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Massage Girl in South Tripura: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in South Tripura who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in South Tripura that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The South Tripura massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in South Tripura who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your South Tripura massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This South Tripura massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in South Tripura who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in South Tripura employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in South Tripura helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in South Tripura

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in South Tripura at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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दोस्तो! सनी का आप सब को फ़िर से खुली गांड से प्रणाम! Hindi Porn Stories

दोस्तो, अब तक मैं अपनी Hindi Porn Stories चुदाई के दो किस्से लिख चुका हूँ, पहली बार गांड किस तरह सुनसान बाग़ में एक बिहार से पंजाब में काम करने आए हुए एक मोची से करवाई, फ़िर दूसरा लंड भी मोची के साथ में ही कमरे में रहने वाले उसके ही एक दोस्त से उसकी गैर मौजूदगी में लिया।

और फ़िर एक बार आपके सामने अपनी एक और चुदाई पेश करने जा रहा हूँ, तो वैसे भी मैं लड़की ही बन गया हूँ मुझे अलग अलग लंड लेने का चस्का पड़ गया है।

मेरे पापा का दिल्ली से कपड़े ला कर पंजाब में बेचने का है, अब उनके ठीक न होने की वजह से मुझे जाना पड़ता है।

दिल्ली से वापिस आने के लिए इस बार भी मुझे रात को ट्रेन लेनी थी मैंने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस पकड़ ली। मैं खिड़की के पास अपना बैग रख बैठ गया।

गाजियाबाद स्टेशन से सहारनपुर तक के काफी लोग चढ़ आए। डिब्बा दिल्ली से पीछे से ही भर के आया था।
लगता है बिहार के मर्दों के लंड मेरी गांड की किस्मत में ज्यादा हैं, मेरठ केंट से दो हट्टे-कट्टे फौजी डिब्बे में घुसे।

पैर पे पैर पहले से चढ़ रहे थे, मैं उनके आगे खड़ा था, पहले ही गांड घिसा के मजे ले रहा था, दोनों ने शॉल औढ़ रखे थे।
मेरी गांड उनमें से एक के लंड पे पूरी तरा दबाव डाल रही थी उसका लंड सॉलिड लगा।

उसने पहले ध्यान नहीं दिया पर मुझे कुछ होने लगा, गांड में खुजली मचने लगी।
मैंने गांड को पीछे धकेला और उसके लंड पे घिसा दिया।

उसको अब लगा कि यह माल ही है, उसका अकड़ने लगा।

मैंने फ़िर से गोल गोल गांड को गोल गोल तरीके से घिसाया अभ उसको विश्वास होने लगा कि मैं ख़ुद गांड घिसा रहा हूँ।

उसने मेरी लोई में हाथ डाल अपनी ऊँगली मेरे लोअर के ऊपर से ही मेरी गाण्ड में डाल दी।
मैंने कुछ कहने की बजाये ख़ुद गांड को उसकी ऊँगली की तरफ़ धकेला जिससे ऊँगली अच्छी तरह घुस जाए।

उसने पीछे खड़े दूसरे फौजी को सब बता दिया, दूसरा वाला भी मेरे पीछे ही खड़ा हो गया।
पहले वाले ने ऊँगली देनी चालू रखी दूसरा पास आ बोला- बहुत भीड़ है!

मैंने कहा- हाँ!
‘कहाँ से हो?’
मैंने कहा- पंजाब!

‘ओह हमें भी अमृतसर जाना है, फ़िर तो पूरे सफर के साथी हो।’
पीछे वाला कान के पास आकर बोला- अच्छा लग रहा है?
बहुत अच्छा!

इतनी भीड़ में नीचे किसी का ध्यान न था। दूसरे वाला मेरे सामने खड़ा हो गया।
उसके और मेरे चेहरे में बहुत कम फासला था।
हवा में चुम्बन देकर आंख मारते हुए मेरा हाथ पकड़ अपनी लोई में ले गया उसने जिप खोल मेरा हाथ अपनी पैंट में घुसा दिया, मैं उसका लण्ड सहलाने लगा।

पीछे वाला अन्दर हाथ डालना चाहता था लेकिन मैंने आगे से इलास्टिक की गांठ खोल दी। उसने इलास्टिक खींच ली और मेरा लोअर नीचे खिसका मेरी गांड पे हाथ फेरने लगा, थूक लगा ऊँगली डाल दी।
आगे वाले के लंड को मैं प्यार से सहला रहा था।

तभी सहारनपुर आने वाला था, आधे से ज्यादा डिब्बा यहीं खाली होने वाला था।
लोग सीट से उठ खिड़की की तरफ़ बढ़े, हम तीनों कपड़े ठीक कर साइड पे खड़े हो गए।
काफी सीट खाली हुई लेकिन कोई तीन लोगों का एक साथ बैठने वाली नहीं।

ट्रेन चली, हम तीनों बैठ गए अलग अलग! मायूस!

तभी आधे घंटे में जगाधरी आया और डिब्बा लगभग खाली ही हो गया, बैठने क्या लेटने के लिए एक केबिन तो पूरा खाली था।

इसके बाद सीधा अम्बाला में गाड़ी रुकनी थी, हमने बैग सीट पे रख लिए।
उनमें से एक ने अपना बिस्तर-बंद खोल नीचे फ़र्श पर बिस्तर लगा लिया।
दोनों एक तरफ़ मुँह कर लेट गए।
मैं बीच में उनकी पैर की तरफ़ मुँह करके लेट गया। मैं इकट्ठा सा हो अपना मुँह उनकी जांघों तक ले आया।

दोनों ने लंड निकाल रखे थे, मैं आराम से चूसने लगा।
उन दोनों ने मेरी गाण्ड नंगी कर दी और सहलाने लगे।
वो बोला- यार तेरी गांड मारनी है, कैसे मारूँ? यह चूसना वगैरा तो अन्दर छिप के हो जाता है।

तभी हमने फैसला किया कि सामने वाली सिंगल सीट पे उनमें से एक बैठेगा ताकि कोई आए तो वो बोल दे!

मैं उल्टा होकर लेट गया, पूरा घोड़ा नहीं बना। गांड थोडी सी ऊपर कर दी, उसने पीछे से अपना मजबूत लंड को थूक लगा धक्का दे थोड़ा अन्दर किया।
फौजी का लंड था, फाडू तो होगा, मैंने सह लिया।

उसने अहिस्ता से सारा पेल डाला और चोदने लगा।
मैं भी गांड धकेल धकेल के चुदने लगा।

दूसरा उठा और पूरे डिब्बे का मुआयना करके आया, सामने घुटनों के बल बैठ गया। मैंने उसका लंड मुँह में लिया। अब मैं पीछे से गांड आगे से मुँह चुदवा रहा था।

तभी उसने तेज धक्के मारने चालू किए, किसी के आ जाने के डर से उसने जल्दी ही अपना सारा गाढ़ा माल धार से उगल दिया।

तभी दूसरे वाला पीछे आया, पहला फ़िर डिब्बा देखने गया। दूसरे वाले ने मुझे अपने लण्ड पे बिठा लिया और मैं उछल उछल के चुदने लगा। हाय! क्या लण्ड है तेरा! फाड़ डाल आज मेरी गांड! लगा दे फौजी वाला दम!

उसने एक दम से मुझे अपने नीचे डाल लिया, दोनों टांगें कंधों पे रख कर चोदने लगा।

मुझे यह तरीका सबसे अच्छा लगता है क्यूंकि नंगे मर्द के नीचे लेटने से मुझे बहुत सुख मिलता है।

यह ज़बरदस्त खिलाडी था ज़ोर ज़ोर से चोदते चोदते उसने एक ज़बरदस्त धक्का मारा और सारा पानी मेरी गांड में डाल दिया, मेरे ऊपर लुढ़क गया।

हम तीनों ने अपने कपड़े ठीक किए। वैसे भी लुधियाना आते ही डिब्बे में चाय वाले घुस गए। हमने चाय पी, दोनों ने मुझे अपने बीच बिठा रखा था मुझ से लण्ड सहलवा रहे थे।

ट्रेन चलते ही, अब यह जालंधर रुकेगी, दोनों ने मुझे फ़िर से पकड़ लिया और चोदने लगे। दूसरे वाले को ज्यादा मजा आ रहा था तभी उसने लगतार दो शिफ्ट लगाने की सोची। दोनों मुझे एक एक बार फ़िर चोदने के बाद भी नहीं रुके, बोले- अब अमृतसर रुकेगी!

