उसे चोदे जा रहा था और वह बोल रही थी कि राजू मुझे पता नहीं था कि मेरी पहले चुदाई इतने अच्छे से होगी. आज से मैं तुम्हारी ही हो गई हूँ राजू. तुम जब चाहो मुझे चोद देना.

यह सुन कर मैंने भी जोश में आकर उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया और उसे चोदने लगा.

अब मेरा पानी आने वाला था, तो मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और झटके लगाने लगा.

थोड़ी देर मैं वह तीसरी बार झड़ गई.
मैंने भी लंड निकाल कर उसके पेट पर अपना माल गिरा दिया.
उसने अपनी ब्रा से लंड की मलाई को साफ कर दिया.

वर्जिन चूत गर्ल सेक्स के पश्चात मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया.

मैं हमेशा चुदाई के बाद लड़की को अपनी बांहों में लेकर उसे प्यार करता हूं, इससे लड़की को काफी सुकून मिलता है.

दोस्तो, फिर जब तक दिव्या की फैमिली कोविड सेंटर से वापिस नहीं आ गई, तब तक मैंने उसे हर रोज हर रात चोदा.

मैंने उसकी गांड भी मारी.
वह सेक्स कहानी कभी और लिखूंगा.

दिव्या ने मुझे कैसे अपनी और सहेलियों से मिलाया, मुहल्ले की एक भाभी को भी चुदवाया और उसने मुझे एक प्लेबॉय बना दिया.

तो दोस्तो, आपको मेरी वर्जिन चूत गर्ल सेक्स कहानी कैसी लगी, कृपया बताएं.
rajuroyal6450@gmail.com

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Hindi Porn Stories

अब गुरूजी ने अपने लंड को मेरी Hindi Porn Stories योनि-द्वार पर रख दिया। मैं उनके चेहरे को निहार रही थी, मगर मेरा ध्यान योनि से सटे उनके लिंग पर था। मैं इंतज़ार कर रही थी कि कब उनका लिंग मेरी योनि की तृष्णा को शांत करेगा। उत्तेजना से मेरे भगोष्ठ अपने आप थोड़े से खुल गए थे।

“इसे अपने हाथों से अन्दर लो !” उन्होंने कहा।

मैंने फ़ौरन उसके लिंग को पकड़ कर अपने योनि-लब खोल कर उसमें रखा, गुरूजी ने एक जोर का झटका मारा और पूरा लिंग सरसराता हुआ अन्दर तक चला गया।

“ऊऽऽ ऊऊ फ़्फ़फ़्फ़्फ़ आऽऽऽ आआ ह्ह्ह्ह्ह्ह् !” मैं चीख उठी। ऐसा लगा कि उनका तगड़ा लिंग मेरे पूरे बदन को चीर कर रख देगा। मैंने अपनी टांगों से गुरूजी की क़मर को जकड रखा था, मुँह से चीख निकल रही थी मगर टांगों से उनके क़मर को अपनी योनि की तरफ ठेल रही थी।

“धीरे गुरुजी ! दर्द कर रहा है ! आपका ये बहुत बड़ा है !!”

गुरूजी धीरे धीरे अपना लिंग मेरी योनि से बाहर तक खींचा साथ साथ मैं झड़ गई। ऐसा लगा कि उनका लिंग पिस्टन की तरह बाहर आते हुए अपने साथ मेरे योनि-रस को खींचता हुआ ले आ रहा है।

फ़िर उन्होंने अपने लिंग को हरकत दे दी। मेरा दो बार रस निकल चुका था इसलिए मैं हांफने लगी थी। लेकिन उनके धक्कों ने कुछ ही देर में मुझे दोबारा गरम कर दिया। कुछ देर तक इसी तरह मुझे चोदने के बाद मेरे बदन से उतर गए। अब वो बिस्तर पर सीधे लेट गए. मैंने उठकर उनके लिंग को देखा मेरे रस से भीगा हुआ मोटा काला लिंग मुझे पागल कर रहा था। मैंने उनकी क़मर के दोनों ओर अपने घुटनों को रख कर अपने योनि-छिद्र को असमान की ओर तने लिंग पर रखा, अपने हाथों से लिंग को ठीक से छिद्र में करके उनकी छातियों पर दोनों हाथ रख कर उन्हें सहलाते हुये अपने चूतड़ों को नीचे की ओर दबाया। उसका लिंग कुछ अन्दर तक घुस गया। फ़िर मैंने अपना सारा बोझ उनके ऊपर डाल दिया और उनका लिंग मेरी योनि में अन्दर तक घुसता चला गया।

