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Massage Girl in Tirunelveli: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Tirunelveli who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Tirunelveli that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Tirunelveli massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Tirunelveli who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Tirunelveli massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Tirunelveli massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Tirunelveli who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Tirunelveli employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Tirunelveli helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Tirunelveli

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Tirunelveli at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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दोस्तो नमस्कार, Hindi Porn Stories

जब मैं बी.टेक. कर रहा था तभी Hindi Porn Stories गौरी नाम की लड़की से मेरी दोस्ती फोन पर हुई। मैंने उसे देखा नहीं था पर मैं उसे बहुत प्यार करने लगा था। धीरे-2 हम लोगों में इतना प्यार हो गया था कि हम एक दूसरे से फोन पर 4 घंटे तक रोज बात करते थे और जैसे -2 प्यार बढ़ता गया, हम मन से होते हुए तन पर चले गये। हम लोग फोन पर ही सेक्स करते थे। वो इतनी सेक्सी बातें करती थी कि वो वहाँ उंगली डाल कर अपनी आग बुझाती थी और मैं मुठ मार कर अपनी जवानी की तड़प शांत करता था। पर जब भी मैं उससे मिलने को कहता था वो कोई न कोई बहाना बना कर मुझे चुप करा देती थी। मुझे समझ में नहीं आता था कि उसके मन में क्या था.

धीरे-2 वक़्त गुजरता गया। हमारे इस चक्कर को 2 साल हो गये थे पर मैं उसे देख भी न सका था। मैं सुल्तानपुर से बी टेक कर रहा था और वो बनारस की थी। फिर भी मैं उसकी चाहत में मजबूर था।

मेरा यह भ्रम तो तब टूटा जब मैंने अपना कोर्स पूरा कर लिया और मेरी जॉब लग गई।

तो मैंने उससे शादी के लिए कहा तो उसने अचानक ही अपने सारे नंबर बंद कर लिए। मेरा दिमाग आपे से बाहर हो गया, मैं उसे ऐसे कैसे जाने देता जिसके लिए मैंने कितनी बार मुठ मारी थी। मैंने अपने कुछ दोस्तों की मदद ले के उसके नम्बर की आईडी निकलवाई और बनारस आ गया…

अपने दोस्तों को नीचे खड़ा करके जैसे ही मैं उस पते पर पहुंचा, वहाँ मेरे सपनों की मल्लिका ने नहीं, एक 35 साल की औरत ने दरवाजा खोला। फोन पर वो मुझे हमेशा 22 साल की लड़की बताती रही थी। मुझे बहुत तकलीफ हुई, मैंने उससे बदला लेने की अपने दिमाग में ठान ली…

वैसे मैं आपको बता दूँ कि वो 35 साल की औरत भी इतनी माल थी कि 18 साल की लड़कियों को पानी भरा दे। उसका फिगर 34-30-38 का था। मेरा तो लंड देख के ही फनफना गया पर जब सब बातें सामने आई तो वो रोने लगी, बोली- चाहे जो कर लो, पर मेरे पति को कुछ मत बताना, मेरा घर बर्बाद हो जायेगा.

मैंने कहा- ठीक है, मुझे खुश करना होगा सारी जिन्दगी!
और वो राजी हो गई…

वो मुझे अपने बेडरूम में ले गई। उसकी गांड और उभरे हुए स्तनों के उभरे हुए चुचूक देख कर मेरे लंड महाराज आपे से बाहर हो रहे थे। बेडरूम में आते मैंने उसको अपनी बाहों भर लिया और उसके रसीले होटों पर अपने होंट टिका दिए। मैं 10 मिनट तक उसके होटों को चूसता रहा। मेरा एक हाथ उसके पिछवाड़े को सहला रहा था तो दूसरा उसकी चूची को मसल रहा था।

मैंने उसको बेड पर गिरा दिया और उसके पल्लू को हटाया। जोश-2 में मैंने उसके ब्लाउज़ के बटन को तोड़ दिए। अन्दर वो काली ब्रा पहने हुई थी और चूचियाँ तो जैसे ब्रा को फाड़ कर निकलने को बेताब थी। मैंने उसको उल्टा लिटा कर ब्रा का हुक खोल दिया, एक चूची को मुँह में ले कर दूसरी को दबाना शुरु कर दिया…

उसके मुँह से आह आह ऊ ऊह आह… की आवाजें आ रही थी… उसकी गांड बहुत ही ज्यादा मस्त थी, उसको सहलाते हुए मैंने उसका पेटीकोट नीचे खिसका दिया… क्या माल थी! मैं कैसे बयाँ करूँ शब्द नहीं है मेरे पास! गोरी संगमरमर जैसी जांघें… काली पेंटी में बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी। मैंने अपने दाँतों से उसकी पेंटी नीचे खिसका दी। उसकी चूत पर हल्के-2 काल बाल थे। मैंने अपने होटों को उसके नीचे के होटों से मिला दिया. और जी भर के चूसने लगा… वो आह अहः आह ओह्ह के साथ बोल रही थी- आज तुम्हीं मेरे मालिक हो! मेरी प्यास बुझा दो! मेरे पति से कुछ नहीं होता! मुझे गरम कर के खुद लुढ़क जाते हैं . आज तुम मिले हो, मेरी आग बुझा दो…

मैं उसकी चूत चूस रहा था, तभी वो पलटी और मेरी जींस उतार दी, अंडरवियर भी और मेरे 7 इंच के लंड को मुँह में ले कर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी…

मैं भी जोश में आ कर उसके मुँह में धक्के मारने लगा। कुछ देर बाद मैं झड़ गया और यहाँ इसकी चूत ने भी पानी फेंक दिया… वो मेरा और मैं उसका सारा अमृत जल पी गये…

इसके बाद मैंने उसे कुतिया स्टाइल में होने को कहा। शायद वो सब जानती थी, झट से अपनी गांड खोल कर झुक गई। मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया। कई सालों से लंड खा रही थी सो आराम से झेल गई मेरा 7 इंच का लौडा…
मैंने भी जोर जोर से चुदाई शुरु कर दी…

उसके मुँह से पता नहीं क्या-2 निकल रहा था… चोदो मेरे राजा… मेरे पति का तो अब खड़ा भी नहीं होता! सही से मुझे तुम से जवान मर्द की तलाश थी… भोसड़ा बना दो आज मेरी चूत का… आह्ह… ऊह… उम्म्म… राजा… आह्ह… उम्म्म… सीई… सीई . मेरे राजा मेरे मालिक…