मैंने सोचा- ले सनी! तेरी गांड तो ये दोनों सुजा के घर भेजेंगे। वो थे ही इतने हट्टे-कट्टे!

ब्यास से ट्रेन चली ही थी कि दोनों ने फ़िर लण्ड निकाल लिए। अब कोई कम्बल नहीं था। वो दोनों सीट पे बैठ गए, मैं नीचे घुटनों पे बैठ बारी बारी से दोनों के लंड चूसने लगा। इस बार मैंने दोनों बाहें सीट पे रख गांड उनकी तरफ़ घुमा ली, उसने डाल दिया।

अमृतसर आने तक रेल में वो मेरी गांड की रेल बना रहे थे। रात के साढ़े दस बजे से उनके लंड कभी मेरे हाथ में, कभी मुहं में, कभी गांड में!

दोनों ने मुझे बहुत ज़ोर लगाया कि मैं उनके साथ केंट में उनके क्वार्टर में चलने का।

मैंने कहा- अपने मोबाइल नम्बर दे दो, मैं कॉल कर लूँगा, तभी प्रोग्राम बना के में आपके सरकारी क्वार्टर में चुदने आ जाऊँगा।

दोनों ने मिलकर मुझे वो सुख दिया जो एक हफ्ते से मेरी गांड को नहीं मिला था। मेरी गाण्ड की सारी खुजली मिटा डाली।

जाते वक्त बोले- और भी लंड तेरी गांड में घुसवाएँगे!

दोस्तो, यह थी मेरी एक और चुदाई की कहानी! Hindi Porn Stories

Hindi Porn Stories

मैं बताना चाहूंगा कि मेरे अब तक के Hindi Porn Stories अनुभव के आधार पर आज तक मैंने कई कॉलगर्ल, रिश्तेदारी में, पत्नी, गर्लफ्रेण्ड आदि के साथ चुदाई कार्यक्रम किये, मगर चुदाई कार्यक्रम के दौरान ना तो उनके मुंह से कोई अश्लील भाषा निकली और ना ही मेरे मुंह से ! तो कैसे मान लूं कि चोदते वक्त अगर अश्लील भाषा का प्रयोग किया जाये तो औरत और मर्द दोनो में उत्तेजना बढ़ती है। अश्लील भाषा का प्रयोग चोदते समय तो कतई नहीं करना चाहिये, उत्तेजना बढ़ने के बजाय हो सकता है कि शिथिलता आ जाये।

खैर ……. दोस्तो, आज नई कहानी लेकर आया हूँ !

मेरी पत्नी घर के काम काज के मामले में बहुत ही आलसी है, कभी कभी मुझे उस पर बहुत ही गुस्सा आता है, मगर फिर भी मैं जानबूझ कर उसे कुछ नहीं कहता।

मेरे ससुराल में शादी थी तो मुझे भी वहां जाना था। वहां पर बहुत से रिश्तेदार आये थे, वहां मेरी पत्नी ने अपनी एक रिश्तेदार से मिलाते हुए कहा- इसका नाम चांदनी हैं और हम इसको परीक्षा के बाद अपने पास ही रखेंगे।

जब मैंने उस लड़की को देखा तो सच में देखता रह गया। उसके बोबे क्या माशा अल्लाह, और काया गजब अति सुन्दर काया थी उसकी, कि जो भी उसको देखे, देखता ही रह जाये।

अचानक मेरी पत्नी की आवाज ने मुझे झकझोर दिया कि कहां खो गये।

मैंने कहा- कहीं नहीं।

मेरी पत्नी ने मुझे धीरे से कहा- अगर तुम नहीं चाहते उसको अपने यहां पढ़ाना ! तो मैं मना कर देती हूँ।

मेरे मन में तो लड्‌डू फ़ूट रहे थे, मैं कब मना करने वाला था, मैंने कहा -नहीं-नहीं मुझे कोई एतराज नहीं।

जब तक मैं ससुराल में रहा तब तक मैं मजाक ही मजाक में उसके स्तन दबा देता, या नाजुक अंगों से छेड़छाड़ कर देता तो वह हंसकर भाग जाती।

जब मैं वापस अपने शहर आया तो मुझे उसकी याद आने लगी, मगर मैं अपने मुंह से कुछ नहीं कहना चाहता था क्योंकि पत्नी को शक होने का डर था। पर ऊपर वाला शायद एक बार फिर मुझ पर मेहरबान था।

मेरी पत्नी ने ही आगे होकर उसके शहर जाकर उसे लाने के लिये कहा। मेरा मन तो गार्डन-गार्डन हो गया।

मैं व मेरी पत्नी उसके शहर गये और उसे ले आये। अब तो बस मौके की तलाश थी। वाह री किस्मत मेरी पत्नी को फिर अपने ससुराल २-४ दिन के लिये जाना था। पहले तो मेरी पत्नी ने कहा- मैं चांदनी को भी साथ ले जाती हूँ। फिर उसने खुद ही विचार बदल दिया कि वह बेकार परेशान होगी, २-४ दिन की ही तो बात है। मैं और चांदनी मेरी पत्नी को छोड़ने सुबह ६ बजे ही रेलवे स्टेशन गये और उसे छोड़ कर वापस आये।

चांदनी ने आते ही कहा- जीजू चाय पीकर जाना !

मैंने उसका हाथ पकड़ कर बिस्तर पर खींच लिया और मस्ती करने लगा। यह सब ऊपर की मस्ती मजाक तो मेरी पत्नी के सामने भी करता था, मगर आज तो बस उसे चोदने का मन बना हुआ था।

मैंने कहा- चांदनी, चाय-वाय बाद में बनाना, आओ थोड़ी देर बैठो तो।

उसने कहा- जीजू, क्या बात है, विचार तो नेक हैं, आपके?

मैंने कहा- विचार तो आपके जीजू के हरदम ही नेक होते हैं, बस आप ही नहीं समझती।

और मैं अपने हाथों को उसके शरीर के नाजुक अंगों पर फिराने की कोशिश करने लगा। मैंने उसके वक्ष को पीछे से हल्के से दबाया तो वह कुनमुना गई और छुटने की नाकामयाब कोशिश करने लगी। आज मुझे लग रहा था कि चांदनी भी मुझसे चुदवाने को बेताब है। मैंने जब उसकी तरफ से मौन इशारा समझा तो अपने हाथों को धीरे-धीरे उसके नाभि-मण्डल पर ले गया और मेरे होंठों ने भी अपना काम चालू कर दिया था। मेरी तरफ उसकी पीठ होने के कारण मैंने उसकी गरदन को अपनी तरफ घुमाकर उसके होंठों का रसस्वादन करने लगा। अब मेरा हौंसला भी बुलन्द होने लगा।

मैंने उसके कुर्ते को थोड़ा ऊपर किया तो उसने कहा- नहीं जीजू यह सब नहीं ! अगर किसी को मालूम हो गया तो?

मैंने चांदनी को समझाते हुए कहा- देखो जान ! इस घर में मेरे व तुम्हारे अलावा कोई नहीं है, तो किस को मालूम होगा और कौन बतायेगा कि हमने क्या किया।

चांदनी मेरा मतलब समझ गई और चुप हो गई। अब मैं भी बिन्दास हो गया और चांदनी की कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर बोबों को दबाने व सहलाने लगा। चांदनी का पहला चुदाई कार्यक्रम था तो उसमें डर और मजा दोनों का समावेश था।

उसके मुख से रह रहकर सिसकारियाँ निकल रही थी- आ….ह…….. जीजू……………

मैंने चांदनी की कुर्ती को एक झटके में शरीर से अलग कर उसकी ब्रा को खोल दिया और बोबों को मुँह में लेकर चूसने लगा।

चांदनी मदहोशी में आंखे बंद किये ही कहने लगी- जीजू ! ऐसे क्या करते हो !