मैं उनके लिंग पर अपनी चूत को ऊपर नीचे करने लगी। उन्होंने मेरी छातियों को पकड़ कर दबाना शुरू किया, एक छाती के अग्र भाग को जोर से खींचा तो उसमें से दूध के धार निकल कर गुरूजी के चेहरे पर पड़ी। उन्होंने मुँह खोल कर उस धार को अपने मुँह में समेट लिया। मैं उत्तेजना से पगला गई थी और उनके लिंग को बुरी तरह चोद रही थी, मेरा सिर पीछे की तरफ झटके खा रहा था। मैंने उनकी छातियों को अपनी मुट्ठी में भर लिया और चीख पड़ी- आआह्ह्ह् !!!

मैंने उनके सीने के बालों को अपनी मुट्ठी में भर कर खींचा साथ ही मैं तीसरी बार झड़ गई, पट पट करके जाने कितने बाल टूट कर मेरी मुट्ठी में आ गए। मैं निढाल सी उनके सीने पर लेट गई।

“अब बस भी करो !” मैंने उनके होंठों को चूमते हुये कहा,”मार ही डालोगे क्या आज?”

उसने मुझे अपने ऊपर से हटाया और मुझे खींच कर बेड के किनारे पर हाथ और पैरों के बल ऊँचा किया। तभी वही लडकी दोबारा आकर मेरी चिकनी हो रही योनि को अच्छी तरह से साफ कर गई। फ़िर गुरूजी ने खुद बेड के पास जमीन पर खडे होकर पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. और फ़िर से जोर जोर से धक्के मारने लगे। मैं उसके लंड के हर धक्के के साथ चीख उठती। पूरे कमरे में मेरी उत्तेजना और दर्द मिश्रित आनन्द भरी आवाजें गूँज रही थी। ऐसी चुदाई मुझे पहली बार मिल रही थी। वरना जीवन तो अधिक से अधिक दस मिनट ही सम्भल पाते हैं।

कोई घंटे भर तक इसी तरह चोदने के बाद उन्होंने अपने वीर्य से मेरी पूरी योनि को पूरी तरह से भर दिया। मैं बिस्तर पर निढाल हो कर गिर पडी, गुरूजी मेरे बदन पर ही कुछ देर तक पसरे रहे, फ़िर बगल में लेट गए। मेरी योणी से उनका वीर्य निकल कर सफ़ेद चादर को गीला कर रहा था। हलकी सी खटाक की आवाज आई तो मैं समझ गई कि मोनी बाहर चली गई है। मैं गुरूजी से बेतहाशा लिपट गई।

“आप मुझे अपनी छत्रछाया में ले लो ! मैं अब आपसे दूर नहीं जा सकती !” मैंने उनके होंठों को चूमते हुए कहा। उन्होंने मुझे बाँहों में भर कर करवट लेकर मुझे अपने सीने पर लिटा लिया, मैंने नीचे सरकते हुये उनके सीने को चूमा और सीने के बालों पर उँगलियों से खेलने लगी। फ़िर जीभ निकाल कर उनके चूचुकों पर फिराने लगी। फ़िर मेरे होंठ सरकते हुये नीचे की ओर फिसलने लगे, उनके लिंग के चारों ओर फैले घने बालों में अपने चेहरे को रख एक गहरी सांस ली और जीभ को उनके शिथिल पड़े लिंग पर फिराने लगी। उनकी उँगलियाँ मेरे बालों पर फ़िर रही थी।

“क्यों मन नहीं भरा?”उन्होंने पूछा।

“उम्म्म्मऽऽ ! नहींऽऽऽ !”