मैं भी अपनी मस्ती में पेले जा रहा था… अचानक उसका जिस्म अकड़ने लगा- और जोर से मेरे राजा! मेरा होने वाला है! आज तीन साल बाद मेरी आग बुझेगी और जोर से. आह… उम्म्म्म… सीई… आः…

और उसकी चूत ने लावा फेंक दिया. मैं भी मंजिल पर पहुँचने वाला था… मैंने स्पीड बढ़ा दी… 10-15 झटकों में ही मैंने अपनी आग उसके भोंसड़े में भर दी…

यह थी मेरी दूसरी चुदाई चाची की चुदाई के बाद…

आपको मेरी यह वास्तविक कहानी कैसी लगी, जरूर जवाब दें! खासकर हर शादीशुदा और कुंवारी लड़की जो अन्तर्वासना से जुड़ी है…

आपके इन्तजार में Hindi Porn Stories

Antarvasna

आपकी कुसुम का Antarvasna चौड़ी टांगों, मदहोश जवानी से अंतर्वासना के पाठकों को एक बार फिर से प्यार एंड नमस्कार ! अपने बारे में ज्यादा न बताती हुई क्यूंकि अपनी कहानी के पहले भाग में मैंने अपना पूरा ब्यौरा दे दिया था।

सो दोस्तो, पति के ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद किस तरह मेरा रिश्ता अपने ससुर जी से बन गया, यह आपने पढ़ लिया। अब तो मानो मैं उनकी दूसरी बीवी की तरह रहती ! हैरानी वाली बात थी कि ससुर जी में इस उम्र में एक जवान लड़के से ज्यादा जोर, दम था कि उन्होंने एक कमसिन, कामुक, आग जैसी जवान बहू को संभाल रखा था।

दोस्तो, जेठ जी को भनक पड़ गई और फिर उनकी मेरे ऊपर निगाहें टिक चुकी थी। ऊपर से जेठानी के जनेपे के लिए उनके पीहर भेज दिया जिससे उनकी वासना और बढ़ गई। करते भी क्या ! औरत पेट से थी तो लौड़े का क्या हाल होगा ! लेकिन मुझे तो ससुर जी ही नहीं छोड़ते थे लेकिन मेरा झुकाव अब जेठ जी की तरफ भी था, चाहती थी कि उनकी प्यास बुझाऊँ ! आखिर मौका मिल गया !

एक दिन ऐसा जरूरी काम पड़ा कि ससुर जी को सासू माँ के साथ बाहर जाना ही पड़ा और दोपहर को मैं घर में अकेली थी। लेकिन जेठ जी सुबह से घर नहीं थे, शायद उन्हें मालूम नहीं था कि मैं अकेली हूँ, वरना वो मौका कहाँ छोड़ते ! कोशिश ज़रूर करते !

मैंने उनके मोबाइल पर मिस-कॉल दे दी। उसके बाद वो फ़ोन पर फ़ोन करने लगे लेकिन मैंने नहीं उठाया। आधे घंटे के अंदर मेरा अंदाजा और तीर सही जगह लगा और वो घर आ पहुंचे। मैं अपने कमरे में कंप्यूटर पर बैठी सर्फिंग कर रही थी, बारीक सफ़ेद नाइटी अंदर काली ब्रा-पेंटी पहन रखी थी।
कुसुम ! तुमने कॉल की थी?
मैं पलटी- नहीं तो ! वो गलती से पॉकेट में बटन दब गया होगा !
ठीक है ! कहाँ हैं सब? अकेली हो आज?
जी हाँ अकेली हूँ ! बैठो ! अभी चाय लेकर आती हूँ !
नहीं भाभी !

उन्होंने मेरी कलाई पकड़ ली, खींच कर मुझे अपने सीने से लगा लिया और मेरे गुलाबी होंठों का रसपान करने लगे। मेरी और से ज़रा सा विरोध ना देख उनकी हिम्मत बढ़ चुकी थी।

बहुत सुन्दर हो भाभी जान ! बहुत आग है आप में ! बहुत तड़पाया है आपने अपनी जवानी से मुझे ! हर पल गोली मारती रहती हो !

मैं भी तो आपकी वासना आपकी आँखों में पढ़ती रही हूँ, लेकिन पहल नहीं कर पा रही थी !

ओह मेरी जान ! मुझे भी सब मालूम था ! मैं भी थोड़ा सा झिझक रहा था ! मुझे मालूम है तूने अपनी मर्ज़ी से मुझे मिस-कॉल दी थी !

और यह कहते ही वो मुझ पर सवार होने लगे। मैंने एक पल में उनके बटन खोल उनकी कमीज़ अलग कर दी और उन्होंने मेरी नाईटी उतार फेंकी और ब्रा के ऊपर से मेरे मम्मे दबाने लगे। मैं अश अश कर रही थी। मैंने उनकी बेल्ट भी खोल दी, अपने हाथों से जींस का बकल खोल नीचे कर अंडरवीयर के ऊपर से ही उनके लौड़े को मसलने लगी। उनकी आग बढ़ने लगी, लौड़ा तन कर डण्डा बन चुका था, कितना बड़ा हथियार था !

मेरी चूत में कुछ-कुछ होने लगा। सिहरन सी उठने लगी, जवानी बेकाबू हो रही थी। उन्होंने मेरी ब्रा उतार मेरे दोनों मम्मों को बारी बारी खूब चूसा। मैं नीचे बैठ गई, उनकी पूरी जींस शरीर से अलग कर उनके लौड़े को आराम से चूसने लगी।

कितना बड़ा है जेठ जी !
हां रानी ! इसको तेरे जैसी रांड पसंद है ! तेरी जेठानी तो ठंडी औरत है !

वो मेरे चूसने के अंदाज़ से बहुत खुश थे, मुझे बाँहों में उठा कर बिस्तर पर डाल लिया और मेरी टाँगें चौड़ी करवा ली। बीच में बैठ कर पहले प्यार से मेरी पूरी चूत पर हाथ फेरा, फिर मेरे दाने से थोड़ी छेड़छाड़ करने लगे। मैं बेकाबू हो रही थी, जल्दी ही उन्होंने लगाम लगा ली और अपना मोटा लौड़ा मेरी चूत में डालकर मुझे चोदने लगे।

अह अह और तेज़ करो जेठ जी ! जोर जोर से मारो ! अपनी जवान भाभी की जवान जवानी लूट लो !