तो मैंने कहा- चांदनी अभी तो बाकी है ऐसे-वैसे सब करेंगे, तुम बस महसूस करो और मजा लो।

बोबों को चूसते हुए उसके नाभि-स्थल तक होंठों को फिराता हुआ लाया, नाभि से नीचे जाना चाह रहा था, मगर चांदनी का नाइट पायजामा और पेंटी दीवार बन कर खड़े थे। इधर चांदनी मेरी पीठ को सहला रही थी। मैंने चांदनी की पैंटी और पायजामा एक बार में ही खोल दिया और अपना मुँह चांदनी की गुलाबी चूत पर ले गया, चांदनी की गुलाबी चूत पर नाम मात्र के मुलायम बाल थे जो उसकी गुलाबी चूत की पहरेदारी कर रहे थे।

मैंने अंगूठे से उसके पहरेदारों को एक तरफ किया और उसकी गुलाबी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। उसकी सिसकारियाँ लगातार जारी थी- जी……जू……….ये क्या……….कर रहे……. हो……….आ.हहहहहह जी…..जू………मजजजजजा आाा ररररहा हैं औररररर जोर सेससस चाटटो नााा

गुलाबी चूत से रिस रिस कर नमकीन पानी निकल रहा था, उसे चाटने में मुझे भी मजा आ रहा था और शायद अब चांदनी को भी मजा आने लगा था। चांदनी अपनी गांड उठा उठा कर मुखचोदन करा रही थी।

आधे घण्टे तक चूत चाटने के बाद हमारे लण्ड महादेव भी हुंकारने लगे और अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को व्याकुल होने लगे। मैंने अपने कपड़े उतारे और अपना लण्ड निकाल कर चांदनी के हाथ में दे दिया।

वह लण्ड देखते ही चिल्ला उठी- ये क्याऽऽऽ ?

मैंने कहा- लण्ड।

बोली- इतना बड़ाऽऽ? मैं मर जाऊंगी जीजू ! नहीं मुझे छोड़ दो !

मैंने उसे समझाया- जानू, तुम्हारी जीजी भी तो इसे लेती हैं, वो तो नहीं मरी। इसे मुँह में लो ! तुम्हें मजा आयेगा !

वह ना ना करती हुई मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेने लगी। धीरे धीरे आधा लण्ड मुँह में लेने के बाद मैंने उसके मुंह को चोदना चालू कर दिया। लण्ड चूसने में अब चांदनी को भी मजा आ रहा था। वो अब लण्ड को लॉलीपाप की तरह चूसने लगी। मैं पॉजीशन बदलते हुए ६९ की पॉजीशन में आ गया और अब वो मेरा लण्ड और मैं उसकी चूत चाटने लगा। करीब २०-२५ मिनट में चांदनी दो बार स्खलित हो गई और मैं अब होने वाला था।

और मैं……….. ये ……..गया वो गया……… और अपना सारा माल उसके मुँह में उड़ेल दिया। और फिर आपस में चिपक कर हांफने लगे।

थोड़ी देर बाद अचानक अपने लंड पर किसी के स्पर्श से मैंने आंखे खोली तो देखा कि चांदनी उससे खेल रही है और उसे खड़ा करने की कोशिश कर रही है। मेरे आंख खोलते ही मुझे अर्थपूर्ण दृष्टि से देखा। मैं समझ गया कि अब मेरी साली को जीजू से क्या चाहिये।

मेरा लण्ड कब पीछे रहने वाला था, उसने तुरन्त सलामी ठोक दी और चूत पर जाकर पहरेदारों से भिड़ गया। आखिर जीत मेरे लण्ड की हुई और सारी दीवारें तोड़ता हुआ चांदनी की अनछुई गीली, चिकनी चूत में धीरे-धीरे प्रवेश करने लगा क्योंकि मुझे मालूम था कि चांदनी पहली बार चुदने वाली हैं।

जैसे ही लण्ड ने संकरे रास्ते में प्रवेश किया, चांदनी ने रोक दिया- नहीं जीजू ! दर्द हो रहा है ! और चिल्लाने लगी।

मैंने सोचा अगर चांदनी की बातों में आ गया तो सारा किया धरा रह जायेगा और मैंने तुरन्त चांदनी के होंठों पर कब्जा कर एक लण्ड की तेज ठोकर लगाई और उसकी चिल्लाहट को होंठों से दबा दिया।

मैंने महसूस किया कि लण्ड पर खून का फव्वारा छुट गया और वह हाथ पैर मारने लगी, मगर मैं अपने हाथों से उसके स्तनों को सहलाते हुए और होंठों से अब गाल, कान, गरदन वगैरह चूम कर उसे दिलासा देने लगा और धीरे धीरे लण्ड को अंदर बाहर करने लगा। उसका प्रतिरोध अब कम होता नजर आया और अब शायद उसे भी मजा आने लगा इसलिये गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी और मुंह से अनाप शनाप आवाजें निकालने लगी- जी……जू चो…….दो मुझे………….. चोद………..डालो ! वगैरह वगैरह।

लण्ड और चूत की लड़ाई चालू हो गई थी, या यूं कहिये आपस में शास्त्रीय संगीत की प्रतिस्पर्धा चालू हो गई हो। क्योंकि लण्ड जैसे ही अन्दर जाता तो तबले पर पड़ने वाली थाप की आवाज आती और चांदनी के मुँह सिसकारियाँ निकलती। मतलब कि उस वक्त सरगम बज रही थी।

१५-२० मिनट बाद मैंने चूत में लण्ड डाले डाले ही उसे घोड़ी बनाया और फिर चालू हो गया। इस दरम्यान वो २-३ बार झड़ चुकी थी मगर मेरा अभी ठिकाना नजर नहीं आ रहा था।

मगर घोड़ी की पोजीशन में आते ही मुझे लगने लगा कि अब ज्यादा देर नहीं टिक सकूंगा और मैं भी १५-२० धक्कों के बाद उस पर ढेर हो गया और अपना सारा माल उसकी कोमल चूत में बहा दिया।

देर बाद जब हम उठे तो उसकी नजर बिस्तर पर गई जहां खून ही खून और वीर्य उसका और मेरा दोनों का पड़ा था, जिसे देख कर वह डर गई और रोने लगी- जीजू ! यह क्या हुआ ? इतना खून निकल गया।

मैंने कहा- साली साहिबा ! यह सब तो पहली बार में होता ही है ! और समझाने लगा।

मैंने उस दिन ऑफिस फोन कर छुट्‌टी ले ली और उस दिन और उसके बाद जब तक मेरी पत्नी नहीं आई तब तक मैं चांदनी को लगातार चोदता रहा कभी घोड़ी-कुतिया तो कभी किचन में एक टांग पर। कुल मिलाकर चांदनी के साथ बिताये वो हर पल आज भी मेरी आंखों के सामने आते हैं तो बस उसे चोदने की इच्छा जागृत हो जाती है।

उसके बाद हमें जब भी दिन में, रात में या जब भी मौका मिलता हम एक हो जाते। अब वो हमारे साथ नहीं रहती ! वो अपने घर चली गई, मगर उसकी याद अब भी दिल में बाकी है।

यह कहानी आपको कैसी लगी, मेल करें।

चोदे, चुदायें और लाइफ बनायें। Hindi Porn Stories

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मैं बारहवीं क्लास का Hindi Porn Stories लड़का हूँ मेरी उम्र बीस साल हैं मेरा लंड आठ इंच का है। मेरा शुरू से ही आकर्षण लड़कियों से ज्यादा लड़कों में रहा हैं क्योंकि मुझे उनकी टाइट गांड मारने में मुझे मज़ा आता है। मैं 3-4 बार अपने दोस्त अभिषेक (झारखण्ड) की भी मार चुका हूँ लेकिन उसके बारे में मेरी अगली कहानी बताऊंगा। अभी मैं अपनी और मेरे भाई अविचल के कांड की कहानी बताता हूँ।

हम फरीदाबाद के रहने वाले हैं। मैं छुट्टियों में कुछ दिनों के लिए अपने चाचा से मिलने जयपुर गया हुआ था।वहाँ मैं मेरे चाचा और उनका बेटा अविचल से मिला। अविचल 19 साल का हो गया था और काफी वासना भरा भी लग रहा था। वो आई आई टी की तयारी कर रहा था।पहली नजर में ही उसकी सेक्सी गांड देख कर मुझे उसकी गांड मारने की इच्छा हुई और मैंने मन ही मन ठान लिया था कि मैं उसकी गांड मार कर ही रहूँगा। मैं वहाँ पर दस दिनों के लिए गया था और उसी वक्त में मुझे कुछ करना था। हम पहले भी कभी मिलते थे तो एक दूसरे का मुठ मारते थे इसलिए मुझे मंजिल ज्यादा मुश्किल नहीं लग रही थी।

एक दिन मेरे चाचा काम से गए हुए थे, हम दोनों घर पर अकेले थे। मुझे वो वक्त बात बढ़ाने के लिए सही लगा। मैंने उसे पहले पुरानी बातों को याद दिलाने की कोशिश की।

मैं उससे बोलने लगा- और अविचल, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या ?