उन्होंने मेरे वक्ष और उनकी चोटियों को मसलते हुए अपने लिंग की ओर संकेत करते हुए पूछा,”कैसा लगा ये?”

“बहुत अच्छा. जी करता है इसे अपनी योनि में ही डाले रखूँ !” मैंने उसके ढीले पड़े लिंग को वापस मुँह में डाल लिया। थोड़ी ही देर में वो फ़िर से अगली लड़ाई के लिए तैयार हो गया।

उन्होंने उठ कर लाइट जला दी। मैंने शर्म से अपने चहरे को हाथों से ढक लिया। गुरूजी ने बिस्तर पर आकर मेरे हाथों को चेहरे पर से हटा दिया। मैंने झिझकते हुये आँखें खोली तो उसका मोटा तगड़ा लिंग आँखों के सामने तना हुआ था। मुझे बिस्तर पर लिटा कर मेरी टांगों को मोड़ कर सीने से लगा दिया, अब एक तकिया लेकर मेरी क़मर के नीचे रख दिया, ऐसा करने से मेरी योनि उँची हो गई थी।

“देखना अब कैसे जाता है मेरा लिंग तुम्हारे अन्दर !” कह कर वो अपना लिंग मेरी योनि से सटा कर बहुत धीरे धीरे अन्दर करने लगे।

मेरी योनि पूरी तरह फ़ैल गई थी। ऐसा लग रहा था मानो कोई मोटा बांस मेरी योनि में डाला जा रहा हो। पूरी तरह अन्दर करने के बाद इस बार बहुत तसल्ली से मुझे चोदने लगे। मैं भी नीचे से क़मर उठा कर उनका साथ देने लगी। काफ़ी देर तक इसी तरह चोदने के बाद उन्होंने बिस्तर के किनारे पर बैठ कर मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और चोदने लगे। फ़िर मुझे दीवार से सट कर जमीन से उठा लिया, मैंने अपनी टांगें उनकी क़मर पर बाँध दी और उनके लिंग के खूंटे पर झूल गई। कई तरह से मुझे चोदने के बाद वापस बिस्तर पर लाकर गुरूजी मेरी योनि में अपना रस डाल दिया। उसके बाद हम थक कर सो गए।

सुबह छः बजे मोनी के उठाने पर मेरी नींद खुली। मैं नग्न अवस्था में ही सो रही थी। मैंने बगल में देखा, गुरूजी पहले ही उठ कर जा चुके थे।

मैं थकान महसूस कर रही थी, मोनी ने सहारा देकर मुझे उठाया,”रात कैसी गुजरी?” मोनी ने पूछा।

मैं उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा उठी, जो उसे समझाने के लिए काफ़ी था। मैंने आगे बढ़ने को कदम बढ़ाया तो मेरे कदम लड़खड़ा उठे। मोनी सहारा देकर मुझे बाथरूम की तरफ ले गई,”नहा लो, थकान उतर जायेगी !”

वो मुझे बाथटब में रगड़ रगड़ कर नहलाने लगी। गुलाब के फूलों से भरे टब में नहाते हुये मेरा मन ख़ुशी से भर उठा। मैं नहा कर बाहर निकली तो मुझे फ़िर से एक किमोनो औढ़ा दिया गया। मेरी क़मर में डोरी से किमोनो को बाँध दिया। सामने से पूरा खुला होने के कारण चलने पर मेरी नग्न टाँगें बाहर निकल आती थी।

अब मुझे सहारे की जरूरत महसूस नहीं हो रही थी मगर मोनी ने मेरा एक हाथ थाम रखा था। कमरे में आते ही मानो पूर्व-नियोजित तरीके से एक युवती एक ग्लास में वैसा ही कोई तरल पदार्थ ले कर आई जैसा पिछली रात मैंने लिया था। इसे पीते ही मेरे बदन में एक नई ताजगी आनी शुरू हो गई। कुछ ही देर में मैं एक दम तारो-ताजा हो गई।