यह ले यह यह साली कुतिया कब से तेरा आशिक हूँ ! तू है कि मेरे बाप से चुदवाती है !

क्या करूँ ! वो नहीं छोड़ते मुझे ! तेरे बाप में तेरे जितना दम ही है !

यह ले कमीनी ! अब से मुझे भी दिया करेगी?
हाँ दूंगी ! लो मेरी और मजे से लो !
चल घोड़ी बन ! तेरी फाड़ता हूँ गांड !

घोड़ी बना मेरी गांड मारने लगे !
हाय दुखती है !

तब फिर से चूत में डाल मेरी लेने लगे। पच्चीस मिनट की लम्बी चुदाई के बाद उनका घोड़ा छूट गया और हांफने लगा।

पूरी दोपहर जेठ से चुदवाया और फिर दोनों के साथ में अपनी जवानी लूटने लगी। अगले बार मुझे मासिक-धर्म नहीं हुआ। ससुर जी ने मुझे पेट से कर दिया।
सासू माँ बहुत खुश हैं !

उसके बाद मेरे अपने पड़ोसी के लड़के से संबंध बने !
वो अगली बार बताउंगी। Antarvasna

वाइफ सिस्टर Xxx कहानी में मुझे अपनी पत्नी की चचेरी बहन यानि अपनी साली के घर जाना पड़ा तो वहां मेरे साथ क्या क्या हुआ? उसने मेरे साथ क्या सलूक किया?

दोस्तो, मैं आपका दोस्त राज.
मेरी सेक्स कहानी के इस भाग में आपका पुन: स्वागत है.
हालांकि इस सेक्स कहानी का शीर्षक अलग है पर यह उसी से जुड़ी हुई कहानी है.

पिछली कहानी
बचपन के प्यार से शादी और सेक्स
में आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी बचपन की संगिनी सौम्या से शादी कर ली थी और उसके साथ सुहागरात की चुदाई का मस्त मजा लिया था.

अब आगे वाइफ सिस्टर Xxx कहानी:

शादी के 3 दिन बाद उसकी बहन मानसी चली गई.
फिर हम दोनों भी एक महीने के बाद पुणे आ गए.

मुझे दिल्ली से एक अच्छी जॉब का अवसर मिला तो मैं दिल्ली आ गया.
सौम्या पुणे में ही थी.

मैं दिल्ली आया तो सौम्या ने कहा- आप मानसी के घर में रुक जाना. उसका दिल्ली में अपना फ्लैट है.
यह मानसी मेरी पत्नी सौम्या की चचेरी बहन थी जिसने सुहागरात की चुदाई की चीख सुनी थी.

ये दोनों बचपन से पक्की सहेली रही थीं.
मानसी के मम्मी पापा बचपन में चल बसे थे तो सौम्या के पापा ने उसे अपने बेटी ही माना था और ये दोनों भी एक दूसरे को जान से ज्यादा चाहती थीं.

मानसी भी कमाल की दिखती है, वह बिलकुल दिव्या खोसला कुमार जैसी लगती है.

मैं उसके फ्लैट पर पहुंच गया, घंटी बजाई तो दरवाजा खुला.

वह शायद मानसी की घरेलू नौकरानी थी.
उसने कहा- आप राज जी हो ना!
मैंने कहा- हां.

तो उसने कहा- मुझे मैडम ने बता दिया था. आप बैठिए. मैडम 9 बजे तक आएंगी.
उसने मुझे पानी, कोल्ड ड्रिंक थोड़ा नाश्ता सर्व किया और चली गयी.

मैं फ्रेश होकर टीवी देखने लगा.
थकान के कारण मेरी आंख लग गई.

मेरी नींद तब खुली जब एक मीठी आवाज कानों में पड़ी- उठिए जीजा जी!

मैं उठा और आंख खोली तो सामने मानसी किसी अप्सरा के जैसी खड़ी थी.

सामने से पहली बार उसे गाउन में देखा था. वह बहुत ज्यादा खूबसूरत थी.

उसने एक घुटने तक आने वाला काले रंग का रेशमी गाउन पहना हुआ था जिसका गला काफी खुला हुआ था और उसकी चूचियों के उभार एक पतली सी ब्रा में कैद थे.

पतली सी ब्रा इसलिए लिखा क्योंकि मानसी के मम्मों के कड़क निप्पल उसके रेशमी गाउन के बाहर से ही नुमाया हो रहे थे.

शायद वह खुद ही अपने दूध दिखाने को उतावली लग रही थी इसलिए मेरे उठ जाने के बाद भी वह मेरे सामने झुकी हुई थी ताकि मैं उसके मम्मों का दीदार कर लूं.

मैं उसके मम्मों को ललचाई नजरों से देखते हुए उठा और फ्रेश हुआ.
फिर हॉल में बैठ गया.

वह प्लेट में मेरी फेवरेट पनीर चिली, वेज पुलाव और सलाद लेकर आई.
उसके हाथ में एक व्हिस्की की बोतल थी.

मैंने मादक भाव से उसे देखते हुए कहा- क्या बात है! शवाब के हाथ में शराब!
उसने हंस कर आंख दबाते हुए कहा- जब शवाब और शराब सामने है, तो आओ अब जश्न मनाते हैं.

मैं भी झट से मान गया.

मानसी ने दारू की बोतल खोली और दोनों का पहला पैग बनाया.
हम दोनों ने चियर्स किया और पहला पैग पी गए.

ऐसे ही हम दोनों ने धीरे धीरे 4-4 पैग पी लिए और अब मानसी को नशा चढ़ रहा था.

जब वह पांचवां पैग पी रही थी तो उसका ग्लास गिर गया और दारू उसके टॉप पर गिर गई.

वह तो इतने नशे में थी कि उसको कुछ पता ही नहीं चल रहा था.
लड़खड़ाती हुई आवाज में वह मुझसे बोली- प्लीज मुझे साफ कर दो.

मैंने उसकी तरफ देखा.
मैं भी नशे में आ चुका था.

गाउन में से उसकी छाती पर तनी हुई मोटी मोटी चूचियों की नोकें साफ नजर आ रही थीं.

उसकी फिगर 36-30-38 की थी.
पूरी कयामत लग रही थी.