उसने थोड़ा शरमाते हुए कहा- नहीं, लेकिन मैं गर्लफ्रेंड बनाना चाहता हूँ !

तो मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे लिए गर्लफ्रेंड पटवा सकता हूँ लेकिन तुम्हें मेरा एक काम करना पड़ेगा।

उसने खुश होते हुए मुझसे कहा- आप जो बोलेंगे मैं वो करूँगा, अगर करने लायक हुआ तो !

मेरी बात बनने ही वाली थी कि इतने में किसी ने घंटी बजाई। अविचल ने जाकर देखा तो मेरे चाचा आ चुके थे। मुझे उस वक्त अपनी किस्मत पर बहुत गुस्सा आया। उस दिन तो मैं मन मार कर रह गया और मुठ से ही संभाला मैंने अपने आप को !

लेकिन अगले दिन जब मेरे चाचा गए तो अविचल मेरे पास आया और उसने मुझसे बोला- भैया, कल आप मुझसे कुछ कह रहे थे ?

मैंने जब उसे यह कहते हुए सुना तो मुझे लगा कि शायद यह भी वासना का शिकार है। मैंने उससे कहा- हाँ, मुझे तुमसे कुछ काम है, याद हैं जब अपन पहले मिलते थे तो एक दूसरे का मुठ मारते थे और एक बार मैंने तुम्हारे मुँह में देने की कोशिश की थी और तुम छटपटाने लग गए थे।

वो थोड़ा शरमा गया और मुझसे बोला- आप क्यों गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हो?

फिर मैं धीरे धीरे उसकी उत्तेजना बढ़ाने के लिए उससे सेक्सी सेक्सी बातें करने लग गया। फिर हम दोनों मेरे मोबाइल पर साथ साथ ब्लू फिल्म देखने लग गए। मेरा लंड नब्बे डिग्री पर खड़ा हो गया लेकिन उसके लंड पर कोई असर ही नहीं था। लेकिन वो मचलने लग गया। तब मुझे पता चल गया कि साला अविचल तो नपुंसक है। उसके मचलने से मुझे लगा कि उसकी गांड मराने की प्रबल इच्छा हो रही है। तब शाम होने वाली थी, मैंने उससे पूछा- क्या तुम पहले की तरह मेरा मुँह में लेना चाहोगे?

उसने मुझे देखा और बोला- मैं तो कब से मौके की तलाश में था !

और उसने आगे से मेरे पैंट की चैन खोली और मेरे लंड को चड्डी के ऊपर ही मसलने लग गया। मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। उसने मेरा अंडरवीयर खोल दिया और मेरा लंड तुंरत उसने मुँह में ले लिया और कुत्ते की तरह चाटने लग गया। मेरी उत्तेजना चरम सीमा पर थी और थोड़ी देर में मैंने अपना रस उसके मुँह पर छोड़ दिया और वो उसे गटक गया और गाल पर टपकी बूंदे हाथ में लेकर चाट गया।

अब शाम हो गई थी और चाचाजी भी आ गए थे। अगले दो दिनों तक चाचाजी छुट्टी पर थे तो हम दोनों को मौका नहीं मिला। मगर जब दो दिन बाद चाचा ऑफिस गए तो हम दोनों उसके कमरे में चले गए। अब हम दोनों ने टीवी पर ब्लू फिल्म देखना चालू कर दिया। थोड़ी देर बाद हम दोनों की उत्तेजना बढ़ गई, हम दोनों ने एक दूसरे के साथ मस्ती शुरू कर दी। फिर हम एक दूसरे को 15 मिनट फ्रेंच किस करने लग गए।

अब हम दोनों की उत्तेजना बहुत बढ़ गई थी। मैंने अपने कपड़े उतार दिए और वह मेरा मुँह में लेने लग गया। मुझे उसके मुँह में देने में अत्यंत आनंद मिल रहा था।

थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा- तुम भी अपने कपड़े खोल दो !

तो उसने थोड़ा शरमा कर कहा- मुझे शर्म आती है, मैं नपुंसक हूँ !

तो मैंने कहा- वो तो मुझे पहले ही पता चल गया था ! तुम्हें शर्माने की कोई जरुरत नहीं है, मैं तुम्हें दूसरा ही मजा दूंगा !

उसने थोड़ी नाटकबाजी के बाद कपड़े खोलने शुरू कर दिए। फिर वो पापी मेरा मुँह में लेने लग गया। थोड़ी देर बाद जब मेरी उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ़ने लग गई तो मैंने कहा- अविचल, अब मुझसे नहीं रहा जाता ! अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है !

तो उसने कहा- अब मैं भी चरम सीमा पर हूँ, पर तुम्हारा इतना मोटा लंड है, मेरी तो गांड फट जायेगी !

तो मैंने उसे समझाया- शुरू में थोड़ा दर्द होगा लेकिन बाद में मज़ा बहुत आयेगा।

तब उसने बोला- अब तुम मेरी गांड में अपना यह औजार घुसा ही दो !

और वो घोड़ी बन गया। जब वो घोड़ी बना तो मैंने देखा कि उसकी गांड का छेद तो पहले से ही खुला हुआ था। मेरे पूछने पर उसने बताया कि एक बार उसके तीन करीबी दोस्त विकास, धरमवीर और रजत ने उसकी जबरदस्ती गांड मार दी थी लेकिन उसे मज़ा बहुत आया था।

फिर मैंने बात वहीं पर ख़त्म कर के उसकी गांड में एक झटका मारा, मेरा सिर्फ सुपारा ही घुसा था कि उसकी चीख निकल गई, वो चिल्लाने लग गया लेकिन मैंने बिना कोई दया दिखाए उसकी गांड में एक और झटका दिया और मेरा लंड पूरी तरह उसकी गांड में घुस गया।

उससे सहन नहीं हो रहा था, वो चिल्लाया- आआआआ उइउइ उउइउइउइउइउइ मादरचोद ! मेरी तो तूने गांड ही फाड़ डाली ! साले मैं तेरी माँ चोद दूंगा !

लेकिन उसने मेरे लंड को हटाने की कोशिश भी नहीं की। शायद उसे पता था कि बाद में उसे अत्यंत मज़ा आने वाला है।

मैंने अब उसकी गांड मारनी शुरू कर दी। शुरू में तो वह बहुत चिल्लाया लेकिन फिर वो मेरा साथ देने लग गया और उसकी उत्तेजना भी बढ़ने लग गई। अब वह बोल रहा था- मादरचोद, चोद मुझे ! आज फाड़ दे मेरी गांड ! आआआआ उईउइउइउइउ मादरचोद और जोर से मार मेरी गांड ! साले तेरी माँ को भी ऐसे ही चोदता है क्या? भेन के लौड़े, फाड़ दे आज मेरी ! ऐसे कि बेसबाल का डंडा भी आराम से घुस जाये !