अब मुझे लेकर मोनी एक हॉल में आ गई। हॉल के बीचों बीच एक बिस्तर सजा हुआ था। उस पर सुर्ख लाल रंग की रेशमी चादर बिछी हुई थी। बिस्तर के चारों ओर बारह कुर्सियों में आश्रम के सारे शिष्य बैठे हुए थे। बिस्तर के पास एक सिंहासन पर गुरूजी बैठे हुए थे। मोनी मुझे लेकर चलते हुए बिस्तर के पास आकर रुकी, उसने मेरे किमोनो की डोरी को खोल दिया, किमोनो सामने से खुल गया, अन्दर कुछ नहीं पहना होने के करण टांगों के बीच का उभार सामने दिख रहा था।

मोनी थोड़ी दूर हट गई, गुरूजी उठे और मेरे पीछे आकर मेरे खुले हुए गाऊन को मेरे कंधे से उतार दिया। मेरा गाऊन बदन पर से फिसलता हुआ नीचे गिर गया। मैं उन चौदह जोड़ी प्यासी अँखिओं के सामने बिल्कुल नग्न अवस्था में खडी थी।

गुरूजी ने मुझे कंधे से पकड़ कर उसी जगह पर चारों ओर घुमाया, फ़िर क़मर से मुझे थामे हुये धीरे धीरे चलते हुए एक एक शिष्य के पास से घुमाया। सब भूखी नजरों से मेरे बदन को निहार रहे थे।

गुरूजी ने कहा,”ये है रुचिका ! आज से ये हमारे आश्रम को ज्वाइन कर रही हैं !”

सबने ख़ुशी से तालियाँ बजाई।

“संस्था में शामिल करने के लिए जो जो रस्म होती हैं उन्हें आरम्भ किया जाए !”

कहकर गुरूजी जाकर अपनी स्थान पर बैठ गए। तभी एक लड़की एक चाँदी का कटोरा लेकर आई। मोनी ने उसे मेरे हाथ में देते हुये कहा,”इसे पी लो !”

उस पात्र में गाढ़ा मक्खन की तरह कुछ रखा था। मैंने अपने होंठों से उसे लगा कर एक घूँट भरा तब पता चला कि वो वीर्य था।

“यह हमारे आश्रम के सारे शिष्यों का वीर्य है, इसे पूरा पी लो !” मोनी ने कहा।

मैंने घूँट भर भर कर सारा वीर्य पी लिया।

“आज से तुम संस्था के किसी भी मर्द के साथ सम्भोग करने के लिए स्वतंत्र हो और कोई भी जब चाहे तुम्हें भोग सकता है। तुम इन्कार नहीं करोगी।” गुरूजी ने कहा।

अब मोनी ने मुझे बिस्तर पर बिठा दिया। दो लड़कियाँ दो खाली कटोरे लेकर आई। उन्हें मेरे स्तनों के नीचे रख कर मेरे चूचुकों को पकड़ कर उनमे से दूध निकालने लगी। ऐसा लग रहा था मानो मैं कोई औरत नहीं गाय हूँ जिसका दूध निकाला जा रहा है। मेरी छातियों को वो तब तक दुहती रही जब तक आखिरी बूँद तक नहीं निकल गया। मेरी दोनो छातियाँ उनके मसलने की वजह से लाल हो गई थी और दुःख रही थी।

दूध की कटोरियाँ लेकर वो युवतियाँ वहाँ मौजूद एक-एक आदमी के पास जाती और वो आदमी उस से कुछ दूध पीता। ऐसे करके सारे आदमियों ने मेरा दूध चखा।

अब सारे शिष्य खडे हो गए और अपने अपने कपड़े उतार दिए। सिर्फ़ गुरूजी ही कपड़े पहने हुए थे। अपने चारों ओर इतने सारे खड़े लंड देख कर मेरा बदन सनसनाने लगा। सारे मर्द अपने अपने स्थान पर बैठ गए।