जैसा कि मैंने आपको बताया कि वह दिव्या खोसला कुमार की तरह दिखती है.
मैं तो उसको देखता ही रह गया और जब वह उठ कर बाथरूम की तरफ अन्दर जाने लगी तो उसकी फूली हुई गांड को देख कर मेरा फौलादी लंड खड़ा हो गया.

मैंने उससे कहा- मैं नहीं कर सकता … क्योंकि उसके लिए मुझे तुम्हारा गाउन भी खोलना पड़ेगा.

वह बोली- प्लीज यार, तुम कुछ भी मत सोचो और तुम जैसे चाहो इसे बस साफ कर दो.
मैंने उसका गाउन उतारा और उसके गाउन को खोलते ही मुझे उसकी लाल रंग की ब्रा के अन्दर उसके बहुत बड़े बड़े मुलायम स्तन नजर आए.

उन्हें देखकर मेरा मन उन्हें पकड़ कर चूसने का हो रहा था.

वह हंसी और बोली- कैसे हैं?
मैंने कहा- बहुत मस्त हैं.

अब तक मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था.

मैंने तौलिये से उसके गोरे गोरे जिस्म को बहुत हल्के हाथों से साफ कर दिया.
मैं उसके मम्मों को देखता रहा.

तभी वह बोली- क्या अब घूरते ही रहोगे या कुछ करोगे भी? प्लीज मेरी ब्रा भी उतार दो न!

उसी समय मुझे सौम्या का भोला चेहरा याद आ गया.
मैंने उससे कहा- ये गलत है. मैं सौम्या को प्यार करता हूँ.

उसने कहा- जीजा जी, सौम्या को सब पता है. आपको प्यार करने वाली वह अकेली नहीं है. वह नाराज़ नहीं होगी.
मैं भी नशे में था, वासना मुझ पर हावी हो रही थी.

मैंने कहा- तुम मुझसे पाप करवा रही हो.
वह हंसी और बोली- मुझे चोदने से तुम पापी नहीं बनोगे, यह बात पक्की है.

जब उसने चुदाई की बात साफ साफ शब्दों में कही तो मेरा लंड भड़क गया.
मैंने धीरे धीरे एक एक करके उसके सभी कपड़े उतार दिए.

जब मैंने उसकी पैंटी को छुआ तो वह चूत रस में एकदम गीली थी.
मैं समझ गया कि इसको भी मेरे छूने से जोश आ रहा है.

लेकिन उसके पूरे कपड़े उतारते ही मेरा तो जैसे दारू का नशा ही उतर गया था.
मैंने धीरे से अपने भी सारे कपड़े उतार दिए.

फिर मैं अपने लंड को शराब से नहला कर उसके मुँह के पास ले गया और उससे बोला- लो लॉलीपॉप चूस लो.

वह भी नशे की हालत में मेरे एक बार कहने से ही मान गई और मेरे लंड को पूरा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैं बोतल से बूंद बूंद करके शराब अपने लंड पर टपकाता गया और वह मेरे लौड़े को चूसती हुई शराब को भी पीती गई.

नीचे से मैं उसकी गीली एकदम व गर्म चूत में उंगली कर रहा था.
धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी तो उसको बहुत दर्द होने लगा और वह ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगी.

मैं समझ गया कि उसकी चूत अभी तक कुंवारी है और आज में पहली बार उसकी चूत का भेदन करूँगा.

उसके लंड चूसने से जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने लंड उसके मुँह से बाहर निकाल लिया और सारा वीर्य एक ग्लास में निकाल दिया.
फिर उसी ग्लास में एक और पैग बनाकर मानसी को पिला दिया.

वह बड़े मज़े लेकर पी गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा.

थोड़ी ही देर में पूरी गर्म हो गई और उसकी चूत से पानी भी निकल रहा था.
उसको जरा सा भी होश नहीं था कि उसके साथ क्या क्या हो रहा है.

मैंने थोड़ी देर बाद उसे एक पैग बनाकर और पिला दिया और उसे अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले आया, उसे बेड पर लेटा दिया.

उसकी कमर के नीचे मैंने एक तकिया रख दिया.
इससे उसकी चूत का मुँह थोड़ा खुल गया और मुझे उसकी चूत का दाना साफ साफ दिखने लगा.

फिर मैंने अपना लंड उसकी गर्म चूत पर रखा और अन्दर डालने लगा.
लेकिन मेरा लंड उसकी टाईट चूत के अन्दर नहीं जा रहा था.

मैंने उसकी कमर को अच्छी तरह कसकर पकड़ा और लंड को चूत के मुँह पर रखकर एक ज़ोर का धक्का दे मारा.

मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ अन्दर चला गया और मानसी के मुँह से एकदम ज़ोर से चिल्लाने की आवाज बाहर आ गई.
उसका भी दारू का सारा नशा उतर गया.

जब मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था.
मानसी की आंखों से आंसू निकल रहे थे, सांसें ज़ोर ज़ोर से चल रही थीं.

वह पूरी पसीने से गीली हो चुकी थी और अब उसके मुँह से गाली भी निकलने लगी थी.

मानसी बोली- मादरचोद धीरे पेल साले … लुगाई हूँ तेरी … कोई रंडी नहीं हूँ.

उसकी गाली से मुझे और जोश आ गया और मैंने उसकी एक चूची को जोर से भींच दिया.
‘साली है तू मेरी. अभी बीवी नहीं हुई है.’

मानसी- आज से मैं भी आपकी हुई. अब हम दोनों आपकी पत्नी हैं और आप भी हम दोनों को एक जैसे ही चाहेंगे.
मैंने भगवान से कहा- एक छोड़ कर गई तो आपने दो दो प्यार करने वाली दे दीं.

मन में यह बोलते हुए मैं धीरे धीरे लंड को धक्के देकर उसे चोदने लगा.

वह कुछ बोलना चाह रही थी लेकिन अपनी चुदाई के दर्द के कारण कुछ बोल नहीं पा रही थी.

मानसी बोल रही थी- अह्ह्ह उह्ह्हह्ह बाहर मत निकालो इसे प्लीज … अह्ह्ह अब से मैं आपकी ही हूँ मेरे पतिदेव प्लीज मिसेज राज समझ कर ही मुझे चोदिए … अह्ह्ह्ह.
वह मादक सिसकारियां ले रही थी और मैं लगातार ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहा था.