उसकी ऐसी उत्तेजना भरी बातें मुझमें और जोश भर रही थी। थोड़ी देर तक डट कर गांड की चुदाई करने के बाद मैंने लंड बाहर निकाल के उसके मुँह में छोड़ दिया और वो उसे पी गया।

उस दिन मैंने उसकी तीन बार गांड मार दी और बाकी दिन तक उसकी हर दिन गांड मारी।

यह थी मेरी कहानी। Hindi Porn Stories

प्रेषक – राहुल छेड़ा Hindi Sex Stories

अन्तर्वासना के पाठकों को Hindi Sex Stories पुलकित झा का नमस्कार। घरेलू कहानियों के शौकीन पाठकों के लिए हाज़िर है एक और मस्त कहानी…

जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूँ कि मेरी कहानियाँ मेरी कल्पनाओं पर आधारित हैं, परन्तु पाठकों ने इन्हें इतना पसन्द किया कि मैं फिर एक नई कहानी पेश कर रहा हूँ।

मेरे पिताजी का तबादला हो गया और हम एक नए शहर में आ गए और एक साधारण से मुहल्ले में किराए पर रहने लगे। मुझे अपने से बड़ों से दोस्ती करने का शौक था सो मेरी दोस्ती राजन और रमेश से हो गई। वे दोनों दीदी के कॉलेज में ही पढ़ते थे और बिगड़े हुए रईसज़ादे थे। दीदी बस से कॉलेज जाती थी। कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा फिर एक लड़का दीदी के पीछे पड़ गया और उसने दीदी को छेड़ना शुरु कर दिया।

दीदी बहुत परेशान रहने लगी, फिर एक दिन मुझे बता दिया। मैंने राजन से इस बारे में बात की तो उन्होंने उस लड़के को पीट दिया, और कुछ दिन तक दीदी के आने-जाने पर भी नज़र रखी। कॉलेज में भी वे उसका ध्यान रखने लगे। इधर मेरी दोस्ती भी उनके साथ बढ़ने लगी। मैं जब भी उनके साथ होता था तो अक्सर सेक्स की, विशेष रुप से घरेलू सेक्स की बातें करते थे। मुझे बहुत मज़ा आता था।

उनकी बातों से प्रेरित होकर मैंने दीदी के लिए ताक-झाँक करनी शुरु कर दी, और फिर एक दिन बाथरूम में उसे नंगी नहाते हुए देखा। पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा… आआआहहहह्हहहह… नंगी तस्वीरें तो बहुत देखी थीं, पर वास्तविक लड़की… आआहह्हह। फिर मैंने बार-बार झाँकना शुरु कर दिया। मुझे यह हज़म नहीं हो रहा था। अब जब भी राजन और रमेश बातें करते थे, उसकी चूत-गाँड-चूचियाँ मेरी आँखों के सामने तैरने लगती थीं। राजन और रमेश ने इसे ताड़ लिया। अब वे मुझे अपनी बातों में अधिक शामिल करने लगे और मैं भी खुल गया और बातों ही बातों में उन्हें बता दिया।</p

“अरे वाह, तू तो बड़ा छुपा रुस्तम निकला…! ” राजन ने मेरी पाठ पर एक धौल जमाते हुए कहा।

“तुम लोग ऐसी बातें करते हो, तो मेरा मन फिसल गया…”

“अरे बहुत बढ़िया किया… हाय… कुँवारी चूत को आँखों से चोद रहा है….” रमेश बोला।

“यार कुछ भी कहो… तेरी बहन है माल… शरीर पर बाल हैं या चिकनी-चिकनी एक दम…”

“तू कहे तो चोद लें…”

“बात करना अलग बात है… ऐसी लड़की नहीं है वो…” मैंने कहा, तो वे दोनों मुस्कुराए।

“अब जब बात खुल ही गई है, तो तुझे बता दें कि पटा तो हमने लिया है उसे… पर तेरा लिहाज़ था सो हमने बात बढ़ाई नहीं है…” राजन ने कहा।

“वरना, वो तो कब से टाँगें फैलाए लेटी है हमारे लिए…” रमेश हँसते हुए बोला।

“शट अप… वो ऐसी नहीं है… मैं नहीं मानता…”

“तू अगर शर्त लगाए तो तेरे सामने चोद के दिखा दें…”

“शर्त मतलब…?”

“हम जीते तो तू हमें अपना जीजा मान लेना।”

????????

“और फिर हम तेरे घर में आकर ही उसे चोदा करेंगे!!!!” राजन ने कहा।

मुझे उनकी बातें बुरी नहीं लग रहीं थीं, पर बनावटी नराज़गी दिखाते हुए मैंने उनकी शर्त मान ली। फिर कुछ दिनों तक हमारे बीच कोई बात नहीं हुई। फिर एक दिन शाम को सात बजे राजन का फोन आया और उसने मुझे साढ़े आठ बजे कॉलेज की कैन्टीन में आने को कहा। दरअसल उस दिन कॉलेज का वार्षिक महोत्सव था। दीदी शाम छः बजे ही चली गई थी और दस बजे तक आने की कह गई थी। राजन के फोन का मतलब तो मेरी समझ में नहीं आया पर मैं आठ बजकर बीस मिनट पर वहाँ पहुँच गया। राजन बाहर ही खड़ा मिला और मुझे देखते ही अँधेरे कोने में ले गया…

“क्या बात है, मुझे क्यों बुलाया…”

“चुप आवाज़ मत कर… आज हम शर्त जीतने वाले हैं… राजन लेने गया है…” वह कुटिलता से हँसते हुए बोल…।

“किसे…” मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा…।

“तेरी बहन को… साले… आज तुझे अपना साला बनाएँगे…”

“मैं जा रहा हूँ… मुझे अजीब सा लग रहा है…”

“पागल है… आज सीधा प्रसारण देख… और फिर तूने वायदा किया है कि तू हमें सपोर्ट करेगा…”

मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा। तभी राजन दीदी को लाते हुए दिखा। रमेश ने मुझे एक ऐसी जगह छुपा दिया, जहाँ एक खिड़की थी। कमरे में एक बिस्तर था। तभी राजन दीदी को लेकर कमरे में आया। दीदी कुछ सहमी सी तो थी, पर आई अपनी मर्ज़ी से थी। रमेश भी वहाँ पहुँच गया और उसने दरवाज़ा बन्द कर लिया।

“ये कहाँ ले आए हो… कोई आ गया तो मैं बदनाम हो जाऊँगी…” दीदी ने कुछ सहमते हुए कहा तो रमेश ने उसे बाँहों में भींचते हुए कहा…

“चिन्ता मत कर रानी… यहाँ कोई डर नहीं है…”

“नहीं.. यहाँ… नहीं…”

“अब नखरे मत कर… इतने दिनों से मौक़ा तलाश कर रहे थे…” और फिर रमेश ने उसे नंगा करना शुरु किया तो वह कुछ विरोध करने लगी, पर उन्होंने उसकी परवाह नहीं की। राजन भी वहाँ आ गया। रमेश ने उसकी शर्ट उतारी तो राजने ने उसकी जीन्स खोल दी और कुछ ही पल में वह ब्रा और पैन्टी में थी।

मेरी साँसें फूलने लगीं। राजने ने ब्रा भी खोल दी, तो दीदी नीचे बैठ गई। फिर वे भी नंगे हो गए। उनके लंड तने हुए थे। उन्होंने दीदी को उठाया और सीधे बिस्तर पर ले गए और फिर दोनों ओर से लिपट गए। वह ना-ना करती रही और वे उसके अंगों से खेलते रहे। उसे पता भी नहीं चला कि कब उसकी ब्रा-पैन्टी उसका साथ छोड़ गई। थोड़ी देर में वह भी गरम हो गई और फिर उनका साथ देने लगी, तो उन्होंने उसे सीधा किया और फिर पहले राजने ने नम्बर लिया। वह टाँगों के बीच में आया और उसकी टाँग उठा कर अपना लंड उसकी चूत की छेद पर टिका दिया। रमेश इस बीच चूचियों को सँभाल रहा था और दीदी उसके लंड से खेल रही थी कि राजन ने एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया… दीदी की चीख निकलने को हुई कि रमेश ने उसका मुँह अपने होंठों से बन्द कर दिया और फिर राजन पिल पड़ा… वह कराह रही थी, पर वह पूरी ताक़त से चोदे जा रहा था। दो सौ से भी अधिक चोट मारने के बाद वह चूत में झड़ गया। दीदी निढाल सी हो गई। उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया था। रमेश ने उसकी चूत कपड़े से पौंछी तो वह उठ बैठी…

“अब नहीं…”

“अच्छा… अब मेरा नम्बर आया तो नहीं कर रही है…?” चूत पौंछ कर वह बगल में लेट गया।

“थोड़ा रुक कर, कर लेंगे…”

“चिन्ता मत कर, मैं उस राजन की तरह गँवार नहीं हूँ… प्यार से चोदूँगा।”

और फिर वह उसे चूमने-चाटने लगा। जब वह थोड़ी सामान्य हुई, तो वह ऊपर लेट गया और लंड चूत की दरार में रगड़ने लगा। दीदी की चूत फिर गरम होने लगी तो रमेश ने धीरे से लंड चूत में उतार दिया और फिर पहले धीरे-धीरे चोदने लगा। जब वह पूरी तरह से मज़े लेने लगी तो उसने गति बढ़ा दी। वह आह्ह्हह… आह्हहह करने लगी, पर रमेश ने भी पूरी ताक़त से उसकी चूत ठोंकी। वह निढाल हो चुकी थी। वे दोनों भी उसकी बगल में लेट गए तो मैं भाग आया।