अब मोनी ने मुझे बिस्तर पर हाथों और घुटनों के बल झुका दिया। मैं एक ऐसी कुतिया लग रही थी जो गरमाई हुई हो। मेरी योनि में रस से छूटने लगा। तभी कुछ हुआ कि मेरा बिस्तर धीरे धीरे घूमने लगा। रफ्तार बहुत धीमी थी लेकिन इससे मैं बारी बारी हर आदमी के सामने से गुजर रही थी। तभी दो आदमी उठे और मेरे दोनों तरफ आकर खड़े हो गए।

एक ने मेरे पीछे से बिना मुझे किसी तरह उत्तेजित किए अपना लंड एक झटके से मेरे अन्दर कर दिया। अगले झटके में तो उसका लिंग पूरी तरह मेरी योनि में समा गया और उसके अन्डकोष मेरी जांघों से टकरा गए।

“आऽऽआअह …… ऊऊऊऊह् ह्ह्ह्छ !!” बस यही निकला मेरे मुँह से।

फ़िर वो जोर जोर से धक्के मारने लगा। दूसरा मेरे सामने आया और मेरी थोढी को पकड़ कर मेरे चेहरे को ऊपर उठाया। मेरे चेहरे पर फैले हुए मेरे बालों को हटा कर नीचे झुक कर मेरे होंठों को एक बार चूमा, फ़िर वो खड़ा हो गया। मेरी नजरें अगले कदम के इन्तजार में उसके चहरे पर जमी हुई थी।

“इसे मुँह में लो ! उसने अपने लिंग की तरफ इशारा किया।

मैंने देखा उसका तगड़ा लिंग मेरे होंठों से बस कुछ ही इंच दूरी पर है, मेरे होंठ अपने आप खुलते चले गए। उसने धीरे से मेरे सिर को थामते हुए अपने लिंग को मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने देखा लिंग से भीनी भीनी सुगंध आ रही थी।

अब दोनो तरफ से मेरी ठुकाई चालू हो गई। दोनों जोर जोर से मुझे ठोक रहे थे और सारे आदमी अपनी अपनी जगह पर नग्न बैठे हुए मेरी चुदाई देख रहे थे। सबके हाथ अपने अपने लिंग को सहला रहे थे। जो मेरी योनि में ठोक रहा था उसने कोई १५ मिनट तक मुझे चोद कर अपना लिंग एकदम से अन्दर तक डाल दिया और उसके लिंग से निकली वीर्य की धारा मेरी योनि को भरने लगी। उसके इस तरह जोर से धक्का मारने के कारण सामने वाले का लिंग मेरे मुँह में अन्दर तक घुस गया, साथ ही उसका लिंग भी झटके मारने लगा। वो भी अपने वीर्य से मेरे मुँह को भरने लगा। मैं भी उनके साथ ही झड़ गई।

दोनों ने अपना वीर्य मेरे अन्दर खाली करने के बाद अपने अपने लिंग बाहर निकाले, फ़िर मुझे उन दोनों के लिंग को चाट चाट कर बिल्कुल साफ करना पड़ा।

दोनों अपनी अपनी जगह पर जा कर बैठ गए। मैं जोर जोर से हांफ रही थी।

फ़िर दो और आदमी आकर पहले की तरह ही मेरी चुदाई करने लगे। दोनों काफ़ी देर तक ठोक कर मेरे अन्दर खाली हो गए। उनके बैठने पर दो और उठ कर उनकी जगह आ गए।

तीसरा दौर ख़त्म होते होते मेरे हाथों में और अपना बोझ सम्हाले रखने की ताकत नहीं बची और मैं मुँह के बल बिस्तर पर गिर पडी। अभी भी छः आदमी बचे थे।

अब तीन आदमी उठ कर आए।

एक मेरी बगल में आकर लेट गया। उसका खड़ा लिंग ऊपर की तरफ खड़ा हुआ था. बाकी दोनों ने मुझे बाँहों से पकड़ कर उठाया और मेरी टांगों को चौड़ा कर के उसके लिंग पर मेरी योनि को टिकाया, मेरी योनि से रस टपक कर बिस्तर पर गिर रहा था। एक धार उसके लिंग को भिगोती हुई नीचे जा रही थी। कुछ देर तक मैं उस अवस्था में रही फ़िर मैंने अपना बोझ उसके लिंग पर डाल दिया और उसका मोटा लिंग मेरी योनि में घुसता चला गया।