मेरे लंड के चूत के अन्दर बाहर होने से पूरे कमरे में फच फच की आवाजें आ रही थीं.
कुछ मिनट के धक्कों के बाद उसको भी मज़ा आने लगा और वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी.

मैं- क्यों मिसेज राज, अब तो आपको मेरे लंड से चुदाई करने में मज़ा आ रहा है ना?
मानसी- हां पतिदेव अह्ह उह्ह और चोदो मुझे और चोदो … पूरी फाड़ दो आज मेरी चूत को … अह्ह हां और ज़ोर से … भोसड़ा बना दो मेरी चूत का.

मैं तो जैसे उसकी कामुक आवाजों को सुनकर पागल सा हुआ जा रहा था.
मैंने हचक कर चुदाई चालू कर दी.

‘आईईइ अह्ह्ह हां और तेज चोदो मुझे जानेमन चोदो … और तेज़ चोदो … मुझे आज चोदकर एक औरत बना दो.’

मैंने पास में रखी दारू की बोतल से एक लंबा घूंट नीट दारू का लिया और अपनी चुदाई की स्पीड तेज़ कर दी.

इसी बीच वह झड़ चुकी थी.

दस मिनट के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने पूछा- वीर्य कहां पर निकालूँ?
मानसी- मेरी प्यासी चूत में ही डाल दो और आज इसकी आग बुझा दो.

मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया और थककर बेड पर लेट गया.
हमने उस रात को खूब दारू पी और एक बार चुदाई की.
फिर थककर ऐसे ही नंगे सो गए.

दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर मैंने एक बार और उसकी चूत में लंड डाला और उसे चोदा.

अब वह बड़े आराम से पड़ी रही और मेरे लंड का मज़ा लेती रही क्योंकि रात भर चुदाई से उसकी चूत फट चुकी थी जिसकी वजह से मेरा लंड आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था.

उस दिन हम दोनों कहीं भी नहीं गए और पूरे दिन नंगे ही पड़े रहे.

दोस्तो, अब मानसी और सौम्या हम तीनों पति पत्नी की तरह रहते हैं.

Sex Stories

मैं अन्तर्वासना का Sex Stories नियमित पाठक हूँ। यहाँ कहानियाँ पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मुझे भी अपनी सेक्स अनुभव के बारे में आपको बताना चाहिए, जिसे पढ़ते हुए लड़के बार-बार मुठ मारने लगेंगे और लड़कियाँ, भाभियाँ और आन्टियाँ लण्ड की तलाश करने लग जाएँगी।

दोस्तो, मैंने कई कहानियाँ पढ़ी हैं। और सबको मेल भी किया वो सारी कहानियाँ बनावटी हैं। कोई भी आदमी इतनी आसानी से सेक्स के लिये औरतो को तैयार नहीं कर सकता, और किसी भी औरत को इतनी भूखी नहीं होती जितना वो अपनी कहानी में आपको बताते हैं। अगर है तो वो सब मेल का जवाब जरुर देती।

यह सब छोड़ो! हम आते हैं अपनी बात पर! हम कहानी पर आते हैं।

सबसे पहले मैं अपने बारे में बता दूँ, मैं 24 साल का हूँ, कद 5″7′ है और मैं एक सामान्य सा दिखने वाला लड़का हूँ। मैं वाराणसी (चौक) से हूँ।

बात करीब दो साल पहले की है, मेरे भैया की शादी थी, सारे रिश्तेदार, नातेदार सब आए हुए थे, उन सबमें मेरे गांव के चाचा की लड़कियाँ भी आई थी। उनमें से एक थी साधना। उसकी फ़िगर दोस्तो समझ लीजिये कयामत थी। स्वर्ग से उतरी अप्सरा जैसी तो नहीं थी, पर उससे कम भी नहीं थी।

मेरे खानदान में सब मेरी बहुत इज्जत करते हैं। वो लड़की भी मेरी बहुत इज्जत करती थी। शादी में दो दिन रह गये थे। मैं तो उसे देखकर पागल तो हो ही रहा था, सो मैंने उसे प्यार का इजहार करने का सोचा, मेरी गांड तो बहुत फट रही थी, लेकिन मैंने आखिर में हिम्मत जुटा ही ली। उस वक्त घर में कोई नहीं था, तो मैंने उससे चाय बनाने के लिये बोल दिया। थोड़ी देर में वो चाय बना कर लाई तो मैंने उससे उसकी चाय के बारे में पूछा तो उसने कहा कि मैंने अपनी चाय नहीं बनाई है।

तो मैंने उसे जबर्दस्ती कप मंगाकर चाय दी और उसे अपने पास बैठने को कहा। चाय पीते पीते मैंने उससे अचानक पूछा कि क्या मैं उसे अच्छा लगता हूँ?
तो उसने हाँ में जवाब दिया।

बस मैंने तपाक से अपने दिल कि बात कह डाली और अपनी आंखें बन्द कर ली।
उसने मुझसे कहा,”जान यह सुनने के लिये मैं कब से बेकरार थी, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।”

बस फ़िर क्या! मैंने अपना होंठ उसके होठों पर चिपका दिए और उसके गुलाबी होठों का रसपान करने लगा, वो भी मेरे होठों को पीने लगी जैसे कई जन्मों की प्यासी हो। मैं उसके कभी ऊपर के होठों को चूसता तो कभी नीचे के होठों को। करीब-2 दस मिनट तक मैं उसके होठों में चिपका रहा। जैसे ही मैं उसके होठों से दूर हुआ, वो रोने लगी। मैंने उसे बाहों में ले लिया और पीठ सहलाने लगा …

फ़िर धीरे-धीरे वो भी गर्म होने लगी, उसको छूते ही मेरा सामान एक्शन में आ गया। बस फ़िर मैंने उसके गले में किस करना शुरू कर दिया।

इस पर उसने कहा- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ मत कहो, बस करने दो, बहुत दिनों से तुम्हारे बारे में सोचता रहता हूँ.