दूसरे दिन फिर शर्त के अनुसार मैंने दोनों को जीजाजी कहा। Hindi Sex Stories

अनजान आदमी से फ्रेंड के साथ सेक्स किया हाय फ्रेंड्स मेरा नाम मालविका हैं मेरी उम्र 27 साल हैं और मेरा फिगर 36-34-38 हैं मैं दिल्ली से हूं। मेरे हसबैंड एक बड़े संस्थान में नौकरी करते हैं और मैं भी सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रही हूं। ये मेरी रियल सेक्स स्टोरी हैं। यह मेरी और मेरी कोचिंग की क्लासमेट मीनाक्षी की हैं। हम लोग कोचिंग में हमेशा एक साथ बैठते हैं और वापस घर भी एक साथ ही आते हैं मीनाक्षी की उम्र 30 साल है और उसका फिगर 38 34 40 है वह मेरे से थोड़ी मोटी है और उसके बड़े-बड़े बस और बड़ी-बड़ी गांड मेरे से भी ज्यादा बड़े और सेक्सी लगते हैं। वह कोचिंग में हमेशा टाइट कपड़े पहन कर आती है और कोचिंग के टीचर और बाकी स्टूडेंट उसे घूर-घूर कर देखते रहते हैं। कोचिंग के बाद जब हम घर आते हैं तो कई बार वह मेरे साथ मेरे घर आ जाती है क्योंकि वह भी दिल्ली में अकेले रहकर ही तैयारी कर रही है उसकी फैमिली उदयपुर में रहती है और उसका हस्बैंड कोलकाता में नौकरी करता है। वह सेक्स में बहुत इंटरेस्ट लेती है और मेरे से भी मेरे और मेरे हस्बैंड की सेक्स लाइफ के बारे में रोज पूछती रहती है। एक बार हम कोचिंग से घर आए तो मीनाक्षी और में एक साथ बैठकर पोर्न देखने लगे और पॉर्न मूवी देखते देखते हम दोनों गर्म हो गई थी तो मीनाक्षी मुझे किस करने लगी और मैं भी उसे वापस किस करने लगी और हम एक दूसरे के बूब्स दबाने लगे और वह मेरे कपड़े उतारने लगी और उसने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर दिया और खुद भी पूरी नंगी हो गई फिर वह आई और अपना बूब्स मेरे मुंह में दे दिया और बोली कि तुम इसे जोर-जोर से चूस हो और मैं उसके बूब्स को चूसने लगी वह मेरे बस को दबा रही थी और मैं उसके बूब्स को चूस रही थी कुछ देर बाद उसने मुझे सोफे पर लिटा दिया और मेरी चुत चाटने लगी। वह अपनी जीभ मेरी चुत के अंदर तक डालकर चाट रही थी और मेरे बूब्स को सहला रही थी। फिर उसने मेरे मुंह पर अपनी छूट रखनी और मेरी चुत चाटने लगे हम लोग 69 की पोजीशन में एक दूसरे की चुत चाट रहे थे। कुछ देर बाद हमारी चुत से पानी झड़ गया और हम एक दूसरे से अलग होकर सोफे पर नंगे ही बैठ गए। फिर उसने मुझे कहा कि तुम्हारे पास डिल्डो है क्या तो मैंने कहा नहीं मेरे पास तो नहीं है तो फिर वह बोले कि घर में लंड के जैसा क्या है तो मैंने कहा कि फ्रिज में खीरा रखा है तो वह बोली तो लेकर के आओ फिर मैं किचन में गई और एक लंबा खीरा लेकर आई मीनाक्षी ने मुझे कहा कि तुम्हारे हस्बैंड के कंडोम कहां पड़े हैं तो मैंने कहा कि वह अलमारी के अंदर है तो उसने एक कंडोम लिया और खीरे पर कंडोम चढ़ा लिया। फिर वह सोफे पर टांगे चौड़ी करके बैठ गई और मुझे कहा कि तुम मेरी चुत में खीरे को अंदर बाहर करो मैं उसे लंबे खीरे को अपने हाथ में पकड़ कर मीनाक्षी की चुत में डालने लगी वह बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी इसलिए आहें भर रही थी। 6 7 मिनट तक खीर डालते रहने के बाद उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया था और उसकी चुत में खीरा करने के कारण मैं भी गरम हो गई तो मैं मीनाक्षी से कहा कि साली रंडी तेरा तो पानी छुट गया है अब मुझे कौन शांत करेगा। मीनाक्षी बोली कि तुझे तो रोज रात में तेरे हस्बैंड का लंड मिलता है तुझे खीरे की क्या जरूरत तुम्हें बोली की हस्बैंड तो रात में आकर चोदेगा करीब 5-6 मिनट तक लगातार खीरा डालने के बाद मेरी चुत ने भी पानी छोड़ दिया। फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और खाना खाकर मेरे घर पर ही सो गए। कुछ दिनों बाद हमारा सरकारी नौकरी का एग्जाम जयपुर में होने वाला था मेरा और मीनाक्षी का सेंटर जयपुर में आया तो मैं मेरे हस्बैंड से कहा कि आप हमारे साथ चलोगे क्या तो वह बोले कि मैं नहीं चल पाऊंगा मुझे ऑफिस जाना पड़ेगा तुम और मीनाक्षी एक साथ चले जाओ। फिर मैं थर्ड एसी के दो टिकट बनवा ली है और मीनाक्षी के साथ जयपुर जाने की तैयारी कर ली। मीनाक्षी बोली की दिसंबर का महीना है और जयपुर में दिसंबर के महीने में टूरिस्ट बहुत आते हैं तो हम भी एक-दो दिन बाहर रख कर वापस आएंगे तो मैं एग्जाम के दो दिन बाद वापस दिल्ली आने का टिकट बनवाया। संडे को दिन में हमारा एग्जाम था इसलिए हम शनिवार की रात को दिल्ली से ट्रेन में बैठे और सुबह जयपुर पहुंच गए वहां जाकर हम सीधे होटल गए और वहां से तैयार होकर में मेरे एग्जाम सेंटर की तरफ निकल गई और मीनाक्षी अपने एग्जाम सेंटर की तरफ निकल गई। शाम को पांच बजे तक हम दोनों वापस होटल आए थोड़ी देर हम लोगों ने रेस्ट किया और फिर हम लोग जयपुर सिटी घूमने चले गए। मैं और मीनाक्षी ने टाइट जींस और टाइट टी-शर्ट पहने हुए थे और उसके ऊपर स्वेटर पहने हुए थे जिसमें हमारा फिगर बहुत ज्यादा सेक्सी लग रहा था। लोग जयपुर के मार्केट में घूम रहे थे जो जंतर मंतर के पास था वहां पर बहुत सारे टूरिस्ट भी आए हुए थे वहां पर लोग हमें घूर घूर कर देख रहे थे। काफी देर घूमने के बाद हम लोग खाना खाने एक अच्छे होटल में चले गए वहां पर काफी टूरिस्ट भी खाना खा रहे थे वहां पर सारी टेबल बुक थी इसलिए हमने थोड़ी देर में ही खड़े रहकर वेट किया और फिर हमने देखा कि एक काला अफ्रीकन आदमी बैठा है और उसकी टेबल पर और कोई नहीं बैठा है वह अकेला ही वहां बैठा था तो मीनाक्षी ने उससे पूछा कि क्या हम यहां पर बैठ सकते हैं तो उसे फ्री करने कहा कि हां आप यहां बैठ जाइए। फिर हम लोग वहां बैठ गए और हमने ऑर्डर दिया हमें और मीनाक्षी उससे बातें करने लगे वह आदमी जयपुर किसी बिजनेस मीटिंग के लिए आया था और अकेला ही था वह अमेरिका में रहता था उसका नाम जॉर्ज था बातों ही बातों में उसने बताया कि उसकी उम्र 47 साल है और उसकी वाइफ फ्रांस की है और उसकी उम्र 27 साल है। और उन्होंने लव मैरिज की है। मीनाक्षी ने पूछा कि वह तो आपसे बहुत ज्यादा छोटी है तो लव मैरिज कैसे हुई तो उसने बताया कि वह मेरे ऑफिस में काम करती थी और हमें आपस में प्यार