मैं अपने हाथ उसके सीने पर रख कर अपनी क़मर को धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगी मगर उसका तो इरादा ही कुछ और था। उसने मेरे चूचुकों को पकड़ कर अपनी ओर खींचा, मैं उसके सीने से सट गई। उसने मेरे बदन को अपनी बाँहों में समां कर सख्ती से अपने से लिपटा लिया। मेरी मोटी मोटी छातियाँ उसके सीने में पिसी जा रही थी।

एक लडकी एक कटोरे में कोई तेल लेकर आई। मोनी ने मेरे दोनो चूतड़ों को अलग करते हुए मेरी गाण्ड के छिद्र पर कुछ तेल गिराया और अपनी उँगलियों से अन्दर तक उसे अच्छी तरह लगाने लगी।

“नहींऽऽईई.. ..प्लीज़ऽऽ ..यह..मुझ से …नहींईइ. ..होगाऽऽ॥ ” मैं कसमसा उठी।

“मेरी फट जाएगीऽऽईई. प्लीज़ !!!… मैं सबको खुश कर दूँगी ऽऽऽई मगर वहाँ नहींऽ।…”

मगर वहाँ मेरी विनती सुनने वाला कोई नहीं था।

एक जोर के धक्के से उस आदमी ने अपने लिंग का सुपाड़ा मेरी गाण्ड में डाल दिया।

“आऽ… अऽऽऽआआआ आआअह ह्ह्ह्ह …… म्माअआ ” मैं चीख उठी।

दो और जोर जोर के झटके लगे और पूरा लिंग मेरी गाण्ड के अन्दर था।

मैं दर्द से दोहरी हुई जा रही थी। मोनी पास आकर मेरे चेहरे को सहला रही थी और धैर्य रखने को कह रही थी।

अपना पूरा लिंग अन्दर डाल कर वो कुछ देर रुका, फ़िर दोनों आगे और पीछे से मुझे चोदने लगे। अब तीसरे ने मेरे पास आकर मेरे चेहरे को एक ओर घुमा कर अपना लिंग मेरे मुँह में डाल दिया। इस तरह की यौन क्रीड़ा मैंने सिर्फ़ विदेशी नग्न फ़िल्मों में देखी थी या सुनी थी मगर आज यही मेरे साथ हो रहा था।

तीनों ने जोर जोर से मुझे ठोकने के बाद मेरे तीनों छेदों में अपने अपने गर्म-गर्म वीर्य भर दिया। उनके बाद बाकी बचे तीनों ने भी मुझे उसी तरह चोदा।

कोई दो-ढाई घण्टे की चुदाई के बाद मुझमें तो उठकर खड़े होने की भी ताकत नहीं बची थी, पूरा बदन बुरी तरह दुःख रहा था। मोनी और एक युवती ने आकर मुझे उठाकर गुरूजी के क़दमों में बिठा दिया, गुरूजी ने अपना लिंग निकाल कर मेरे सिर पर रखा, फ़िर उसे नीचे सरकाते हुए मेरे मुँह में डाल दिया। उनके लिंग को मैंने चूस चूस कर खल्लास किया।

फ़िर सब उठ कर उस कमरे से निकल गए, सिर्फ़ मैं मोनी और एक लड़की बची थी।

मोनी ने मुझे उठाकर मेरे बदन को पोंछा और मुझे मेरे कपड़े पहनाए, मुझे मेरी कार की पिछली सीट पर बैठा कर एक शिष्य मुझे मेरे घर तक छोड़ आया। मेरे पति जीवन लाल काम पर जा चुके थे, इसलिए मैं बच गई।

मैं घर आकर ख़ूब नहाई और खाना खाकर जम कर नींद ली। अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाया क्योंकि कुछ बचा ही नहीं था उसके लिए।

शाम तक एकदम तरोताज़ा हो गई थी और बन-संवर कर माथे पर सिन्दूर और मंगलसूत्र को ठीक कर अपने पति के आने का इंतज़ार करने लगी ! Hindi Porn Stories

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