वो शरमा गई … और अपने चेहरे को दोनों हाथों से छिपा लिया। मैंने मौका देखा और … और … धीरे से उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, नाड़ा खोलते ही उसकी सलवार उसकी कमर से अलग हो गई। अब मैंने उसकी नंगी जांघ पर हाथ रख दिया। उसकी पैन्टी के भीतर मेरा हाथ चूत की तरफ़ सरकने लगा। उसके बदन की झुरझुरी मुझे महसूस होने लगी। मेरा हाथ उसकी झांटों तक पहुंच गया था। उसने झट से अपने हाथ से मेरा हाथ थाम लिया।

“कमल … ना … ना … कर … मैं मर जाऊंगी … ” उसकी वासना भरी आंखे मुझे बुला रही थी … पर शरम उसका रास्ता रोक रही थी।
“साधना … प्लीज़ … मत रोको … तुम्हारा जिस्म आग है … मुझे जल जाने दो।”
“हाय कमल … नहीं … यह पाप है.”
“नहीं … यह तो मर्द और औरत की जरुरत है … इसे देखो तो … यह क्या मांग रहा है … ”

मैंने जान करके अपने पेंट की ज़िप खोल कर अपना बेकरार तन्नाया हुआ लण्ड बाहर निकाल कर उसे दिखाया।
“हाय रे … ऐसे नहीं करो … ना … इसे सम्हालो … ” उसने हाथ बढ़ा कर उसे प्यार से पकड़ लिया.
“इसे इसका साथी चाहिये … साधना … प्लीज़ … मिला दो ना …”
“कमलऽऽऽ हाय … मत करो न …” उसने मुझे अपने हाथों खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया.
“होंठों पर ना है … पर दिल में हां है … तुम्हारा जिस्म आग हो रहा है … कपड़े जल जायेंगे … हटा दो इनको … ”

मैंने फिर से उठ कर उसका पैन्टी नीचे खींच लिया। उसकी गदराई जवानी निखर आई। उसकी चूत के आसपास की झांटे उसकी चूत को सजा रही थी … चूत की दोनों पन्खुड़ियाँ फ़ड़फ़ड़ा रही थी। पानी से पूरी गीली थी। मैंने भी अपनी पैन्ट और अन्डरवीयर उतार दी। अब मैंने उसकी समीज को भी उतार दिया। उसके दोनों बोबे छलक उठे … एकदम गोरे और भारी से … भूरे रंग के कड़े चूचक …

मैंने बिना किसी संकोच के उसके दोनों बोबे अपने हाथो में भर लिये।
“कमल … हाय रे …” वो तड़प उठी।

उसने मेरा लण्ड खींच के अपने हाथ से मेरे लन्ड का हस्त मैथुन करने लगी। मैं उत्तेजित हो उठा और साधना के हाथ को ही धक्के मार मार कर चोदने लगा। मेरा सुपाड़ा वो कस कस कर हिला रही थी। सुपाड़ा भी और फूल कर चिकना हो कर चमक उठा था।

इतने में साधना ने मेरा लण्ड छोड़ा और मुझे कहा,” कमल … देख आज मेरी चूत कितना तड़प रही है … मेरी चूत चोद दे …”
मैं उसकी चूत को अपने हाथों से सहलाने लगा और अपनी दो उन्गली झट से उसकी चिकनी चूत में सरका दी, वो मचल गई और स्स्स्स्स की आवाजें निकालने लगी।

मुझसे भी ज्यादा इन्तजार नहीं हो रहा था, मैने उसे अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया। मैं उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों से मसलने लगा। उसके बाद हम फिर एक बार एक दूसरे के होठों में खो गये।

करीब 15 मिनट के बाद मैं उसके होठों से अलग हुआ और उसे नीचे लिटाकर मैंने उसकी टान्गें फैला दी, और उसकी चूत को अपने हाथों से फैला कर निरीक्षण करने लगा, मैं अपनी किस्मत पर बहुत खुश हो रहा था, मैंने अब देरी नहीं की और अपना 7.5″ लम्बा और 2.5″ चौडे लन्ड का सुपारा उसकी चूत के छेद पर टिका दिया और अन्दर सरका दिया।

साधना तो चीख पड़ी और बोली,”बस कमल अब निकालो इसे, नहीं तो मैं मर जाउंगी।

पर मैं कहाँ रुकने वाला था। मैंने कस कर एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में समा गया। साधना दर्द के मारे तड़प रही थी, मैंने उसका दर्द कम करने के लिये थोड़ी देर उसकी चूत में ही लन्ड को छोड़ दिया, जब उसने चिल्लाना बन्द किया तो मैंने अपना लन्ड अन्दर-बाहर करना शुरु कर दिया।

क्या मजा आ रहा था, आ…ह आआआआ… हुम्म हुम्म्म्म, फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च,
अब उसे भी मजा आने लगा था, और गान्ड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी।

आखिर वो घड़ी आ ही गई, मेरा पूरा शरीर एक अद्भुत आनन्द में खो गया, और मैं शाट पे शाट दिये जा रहा था, फिर मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे शरीर में बिजली दौड़ गई हो और मेरे लन्ड में से कुछ निकलता हुआ महसूस हुआ, जो उसकी चूत में गिर रहा था। थोड़ी देर बाद मैं निढाल हो कर उसके ऊपर गिर गया, जैसे शरीर में जान ही खत्म हो गई हो।

थोड़ी देर में हम लोगों को होश आया तो हम लोग उठे और अपने अपने कपड़े पहने।

फिर उसने मुझे मुस्कुरा कर देखा और मुझे चूम लिया और बाथरूम में चली गई, जब वो आई तो मैंने उसे एक बार फिर चोदा, और इससे पहले कि कोई आ जाये, हम लोग अलग अलग कमरे में जा कर लेट गये।

उस रात मैं सोया नहीं और रात भर अपनी चुदाई के बारे में सोचता रहा। खैर उसके बाद भैया की शादी हो गई, और साधना भी अपने घर चली गई। उसके बाद हम कभी मिल नहीं पाये। और आज साधना की शादी हो चुकी है।

खैर आप लोगों को ये मेरी सच्ची घटना कैसी लगी, कमेंट्स में जरूर बताइयेगा। Sex Stories

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मैं बताना चाहूंगा कि मेरे अब तक के Hindi Porn Stories अनुभव के आधार पर आज तक मैंने कई कॉलगर्ल, रिश्तेदारी में, पत्नी, गर्लफ्रेण्ड आदि के साथ चुदाई कार्यक्रम किये, मगर चुदाई कार्यक्रम के दौरान ना तो उनके मुंह से कोई अश्लील भाषा निकली और ना ही मेरे मुंह से ! तो कैसे मान लूं कि चोदते वक्त अगर अश्लील भाषा का प्रयोग किया जाये तो औरत और मर्द दोनो में उत्तेजना बढ़ती है। अश्लील भाषा का प्रयोग चोदते समय तो कतई नहीं करना चाहिये, उत्तेजना बढ़ने के बजाय हो सकता है कि शिथिलता आ जाये।

खैर ……. दोस्तो, आज नई कहानी लेकर आया हूँ !