हो गया और हम लोगों ने शादी कर ली फिर उसने अपने फोन में अपनी और अपनी वाइफ की फोटो दिखाई जो किसी बीच पर थी। जिसमें वह दोनों किसी बीच के किनारे खड़े होकर फोटो खिंचवा रहे थे जिसमें उसकी वाइफ बिकनी पहने हुई थी और जॉर्ज ने केवल अंडरवियर पहना हुआ था। फिर जॉर्ज ने हमें पूछा कि आप लोग कहां रुके हो तुम मीनाक्षी ने बताया कि हम यही एक होटल में रुके हैं फिर जोश ने बताया कि वह भी यही पास ही एक होटल में रुका हुआ हैं। फिर खाना खाने के बाद वह भी थोड़ी देर हमारे साथ घूमने लगा और फिर वह बोला कि आप मेरे रूम पर चलो वहां हम लोग थोड़ी देर बातें करेंगे तो मीनाक्षी बोली की हम लोग आज एग्जाम देकर आए हैं और हमें थोड़ी थकान है इसलिए हम जाकर रेस्ट करेंगे तो वह बोला कि वह हमारी थकान उतार देगा मीनाक्षी बोली कि कैसे उतरोगे तो जॉर्ज ने कहा कि जैसा आप कहोगे वैसे आपकी थकान उतार दूंगा वैसे उसकी वाइफ उसकी बहुत तारीफ करती है क्योंकि वह बहुत अच्छी मसाज करता है और आप कहो तो आपकी भी मसाज कर सकता हूं। मैंने कहा कि मसाज की कोई जरूरत नहीं है हम ऐसे ही चलते हैं। फिर हम लोग जॉर्ज के रूम पर आ गए और वहां पर थोड़ी देर रुके और बातें करने के बाद हम अपने होटल के लिए निकलने लगे तो जॉर्ज ने निकलते समय हम दोनों को गले लगाया और बोला कि कल सुबह में आपका इंतजार करूंगा मीनाक्षी बोली कि कल हम लोग जयपुर घूमने का प्लान कर रहे हैं तो वह बोला कि मैं भी आपके साथ घूमना चाहता हूं तो हमने उसे कह दिया कि ठीक है हम तीनों कल एक साथ जयपुर घूम लेंगे फिर हम लोग अपने होटल आ गए। मैंने मीनाक्षी से कहा कि मीनाक्षी मुझे उसे जॉर्ज का इरादा ठीक नहीं लगता तो मीनाक्षी बोली की वह अफ्रीकन है उसके पास लंबा लंड है और हमारे पास एक अच्छा मौका है बड़े लंड से चुदवाने का इसलिए ज्यादा सोच मत और कल घूमने चलो। फिर दूसरे दिन सुबह मैं और मीनाक्षी वन पीस ड्रेस पहन कर जॉर्ज के होटल पहुंच गए वहां पर वह हमारा इंतजार कर रहा था और जॉर्ज के साथ ही ब्रेकफास्ट करने के बाद हम लोग कर टैक्सी में जयपुर घूमने चले गए उसे दिन हमने उसके साथ आमेर किला नाहरगढ़ फोर्ट हवा महल जंतर मंतर अल्बर्ट हॉल म्यूजियम और कई जगह घूमी दिन में हमने जॉर्ज के साथ लंच भी किया। दिन में जब हम घूम रहे थे तब जॉर्ज रह रहकर कभी मीनाक्षी तो कभी मेरे साथ चिपकने की कोशिश करता था। शाम को वह हमें अपने साथ अपने होटल लेकर गया और वहां हमने साथ में कॉफी पी। मैं बोली की जोर जब हम लोग अपने होटल जाते हैं तो वह बोला कि खाना यही खाकर जाना तो मैं बोली कि हमें लेट हो जाएगा तो वह बोला कि आज यहीं रुक जाओ तो मीनाक्षी ने कहा कि यहां तो सिर्फ एक बेड है हम तीनों कैसे रख सकते हैं तो जॉर्ज बोला कि हम तीनों एक साथ भी तो सो सकते हैं मीनाक्षी बोली कि तुम्हें कोई तकलीफ तो नहीं होगी जॉर्ज बोला कि तुम दो हसीनाएं अगर मेरे साथ रात में रखेगी तो मुझे क्या तकलीफ होगी। मीनाक्षी बोली कि जॉर्ज तुम्हारा इरादा क्या है बता दो तो जॉर्ज बोला कि अब तुम समझ ही रही हो कि मेरा इरादा क्या है मैं तुम दो हसीनाओं के साथ आज रात एंजॉय करना चाहता हूं क्या तुम तैयार हो तो मीनाक्षी बोली कि हमें क्या फायदा होगा जॉर्ज तुम्हें तो हमारी दो चुत चोदने को मिलेगी हमें क्या मिलेगा तो जॉर्ज बोला कि तुम्हें क्या चाहिए मैं तुम्हें देने को तैयार हूं तो मीनाक्षी बोली कि तुम क्या दे सकते हो तो जॉर्ज बोला कि तुम जो मांगो में देने को तैयार हूं तो मीनाक्षी बोली की क्या तुम हमें पेमेंट कर दोगे तो जॉर्ज बोला कि तुम जितना कहोगी मैं उतना पेमेंट कर दूंगा बस तुम दोनों आज रात मेरे साथ रुक जाओ फिर मीनाक्षी बोली ठीक हैं। फिर जॉर्ज के साथ हम लोगों ने खाना खाया और वापस उसके रूम में चले गए वहां हम लोग सोफे पर बैठकर बातें कर रहे थे थोड़ी देर बातें करने के बाद जॉर्ज ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे बूब्स को दबाने लगा उसने मीनाक्षी को भी अपने पास बुला लिया हो मेरे वन पीस सूट के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबा रहा था थोड़ी देर बूब्स दबाने के बाद वह बोला तुम दोनों नंगी हो जाओ फिर वह खड़ा हुआ और उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा हो गया हम उसके लंबे लंड को देखते रह गए उसका लंड बहुत ज्यादा कला और 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था मैंने मीनाक्षी को कहा कि मीनाक्षी आज तो यह हमें मार ही देगा मीनाक्षी बोली कि ऐसा लंड लेने का मौका हमें बार-बार नहीं मिलेगा इसलिए आज से जी भर के चुदाई करने का मौका है इसलिए हम दोनों मजे से सेक्स का मजा लो। फिर जॉर्ज ने हमें भी नंगा कर दिया हम तीनों नंगे खड़े थे जॉर्ज ने खड़े-खड़े ही मुझे किस करना शुरू कर दिया वह मुझे किस करते हुए मेरी गांड को दबा रहा था वह अपने बड़े-बड़े हाथों से मेरी गांड को बहुत ज्यादा दबा रहा था फिर सोफे पर बैठ गया और मुझे अपने लंड पर बैठा लिया उसका लंड बहुत ज्यादा लंबा था इसलिए मुझे दर्द होने लगा लेकिन उसने कोई परवाह नहीं की और जबरदस्ती मेरी चुत में अपना लंबा काला लंड घुसा दिया उसने मीनाक्षी को पास बुलाया और उसका बूब्स अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। मैं उसके लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी और उसका पूरा लंबा काला लंड मेरी चुत में घुस रहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मेरी चुत फट जाएगी क्योंकि जॉर्ज का लंड मेरे हस्बैंड से कई गुना ज्यादा बड़ा था। थोड़ी देर बाद वह उठा और बेड पर लेट गया उसने मीनाक्षी को अपने लैंड पर बैठा लिया और मुझे बोला कि तुम तुम्हारी चुत मेरे मुंह पर रख दो मैं उसके मुंह पर अपनी चुत रख कर बैठ गई और मीनाक्षी उसके लंड पर बैठकर छुड़वाने लगी वह मेरी चुत के बहुत अंदर तक जीभ डालकर चोद रहा था। मीनाक्षी और मैं एक दूसरे के बूब्स दबा रहे थे। जॉर्ज बहुत तेजी से हम दोनों को एक साथ छोड़ने का मजा ले रहा था। थोड़ी देर बाद मेरी चुत ने पानी छोड़ दिया और जॉर्ज मेरी चुत का सारा पानी पी गया। फिर मैं है कर पास में बैठ गई और