मेरी पत्नी घर के काम काज के मामले में बहुत ही आलसी है, कभी कभी मुझे उस पर बहुत ही गुस्सा आता है, मगर फिर भी मैं जानबूझ कर उसे कुछ नहीं कहता।

मेरे ससुराल में शादी थी तो मुझे भी वहां जाना था। वहां पर बहुत से रिश्तेदार आये थे, वहां मेरी पत्नी ने अपनी एक रिश्तेदार से मिलाते हुए कहा- इसका नाम चांदनी हैं और हम इसको परीक्षा के बाद अपने पास ही रखेंगे।

जब मैंने उस लड़की को देखा तो सच में देखता रह गया। उसके बोबे क्या माशा अल्लाह, और काया गजब अति सुन्दर काया थी उसकी, कि जो भी उसको देखे, देखता ही रह जाये।

अचानक मेरी पत्नी की आवाज ने मुझे झकझोर दिया कि कहां खो गये।

मैंने कहा- कहीं नहीं।

मेरी पत्नी ने मुझे धीरे से कहा- अगर तुम नहीं चाहते उसको अपने यहां पढ़ाना ! तो मैं मना कर देती हूँ।

मेरे मन में तो लड्‌डू फ़ूट रहे थे, मैं कब मना करने वाला था, मैंने कहा -नहीं-नहीं मुझे कोई एतराज नहीं।

जब तक मैं ससुराल में रहा तब तक मैं मजाक ही मजाक में उसके स्तन दबा देता, या नाजुक अंगों से छेड़छाड़ कर देता तो वह हंसकर भाग जाती।

जब मैं वापस अपने शहर आया तो मुझे उसकी याद आने लगी, मगर मैं अपने मुंह से कुछ नहीं कहना चाहता था क्योंकि पत्नी को शक होने का डर था। पर ऊपर वाला शायद एक बार फिर मुझ पर मेहरबान था।

मेरी पत्नी ने ही आगे होकर उसके शहर जाकर उसे लाने के लिये कहा। मेरा मन तो गार्डन-गार्डन हो गया।

मैं व मेरी पत्नी उसके शहर गये और उसे ले आये। अब तो बस मौके की तलाश थी। वाह री किस्मत मेरी पत्नी को फिर अपने ससुराल २-४ दिन के लिये जाना था। पहले तो मेरी पत्नी ने कहा- मैं चांदनी को भी साथ ले जाती हूँ। फिर उसने खुद ही विचार बदल दिया कि वह बेकार परेशान होगी, २-४ दिन की ही तो बात है। मैं और चांदनी मेरी पत्नी को छोड़ने सुबह ६ बजे ही रेलवे स्टेशन गये और उसे छोड़ कर वापस आये।

चांदनी ने आते ही कहा- जीजू चाय पीकर जाना !

मैंने उसका हाथ पकड़ कर बिस्तर पर खींच लिया और मस्ती करने लगा। यह सब ऊपर की मस्ती मजाक तो मेरी पत्नी के सामने भी करता था, मगर आज तो बस उसे चोदने का मन बना हुआ था।

मैंने कहा- चांदनी, चाय-वाय बाद में बनाना, आओ थोड़ी देर बैठो तो।

उसने कहा- जीजू, क्या बात है, विचार तो नेक हैं, आपके?

मैंने कहा- विचार तो आपके जीजू के हरदम ही नेक होते हैं, बस आप ही नहीं समझती।

और मैं अपने हाथों को उसके शरीर के नाजुक अंगों पर फिराने की कोशिश करने लगा। मैंने उसके वक्ष को पीछे से हल्के से दबाया तो वह कुनमुना गई और छुटने की नाकामयाब कोशिश करने लगी। आज मुझे लग रहा था कि चांदनी भी मुझसे चुदवाने को बेताब है। मैंने जब उसकी तरफ से मौन इशारा समझा तो अपने हाथों को धीरे-धीरे उसके नाभि-मण्डल पर ले गया और मेरे होंठों ने भी अपना काम चालू कर दिया था। मेरी तरफ उसकी पीठ होने के कारण मैंने उसकी गरदन को अपनी तरफ घुमाकर उसके होंठों का रसस्वादन करने लगा। अब मेरा हौंसला भी बुलन्द होने लगा।

मैंने उसके कुर्ते को थोड़ा ऊपर किया तो उसने कहा- नहीं जीजू यह सब नहीं ! अगर किसी को मालूम हो गया तो?

मैंने चांदनी को समझाते हुए कहा- देखो जान ! इस घर में मेरे व तुम्हारे अलावा कोई नहीं है, तो किस को मालूम होगा और कौन बतायेगा कि हमने क्या किया।

चांदनी मेरा मतलब समझ गई और चुप हो गई। अब मैं भी बिन्दास हो गया और चांदनी की कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर बोबों को दबाने व सहलाने लगा। चांदनी का पहला चुदाई कार्यक्रम था तो उसमें डर और मजा दोनों का समावेश था।

उसके मुख से रह रहकर सिसकारियाँ निकल रही थी- आ….ह…….. जीजू……………

मैंने चांदनी की कुर्ती को एक झटके में शरीर से अलग कर उसकी ब्रा को खोल दिया और बोबों को मुँह में लेकर चूसने लगा।

चांदनी मदहोशी में आंखे बंद किये ही कहने लगी- जीजू ! ऐसे क्या करते हो !

तो मैंने कहा- चांदनी अभी तो बाकी है ऐसे-वैसे सब करेंगे, तुम बस महसूस करो और मजा लो।

बोबों को चूसते हुए उसके नाभि-स्थल तक होंठों को फिराता हुआ लाया, नाभि से नीचे जाना चाह रहा था, मगर चांदनी का नाइट पायजामा और पेंटी दीवार बन कर खड़े थे। इधर चांदनी मेरी पीठ को सहला रही थी। मैंने चांदनी की पैंटी और पायजामा एक बार में ही खोल दिया और अपना मुँह चांदनी की गुलाबी चूत पर ले गया, चांदनी की गुलाबी चूत पर नाम मात्र के मुलायम बाल थे जो उसकी गुलाबी चूत की पहरेदारी कर रहे थे।

मैंने अंगूठे से उसके पहरेदारों को एक तरफ किया और उसकी गुलाबी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। उसकी सिसकारियाँ लगातार जारी थी- जी……जू……….ये क्या……….कर रहे……. हो……….आ.हहहहहह जी…..जू………मजजजजजा आाा ररररहा हैं औररररर जोर सेससस चाटटो नााा

गुलाबी चूत से रिस रिस कर नमकीन पानी निकल रहा था, उसे चाटने में मुझे भी मजा आ रहा था और शायद अब चांदनी को भी मजा आने लगा था। चांदनी अपनी गांड उठा उठा कर मुखचोदन करा रही थी।

आधे घण्टे तक चूत चाटने के बाद हमारे लण्ड महादेव भी हुंकारने लगे और अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को व्याकुल होने लगे। मैंने अपने कपड़े उतारे और अपना लण्ड निकाल कर चांदनी के हाथ में दे दिया।

वह लण्ड देखते ही चिल्ला उठी- ये क्याऽऽऽ ?

मैंने कहा- लण्ड।

बोली- इतना बड़ाऽऽ? मैं मर जाऊंगी जीजू ! नहीं मुझे छोड़ दो !

मैंने उसे समझाया- जानू, तुम्हारी जीजी भी तो इसे लेती हैं, वो तो नहीं मरी। इसे मुँह में लो ! तुम्हें मजा आयेगा !

वह ना ना करती हुई मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेने लगी। धीरे धीरे आधा लण्ड मुँह में लेने के बाद मैंने उसके मुंह को चोदना चालू कर दिया। लण्ड चूसने में अब चांदनी को भी मजा आ रहा था। वो अब लण्ड को लॉलीपाप की तरह चूसने लगी। मैं पॉजीशन बदलते हुए ६९ की पॉजीशन में आ गया और अब वो मेरा लण्ड और मैं उसकी चूत चाटने लगा। करीब २०-२५ मिनट में चांदनी दो बार स्खलित हो गई और मैं अब होने वाला था।

और मैं……….. ये ……..गया वो गया……… और अपना सारा माल उसके मुँह में उड़ेल दिया। और फिर आपस में चिपक कर हांफने लगे।

थोड़ी देर बाद अचानक अपने लंड पर किसी के स्पर्श से मैंने आंखे खोली तो देखा कि चांदनी उससे खेल रही है और उसे खड़ा करने की कोशिश कर रही है। मेरे आंख खोलते ही मुझे अर्थपूर्ण दृष्टि से देखा। मैं समझ गया कि अब मेरी साली को जीजू से क्या चाहिये।

मेरा लण्ड कब पीछे रहने वाला था, उसने तुरन्त सलामी ठोक दी और चूत पर जाकर पहरेदारों से भिड़ गया। आखिर जीत मेरे लण्ड की हुई और सारी दीवारें तोड़ता हुआ चांदनी की अनछुई गीली, चिकनी चूत में धीरे-धीरे प्रवेश करने लगा क्योंकि मुझे मालूम था कि चांदनी पहली बार चुदने वाली हैं।

जैसे ही लण्ड ने संकरे रास्ते में प्रवेश किया, चांदनी ने रोक दिया- नहीं जीजू ! दर्द हो रहा है ! और चिल्लाने लगी।

मैंने सोचा अगर चांदनी की बातों में आ गया तो सारा किया धरा रह जायेगा और मैंने तुरन्त चांदनी के होंठों पर कब्जा कर एक लण्ड की तेज ठोकर लगाई और उसकी चिल्लाहट को होंठों से दबा दिया।

मैंने महसूस किया कि लण्ड पर खून का फव्वारा छुट गया और वह हाथ पैर मारने लगी, मगर मैं अपने हाथों से उसके स्तनों को सहलाते हुए और होंठों से अब गाल, कान, गरदन वगैरह चूम कर उसे दिलासा देने लगा और धीरे धीरे लण्ड को अंदर बाहर करने लगा। उसका प्रतिरोध अब कम होता नजर आया और अब शायद उसे भी मजा आने लगा इसलिये गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी और मुंह से अनाप शनाप आवाजें निकालने लगी- जी……जू चो…….दो मुझे………….. चोद………..डालो ! वगैरह वगैरह।

लण्ड और चूत की लड़ाई चालू हो गई थी, या यूं कहिये आपस में शास्त्रीय संगीत की प्रतिस्पर्धा चालू हो गई हो। क्योंकि लण्ड जैसे ही अन्दर जाता तो तबले पर पड़ने वाली थाप की आवाज आती और चांदनी के मुँह सिसकारियाँ निकलती। मतलब कि उस वक्त सरगम बज रही थी।

१५-२० मिनट बाद मैंने चूत में लण्ड डाले डाले ही उसे घोड़ी बनाया और फिर चालू हो गया। इस दरम्यान वो २-३ बार झड़ चुकी थी मगर मेरा अभी ठिकाना नजर नहीं आ रहा था।

मगर घोड़ी की पोजीशन में आते ही मुझे लगने लगा कि अब ज्यादा देर नहीं टिक सकूंगा और मैं भी १५-२० धक्कों के बाद उस पर ढेर हो गया और अपना सारा माल उसकी कोमल चूत में बहा दिया।

देर बाद जब हम उठे तो उसकी नजर बिस्तर पर गई जहां खून ही खून और वीर्य उसका और मेरा दोनों का पड़ा था, जिसे देख कर वह डर गई और रोने लगी- जीजू ! यह क्या हुआ ? इतना खून निकल गया।

मैंने कहा- साली साहिबा ! यह सब तो पहली बार में होता ही है ! और समझाने लगा।

मैंने उस दिन ऑफिस फोन कर छुट्‌टी ले ली और उस दिन और उसके बाद जब तक मेरी पत्नी नहीं आई तब तक मैं चांदनी को लगातार चोदता रहा कभी घोड़ी-कुतिया तो कभी किचन में एक टांग पर। कुल मिलाकर चांदनी के साथ बिताये वो हर पल आज भी मेरी आंखों के सामने आते हैं तो बस उसे चोदने की इच्छा जागृत हो जाती है।

उसके बाद हमें जब भी दिन में, रात में या जब भी मौका मिलता हम एक हो जाते। अब वो हमारे साथ नहीं रहती ! वो अपने घर चली गई, मगर उसकी याद अब भी दिल में बाकी है।

यह कहानी आपको कैसी लगी, मेल करें।

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