मीनाक्षी अभी भी उसके लंड पर ऊपर नीचे होकर सेक्स का मजा ले रही थी कुछ देर बाद जॉर्ज ने मीनाक्षी की चुत में ही अपना स्पर्म गिरा दिया और फिर वह दोनों भी अलग हो गए। दस पन्द्रह मिनट तक हम लोग आपस में बातें करते रहे फिर जॉर्ज का लंड वापस खड़ा हो गया तो वह बोला कि मीनाक्षी तुम बेड पर बैठ जाओ मालविका तुम्हारी चुत चाटेगी और मैं मालविका को डॉगी स्टाइल में पीछे से चोदूंगा फिर मीनाक्षी बेड पर बैठ गई मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चुत चाटने लगी और जॉर्ज ने मुझे डॉगी स्टाइल में किया और पीछे से मेरी चुदाई करने लगा अब उसका लंबा लैंड मेरी चुत के गहराई तक अंदर जा रहा था और वापस बाहर निकाल कर वह बहुत तेज तेज ढके लग रहा था मीनाक्षी अपनी चुत चटवाते हुए मेरे बस को मसल रही थी और मेरा सिर पकड़कर चुत पर दबा रही थी जॉर्ज मेरी गांड पर तेजी से मर भी रहा था इस कारण मुझे दर्द भी हो रहा था लेकिन उसके लंबे लंड के कारण मुझे मजा भी बहुत आ रहा था। जॉर्ज करीब 10 मिनट तक इसी पोजीशन में हमें चोदता रहा मेरी चुत ने दो बार पानी छोड़ दिया था लेकिन जॉर्ज का लैंड अभी भी इतना हुआ था और वह तेजी से छोड़ रहा था। जॉर्ज ने फिर कहा कि अब तुम दोनों अपनी पोजीशन बदल लो अब मैं बेड पर बैठ गई और मीनाक्षी मेरी जगह डॉगी स्टाइल में उससे चुदवाने लगी थोड़ी देर बाद मीनाक्षी बोली कि जॉर्ज तुमने मेरी चुत को तो अपने स्पर्म से भर दिया है मालविका की चुत में भी तो अपना स्पर्म गिराओ तो बोला कि कोई बात नहीं इस बार मेरा सर इस पर मालविका की चुत में ही गिरेगा फिर थोड़ी देर बाद उसने मीनाक्षी की चुत से अपना लंड निकाल और बेड पर आकर मिशनरी पोज में वह मुझे चोदने लगा वह बहुत तेज स्पीड से ढके लग रहा था करीब दो-तीन मिनट तक उसने मेरी चुत में बहुत तेज तेज धक्के लगाने लगा और अपना सारा इस पर मेरी चुत में भर दिया फिर उसने अपना लंड बाहर निकल दिया मेरी चुत से उसका स्पर्म बाहर आने लगा तो मैंने उसे टॉवल से साफ किया। फिर मैंने जोर-जोर मीनाक्षी को अपने बैग में से निकाल कर चॉकलेट दी हमने चॉकलेट खाई और थोड़ी देर बातें करते रहे फिर जॉर्ज ने बोला कि तुम दोनों 69 की पोजीशन में एक दूसरे की चुत चाटा फिर मैं बेड पर लेट गई और मीनाक्षी मेरे मुंह पर अपनी चुत रखकर मेरी चुत चाटने लगी और मैं उसकी चुत चाटने लगी फिर जो आज आया और उसने मीनाक्षी की गांड पर क्रीम लगाई और अपनी एक अंगुली अंदर करने लगा मीनाक्षी बोली कि जॉर्ज तुम्हारा बहुत बड़ा है तुम धीरे-धीरे करना तो वह धीरे-धीरे अपनी अंगुली अंदर बाहर कर रहा था फिर उसने अपनी दो उंगलियां मीनाक्षी की गांड में डाल दिया और कुछ देर बाद उसने अपने लैंड पर क्रीम लगाई और वह मीनाक्षी की गांड मारने लगा मीनाक्षी को दर्द हो रहा था इसलिए वह आहें भरने लगी। जार्ज पांच छः मिनट तक उसकी गांड मारता रहा फिर उसने मुझे अपने सामने लुटाया और बोला कि अब मैं तुम्हारी गांड में अपना लंड डालूंगा तो मैंने कहा धीरे-धीरे डालना फिर उसने मेरी गांड पर भी क्रीम लगाई और धीरे-धीरे अपना लंड नेघुसने लगा थोड़ी देर बाद उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसा दिया और 5 मिनट तक लगातार उसने मेरी गांड मारी फिर उसने मुझे अपने सामने बैठाया और मेरे बस पर अपना स्पर्म गिरा दिया। फिर हम तीनों थक चुके थे तो हम तीनों सो गए। रात में 3:00 बजे जॉर्ज उठा और उसने मीनाक्षी को मिशनरी पोजीशन में चोदना शुरू कर दिया मेरी भी नींद खुल गई थी मैंने देखा कि जॉर्ज बहुत तेज स्पीड से मीनाक्षी की चुत में धक्के लगा रहा था यह देखकर मैं भी गर्म हो गई और मैं भी मीनाक्षी के बूब्स को दबाने लगी और जॉर्ज को किस करने लगी। थोड़ी देर बाद उसने मुझे सामने से गोद में उठाया और मेरी चुत में अपना लंड डालकर चोदने लगा वह खड़ी-खड़े मुझे बहुत तेज स्पीड से छोड़ रहा था मीनाक्षी बेड पर देखकर यह देख रही थी जॉर्ज करीब छः सात मिनट तक इसी तरह खड़े-खड़े मुझे चोदता रहा फिर मीनाक्षी बोली कि जॉर्ज मालविका को अकेले ही छोड़ोगे या मुझे भी चोदोगे तो जॉर्ज बुला के तुम भी आ जाओ फिर उसने मीनाक्षी को भी अपनी गोद में उठा लिया और खड़ी-खड़े चोदने लगा। फिर उसने हम दोनों को अपने सामने बैठाया और हम दोनों के मुंह पर अपना स्पर्म गिरा दिया और बोला कि तुम यह स्पर्म चाट लो तो हमने उसका स्पर्म चाट लिया। फिर हम लोग सो गए ।सुबह सात बजे हम लोग उठे तो मीनाक्षी बोली कि जॉर्ज अब हम अपने होटल जा रहे हैं तो जॉर्ज बोला कि अभी एक बार और चुदाई करने दो फिर तुम चली जाना मीनाक्षी बोली कि जॉर्ज हमने तो चुदाई करने दी लेकिन तुमने अपना वादा नहीं निभाया तू जॉर्ज बोला कि मुझे मेरा वादा याद है और उसने एक लिफाफा मीनाक्षी को दिया मीनाक्षी ने वह लिफाफा खोलकर देखा तो उसमें एक लाख रुपये थे जार्ज बोला कि तुम खुश हो या और चाहिए तो मीनाक्षी बोली कि जॉर्ज हम खुश हैं फिर जॉर्ज नंगा ही बेड से खड़ा हुआ और बोला कि तुम दोनों मेरा लंड मुंह में लेकर चूसो फिर मैं और मीनाक्षी बारी-बारी से उसका लंड अपने मुंह में ले रहे थे फिर जॉर्ज ने हमें बेड पर लिटा दिया और मुझे मिशनरी पोजीशन में चोदने लगा वह करीब छः सात मिनट तक तेज स्पीड से मुझे चोदता रहा फिर बोला कि मीनाक्षी अब तुम आ जाओ फिर वो पांच छः मिनट तक चोदता रहा फिर उसने मेरे मुंह में अपना पूरा स्पर्म गिरा दिया और बोला कि मालविका तुम इसे पी जाओ फिर मैं उसका पूरा स्पर्म पी गई। फिर उसने मीनाक्षी को डागी स्टाइल में चोदना शुरु कर दिया वो मीनाक्षी को दस मिनट तक तेज स्पीड से चोदता रहा फिर उसने मीनाक्षी को सामने बैठाया और अपना लंड मीनाक्षी के मुंह में डाल दिया और अपना स्पर्म मीनाक्षी के मुंह में गिरा दिया। फिर हम वहां से वापस अपने होटल आ गए। उस दिन हम दिन में जयपुर घूमने गए। मीनाक्षी ने मुझे पचास हजार दिए और बोली कि ये लो जार्ज का गिफ्ट। फिर उस दिन शाम को हम वापस ट्रेन से दिल्ली आ गए। उसके बाद जार्ज कई बार दिल्ली आया मैंने और मीनाक्षी ने उसके साथ चुदाई की। anubabita1@hotmail.com

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